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Reborn in another world

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निशी एक अनाथ लड़की जिसके ज़ीने के बस दो ही सहारा है एक से नोबेल और दुसरी सोना जो उसे कभी ये तक मेहसूस होंने नहीं दिया कि वो अनाथ हें पर एक दिन जब उसकी आंख खुले तो उसने अपने आप को एक अलग ही दुनिया में पाया। ये कहानी है निशी की जो एक अनाथ थी  पर एक...

Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. Reborn in another world - Chapter 1

    Words: 1594

    Estimated Reading Time: 10 min

    एक 17 18 साल की लड़की लड़की सडक किनारे खड़ी थी उसने एक हाथ में अपनी किताबे पकडी थी और बार बार अपने दूसरे हाथ में पहनी घड़ी को देख बड़बड़ा रही थी छे बजने वाले हैं रोज पांच बजे तो आ जाता है आज क्या हुआ फिर ऊपर की तरफ देख है भोलेनाथ प्लीस इस बस को जल्दी भेज दो वरना वो हिटलर मेरी जान ले लेगी वो खुद में बात कर ही रही तभी उसकी नज़र सड़क के दूसरे साइड पर पड़ी जहां एक बुढ़ि औरत सड़क पार कर रही थी उसने एक हाथ में एक लाठी पकड़ी थी और दूसरे हाथ में एक किताब थी और वो बहुत मुश्किल से सड़क पार कर रही थी

    उस लड़की ने उस औरत को एक नजर देख कर फिर से अपने बस के इन्तजार में लग गई फिर भी वो बिच बिच में उस ओर भी देख लेती थी तभी उसने देखा कि दूसरी साइड से एक कार आ रही है वो कार लगातार हॉर्न बजा रहा था पर शायद उस औरत को सुनाई नहीं दे रहा था ये देख वो लड़की ने भी बिना कुछ सोचे समझे उस ओर दौड़ लगा दी वो कार जैसे ही उस औरत को छूने वाली थी वो लड़की जल्दी से से उस औरत के सामने खड़ी हो गई और ठीक एक इन्च के दूरी पर वो कार भी रूक गया

    जैसे ही उसे कोई भी दर्द का एहसास नहीं हुआ तो उसने झट से अपनी आंखें खोली तभी उस कार वाले ने गुस्से से कहा मरने के लिए मेरी ही गाडी मिली थी क्या कबसे हॉर्न बजा रहा हूं सुनाईं नहीं देता क्या बेहरी हो स स सरी भैया उस लड़की ने कहा तो वो लड़का ठीक है अब हटो यहां से  ये बोल वहां से चला गया

    उस कार वाले के जाने के बाद उस लड़की ने और उस औरत को देख कर बोली दादी आप ठीक तो है ना आपको कहीं लगी तो नहीं  वो औरत बोली नहीं बेटा में बिल्कुल ठीक हूं thankyou बेटा मेरी जान बचाने के लिए आरे दादी आप कैसी बात कर रहे हैं ये तो मेरा फ़र्ज़ थी अब चलीए में आपको सड़क पार करा देती हूं ये वोल वो उस औरत को सड़क पार करा दी

    वो लड़की - ठीक है दादी अब में चलती हु

    वो बुढि औरत - बेटा रुकों तुम यहां क्या कर रही थी

    वो दादी में बस का इन्तजार कर रही थी

    बुढ़ि औरत बोली माफ करना बेटा मेरी वज़ह से तुम्हारा बस भी चला गया होगा

    ये सुन लो लड़की बोली आरे दादी आप ये कैसी बातें कर रहे हैं बस ही तो था  दुसरी मिल जाएगी उस लड़की कि बात सुन लो औरत बोली जाती रहो बेटा आज कल तुम्हारे जैसे लोग कहां है

    Thank you दादी वो मुस्कुरा कर बोली तो वो बूढी औरत अपने हाथ में पकड़ी उस किताब को उस लड़की कि तरफ देते हुए कहा ये किताब रख लो बेटा तुम्हारी काम आयेगी में इस उम्र में इस किताब का क्या ही करुंगी

    वो लड़की अपने आंखों में चमक लिए कहा आरे इसकी क्या जरूरत थी पर आप प्यार से दे रहे हैं तो में रख लेती हुं वैसे भी मुझे कहानी पढ़ना बहुत पसंद हैं तो फिर समझ लो ये किताब तुम्हारे लिए ही थी वो बूढी औरत एक मिस्टीरियस स्माइल के साथ कहती हैं तो वो लड़की नासमझी में बोल कुछ कहा आपने दादी नहीं बेटा वैसे तुम्हारा नाम क्या है वो लड़की एक प्यारी स्माइल के साथ बोली मेरा नाम निशी है दादी बहुत प्यारा नाम है बच्चा हमेशा ऐसे ही खुश रहो उस बुढ़ि औरत ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा

    फिर निशी उस बुढ़ी औरत को वाए बोल वहां से चली जाती है और उसे जाते देख उस औरत के होंठों पर एक मिस्टीरियस स्माइल आ जाती है है और वो देखते ही गायब हो गई थोड़ी दूर जाकर निशी वापस पिछे मुडकर देखी तो वहां अब कोई नहीं था वो खुद में ही बोली आरे ये दादी इतनी जल्दी कहां चली गई फिर खुद के सर पर हल्का सा चपत मार कर कहती तू भी क्या बेकार कि बाते सोचने लगी जल्दी चल वरना आज तो वो हिटलर सच में मेरी जान लेकर ही मानेगी

