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भोपाल, एक बडे से घर में एक छोटे से कमरे में एक लडकी सो रही थी, जो दिखने में एकदम किसी परी की तरह लग रही थी. उसके लंबे बाल उसके चेहरे को ढक रहे थे, और खिडकी से आई हुई सूर्य की रोशनी उसकी खूबसूरती में चार चाँद ला रही थी. लेकिन उसके चेहरे पर एक अनकहा शा...

Total Chapters (13)

Page 1 of 1

  • 1. Hp - Chapter 1

    Words: 2863

    Estimated Reading Time: 18 min

    भोपाल,

    एक बडे से घर में एक छोटे से कमरे में एक लडकी सो रही थी, जो दिखने में एकदम किसी परी की तरह लग रही थी. उसके लंबे बाल उसके चेहरे को ढक रहे थे, और खिडकी से आई हुई सूर्य की रोशनी उसकी खूबसूरती में चार चाँद ला रही थी. लेकिन उसके चेहरे पर एक अनकहा शार्दूल था. उसके चेहरे पर आंसू के निशान बन चुके थे, और उसकी आंखें हल्की सी सूज चुकी थीं. उसके शरीर पर चोट के निशान, जो अब नीले पड चुके थे, उसे बयां कर रहे थे कि उसे लडकी ने बुरी तरह से मारा गया है. इसके बावजूद, उसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं थी.

    सुबह के सात: शून्य बजे,

    वह लडकी अभी सो रही थी कि तभी किसी ने उसे पर बाल्टी भर के ठंडा पानी डाल दिया. पानी डालते ही, वह लडकी एकदम से उठ गई. जैसे ही वह उठी, एक औरत ने उसकी कलाई को कसकर पकडा और उसे बिस्तर से नीचे धकेल दिया. गिरने की वजह से उसके हाथ और घुटनों में चोट आ गई, और उसके मुंह से आह निकल गई. जिसकी वजह से उसकी आंखों में आंसू आ गए. जैसे ही उसे लडकी ने अपने सामने देखा, उसकी आंखें डर से बडी हो गईं, और उसकी आंखों में आंसू थे जो उसके चेहरे पर आ गए.

    यह लडकी कोई और नहीं है, हमारी कहानी की मुख्य नायिका, सिया शर्मा. सिया शर्मा की उम्र इक्कीस साल है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत और मासूम है. वह हमेशा दूसरों की मदद करती है. उसके रंग गोरा है, Height पाँच फुट चार इंच है, और उसके लंबे बाल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लाते हैं. उसकी आंखों का रंग काला है, पतले गुलाबी होंठ हैं, और वह एकदम परी की तरह लगती है. सिया के पेरेंट्स की मौत उनके बचपन में ही हो गई थी, जब वह नौ साल की थी.

     

    यामिनी शर्मा, उम्र पैंतालीस साल, जो हमारी मुख्य नायिका की चाची है. दिलीप शर्मा, उम्र अड़तालीस साल, यह हमारी मुख्य नायिका के चाचा जी हैं. अर्पिता देवी पुरोहित, उम्र पैंसठ साल, यह यामिनी शर्मा की मां हैं, जो उनके साथ रहती हैं. माया शर्मा, उम्र तेईस साल, यामिनी शर्मा और दिलीप शर्मा की बडी बेटी, जो बहुत ही चालाक और घमंडी है. रोहन शर्मा, यामिनी और दिलीप शर्मा का बडा बेटा, उम्र पच्चीस साल, एक नंबर का अयाश और बिगडा हुआ लडका है. टिया शर्मा, उम्र इक्कीस साल, यामिनी शर्मा और दिलीप शर्मा की छोटी बेटी, यह भी अपनी बडी बहन की तरह बहुत ही लालची और चालाक लडकी है.

    तो लौटते हैं अपनी कहानी की ओर.

    जैसे ही सिया ने अपनी आंसू भरी आंखों से सामने देखा, उसकी आंखें दर से बडी हो गईं और उसकी होंठ कांपने लगे. वह कुछ बोलना चाहती थी, लेकिन जैसे उसके गले से शब्द ही नहीं निकल रहे थे. उसके सामने कोई और नहीं, बल्कि उसकी चाची, यामिनी शर्मा, खडी हुई थी, जो गुस्से भरी आंखों से सिया को घूर रही थी. जैसे ही सिया कुछ बोलने को हुई, वैसे ही यामिनी ने उसके गाल पर एक जोरदार थप्पड मारा. इससे सिया का मुंह एक साइड झुक गया, और उसने अपने गालों पर हाथ रख लिया.

    उसके बाद यामिनी ने सिया के बालों को कसकर पकडा और उसके चेहरे को ऊपर उठाया, और उसके चेहरे को देखते हुए बडे ही गुस्से से कहा, तू क्या कहीं की कोई महारानी है जो अभी तक सो रही है? घर के इतने कम पडे हुए हैं, और तू यहां आराम से अपने कमरे में सो रही है।

     

    यामिनी को इतने गुस्से में देखकर, सिया के शब्द जैसे उसे के गले में ही अटक गए. उससे कुछ बोला ही नहीं जा रहा था, फिर भी उसने जैसे- तैसे अपनी हिम्मत करके उसने बोलना शुरू किया.

    उसने यामिनी की तरफ देख कर कहा, बो. बह. sorry, चाची, मुझे दर्द हो रहा था, इसलिए उठने में थोडी देर हो गई।

    यह बात सिया बहुत ही अटक- अटक के बोल रही थी.

    यामिनी ने सिया की तरफ देखते हुए कहा, बहाने बनाने में तू तो सबसे आगे है, तुझे कोई काम न करना पडे इसलिए तू बहाने बना रही है. लेकिन यहां तेरा कोई बहाना काम नहीं आएगा।

    यह कह कर यामिनी ने उसके बालों को छोड दिया, और उसकी कलाई को कस के पकड कर उसे खडा कर दिया.

    फिर उसने सिया की तरफ देखते हुए ordering टोन में कहा, घर के सारे काम तीन घंटे में हो जाने चाहिए. अगर यह काम तीन घंटे के अंदर नहीं हुई तो सजा के लिए तैयार रहना।

    सजा का नाम सुनते ही सिया अंदर तक सहंम गई. उसके अंदर इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि वह कुछ बोल सके. सिया को ऑर्डर देने के बाद, यामिनी सिया को गुस्से से घूरते हुए बाहर चली गई.

    यामिनी के जाने के बाद, सिया अपने लर्खारते कदमों से washroom की तरफ चली गई. वॉशरूम में जाने के बाद, सिया ने खुद को आईने में देखा. उसकी आंखें बहुत सूजी हुई थीं, उसके गालों पर उंगलियों के निशान थे. खुद की ऐसी हालत देखकर, सिया की आंखों से आंसू बहने लगे, और वह जोर- जोर से रोने लगी. उसे खुद की हालत पर बहुत तरस आ रहा था. रोते रोते उसे पंद्रह मिनट हो गए, की तभी बाहर से यामिनी के चिल्लाने की आवाज आई.

