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I am always with you

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Tina Sinha

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।।हर किसी को, नहीं मिलता ,यहां प्यार जिंदगी में खुश नसीब है वो, जिसको है मिली, ये बाहर जिंदगी में ।। विनम्र राजपूत हमारे कहानी का मैन लीड, उम्र 26 साल, हाइट 6.1inch दिखाने में बहुत ज्यादा हैंडसम सिक्स पैक वाली पर्सनालिटी एकदम हॉलवार्ड हीरो जैसा और इत...

Total Chapters (25)

Page 1 of 2

  • 1. I am always with you - Chapter 1

    Words: 1993

    Estimated Reading Time: 12 min

    ।।हर किसी को, नहीं मिलता ,यहां प्यार जिंदगी में
    खुश नसीब है वो,  जिसको है मिली, ये बाहर जिंदगी में ।।

     
    विनम्र राजपूत  हमारे कहानी का मैन लीड,  उम्र 26 साल, हाइट 6.1inch दिखाने में बहुत ज्यादा हैंडसम सिक्स पैक वाली पर्सनालिटी एकदम हॉलवार्ड हीरो जैसा और इतना गुस्सैल इंसान की  इनकी आंखो जो नीली है वो हमेशा लाल ही  रहती है । मौत का दुसरा रूप है ये, एक निर्दई इंसान।  पूरे दुनिया की नजर  में  एशिया का बिजनेस किंग  और साथ ही साथ अंदरवाल्ड दुनिया का बादशाह । जिसकी एक नजर से पूरी दुनिया हील जाती है ।  ये इतना ज्यादा खतरनक है की लोग इनका नाम भी लेना नही चाहते।  इनको सबसे ज्यादा  किसी चीज से नफरत है  तो वो है  "मोहबत "इनको प्यार मोहब्बत इश्क से इतनी नफरत है की ये न प्यार को देखना पसंद करते है ना सुनना , अगर कोई प्यार करने वाला इनकी नजर में आ जाता है तो ये  इतनी बेरहमी से मरते है उनकी रूह भी कांप  जाए । पता नही इनको प्यार से इतनी नफरत क्यों  है बस वही जानते है ।  इनको इतनी नफरत  हैं इस चीज से की अगर कोई इनके सामने इन तीन लफ्जो का नाम भी ले ले तो उनकी मौत ऐसी होती है जैसे शक्छत ये दानव का दूसरा रूप हो ।

    अभय  सिंह   सेकंड मैन लीड   उम्र 26 साल दिखाने हैंसोम बिलकुल विनम्र जैसा ।   एशिया में विनम्र के बाद कोई राज करता है तो वो है अभय  ।और दुनिया का २ माफिया लीडर और विनम्र के बचपन का खाश दोस्त जो किसी वजह से ये दोनो एक दूसरे के  इतने बड़े दुश्मन बन गए की एक दूसरे को  जान मार डालना चाहते  है । पर इनका बचपन का वो रिश्ता जिसे ये दोनो एक - दूसरे को चाह कर भी मार नही पाते। जहां विनम्र को प्यार मोहब्बत से नफरत है।  तो यही इन्हे इन सारी चीजों से मोहब्बत प्यार इनके लिए इनके जीने की वजह  हैं जिसके लिए ये कुछ भी कर सकते है । उन्ही मोहब्बत की नज़र है इनकी जान रूही ।  जहा विनम्र   की आंखो में लोगो के लिए नफरत बेइंतीहा गुस्सा जहा लोग इनके नाम से कांपते है तो वही  अभय एक माफिया होने के बावजूद  बिना किसी की गलती किसी के साथ बुरा नही करता । लोग इनको देवता की तरह पूजते है । इसी दो  अलग- अलग सोच ले लोगो की टक्कर जब होती है  तो एक तबाही लाती इस लिए ये दोनो चाहते है की इन दोनो का सामना एक दूसरे से कभी न हो।  फिर भी एक बुराई को रोकने के अच्छाई को आना ही पड़ता है इस वजह से ये दोनों की नफरत और गहरी होती जाती है।  फिर भी  ये दोनो एक दूसरे को  कभी भी जान  से नही मर सकते।  शायद इनकी दोस्ती अब भी इनके  दिलों में धड़कती है ।

    रूही  मेहता  उम्र 18साल दिखने में एकदम पारी जैसी।
    इतनी मासूम की दुनिया को एक नजर भी नही देखा  । एक अनाथ ,जो मुंबई के एक अनाथ आश्रम में रहती है। वही से ही इनको अपना सरनेम मिला जो एक 12th क्लास की  स्टूडेंट है और हमारे  अभय की जान । जो अब अभय के साथ उनके घर में रहती है ।
    अभय रूही से तब मिला जब वो अनाथ आश्रम में बच्चो से मिलने के लिए आया था । क्युकी अभय को उन बच्चो के साथ एक सुकून मिलता जिसे वो जीना चाहता था  ।  जब अभय ने रूही को पहली बार देखा तो उसकी मासूमियत में  उसको अपना सुकून दिखने लगा ।जिसकी तलाश वो पता नही कब से कर रहा था । धीरे - धीरे उसे दोस्ती कर उसे आपने साथ आपने घर में रखने लगा। पर उसने कभी भी रूही के साथ कोई भी गलत नही किया उसकी देख भाल ऐसे करता जैसे वो चार साल की बच्ची हो ।  क्युकी रूही एक बच्चे जैसी है जिसकी सोच अभी तक प्यार के उस रिश्ते की गहराई से अनजान है ।
    मुंबई  के एक  बड़े से विल के हॉल में एक  लड़की जो दिखने में 17-18  साल की नजर आ रही थी  । इधर - उधर भागते चली जा रही  थी । वो इस वक्त एक बेबी फोरोक  पहना हुआ था जो उसके घुटनों तक आ रहा था जिसे उसके दूध के जैसे गोरे - गोरे पैर दिख रहे थे। और आपने कमर तक आते लंबे बालों को दो चोटिया बनाई हुई थी।  जिसे बिलकुल एक बेबी डॉल लगा रही थी  ये थी।  हमारी कहानी की हीरोइन रूही   ।  जो हॉल में भागते हुए आपने पीछे भाग रहे लड़के को बोली जा रही थी ।
    रूही - हब्बी  (अभय) हमे हमे ये दूध नहीं पीना, प्लीज़ हमे नही पीना, हमे बिलकुल अच्छा नहीं लगता ये ।
    अभय रूह के पीछे दूध का गलास को पकड़ कर भागते हुए
    अभय -जान प्लीज रुक जावो बच्चा।  आपको ऐसे भागना नहीं चाहिए आपको चोट लग जायेगी । और आप तो एक अच्छी बच्ची हो न तो जल्दी से ये दूध पीलो ।
    रूही हॉल में रखे सोफे के इधर उधर घूमते हुए नही हब्बी हमे ये दूध नही पीना । आप इसको ले जाए इसका टेस्ट बिलकुल भी अच्छा नहीं है  ।
    अभय - जान बच्चा ये दूध आपके हेल्थ के लिए अच्छा हैं। इसको आपको पीना ही पड़ेगा । चलो जल्दी से आ कर आप ये दूध फिनिश करो । फिर मैं आपको सारी चॉकलेट दूंगा ।
    रूही -नही हब्बी हमको ये दूध नहीं पीना हमे कोई चॉकलेट नही चाहिए।  हम जानते है आप हमे ये दूध पिलाने के लिए बोल रहे है ।रूही यह सब सोफे के इधर से उधर भागते हुए बोलती है।
    अभय    रूही को और भी ज्यादा भागता देख रुक कर । जान बच्चा पक्का प्रोमिस मैं बहुत सारी चॉकलेट ला कर दूंगा आप पहले भागना बंद करो और ये सारी दूध फिनिश करो ।
    रूही  भागना बंद कर अभय की तरफ आपनी बड़ी बड़ी आंखों   से मासूम से देखते हुए।  पक्का हब्बी आप हमे बहुत सारी चॉकलेट दोगे  ।
    अभय रूही का सवाल सुन अपना सर हा में हिला दिया  ।
    जिसे रूही खुश होते हुए भागते हुए अभय के पास आ कर उसके गले में आपनी बांहे डाल आपने पैर उसके कमर के चारो ओर लपेट लिए और और अभय को देखते हुए बोली ।
    रूही -हब्बी आप हमे पहले चॉकलेट दो तभी हैं ये गंद दूध पियेंगे।
    अभय रूही को आपने बांहों में अच्छे से पकड़ कर सोफे में बैठ  ,रूही को आपनी गोदी में बैठा कर , ठीक है आपको बहुत सारी चॉकलेट चाहिए न वो रहा ।  ये बोल अभय आपनी ऊंगली से सामने टेबल की तरफ इशारा कर दिया । जहां पर अभी कुछ सरवेंट ने बहुत सारी चॉकेट के बॉक्स रखा दिए थे।  क्योंकि अभय ने उनको आपने आंखो से ही इशारा करके मांगा लिया था ।
    रूही इतनी सारी चॉकलेट देख खुश होते हुए अभय की गोद से उतरने लगी।  जिसे अभय रूही को अच्छे से पकड़ कर उसको देख बोला।  पहले आप ये दूध फिनिश करो फिर आपको वो सारी चॉकलेट मिल जायेंगी ।
    रूही अभय को एक नजर देख अपना सर हा में हिला दिए।  जिसे अभय आपने हाथो से रूही को दूध पिलाने लगा  । रूही आना दूध पी कर अजीब- अजीब फेस बनने लगी जिसे अभय उसके चेहरे को देखते हुए मुस्कुराने लगा।  फिर रूही अभय की गोद से उतरने लगी जिसे अभय उसको आपनी बाहों में उठा कर बोला।  वो सारी चॉकलेट आपको आपके कमरे में मिल जायेगी अब आपको आराम करना चाहिए  । ये बोल अभय रूही को उसके कमरे की तरफ ले जाने लगा ।
    रूही एक नजर आपने चॉकलेट को देख   अभय की तरफ देख बोली।  हब्बी आप कितने अच्छे हो i love u हब्बी।  ये बोल रूही  अभय की नजरो में मुस्कुराते हुए देखने लगी ।
    अभय  रूही की बात सुन उसको उसके कमरे में ले जा कर बेड में पर लेटा कर मुस्कुराते हुए उसको देख बोल i love u too मेरी जान आपकी मुस्कुरहाट हमे हमारा सुकून देती हैं । आपकी खुशी के लिए हम कुछ भी कर जाएंगे  ये बोल रूही को अच्छे से सुला कर उसके चेहरे को देखने लगा जहा रूही सो चुकी थी  । अभय रूही को बैलकेट से अच्छे से  डाक कर उसके चेहरे को देख  बोला । हम आपसे वादा करते है हमारी प्रॉसेस आपकी मासूमियत को हम हमेशा बचा कर रखेंगे । चाहे इसके लिए हमे कुछ भी करना पड़े । हम करेंगे  । हम नही जानते आज हमे इतनी बेचैनी क्यू हो रही है जैसे हम आपसे दूर जा रहे है पर हमारा आपसे वादा हमारी प्रिंसेस हम रहे या ना रहे  आपनी इस दुनिया से हमेशा प्रोटेक्ट करेंगे  ।
    ये बोल अभय  रूही के माथे पर किस कर   वहा से चला गया ।  और सीधा आपने विल से बाहर निकल कार में बैठ गया । जहा पर पहले से ही  बहुत सारे बॉडी गार्ड और अभय का एसिस्टेंड रवि मौजूद था  । अभय रवि को देख बोला। कहा पर लड़कियों को रखा गया   ।
    रवि -बॉस  mr डैकन ने लड़कियों को यूरोप भेजने के लिए    राइट एरिया के जंगल में रखा  गया  है वहा पर लगभाग 500लड़किया है । जहां पर डायन के बहुत सारे गार्ड और भरोसे मंद आदमी बावजूद है और शायद डाइकन भी ।
    अभय रवि की बात सुन अपना सर हा में हिला दिया फिर उनकी कार सीधे विल से बाहर निकल गई । जिसके पीछे पांच पांच कारे और  चल रही थी । जिसमे बहुत सारे गार्ड मावजुद थे ।




    वही दूसरी तरफ दिल्ली की सबसे बड़ी कंपनी के VR के 50फ्लोर के का माहोल बहुत ज्यादा खतरनाक था।   जहां पर  एक लड़का किसी राजा की तरह चेयर पर बैठा हुआ था।  जो दिखने में जितने ज्यादा हैंडसम नजर आ रहा था ।  उसे भी ज्यादा उसकी आंखे डरवानी नजर आ रही थी ।  जिसके आस  -  पास बहुत सारे बॉडीगार्ड खड़े   थे । उसी लड़के के सामने एक लड़का खून से लथपत जमीन पर पढ़ा हुआ  था । जिसके हार्ट साईड सात - सात गोलियां लगी हुई थी । उसी लड़के के साइड में एक  लड़की घुटनो के बाल बैठी हुई थी और बस एक टक उस खून से लथपत लड़के को देखे जा रही थी । उसको किसी चीज का होश नही था ।  तभी वो लड़की उस लड़के को देखते हुए उसके दिल साइड हाथ रख आपने आंखे बंद कर ली।  वैसे ही उसके आंखो से एक अंशु की बूंद निकली । उसके साथ ही वो लड़की एक ही झटके में आपनी आंखे खोल खड़े हो कर  पास में खड़े गार्ड के हाथो से गन झीन, आपने कनपटी में लगा कर उस राजा की तरह बैठे लड़के की तरफ देख गुस्से और आंस भरे आंखो के साथ  बोली।  मेरे प्यार की सिर्फ इतनी ही गलती थी की उसने मेरे साथ थोड़ा टाइम स्पीड करने के लिए आपसे एक छूटा सा झूठ बोल कर ,ऑफिस की छुट्टी कर ली ।  जिसके बदले में आपने उन्हें जान से मार दिया । आपको किसी की प्यार मोहब्बत की  फीलिंग की कदर नही है ना  mr राजपूत । आपका दिल में इश्क की लहरें नही दवड़ती ना, आपको प्यार से नफरत है ना, तो सुनिए अगर मेरा प्यार सच्चा था तो मैं आपके लिए एक  बदुआ मांगती हूं जो आपके लिए दुआ साबित होगा।   अगर मेरा प्यार सच्चा था तो हे   मेरे कान्हा  , इस आदमी ( आपनी उंगली से विनम्र की तरफ इशारा कर )  का दिल ही बदल देना । इसको मोहब्बत की ऐसा अक्स देखना जो इनकी नफरत दीवानगी बन जाए।  प्यार की एक  अंश इनके नाम करना की जुनून और दिवानगी किसी मासूम पर फिदा हो जाए।
    ये बोल वो लड़की गन से खुद को शूट कर दी । जिसके साथ वो भी उस जमीन में पड़े लड़के के ऊपर गिर गई ।

    जिसके साथ राजा की तरह बैठ वो इंसान डेविल स्माइल कर उन दोनो को देख बोला ।मोहब्बत ,मोहब्बत ,मोहब्बत जिसका नाम ही अधूरा है उस अधूरी चीजों का मेरी जिंदगी में कोई अंश नही।  मेरा दिल सिर्फ एक चीज के लिए धड़कता है वो है नफरत, नफरत ,नफरत  ।।

    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद!

