भोपाल, एक बडे से घर में एक छोटे से कमरे में एक लडकी सो रही थी, जो दिखने में एकदम किसी परी की तरह लग रही थी. उसके लंबे बाल उसके चेहरे को ढक रहे थे, और खिडकी से आई हुई सूर्य की रोशनी उसकी खूबसूरती में चार चाँद ला रही थी. लेकिन उसके चेहरे पर एक अनकहा शा... भोपाल, एक बडे से घर में एक छोटे से कमरे में एक लडकी सो रही थी, जो दिखने में एकदम किसी परी की तरह लग रही थी. उसके लंबे बाल उसके चेहरे को ढक रहे थे, और खिडकी से आई हुई सूर्य की रोशनी उसकी खूबसूरती में चार चाँद ला रही थी. लेकिन उसके चेहरे पर एक अनकहा शार्दूल था. उसके चेहरे पर आंसू के निशान बन चुके थे, और उसकी आंखें हल्की सी सूज चुकी थीं. उसके शरीर पर चोट के निशान, जो अब नीले पड चुके थे, उसे बयां कर रहे थे कि उसे लडकी ने बुरी तरह से मारा गया है. इसके बावजूद, उसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं थी. सुबह के सात: शून्य बजे, वह लडकी अभी सो रही थी कि तभी किसी ने उसे पर बाल्टी भर के ठंडा पानी डाल दिया. पानी डालते ही, वह लडकी एकदम से उठ गई. जैसे ही वह उठी, एक औरत ने उसकी कलाई को कसकर पकडा और उसे बिस्तर से नीचे धकेल दिया. गिरने की वजह से उसके हाथ और घुटनों में चोट आ गई, और उसके मुंह से आह निकल गई. जिसकी वजह से उसकी आंखों में आंसू आ गए. जैसे ही उसे लडकी ने अपने सामने देखा, उसकी आंखें डर से बडी हो गईं, और उसकी आंखों में आंसू थे जो उसके चेहरे पर आ गए. यह लडकी कोई और नहीं है, हमारी कहानी की मुख्य नायिका, सिया शर्मा. सिया शर्मा की उम्र इक्कीस साल है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत और मासूम है. वह हमेशा दूसरों की मदद करती है. उसके रंग गोरा है, Height पाँच फुट चार इंच है, और उसके लंबे बाल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लाते हैं. उसकी आंखों का रंग काला है, पतले गुलाबी होंठ हैं, और वह एकदम परी की तरह लगती है. सिया के पेरेंट्स की मौत उनके बचपन में ही हो गई थी, जब वह नौ साल की थी. यामिनी शर्मा, उम्र पैंतालीस साल, जो हमारी मुख्य नायिका की चाची है. दिलीप शर्मा, उम्र अड़तालीस साल, यह हमारी मुख्य नायिका के चाचा जी हैं. अर्पिता देवी पुरोहित, उम्र पैंसठ साल, यह यामिनी शर्मा की मां हैं, जो उनके साथ रहती हैं. माया शर्मा, उम्र तेईस साल, यामिनी शर्मा और दिलीप शर्मा की बडी बेटी, जो बहुत ही चालाक और घमंडी है. रोहन शर्मा, यामिनी और दिलीप शर्मा का बडा बेटा, उम्र पच्चीस साल, एक नंबर का अयाश और बिगडा हुआ लडका है. टिया शर्मा, उम्र इक्कीस साल, यामिनी शर्मा और दिलीप शर्मा की छोटी बेटी, यह भी अपनी बडी बहन की तरह बहुत ही लालची और चालाक लडकी है. तो लौटते हैं अपनी कहानी की ओर. जैसे ही सिया ने अपनी आंसू भरी आंखों से सामने देखा, उसकी आंखें दर से बडी हो गईं और उसकी होंठ कांपने लगे. वह कुछ बोलना चाहती थी, लेकिन जैसे उसके गले से शब्द ही नहीं निकल रहे थे. उसके सामने कोई और नहीं, बल्कि उसकी चाची, यामिनी शर्मा, खडी हुई थी, जो गुस्से भरी आंखों से सिया को घूर रही थी. जैसे ही सिया कुछ बोलने को हुई, वैसे ही
Page 1 of 1
भोपाल,
एक बडे से घर में एक छोटे से कमरे में एक लडकी सो रही थी, जो दिखने में एकदम किसी परी की तरह लग रही थी. उसके लंबे बाल उसके चेहरे को ढक रहे थे, और खिडकी से आई हुई सूर्य की रोशनी उसकी खूबसूरती में चार चाँद ला रही थी. लेकिन उसके चेहरे पर एक अनकहा शार्दूल था. उसके चेहरे पर आंसू के निशान बन चुके थे, और उसकी आंखें हल्की सी सूज चुकी थीं. उसके शरीर पर चोट के निशान, जो अब नीले पड चुके थे, उसे बयां कर रहे थे कि उसे लडकी ने बुरी तरह से मारा गया है. इसके बावजूद, उसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं थी.