     

    उसने चिल्लाते हुए कहा, सिया, जल्दी बाहर आ! बहुत काम पडा हुआ है!

     

    यामिनी की आवाज सुनते ही सिया को होश आया, और वह जल्दी से खुद को ठीक किया, और फ्रेश होकर अपने छोटे- छोटे कदमों से बाथरूम के बाहर आई. और आईने के सामने खडी हो गई. फिर उसने एक drawer में से first aid box निकाला और उसमें से एक दवा निकाल कर अपने जख्मों पर लगाया. जैसे- जैसे वह अपने जख्मों पर दवा लग रही थी, वैसे- वैसे उसकी आंखों से आंसू आने लगे.

     

    वह दवा लगा ही रही थी कि इतने में यामिनी के फिर से चिल्लाने की आवाज आई. जिसे सुनकर सिया सहम गई, और जल्दी से अपनी दवा लगाकर कमरे से बाहर निकल गई. कमरे से बाहर निकालने के बाद, वह जैसी हालत में आई अपने सामने खडे इंसान को देखकर वह सहम गई.

    आगे.

    सिया जैसे ही दवा लगाकर अपने Room से बाहर हाल में आई सामने खडे इंसान को देखकर वह सहम गई के सामने कोई और नहीं बल्कि यामिनी की मां अर्पिता पुरोहित खरी थी जो अपनी जल्दी हुई निगाहों से सिया को देख रही थी.

    अर्पिता सिया की तरफ घूरते हुए बोली ये लडकी आज इतनी देर कैसे हो गई यहां सब खाने के लिए आते ही होंगे और तू अब आ रही है.

    सिया अर्पित जी की ओर देखते हुए अपनी धीरे और डरी हुई आवाज में कहा so sorry नानी जी वह मुझे दर्द हो रहा था इसलिए आज उठने में थोडी देर हो गई मैं अभी खाना बना देती हूं और घर का सारा काम भी कर देती हूं.

    इस पर अर्पिता सिया की तरफ हुए बोली तू तो ऐसे बात कर रही है जैसे हम तुझ पर बहुत अत्याचार कर रहे हो अरे तुझे तो अहसानमंद होना चाहिए कि तेरे मां- बाप के मरने के बाद हमने तुझे पाला और इतना बडा किया और तू है कि हमसे ही जवान लडा रही है यह कहते हुए उसने सिया की कलाई को जोर से पकड लिया अर्पिता ने सिया की कलाई को इतनी जोर से पकडा की सिया की आंखें नम हो गई और उसने हकलाते हुए कहा so sorry नानी जी मुझसे गलती हो गई.

    अर्पिता ने सिया की कलाई को छोडते हुए कहा यह रोना धोना मेरे सामने नहीं चलेगा चल जल्दी जा किचन में और सबके लिए खाना बना सब आते ही होंगे ऐसा कहते हुए उसने सिया को किचन की तरफ इशारा किया अर्पिता का इशारा समझते ही सिया ने अपना सिरहा में हिलाया और किचन की तरफ चली गई.

    किचन में जाने के बाद सिया ने अर्पिता और यामिनी के लिए चाय बनाई रोहन के लिए प्रोटीन शेक बनाए और माया और टिया के लिए कॉफी बनाई और उनके कमरे में देकर आई रोहन इस वक्त अपने room में अपनी एक्सरसाइज कर रहा था और दिया और माया अपने Room मे इस वक्त आराम से अपने बेड पर सो रही थी उसने दिया और माया को डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा और कॉफी रखकर वापस किचन में आ गई और खाना बनाने लगी

    खाना और Breakfast बनने के बाद वह डाइनिंग टेबल पर Breakfast लगा ही रही थी कि तभी यामिनी और अर्पिता और दिलीप डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गए और Breakfast करने लगे Breakfast करते- करते दिलीप ने सिया की तरफ देखते हुए कहा सिया बेटा तुम्हारा Collage की पढाई कैसी चल रही.

    सिया ने दिलीप जी की ओर देखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट के साथ और अपनी मीठी आवाज में कहा जी चाचा जी मेरी पढाई अच्छी चल रही है मेरा फाइनल ईयर स्टार्ट हो चुका है फिर दिलीप जी ने सिया की ओर देखते हुए कहा अच्छे से मन लगाकर पढाई करना और अपने मां- बाप का नाम रोशन करना उनकी यह बात सुनकर सिया की आंखें फिर से नाम हो गई और उसने अपना सिर हा में हिला दिया.

    Breakfast करने के बाद अर्पिता अपने कमरे में चली गई और यामिनी और दिलीप वही हाल में बैठ गए और कुछ बात करने लगे वही सिया Breakfast के बाद वापस किचन में गई और वहां की साफ सफाई करके अपने कमरे में आई और Collage के लिए तैयार होने लगी इस वक्त उसने gereen colour ki फ्रॉक कुर्ती aur usi ke matching ki salwar pahani thi उसके बाद हल्के गीले होने की वजह से उसने अपने बालों को खुला ही छोड दिया था और कानों में छोटे छोटे earring पहने हुए थे

    आंखों में हल्का सा काजल और होठों पर हल्की सी Lip बाम लगाकर वह तैयार हुई इस वक्त वह काफी प्यारी लग रही थी सिया ज्यादा मेकअप नहीं करती थी वह बिना मेकअप के ही काफी खूबसूरत लगती थी फिर उसने अपना Collage का बैग उठाया और कमरे से बाहर होते हुए हाल में आई जहां दिलीप और यामिनी बैठकर हंस हंस के बातें कर रहे थे उसने दोनों की तरफ देखते हुए अपनी मीठी और धीमी आवाज में कहा चाचा जी चाचा जी मैं Collage जा रही हूं अगर आपको बाजार से कोई सामान चाहिए हो तो बता दीजिए मैं आते वक्त ले आऊंगी इस पर यामिनी ने सिया की तरफ देखकर मुंह बनाते हुए कहा कोई जरूरत नहीं है सीधा Collage से घर आना कहीं लडकों के साथ घूमने मत निकल जाना अपने मां- बाप को तो खा गई और अब हमारे इज्जत को नीलाम करने पर तुली हुई है उसकी यह बात सुनकर सिया की आंखों में आंसू आ गए लेकिन उसने अपने आंसुओं को बहाने नहीं दिया वह कुछ बोलने वाली थी कि तभी दिलीप ने यामिनी जी की तरफ देखते हुए कहा यह क्या कह रही हो यामिनी हमारी बच्ची ऐसी नहीं है वह ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिसकी वजह से हमारी इज्जत पर कोई दाग लगे.