    शांत अनाथ आश्रय

    ये आश्रम उतना बड़ा नहीं था ये किसी की एक पुरानी हवेली थी जो उसने अनाथ बच्चों के लिए दान में दिया था हवेली ज्यादा बड़ा नहीं था सिर्फ दो मंजिला का एक मकान था जो बहुत ज्यादा खुबसूरत था और हर साल देश के तीन सबसे ज्यादा रईस फैमिली इस आश्रम में पैसे डोनेट करते थे जिससे यहां के बच्चो को कोई भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ता था सिर्फ निशी और सोना को छोड़कर कर उन्हें हेमा जी एक पैसा नहीं देती थी वो दोनों 10 साल की उम्र से ही छोटे मोटे काम कर के अपना खर्चा उठाती थी और इस आश्रम एक दूसरे के सुख-दुख के साथी कहने सोना हेमा जी कि बेटी थी पर उसे उनसे कभी मां बाली प्यार मिला ही नहीं वो बस दिखावे केलिए उसकी मां थी और सोना को भी उनसे कोई खास लगाव नहीं था

    हेमा जी इनके हिस्से का सारा पैसा एक बच्ची पर खर्च कर देती उसका नाम मोनिका थी वो निशी की हम उम्र थी सोना से दो साल छोटी थी कहने को अनाथ थी पर उस आश्रम की मालकिन कि तरह रहती थी और हेमा जी तो उसे सोना से भी ज्यादा प्यार करते थे

    यहां पर एक साथ 500 बच्चे आरम से रह सकते थे ये मकान वैसा था और पर फिलहाल यहां पर सिर्फ 150 बच्चों के साथ कुछ स्टाफ रहते थे वो सब बच्चे करीब पांच से दस साल तक थे और उन सब में बड़ी सोना मोना और निशी ही थे

    उस आश्रम के बाहर बरांदे में एक लड़की बार बार दीवार पर टंगी घड़ी को देख रही थी और अपने हाथ आपस में मसल कर इधर उधर टहलते हुए बोली हे शिव जी अब बस आप ही बचा सकते हो मेरी दोस्त को वो बोल ही रही थी कि तभी एक औरत कि कड़क आवाज आती है आज तो तुम्हारे शिव जी भी उसे नहीं बचा सकते

    उस औरत की बात सुन लो लड़की बोली मां आप उससे इतना चिढ़ती क्यूं है सोना तू उससे इतना प्यार क्यूं करती में तेरी मां हु और बो पता नहीं किसका गंदा खून से एक नम्बर कि मनहूस कही कि इसलिए तो कोई उसे गोद भी नहीं लेता मां सोना आगे कुछ कहती कि उसकी नजर दरवाजे पर पड़ी जाहां निशी अपने आंसु को कन्ट्रोल किए खड़ी थी

    उसे देख वो औरत जो इस आश्रम की सम्भालती थी उनका नाम हेमा शर्मा था वो बोली आ गई मनहूस कहा मुंह काला कर रही थी हां उस औरत की बात सुन निशी ने कुछ नहीं कहा बस अपनी सिर झुकाकर कर सुबकने लगी

    मां ये आप कैसी बात कर रहे हैं सिर्फ अम्बर हि तो यहां नहीं रहती ना और भी बहुत बच्चे हैं पर बो इसके तरहा मनहूस नहीं है पता नहीं बस सोना ने चिल्ला कर कहा जिससे हेमा जी का मुंह बन गया

    अगर एक और शब्द अपने कहा तो मैं भुल जाउंगी की आपके साथ मेरा कोई रिश्ता भी है ये बोल वो निशी का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ कमरे में ले गई उसने उसे बेड पर बिठाया और उसे झट से अपने गले से लगा लिया और उसकी पीठ सहलाने लगी 

    में में क्या इतनी बुरी हु क्यु मुझे मेरे मम्मी पापा ने छोड़ दिया सच कहते हैं काकी की में मनहूस हु निशी सूबकते हुए कहा खबरदार जो अपने लिए तुने ऐसा कुछ कहा तो तेरे मम्मी पापा ने तुझे छोड़ दिया तो ये उनकी बुरी किस्मत जो उन्होंने इतनी प्यारी बेटी को खो दिया और कितनी बार कहा है कि उन लोगों को याद मत कर वो नहीं है तेरे प्यार के लायक ये बोल वो उसे चुप कराने लगी

    रात का वक्त अम्बर टेबल पर बैठ कर एक किताब पढ़ रही थी जो उसे आज उस बूढ़ी औरत ने दिया था

    थोड़ी देर पढ़ने के बाद वो गुस्से से उस किताब को बंद कर देती है गुस्से में बोली ये कैसी लड़की किसी के भी बेहकावे में आ जाती एक नम्बर की वेबकुफ लड़की थी उसकी फैमली इससे कितना प्यार करती है और ये वेबकुफो की तरहां दुसरे पर अंधा विश्वाश कर रही थी और राइटर ने इसे मासुम दिखाया है हां फिर मुंह बनाकर इसकी वजह से पता नहीं हमारी हिरोइन को कितनी तकलीफ़ झेलनी पड़ी होगी फिर घड़ी कि तरफ देख 1 बजने वाले हैं बाकी का कल पढ़ लुंगी अभी सो जाती हूं वरना वो डायन फिर से मुझे और मेरी मां पापा को सुनाने लग जाएंगी