सुबह के सात: शून्य बजे,
वह लडकी अभी सो रही थी कि तभी किसी ने उसे पर बाल्टी भर के ठंडा पानी डाल दिया. पानी डालते ही, वह लडकी एकदम से उठ गई. जैसे ही वह उठी, एक औरत ने उसकी कलाई को कसकर पकडा और उसे बिस्तर से नीचे धकेल दिया. गिरने की वजह से उसके हाथ और घुटनों में चोट आ गई, और उसके मुंह से आह निकल गई. जिसकी वजह से उसकी आंखों में आंसू आ गए. जैसे ही उसे लडकी ने अपने सामने देखा, उसकी आंखें डर से बडी हो गईं, और उसकी आंखों में आंसू थे जो उसके चेहरे पर आ गए.
यह लडकी कोई और नहीं है, हमारी कहानी की मुख्य नायिका, सिया शर्मा. सिया शर्मा की उम्र इक्कीस साल है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत और मासूम है. वह हमेशा दूसरों की मदद करती है. उसके रंग गोरा है, Height पाँच फुट चार इंच है, और उसके लंबे बाल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लाते हैं. उसकी आंखों का रंग काला है, पतले गुलाबी होंठ हैं, और वह एकदम परी की तरह लगती है. सिया के पेरेंट्स की मौत उनके बचपन में ही हो गई थी, जब वह नौ साल की थी.
यामिनी शर्मा, उम्र पैंतालीस साल, जो हमारी मुख्य नायिका की चाची है. दिलीप शर्मा, उम्र अड़तालीस साल, यह हमारी मुख्य नायिका के चाचा जी हैं. अर्पिता देवी पुरोहित, उम्र पैंसठ साल, यह यामिनी शर्मा की मां हैं, जो उनके साथ रहती हैं. माया शर्मा, उम्र तेईस साल, यामिनी शर्मा और दिलीप शर्मा की बडी बेटी, जो बहुत ही चालाक और घमंडी है. रोहन शर्मा, यामिनी और दिलीप शर्मा का बडा बेटा, उम्र पच्चीस साल, एक नंबर का अयाश और बिगडा हुआ लडका है. टिया शर्मा, उम्र इक्कीस साल, यामिनी शर्मा और दिलीप शर्मा की छोटी बेटी, यह भी अपनी बडी बहन की तरह बहुत ही लालची और चालाक लडकी है.
तो लौटते हैं अपनी कहानी की ओर.
जैसे ही सिया ने अपनी आंसू भरी आंखों से सामने देखा, उसकी आंखें दर से बडी हो गईं और उसकी होंठ कांपने लगे. वह कुछ बोलना चाहती थी, लेकिन जैसे उसके गले से शब्द ही नहीं निकल रहे थे. उसके सामने कोई और नहीं, बल्कि उसकी चाची, यामिनी शर्मा, खडी हुई थी, जो गुस्से भरी आंखों से सिया को घूर रही थी. जैसे ही सिया कुछ बोलने को हुई, वैसे ही यामिनी ने उसके गाल पर एक जोरदार थप्पड मारा. इससे सिया का मुंह एक साइड झुक गया, और उसने अपने गालों पर हाथ रख लिया.