    फिर उसने सिया की तरफ देखते हुए अपने चेहरे पर नर्म भाव लाते हुए कहा क्यों बेटा मैं सही कह रहा हूं ना.

    सिया ने अपनी नाम आंखों से दिलीप की तरफ देखते हुए कहा जी चाचा जी मैं कभी ऐसा कोई काम नहीं करूंगी जिसकी वजह से आप लोगों को कोई भी परेशानी हो या फिर मेरी वजह से आपकी इज्जत पर कोई दाग लगे

    इस पर दिलीप ने सिया की तरफ देखते हुए कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद है बेटा और फिर कुछ देर रुक कर उन्होंने सिया से कहा अरे इन सब बातों में तो हम भूल ही गए कि तुम्हें Collage जाना है जाओ बेटा Collage जाओ नहीं तो तुम्हें Collage के लिए लेट हो जाएगा.

    उनका इतना कहते ही सिया घर से बाहर चली गई और एक ऑटो को रोककर उसमें बैठ गई ऑटो में बैठते ही सिया की आंखों से आंसू झर झर बहने लग उसे मन ही मन उसे अपने मां पापा की याद आ रही थी वह मन ही मन में अपने मां पापा से बोल रही थी की मां पापा आप मुझे क्यों छोड कर चले गए अगर जाना ही था तो मुझे भी अपने साथ ले गए होते कम से कम ऐसी जिंदगी तो नहीं जीनी पडती

    वहीं दूसरी ओर यामिनी दिलीप से कहती है कि आपने ही इस लडकी को अपने sir पर चढा कर रखा हुआ है क्या जरूरत है उसे इतनी छूट देने की अगर ये लडकी हमारे हाथ से निकल गई तो आपको अंदाजा भी हमें कितना बडा नुकसान हो सकता है.

    उसकी बात सुनकर दिलीप ने यामिनी की ओर देखते हुए कहा अरे भाग्यवान क्यों चिंता करती हो ऐसा कुछ नहीं होगा तुम्हें पता है ना की अभी हम जिस घर में रह रहे हैं यह उसी के नाम पर है और जब तक वह बाईस साल की नहीं हो जाती उसका यह घर हम अपने नाम नहीं करवा सकते और हमें जो हर महीने पैसे मिलते हैं वह भी उसी के नाम पर आते हैं जिसका उसे पता नहीं है ghar अपने नाम करवाने के लिए हमें उसकी जरूरत है जब तक वह बाईस साल की नहीं हो जाती तब तक हम घर अपने नाम नहीं करवा सकते और ना ही उसके नाम का वह पचास लाख का Trust fund हम ले सकते हैं इसलिए हमें उसके बाईस साल के होने का इंतजार करना होगा.

    दिलीप की बात सुनकर यामिनी ने उसकी तरफ मुंह बनाते देखते हुए कहा कहा तुम सही कह रहे हो लेकिन वह लडकी मुझे जरा भी पसंद नहीं है वह मेरी आंखों में चुबती है मन करता है उसे इस घर से घसीटते हुए बाहर निकाल दूं.

    यामिनी की बात सुनकर दिलीप ने उसकी तरफ देखते हुए कहा तुम्हें उसके साथ जो करना है वह कर लेना लेकिन उसके बाईस साल होने के बाद तब तक उसे घर से निकलने के बारे में सोचना भी मत तुम्हे उसके साथ घर में जो करना है वह करो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पडता लेकिन वह इस घर को छोडकर नहीं जानी चाहिए वरना हम इस घर से और ट्रस्ट फंड से हाथ दो बैठेंगे इस घर को और उस ट्रस्ट फंड को अपने नाम करवाने के लिए किसी को तो उसे भरोसे में लेना होगा ताकि वक्त आने पर हम उन पेपर्स पर उसकी Sign ले लें.

    यामिनी ने दिलीप की ओर एविल स्माइल करते हुए कहा तुम सही कह रहे हो इस वक्त हम उसे घर से नहीं निकाल सकते लेकिन उसके बाईस साल होते ही हम उसका पूरा फायदा उठाएंगे और कहते ही वह चुप हो गई और मन ही मन उसने सोते हुए कहा फिर उसका अच्छी कीमत पर सौदा कर देंगे आगे उसकी खूबसूरती का कुछ फायदा तो हमें भी होना चाहिए आखिर इतने सालों से उसे झेल जोड रहे हैं और फिर इविल स्माइल करने लगी,

    दिलीप ने या मिनी की तरफ मुंह बनाते हुए कहा अब आईना बात तुम्हारी समझ में बिना वजह मुझे इतना कुछ सुना दिया फिर दोनों ही एक दूसरे को इविल स्माइल करते हुए देखते अपने आगे का plan बनाने लगे.

    वहीं दूसरी ओर

    शिया Collage पहुंच चुकी थी उसने ऑटो से उतरते ही ड्राइवर को उसके पैसे दिए और Collage की तरफ चली गई बुक Collage के एंट्रेंस से अपनी क्लास की ओर जा ही रही थी कि की तभी एक लडकी उससे टकरा गई वह लडकी गिरने को हुई तभी सिया ने उसे संभाल लिया और वापस ठीक से खडा कर दिया लडकी सिया को अपनी आंखें छोटी करके देखने लगी और उसने अपना मुंह फुला कर सिया की ओर देखते हुए कहा thank you मुझे गिरने से बचाने के लिए इतना कहकर वह जाने को हुई की तभी सिया ने उसका हाथ पकड लिया और उसे रुकते हुए कहा I am sorry anvi pls मुझे गुस्सा मत हो मैं अगली बार पक्का तेरे साथ पिकनिक पर चालूगी

    आगे बढने से पहले अन्वी के बारे में जान लेते हैं

    Anvi mehera उम्र इक्कीस साल रंग गोरा Height पाँच फुट चार इंच वैसे यह दिखने में यह भी काफी खूबसूरत है यह है अन्वी जो सिया की जो हमारी सिया की बेस्ट Friend है लेकिन फिलहाल उनसे नाराज है क्योंकि वह उसके साथ पिकनिक पर नहीं गई थी)

    सिया की बात सुनकर अन्वी ने सिया की तरफ देखते हुए कहा मुझे तुझसे कोई बात ही नहीं करनी है मेरा हाथ छोड दे और मुझे जाने दे मुझे late हो रहा अन्वी के कहने पर भी जब सिया ने उसका हाथ नहीं छोडा तो अन्वी अपना हाथ सिया के हाथ से छुडाते हुए सिया की तरफ बच्चों की तरह मुंह बनाते हुए बोली मुझे क्लास के लिए लेट हो रहा है अगर तुझे पूरे टाइम क्लास के बाहर खडे नहीं रहना है तो तू भी जल्दी आजा इससे पहले सिया कुछ कह पाती अन्वी वहां से जल्दी से अपनी क्लास की तरफ जाने लगी और फिर अन्वी के पीछे- पीछे सिया भी अपने छोटे- छोटे कदमों से अन्वी के पीछे जाने लगी अन्वी के पीछे पीछे जाते हुए सिया अन्वी को आवाज भी दे रही थी लेकिन अन्वी ने उसकी आवाज को अनसुना कर दिया और अपनी क्लास में जाकर अपनी सीट पर बैठ गई

    Done

    क्या सिया बन पाएगी अन्वी को?