  • 2. I am always with you - Chapter 2

    Words: 1084

    Estimated Reading Time: 7 min

    तभी उसके साइड में खडा एक लड़का  उस  राजा की तरह बैठे लड़के को देख थोड़ा डरते हुए बोला । बॉस आज आपको मुंबई जाना  है । अभी नव बजे की  आपकी फलाइट है । जहां मिस्टर मेहता के साथ आपकी इंपॉर्टेंट मीटिंग है।   ये बोल वो चुप हो गया । ये लड़का और कोई नही उस बेदिल इंसान यानि कि विनम्र का एक्सीसेटेंड   देव था ।

    आपने एसिस्टेन्ड  की बात सुन विनम्र उसको घूरने लगा।  जिसे देव अपना सर झुका  लिया  क्युकी विनम्र सभी को आपनी उसी आग उगती आंखो के साथ देखता । जिसका सामना करने की हिम्मत किसी में नहीं थी । देव जो उसका  पिछले पांच सालों से उसका एसिस्टेंड था । तो इन सारे चीजों की उसको  आदत हो गई थी । फिर  भी वह विनम्र की आंखो में देख नही सकता था उसमे इतनी हिम्मत नही थी ।
    विनम्र देव को देख वहा से चला गया । जिसके पीछे देव भी भागते हुए जाने लगा जिसके साथ ही उसके बॉडीगार्ड भी उसके पीछे पीछे जाने लगे । विनम्र उस बड़ी सी बिल्डिंग के  प्राइवेट लिफ्ट से निकल सीधा आपने कार के पास चला गया।  जहा पर ड्राइवर  विनम्र को देख जल्दी से पीछे साइड के कार का दरवाजा खोल दिया । जहा पर विनम्र फिर से किसी राजा की तरफ बैठ गया फिर ड्राइवर आपनी सीट पर बैठ गया जिसके साइड देव  बैठ कर एक नजर विनम्र को देखा जो आपनी आंख बंद कर सीट पर सर टिकाए राजा की तरह बैठा हुआ था ।  फिर उनकी गाड़ी एयर पोर्ट के लिए आगे बड़ गई । जिसके आगे पीछे पांच - पांच गाड़ियां और चल रही थी । जिसमे उसके बॉडी गार्ड बैठे हुए थे ।



    वही मुंबई के राइट एरिया के जंगल में बहुत ज्यादा गन चलने की आवाज आ रही थी । जैसे वह पर लग रहा था की बहुत बड़ी लड़ाई चल रही हो । तभी रवि जो वही  फेयरिंग कर रहा था । वो  जोरो से चिल्लाया बॉस ,,,,,,,,,,,,,,,,,
    जिसके साथ एक गोली सीधा  अभय के  पेट पर लगी।  जिसके साथ उस तरफ जहा से गोली चली थी उधर देखते हुए शूट कर नीचे जमीन पर गिर गया जिसके साथ रवि भागते हुए अभय के पास आ गया । और साथ ही साथ वह पर उसके बहुत सारे गार्ड भी आ गए  ।
    यह पर अभय उन 500 लड़कियों को बचाने के लिए आया हुआ था जिसको वहा  सही सलामत  सबको  वहा से निकल भी लिया था । पर लास्ट मूमेंट में डैकन को इस चीज की खबर पता चल गई  । जिसे वह आपने आदमियों के साथ आ कर फायरिंग स्टार्ट कर दिया ।  जिसको अभय और उसके गार्ड सभी को अच्छे से हैंडल भी कर लिया थे । पर डैकन जो यह सब  छुप कर देख रहा था वह पीछे से अभय पर शूट कर दिया  ।
    रवि अभय को देख जो अंध खुली आंखों के साथ उन सबको देख रहा था।  जिसे रवि चलते हुआ गार्ड को देख बोला। यहां खड़े हो कर क्या देख रहे हो जल्दी से खड़ी ला वो जिसे गार्ड जल्दी से भागते हुए गाड़ी को लाने चले गए । जिसके साथ अभय को गाड़ी में बैठा कर हॉस्पिटल की ओर ले जाने लगे।  जिसके पीछे उसके गार्ड की भी पांच - पांच गाड़ियां चल रही थी  । रवि एक नजर अभय को देख ड्राइवर को चिल्लाते हुए बोला गाड़ी फास्ट चलवा ईडियट ।
    लगभग एक घंटे के अंदर उनकी गाड़ी मुंबई के सबसे बड़े हॉस्पिटल  सिटी हॉस्पिटल के सामने जा कर रुकी   । इस चीज की खबर अभय के गार्ड हॉस्पिटल में कॉल करके पहले ही इन्फॉर्म कर दिया  थे जिसे उनके पहुंचते ही  अभय को जल्दी से  ऑपरेशन थियेटर के अंदर ले जाया गया ।



    वही  विनम्र की फ्लाइट मुंबई पहुंच चुकी थी । मुंबई के उनके पच्चास गार्ड उनको प्रोटेक्ट करने के लिया वहा पहुंच चुके थे ।  वो लोग एयरफोर्ट से निकल जैसे से बाहर जाने को हुए जाने को हुए अचानक विनम्र  आपने हार्ट साईड हाथ रख बेहोश हो कर सीधा  देव के ऊपर गिराने लगा।  जिसे देव विनम्र को देखते हुए उसको  सभलने लगा जिसमे गार्ड भी जल्दी से विनम्र को संभालने के लिए आगे बड़ गए जिसे देव गार्ड को देखते  चिल्लाते  हुए बोला देखा क्या रहे हो बॉस को हॉस्पिटल ले जाना है ।
    जिसके साथ  उसके  गार्ड जल्दी से विनम्र को प्रोटेक्ट करते हुए कार के पास ले कर विनम्र को संभालते हुए अंदर बैठा दिए । जिसके साइड में देव विनम्र को होश में लगे की कोशिश करते हुए उसको गालों को थपापने लगा।  फिर उनकी  कार फुल स्पीड के साथ सीधे वह से हॉस्पिटल के लिए निकल गई । जिसके आगे पीछे दस - दस गाड़ियों में में उनके गार्ड चल रहे थे।  लगभग तीस मिनट के अंदर उनकी कर सिटी हॉस्पिटल के बाहर रुकी । जहां पर डॉक्टर की टीम पहले से विनम्र के ट्रीटमेंट के लिए मावजूद  थी । जिसके साथ विनम्र को जल्दी से अन्दर वीआईपी रूम में ले जाया गया ।

    वही ओटीपी से डॉक्टर बाहर निकल  देव और उनके  गार्ड को देखते हुए अपना सर झुका कर।  I am sorry  हमने mr अभय के पेट से गोली तो निकल दी।  पर  उनके पास ज्यादा टाइम नही है उनको होश आ गया । आप उनसे मिल सकते है।   ये बोल डॉक्टर वह से चले गए जिसके साथ रवि के साथ ही साथ  पूरे गार्ड के आंखो से अंशु निकलने लगे रवि जल्दी से  ओटीपी के अंदर चला गया ।


    वही  vip रूम के बाहर डॉक्टर बाहर निकल देव को देखते हुए बोला।   मिस्टर विनम्र के हार्ट में छेद है  और इस बात की खबर उनको पहले से थी हमने उनको पहले भी बोल दिया था उनके पास ज्यादा टाइम नही है ।  और उनके बॉडी  कोई भी हार्ट एक्सेप्ट नही कर पाती।  जिसे हम हार्ट ट्रांसफर नहीं कर सकते उनके लिए एक ऐसा हार्ट चाहिए जो उनकी बॉडी को एक्सेप्ट कर  ले । यानिकि उनके फैमिली मेंबर में से हार्ट ट्रांसफर हो सकता है । वरना हम उनको नही बच्च सकते ।

    ये बोल डॉक्टर वह से चले गए । देव  डॉक्टर की बात सुन पूरी तरह शौक हो गया । उसको इस चीज की खबर नहीं थी की उसके बॉस के दिल में छेद है । और अब  वो कुछ ही देर के  मेहमान है ये सोच उसके आंखो में अंशु आने लगे ।  क्युकी विनम्र जैसा भी है उसकी वजह से ही आज देव जिंदा है ।   वरना वो पिछले पांच साल पहले ही  सुसाइड करके मार चुका होता ।


    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद!

  • 3. I am always with you - Chapter 3

    Words: 1736

    Estimated Reading Time: 11 min

    रवि  ओटीपी के अंदर चला गया  जहां पर अभय  बेड पर मशीनों से घिरा लेटा हुआ था ।  उसकी आंखे बंद थी और मुंह पर मास्क लगा हुआ था  वो  आपने बॉस की ऐसी हालत देख पूरी तरह उसके आंखो से अंशु बहाने लगे वो आपने बॉस के पास जा कर उनको देखते हुए उसके साइड में खडा हो गया  ।
    वही जब अभय को ऐहसास हुआ कोई उसके पास खड़ा है वह धीरे से आपनी आंखे खोलते हुए सामने की तरफ देखने  लगा । जहां  पर रवि उसको आपनी अंशु भारी आंखो से देख रहा था  ।
    अभय उसको देख आपने दर्द भरे चेहरे हल्का सा मुस्कुरा दिया । जिसे रवि थोड़ा झूठा गुस्सा  करते  बोला ।  आप हमे छोड़ा कर जाने के बारे कैसे सोच सकते हुए  क्या मैं आपको ज्यादा परेशान करता हूं । या आपकी डॉल आपको ज्यादा परेशान करती है जो आप हमे छोड़ कर जाने के बारे में सोच रहें हो । अब आप ये मत  बोलना आप मेरे बॉस हो मैं आपका एक्सिस्टेंड ,   हुकुम चलाना अपना काम है मेरा नही  । तो मैं आपको बता ।  दू इस बार मैं आपकी कोई बात नही सुनने वाला । बल्कि आपको मेरी बात माननी होगी।  आप हम सबको छोड़ा कर कही नही जा सकते समझे आप आपने हमे अपना सहारा दिया।   कहा हम लोग  चोरी करके दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पाते थे । आपने  फरिश्ता बना आज  हमे ऐसो आराम की जिंदगी दी है । तो आप हमे   छोड़ा कर जाने के बारे में कैसे सोच सकते हो । आप  हमारे परिवार मां बाप सब कुछ हो हमारे भगवान हो आप ।   हम सब आपने भगवान को खोना नही चाहते हमे छोड़ कर मत जा वो बॉस प्लीज बॉस  । हम आपके टुकड़ों पर पलने वाले आपके सामने भीख मांगते है हमसे हमारा परिवार हमारे मां बाप मत छीनो बॉस । आपके सिवा हमारा इस दुनिया में कोई नही है वो भगवान भी आपके सामने छोटा है ।  प्लीज बॉस हमे छोड़ा कर मत जा वो । रवि  अभय का हाथ पकड़ा पूरे बच्चे  की तरह रोते हुए बोलने लगा ।  जिसके साथ ही साथ अभय की आंखो से भी अंशु आने लगे।    वो रवि को देखते थोड़ी सी मुस्कान के साथ बोलने लगा  रवि रोना बंद करो पहले देखो मैं कहां जा रहा हु तुमारे सामने ही हूं ।   रवि  अभय की  बात  सुन आपने अंशु पोंछ अभय की तरफ देखने लगा। जिसे अभय मुस्कुराते हुए आगे बोलने लगा  ।

    रवि आपने बॉस की बात मानोगे ना  ?
    रवि  उन्ही अंशु भारी आंखो अपना सर है में हिलते  हुए बोलने लगा  yes बॉस मैं आपका हर ऑडर फॉलो करूंगा बस आप हमे छोड़ कर मत जा वो।
    अभय रवि की बात  सुन उसको देखते आगे बोलने लगा । अपना और बाकी सभी गार्ड का खयाल रखना  । मेरा बिजनेस जो मेरे प्रिंसेस के नाम पर है उसको तुम  सभालना ।  और मेरी जान मेरी डॉल   उसका खयाल रखना वो बहुत   मासूम है।  उसको संभाल लेना । मैं जल्द ही लौटूंगा आपनी डॉल आपनी जान की हिफजत के लिए   ।    ये बोलने हुए अभय की सांसे उखड़ने लगी ।  जिसे  रवि घबराते हुए बोलने लगा नही नही बॉस मैं नही संभाल सकता सब कुछ ।आप  कही नही जावोगे आपको आपकी डॉल की कसम बॉस आप कही नही जावोगे ।
    अभय उसको देख आपनी उखदाती सांसों के साथ बोलने लगा  मैं मैं ,,,,कही नही जा रहा,,,,,,,, हूं रवि   । जब तक मेरी जान ,,,,,,,,को मेहफूज और,,,,,,,,, मोहब्बत की पनाह में नही सोफ देता  तब तक,,,,,,,,,,, मेरी ,,,,,,,,,,रूह  को सुकून नहीं मिलेगा  । मेरी ,,,,,,,,,जान का तब तक खयाल रख लेना रवि । ये बोलते हुए अभय का हाथ   रवि के हाथो छूट गया।  और उसके साथ ही अभय की  आंखे बंद हो गई।
    रवि अभय को देख रोते हुए बोलने लगा बॉस बॉस उठो न बॉस प्लीज बॉस ।   मैं नही कर पाऊंगा उठो न बॉस 
    तभी  ओटीपी के अंदर डॉक्टर और अभय के गार्ड अंदर आ गए ।  अभय के गार्ड के आंखो पूरी तरह अंशु थे वो  वो लोग रवि  को अभय से अलग कर उसको संभालने लगे  ।
    डॉक्टर एक बार अभय को चेक कर  उन लोगो को देखते हुए बोला ।  mr abhay no longer in this world ।
    जिसके साथ गार्ड आपने  आंखो  लिए   अंशु  लिए रवि को ओटीपी से बाहर ले कर आए ।
    डॉक्टर अभय का डेथ केयर के साथ उसके मेडीकल रिपोर्ट देखने लगा  जिसके साथ पूरी तरह शौक होने लगे  क्युकी अभय का मेडिकल रिपोर्ट  90% विनम्र की रिपोर्ट से मैच हो रहा था ।  डॉक्टर उन रिपोर्ट देखते हुए पूरी तरह शौक हो गए थे वो नर्स को ऑर्डर देते हुए बोला mr का फाइल लाना go fast ।
    जिसे एक नर्स विनम्र की फाइल लाने चली गए ।
    जिसे डॉक्टर कुछ ही देर में दोनो फाइल को चेक करते हुए खुद से शौक हो कर बोलने लगे  ये कैसे पॉसिबल हो सकता है    एशिया के दो बिजनेस किंग जो एक दूसरे के जान के दुश्मन है उनकी मेडिकल रिपोर्ट पूरे तरह मैच कैसे हो सकता है।  ये तो तभी पॉसिबल है जब खून  का रिश्ता हो इन दोनो का मेडिकल रिपोर्ट तो ये पूरे तरह बता रहा है की ये दोनो भाई हो सकते है  । no, no, no ये दोनो भाई ही है इतना पॉसिबल सिर्फ खून के रिश्तों में होता है  ।
    डॉक्टर उन नर्स वार्ड बॉय को देखते हुए बोला mr विनम्र के ऑपरेशन की त्यारी करो  go fast ,,,,,,,,,,,,
    ऑपरेशन थियेटर के अंदर  डॉक्टर आपनी जान हथेली में रख कर विनम्र का ऑपरेशन कर रहे थे  । क्योंकि  अगर उनसे गलती से भी गलती हुई तो उसकी जान जा सकती है और देव ने इनको डैरेक्ट  जान से मरने की धमकी दी   ।की अगर विनम्र को कुछ हुआ तो वो उसके साथ ही साथ इस हॉस्पिटल को भी बरबाद कर देगा  ।

    फाइनली पूरे पांच घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ओटीपी से बाहर निकले उनके बॉडी पर पूरे तरह पसीने आए हुए थे ।  उनके चेहरे से थकवाड़ पूरी तरह नजर आ रही थी। डॉक्टर को  देख देव जल्दी उनके पास जा कर डैरेक्ट धमकी देते हुए बोलने लगा ।
    देव -  तेरे कुछ बोलने से पहले अपुन तेरे को बता देता है अगर तूने कोई  बेड न्यूज दी तो  तो सोच लेना  । तेरा दिल  अभी यही पर निकल कुत्ता को खिला दूंगा ।  इस लिए जो बोलना है सोच समझा कर बोलना ।

    डॉक्टर देव की बात सुन बुरी तरह डर गए । फिर  भी वह खुद के चेहरे से पसीने पूछते हुए बोलने लगें ।  Mr विनम्र का ऑपरेशन सेक्सेस फुल रहा  है ।   पर ,,,,,,,,
    देव डॉक्टर की बात सुन एक पल के लिए पूरी तरह  खुश हो गया था पर उसके पर सुन कर उसकी खुशी एक पल में गायब हो गया । वो डॉक्टर को देखते हुए आपने कड़क आवाज के साथ बोला ।
    पर । पर क्या ?
    डॉक्टर  डरते हुए हिम्मत कर बोलने लगे  । ऑपरेशन सक्सेस फुल रहा ।  पर, अगर उनको अगले २४घंटे के अंदर होश नही आया ।तो ।
    देव  डॉक्टर की बात को बीच में कटते हुए  । तो । तो क्या ?
    डॉक्टर देव के इस तरह बोलने से डर गए वो आगे बोलने लगे । आप फिक्र मत करिए हमे पूरा विश्वाश है उनको अगले २४घाटे के अंदर होश आ जायेगा ।बस उनकी बॉडी  mr अभय के हार्ट को एक्सेप्ट कर ले फिर उनको कुछ नही हो सकता ।   हमे पूरा यकीन है उनकी  बॉडी हार्ट को जरूर एक्सेप्ट करेगा।
    देव डॉक्टर की बात सुन उनको घूरते हुए बोलने लगें ।
    यही तुम्हारे लिए ठीक होगा डॉक्टर ।

    डॉक्टर देव की बात सुन अपना सर हा में हिला कर वहां से चले गए। और अपने केबिन में आ कर जैसे ही रिलेक्स होने वाले थे ।  तभी केबिन में रवि अंदर आते हुए बोलने लगा  । डॉक्टर क्या अब हम बॉस को घर ले जा सकते है आप पिछले पांच घंटे से उनका डेथ केयर कर रहे  है ।  ऐसे भी क्या कर रहे थे  की ।आप लोग जब  बॉस के  जिंदा रहते  उनके  ट्रिटमेंट करने में इतना  टाइम नही लगा। तो  वो अब उनके नही रहने में इतना टाइम लगा रहे है ।
    डॉक्टर   रवि को देख  पूरी तरह घबरा गए । पर जैसे ही रवि का सवाल सुने  उसके माथे से पसीने टपकाने लगे।  क्युकी उन्होंने आपनी जान बचने के लिए आपनी जान को ही दाव में लगाया था । उन्होंने रवि या किसी को बिना इन्फोम किए अभय का हार्ट  विनम्र में ट्रांसफर किए थे ।  अगर वो ऐसा नहीं करते तो  विनम्र की मौत हो जाती । और देव ने इनको बहुत बड़ी धमकी दी थी की कही से भी हार्ट ला कर उनके बॉस में ट्रासफर किया जाए । चाहे वो जिंदा हो या मुर्दा ।
    डॉक्टर आपने  चेहरे के पसीने, को   पोंछ खुद को नॉर्मल करते हुए  । Yeah mr रवि आप mr अभय की बॉडी यहां से ले जा सकते है । उनके डेथ केयर में थोड़ा ज्यादा टाइम लग  गया । उसके लिए आई एम सॉरी  ।
    रवि उनकी बात सुन वह से चला गया ।
    डॉक्टर रवि के जाने के बाद  चैन की सांस लेते हुए बाथरूम में चले गए ।

      अभय का विल ।
    अभय की डेथ बॉडी  घर  के हॉल में बीचों बीच रखी गई थी । रवि के साथ  सभी गार्ड के आंखो अंशु थे । वहां पर काम करने वाले सारे सर्वेंट भी पूरी तरह रो रहे थे । आखिर अभय इतना अच्छा जो था  ।  वो  एक बिजनेस मैन के साथ माफिया होने के बावजूद भी कभी किसी चीज का घमंड नहीं क्रिया  । उसका नेचर सभी के साथ इतना अच्छा था की वह के सर्वेंट से बॉडी गार्ड  को कभी भी किसी के  नौकर होने  का कभी आभाष ही नहीं  हुआ।  बल्कि  वो लोग  अभय को अपना परिवार अपना  सबकुछ मानते थे । अभय उन लोगो के लिए भगवान से कम नहीं था ।
    तभी उन लोगो की नजर सीडियो से नीचे आते रूही पर पड़ी जो आपने हाथो में एक टेडी बियर पकड़े उसे बाते करते हुए नीचे आ रही थी  ।  उसको किसी चीज का होश नही था ।   तभी उसकी नज़र    हॉल में  खड़े लोगो पर पड़ी जिनके आंखो में अंशु थे । वो उन सब को देखते हुए उन लोगो के पास आते हुए बोली।  रवि भैया क्या हुआ?  आपको किसी ने मारा ।  आप क्यू रो रहे हो ?

