"कुछ बंधन अनचाहे होते हैं, जिसमें हमें बिना हमारी मर्जी के बांध दिया जाता है और उनमें से ही एक होता है, शादी का बंधन। आईए देखते हैं, क्या होता है जब दो अजनबी, साइना और राजवीर, इस अनचाहे शादी के बंधन में बंध जाते हैं, वो बिना अपनी इच्छा के? सिर्फ अपने... "कुछ बंधन अनचाहे होते हैं, जिसमें हमें बिना हमारी मर्जी के बांध दिया जाता है और उनमें से ही एक होता है, शादी का बंधन। आईए देखते हैं, क्या होता है जब दो अजनबी, साइना और राजवीर, इस अनचाहे शादी के बंधन में बंध जाते हैं, वो बिना अपनी इच्छा के? सिर्फ अपने-अपने परिवार की वजह से उन्हें करनी पड़ती है यह शादी और यह कहानी एक सफर है उनकी जिंदगी का जहां वह पहले तो बेमन से एक-दूसरे के साथ शादी के अनचाहे बंधन में बंधते हैं, लेकिन इसमें बंधें हुए अनजाने ही धीरे-धीरे उनके दिल एक-दूसरे के लिए धड़कने लगते हैं। आखिर क्यों नहीं बनना चाहते थे वह दोनों एक दूसरे के साथ शादी के बंधन में? उनके अतीत में छिपा है इसके पीछे का सच तो क्या वे अतीत की कड़वाहट को भुलाकर एक साथ भविष्य बना पाएंगे? क्या इस अनचाहे बंधन में प्यार पनप पाएगा? जानने के लिए पढ़िए - 'शादी: एक अनचाहा बंधन' दो टूटे दिलों की एक ऐसी कहानी जो आपको भी अपने साथ जोड़ लेगी।
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एक मध्यमवर्गीय परिवार का मकान; दिल्ली,
"अरे! कितना सोते हो तुम सब? जल्दी से उठ जाओ, अभी तक सोए हो क्या बच्चों, सुबह के 8:00 बज गए हैं।" - लगभग चिल्लाते हुए मिसेज शर्मा ने किचन से अपने बच्चों को जगाते हुए आवाज लगाई।
किचन के बाहर ही डायनिंग टेबल के पास एक चेयर पर उन के पति मिस्टर शर्मा बैठ कर न्यूज़ पेपर पढ़ रहे थे।
तभी मिसेज शर्मा किचन से बाहर आई और अपने पति को उन का नाश्ता सर्व करते हुए बोली - "देखिए ना यह बच्चे अभी तक सो कर नहीं उठे हैं और आप भी कुछ नहीं बोल रहे हैं, आज साइना को देखने लड़के वाले आ रहे हैं और इतना काम है घर में, लेकिन बच्चे हैं कि सोकर ही नहीं उठ रहे!" - परेशान होती हुई मिसेज शर्मा बोली।
अपनी पत्नी को इस तरह से परेशान होता हुआ देख कर भी, मिस्टर शर्मा काफी सहजता से अपनी पत्नी को समझाते हुए बोले - "अरे! क्यों परेशान हो रही हो तुम, उन लोगों को आने में अभी काफी टाइम है, मेरी बात हुई है पंडित जी से दोपहर 2: 00 से 3:00 बजे तक आएंगे, लड़के वाले!"
शर्मा जी अपनी पत्नी को बहुत अच्छी तरह से जानते थे, कि उन्हें ज़रा ज़रा सी बात पर परेशान होने की आदत है, इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी को समझाया देखना फिर भी मिसेज शर्मा के चेहरे पर उभरी हुई चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थी।
और उन की पत्नी उसी तरह से चिंतित होते हुए बोली - "बहुत ही बड़े घर से रिश्ता आया है, सुना है बहुत ही बड़े अमीर और नामी लोग हैं, कहीं मेहमान-नवाजी में कोई कमी ना रह जाए!"
"कोई कमी नहीं रहेगी, तुम चिंता मत करो बस भगवान से प्रार्थना करो कि हमारी बेटी का रिश्ता जहां भी हो, वह बस हमेशा खुश रहे।" - मिस्टर शर्मा फिर से अपनी पत्नी को समझाने का प्रयास करते हुए बोले
अब आते हैं फैमिली इंट्रोडक्शन पर;
एक मध्यम आकार के पुश्तैनी मकान में मिस्टर शर्मा अपनी फैमिली के साथ रहते हैं, मिस्टर शर्मा यानी कि मिस्टर सुरेश शर्मा की एक छोटी सी खुशहाल फैमिली है, जिस में उन की पत्नी मिसेज रोहिणी शर्मा और उन दोनों के 3 बच्चे हैं!
सब से बड़ी बेटी साइना शर्मा,(जिसे देखने आज लड़के वाले आ रहे हैं) उस के बाद छोटी बेटी राइमा शर्मा और फिर सब से छोटा बेटा आरव शर्मा, कुल मिला कर 5 लोग थे शर्मा फैमिली में, राइमा और आरव दोनों ही अभी पढ़ रहे थे।
पिछले साल ही साइना ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी और अपने लिए एक जॉब ढूंढ रही थी लेकिन उसे कहीं भी कोई ढंग की और अपनी पसंद की जॉब अभी तक मिल नहीं रही थी लेकिन उस के माता-पिता के उसके लिए अलग ही प्लांस थे, साइना के माता-पिता , उस के लिए अब एक अच्छे रिश्ते की तलाश में थे।
और आज बहुत ही अच्छे खानदान से साइना के लिए, सामने से रिश्ता आया था, आज से पहले भी साइना के लिए 1, 2 रिश्ते आए थे, लेकिन बात कुछ बन नहीं पाई और आगे भी नहीं बढ़ी। शेखावत परिवार ने साइना की तस्वीर देख कर, खुद ही उसे पसंद किया था और देखने आने का फैसला भी।
साइना से उस के माता-पिता जब भी शादी के लिए बात करते थे, तो वह हमेशा ही कुछ ना कुछ बहाना बना कर अपनी शादी की बात टालने की कोशिश करती थी, वह हमेशा कहती थी कि इतनी जल्दी भी क्या है उसे अभी इतनी जल्दी शादी नहीं करनी, लेकिन असल वजह तो कुछ और थी और उस वजह से साइना को अभी तो क्या बाद में भी कभी किसी से भी शादी नहीं करनी थी लेकिन यह बात वह अपने माता-पिता को नहीं समझा सकती थी क्योंकि फिर उसे वह वजह भी बतानी पड़ती और शादी ना करने का कारण वह अपने माता पिता को बता नहीं सकती थी।
शादी , ब्याह के मामले में लड़की की तो वैसे भी कहां चलती है उस के घरवालों और अपने माता-पिता के सामने, उस के मना करने के बाद भी उस के माता पिता ने उस के लिए रिश्ते देखना शुरू कर दिया था और जिन लोगों को साइना की तस्वीर पसंद आई थी, वह लोग आज दोपहर 3:00 बजे तक साइना को देखने आने वाले थे और यह बात उस की मां ने उसे कल रात ही बता दी थी।
साइना की मां सारी तैयारियों में लगी थी और काम करते-करते उन्होंने एक बार फिर से आवाज दिया साइना और राइमा को उठाने के लिए, साइना अब तक जाग चुकी थी और आंखें खोले हुए अपने बिस्तर पर ही लेटी थी या फिर शायद उसे सारी रात ठीक से नींद ही नहीं आई थी। राइमा अभी भी सो रही थी।
अपनी मां की दोबारा आवाज सुन कर साइना अपनी जगह से उठी और अपनी तकिया के नीचे रखी डायरी निकाल कर अलमारी में रखने लगी और राइमा को उठने के लिए बोल कर खुद बाथरूम में चली गई और फिर नहा धोकर वह अपने कमरे से निकल कर नीचे किचन में आ गई और बिना कुछ बोले ही काम में अपनी मां की मदद करने लगी।
उस की मां उसे देख कर बोली - "अरे उठ गई तू, लेकिन तेरे भाई बहन कहां हैं? वह नहीं उठे क्या अभी तक!"
"राइमा तो सो रही थी मां, उठा कर आई हूं उसे और आरव का पता नहीं..." - साइना अपनी मां से बोली और फिर से काम में लग गई।
थोड़ी देर बाद, राइमा और आरव भी उठ गए और नाश्ता करने के लिए अपने पिता के साथ ही डाइनिंग टेबल की कुर्सियों पर आकर बैठ गए, साइना ने उन दोनों को नाश्ता सर्व किया और वापस किचन में जाने लगी तभी उस के पिता उससे बोले - "कहां जा रही है बेटा? तू भी हमारे साथ बैठ कर नाश्ता कर ले!"
"नहीं पापा, मेरा मन नहीं है नाश्ता करने का!"- इतना बोल कर साइना वापस किचन के अंदर जाने लगी तभी राइमा उस का हाथ पकड़ कर उसे जबरदस्ती चेयर पर बिठाते हुए बोली - "अरे कर लो दी नाश्ता, नहीं तो सारा दिन टाइम नहीं मिलना आज वैसे भी।"
उन सब की बात सुन कर, उन का मन रखने के लिए साइना ने उन सब के साथ बैठ कर थोड़ा बहुत खा लिया और फिर सब की प्लेट्स समेट कर वापस किचन में चली गई।
उसे देख कर साफ पता चल रहा था कि वह खुश नहीं है,वह खोई खोई सी लग रही थी और उस की आंखों में आंसू भी थे लेकिन उस की मां ने शायद उस की इस बात पर ध्यान नहीं दिया और नाश्ते की प्लेट्स उस के हाथ से लेती हुई बोली - "यह सब काम छोड़ आज तू, मैं और राइमा कर लेंगे, तुम अपने कमरे में जाओ और कपड़े बदल कर अच्छी तरह से तैयार हो जाना दोपहर 2:00 बजे तक!"
"कपड़े क्यों बदलने है? क्या खराबी है इन कपड़ों में, यह भी ठीक तो है ना मां और तैयार क्या होना..." - अपनी मां की बात सुन कर साइना थोड़ा इरिटेट होते हुए बोली
"ठीक नहीं अच्छा होना चाहिए, बहस मत करो और जा कर कोई नया सूट पहन कर अच्छी तरह से तैयार हो जाओ।" - साइना की मां इस बार थोड़ी सख्ती से बोली
अपनी मां की बातें सुन कर साइना समझ गई कि अपनी मां से इस वक्त बहस लड़ाना और कुछ भी बोलना बेकार है क्योंकि वह नहीं समझेगी और उसे तैयार करवा कर ही मानेगी।
इसलिए साइना बिना कुछ कहे ही वहां से काम छोड़ कर सीधे ही अपने कमरे में आ गई और उस का मन तैयार होने का तो बिल्कुल भी नहीं था इसलिए उसने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और घड़ी की तरफ देखा तो दिन के 12:00 बज रहे थे।
टाइम देख कर साइना ने सोचा कि अभी तो काफी टाइम है ,बाद में रेडी हो जाऊंगी मॉम के हिसाब से... और इतना सोच कर वह अपने बेड पर बैठ गई और ना जाने किन ख्यालों में खो गई।
उस की बहन मां के साथ घर के कामों और साफ सफाई में लगी हुई थी और पापा मार्केट से कुछ सामान लेने बाहर गए हुए थे। कुल मिलाकर मेहमानों के आने की तैयारी काफी जोरों शोरों से चल रही थी। सभी काम पूरी तरह से खत्म होते-होते दोपहर के 1:45 बज गए।
साइना अभी तक अपने कमरे से बाहर नहीं आई थी इसलिए उस की मां ने उसे आवाज लगाई - "साइना बेटा, तैयार नहीं हुई क्या अभी तक? जल्दी से तैयार हो जा, लड़के वालों के आने का वक्त हो रहा है।"
अपनी मां की आवाज सुन कर साइना जैसे किसी गहरी सोच से बाहर आई हो और एकदम से अपनी मां की आवाज का जवाब देती हुई बोली - "हां, मां तैयार हो गई मैं, बस 5 मिनट और"
"जरा जल्दी कर बेटा!" - मां की आवाज फिर से आई
अपनी मां की आवाज सुन कर साइना बेड से उठी और उसने अलमारी से कुछ कपड़े निकाले और फिर बेमन से चेंज करने वॉशरूम में चली गई ,फिर कपड़े चेंज करके ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने बैठ गई।
जब 10 मिनट बीत गए और साइना अपने कमरे से नीचे नहीं आई तो साइना की मां ने राइमा से कहा - "जा जरा जा कर अपनी दीदी को देख कर आ, तैयार हुई या नहीं यह लड़की अभी तक!"
"ठीक है मां, मैं देखती हूं"- इतना बोल कर राइमा साइना को देखने उस के कमरे में चली गई।
राइमा जब कमरे में पहुंची तो उस ने देखा कि साइना सिर्फ कपड़े चेंज करके खोई हुई सी मिरर के सामने बैठी हुई अपने बाल संवार रही थी।
तभी राइमा उस से बोली - "अरे दी, आप तैयार नहीं हुई अभी तक; मैं हेल्प कर दूं मेकअप में?"
"अरे नहीं, मुझे कोई मेकअप वेकअप नहीं करवाना, ऐसे ही ठीक है।" - साइना उसे मना करती हुई बोली
"आई नो दी! आप विदाउट मेकअप के भी ब्यूटीफुल लगते हो, लेकिन मम्मा ने बोला है आज आप को अच्छी तरह से रेडी होना है।" - राइमा, साइना को समझाते हुए बोली
"यार यह मम्मा पापा भी ना; समझते नहीं है, पता नहीं इतनी भी क्या जल्दी पड़ी है मेरी शादी की।" - साइना हल्का गुस्सा करते हुए बोली और फिर कुछ सोच कर उदास हो गई
मुझे पता है कि आप अभी शादी नहीं करना चाहती, आप शायद अभी उस माइंड सेट में नहीं हो; लेकिन अभी आप यह सोचो कि अभी शादी नहीं हो रही है, अभी तो सिर्फ देखने वाले आ रहे हैं आज, बाकी आप की शादी में टाइम है, अब मैं मेकअप कर दूं आप का?" - राइमा उसे समझाने की पूरी कोशिश करती हुई बोली
"हां, ये भी ठीक कह रही है तू, कल ही तो नहीं है शादी; ठीक है आई मेकअप कर दे तू लेकिन लाइट करना।" - साइना उस की बात मानते हुए बोली
राइमा ने भी साइना की पसंद के हिसाब से मेकअप कर दिया और पूरा रेडी होने के बाद साइना बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी कि जो देखे तो बस देखता रह जाए लेकिन कमी थी तो बस उस के चेहरे पर हंसी की.... हंसी या मुस्कुराहट की जगह उस के चेहरे पर उदासी और फीकापन था।
साइना के पूरा रेडी होने के बाद राइमा, अपनी दी को छेड़ते हुए बोली -"अब तो आप नहीं बच सकती दी, क्योंकि इतनी ज्यादा सुंदर लग रही हो आप कि होने वाले जीजू तो बस से देखते ही रह जाएंगे और फिर वह और उन की फैमिली शादी के लिए हां बोल कर ही जाएगी।"
"चुप कर तु राइमा की बच्ची, बहुत ज्यादा बोलने लगी है तू और ज्यादा बोलेगी ना तो मम्मी पापा से बोल दूंगी कि तेरी शादी के लिए भी रिश्ता ढूंढना शुरू कर दें।" - साइना उसे हंसते हुए और प्यार से धमकाते हुए बोली
"अरे नहीं दी, सॉरी यार! मैं तो बस मजाक कर रही थी, मेरी शादी कहां अभी, अभी तो आप की शादी होनी है मेरी तो अभी स्टडी भी कंप्लीट नहीं हूं और वैसे भी मैं तो अभी छोटी हूं ना..." - राइमा साइना की बात पर डरने का नाटक करते हुए बोली
"अच्छा ठीक है, अब तू ज्यादा बातें ना बना, नहीं बोल रही है मम्मी पापा से कुछ भी, बड़ी छोटी सब दिख रहा है मुझे, बातों में मेरी तो मेरी भी अम्मा है तू, और अब नीचे चलते हैं नहीं तो मम्मा चिल्लाएंगी।" - साइना बोली
"ठीक है दी, चलते हैं।" - राइमा ने कहा और वह दोनों बहने इसी तरह आपस में हंसी, मजाक और बातें करती हुई साइना के कमरे से निकल कर नीचे किचन में आ गई।
क्रमशः
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शेखावत मैनसन,
शेखावत मैनसन के अंदर इस वक्त आखिर चल क्या रहा था? वह जानने से पहले, आइए एक नज़र डालते हैं, शेखावत परिवार के सदस्यों पर –
शेखावत परिवार यानी कि लड़के वाले, मेरा कहने का मतलब है कि जिस घर से साइना के लिए रिश्ता आया है वो लोग.....
शेखावत ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के मालिक, दिल्ली शहर के जाने माने बिजनेसमैन है और अब इस परिवार इंट्रोडक्शन पर आते हैं, हेड ऑफ द फैमिली मिस्टर संजय शेखावत और उन की पत्नी मिसेज वीना शेखावत और उन के भी तीन बच्चे हैं।
सब से बड़ा बेटा, राजवीर शेखावत; जिसके लिए आज पूरा शेखावत परिवार आज लड़की देखने( यानी कि हमारी साइना को देखने) जा रहा है। राजवीर स्टडीज और एमबीए कंप्लीट करने के बाद अपने डैड की ही कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर काम करता है।
और फिर उस से छोटा एक और बेटा है मिस्टर संजय शेखावत का, आर्यन शेखावत ( जोकि बिजनेस स्टडीज के लिए इस वक्त लंदन गया हुआ है) और फिर सब से छोटी बेटी , संजना शेखावत ( जो अभी कॉलेज में है)!
कुल मिला कर शेखावत परिवार में भी साइना के परिवार की तरह ही 5 लोग ही है।
आज सुबह से शेखावत मैनसन में भी, कुछ शर्मा हाउस जैसी ही तैयारियां चल रही है।
राजवीर की मां, सुबह से ही बार बार सब को याद दिला रही है कि आज राजवीर के लिए लड़की देखने चलना है सब लोग टाइम से तैयार हो जाना, आर्यन तो यहां है नहीं, इसलिए बाकी बचे चारों लोग लड़की देखने के लिए जाने वाले थे और मिसेज शेखावत ने सुबह से बोल बोल कर आखिर सब को वक्त पर तैयार कर ही दिया था।
राजवीर का कोई भी लड़की देखने जाने का या फिर शादी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था लेकिन उस के परिवार वाले रोज़ किसी ना किसी लड़की की फोटो दिखा कर उस से उस के मन की बात पूछते रहते थे और उस पर शादी के लिए पिछले 1 साल से कुछ ज्यादा ही दबाव बना रहे थे और अपने परिवार वालों की इन्हीं सब हरकतों से तंग आ कर एक दिन राजवीर ने एक दिन गुस्से में अपनी मां से बोल दिया की उसे नहीं करनी है यह शादी वादी!
अपने बेटे की ऐसी बातें सुन कर तो मिसेज शेखावत के सारे अरमान ही मिट्टी में मिल जाने की नौबत आने वाली थी, लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश करना नहीं छोड़ा और हर तरीके से राजवीर को समझाती रही और साथ ही शादी के लिए भी मनाती रही, राजवीर उन की बातें समझा तो नहीं लेकिन अपने घर वालों की बात मान कर उस ने बिना साइना की तस्वीर ध्यान से देखें आखिर उस के लिए हां कर दिया था, सिर्फ इसलिए कि उस की मां ये रोज़ रोज़ का तमाशा और रोज ही उसे परेशान करना बंद कर दें।
और इसीलिए आज अपने परिवार वालों की बात मान कर ही राजवीर उन के साथ लड़की देखने जा रहा था, नहीं तो राजवीर की मां ने आज से पहले भी उस के लिए कई रिश्ते देखे थे। लेकिन हर बार वो कोई ना कोई बहाना बना कर मना कर देता था या फिर टाल देता था। बस इस बार बेमन से ही सही लेकिन राजवीर ने जाने के लिए हां कर दी थी और उस की मां की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था।
रविवार दोपहर को जाने का प्लान था, राजवीर के घर वालों ने लड़की की तस्वीर देखी थी और साइना उन सभी को एक नज़र में ही भा गई थी, खास कर के राजवीर की मां को!
राजवीर ने तो साइना की तस्वीरें एक बार भी ठीक से नहीं देखी थी और बिना देखे ही हां बोल दिया था जाने के लिए।
राजवीर, अपने माता पिता और बहन के साथ लगभग 2:00 बजे शेखावत मैनसन से अपनी कार में बैठ कर निकला।
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शर्मा हाउस में,
साइना और राइमा दोनों जैसे ही कमरे से उतर कर किचन में आई, रोहिणी जी ने साइना से कहा - "तैयार हो गई ना तू ठीक से ?वह लोग आने ही वाले हैं , बस किसी भी वक्त आते होंगे।"
"हां, मां देखो ना नया सूट भी तो पहन लिया, आप के कहने से।" - साइना अपनी मां की बात पर बेमन से बोली
"बहुत अच्छा किया मेरी बच्ची, बहुत ही सुंदर लग रही है किसी की नज़र ना लगे।"- साइना की मां उसे कान के पीछे काला टीका लगाते हुए बोली
तभी उन के घर की डोर बेल बजी और साइना के पापा जो कि बाहर हाॅल में ही बैठे थे, उन्होंने दरवाजा खोला।
डोर बेल की आवाज सुन कर साइना की मां ने कहा - "वह लोग आ गए हैं शायद... तुम दोनों अभी यहीं रुकना मैं देख कर आती हूं।"
इतना बोल कर साइना की मां पानी के ग्लास की ट्रे ले कर हॉल में चली गई, और अपनी मां के जाते ही राइमा , किचन से झांक कर बाहर हॉल में देखने लगी।
साइना के पिता, नमस्ते करते हुए सभी को हाॅल में पड़े सोफे पर बैठा रहे थे और साइना का भाई आरव, वही किनारे खड़ा हुआ सब से नमस्ते कर रहा था और तभी साइना की मां पानी की ट्रे ले कर हॉल में पहुंची और नमस्ते करते हुए सभी को पानी का ग्लास देने लगी।
सभी को पानी देने के बाद साइना की मां वापस किचन में आ जाती हैं, सभी के लिए नाश्ते का इंतजाम करने लगती हैं और फिर हाॅल में ही उन सभी के लिए नाश्ता लगवाती है, सब लोग नाश्ता कर रहे होते हैं तभी राजवीर की मां कहती है - "आप की बेटी साइना कहां है, हम उसे ही तो देखने आए हैं , जरा बुलाइए तो उसे..."
"हां, बस आ रही है आप सभी के लिए चाय ले कर।" - साइना की मां हंसते हुए बोलती है और फिर राइमा को इशारा करती है कि वो साइना को ले कर सब के सामने आए।
फिर थोड़ी देर बाद साइना अपनी बहन राइमा के साथ बिल्कुल ट्रेडिशनल स्टाइल में हाथों में चाय की ट्रे ले कर, उन लोगों के सामने आती है और सब को नमस्ते कर के चुपचाप सामने वाले सोफे पर बैठ जाती है।
साइना जब आती है तो राजवीर उस को बस एक बार नज़र उठा कर देखता है और देखता है तो नोटिस करता है कि उस का सुंदर चेहरा कुछ उदास लग रहा है और उस की आंखों में भी एक खालीपन है, उसे साइना काफी खोई खोई सी लगती है, इन सब के बावजूद वह मन में सोचता है कि देखने में तो सुंदर है लड़की, मगर इस के आगे वह कुछ भी नहीं सोचता और इधर उधर दूसरी तरफ देखने लगता है।
राजवीर की मां साइना से कुछ भी पूछती है तो साइना मुस्कुरा कर जवाब देती है लेकिन उस ने अभी तक एक बार भी ठीक से नज़रें उठा कर राजवीर को नहीं देखा था या फिर शायद वह देखना ही नहीं चाहती थी, राजवीर की मां और बहन दोनों ही साइना से बात करने में लगी हुई थी और बाकी के लोग भी आपस में कुछ ना कुछ बातें कर ही रहे थे।
इसी तरह आपस में कुछ देर बातचीत चलने के बाद दोनों परिवार एक दूसरे से बोलते हैं कि हमें यह रिश्ता मंजूर है, तो दूसरी तरफ से जवाब आता है कि हमें भी मंजूर है।
राजवीर के परिवार वालों को तो साइना की खूबसूरती और उस का स्वभाव दोनों ही पसंद आ जाते हैं और साइना के माता पिता को राजवीर और उस के परिवार के साथ अपनी बेटी साइना का भविष्य एकदम सुखमय नज़र आता है। इसलिए दोनों परिवारों के पास तो ना करने की कोई वजह ही नहीं रह जाती है।
तभी उन के पिता बोलते हैं - "एक बार बच्चों से भी तो उन की मर्जी पूछ लेते हैं आखिर शादी तो उन्हें ही करनी है आपस में।"
यह सुन कर साइना की मां जब साइना की मर्जी जानने की नज़र से उस की तरफ देखती हैं तो साइना कुछ भी नहीं बोलती और अपनी नज़रें नीचे कर लेती है, और इस तरह से नज़रें झुकाने का मतलब क्या होता है, वहां पर बैठा हर शख्स इसे लड़की की हां ही समझता है और ऐसे अनजान लोगों के सामने आखिर साइना बोल भी क्या सकती थी? उस से उस की मर्जी पूछना तो बस एक फॉर्मेलिटी अदा करना था बाकी फैसला तो उस के घर वाले ले ही चुके थे उस के हक में;
इस के बाद राजवीर की मां जब उस से पूछती है कि क्या उसे लड़की पसंद है? तू अपनी मां का सवाल सुन कर राजवीर अपने मन में सोचता है कि अगर उस ने यहां पर मना कर दिया तो फिर किसी और जगह कोई और लड़की देखने जाना पड़ेगा और फिर से यही सब रिपीट होगा तो यह सब सोच कर वह भी बोल देता है कि जैसा आप लोग ठीक समझे।
तो इतना सुनते ही दोनों परिवार खुश हो जाते हैं और आपस में एक दूसरे को मिठाई खिला कर बधाइयां देते हैं और गले मिलते हैं, संजना भी साइना को गले लगा कर कांग्रेचुलेशन बोलती है।
"तो फिर अब जब रिश्ता पक्का हो ही गया है तो रिश्ता जोड़ने में भी देर नहीं करनी चाहिए" - वीना जी (राजवीर की मां) बोलती हैं।
"हां, मैं कल ही पंडित जी से पूछ कर सगाई की तारीख निकलवाती हूं।" - रोहिणी जी (साइना की मां) ने कहा
"हां, यह ठीक रहेगा आप लोगों का सगाई का मुहूर्त निकलवा चाहिए हमें बता दीजिएगा।" - मिस्टर शेखावत (राजवीर के पापा) बोले
"वैसे इसी महीने सगाई की तारीख रखी जाए तो जल्दी तो नहीं हो जाएगा ना?" - राजवीर की मां बोली
"पंडित जी ने इस महीने की 22 तारीख बताई थी बहुत शुभ है किसी भी काम के लिए , अगर सभी उस तारीख के लिए राजी हो तो फिर वही तय कर लेते हैं।"- साइना के पापा बोले
"हां, 22 तारीख ठीक रहेगी सगाई के लिए, और शादी की तारीख सगाई के बाद तय कर लेंगे।" - मिस्टर शेखावत ने कहा
साइना अब तक उठ कर अपने कमरे में चली गई थी और राजवीर भी ऑफिस की एक कॉल पर बिजी हो गया था।
सगाई की तारीख तय करने के बाद साइना और राजवीर के परिवार वाले बहुत खुश होते हैं आपस में बात करते हुए बोलते हैं, 15 दिन बाद ही है 22 तारीख, सब इंतजाम तो हो जाएंगे ना, काफी कम टाइम है तैयारी के लिए!
"अरे सब हो जाएगा समधी जी, चिंता मत करिए आप, वैसे अब हम लोग चलते हैं।" - इतना बोल कर राजवीर के पिताजी सोफे से उठ गए और चलते वक्त उन की पत्नी वीना जी साइना के माता-पिता से बोली - "वैसे आप लोग चाहे तो सगाई से पहले हमारे घर भी आ सकते हैं, कोई संकोच नहीं करिएगा आप का अपना ही घर है अब शेखावत मैनसन भी!"
"जी बिल्कुल आएंगे, बहुत-बहुत आभार आप का, धन्यवाद!" - साइना की मां हाथ जोड़ कर बोली
और फिर में साइना के माता-पिता राजवीर और उसज्ञके पूरे परिवार को दरवाजे तक छोड़ने गए, अपनी कार में बैठज्ञकर शेखावत परिवार वहां से चला जाता है और उन सब के वहां से जाते ही साइना की मां उसे आवाज दे कर बुलाती है ; कुछ देर बाद साइना अपने कमरे से निकल कर मां के पास आती है और पूछती है - "अब क्या हुआ मां?"
साइना को देख कर उस की मां बहुत ज्यादा खुश हो जाती हैं और उस का माथा चूमते हुए बोलती है - "बहुत किस्मत वाली है तु मेरी बच्ची; इतना अच्छा परिवार मिला है सब लोग कितने अच्छे हैं, इतने ज्यादा अमीर और नामी होने के बाद भी पैसों का बिल्कुल घमंड नहीं है किसी में भी!"
यह सुनकर साइना की छोटी बहन राइमा भी उसे गले लगाते हुए कांग्रेट्स दी बोलती है और साथ ही बोलती है - "होने वाले जीजू तो बहुत ही हैंडसम हैं दी और नेचर भी बहुत अच्छा है, यू आर सो लकी दी, आई एम सो हैप्पी फाॅर यू!"
साइना का भाई आरव इन सब चीजों के बारे में ज्यादा नहीं समझ पाता क्योंकि वह छोटा है, लेकिन फिर भी अपनी दी को कांग्रेचुलेशन बोल कर गले लग जाता है।
साइना उन सब को अपने लिए इतना खुश और इमोशनल देख कर कहती है - "अरे! क्या हुआ आप सब को, आप लोग तो ऐसे बोल रहे हो जैसे कि कल ही मेरी शादी है।"
"शादी नही बेटा, लेकिन सगाई तो इसी महीने की 22 तारीख को तय हुई है ना।" - साइना के पापा बोले
"क्या इतनी जल्दी, इतनी जल्दी भी क्या थी आप लोगों को सगाई की डेट फिक्स करने की वह भी पहली ही मीटिंग में; बहुत जल्दी है आप लोगों को मुझे इस घर से भगाने की और खुद से दूर करने की।" - इतना बोल कर साइना गुस्से में अपने कमरे में चली गई और उस ने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
"अरे नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं है, रिश्ता ही इतना अच्छा था कि इंकार करने की कोई वजह नहीं मिली।" - साइना के पापा उसे समझाते हुए बोले लेकिन कोई फायदा नहीं साइना अब तक अपने कमरे में जा चुकी थी।
"रहने दीजिए आप, कुछ नहीं है लड़कियों को अपने परिवार से लगाव होता है इसीलिए जल्दी शादी के नाम से चिढ़ जाती है, ठीक हो जाएगी वह सुबह तक।" - साइना की मां अपने पति को समझाते हुए बोली
उधर दूसरी तरफ़ साइना अपने कमरे के अंदर जा कर, अलमारी से अपनी डायरी निकाल कर , उसे अपने सीने से कुछ सोचती हुई, अपने बेड पर बैठी थी और उस की आंखों में आंसू थे , साथ ही वह आज राजवीर के साथ तय हुए अपने इस नए रिश्ते और अपने फ्यूचर के बारे में भी सोच रही थी।
क्रमशः
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साइना उसी तरह उदास और नाराज़, आंखों में आंसू के साथ कुछ सोचते सोचते ही अपने कमरे में चली गई, उस की बहन राइमा उसे रात के खाने के लिए बुलाने आई, लेकिन साइना का खाना खाने का भी बिल्कुल मन नहीं था इसलिए उस ने मना कर दिया।
उधर दूसरी तरफ, राजवीर के घर में भी उस की शादी तय होने से सभी बहुत ज्यादा खुश थे। अगर कोई खुश नहीं था तो वह था खुद राजवीर!
