Comments
0
Views
843
Ratings
4
"दीवानगी की हद तक" अक्षत प्रताप सिंह, राजस्थान का हुकुम सा, जिसकी शख्सियत और हुकूमत पूरे राज्य पर राज करती थी। उसका गुस्सा महादेव के प्रकोप सा था, जिससे हर कोई खौफ खाता था। बिज़नेस के एक बड़े प्रोजेक्ट के सिलसिले में जब अक्षत मनाली पहुंचा,... "दीवानगी की हद तक" अक्षत प्रताप सिंह, राजस्थान का हुकुम सा, जिसकी शख्सियत और हुकूमत पूरे राज्य पर राज करती थी। उसका गुस्सा महादेव के प्रकोप सा था, जिससे हर कोई खौफ खाता था। बिज़नेस के एक बड़े प्रोजेक्ट के सिलसिले में जब अक्षत मनाली पहुंचा, तो उसकी जिंदगी ने एक अजीब मोड़ लिया। वहां उसकी मुलाकात काशवी से हुई—एक मासूम और अंजान लड़की, जो बेहोशी की हालत में थी। अक्षत ने उसे अपनी बाहों में संभाला, और न जाने क्या हुआ कि उसने उसी हालत में काशवी से शादी कर ली। काशवी को अपनी इस शादी के बारे में कुछ भी नहीं पता। जब उसे होश आएगा और सच्चाई सामने आएगी, तो क्या वह इस रिश्ते को स्वीकार कर पाएगी? और क्या अक्षत का यह अनजाना फैसला उनकी जिंदगी को दीवानगी की हद तक ले जाएगा? जानिए इस प्यार, जुनून और ताकत के खेल की अनकही कहानी "दीवानगी की हद तक" सिर्फ स्टोरी मेनिया पर।”
Page 1 of 1
शिमला, एक होटल में पार्टी चल रही थी। वहां पर बहुत शोर हो रहा था। वहीं रॉनी नाम का लड़का एक लड़की को खींचते हुए अपने साथ ले जा रहा था। वहीं, वो लड़की अपने आप को उस लड़के से छुड़वा रही थी। वो नशे में ही रॉनी उस लड़की को जबरदस्ती एक कमरे में धकेलने लगा। पर वो आगे उसे करने लगा पर वो आगे हुई ही नहीं। जब रॉनी ने देखा कि वो उस लड़की को अंदर नहीं ले जा पा रहा है, तो उसने अपने पीछे देखा तो वो लड़की एक पिलर को पकड़ा हुआ था। रॉनी ने उसे देख कर उसके हाथ को उस पिलर से हटाने के लिए आगे आया। वो उसे बोला, "आज तो मैं तुझे हासिल कर के रहूंगा। मैने बहुत इंतजार किया है, तुम्हारा मेरी तुम पर नजर पहले से ही थी। और आज तुम्हे मुझसे कोई नहीं बचा सकता।" वो लड़की अपनी काप्ती हुई आवाज में बोली, "तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते, मैं तुम्हे चूड़ूंगी नहीं।" रॉनी हस्ते हुए बोला, "बहुत घमड़ है ना? तुम्हे अपने जिस्म पर अब देखना होगा, तुम खुद से नफरत करोगी जब मैं तुम्हें हासिल करूंगा।" यह बोल वो उसके पास आ गया। पर उस लड़की ने जब उसे अपने पास आते देख वो लड़की हिम्मत कर अपनी पूरी ताकत लगा कर उसके नीचे पार्ट पर अपना घुटना जोर से मारा। जिससे रॉनी ने उस लड़की का हाथ छोड़ दिया। रॉनी दर्द से नीचे गिर गया। जैसे ही रोने उसका हाथ छोड़ा, तो वो लड़की अपनी लड़खड़ाती हुई कदमों से आगे चली गई। वह अब रुकना नहीं चाहती थी। वह बस आगे भाग रही थी। भागते-भागते वह बाहर बने स्विमिंग पूल के पास आ गई। अब उस से चला नहीं जा रहा था। वह किसी को हेल्प के लिए देख रही थी। पर वहां पर दूर-दूर तक कोई नहीं था। वह आगे बढ़ने लगी। उसकी आंखों में अब अंधेरा आने लगा था। वह लड़खड़ाती हुई वहां