    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद!



    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद!

  • 4. I am always with you - Chapter 4

    Words: 2059

    Estimated Reading Time: 13 min

    रूही का सवाल सुन खुद के इमोशन को कंट्रोल नही कर पाया  और उसके आंखो से  अंशु और भी ज्यादा बहाने लगे ।  जिसे वो एक नजर रूही को देख रोते हुए वह से बाहर चला गया ।  उसको इस वक्त रूही को संभालना था।  पर वो खुद इतना कमजोर था की   वो रूही को क्या ही बताए ।
    रूही रवि को जाते हुए अजीब नजरो से देखने लगी ।  उसको समझ नही आ रहा था की रवि को क्या हुआ वो ऐसे रोते हुए कहां चला गया । रूही एक नजर सभी गार्ड और सर्वेंट को देखने  लगी  जिनके आंखो में अंशु थे।  वो लोग एक नजर रूही को देखते तो एक नज़र नीचे  देखते जिसको रूही समझा नहीं पा रही थी । रूही उनकी नजरो का पीछा करते हुए जमीन में देखने लगी जहां पर सफेद चादर से ढका  हुआ अभय की लाश रखी गई थी।  उसका फेस पूरी तरफ चादर से ढका हुआ था । जिसे उसका चेहरे नजर नहीं आ रहा था रूही अभय की लाश को देखते हुए वहां पर जा कर जमीन पर बैठा आपने टेडी बीयर को साइड में रख  , आपने नाजुक हाथो से उस चादर को खींचने लगी ।   जिसके  साथ अभय का फेस धीरे  - धीरे दिखने लगा।  अब अभय का फेस पूरी तरह रूही के सामने था वो असमंजस नजरो से अभय को देखने लगी।  जिसके साथ अभय को देखते हुए बोली। हब्बी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

    जिसके साथ इधर हॉस्पिटल में बेहोश विनम्र जो पिछले पांच घंटे से बेहोश  था । वो एक झटके से आपनी आंखे खोल दिया उसके साथ उसका दिल जोरो से धड़कने लगा।  साथ ही साथ उसके कानो में एक प्यारी आवाज गूंजने लगी हब्बी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
    जिसके साथ विनम्र पूरी तरह बेचैन होने लगा  । उसका हार्ट रेट पूरी तरह बड़ने लगा जिसे वो लेट हुए भी टेबल की साइड में आपने हाथ पहुंचने लगा।  जिसे वहां पर रखे सामान  नीचे जमीन पर गिर गए ।   जिसे  रूम के बाहर खड़े बॉडी गार्ड और देव  आवाज सुन जल्दी से  विनम्र के रूम में आ गए।  देव विनम्र को होश में देख खुश हो गया पर मशीन में उसके बड़ते हार्ट रेट देख घबरा गया  और जल्दी से चिल्लाते हुए बोला जल्दी डॉक्टर को बुलाओ।  जिसे उसके बॉडी गार्ड   बाहर निकल जल्दी से डॉक्टर को बुलाने के किए चले गए ।देव जल्दी से विनम्र के पास जा कर उसको देखते हुए बोला।  बॉस ,बॉस प्लेज ,,, प्लेज कॉम डाउन ।
    आपने आप को शांत करने की कोशिश कीजिए ,,,,,

    तभी  रूम का दरवाजा खुला और डॉक्टर की  पूरी टीम भागते हुए रूम के अंदर आ गई  । जिसे देव उनको गुस्से से देखते हुए बोला ।  जल्दी से बॉस को चेक करो  ।
    जिसे डॉक्टर की पूरी टीम अपना सर है में हिला कर  विनम्र के ट्रीटमेंट में लग गए उन्होंने जल्दी से विनम्र को इंजेक्शन  दिया  जिसे विनम्र धीरे - धीरे शांत होते हुए उसकी आंख बंद हो गई  ।

    जिसे  देव डॉक्टर के कॉलर पकड़   गुस्से से चिलाते हुए बोला ।  ये तुम लोगो ने क्या किया ? बॉस  की आंखे कैसे बंद हो गई? क्या किया तुम लोगो ने ? अगर बॉस को कुछ हुआ तो समझा जाना तुम लोगो के साथ इस हॉस्पिटल को नर्क के दर्शन करने पड़ेंगे ।

    डॉक्टर देव की  बात सुन पूरी तरह डर गए ।   वो लोग डरते हुए बोलने लगे ।  mr देव , mr विनम्र को कुछ ,,,,,,,,,,,,, कुछ नही हुआ है।  उनका हार्ट  उनके  बॉडी  को एक्सेपेट कर चुका है   ।  इस लिए उनके हार्ट रेट बड़ गए थे । जिसे मेंटेनाइड करने के लिए हमने उनको उनकी इंजेक्शन दिए साथ ही उनको आराम की जरूरत है इस लिए नीद के इंजेक्शन  भी दिए गए है।  आप फिक्र मत कीजिए कुछ घंटों में उनकी होश आ जायेगा ।
    डॉक्टर की बात सुन देव शांत होते हुए उनके कॉलर छोड़ दिया । जिसके साथ डॉक्टर की टीम वह से चले गए और कुछ स्पेशल नर्स की टीम वह पर आ गई ।
    देव भी विनम्र को एक नजर देखते हुए रूम के बाहर चला गया।  क्योंकि इस वक्त विनम्र को आराम की जरूरत थी।


    वही रूही अभय को देखते हुए बोलने लगी हब्बी।  हब्बी उठो न ।  आप यहां कैसे सो गए  ,ये Bad मेनेश है  ।
    उठाए हब्बी   ।  हब्बी  चलो ना आपको मेरे साथ  खेलना है ।   उठाए न हब्बी ,,,
    ये बोलते हुए रूही अभय को कंधे से हिलाने लगी ।
    सारे बॉडी गार्ड और सर्वेंट रूही की बाते सुन  उनके आंख से अंशु ज्यादा बहाने लगे ।  तभी रवि खुद को संभाल कर जैसे ही अंदर आया ।  रूही की बात  सुन  उसके आंखो से और अंशु आने लगे ।  फिर भी वह आपने अंशु पोंछ रूही के पास जा कर उसको देखते हुए बोला ।
    रूही मैम अभय ,,, अभय सर अब कभी नही उठेंगे ।
    रूही रवि की बात सुन  उसके  तरफ देखते हुए सवाल करने लगी।  क्यू नही उठेंगे ?क्या हब्बी मुझे  से कटी हो गए ?  पर उन्होंने बोला था वो मुझेसे कभी कटी नही होते  ,,,,
    देखना आप रवि भैया हब्बी अभी आपने रूह के साथ  खेलेंगे  ।  ये बोल रूही अभय को देखते हुए बोलने लगी।  उठो न हब्बी चलो ना खेलते है ।  देखो ना रवि भैया क्या बोल है की आप रूह से कटी हो गए । और आप कभी नही उठोगे । आप न जल्दी से उठा जावो फिर रवि भैया को खुब डटना ।

    रूही की बात सुन वहां खड़े सभी लोगो के आंखो से अंशु आने लगे ।   रवि खुद के इमोसन को कंट्रोल कर रूही को आपने गले से लगा कर बोला ।
    रवि - मैम बॉस अब इस दुनिया में नही रहे । वो भगवान जी के पास चले गए  हैं।
    रूही असमंजस से रवि के गले उसके बातो को  सुन कर सवाल करते हुए बोली ।  पर रवि भैया हब्बी तो यहां सोए हुए है । इनको बोलो ना उठा जाए?  फिर भगवान जी के पास जायेंगे ।
    रवि को अब समझा नही आ रहा था को रूही को अब क्या समझाए ।  इस लिए वहां पर काम करने वाली ६०साल की मेड जो वहां काम करने वाली सभी मेड की हेड थी।  उसको भुला कर रूही को संभालने के लिए बोल कुछ गार्ड के साथ अभय का अंतिम संस्कार करने के लिए चले गए ।  जो की अभय की फैमिली  में कोई था नही । ये लोग  ही अभय की  फैमिली थे ।
      इस लिए सभी गार्ड मिल कर अभय का अच्छे से अंतिम संस्कार कर दिए ।
    शाम को रूही को खाना खिलाने के लिए  सब बहुत परेशान थे । क्योंकि रूही की आदत थी वो हमेशा अभय के हाथो से खाना खाती।   सभी लोग उसको बहुत मानने की कोशिश कर रहे थे वो खाना खा ले । पर उसकी एक ही जिद्द थी की को आपने हब्बी के हाथो से ही खाना खायेगी । सभी  के बहुत मानने पर भी उसने खाना नही खाया । और आपने कमरे में चली गई।   सभी का मन भी उदास था ।  इस किए सभी लोग बिना खाए सोने के लिए चले गए ।  रवि अभय की फोटो जो दीवाल पर लगी हुई थी । जिस पर फूल के माला चढ़ाया गया था । उसको देखते हुए अपनी अंशी भरी आंखों के साथ बोलने लगा।  बॉस देख रहे है ना आप , रूही   मैम को हम सब कैसे सभालेंगे ।   उन्होंने आज पहली बार हम सबके बहुत कोशिश करने के बाद भी खाना नही खाया ।  कैसे सभालु बॉस मैं उनको ,वो इतनी मासूम है ।  आप कभी उपास नही आ सकते ,ये समझने को त्यार  ही नही है । वो जिद्द करती है उन्हे आपके पास जाना है भगवान जी के घर जाना है कैसे समझाऊं मैं उनको   बॉस कैसे ?
    प्लेज बॉस लौट आवो।  प्लेज आपकी रूह को आपकी जरूरत है आपकी जान ने खाना नही खाया बॉस । प्लेज लौट आवो ।


    उधर हॉस्पिटल में विनम्र जो गहरी नींद में सोया हुआ था।  उसके माथे पर पसीने आने लगे । उसका दिल जोरो से धड़कने लगा । जिसे वो झटके के साथ आपनी आंखे खोल दिया उसका दिल बहुत बेचैन हो रहा था । वो आपने दिल में हाथ रख खुद की धड़कन महसूस करने लगा।  जो जोरो से धड़क रहा था तभी उसके रूम के अंदर डॉक्टर के साथ रवि अंदर आया । और विनम्र को होश में देख उसके पास जा कर उसको  ग्रीट करते हुए बोलने लगा ।
    Good evening किंग  । अब आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
    जिसके साथ विनम्र उसको एक नजर देख आपनी पलके झपका दिया । जिसके साथ देव आगे बोलने लगा  । बॉस आप  फिकर मत कीजिए  मैं ने इस डॉक्टर को अच्छे से समझा दिया।  की ये आपको जल्दी से ठीक करे वरना ये खुद उठाने लायक नही रहेगा । ये बोल देव डॉक्टर को देखने लगा जिसके साथ डॉक्टर के चेहरे से पसीने आने लगे ।
    देव विनम्र को देखते हुए आगे बोलने लगा।   बॉस मैं ने      ऑफिस का काम अच्छे से हैंडल कर लिया  है । आप उसकी फिकर मत कीजिए आप जल्दी से ठीक हो जाए  । फिर आप  आपने ऑफिस का काम सभलिएगा ।
    विनम्र देव की बात सुन   उसके तरफ  साथ आपनी आईबो ऊपर करके घूरने लगा।  जिसे देव गड़बड़ा गया और डरते हुए आपने सर नीचे कर बोलने लगा सो,,,,, सॉरी बॉस मेरा ,,,,, मेरा मतलब है की आप जल्दी ठीक हो जाए ।
    विनम्र एक नजर देव को गुस्से से घूर डॉक्टर को आपने पहले जैसी कड़क आवाज के साथ सवाल  किया ।
    मेरे हार्ट में कौन सा ऑपरेशन किया है तुमने?
    डॉक्टर और देव अभय का सवाल सुन घबराने लगे डॉक्टर के चेहरे पर पूरी तरह पसीने टपकाने लगे वो एक नजर देव को देखने लगा । जो  उसको आंखो  से ही आंखो में  कुछ गुस्से से बोल रहा था ।
    विनम्र एक टक डॉक्टर को देख रहा था और उसके नजरो का पीछा करते हुए देव को देखने लगा ।  देव खुद पर विनम्र की नजर मेहसूस कर आपनी नजरे झुका लिए।  जिसके साथ डॉक्टर आपनी घबराहट दबाते हुए थोड़ा डरते हुए बोलने लगे ।
    Mr विनम्र हमने आपके हार्ट की सर्जरी किया है । जो की आपके दिल में छेद था वो  ठीक नहीं हो सकता था पर इस बार कंडीशन ऐसा था की  आपके जान को दोनो तरफ से खतरा था ।  अगर हम ऑप्शन न भी करते तो भी आपनी जान जाती और ऑप्शन करते तो वन प्रेसेंट चांस थे की आपकी जान बच सकती है।  इस लिए हमने वन प्रेसेंट चांस से आपका ऑपरेशन किया जो सक्सेस फुल रहा ।
    ये बोल डॉक्टर आपने माथे पर आए पसीने को पोछने लगा ।
    डॉक्टर की बात सुन विनम्र एक नजर देव को देख डॉक्टर को घूरते हुए आपने सक्त लहजे में बोला । विनम्र राजपूत  नाम  है मेरा ।  किंग ऑफ था एशिया  ।  किसी की धोखे की क्या  सजा दी जाती है वो मुझे तुम्हे बताना न पड़े  ।


    विनम्र की बात सुन डॉक्टर के साथ देव भी घबराते लगा।  जिसे देव डॉक्टर को देख बात संभालते हुए बोलने लगा।  किंग आप का ऑपरेशन हुए एक दिन हुए है ।  आप आराम कीजिए ।
    ये बोल देव जल्दी से अपना  सर झुका लिया क्युकी विनम्र   उसके  बात सुन आपनी  ठंडी आंखो से उसको घूर रहा था ।

    विनम्र डॉक्टर को देखते हुए आगे बोलने लगा ।
    तू ने ऑपरेशन में कोई गलती तो नही किया है ना ?
    डॉक्टर विनम्र के सवाल सुन डरते हुए बोलने लगे ।
    जी,,,,, जी नही mr विनम्र हमने कोई गलती नहीं की है ।

    विनम्र -तो फिर मेरा दिल इतना जोरो से क्यों धड़क रहा  है ।   और उतने अजीब - अजीब इमोशन क्यों  हो रहा है।  मुझे ऐसा क्यों  लगता है जैसे कोई मुझे दिल से पुकार रहा है । किसी आवाज मेरे दिल से क्यों आता  है ।जैसे कोई मुझे हब्बी जैसे नाम से पुकार रहा हो ।
    विनम्र की बात सुन डॉक्टर और देव एक दूसरे का चेहरा देखने लगे।  क्योंकि वो लोग  जानते थे विनम्र के साथ ऐसा क्यों हो रहा है ।
    विनम्र  डॉक्टर को देख गुस्से से बोला।  तू बार बार इस इडियट की तरफ क्यों देखता है।  मेरे तरफ देख कर बोल ।
    डॉक्टर -  घबराते हुए  i am sorry Mr विनम्र ।  ये सारी फीलिंग आपकी इस लिए हो रहा है क्योंकि आपका अभी अभी ऑपरेशन हुआ  है । इसको ठीक होने में थोड़ा टाइम लगेगा ।


    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद!