    क्या यामिनी और दिलीप हो पाएंगे अपने मकसद में कामयाब

    जानने के लिए पढते रहिए:

    Hello friends

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  • 2. Hp - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 3. Hp - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 4. Hp - Chapter 4

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 5. Hp - Chapter 5

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 6. Hp - Chapter 6

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 7. Hp - Chapter 7

    Words: 992

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब आगे । । । ।

    रुद्राक्ष ने जब उस डायरेक्शन में देखा पाया नित्या अपने छोटे-छोटे कदमों से सीढ़ियां उतरते हुए नीचे आ रही थी वह बहुत धीमी कदमों से आ रही थी कुछ ही पलों में वह सीडीओ से उतरते हुए लिविंग रूम में आ गई रुद्राक्ष तो एक पल के लिए उसे देखता ही रह गया क्योंकि वह इस वक्त बहुत ही ज्यादा क्यूट लग रही थी तभी उसे होश आया कि बाकी सब भी नित्य को ही देख रहे थे  । । । ।

    रुद्राक्ष ने उन सभी की ओर देखते हुए डार्क वॉइस में कहा उसे पर से अपनी नज़रें हटाओ वरना तुम सबकी में आंखें निकाल लूंगा । । । । ।

    रुद्राक्ष का कितनी डार्क वॉइस सुनकर सभी लोग घबरा गए और उन्होंने अपनी नज़रें झुका ली लेकिन उनमें से एक सर्वेंट ने नित्य को नीचे से ऊपर स्कैन किया और उसके बाद अपनी नजरे झुकाई  । । । ।

    जैसे ही नित्या लिविंग रूम में आई रुद्राक्ष ने cold voice में कहा यह तुमने क्या पहना है । । । ।

    रुद्राक्ष की इतनी कोयल कोल्ड वॉइस सुनकर नित्य सहम गई और उसने सहमी नजरों से रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए कहा बड़ी ही मासूमियत से कहा बो....बो हमारे पास कपड़े नहीं थे हमें वहां कुछ नहीं देखा इसलिए हमने ये पहन लिए ....... लेकिन आप चिंता मत कीजिए ह....हम इन्हें अच्छे से साफ करके आपको वापस दे देंगे  । । । । ।

    रुद्राक्ष ने जब नित्या की मासूमियत भरी बातें सुनी तो वह अपने सामने खड़ी उस छोटी सी लड़की को कुछ पलो तक देखते ही रह गया  । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्य को नीचे से ऊपर तक देखा तब जाकर उसने ध्यान दिया  नित्या  इस वक्त उसी के कपड़ों में है नित्या  ने जो टी-शर्ट पहनी हुई थी बो रुद्राक्ष के साइज की थी जिससे वह शर्ट नित्या को काफी ढीली थी । । । ।

    उसकी वह शर्ट नित्या के थाइस तक आ रही थी या यूं कह ले घुटनों से थोड़ी ही ऊपर थी उसने जो लोअर पहना हुआ था उसने उसे नीचे से काफी फोल्ड किया हुआ था रुद्राक्ष की टी-शर्ट फुल स्लीव्स की थी जिससे उसे टी-शर्ट की स्लीव्स नित्या के हाथों में भी बड़ी हो रही थी जिसकी वजह से नित्य ने उन्हें  फोल्ड किया हुआ था लेकिन तब भी उसके पूरे हाथ उसे शर्ट में कवर थे उसने अपने बालों को खुला छोड़ा हुआ था क्योंकि उसके बोल हलके गीले थे । । । ।

    नित्य इस वक्त किसी कार्टून से काम नहीं लग रही थी नित्या पर रुद्राक्ष के कपड़े ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने हैंगर पर उन कपड़ों को टांग दिया हो और लगता भी क्यों ना कहां रुद्राक्ष की perfect v shaped body और कहां नित्या दुबली पतली सी छोटी सी लड़की । । । ।

    लेकिन इन सब के बावजूद रुद्राक्ष को नित्या इस वक्त बहुत ही ज्यादा क्यूट लग रही थी रुद्राक्ष नीचे से ऊपर तक नित्या को स्कैन कर रहा था तभी उसकी नजर नित्या के चेहरे पर जा रुकी  जो इस वक्त गर्म पानी से नहाने की वजह से हल्का लाल था उसके चेहरे पर बिना मेकअप के ही एक अलग ही ग्लो  था रुद्राक्ष की नजरे नित्य के चेहरे से होते हुए pink होठों पर जा रुकी  । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की होठों को देखते हुए अपने लोअर लिप को बाइट  किया और उसने मन ही मन कहा ohhh little girl what are you doing  I can't control myself i really want to taste your juicy lips .... इतना कहकर उसने अनजाने में ही नित्या की ओर कदम बढ़ा दिए । । । ।

    निया ने जो रुद्राक्ष को अपने पास आते हुए देखा तो उसने डरते हुए कहा क्या .....क्या .....आप हमसे नाराज है क्योंकि हमने यह कपड़े पहन लिए ....…. आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए हम मैं अच्छे से धोकर आपको वापस दे देंगे  । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष वापस अपने सेंस में आया और उसने अपने कदमों को वहीं रोक लिया और उसने मन ही मन कहा यह मैं क्या करने जा रहा था...... में कैसे......

    इतना कहते हुए उसकी नजर नित्या पर पड़ी जो उसे ही देख रही थी रुद्राक्ष ने कुछ सेकंड्स के लिए अपनी आंखें बंद की और एक गहरी सांस ली और फिर अपनी आंखें खोलकर नित्या की तरफ देखते हुए कहा तुम इन्हें पहन सकती हो..... वैसे तो अभी सारे रास्ते ब्लॉक हैं लेकिन मैं कोशिश करूंगा कि तुम तक तुम्हारी जरूरत का सामान पहुंच जाए । । । ।

    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपने पहले ही हमारी बहुत मदद की है और अब भी कर रहे हैं पहले तो आपने हमें उसे जंगल से निकाला और जब लैंडस्लाइड के चलते सारे रास्ते ब्लॉक हो गए हैं तब भी आपने हमें रहने के लिए यह जगह दी हमें समझ नहीं आ रहा कि आपका इन अहसानो को हम कैसे चुकाएंगे  । । ।  ।

     

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष के फेस पर तिरछी स्माइल आ गई और उसने नित्या की तरफ देखते हुए कहा तुम फ़िक्र मत करो मैं मैं अपने इन अहसानों का हिसाब  सूट समेत तुमसे ले ही लूंगा ...... । । । ।