    ये बोल वो बूक को बही टेबल पर रखा और जाकर सोना के बग़ल में लेट गई उसके लेटते ही सोना उससे चिपक कर सो जाती है उसकी हरकत से उसके फेस पर एक स्माइल आ गई और वो भी आंखें बंद कर ली बस थोड़ा ही वक्त विता ही था कि उसे अचानक से बहुत तेज प्यास लगने लगती है तो वो जग देखती है जो खाली था फिर वो धीरे से सोना हाथ हटाती है और बेमन से उठ कर खाली जग उठाकर कमेरे से बाहर निकलती है

    वो सीधे किचन में जा पानी पीती है और जग में पानी भर किचन कि लाइट आफ कर वहां से अपने कमरे कि तरफ चली जाती है वो जा ही रही थी कि उसे ऊपर छत से कुछ आवाजें सुनाई देती जेसे कोई किसी से बात कर रहा हो

    तो क्या होगा आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए

    आज के लिए इतना ही❤️🤗

    Happy reading ❤️🤗

  • 2. Reborn in another world - Chapter 2

    Words: 1617

    Estimated Reading Time: 10 min

    तो पहले में इन सबका इंट्रोडक्शन दे देता हूं

    हेमा वर्मा ये बहत ही लालची किस्म कि औरत है और शान्ति अनाथ आश्रम कि देखभाल करती है

    सोना वर्मा ये हेमा की बेटी से पर बिल्कुल उनसे उलट सब पर जान छिड़कने बाली ख़ास कर निशी पर ये निशी से दो साल बड़ी से इसलिए उसे बिल्कुल अपनी बच्ची कि तरह प्यार करती हे ये दिखने में बहुत सुंदर है सूनहेरा रंग कमर तक आती  सुनेहरा बाल और सबसे सुंदर उसकी  सुनहरी आंखें जो उसे और भी सुंदर बनाती है ये

    निशी वर्मा ये एक अनाथ हें ये 18 साल की है और अभी कॉलेज के फर्स्ट इयर में है इसके लम्बे ब्राउन बाल जो थोड़े घुंघराले है नीली आंखें गोरा रंग गोल छोटा सा चेहरा देखने में बिल्कुल किसी डॉल जैसी

    मोनिका वर्मा ये भी अनाथ हें और इसकी उम्र निशी जितनी ही है पर ये दिखाने में उतनी खुबसूरत नहीं है इसलिए उन दोनों से हमेशा जलती रहती है

    अब आगे

    निशी पानी का जग पकड़ कर वापस अपने कमरे की ओर जाने लगी रात अंधेरी में फैलीं शांती की बजह से उसे कुछ जानवरों को सरसराहट हल्की हल्की सुनाई दे रही थी उसका और सोना का कमरा सेकेंड फ्लोर पर था वो‌ अपने कमरे की तरफ जा रही थी कि उसे उप्पर छत पर किसी कि बातें करने कि आवाज धीमी धीमी आवाज सुनाई दे रही थी

    नीशी धीमी कदमों से उपर चली गई वो वो जैसे जैसे उपर जा रही थी वो आवाज़ भी साफ सुनाई दे रही थी वो जाकर दरवाजे के पास खड़ी हो जाती है और धीरे से देखती है तो हेमा जी किसी से बात कर रही थी और उसके पास मोना खड़ी हुई है

    हेमा - देखो तूमने जेसे जेसे कहा था मेने वो सब क्या पर उस मनहूस को उसे अलग नहीं कर पाई उधर से कुछ कहा गया फिर वो बोली हां मेने उसकी याददाश्त जाने का फायदा उठाकर उसे अपनी बेटी बना लिया है तुम उसकी फिक्र मत करो और हां मेने जो कहा है उसके बारे में मत भुलना फिर उधर से कुछ कहा गया तो वो बोली तूम चिन्ता मत करो एक बार ये हवेली मेरे नाम हो जाये और मेरी बेटी उस मनहूस की जगह लेले जब देखना में उन दिनों का क्या हाल करती हुं इतना बोल वो फोन रख देती है

    वहीं दरवाजे के पास खड़ी निशी उनकी बात सुन जम ही जाती है वो हकलाते हुए बोली म मतलब हो सोना इनकी असली बेटी नहीं है और में में भी अनाथ नहीं हु वो सोच ही रही थी कि उसके हाथ से जग छुट कर निचे गिर जाती है

    वो आवाज़ सून वो दोनों जल्दी से सीढ़ियों के पास आते हैं तो वहीं निशी डरी सहमी खड़ी थी उसे देख हेमा जी बहुत ही गंदे तरीके से हंसने लगी तो तूझे अखीर पता चल ही गया ठीक कहा था उसने बहुत शातीर है ये लड़की सम्भाल कर रखाना पर अब क्या उनकी बात पर निशी गुस्से से बोली तु चुड़ैल कहीं कि आज तो तेरी कहानी खत्म में अभी सब कुछ सोना को बताती हूं ये बोल वो जल्दी जल्दी नीचे जाने लगी

    उसे नीचे जाता देख वो दोनों के चेहरे पर एक शातिर मुस्कान आ गई फिर मोना अपनी फुर्ती दिखाते हुए जल्दी से उसे सीढ़ियों से धक्का दे देती हैं और निशी एक जोरदार चिक के साथ सीढ़ियों से लुढ़कते हुए सीधा निचे हल पर जाकर गिरि उसके सिर से बेहिसाब खुन वह रहे थे और उसकी आंखें धीरे धीरे बंद हो गई

    तभी सोना के कमरे रखा नोबेल के अन्दर से एक तेज रोशनी निकली और थोड़ी देर में गायब भी हो गई