साइना और राजवीर दोनों ही यह सगाई और शादी नहीं करना चाहते थे, इस के लिए दोनों के अपनी कारण थे जोकि वह अपनी फैमिली को भी नहीं बता सकते थे और शायद बता कर भी कोई फायदा नहीं था क्योंकि कोई नहीं था उन की प्रॉब्लम सुनने और उसे समझने वाला।
साइना और राजवीर दोनों के ही घरों में सगाई की तैयारियां बहुत ही जोर शोर से चल रही थी, सिर्फ लड़का और लड़की को छोड़ कर बाकी सब बहुत खुश थे। यह शादी पूरी तरह से एक अरेंज मैरिज थी, साइना और राजवीर दोनों ही एक दूसरे से पूरी तरह से अनजान थे, इसलिए आपस में बात कर के भी वह एक दूसरे को शादी के लिए मना नहीं कर सकते थे क्योंकि पता नहीं था की शादी ना करने की बात जान कर सामने वाला कैसा रिएक्ट करेगा।
सगाई से 3 दिन पहले, साइना की मां, पापा, बहन और भाई राजवीर के घर जाते हैं, सगाई के लिए शगुन और दूल्हे के कपड़े ले कर और साथ ही सगाई के रीति रिवाज और परंपराओं के बारे में बातचीत करने भी...
साइना उस वक्त घर में अकेली थी इसलिए उस ने अपनी बेस्ट फ्रेंड श्रेया को कॉल लगाया, श्रेया उस के घर से थोड़ी ही दूरी पर रहती थी, इसलिए साइना ने उसे अपने घर बुला लिया।
कुछ देर बाद श्रेया, साइना के घर आ गई और साइना ने उसे अपनी शादी तय होने वाली पूरी बात बता दी और साथ ही यह भी कि वह यह शादी नहीं करना चाहती है लेकिन पेरेंट्स को क्या बोल कर मना करें?
इतने दिनों से तो वह अपनी शादी की बात कोई ना कोई बहाना बनाकर टालती आ रही है, लेकिन इस बार कोई भी बहाना काम नहीं आया और सामने से लड़का और परिवार सब कुछ सही लग रहे हैं मम्मी पापा को इसलिए शादी पक्की हो गई है और तो और सगाई तो इसी महीने की 22 तारीख को है।
साइना परेशान सी बोलती जा रही थी और श्रेया उस की परेशानी समझते हुए उस की सारी बातें सुन रही थी , सारी बातें सुनने के बाद श्रेया बोली - "सब से पहले तो मैं तुझ से बहुत ज्यादा नाराज हूं , सगाई और शादी तक बात पहुंच गई और मुझे अब आज पता चल रहा है?"
"श्रेया यार तू पागल है क्या? यह कोई वक्त है नाराज़ होने का, मैं तुझे अपनी प्रॉब्लम बता रही हूं और तुझे ड्रामा सूझ रहा है।"-साइना श्रेया पर गुस्सा करते हुए बोली
"अरे यार! मैं तो बस मजाक कर रही थी, लेकिन तू इतना क्यों सोच रही है देख पास्ट में जो हो गया वह तो हो गया, और अब कभी ना कभी, किसी ना किसी से तो तुझे शादी करनी ही है, तो फिर जब अंकल आंटी बोल रही है कि सब कुछ अच्छा है, तो एक बार भरोसा करके देख ले।" - श्रेया साइना को समझाती हुई बोली
"यार श्रेया! प्लीज, अब तू भी शुरू मत हो जाना मम्मी पापा और राइमा की तरह, तु तो सब कुछ जानती है ना कि क्यों मैं किसी से भी शादी नहीं करना चाहती हूं।" - साइना बोली
"लेकिन यार जो हो गया उस वजह से अपना आने वाला कल बर्बाद कर देना कोई अक्लमंदी तो नहीं है ना, आज नहीं तो कल शादी तो होनी ही है तेरी भी और मेरी भी, फिर भी अगर तू अभी मेंटली रेडी नहीं है तो मैं बात करूं एक बार आंटी से..."- श्रेया उस की बात समझते हुए बोली
"यार लेकिन जैसे इंसान को मैं जानती तक नहीं, ठीक से मिली भी नहीं सिर्फ एक बार ही देखा है उस से सगाई और शादी वह भी सब कुछ इतनी जल्दी में हो रहा है कि मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।" - साइना परेशान सी बेड पर बैठती हुई बोली
"तू क्यों टेंशन ले रही है मेरी जान, मिलना है क्या तुझे मेरे होने वाले जीजू से, तू बस बोल तो एक बार, मैं इंतजाम करती हूं ना मिलने का।" - श्रेया उसे छेड़ते हुए बोली
"तू कभी नहीं सुधरेगी मैंने तुझे अपनी परेशानी बताने के लिए फोन किया है और तुझे मजाक सूझ रहा है, मुझे नहीं मिलना विलना किसी से, रहने दे तू, वैसे भी आज मम्मी पापा गए हैं सगाई का शगुन ले कर, कुछ नहीं हो सकता अब तो तय है मेरी सगाई और शादी होना।" - साइना बोली
"मै वैसे भी सब तुझे हंसाने के लिए मजाक कर रही थी, और जो भी होगा अच्छा ही होगा, अब मेरी बेस्टी इतनी स्वीट है, उस के साथ कुछ गलत कैसे कर सकते हैं भला गॉड जी।" - श्रेया साइना को साइड हग करते हुए बोली
"हां, अब तक बहुत अच्छा किया है गॉड ने मेरे साथ , जो आगे अच्छा होगा रहने दे यार! मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी हैं अपनी आने वाली जिंदगी से..." - साइना कुछ सोचते हुए फिर से उदास हो गई और उदास होते हुए बोली
"यार तू क्यों बार बार उसी बारे में सोच कर उदास हो जाती है? जरूरी नहीं कि पहले एक बार बुरा हुआ हो तो हर बार ही तेरे साथ वैसा होगा, बी पॉजिटिव यार!"- श्रेया बोली
"हम्म , क्या करूं यार कुछ वही तो यादें हैं मेरे पास सोचने को, बाकी तो और कुछ बचा नहीं..." - बोलते बोलते साइना की आंखों में आंसू आ गए
"अरे यार! चुप हो जा, इतनी देर से तुझे चीयर अप करने की कोशिश कर रही हूं और तू है कि सैड हुए जा रही है बार-बार..." - श्रेया मुंह बनाते हुए बोली
"नहीं, मैं ठीक हूं ! " साइना श्रेया से बोली
दूसरी तरफ शेखावत मेंशन में,
साइना और राजवीर दोनों के घर वाले शेखावत मेंशन के बड़े से शानदार हॉल के बीचोबीच पड़े सोफे पर आमने-सामने बैठकर सगाई की रस्म डिसकस कर रहे थे।
"कल आप साइना को हमारे साथ भेज देंगी।" - राजवीर की मां ने साइना की मां से पूछा
"किस लिए?" साइना की मां ने पूछा
"कुछ नहीं, बस हम सोच रहे थे कि सगाई का लहंगा साइना की पसंद का होगा तो वह ज्यादा खुश होगी, और कल हम लोग शॉपिंग के लिए जा रहे हैं तो सोचा उसे भी साथ लेते चलेंगे।" - राजवीर की मां बोली
"वह मैं भेज तो देती लेकिन अभी वह आप लोगों से इतना घुली मिली नहीं है, इसलिए अकेले आने में शायद उसे अजीब लगे और वह मना कर दे आने के लिए..."- साइना की मां बहाना बनाते हुए बोली
"हां, मैं समझ सकती हूं अभी वह हम लोगों को जानती नहीं है लेकिन आखिर उसे आना तो हमारे ही घर है ना ! शेखावत परिवार की बहू बन कर, वैसे चाहे तो आप या राइमा भी उस के साथ आ सकती है कल हमारे साथ शॉपिंग पर।" - राजवीर की मां बोली
"अरे नहीं मैं कहां , मुझे तो बहुत काम निपटाने हैं सगाई से पहले , मैं साइना से पूछ कर आप को फोन पर बता दूंगी साइना और राइमा आ जाएंगी।" - साइना की मां बोली
"हां, यह ठीक रहेगा, आप बता दीजिएगा कंफर्म करके तो मैं गाड़ी भिजवा दूंगी आप के घर।" - राजवीर की मां मुस्कुराते हुए बोली
इसी तरह की थोड़ी बहुत और बातचीत करने के बाद, साइना के परिवार वाले शेखावत मेंशन से अपने घर वापस आ गए, श्रेया जब तक अपने घर वापस जा चुकी थी।
साइना ने दरवाजा खोला उस के घर वाले अंदर आकर सोफे पर बैठ गए, साइना सब के लिए पानी लेने किचन में चली गई और फिर सब को पानी पिलाने के बाद वापस अपने कमरे की तरफ जाने लगी उस का मन अभी भी कुछ उदास था।
श्रेया से बात कर के साइना को थोड़ा अच्छा लग रहा था लेकिन वह फिर से अपनी शादी और सगाई की बातें नहीं सुनना चाहती थी अपनी मां के मुंह से, इसलिए वापस अपने कमरे की तरफ जा रही थी।
लेकिन तभी उस की मां ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वही रोकते हुए कहा - "रुक तू 1 मिनट यहीं, मुझे तुझ से कुछ बात करनी है।"
"क्या बात करनी है मां, जल्दी बोलिए।" - साइना बेमन से वही रुकते हुए और सोफे पर बैठती हुई बोली
पानी पीने के बाद साइना की मां बोली - "तेरी होने वाली सास ने कहा है कि कल सगाई का लहंगा खरीदने के लिए तुझे उन के साथ जाना है, क्योंकि वह चाहती है सगाई का लहंगा तेरी पसंद का हो।"
"अरे मां! तो आप बोल देते कि मैं तो कुछ भी पहन लूंगी, उन की पसंद का भी, मुझे मन नहीं है बिल्कुल भी शॉपिंग वाॅपिंग पर जाने का, किसी के भी साथ।" - साइना मुंह बनाती हुई बोली
"हां, मुझे पता था तू यही बोलेगी इसलिए पहले मैंने भी उन्हें टालने की कोशिश की थी लेकिन फिर उन्होंने कहा कि वह तुझे अकेले नहीं ले जा रही , राइमा को भी साथ ले जाना, तो फिर मैं उन्हें मना नहीं कर पाई।" - साइना की मां बोली
"अच्छा ठीक है, कब जाना है?" - साइना आखिर हार मानते हुए बोली
"ओ वाओ दी, आई एम सो एक्साइटेड!" - राइमा खुश होते हुए बोली
"इस की ही शादी कर दो मां पहले, कुछ ज्यादा ही खुश और एक्साइटेड है यह..." - साइना , राइमा की तरफ देखते हूए बोली
"अरे दी, मैं तो आप के लिए खुश हूं, आप के ससुराल हो कर आए हैं अभी हम सब, पता है जितना बड़ा अपना घर है, उतना बड़ा तुम सिर्फ उन का हाॅल है!" राइमा साइना को बताने लगी
"तो मैं क्या करूं, वैसे भी घर नहीं दिल बड़े होने चाहिए लोगों के, बाकी चीजें मैटर नहीं करती मेरे लिए; अच्छा मां, आप टाइम पूछ लेना उन लोगों से कि कल कितने बजे जाना है शॉपिंग के लिए, मैं रेडी हो जाऊंगी।" - इतना बोल कर साइना वहां से चली गई और उस की मां राजवीर की मां को फोन करने लगी।
उधर दूसरी तरफ से फोन रिसीव होते ही साइना की मां ने खुश होते हुए बोला - "ठीक है, मैंने साइना से बात कर ली है वह और राइमा कल आ रही है आप लोगों के साथ, समय बता दीजिए, उसे रेडी भी होना होगा।"
"अरे वाह! चलिए अच्छा है अब हमें ज्यादा परेशानी नहीं होगी, साइना की पसंद का लहंगा ढूंढने में क्योंकि वह खुद ही पसंद कर लेगी, मैं कल दोपहर 1:00 बजे तक आप के घर गाड़ी भिजवा दूंगी।" - राजवीर की मां ने बोला
"हां, यह ठीक रहेगा, नमस्ते!" - बोल कर साइना की मां ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और राजवीर की मां ने भी...
राजवीर की मां, साइना की मां से फोन पर बात कर के जैसे ही कॉल डिस्कनेक्ट की उन की नज़र घर के अंदर आते हुए राजवीर पर पड़ी, उन्होंने राजवीर से कहा - "राजवीर, कल तुझे कोई जरूरी काम तो नहीं है ना ऑफिस में?"
"क्या हुआ मां, आप ऐसे क्यों पूछ रही हैं?" - बिना अपनी मां की तरफ देखें मोबाइल में ही लगे हुए राजवीर ने अपनी मां से पूछा
"3 दिन बाद तेरी सगाई है बेटा, याद तो है ना तुझे थोड़ा उस पर भी ध्यान दे ले, काम तो हमेशा ही करता रहता है।" - राजवीर की मां उसे ताना मारते हुए बोली
"आप लोग भूलने दो तब ना..." - राजवीर धीमी आवाज में बुदबुदाते हुए बोला
जिसे कि राजवीर की मां सुन नहीं पाईं और उस से पूछने लगी - "कुछ कहा क्या तूने, बेटा?"
"अरे मां, आप ऐसे क्यों बोल रही हो, बिल्कुल याद है बोलिए क्या करना है कल?" - राजवीर ने बात बदलते हुए कहा
"कल तुझे हमारे साथ शॉपिंग पर चलना है, तेरी होने वाली पत्नी और उस की छोटी बहन भी हमारे साथ आ रही है, उस के लिए कपड़े, जेवर और बाकी सगाई का जरूरी सामान खरीदना है।" - राजवीर की मां ने कहा
"हां, तो मां आप लोग चले जाइए ना, यह सब लेडीस शॉपिंग में मेरा भला क्या काम मेरे कपड़े तो आ गए हैं ना?" - राजवीर बहाना बना कर मना करते हुए बोला
"अरे क्या लेडीस शॉपिंग, कुछ तो तेरी भी पसंद का होना चाहिए ना तेरी बीवी के लिए, तू बस इतना बता साथ आ रहा है या नहीं?" राजवीर की मां ने उस से पूछा
"सॉरी मां, कल मेरी एक बहुत ही जरूरी मीटिंग है जिसे मैं मिस नहीं कर सकता, आप लोग ही चले जाओ, कल शॉपिंग पर" - और इतना बोल कर राजवीर मोबाइल से किसी को कॉल मिलाता हुआ बाहर की तरफ चला गया।
"यह लड़का भी ना कभी मेरी बात नहीं मानता, हजार तो बहाने है इस के पास मेरी हर बात टालने के लिए, बड़ी मुश्किल से तो शादी के लिए हां की है इस लड़के ने.." - राजवीर की मां वही पर खड़ी खड़ी खुद ही बोल रही थी कि तभी उन की बेटी संजना पीछे से आ कर उन के दोनों कंधे पर हाथ रखती हुई बोली - "क्या हुआ मां, ऐसे अकेले में किस से बातें कर रही हो?"
"कुछ नहीं बस तेरे भाई राजवीर ने परेशान कर रखा है मुझे" - उस की मां(वीना जी) बोली
"अब क्या कर दिया भैया ने?" - संजना ने अपनी मां से पूछा
"कल शॉपिंग पर साथ चलने के लिए बोल रही थी मैं, तो उस ने मना कर दिया बोलता है कि उस की कोई जरूरी मीटिंग है।" - उस की मां ने जवाब दिया
"अब भैया ने बोला है, तो होगा कोई जरूरी काम उन को" - संजना अपनी मां से बोली
"हां शायद, लेकिन तू तो चल रही है ना कल मेरे साथ शॉपिंग पर" - वीना जी संजना से पूछते हुए बोली
"हां , मां ऑफ कोर्स साथ चलूंगी मैं तो आखिर मेरे भाई की शादी है।" - संजना हंसते हुए बोली
क्रमशः
4
अगली सुबह साइना रोज की ही तरह 8:00 बजे के बाद ही सो कर उठती है, और नाश्ता करने से पहले किचन में आ कर अपनी मां की नाश्ता बनाने में हेल्प करने लगती है।
यह सब साइना के लिए रोज का ही काम है लेकिन आज एक बात अलग है; उस की मां ने उसे देर से सोकर उठने के लिए आज कुछ नहीं कहा लेकिन ऐसा नहीं है कि वह एकदम चुप हैं, उन के पास दूसरी कोई और बात है ना आज बोलने के लिए...
इसलिए साइना जैसे ही किचन में आई उस की मां उसे याद दिलाते हुए बोलने लगी - "रहने दे तू आज यह सब, नाश्ता कर ले और जल्दी से तैयार हो जा।"
अपनी मां की यह बात सुन कर हैरानी से उन की तरफ देखते हुए बोली - "आज ऐसा क्या हो गया मां ? आज इतनी मेहरबानी क्यों मेरे ऊपर?"
"मुझे पता था तुम भूल गई होगी, हमेशा से बेमन से करने वाली चीजें याद नहीं रहती तुझे।" - साइना की मां उस से बोली
"क्या भूल गई मैं? क्या है आज? सगाई तो 2 दिन बाद है, इतना तो मुझे याद है।" - साइना थोड़ा सोचते हुए बोली
"हे भगवान! क्या करूं मैं इस लड़की का, अभी कल ही इसे बोला था कि आज इसे अपनी होने वाली सास के साथ अपना सगाई का लहंगा खरीदने जाना है और आज यह भूल गई।" - साइना की मां अपने सिर पर हाथ मारते हुए बोली
"ओह हां! याद आया मुझे, मैं तो सच में भूल गई थी, वैसे कितने बजे तक जाना है मां, आपने पूछ लिया था फोन करके, वैसे जरूरी है क्या जाना, मना नहीं कर सकती क्या मैं?" साइना थोड़ा सा मुंह बनाते हुए बोली
"बिल्कुल नहीं, क्यों मना करना है तुझे? तेरे लिए ही तो लहंगा खरीदने जा रहे हैं वह लोग और सोच कि कितने अच्छे लोग हैं सोच रहे हैं कि तुझे तेरी ही पसन्द का ही लंहगा दिलाएं किसी और का पसंद किया हुआ तुझे बेमन से ना पहनना पड़े।" - साइना की मां उसे समझती हुईं बोली
"अच्छा , अच्छा ठीक है। नहीं मना कर रही हूं मैं, चली जाऊंगी बस, कितने बजे जाना है टाइम तो कंफर्म कर लेती ना मां..." - साइना अपनी मां की बात मानती हुई बोली
"टाइम बताया था उन लोगों ने 12:00 बजे के बाद, गाड़ी भिजवा देंगे तु और राइमा चली जाना, मैं भी पैसे दे दूंगी और भी कुछ पसंद आ जाए तो खरीद लेना!" - साइना की मां बोली
"ठीक है मां, लेकिन अभी तो बहुत वक्त है 12:00 बजने में, जब तक मैं नाश्ता बनवा लेती हूं" साइना ने कहा
"नाश्ता तैयार है, तू नाश्ता कर ले पहले और फिर तैयार हो जाना जाकर , नहीं तो पहले ही थक जाएगी तो शॉपिंग नहीं कर पाएगी।" - उस की मां ने कहा
"अच्छा ठीक है लेकिन मेरा अभी कुछ भी खाने का मन नहीं है, मैं थोड़ी देर बाद आती हूं।" - और इतना बोल कर साइना वहां से चली गई।
उसे पता था, अगर वह वहीं पर रही तो उस की मां उस से शादी और सगाई की बातें ही करती रहेंगी और साइना का बार बार वही सब बातें सुनने का बिल्कुल भी मन नहीं था इसलिए वह वहां से अपने कमरे में आ गई और उस ने देखा कि अब तक उस की बहन राइमा भी जाग गई थी और वॉशरूम में थी !
साइना अपनी अलमारी से एक डायरी निकाल कर उस में रखी हुई है एक फोटो देखने लगी, वह फोटो साइना के साथ किसी लड़के की थी और साइना उस फोटो पर हाथ फेर कर धीमी आवाज में बोली - "देखो ना अमन, मेरी सगाई है आज से 2 दिन बाद; वह सब सपने जो हम दोनों ने साथ मिल कर देखे थे वह अब जबरदस्ती के रिश्ते में बंध कर मुझे किसी और के साथ पूरे करने पड़ेंगे, लेकिन मैं सिर्फ तुम से प्यार करती हूं और आज भी मैं तुम्हारी हूं, और हां मैं तुम्हारी जगह कभी किसी को नहीं दे पाऊंगी शायद..." इतना बोलते बोलते ही साइना एकदम उदास हो गई और उस की आंखों में आंसू भर आए कि तभी राइमा वॉशरूम से निकल कर कमरे में आ जाएंगे उसे देखते ही साइना ने वह डायरी जल्दी से तकिया के नीचे छुपा दिया और अपने आंसू पोंछते हुए बोली - "उठ गई तु राइमा जा नीचे जा कर नाश्ता कर ले नहीं तो मां को लगेगा कि तु अभी तक सोई हुई है।"
"हां, दी जाती हूं" इतना बोल कर राइमा ने जैसे ही साइना के चेहरे की तरफ देखा तो उस ने साइना के आंसू देख लिए, और उस के पास बैठते हुए बोली - "क्या हुआ दी आपको? आप रो रहे हो क्या?"
"नहीं तो, ऐसा कुछ भी नहीं है मैं बस ऐसे ही कुछ सोच रही थी।" - साइना अपने आंसू छुपाने की कोशिश करते हुए बोली
"सच में कुछ नहीं हुआ ना, दी अगर कोई बात है तो आप मेरे साथ शेयर कर सकती हैं; आप को पता है ना आई एम ऑलवेज हेयर फॉर यू!" - राइमा उसे उदास देख कर बोली
"हां... पता है मेरी मां, अब तू ज्यादा बातें मत बना और नीचे जाकर नाश्ता कर ले , मां मेरे बारे में पूछे तो बोल देना कि थोड़ी देर में आ रही हूं नाश्ता करने।" - साइना बात टालने की कोशिश करते हुए बोली
"अच्छा ठीक है मैं जाती हूं और आप भी जल्दी आना।" - इतना बोल कर राइमा वहां से चली गई और उस के वहां से जाते ही साइना ने तकिए के नीचे छुपाई हुई वह डायरी फिर से निकाल ली और उस में लिखे हुए एक पन्ने को खोल कर पढ़ने लगी,
"अधूरी सी ये जिंदगी , ना जाने क्यों पूरी सी लगती है? ,बस इक तेरे आ जाने से!"
और वह लाइन पढ़ कर साइना की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह फिर से उदास हो जाती है , और उस डायरी मे लिखे लफ्ज़ों से शिकायत करते हुए कहती है - " ना जाने क्यों कुछ दिनों के लिए आए थे तुम मेरी जिंदगी में, जब छोड़ कर जाना ही था तो , कुछ दिनों के लिए तो पूरे हो गए थे हम लेकिन अब यह सारी उम्र का अधूरापन झेला नहीं जाता।"
"इसी तरह से उन बीती यादों को याद करने में, कब एक घंटा बीत गया साइना को पता ही नहीं चला वह उन यादों में इस कदर खो गई थी कि उस ने अपनी मां की आवाज भी नहीं सुनी, कुछ देर बाद जब आरव, साइना को नाश्ते के लिए बुलाने आया तो साइना ने मन नहीं है बोलकर उसे वापस भेज दिया और फिर घड़ी की तरफ देखा तो 11:00 बज चुके थे।"
साइना उठी और शॉपिंग पर जाने के लिए, बेमन से रेडी के लिए चली गई और फिर तैयार होकर नीचे पहुंची। उसे देख कर राइमा बोल पड़ी - "इट्स नॉट फेयर दीदी, आई नो आप की सगाई है लेकिन फिर भी आप मुझ से पहले रेडी कैसे हो गई शॉपिंग पर जाने के लिए; मुझे आप से ज्यादा एक्साइटमेंट है और हम दोनों को साथ में ही जाना है।"
"बस कर मिस नौटंकी, अभी टाइम है तू भी जा कर रेडी हो जा।" - साइना उस से बोली
"ठीक है, मैं बस 10 मिनट में रेडी होकर आई" - इतना बोल कर राइमा तैयार होने के लिए जाने लगी तभी आरव बोला - "10 मिनट में रेडी और यह, हा हा हा नाइस जोक!"
आरव की बात सुन कर साइना भी हंसने लगी और राइमा अपनी मां से शिकायत करते हुए बोली - "मां देखिए, इस आरव के बच्चे को, यह मेरा मजाक उड़ा रहा है।"
"सच ही तो बोल रहा हूं मैं , चार घंटा लगता है तुम्हें रेडी होने में..." - आरव बोला
"बस करो तुम दोनों अब, राइमा तु जा कर तैयार हो जा नहीं तो जा नही पाएगी अपने दी के साथ, शॉपिंग पर!" - राइमा की मां उस से बोली
"मां, आप भी... " - और इतना बोलकर वो पैर पटकती हुई वहां से चली गई।
शेखावत मैनसन;
"जल्दी कर संजू, नहीं तो लेट हो जाएंगे।" - संजना की मां अपनी साड़ी ठीक करते हुए उसे आवाज लगाती हुई बोली
"मैं रेडी हूं मां, चलिए चलते हैं।" संजना भी वहां पर आ गई और वह दोनों मां बेटी अपनी कार में आ कर बैठ गई ड्राइवर को साइना के घर चलने के लिए बोल दिया।
"पहले तो आप सिर्फ गाड़ी भिजवाने वाली थी ना , मां, फिर यह कब डिसाइड किया कि हम लोग ही साइना भाभी को लेने उन के घर चलेंगे।" - संजना ने कार में बैठे हुए अपनी मां से पूछा
"कुछ नहीं बस ऐसे ही, मैंने सोचा जा तो रहे ही है तो होने वाली बहू को ऐसे अकेले गाड़ी भेज कर बुलवाना ठीक नहीं रहेगा शायद..." - वीना जी ने संजना के सवाल का जवाब दिया
"अच्छा यह बात थी, ठीक ही सोचा वैसे आपने..." - संजना बोली और फिर एक घंटे बाद वह दोनों साइना के घर पहुंच गई और साइना और राइमा को अपने साथ ले कर वहां से शहर के एक बड़े से मॉल में आ गई।
राइमा और संजना तो आपस में बातें कर रही थी, लेकिन साइना चुपचाप कार की खिड़की के पास बैठी गाड़ी से बाहर ही देख रही थी वह शायद अभी भी अपनी अतीत की यादों में खोई हुई थी, तभी मॉल की पार्किंग एरिया में उन की कार रुकी और कार के रुकते ही एक-एक कर के साइना को छोड़ के बाकी तीनों ही कार से उतर गईं।
केवल साइना अभी भी पहले की ही तरह बैठी हुई थी, उसे शायद पता ही नहीं चला था कि कार रुक गई और वो लोग मॉल में पहुंच चुकी है।
राइमा ने जब उसे आवाज दी, तब उसे होश आया और वह इस तरह से चौंकी जैसे कि किसी गहरी सोच से बाहर आई हो।
"दी....दी.... कार में ही रहने का इरादा है क्या आप का?" - राइमा कार से उतर कर अंदर बैठी साइना को झांक कर देखती हुई बोली
"हां भाभी, हम लोग मॉल पहुंच गए।" - संजना भी साइना का ध्यान अपनी तरफ करती हुई बोली
संजना के भाभी बोलने पर साइना , राइमा और उस की मां तीनों ही उसे घूर कर देखने लगी तो संजना बात बदलते हुए बोली - "अरे मेरा मतलब है होने वाली भाभी, चलिए भी अब!"
और इतना बोल कर वह हंसने लगी, उसे हंसते देख कर राइमा भी हंसने लगी लेकिन साइना वैसे ही बुझे हुए मन उदास चेहरे के साथ बिना कुछ बोले कार से बाहर निकली और उन सभी के साथ चलने लगी।
उस के बाद वह चारों लेडीस, उस मॉल में बने एक बहुत बड़े लेडीस कपड़ों के डिज़ाइनर शोरूम में आ गई।
संजना और उस की मां वीना जी तो अक्सर इस शॉप में आती रहती थी लेकिन साइना और राइमा वहां पर पहली बार ही गई थी।
वो शोरूम बहुत ही ज्यादा बड़ा और सुंदर बना हुआ था, पूरे शोरूम में एक से एक सुंदर और डिजाइनर कपड़े थे, और कोनों में मैनिक्विंस पर भी डिजाइनर लहंगे और गाउन सजे हुए थे।
राइमा तो चारों तरफ से घूम घूम कर हैरानी से उस जगह को देख रही थी, लेकिन साइना को उस जगह में कोई भी दिलचस्पी नहीं थी वो एक चेयर पर चुपचाप बैठी हुई थी।
तभी संजना उस के बगल में बैठती हुई बोली - "आप को कौन सा कलर पसंद है?"
संजना का सवाल सुन कर साइना थोड़ी सोच में पड़ गई और एक आवाज उस के दिमाग में गूंजने लगी - "लाल रंग तुम पर बहुत अच्छा लगता है, हमेशा यही रंग पहना करो।"
इतना सोच कर साइना के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आ गई और वह बोली - "रेड कलर मेरा फेवरेट है।"
"ओह वाओ, रेड कलर तुम मुझे भी बहुत अच्छा लगता है और आप पर तो और भी अच्छा लगेगा।" - संजना भी खुश होते हुए बोली
तभी शॉप का मैनेजर अपने स्टाफ को उन सभी को अटेंड करने को बोलने लगा और खुद वीना जी के सामने आ कर बोला - "हेलो मिसेज शेखावत, आई एम ग्रेटफुल टू सी यू हेयर अगेन, हाउ कैन आई हेल्प यू?"
"हमारी होने वाली बहू के लिए यहां का सब से सुंदर लहंगा दिखाओ, 2 दिन बाद हमारे बेटे की सगाई है।" - वीना जी एकदम जोरदार आवाज में उस मैनेजर से बोली
और वह मैनेजर उन की बात सुन कर "ओके मैम" बोल कर वहां से चला गया और 3 - 4 से सेल्स गर्ल आकर कुछ गोल्डन और लाइट पिंक कलर के लंहगे उन सभी को दिखाने लगी।
तभी लहंगे के कलर देख कर संजना बोल पड़ी - "यह सब कलर रहने दो, मेरी होने वाली भाभी को तो रेड कलर पसंद है, उस कलर में ही दिखाईए कुछ..."