उसके बाद यामिनी ने सिया के बालों को कसकर पकडा और उसके चेहरे को ऊपर उठाया, और उसके चेहरे को देखते हुए बडे ही गुस्से से कहा, तू क्या कहीं की कोई महारानी है जो अभी तक सो रही है? घर के इतने कम पडे हुए हैं, और तू यहां आराम से अपने कमरे में सो रही है।
यामिनी को इतने गुस्से में देखकर, सिया के शब्द जैसे उसे के गले में ही अटक गए. उससे कुछ बोला ही नहीं जा रहा था, फिर भी उसने जैसे- तैसे अपनी हिम्मत करके उसने बोलना शुरू किया.
उसने यामिनी की तरफ देख कर कहा, बो. बह. sorry, चाची, मुझे दर्द हो रहा था, इसलिए उठने में थोडी देर हो गई।
यह बात सिया बहुत ही अटक- अटक के बोल रही थी.
यामिनी ने सिया की तरफ देखते हुए कहा, बहाने बनाने में तू तो सबसे आगे है, तुझे कोई काम न करना पडे इसलिए तू बहाने बना रही है. लेकिन यहां तेरा कोई बहाना काम नहीं आएगा।
यह कह कर यामिनी ने उसके बालों को छोड दिया, और उसकी कलाई को कस के पकड कर उसे खडा कर दिया.
फिर उसने सिया की तरफ देखते हुए ordering टोन में कहा, घर के सारे काम तीन घंटे में हो जाने चाहिए. अगर यह काम तीन घंटे के अंदर नहीं हुई तो सजा के लिए तैयार रहना।
सजा का नाम सुनते ही सिया अंदर तक सहंम गई. उसके अंदर इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि वह कुछ बोल सके. सिया को ऑर्डर देने के बाद, यामिनी सिया को गुस्से से घूरते हुए बाहर चली गई.
यामिनी के जाने के बाद, सिया अपने लर्खारते कदमों से washroom की तरफ चली गई. वॉशरूम में जाने के बाद, सिया ने खुद को आईने में देखा. उसकी आंखें बहुत सूजी हुई थीं, उसके गालों पर उंगलियों के निशान थे. खुद की ऐसी हालत देखकर, सिया की आंखों से आंसू बहने लगे, और वह जोर- जोर से रोने लगी. उसे खुद की हालत पर बहुत तरस आ रहा था. रोते रोते उसे पंद्रह मिनट हो गए, की तभी बाहर से यामिनी के चिल्लाने की आवाज आई.
उसने चिल्लाते हुए कहा, सिया, जल्दी बाहर आ! बहुत काम पडा हुआ है!
यामिनी की आवाज सुनते ही सिया को होश आया, और वह जल्दी से खुद को ठीक किया, और फ्रेश होकर अपने छोटे- छोटे कदमों से बाथरूम के बाहर आई. और आईने के सामने खडी हो गई. फिर उसने एक drawer में से first aid box निकाला और उसमें से एक दवा निकाल कर अपने जख्मों पर लगाया. जैसे- जैसे वह अपने जख्मों पर दवा लग रही थी, वैसे- वैसे उसकी आंखों से आंसू आने लगे.
वह दवा लगा ही रही थी कि इतने में यामिनी के फिर से चिल्लाने की आवाज आई. जिसे सुनकर सिया सहम गई, और जल्दी से अपनी दवा लगाकर कमरे से बाहर निकल गई. कमरे से बाहर निकालने के बाद, वह जैसी हालत में आई अपने सामने खडे इंसान को देखकर वह सहम गई.
आगे.
सिया जैसे ही दवा लगाकर अपने Room से बाहर हाल में आई सामने खडे इंसान को देखकर वह सहम गई के सामने कोई और नहीं बल्कि यामिनी की मां अर्पिता पुरोहित खरी थी जो अपनी जल्दी हुई निगाहों से सिया को देख रही थी.
अर्पिता सिया की तरफ घूरते हुए बोली ये लडकी आज इतनी देर कैसे हो गई यहां सब खाने के लिए आते ही होंगे और तू अब आ रही है.