से जाने लगी, पर उसे अब कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। नशे की वजह से उसकी आँखें लाल हो गई थीं। उसे गर्मी भी लग रही थी, उसकी आंखें बार-बार बंद हो रही थीं। वह अब स्विमिंग पूल के बिलकुल पास आ गई थी। वह आगे बढ़ के पानी में गिरने वाली थी कि तभी किसी ने उसका एक हाथ पकड़ लिया। उस लड़के ने जल्दी से उस लड़की को अपने पास खींच लिया। वह लड़की उसे अपनी धुंधली आंखों से देखने की कोशिश कर रही थी, पर उसे कुछ नहीं दिख रहा था सिवाए उस लड़के की काली आंखों से। वहीं वह लड़का भी उस लड़की की गहरी नीली आंखों में देख रहा था। वह लड़का बहुत ही हैंडसम था। जो दिखने में ही उसकी पर्सनालिटी काफी एट्रैक्टिव लग रहा था। वहीं वह लड़की अपनी धुंधली आंखों से उस इंसान को देखने की कोशिश कर रही थी, पर उसे कुछ दिख ही नहीं रहा था। वह बस धीरे से ही बोल पाई, "मेरी हेल्प कीजिए प्लीज।" यह बोल वह बेहोश हो कर उस लड़की की बाहों में गिर गई। वह लड़का जो उसे ध्यान से देख रहा था, उसे उसकी बॉडी बहुत गरम लग रही थी। फिर उसकी बात सुन कर उस लड़के ने जल्दी से उसे अपनी गोद में उठा कर बाहर अपनी कार के पास ले आया। उसके गार्ड ने जल्दी से कार का डोर ओपन किया। वह उस लड़की को अपनी गोद में ही लेकर बिठा लिया। वह लड़का अपनी शख्त आवाज में बोला, "जल्दी हॉस्पिटल चलिए।" ड्राइवर ने जल्दी ही गाड़ी वहां से हॉस्पिटल के लिए चले गए। कार में बैठा जो दूसरा लड़का जो उस लड़के का असिस्टेंट था, वह तिरछी नजरों से अपने बॉस को देख रहा था, जो वह उस अनजान लड़की के लिए परेशान हो रहा था। उसने आज तक अपने बॉस को किसी भी लड़की के इतने करीब नहीं देखा था। थोड़ी देर बाद, वह लड़का वार्ड के बाहर खड़ा था। उसके चेहरे से ही पता चल रहा था कि वह कितना परेशान है उस लड़की के लिए। थोड़ी देर बाद एक लेडी डॉक्टर बाहर आई। वह उस लड़के को देख कर बोली, "क्या आप ही उन्हें लेकर आए थे।" उनकी बात पर वह लड़का जल्दी से आते हुए बोला, "जी, मैं ही उसे यहां लाया हूँ। क्या कुछ प्रॉब्लम है।" वह डॉक्टर उन्हें अपने कैबिन में आने का बोल के चली गई। फिर वह लड़का भी एक नजर वार्ड की तरफ देख के फिर डॉक्टर के कैबिन में चला गया। वह जाकर डॉक्टर के सामने वाली चेयर पर बैठ गया। फिर डॉक्टर ने उन्हें बोला, "अच्छा हुआ आप उन्हें जल्दी ही यहां लाए वर्ण उन्हें कुछ भी हो सकता था। और उन्हें एक ड्रग दिया गया था, जिस लिए उनकी ऐसी स्थिति हो गई। और उनकी बॉडी में अलग-अलग तरह के निशान होने लगे थे। क्या आपको कुछ बता सकते हैं उनके बारे में, उन्हें ऐसे क्या निशान वो भी नीले रंग के होने लगते हैं।" वह उनकी सारी बातें ध्यान से सुन रहा था। वह अभी तक कुछ नहीं बोला, फिर उनसे बस इतना ही कहा, "यह बात मुझे नहीं पता कि उन्हें किस तरह के निशान बनने लगते हैं। बाकी अगर मुझे कुछ पता चला तो मैं आपको बता दूंगा।" वह फिर रुक कर बोला, "क्या कोई परेशानी की बात है डॉक्टर?" डॉक्टर चिंतित होते हुए बोली, "सर, मैं अब पूरी