     

    रुद्राक्ष रुद्राक्ष ने यह बात कुछ इस तरह से की थी की जिससे नित्या के दिल में एक अजीब से डर ने जगह बना ली थी उसने हकलाते हुए रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए कहा मत.....मतलब । । । ।

     

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने उसकी तरफ देखते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा इसका मतलब तुम्हें बहुत जल्द समझ में आ जाएगा लेकिन फिलहाल तुम्हें ब्रेकफास्ट करने की जरूरत है और उसके बाद तुम्हें मेडिसिन भी लेनी है इतना कहकर उसने डायनिंग एरिया की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए  । । । ।

     

    Done । ।  । । 

     

    किस बारे में बात कर रहा है रुद्राक्ष । ।  । ।

     

    क्या होगा रुद्राक्ष का अगला कदम । । । ।

     

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark addiction । । ।

     

  • 8. Hp - Chapter 8

    Words: 1092

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे । । । ।

    नित्या बस रुद्राक्ष को जाते हुए देखते रह गई उसने रुद्राक्ष को जाते हुए देखकर खुद से ही धीरे से कहा इनके कहने का मतलब क्या था और उनकी बातों को सुनकर हमें अजीब सा क्यों लग रहा है  । ।  । ।

    नित्या बस खड़ी होकर खुद से बातें कर रही थी तभी अभय और पीयूष उसके पास आए और अभय ने उसकी तरफ देखते हुए बोला क्या हुआ तुम्हें ऐसे स्टैचू की तरह क्यों खड़ी हूं क्या तुम्हें कोई परेशानी है अगर तुम्हें कोई भी परेशानी हो तो तुम मुझे बता सकती हो  । । । ।

    अभय की बात सुनकर नित्या होश में आई और उसकी तरफ मुस्कुराते हुए कहा नहीं नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है और ना ही हमें कोई परेशानी है आप लोगों ने पहले ही हमारी इतनी मदद की है और आप सभी हमसे इतने अच्छे से पेश आ रहे हैं तो हमें भला यहां क्या परेशानी हो सकती है..........  । । । ।

    नित्या की बात सुनकर अभय ने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए कहा देखो तुमने मुझे भाई कहा है और मेरी भी कोई बहन नहीं है लेकिन अगर होती तो वह बिल्कुल तुम जैसी होती तो इस नाते अगर तुम्हें कोई भी परेशानी हो या फिर तुम्हें किसी से बात करने का मन हो या फिर तुम्हें किसी भी चीज की जरूरत हो तो तुम मुझे यह सब बिना किसी झिझक के बता सकती हो अगर तुम ऐसा करोगी तो मुझे अच्छा लगेगा  । । । ।

    अभय की बात सुनकर पीयूष ने अभय का मजाक बनाते हुए नित्या की तरफ देखते हुए कहा  देखो तुम इससे कोई बात मत करना इसे लड़कियों के बारे में कुछ नहीं पता और रही बात कुछ लाने की तो पिछली बार  दादू ने इसे चश्मा ठीक करवाने के लिए कहा था लेकिन यह लाना भूल गए जिसकी वजह वजह से इसे दादू ने दौड़ा दौड़ा के मारा था पूरे घर में   🤣  😂 । । । ।

    कहीं ऐसा ना हो कि तुम में से कुछ लाने को कहो ओर ये भूल जाए जिसकी वजह से तुम्हें काफी प्रॉब्लम है । । । ।

    प्रेसिडेंट के अलावा ये किसी और की बातों पर न हीं ध्यान देता है और ना ही सुनता है तो अगर तुम्हें कोई भी परेशानी हो या फिर किसी भी चीज की जरूरत हो तो तुम अपने इस भाई से कह सकती है तुम्हारा यह भाई तुम्हारी बातों को ध्यान से सुनेगा भी और समझेगा भी इतना कहकर वह हंसने लगा । । । ।

    पीयूष की बात पर नित्या को भी हंसी आ गई अभय ने पीयूष को घूरते हुए कहा तेरे कारनामे में तो इससे भी बड़े हैं वह आगे कुछ और का पता तभी नित्या ने उनकी तरफ देखते हुए कहा हमें आप लोगों की मदद चाहिए । । । ।

    नित्या की बात सुनकर पीयूष और अभय ने  एक दूसरे को देखा अभय ने सीरियस होते हुए कहा बताओ ना क्या मदद चाहिए तुम्हें  । । । ।

    वह दरअसल हमें अपने दोस्तों से बात करनी थी वह लोग हमारे लिए परेशान हो रहे होंगे और हमें भी उनकी बहुत याद आ रही है और हमें उन सब की बहुत चिंता भी हो रही है पता नहीं बो सभी कैसे होंगे । । । ।

    तो क्या हम उनसे फोन पर बात कर सकते हैं हम बस उनसे पूछना चाहते हैं कि वह सब ठीक है या नहीं और  और उन्हें इतना बताना  चाहते है कि हम ठीक हैं और बहुत जल्द उनके पास वापस आ जाएंगे । । । ।

    नित्या की बात सुनकर अभय और पीयूष ने एक दूसरे को दिखा इस वक्त उनके चेहरे पर 12:00 बजे हुए थे पीयूष नहीं आंखों ही आंखों में अभय की तरफ देखते हुए उससे पूछा अब क्या करें भाई । । । ।

    अभय ने उसे आंखों से ही शांत रहने का इशारा किया और नित्या की तरफ देखते हुए कहा देखो अभी यहां पर नेटवर्क नहीं है इसलिए बाहर से कोई भी कांटेक्ट नहीं हो पा रहा है जैसे ही यहां पर नेटवर्क आएंगे मैं तुम्हारी उन सब से बात करवा दूंगा और तुम चिंता मत करो तुम्हारे दोस्तों को इन्फॉर्म कर दिया गया है कि तुम सेफ हो और कुछ दिनों तक यहीं रहोगी  । । । ।

    अभय की बात सुनकर नित्या अपना सर हा में हिलाते हुए कहा ठीक है हम उनसे बाद में बात कर लेंगे तभी वहां पर एक सर्वेंट आया जो  काफी डरा हुआ था उसने सर झुकाते हुए कहा वह आप सभी को प्रेसिडेंट बुला रहे हैं ब्रेकफास्ट करने के लिए  । । । ।

    उस सर्वेंट की बात सुनकर पीयूष ने अभय की तरफ देखते हुए कहा अरे यार हम तो भूल ही गए थे जल्दी चल वरना ऐसा ना हो कि हमें पूरा दिन बिना खाए ही रहना पड़े । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर अभय ने अपना सर हा में हिलाते हुए कहा हां जल्दी चल और फिर नित्या की तरफ देखते हुए कहा चलो तुम भी ब्रेकफास्ट कर लो । । । ।