सिया अर्पित जी की ओर देखते हुए अपनी धीरे और डरी हुई आवाज में कहा so sorry नानी जी वह मुझे दर्द हो रहा था इसलिए आज उठने में थोडी देर हो गई मैं अभी खाना बना देती हूं और घर का सारा काम भी कर देती हूं.
इस पर अर्पिता सिया की तरफ हुए बोली तू तो ऐसे बात कर रही है जैसे हम तुझ पर बहुत अत्याचार कर रहे हो अरे तुझे तो अहसानमंद होना चाहिए कि तेरे मां- बाप के मरने के बाद हमने तुझे पाला और इतना बडा किया और तू है कि हमसे ही जवान लडा रही है यह कहते हुए उसने सिया की कलाई को जोर से पकड लिया अर्पिता ने सिया की कलाई को इतनी जोर से पकडा की सिया की आंखें नम हो गई और उसने हकलाते हुए कहा so sorry नानी जी मुझसे गलती हो गई.
अर्पिता ने सिया की कलाई को छोडते हुए कहा यह रोना धोना मेरे सामने नहीं चलेगा चल जल्दी जा किचन में और सबके लिए खाना बना सब आते ही होंगे ऐसा कहते हुए उसने सिया को किचन की तरफ इशारा किया अर्पिता का इशारा समझते ही सिया ने अपना सिरहा में हिलाया और किचन की तरफ चली गई.
किचन में जाने के बाद सिया ने अर्पिता और यामिनी के लिए चाय बनाई रोहन के लिए प्रोटीन शेक बनाए और माया और टिया के लिए कॉफी बनाई और उनके कमरे में देकर आई रोहन इस वक्त अपने room में अपनी एक्सरसाइज कर रहा था और दिया और माया अपने Room मे इस वक्त आराम से अपने बेड पर सो रही थी उसने दिया और माया को डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा और कॉफी रखकर वापस किचन में आ गई और खाना बनाने लगी
खाना और Breakfast बनने के बाद वह डाइनिंग टेबल पर Breakfast लगा ही रही थी कि तभी यामिनी और अर्पिता और दिलीप डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गए और Breakfast करने लगे Breakfast करते- करते दिलीप ने सिया की तरफ देखते हुए कहा सिया बेटा तुम्हारा Collage की पढाई कैसी चल रही.
सिया ने दिलीप जी की ओर देखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट के साथ और अपनी मीठी आवाज में कहा जी चाचा जी मेरी पढाई अच्छी चल रही है मेरा फाइनल ईयर स्टार्ट हो चुका है फिर दिलीप जी ने सिया की ओर देखते हुए कहा अच्छे से मन लगाकर पढाई करना और अपने मां- बाप का नाम रोशन करना उनकी यह बात सुनकर सिया की आंखें फिर से नाम हो गई और उसने अपना सिर हा में हिला दिया.
Breakfast करने के बाद अर्पिता अपने कमरे में चली गई और यामिनी और दिलीप वही हाल में बैठ गए और कुछ बात करने लगे वही सिया Breakfast के बाद वापस किचन में गई और वहां की साफ सफाई करके अपने कमरे में आई और Collage के लिए तैयार होने लगी इस वक्त उसने gereen colour ki फ्रॉक कुर्ती aur usi ke matching ki salwar pahani thi उसके बाद हल्के गीले होने की वजह से उसने अपने बालों को खुला ही छोड दिया था और कानों में छोटे छोटे earring पहने हुए थे
आंखों में हल्का सा काजल और होठों पर हल्की सी Lip बाम लगाकर वह तैयार हुई इस वक्त वह काफी प्यारी लग रही थी सिया ज्यादा मेकअप नहीं करती थी वह बिना मेकअप के ही काफी खूबसूरत लगती थी फिर उसने अपना Collage का बैग उठाया और कमरे से बाहर होते हुए हाल में आई जहां दिलीप और यामिनी बैठकर हंस हंस के बातें कर रहे थे उसने दोनों की तरफ देखते हुए अपनी मीठी और धीमी आवाज में कहा चाचा जी चाचा जी मैं Collage जा रही हूं अगर आपको बाजार से कोई सामान चाहिए हो तो बता दीजिए मैं आते वक्त ले आऊंगी इस पर यामिनी ने सिया की तरफ देखकर मुंह बनाते हुए कहा कोई जरूरत नहीं है सीधा Collage से घर आना कहीं लडकों के साथ घूमने मत निकल जाना अपने मां- बाप को तो खा गई और अब हमारे इज्जत को नीलाम करने पर तुली हुई है उसकी यह बात सुनकर सिया की आंखों में आंसू आ गए लेकिन उसने अपने आंसुओं को बहाने नहीं दिया वह कुछ बोलने वाली थी कि तभी दिलीप ने यामिनी जी की तरफ देखते हुए कहा यह क्या कह रही हो यामिनी हमारी बच्ची ऐसी नहीं है वह ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिसकी वजह से हमारी इज्जत पर कोई दाग लगे.