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  • 5. I am always with you - Chapter 5

    Words: 2221

    Estimated Reading Time: 14 min

    डॉक्टर के बात सुन विनम्र उसको अब भी आपने शक भरी नजरो से देख रहा था ।  जिसे डॉक्टर  आपनी घबराहट को दबाते हुए बोले । mr विनम्र अब आपको आराम करना चाहिए । आपको कुछ ही दिनों में डिसचार्ज मिल जाएगा।  ये बोल डॉक्टर जल्दी से उस रूम से बाहर निकल गया ।  विनम्र एक नजर दरवाजे की तरफ देख देव की तरफ  घूरने लगा । जिसे देव हड़बड़ाते हुए बोलने लगा। बॉस,,,,,,,,,, बॉस अब आपको,,,,,,,, आराम करना चाहिए । मैं ,,,,,,,,मैं  थोड़ी देर में आता हूं।  इतना बोल देव वहां से नव दो ग्यारह हो गया ।

    विनम्र  देव के जाने के बाद दरवाजे की तरफ घूरते हुए बोला ।  कुछ तो ऐसे बात है जो मुझसे छुपाया जा रहा है  ।  जहां तक मुझे पता है मेरे हार्ट का ट्रीटमेंट पॉसिबल नही था ।  तो मैं बच कैसे गया ? क्या कुछ ऐसा है जो सही नही है ? ooo गॉड ,,,,,,,,,
    फिर आचनक से शौक हो कर ये ,,,,,,,,,,,ये मैं ,,,,,मैने क्या क्या बोला ।  " गॉड "  मेरे लाइफ में तो भगवान का तो कोई वजूद ही नही है । तो कैसे मैं उनका नाम ले सकता हूं  और ये   आवाज तो मेरे दिल से आया है ।
    आ,,,,,,,,,
    ये कैसा ऑपरेशन है की मेरे फीलिंग ही चेंज हो रहा  । मुझे गुस्सा क्यों नही आ रहा  । मै इतना शांत कैसे हो सकता हूं।
    अभी तक मैं इस कंडीशन में  उस डॉक्टर और देव का जान ले लेता ।  पर मुझे गुस्सा क्यों नही आ रहा ?  ooooo उफ्फ,,,,,,,,,,,
      फिर उस डॉक्टर की बात याद करते हुए ।
    रिलेक्स विनम्र, रिलेक्स  ,ये सिर्फ कुछ टाइम के लिए  हुआ । जो की तू अभी बीमार है इस लिए ऐसा हो रहा है ।  एक  बार तू ठीक हो जा फिर ये पूरे दुनिया देखेगा द माफिया किंग का खौफ ये बोल विनम्र डेविल स्माइल करने लगा ।

    वही दूसरे तरफ अभय के विल में । रूही आपने घुटनो में मुंह छुपाए,  बिस्तर पर बैठ रो रही थी । उसकी सी,,,,,,,, सिकियो की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी ।  वो रोते हुए बोलने लगी  ।कटी ,,,,,कटी हब्बी कटी ,हम ,,,हम आपसे गुस्सा   है  । आप हमे छोड़ कर अकेले ,,,,,,,भगवान जी के पास चले गए   ।  हमे बताया भी नहीं ,,,,,,,हम आपसे गुस्सा है।  जब आप  आयेंगे आपकी ,,,,रूह आपसे बात नही करेगी हम कभी आपसे बात  नही   करेंगे     । कटी  आ,,,,,,,कटी कटी  आ,,,,,
    फिर रूही अचानक से रोना बंद कर आपने आंखो से अंशु पोंछ  । आपने कमरे की बालकनी के पास जा कर ऊपर आसमान की तरफ देखते हुए  ।  हमने,,,,,, हमने ताई मां से ,,,,,,से सुना है । जो,,,, भगवान जी  की पास जाते है । वो स्टार बन ,,,, कर  देखते है ।  आप हमे,,,,,, देख रहे ,,,हो ना हब्बी  । आप कौनसे वाले स्टार हो,,,,,, हब्बी   ये बोल रूही आपने टूटी में उंगली रख आसमान की तरफ देखने लगी । तभी एक तारा जो सबसे ज्यादा चमक रहा था ।  उसको देख आपने  उंगलियों से इशार करते हुए बोलने लगी ।  वो रहे आप  मैं ने आपको इतने सारे स्टार में ढूंढ लिया ।  देखो हब्बी आपकी रूही ने आपको ढूंढा लिया  । ये बोल रूही खुश होते हुए आपने हाथो से  तली बजाने लगी ।
    फिर उस तारे को देखते हुए आपने रुद्धे गले के साथ  बोलने लगी ।  हब्बी प्लेज आ,,,,, जा वो न  ,,,,,ना सच्ची आपकी रूही,, आपसे गुस्सा नही है । हम तो गुड गर्ल है  ना ।  हम तो किसी से कटी नही होते । वो तो बस हमे थोड़ू सा बस थोडू सा गुस्सा आया । इस लिए बोल दिया ।   हम उसके लिए आपसे माफी मांगते है । आपनी रूही को माफ कर दो हब्बी   । प्लेज आ जा वो न  हमे आपके बिना नींद नहीं आती हमने खाना भी नहीं खाया  ।  हम आपको बहुत मिस कर रहे है हब्बी ।  हम आपसे पिंकी प्रोमेश करते है । अब हम आपको  कभी परेशान नही करेंगे  । एक अच्छी गुड गर्ल बन कर आपकी सारी बाते मानेंगे   ।  बस आप भगवान जी के घर न रहो   ।
    आई  मिस  यू हब्बी ।   i Miss you ।
    ये  बोल रोते   हुए रूही असमान को देखते हुए बालकानी में नीचे  बैठ सो गई  । उसके गालों में अंशु के निशान थे  ।

    तभी वो तारा जिसे रूही देख कर बात कर रही थी  । वो टूट कर नीचे गिराने लगा  और वहां से  एक आकृति उभरने लगी ।  जो पूरे तरह वाइट कपड़ो में था । वो आकृति अभय का  रूह की था ।  जो  रूही की  सारी बाते सुन रहा था । वो रूही के पास आ उसको  देख छूने के लिए जैसे ही हाथ बड़ाया वो छू न सका  । जिसके साथ अभय की रूह के आंखो से  अंशु आने लगे ।  वो कुछ देर रूही को देख । फिर से  वो स्टार बन नीचे गिराने लगा वो सीधा हॉस्पिटल में विनम्र के  रूम के ऊपर गिरा  । जिसके साथ विनम्र अचानक से आंखे खोल दिया वो आपने जोरो से धड़कते दिल को शांत करके की कोशिश करने लगा ।  तभी उसको मेहसूस हुआ की उसके चेहरे पर कुछ द्रव जैसा है  । जब वो उसे आपने हाथो से साफ किया तो वो देख कर पूरे  तरह हैरान रह गया ।  उसके आंखो से अंशु निकल रहे थे ।  वो रो रहा था  दा माफिया किंग जो पूरी दुनिया में राज करता है  विनम्र  राजपूत जिसने कभी गम नही मनाया उसके आंखो से  आज पहली बार अंशु निकल रहे थे  ।
    १सप्ताह बाद आज विनम्र को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल रहा था ।  पर उसके दिल की बेचैन वो अजीब सी फीलिंग वो आवाज उसके आंखो से निकलने वाले अंशु जो उसको बेचैन करते थे  । वो आपने दिल और दिमाग के बीच उलझ कर रह गया था । उसका दिमाग कुछ और कहता उसका दिल कुछ और ।  वो समझा नही पता की उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है । वो आपने दिल और दिमाग की गुत्थियों में ही फसता जा रहा था ।  उसने डॉक्टर  को बहुत बार धमकी दे कर पूछा था । उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा पर डॉक्टर का  हर बार यही बोलते की उनके हार्ट का ऑपरेशन हुआ है इस किया कुछ वक्त  जब तक उनका दिल पुरे तरह ठीक नही हो जाता तब तक ऐसा होगा ।
    डॉक्टर पूरा डिस्चार्ज पेपर रेडी करके विनम्र के रूम आ चुका था ।  और देव भी उसी रूम में अपना सर झुकाए एक कोने में खड़ा था।   डॉक्टर विनम्र के हाथो से  केनुव्ला निकल उसके हाथो की पट्टी कर दिए उसके हाथ ये सब करते हुए कांप रहे  थे। क्योंकि  कोई उसको आपने डरवानी नजरो के सारी घूर रहा था ।
    डॉक्टर अपना  सारा काम कर विनम्र के आगे अपना सर झुका कर बोलने लगा ।  mr विनम्र आपके डेली   चैकअप   के लिए  हमारे तीन में साथ टाइम - टाइम पर आपके घर अजाए  करेंगे  ।
    ये बोल डॉक्टर डरते हुए अपना सर उठा कर विनम्र के  तरफ देखने लगा ।  जो बस उसको ही देख रहा था  । वो जल्दी से अपना सर झुका लिया  जिसके साथ विनम्र बेड से उठा डॉक्टर को देखते हुए उसके पास आ उसको वैसे ही देखते हुए बोला  । अगर अगले १सप्ताह के अंदर तू ने जो मेरे दिल का ऑपरेशन करके   कुछ घोटाला किया है वो ठीक नहीं हुआ ।  तो  तू आपने  दिल का    मेरे हाथो से ऑपरेशन करवाने के लिए त्यार रहना  । ये बोल विनम्र सीधे रूम से  बाहर चला गया  । डॉक्टर का तो दिल मानो १००की स्पीड से दौड़ रहा था वो जाते हुए विनम्र को देखने लगा तभी उसकी नजर देव पर पड़ा जो उसको देखते हुए डेविल स्माइल कर रहा था । जैसे बोल रहा हो अगर तूने बॉस को कुछ भी बताए तो बॉस तो तेरे दिल का ऑपरेशन करेंगे मैं उसको निकल कर खुद खा जाऊंगा  ।

    देव  एक। नजर डॉक्टर को देख विनम्र के पीछे चला गया ।  डॉक्टर तो बस आपने माथे पर आए पसीने को पोछने लगा  ।

    विनम्र हॉस्पिटल से निकल सीधा आपने  कार में बैठ गया  देव भी विनम्र के पीछे आते  हुए ड्राइवर के बगल वाले सीट पर बैठ गया  ।  जिसके साथ ड्राइवर कर आगे बड़ दिया विनम्र पीछे सीट पर  बैठ  अपना सर टिकाए   अपना आंख बंद किए   बस आपने धड़कते दिल को महसूस कर रहा था ।  जिसमें बहुत कुछ जज्बात उमड़ रहे थे ।


    वही अभय के विल में  रूही इन पीते सात दिनों तक   न कुछ बोलती न आपने रूम से बाहर निकली ।  उसको सभी लोग   आपने तरफ  से  खुश रखने की पूरे कोशिश कर रहे थे ।  सब लोग कोशिश कर रहे थे की वो पहले जैसी हो जाए पर वो कुछ  नही बोलती बस आपने कमरे के  बालकनी से आसमान की देखते हुए बैठे रहती ।   रवि ने बहुत कोशिश किया की वो कुछ बोले आपने रूम से बाहर निकले पहले जैसी हो जाए  पर वो तो जैसे जिंदा लाश की तरह बन चुकी थी । उसको जो मिलता उसको  बिना कुछ बोले खा लेती  हाला की सारे चीजे उसके ही पसंद के हिसाब से किए जाते  ।  जो रूही पहले हर एक बात पर सवाल करती खाने में नखरे करती वो अब जैसे कही घुम ही हो गई थी  ।

    रवि को ये सब देखा नही जाता वो  सुबह शाम रूही की ये हालत देख अभय के फोटो के सामने रोते हुए सारी बाते बताता ।  की उसकी रूही अब कैसी बन गई है ।

    रवि को अब  रूही के ऐसी हालत देखी नही जा रही थी । इस लिए वो आज  रूही को उसके कमरे से बाहर निकल कही बाहर घूमने के बारे में सोचा ।    ताकि उसका मन इन सब चीजों से हट सके और वो ठीक हो जाए ।

    इस किए रवि रूही के कमरे में जा कर सीधा बलकेनी में  चला गया ।  क्योंकि रूही हमेशा वही रहती ।
    रवि बालकेनी में जा कर देखा तो रूही जमीन पर बैठे एक तक आसमान की तरफ देख रही । जैसी वो आपनी खाली आंखो से किसी को डूंडने की कोशिश कर रही हो ।
    रूही की ऐसी हालत देख रवि  के आंखो से एक बार फिर से आंसू झलक आए । जिसको वो जल्दी से आपने हाथो से साफ  कर रूही के पास जा कर उसके हाथो को पकड़ उठाते हुए बोला ।  रूही मैम आप यहां नीचे क्यों बैठी है  आपकी तबियत खराब हो जायेगी  । फिर  अभय बॉस  भगवान जी के घर से हम सबको देख रहे है ना उनको बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा की उनकी रूही की हेल्थ खराब हो गई  । वो मुझे  सपनो में आ कर डाटेंगे की रवि तू बिल्कुल भी अच्छा नहीं है   तू मेरी रूही का खयाल नही रखता आपने पनिशमेंट  के लिए त्यार रहना फिर वो मुझे सजा देंगे ।

    रवि ये बोलते हुए रूही को  सोफे पर बैठा दिया ।   पर रूही  रवि की बात सुन कर भी कुछ रिएक्ट नही की वो बस आसमान के तरफ ही  देख रही थी ।

    रवि उसको एक नजर देख दूसरे सोफे पर बैठ उसके हाथो को पकड़ बोला ।  मैम चलिए आज मैं आपको बाहर घूमने ले जाऊंगा जहां पर आपको टोपे वाले आइसक्रीम और गोलगप्पे खाने मिलेंगे चलिए मैम ये बोल रवि आपने  जगह  से उठा रूही को देखने लगा ।  जो अब भी वैसे ही बिना कुछ रिएक्ट किए आसमान को  देख रही थी जैसे उसने  कुछ सुना ही न हो  ।  रवि उसको मानते हुए फिर बोलने लगा चलिए मैम आप जहां  - जहां जाना चाहेंगी मैं आपको वहां वहां ले चलूंगा ।
    रवि ने जैसे ही ये बात कही वैसे ही रूही अपना चेहरा उसके तरफ कर इन बीते सात दिनों में पहली बार कुछ बोली ।
    आप सच बोल रहे है  न रवि  भैया ?
    रवि जैसे ही रूही की आवाज सुन उसके चेहरे पर एक खुशी दिखने लगे वो मुस्कुराते हुए बोला एस मैम आप जहां जाना चाहेंगे मैं आपको ले चलूंगा आप चलिए मेरे साथ ।
    रूही   रवि को देखते हुए आगे बोली  ।  रवि भैया हमे भगवान जी के घर जाना है ।

    रूही की बात सुन रवि के चेहरे के एक्सप्रेशन पूरे तरह बदल गए  ।  वो अब क्या कहे उसको समझा नही आ रहा था की वो इस मासूम को कैसे समझाए ।  पर  रूही को इस कमरे इस गम से बाहर निकलना जरूरी था।  वरना  रूही ऐसी कुछ दिन और रही तो कोमा में जा सकती थी क्योंकि डिप्रेशन की शिकार वो पहले से थी ।

    रवि उसको कुछ न बोलते हुए आना सर हा में हिला दिया ।
    जिसको देख रूही के चेहरे पर चमक आ गई । वो जल्दी से खड़े हो कर रवि को देखते हुए उसके हाथो को पकड़ रूम के बाहर ले  जाते हुए बोलने लगी ।  जल्दी चलिए रवि भैया मुझे भगवान जी के घर जाना है उनको मैं बहुत डाटूंगी और हब्बी को भी की उन्होंने मेरे हब्बी को आपने घर क्यों बुलाया ।
    रूही ये बोलते रवि का हाथ खींचते हुए वहां से ले जाने लगी ।
    रवि एक नजर रूही को देख मन ही मन भगवान से प्रार्थना करते हुए बोलने लगा ।  हे भगवान कोई ऐसा भेज दे जो इस मासूम की मासूमियत को बरकार रख सके हमारे अभय भैया जैसा दिल भेज दे जिसके दिल में सिर्फ और  सिर्फ प्यार हो।  जिसकी जान हमारे मैम की मासूमियत में बसने लगे ।

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  • 6. I am always with you - Chapter 6

    Words: 1127

    Estimated Reading Time: 7 min

    रूही रवि के हाथ को खींचते हुए घर के पार्किंग एरिया में ले आई  ।  रवि रूही  को एक नजर देखते हुए कार का दरवाजा खोल उसको सामने वाली सीट पर बैठा दिया।  और खुद उसके बगल वाले सीट पर बैठ ड्रॉइंग करते हुए उनकी कार मुंबई की सड़को पर दौड़ने लगी ।  इधर विनम्र की कार भी उसी रास्ते पर दौड़ रहा था। ट्रैफिक सिग्नल के वजह से विनम्र के कार रुक गया  । कुछ देर  बाद ठीक उसके साइड में एक कार और आ कर  रुका । जिसके साथ विनम्र का दिल जोरो से धड़कने लगा उसको कुछ जाना पहचाना सा एहसास होने लगा । जैसे उसका दिल जिस चीज को ढूंढ रहा है वो यही आस - पास ही है।  जैसे उसके बेचैनी बड़ने लगा ।   विनम्र झटके के साथ आपने आंखे खोल दिया और आपने दिल में हाथ रख शांत करने के कोशिश करने लगा पर उसका धड़कन  शांत हो ही नही रहा था ।  उसके बेचैनी बड़ते ही जा रहा था । विनम्र आपने साइड के कार के शीशे को नीचे कर आस - पास देखने लगा ।  पर उसको वहां पर कोई भी नही दिखाई दे रहा  था । वहां पर बहुत सारे कारे खड़े थे जिनके शीशे बंद थे वो आपने बेचैन नजरो से  किसी को ढूंढने के कोशिश कर रहा था ।  उसके नजरे पता नही क्यों बार-  बार  उसके जस्ट साइड में खड़े घर के शीशे पर जा रहा था ।  जिसके अंदर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था ।  क्योंकि  कांच का कॉलर ब्लॉक था जो अंदर से बाहर देखा जा सकता है पर बाहर से अंदर नही वो आपने बेचैन नजरो के साथ उधर ही देख रहा था  । पता नही क्यों पर उसको आभास हो रहा था की  जैसे उसके दिल को जिसकी तलाश है वो वही है ।  पर लगभग पांच मिनट देखने के बाद भी कार का शीशा नीचे नही हुआ । जिसे वो अपना सर झटक  कर अपना चेहरा उधर से फेर लिया और खुद के दिल को समझने लगा की वहां पर कोई नही है । पर उसका दिल इस बात को समझने को त्यार नही था ।  जिसके साथ उसको गुस्सा आने लगा   वो गुस्से से शीशे को ऊपर चढ़ने का बटन प्रेस कर दिया ।  उसके साथ ही सामने वाले कार का शीशा नीचे होने लगा इधर विनम्र के साइड का शीशा बंद हो रहा था तो सामने वाले कार का शीशा खुल रहा था ।  विनम्र का ध्यान अचानक से उधर चला गया जहां किसी लड़की के आंखे नजर आ रहे थे।  जिसमे अंशु के साथ एक चमक एक दर्द था पता नही क्यों  विनम्र के दिल  में उसको देख  दर्द सा लगा ।  जैसे- जैसे उधर के कांच का शीशा नीचे हो रहा था वैसे-  वैसे विनम्र के धड़कने बड़ने लगा।   वो आगे कुछ और देख पता उसके कर का शीश बंद हो गया।  जिसके साथ उसके बेचैनी बड़ने लगा ।  वो जल्दी से फिर से शीशा नीचे करने के लिए बटन प्रेस कर दिया ।  जिसके साथ सामने का को खूबसूरत हसीन दृश्य दिखने लगा।  उसके धड़कने १००के स्पीड से दवड़ने लगा । वो एक तक बस सामने के तरफ देखा जा रहा था ।

