दो दिलों की ऐसी दास्तां जो समाज के बंधनों को तोड़ कर एक हुए।
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शाम का समय, सोनीपत - हरियाणा, आज का मौसम बहुत सुहाना था । हल्की हल्की धूप के साथ कुछ बादल आसमान में छाए हुए थे और मंद मंद हवाएं बह रही थीं जो मन को सुकून देने वाली थीं । एक कॉलेज बस एक दिशा में आगे बढ़ रही थी । अपनी आंखों में भविष्य के सपने सजाए हुए बहुत से बच्चे उस बस में बैठे हुए थे । उन्हीं में एक लड़की भी बैठी हुई थी जिसकी उम्र 20 साल के आस पास रही होगी । उसने नीले रंग की जीन्स के साथ सफेद रंग का टॉप पहना हुआ था और साथ में एक डेनिम जैकेट डाल रखा था जो कि उसके हल्के सांवले रंग पर बहुत ही खिल रहे थे । उसके बाएं हाथ में सिंपल सी घड़ी थी और दाएं हाथ में महादेव का एक ब्रेसलेट था । उसके पैरों में काले रंग के लेडिज जूते थे । बालों की उसने पोनी बनाई हुई थी । उसके कान में छोटे छोटे बूंदे थें । उसका चेहरा गोल था और उसकी बड़ी बड़ी आंखें इस चेहरे पर और भी प्यारी लग रही थीं । उसके पतले गुलाबी होठों पर हल्का सा लिपबाम लगा हुआ था । वो आराम से कानों में हेडफोन लगा कर अपने फोन में इंस्टाग्राम चला रही थी कि तभी उसकी नजर एक पोस्ट पर गई जहां वूमेन एंपावरमेंट और महिलाओं के अधिकार की बात की गई थी । उसे वो पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वो उस प्रोफाइल पर चली गई और ऐसा करते ही उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई । उस प्रोफाइल पर बहुत सारी ऐसी ही पोस्ट्स थीं जिनमें महिलाओं के हित में बातें लिखी गई थीं और वो भी कविताओं और शायरियों के जरिए और सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये थी कि ये प्रोफाइल किसी लड़के की थी जिसका नाम था, समृद्ध निगम । वो लड़की एक - एक करके उसकी सारी पोस्ट्स देखती गई और बहुत ज्यादा प्रभावित भी हुई इसलिए वो तुरंत उस लड़के का चेहरा देखने के लिए उसकी प्रोफाइल पिक्चर देखने लगी लेकिन उसकी प्रोफाइल पिक्चर किसी एनीमे कैरक्टर की थी । उस लड़की ने निराशा के साथ मुंह बना कर कहा, " क्या यार, इस लड़के ने अपनी फोटो क्यों नहीं लगाई है अपनी प्रोफाइल पर ! " उसने इतना ही कहा था कि इतने में किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर शरारती अंदाज में कहा, " क्या हुआ तेजस ? किसकी फोटो देखे बिना चिढ़ रही है ! " ये सब अचानक से हुआ था जिसकी वजह से तेजस का फोन उसके हाथ से छूट कर उछला और नीचे गिर पड़ा । तेजस ने हड़बड़ा कर अपना फोन उठाया और फिर सामने की ओर देख कर, जहां एक लड़की अपने कंधे पर एक बैग टांगे खड़ी थी, चिढ़न के साथ कहा, " कोई नहीं, तू अपना देख न ! " उस लड़की ने पहले तेजस को अजीब तरीके से घूरा फिर अपने कंधे उठा कर कहा, " मैं तो अपना ही देख रही हूं, तभी तो उतर रही हूं बस से । " फिर उसने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " तू अपना देख ले । " तेजस ने नासमझी से उसे देखा तो उसने बाहर की तरफ इशारा कर दिया । तेजस में तुरंत बाहर की तरफ गर्दन घुमाई तो उसकी आंखें बड़ी हो गईं । उनका बस स्टॉप आ चुका था । उसने अपना बैग उठाते हुए दूसरी लड़की के कंधे पर हल्के से मार कर कहा, " क्या सौम्या, पहले नहीं बता सकती थी ! " और बस के गेट की ओर बढ़ने लगी । सौम्या ने उसके पीछे आते हुए कहा, " तुझे बताने ही तो आई थी, पर तू तो अलग ही दुनिया में थी । अब इसमें मेरी क्या गलती ! " अब तक वो दोनों बस से उतर चुकी थीं । तेजस ने सौम्या की ओर पलट कर कहा, " बस, बस ! अब ज्यादा जुबान मत चला । " और एक ओर बढ़ने लगी । सौम्या ने दूसरी ओर जाते हुए थोड़ी तेज आवाज में कहा, " कल फ्रेशर्स पार्टी है । भूल मत जाना । " तेजस ने चिढ़ कर कहा, " हां, हां ! नहीं भूलूंगी । " फिर उसने खुद से ही कहा, " पार्टी फ्रेशर्स की है और एक्साइटेड ये हो रही है । " और इसी के साथ वो दोनों अपने अपने घर चली गईं । कुछ देर बाद, तेजस ने कपड़े बदल लिये थे । फिलहाल उसने नीले रंग का सूट और सलवार पहन रखा था । उसके थोड़ा सा नाश्ता किया और फिर अपना फोन लेकर बैठ गई । वो जब से घर आई थी, उसने अपना फोन वैसे ही रख दिया था । जैसे ही उसने फोन अनलॉक किया वैसे ही उसकी आँखें बड़ी हो गईं और फोन फिर से एक बार उसके हाथों से उछलने लगा । तेजस ने कैसे भी अपना फोन संभाला और फिर लंबी लंबी सांसें लेने लगी । उसने फिर से फोन देखा जहां इंस्टाग्राम में मैसेज सेक्शन खुला हुआ था और समृद्ध को, " हेलो ! " का मैसेज सेंट हो चुका था । तेजस ने चिढ़ कर खुद से ही कहा, " ये क्या, ये, ये, इसे मैसेज कैसे चला गया । " फिर उसने बस वाले इंसीडेंट को याद करके कहा, " सौम्या, इसे तो मैं छोडूंगी नहीं । सब इसी की वजह से हुआ है । तू कल मुझे मिल कॉलेज में, फिर बताती हूं मैं तुझे । " फिर उसने वापस फोन को देख कर कहा, " पता नहीं, ये बंदा क्या सोच रहा होगा मेरे बारे में ! " फिर वो खुद को बिजी करने के लिए डिनर तैयार करने किचन में चली गई । जहां एक तरफ हरियाणा में तेजस के हाथ किचन में करछी चला रहे थें तो वहीं दूसरी तरफ भारत के दूसरे किसी हिस्से में कोई हाथ कलम चला रहे थें । देख कर ही पता चल रहा था कि ये हाथ कितना काम करते होंगे क्योंकि उनकी नसें भी साफ दिख रही थीं । वो हाथ किसके थे ये बता पाना तो मुश्किल था क्योंकि वो शख्स अंधेरे में बैठा हुआ था और उसके टेबल पर जो छोटी सी लैंप जल रही थी उसकी रोशनी में सिर्फ उन हाथों पर कोहनी तक मुड़ी हुई काले शर्ट की बाजुएं दिख रही थीं । उस लैंप की रोशनी उसके डायरी पर भी पड़ रही थी जिस पर वो लिख रहा था और जिस टॉपिक पर वो शख्स लिख रहा था वो था, अंधकार । उस डायरी के बगल में एक फोन भी था जिससे एक हेडफोन जुड़ा हुआ था । फोन में यू ट्यूब पर बांसुरी की धुन बज रही थी । इतने में फोन पर नोटिफिकेशन आया । ये तेजस के मैसेज का नोटिफिकेशन था जिसे देखे बिना ही रिमूव कर दिया गया और वो शख्स अपना काम करता रहा । रात के 11 बजे, तेजस ने अभी अभी अपना प्रोजेक्ट खत्म किया था । सिर्फ एक आखिरी काम बचा था, अपना नाम लिखना । तेजस ने मार्कर लिया और अपना नाम लिख दिया, " तेजस्विनी राठौड़ ! " और फिर अपना सारा सामान समेट कर रख दिया । उसने खुद से ही कहा, " चल बेटा तेजस, सो जा अब । कल कॉलेज भी जाना है । " इतना बोल कर वो एक महिला के बगल में जाकर लेट गई जो सो रही थीं । उन महिला की उम्र 41 - 42 साल के आस पास रही होगी । उन्होंने नीले रंग का सूट सलवार पहना हुआ था । तेजस्विनी अभी लेटी ही थी कि तभी उसके दिमाग में कुछ आया और उसने तुरंत टेबल पर से अपना फोन उठा लिया । उसने सारे नोटिफिकेशन चेक किए और फिर मुंह बना कर कहा, " क्या यार, इसने तो मेरा मैसेज अभी तक देखा भी नहीं है । " और चादर ओढ़ कर सो गई । अगला दिन भी ऐसे ही बीत गया लेकिन तेजस्विनी को समृद्ध का कोई रिप्लाई नहीं आया और इसी चक्कर में तेजस्विनी का मूड पार्टी में भी खराब ही रहा । अगले दिन, दोपहर के समय, कल पार्टी थी इसीलिए आज सारे स्टूडेंट्स की छुट्टी थी । तेजस्विनी भी अपने सारे काम खत्म करके पढ़ने के लिए बैठी थी । उसके गले में ब्लूटूथ नेकबैंड था और उसकी लीड उसके कानों में लगी हुई थी । वो म्यूजिक सुनते हुए अपना काम कर रही थी कि इतने में उसके फोन पर नोटिफिकेशन आया । उसने पैराग्राफ को मार्क किया और फोन लेकर नॉटिफिकेशन देखने लगी । जैसे ही उसकी नजर उस नॉटिफिकेशन पर पड़ी, वैसे ही उसका मोबाइल उसके हाथ से छूट गया वो तो अच्छा हुआ कि उसने अपने हाथों को टेबल पर टिकाया हुआ था । उसने जल्दी से अपना फोन उठाया और खुशी से झूम उठी । उसे समृद्ध की ओर से अपने मैसेज का जवाब आया था । भले ही उस जवाब में सिर्फ " हेलो ! " था लेकिन तेजस्विनी खुशी से उछल पड़ी थी । पांच मिनट बाद उसने खुद को शांत करके उस मैसेज को खोला और पहले तो कुछ देर तक उस मैसेज को देखती रही और फिर रिप्लाई टाइप किया, " जी, मेरा नाम तेजस्विनी है, तेजस्विनी राठौड़ । " उसने मैसेज टाइप तो कर लिया लेकिन भेजने में हिचकिचा रही थी । उसने फिर से दो तीन बार मैसेज टाइप किया और मिटा दिया । अंत में, उसने एक आखिरी बार मैसेज टाइप किया और आंखें बंद करके सेंड के ऑप्शन को क्लिक कर दिया । उसने धीरे से अपनी आँखें खोली और देखा तो मैसेज चला गया था लेकिन सामने वाले बंदे ने अभी देखा नहीं था । तेजस्विनी ने खुद को रिलैक्स किया और फिर से पढ़ने बैठ गई । वो बात अलग है कि अब उसका मन पढ़ने में लग नहीं रहा था । शाम का समय, तेजस्विनी डिनर तैयार करके कमरे में आई और पंखे के सामने बैठ गई । गर्मी से बाहर निकल कर तुरंत हवा में आने से उसे बहुत अच्छा लग रहा था । उसने अपना फोन उठाया और देखा तो सामने से समृद्ध का जवाब आया था लेकिन वो जवाब देख कर तेजस्विनी का मुंह बन गया । समृद्ध ने लिखा था, " सॉरी ! हम किसी तेजस्विनी को नहीं जानते । " तेजस्विनी ने चिढ़ कर मैसेज किया, " हम सिर्फ अपना नाम बता रहे हैं । " सामने से जवाब आया, " ओह ! आई एम सॉरी । आई एम समृद्ध निगम । " तेजस्विनी ने कहा, " हां, हां ! पता है । आई डी देखी है आपकी । " सामने से जवाब आया, " ओह, अच्छा । " तेजस्विनी ने कहा, " हम्म ! " समृद्ध ने कहा, " वैसे, आपको हमसे काम क्या था ? " तेजस्विनी ने कहा, " कुछ नहीं, बस आपकी पोस्ट्स अच्छी लगी तो आपसे बात करने के बारे में सोचा । " समृद्ध ने कहा, " ओह ! " तेजस्विनी ने कहा, " हम्म्म ! " समृद्ध ने कहा, " तो हो गई न बात ! " तेजस्विनी ने तुरंत चिढ़ कर कहा, " अरे, ये क्या बात हुई ? " समृद्ध को शायद उसकी बात समझ नहीं आई थी । इसलिए उसने कहा, " मतलब ! " तेजस्विनी ने कहा, " मतलब हम आपसे दोस्ती करना चाहते हैं । " दूसरी तरफ, तेजस्विनी का ये मैसेज देख कर उस शख्स की उंगलियां हवा में ही रह गईं । __________________________ कौन था समृद्ध निगम ? क्या समृद्ध तेजस्विनी से दोस्ती करेगा ? तेजस्विनी का ये मैसेज देख कर समृद्ध के हाथ क्यों रुक गए थे ? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए, You Are My Universe : Beyond The Boundaries लाइक कमेंट शेयर और फॉलो करना न भूलें । लेखक : देव श्रीवास्तव