फिर उसने सिया की तरफ देखते हुए अपने चेहरे पर नर्म भाव लाते हुए कहा क्यों बेटा मैं सही कह रहा हूं ना.
सिया ने अपनी नाम आंखों से दिलीप की तरफ देखते हुए कहा जी चाचा जी मैं कभी ऐसा कोई काम नहीं करूंगी जिसकी वजह से आप लोगों को कोई भी परेशानी हो या फिर मेरी वजह से आपकी इज्जत पर कोई दाग लगे
इस पर दिलीप ने सिया की तरफ देखते हुए कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद है बेटा और फिर कुछ देर रुक कर उन्होंने सिया से कहा अरे इन सब बातों में तो हम भूल ही गए कि तुम्हें Collage जाना है जाओ बेटा Collage जाओ नहीं तो तुम्हें Collage के लिए लेट हो जाएगा.
उनका इतना कहते ही सिया घर से बाहर चली गई और एक ऑटो को रोककर उसमें बैठ गई ऑटो में बैठते ही सिया की आंखों से आंसू झर झर बहने लग उसे मन ही मन उसे अपने मां पापा की याद आ रही थी वह मन ही मन में अपने मां पापा से बोल रही थी की मां पापा आप मुझे क्यों छोड कर चले गए अगर जाना ही था तो मुझे भी अपने साथ ले गए होते कम से कम ऐसी जिंदगी तो नहीं जीनी पडती
वहीं दूसरी ओर यामिनी दिलीप से कहती है कि आपने ही इस लडकी को अपने sir पर चढा कर रखा हुआ है क्या जरूरत है उसे इतनी छूट देने की अगर ये लडकी हमारे हाथ से निकल गई तो आपको अंदाजा भी हमें कितना बडा नुकसान हो सकता है.
उसकी बात सुनकर दिलीप ने यामिनी की ओर देखते हुए कहा अरे भाग्यवान क्यों चिंता करती हो ऐसा कुछ नहीं होगा तुम्हें पता है ना की अभी हम जिस घर में रह रहे हैं यह उसी के नाम पर है और जब तक वह बाईस साल की नहीं हो जाती उसका यह घर हम अपने नाम नहीं करवा सकते और हमें जो हर महीने पैसे मिलते हैं वह भी उसी के नाम पर आते हैं जिसका उसे पता नहीं है ghar अपने नाम करवाने के लिए हमें उसकी जरूरत है जब तक वह बाईस साल की नहीं हो जाती तब तक हम घर अपने नाम नहीं करवा सकते और ना ही उसके नाम का वह पचास लाख का Trust fund हम ले सकते हैं इसलिए हमें उसके बाईस साल के होने का इंतजार करना होगा.
दिलीप की बात सुनकर यामिनी ने उसकी तरफ मुंह बनाते देखते हुए कहा कहा तुम सही कह रहे हो लेकिन वह लडकी मुझे जरा भी पसंद नहीं है वह मेरी आंखों में चुबती है मन करता है उसे इस घर से घसीटते हुए बाहर निकाल दूं.