    एक कमरे जो दिखने में किसी प्रिंसेस से कम नहीं था उस कमरे कि थीम pink or sky blue थी वहीं पर एक queen size bed एक लड़की मशीनो से घिरी थी उसके पास एक लड़की चेयर पर बैठी थी और उसके एक हाथ को पकड़ कर सो रही थी तभी बेड पर लेटी लड़की हाथों में थोड़ी हलचल हुई और उसकी आंखें फड़फड़ाने लगी ये मेहसूस कर वो लड़की की भी आंख खुल गई और जब वो देखती है कि बेड लेटी लड़की को धीरे धीरे होश आ राह है तो वो खुश हो कर नीचे सबको बुलाने चली गई

    बेड पर लेटी लड़की की जब आंख खुलती हैं तो उसके सामने एक white selling नजर आती है और उसकी हाथ खुद बा खुद अपने सिर पर चली जाती हैं उसके सिर पर इस वक्त एक पट्टी बांधी थी और उसके दाहिने हाथ पर भी और उसके मुंह पर एक oxizen Mask लगा हुआ था

    वो बड़ी मुश्किल से अपनी आंखों को इधर उधर घूमा कर देखने की कोशिश करती है और खुद से ही कहती हैं क्या मैं बच गई वो डायन और उसकी चूडेल बेटी ने तो मुझे धक्का दिया था किया सोना मुझे यहां लेकर आई हां ज़रूर उसने ही मुझे बचाया होगा बस एक बार ठीक हो जाऊं तब बताती हु उस मां बेटी को

    वो अभी सोच ही रही थी कि तभी दरवाजा खुला और एक साथ बहुत सारे लोग कमरे के अंदर आ गये सब लोग उसे घेर कर खड़े हो गए उसने धीरे से अपनी oxygen mask निकला तो उसकी एक हल्की सी आह निकली उसकी आह सुन बो सब लोग परेशान हो गए

    एक बुजुर्ग औरत उसके पास बैठ गई और प्यार से उसके सिर को सेहला कर बोली शिवी बच्चा आप ठीक तो हो ना आपको कहीं दर्द तो नहीं हो रहा है ना ये बेड पर लेटी लड़की जो और कोई नहीं हमारी निशी थी वो असमंजस में कभी उस औरत को देखती तो कभी बाकी सब को

    तभी एक मिडिल एज औरत उसके पास आकर बोली गुड़िया देखो बच्चा मुझे पता है आप मम्मा से नाराज़ हो पर please बच्चा कुछ तो बोलो आप जो कहोगे मम्मा वहीं करेंगी हम आपको फिर कभी नहीं डांटेंगे बच्चा कुछ तो बोलो

    निशी उन सब को देख बड़ी मुश्किल से बोली आ आप सब कौन है किसी की बात कर रहे हैं में कहा हु उसकी बात सुनकर सब जैसे हेरान हो गये वो मिडिल एज औरत कि आंखों से आंसु रुकने नाम ही नहीं ले रहे थे

    तभी एक कड़क आवाज आई आर्यन जल्दी से डॉक्टर को बुलायो ये बोल वो उस कमरे से चला गया और उसके पिछे आर्यन भी वही दरवाजे के पास खड़ी लड़की से जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो अपने मुंह पर हाथ रख सीधे अपने कमरे में चली गई और वहां बहुत जोर से रोने लगी तभी एक लड़के ने उसके सिर को सेहलाया तो वो अपनी आंसु भरी आंखों से उस लड़के को देख तुरन्त उसके गले लग जोर जोर से रोने लगी

    ये ये सब मेरी वजह से हूआ है भाई  ना वो मूझसे लड़ती ना वो सीढ़ीयो से गिरती देखीये ना भाई मेरी वजह से क्या हो गया वो लड़का उसे समझाते हुए कहा नहीं बच्चा वो तो ऐसी है पर तुम तो समझदार हो ना फिर ये बच्चों जैसी बातें क्यु कर रही हो वो एक महीने से कोमा में थी इसलिए ऐसी बातें कर रही है

    तभी एक लड़का अन्दर आया और बोला अभय भाई मेने डॉक्टर को कॉल कर दिया है वो बस पांच मिनट में आ रहे

    अभय हम में जवाब दे वहां से चला जाता है फिर आर्यन उस लड़की के पास आकर उसे गले से लगा कर कहता है अनु तुझे भी पता है इसमें तेरी कोई ग़लती नही है तू रो मत वैसे भी उस नोटकी को सबको परेशान करने में मजा आता है इसलिए फिर से शुरू हो गई होगी समझी अब तो मत कल तेरा रोका हे रुद्र तूझे ऐसे देखेगा तो भाग जायेगा भाई ये बोल अनु उसे मारने लगती है

    वहीं निशी के कमरे में जब वो बुजुर्ग औरत ये सब सुनती है तो बो सबको बाहर चलने के लिए कहती हैं और निशी से कहती हैं गुड़ियां आप ज्यादा मत सोचो बस आराम करो अभी डॉक्टर आते ही होंगे ठीक है निशी भी बस हां मैं सिर हिला देती है फिर वो सब उसे एक नजर देख वहां से चले जाते हैं

    उनके जाते ही निशी बड़ी मुश्किल से उठती है और इधर उधर कुछ ढूंढने लगती जल्दी ही उसे टेबल फोन मिल जाता है वो जल्दी से उसमे अपना चेहरा देखती है तो शोक हो जाती है क्योंकि उसकी आंखों को छोड़ कर उसका पूरा चेहरा ही बदल गया था वो फोन को झटक कर खुद से ही बोली ये ये कौन से ये मेरा चेहरा तो नहीं है ना ही में इस जगह को जानती हु में में कहा हु वो लग भग पैनीक करने लगती है