"लेकिन यह सारे भी तो इतने अच्छे कलर और डिजाइन है, एक बार देख लो ना दी." राइमा बोली
"हां, अच्छे तो हैं, यह सारे भी..." - साइना एक सरसरी नज़र उन सभी लंहगों पर डालती हुई बोली
"तुम्हें पसंद है बेटा इन में से कोई , तो तुम अपने पहनने के लिए ले लो हमारी तरफ से तोहफा समझ कर! " - वीना जी राइमा से बोली
"अरे नहीं आंटी, मुझे नहीं चाहिए मैं तो दी के लिए ही बोल रही थी।" - राइमा मना करते हुए बोली
"अरे नहीं बेटा, शरमाओ नहीं कोई फॉर्मेलिटी नहीं अदा करनी है यहां पर, तुम भी तो मेरे लिए मेरी संजना जैसी हो, अच्छा ठीक है पहले अपनी दी के लिए फाइनल कर लो फिर तुम दोनों अपने लिए भी देख लेना" - वीना जी बोली
"नहीं , उस की कोई जरूरत नहीं.... राइमा बोल ही रही थी कि संजना बीच में बोल पड़ी -"डोंट बी सो शाय, अब मॉम इतना इंसिस्ट कर रही है तो ले लेना यार!"
"ओके आंटी, लेकिन पहले दी का सेलेक्ट हो जाए, फिर देखते हैं!" - राइमा उस वक्त बात को टालने के लिए बोली
क्रमशः
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"हां, राइमा बेटा , साइना के लिए ही सेलेक्ट करेंगे पहले।" वीना जी मुस्कुराते हुए बोली और फिर सेल्स गर्ल से बोली – "यह सारे कलर हटाओ और रेड कलर में ही दिखाओ।"
"तुम्हे रेड कलर ही चाहिए न बेटा?" - वीना जी साइना की तरफ देख कर उससे पूछते हुए बोली
"नहीं, कोई जरूरी भी नहीं है, ये भी अच्छे हैं।" - साइना बोली
थोड़ी देर काफी सारे डिजाइनर लहंगे देखने के बाद उन तीनो लड़कियों को साइना की सगाई में पहनने के लिए, रेड और गोल्डन कलर का एक लहंगा पसंद आता है, वीना जी को भी वो लहंगा अच्छा लगता है और साइना के लिये वो लहंगा फाइनल कर लिया जाता है।
सेल्स गर्ल साइना से कहती है कि वो लहंगा ट्राई कर ले तो फिर फिटिंग हो जाएगी और अगर कोई और इश्यू होगा तो वो भी ठीक हो जाएगा।
"ओके भाभी! आप ट्रायल रूम में जा कर ट्राई कर लो, ये लहंगा तब तक मैं और राइमा अपने लिए कुछ देखते हैं।" - संजना साइना की तरफ देखते हुए बोली
संजना की बात सुन कर राइमा बोल पड़ी –" तुम देखो अपने लिए संजू, मैं दी के साथ ही जाती हूं , उन्हें अगर कोई हेल्प चाहिए तो कोई तो होना चाहिए ना उन के साथ..."
"वो सेल्स गर्ल हैं ना इतनी सारी यहां पर, उन में से कोई चली जाएगी तुम्हारी दी के साथ, तुम अब ज्यादा नाटक मत करो, मॉम ने बोला है ना कि तुम भी एक ड्रेस ले लो, तो चलो अब देखो मेरे साथ ही अपने लिए भी" – संजना राइमा को जाने से रोकते हुए बोली
उन दोनों की बात सुन कर साइना बात संभालते हुए बोली – "कोई बात नहीं राइमा , मैं मैनेज कर लूंगी तू यहीं रुक जा संजना के साथ!"
और इतना बोल कर साइना वहां से चेंजिंग रूम की तरफ चली गई और संजना के बोलने पर एक सेल्स गर्ल भी साइना के साथ गई।
वीना जी वही बैठी कुछ साड़ियां देख रही थी, मेहमानों को तोहफे में देने के लिए....
संजना और राइमा अपने लिए कई सारी ड्रेस, गाउन और लहंगा देख रही थी, लेकिन उन दोनों को ही कुछ समझ नहीं आ रहा था। उन दोनों लड़कियों ने और दिखाओ , यह कलर , वह डिजाइन यह सब बोल बोल कर पूरे स्टाफ को परेशान कर लिया और फिर उस के काफी देर के बाद राइमा और संजना को भी अपने लिए एक एक ड्रेस पसंद आ जाती है।
वीना जी को बता कर वह दोनों भी अपनी-अपनी ड्रेस पहन कर देखने के लिए ट्रायल रूम की तरफ चली जाती हैं।
तब तक वीना जी साइना के लिए अपनी पसंद का पिंक कलर का एक गाउन भी पैक करवा लेती हैं, एक्सट्रा में!
उधर साइना अभी तक चेंजिंग रूम के अंदर अपना लहंगा पकड़ कर बैठी रहती है और किसी गहरी सोच में डूबी रहती है तभी उस का मोबाइल फोन रिंग होता है, और साइना मोबाइल फोन की आवाज सुन कर एकदम से गहरी सोच से बाहर आती है इधर उधर चारों तरफ अपना मोबाइल फोन ढूंढने लगती है।
तभी साइना का ध्यान अपने पर्स की तरफ जाता है और उसे याद आता है कि वह तो ट्रायल रूम में है और अपना फोन पर्स से निकालकर चेक करती है तो उस की बेस्ट फ्रेंड श्रेया का काॅल होता है, वो काॅल रिसीव करती है और बोलती है - "हां बोल यार, श्रेया!"
श्रेया - "कहां है यार तू साइना? घर पर ही है क्या?"
साइना - "नहीं यार! घर पर तो नहीं हूं; क्या हुआ?"
श्रेया - "कुछ नहीं हुआ, बस तेरे घर के पास तक आई थी काम से, तो सोचा कॉल करके पूछ लूं , तू घर पर हो तो आ जाती थोड़ी देर मिलने; वैसे तू है कहां?"
साइना - "मैं बस यहां "वी मॉल" तक आई हूं, इंगेजमेंट की शॉपिंग करने!"
श्रेया - "किस के साथ?"
साइना - "राइमा, संजना और वीना आंटी के साथ;"
श्रेया - "कौन संजना और कौन वीना आंटी?"
साइना - "अरे यार! मेरे होने वाले इन लॉस और कौन; उन के साथ ही तो आई हूं यहां "वी माॅल" इंगेजमेंट के लिए लहंगे की शॉपिंग करने, मेरा तो बिल्कुल मन नहीं था यार इन लोगों ने ही इंसिस्ट किया फिर मां ने भी बोला तो आना पड़ा!"
श्रेया - "वाओ यार, इतनी लकी है तु, इतने बड़े मॉल के शोरूम से इंगेजमेंट के लिए शॉपिंग करवा रहे हैं, तेरे ससुराल वाले, तो सोच शादी के लिए तो मुंबई से डिज़ाइनर बुलवाएंगे।"
साइना - "बस कर यार! इतनी भी ज्यादा एक्साइटेड ना हो तुझे पता है मुझे इन सब चीजों में इतना ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है और वैसे भी जब शादी अपनी पसंद से नहीं हो रही तो उस में पहनने वाले कपड़े अपनी पसंद के हो या ना हो क्या फर्क पड़ता है?"
श्रेया - "यार तू हमेशा से ही ऐसी सैड होने वाली बातें क्यों करती है, थोड़ा अच्छा सोचा कर अपने लिए तो अच्छा होगा! वैसे मैं ज्यादा डिस्टर्ब तो नहीं कर रही ना तुझे? तेरे ससुराल वाले तेरे साथ ही होंगे ना चल रखती हूं, फोन नहीं तो बोलेंगे कि इतनी देर से फोन पर ही बिजी है उन की होने वाली बहू!"
साइना - "अरे नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं सोचेगा कोई क्योंकि मैं अभी ट्रायल रूम में हूं और यहां पर कोई भी नहीं है।"
श्रेया - "इस का मतलब लहंगा सेलेक्ट कर लिया है तुने, ट्राई किया फिटिंग सही है किस कलर का है फोटो भेज मुझे अभी नहीं तो मैं वीडियो कॉल करती हूं।"
साइना - "ट्राई नहीं किया अभी तक तो, वैसे रेड कलर का है, रुक जा 2 मिनट पहन लेती हूं फिर वीडियो कॉल करना।"
श्रेया - "तुझे तो रेड कलर वैसे ही पसंद है ना!"
साइना - "मुझे भी पसंद है और उसे भी पसंद था...."इतना बोलने से ही साइना की आवाज में उदासी साफ सुनाई देने लगती है तभी श्रेया बात बदलने के लिए बोल पड़ती है - "अच्छा ठीक है, जल्दी से पहन मुझे भी देखना है लहंगा , मैं वीडियो कॉल करती हूं, 2 मिनट में ! ओके "
साइना - हम्म्म ओके! और इतना बोल कर काॅल डिस्कनेक्ट कर के साइना लंहगा पहन कर शीशे में खुद को देखने लगती है, तभी उस के मोबाइल पर श्रेया का वीडियो कॉल आ जाता है और वह उसे रिसीव करके अपना लहंगा श्रेया को दिखाने लगती है।
"ओह वाओ! इट्स सो प्रिटी" - श्रेया वीडियो कॉल पर लंहगा देख कर बोलती है।
लहंगा सच में बहुत ज्यादा ही सुंदर था , साथ ही फिटिंग भी सही थी और तभी बाहर खड़ी सेल्स गर्ल ने साइना का डोर नाॅक करके पूछा - "हेलो मैम ! सब कुछ ठीक तो है ना? कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना!"
"हां, सब ठीक है, फीटिंग भी ठीक है, तुम जा सकती हो मैं बस आती हूं।" - साइना ने जवाब दिया
"क्या हुआ यार! कोई बुला रहा है क्या?"- श्रेया ने वीडियो कॉल पर ही पूछा
"नहीं यार! काफी देर से ट्रायल रूम में हूं ना, तो स्टाफ की एक लड़की पूछ रही थी कि कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना, अच्छा अब बाय बाद में बात करती हूं घर जा कर !" साइना ने श्रेया से कहा
"ओके बाय, वैसे लंहगा बहुत मस्त है तेरा" और इतना बोल कर श्रेया ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी
श्रेया से बात कर ने के बाद साइना ने भी अपना मोबाइल अपने पर्स में रखा और जल्दी से चेंज करके अपने कपड़े पहन कर , ट्रायल रूम से वापस शोरूम में डेस्क के पास आ गई।
उसे देख कर वीना जी उस से पूछने लगी कि फिटिंग और बाकी सब ठीक था ना लंहगे में?
उन का सवाल सुन कर साइना ने बिना कुछ बोले सिर्फ सिर हिला कर हां में जवाब दिया और फिर वीना जी बोली - "ठीक है, फिर पैक करवा लेती हूं।"
"ओके" बोल कर अपनी नज़र इधर उधर घूमा कर राइमा और संजना को ढूंढने लगी लेकिन जब वह दोनों ही उसे वहां कहीं नहीं दिखी तो उस ने वीना जी से पूछ ही लिया - "राइमा और संजना कहां है? दिखाई नहीं दे रही दोनों!"
"वह दोनों भी ट्रायल रूम में गई हैं, अपने लिए सेलेक्ट की हुई ड्रेस ट्राई करने, पता नहीं तुम लड़कियों को इतनी देर कैसे लगती है हर चीज़ में..." - वीना जी बोली उन का इशारा साइना की तरफ भी था क्योंकि वह भी काफी देर में निकल कर आई थी चेंजिंग रूम से!
उन की इस बात पर साइना पूरी तरह से झेंप गई और कुछ भी नहीं बोली, कुछ देर बाद संजना और राइमा की अपनी अपनी ड्रेस लेकर कैश काउंटर के पास आ गई और फिर वीना जी सभी की ड्रेस, साइना का लहंगा और जो साड़ियां उन्होंने खरीदी थी उन सब का बिल बनवाने लगी और फिर साइना और राइमा का सामान अलग पैक करवा के उन्होंने उन को ही दे दिया।
सगाई की शॉपिंग करने के बाद वीना जी , साइना और राइमा को उन के घर छोड़ते हुए अपने घर लौट आती हैं।
घर पहुंचते ही राइमा हॉल में पड़े सोफे पर पैर फैला कर बैठ जाती है और अपनी मां को आवाज लगाती है , साइना भी वही बैठ जाती है।
राइमा की आवाज सुन कर उस की मां रोहिणी जी किचन से निकल कर हॉल में आती है और उन दोनों को देख कर कहती हैं - "आ गई तुम दोनों वापस, क्या हुआ राइमा ऐसे क्यों आवाज लगा रही थी तु?"
"एक ग्लास पानी दे दो मम्मा; बहुत ज्यादा थक गई हूं मैं तो" - राइमा अपनी मां से बोली
"अच्छा ठीक है लाती हूं।" इतना बोल कर रोहिणी जी वापिस किचन में चली गई और फिर अपनी दोनों बेटियों के लिए दो ग्लास पानी ले कर आई और उन दोनों के साथ ही हॉल में सोफे पर बैठ गई और बोली - "मुझे भी तो दिखाओ जरा, क्या-क्या दिलाया तेरी होने वाली सास ने तुझे!"
इतना सुन कर राइमा बोल पड़ी -"सिर्फ दी को ही नहीं मुझे भी दिलाया है, यह देखो मां " और इतना बोल कर वह लाए हुए सारे कपड़े अपनी मां को दिखाने लगी।
"तूने क्यों ले लिया राइमा, मना कर देती ना तू!" - रोहिणी जी ने कहा
"बहुत बार मना किया था मां , राइमा ने और मैंने भी, लेकिन फिर उन्होंने बहुत इंसिस्ट किया तो ज्यादा मना करते अच्छा नहीं लगा।" - साइना बोली
"और मां, वैसे भी वीना आंटी ने गिफ्ट कह कर दिया है और गिफ्ट के लिए तो मना नहीं करते ना" - राइमा बोली
"अच्छा ठीक है, फिर तो..." रोहिणी जी ने कहा और फिर अपनी दोनों बेटियों के साथ मिल कर उन के लाए हुए सारे कपड़े देखने लगी।
उधर दूसरी तरफ अब तक संजना और वीना जी भी अपने घर पहुंचने वाली होती हैं।
अब तक राजवीर भी ऑफिस से घर लौट आता है , असल में आज उसकी कोई भी जरूरी मीटिंग नहीं थी, वो तो राजवीर ने बस शॉपिंग पर जाने से बचने के लिए बहाना बनाया था।
इसलिए जैसे ही उस की मां और बहन शॉपिंग से वापिस लौटकर घर आई , और राजवीर ने उन की कार की आवाज सुनी वो जल्दी से अपने कमरे में चला गया , नहीं तो अगर उस की मां को पता चल जाता कि वह इतनी जल्दी ऑफिस से घर आ गया और फिर भी शॉपिंग के लिए उन के साथ नही गया तो फिर तो राजवीर की खैर नहीं !
संजना और वीना जी भी हाॅल में बैठ कर, एक दूसरे के साथ सभी सामान देखने लगी और दिन भर की हुई शॉपिंग की बातें भी मां बेटी आपस में डिस्कस करने लगी।
अपने कमरे में जाकर राजवीर भी कुछ सोचने लगा और एकदम अचानक से सोचते सोचते उदास हो गया, खुद से बातें करते हुए वो बोला - "क्या मैं सही कर रहा हूं, यह सगाई करके और यह शादी कर के! जबकि मैं यह सब करना नहीं चाहता, कहीं मैं गलत तो नहीं कर रहा हूं ना ; उस लड़की के साथ जो शादी के ना जाने कितने अरमान सजा कर इस घर में आएगी मेरी पत्नी बन कर, क्या मैं उसे कभी स्वीकार कर पाऊंगा पूरे मन से? कहीं मैं अपने परिवार वालों के साथ ही धोखा तो नहीं कर रहा?"
"लेकिन यह सब कुछ मैं अपने परिवार वालों के कहने पर ही तो कर रहा हूं, सिर्फ उन की खुशी के लिए, क्योंकि मेरे साथ जो कुछ भी हुआ 5 साल पहले वह सब भूल कर मैं कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता और किसी भी मैं रिश्ते को अपना नहीं सकता लाइफ में!"
राजवीर यह सब कुछ सोचते हुए अपनी अतीत की यादों में चला गया था और जो कुछ भी उस के साथ हुआ उन सब को याद करने लगा । उस के अतीत की वह सभी अच्छ बुरी यादें उस की आंखों के सामने घूमने लगी और उन्हें याद करते करते राजवीर भी ना जाने कब पूरी तरह से उन्ही यादों में डूब गया, राजवीर के हाव भाव देख कर साफ पता चल रहा था कि उस की सभी यादें बहुत ही कड़वी और दर्द भरी हैं जो कि उसे सिवाय दर्द और तकलीफ के कुछ नहीं देती, लेकिन फिर भी उन यादों को भूल कर आगे बढ़ जाना इतना आसान नहीं होता है किसी के लिए;
क्रमशः
6
राजवीर अपने अतीत की यादों में और गहराई से डूबता ही चला जा रहा था, जितना ज्यादा वह उस बारे में सोच रहा था, उतना ही ज्यादा वह दुखी होता जा रहा था लेकिन तभी अचानक उस का मोबाइल फोन रिंग हुआ और वह अपने मोबाइल की रिंगटोन की आवाज सुन कर वो अपनी उस सोच से बाहर आया और अपना मोबाइल फोन ढूंढने लगा।
मोबाइल फोन की स्क्रीन पर जब राजवीर ने देखा तो उसक्षके भाई आर्यन का वीडियो कॉल था; अपने भाई आर्यन की वीडियो कॉल देख कर राजवीर का मूड थोड़ा चेंज हो गया, उसे शायद इस वक्त किसी अपने से बात करने की सबज्ञसे ज्यादा जरूरत थी, कोई ऐसा जो राजवीर का दुख बांट सके और उसे समझा सके!
इस हिसाब से आर्यन का वीडियो कॉल एकदम सही समय पर आया था, राजवीर ने खुद को थोड़ा संभाला और फिर कॉल रिसीव किया और सामने स्क्रीन पर उसे उसका छोटा भाई आर्यन दिखाई देने लगा।
राजवीर को देखते ही आर्यन बोला - "हे भाई! कैसे हो आप?"
"कैसा दिख रहा हूं?" - राजवीर बोला
"हमेशा की तरह एकदम हैंडसम और डैशिंग लेकिन मुझ से थोड़ा सा कम।" - और इतना बोल कर आर्यन हंसने लगा।
"हां.... हां पता है, तू हर बार यही बोलता है, वैसे ये बता की तेरी पैकिंग हो गई और फ्लाइट कितने बजे की हैं तेरी?" – राजवीर ने आर्यन से पूछा
"एक्चुअली भाई; वो मैने आप को यही बताने के लिए कॉल किया था कि मैं आप की इंगेजमेंट के लिए नहीं आ रहा हूं, सॉरी भाई!" - आर्यन थोड़ा गंभीर होते हुए बोला
"व्हाट! क्या मतलब है कि नहीं आ रहा है तू और क्यों?" - राजवीर एकदम से परेशान होते हुए बोला
"हां भाई , नही आ पाऊंगा मैं, कुछ इंपोर्टेंट असाइनमेंट हैं मेरे दो दिन बाद ही इसलिए , मन तो मेरा भी बहुत था आने का लेकिन अब..." - आर्यन बोल ही रहा था कि राजवीर उस की बात बीच में काटते हुए बोला - "अब... तब... कुछ नहीं सुनूंगा मैं, तू आ रहा है बस, नहीं तो मुझे ये इंगेजमेंट भी नही करनी।"
"अरे भाई , आप मेरी बात तो सुनो!" – आर्यन बोला
"तुझे पहले से पता था ना 22 को मेरी इंगेजमेंट है तो फिर तू अब अचानक आने से मना कैसे कर सकता है, आर्यन!" राजवीर खासा परेशान होते हुए बोला
"हां , मुझे पहले से पता था लेकिन मैंने घर में सब को पहले ही बोल दिया था कि मैं नहीं आ पाऊंगा, इंगेजमेंट के लिए; सिर्फ आप को ही बताना रह गया था, मुझे पता था आप ऐसे ही कुछ रिएक्ट करोगे।" - आर्यन राजवीर को समझाने की कोशिश करते हुए बोला
"क्या मतलब है तेरा कि सब को पता था और जब उन्हें पता था तो इंगेजमेंट की डेट आगे क्यों नहीं बढ़ाई गई?" - राजवीर गुस्से में बोला
"भाई! आप गुस्सा मत करो, मेरी बेस्ट विशेस है ना आप के साथ हमेशा ही और मैं दिल से तो हमेशा ही आप के साथ हूं ना..." आर्यन राजवीर को तसल्ली देते हुए बोला
"चुप कर तू, सब को पता था मतलब किस को किस को पता था इतना बता बस मुझे तु, मैं बात करता हूं मॉम डैड से अभी, एक तो मुझे वैसे भी शादी नहीं करनी थी और अब जब कर रहा हूं, तो तू तो होना ही चाहिए कम से कम।" - राजवीर बोला
"हां, तो शादी पर तो आ रहा हूं ना, मैं हमेशा के लिए क्योंकि तब तक मेरे एग्जाम्स भी हो जाएंगे और फिर मैं भी वहीं रह कर आप के और डैड के साथ ऑफिस ज्वाइन कर लूंगा काम सीखने के लिए।" - आर्यन बोला
"हां, तो बड़ा एहसान करेगा क्या शादी पर आ कर, सगाई पर तो आ नहीं रहा तू रहने दे मुझे सगाई ही नहीं करनी और ना ही तुझ से बात करनी है।" - इतना बोल कर राजवीर नाराज हो कर आर्यन की वीडियो कॉल कट कर देता है।
आर्यन दोबारा राजवीर को वीडियो कॉल करता है लेकिन राजीव रिसीव नहीं करता और अपना फोन रूम में ही छोड़ कर गुस्से में मॉम मॉम चिल्लाते हुए हॉल की तरफ चला जाता है; राजवीर की आवाज सुन कर उसकी मां और संजना दोनों ही अपने कमरे से निकलकर हॉल में आ जाती है और वीना जी राजवीर से पूछती हैं - "क्या हुआ बेटा? तु ऐसे क्यों चिल्ला रहा है और तू ऑफिस से घर कब आया?"
"बस अभी, लेकिन आप वह सब छोड़िए और यह बताइए कि जब आर्यन ने आप लोगों को बताया कि वह सगाई की तारीख पर इंडिया आ नहीं सकता, तो आप लोगों ने फिर भी सगाई की वही डेट क्यों फिक्स की?" - राजवीर ने हल्के गुस्से में अपनी मां से पूछा
"अरे बेटा, सगाई की डेट तो पहले ही फिक्स हो गई थी ना और आर्यन के असाइनमेंट की डेट बाद में आई और अभी एक हफ्ते पहले ही उस ने हमें बताया कि वह नहीं आ पाएगा, तो फिर हम ने सोचा कि इंगेजमेंट तो उस के बिना भी हो सकती है, वैसे भी तेरी इंगेजमेंट है आर्यन की नहीं!" - राजवीर की मां उसे समझाते हुए बोली
"मुझे भी पता है मॉम कि मेरी इंगेजमेंट है आर्यन कि नहीं, लेकिन फिर भी आर्यन के बिना मुझे यह इंगेजमेंट नहीं करनी, बस फाइनल!" - राजवीर गुस्से में अपना फैसला सुनाते हुए बोला
"कैसी बच्चों जैसी बातें कर रहा है तू बेटा, ऐसी छोटी-छोटी बातों पर सगाई / शादियां कैंसिल नहीं होती, समझा कर तु!" - राजवीर की मां उसे समझाते हुए बोली
"अरे भैया! तो क्या हुआ अगर आर्यन भैया यहां पर नहीं है, मैं और मॉम डैड तो है ना बाकी के रिलेटिव्स भी आ जाएंगे, इंगेजमेंट वाले दिन..." - संजना मुस्कुराते हुए बोली
"हां मुझे पता है, बाकी सब है लेकिन फिर भी आप लोगों ने मुझे यह बात पहले क्यों नहीं बताया कि आर्यन नहीं आ रहा है मेरी इंगेजमेंट के लिए अगर पहले बता दे तो शायद मैं कुछ इंतजाम कर पाता!" - राजवीर हताश होते हुए बोला
"हां पता है, मुझे बहुत प्यार करता है तू अपने भाई से लेकिन फिर भी क्या कर लेता तू उस के कॉलेज असाइनमेंट की डेट तो नहीं बदलवा देता ना तु, अब बस कर अपना ड्रामा वीडियो कॉल कर लेना तु आर्यन से पूरे दिन। " - वीना जी बोली
"आप लोग नहीं समझते मुझे जितना आर्यन समझता है उस के रहने से मुझे मेंटल सपोर्ट मिलता है बहुत ज्यादा..." - राजवीर बोला
"हां, सिर्फ तेरा भाई ही तो एक सगा है तेरा, बाकी हम सब तो ऐसे ही हैं ना, अच्छा अब चल संजना और भी काफी सारे काम है हमें, तेरे भाई की शिकायतें सुनने के अलावा।" - इतना बोल कर वीना जी संजना को ले कर वहां से चली गई और फिर राजवीर भी वहां से वापस अपने कमरे में आ गया।
अगले दिन,
साइना की मां और बहन दोनों ही बाजार गई हुई हैं, कल होने वाले सगाई के फंक्शन के लिए सामान खरीदने,
साइना के पापा ऑफिस गए हुए हैं और साइना अपने भाई आरव, के साथ घर पर ही है और घर का सभी काम समेटने के बाद वह वहां पर बैठी ही थी कि तभी उस के दरवाजे की डोर बेल बजी और साइना को लगा कि उसकी मां और राइमा बाजार से वापस आ गई होगी लेकिन वह बहुत ज्यादा थक गई होती है इसलिए आवाज देक्षकर आरव से दरवाजा खोल ने को कहती है।
आरव उठ कर दरवाजा खोलता है।
साइना आवाज दे कर पूछती है कि कौन है दरवाजे पर?
"श्रेया दी हैं साइना दी ! " आरव साइना को बताता है जब तक श्रेया खुद ही साइना के सामने आ जाती है और उसे आराम से सोफे पर पैर पसारे बैठा देखकर हैरानी से बोलती है - "यह देखो, होने वाली दुल्हन को इतने आराम से पैर पसारे बैठी हैं, कोई देख कर कहेगा ही नहीं कि कल इन की सगाई है।"
"हो गया तेरा ड्रामा, आराम से नहीं बैठूं तो क्या नाचूं?" - साइना , श्रेया की बात सुन कर मुंह बनाते हुए बोली
"जरा सी भी एक्साइटमेंट नहीं है ना तुझे अपनी सगाई की और यहां मेरे तो पैर ही जमीन पर नहीं पड़ रहे, यह सोच कर कि मेरी बेस्ट फ्रेंड की इंगेजमेंट है, कल इतना बड़ा दिन है तेरे लिए थोड़ा सा खुश होने की एक्टिंग ही कर ले यार!" - श्रेया उस के पास सोफे पर बैठती हुई बोली
आरव उन दोनों की बातें सुन कर वहां से उठ कर अपने कमरे में जा कर पढ़ाई करने लगा।
"सगाई करने की एक्टिंग कर तो रही हूं ना , घरवालों की खुशी के लिए अब खुश रहने की झूठी एक्टिंग नहीं हो पाएगी मुझ से प्लीज यार रहने दे तू..." - साइना बोली
"यार तू ना हर बात में दुखी होने का कोई ना कोई बहाना पता नहीं, कैसे ढूंढ लेती है; अच्छा छोड़ यह सब बातें चल मुझे अपना लहंगा दिखा जो तेरी होने वाली सास ने दिलाया है तुझे..." - श्रेया एक्साइटिड होते हुए बोली
"देखा तो था तूने कल वीडियो कॉल पर, अब फिर से देखने पर अलग थोड़ी ना दिखेगा, और वैसे भी मैं बहुत थक गई हूं मैं नहीं जा रही हूं ऊपर कमरे तक" - साइना उकता कर बोली
"बहुत अलग दिखता है वीडियो कॉल और फोटोस से, रियल में देखने पर, चल अब दिखा चल कर, मैं अपने घर से सिर्फ तेरा लहंगा देखने आई हूं और तुझे कमरे तक चलने में आलस आ रहा है।" श्रेया उसे घसीट कर सोफे से उठाती हुई बोली
"अच्छा ठीक है चलती हूं, तू बिना देखे मानेगी कहां?" - इतना बोलते हुए साइना सोफे पर से उठ कर श्रेया के साथ चलने लगी।
"अच्छा यह तो बता कि कितने का है तेरा इंगेजमेंट का लहंगा, इतने बड़े डिजाइनर शोरूम से ले कर दिया है तेरे ससुराल वालों ने..." - श्रेया एक्साइटेड होते हुए बोली
"प्राइज नहीं पता मुझे, आंटी ने पे किया था, मैंने भी पूछा नहीं अच्छा नहीं लगता यार और तु तो ऐसे एक्साइटेड हो रही है जैसे कि तेरी इंगेजमेंट हो।" - साइना ने कहा
"अपनी बलि चढ़ने पर , कौन खुश होता है , यार मजा तो दोस्त को हलाल होते हुए देखने में ही आता है और तेरी हो या मेरी एक ही बात है तू मेरे में इंजॉय कर लेना अभी मेरा टाइम है मुझे इंजॉय करने दे।" - श्रेया बोली
जब तक वह दोनों रूम में पहुंच गई और फिर साइना ने अपनी अलमारी से वह लहंगा निकाल कर श्रेया को दिखाया और श्रेया लहंगा देख कर बोली - " सो प्रीटी यार, रेड कलर तो तूने ही पसंद किया होगा, आई नो तुझे बहुत पसंद है लेकिन डिजाइन भी बहुत अच्छा है, तुझ पर बहुत अच्छा लगेगा।"
श्रेया सारा सामान देख कर खुश और एक्साइटेड हो कर सभी चीज़ों की तारीफ कर रही थी और उन सब में साइना को इमेजिन भी कर रही थी कि वह कल रेडी होने पर कितनी अच्छी लगेगी, लेकिन साइना एकदम उदासीन बिना भाव का चेहरा बनाएं श्रेया के साथ बैठी थी और उस की हर बात का जवाब हां और हम्म्म में ही दे रही थी।
शेखावत मेंशन में,
कल जब बात करने के बाद राजवीर ने गुस्से में आर्यन की वीडियो कॉल कट कर दी थी, तब से लेकर आज तक आर्यन 10 20 बार राजवीर को कॉल कर चुका है लेकिन राजवीर उस से नाराज है इसलिए उस ने एक बार भी उस की कॉल रिसीव नहीं की।
आखिरकार शाम को ऑफिस से घर आने के बाद, राजवीर आर्यन की कॉल रिसीव कर लेता है और वैसे ही गुस्से में बोलता है - "क्या है तुझे क्यों बार-बार कॉल कर रहा है तु, मुझे भी काम रहता है फालतू नहीं रहता कि सारा दिन बात करूं तुझ से?"