    नित्य ने जब उन दोनों को ऐसे देखा तो अपने सर हां में हिला और फिर वह तीनों डायनिंग एरिया की ओर बढ़ गए डायनिंग एरिया की तरफ जाते हुए नित्या ने धीरे से अभय और पियूष से पूछा क्या आपके प्रेसिडेंट बहुत स्ट्रिक्ट है  । । । ।

    नित्या के सवाल पर अभय और पीयूष ने एक दूसरे को दिखा पीयूष ने निया के सवाल का जवाब देते हुए उससे कहा प्रेसिडेंट बहुत डेसिप्लेन है उन्हें हर काम वक्त पर चाहिए होता है उन्हें जरा सी भी देरी या लापरवाही पसंद नहीं तुम भी इस बात का ख्याल रखना कि तुमसे कोई भी लापरवाही ना हो । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर नित्या ने जल्दी से अपना सर हा में हिलाते लेट हुए कहा हम ख्याल रखेंगे हमसे कोई भी लापरवाही नहीं होगी । ।  । ।

    Good पीयूष ने नित्या से कहा और ऐसे ही बातें करते-करते वह डायनिंग एरिया में आ गए रुद्राक्ष इस वक्त विंडो के पास खड़े होकर किसी से फोन पर बात कर रहा था उसने जैसे ही नित्य को आते हुए देखा उसने फोन पर सर्द लहजे में कहा आई calll you later और इतना कहकर उसने फोन कट कर दिया । । । ।

    नित्य ने जब डाइनिंग टेबल पर देखा तो उसका मुंह रोने जैसा  हो गया  । । । ।

     

    Done । ।  । । 

    आखिर ऐसा क्या देखा नित्या ने डाइनिंग टेबल पर। ।  । ।

    । । । ।

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark addiction । । ।

  • 9. Hp - Chapter 9

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 10. Hp - Chapter 10

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 11. Hp - Chapter 11

    Words: 822

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब आगे । । । ।

    रुद्राक्ष ने अभय की तरफ देखते हुए सर्द लहजे में कहा अभय उसकी सिर्फ सांसे चलनी और वह हर पल मरने के लिए तरसना चाहिए। ।  । ।

     रुद्राक्ष ने उस टैब में ही देखते हुए कहा अभय इतनी जल्दी वह मरना नहीं चाहिए उसे मौत तब तक नहीं आनी चाहिए जब तक मैं ना चाहूं और अगर ऐसा हो गया तो तुम लोग अपनी चिता खुद तैयार कर लेना । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर अभय और पीयूष दोनों ही घबरा गए अब बहुत पीयूष भले ही कितने ही वेल trained  हो लेकिन वह लोग कभी कभी रुद्राक्ष के इस devil साइड को देख कर घबरा जाते थे । । ।  

    अभय ने रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए जल्दी से कहा नहीं नहीं प्रेसिडेंट अपने जैसा कहा है वैसा ही होगा तब तक नहीं मरेगा जब तक आप नहीं चाहेंगे । । । ।

    Hmmm......... रुद्राक्ष ने बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा । । । ।

    रुद्राक्ष तब तक उसे टैब में देखता रहा जब तक वह डॉक्टर नित्या का ट्रीटमेंट कर रहे थे । । । ।

     कुछ देर बाद डॉक्टर नित्या का चेकअप करने के बाद बाहर आए नित्या भी उन्हें के साथ थी डॉक्टर से उसके हाथ की बैंडेज भी बदल दी थी  डॉक्टर के चेकअप से नित्या को उसके दर्द में थोड़ा आराम था । । । ।

    रुद्राक्ष की नजरे जैसे ही नित्या  पर पड़ी वैसे ही उसकी आंखें गुस्से से लाल हो गई और गुस्से में उसकी मुट्टिया कश गई और उसने नित्या की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए नित्या ने जब रुद्राक्ष को ऐसे खुद के पास आते हुए देखा तो बह सहम गई क्योंकि रुद्राक्ष के चेहरे पर इस वक्त उसका गुस्सा साफ-साफ दिखाई दे रहा था । । । ।

     इस वक्त नित्या को रुद्राक्ष से काफी डर लग रहा था रुद्राक्ष की नित्या के  पास आते ही सभी डॉक्टर्स और नर्स कुछ दूर जाकर खड़े हो गए । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की तरफ हाथ बढ़ाया और नित्या की टीशर्ट को सही किया दरअसल नित्या की शर्ट काफी ढीली थी जब वह रूम से बाहर आई तो उसकी शर्ट उसके solder से थोड़ा नीचे खिसक गई थी  । । । ।

    नित्या कुछ ऐसे ही यह महसूस हुआ कि अभी-अभी रुद्राक्ष ने क्या किया है तो वह काफी एंबेरिस फील करने लगी क्योंकि वहां पर अभय पीयूष और रुद्राक्ष तीनों ही थे  और रुद्राक्ष ने तो खुद उसकी शर्ट को सही किया था

      जिससे नित्या को और ज्यादा शर्म आ रही थी नित्या भले ही छोटी थी लेकिन काफी समझदार थी वह इन सभी बातों को बहुत अच्छी तरह से समझटी थी या यू कहे की  उसके घर के माहौल और परिवार वालों की वजह से वह वक्त से पहले ही काफी समझदार हो गई थी । । । ।

    नित्या जल्दी से रुद्राक्ष से थोड़ा दूर हुई और नर्वस होते हुए कहा हम हम ठीक कर लेंगे इतना कहकर वह अपनी शर्ट को ठीक करने लगी । । । ।

    रुद्राक्ष धीरे से मगर सर्द लहजे में नित्या की तरफ देखते हुए कहा कपड़े ठीक से पहना करो वरना कहीं ऐसा ना हो तुम्हारी लापरवाही से तुम्हें देख कर कई लोग अपनी आँखें गंवा दे ........ या फिर तुमने यह सब जानबूझकर किया ताकि सभी की नजरे तुम पर ही रहे .......  । । । ।

    रुद्राक्ष की बातें सुनकर नित्या उसे हैरानी से देखने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सामने खड़ा शख्स ऐसे कैसे उससे बात कर सकता है नित्या भले ही बहुत मासूम और सीधी शादी लड़की थी लेकिन वह कभी भी अपने कैरेक्टर पर किसी भी तरह का कोई भी सवाल बर्दाश्त नहीं कर सकती थी उसने रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए रूआंधी आवाज में कहा । । । ।

    देखिए जो भी हुआ वह गलती से हुआ हमें नहीं पता था कि हमारी कपड़ों का यह हाल था अगर हमें पता होता तो हम पहले ही अपने कपड़ों को ठीक कर लेते और .... रही बात नजरों की तो  हमें किसी की नजरों में आने का कोई शौक नहीं है हम जैसे हैं बहुत अच्छे हैं और वैसे ही रहना पसंद करेंगे इतना कहकर उसकी आंखों से एक कतरा आंसू का बह गया । । । ।

    नित्या बहुत ही सेंसटिव थी और अपने charater पर किसी भी तरह का कोई भी सवाल उठने नहीं दे सकती थी ... बो भले ही बहुत मासूम लेकिन इन सब बातों को अच्छी तरह समझती थी ...