    तभी अचानक से पुरे कमरे धुआं फैलने लगता है और धीरे धीरे एक परछाई उसके सामने आती हैं उस परछाई को देख निशी और हैरानी से कहती हैं दादी आप यहां क्या कर रहे हैं ये वही बूढ़ी औरत थी जो निशी को उस दिन मिली थी

    बूढ़ी औरत बोली में यहां तुम्हें तुम्हारा यहां आने का मकसद बताने आईं हु

    निशी - मकसद कैसी मकसद और मैं कहां हूं और ये शरीर किसका है

    बुढि औरत - ये एक नोवेल की दुनिया है जो किताब मेंने तुम्हें उस दिन दिया था बस उस किताब को तुम्हें बदलना है

    निशी - बदलना है क्या बदलना से है और में ही क्यों बदलू  please दादी मुझे कुछ नहीं बदलना मुझे मेरी सोना के पास जाना मुझे उसके पास ले चलो

    बुढि औरत - अगर तुमने इस काहानी को एक खुबसूरत अंत दे दिया तो तुम खुद ही अपनी दुनिया में पहुंच जायोगी

    निशी - मतलब में कुछ समझी नहीं

    बुढि औरत बोली सब समझ जाऊगी पर याद रखना सिर्फ छे महीने है तुम्हारे पास इतना बोल लौ बुढ़ि औरत फिर से गायब हो गई

    आज के लिए इतना ही byyyyy🤗🤗😍🥰💖😘

    Thanks for reading 💖😘❤️🥰😍🤗🥰💖

  • 3. Reborn in another world - Chapter 3

    Words: 1782

    Estimated Reading Time: 11 min

    आह ये दादी फिर कहा गायब हो गई और ये क्या बोल कर गई कहानी किताब अन्त बदलना है और गड़ कुछ समझ नहीं आ रहा फिर कुछ सोच कर एक मिनट में उस कहानी के अन्दर तो नहीं हु जो में सीढ़ियों से गिरने से पहले पढ़ रही पर मेने तो पूरी कहानी ही नहीं पढ़ी अब क्या करूं पहले मुझे अभी ये सिचुएशन समझनी होगी याद कर निशी आरे हां वो दादी जैसी दिखने वाली औरत बोल रही थी में यानी के ये लड़की एक महीने तक कोमा में थी और इस काहानी में कौन कोमा में थी

    No no noये नहीं हो सकता में इस कहानी की villan के बड़ी में हु जो हमेशा हिरोइन को परेशान करती है पर वो हिरोइन तो इसकी बहन है ना गोद ली हुई मगर बहन तो है पर वो सब छोड़ अब ये सोच की मुझे क्या करना होगा फिर कुछ सोच कर आरे यार मेने तो पुरी कहानी ही नहीं पढ़ी पर कोई बात नहीं अब मैं पूरी करुंगी इस कहानी को अपने स्टाइल में इतना बोल वो कुछ सोचने लग जाती है

    तो आइए जान लेते इस कहानी के सभी सदस्यों से के बारे में

    अनन्या मेहता इस कहानी की हिरोइन और मेहता फैमिली कि गोद ली हुई बेटी दिखने बहुत सुंदर है बिल्कुल परी कि तरह और मासुम भी

    रूद्र सिसोदिया ये है सिसोदिया खानदान के छोटे बेटे और इस कहानी के हीरो

    शिवन्या मेहता मेहता परिवार की छोटी बेटी दिखने में सुंदर पर थोड़ी बिगड़ी हुई है और इस कहानी कि villainess भी

    मेहता परिवार

    दादी- माला मेहता

    इनके दो बच्चे हैं बड़ा बेटा

    पापा - शिवराज मेहता

    मां - वानी मेहता इनके तीन बच्चे हैं

    बड़ा बेटा - अभय मेहता 26 साल

    गोद ली हुई बेटी - अनन्या मेहता 21साल

    छोटी बेटी - शिवन्या मेहता 18साल

    चाचा - प्रकाश मेहता

    चाची - मीना मेहता

    बड़ा बेटा - आर्यन मेहता 24साल

    बेटी - नीयती मेहता 21 साल

    नोबेल की कहानी कुछ ऐसी थी जब शिवन्या दस साल की थी तब एक एक्सीडेंट की वज़ह से उन्हें अनन्या मिली जब पता चला कि वो अनाथ से तो उसे मेहता परिवार गोद ले लिया पर जब शिवन्या थोड़ी होने लगी बड़ी तब धीरे धीरे सब बदलने लगा कुछ लोगों के वेहकाबे में आ कर वो धीरे धीरे अनन्या को निचा दिखाने लगी पर फिर भी अनन्या ने कुछ नहीं कहा पर उसके परिवार वालों को ये सब अच्छा नहीं लगता था वो उसे हमेशा डांट दिया करते थे जिसमें वो और भी अनन्या से नफ़रत करने लगी