    वही रूही कार में बैठ बहुत खुश थी।  की उसको अभय के पास ले जाया जा रहा है । उनके कार कुछ देर में ट्रैफिक सिग्नल में आ कर रुका उसके साथ पता नही क्यो रूही का दिल जोरो से धड़कने लगा । उसका दिल ये कहने लगा की अभय यहीं  आस - पास ही है।  उसके बेचैनी बड़ने लगी जिसे वो बाहर के तरफ देखने लगी पर उसको वहां कारो  के सिवा कुछ नहीं दिख रहा था।  पर उसको सामने वाले कार से एक हैंडसम फेस देखने लगा जो बहुत बेचैन से किसी को ढूंढा रहा था । रूही आपनी नजरे वहां से हटा ली क्योंकि उसको अभय चाहिए था ।  वो रवि से ज़िद कर कार का शीशा नीचे करने के लिए बोल दी । और बड़े उत्साह के साथ बाहर के तरफ देखने लगी ।  वो किसी को ढूंढ रही थी उसके बाल उसके चेहरे पर बार बार आ रहे थे ।  जिसको वो आपने हाथो से पीछे कर रही थी।  बड़ी मासूमियत के साथ आपनी आंखे टिमटिमाते हुए सामने की ओर देख रही थी।  इस बात से अनजान की सामने कोई बड़े सिद्धत के साथ  उसको निहारे जा रहा था।  वो बहुत देर तक सामने इधर - उधर देखने लगी।  पर उसको जिसके तलाश थी वो नही मिला ।  जिसे उसका  चेहरा  उतार गया  ।  वो आपने पलके एक बार सामने देख  कार का शीशा बंद करने वाली थी । तभी उसके नजरो का सामना सामने कार  में बैठे  इंसान के नजरो से टकराया जो उसको बड़े  सिद्दात  के साथ देख रहा था।  ये विनम्र था जो रूही को बड़े ध्यान से देख रहा था ।  उसके दिल को पता नही क्यों रूही के चेहरे को देख सुकून मिल रहा था । रूही किसी  को आपने तरफ घूरता देख डर गई और जल्दी से कार का शीशा ऊपर कर दिया । जिसके साथ विनम्र के चेहरे पर पहली बार एक प्यारी से स्माइल आ गया वो इस बात से अंजान था की वो मुस्कुरा रहा है।  देव और ड्राइवर जो  सामने देख रहे थे । उनके नजरे एक बार सामने लगे आईने पर चला गया । जिसमे विनम्र का अक्श दिख रहा था । दोनो को ये देख सबसे बड़ा  झटका लगा की विनम्र मुस्कुरा रहा है ।   देव आपनी आंखे मसल शीशे को देखने लगा उसको यकीन नही हो रहा था की विनम्र मुस्कुरा रहा है वो अपना  चेहरे पीछे कर देखने लगा विनम्र सच में मुस्कुरा रहा था । जिसे देव शौक भरे नजरो के साथ देखते हुए बोला । बॉस आप आप मुस्करा रहे हो ये,,,,,,, ये आप ही हो ना । मुझे ऐसा क्यों लग रहा है की आप मेरे बॉस नही हो ।  देव के बात सुन विनम्र आपने सेंस में आया ।  उसके साथ उसके चेहरे से स्माइल गायब हो गया वो देव के तरफ आपने वही डरवानी आंखो से देखते हुए बोला ।  लगता है तुम्हारे ये आंखे जरूरत से ज्यादा देखता है ।  इसको निकल देना चाहिए।  क्यों ?
    देव जो शौक था वो विनम्र के बात सुन डर गया और अपने नजरे वहां से एक पल में हटा कर सकने देखते हुए बोला । सॉरी बॉस ।
    जिसके साथ वहां का ट्रैफिक हट  गया ।  और गाड़ी आगे बड़ने लगी जिसके साथ विनम्र  को फिर से बेचैनी होने लगा वो आपने साइड वाले कार को देख रहा था जो आगे बड़ रहा था ।  वो आगे निकलता ही जा रहा था जिसके साथ विनम्र चिल्लाते हुए बोला उस  कार का  पीछा करो बेवकूफो अगर वो कर मेरे आंखो से वोझल हुआ तो तुम लोगो जिंदा जला दूंगा।


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  • 7. I am always with you - Chapter 7

    Words: 1098

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र के आवाज सुन देव और ड्राइवर डर गए ।  देव इधर- उधर देखने लगा ।  की विनम्र किस कार की बात कर रहा है । पर  उसको समझा नही आ रहा था विनम्र किस कार का पीछा करने बोला वैसे ही हालत ड्राइवर के भी थी वो देव को  लाचारी से देखते हुए आंखो से पूछ रहा था की बॉस ने किस कार का पीछा करने बोला।  देव उसके बात का मतलब समझते हुए विनम्र के तरफ देख थोड़ा डरते हुए बोला ।  बॉस आप आप किस कार के बात किए विनम्र एक टक उस कार को देख रहा था जो आगे बड़ता जा रहा था । देव के बात सुन गुस्से से चिल्लाते हुए बोला ।  बेवकूफ उस कार का जो लेफ्ट साइड जा रहा अगर वो तुम बेवकूफो के  वजह से वो मेरे सामने से वोझाल हुआ तो तुम दोनो सोच लेना तुम्हारी लाश भी किसी को नही मिलेगा ।
    देव विनम्र के बात सुन डर गया ।  वो ड्रेवर को देखते हुए बोला अबे गधे उस । कार का पीछा कर जिसके साथ ड्राइवर अपना  सर जल्दी से हा में हिला कर उस कार का पीछा करने लगा ।  वो  वैसे -  वैसे आगे बड़ती जा रही था ।

    वही   रवि कार  ड्राइंग करते हुए परेशान था की रूही को कहां ले  जाएं ।  क्योंकि रूही की ज़िद थी की उसको अभय के पास जाना है । उसको समझा नही आ रहा था वो क्या करे तभी रूही बाहर के तरफ देखती हुए बोली।  रवि भैया और कितना टाइम लगेगा भगवान जी के घर जाने में ।
    रवि रूही के बोलने से होश में आया ।  और उसको देखते हुए बोला बस मैम थोड़ी दूर और फिर पहुंच चुके । रूही रवि की बात सुन खुश हो गई और बाहर का नजारा देखने लगी ।

    वही विनम्र आपने कार में बैठे एक तक सामने वाले कार को देख रहा था।   देव और ड्राइवर को समझा नही आ रहा था विनम्र उस कार का पीछा करने क्यों बोला है । फिर आपने दिमाग में ये बात लाए की विनम्र का कोई दुश्मन होगा क्योंकि विनम्र एक बिसनेस किंग था । उसके बहुत सारे दुश्मन थे जो उसे छुप कर बैठे हुए थे  ।


    कुछ ही देर में सामने वाली  कार एक जगह आ कर रुकी  जिसे उनकी कार भी कुछ दूरी पर रुक गया ।

    वही रूही कार रुकने के वजह से बाहर देखते हुए बोली रवि भैया हम लोग भगवान जी के घर पहुंच गए क्या ?

    जिसके साथ  रवि अपना सर हा में हिला दिया । रूही उसका हा सुना कार से जल्दी से बाहर निकलने लगी और  आस पास देखते हुए बोलने लगी ।  रूही खुश होते हुए , रवि  भैया भगवान जी के घर तो कितना खूबसूरत । चलो जल्दी ।
    रवि रूही को  एक गार्डन में ले आया था।  जिसको अभय ने ही बनाया था 
    रवि रूही को निकाला देख जल्दी से वो भी कार से बाहर निकल रूही के पास आ गया ।  उसके साथ  ही रूही उसको खींचते हुए  गार्डन के अंदर ले जाने लगी ।

    वही  विनम्र के कार में  उनके सामने वाली कार को देखते हुए देव बोला बॉस आप इस बच्ची का पीछा कर रहे थे । देव रूही को देख कर बोला जो सामने गार्डन को देख कर खुश हो रही थी । पर विनम्र देव को  कुछ जवाब न देते हुए कार से बाहर निकल रूही को देखने लगा।  जिसे   देव भी बाहर  निकल गया  और  रूही को रवि के साथ अंदर जाता देख विनम्र भी उसके पीछे जाने लगा ।  देव भी सामने देखते हुए विनम्र के साथ चल रहा था । उसको समझा नही आ रहा उसके बॉस इस बच्ची का पीछा क्यों कर रहे थे  । फिर ये सोचने लगा शायद उनके कोई दुश्मन की बेटी होगी ।

    उधर विनम्र एक टक रूही को देखे जा रहा था ।  तभी विनम्र के नजर रूही के हाथ पर गई  जहां रूही ने रवि के हाथो पकड़ अंदर चली जा रही  थी । पता नही क्यों ये देखा उसके  दिल में दर्द होने लगा । उसको ऐसा लगने लगा जैसे उसके दिल को उसके जिस्म से अलग किया जा रहा है।  वो आपने दिल में हाथ रख आपने धड़कन को फील करने लगा जो जोरो से धड़क रहा था ।   उसको पता नही क्यो रूही  को  रवि  के साथ देख बिल्कुल  अच्छा नहीं लग रहा था । ऊपर से उसके दिल में उठता  हुआ वो दर्द,  उसको बेचैन किया जा रहा था    ।  वो आपने कदमों के रफ्तार बड़ते हुए  रवि और रूही  के पास जा कर उनके बीचों बीच  से निकलते हुए रूही के हाथ को रवि के हाथो से अलग कर दिया ।  जिसके साथ रवि और रूही विनम्र को सामने के तरफ जाते हुए   अजीब नजरो से देखने लगे । रवि रूही को देखते हुए बोला मैम आप ठीक है ना ? जिसे रूही अपना सर हा में हिला दी ।  वही देव तो आपने बॉस के  ये  हरकते को मुंह खोले देख रहा था ।  उसको ये सब बहुत अजीब लगा रहा था ।  वो भी जल्दी से चलते हुए विनम्र के पास चला गया।

    रूही इस बार रवि  का हाथ न पकड़ आगे बड़ती जा रही थी ।  और चारो तरफ आपनी नजरे फैलाए जा रही थी ।  वो कभी किसी फुल के पास जा कर उसकी महक  आपनी आंख बंद कर लेती तो कभी किसी तिलाली के पीछे  भागती और रवि उसके पीछे-  पीछे जाता ।
    विनम्र एक साइड खड़ा हुआ बस रूही की हरकते देख रहा था । उसको देखते हुए उसके दिल को एक सुकून मिल रहा था ।  जो आज से पहले उसे कभी मेहसूस नही हुआ ।  उसको देखते हुए उसको ऐसा महसूस हो रहा था की जैसे जिसकी तलाश उसको है वो मिल चुकी है  ।उसके हरकते उसके मासूमियत में वो पूरे तरह खोता जा रहा था ।  उसके है एक चीजे  नोटिस कर रहा था न चाहते हुएं भी रूही के देखते हुए चेहरे पर एक सुकून प्यारी सी  मुस्कान आ गया ।  देव जो उसके साइड में खडा था वो एक नजर रूही को देखता तो एक नजर विनम्र पर । पर  जैसे ही इस बार विनम्र के चेहरे को देखा को पूरी तरह शौक हो गया  । उसके  बॉस अब दूसरी बार मुस्कुरा रहे है। वो भी इस बच्ची को देखते हुए आज सूरज किस दिशा में उगा था ।  जो उसके  बॉस जिसके चेहरे पर गुस्से के सिवा कुछ रहता ही  नही ।  वो आज दो - दो बार मुस्कुरा रहे हैं।
    वो आपने आंखे मसलते हुए आपने बॉस के चेहरे को देखने लगा ।

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  • 8. I am always with you - Chapter 8

    Words: 1176

    Estimated Reading Time: 8 min

    इधर रवि भी खुश था की रूही पुरानी बाते भूल कर पहले जैसे हंस मुस्कुरा रही है । तभी रूही आचनक से तितलियों के पीछे भागते भागते रूक गई । और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन एकदम से बदल गए । जो  अभी कुछ देर पहले सब कुछ भूल खुश थी उसके चेहरे पर दर्द के भाव देखने लगे । वो उन तिलालियों को भूल रवि के पास भागते हुए आ कर बोलने लगी । रवि भैया जल्दी बताओ ना भगवान जी किधर है।   रूही के सवाल सुन रवि के चेहरे पर जो स्माइल था वो गायब हो गया । और वो रूही को देखने लगा जो उसको बहुत उम्मीद भरे नजरो से देख रही थी । उसको समझा नही आ रहा था वो अब क्या बोले इस लिए वो इधर-  उधर देखने लगा रूही उसको एक तक देख रही थी।   तभी रवि को थोड़ी दूरी पर असमान में उड़ते जुगानु नजर आने  लगे ।  डालते सूरज के नजरे में वो उड़ते हुए जुगनी बहुत खूबसूरत नजारा था।  ऐसे लग  रहा था जैसे कोई उन जुगनुवो के आकृति में अद्रिस्य रूप  में खडा है रवि रूही को एक नजर देख उसके हाथ पकड़ उधर ले जाने लगा ।

    और इधर विनम्र और देव उन लोगो से थोड़े दुर होने के वजह से उनके कोई भी बात उनको सुनाई नहीं दिया  । पर रूही के एक पल में चेंज होते एक्सप्रेशन और रवि के चेहरे पर टेंशन देख उनको थोड़ा अजीब लगा । और जैसे ही रवि ने रूही का हाथ पकड़ विनम्र के हाथो के मुट्टियां बन गया  । वो आपने जलते आंखो से  रवि को देखने लगा ।  पता नही क्यों रूही को किसी और के करीब देख उसका दिल टूटता सा फील होता ।

    विनम्र भी रूही और देव के पीछे - पीछे जाने लगा । विनम्र के पीछे देव भी और उनमें थोड़े दूरी पर छुपाते हुए खड़े हो गए ।  पर इस बार थोड़ा नजदीक जैसे उन लोगो के बाते उन तक सुनाई दे ।
    रवि रूही को उन जुगनुवों के पास ले जा कर उसको सामने के तरफ देखाते  हुए बोला ।  वो देखिए रूही मैम भगवान जी ।

    रूही रवि के बात  सुन उधर देखने लगी ।  वैसे ही उसके चेहरे पर स्माइल आ गया ।  वो मुस्कुराते हुए उन जुगनुवो के और नजदीक जा कर उनमें से कुछ जुगनुवो को आपने हाथो में पकड़  कर बोलने लगी ।  भगवान जी आप तो कितने छोटे - छोटे हो पर आप न सच्ची में बहुत खुबसूरत हो जैसे मेरे हब्बी स्टार के रूप में  देखते है सेम वैसी ही। आप अगर अच्छे वाले भगवान जी हो ना  तो बुलावो ना मेरे हब्बी को  मैं उनको बहुत मिस करती हूं ।  आप तो जानते हो ना रूह आपने हब्बी के कितना सारा प्यार करती है । तो आप जल्दी से मेरे हब्बी को बुलावा न   । ये बोल वो कुछ देर रुक उन जुगनुवो को देखने लगी  ।

    रवि रूही की सारे बाते सुन उसके इमोशनल कंट्रोल  के बाहर हो रहे थे  । उसके आंखो से अंशु निकलने लगे ।  जिसे वो जल्दी -  जल्दी साफ करने लगा ।  और मन ही मन आसमान के तरफ देखते हुए बोला देख रहे हो ना आप बॉस कैसे सभालू इस मासूम को ।  आप बोले थे आप आपने रूह के लिए वापस आओगे ।  तो कब आओगे आप बॉस  कब ।  ये बोल वो रूही को देखते हुए जल्दी जल्दी आपने  अंशु पोछने लगा ।

    वही थोड़े दूर खड़े विनम्र और देव को उनके सारे बाते सुनाई दे  रहा था ।  विनम्र और देव को  यकीन नही हो रहा था ये छोटी सी लड़की किसको हब्बी बोल रही हैं ।
    विनम्र के दिमाग में सवाल उठने लगे क्या ये बच्ची की शादी हो चुकी है  । और ये उनके पास  में खड़ा लड़का कौन है   । उसके  दिमाग में अजीब - अजीब सवाल उठने लगे । पर वो दोनो समझा चुके थे ये बच्ची बहुत मासूम क्योंकि उसकी मासूमियत उसके बातो उसके हरकते से साफ झलक रहा था ।  की ये आपने उम्र के हिसाब से भी बड़ी नही हुई  है । पर पता नही क्यों विनम्र का दिल  यहां कहा रहा था की ये सारी बाते उसे कहा रही है ।  उसको उसके पास जाना चाहिए  । वो उसकी है  सिर्फ और सिर्फ उसकी ।  पर वो आपने दिल और दिमाग में  फसता जा रहा था दिल तो उसे वो बता रहा था जो सच्चाई ना हो कर भी सच्चाई  था  ।  और दिमाग  उसके उसके  पास्ट प्रेजेंट  को ला रहा था ।