शाम का समय, सोनीपत - हरियाणा, समृद्ध के मैसेज पढ़ कर तेजस्विनी ने कहा, " हम आपसे दोस्ती करना चाहते हैं । " वहीं दूसरी तरफ, तेजस्विनी का ये मैसेज देख कर समृद्ध की उंगलियां हवा में ही रह गईं । फिर कुछ सोच कर उसने कहा, " आप जानती भी हैं हमें, जो हमसे दोस्ती करना चाहती हैं ! " तेजस्विनी ने अपने कंधे उठा कर कहा, " जान पहचान का क्या है ! मेरा नाम आप जानते हैं और आपका नाम मैं । " समृद्ध ने चिढ़ कर कहा, " सिर्फ नाम जानने से दोस्ती हो जाती है ! " तेजस्विनी ने कहा, " ओ के फाइन । हमारा नाम तेजस्विनी राठौड़ है । हम सोनीपत हरियाणा के रहने वाला हैं । हमारी उम्र 20 साल है और फिलहाल हम BCA कर रहे हैं । " उसने एक ही मैसेज में ये सारी बातें लिख कर समृद्ध को सेंड कर दीं । उसका मैसेज देख कर समृद्ध का फोन उसके हाथ से छूट गया । 1 मिनट तक वो शॉक में बैठा हुआ अपने फोन को घूरता रहा । फिर तुरंत उसने अपना फोन लेकर तेजस्विनी को मैसेज किया, " ये क्या कर रही हैं आप ! हमने आपसे आपकी इनफोर्मेशन मांगी क्या ! " तेजस्विनी ने कहा, " आपने ही तो कहा कि सिर्फ नाम जान लेने से दोस्ती नहीं होती । तो हम आपको अपने बारे में बता रहे हैं । " ये पढ़ कर समृद्ध की पकड़ अपने फोन पर कस गई । उसने कहा, " मतलब कि आप मानेंगी नहीं ! " तेजस्विनी ने साफ शब्दों में कहा, " ना ! " समृद्ध के हाथ फिर से रुक गए । फिर अचानक से उसने लिखा, " तो ठीक है । हम आपको ब्लॉक कर देते हैं । " तेजस्विनी ने भी एटिट्यूड में कहा, " अच्छा, तो करके दिखाओ ! " ये पढ़ कर समृद्ध बुरी तरह चिढ़ गया । फिर उसने अपनी आंखें बंद की और तेजस्विनी को ब्लॉक कर दिया । ये देख कर तेजस्विनी की आँखें बड़ी हो गईं और उसके मुंह से निकला, " हां ! " फिर उसने खुद से ही कहा, " ये लड़का समझता क्या है खुद को ! हमें ब्लॉक किया, हमें ! तेजस्विनी राठौड़ को ! " फिर उसने तिरछी मुस्कान के साथ कहा, " ना बेटा जी, ना । अब दोस्ती तो तुम्हें हमसे करनी ही पड़ेगी । " और इसी के साथ उसने दूसरे नाम से अपनी दूसरी आई डी बना ली । उसने फिर से समृद्ध की आई डी ढूंढी और उसे मैसेज किया लेकिन समृद्ध का जवाब नहीं आया । तेजस्विनी ने खुद से ही कहा, " लगता है, अब फिर से दो दिन बाद ही मैसेज आएगा । " और हंसते हुए अपना काम करके चली गई । अगले दिन, दोपहर का समय, तेजस्विनी अपने कॉलेज के कैंटीन में बैठी हुई थी । आज उसकी कोई दोस्त नहीं आई थी इसलिए वो अपने मोबाइल में बिजी थी । वो यूट्यूब पर कोई लेक्चर देख रही थी कि इतने में समृद्ध के रिप्लाई का नोटिफिकेशन आया । तेजस्विनी ने चेक किया तो समृद्ध ने लिखा था, " ये क्या हरकत है ! " तेजस्विनी ने अंजान बनते हुए कहा, " एक्सक्यूज मी ! " समृद्ध ने साफ साफ कहा, " देखिए, मिस तेजस्विनी ! हम जानते हैं कि ये आप ही हैं । " तेजस्विनी ने हैरानी के साथ कहा, " रियली ! लेकिन पहचाना कैसे हमें ? " समृद्ध ने फिर से चिढ़ कर कहा, " मिस, हम मजाक के मूड में नहीं है । " तेजस्विनी ने तुरंत कहा, " हम भी मजाक नहीं कर रहे हैं । हम जेनुइनली आपसे दोस्ती करना चाहते हैं । " समृद्ध ने कहा, " देखिए, मिस ! ये सब सही नहीं है । हमने आपकी एक आई डी ब्लॉक की तो आपको समझ नहीं आया जो आप दूसरी आई डी से हमें परेशान कर रही हैं ! " तेजस्विनी ने भी चिढ़ कर कहा, " भई, दोस्ती करने में क्या जा रहा है आपका ! " समृद्ध ने कहा, " अरे, नहीं करनी न यार ! " तेजस्विनी ने कहा, " देखिए, अब आपने हमें यार भी बोल दिया । " ये देख कर समृद्ध ने अपने हाथ की मुट्ठी बना कर टेबल पर दे मारी और मैसेज में कहा, " सत्यानाश ! " और साथ में सिर पीटने वाला इमोजी लगा दिया । तेजस्विनी ने भी कहा, " हां, वो तो कर ही रहे हैं आप । " समृद्ध ने फिर से उसे समझाते हुए कहा, " देखिए, आप सीधे तरीके से बात मान जाइए । हमें किसी से भी दोस्ती करने में कोई इंटरेस्ट नहीं है । " तेजस्विनी ने कहा, " पर क्यों ? आखिर दोस्ती करने में प्रॉब्लम ही क्या है ! " समृद्ध ने इन सभी बातों को नजरंदाज करके कहा, " देखिए, हम यहां भी ब्लॉक कर देंगे आपको ! " तेजस्विनी ने भी अड़ते हुए कहा, " हम