इनकी बात भी नहीं जान सकती कि क्या वजह है उनके ऐसे शरीर पर निशान बनने की। बाकी मैंने अभी इंजेक्शन दे दिया है। वह कुछ ही घंटों में ठीक हो जाएगी।" फिर वह लड़का बोला, "तो क्या अभी मैं उसे लेकर जा सकता हूँ?" डॉक्टर बोली, "जी, आप उन्हें लेकर जा सकते हैं। आगे दुबारा कोई दिक्कत हो तो आप उन्हें यहां लाएं।" वह लड़का वहां से अब बाहर आ गया। वह सीधे वार्ड के अंदर गया, जहां वह लड़की बेहोश बेड पर लेटी हुई थी। वह उसके पास आ कर बैठ गया। वह उसका हाथ अपने हाथ में ले कर बैठ गया, वह उसे ध्यान से देख रहा था। वह लड़की बहुत ही खूबसूरत थी। दूध के जैसे निखरी हुई उसकी स्किन, उसके लंबे काले बाल जो हिप तक आ रहे थे, जो अभी बिखरे हुए थे, छोटे से होंठ जो अभी सुर्ख लाल हो रखे थे। उस लड़की को कोई मेकअप की ज़रूरत ही नहीं थी। वह थी ही इतनी सुंदर कि कोई उसे एक बार देख ले तो उसका दीवाना हो जाए। वह लड़का भी उस लड़की को देख ही रहा था कि तभी वार्ड के अंदर कोई आया। वह उस लड़के का असिस्टेंट था। वह अपना सिर झुकाते हुए बोला, "हुकुम सा, चलिए गाड़ी आ गई है।" वह लड़का जो उस लड़की को देख रहा था, वह शांत लहजे में बोला, "क्या पता चला इनके बारे में?" वह असिस्टेंट जिसका नाम विजय राणा था, वह बोला, "हुकुम सा, यह लड़की का नाम काशवी है। और इनकी उम्र अभी 18 साल की है। यह यहां पर दो साल पहले ही आई थी। इससे पहले यह कहां थी और कहां रहती थी, इनके बारे में न ही किसी को ज्यादा पता है, बस यह यहां के कॉलेज में पढ़ती है। और इसके अलावा हमें और कुछ अभी तक पता नहीं चला है। और न ही इनके अभी तक इनके परिवार के बारे में पता चला है।" वह लड़का जो हुकुम सा था, उनसे जब उसके मुंह से सुन लड़की का नाम सुना, तो वह उस लड़की को जो की काशवी थी, वह उसके चेहरे को ध्यान से देखने लगा। वही विजय राणा उन्हें ऐसे देख कर थोड़ा हिचकिचाते हुए बोले, "हुकुम सा, क्या यह वहीं लड़की हो सकती है जिनके बारे में हमें पता चला था कि वो लड़की मर गई थी?" उसकी बात सुनकर हुकुम सा, जो काशवी को देख रहे थे, उसने विजय को गुस्से से देखा। वह गुस्से से बोले, "आपकी हिम्मत भी कैसे हुई हमारी जान को ऐसे बोलने की, क्या आप जानते हैं, न हम आपकी इस गलती के लिए आपको जान से मार सकते हैं?" उसकी बात सुनकर विजय अपनी गलती मानते हुए सिर झुका कर बोले, "हमें माफ कर दीजिए, हुकुम सा। हम आगे से ऐसी गलती नहीं करेंगे।" तो हुकुम सा बोली, "अब आगे से ध्यान रहे, आप ऐसी गलती ना करें।" फिर वह उस काशवी को देखते हुए बोला, "हमें पता है, यह और कोई नहीं, यह हमारी काशवी ही है। जिसे हम इतने सालों से ढूंढ़ रहे थे। अब हम बस आपको अपने से दूर नहीं जाने देंगे।" यह बोल वो विजय को देखते हुए बोले, "आप वहाँ पर सारी तैयारियां कर दें, हमारे पहुंचने से पहले।" उसकी बात सुनकर विजय वहाँ से हां में सिर हिलाकर चला गया। वहीं, रात के सरनाटे में मंदिर के अंदर पंडित जी किसी की शादी करवा रहे थे। वहाँ आस पास बहुत सारे गार्ड तैनात खड़े