    उसके परिवार के लोग कई बार उस पर ऐसे सवाल उठाते थे और कई बार तो नित्या के लिए इससे भी8 कई ज्यादा बुरा बोलते थे जिससे नित्या को बहुत तकलीफ होती थी ... और आज रुद्राक्ष ने भी नित्या को ऐसा ही ताना मारा था .. जिससे नित्या को रुद्राक्ष की बात बुरा लगा और उसकी आँखें नम हो गई ....

    वही रुद्राक्ष की अगली हरकत पर नित्या बहुत बुरी तरह से सहम गई । । ।  ।

  • 12. Hp - Chapter 12

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 13. Hp - Chapter 13

    Words: 1840

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब तक । । । ।  

    रुद्राक्ष ने जैसे ही डाइनिंग टेबल पर देखा तो उसने कोल्ड वॉइस में कहा यह सब क्या बनाया है डिनर में तुम लोगों ने ...... क्या तुम लोग भूल गए हो कि यहां क्या बनता है .

    अगर ऐसा है तो मुझे लगता है कि तुम्हें ट्रेनिंग की जरूरत है और साथ में पनिशमेंट की भी  । । । ।

    अभय और पीयूष भी एक दूसरे को देखने लगे पीयूष ने मन मन कहा ...; लो खा लिया अब तो मैंने खाना. इतने वक्त बाद मेरे सामने इतना अच्छा खाना आया था लेकिन शायद मेरी किस्मत ही खराब है .....

    रुद्राक्ष की बात सुनकर सभी सर्वेंट घबरा गए रुद्राक्ष ने जैसे ही पनिशमेंट की बात की तो नित्या को भी उन सभी के लिए डर लगने लगा क्योंकि नित्या नहीं चाहती थी कि उसकी वजह से उन सभी को कोई सजा मिले .... इसलिए उसने हिम्मत करते हुए रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा बो .... बो sir यह खाना हमने बनाया है बो हम बहुत बोर हो रहे थे और हमें कुछ अच्छा खाने का मन कर रहा था इसलिए हमने ये खाना बना दिया ...... लेकिन आप चिंता मत कीजिए आपके लिए अलग खाना बनाया हैं बिल्कुल वैसा ही खाना जो आप खाते हैं

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने अपनी एक आईब्रो रेस करते हुए कहा तुम कहना क्या ।चाहती हो कि तुम्हें यहां अच्छा खाना नहीं मिलता इसलिए तुमने यह बनाया  । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या को होश आया कि उसने क्या कह दिया उसने जल्दी से बात को संभालते हुए कहा नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है हमें तो वह खाना बहुत पसंद है और उसका स्वाद भी बहुत अच्छा है वह तो क्या है ना कि हम बोर हो रहे थे हमें समझ नहीं आ रहा था कि हम क्या करें इसलिए हम नहीं खाना बना दिए......... बेचारी नित्या उसे भले ही वह खाना पसंद नहीं था लेकिन रुद्राक्ष के डर के  आगे उसे ऐसा ना चाहते हुए भी ऐसा कहना पड़ा 

    रुद्राक्ष को सब समझ में आ रहा था की नित्या उससे झूठ बोल रही है क्योंकि नित्या के चेहरे के भाव और उसके शब्द बिल्कुल भी मेल नहीं खा रहे थे रुद्राक्ष ने अपनी गहरी नज़रों से नित्या को देखा जो खुद को नॉर्मल दिखाने को पूरी कोशिश कर रही थी ... लेकिन बो इसमें कामयाब नहीं हो पाई ...

    रुद्राक्ष ने अपने मन में कहा little girl  मैंने तुम्हें समझाया था ना कि मुझे झूठ बोलने वाले लोग पसंद नहीं इसके बाद भी तुमने हिम्मत कि मुझसे झूठ बोलने की ..... तो अब इसकी सजा भी भुगतो ...... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा अच्छा तो तुम्हें ही वह खाना इतना पसंद है तो ठीक है तुम अभी भी वही खाओगी इतना कहकर उसने एक सर्वेंट की तरफ इशारा करते हुए कहा जो डिनर तुमने तुम लोगों ने मेरे लिए बनाया है वह डिनर medam को  सर्व करो ...... । । । ।

    जैसे ही नित्या ने रुद्राक्ष की बात सुनी तो झट से उसकी तरफ देखते हुए बड़ी ही मासूमियत से कहा  लेकिन क्यू .....

    नित्या की बात पर रुद्राक्ष ने उसे अपनी एक आईब्रो उठा कर देखा तो नित्या ने बात संभालते हुए कहा हमारा मतलब है कि हमने इतना सारा खाना बनाया है अगर हम नहीं खाएंगे तो वह waste हो जाएगा और खाने को waste करना अच्छी बात नहीं होती...... । । । ।

    नित्या की बात पर रुद्राक्ष बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा तुमसे किसने कहा कि वह खाना waste होगा बाकी सब वही खाना खाएंगे जो तुमने बनाया है और तुम और मैं ये खाना खाएंगे ..... ऐसा कहकर उसने उसके खाने की ओर इशारा कर दिया जिसमें नहीं रुद्राक्ष का हेल्थी खाना रखा हुआ था
    बेचारी नित्या के पास तो अब कुछ था ही नहीं बोलने को......

    और फिर रुद्राक्ष ने अभय और पीयूष की ओर देखते हुए कहा अगर तुम लोगों को नहीं खाना है तो तुम लोग बाहर जा सकते हो । । । ।

    रुद्राक्ष की बात पर पीयूष ने झट से बोला...नहीं नहीं प्रेसिडेंट हमें खाना खाना है ना इतना कहकर पीयूष अपनी चेयर पर बैठ गया अभय ने पीयूष को देखकर अपना सर हिला दिया जैसे कह रहा हो इसका कुछ नहीं हो सकता और फिर बो भी अपनी चेयर पर आकर बैठ गया  । । । ।

    उन दोनों के बैठने के बाद सर्वेंट ने उन तीनों को नित्या कर हाथ का बना बना हुआ खाना सर्व किया  रुद्राक्ष जैसे ही खाने का एक बाइट खाया उसके मुंह से बहुत ही धीरे से निकला woww उसने एक नजर नित्या को देखा और उसकी तरफ देखते हुए धीरे से कहा you are perfect for me little girl इतना कहकर उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई । । । ।

    नित्या ने उसे खाने को देखा और मन में कहा नित्या इसे खा लो ऐसे खाने को मना करके उसका अपमान नहीं करते यह सोचकर उसे वह अपना सूप पीने लगे .…....