यामिनी की बात सुनकर दिलीप ने उसकी तरफ देखते हुए कहा तुम्हें उसके साथ जो करना है वह कर लेना लेकिन उसके बाईस साल होने के बाद तब तक उसे घर से निकलने के बारे में सोचना भी मत तुम्हे उसके साथ घर में जो करना है वह करो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पडता लेकिन वह इस घर को छोडकर नहीं जानी चाहिए वरना हम इस घर से और ट्रस्ट फंड से हाथ दो बैठेंगे इस घर को और उस ट्रस्ट फंड को अपने नाम करवाने के लिए किसी को तो उसे भरोसे में लेना होगा ताकि वक्त आने पर हम उन पेपर्स पर उसकी Sign ले लें.
यामिनी ने दिलीप की ओर एविल स्माइल करते हुए कहा तुम सही कह रहे हो इस वक्त हम उसे घर से नहीं निकाल सकते लेकिन उसके बाईस साल होते ही हम उसका पूरा फायदा उठाएंगे और कहते ही वह चुप हो गई और मन ही मन उसने सोते हुए कहा फिर उसका अच्छी कीमत पर सौदा कर देंगे आगे उसकी खूबसूरती का कुछ फायदा तो हमें भी होना चाहिए आखिर इतने सालों से उसे झेल जोड रहे हैं और फिर इविल स्माइल करने लगी,
दिलीप ने या मिनी की तरफ मुंह बनाते हुए कहा अब आईना बात तुम्हारी समझ में बिना वजह मुझे इतना कुछ सुना दिया फिर दोनों ही एक दूसरे को इविल स्माइल करते हुए देखते अपने आगे का plan बनाने लगे.
वहीं दूसरी ओर
शिया Collage पहुंच चुकी थी उसने ऑटो से उतरते ही ड्राइवर को उसके पैसे दिए और Collage की तरफ चली गई बुक Collage के एंट्रेंस से अपनी क्लास की ओर जा ही रही थी कि की तभी एक लडकी उससे टकरा गई वह लडकी गिरने को हुई तभी सिया ने उसे संभाल लिया और वापस ठीक से खडा कर दिया लडकी सिया को अपनी आंखें छोटी करके देखने लगी और उसने अपना मुंह फुला कर सिया की ओर देखते हुए कहा thank you मुझे गिरने से बचाने के लिए इतना कहकर वह जाने को हुई की तभी सिया ने उसका हाथ पकड लिया और उसे रुकते हुए कहा I am sorry anvi pls मुझे गुस्सा मत हो मैं अगली बार पक्का तेरे साथ पिकनिक पर चालूगी
आगे बढने से पहले अन्वी के बारे में जान लेते हैं
Anvi mehera उम्र इक्कीस साल रंग गोरा Height पाँच फुट चार इंच वैसे यह दिखने में यह भी काफी खूबसूरत है यह है अन्वी जो सिया की जो हमारी सिया की बेस्ट Friend है लेकिन फिलहाल उनसे नाराज है क्योंकि वह उसके साथ पिकनिक पर नहीं गई थी)
सिया की बात सुनकर अन्वी ने सिया की तरफ देखते हुए कहा मुझे तुझसे कोई बात ही नहीं करनी है मेरा हाथ छोड दे और मुझे जाने दे मुझे late हो रहा अन्वी के कहने पर भी जब सिया ने उसका हाथ नहीं छोडा तो अन्वी अपना हाथ सिया के हाथ से छुडाते हुए सिया की तरफ बच्चों की तरह मुंह बनाते हुए बोली मुझे क्लास के लिए लेट हो रहा है अगर तुझे पूरे टाइम क्लास के बाहर खडे नहीं रहना है तो तू भी जल्दी आजा इससे पहले सिया कुछ कह पाती अन्वी वहां से जल्दी से अपनी क्लास की तरफ जाने लगी और फिर अन्वी के पीछे- पीछे सिया भी अपने छोटे- छोटे कदमों से अन्वी के पीछे जाने लगी अन्वी के पीछे पीछे जाते हुए सिया अन्वी को आवाज भी दे रही थी लेकिन अन्वी ने उसकी आवाज को अनसुना कर दिया और अपनी क्लास में जाकर अपनी सीट पर बैठ गई
Done
क्या सिया बन पाएगी अन्वी को?
क्या यामिनी और दिलीप हो पाएंगे अपने मकसद में कामयाब
जानने के लिए पढते रहिए:
Hello friends
Please do like, share and review the novel and share your opinion in comment box.