थे। वहीं मंडप में बैठी लड़की, जिसने अभी भी जींस और टॉप पहना हुआ था, उसके सिर पर लाल रंग की चुनरी उड़ाई हुई थी। वह अभी बेहोश थी और उसके साथ बैठे लड़का, जो कोई और नहीं हुकुम सा था, उसने अपने एक हाथ से काशवी को पकड़ा हुआ था, और दूसरे हाथ से शादी की सारी विधियाँ कर रहा था। वहीं पंडित जी भी शादी डरते हुए कर रहे थे, क्योंकि उनके सिर पर विजय अपनी गन ताने खड़ा था, जिससे वह बस अब जल्दी से शादी करवा रहे थे। उन्हें इतनी जल्दी बाजी में मंत्र पढ़ते देख हुकुम सा उन्हें गुस्से से बोले, "पंडित जी, शादी मुझे अच्छे से करनी है, वह भी सारी रस्मों-रिवाज के साथ। और मुझे मेरी बीवी का साथ इस जन्म तक नहीं, अगले आने वाले हर जन्म तक चाहिए, कि मेरी काशवी सिर्फ मेरी ही होकर रहे।" यह बात वह एक दीवाने की तरह बोल रहा था, कि उसका ही हक हो काशवी पर। उसकी बात सुनकर पंडित जी को डरने लगा, वह अब चुप हो गए थे। वह सोच रहे थे कि कैसे मैं इनकी बातों का क्या जवाब दूं। तभी विजय पंडित जी को घूरते हुए बोले, "पंडित जी, जैसा कि हमारे हुकुम सा ने कहा है, आप वहीं करें, और अगर ऐसा नहीं कर सकते तो आप मारने के लिए तैयार हो जाएं।" उसकी बात सुनकर अब पंडित जी और भी डरने लगा। वह अपने हाथ जोड़कर बोले, "देखिए, आप हमें माफ कर दीजिए, पहले ही आप हमसे एक पाप करवा रहे हैं, जो ये बच्ची अभी बेहोशी की हालत में है, आप ऐसे उसके हाथ शादी कर रहे हैं। और अब आपकी ऐसी बातों से हमें लगता है कि आप प्यार करते हैं, जो कि आप एक पागल लग रहे हैं। इस लड़की से, जो बिना इस बच्ची की मर्ज़ी के उस से शादी कर रहे हैं, जो कि पाप है।" अपने लिए 'पागल' सुनकर वो हुकुम सा पहले तो उसे गुस्सा आ गया, पर फिर वो एक तरह से हसने लगा। उसे हँसते हुए देख, वहाँ सभी गार्ड, पंडित जी, और विजय उसे ऐसे हँसते हुए देखने लगे। वह अभी एक सनकी के जैसे लग रहा था। वह अब पंडित जी को देखते हुए बोला, "सही कहा आपने, मैं इसके लिए पागल ही हूं। और यह पागलपन आज से नहीं, कई सालों से है। जो अब यह पागलपन के साथ मेरी मोहब्बत बनी है, और आगे मेरी दीवानगी भी बनेगी। अब यह पूरी तरह से आज से मेरी हो जाएगी, इन पर सिर्फ मेरा हक होगा।" यह बोल काशवी के चेहरे को गहराई से देखते हुए बोल रहा था, जो कि एक पागलपन सवार हो उस पर काशवी के नाम का। फिर पंडित जी नहीं कुछ बोले, वो अब बस ध्यान से शादी की सारी विधियां करवा रहे थे। फिर पंडित जी बोली, "कन्यादान के लिए क्या कोई है जो यह विधि कर सकता है?" उनकी बात सुन हुकुम सा बोले, "इनके अलावा अब इस दुनिया में कोई नहीं है। आप अब बाकी की विधि करें।" पंडित जी फिर बाकी की विधि जाने लगे। उन्होंने बोला, "अब आप फेरों के लिए खड़े हो जाएं।" फिर हुकुम सा ने उसे अपने गोद में उठाया और फेरे लेने लगे। काशवी इन सब से बेखबर बेजान सी थी, अभी उसे कहीं होश नहीं था कि उसके साथ क्या होने जा रहा है। हुकुम सा फेरे लेते हुए बोला, "मैं तुम्हें दुनिया की सारी खुशियाँ दूंगा। तुम्हें हर बुरी