    ऐसे ही एक दिन उसने रूद्र को देखा और उसे देखते ही वो उसके पीछे पड़ गई पर रूद्र को अनन्या पसंद थी फिर जब उसे पता चला कि अनन्या और रूद्र का रोका होने वाला है तो वो आ‌ गई अनन्या से लडने और उसे इतना गुस्सा आया कि वो अनन्या को घर से बाहर निकलने वाली थी पर लड़ते हुए ही सीढ़ियों से गिर गई और अभी होश में आई ये सब सोच कर निशी एक आह भरती है और कहती अगर सब कुछ पहले जैसा करना है तो मुझे सबकुछ भूलने का नाटक करना ही पड़ेगा वो सोच ही रही थी कि फिर से एक बार दरवाजा खुला और डॉक्टर के साथ पुरा परिवार अन्दर आया

    (अब निशी का नाम शिवी है इस कहानी में)

    शीवी एक आह भरी और बोली अब आगे इस कहानी में क्या हुआ था ये तो मेने पढ़ी ही नहीं और लगता है मेरा रिबर्न भी उसी दिन हुआ है अब मैं क्या करूं जाहां तक मुझे लगता ये जो इस कहानी की हिरोइन है ये जरूर अपना रोका रोक देगी जिस वजह इसका हिरो फिर से मेरे उप्पर ही चढ़ेगा फिर बच्चों कि तरहां रोते हुए बोली प्लीज़ भोलेनाथ मुझे नहीं रहना यहां मुझे मेरी सोना के पास जाना है इस चुड़ैल से बदला लेना है पता नहीं क्या हाल हुआ होगा मेरी सोना का भोलेनाथ मेरे वहां आने तक प्लीज़ मेरी सोना का ख्याल रखना

    तभी दरवाजा खुला और इस उन सबके साथ डॉक्टर भी थे शिवि फिर से सबको अपनी अंजनी नजरों से देखने लगी ये देख फिर से सब घर वालों के दिल में एक टीस सी उठी पर सब ने खुद को सम्भाल लिया

    तभी दीदी उसके पास गई और बोली बेटा ये डॉक्टर अंकल से ये बस तुम्हें चेक करेंगे तो इनसे डरना मत ठीक है बच्चा तो शिवी ने बस अपना सिर हिलाया फिर सब बहार चले गए थोड़ी देर चेक करने के बाद डॉक्टर भी बहार निकले और बोले घबराने की कोई बात नहीं है वो बिल्कुल ठीक है पर पर क्या डॉक्टर दादी ने कहा तो

    डॉक्टर ने कहा ज्यादा ऊंचाई से गिरने कि वजह से उनके दिमाग पर  गहरी चोट लगी थी उसकी वजह से हो सकता है कि उनकी कुछ यादें उनकी दिमाग से निकाल गया हो पर डॉक्टर वो तो हमें से किसी को भी नहीं पहचान रही है वानी जी ने नम आंखों से कहा तो डॉक्टर ने आगे कहा आप ज्यादा मत सोचिए वो एक महीने से कोमा में थी तो उसके ब्रेन को थोड़ा टाइम लग रहा है सब कुछ समझ ने में कभी मेंने उसे दवाई दे दिया है हो सके तो उसे आप लोग रेस्ट करने दे में कल फिर से आ जाउंगा उसे चेक करने में बोल वो वहां से चले जाते हैं और बाकी सब लोग भी एक नजर शिवी को देख अपने अपने कमरे में चले जाते हैं

    उधर शिवी सोच रही थी कि आगे क्या करें वो ध्यान से बस उसने जीतनी दूर इस कहानी को पढ़ा था उसे सोच रही थी तभी उसे कुछ याद आता है और वो खुद में कहती तो कल से शुरू करते हैं असली ड्रामा में बोल वो आगे क्या करना है वो सोचती है और सोचते सोचते ही वो सो जाती है

    स्टडी रूम में अभय और आर्यन बैठे थे

    भाई आपको क्या लगता है वो नाटक कर रही या फिर सचमे उसकी याददाश्त जा चुकी है आर्यन ने अभय की तरफ देख कर कहा तो अभय ने कहा पता नहीं छोटे अगर ये उसकी कोई चाल है अनू की शादी रोकने का तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा

    पर भाई इसमें उसकी कोई ग़लती नही आप तो जानते हो ना वो बचपन से ही attention seeker है अचानक अनु के आ जाने से हम सबका एटेंशन बंट गया तो उसका ऐसा बिहेव करना तो बनता है आर्यन ने कहा तो

    पर हम ये भी नहीं भुल सकते कि अनु की ये हालत हमारी बजह से दुनिया वालो और उसे लगता है कि वो अनाथ हे इसलिए हमने उसे गोद लिया है पर सच्चाई तु भी अच्छे से जानता है उसकी इस हालत के पिछे भी उसका ही हाथ है अभय ने बिना किसी एक्सप्रेस के कहा

    उसकी बात पर आर्यने ने भी कहा पर भाई उस टाइम वो भी बच्ची थी सिर्फ दस साल की थी वो बस मुझे इस बारे में और बात नहीं करना बहुत लेट हो गया है जाकर से जा अभय ने कहा तो आर्यन चुप चाप वहा से अपने कमरे में चला गया

    अगली सुबह खिड़की से आती धुप सीधे शिवी के चेहरे पर पड़ी जिससे वो कसमसाने लगी उसने धीरे से अपनी आंख खोली तो उसे अपने आस पास किसी के होने का एहसास हुआ तो उसने नज़रें इधर उधर घूमाकर देखा तो उसके एक साइड शिवराज जी और दूसरे साइड वानी जी सो रही थी उनके पास मीना जी और शिवराज जी के पास प्रकाश जी सो रहे थे

    वहीं सोफे पर आर्यन और उसके पैर के पास नियती हो रही थी सब उसके ही कमरे में थी सिवाय अभय और अनन्य को छोड़ कर क्युकी वो दोनों इसके उठने से पहले ही चले गये थे