    तभी रूही की आगे के बाते उसके कानो में पड़ने लगा ।
    रूही उन जुगनुवो को देख गुस्से से   बोल रही थी । भगवान जी कहां है मेरे हब्बी  । आप ने उन्हें अभी तक क्यों नही बुलाया  ।  मैं अब आपने हब्बी को अब आपके घर रहने नही दूंगी  । वो सिर्फ मेरे हब्बी है सिर्फ मेरे  । समझे आप ।  जल्दी बुलावो आप मेरे हब्बी को वरना मैं,,,,,, मैं आपसे कटी हो जाऊंगी समझे आप ।
    ये बोल रूही फिर से उन जुगनुवो को देखने लगी जो उसके आस पास उड़ने लगे थे।  अब उसके आंखो में अंशु आ चुके थे उसके गाल फूल चुके थे । जिसे उसके आंखो से अंशु अब किसी भी वक्त निकलने वाले थे।  जिसमे वो  बहुत ज्यादा क्यूट और मासूम नजर आ रही थी  । जो किसी के भी दिल में उसके लिए दर्द पैदा करने के लिए काफी था । वो आपने अंशु को कंट्रोल  नही कर सकी और रोते हुए बोलने लगी । आप भगवान जी  बहुत  बुरे हो बहुत बुरे । और आसमान उठाते कुछ तारो को देखते हुए ।  और हब्बी आप भी बहुत बुरे हो अब आपकी रूह आपसे कभी बात नही करेगी ।  नही चाहिए अब आप हमे ।  अब हम ,,,,,हम आपको कभी नही बुलाएंगे ,कभी नही  ।  अब हम हम अकेले रहा सकते है  । अब आप कभी मत आएगा नही चाहिए अब आप हमे ।  ये बोल रूही रोते हुए वहां से भागते हुए चली गई ।   रवि भी रूही के सारी बात सुन आपने अंशु पोंछ रूही के पीछे भागने लगा ।
    विनम्र जो कब से रूही के सारी बाते सुन रहा  था  । उसके हर एक शब्द से उसके दिल   में  बहता दर्द उठ रहे थे ।  जैसे उसका दिल उसका है ही नही ।  वो आपने दिल के दर्द को बर्दास्त नही कर पा रहा था  । विनम्र  आपने दिल में हाथ रखा आंखे  बंद कर लिया वैसे ही उसके आंखो से अंशु निकल आए ।
    देव जो रूही के सारे बाते सुन उसको भी उसके लिए दया आने लगा था ।  उसके चले जाने के बाद वो विनम्र के तरफ देख कुछ बोलने वाला था  की आपने बॉस के आंखो से अंशु निकलता देख शौक हो गया  । वो घबराते हुए बोलने लगा बॉस ,,,,,बॉस आप आप ठीक हो ना  । क्या हुआ आपको आप के आंखो में अंशु कैसे ।
    पर विनम्र उसको कोई जवाब न दे  आपने अंशु जो उसके गालों में आए हुए थे  उसको जल्दी से अपने हाथो से साफ कर  वहां से चला गया ।


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  • 9. I am always with you - Chapter 9

    Words: 1126

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र वहा से निकल सीधा आपने कार के पास चला गया।  जिसे ड्राइवर विनम्र को देख जल्दी से कार के पीछे साइड का  दरवाजा खोल दिया । विनम्र बैक सीट पर अपना सर टिकाए आंख बंद कर बैठ गया । उसके पीछे-  पीछे भागते हुए देव भी ड्राइवर के साइड वाले सीट का दरवाजा खोल बैठा  और वैसे ही  उनके  गाड़ी आगे बड़ने लगा   ।  देव एक नजर विनम्र को देख जिसके आंखे थी।  पर हाथो के उंगलियां नाच रहे थे । जिसे समझा आ रहा था की उसके दिल और दिमाग में  बहुत कुछ चल रहा है ।
    विनम्र आपने आंखे बंद कर आपने दिल और दिमाग के बीच लड़ रहा था । उसे रूही की सारी बाते उसके मासूमियत सब एक,  एक करके नजर आ रहे थे । जो कुछ देर पहले गार्डन में हुआ सब कुछ । वैसे ही  उसका  दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था पर उसका दिमाग इन सारे बातो में को मानने से इंकार कर था ।  वो समझा नही पा रहा था वो क्या करे । फिर वो कुछ सोच एक ही झटके के साथ आपने आंखे खोल दिया और खिड़की के बाहर छूटते रास्तों को देखते हुए बोला ।

    मुझे उसकी सारी इनफ्मेशन २ घंटे के अंदर चाहिए ।  देव विनम्र के बात सुन समझा गया वो किसके बाते कर रहा है इस लिए वो बिना कोई सवाल किए बोला।  जी ,जी किंग ,,,,
    और वो विनम्र को एक नजर देख किसी को कॉल करने लगा ।
    इधर रूही भागते हुए सीधा कार के पास आ गई । और  कार दरवाजा खोल अंदर बैठ गई ।  रवि भी उसके पीछे आते हुए जल्दी से ड्राइवर साइड का दरवाजा खोल अंदर बैठ गया और रूही को देखते हुए  बोलने लगा ।
    रूही मैम आप ठीक तो है न  । आपको कहीं चोट तो नही लगी ।  रूही  रवि के  कोई  भी  सवाल का जवाब न देते हुए एक तक सामने देखते हुए बोली । रवि भैया हमे घर जाना  है ।
    रवि भी रूही के हालत देख आगे कुछ भी नही बोलना सही समझा ।  और गाड़ी आगे बड़ दिया उसको खुद पर गुस्सा आ रहा था की वो रूही को झूठ बोल यहां क्यों  लाया ।  उसकी जो एक उम्मीद थी वो भी अब टूट गई पता नही इस मासूम से जान के अंदर क्या बीत रही होगी ।
    रवि ये सब सोच खुद पर गुस्सा करते हुए ड्राइनिग कर रहा था ।  कुछ ही देर में उनके कार विल के सामने जा कर रुका ।  रूही जल्दी से कार का दरवाजा खोल भागते हुए सीडियो से ऊपर आपने कमरे के अंदर चली गई ।  और रूम को अंदर से लॉक कर दिया और बेड में लेट आपने टैडी में आपने मुंह छुपा कर रोने लगी ।   इधर रवि रूही के इस तरह भागने से  उसके पीछे दौड़ने लगा और रूही के रूम के सामने आ कर खड़ा हो गया ।  उसके साथ वहां पर काम करने वाले बहुत सारे सर्वेंट भी आ कर खड़े हो गए ।   सभी ने रूही इस  तरफ आपने रूम के साइड भागते देखा था उन्हें रूही की चिंता होने लगी थी ।

    रवि रूही के  रूम के  दरवाजे को खटखटाते हुए बोलने लगा ।
    रूही मैम प्लेज दरवाज़ा खोलिए ।
    मेरी बात तो सुनिए मैम ।
    प्लेज मैम दरवाजा खोलिया एक बार दरवाजा खोलिया मैम ।
    रवि दरवाजे को खटखटाते हुए ये सब बोले जा रहा था ।  पर अंदर  से  कोई आवाज नहीं आ रहा था ।  उन्होंने  लगभग १५ मिनट तक  रूही  को आवाज लगाते हुए दरवाजा खोलने के लिए बोला  । पर अंदर से कोई आवाज नहीं आया जिसे रवि के साथ बाकी सभी सर्वेंट को रूही के लिए डर लगने लगा  ।  की कही ये मासूम  आपनी मासूमियत में कुछ कर न ले ।
    रवि फिर से रूही को आवाज देते हुए बोलने लगा ।
    रूही मैम प्लेज दरवाज़ा खोलिए हमे डर लग रहा है आप ठीक तो है न ।   प्लेज मैम कुछ बोलिए ।
    फिर भी कमरे के अंदर से कोई आवाज नहीं आया।  जिसे रवि एक बार फिर आवाज देते हुए बोला ।  रूही मैम अगर  अब आपने कुछ नहीं बोला तो हमे दरवाजा तोड़ना पड़ेगा ।
    रवि के इतना कहते ही अंदर से आवाज आई ।
    रवि भैया  हम ठीक है हम कुछ देर अकेले रहना चाहते है  आप लोग प्लेज चले जाइए।
    रवि के साथ बाकी सभी को भी रूही के आवाज सुन शान्ति मिला ।  रवि रूही को मानते हुए बोलने लगा  । पर मैम आप प्लेज दरवाजा खोलिए   । आपको किसी चीज के जरूरत पड़ेगा तो हम लोग कैसे अंदर आयेंगे प्लेज मैम दरवाजा खोलिए ।
    रूही वैसे ही जवाब  दी ।   हमे कुछ भी नही चहिए हम कुछ देर अकेले रहना चाहते है ।  चले जाइए आप लोग  हमे किसी से बात नहीं करना अब ।
    रवि रूही के आवाज सुन आगे कुछ बोलने वाला ही था की  वहां पर काम करने वाली सर्वेत की हेड रवि के कंधे पर हाथ रख बोलने लगी ।
    बेटा   उसको कुछ देर अकेले रहने दो ।
    रवि उनके बात सुन बोलने लगा । पर  आंटी ,,,
    हेड मेडी -  बेटा कुछ देर इंसान को   अकेले में  ही आराम मिलता है । वो अभय सर के अलावा किसी की करीब नही गई है उनको  कुछ देर अकेले रहने दो ।

    रवि को भी अब  उस हेड मेड की बात कही न कही सही लगा ।  वो अपना सर हा में हिला कर एक नजर रूही के कमरे के बंद दरवाजे को देखा वहां से चला गया ।  जिसे बाकी सभी सर्वेंट भी वहां से चले गए ।

    कुछ देर बाद
    रूही आपने रूम के अंदर  अभय  के दिए हुए सारे गिफ्ट को कबड़ से निकल नीचे जमीन पर फेंक रही थी ।  जिसे उस सारी चीजों के टुकड़े होते जा रहे थे ।  जो की रूही का रूम ऊपर था और बाकी सभी सर्वेंट नीचे काम कर रहे थे ।  इस लिए रूही के कमरे का कोई भी आवाज  उनको  सुनाई नही दे रहा था ।

    रूही पूरी तरह रोते हुए सारे सामान को जमीन पर फेंक जा रही थी । जिनमे कुछ कांच के गिफ्ट भी थे जिसके टुकड़े रूम में बिखरते  जा रहे थे   । तभी गलती से  एक  कांच  का  टुकड़ा उसके पैर में लगा। जिसके साथ उसकी चीख निकल गई ।
    आह्ह्ह्हह,,,,
    इधर विनम्र जो आपने कमरे में बेड पर आंख बन्द कर लेटा  हुआ था । वो आचनक से उठा बैठा ।  उसका दिल फिर से जोरो से धड़कते हुए दर्द करने लगा ।

    रूही आपने रूम के  फर्श पर बैठ आपने पैर को पकड़ रोने लगी ।     पूरे फर्श पर कांच के टुकडे बिखर हुए थे।  जिसके वजह  से  उसके दूसरे पैर में भी चोट लग गई जिसे  उसकी फिर से चीख निकल गई ।
    आह्ह्ह्ह,,,,,

    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद !

  • 10. I am always with you - Chapter 10

    Words: 1208

    Estimated Reading Time: 8 min

    उसके चीख के साथ ही इधर विनम्र के आंखो से अंशु निकलने लगे ।  वो आपने गालों को छूने  लगा । जहां अंशु की बूंद थी ।  वो झटके के साथ  आपने अंशु आपने गालों से साफ कर रूम में इधर- उधर घूमने लगा ।  क्योंकि उसका दिल जोरो से धड़कने के साथ दर्द कर रहा था  । पता नहीं उसके आंखो मे अंशु भरते जा रहे थे ।  विनम्र आपने ऐसी हालत देख खुद हैरान था उसको कितना भी दर्द हो वो बर्दास्त कर लेता था पर उसके चेहरे पर दर्द और अंशु कभी नजर नही आए  । पर पता नही खुद आज उसके इमोस्न उसके कंट्रोल कर बाहर थे।  वो  ऐसी घूमने के बाद जब उसे आपने दिल का दर्द बर्दास्त नही हुआ । तो  आपने आंखो से अंशु   साफ कर सीधे आपने डॉक्टर को कॉल कर  पांच मिनट के अंदर आने के लिए बोल दिया  । कुछ ही देर में डॉक्टर के पूरे टीम विनम्र के रूम में मावजुद थी ।  विनम्र आपने दिल में हाथ रख आपने लाल हो चुके आंखो से उन सभी को घूर रहा था । जिसे सारे डॉक्टर के चेहरे में पसीने के साथ कपकपि हो रही थी ।  डाक्टर खुराना जो विनम्र का हार्ट सर्जन था वो आगे आते हुए आपने कांपते आवाज के साथ बोलने लगा।   mr विनम्र  ,,,, एनी प्रोबलेन ।
    विनम्र उसको वैसे ही घूरते हुए बोला।  तू ने बोला था न एक वीक के अंदर मेरे अंदर जो अजीब - अजीब हो रहा वो ठीक हो जायेगा।  तो अभी तक हुआ क्यों नहीं?  बल्कि ये मेरे दिल का दर्द वाली  फीलिंग बड़ता जा रहा हैं।  इसको अभी के अभी ठीक कर वरन मैं तेरे दिल के हालत खराब कर दूंगा ।  डॉक्टर विनम्र के बात सुन डर गया । और आपने कांपते हाथो के साथ उसका हार्ट चेक  करने लगा ।  पर उसमे उसको कुछ प्रोब्लम नजर नही आ रहे थे। सब  कुछ सही था ।जिसे डॉक्टर डरते हुए आपने घबराए हुए आवाज के साथ बोलने लगें   ।  mr,, विनम्र  आपका हार्ट बिल्कुल ठीक काम कर रहा है। उसमे  कोई प्रोब्लम नही है ।
    विनम्र डॉक्टर के बात सुन गुस्से से उसका कलर पकड़ बोलने लगा ।   तो बता बे ये अजीब से दर्द के साथ  अजीब से फीलिंग क्यों होता है ।  मुझे  इसके अंदर से किसी लड़की की आवाज क्यों आती है ।  पहले तो ऐसा कभी भी होता था।  क्या किया है तूने  ?सच - सच बता।  वरना तेरे दिल में मैं अभी के अभी छे - छे गोलियां उतार दूंगा ।
    विनम्र के बात सुन डाक्टर डर से कांपने लगा ।  उसको समझ नही आ रहा था वो क्या बोले।   उसके माथे से पसीने टपकने लगे ।  वो अटकते हुए बोलने लगा ।
    की ,,,,,,,,किंग ,,, हमने कुछ ,,,,,,,,नही किया जो आपके  हार्ट पोब्लेम था उसके सर्जरी बस,,,,,, किए है ।  आप,,,,,,, विश्वास कीजिए कुछ दिनो में ठीक हो हो जायेगा । विनम्र डाक्टर के बात सुन अब उसका गुस्सा सातवें आसमान तक पहुंच चुका था ।  वो साइड में रखे आपने गन को उठा सीधा डॉक्टर के दिल में रख बोलने लगा । 
    बोल ,,,,,,
    गन को आपने सीने में देख डॉक्टर के हालत खराब हो गई वो  लगभग रोते हुए बोलने लगा ।
    किंग ,,,,,किंग प्लेज,,, प्लेज मुझे ,,,, माफ कर दीजिए ।   ।  मैं,,,,,,, में मजबूर था वरना ,,, देव बॉस मुझे जान से मार देते ।
    विनम्र  उसके बात सुन  वैसे ही गुस्से से देखते  बोला  ।
    अब एक - एक बात अच्छे से बता वरना तू सोच भी नही सकता तेरे साथ क्या होगा ।
    विनम्र के बात सुन डॉक्टर रोते हुए - किंग ,,,,,किंग प्लेज  मुझे  जान मत मरियेगा मैं,,,,,, मैं आपको सब कुछ बताता हूं  । ये बोल डॉक्टर विनम्र को उसके बेहोशी के बाद जो कुछ भी हुआ।  देव की धमकी ,विनम्र के जान खतरे मे,  उसके ब्लड ग्रुप के पेसेंट के साथ उसका हार्ट ट्रांसफर सब कुछ एक- एक करके विनम्र को बता  दिया  । बस इस बात को छोड़ की उसके शरीर में जो दिल धड़क रहा है वो अभय का है।  उसने पेसेंट का नाम नहीं बताया । बस इतना बोला की उसके  डेथ की लास्ट कंडीशन थी इस लिए उसका हार्ट निकल विनम्र में ट्रांसफर किया गया ।
    डॉक्टर के बात सुन विनम्र थोड़ा शौक होते हुए आपने दिल में हाथ  रख महसूस करने लगा ।
    वैसे ही डॉक्टर अपना सर झुकाए आगे बोलने लगे ।   किंग इस लिए शायद आपके  फीलिंग इमोस्नन में चेंजिंग हुआ है  । जिसका दिल आपके सीने में धड़का रहा है शायद कोई उसका अपना ,सच्चे दिल से उसको पुकार रहा हो ।   ये बोल डर से कांपते हुए एक साइड सर झुकाए आपने टीम के साथ खड़ा हो गया ।  विनम्र डॉक्टर के पूरे बात सुन कुछ देर तक शांत आपने धड़कते दिल को महसूस करने लगा । जो जोरो से धड़क रहा था और एक ही झटके के साथ आपने आंखे खोल टेबल के साइड आपने चेक निकल  उसमे साइन कर  डॉक्टर के तरफ के तरफ आपने वही कटोर आंखो के साथ देखते हुए बोले ।