नज़र से बचाऊंगा, तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ूंगा। तुम्हारे इलावा मैं किसी को नहीं चाहूंगा, हर सुख-दुःख में तुम्हारा साथ दूंगा, ना ही तुम्हें कभी छोड़ कर जाऊंगा। ना ही तुम्हें कहीं जाने दूंगा, अगर कोई हमारे बीच में आया तो मैं उसे बहुत बुरी मौत दूंगा।" यह बोलते हुए उसकी आँखें लाल थीं। उसने सारे फेरे ले लिए, और अब अपनी जगह फिर से काशवी को लेकर बैठ गया। फिर पंडित जी बोले, "कन्या की मांग में सिंदूर भरें।" हुकुम सा ने थाली से सिंदूर लेकर काशवी की मांग में भर दिया। फिर मंगलसूत्र की बारी आई, तो हुकुम सा ने उसके गले में एक राजवाड़ी मंगलसूत्र पहनाया। फिर पंडित जी बोले, "अब आप दोनों आज से पति-पत्नी हुए। अब आप दोनों को कोई अलग नहीं कर सकता। आप दोनों अब हमेशा खुश रहें।" यह बोल, अब पंडित जी खड़े हो गए। वो बोले, "अब हमने आपकी शादी करवा दी है, तो आप हमें यहां से जाने दें।" उनकी बात सुनकर हुकुम सा ने विजय को देखा, तो विजय ने पंडित जी के हाथ में नोटों की गड़ी थमा दी और बोले, "अब आप यहां से जाएं, और यहां पर शादी करवाई है, इसके बारे में आपने किसी से कुछ नहीं कहना है। वर्ना हम आपके साथ आपके परिवारवालों को भी मार देंगे। अब जाएं।" पंडित जी अपने हाथ में नोटों की गड़ी को देखने लगे, पर फिर वो बोले, "हम किसी को कुछ नहीं बताएंगे।" यह बोल, वो चले गए। वहीं अब हुकुम सा ने विजय से बोला, "राणा, हमें हमारी गन दो।" तभी विजय ने हुकुम सा के हाथ में गन दे दी। अब हुकुम सा की आँखें में गुस्सा आ गया था। उसने अपनी गन को एक गार्ड के सीधे माथे पर पॉइंट किया, और तभी उनसे ट्रिगर दबा दिया। गोली सीधे गार्ड के माथे पर लगी। वो गार्ड गिर गया, और अब मर चुका था। वहीं हुकुम सा ने सभी को अपनी जलती हुई निगाहों से देखते हुए बोला, "अगर किसी ने हमारी जान को देखने तक की हिम्मत की तो वो आज के बाद इस दुनिया में जिंदा नहीं रहेगा। इन पर सिर्फ मेरा हक है, जो सिर्फ और सिर्फ अक्षत प्रताप सिंह का है। और हमेशा मेरा ही रहेगा।" यह बोलते हुए वो काशवी को अपनी गोद में उठा कर बाहर ले गया। वो अपनी कार में बैठ गया। विजय राणा आगे की सीट पर बैठ गया। अब ड्राइवर ने कार को स्टार्ट किया, और वो अब वहां से चले गए। वहीं अब सारे गार्ड यह जान लिया था कि वो अपनी हुकुमरानी को आँख उठा के नहीं देख सकते थे। वर्न वो बहुत बुरी मौत मर चुके थे। वहीं वो जो गार्ड मर गया था, उसकी गलती बस यही थी कि उसने गलती से एक नजर काशवी को देख लिया था। वो पर अक्षत की नजर से नहीं बच पाया था। पर क्या ही कर सकते थे, अब वो गार्ड तो मर चुका था। और फिर बाकी के गार्ड भी वहां से चले गए थे।आखिर क्यों की अक्षत ने काशवी से बेहोशी की हालत में शादी? क्या वो पहले से ही जानता है काशवी को?क्या होगा जब काशवी को पता चलेगा कि उसकी मर्जी के बिना उसकी शादी हो गई है? तो क्या करेगी काशवी जब उसे होश में होश में आकर पता चलेगा उसे की उसकी शादी हो गई वो भी बेहोशी के हालत में??