फिर से दूसरी आई डी बना लेंगे । " समृद्ध ने कहा, " हम वहां भी आपको ब्लॉक कर देंगे । " तेजस्विनी ने कहा, " हम एक और नई आई डी बना लेंगे । " समृद्ध ने परेशान होकर कहा, " क्या करें हम आपका ! " तेजस्विनी ने बड़ी सी मुस्कान के साथ कहा, " हमसे दोस्ती । " और साथ में एक हंसने वाला इमोजी भेज दिया । समृद्ध ने कहा, " आप समझ क्यों नहीं रही हैं ! " तेजस्विनी ने कहा, " इसमें समझना क्या है ! आप तो ऐसे बिहेव कर रहे हैं जैसे कि हमने आपको प्रपोज कर दिया हो । " ये पढ़ कर समृद्ध की हल्के नीले रंग की आंखें बड़ी हो गईं । इससे पहले कि वो कुछ कहता, तेजस्विनी का एक और मैसेज आया, " और कौन सा लड़का किसी लड़की से दोस्ती करने में इतना हिचकता है ! " अब समृद्ध के पास तेजस्विनी की बात का कोई जवाब नहीं था । उसने एक गहरी सांस लेकर कहा, " फाइन ! हम आपसे दोस्ती करने को तैयार हैं । " तेजस्विनी ने उत्साहित होकर कहा, " सच्ची ! " समृद्ध ने कहा, " हम्म्म । " तेजस्विनी ने कन्फर्म करने के लिए कहा, " पक्का न ! " समृद्ध ने कहा, " अब क्या नोटिस इश्यू करा कर भेजें ! " तेजस्विनी ने कहा, " नहीं, नहीं ! हम समझ गए । " समृद्ध ने कहा, " गुड । " और अगले ही पल उसने कहा, " अच्छा, अभी के लिए बाय । " तेजस्विनी ने हैरानी के साथ कहा, " हां ! " तो समृद्ध ने कहा, " क्या ? " तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " अभी अभी तो दोस्ती की है, और तुरंत बाय ! " समृद्ध ने कहा, " अरे, हमें पढ़ाने जाना है । " तेजस्विनी ने कहा, " ओह, तो आप टीचर हो ! " समृद्ध ने कहा, " नहीं, लेकिन लोकल में कुछ लड़कियों को पढ़ाते हैं, जिनके पैरेंट्स ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी है । " तेजस्विनी ने इंप्रेस होते हुए कहा, " ओह, तो जनाब समाज सेवी हैं । " समृद्ध ने कहा, " जी, हम कुछ NGOs से जुड़े हुए हैं । " तेजस्विनी ने कहा, " ठीक है । आप पढ़ा लो, हम बाद में बात करते हैं । " समृद्ध ने कहा, " ओ के, बाय । " तेजस्विनी ने भी कहा, " बाय । " और फोन रख दिया । फिलहाल वो बहुत खुश थी क्योंकि समृद्ध ने उससे दोस्ती जो कर ली थी । वहीं दूसरी तरफ, समृद्ध अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ । उसने खुद से ही कहा, " सैम बेटा ! इस बार खुद को हर्ट मत करना । " फिर उसने एक अंगड़ाई ली और बाहर चला गया । शाम का समय, तेजस्विनी का घर, तेजस्विनी अपने सारे काम खत्म करके पढ़ने बैठी थी । कुछ देर पढ़ने के बाद उसने समय देखा तो रात के 10 बज गए थे । उसने अपना फोन उठाया और समृद्ध को मैसेज कर दिया, " क्या हो रहा है मिस्टर समाज सेवी ! " कुछ देर बाद, समृद्ध का जवाब आया, " आपने हमारा एक स्पेशल नाम भी रख दिया ! " तेजस्विनी ने हंस कर कहा, " अरे अभी आपने हमारा टैलेंट देखा ही कहां है ! नाम रखने में तो हम माहिर हैं । " ये पढ़ कर समृद्ध के पतले गुलाबी होठों पर मुस्कान आ गई । उसने उसी मुस्कान के साथ कहा, " अच्छा, और किस किस के नाम रखे हैं आपने ! " तेजस्विनी ने कहा, " हमने, बहुत लोगों के ! अपने भाइयों के ! अपने दोस्तों के ! " वो अलग अलग मैसेजेस में ये सारी बातें बोलती जा रही थी और समृद्ध उसके मैसेजेस पढ़ पढ़ कर हल्का - हल्का मुस्करा रहा था । वही मैसेज करते हुए अचानक से तेजस्विनी को समझ आया कि वो क्या कर रही है तो उसने चिढ़ कर समृद्ध से कहा, " ये आपने जान बूझ कर कहा न ! " उसका आखिरी मैसेज पढ़ कर समृद्ध अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ खुल कर हंस पड़ा । उसने हंसते हुए ही मैसेज किया, " अब आप हैं ही इतनी भोली तो इसमें हमारी क्या गलती ! " तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " हंह, आए बड़े ! " समृद्ध ने सोचने वाली इमोजी लगा कर कहा, " बड़े ! " फिर उसने दूसरे मैसेज में कहा, " अरे, नहीं । हम इतने भी बड़े नहीं हैं । " तेजस्विनी ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " अच्छा ! " समृद्ध ने कहा, " हां ! बहुत कम एज है हमारी । " तेजस्विनी ने जिज्ञासा के साथ कहा, " अच्छा, कितनी है ? " समृद्ध ने तुरंत कहा, " आप क्यों पूछ रही हैं ? " तेजस्विनी ने अपने कंधे उठा कर कहा , " ऐसे ही, कैजुअली । " समृद्ध ने सामान्य रूप से कहा, " 20 साल । " तेजस्विनी ने हैरानी के साथ कहा, " हैं ! " समृद्ध ने सामान्य रूप से कहा, " हम्म्म ! " तेजस्विनी ने हैरानी के साथ कहा, " हम तो अभी सिर्फ अट्ठारह साल के हैं । " समृद्ध ने कहा, " तो अच्छा है न ! लाइफ एन्जॉय कीजिए अपनी । " तेजस्विनी ने हंस कर कहा, " वही तो कर रहे हैं । " समृद्ध ने थम्स अप करके कहा, " गुड ! " तेजस्विनी ने हिचकते हुए ही कहा, " वैसे आप कुछ काम भी करते हैं क्या ? " समृद्ध ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " नहीं । क्यों ? " तेजस्विनी ने उसे इनडायरेक्टली ताना मारते हुए कहा, " नहीं, बस आपके रिप्लाइज बहुत देर से आते हैं । " समृद्ध ने कुछ सोच कर कहा, " वो एक्चुअली, बिजी बहुत रहते हैं हम । " तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " कोई काम भी नहीं करते हैं और बिजी भी रहते हैं ! " समृद्ध ने कहा, " बात ये हैं, कि हमारा ग्रेजुएशन हो चुका है कंप्लीट और हम कर रहे हैं LLB की तैयारी, जिसमें समय लगता हैं । इसके अलावा पढ़ाने में भी टाइम जाता है । फिर NGOs का भी तो काम होता है न ! और कभी कभी माता श्री की हेल्प भी कर देते हैं । इसलिए ज्यादा समय नहीं बचता है हमारे पास । " तेजस्विनी ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा, " हे भगवान ! आपने हमें इनडायरेक्टली आलसी बोल दिया । " __________________________ क्या अंजाम होगा समृद्ध और तेजस्विनी की इस दोस्ती का ? क्या हुआ था समृद्ध के साथ कि वो खुद को दुबारा हर्ट नहीं होने देना चाहता था ? क्या उसके अंदर का डर खत्म होगा ? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए, You Are My Universe : Beyond The Boundaries लाइक कमेंट शेयर और फॉलो करना न भूलें । लेखक : देव श्रीवास्तव
शाम का समय, सोनीपत - हरियाणा, समृद्ध की बातें सुन कर तेजस्विनी ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा, " हे भगवान ! आपने हमें इनडायरेक्टली आलसी बोल दिया । " समृद्ध ने हंस कर कहा, " रियली ! " तेजस्विनी ने कहा, " हां ! " समृद्ध ने कहा, " अरे, इतना तो हर कोई करता है । " तेजस्विनी ने मुंह बना कर कहा, " हम नहीं करते । " समृद्ध ने कहा, " अच्छा ! " तेजस्विनी ने कहा, " हां । " समृद्ध ने उसे चिढ़ाने के लिए कहा, " फिर तो आप आलसी ही हो । " तेजस्विनी ने हैरानी के साथ कहा, " हां ! " समृद्ध ने कहा, " क्या हां ? अभी आपने ही तो कहा ! " तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " हम आपको पंखे से टांग देंगे । " ये बात सुनते ही समृद्ध की उंगलियां जहां की तहां रुक गईं । 2 मिनट तक वो अपने फोन की स्क्रीन को घूरते हुए कुछ सोचता रहा । फिर उसने कुछ सोच कर कहा, " नॉट पॉसिबल । " तेजस्विनी ने कहा," क्यों ? " समृद्ध ने कहा, " उसके लिए आपको हमें उठाना पड़ेगा और उठाने के लिए यहां आना पड़ेगा । " तेजस्विनी ने मुंह बना कर कहा, " हम कूट देंगे आपको । " समृद्ध ने गंभीरता के साथ कहा, " उसके लिए भी आना पड़ेगा । " वो था तो गंभीर लेकिन तेजस्विनी को ये बात पता ना चले इसलिए उसने हंसने वाले इमोजी ही भेजें । तेजस्विनी ने कहा, " हे भगवान ! क्या खाकर पैदा किया था आपकी मां ने आपको ! हर बात का जवाब होता है, आपके पास । " अगले ही पल समृद्ध ने कहा, " मछली । " तेजस्विनी ने नासमझी से कहा, " हैं ! " समृद्ध ने हँस कर कहा, " अरे आपके सवाल का जवाब । हमारी माता श्री ने हमें मछली खाकर पैदा किया था । " तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " हटो यार ! बात ही नहीं करनी हमें । " समृद्ध ने कहा, " अब इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है ! " तेजस्विनी ने अपनी चिढ़न छुपाते हुए कहा, " कुछ नहीं । हम जा रहे हैं, काम करने । " समृद्ध ने एक भौंह उठा कर कहा, " काम ! " तेजस्विनी ने कहा, " हां, डिनर बनाना है हमें । " समृद्ध ने कहा, " ओह, ठीक है । बना लो । हम भी तब तक कुछ काम कर लेते हैं । " तेजस्विनी ने कहा, " हम्म्म ! " इसके बाद समृद्ध ने खुद से ही बातें करते हुए कहा, " क्या ये वही है ? लेकिन कैसे ? और अगर है भी तो भी हमें उसके मन की बात नहीं पता है । इसलिए अभी हम खुद से किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते । लेकिन अगर ये वो नहीं हुई तो ! पर हो भी सकती है । " फिर उसके अपना सिर पकड़ कर कहा, " हे भगवान ! क्या करें हम ? कैसे पता करें कि ये वही है या नहीं ? कुछ भी हो, पर 12 साल में इतनी भी नहीं बदली होगी वो । एक बार, बस एक बार देख लें उसे, फिर पल भर में पहचान लेंगे । लेकिन देखें कैसे ? उसकी फोटो मांगे क्या ? नहीं, ऐसे किसी से फोटो भी नहीं मांग सकते । लेकिन कुछ तो करना ही पड़ेगा । एक काम करते हैं । अभी कुछ दिन ऐसे ही बात करते हैं उससे । आगे चल कर किसी बहाने से फोटो मांग लेंगे । हां, ये ठीक रहेगा । " वो ये सब सोच ही रहा था कि इतने में उस कमरे के बाहर से किसी महिला की आवाज आई, " सैम ! सैम ! " समृद्ध ने कहा, " हां, माता श्री । " और फोन पॉकेट में रख कर बाहर चला गया । ऐसे ही वक्त गुजराने लगा और धीरे धीरे एक सप्ताह बीत गया । इस बीच समृद्ध और तेजस्विनी के बीच बातों का सिलसिला चलता रहा और एक चीज बदल गई और वो था एक दूसरे के