    इन सब को देख शिवी मन ही मन कहती ये सब यहां क्या कर रहे हैं क्या कर रात में सब यहां सो रहे थे ये देख कर उसके आंखों में पानी आ जाता है पर वो खुद को संभालती है और विना जी के सिर को सहलाने के लिए जेसे ही हाथ बढ़ाती है उसकी मुंह से एक हलकी सी चीख निकल जाती है जिससे सबकी आंखें खुल जाती है पर तभी सबको एक और चीख सुनाई देती तो देखते हे तो नियती सोफे से निचे पड़ी हुई थी और अपनी कमर को सहला रही थी

    आर्यन जो शिवी की चीख हड़बड़ी में उठने लगा तो उसने गलती से नियती को एक रात मार दी जिससे वो धम से निचे गिर गई कोई कुछ कहता उससे पहले सबको शिवी की ज़ोर ज़ोर से हंसने की आवाज आई तो सब उसे ही देखते रह गए सब की आंखें थोड़ी नम हो गई एक महीने से जैसे इस घर में जान ही नहीं थी अब जैसे फिर पहले जैसा ही हो रहा था

    सबको यु खुद को देखते देख वो हंसना बंद कर देती है और फिर अपनी नीली आंखों से टुकुर-टुकुर सब को देख अपनी क्यूट सी आवाज में बोली आप सब मुझे ऐसे क्यूं देख रहे हो अगर मेरी क्यूटनेस को आप सब की नजर लग गई तो उसकी बात सुन सब हंसने लगे सिवाय आर्यन और नियती के वो दोनों एक बार एक दूसरे को देख कमरे से बाहर निकल गये

    उनको जाते देख शिवी बुरा तो लगा पर उसने अपने फैंस पर कुछ सों नहीं होने दिया तभी विना जी ने उसके चेहरे पर अपने दोनों हाथ रख बोले अब कैसी है मेरी बच्ची कहीं दर्द तो नहीं हो रहा है ना उनकी बात पर शिवी ने बस ना में अपना सिर हिलाया और हिचकते हुए कहा म मम्मा तो विना जी प्यार से उसे देखते हुए कहा हां मेरा बच्चा उनके मुंह से ये सुन शिवी की आंखें भर आईं और उसने विना जी गले लगा लिया

    उसे इस तरहां सिसकते हुए देख बाकी सब डर गये तभी मीना जी भी उसके सिर को सहलाते हुए बोले क्या हुआ मेरी छोटी गुड़ीया को उनकी बात सुन शिवी उन्हें देखकर बोली छोटी मां आर्य भाई और नियू दी मुझसे नाराज़ हैं और भैयू और अनु कहा है मेने कल से उन्हें नहीं देखा क्या वो दोनों भी मुझसे नाराज़ हैं पर मेने तो इस बार कुछ भी नहीं क्या

    उसकी बात सुन सबको थोड़ी हेरानी हुइ पर किसी ने कुछ नहीं कहा फिर विना जी बात सम्हालते हुए कहा बच्चा आपको तो पता ही है के आपके भैयू कितना बिजी रहते हैं और अनु को तो आप जानते हो वो आपको ऐसे देखेगी तो रो रो कर अपनी तबीयत ख़राब कर देगी

    और रही बात उन दोनों की तो आज तो मैं अच्छे से उनकी खबर लुंगी कैसे उन्होंने मेरे प्रिंसेस को इग्नोर कर दिया प्रकाश जी ने थोडे नोटकी करते हुए कहा तो शिवी  फिर से मुस्कुराने लगी और फिर विना जी उसे फ्रेस होने में मदद करने लगी और बाकी सब नीचे चले गए

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  • 4. Reborn in another world - Chapter 4

    Words: 1003

    Estimated Reading Time: 7 min

    सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे विना जी और मिना जी सबको खाना सर्व कर रहे थे वहीं विना जी कि नजर बार बार सीढ़ियों कि तरफ देख रहे थे

    मां आप बेकार में इन्तजार कर रहे हैं उसका ड्रामा अब खत्म हो गया है और उसे जो चाहिए था वो भी मिल चुका है तो आप नाश्ते पर ध्यान दें अभय ने बिना किसी को देखें अपना नाश्ता करते हुए कहा उसकी बात पर कोई कुछ कहता तभी सबको एक प्यारी सी आवाज सुनाई देती है

    मम्मा जल्दी से खाना दे दो बहुत भूख लगी है शिवी जल्दी जल्दी सीढीयो से उतर रही थी इस वक्त उसने एक blue colour ki knee length dress पहनी थी जो उसके घुटनों तक आ रही थी नोबेल में रिवर्थ होने के बजह से उसे वाकयों के मुकाबले दर्द नहीं हो रहा था वैसे भी उसने कल से कुछ नहीं खाया था तो उसे अब सिर्फ खाना ही नजर आ रहा था


    उसे इस तरहां निचे आता देख अभय का चेहरा और सख्त हो गया उसे सच में सब कुछ उसका एक नाटक ही लग रहा था वो अनु का डरा हुआ चेहरा देख कर कहा don't worry about her ये भी उसका एक ड्रामा ही था उसकी बात पर अनु कुछ कहती उससे पहले ही शिवी निचे आ गई

    गुडमॉर्निंग मम्मा वो आते ही विना जी के गले लग कर बोली तो उसे ऐसे देख सब हैरान रह गए खुद विना जी भी हैरान हो गई पर वो अपनी हैरानी छुपाते हुए बोली very good morning बच्चा