    वही पीयूष तो जल्दी-जल्दी अपना खाना खा रहा था उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कई सालों से वह भूखा हो अभय ने धीरे से उसकी ओर झुकते हुए कहा अबे साले आराम से का तुझे देख कर ऐसा लग रहा है जैसे सालों बाद तू खाना खा रहा है  । । । ।

    अभय की बात पर पीयूष ने उसका जवाब देते हुए कहा अबे यार मैं क्या करूं खाना है इतना टेस्टी कि मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा और यह मूंग दाल का हलवा तो इस खाने में चार चांद लग रहा है ..... अब मुझे चुपचाप मेरे खाने पर कंसंट्रेट करने दे और तू भी अपना खाना चुपचाप खा .....

    पीयूष की बात पर अब है नहीं उसकी तरफ से देखते हुए कहा अबे साले तेरा कुछ नहीं हो सकता लेकिन पियूष पर उसकी बात का कोई असर नहीं हुआ वह तो बस अपना खाना खाए जा रहा था ...…..

    अभय ने एक नजर नित्या को दिखा जो अपना सूप पी रही थी अभय को नित्या को ऐसे देखकर बुरा तो लग रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता था  । । । ।

    कुछ ही देर में सभी लोगों ने अपना खाना खा लिया  रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए कहा little girl जाओ और अपने कमरे में जाकर आराम करो । । । ।

    रुद्राक्ष की बात पर नित्या ने कुछ नहीं कहा और बस अपना सर ह में हिला दिया और फिर वहां से चली गई  । । । ।

    इस वक्त वहां पर रुद्राक्ष अब पियूष अभय और सिर्फ कुछ सर्वेंट खड़े थे  रुद्राक्ष ने उन सर्वेंट से कुछ ऐसा कहा जिससे वहां खड़े सभी लोग डर से कांप गए  । । । ।


    रुद्राक्ष ने उनकी तरफ देखते हुए कोल्ड वॉइस में कहा हो सकता है कि मेरी लिटिल गर्ल फिर से किचन में आए  और खाना बनाएं या  फिर बो इस vila में कुछ और करें लेकिन इन सब में तुम लोगों की नजरे भी उसकी तरफ नहीं उठनी चाहिए और अगर तुम लोगों की नजरे उस पर उठी तो तुम लोग कभी भी अपने परिवार वालों को नजर नहीं आओगे ...... यह कहते हुए रुद्राक्ष के चेहरे के भाव बहुत सख्त थे । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर सभी सर्वेंट डर से कांप गए श्याम जी ने एक कदम आगे जाकर रुद्राक्ष की ओर बड़ी ही अदब से कहा प्रेसिडेंट अपने जैसा कहा है वैसा ही होगा आपको शिकायत का कोई भी मौका नहीं मिलेगा   , । । । ।

    Hmmm..... रुद्राक्ष ने बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा और फिर वहां से चला गया । । ।  ।

    रुद्राक्ष को ऐसे देखकर अभय और पीयूष को नित्या की चिंता होने लगी पीयूष ने अभय की ओर देखते हुए कहा यार अभय यह प्रेसिडेंट को हो क्या गया है पहले तो नित्या को रहने दिया यहां जबकि वह तो किसी भी लड़की को कभी भी अपने साथ रहने नहीं देते और फिर वह नित्या के लिए इतनी ज्यादा पैसे हो रहे हैं कि किसी कोई से बात करना तू डर उसे देखने भी नहीं दे रहे मुझे तो समझ नहीं आ रहा आखिर प्रेसिडेंट करना क्या चाहते हैं नित्या तो अभी बहुत छोटी है और कितनी मासूम भी पता नहीं प्रेसिडेंट उसके साथ यह सब क्यों कर रहे हैं । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर अभय ने भी चिंता करते हुए कहा हां यार समझ तो मुझे भी नहीं आ रहा कि प्रेसिडेंट करना क्या चाहते हैं नित्या के साथ बस मैं तो यही चाहता हूं की कही वह नित्या के साथ कुछ गलत ना कर बैठे  । । ।  

    अभय और पीयूष कुछ देर ऐसे ही बातें करते रहे और फिर अपने-अपने काम के लिए चले गए  । । । ।

    वही जब नित्या जब अपने रूम में आई  तो वह हैरान रह गई और अपनी आंखें फाड़े सामने देखने लगी उसे तो यकीन नहीं हो रहा था कि जो भी उसके सामने है वह सब सच में है या वह कोई सपना देख रही है  । । । ।

    उसने खुश होते हुए कहा टेबल के पास आई और उसने खुश होते हुए कहा यह सब कितना अच्छा है दरअसल उसके सामने कलर्स और पेंटिंग का बहुत सारा सामान रखा था जिसे देखकर नित्या काफी खुश हो गई थी वह समान दिखने में ही काफी एक्सपेंसिव लग रहा था  । । । ।

    नित्या खुश होते हुए वह हर एक समान को देख रही थी उसने खुद से ही कहा इससे किसी कितनी अच्छी पेंटिंग होगी....... यहां नित्या उन सामान को देखकर खुश थी तो वही नित्या को खुश देखकर किसी के चेहरे पर इविल स्माइल थी वह कोई और नहीं रुद्राक्ष था जो अपनी स्टडी रूम में टैब पर नित्या की हर हरकत को देख रहा था  । । ।   ।

    रुद्राक्ष ने उस टैब पर अपनी उंगलियों को फेरते हुए बहुत ही सनक भरे लहजे में कहा  ohhh little girl तुम्हें वह सब मिलेगा जो मेरी लिटिल गर्ल को मिलना चाहिए लेकिन सिर्फ तब तक जब तक तुम मेरी   एक अच्छी little girl की तरह रहो  । । । ।

    तुम जब तक मेरी एक अच्छी लिटिल गर्ल की तरह पेश आओगे तब तक  तुम खुश रहोगी लेकिन अगर तुमने मेरे खिलाफ जाने की कोशिश की यह मुझसे दूर जाने की कोशिश की तो तुम्हारी प्यारी प्यारी आंखों से खून के आंसू बहेंगे और ऐसा करने में मैं एक बार भी नहीं सोचूंगा ...
    Because you are my addiction little girl और मैं अपने इस addiction को कभी भी खुद से दूर नहीं होने दूंगा मैं अपने एडिक्शन को हमेशा हमेशा अपने साथ रखूंगा भले ही इसमें तुम्हारी मर्जी हो या न हो

     

     

    Done । ।  । । ।

    आखिर ऐसा क्या कहा रुद्राक्ष ने । ।  । ।

    क्या होगा जब नित्या को पता चलेगा रुद्राक्ष का सच । । । ।

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark addiction । । ।

    Hello friends । ।  🙂 ☺️ । । ।

    Pls do like, share and review the novel and share your opinion in comment box.  । । । ।