लिए इनका नाम । जहां समृद्ध अब तेजस्विनी को तेजस कह कर बुलाने लगा था तो वहीं तेजस्विनी उसे सैम कह कर, लेकिन इस सबमें समृद्ध का बर्ताव बिल्कुल भी नहीं बदला था । वो ना जल्दी से रिप्लाई देता था और ना ही तेजस के तरह मजाक करता था । महाशय घण्टों बाद रिप्लाई करते थें और उसके इसी बर्ताव से तेजस सबसे ज्यादा चिढ़ती थी जिसके चलते वो 2 दिन से समृद्ध का सिर खा रही थी कि वो दोनों व्हाट्सएप पर बात करें लेकिन समृद्ध उसकी सुने तब तो । आज फिर से समृद्ध ने तेजस्विनी के मैसेज करने के 7 घंटे बाद मैसेज देखा और गुड मॉर्निंग का जवाब गुड आफ्टरनून से दिया जो देख कर तेजस्विनी उससे नाराज हो गई । उसने गुस्से वाली इमोजी भेजी जिसे देख कर समृद्ध अच्छे से समझ गया कि तेजस्विनी बहुत ज्यादा नाराज है । उसने कहा, " आई एम सॉरी यार, तेजस ! इंस्टा के नोटिफिकेशंस पर ज्यादा ध्यान ही नहीं जाता है । तेजस्विनी ने मुंह बना कर कहा, " तो इसीलिए तो कहा की व्हाट्सएप पर आ जाते हैं लेकिन नहीं, जनाब को सुनना कहां है । " समृद्ध ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " यानी कि हम व्हाट्सएप पर आ गए तो तुम्हारी नाराजगी खत्म हो जाएगी । " तेजस्विनी ने साफ शब्दों में कहा, " हां ! " समृद्ध ने कहा, " ठीक है । हम तुम्हें शाम में मैसेज करेंगे । " तेजस्विनी ने एक भौंह उठाने वाली इमोजी के साथ कहा, " और करोगे कैसे ? हमारा नंबर है आपके पास ! " समृद्ध ने सांस छोड़ने वाली इमोजी लगा कर कहा, " वो तो नहीं है । " तेजस्विनी ने कहा, " तो लो न ! " और अपना नंबर सेंड कर दिया । फिर उसने आगे लिखा, " और शाम को नहीं, अभी के अभी मैसेज करो हमें । " ये देख कर समृद्ध ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " अभी ! " तेजस्विनी ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, " हां, अभी ! " समृद्ध ने कहा, " और अभी नहीं किया तो ! " तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " तो हम फिर से नाराज हो जाएंगे । " समृद्ध ने सिर पीटने वाली इमोजी के साथ कहा, " हे भगवान ! क्या लड़की है ये ! " तेजस्विनी ने कहा, " वो भी बता देंगे । पहले व्हाट्सएप पर आइए । " समृद्ध ने कहा, " अच्छा बाबा, ठीक है । आते हैं । " इसके 1 मिनट बाद ही तेजस्विनी के व्हाट्सएप पर किसी नंबर से मैसेज आया । तेजस्विनी ने चेक किया तो उस पर समृद्ध सक्सेना लिखा हुआ था । ये देख कर तेजस्विनी के चेहरे पर खुशी और आंखों में चमक आ गई । उसने तुरंत ही वो नंबर सैम के नाम से सेव कर लिया लेकिन नंबर सेव करते ही उसे समृद्ध की डी पी दिखी । उसके डी पी पर भी वही फोटो थी जो उसके इंस्टा आईडी पर । ये देख कर तेजस्विनी का मुंह बन गया । उसने चिढ़ कर कहा, " अपने व्हाट्सएप डीपी पर तो अपनी फोटो लगा सकते थे न ! " समृद्ध ने भी उसी के अंदाज में कहा, " बोल तो ऐसे रही हो जैसे अपनी फोटो लगा रखी हो । " तेजस्विनी ने हैरानी के साथ कहा, " अब आप हमें जवाब देंगे ! " समृद्ध ने भी एटीट्यूड के साथ कहा, " बिल्कुल देंगे । एनी प्रॉब्लम ! " तेजस्विनी ने कहा, " नहीं, मैं दिखाती हूं, अपनी फोटो । " समृद्ध ने तुरंत कहा, " रुको, तेजस ! " तेजस्विनी ने नासमझी से कहा, " क्या हुआ, सैम ? " समृद्ध ने कहा, " आर यू कंफरटेबल विद इट ? " तेजस्विनी ने कहा, " क्यों ? हमें क्या ही प्रॉब्लम होगी ? " समृद्ध ने कहा, " इतना भरोसा करती हो हम पर ! " तेजस्विनी ने कहा, " बिल्कुल ! आप अच्छे हो, बहुत अच्छे हो । " समृद्ध ने कहा, " और ऐसा कैसे बोल सकती हो तुम ? " तेजस्विनी ने कहा, " क्योंकि आप गलत होते तो हम अब तक आपसे बात नहीं कर रहे होते । " ये पढ़ कर समृद्ध के होठों पर मुस्कान आ गई । इतने में तेजस ने अपनी दो पिक्चर्स भेजी जिनमें से एक में उसने पिंक कलर का शरारा पहना हुआ था । खुले बालों के साथ वो बहुत ही प्यारी लग रही थी । पैरों में उसने सिंपल सा फ्लैट सैंडल पहन रखा था और कानों में थोड़े बड़े झुमके । दूसरी फोटो में उसने सिंपल सा टीशर्ट और जींस पैंट पहना हुआ था । बालों की उसने पोनी बनाई हुई थी और पैरों में सिंपल से स्लीपर थी । जैसे ही वो दोनों फोटो समृद्ध की स्क्रीन पर आईं, उसकी आँखें बड़ी हो गईं और उसका फोन उसके हाथ से छूटने लगा । उसके माथे पर पसीने की बूंदे आ गईं और सांसे तेज हो गई थीं । उसका पूरा कंट्रोल खुद पर से हटने लगा था । लगभग 5 मिनट बाद वो थोड़ा शांत हुआ । उसने फिर से कुर्सी पर बैठ कर अपना फोन उठा लिया और तेजस की फोटो को देखने लगा । उसकी आंखों से झर झर आंसू बह रहे थे । उसने तेजस को देखते हुए ही कहा, " 12 साल, 12 साल लगे हमें तुम्हें ढूंढने में, और तुम मिली भी तो ऐसे ! " उसने इतना ही कहा था कि इतने में तेजस का मैसेज आया, " क्या हुआ ? इतनी