"आप अभी तक मुझ से गुस्सा हो भाई, आई एम सो सॉरी ना वह भी कान पकड़ कर।" - आर्यन क्यूट आवाज में बोला
"तुझे क्या फर्क पड़ता है मैं नाराज रहूं या नहीं, तू कौन सा आ कर मुझे मनाने वाला है।" - राजवीर अभी भी नाराज़गी में बोला
"अगर फर्क नहीं पड़ता होता तो कल से ले कर आज तक 50 कॉल नहीं किए होते मैंने, वह भी तब, जब की मैं जानता था कि आप रिसीव नहीं करने वाले।" - आर्यन ने कहा
"कर तो लिया रिसीव।" - राजवीर बोला
"इस का मतलब यह हुआ कि अब आप मुझ से नाराज़ नहीं हो, नहीं हो ना भाई नाराज़? " आर्यन ने पूछा
"अच्छा ठीक है नहीं हूं नाराज़, सगाई भी कर लूंगा तेरे बिना ही।" - राजवीर बोला
"हां, वह तो होनी ही थी, आखिर होने वाली भाभी इतनी सुंदर जो है, मना कहा कर पाओगे आप..." आर्यन उस की टांग खींचते हुए बोला
"हां तो , तेरा भाई क्या कम हैंडसम है।" - राजवीर बोला
"हां मुझ से और भाभी से तो कम ही।" - और इतना बोल कर आर्यन हंसने लगा
"ज्यादा ना बोल होने वाली भाभी के देवर, नहीं तो तेरी खैर नहीं..." - राजवीर उसे डांटते हुए बोला
"अरे नहीं भाई ! मैं तो आप की ही तरफ हूं, लेकिन होने वाली भाभी हैं बहुत सुंदर सच में, मैंने तो फोटो ही देखी है बस अभी तक, आपने तो रियल में देखा होगा बताओ कैसी लगी आप को?" - आर्यन ने उस से पूछा
"ठीक ही है, तू जानता है मेरे लिए चेहरे की सुंदरता मायने नहीं रखती और वैसे भी मुझे शादी करनी ही नहीं थी; वह तो बस मम्मी पापा की जिद की वजह से करनी पड़ रही है, मेरा बस चलता तो मैं कभी शादी ही ना करता।" - और इतना बोलते बोलते राजवीर की आवाज उदास होने लगी उसे उदास सुनकर आर्यन बोला - "डोंट बी सैड भाई, आप अभी तक वही क्यों अटके हो, आगे सब अच्छा होगा आप के साथ देखना आप! "
"पता नहीं! ओके बाय तू अपना असाइनमेंट कंप्लीट कर बाद में बात करता हूं!" - और इतना बोल कर राजवीर ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
क्रमशः
[तो कैसा लगा आप सब को आज का एपिसोड, हमारी साइना और श्रेया की बेस्ट फ्रेंडशिप और आर्यन राजवीर का भाइयों वाला प्यार और हंसी मजाक, सबसे बेस्ट कैरेक्टर का लगा आप लोगों को अब तक और आपका फेवरेट कौन है इन सब में से जल्दी जल्दी कमेंट करिए और बताइए कैसी लग रही है पूरी स्टोरी ओवरऑल आप सब को उससे हमें आगे स्टोरी को और बेहतर करने में मदद मिलती है। 🥰]
7
सगाई का दिन;
साइना की सगाई शहर के एक बड़े गेस्ट हाउस से हो रही थी, क्योंकि मेहमानों की संख्या काफी ज्यादा थी, दोनों तरफ के मिला कर , और साइना का घर छोटा था सगाई की रस्म के लिए, रिवाज के अनुसार लड़के के घर से सगाई की रस्म नहीं हो सकती।
गेस्ट हाउस के एक कमरे में साइना शीशे के सामने उदास बैठी थी, नॉर्मल कपड़ों में ही;
उस की मां कमरे के अंदर आती है और उसे अभी तक वैसे ही बैठा देख कर बोलती है - "अरे! अब तक के कपड़े भी नहीं बदले तूने, जल्दी कर बेटा! वह लोग आते ही होंगे, तेरे हेयर मेकअप में भी तो काफी टाइम लगना है ना; ऐसे अकेले ही बैठी है तू कमरे में , राइमा और श्रेया कहां हैं?"
"पता नही कहां हैं वो दोनों?"- साइना धीरे से बोली
"अच्छा ठीक है, मैं देखती हूं और भेजती हूं उन दोनों को...जब तक तु कपड़े बदल ले।" - और इतना बोल कर साइना की मां रोहिणी जी वहां से चली गई।
थोड़ी देर के बाद राइमा और श्रेया दोनों ही साइना के कमरे में आ गई और तैयार होने में उस की मदद करने लगी, साइना ने अब तक लहंगा पहन लिया था।
उस ने अभी बिल्कुल भी मेकअप नहीं किया था , लेकिन फिर भी वह रेड कलर का लहंगा , साइना पर बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन साइना उदास से चेहरे के साथ अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी।
राइमा, साइना के बाल बना रही थी, तो श्रेया उस का फेस मेकअप कर रही थी और साइना के सामने खड़ी थी और उस की नजर भी साइना के चेहरे पर पढ़ रही थी इसलिए श्रेया समझ गई थी कि साइना बिल्कुल भी खुश नहीं है आज, अपनी होने वाली सगाई से।
श्रेया को कहीं ना कहीं साइना के उदास होने का कारण भी पता था, लेकिन वो राइमा के सामने साइना से उस बारे में बात नहीं करना चाहती थी और श्रेया मन ही मन सोच रही थी कि साइना को वो कैसे समझाएं, कि साइना बहुत बड़ी बेवकूफी कर रही है अपने अतीत की वजह से अपना भविष्य खराब कर लेगी यह लड़की, पागल है बिल्कुल!
थोड़ी देर बाद साइना की मां ने राइमा को आवाज लगाई।
श्रेया उस से बोली - "तू जा राइमा, देख तुझे आंटी बुला रही है, यहां मैं देख लूंगी, बाकी सब हेयर मेकअप साइना का..."
"ओके श्रेया दी, मेरी जरूरत हो तो बुला लेना।" - इतना बोल कर राइमा उन के कमरे से बाहर चली गई और राइमा के कमरे से बाहर जाते ही श्रेया ने जल्दी से कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और साइना के सामने खड़े होते हुए बोली - "क्या हुआ है तुझ को , बोल जल्दी से... बता मुझे!"
"कुछ भी तो नहीं हुआ मुझे , क्या होगा मुझे? ठीक-ठाक तो हूं ना मैं।" - साइना आराम से बोली
"झूठ तो तू किसी और से बोलना क्योंकि मुझ से तो तू झूठ बोल नहीं पाएगी, इतनी देर से देख रही हूं पता नहीं कहां खोई हुई है" - श्रेया बोली
"नहीं तो, ऐसा कुछ नहीं है और मैं क्यों झूठ बोलूंगी तुझ से भला!" - साइना बोली
"साफ दिख रहा है कि तू खुश नहीं है, चेहरे पर 12:00 बजे हुए हैं ऐसे रहेगी अपनी सगाई में तु!" - श्रेया बोली
"अरे यार! तो क्या करुं मैं? जो सच है वही तो दिख रहा है, नहीं हो पा रही खुश रहने की झूठी एक्टिंग मुझ से!" बोलते बोलते साइना और ज्यादा उदास हो गई।
"फिर भी यार, एक्टिंग ना सही घर वालों के लिए भी थोड़ा खुश रह ले, यह सोच कर कि तेरी एक नई जिंदगी की शुरुआत है और तेरे मम्मी पापा कितने खुश हैं तेरे लिए।" - श्रेया उसे समझाते हुए बोली
"उन सब की खुशी के लिए ही तो सगाई के लिए हां किया है, नहीं तो तु तो जानती हो कि मैं कभी भी अमन के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोच सकती कभी भी..." - बोलते बोलते साइना की आंखों में आंसू आ गए
"यार तू अभी तक अपने पास्ट में ही अटकी रहेगी, तो फ्यूचर के बारे में कैसे सोचेगी, अमन तेरा पास्ट था जो कि अब कभी भी लौट कर तेरी लाइफ में वापस नहीं आ सकता और यह बात तु भी जानती है बस मानती नहीं।" - श्रेया साइना को समझाते हुए बोली
"मुझे नहीं सोचना अमन के बिना मेरा कोई फ्यूचर नहीं है किसी और के साथ अपने लाइफ में सोच भी नहीं सकती।" - साइना अपनी ही धुन में बोली वह श्रेया की बात सुनने और समझने को तैयार ही नहीं थी।
श्रेया उसे समझाने की आखिरी कोशिश करते हुए बोली - "अभी अभी तू ने कहा कि तू अपने माता-पिता की खुशी के लिए यह सगाई और शादी कर रही है।"
"हां, बिल्कुल सच बात है यह!" - साइना बोली
"तो फिर अगर आज तेरी सगाई वाले वह लोग तुझे ऐसे उदास देखेंगे, तो भला कैसे खुश रह पाएंगे और अमन अब तेरे फ्यूचर में तेरे साथ कभी भी नहीं सकता है और तुम जितनी जल्दी यह बात समझ जाओ उतना ही तेरी आने वाली जिंदगी और इस शादी के लिए अच्छा है!" - श्रेया बोली
"तू तो सब कुछ जानती है ना श्रेया कि मेरे लिए सब कुछ भूल ना बिल्कुल भी आसान नहीं है, लेकिन अभी मम्मी पापा की खुशी के लिए; अगर सगाई के वक्त मैं खुश रहने का दिखावा नहीं कर सकती तो कम से कम अपनी उदासी और दुख छुपाने की पूरी कोशिश करूंगी बाहर सभी के सामने!" - साइना श्रेया की बात समझते हुए बोली
"हम्म गुड गर्ल,अब यह हुई ना मेरी सीनू वाली बात !" - श्रेया साइना को साइड हग करते हुए बोली
"सीनू...पीनू मत बुलाया कर मुझे तु जानती है, मुझे यह सब निकनेम्स नहीं पसंद!" - साइना चिढ़ते हुए बोली
"वह सब रूल बाकी लोगों के लिए, मैं तुझे कुछ भी बुला सकती हूं, सीनू भी! " श्रेया बोली
"हां, पता है तु नहीं मानने वाली।" - साइना मुस्कुराते हुए बोली
"अच्छा ठीक है अब चुप कर तू, रो रो कर सारा सारा आई मेकअप बर्बाद कर लिया तूने; फिर से सब करना पड़ेगा।" - इतना बोल कर श्रेया साइना का मेकअप करने लगी
थोड़ी देर बाद राइमा आई और कमरे का दरवाजा नॉक करने लगी!
"श्रेया दी, दरवाजा खोलो लड़के वाले आ गए हैं नीचे हॉल में मां ने साइना दी को नीचे बुलवाया है!"- राइमा दरवाजे के बाहर से बोली
राइमा की आवाज सुन कर श्रेया ने दरवाजा खोल दिया और राइमा कमरे के अंदर आती हुई साइना की तरफ देख कर बोली - "ओह वाओ दी, यू आर लुकिंग सो ब्यूटीफुल!"
और फिर श्रेया की तरफ देख कर बोली - "श्रेया दी रेडी हो गई ना, साइना दी! नीचे हॉल में ले कर चलना है।"
"हां, बस 2 मिनट में चलते हैं थोड़ा सा टच अप कर दूं इस का।" – श्रेया राइमा की बात का जवाब देते हुए बोली
"ओके दी!" - राइमा ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर वह भी श्रेया की मदद करने लगी।
फिर थोड़ी देर के बाद, साइना को पूरी तरह से तैयार कर के, राइमा और श्रेया उसे अपने साथ नीचे हॉल में ले कर आ जाती है ।
साइना जब हॉल में आती है तो सारे गेस्ट उसे देखते ही रह जाते हैं , रेड गोल्डन लहंगे, मैचिंग ज्वैलरी और ब्राइड टू बी वाले मेकअप लुक में साइना सच में आज बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, एकदम किसी राजकुमारी की तरह...
बाकी सभी लोगो के साथ राजवीर ने भी जब नज़रें उठा कर साइना की तरफ देखा तो एकटक उसे देखता ही रह गया थोड़ी देर तक तो , लेकिन तभी उस के पास ही खड़ी उस की छोटी बहन संजना ने उसे चिढ़ाते हुए कहा – "बस करो भाई, कितना घूरोगे होने वाली भाभी को? माना की बहुत सुंदर लग रही हैं होने वाली भाभी लेकिन फिर भी बस करो!" और इतना बोल कर संजना हंसने लगी।
"अरे! मैं कहां घूर रहा हूं, मैं तो बस ऐसे ही देख रहा था।" एकदम से सुन कर राजवीर हड़बड़ाते हुए बोला लेकिन फिर जब उस ने ध्यान दिया कि यह सब संजना बोल रही थी तो उसे गुस्से में डांटते हुए बोला - "कुछ ज्यादा ही नहीं बोलने लगी है, तू आज कल..."
"अरे भैया! मैं तो बस मजाक कर रही थी, नाराज़ क्यों हो रहे हो आप? वैसे आप भी कम हैंडसम नहीं लग रहे हो।" - संजना अपनी बात संभालते हुए बोली
राजवीर ने भी डार्क ब्राउन कलर का थ्री पीस कोट सूट पहना हुआ है, और वह भी देखने में बहुत हैंडसम लग रहा था, उस की हाइट और पर्सनैलिटी पर वह सूट बहुत जंच रहा था।
राजवीर पहले से ही स्टेज पर चेयर पर बैठा हुआ था, उस के परिवार वाले भी उस के आसपास ही थे और उस के बगल में खड़ी संजना ही उस के कान में यह सब बोल रही थी।
संजना की बात सुन कर राजवीर बोला - "तेरा भाई तो हमेशा ही हैंडसम लगता है।"
"बस.. बस भैया! लेकिन मेरी होने वाली भाभी के आगे तो कम ही हैंडसम में लगोगे आप" - संजना उस की बात पर बोली
"संजना की बच्ची, कुछ ज्यादा ही नहीं भाभी भाभी कर रही है तू?" - राजवीर संजना के सिर पर हल्की सी एक चपत लगाते हुए बोला
राजवीर और संजना आपस में आपस में बातचीत कर ही रहे थे कि तभी राइमा और श्रेया , साइना को स्टेज पर राजवीर के साथ वाली चेयर पर बैठा देती हैं और वह दोनों वहीं स्टेज पर साइना की चेयर की साइड में खड़ी हो जाती है।
साइना खूबसूरत तो बहुत लग रही थी लेकिन उस के चेहरे पर एक हल्की सी भी मुस्कुराहट नहीं थी, उसे देख कर साफ पता चल रहा था कि वह बिल्कुल भी खुश नहीं है और राजवीर यह बात नोटिस भी कर लेता है लेकिन एक दूसरे से एकदम अनजान होने की वजह से उस की साइना से बात करने या फिर कुछ भी पूछने की हिम्मत नहीं होती।
वैसे खुश तो राजवीर भी नहीं था , वह भी इतनी देर से अपने माता पिता परिवार वालों और मेहमानों के आगे खुश रहने का दिखावा ही कर रहा था लेकिन उसके चेहरे के पीछे छुपी उदासी और मजबूरी देखने वाला इस भीड़ में कोई भी नहीं था।
साइना नज़रें नीची किए हुए चुपचाप अपनी जगह पर बैठी थी और उस की सास या संजना जो भी उस से पूछ रही थी, वह बस सिर हिला कर हां, नहीं में जवाब दे रही थी या फिर एक फीकी सी हल्की मुस्कुराहट उस के चेहरे पर आ जाती थी।
इतनी देर में साइना ने एक बार भी नजरें उठाकर राजवीर को देखने की कोशिश नहीं की, देखना तो दूर की बात थी साइना तो राजवीर के बारे में सोच तक नहीं रही थी, वह बस एक शोपीस की तरह अपनी जगह पर बैठी और मुस्कुराकर सभी के साथ फोटो खिंचवा रही थी।
राजवीर और साइना को छोड़कर उन के सभी परिवार वाले उन दोनों का रिश्ता जुड़ने से बहुत ज्यादा खुश थे, वहां पर उपस्थित सभी मेहमान उन दोनों को साथ में बैठा देख कर बोल रहे थे कि राजवीर और साइना की जोड़ी बहुत ज्यादा अच्छी लग रही है।
वह दोनों साथ में बहुत ही ज्यादा अच्छे लग रहे थे, ऐसा लग रहा था आपकी एक दूसरे के लिए ही बने हो, बिल्कुल मेड फॉर ईच अदर कपल लग रहे थे।
"थोड़ा सा तो स्माइल कर ले यार, होने वाले जीजू को देख कर ही सही, इतने हैंडसम है यार जीजू; कितनी लकी है तू साइना" - श्रेया झुक कर साइना के कान में बोलती है
श्रेया की ऐसी बातें सुन कर साइना ने तिरछी नजरों से गुस्से में श्रेया को देखा लेकिन वहां पर इतने सारे लोगों के होने की वजह से उस को कुछ बोल नहीं पाई।
साइना को गुस्से में देख कर श्रेया भी उस के सामने से हट कर थोड़ा पीछे खड़ी हो गई और हंसने लगी, श्रेया की बात याद कर के साइना धीरे से नज़रें उठा कर अपने बगल में बैठे राजवीर को देखने लगी।
ठीक तरह से तो साइना, राजवीर को देख नहीं पाई, क्योंकि उसे राजवीर का साइड फेस ही दिख रहा था तभी राजवीर को ऐसा लगा की साइना उस की तरफ ही देख रही है तो उस ने भी साइना की तरफ से नज़रें घुमा कर देखा।
लेकिन राजवीर से नज़रें मिलते ही साइना ने अपनी नज़रें फेर ली और वापस सामने की तरफ और इधर-उधर देखने लगी और मन ही मन खुद से बोलने लगी – "स्टूपिड है क्या तु साइना? क्या कर रही थी क्यों देखा तूने उस तरफ, उस पागल श्रेया की बात सुन कर!"
साइना मन ही मन खुद को कोस रही थी कि उन के परिवार वाले सगाई की रस्म अदा करने के लिए एक दूसरे से बात करने लगे।
"चलिए, अब सगाई की रस्म कर लेते हैं" राजवीर की मां, साइना की मां से बोली
"हां बिल्कुल, अंगूठियां ही तो बदलनी हैं।" - साइना की मां बोली
और फिर इतना बोल कर राइमा से रिंग लेकर आने के लिए इशारा करने लगी और राजवीर की मां भी लड़की की रिंग लेकर आई और राजवीर और साइना दोनों स्टेज पर खड़े हो गए।
साइना के पीछे श्रेया रिंग की डिब्बी थाली में रख कर पकड़े हुए खड़ी थी, तो वही राजवीर के पास उस की बहन संजना उसी तरह से राजवीर के पीछे खड़ी हुई थी। और परिवार के बाकी सदस्य भी इन दोनों के पास ही खड़े हुए थे।
श्रेया ने रिंग निकाल कर साइना के हाथ में दी और संजना ने राजवीर के हाथ में अंगूठी दे दी और इस वक्त राजवीर और साइना एक दूसरे के एकदम आमने सामने खड़े थे; हाथ में अंगूठी पकड़े वह दोनों ही अपनी अपनी अलग सोच में डूबे हुए थे।
तभी राजवीर की मां ने उस से बोला - "राजवीर बेटा! क्या सोच रहा है तू अंगूठी पहना साइना को!"
अपनी मां की बात सुन कर राजवीर अपने ख्यालों से बाहर आया और हां मां, बोल कर साइना को अंगूठी पहनाने ही वाला था कि तभी गेस्ट हाउस के दरवाजे पर एक आवाज गूंजी।
"रुक जाओ! यह सगाई नहीं हो सकती!"
वह आवाज सुन कर उस हाॅल में मौजूद सभी लोग दरवाजे की तरफ देखने लगे।
क्रमशः
(कौन हो सकता है कि बिन बुलाया मेहमान जो इस तरह से अचानक एंट्री लेकर सीधा सगाई रोकने को ही बोल रहा है कौन हो सकता है यह खैर जिन्होंने पहले भी यह स्टोरी पढ़ी है वह तो समझ ही गए होंगे😜 लेकिन जितने लोग पहली बार पढ़ा रहे हैं वह सब कमेंट में बताइए क्या होगा आगे? क्या लगता है आप लोगों को?)
8
वह आवाज सुन कर सभी एकदम से रुक गए और दरवाजे की तरफ देखने लगे, दरवाजे पर एक लड़का डेनिम जैकेट और जींस, टी शर्ट पहने हुए खड़ा था।
सगाई के फंक्शन में उपस्थित सभी मेहमान और साइना के परिवार वाले मन ही मन सोचने लगे कि आखिर कौन है यह आदमी और ऐसे अचानक कहां से आ गया? सगाई रोकने को क्यों कह रहा है?
उन सभी के मन में ऐसे ही कई सारे सवाल थे, लेकिन राजवीर के परिवार की सभी सदस्य दरवाजे की तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे।
लेकिन राजवीर की नज़र जैसे ही उस लड़के पर पड़ी, वह भागकर दरवाजे पर पहुंचा और वहीं पर उस लड़के को गले लगाते हुए राजवीर बोला - "तू तो नहीं आने वाला था ना, झूठा कहीं का...बहुत परेशान करता है मुझे!"
"अरे भाई, बस वो मैंने सोचा था कि आप को सरप्राइज दूंगा, लेकिन आप लोग तो मेरे बिना ही इंगेजमेंट करने वाले थे , मैं बहुत नाराज हूं!" - आर्यन बोला और राजवीर के साथ स्टेज पर आ कर अपनी फैमिली के साथ खड़ा हो गया।
"शैतान कहीं के, ऐसा क्यों बोला रुक जाओ, यह सगाई नहीं हो सकती।" - वीना जी आर्यन को थोड़ा सा डांटते हुए बोली
"अरे मॉम! मेरा तो बस यह कहने का मतलब था कि मेरे बिना यह सगाई भला कैसे हो सकती है?" - आर्यन हंसते हुए बोला
"क्यों नहीं हो सकती है इस के बिना सगाई? इस से थोड़ी ना होनी है!" - राइमा धीरे से बोली, जिसे कि सिर्फ श्रेया और साइना को ही सुनाई दे, राइमा की बात सुन कर श्रेया हंसने लगी और उसे देख कर राइमा खुद भी, साइना के चेहरे पर भी हल्की सी मुस्कुराहट आ गई थी, लेकिन फिर भी वह इशारे से राइमा और श्रेया को चुप रहने के लिए कहने लगी, साइना का इशारा समझ कर श्रेया और राइमा ने भी हंसना बंद कर दी और चुपचाप बड़ों की बातें सुनने लगी।
"यह हमारा छोटा बेटा आर्यन शेखावत है, लंदन यूनिवर्सिटी में पढ़ता है, आप लोग इसे नहीं पहचानते क्योंकि आज ही इंडिया आया है।" - राजगीर के पापा आर्यन को वहां उपस्थित सभी मेहमानों और साइना के परिवार वालों से मिलाते हुए बोले
अपने घरवालों और राजवीर से मिलने के बाद आर्यन, साइना के सामने आया और अपना हाथ उस की तरफ बढ़ाते हुए बोला - "हेलो भाभी! मैं आर्यन आप का देवर, मैंने आप के फोटोस देखे थे, लेकिन आप तो अपने फोटोस से भी ज्यादा ब्यूटीफुल हो!"
"थैंक्स!" - साइना ने जवाब में सिर्फ इतना ही बोला
आर्यन को वहां पर देख कर राजवीर सब से ज्यादा खुश था, और अब उस की उदासी भी कुछ कम थी क्योंकि अब वह अपने पास्ट या फ्यूचर के बारे में नहीं सोच रहा था बल्कि अपने भाई को अपनी सगाई में अपने साथ देख कर खुश था और थोड़ा सा इमोशनल भी , क्योंकि राजवीर को लगा था कि आर्यन उसज्ञकी सगाई के लिए इंडिया नहीं आ पाएगा और अब ऐसे अचानक से एकदम से आ गया, सरप्राइस एंट्री लेकर!
अपनी एंट्री पर वहां सब को ऐसे इमोशनल होता देख, आर्यन सबका मूड चेंज करने के इरादे से बोला - "हे गाइज! रिंग एक्सचेंज कर लेते हैं अब ना, क्योंकि अब तो मैं आ गया हूं ना और अब यह सगाई हो सकती है।" - आर्यन हंसते हुए बोला
"हां, बिल्कुल शुरू करते हैं, राजवीर बेटा साइना को अंगूठी पहनाओ।" - आर्यन की मां बोली
अपनी मां की बात सुन कर राजवीर ने साइना की उंगली पर अंगूठी पहना दी, साइना की उंगली में वह अंगूठी थोड़ी ढीली थी, वीना जी ने यह बात नोटिस कर ली और साइना से बोली - "अरे यह अंगूठी तो तुम्हारी उंगली में लूज है, माफ करना बेटा मैं तुम्हारा साइज नहीं जानती थी और तुम्हारी रिंग का साइज ले जाना भी भूल गई मैं, खैर कोई नही, बाद में तुम इसे अपने साइज की करवा लेना। "
"कोई बात नहींं..." - इतना बोल कर साइना अंगूठी की तरफ देखने लगी उसे हाथ से छू कर
"कोई बात नहीं, इतना तो आगे पीछे चलता ही है, साइना बेटा अब तुम भी अंगूठी पहनाओ राजवीर जी को।" - साइना की मां बोली
साइना ने भी राजवीर को अंगूठी पहना दी और राजवीर के वह अंगूठी एकदम फिट और सही साइज की थी, रिंग एक्सचेंज होते ही वहां खड़े सभी गेस्ट तालियां बजाने लगे और कपल को शुभकामनाएं भी देने लगे...
राजवीर और साइना को स्टेज पर बैठा दिया गया, जहां से राजवीर तो 5 मिनट बाद ही वहां से उठ कर आर्यन के साथ दूसरी तरफ चला गया और स्टेज पर साइना के साथ, संजना बैठी हुई थी और अपने मोबाइल से क्लिक किए हुए फोटो साइना को दिखा रही थी।
"देखो ना भाभी ,, आप और राजवीर भैया दोनों कितने अच्छे लग रहे हो साथ में!" - संजना, साइना को अभी थोड़ी देर पहले के क्लिक किए हुए फोटोस दिखाती हुई बोली
साइना उस की बात की जवाब में सिर्फ मुस्कुरा कर रह गई।
तभी श्रेया भी स्टेज पर आई और साइना के सोफे के साइड पर बैठती हुई बोली - "क्या हो रहा है अकेले... अकेले... मुझे भी दिखाओ इंगेजमेंट की फोटोस!"
श्रेया की बात सुन कर, संजना, साइना का मुंह देखने लगी और चुप हो गई!
तभी साइना उन दोनों को आपस में एक दूसरे से इंट्रोड्यूस करवाती हुई बोली - "संजना, यह है बेस्ट फ्रेंड श्रेया थोड़ी पागल है इस की बात का बुरा मत मानना, और श्रेया, संजना को तो तुम जानती ही हो!"
"अरे ऐसा भी क्या बोल दिया मैंने; जो कोई बुरा मान जाएगा; क्यों संजना ऐसा बोला क्या मैंने कुछ?" साइना की बात पर श्रेया संजना से पूछती हुई बोली
"नहीं, मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा आइए आप को भी फोटोस दिखाती हूं। " - संजना स्माइल करते हुए बोली
"यह वाली देखिए, कितनी अच्छी आई है।" संजना एक फोटो श्रेया को दिखाते हुए बोली
"हां यार! साइना यह वाली तो सच में बेस्ट आई है फोटो, एक काम करना तुम, यह वाली फोटो फ्रेम करवा कर शादी के बाद अपने बेडरूम की वॉलपेपर लगाना।" - श्रेया भी वह फोटो देखते हुए बोली
"हां भाभी, सही कह रही हैं आप की फ्रेंड, बेस्ट आईडिया है यह" - संजना, साइना से बोली
"भाभी आप की फ्रेंड क्या होता है संजना, मैं तुम्हारी फ्रेंड नहीं हूं क्या श्रेया बोलो मुझे बस..." - श्रेया ने संजना से शिकायती लहजे में कहा
"ओके श्रेया!" - संजना हंसते हुए बोली
"साइना, अब तक चुपचाप बैठी थी क्योंकि उसे फोटो फ्रेम करवाने वाली बात में कोई भी दिलचस्पी नहीं लेकिन संजना और श्रेया कि दोस्ती वाली बात सुनकर साइना स्माइल करने लगी, तभी राइमा भी वहां आ जाती है और चारों लड़कियां साथ में स्टेज पर बैठ जाती है और आपस में फोटो से शेयर और बातचीत करने लगती है, वो चारों एक साथ भी अपनी कई सारी फोटोस लेती है!"
राजवीर स्टेज से थोड़ी दूर पर ही खड़ा आर्यन से बात कर रहा था....
"झूठे कहीं के, तु तो आने वाला नहीं था ना मेरी सगाई के लिए तेरा तो असाइनमेंट था ना।" - राजवीर आर्यन से बोला
"अरे भाई! आप से बढ़कर कोई भी असाइनमेंट नहीं है मेरे लिए मेरे भाई की खुशी सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है!" - आर्यन बोला
"बस कर... बस कर ज्यादा बातें ना बनाओ मुझे पता है ना कोई असाइनमेंट नहीं था तुम्हारा , झूठ बोल रहे थे तुम मुझ से, यह सरप्राइस प्लान कर रहे होगे ना" - राजवीर बोला
"आप को हर बार सब पता कैसे चल जाता है भाई, इट्स नॉट फेयर! इस बार तो कितनी मेहनत की थी हम सब ने..." - आर्यन मुंह बनाते बोला
"हम सब ने मतलब और कौन-कौन शामिल था इन सब में?" - आर्यन की बात सुनकर राजवीर ने शक भरी निगाहों से घूरते हुए उस से पूछा
"अरे किन सब में? कोई... कोई तो नहीं, कोई भी तो नहीं..." - आर्यन बात बदलने की कोशिश करते हुए काफी ज्यादा अटकते हुए बोला
"तू बहुत अच्छे से जानता है, किस बारे में पूछ रहा हूं मैं,; साफ-साफ बता दे किस किस को पता था कि तू आ रहा है और मुझसे क्यों छुपाया।" - राजवीर उसी तरह से आर्यन को घूरते हुए बोला
"सब को पता था भाई, मॉम, डैड, संजना तीनों को आप को तो सरप्राइज देना था इसलिए नहीं बताया ना।" - आर्यन ने आखिर राजवीर को पूरी बात बताते हुए कहा
"अच्छा, वह सब तो ठीक है, लेकिन तेरी एंट्री बहुत ही अजीब थी, ऐसे कौन आता है मुझे तो हंसी आने वाली थी , तुझे देख कर?" - राजवीर, आर्यन का मजाक उड़ाते हुए बोला
"एंट्री चाहे जैसी भी हो, मेरे लिए तो बस आप की खुशी मैटर करती है और आप की खुशी के लिए ही तो मैं इंडिया आया हूं भाई, लेकिन एक बात से मैं बहुत नाराज हूं!" - आर्यन राजवीर की बात पर पहले तो खुश होता हुआ लेकिन फिर थोड़ा सोचते हुए उससे सवाल करता हुआ बोला
"कौन सी बात से?"- राजवीर ने भी थोड़ा सा सोचते हुए आर्यन से सवाल किया क्योंकि उसे समझ नहीं आया कि आर्यन किस बात के लिए अब उससे नाराज है भला...