    ये पूरे दस लाख ।  उसके परिवार को से देना । और याद रहे उनको किसी भी चीज की कमी नही होनी चाहिए।  उनके  जो प्रोब्लम है उसको तुम स्लॉव करोगे ।  और आपने दिल के तरफ इशारा कर ,जो इस में दर्द होता है उसको कैसे भी करके तू ठीक कर वरन समझा जा तेरा क्या हाल होगा  । मेरा जान बचाया तूने इस लिए तेरे झूठ की सजा माफ कर रहा हूं   । अब निकल यहां से  । विनम्र के इतने  कहते ही  डॉक्टर   के साथ  उसके पूरे टीम वहां से एक मिनट के गायब हो गए ।
    विनम्र आपने दिल में हाथ रख उसको महसूस करने लगा ।

    इधर रूही आपने रूम मे थी  ।  पहली बार इतना दर्द  और  खून  बहने के वजह से बेहोश हो चुकी थी । और इस बात के खराब वह पर किसी को नही था  ।  डिनर के टाइम  रवि रूही को बुलाने के लिए उसके कमरे के पास गया था  । कमरा अब भी बंद था रवि को रूही की चिंता होने लगी   उसको लगाने लगा उसके वजह से रूही कुछ ज्यादा ही हार्ट हो गई वो दरवाजा खटखटाते हुए बोलने लगा ।
    रूही मैम प्लेज दरवाजा खोलिए डिनर का टाइम हो गया है ।  रवि ये बोल कुछ देर तक रूही के जवाब का इंतजार करने लगा ।  पर अंदर से एक आवाज  नहीं आया  । जिसे वो और आवाज देने लगा  । पर रवि के बार - बार आवाज देने पर भी अंदर से एक आवाज नही आया    रवि लगभग 15मिनट तक रूही को आवाज देता रहा । तब तक सारे सर्वेंट भी रवि के आवाज सुन ऊपर आ चुके थे ।
    रवि परेशानी से दरवाजा खटखटा  रहा  था  । सारे सर्वेंट भी परेशानी से खड़े थे ।  लगभग  आधे घंटे तक दरवाज़ा खटखटाने के बाद भी जब अंदर से कोई रेस्पॉन्स नही मिला । तो रवि और बाकी सर्वेंट को डर लगने लगे ।  दोपहर में उन्होंने रूही को आवाज दिया था तो उसने  15मिनट के बात रेस्पॉन्स तो किया था।  पर अब 30 मिनट  बाद भी कोई आवाज नहीं आया । जिस रवि  कुछ गार्ड को बुलाने के लिए बोल दिया और उनके साथ मिल रूही के रूम का  दरवाजा तोड़ने  लगा।

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  • 11. I am always with you - Chapter 11

    Words: 1452

    Estimated Reading Time: 9 min

    रवि और कुछ गार्ड मिल कर दरवाजे को धक्का दे कर तोड़ने लगें । कुछ ही देर में दरवाजा टूट कर धड़ाम के आवाज के साथ रूम के अंदर साइड गिर गया । वैसे उन सब की आंखे  रूम के अंदर का नजारा देख शौक से बड़ी हो गई । सब आपने ही  जगह जम से गए ।  क्योंकि पूरे रूम का  समान  बिखरा हुआ था ।जिसमे बहुत से कांच के टुकडे भी थे । और रूही वही फर्श पर बेहोश पड़ी हुई थी ।  उसके हाथो और पैरो से लागतार खून निकलते जा रहे थे  । उसकी ऐसी हालत देख कर सबका दिल धक सा रहा गया । रवि आपने होश में आते हुए रूही को देख चीखते हुए उसके पास जाने लगा ।
    रूही मैम,,,,,,,,,,,,,,,
    रवि आपने फिक्र न करते उन बिखरे हुए कांच के टुकड़ों से होते हुए रूही के पास जा रहा था ।  हालाकि उसने आपने पैरो में जूते पहने हुए थे इस लिए  उसको कही पर भी चोट नही लग रहा था ।
    वो जल्दी से रूही के पास जा कर उसको आपने  गोद में उठा कर बाकी सभी के ओर देखते हुए बोला ।
    जल्दी से डॉक्टर को बुलावा और ये रूम क्लीन करो इतना बोल वो रूही को  संभाल के  उस रूम से बाहर ले गया   ।
    रवि के बात सुन बाकी सभी गार्ड  और सर्वेंट आपने होश में आए । वरना  रूही के  इस हालत में देख पूरे तरह सदमे में चले गए थे  ।  उन में  कुछ सर्वेंट रूही का रूम क्लीन करने लगे गार्ड जल्दी से डाक्टर को कॉल करके बुला लिया ।
    रूही रूही को लेकर अभय के रूम में चला गया । और उसको बेड पर आराम से लेटा दिया और  परेशानी  भरे नजरो से रूही को देखने लगा । उसके आंखो से अंशु आने लगे । क्योंकि रूही आज इस हालत में सिर्फ और  सिर्फ  उसकी वजह से थी । वो खुद को दोसी मन रहा था  ।  तभी  कुछ  गार्ड  और सर्वेंट रूम में आ कर खड़े हो गए रवि उन लोगो को  देखते हुए थोड़े गुस्से से बोला  ।  कितन टीम लगेगा डॉक्टर को आने मे मैम की हालत खबर होती जा रही है। गार्ड रवि के बात सुन थोड़ा डर गया फिर भी वह अटकते हुए बोला सर,,,,  पांच मिनट में आ  जाएंगे ।
     
    कुछ ही देर में डाक्टर के पूरे टीम  रूही का चेकअप के साथ उसके हाथ और पैरो के चोट पर पट्टी कर रहे थे ।   रवि उन सभी को देखते एक साइड खड़ा हुआ था । डॉक्टर रूही को एक  नींद का इंजेक्शन दे कर रवि के पास आ कर बोलने लगा ।
      Mr रवि  मिस रूही बहुत बड़े डिप्रशन की शिखर होती जा रही है  ।  इनके शरीर के साथ  इनके दिमाग में भी किसी चीज  का  बहुत गहरा असर पड़ा  । शरीर के घाव तो कुछ ही दिनों में भर जायेंगे।  पर अगर इनको डिप्रेशन से  नही  निकाला गया । तो शायद   कोमा में भी जा सकती है । हमने इनको आराम लिए नींद का इंजेक्शन दे दिया है।  कल तक इनको होश आ जायेगा आप लोग कोशिश करिए  की ये  आपनी पिछली यादें भूल कर खुश रह सके ।  वरना हम लोग भी कुछ नही कर पाएंगे ।
    डॉक्टर इतना बोला आपने पूरे टीम के साथ वहां से चले गए  ।  डॉक्टर के बात सुन एक बार वहां खड़े गार्ड और सर्वेंट के आंखो से अंशु आने लगे। रवि एक टक रूही को देख रहा था ।  वो बिना कुछ बोले वहा से चला गया। और हॉल में आ कर अभय के  बड़ी सी फोटो  जिसमे फूलो के हर  चढ़े थे ।  उसको देखते हुए बोलने लगा ।
    आप ,,, आप रूही मैम को देख रहे हो ना । आपको उन पर थोड़ा सा भी तरस नहीं आता क्या?  आपके बाते, आपके वादे झूठे थे ।   आप नही करते उनसे प्यार।  आपको उनकी कोई फिक्र नहीं है । आप मतलब है तभी आप उनकी  ऐसी हालत करके छोड़ कर चले गए ।  अगर आपकी मोहब्बत सच्ची थी mr अभय तो आपको मार कर भी जिंदा होना होगा  । मैं नही जानता उस विधाता  का  क्या नियम है ।   पर आपको आपने प्यार की  स्वगत आपको अब अपना वादा निभाने आना ही होगा ।
    इतना बोल रवि घर से बाहर चला गया ।

    इधर विनम्र जो  आपने बकानी में बैठे आपने दिल के धड़कन को  महसूस करते हुए  आपने आंख बंद किया हुआ था।  अचनक फिर से उसके दिल  में इस एक लड़के के आवाज गूंजने लगा ।  वो झटके के साथ आंखे खोल आपने दिल में हाथ रख दिया ।  बार बार एक लड़के के बात  उसके दिल से आने लगा जो उसके कानो में गूंजाने लगा  था । जो   उसे  किसी के लिए उसको पुकार रहा था ।  वो आपने कानो में हाथ रख खुद को शांत करने के कोशिश करने लगा  । उसके बॉडी इस वक्त पूरे तरह पसीने से लत पत थे ।  तभी उसके रूम का दरवाजा नॉक हुआ विनम्र कैसे भी करके खुद को शांत कर आपने वही कड़क आवाज के साथ बोला।  कम इन ।

    जिसे देव   रूम में अंदर आते हुए बोलने लगा । बॉस ।  पर उसको विनम्र कही नजर नही आया ।  तभी उसके नजर  बालकानी में बैठे विनम्र पर पड़ी ।  जो किसी सोच में घूम था देव विनम्र के पास जा कर उसको देखते हुए बोला ।  क्योंकि उसके चेहरे पर पूरे तरह पसीने आए हुए थे ।
    बॉस आप  ठीक हो ना ।
    विनम्र उसको एक नजर  ऊपर से नीचे तक देखते हुए  बोला मैं तो ठीक  ही  हूं । पर शायद अब तुम ठीक नही रहा पवोगे ।
    देव विनम्र के बात सुन अपना थूक गटकते हुए थोड़ा घबराते हुए बोलने लगा ।
    मत ,,,,,,मतलब  बॉस ।
    विनम्र आपने जगह से उठा  आपने कुर्ते का सिल्वर फोल्ड करते हुए देव के पास बड़ने लगा ।
    देव विनम्र को ऐसा करते  और  खुद के करीब आता देख घबराते हुए आपने कदम पीछे के ओर  लेते  हुए  । बोलने लगा ।  बो ,,,,,बॉस क्या,,,,,क्या किया मैं ने ।

    पर विनम्र आपने सिल्वर फोल्ड कर उसको एक नजर देख उसके चेहरे  पर जोर दर मुक्का मरते हुए बोलने  लगा  ।  तुम्हारे हिम्मत कैसे  हुईं   ।  मुझसे इतना बड़ा झूठ  बोलने  की how dare you इतना बोल विनम्र उसको मुक्के ऊपर मुक्के मरने लगा । देव विनम्र के मरने से एक साइड में झुकता जा रहा था ।  और विनम्र के बात सुन पुरे तरह घबरा गया ।   उसको समझा  आ चुका था की विनम्र को सब कुछ पता चल चुका है । जिसे  वो माफी मांगते हुए बोलने लगा । सोरी बॉस मुझे माफ कर दीजिए ।  मुझे जो आपके लिए ठीक लगा मैं ने वही किया ।  अगर मैं वैसा नही करता तो आपके जान को खतरा होता  ।  प्लेज ,,,,,,बॉस मुझे माफ कर दीजिए  ।  विनम्र उसको घुसे  मरते हुए ।   तो तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझसे इतना बड़ा सच छुपने की  ।  तुझे पता है मुझे झूठ से कितनी  नफरत है ।  फिर भी तूने मुझसे झूठ बोलने की हिम्मत कैसे किया ।
    देव मार खाते पीछे होते हुए।  बॉस ,,,,,,,बॉस  मैं ,,,,मैं डर गया था । अगर आपको सच पता चला तो पता नही आप क्या करोगे । इस लिए मैं,,,,, मैं मजबूर था ।
    विनम्र उसको देखते हुए  एक घुसा और मार ।   गुस्सा तो मैं अब भी हूं ।  तूने मुझसे झूठ बोलने की हिम्मत की ओर इस दिल के मालिक  के परिवार वालों को इसकी आधी कीमत भी अदा नहीं किया  ।
    देव विनम्र के बात सुन न समझी से उसके तरफ देखते हुए बोलने लगा ।    बॉस आप आपने हार्ट के ओनर के फैमिली वालो को इसकी कीमत देना चाहते हो ।
    विनम्र उसके बात सुन देव को गुस्से से घूरते हुए  ।  तेरा  आधा दिमाग को कहा छोड़ कर आया है  ।  जब तू मुझसे इतना बड़ा झूठ बोल सकता है  तो जिसका दिल मेरे सीने में धड़क रहा है उसके परिवार वालो का  तूने सोचा तक  नही ।  जिसने ये दिल दिया वो किसी मजबूरी में ही आपने जान गवा कर मेरे जान बचाया है काम से काम उसके परिवार वालो को आगे की  जिंदगी  आराम दायक तो  दे सकते है ।

    देव विनम्र के बात सुन शौक भरे नजरो से  उसके  ओर देखने लगा । अब उसको विनम्र के बातो से लग रहा था की विनम्र को पूरा सच पता नही है । इस किए वो ऐसा रिएक्ट कर रहा है।  जब उसको आधे सच पता होने से उसका अधमरी हालत कर दिया तो पता नही जब उसको पूरा सच पता चलेगा कि जिसका  दिल उसके सीने में धड़क रहा है।  उसका परिवार के नाम में वो खुद है तो पता वो  उसका क्या हालत करेगा  ।  वो सोच ये सब  कर ही डर रहा था ।

    आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद!

  • 12. I am always with you - Chapter 12

    Words: 1146

    Estimated Reading Time: 7 min

    तभी विनम्र  के   आवाज फिर से उसके कानो में पड़ी जिसे वो आपने सेंस में वापस आया ।
    विनम्र - तुम्हे जो बोला था वो काम हुआ की नही ।
    देव आपने होश में आते हुए आपने पेट को सहलाते हुए जल्दी से बोलने लगा । जी ,,, जी बॉस हो गया   काम ।  ये रही फाइल ।
    विनम्र फाइल को पकड़ बोलने लगा । बोलो ,,
    जिसे देव सीधा खड़ा हो कर बोलने लगा ।  बॉस  उस लड़की का नाम रूही  मेहता है ।   वो अनाथ आश्रम में रहने वाली 18साल की अनाथ लड़की है । जो इस दुनिया से पूरी तरह अंजान या बोला जाए तो वो सिर्फ उम्र से ही  बड़ी हुई है ।  पर दिमाग से नही।  उनका  एक एक्सिडेंट हुआ था बचपन में जिसे उनके मॉम डैड का उसी पल डेथ हो गया ।  और मिस रूही जो बहुत छोटी थी  उनके सर में एक गहरी छोट लग गई जिसे  उनके दिमाग कर विकाश नही पाया और बच्ची ही रही गई  । बाकी उनकी  पर्सन जानकारी उस फाइल में है देव इतना बोल चुप हो गया।  क्योंकि आगे बोलने के लिए उसको एक अजीब सा डर लग रहा था  ।  विनम्र फाइल में रूही की सारी जानकारी जो अनाथ आश्रम से ली गई थी और उसके मासूम से एक फोटो भी था उसको एक तक देखने लगा । तभी उसे गार्डन में जो हुआ वो बात याद आने लगा वो उस फोटो को एक तक देखते हुए बोला । और वो कौन था जो उसके साथ  कार में था वो एक अनाथ है तो उस  60लाख के की कार में क्या कर रही थी  । वैसे कार  पूरे इंडिया में लगभग 5लोगो के पास होगा   फिर वो अनाथ होते हुए वहा कैसे और उसके पहने गए कपड़े वो देख कर ही पता चल रहा था उसको  किसी डिजाइनर से स्पेसिली बनवाए  गए है। इतना बोल विनम्र देव को देखने लगा जिसके चेहरे पर पसीने उभार रहे थे । विनम्र  उसको एक तक देखते हुए आपने कदम उसके तरफ बड़ते हुए बोलने लगा  । जो भी उसके बारे में जानकारी  है एक - एक चीज मुझे बताओ।  अगर  तुमसे  गलती से भी इस बार कुछ गलती हुआ
      तो तुम्हारा वो हस्र होगा जो तुमने सपने में भी नही सोच होगा ।
    देव जो विनम्र  को आपने पास आता देख आपने कदम पीछे ले रहा था।  वो विनम्र के  बात सुन डर से कांपने लगा । उसके  हाथ- पैर ठंडे पड़ते जा रहे थे ।
    वो घबराए हुए स्वर में बोलने लगा।  बॉस वो ,,,,वो  मिस रूही
    तभी विनम्र के दहाड़  भरी आवाज उसके कानो में पड़ा जिसे एक पल के लिए आपने जगह से  हील ही गया ।
    Speak fast

    जिसे देव  कंपते हुए बोलने लगा ।

    बॉस मिस रूही जो  अनाथ है  आश्रम में रहती थी वहा के अधिकतर पैसे  mr अभय डोनेट करते थे।
    अभय का नाम सुन  विनम्र के चेहरे के भाव पूरे तरह बदल गए  उसके चेहरे पर गुस्से नजर आने लगे । उसके आंखे गुस्से से लाल होने लगा । जिसे देव उसको देखते हुए घबराए हुए स्वर में बोलने लगा । बॉस ,,,,,,बॉस प्लेज प्लेज आप शान्त रहिए । आपकी हैल्थ अभी तक पुरे तरह ठीक नही हुआ है ।  ऐसे में आपका गुस्सा आपके लिए ,,,,,,
    विनम्र उसके बात बीच में कटते हुए , आगे बोलो,,,,,,
    देव एक नजर विनम्र को देख  थोड़ा घबराते हुए आगे बोलने लगा   ।
    Mr अभय तब वही मिस रूही से पहली बार मिले थे ।  उनको मिस रूही का बच्चो जैसे मासूमियत उनका भोला पान उनके दिल में घर करने लगा । और धीरे - धीरे उनके मासूमियत में mr अभय को आपने दुनिया नजर आने लगा ।
    फिर एक दिन उस आश्रम के बच्चो को संभालने वाली ताई मां की  आचनक से डेथ हो गया जिसे उन्होंने mr अभय को रूही की जिमेदारी दे दी ।  वो जानती थी mr अभय  की रूही के लिए क्या भावना है ।  उनको पता था  उनके जाने के बाद mr अभय रूही को संभाल लेने ।
      