बुरी दिखती हूँ क्या मैं ? " समृद्ध ने कहा, " अरे नहीं, आप बहुत सुंदर हैं, बहुत - बहुत सुंदर । " तेजस्विनी ने कहा, " सच में ! " समृद्ध ने कहा, " हम पर भरोसा नहीं है क्या ! " तेजस्विनी ने कहा, " अरे, ऐसी बात नहीं है । आपने तब से कुछ कहा नहीं न, इसलिए । " समृद्ध ने कहा, " ओह ? तो महाशया को अपनी तारीफ करानी है । तेजस्विनी ने दांत दिखाते हुए कहा, " अब लड़कियों को अपनी तारीफ कराना ही तो सबसे ज्यादा पसन्द होता है न ! " समृद्ध ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " अच्छा जी ! " तेजस्विनी ने कहा, " हां जी ! " समृद्ध ने कहा, " तो किस अंदाज में आपकी तारीफ करें महोदया ! " तेजस्विनी ने सिर पीटने वाली इमोजी के साथ कहा, " अब क्या ये भी हम बताएं ! " अब समृद्ध ने शायरी लिख कर भेज दी । अब क्या कहें, अल्फ़ाज़ नहीं हैं पास हमारे, कि रूप की तारीफ करें तुम्हारे । बस एक ही बात बोल सकते हैं कि, फलक पर चांद भी कम है आगे तुम्हारे । ये पढ़ कर तेजस्विनी ने कहा, " वाह वाह वाह ! तो आज शायराना हुआ जा रहा है । " समृद्ध ने कहा, " अब क्या कहें, लिख लेते हैं, टूटा फूटा थोड़ा सा । " तेजस्विनी ने कहा, " अरे बहुत अच्छा लिखते हैं, आप । " समृद्ध ने कहा, " शुक्रिया, मोहतरमा । " तेजस्विनी ने कहा, " ओ हो, तो जनाब अब उर्दू बोलेंगे । " समृद्ध ने कहा, " अरे नहीं, वो तो बस ऐसे ही मजाक में कभी कभी । " तेजस्विनी ने कहा, " चलिए, अब ये सब छोड़िए और अपनी फोटो भेजिए हमें । " __________________________ कौन था समृद्ध ? क्या वो तेजस को जानता था ? क्या अब उसका चेहरा सामने आएगा ? क्या हुआ था 12 साल पहले ? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए, You Are My Universe : Beyond The Boundaries लाइक कमेंट शेयर और फॉलो करना न भूलें । लेखक : देव श्रीवास्तव
शाम का समय था जब तेजस्विनी ने समृद्ध की तारीफ करते हुए कहा, " अरे बहुत अच्छा लिखते हैं, आप । "
समृद्ध ने कहा, " शुक्रिया, मोहतरमा । "
तेजस्विनी ने कहा, " ओ हो, तो जनाब अब उर्दू बोलेंगे । "
समृद्ध ने कहा, " अरे नहीं, वो तो बस ऐसे ही मजाक में कभी कभी । "
तेजस्विनी ने कहा, " चलिए, अब ये सब छोड़िए और अपनी फोटो भेजिए हमें । "
समृद्ध ने ना समझी से कहा, " अपनी फोटो ! "
तेजस्विनी ने कहा, " हां, हमने भेजी न अपनी फोटोज । "
समृद्ध ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " हमने कहा था क्या ! "
तेजस्विनी ने कहा, " नहीं, पर फिर भी, हमने भेजी न अपनी फोटो ! अब आप भी भेजिए अपनी । "
समृद्ध ने कहा, " बट हमने प्रोमिस थोड़ी न किया था कि हम भी अपनी फोटो दिखाएंगे ही । "
तेजस्विनी ने मुंह बना कर कहा, " क्या यार सैम जी ! "
समृद्ध ने साफ शब्दों में कहा, " देखिए तेजस ! हमने ना कभी आपको आपकी फोटो दिखाने के लिए मजबूर किया था और ना ही अपनी फोटो दिखाने का वादा । इसलिए प्लीज, हमें हमारा फेस रिवील करने के लिए फोर्स मत कीजिए । "
तेजस्विनी ने एक गहरी सांस छोड़ कर कहा, " ठीक है, अगर आप कंफर्टेबल नहीं हैं तो हम आपको फोर्स नहीं करेंगे । "
समृद्ध ने बड़ी सी मुस्कान के साथ कहा, " थैंक यू, तेजस । "
तेजस्विनी मुंह बना कर कहा, " हां, हां, ठीक है । अब ये सब बोलने की जरूरत नहीं है । "
समृद्ध ने उसका मूड ठीक करने के लिए कहा, " यू आर द क्यूटेस्ट । "
तेजस्विनी ने चिढ़ कर कहा, " मैं क्यूट नहीं हूँ, डेंजरस हूँ । "
समृद्ध ने हंसने वाली इमोजी के साथ कहा, " हा, हा, हा ! इन योर ड्रीम्स । "
तेजस्विनी ने और भी चिढ़ कर बच्चों के तरह कहा, " सैम जी ! "
समृद्ध ने भी बच्चों की तरह ही कहा, " तेजस जी ! "
तेजस्विनी ने मुंह बना कर कहा, " आप बहुत बुरे हो । "
लेकिन समृद्ध पर उसकी इस बात का कोई असर नहीं हुआ । उसने बेशर्मी से कहा, " बिल्कुल ! बुरे से भी बहुत बुरे हैं हम । "
तेजस्विनी ने बात टालते हुए कहा, " जाइए, हमें बात ही नहीं करनी है । "
समृद्ध ने अपनी एक भौंह उठा कर कहा, " सच में ! "
तेजस्विनी ने कहा, " क्या यार सैम, आप भी ! "
इसी तरह से इनके बातों का सिलसिला चलता रहा लेकिन समृद्ध का बर्ताव अभी भी नहीं बदला था । वो व्हाट्सएप पर भी बहुत ही देर से रिप्लाई करता था ।
एक दिन बातों में ही तेजस्विनी ने उसे टॉन्ट मारते हुए कहा, " इतने भी क्या बिजी रहते हैं आप, जो रिप्लाई नहीं किया जाता । "
समृद्ध ने लापरवाही से कहा, " अरे, क्या हो गया हमने रिप्लाई नहीं किया तो ! कौन सा पहाड़ टूट गया ! अभी नहीं किया तो कुछ देर बाद कर देतें, और क्या ! "
तेजस्विनी ने कहा, " हम आपको कूट देंगे । "
समृद्ध ने एक भौंह उठा कर कहा, " अच्छा, तो इसी बात पर कूट कर दिखाओ । "
तेजस्विनी ने कहा, " सैम, हम मजाक के मूड बिल्कुल भी नहीं हैं । "