"जो आपने झूठ बोला मुझ से, उस बात से नाराज हूं मैं..." - आर्यन नाराज होने का नाटक करते हुए और अपने चेहरे पर आती मुस्कुराहट दबाते हुए बोला
"मैंने कौन सा झूठ बोला तुझ से? यह तो वही बात हो गई "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" , तूने मुझ से झूठ बोला कि नहीं आ पाएगा तु मेरी सगाई के लिए और फिर आ गया अचानक ही..." - आर्यन को इस तरह नाराज होता देख राजवीर सारे इल्जाम उस पर ही लगाता हुआ बोला
"हां, मैंने तो सरप्राइस देने के लिए झूठ बोला लेकिन आपने तो झूठ बोल कर मेरा दिल तोड़ दिया"आर्यन मुंह बनाते हुए बोला
"मैंने ऐसा क्या झूठ बोला तुझ से ,फालतू में नौटंकी कर रहा है।" - राजवीर उस के नाटक को समझता हुआ बोला
"अरे वही आप ने मुझ से फोन पर बोला था ना कि आप मेरे बिना सगाई नहीं करोगे और फिर आज मैंने यहां आ कर जो देखा ,वो सब देख कर मेरा तो दिल ही टूट गया।" - इतना बोल कर आर्यन रोने का ड्रामा करते हुए हंसने लगा
उस की बात सुन कर और उसे ऐसे हंसते देख कर राजवीर के चेहरे पर भी हंसी आ गई और वह उसी तरह मुस्कुराते हुए बोला - "एक नंबर का नौटंकी है तु...बस कर अपनी इतनी गंदी एक्टिंग..." - बोलते हुए राजवीर ने आर्यन के सिर पर एक हल्की सी चपत लगाई।
आर्यन के आ जाने से राजवीर की उदासी काफी कम हो गई थी और वह अब अपनी सगाई शादी के बारे में नहीं सोच रहा था लेकिन उन के माता-पिता और साइना की माता पिता साथ बैठकर पंडित जी से राजवीर और साइना की शादी का मुहूर्त निकलवा रहे थे और साथ ही तारीख भी फिक्स करवा रहे थे।
सभी बच्चे आपस में एक दूसरे से बातचीत और सगाई का फंक्शन इंजॉय करने में बिजी थे, इसलिए उन के माता-पिता ने अभी बच्चों को इन सब में शामिल नहीं किया, वैसे भी शादी विवाह की तारीख का फैसला मां बाप ही करते हैैं।
राजवीर और साइना दोनों अभी तक अपनी सगाई को ही पूरी तरह मन से स्वीकार नहीं कर पाए थे और उन दोनों को इस बात की खबर तक नहीं थी कि उन के माता-पिता साथ बैठ कर उन की शादी की तारीख भी तय करवा रहे हैैं।
"भगवान की कृपा से, सगाई ठीक तरह से निपट गई।" - साइना की मां जैसे राहत की सांस लेती हुई बोली
"हां बहन जी ,अब से आप की बेटी साइना हमारी हो गई।" - राजवीर की मां उन की बात पर मुस्कुराते हुए बोली
"हां, बिल्कुल और राजवीर भी अब से हमारा बेटा हो गया" - साइना की मां भी राजवीर की मां की बात का जवाब देती हुई बोली
"बहुत ही अच्छी जोड़ी लग रही थी राजवीर और साइना की, क्यों शर्मा जी?" - मिस्टर शेखावत (राजवीर के पिता) साइना के पापा की तरफ देख कर सवाल करते हुए बोले
"हां... हां बिल्कुल भाई साहब, ऐसे लग रहे थे जैसे कि एक दूसरे के लिए बने हो!" साइना के पापा भी मिस्टर शेखावत की बात पर सहमति जताते हुए बोले
"राजवीर की बुआ को भी साइना बहुत पसंद आई और आप का परिवार भी।" - मिस्टर शेखावत भी काफी खुश होते हुए बोले
"वह तो आप लोग भी इतने अच्छे हैं कि आप को सब पसंद आ जाते हैं।" - साइना के पापा भी उसी तरह अपनेपन के अंदाज में बोले
"अच्छा यह सब बातें तो होती रहेगी, अभी शादी की तारीख भी तय करना है।" - राजवीर की मां उन सबका ध्यान शादी की तारीख निकालने वाली बात पर करती हुई बोली
"पंडित जी, बच्चों की कुंडलियां और पंचांग देख कर बताइए कब का मुहूर्त शुभ रहेगा शादी के लिए?" - राजवीर की मां की बात सुनकर, साइना की मां वहीं बैठे पंडित जी को साइना और राजवीर दोनों की कुंडली दिखाती हुई बोली
पंडित जी ने उन दोनों की कुंडलिया ध्यान से देखने लगे और ठीक तरह से अध्ययन करने के लिए थोड़ी देर बाद बोले - "आज से 2 माह पश्चात का मुहूर्त बड़ा ही शुभ है, आप के इन दोनों बच्चों की शादी के लिए!"
"2 महीने में थोड़ा जल्दी नहीं है, कोई और तारीख नहीं है क्या? पंडित जी!" - पंडित जी की बात सुनकर साइना की मां थोड़े से चिंतित स्वर में बोली
"अरे क्यों? 2 महीने में ठीक तो है, कोई परेशानी है क्या आप को बहन जी!" - मिस्टर शेखावत, साइना की मां को इस तरह चिंतित और दूसरी तारीख के लिए बोलते देख कर पूछते हुए बोले
"शादी की तैयारियों के लिए 2 महीने का वक्त कम लग रहा होगा हमारी पत्नी जी को, इसलिए ही बोल रही हैं।" - साइना के पापा अपनी पत्नी की चिंता का कारण समझते हुए बोले
"हां, सही समझे हैं आप इसलिए ही बोला!" - रोहिणी जी अपने पति की तरफ देखते हुए बोली और फिर पंडित जी की तरफ देख कर बोली - "देख कर बताइए ना पंडित जी अगला शुभ मुहूर्त कब का है?"
"वही देख रहा था, दो माह के बाद अगला शुभ मुहूर्त फिर एक वर्ष पश्चात का ही है, दो माह के बाद वाला मुहूर्त हटाक्षकर, फिर अगले एक वर्ष से पहले, इन दोनों की शादी का कोई योग नहीं बन रहा है।" - पंडित जी उन सभी को गंभीर मुद्रा में पूरी बात बताते हुए बोले
"हो जाएंगी सब तैयारियां बहन जी, 2 महीने का समय भी अच्छा खासा होता है, 1 साल बाद फिर बहुत ज्यादा देर हो जाएगी।" - वीना जी , रोहिनी जी को समझाते हुए बोली
"हां, सही कह रही हैं आप, 2 महीने बाद वाला ही सही है 1 साल वाला मुहूर्त तो बहुत दूर हो जाएगा।" - एक साल बाद वाले मुहूर्त की बात सुन कर रोहिणी जी भी वीना जी की बात पर सहमति जताते हुए बोली
"बच्चों को भी बुला लेते हैं , शादी की तारीख बताने के लिए।" - साइना के पिता ने शादी की तारीख तय होते देखकर कहा
"बच्चों को तो बाद में भी बता देंगे, अभी हम बड़े लोग आपस में तय कर लेते हैं।" - राजवीर के पिता उनकी बात पर बोले
"हां, यह भी ठीक रहेगा।" - साइना के पिता राजवीर के पिता की बात पर सहमति जताते हुए बोले
और फिर उन सभी ने आपस में विचार-विमर्श और सहमति से 2 महीने बाद वाला मुहूर्त साइना और राजवीर की शादी के लिए तय कर दिया।
और फिर कुछ देर बाद सगाई का फंक्शन खत्म करके वह दोनों फैमिली उस गेस्ट हाउस से अपने अपने घर चली गई।
क्रमशः
{हां, तो फाइनली सगाई हो गई इन दोनों की और आर्यन की एंट्री भी क्या मस्त थी ना😜 काफी इंटरेस्टिंग कैरेक्टर है आर्यन का भी और यह आप को आगे की स्टोरी में पता चलेगा। लेकिन साइना और राजवीर के पेरेंट्स को तो सच में बहुत ही ज्यादा जल्दी है उन दोनों की शादी की अरे भाई जरा उन दोनों से भी तो पूछ लो कोई 🤦 लेकिन नहीं बड़ों को तो अपनी मर्जी ही चलानी होती है खैर देखते हैं हमारे होने वाले दूल्हा दुल्हन का क्या रिएक्शन होगा जब उन्हें पता चलेगी 2 महीने बाद उनकी शादी की बात और तारीख तय हो गई है। 😇😅
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सगाई की रस्म खत्म करने के बाद उस दिन काफी रात हो गई थी, दोनों परिवारों को अपने घर पहुंचते-पहुंचते, और घर के सभी लोग काफी थक चुके थे, इसलिए साइना और राजवीर दोनों के माता पिता ने उन्हें उन की शादी की तारीख तय होने के बारे में कुछ नहीं बताया।
यह सोच कर कि अगले दिन या फिर कभी भी बता देंगे, शादी से जुड़े ज्यादातर काम तो घर के बड़े ही देखते हैं।
घर पहुंच कर ज्यादातर लोग तो सो गए थे लेकिन राजवीर और साइना दोनों ही अपने-अपने घरों के कमरों में बैठे जाग रहे थे।
साइना अपनी उंगली पर पहनी हुई, सगाई की अंगूठी को हाथों से छूकर देख रही थी और सगाई के दौरान जो कुछ भी हुआ उन सभी को दोबारा से याद कर रही थी, अंगूठी उस की रिंग फिंगर में काफी लूज थी , जैसे ही उस का ध्यान अंगूठी पर गया, उस ने रिंग फिंगर से अंगूठी उतार कर मिरर के सामने टेबल पर रख दी तभी उस की बहन राइमा कमरे में आई और साइना को रिंग उतारते हुए देख कर बोली - "अरे दी ! क्या हुआ ? आपने अपनी इंगेजमेंट रिंग क्यों निकाल दी, इंगेजमेंट रिंग तो कभी नहीं निकालते हैं ना, ऐसा मम्मा बोलती है। "
"हां राइमा! पता है मुझे भी , लेकिन बहुत लूज़ है रिंग मेरी फिंगर में, कहीं गिर ना जाए, इस वजह से निकाल कर रख दी है।" साइना ने बताया
"तो आप एक काम करो ना यह रिंग मिडिल फिंगर या फिर फर्स्ट फिंगर में पहन लो उस में ज्यादा लूज़ नहीं होगी।" जेड राइमा ने सजेशन दिया
"अरे तो क्या हो गया, रिंग निकाल दी थोड़ी देर के लिए तो बाद में पहन लूंगी।" - साइना बेमन से बोली
"फिर भी एक बार ट्राई करते हैं, दूसरी फिंगर में..." - बोलते हुए राइमा ने टेबल पर से वो रिंग उठा ली और साइना की मिडिल फिंगर में पहना दी।
"क्या कर रही है तू , राइमा!" - साइना बोली
"आप से इंगेजमेंट कर रही हूं, दी" - राइमा हंसते हुए बोली
"पगली कहीं की, कुछ भी बोलती है।" - साइना ने राइमा की बात का जवाब देते हुए कहा
"देखो तो दी, आप की मिडिल फिंगर में फिट आ गई यह रिंग , अब नहीं निकालना आप इसे" - राइमा जैसे साइना को ऑर्डर देती हुई बोली
"ओके, नहीं निकाल रही, अब तू सो जा नींद आ रही होगी ना तुझे..." - साइना उस से हार मानती हुई बोली
"आप नहीं सोएंगी दी?" - राइमा ने उस से पूछा
"अभी तो मुझे नींद नहीं आ रही , जब आएगी तो सो जाऊंगी; बस सुबह जल्दी मत जगाना मुझे और मॉम को भी बोल देना।" - साइना ने अपनी जगह से उठते हुए कहा
"ओके दी , अगर आप से पहले जाग गई तो बोल दूंगी, अभी गुड नाइट! मुझे तो बहुत तेज नींद आ रही है सच में..." - बोलते हुए राइमा अपने बेड पर लेट गई और थोड़ी देर में ही सो गई
साइना सोती हुई राइमा को देख कर मुस्कुराने लगी लेकिन थोड़ी देर बाद मन ही मन कुछ उदास हो गई और अपने कमरे की खिड़की के पास आ कर खड़ी हो गई और बाहर की तरफ देखने लगी।
दूसरी तरफ राजवीर इस भी सगाई से खुश नहीं था और अपने कमरे में शादी और सगाई के बारे में सोचता हुआ एकदम उदास बैठा था तभी अचानक से आर्यन उस के कमरे में आता है और पीछे से राजवीर के कंधे पर हाथ रखता हुआ बोलता है - "बस करो ना भाई कितना सोचोगे?"
"क्या कितना सोचूंगा मैं?" - राजवीर को समझ में नहीं आता कि आर्यन किस बारे में बात कर रहा है इसलिए वह उस से पूछता है।
"अरे भाई! होने वाली भाभी के बारे में और किस बारे में? कोई और भी है क्या" - आर्यन राजवीर की टांग खिंचाई करते हुए बोला
"ज्यादा बकवास ना कर तु, कुछ ज्यादा ही बोलने लगा है मैं क्यों सोचूंगा किसी के भी बारे में, तू तो सब जानता है कि मुझे यह सगाई और शादी ही नहीं करनी थी।" - बोलते बोलते राजवीर कुछ उदास हो गया
"अरे भाई! मैं बस मजाक कर रहा था और आप यह क्यों बोलते हो बार-बार कि आप को शादी नहीं करनी, आप को पता है आप की और भाभी की जोड़ी बहुत अच्छी लग रही थी साथ में आप दोनों एकदम मेड फॉर ईच अदर लगते हो।" - आर्यन, राजवीर को चीयर अप करने की कोशिश करते हुए बोला
"सिर्फ शक्ल सूरत से साथ में अच्छा लगने से क्या होता है? आखिर हैं तो हम दोनों ही एक दूसरे के लिए अजनबी और हां यह मेड फॉर ईच अदर जैसा कुछ नहीं होता।" - राजवीर आर्यन की बात काटते हुए बोला
"अरे भाई होता है, बिल्कुल होता है क्योंकि आप लोग किस्मत से मिले हो, मॉम बोलती है की भगवान की मर्जी से हर रिश्ता तय होता है और जोड़ियां ऊपर से बन कर आती है, जैसे कि आप की और साइना भाभी की बनी है।" - आर्यन, राजवीर की ऐसी निगेटिव बातों पर उसे समझाने की कोशिश करता हुआ बोला
"किस्मत से मिले का क्या मतलब है, ठीक तरह से तो मिले भी नहीं, आज तक हम दोनों एक दूसरे से, ना ही कोई बात हुई और सच बोलूं तो मुझे करनी भी नहीं है।" - राजवीर फिर उसी तरह निराशा से बोला
"कोई बात नहीं आप डायरेक्ट शादी के बाद ही मिल लेना भाभी से, वैसे भी 2 महीने की ही तो बात है।" - आर्यन फिर से उसी तरह मुस्कुराते हुए बोला
"2 महीनों की बात से, क्या मतलब है तेरा?" - राजवीर ने आर्यन से पूछा
"आप को नहीं पता क्या भाई!" - आर्यन ने राजवीर से पूछा
"लेकिन क्या नहीं पता, पूरी बात बताओ मुझे आर्यन, क्या बोल रहे थे 2 महीने बाद...." राजवीर ने आर्यन से पूछा
"कुछ नहीं भाई मैं तो बस हूं आपकी और साइना भाभी की तारीफ कर रहा था साथ में कितने अच्छे लगते हो आप दोनों और मॉम भी कह रही थी कि...." आर्यन बोल ही रहा था कि तभी राजवीर उस की बात बीच में काटता हुआ बोला - "बस कर तु मॉम के प्रवचन अपनी जुबान में सुनाना मुझे, पहले वह बता 2 महीने बाद मिल लेना वैसे भी... यह क्यों बोला तूने?"
"ठीक है, बताता हूं लेकिन पहले आप प्रॉमिस करो कि आप किसी से नहीं बताओगे कि मैंने आप को यह बात बताई।" - आर्यन उस के सवाल पर थोड़ा सा सोचते हुए बोला
"ठीक है, नहीं बताऊंगा मैं, वैसे भी तेरे अलावा किसी से इतना बात नहीं करता।" - राजवीर उस की बात मानते हुए बोला
"वह आज सगाई के फंक्शन के बाद मॉम डैड, भाभी के पेरेंट्स के साथ बैठ कर आप की शादी की डेट फिक्स कर रहे थे और मैं कोइंसिडेंटली उधर से निकल पड़ा था तो मैंने उन की बातें सुन ली कि आप की शादी की डेट 2 महीने बाद की फिक्स हुई है, मुझे लगा कि आप को पता होगा इसलिए मैंने बात बात में ही आप से बोल दिया बस..." - आर्यन क्यूट सा फेस बनाते हुए राजवीर से बोला
"व्हाट! 2 महीने में शादी, यार इतनी भी क्या जल्दी है मॉम डैड को और मुझ से एक बार पूछा भी नहीं, पूछा छोड़ो... बताया तक नहीं मेरी शादी की डेट फिक्स करने से पहले?" - राजवीर थोड़ा शॉक्ड होते हुए बोला
"इस का मतलब आप को इस बारे में कुछ भी नहीं पता था।" राजवीर का रिएक्शन देख कर आर्यन बोला
"हां ऑफकोर्स! नहीं पता था, अभी पता चला जब तूने बताया बाकी मॉम डैड तो इतनी जहमत करते नहीं की जिस की शादी है उसे तो इनफॉर्म कर दें।" - राजवीर हल्के गुस्से में बोला
"कूल डाउन भाई, ऐसा भी क्या हो गया मॉम डैड ने सोचा होगा कि बाद में आप को बता देंगे और वैसे भी शादी के लिए हां तो कर ही दी है आपने ; तो फिर शादी 1 महीने में हो 2 महीने में या 6 महीने में क्या फर्क पड़ता है।" - आर्यन राजवीर को शांत कराने की कोशिश करते हुए और समझाते हुए बोला
"हां, यह भी ठीक है, अब जब मैंने खुद ही हां की है इस शादी के लिए तो फिर कभी भी हो क्या फर्क पड़ता है?" - राजवीर मायूस होते हुए बोला
"वैसे भाई सच बताओ आप को प्रॉब्लम क्या है? आखिर क्यों नहीं करनी थी आप को शादी और अभी जब हो रही है तो भी आप खुश नहीं हो, मैंने नोटिस किया सगाई की पूरे फंक्शन में आप सिर्फ थोड़ा बहुत हैप्पी थे, वह भी मेरे आने की वजह से बाकी अपनी सगाई में आपको ज़रा सा भी इंटरेस्ट नहीं था,एम आई राइट ओर रॉन्ग?" - आर्यन ने राजवीर की तरफ देख कर पूछा
"कुछ नहीं, बस अब भरोसा नहीं है इन प्यार और शादी जैसे रिश्तो पर और इसीलिए मैं इतने दिन से मम्मी पापा को टाल रहा था, जब भी मेरी शादी की बात करते थे लेकिन आखिरकार उन की जिद के आगे मुझे ही झुकना पड़ा और इस रिश्ते के लिए हां करनी पड़ी नहीं तो माॅम और उन के इमोशनल टॉर्चर तो तू जानता ही है।" - राजवीर अपनी परेशानी बताते हुए बोला
"माॅम को तो मैं जानता ही हूं और साथ ही मैं आप को भी बहुत अच्छे से जानता हूं भाई! लेकिन फिर भी एक एडवाइज दूंगा अगर आप हो अपना कॉलेज वाला ब्रेकअप ले कर अभी तक बैठे हैं तो प्लीज भाई ग्रो अप एंड थिंक अबाउट योर फ्यूचर, साइना भाभी से अच्छी वाइफ आप को कभी मिल नहीं सकती।" - आर्यन फिर से राजवीर को समझाते हुए बोला
"ब्रेकअप नहीं था वह सिर्फ मेरे लिए, मेरे प्यार और भरोसे का खून था, सब से बड़ा धोखा और सब से बड़ी बेवकूफी थी मेरी जिंदगी की और उस दिन के बाद भी मैंने तय किया था कि मैं दोबारा कभी इन सब चीजों में नहीं पड़ूंगा लेकिन लाइफ एंड माय पैरंट्स हैव अदर प्लांस फॉर मी।" - राजवीर मायूस होते हुए बोला
"भाई आप प्लीज! थोड़ा तो पॉजिटिव सोचो, सब लोग एक जैसे नहीं होते हैं और हर बार ही गलत नहीं हो लोगों के साथ, हो सकता है जो हो रहा है वही बेस्ट है आप के लिए, थिंक अबाउट इट एट वन्स!" - आर्यन फिर से राजवीर को समझाते हुए बोला
"अच्छा ठीक है...ठीक है, बस कर तु मॉम की तरह बात करना, ऐसा लग रहा है कि तु मेरा बड़ा भाई है जो अपने छोटे भाई को समझा रहा है।" - राजवीर हंसते हुए बोला
"छोटा भाई ज्यादा समझदार हो तो थोड़ा बहुत तो समझा सकता है अपने बड़े भाई को भी..." - आर्यन मजाक में बोला
"कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया है तू, हम सब से दूर रह कर, कहीं कुछ और वजह तो नहीं है इस समझदारी की?" - राजवीर सोचने की एक्टिंग करते हुए बोला
"अरे नहीं भाई! ऐसा वैसा कुछ भी नहीं है और मैं तो पहले से ही समझदार हूं बस पहले आप का ही ध्यान नहीं गया अपने भाई पर..." - बोल कर आर्यन हंसने लगा
"हां, अब बस कर अपनी समझदारी की बातें , यह बता तेरी स्टडीज कैसी चल रही है और एग्जाम कब है?" - राजवीर ने पूछा
"स्टडी सही चल रही है भाई और नेक्स्ट मंथ एग्जाम है उस के बाद मैं हमेशा के लिए वापस इंडिया आप की शादी से 1 महीने पहले ही फिर हम साथ में शॉपिंग करेंगे आप की शादी की..."- आर्यन खुश होते हुए बोला
"नेक्स्ट मंथ एग्जाम है तेरे, तो फिर वापस कब जा रहा है तू?" - राजवीर ने पूछा
"2 दिन बाद की है रिटर्न टिकट है मेरी!" - आर्यन बोला
"आज ही तो आया तू वह भी सिर्फ 3 दिन के लिए, वापस भी जा रहा 2 दिन बाद, और मुझे बताया भी नहीं तूने..." - राजवीर थोड़ा उदास होते हुए बोला
"बस इसीलिए नहीं बताया था मुझे पता था आप सैड हो जाओगे!" - आर्यन राजवीर की उदासी समझते हुए बोला
"नहीं, मैं सैड नहीं हूं, मैं समझ सकता हूं एग्जाम इंपॉर्टेंट है कोई नहीं 1 महीने बाद तो तू आ ही जाएगा जब तक वेट कर लूंगा मैं..." - राजवीर मुस्कुराते हुए बोला, इतनी देर में वो शायद पहली बार ही मुस्कुराया होगा।
"अच्छा ठीक है, लेकिन आज मैं यही सो जाऊं आप के रूम में?" - आर्यन राजवीर से पूछते हुए बेड पर लेट गया
"यह भी कोई पूछने वाली बात है आधी रात से ज्यादा तो बीत गई है , अब तो सुबह भी होने वाली है नींद आ रही हो तो सो जा तू, मुझे तो नींद नहीं आ रही।" - राजवीर बोला लेकिन आर्यन ने कोई जवाब नहीं दिया तो राजवीर ने पीछे मुड़ कर बेड की तरफ से देखा तो आर्यन सो चुका था।
"आर्यन को सोता देख कर राजवीर मुस्कुराने लगा और मन ही मन सोचने लगा - "थक गया होगा, फ्लाइट से डायरेक्ट फंक्शन में आ गया था रेस्ट करने का भी टाइम नहीं मिला होगा, अच्छा हुआ सो गया और फिर आर्यन को ब्लैंकेट उड़ा कर खुद अपने रूम की बालकनी में आ कर खड़ा हो गया और कुछ सोचने लगा।" - शायद उन अनकही बातों के बारे में जो वह आर्यन से भी शेयर नहीं कर पाया था।
अगली सुबह,
साइना नाश्ता करने के बाद अपनी मां बहन और भाई के साथ हॉल में बैठी थी जब उस की मां ने उसे बताया कि कल सगाई के फंक्शन के बाद ही उन्होंने राजवीर के माता-पिता से बात करके सगाई की तारीख पक्की कर दी है।
इतना सुनते ही राइमा एक्साइटिड होते हुए अपनी मां से पूछने लगी - "वाओ मम्मी! कब की डेट फिक्स हुई है, दी की शादी की?"
"दो महीने बाद की..." - साइना की मां ने जवाब दिया
"व्हाट! दो महीने में शादी, मम्मी इतनी भी क्या जल्दी है आप लोगों को मेरी शादी की और मुझ से एक बार पूछा भी नहीं, पूछा तो छोड़ो बताया तक नहीं मेरी शादी की डेट फिक्स करने से पहले।" - दो महीने बाद अपनी शादी होने की बात सुन कर साइना भी एकदम राजवीर की ही तरह रिएक्ट करते हुए अपनी मां से बोली
"ऐसा भी क्या जरूरी था , तुझ से पूछना और बताना, यह सब बातें बड़े ही तय करते हैं और रही बात दो महीनों में शादी वाली बात की तो इतना समय पहले मुझे भी कम लग रहा शादी की तैयारियों के लिए लेकिन फिर पंडित जी ने बताया कि अगला शुभ मुहूर्त एक साल बाद का है तो सभी को दो महीने बाद वाला मुहूर्त ही ठीक लगा शादी के लिए..." - साइना की मां उसे पूरी बात बताती हुए बोली
"हां यह भी ठीक है, अब जब मैंने खुद ही हां की है इस शादी के लिए तो फिर कभी भी हो क्या फर्क पड़ता है और मेरी मर्जी चलती ही कब है, जो मुझ से पूछना जरूरी लगेगा आप लोगों को?" - इतना बोल कर साइना हल्के गुस्से में वहां से उठ कर चली गई
राइमा, साइना के पीछे जाने लगी तो उस की मां ने कहा - " रुक जा राइमा, थोड़ी देर अकेले रहने दे उसे, पता नहीं क्या हो जाता है इस लड़की को हमेशा ही शादी के नाम से?"
क्रमशः
(हां, तो जैसा कि हम सभी जानते हैं अब तक की कहानी पढ़ने के बाद कि हमारे राजवीर और साइना दोनों ही शादी नहीं करना चाहते हो इतनी जल्दी करने के लिए तो वह दो ना ही मेंटली रेडी नहीं है तो फिर अब क्या होगा जब उनको ही पता चला है अगले 2 महीने में ही उन दोनों की शादी की डेट फिक्स हो गई है और उनके पैरेंट्स ने उन दोनों से एक बार पूछा तक नहीं, 🙄 वैसे गलत बात है बताना तो चाहिए था ऐसे बाद में पता चल रहा है 😅 क्या लगता है आप लोगों को आगे क्या करेंगे यह दोनों? 🤭)
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उधर दूसरी तरफ राजवीर ने अपनी मां से वही बात पूछी जोकि आर्यन ने उस को रात में बताई थी।
"क्या मां, आपने मुझे बताया भी नहीं और शादी की तारीख फिक्स कर दी।" - राजवीर अपनी मां से बोला
"तुझे तो पता चल ही जाना था बेटा, यह कौन सी भला छुपा कर रखने वाली बात है, जो तू ऐसे बोल रहा है जैसे कि हम लोग तुझे बताते ही नहीं।" - वीना जी ने जवाब दिया
"मेरा कहने का मतलब है मां , ऐसे बाद में पता चले तो फिर क्या फायदा, शादी की तारीख तय करने से पहले एक बार मुझ से पूछ तो लेते ना..." - राजवीर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए बोला
"क्या पूछना चाहिए था हमें तुम से राजवीर, हम तुम्हारे माता-पिता हैं, तुम्हारे लिए जो सही लगेगा वही करेंगे।" - राजवीर के पिता मिस्टर शेखावत हॉल में आते हुए राजवीर की बात सुन कर बोले
"मेरा कहने का यह मतलब नहीं था डैड , लेकिन आप लोगों को भला इतनी क्या जल्दी थी शादी की ? अभी तो इंगेजमेंट हुई है, कम से कम 6 महीने तो रुक जाते शादी के लिए...." - राजवीर अपने पिता से बोला
"6 महीने बाद क्यों करनी है तुझे शादी, 2 महीने भी काफी समय होता है और ज्यादा देर क्यों करनी जब रिश्ता इतना अच्छा है! तुझे लड़की पसंद नहीं है क्या या फिर कोई और बात है तू शादी के लिए फिर से मना तो नहीं करने वाला है ना?" - राजवीर की मां ने काफी शक भरी निगाहों से घूरते हुए उस से पूछा
"अरे नहीं मां, ऐसा कुछ भी नहीं है, आप लोग समझ नहीं रहे मैं बस इतना बोल रहा था कि उस वक्त डिस्कशन में मुझे शामिल क्यों नहीं किया आखिर मेरी शादी की बात चल रही थी ना अब तो डेट फिक्स हो गई कुछ नहीं हो सकता।" - राजवीर मायूसी से बोला
"क्यों नहीं हो सकता ; तारीख अभी भी आगे हो सकती है लेकिन उस के लिए तुम्हारे पास ठोस वजह होनी चाहिए लेकिन पंडित जी ने बोला था 2 महीने के बाद शादी का मुहूर्त 1 साल बाद वाला है इसलिए हम सब आपसी सहमति से यह 2 महीने बाद शादी करने को राजी हुए थे।" - राजवीर के पिता ने उसे पूरी बात समझाते हुए बोला
राजवीर कुछ बोलने ही वाला था कि तभी उस का भाई आर्यन भी वहां पर आ गया।
"गुड मॉर्निंग मॉम, डैड , भाई क्या हो रहा है ? कुछ सीरियस डिस्कशन चल रहा है क्या? मैं गलत टाइम पर तो नहीं आ गया मैं यहां, वैसे मैं अभी सो कर उठा।" - आर्यन बोलते हुए अपनी मां के पास वाले सोफे पर आधा लेटते हुए बैठ गया
आर्यन की मां ने उस के कान पकड़ते हुए कहा - "तुझे कैसे पता चली शादी की तारीख तय होने वाली बात और अगर पता चल भी गई तो हम लोगों से पहले तूने राजवीर को क्यों बता दिया, अब देख वह नाराज है इसी बात पर!"