    लगता है अब तुम्हें हमारी जरूरत नहीं रही हां अब हम बुढ़ि जो हो गये है इतना बोल वो अपना मुंह फुला लेती है तो वहीं सब दादी जी को हैरान नजर से देख रहे थे

    शिवी भी उन्हें अपने गले से लगा लेती है और कहती हैं आप तो मैरी जान ही मेरी प्यारी दादी इतना वो उनके गालों पर एक किस कर देती है और फिर सबको बारी बारी विश करती है तो सब उसे मुस्करा देखते हैं सिवाय अभय, आर्यन और नियती को छोड़ कर वो तिनों ना ही उसकी और देखते और ना ही उसे कोई रिप्लाई करते हैं

    पर वो अपने उदासी को छुपा कर दादी के लेफ्ट साइड चेयर पर बैठ गई वहीं उसके राइट साइड चेयर पर अनु बैठी थी और उसके पास अभय शिवी ने एक नजर उन सबको देखा तो वो लोग चुपचाप अपना नाश्ता कर रहे थे

    विना जी उसके प्लेट पर आलु का पराठा रख बोली बच्चा देखो आज ममा ने आपका फेवरेट आलु का पराठा बनाया है आपको पसंद हैं ना ये सुन उसने बस हल्के से मुस्कुरा दी और मेने तुम्हारी फेवरेट गाजर का हलवा बनाया है तुम्हें पसंद है ना मेरे हाथ का हलवा ये बोल मिना जो भी गाजर का हलवा सर्व कर दिया ये देख उसके होंठों पर एक गहरी मुस्कान खिल गई

    मुझे सिर्फ आपके हाथ का खाना नहीं आपके हाथ से खाना खाना भी पसंद है छोटी मां शिवी की बात सुन उनके आंखों में हल्की नमी तेर गई वो जल्दी से एक निवाला उसको खिला कर बोली मुझे पता है इसलिए तो में हमेशा तुझे अपनी हाथों से ही खिलाती हु

    ये देख जाहां सब खुश थे वहीं अयभ का ग़ुस्सा बढ़ने लगा था उसे फिर से ये सब उसकी चाल लग रही थी तुम ये सब करके क्या साबित करना चाहते हो उसका गुस्सा आखिर कार बाहर निकल ही गया क्योंकि शिवी हमेशा ऐसा ही करती कुछ दिन सबसे प्यार से बात करना और फिर ऐसे इग्नोर करना जेसे इस घर में उसके अलावा कोई और भी है वहीं ये सून शिवी असमंजस में उसे देखने लगी

    में कुछ समझी नहीं भा उसकी बात पुरी होने से पहले ही वो गुस्से से चिल्ला कर कहा don't say a word Shivanya उसकी आवाज और लाल आंखें देख शिवी एक पल के लिए कांप गई उसने कस कर मिना जी का हाथ पकड़ लिए ये देख कर उन्होंने उसे कस कर अपने गले से लगा लिय

    उसकी की बात पर शिवराज जी ने गुस्से से कहा अभय ये क्या तरीका है अपनी छोटी बहन से बात करने का पापा बस बहुत हुआ आप सब की बजह से ये इतना बिगड़ गई है अगर उसे लगता है कि आप सब की तरहां में भी इसके ड्रामें को सच मान लुंगी तो ये ग़लत है और तुम वो शिवी की तरफ उंगली पएन्ट कर बोल तुम्हें जो चाहिए था मिल गया ना सबका प्यारा, अटेंशन तो अब खुश रहो और हम सबको भी शान्ती से रहने दो और अगर तुम सोच रहे हो कि ये सब करके तुम रुद्र को हासिल कर सकते हो तो तुम गलत हो ये सुन अनु उसके हाथ पर हाथ रख उसे शान्त करती है

    तो अभय उसके हाथ को दुसरे हाथ से पकड़ बोली नहीं अनु आज मुझे कहने दो अगर आज मेने नहीं कहा तो इसकी बदतमीज बढ़ती रहेगी फिर एक नजर शिवी की तरफ देखा जो अभी भी सिर झुका कर बैठी हुई थी ये देख उसके दिल में हल्का सा दर्द हुआ पर वो ये सब इग्नोर कर आगे कुछ कहता कि सबको दादी की रोबदार आवाज सुनाई दी बस बहुत हुआ अब कोई एक शब्द भी नहीं बोलेगा वरना उसे इसी वक्त इस घर से बाहर फिंकवा दुंगा भुलो मत ये घर आज भी मेरी है

    फिर शिवी के सिर पर हाथ रख बोली गुड़िया तुम उसकी बात का बुरा मत मानना वो तो बस इट्स ओके दादी में ठीक हु और मेरा पेट भी भर अब मुझे थोड़ा आराम करना है ये बोल शिवी ने बड़ी मुश्किल से खुद के आंसु को बहने से रोका और जल्दी ही अपने कमरै की ओर चली गई शिवी को ऐसे जाता देख सब को काफी बुरा लगा पर अभय ने बिना उसकी तरफ देखे सीधा विला से बाहर चला गया और उसके पिछे आर्यन भी जाने लगा

    आज के लिए इतना मिलते नेक्स्ट पार्ट पर..............🤗

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    thanks for reading 🤗🤗🤗😘😘🥰🥰

    please follow kare or dhesare comments bhi please support and like my story my story love you all 🤗😘😘

  • 5. Reborn in another world - Chapter 5

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min