समृद्ध ने कहा, " अरे क्या हो गया यार हमारा रिप्लाई नहीं आता तो तब तक किसी और से बात कर लिया करो । "
तेजस्विनी ने कहा, " नहीं, आपकी जगह कोई नहीं ले सकता । "
समृद्ध ने हैरानी वाले इमोजी के साथ कहा, " अच्छा, ऐसा क्या ! "
तेजस्विनी ने कहा, " हाँ ! "
समृद्ध ने कहा, " और वो क्यों भला ? "
तेजस्विनी ने कहा, " क्योंकि आप एक इंपॉर्टेंट हिस्सा हैं हमारी लाइफ का । "
समृद्ध ने कहा, " अच्छा जी, हमें इतनी इंपोर्टेंस ! "
तेजस्विनी ने कहा, " जी बिल्कुल । "
समृद्ध ने कहा, " मत दो यार, आई डोंट डिजर्व दिस मच इंपोर्टेंस । "
तेजस्विनी ने कहा, " वो डिसाइड करना आपका नहीं, हमारा काम है। "
समृद्ध में अपनी भौंहें उठा कर कहा, " ऐसा क्या ! "
तेजस्विनी ने कहा, " जी, हाँ ! "
इसी तरह से ये दोनों बातें करने लगे जिससे ये एक दूसरे को बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन कुछ हद तक तो जान ही गए थें और इस बीच समृद्ध को भी किसी बात का एहसास हुआ ।
उसके खुद के मन में तो पहले से ही तेजस्विनी के लिए फिलिंग्स थी, उसे ये भी महसूस होने लगा कि तेजस्विनी की फिलिंग्स भी दोस्ती से कुछ ज्यादा हैं और इसीलिए वो हमेशा तेजस्विनी से बोलता था कि तेजस्विनी उसे ज्यादा इंपॉर्टेंट मत दे ।
समृद्ध जो खुद के बारे में बताता है, उसका सच उससे कहीं ज्यादा है, उससे कहीं अलग है लेकिन तेजस्विनी को कहां फर्क पड़ने वाला था । वो समृद्ध की बातों को ज्यादा सीरियस लेती ही नहीं थी और जल्दी ही समृद्धि फीलिंग कि तेजस्विनी के मन में दोस्ती से ज्यादा कुछ है सच भी साबित हो गई ।
एक शाम,
समृद्ध आज रात के 9 बजे फ्री हुआ था । उसने जैसे ही अपना फोन देखा, उसकी आँखें बड़ी हो गईं । तेजस्विनी ने आज ये बात एक्सेप्ट कर ली थी कि वो समृद्ध से प्यार करती है ।
उसने अपने मन की सारी बात उस मैसेज में लिखी थी और समृद्ध नम आंखों से उस मैसेज को देखे जा रहा था ।
उस मैसेज में लिखा था, " सैम, हम जानते हैं, जो हम बोल रहे हैं उससे आपको झटका लगेगा और हो सकता है कि आप ये बात एक्सेप्ट भी ना कर पाएं लेकिन हम आपसे प्यार करने लगे हैं ।
हाँ, जानते हैं आपके मन में बहुत से सवाल होंगे कि आपको देखे बिना, आपकी आवाज सुने बिना, आपको जाने बिना हम आपसे प्यार कैसे कर सकते हैं लेकिन यकीन मानिए, हमने खुद को रोकने की बहुत कोशिश की ।
बहुत समझाया अपने दिल को कि मत बढ़ इस रास्ते पर लेकिन ये कहां किसी की सुनता है । इस बार भी नदी सुनी और बस आपका हो गया । "
ये सब पढ़ कर समृद्ध का कंट्रोल खुद पर नहीं रहा । उसके हाथ पैर कांपने लगे थे और वो सुध - बुध खोकर वहीं कुर्सी पर बैठ गया । उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे ।
कुछ देर बाद,
समृद्ध अभी भी उसी तरह से बैठा हुआ था और अपने फोन को घूरे जा रहा था ।
तभी सामने से तेजस्विनी का मैसेज आया, " अरे कुछ तो बोलिए सैम जी । अगर बुरा लगा है तो हमें डांट लीजिए लेकिन ऐसे चुप तो मत रहिए । "
जैसे ही तेजस्विनी ने यह मैसेज भेजो उसके 10 सेकंड बाद सामने से 3 डॉट दिखने लगे जिसका मतलब था कि समृद्ध कुछ लिख रहा था लेकिन कुछ देर बाद वो डॉट गायब हो गए और वॉइस रिकॉर्डिंग का सिंबल दिखने लगा ।
कुछ मिनट के बाद समृद्ध के तरफ से एक वॉइस रिकॉर्डिंग आई और जैसे ही तेजस्विनी ने उसे प्ले किया उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गईं । उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था कि वो सच में ये आवाज सुन रही है ।
कुछ रिकॉर्डिंग में समृद्ध ने कहा था, " तुम पागल वागल हो क्या ! मतलब कॉमन सेंस नाम की चीज नहीं है क्या तुम में ? हमने तुम्हें हमेशा से कहा था कि हमें इंपॉर्टेंस मत दो, हमारा सच कुछ और है । हम जो दिखते हैं, जो बताते हैं, वो नहीं हैं लेकिन तुमने हमारी बात नहीं मानी ।
तुमने कहा न, हम सवाल करेंगे । बिल्कुल करेंगे, हमारा हक बनता है सवाल करने का । क्या, जानती क्या तुम्हारे बारे में जो हमसे प्यार कर बैठी ?
घर वालों के ये बात पता चल गई न कि ऑनलाइन प्यार व्यार का भूत सवार है तुम पर तो सारा भूत वहीं उतार डालेंगे और सबसे बड़ी बात, क्या हमारी आवाज से तुमको कुछ आईडिया नहीं मिला कि हम कौन हैं, क्या हैं ? "
तेजस्विनी को एहसास हो गया था लेकिन फिर भी उसने कांपते हुए हाथों से मैसेज टाइप किया, " क्या मतलब आपकी आवाज, कौन हैं आप ? "
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कौन था समृद्ध ?
क्या था उसका वो सच जो वो आज खुद तेजस्विनी को बता रहा था ?
क्या तेजस्विनी उसका सच जानने के बाद भी उससे प्यार करेगी ?
आगे क्या मोड़ लेगी ये कहानी ?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,
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लेखक : देव श्रीवास्तव