"ओह मॉम! मेरा कान छोड़िए, लग रहा है मुझे और मैंने तो भाई को बस ऐसे ही बता दिया था।" - आर्यन ने अपनी मां से अपना कान छुड़वाते हुए कहा
"अरे नहीं मैं नाराज नहीं हूं मॉम, मैं बस से ऐसे ही पूछ रहा था , फॉरगेट इट! मैं ऑफिस जा रहा हूं बहुत काम है ऑफिस में , आर्यन तु साथ चलेगा?" - राजवीर ने आर्यन से पूछा
"अरे नहीं भाई, अभी मैं ऑफिस कहां.... 3 दिन की छुट्टी पर तो आया हूं और वापिस भी जाना है! आप अकेले ही जाओ ऑफिस, मुझे आज रेस्ट करना है।" - आर्यन बोला
"तेरा रेस्ट नहीं हुआ अभी तक, दोपहर को सो कर उठा है 12:00 बजे फिर भी, अच्छा मैं चलता हूं बाय!" - राजवीर बोला और इतना बोल कर वहां से चला गया
"मॉम संजू कहां है?" - अपनी बहन के बारे में पूछता हुआ आर्यन बोला
"कॉलेज गई है वह, तेरी तरह छुट्टी पर नहीं है ना" आर्यन की मां हंसते हुए बोली
"क्या मां, चला जाऊंगा मैं भी कल ही, फिर कहां रेस्ट करने मिलेगा नेक्स्ट मंथ एग्जाम है और उस के नेक्स्ट मंथ भाई की शादी।" - आर्यन मुंह बनाते हुए बोला
"हां पता है, अब चल नाश्ता कर ले तू भी, फिर रेस्ट कर लेना या अपने दोस्तों से मिल लेना जाकर।" - वीना जी आर्यन से बोली
"ओके मॉम" - बोल कर आर्यन अपनी मां के साथ चला जाता है।
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उधर दूसरी तरफ साइना अपनी मां की बात से परेशान होकर गुस्से में अपने कमरे की बालकनी में आकर खड़ी हो जाती है और भावशून्य हो कर आकाश की तरफ निहारते हुए किसी सोच में डूब जाती है!
तभी उसका फोन रिंग होता है तो रिंगटोन की आवाज से उसका ध्यान टूटता है और वह अपना मोबाइल फोन इधर उधर ढूंढने लगती है।
तभी साइना को याद आता है कि मोबाइल तो उस के कमरे में रखा हुआ है, वह जल्दी से भागकर कमरे में आती है हमारी मोबाइल उठा कर स्क्रीन पर देखती है तो उसकी बेस्ट फ्रेंड श्रेया का कॉल रहता है।
साइना के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ जाती है और कॉल रिसीव करके वह बोलती है...
"हां यार, श्रेया बोल क्या हुआ?" - साइना बोलती है
"क्या हुआ... क्या पूछ रही है? कभी तू भी कॉल कर लिया कर; अभी से प्रैक्टिस कर रही है क्या? शादी के बाद की!" श्रेया नाराजगी जाहिर करती हुई बोली
"अरे यार करती तो हूं मैं काॅल , और तेरी शिकायतें कभी खत्म नहीं होती, अब बोल क्यों कॉल किया था!" - साइना ने पूछा
"कब कॉल करती है तू झूठी कहीं की, बता लास्ट टाइम कब किया?" - श्रेया बोली
"अरे यार! अभी कल रात तक तो साथ में ही थे और अभी कॉल करने ही वाली थी तुझे कि तेरा कॉल आ गया बड़ी लंबी उमर है तेरी" - साइना श्रेया को समझाते हुए बोली
"अच्छा ठीक है, अब बता तू ने क्या फैसला किया है।" - श्रेया ने एकदम से सवाल किया
"फैसला... लेकिन किस चीज का फैसला? किस बारे में बात कर रही है तू?" - श्रेया की इन आधी अधूरी बातों से साइना को कुछ समझ नहीं आया तो उस ने पूछा
"अरे यार! कल तेरी सगाई थी और मुझे पता है तू सिर्फ फिजिकली वहां प्रेजेंट थी , मेंटली नहीं और दिल से नहीं.." श्रेया ने कहा
"क्या बोलना क्या चाह रही है तू श्रेया साफ-साफ बोल..." - साइना ने भी अब सीधे ही पूछ लिया
"तु अच्छी तरह से समझ रही है कि मैं क्या बोल रही हूं!" - श्रेया बोली
"क्या करना है समझकर या ना समझ कर भी?" साइना मायूस होते हुए बोली
"क्या हुआ ऐसा क्यों बोल रही है तु?" श्रेया ने पूछा
"यार तू तो सब जानती है ना कि मैं इस रिश्ते को और ना ही इस सगाई को ही अपना पाई हूं अभी तक और मेरे मम्मी पापा ने कल रात में शादी की तारीख भी तय कर दी।" - साइना ने श्रेया को बताया
ओह वाओ! क्या बोला यार तूने ; मैरिज डेट फिक्स हो गई तेरी कांग्रेचुलेशन्स यार...." - 'श्रेया एक्साइटिड होते हुए बोली बिना साइना की बात समझे कि साइना दुखी हो कर उसे यह सब बता रही थी।
श्रेया की बात सुन कर और एक्साइटमेंट खुशी वाली आवाज सुनकर साइना को गुस्सा आ गया और वह उसी तरह गुस्से में बोली - "शादी की बधाइयां लेने के लिए तुम्हें ये बात नहीं बता रहे हैं हम, अपनी प्रॉब्लम शेयर कर रहे हैं और तुम खुश हो रही हो!"
"अच्छा यार! सॉरी, मैं खुश नहीं हूं , बस थोड़ा एक्साइटिड हो गई थी तुम बताओ कि प्रॉब्लम क्या है तुम को शादी की तारीख तय होने से?" - श्रेया ने पूछा
"सब तो जानती हो तुम यार, फिर क्यों बार-बार ऐसे अनजान बनती हो?" - साइना थोड़ा इरिटेट होते हुए बोली
"जितना हम जानते हैं, हमारे हिसाब से तो कोई प्रॉब्लम नहीं है अब तुम ही आगे नहीं बढ़ना चाहती हो, तो कोई क्या करें इस में? हम तो कितनी बार तुम्हें समझा चुके हैं कि जो हो गया उसे भूल जाओ, लाइफ में आगे बढ़ो, अपने फ्यूचर के बारे में सोचो।" - श्रेया उसे समझाते हुए बोली
"बस करो यार तुम हमें समझाना , हमारी शादी की तारीख तय हुई है और वह भी हमें बताएं, हम से पूछे बिना तो हमें प्रॉब्लम तो होगी ही ना..." साइना बोली
"अरे यार! वह सब तो बड़े लोग ही तय करते हैं और तुम ने हां करी थी इस रिश्ते के लिए तभी तो बात यहां तक पहुंची तो आगे तुम्हें प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए।" - श्रेया ने कहा
"हां की नहीं थी यार! करनी पड़ी थी, फैमिली की वजह से और मुझे नही लगता है मैं अपनी शादी को कभी अपना पाऊंगी और अमन की जगह किसी और को दे पाऊंगी।" - बोलते बोलते ही साइना की आवाज भारी हो गई और उस की आंखों में आंसू आ गए
"यार साइना , प्लीज तु अपसेट ना हो, मैं जानती हूं तेरा और अमन का रिश्ता सबसे खास था तेरे लिए इसलिए उस की जगह पर किसी और को सोचना भी तुझे दुखी करता होगा लेकिन तू हमेशा उस की यादों के सहारे तू नहीं जी सकती ना, इसलिए इस रिश्ते को भगवान का एक इशारा समझ कर एक मौका दे यार एक नए नज़रिए से सब कुछ स्वीकार करके देख।" श्रेया एक बार फिर उसे समझाने की कोशिश करते हुए बोली
"पता नहीं यार, अमन क्यों चला गया मुझे छोड़ कर उसके बिना मैंने अपनी लाइफ अपना फ्यूचर कुछ इमेजिन ही नहीं किया था कभी जो कुछ भी था सब उस के साथ ही था।" - बोलते बोलते साइना रोने लगी
"डोंट क्राय यार, चुप हो जा अच्छा ठीक है, हम दोनों इस बारे में बाद में बात करते हैं!" श्रेया बोली
"ओके, बाद में ही बात करते हैं अभी मन नहीं है!" इतना बोल कर साइना ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी उस के बाद श्रेया ने उसे कई बार दोबारा कॉल करने की कोशिश की लेकिन साइना ने कॉल रिसीव नहीं की।
कुछ देर बाद राइमा साइना के कमरे में आई और उस से पूछने लगी - "आर यू ओके दी!"
राइमा को ऐसे अचानक अपना हालचाल पूछने के लिए कमरे में आता दी साइना को थोड़ा अजीब लगा लेकिन साइना पहले अपनी आंखों के आंसू पूछती हूई उस के सवाल के जवाब में एक और सवाल करती हुई बोली - बिल्कुल ठीक हूं मैं, मुझे क्या होगा और तू ऐसे क्यों पूछ रही है। "
राइमा साइना के करीब आकर बैठती हुई बोली - "वह क्या है ना दी, इसके दो कारण हैं, पहली बात तो आप बहुत देर से अपने रूम में ही हो, मॉम से बात करने के बाद से ही और दूसरी बात आप श्रेयू दी का कॉल भी रिसीव नहीं कर रही हो, तो वो मुझे कॉल करके आप के बारे में पूछ रही थी।"
"ये श्रेया ना पागल है पूरी, अभी थोड़ी देर पहले ही तो उस से कॉल पर बात हुई थी मेरी फिर भी तुझे कॉल कर दिया उस ने" - राइमा की बात सुन कर साइना बोली
"अच्छा, अभी आप रो रहे थे क्या दी?" - राइमा ने उस की लाल आंखें देख कर पूछा
"नहीं, मैं तो सो रही थी, जरा आंख लग गई थी बस.. " - साइना बहाना करते हुए बोली
"आप मुझसे शेयर कर सकते हो दी, आई कैन अंडरस्टैंड! आपको बुरा लग रहा होगा ना; जो मम्मी पापा इतनी जल्दी कर रहे हैं ; आपकी शादी के लिए, है ना..." - राइमा बोली
"हां, बस थोड़ा सा, कुछ महीनों बाद होती शादी तो मैं भी मेंटली प्रिपेयर हो जाती इतनी सी बात मम्मा पापा के समझ में क्यों नहीं आती?" - साइना अपनी जगह से उठ कर खड़ी होती हुई बोली
"लेकिन दी , ज्यादा दिन तक शादी टालने में एक रिस्क भी तो है ना..." राइमा एकदम सीरियस होते हुए बोली
"रिस्क... लेकिन कैसा रिस्क?" - साइना को कुछ समझ नहीं आया तो वह राइमा से पूछने लगी
"इतने हैंडसम जीजू और दामाद मेरे और मम्मी पापा के हाथ से निकल जाएंगे ना..." - राइमा हंसते हुए बोली
"और दीदी की भी फिक्र कर लो थोड़ी, पागल कहीं की कुछ भी बोलती है।" - साइना उस के सिर पर हल्के से मारते हुए बोली
"अरे दीदी सच में, जीजू है तो बहुत हैंडसम और आप दोनों की जोड़ी भी बहुत अच्छी लगती है, साथ में आप दोनों एकदम मेड फॉर ईच अदर लगते हो।" - राइमा एक्साइटिड होते हुए बोली
"अच्छा बस कर, होने वाले जीजू के नाम की माला जपना और श्रेया को कॉल करके बता दे कि मैं ठीक हूं और अब नीचे चलते हैं, नहीं तो बेवजह मॉम गिल्टी फील करेंगी।" साइना बोली
"आप सच में ठीक हो ना दी?" - दरवाजे से बाहर निकलते हुए राइमा ने पीछे मुड़कर साइना की तरफ देख कर बोला
"हां मेरी दादी अम्मा, बिल्कुल ठीक हूं मैं अब क्या लिख कर दूं या फिर तुझे मारूं तब यकीन आएगा तुझे..." - साइना बोली
"अरे यह हुई ना बात, अब आ गया मुझे यक़ीन" - इतना बोल कर वो दोनों हंसते हुए वहां से चली गई।
उधर दूसरी तरफ से संजना कॉलेज से अपने घर आती है और राजवीर के बारे में पूछती है तभी आर्यन उसे कहता है भैया की चमची मुझे भी याद कर लिया कर कभी मैं भी तेरा भाई हूं।
इस पर संजना उसे कहती है - राजवीर भैया और तेरा कोई कंपैरिजन, और तू अब तक यहां क्या कर रहा है वापस नहीं गया अपने कॉलेज?
"चला जाऊंगा कल ही।" आर्यन उदास होते हुए कहता है
"हां तो फिर आ जाएगा ना एक महीने बाद ऐसे बंदर जैसा मुंह क्यों बना रहा है।" - संजना उसे चिढ़ाते हुए बोली
अपने माता पिता और परिवार वालों की खुशी के लिए राजवीर ने साइना से शादी के लिए हां तो कर दी, लेकिन दिल से तो वह भी कभी इस शादी को अपना नहीं पाएगा और इसकी वजह वह ऑफिस में अपने केबिन में अकेला बैठा हुआ सोच रहा है और अपनी सभी पुरानी यादों को याद कर रहा है।
क्रमशः
(राजवीर और साइना दोनों की ही हालत लगभग एक जैसी है दोनों ही यह शादी नहीं करना चाहते या फिर कम से कम इतनी जल्दी तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहते उसकी वजह कई सारी है पहली तो वह दोनों एक दूसरे को बिल्कुल भी नहीं जानते और शादी ना करने के लिए भी उन दोनों के अपने अलग-अलग कारण है जो कि आगे की स्टोरी के साथ साथ ही आप लोगों को पता चलेगा इसलिए जुड़े रहिए और पढ़ते रहिए मेरी यह कहानी 😇)
11
अपने माता पिता और परिवार वालों की खुशी के लिए राजवीर ने साइना से शादी के लिए हां तो कर दी, लेकिन दिल से तो वह भी कभी इस शादी को अपना नहीं पाएगा और इसकी वजह वह ऑफिस में अपने केबिन में अकेला बैठा हुआ सोच रहा है और अपनी सभी पुरानी यादों को याद कर रहा है।
फ्लैशबैक स्टार्ट....
"आई लव यू प्रिया, आई लव यू सो मच!" कॉलेज गार्डन के बीचो बीच जमीन पर घुटनों के बल एक लड़की के सामने गुलाब का फूल हाथ में लेकर बैठा हुआ एक 20 - 22 साल का लड़का उस लड़की से बोला
उस लड़के का प्रपोजल सुनकर लड़की ने अपने दोनों हाथ अपने चेहरे पर रख लिए और लड़के के हाथ से फूल लेते हुए बोली - "यस, आई लव यू टू राज!"
और फिर प्रिया उस लड़के का हाथ पकड़ कर उसे अपने सामने खड़ा करते हुए गले से लगा लेती है। राज भी प्रिया को गले लगा लेता है।
उस दिन के बाद से राज और प्रिया कॉलेज के फेमस कपल मैं से एक हो गए और हर जगह कॉलेज कैंटीन लेक्चरर्स और गार्डन में भी एक दूसरे के साथ ही दिखने लगे ।
इतना ही नहीं उस दिन के बाद से तो वह दोनों कॉलेज भी एक साथ ही आने जाने लगे थे, राज , प्रिया से बहुत प्यार करता था और उस पर बहुत ज्यादा विश्वास भी करता था; ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं था कि प्रिया बहुत ही ज्यादा सुंदर और आकर्षक थी बल्कि राज को प्रिया इसलिए पसंद थी क्योंकि राज की नजर में वह एक बहुत ही अच्छे दिल वाली, नेक और समझदार लड़की थी।
वहीं दूसरी तरफ प्रिया की बात करें तो उसके एक नहीं दो रुप थे, राज के सामने शुरू से ही प्रिया हमेशा एक शांत स्वभाव वाली अच्छी और समझदार लड़की की तरह ही बिहेव करती थी तो वही दूसरी तरफ से अपने फ्रेंड्स के बीच वह बहुत ही मॉडर्न, कूल और महत्वकांक्षी लड़की थी और राजवीर प्रिया की इस साइड से पूरी तरह अनजान था।
प्रिया तो राजवीर से सच्चा प्यार भी नहीं करती थी वह तो उसके साथ केवल इसलिए थी क्योंकि राज दिखने में हैंडसम था और उस के पिता एक बहुत बड़े बिजनेसमैन थे और वह बहुत ही ज्यादा अमीर भी था और इस के साथ ही एक और वजह यह भी थी कि पूरी कॉलेज के सामने राज ने उसे प्रपोज किया था और इसकी वजह से प्रिया कॉलेज में बहुत पॉपुलर हो गई थी वह हमेशा से यही सब तो चाहती थी जो कि उसे राज के जरिए मिल रहा था।
उन दोनों को डेट करते अब 6 महीने हो चुके थे, इस बीच राज के कई सारे दोस्त प्रिया की सच्चाई से वाकिफ हो चुके थे और उनमें से कुछ ने तो राज को बताने की भी कोशिश की थी लेकिन राज प्रिया के प्यार में इतना ज्यादा पागल था कि उसने किसी की बात नहीं सुनी और ना ही किसी की बात पर यकीन किया, इन्हीं में से राज का एक दोस्त साहिल भी था जिस ने एक दो बार प्रिया को राज के अलावा किसी और लड़के के साथ घूमते हुए भी देखा था लेकिन साहिल लड़के का चेहरा नहीं देख पाया था।
फिर भी एक अच्छे दोस्त होने के नाते उसने राज को प्रिया का सच बता दिया, इस पर राज ने उससे पूछा कि कौन था वह लड़का जिसके साथ उसने प्रिया को देखा था?
राज के इस सवाल पर साहिल ने कहा कि वह लड़के का चेहरा तो नहीं देख पाया लेकिन प्रिया को उसने देखा था, वह उसे धोखा दे रही है।
साहिल की इतनी बात सुनकर राज को गुस्सा आ गया और उसने प्रिया का पक्ष लेते हुए अपने दोस्त साहिल से लड़ाई कर ली, राज सिर्फ अपने बेस्ट फ्रेंड विक्रम की बात की मानता था उसने विक्रम से पूछा इन सब अफवाहों के बारे में तो विक्रम ने कहा कि सभी जलते हैं तुझ से और प्रिया से क्योंकि तुम दोनों सबसे पॉपुलर कपल हो कॉलेज की और साथ में बहुत अच्छे भी लगते हो।
"लेकिन तुम जानते हो ना विक्रम मैंने यह सब दिखावे या फिर कॉलेज में पॉपुलर होने के लिए नहीं किया, मैं प्रिया से सच्चा प्यार करता हूं और उस से ही शादी करूंगा" राज ने विक्रम की बात का जवाब देते हुए कहा
"क्या कहा तूने शादी? पागल है क्या तू राज शादी तक का कौन सोच लेता है इतने जल्दी" - विक्रम राज की बात सुनकर हंसते हुए बोला
"जल्दी कहां है विक्रम, प्रिया एक दूसरे को पिछले 2 सालों से जानते हैं और 6 महीने से तो डेट भी कर रहे हैं!" - राजवीर बोला
"कॉलेज की दोस्ती, एक दूसरे को जानना, डेट प्यार सब कुछ अपनी जगह और शादी एक बिल्कुल अलग चीज होती है तू कहां इन सब को मिक्स कर रहा है रहने दे तू राज" - इतना बोलकर विक्रम हंसते हुए और राज का मजाक उड़ाते हुए वहां से चला गया
राज भी अपने दोस्त विक्रम को बहुत अच्छी तरह से जानता था कि वह इन रिलेशनशिप या शादी जैसे रिश्तो और बातों को सीरियसली नहीं लेता कभी भी, इसलिए राज ने विक्रम की बातों का बुरा नहीं माना और उसे जाते देख कर वहीं खड़ा मुस्कुराता रहा।
कुछ देर बाद प्रिया वहां आई और राज को पीछे से बैक हग करती हुई बोली - "हे बेबी ! मेरा ही वेट कर रहे थे ना।"
उस की बात पर राज ने उसके चेहरे की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा - हां, और फिर वो दोनो हाथों में हाथ डालकर वहां से चले गए।
कुछ दिनों बाद राज और प्रिया एक साथ बैठे हुए हैं तभी राज में प्रिया का हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहा - " प्रिया अब हमें अपने घरों में एक दूसरे के बारे में बता देना चाहिए तभी तो आगे हम अपनी शादी , फ्यूचर के बारे में सोच पाएंगे.....
राजवीर अभी बोल ही रहा था कि प्रिया उसकी बात काटते हुए बीच में ही बोल पड़ी - "शादी , फ्यूचर यह सब क्या बोले जा रहे हो राज तुम, इतनी दूर का नहीं सोचा मैं ने तो और हमारी बात भी तो नहीं हुई कभी इस बारे में" - प्रिया थोड़ा घबराते हुए बोली
"कभी बात नहीं हुई इसीलिए तो आज कर रहा है आखिर शादी तो करनी है और मैं तुम से ही शादी करूंगा, प्रिया!" - राज बोला
"शादी के लिए तो तुमने मुझे प्रपोज नहीं किया था ना राज, और वैसे भी अभी हमारे इंजॉय करने के दिन हैं, अभी तो हम कॉलेज में हैं और तुम कहां अभी बड़ों जैसे शादी की बातें लेकर बैठ गए" - प्रिया लापरवाही से बोली
"अभी नहीं प्रिया मुझे पता है अभी हमारी स्टडी कंप्लीट नहीं हुई है लेकिन जब भी करूंगा मैं तुमसे ही शादी करूंगा क्योंकि मैं सिर्फ और सिर्फ तुमसे ही प्यार करता हूं!" - राज बोला
"अच्छा ठीक है, देखा जाएगा।" प्रिया राज की बात टालते हुए बोली
राज उसकी बात को ठीक तरह से समझ नहीं पाया और उसने ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया खैर उस वक्त तो बात आई गई हो गई।
कुछ दिन और ऐसे ही बीते, एक राज अपने दोस्त विक्रम को पूरे कॉलेज में ढूंढ रहा था, तभी किसी ने राज को बताया कि विक्रम लास्ट वाले लेक्चर रूम में है। राज, विक्रम से मिलने जब उस लेक्चर रूम में पहुंचा तो उसने देखा कि विक्रम , एक लड़की को किस कर रहा था; वो लड़की शायद विक्रम की गर्लफ्रेंड होगी , मन में यह सोच कर राज मुस्कुराते हुए वहां से वापिस जाने लगा तभी उस की नजर लड़की के चेहरे पर पड़ी तो उस ने देखा कि वो लड़की कोई और नहीं बल्कि उसकी गर्लफ्रेंड प्रिया थी।
प्रिया की नजर जैसे ही राज पर पड़ी वो एकदम विक्रम से अलग हो गई और राज के पीछे भागी; लेकिन राज अपनी आंखों में बहते हुए आंसू और मन में भरे हुए गुस्से को लेकर बिना प्रिया और विक्रम की कोई भी बात सुने वहां से चला गया।
उस दिन के बाद से राज, विक्रम और प्रिया से फिर कभी नहीं मिला और इतने बड़े धोखे की बाद, उस का दोस्ती और प्यार दोनों पर से ही विश्वास एक साथ ही उठ गया।
फ्लैशबैक एंड
राज ने अपना कॉलेज भी चेंज कर लिया और कुछ दिनों के लिए सिटी भी, और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉलेज का वो राज, राजवीर बन गया और अपने डैड के बिजनेस में लग गया और एक सफल बिजनेसमैन की तरह उसने अपने पिता की कंपनी को सफलता के नए मुकाम पर पहुंचा दिया।
उस बात को आज 5 साल हो चुके हैं लेकिन कहते हैं ना कि बुरी यादें इतनी जल्दी और आसानी से पीछा नहीं छोड़ती बस ऐसा ही कुछ राजवीर के साथ ही हुआ था वह प्रिया से सच्चा प्यार करता था इसलिए उसे भूल नहीं पा रहा था और ना ही उसके लिए इतने बड़े धोखे को, राज को उन सभी लोगों की बातें याद आ रही थी जिन्होंने उसे पहले ही प्रिया की असलियत बताने की कोशिश की थी लेकिन प्रिया के प्यार में अंधे राज ने उस समय उन लोगों की एक ना सुनी और अपने एक अच्छे दोस्त साहिल को भी खो दिया।
विक्रम उस का सबसे अच्छा दोस्त था, उसे लगा था एक बार प्रिया उसे धोखा दे सकती थी लेकिन विक्रम और प्रिया दोनों इसमें शामिल थे और उस दिन के बाद से ही राजवीर ने यह फैसला भी किया था कि वो अब कभी किसी से भी प्यार शादी दोस्ती कुछ भी नहीं करेगा और कोई भी रिश्ता नहीं बनाएगा।
लेकिन यह सब बात ही वह अपने घर वालों को नहीं बता सकता था और ना ही समझा सकता था इसलिए घर वालों के दबाव में आकर आखिरकार उसने इस शादी के लिए हां कर दिया था, राजवीर ने सोचा था कि अभी तो शादी के लिए तब टाइम होगा, तब तक वह कोई ना कोई जुगाड़ लगाकर शादी कैंसिल करवा देगा या फिर घरवालों से साफ-साफ बोल देना कि वह कभी भी किसी से भी शादी नहीं कर सकता।
लेकिन उसके माता-पिता तो कुछ ज्यादा ही जल्दी में थे इसलिए तो उन लोगों ने सगाई वाले दिन बिना राजवीर से पूछे ही उसकी शादी की तारीख तय कर दी और वह भी सिर्फ 2 महीने बाद की....
राजवीर अपने अतीत की यादों में डूबा हुआ बैठा था, प्रिया के बाद से उसकी लाइफ में कोई भी लड़की नहीं आई थी क्योंकि उसके दिमाग में यह डर बैठ गया था कि लड़कियां धोखेबाज होती है और हर लड़की आखिर में उसे धोखा ही दे गई इसलिए उसने किसी को अपने लाइफ में आने ही नहीं दिया और अब साइना के साथ शादी होने वाली बात को भी वह प्रिया के दिए धोखे से जोड़कर सोच रहा था; उसे डर था कि कहीं साइना भी प्रिया की तरह निकली तो वह दोबारा से वही सब कुछ नहीं झेल पाएगा।
"सर, काफी लेट हो गया है सभी लोग ऑफिस से जा चुके हैं आपको घर नहीं जाना क्या?" राजवीर का असिस्टेंट अमित उसके केबिन का गेट खोलते हुए उससे बोला
अमित की आवाज सुन कर राजवीर अपने वर्तमान में लौटा और अमित की तरफ देख कर बोला - "हां, मैं चला जाऊंगा; तुम जाओ!"
"ओके सर!" - इतना बोल कर अमित वहां से चला गया
अमित के जाने के बाद राजवीर ने घड़ी की तरफ देखा तो रात के 10:30 बज रहे थे और घड़ी की तरफ देख कर खुद से बोला - "सच में ज्यादा लेट हो गया, कॉल नहीं किया क्या किसी ने एक बार भी..." इतना बोल कर राजवीर अपना मोबाइल ढूंढने लगा और फिर जैसे ही उसे मोबाइल मिला तो उस ने देखा कि आर्यन और उस की मां की 5-6 मिस कॉल लगी हुई थी और राजवीर का फोन साइलेंट पर था।
"ओह माय गॉड! आर्यन की कॉल मैं तो भूल ही गया था वह घर पर ही है जल्दी निकलना था मुझे, उसके साथ कुछ टाइम भी स्पेंड करना था।" - इतना बोल कर राजवीर में अपना मोबाइल पॉकेट में डाला और सामान समेटकर ऑफिस के पार्किंग लॉट की तरफ चला गया और फिर वहां से कार लेकर घर की तरफ जाने लगा।
कार में बैठकर कार स्टार्ट करने से पहले राजवीर ने सोचा कि एक बार कॉल करके घर पर मां और आर्यन को इन्फॉर्म कर दे कि वह रास्ते में हैं बस आ रहा है।
यह सोचकर उसने मां और आर्यन को बारी-बारी कॉल किया लेकिन दोनों में से किसी में भी राजवीर का कॉल रिसीव नहीं किया, राजवीर ने भी दोबारा ट्राई नहीं किया, यह सोच कर कि घर ही तो जा रहा हूं ; मिल कर बता दूंगा कि लेट हो गया आज निकलने में...
ऑफिस से घर आने में राजवीर को 11:30 बज गए, और जब वह घर पहुंचा तो सभी सो चुके थे, आर्यन भी लेकिन राजीव की आने की आहट सुनकर उसकी मां जाग गई , वो शायद हॉल में बैठकर राजवीर के ऑफिस से घर वापस आने का ही इंतजार कर रही थी।
राजवीर को देख कर उस की मां बोली - "बड़ी देर कर दी आज बेटा, खाना तेरे कमरे में भिजवा दूं।"
"आप अब तक क्यों जाग रही थी मां, अपने काम थोड़ा ज्यादा था तो बस देर हो गई!" - राजवीर सफाई देता हुआ बोला
"जल्दी घर आने की आदत डाल ले अब तेरी शादी होने वाली है नहीं तो तेरी वजह से तेरी पत्नी को भी भूखा रहना पड़ेगा" - राजवीर की मां ने उस से कहा
"क्या मां आप भी हर वक्त शादी बात ही करती रहती हो, मैं खाना खा लूंगा, आप सो जाइए जा कर" - इतना बोल कर राजवीर अपने कमरे में आ गया और डिनर करने का उस का मन नहीं था, फिर भी मां के कहने पर थोड़ा बहुत तो उसने खा लिया और बालकनी में खड़ा होकर अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में काफी कुछ सोचने लगा।
क्रमशः
{हां, तो ये थी हमारे हीरो राजवीर की पास्ट स्टोरी, किस-किस को जाननी थी? आखिर जिस के साथ भी ऐसा कुछ होगा वो बेचारा तो घबराए का ही शादी प्यार जैसे रिश्तो में पढ़ने से दोबारा क्योंकि वह कहते हैं ना दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है तो बस ऐसा ही कुछ हाल है राजवीर का भी,😅 लेकिन होप फॉर द बेस्ट 😇 हो सकता है आगे अब सब अच्छा हो वैसे अच्छा ही होना चाहिए अब तो क्योंकि बुरा तो काफी कुछ हो ही चुका है ना, क्या कहते हैं आप सब?}
12
रात भर टेंशन और पुरानी यादों की वजह से राजवीर को काफी देर से नींद आई थी , इस वजह से अगली सुबह उस की जल्दी आंख नहीं खुली और वह काफी देर तक सोता रहा।
आर्यन को आज ही वापस जाना था, उसकी दिन की ही फ्लाइट थी और कल पूरा दिन भी वह राजवीर से नहीं मिल पाया था, इसलिए जाने से पहले वह राजवीर से मिलना चाहता था, राजवीर अभी तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया, तो उस घर में सभी को काफी अजीब लगा क्योंकि राजवीर रोज सुबह अपने टाइम से उठ जाता था।
आर्यन राजवीर के कमरे में पहुंचा और उसे नींद से जगाते हुए बोला - "बाद में सो लेना भाई, अभी मुझ से तो मिल लो मेरी फ्लाइट है 2 घंटे में!"
आर्यन की आवाज सुन कर राजवीर जाग गया और बोला - "क्या हुआ? कहां जा रहा है तू इतनी सुबह सुबह!"
"सुबह कहां है भाई, 11:00 बज रहे हैं और आप इतनी लेट कैसे सोते रह गए आज; तबीयत तो ठीक है ना आप की?" आर्यन राजवीर का माथा छूते हुए बोला
"अरे नहीं, ठीक हूं मैं, कुछ नहीं हुआ मुझे, वह तो बस कल रात को लेट सोया था तो आज सुबह आंख नहीं खुली, टाइम हो गया क्या तेरी फ्लाइट का?" - राजवीर बोला
"हां भाई! बस आप से मिल कर निकलने ही वाला हूं, एयरपोर्ट के लिए।" - आर्यन ने जवाब दिया
"इतनी जल्दी वापस भी जा रहा है; अच्छा 10 मिनट रुक मैं भी चलता हूं तेरे साथ एयरपोर्ट, फिर मैं वही से ऑफिस निकल जाऊंगा।" - राजवीर बोला और आर्यन को वेट करने के लिए बोल करें रेडी होने चला गया और फिर उस के साथ एयरपोर्ट तक आया और आर्यन के चेक-इन करने के बाद राजवीर वहां से अपने ऑफिस चला गया।
साइना के घर में तो शादी की तैयारियां अभी से ही शुरु हो गई थी, उस की मां और बहन रोज ही किसी ना किसी चीज़ की शॉपिंग के लिए जाती थी और किसी ना किसी बहाने से तो कभी कभी साइना को भी अपने साथ ही ले जाती थी।
साइना का इन सब चीजों में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था और वह ज्यादातर घर पर ही रहती थी, अपनी मां और बहन को बोल देती थी कि जो भी लेना है अपनी पसंद का ले आएं, वह कुछ नहीं कहेगी।
इस पर साइना की मां उस से कहती है - "यह क्या बात हुई साइना, तेरी शादी है तो सब कुछ तेरी पसंद का ही तो होना चाहिए, शादी बार-बार तो नहीं होती ना!"
"मुझे तो एक बार भी नहीं करनी, लेकिन आप लोगों को कौन समझाए।" - साइना धीरे से खुद में ही बड़बड़ाते हुए बोली
"क्या बोली तू, मैंने सुना नहीं।" - साइना की मां ने पूछा
"कुछ नहीं मां, आप लोग जाइए अभी, मैं बाद में चलूंगी शॉपिंग पर..." - साइना बात बदलते हुए बोली
कुछ इसी तरह,
राजवीर के घर में भी, राजवीर को छोड़ कर सभी उस की शादी की तैयारियों में लगे हुए थे; सिर्फ राजवीर को ही इन सब में कोई दिलचस्पी नहीं थी, सब से पहली बात तो यह है कि जब उसे इस शादी में ही दिलचस्पी नहीं थी, तो उस से जुड़ी तैयारियों में क्या दिलचस्पी होती।
लेकिन उस के माता पिता अपने बड़े बेटे की शादी को देख कर बहुत ही ज्यादा खुश और उत्साहित है और उस की छोटी बहन संजना भी; इन दो महीनों के इस समय में कई बार राजवीर का मन हुआ कि वह अपने घरवालों से जा कर सीधे-सीधे शादी के लिए इंकार कर दे, लेकिन फिर उन सभी की खुशी देख कर उस की हिम्मत नहीं हुई शादी के लिए मना करने की।
धीरे-धीरे दिन बीत रहे थे और जैसे-जैसे शादी की तारीख नज़दीक आती गई, राजवीर और साइना ने इस शादी को अपनी नियति मान कर कहीं ना कहीं स्वीकार कर लिया।
वह दोनों एक दूसरे से सगाई वाले दिन ही मिलें थे, उस के बाद उन दोनों में से किसी में भी एक दूसरे को देखने, जानने या फिर मिलने की कोशिश नहीं की।
क्योंकि साइना आज तक अपने पहले प्यार अमन को नहीं भुला पाई थी और ना ही राजवीर अपने पहले प्यार प्रिया से मिले धोखे को....
साइना अमन की जगह अपने दिल में और अपनी जिंदगी में किसी और को देने का सोच भी नहीं सकती थी, तो वही राजवीर अपनी जिंदगी में आने वाली हर लड़की को प्रिया से जोड़ कर ही देखता था उसे लगता था कि फिर से उसे प्यार में धोखा ही मिलेगा, इसलिए वह किसी को भी मौका ही नहीं देना चाहता था अपनी जिंदगी में आने का......
साइना और राजवीर दोनों के ही लिए, यह शादी सिर्फ एक दिखावा और समझौते का रिश्ता था, जिस में वह दोनों सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार वालों की खुशी के लिए बंधने जा रहे थे।
इसी तरह परिवार वालों की तैयारियों और दूल्हा दुल्हन के मन में चल रही कश्मकश के बीच शादी की तारीख नज़दीक आ गई।
हल्दी, मेहंदी और संगीत की सभी रस्में ठीक तरह से दोनों घरों में निपट गई और आखिरकार शादी का दिन आ गया।
दोनों घर पूरी तरह से मेहमानों से भरे हुए थे , साइना के घरवालों को बारात आने से पहले ही मैरिज हॉल पहुंचना था और बारातियों के स्वागत की तैयारी भी करनी थी।
साइना कमरे में दुल्हन के जोड़े में तैयार हो कर बैठी थी, उस के हाथों में राजवीर के नाम की मेहंदी लगी थी , पूरी तरह से साज श्रृंगार में रंगी हुई, साइना बहुत ही खूबसूरत दुल्हन लग रही थी, कमी थी तो सिर्फ उस के चेहरे पर एक मुस्कुराहट की।
श्रेया और राइमा के साथ-साथ ही साइना के परिवार की कुछ और लड़कियां भी उस के आसपास ही उसे घेरकर खड़ी थी, कुछ विवाहित थी, तो कुछ कुंवारी भी थी।
सभी साइना से अलग अलग तरह की बातें कर रही थी, कोई उस के होने वाले पति का नाम लेकर छेड़ रही थी तो कोई उस के ससुराल वालों के अमीर होने की तारीफ कर रही थी।
साइना को उन सब की बातें बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही थी, लेकिन उस वक्त वह किसी से कुछ भी नहीं बोल सकती थी और साथ ही उसे जबरदस्ती मुस्कुराने की एक्टिंग भी करनी पड़ रही थी, श्रेया और राइमा उस की हालत समझ रही थी; लेकिन वह भी उस की कोई मदद नहीं कर पा रही थी आखिर उन सब लड़कियों को वहां से जाने को तो नहीं बोल सकती थी ना....
तभी अचानक से आतिशबाजी और बैंड बाजों की आवाजें आने लगी और एक छोटे बच्चे ने दुल्हन के कमरे में आकर बताया की बारात आ गई है, तो सभी लड़कियां साइना को दुल्हन के कमरे में अकेला छोड़ कर वहां से जाने लगी ; सिर्फ श्रेया साइना के पास रुक गई, जाते-जाते दरवाजे के पास!
बारात बहुत ही धूमधाम और शानो शौकत से मैरिज हाल के गेट पर आ कर रुकी, आखिर शेखावत परिवार के बड़े बेटे राजवीर शेखावत की बारात थी, साइना के परिवार वालों ने बारात का स्वागत सत्कार बहुत ही अच्छी तरह से किया।
इन सब बातों से अनजान साइना को लगा कि सभी लड़कियां उस के कमरे से चली गई है, तो उस ने अपने पर्स से वही डायरी निकाली और आंखों में आंसू भर कर धीमी आवाज में कुछ बोलने लगी, साइना को नहीं पता था कि श्रेया अभी भी उस कमरे के दरवाजे के पास ही खड़ी है।
श्रेया को सही से सुनाई नहीं दिया कि साइना क्या बोल रही है? इसलिए वह उस के नजदीक गई और वह डायरी उसके हाथ से छीनते हुए बोली - "बस कर यार! अब तू आंसू बहाना, आज तेरी नई जिंदगी की शुरुआत होने वाली है कम से कम आज तो अपने अतीत को यही पीछे छोड़ दे!"
"नहीं छोड़ सकती मैं..." - बोलते हुए साइना ने श्रेया के हाथ से डायरी वापस ले ली और बोली - "कोई नई जिंदगी नहीं, मेरी जिंदगी तो तभी खत्म हो गई थी तू तो सब जानती है ना श्रेया!"
"जानती हूं इसीलिए तो तुझे समझा रही हूं जो अब नहीं है उसे पकड़ कर बैठने से सिर्फ दर्द और तकलीफ भरी यादें ही मिलेंगी और कुछ भी नहीं।" - श्रेया उसे समझाते हुए बोली
"इन्हीं यादों के सहारे तो मैं जिंदा हूं नहीं तो मैं भी कब का अपने अमन की ही तरह...." साइना बोल ही रही थी कि श्रेया उस की बात काटते हुए बीच में ही बोल पड़ी - "चुप कर तू एकदम, अपनी शादी वाले दिन भी ऐसी अशुभ बातें कोई करता है क्या, पागल कहीं की!" - इतना बोल कर श्रेया ने साइना को गले लगा लिया और उस के आंसू पोंछने लगी।
तभी राइमा कमरे में आई और बोली - "अरे! अभी विदाई नहीं हो रही, अभी से क्यों रो रही हो आप दोनों ऐसे ही गले मिल कर!"
राइमा की बात सुन कर वह दोनों हंसने लगी और श्रेया बोली - "क्या हुआ राइमा, तू किसी काम से आई थी क्या?"
"हां श्रेया दी, काम से ही भेजा था मम्मी ने, लेकिन आप दोनों का भरत मिलाप देख कर मैं तो बताना ही भूल गई कि साइना दी को नीचे वरमाला की रस्म के लिए बुलाया जा रहा है, चलो ले कर चलते हैं!" - राइमा बोली
"हां ठीक है , चलो।" - बोल कर श्रेया ने साइना का मेकअप और घुंघट ठीक किया और दोनों साइना को स्टेज तक ले कर गई और फिर वहां पर वरमाला की रसम हुई।
साइना बहुत ही खूबसूरत लग रही थी और राजवीर भी बहुत हैंडसम लग रहा था, उन दोनों की जोड़ी आज भी देखते ही बन रही थी।
वरमाला की रसम के बाद में दुल्हन को फिर से उस के कमरे में भेज दिया गया, साइना के साथ कमरे में इस वक्त उस की बुआ और मामी थी क्योंकि रिवाज़ के अनुसार वरमाला के बाद से लेकर फेरों और विदाई तक होने वाली दुल्हन को अकेला नहीं छोड़ा जाता, श्रेया और राइमा दोनों ही काम में लगी हुई थी इसलिए साथ नहीं बैठ पाई थीं वो दोनों और वरमाला के बाद राजवीर भी अपने भाई आर्यन के साथ एक तरफ जा कर खड़ा हो गया था।
"भैया, मुझे यह समझ नहीं आता कि शादी के फंक्शन में इतना टाइम क्यों लगता है? वरमाला के बाद तुरंत ही फेरे नहीं करवा सकते थे क्या आप के और भाभी के, फटाफट निपट जाती ना शादी!" - आर्यन अपने भाई राजवीर से बोला
"मेरी शादी है और क्यों तुझे क्या इतनी जल्दी पड़ी है ? और यह तेरा लंदन नहीं है, इंडिया है यहां हर काम रस्मों और रिवाजों के अनुसार ही होता है।" - राजवीर आर्यन से बोला
"हां, मुझे पता है इंडिया है यह लेकिन जल्दी तो आपको भी होगी, ना वरमाला के बाद" - आर्यन उसे छोड़ते हुए बोला
"नहीं, मुझे क्यों जल्दी होगी भला, ?" - राजवीर बोला (मेरा बस चले तो भाग जाऊं यहां से, यह शादी ही ना करूं मैं तो)"और फिर इतना बोल कर राजवीर अपने मन में ही सोचने लगा"
"क्या सोचने लगे भाई आप, मेरा तो कहने का यह मतलब था कि भाभी इतनी सुंदर लग रही है और वरमाला के टाइम भाभी को देखने के बाद तो आप का मन कर रहा होगा ना की जल्दी से शादी हो जाए।" - आर्यन हंसता हुआ बोला
"नहीं बिल्कुल नहीं, तु कुछ ज्यादा ही सोचने लगा है , मैं ऐसा कुछ भी नहीं सोच रहा, ज्यादा ना टांग खींच तु मेरी, मैं तेरा बड़ा भाई हूं।" - राजवीर, आर्यन को थोड़ा डांटते हुए बोला और फिर मन ही मन सोचने लगा वैसे लड़की है तो सुंदर!
"ओके , ठीक है भाई जोक्स असाइड, लेकिन आप को नहीं लगता कि कुछ ज्यादा ही टाइम लगता है इंडियन शादियों में?" - आर्यन बोला
"तू न एक काम कर , यही सवाल जाकर मॉम से पूछ ले, वो जवाब दे देंगी तुझे ठीक से..." - राजवीर बोला
"अरे नहीं , मैं यही ठीक हूं आप को कंपनी देता हूं ना फेरों तक!" - आर्यन बोला
उधर दूसरी तरफ,
साइना का भी मन कर रहा था कि वो ये शादी न करे , चुप के से कहीं भाग जाए वहां से दूर या फिर ज़ोर से चिल्ला कर मना कर दे इस शादी के लिए।
लेकिन अपनी सच्चाई वो जानती थी कि दोनो में से कुछ भी इस वक्त वो नही कर सकती है, अब बहुत देर हो चुकी है, बहुत ही ज्यादा देर; जो कुछ भी अब आज हो रहा है उसे अपनाने और राजवीर से शादी करने के अलावा साइना के पास अब कोई और विकल्प नहीं है।
दुल्हन के जोड़े में शीशे के सामने सजी धजी बैठी साइना मन ही मन सोच रही है कि उसे तो पता था की आज उस की शादी होनी है और इतने दिनो से तैयारियां भी चल रही थी और उसने खुद ही तो अपने परिवार वालों की खुशी के लिए इस शादी के लिए हां की थी तो फिर आज उसे ऐसा क्यों लग रहा है कि वो अपने उन्ही परिवार वालों के साथ धोखा कर रही है, और अपने इस शादी के पवित्र रिश्ते के साथ भी; और अपने होने वाले पति के साथ भी!
क्योंकि यह रिश्ता नहीं सिर्फ एक समझौता होगा जिसे वो पूरे मन से कभी भी अपना नही पाएगी क्योंकि उस के दिल में तो कोई और बसा है।
साइना ये सब सोच ही रही थी की तभी उस की मां और श्रेया उसे फेरों के लिए ले जाने के लिए आती हैं।
क्रमशः
(हां तो दोस्तों, हमारे दूल्हा और दुल्हन दोनों का मन हो रहा है कि यह शादी ना करें और भाग जाए फेरों से पहले ही... मतलब एक बार फिर से दोनों को सेम चीज़ ही करनी है 😅 वैसे अब तक के ज्यादातर ऐसी सिचुएशन में सेम थॉट्स ही आती है इन दोनों के दिमाग में😇 तभी तो मेड फॉर ईच अदर है यह कपल , अरे ऐसा मैं नहीं शादी में आए सारे मेहमान बोलते हैं इन दोनों को साथ देख कर 🥰🥰🥰)
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साइना की मां और उस की बेस्ट फ्रेंड श्रेया उसे फेरों के लिए ले जाने के लिए आई और साथ ले जाने से पहले श्रेया , साइना का घूंघट करने लगी, तभी उस की नज़र साइना के चेहरे पर पड़ी , जिस पर बारह बजे हुए थे।
साइना का चेहरा देखकर श्रेया समझ गई कि शायद अभी कुछ देर पहले साइना रो रही थी और अब वह उदास भी है, रोने की वजह से साइना का थोड़ा मेकअप भी खराब हो गया था, इसलिए श्रेया मेकअप ठीक करने के बहाने से साइना के पास ही रुक गई और उस की मां से बोली - "आप चलिए आंटी, मैं उस का मेकअप ठीक करके लाती हूं।"
"ठीक है बेटा, घूंघट भी कर देना; मैं चलती हूं और आप सब भी चलिए, फेरों के लिए!" - इतना बोल कर साइना की मां साइना के कमरें की सभी औरतों को अपने साथ ले कर वहां से बाहर चली गई।
उन सभी औरतों के वहां से चले जाने के बाद श्रेया ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और अब कमरे में सिर्फ साइना और श्रेया ही थी।
श्रेया साइना के ऊपर लगभग चिल्लाते हुए बोली - "क्या है यार तुझे, ऐसी सड़ी हुई शक्ल क्यों बना रखी है तूने? मैं तो परेशान हो गई तुझे समझा समझा कर, शादी एक बार ही होती है थोड़ा तो इंजॉय कर ले, अपनी शादी में , अपने पास्ट को भूल कर।"
"अमन सिर्फ मेरा पास्ट नहीं था, मेरा पहला और आखिरी प्यार भी था, यह सब शादी के सपने हम साथ में देखे थे और आज जब मेरी शादी किसी और से हो रही है, तो क्या इस मौके पर मैं अमन को याद भी ना करुं!" - बोलते बोलते फिर से साइना इन आंखों में आंसू आ गए।
"मैं समझ सकती हूं यार, याद कर... तुझे याद करने से किस0 ने मना किया है लेकिन जो अब इस दुनिया में नहीं है उस की यादों का इतना ज्यादा इफेक्ट तो अपने वर्तमान और फ्यूचर पर ना पड़ने दे कि पुरानी यादों में रह कर अपनी आने वाली जिंदगी को बर्बाद कर ले तु!" - श्रेया ने फिर से साइना को समझाया
"कर तो रही हूं ना यह शादी, लेकिन मैं पहले भी कह चुकी हूं कि अमन की जगह मेरी लाइफ में कोई नहीं ले पाएगा।" - साइना अपने आंसू पोंछते हुए बोली
"हां, तो ठीक है कौन कह रहा है उस की जगह किसी को देने की पहला प्यार है वैसे भी हमेशा सब से खास होता है, और अब जिस को भी तेरी जिंदगी में आना होगा वो तेरे दिल में अपनी जगह खुद ही बना लेगा, देख लेना तू।" - श्रेया बोली
"प्लीज श्रेया, अपने ख्वाबों की दुनिया से बाहर आ जा ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला, रहने दे तू।" - साइना बोली
"अच्छा ठीक है, अब चुपचाप बैठ मेक अप ठीक करने दे, फेरों के लिए नीचे भी जाना है।" - श्रेया बोली
"चाहूं ना चाहूं, अब तो ऐसा फंस चुकी है कि जाना ही है ; फेरे भी करने ही हैं और एक अनजान शख्स से शादी भी।" - साइना धीरे से बोली लेकिन फिर भी श्रेया ने सुन लिया और बोली - "तुम एक बार मिलने के लिए हां कर देती तो, अनजान ना रहती अपने होने वाले पति से, आज शादी वाले दिन तक;"
"अरे क्या होना था मिल कर भी, क्या बदल जाना था, कोई भी आदमी हो, मुझे तो किसी से भी शादी नहीं करनी थी ना अमन के बाद!" - साइना फिर से बोलते हुए भावुक हो गई
"बस करो यार अब तुम, जितना वह सब सोचोगी ,उतना तुम्हें ही तकलीफ होगी, चलो अब नीचे चलते हैं नहीं तो कोई बुलाने आ जाएगा।" - कहते हुए श्रेया ने घूंघट से साइना का चेहरा ढक दिया और उसे अपने साथ कमरे से बाहर ले कर जाने लगी।
साइना और श्रेया दोनों सीढ़ियों पर ही थी कि रास्ते में उन्हें राइमा मिल गई और फिर श्रेया और राइमा दोनों ही साइना को पकड़ा कर मंडप तक ले गई और वहां पर पहले से ही बैठे हुए राजवीर के बगल में साइना को बिठा दिया।
साइना और राजवीर दोनों एक दूसरे के बगल में बैठे हुए थे, दोनों को ही एक दूसरे का चेहरा नहीं दिख रहा था लेकिन अब तक कहीं ना कहीं दोनों ने मानसिक तौर पर इस शादी को स्वीकार कर लिया था पूरी तरह से, लेकिन दिखावे की शादी और एक समझौते के रिश्ते के रूप में...
तभी पंडित जी उन दोनों को फेरों के लिए खड़े होने के लिए बोलते हैं और एक एक करके अग्नि के चारों तरफ से घूमते हुए सात फेरों के सात वचन उन दोनों को दिलाने लगते हैं, लेकिन उन दोनों के मन में तो उन वचनों से अलग कई बातें चल रही थी, जैसे कि....
साइना अपने मन में सोच रही थी कि शादी के बाद वह एक बहू और पत्नी की सभी जिम्मेदारियां निभाएगी, ससुराल में सभी को अपने माता पिता और भाई बहनों के बराबर ही इज्जत यार मान और सम्मान देगी, सभी रिश्ते को इमानदारी से निभाएगी, केवल राजवीर के साथ पति पत्नी वाले रिश्ते को छोड़कर और साथ ही राजवीर को आज रात ही अपने अतीत का सारा सच है बता देगी; उस से कुछ भी नहीं छुपाएगी, वो चाहे जिस तरह भी रिएक्ट करें लेकिन साइना उस के सामने आज रात ही सब साफ कर देगी।
राजवीर के मन में भी ऐसी ही बातें चल रही थी , जो कि वह इतने दिनों से सोच रहा था कि वह अब दोबारा किसी से कभी प्यार नहीं कर पाएगा, क्योंकि उसे लगता था कि प्यार में उसे धोखा ही मिलेगा, उस की खुद पर इस शादी से कोई भी उम्मीद नहीं थी लेकिन उस ने मन ही मन सोचा था कि वह अपनी होने वाले पत्नी को प्यार के अलावा सारे अधिकार देगा, भले ही यह शादी हो सिर्फ अपने परिवार वालों की खुशी के लिए कर रहा था लेकिन एक लड़की अपना सब कुछ छोड़ कर इतनी उम्मीदों के साथ, हजारों सपने सजा कर , उसके साथ शादी करके आएगी तो वह अपने बुरे अतीत के अनुभव के आधार पर उस लड़की के साथ तो अन्याय नहीं कर सकता है ना!
पंडित के मंत्र और सात फेरों के सात वचन तो उन दोनों ने ही सुने नहीं, क्योंकि वह दोनों अपने ही सोच - विचारों और ख्यालों में गुम थे, तभी पंडित जी ने कहा - "फेरे पूर्ण हो गए अब आप दोनों बैठ सकते हैं और अब मांग में सिंदूर भरने और मंगलसूत्र पहनाने की रसम होगी । "
उस के बाद राजवीर ने साइना के गले में मंगलसूत्र पहनाया और उस की मांग में सिंदूर भरा, इतना होते ही पंडित जी बोल पड़े , अब से आप दोनों पति पत्नी है ; यह शादी संपन्न हुई, अब वर वधु बड़ों का आशीर्वाद ले लीजिए ।
शादी पूरी होते ही साइना और राजवीर दोनों के ही माता पिता बहुत ही ज्यादा खुश हो गए, साइना और राजवीर साथ में सभी बड़ों का आशीर्वाद लेने लगे।
सभी उन दोनों को हैप्पी मैरिड लाइफ और सदा खुश रहने का आशीर्वाद देने लगे, उस के बाद साइना और राजवीर को एक साथ ही स्टेज पर बिठा दिया गया और फिर दोनों की पूरी फैमिली और रिश्तेदारों के साथ उन दोनों की फोटोज़ ली गई।
आर्यन भी राजवीर के साथ बैठकर फोटो खिंचवाने वाला था कि तभी राइमा आ कर राजवीर के साइड में बैठ गई और आर्यन से बोली - "सॉरी ! अभी यहां पर जगह नहीं है , अभी मैं अपने जीजू के साथ बैठ कर फोटो खिंचवा रही हूं , आप बाद में आइएगा।"
राइमा की यह बात सुनकर आर्यन को बुरा लगा और वह गुस्से में बोला - "आपके जीजू होंगे बाद में, पहले मेरे भैया है और मुझे भी फोटो खिंचवानी है भैया भाभी के साथ!"
"हां, तो बाद में खिंचवा लेना, अभी आगे से हटो।" - राइमा बोली
"अरे यह क्या बात हुई, भैया!" - आर्यन राजवीर से शिकायती लहजे में बोला
"थोड़ी देर रुक जा ना आर्यन तु, पहले राइमा को फोटो खिंचवा लेने दे।" - राजवीर ने कहा
"भैया आप भी इस की साइड ले रहे हो, मैं नहीं बात कर रहा आप से मैं भी सिर्फ अपनी भाभी के साथ फोटो क्लिक करूंगा।" - इतना बोल कर आर्यन साइना की साइड में बैठ गया
राजवीर और साइना भी आर्यन और राइमा की इस नोकझोंक को देख कर हंसने लगे। पूरी शादी के दौरान दो या तीन बार ही राजवीर और साइना की नज़रें एक दूसरे से मिली लेकिन वो दोनों ही एक दूसरे से नज़रें मिलती पा कर काफी असहज हो गए और इधर-उधर देखने लगे ऐसा शायद इसलिए भी था क्योंकि वह दोनों एक दूसरे तो बिल्कुल भी नहीं जानते थे और एक दूसरे के लिए पूरी तरह से अजनबी थे।
शादी की सभी रस्में अच्छी तरह पूरी हो गई और फिर बारी आई विदाई की....
राजवीर की मां ने साइना की मां से बोला - "अब विदाई की तैयारी कर दीजिए, काफी देर हो रही है, हमें अपने घर जा कर भी कई रस्में करनी है!
"हां, बस कुछ देर में ही विदाई हो जाएगी, मेरी साइना का ध्यान रखिएगा!" - साइना की मां ने कहा
"हां, आप लोग बिल्कुल फिक्र मत करिए, साइना को हम बहू नहीं बेटी की तरह रखेंगे।" - राजवीर की मां, साइना की मां का हाथ पकड़ते हुए बोली
"आपने इतना बोल दिया एक मां के दिल को तसल्ली हो गई अच्छा ठीक है मैं विदाई की तैयारियां देख कर आती हूं।" - इतना बोल कर साइना की मां अपनी ननद और पति के पास आ गई और बोली - "साइना के ससुराल वाले विदाई के लिए बोल रहे हैं, चलिए दीदी, विदाई की तैयारी करते हैं!"
और फिर वह लोग साइना की विदाई करवाने लगते हैं, विदाई के वक्त दुल्हन का रो रो कर बुरा हाल था, विदाई के वक्त वो बारी बारी सभी से गले लग रही थी , लेकिन अपने भाई बहन और माता पिता के गले लग कर वो बहुत ज्यादा रोई!
अपना मायका छोड़ कर यू ससुराल में अजनबीयों के बीच जाना और फिर हमेशा के लिए उस घर को ही अपना घर समझना एक लड़की के लिए आसान नहीं होता, अपना घर छोड़ कर जाने की ख्याल की वजह से ही साइना को सबसे ज्यादा रोना आ रहा था।
सभी रिश्तेदार उसे समझा कर चुप करा रहे थे, लेकिन साइना की आंखों से आंसू बंद होने का नाम ही नहीं ले रहे थे और फिर वह अपनी सहेली श्रेया के गले मिली, श्रेया भी अपनी सहेली के गले लग कर रोने लगी और आरव के साथ उसे कार तक छोड़ने भी गई।
कार में बिठाने से पहले श्रेया ने साइना के कान में उसे समझाते हुए कहा - "तुम बहुत लकी हो यार, लाइफ ने तुझे दूसरा मौका दिया है, तेरे पति और ससुराल वाले सभी बहुत अच्छे और सपोर्टिंग है सब को पूरे दिल से अपनाना!"
"बस करो साइना बेटा, हम भी तो तुम्हारे माता पिता की तरह ही है ना।" - साइना की सास उसे चुप कराते हुए बोली
"अब बस कर यार सारा मेकअप खराब हो जाएगा।" - श्रेया बात बदलते हुए होने लगी
लेकिन साइना पर उन सभी की बातों और समझाने का कोई भी असर नहीं हो रहा था, रोते रोते उस की सिसकी बंध गई थी लेकिन उस की आंखों से आंसू निकल रहे थे।
सभी ने समझाकर उसे कार में बिठाया, क्योंकि विदाई के वक्त दुल्हन की हालत हर कोई नहीं समझ सकता है , अपना घर और अपनों को पीछे छोड़ कर पराए घर, पराए लोगों के बीच जा कर रहना आसान नहीं होता।
साइना की सास और ननद संजना बहुत ही ज्यादा अच्छी थी, साइना को रोते हुए देख कर संजना बोली - "मां, मैं तो भाभी के साथ ही है बैठूंगी कार में, घर तक कंपनी दूंगी उन्हें।" और फिर साइना की तरफ देख कर उस से पूछने लगी - "क्यों भाभी ठीक है ना?"
साइना ने आंखों में आंसू भरे चेहरे के साथ सिर हिला कर हां में किया और कुछ भी नहीं बोली।
"अच्छा ठीक है तू बैठ जा, अपनी भाभी के साथ।" - संजना की मां मुस्कुराते हुए बोली
और फिर वीना जी साइना को रोते हुए देख कर उसे समझाते हुए बोली - "तुम ठीक हो ना साइना बेटा, चुप हो जाओ अब मत रो, मैं भी तो तुम्हारी मां हूं ना"
"आप को तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ना भैया, अगर मैं बैठूं भाभी के साथ..." - संजना राजवीर को चिढ़ाते हुए बोली
"मुझे क्या प्रॉब्लम होगी, मैं आगे बैठ जाऊंगा।" - राजवीर बोला
"ओके, फिर ठीक है।" - संजना मुस्कुराते हुए बोली
और फिर साइना की विदाई हो गई उस की सास दूसरी कार में बैठ गई और वह इस कार में अपने पति और ननद संजना के साथ बैठ कर गेस्ट हाउस से शेखावत मैनसन आ गई।
शेखावत मैनसन पहुंचने में उन लोगों को लगभग 1 घंटे का समय लगा क्योंकि गेस्ट हाउस साइना के घर के करीब ही था और शेखावत मैनसन वहां से दूर था।
क्रमशः
{अब दोनों चाहे या ना चाहे लेकिन घर परिवार वालों की खुशी के लिए या फिर भगवान की मर्जी कह लो शादी तो हो गई इन दोनों की, लेकिन अब शुरू होगी असली कहानी आखिर क्या होता है इन दोनों की शादी के बाद? कैसे होगी इन दो दुःखी आत्माओं के बीच प्यार की शुरुआत?😜 मतलब कहीं ना कहीं से तो शुरू होनी ही है, इन दोनों ने तो बहुत कुछ ही देर रखा है पहले प्यार के नाम पर दर्द और धोखा सब कुछ ही लेकिन क्या एक दूसरे में ढूंढ पाएंगे यह दोनों अपना सच्चा प्यार, जाने के लिए आगे के एपिसोड पढ़ते रहिए। 😇 }
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अपने पति और ननद के साथ कार में बैठ कर साइना, मायके से अपने ससुराल शेखावत मैनसन आ गई।
शेखावत मैनसन बहुत ही बड़ा और शानदार बना हुआ था, और घर में शादी होने की वजह से पूरा लाइट्स और फूलों से सजा हुआ था, इसलिए और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था।
कार एक बड़े से गेट के सामने आकर रुकी और वॉचमैन ने गेट खोला , उस के बाद कार उस गेट से अंदर प्रवेश कर गई और घर के दरवाजे के एक दम ठीक सामने आकर रुकी।
सभी लोग पहले ही घर के अंदर जा चुके थे , घर कुछ खास मेहमानों से अभी भी भरा हुआ था। राजवीर कार से नीचे उतरा और फिर वो घर के अंदर जाने लगा , तभी संजना ने उसे आवाज दी - "अरे भैया! अकेले कहां चले जा रहे हो? घर के अंदर, अपनी वाइफ को भी तो साथ ले लो; इनके बिना एंट्री नहीं है आपकी घर में आज!"
संजना की बात सुन कर राजवीर रुक गया और वापस कार तक आया और कार का बैक डोर खोलते हुए बोला - "तुम साथ नहीं ले कर आ सकती थी क्या इन को?"
"नहीं, मम्मा ने बोला है कि आप दोनों का एक साथ ही गृह प्रवेश होना है और साथ ही आरती भी होनी है, इसलिए आप दोनों एक साथ ही आइए घर के अंदर; मैं चली।" - इतना बोल कर संजना कार से उतर कर घर के अंदर चली गई और फिर राजवीर ने साइना के चेहरे की तरफ देखा, वो नज़रें नीची कर के कार में बैठी थी और उस की आंखों में अभी भी आंसू थे, शायद विदाई के वक्त रोने की वजह से;
साइना को अपने सामने ऐसी हालत में और अकेले देख कर राजवीर को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह उस से क्या बोले, तो बिना कुछ बोले ही राजवीर ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया, जिसे पकड़ कर साइना भी कार से बाहर उतर आई और फिर वह दोनों घर के दरवाजे पर पहुंचे और घर की दहलीज के अंदर पैर रखने ही वाले थे कि राजवीर की मां बोली - "वहीं रुको तुम दोनों, पहले तुम दोनों की आरती करनी है और उस के बाद गृह प्रवेश होगा।"
मां की बात सुन कर वह दोनों वहीं रुक गए और फिर वीना जी ने उन दोनों की आरती उतारी और फिर एक साथ दोनों को अपना अपना दाहिना पैर पहले घर के अंदर रखने को कहा, उन दोनों ने ऐसा ही किया।
साइना के पैरों के आगे चावल का कलश भी रखा गया और वह उसे गिरा कर घर के अंदर आई, घर के अंदर आने के बाद राजवीर वहां से चला गया और साइना को उसज्ञकी सास ननंद और बुआ सास अपने साथ ले आई और फिर उन के घर में होने वाली कुछ रस्में करावाई और फिर थोड़ी देर के बाद संजना को बुलाया और उस के साथ साइना को राजवीर के कमरे में भिजवा दिया।
राजवीर ,आर्यन के साथ उस के कमरे में बैठा हुआ कुछ सोच रहा था, तभी आर्यन अपना मोबाइल फोन उस के आगे करता हुआ बोला - "देखो भाई, आप और भाभी साथ में कितने अच्छे लग रहे हैं, यह वाला फोटो भी बहुत अच्छा आया है आप दोनों का!"
आर्यन की बात सुन कर जैसे राजवीर का ध्यान टूटा और वह वर्तमान में वापस आया और बिना मोबाइल स्क्रीन की तरफ देखे हुए ही बोला - "क्या आर्यन, कुछ कहा तुम ने?"
"ध्यान कहां है आप का भाई , इतनी देर से मैं अकेले ही बोल रहा हूं, आप पता नहीं किन ख्यालों में खोए हैं?" - आर्यन मुंह बनाते हुए बोला
"मैं बस यह सोच रहा था आर्यन कि मुझे साइना को सब बता देना चाहिए!" - राजवीर बोला
"क्या सब बता देना चाहिए? किस बारे में बात कर रहे हैं आप भाई?" - आर्यन ने पूछा
"यहीं जो सच है कि शादी मैंने सिर्फ अपने परिवार वालों की खुशी के लिए की है, उन्हें बहू और भाभी देने के लिए, ताकि मुझ से वह लड़की कोई उम्मीद ना रखे, मैं उस से कभी प्यार नहीं कर पाऊंगा।" - राजवीर काफी उदासी से बोला
"यह सब क्या बोल रहे हो आप भाई? आज ही शादी हुई है आप की और आप यह सब क्या बातें लेकर बैठ गए हो, एक मौका तो दो इस शादी को, आई एम स्योर, साइना भाभी आप के लिए परफेक्ट लाइफ पार्टनर प्रूफ होंगी!" - आर्यन ने राजवीर को समझाया
"देख आर्यन! मेरी इस शादी से या फिर साइना से कोई भी उम्मीदें नहीं है, और वह भी मुझ से कोई उम्मीद ना रखे इसलिए मैं सारी बातें आज रात ही क्लियर कर दूंगा और तू मुझ से छोटा है तो छोटा ही रह; ज्यादा समझाने की कोशिश ना कर मुझ को।" - राजवीर ने कहा
"भैया मैं समझा नहीं रहा था, बस जो मुझे लगा वह बोल रहा था ; आप लोग सच में मेड फॉर ईच अदर लगते हैं।" - आर्यन ने कहा
"कॉलेज में मुझे और प्रिया को साथ देख कर भी सब यही बोलते थे, लेकिन सच क्या निकला, सब कुछ एक धोखा... यह मेड फॉर ईच अदर जैसी बातें सिर्फ फिल्मों और कहानियों में ही अच्छी लगती है, आर्यन रियल लाइफ इन सब से बहुत ज्यादा अलग और हार्ड होती है।" - राजवीर उदास होते हुए बोला
"क्या भाई फालतू लोगों के नाम ले कर, अपना मूड क्यों ऑफ कर रहे हो और कौन बोलता था उस प्रिया को आपके लिए बनी हुई। ऐसी तो बिल्कुल नहीं होगी वो..." - आर्यन मुंह बनाते हुए बोला
"रहने दे आर्यन, तू नहीं समझेगा, वैसे तु अपनी बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है लंदन में?" - राजवीर ने उससे पूछा
"अरे नहीं भाई; मैं वहां पर पढ़ने जाता हूं, गर्लफ्रेंड बनाने नहीं और वैसे भी मुझे इंडियन लड़कियां पसंद है, बिल्कुल अपनी साइना भाभी तरह।" - आर्यन मुस्कुराते हुए बोला
"मैंने तो बस ऐसे ही मजाक में पूछ लिया तू तो अपनी पसंद ही बताने लगा और लिस्ट भी है क्या? क्या-क्या ,कैसी पसंद है? पूरी डिटेल्स बता दे, वैसे कुछ ज्यादा ही नहीं भाभी भाभी हो रहा है अभी से, तुम और संजना दोनों ही।" - राजवीर बोला
"आपने ही तो पूछा था भैया, अब मैंने बता दिया और आप डांट रहे हो तो यह तो चीटिंग हुई ना और भाभी सच में अच्छी है , आप जानते नहीं ना अभी उन को अरेंज मैरिज है आप की, इसलिए ऐसा सब सोच रहे हो आप, एक बार जान जाएंगे उनको तो फिर कभी अपनी एक्स से कम्पेयर नहीं करेंगे मेरी भाभी को" - आर्यन बोला
"वैसे तू इतना सब कैसे जान गया साइना के बारे में?" - राजवीर ने पूछा
"अरे! मैं बहुत इंटेलिजेंट हूं , इंसान को देख कर बता सकता हूं; कि कौन कैसा है? " - आर्यन शेखी बघारते हुए बोला
आर्यन की बात सुन कर राजवीर उस के सिर पर मारते हुए बोला - "हो गई खुद की तारीफ: अब सच बता ,इतना कैसे पता तुझे? जो भाभी भाभी की रट लगाई हुई है!"
"अच्छा बताता हूं, संजना तीन चार बार मिली है उन से तो उस से पूछा था कि कैसी है नेचर की ? तो उसने भी बहुत तारीफ करी और बाकी मैंने मॉम और आंटीज़ की बातें सुनी है; तो वो सभी तारीफ ही कर रही थी तो जाहिर सी बात है अच्छी ही होंगी ना; नहीं तो कौन किसकी तारीफ करता है आजकल; और सगाई पर और आज शादी कर तो मैं भी मिला तो मुझे भी बहुत स्वीट लगी" - आर्यन ने राजवीर को सब कुछ बता दिया
"कुछ ज्यादा ही रिसर्च कर रखी है तूने तो; मैंने तो इतना सोचा ही नहीं अभी तक..." - राजवीर हैरान होते हुए बोला
"वह क्या है ना आप अभी तक तो कॉलेज और एक्स में ही अटके हो और हर लड़की और अपने लाइफ में होने वाले हर इवेंट को अपने पास्ट से ही जोड़ कर देखते हो, दुनिया में हर कोई बुरा नहीं होता और सारे लोग एक जैसे धोखेबाज नहीं होते भैया! यह बात आप को समझनी पड़ेगी।" - आर्यन बोला
"नहीं भूल सकता मैं वह सब आर्यन, कहना आसान है कि भूल जाओ लेकिन बुरी यादें हमारा पीछा इतनी जल्दी नहीं छोड़ती और उन यादों से मिले बुरे अनुभव की वजह से हम हर किसी को जल्दी अपना नहीं पाते; एक डर सा होता है मन में" - राजवीर बोलते बोलते उदास हो गया
"अच्छा ठीक है, वैसे आज आप शादी के बाद फर्स्ट नाइट है ना, तो आप अपने रूम में जाओ, यहां मेरे साथ बैठकर क्या टाइम पास कर रहे हो भैया" - आर्यन बात बदलते हुए बोला
"जाऊंगा ही , मैं कौन सा तेरे पास ही सोने जा रहा हूं; लेकिन जब कोई बुलाने आएगा जब जाऊंगा।" - राजवीर उदासीन भाव से बोला
"ऐसा क्यों? बिना बुलाए नहीं जा सकते क्या आज आप अपने रूम में" - आर्यन ने पूछा
आर्यन के इस सवाल पर राजवीर कुछ बोल पाता इससे पहले ही राजवीर और आर्यन का कज़िन (बुआ का बेटा) मोंटी दौड़ते हुए आर्यन के कमरे के दरवाजे पर आया और राजवीर को देखकर बोला - "राजवीर तू यहां बैठा है और मैं तुझे पूरे घर में ढूंढ रहा था!"
"क्यों, क्या हो गया मोंटी?" - राजवीर ने उस से पूछा
"मामी जी तुझे बुला रही है, चल जल्दी मेरे साथ।" - मोंटी ने कहा
"मॉम बुला रही हैं, ओके; तू चल मैं आता हूं।" - राजवीर बोला
"ओके, जल्दी आना नहीं तो मुझे फिर से भेज देंगे वह लोग" - इतना बोल कर मोंटी वहां से चला गया
"जाओ भाई; आप का बुलावा आ गया, वैसे कहो तो मैं भी चलूं क्या? मोरल सपोर्ट के लिए.." - आर्यन हंसते हुए बोला
"मार खाएगा तू छोटे!" - राजवीर बोला
"अरे भैया ! मॉम के पास तक, उस से आगे नहीं जाऊंगा साथ" - आर्यन फिर से उसे चिढ़ाते हुए बोला
"बाद में बताता हूं तुझे तो मै..." - इतना बोल कर राजवीर भी उस के कमरे से चला गया
"ओ गॉड! मेरे भाई को थोड़ी अक्ल देना, इतनी अच्छी वाइफ तो दे दी है, बस उनकी मैरिड लाइफ भी अच्छी रहे अब!" - उन दोनों के लिए प्रे करते हुए आर्यन खुद से बोला
वीना जी ने नई बहू वाली सारी रस्में करवाने के बाद; साइना को संजना के साथ उसके कमरे में भेज दिया और संजना उसे राजवीर के कमरे तक ले आई, साइना और संजना दोनों ने एक साथ जैसे ही कमरे के अंदर प्रवेश किया।
साइना ने देखा कि पूरा कमरा बहुत ही सुंदर फूलों और सेंट कैंडल से सजाया हुआ है और इसके साथ ही कमरे का फर्नीचर और लाइट्स सब कुछ ही बहुत अच्छा था, कमरा भी बहुत शानदार था और कमरे के बीचो बीच एक राउंड शेप का किंग साइज बेड था, जिस के ऊपर आज सफेद और लाल गुलाब के फूलों से पूरी चादर के ऊपर सजाया गया था और साथ ही सफेद मोगरे के फूलों की मालाएं बेड के चारों तरफ से बहुत ही सुंदर तरीके से सजाई हुई थी, देखने में सुंदर लगने के साथ साथ ही वह पूरा कमरा बहुत ही खुशबूदार महक रहा था।
इतनी सुंदर सजावट और सुगंध साइना तो दरवाजे पर खड़ी खड़ी हुई सब कुछ देखती रह गई, और कुछ देर के लिए उन सब में खो गई।
तभी संजना ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा - "क्या हुआ भाभी? यही खड़े रह कर भैया का इंतजार करने का इरादा है क्या?" और इतना बोल कर संजना हंसने लगी
साइना समझ रही थी कि संजना मजाक कर रही है फिर भी वह उस ,की बात का जवाब देते हुए बोली - "अरे नहीं.. नहीं... ऐसा कुछ भी नहीं है!"
और फिर संजना ने उसे ले जाकर बेड पर बिठा दिया और खुद एक चेयर पर उसके सामने बैठती हुई बोली - "थैंक गॉड आप कुछ बोली तो भाभी, नहीं तो इतनी देर से देख रही हूं आप को सिर हिलाकर या इशारों में ही जवाब दिए हैं आप ने सबको...."
"हां, वह सभी नए लोग हैं, तो बस अच्छा नहीं लगता ज्यादा बोलना..." - साइना बोली
"हां, मैं समझ सकती हूं, वैसे आप को रूम की डेकोरेशन कैसी लगी, पसंद आई ना और आप को किसी फ्लावर से एलर्जी वगैरा तो नहीं है ना" - संजना ने एक साथ ही कई सारे सवाल पूछ डालें
"नहीं मैं ठीक हूं; मुझे फ्लावर्स से एलर्जी नहीं है मेरी बहन राइमा को है और डेकोरेशन सच में बहुत सुंदर है और यह रूम भी....." - साइना स्माइल करते हुए बोली
"चलो अच्छी बात है, आप को रूम पसंद आ गया, वैसे यहां ज्यादातर चीजें तो राजवीर भैया की चॉइस की ही हैं , सिर्फ कुछ फर्नीचर और सामान मॉम ने शादी से पहले चेंज करवाया है।" - संजना बोली
"सब कुछ बहुत अच्छा है।" - साइना चारों तरफ देखते हुए बोली
"वैसे भाभी आप बोर तो नहीं हो रही ना, मेरी बातों से, मैं यहां से चली जाती लेकिन वह क्या है ना; मम्मा ने बोला है कि जब तक राजवीर भैया नहीं आ जाते रूम में, तब तक आप को अकेला नहीं छोड़ना है।" - संजना बोली
"अरे नहीं, मैं तो अकेले बोर हो जाती कोई साथ होता है तो अच्छा लगता है!" - साइना बोली
"तब तो अच्छा है, जब तक भैया यहां नहीं आ जाते आप को मेरी ही कंपनी मिलेगी तब तक!" - संजना हंसते हुए बोली
"ओके बॉस!" - साइना भी हंसते हुए बोली
और दोनों बैठ कर बातें कर ही रही थी तभी दरवाजे पर किसी के आने की आहट हुई और संजना साइना से बोली - "भाभी जरूर भैया होंगे; आप घूंघट कर लो, मैं देखती हूं!"
क्रमशः
(हमारे संजना और आर्यन दोनो ही कितने क्यूट हैं ना?🥰 हाए कसम से हमारे हीरो हीरोइन का मूड अच्छा कर ही दिया दोनों ने....🥰🥰वैसे साइना का गृहप्रवेश तो हो गया और आखिर शादी भी हो हो गयो और ना चाहते हुए भी बंध गया ये बंधन दिलों का...💞💞लेकिन इनके दिल सच में कब मिलते हैं ये देखने बड़ा ही दिलचस्प होगा तो ये जानने के लिए पढ़ते रहिए ये कहानी और करते रहिए अपने प्यारे प्यारे कमेंट, स्टोरी से रिलेटेड! जो भी अच्छा लगा हो आपको आज के पार्ट में.😇)
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संजना बोल रही थी और साइना उस की बातें सुन रही थी , तभी दरवाजे पर कुछ आहट हुई तो संजना ने साइना से अपना चेहरा ढकने को कहा और खुद दरवाजे खुलते ही दरवाजे के आगे खड़ी हो गई।
दरवाजे पर राजवीर आया हुआ था, और उस के अंदर आने से पहले ही संजना उसका रास्ता रोकते हुए बोली - "ऐसे नहीं अंदर जाने दूंगी भैया; लाओ पहले मेरा नेग तो दो"
संजना कि इस बात पर राजवीर ने उसके बाल हल्के से खींचते हुए कहा - "कैसा नेग, किस बात का नेग? कुछ नहीं मिलेगा तुझे खड़ी रह यही रात भर।"
राजवीर की यह बात सुन कर संजना मुंह बनाते हुए बोली - " भैया.... कंजूस कहीं के; बहनों का तो हक होता है नेग पर" और फिर मुंह फेर कर दूसरी तरफ खड़ी हो गई।
साइना दोनों भाई बहन की बातें वही बेड पर बैठ कर सुन रही थी, और घुंघट के अंदर से ही स्माइल कर रही थी।
तभी राजवीर संजना की साइड से कमरे के अंदर आ गया और उसके सामने खड़े होकर अपने पॉकेट से गिफ्ट बॉक्स निकाल कर उसे देते हुए बोला - "यह ले अपना नेग, मजाक कर रहा था मैं मुंह फुला लेती है जरा जरा सी बात कर ;पगली कहीं की..."
संजना ने स्माइल करते हुए गिफ्ट बॉक्स उसके हाथ से ले लिया और खुश होकर बोली - "यू आर द बेस्ट ब्रदर इन द वर्ल्ड! अब पूरा रूम आप का , मैं चली।"
"चल अब ज्यादा मक्खन ना लगा, बेस्ट ब्रदर वाला।" - राजवीर ने कहा
"लेकिन फिर भी उस आर्यन से तो अच्छे ही भाई हो ना आप मेरे..." - और इतना बोल कर संजना वहां से चली गई , उस के जाने के बाद राजवीर रूम के अंदर आया और रूम अंदर से लॉक कर दिया।
रूम के अंदर आकर राजवीर बेड की दूसरी तरफ बैठता हुआ साइना से बोला - "प्लीज बी कंफर्टेबल, आप अब घुंघट हटा सकती हैं कोई नहीं है यहां हम दोनों के अलावा, और चाहे तो कपड़े भी चेंज कर लीजिए; फिर उस के बाद हम बात करते हैं।"
राजवीर के मुंह से ऐसी बातें सुन कर साइना को पहले तो थोड़ा अजीब लगा क्योंकि उसे इस तरह की बातों की उम्मीद तो नहीं थी, उस ने सुन रखा था कि शादी के बाद सुहागरात पर पति अपने हाथों से नई दुल्हन का घूंघट उठाता है और उसे भी यही बताया गया था; लेकिन राजवीर ने तो उसे खुद ही घूंघट हटाने को कह दिया।
साइना खुद भी घुंघट में काफी अनकंफरटेबल थी तो राजवीर की बात मान कर वह अपना घुंघट हटाते हुए बोली - "थैंक्स, वैसे भी मुझे इन कपड़ों और गहनों में बहुत गर्मी लग रही थी।"
इतना बोलते हुए साइना ने जैसे ही अपने चेहरे से घुंघट हटाया और राजवीर की नज़र उस के चेहरे पर पड़ी तो राजवीर उसे देखता ही रह गया; साइना दुल्हन के कपड़े और मेकअप में सच में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।
साइना ने तो आज पहली बार ही ठीक से राजवीर का चेहरा देखा था, देखने में तो राजवीर भी काफी हैंडसम था लेकिन साइना ने उसे बस एक ही नज़र देखा क्योंकि जैसे ही उन दोनों की नज़रें आपस में मिली साइना इधर-उधर देखने लगी और फिर उठज्ञकर कपड़े बदलने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी तभी राजवीर ने उस से बोला - "1 मिनट रुको ज़रा!"
उस की बात सुन कर साइना भी रुक गई और बोली - "हां, क्या हुआ?"
"यह लो तुम्हारे लिए।" - राजवीर एक बड़ा सा गिफ्ट बॉक्स उसे देते हुए बोला
"क्या है इस में?" - साइना ने वह बॉक्स लेते हुए राजवीर की तरफ देख कर पूछा
"पता नहीं क्या है? मां ने बोला था आज की रात ही तुम्हें यह देने के लिए; खुद ही खोल कर देख लो ना कि क्या है?" - राजवीर एकदम लापरवाही से साइना की बात का जवाब देते हुए बोला
"ओके , अभी देखती हूं।" - इतना बोल कर साइना वहीं बेड पर बैठ कर वह गिफ्ट बॉक्स खोलने लगी।
बॉक्स खोल कर साइना ने देखा कि उस बॉक्स में एक बहुत ही सुंदर डायमंड नेकलेस और इयररिंग का सेट था।
"वाओ इट्स सो ब्यूटीफुल, लेकिन यह तो बहुत महंगा लगता है मैं इसे कैसे ले सकती हूं?" - नेकलेस देखकर साइना बोली
"गिफ्ट का प्राइस नहीं देखते, देने वाले के इमोशंस देखते हैं और वैसे भी यह तुम्हारा ही तो है, मां ने बोला था शेखावत परिवार की बड़ी बहू के लिए ही है।" - राजवीर ने कहा
"अच्छा ठीक है, फिर मैं रख लेती हूं।" - कहते हुए साइना ने उस बॉक्स को अलमारी में रख दिया फिर उसी अलमारी में से सोने के लिए कुछ लाइट और कंफर्टेबल कपड़े निकाले और चेंज करने के लिए बाथरूम में चली गई।
राजवीर बेड पर एक साइड में टेक लगा कर बैठा हुआ, आंखें बंद करके अभी अभी जो कुछ भी कमरे में हुआ उस बारे में सोच रहा था, साइना उस से बात तो और नीचे से तो काफी अच्छी लगी और देखने में तो वह सुंदर है ही; राजवीर या सब सोच ही रहा था तभी उसे अपना अतीत याद आ गया; प्रिया और उस का धोखा , देखने में तो प्रिया भी सुंदर थी, साइना से ज्यादा तो नहीं लेकिन ठीक दिखती थी और शुरू शुरू में तो, उस प्रिया का नेचर और बातें भी राजवीर को काफी भा गए थे।
यह सब याद कर के राजवीर सोचने लगा कि जिस पर भी भरोसा करो, वह आप का भरोसा जरूर तोड़ता है एक ना एक दिन और मेरी लाइफ में अब किसी के लिए भी कोई जगह नहीं है और यह शादी मैंने सिर्फ अपनी फैमिली की खुशी के लिए की है और इस के साथ ही उस ने मन ही मन कुछ फैसला किया कि अभी साइना के बाथरूम से बाहर आते ही वह उसे सब कुछ साफ-साफ बता देगा ताकि साइना उस से किसी तरह की कोई उम्मीद ना रखे।
राजगीर अकेले बैठा यह सब सोच ही रहा था कि तभी बाथरूम से साइना की चीखने की आवाज आती है और उस का ध्यान उस तरफ जाता है और राजवीर उठ कर बाथरूम के गेट की तरफ जाने लगता है कि तभी साइना भागते हुए बाथरूम से बाहर आ जाती है और राजवीर के सीने से चिपक जाती है और उस की शेरवानी के कॉलर को कसकर पकड़ लेती है।
यह सब इतना अचानक होता है कि राजवीर कुछ भी समझ नहीं पाता और वह साइना के कंधे पर हाथ रखते हुए उसे शांत कराने की कोशिश करते हुए पूछता है - "क्या हुआ साइना? क्या हुआ; बोलो, बताओ मुझे..."
सभी राजवीर की आवाज सुन कर जैसे अचानक साइना को होश आता है और वह उस की बॉडी से एकदम दूर हटते हुए बोलती हैं - "कॉकरोच... वो कॉकरोच, वहां बाथरूम में, एक कॉकरोच है।" साइना एकदम डरा हुआ सा मुंह बना कर बोलती है।
यह बात सुन कर और साइना का चेहरा देख कर राजवीर की हंसी छूट जाती है और वह हंसता हुआ बोलता है - "सच में, कॉकरोच से डरती हो तुम?"
राजवीर को हंसते हुए देख कर साइना थोड़े गुस्से से बोलती है - "हां, तो कॉकरोच से तो सब डरते हैं ना..."
अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए राजवीर बोलता है - "अच्छा कहां है कॉकरोच चलो देखे कहां है, वैसे एक बात बता दूं तुम्हें कि सब नहीं डरते कॉकरोच से..." और इतना बोलते ही वो फिर से हंसने लगता है।
इस बार साइना ने उस के हंसने पर कोई रिएक्ट नहीं किया और बोली - *वो वहां बाथरूम की दीवार पर था कॉकरोच, मैं नहीं जाऊंगी अब अंदर, मुझे नहीं देखना आप ही जाइए।"
"अच्छा ठीक है, अभी मैं जा रहा हूं कपड़े चेंज करने, आप का कॉकरोच भी भगा दूंगा" - राजवीर हल्के मजाक में बोला
"साइना ने सिर्फ हां में सिर हिलाया और वापस आ कर बेड पर बैठ गई और अभी अभी जो कुछ भी रूम में हुआ उस बारे में सोचने लगी।"
और धीमी आवाज में खुद से बोलने लगी - "ओ गॉड साइना! तू भी कितनी पागल है, इतना ओवर रिएक्ट कर दिया एक कॉकरोच को देख कर, भूल गई थी कि अपने ससुराल में है तू और अभी शादी हो गई है तेरी और उस के गले लगने की क्या जरूरत थी तुझे, अब पता नहीं क्या सोच रहा होगा वो मेरे बारे में?"
साइना बेड पर बैठी है सब सोच रही थी तभी राजवीर कपड़े चेंज करके बाथरूम से बाहर आया और राजवीर को देख कर साइना एकदम चुप हो गई और उससे नज़रें भी चुराने लगी।
राजवीर ने भी बस एक नज़र साइना की तरफ देखा और फिर बेड के सामने पड़े काउच पर आ कर बैठ गया।
इन दोनों को देख कर साफ पता चल रहा था कि दोनों एक दूसरे से कुछ ना कुछ बोलना चाहते थे, बस बोल नहीं पा रहे थे.....
उस कमरे में एक अजीब तरह का सन्नाटा पसरा हुआ था; ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि किसी न्यूली मैरिड कपल का कमरा है और आज उन की सुहागरात है। वह दोनों ही एक दूसरे से दूर कमरे के अलग-अलग कोनों में बैठे थे।
एक दूसरे से बात करने में वह दोनों ही बहुत अजीब सा और शर्म का अनुभव कर रहे थे आखिर उन्हें अजीब लगता भी क्यों नहीं, वह दोनों एक दूसरे के लिए पूरी तरह से अजनबी ही तो थे।
तभी थोड़ी देर बाद उस कमरे की खामोशी को तोड़ती हुई साइना ही राजवीर से बोली - "वो थोड़ी देर पहले कॉकरोच देख कर जो मैंने ओवर रिएक्ट कर दिया था, उस के लिए , आई एम सॉरी!"
"सॉरी वाली कोई बात नहीं है, दैट्स ओके ! आई कैन अंडरस्टैंड!" - राजवीर ने कहा
"सच में, लेकिन उस वक्त तो आप हंस रहे थे मुझ पर?" - साइना बोली
"अरे, वह तो बस ऐसे ही, तुम्हें बुरा लगा क्या? " राजवीर ने पूछा
"नहीं, ऐसा कुछ नहीं है; कोई बात नहीं..." - इतना बोल कर वह चुप हो गई और राजवीर भी इस के आगे कुछ नहीं बोल पाया।
साइना ने मन में सोचा कि उसे आज रात ही राजवीर को सब कुछ बता देना चाहिए अपने पास्ट के बारे में, अब तक के अनुभव के आधार पर राजवीर उसे एक अच्छा इंसान लगा था; और वह उसे किसी भी तरह के धोखे में नहीं रखना चाहती थी।
उधर दूसरी तरफ को राजवीर के मन में भी यही बात चल रही थी, उस ने सोचा कि क्यों किसी लड़की को उस की आने वाली जिंदगी के लिए झूठी उम्मीद देना और धोखे में रखना, मैं आज ही उस से सब कुछ क्लियर कर लूंगा।
इतना मन में सोच कर दोनों अचानक एक साथ बोले - "मुझे आपसे कुछ बात करनी है।"
एक साथ, एक ही बात बोलने पर दोनों एक दूसरे को हैरत से देखने लगे और फिर मुस्कुराने भी लगे; तभी साइना ने कहा "आप बोलिए, क्या बोलना है आप को?"
यह सुनकर राजवीर में साइना से कहा - "नहीं, कोई बात नहीं पहले तुम बता दो।"
तो राजवीर की बात सुनकर साइना ने कहा - "मैं आप से एक बात पूछूं? नहीं, आप को एक बात बतानी है...."
"रिलैक्स साइना, जो भी पूछना है पूछ सकती हो तुम मुझ से.." - राजवीर उसे कंफर्टेबल करने की कोशिश करते हुए बोला
"ओके, तो फिर बताइए आपको इस शादी से क्या उम्मीदें हैं, मेरा मतलब है हम दोनों के रिश्ते से..." - साइना ने सीधे-सीधे ही राजवीर से पूछ लिया
राजवीर ने सोचा तो नहीं था कि साइना उस से ऐसा कुछ पूछेगी लेकिन उस के मन में भी यही सवाल चल रहा था तो उस ने मन में सोचा अच्छा हुआ साइना ने ही सामने से पूछ लिया।
राजवीर उस के सवाल का जवाब देते हुए एकदम शांत लहजे में बोला - "कुछ भी नहीं, मेरी शादी से कोई उम्मीद ही नहीं है सच बोलूं तो"
साइना को राजवीर से ऐसे किसी जवाब की उम्मीद नहीं थी इसलिए वो हैरानी से आंखें बड़ी करके उस की तरफ देखने लगी।
राजवीर नहीं बोलना जारी रखा -"तुम प्लीज बुरा नहीं मानना लेकिन मैंने यह शादी सिर्फ अपने फैमिली की खुशी के लिए की है और मेरा बिल्कुल भी मन नहीं था शादी करने का तुम से या किसी से भी; मैं शादी करना ही नहीं चाहता था!"
इतना सुनते ही साइना ने राहत की सांस ली और बोली - "मेरी सिचुएशन ही कुछ आप के ही जैसी है।"
साइना की बात सुन कर राजवीर ने शॉक्ड होते हुए पूछा - "क्या मतलब है तुम्हारा?"
"मेरा कहने का मतलब है कि मैं भी शादी नहीं करना चाहती थी , क्योंकि मैं किसी और से प्यार करती हूं; और सिर्फ मम्मी पापा की खुशी के लिए यह शादी की है!" - साइना एकदम गंभीर भाव चेहरे पर लाती हुई बोली
इतना सुनते ही राजवीर को जैसे धक्का लगा और वह काफी चौंकते बोला - "क्या कहा? किसी और से प्यार; कौन है वह बॉयफ्रेंड है तुम्हारा? तुम मुझ से ये शादी प्रेशर में आ कर की है?" - और इस तरह राजवीर एक के बाद एक सवाल करता ही गया.....
क्रमशः
(हां, तो क्या लगता है आप सबको राजवीर का शाॅक्ड होना और उसके इतने सारे सवाल क्या सही है? और साइना का कॉकरोच से डर😅 कितने लोग कॉकरोच से डरते हैं😜 सच-सच बताइएगा कमेंट में, वैसे अच्छा है ना यह दोनों पहली मीटिंग में ही एक दूसरे से सब कुछ बता दे रहे हैं अपने पास्ट से रिलेटेड, ऐसा करना चाहिए या नहीं क्या बोलते हैं आप लोग? 🤔)