    Mr अभय ने रूही को  आपने पास रखने के लिए  उनसे  शादी कर लिए  वो चाहते तो  मिस रूही को अपने साथ बिना किसी रिश्ते के भी रख सकते थे । पर वो नहीं चाहते   थे किसी भी तरह से मिस रूही पर एक उंगली भी उठे ।  इस तरह उन्होंने मिस रूही को आपने पत्नी बना लिया  इतना बोल देव चुप हो गया ।
    विनम्र देव के सारे बाते सुनने के बाद भी पता नही क्यों उसके दिल में  कोई दर्द या कुछ अजीब फीलिंग नही हो रहा था ।  बल्कि उसके दिल को एक सुकून मिल था । पर उसके दिमाग अभय को याद कर गुस्से से भर चुका  था  ।  उसको समझा नही आ रहा था की वो आपने ही सबसे बड़ी दुश्मन की पत्नी से कैसे अटैच हो सकता  है ।  उसको खुद पर गुस्सा आने लगा था कैसे वो उस लड़की के बारे में सोच सकता है जो मैरिड है ।
    कैसे उसका दिल उस लड़की के लिए धड़का सकता है कैसे ?  विनम्र खुद के भावनावों में पूरे तरह उलझाता जा रहा था ।  जिसे वो आपने बालो में हाथ फेरते हुए बोला। गेट आउट ।
    जिसे देव विनम्र को एक नजर देख रूम से बाहर चला गया ।
    विनम्र आपने बालो में हाथ फेरते हुए खुद के दिल और दिमाग में उठते जज्बातों को समझने की कोशिश कर रहा था ।  उसको खुद पर गुस्सा आने लगा था । जिसे वो गुस्से से रूम के पूरे समान को इधर- उधर फेकने लगा।  वहा रखे हर एक समान की कीमत लाखों करोड़ों में था ।  जिसे वो  पूरे  तरह फर्श से टकरा कर टूटता जा रहा था।   विनम्र आपने गुस्से के साथ पर रखे हर एक - एक समान को फार्स पर फेंकता जा रहा था . उसका गुस्सा उसके कंट्रोल के बाहर होता जा रहा था उसके दिमाग में अभय का चेहरा  और उसके मां का दर्द नजर आने लगा । पर उसके दिल में सिर्फ और सिर्फ रूही नजर आ रही थी ।
    वो गुस्से से आईने के पास आ कर खुद का  अक्श देखते हुए आपने हाथो के मुट्ठी बना कर आईने में दे मारा  जिसके साथ पूरा आइना  धड्म के आवाज के साथ टूट गया  ।  जिसे  विनम्र के हाथो में कुछ कांच के टुकडे चुब गए ।  उसके हाथो से खून निकलने लगा। और खुद  से आईने में देखते जोरो से चीख के साथ बोलने लगा  । कैसे कैसे मेरा दिल उस लड़की के लिए धड़क सकता है।  जो मेरे मां का सबसे बड़ा गुनाह गर की पत्नी है  । कैसे मैं उस लड़की से मोहब्बत कर सकता हूं  जो उस धोखेबाज की पत्नी है । आह ,,,,,,क्या हो रहा है मुझे मैं क्यू उसके तरफ खींचा जा रहा हूं । जो मेरी नही है  । जो उस धोखेबाज की अमनत है  । ये दिल क्यों उसको चाहता है ।आखिर क्यों क्यों ,,,,,,,?
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    धन्यवाद !

  • 13. I am always with you - Chapter 13

    Words: 1529

    Estimated Reading Time: 10 min

    ऐसी ही दिन बिताने लगे ।  विनम्र आपने जस्बातो को पूरे तरह कंट्रोल करने के कोशिश कर रहा था ।    की उसको किसी भी तरह रूही  का चेहरा नजर न आए ।   वो अपना पूरा  ध्यान आपने बिज़नेस में लगा रहा था ।  पर उसका दिल बार- बार किसी को पुकार रहा था । उसके दिल का दर्द दिन- ब - दिन बड़ता जा रहा था  ।   उसके आंखो के सामने हमेशा उस लड़की का मासूम चेहरा नजर आता जिसके आंखो  में उसको दर्द दिखता  । जिसे उसके बेचैनी  बड़ते जाते ।  उसको कही भी सुकून नहीं मिल रहा था  । जिसे उसका गुस्से बड़ते ही जा रहा था । न वो चैन से सो पता ।  न कुछ खा पता । क्योंकि किसी की मासूम सी आवाज उसके कानो में गुंजाती कोई उसको सच्चे दिल से पुक्रता ।   वो आपने आप से पूरे तरह परेशान हो चुका था ।  उसको समझा नही आता वो क्या करे । उसके बड़ते गुस्से के शिखर उसके  ऑफिस के हर एक को झेलना पड़ता    और घर में सारे सर्वेंट को  भी ।  देव से अब विनम्र के हालत देखे नही जा रहे थे । साथ ही साथ उसको  अब विनम्र से बहुत ज्यादा डर लगने लगा था।  जिसे वो चाह कर भी कुछ नही कर पा रहा था । उसका दिल चाहता वो सब कुछ जा कर विनम्र को बता दे ।  पर उसके बाद जो  होगा उसके बारे में वो सोचना भी नही चाहता था।  ऐसे ही 1सप्ताह  बीत गए।   विनम्र के दिल का दर्द अब उसके बर्दास्त के बाहर हो रहा था । आज सुबह विनम्र बाथरूम में फ्रेश होने गया था उसका दिल बहुत ज्यादा दर्द  दे रहा था ।  जो उसके बर्दास्त के बाहर हो रहा था।  वो खुद को संभालने के  पूरी  कोशिश करते हुए बाथरूम से बाहर आने लगा ।  पर  उसको दर्द इतना था की उसका सर घूमने लगा ।  वो आपने दिल में हाथ रखे सब कुछ धुंधला दिखते नजर आ रहा था । पर उसके आंखे अब पूरे बंद होने लगी थी तभी विनम्र बाथरूम के अंदर की दीवाल में आपने एक  हाथ रखे दूसरे हाथ  आपने दिल में रखे धड़ाम के आवाज के साथ नीचे फर्श पर बेहोश हो गया ।


    वही घर के हाल में बैठा देव , विनम्र के आने का कब से इंतजार कर रहा था ।  लगभग 1 घंटा बीत चुका था पर अभी तक विनम्र नीचे नही आया था । देव को ये बात अजीब लग रहा था ।  क्योंकि विनम्र 30मिनट  के अंदर  त्यार हो कर नीचे आ चुका होता ।  पर आज पहली बार था जब विनम्र इतने टाइम हो चुका ।  वो नीचे नही आया था   ।  उसने सोच की विनम्र का बेहवियाए आज कल बहुत गुस्से में रहता है तो शायद वो अभी कुछ कर रहा होगा । ये सोच  वो  और विनम्र का वेट करने लगा  । पर दो घंटे बीत चुके थे विनम्र अब तक नीचे नही आया था । देव को बहुत अजीब फीलिंग होने लगा ।   हालाकि उसको विनम्र के रूम में अब कदम रखने से डर लगता था क्योंकि विनम्र  जब भी आपने रूम में होता  वहा पर  अब किसी के आने- जाने का माना कर चुका था । फिर भी वो  हिम्मत करते हुए विनम्र के रूम के तरफ जाने लगा । और रूम का  दरवाजा नोक करते हुए डरते  हुए बोलने लगा। बॉस ,,,,,,,,,,बॉस आप,,,,,, आप ठीक है ना ।

    पर अंदर से कोई भी आवाज नही आया ।  देव लगभग दो से तीन- बार आवाज दिया । पर अंदर से एक आवाज नही आया  । जिसे देव दरवाजे को हल्के से खोल कर अंदर देखने लगा।  उसको विनम्र कही पर भी नजर नही आ रहा था ।  जिसे वो दरवाजे को पूरे तरह खोल अंदर आते हुए इधर- उधर देखते हुए बोलने लगा।  बॉस  ,,,,,,,,बॉस आप कहां है  ।
    पर पूरे रूम में देखने के बाद भी विनम्र कही नही  देखा देव  पूरे रूम में एक नजर डालते हुए बाथरूम में चैक  करने के लिए दरवाजा जैसे ही खोला वो वैसे ही  शौक से  उसी जगह जम सा  गया ,  उसके आंखे बड़े हो गए।  विनम्र चेस्ट के बल फर्श पर गिर हुआ था ।  उसके शरीर में एक टॉवल के सिवा  कुछ भी नही था वो जोरो से चीखा बॉस ,,,,,,,,
    और विनम्र के पास जा कर उसको उठाने लगा  ।


    लगभग एक घंटे बाद
    डॉक्टर के पूरे टीम रूम के मवजूद  थे । विनम्र बेड पर बेहोश  लेटा हुआ था  । और हेड डॉक्टर आपने कंपते हाथो के साथ विनम्र का चैकअप कर रहा था।   देव साइड में खड़े गुस्से से सभी डॉक्टर को घूर रहा था  । जिसे सभी डॉक्टर के पसीने निकलने लगे थे । देव हेड डॉक्टर  को देखते हुए आपने  धीरे मगर डरवानी आवाज के साथ बोला  ।  क्या हुआ है बॉस को वो कैसे बेहोश हो गए ?

    हेड डॉक्टर आपने चेहरे से पसीने पूछते हुए विनम्र को एक इंजेक्शन देते हुए बोला mr देव ,  mr विनम्र को कोई भी प्रॉब्लम नहीं  है ।  हमे समझा नही आ रहा ये किस तरह बेहोश हो गए ।  हमने इनको इंजेक्शन दे दिया है । अभी कुछ देर में इनको होश आ जायेगा ।

    डॉक्टर के इतने बोलते ही विनम्र आपने आंखे धीरे- धीरे खोलने लगा  ।  जिसे  देव के  चेहरा का गुस्से वाला एक्सप्रेशन पूरे तरह बदल कर नॉर्मल हो गया।  और वो विनम्र को देखने लगा ।

    डॉक्टर विनम्र को होश में आया देख और भी ज्यादा डराने लगे थे । उनके बॉडी पूरे तरह  कपकपी छूटने लगा था।  क्योंकि  इसके बाद क्या होगा वो लोग अच्छे से जानते थे।  उस डाक्टर को खुद पर तरस आ रहा था  की  क्या जरूरत थी ।  उसको  दुनिया के टॉप डॉक्टर बनने के जिसे वो कभी विनम्र का ट्रीटमेंट करता ही नही ।

    विनम्र आपने आंखे खोल आपने आग उगलती डरवानी आंखो के साथ पूरे रूम में एक नजर डालते हुए देव से लेकर डॉक्टर को देखने लगा ।

    देव विनम्र  को देख जल्दी से अपना सर झुका लिया उसमे हिम्मत नही था  ।  वो विनम्र के इतने डरवानी आंखो का सामना कर सके ।  डॉक्टर को आपने  रीड की हड्डी में एक  कपकपी से महसूस होने लगा ।  क्योंकि विनम्र के जलते आंखो के तपिश वो बर्दास्त नही कर पा रहा था। विनम्र बेड से टिक कर बैठ डॉक्टर देखते हुए आपने एक हाथ से उसका कॉलर पकड़ते हुए बोलने लगा ।

    तुझे बोला था न मैं ( आपने दिल के तरफ इशारा करते हुए )इसको ठीक कर ।   पर तूने इसमें ऐसा क्या किया है जो मेरे पूरे शरीर को इतना दर्द देता है  । क्यों मुझे वो आवाजे सुनाई देता ।  बता क्या है उस लड़की का इस दिल से कनेक्शन बोल बे वरना आज तू नही बचेगा ।

    विनम्र के इतने डरवाने आवाज सुन वह खड़े हर कोई कांपने लगा ।  यह तक देव भी ।  पर उसके नजरे बाराबर डॉक्टर बना हुआ था ।  जैसे  वो आपने नजरो के तपिश से बताने के कोशिश कर रहा हो तू सच्चा बोला तो  उसे भी भयानक होगा तेरे साथ ।   डॉक्टर   लगभग रोते हुए बोलने लगा । किंग ,,,,,,,किंग  मैं मई सच कह रहा हूं  हमने आपका अच्छे से ऑपरेशन किया है  । हम लोग नही जानते आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ।  हो,,,,,,,,, हो सकता है  । आपके सीने में धड़कते दिल का ओनर किसी लड़की से प्यार करते होंगे ।  वही फीलिंग आज आपको हो  रहा है  । पर ये ,,,,,,,ये बात साइंस नही मानती ।

    डाक्टर आपने इन बातो के इशारे से बहुत कुछ बता दिया था।   डॉक्टर के बात सुन विनम्र के चेहरे के भाव बदलने लगे ।  वो झटके के साथ डॉक्टर को धक्के दे कर छोड़ दिया और आपने बालो में हाथ फेरते हुए  आपने आंखे बंद कर आपने दिल में हाथ रख सारे चीजों को  महसूस करने लगा ।  तभी उसको आपने दिल के अंदर एक लड़की के आवाज के साथ  किसी का हस्ते हुए होट  नजर आने लगे ।   वैसे ही विनम्र के चेहरे के बेचैन बड़ने लगा  ।
    एक लड़की की  धूमली परछाई नजर आ रहे थे  । जो किसी बड़े से हॉल में भाग रही थी।  उसके हल्के से परछाई देख कर पता चल रहा था । वो लड़की की उम्र 18- 19के आस - पास के होगी।  जो भागते हुए आपने मासूम आवाज के साथ बोल रही थी।   हब्बी,  हब्बी पकड़ो मुझे। हा,,, हा,,, हा,,,,, हा,,, हा ,,,,
    पकड़ कर देखावो मुझे हब्बी,
       हा ,,,,,,हा,,,,, हा,,, हा ,,

    विनम्र आपने दिल से ही उस लड़के चेहरे को अच्छे से दिखने के कोशिश करने लगा ।  उसके चेहरे पर पसीने उभरने लगे।   देव विनम्र के हालत देख कुछ बोलने ही वाला था  । की  विनम्र एक झटके के साथ आपने आंखे खोल दिया । और जोरो से सांस लेने लगा वो इस कुछ मिनट में ही पूरे तरह पसीने से बिग चुका था  । देव विनम्र के ऐसे हालात देख। डॉक्टर को चिल्लाते हुए बोला ।  तू क्या कर रहा है ।  बॉस को चेक कर  ।
    जिसे डॉक्टर डरते हुए जो फर्श पर गिर हुआ  था । उठा कर विनम्र के पास जाने लगा ।  वैसे ही विनम्र देव को देखते हुए बोला ।

    अभय के विल चलने की  तैयारी करो ।

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  • 14. I am always with you - Chapter 14

    Words: 1114

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र के बात सुन देव के साथ  डॉक्टर भी  पूरे तरह डर से कांपने लगे । देव के चेहरे पर पसीने उभरने लगे ।  वो विनम्र को देखते हुए आपने अटकती आवाज के साथ बोलने लगा  । पर,,,,, पर बॉस mr अभय के विल क्यों जाना वह पर जाना आपके जान के लिए खतरा है ।   देव विनम्र को समझते हुए   बोलने लगा ।

    विनम्र देव के बात सुन उसको आपने डरवानी लाल हो चुकी आंखो के साथ देखते हुए बोलने लगा ।   तुम्हे जीतना बोला जाए उतना करोगे तो तुम्हारे लिए अच्छा होगा  ।
    विनम्र के बात सुन देव पूरे तरह घबरा गया  । वो आगे कुछ न सवाल करते हुए अपना सर झुका  कर  सॉरी बोलते हुए वहां  से चला गया  । विनम्र एक  नजर डाक्टर के तरफ डाला जिसके साथ उसकी टीम वह से भागते हुए गायब हो गए । विनम्र एक बार फिर से आपने दिल में हाथ रख आपने आंखे बंद कर बोलने लगा ।  जो भी हो अब तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी हो ।  इस धड़कते दिल की वजह तुम बन चुकी हो और तुम्हे आपने पास लाने के लिए मैं हर रिश्ते की मर्यादा बुलाने को तैयार हूं।   तैयार हो जा वो अभय आपनी सबसे कीमती चीज खोने के लिए  ।  तुम्हरे मां ने मेरे मम्मा की खुशियां छिनी न अब आपनी खुशियां मेरे नाम करने को तैयार रहना ।  इतना बोल विनम्र  बाथरूम में फ्रेश होने को चला गया  ।


    मुंबई के सड़को पर फुल स्पीड के साथ लगभग चालीस कार एक लाइन में दौड़ रही थी ।  उन सब कार देखने से  बहुत महंगे और ब्लाक कलर के थे  ।  सिर्फ एक बीच के कार को छोड़ कर जो सबसे अलग था ।  उसका कलर  रेड था और उन कारों में सबसे महंगे कर थे।    वो सभी कार जा कर मुम्बई के बड़े से विल के सामने जा कर रुकी ।  जिसके सामने प्लेट में लिखा हुआ था  । सिंह विल  ,,,

    तभी सभी ब्लॉक कारो में से ब्लैक शूट बहुत बहुत सारे आदमी बाहर निकले जो देखने से पता चल रहा था  । वो सभी बॉडी गार्ड है ।   सभी रेड कार से लेकर अभय के पूरे विल को घेर लिए  ।   तभी रेड कार के ड्राइवर  के बगल वाले सीट से देव बाहर निकाला और भागते हुए पीछे साइड का दरवाजा खोल दिया ।  जहां  से विनम्र एक स्टाइलिश बिज़नेस शूट पहने बाहर निकाला  । जो  देखने बहुत ज्यादा हैंडसम और रॉब दर नजर आ रहा था ।   विनम्र वह से निकल  आपने एक नजर अभय के पूरे विल को देखते हुए आपने कदम अंदर के ओर बड़ने लगा ।  उसके पीछे देव और बहुत सारे बॉडी गार्ड भी चल रहे थे। ।  वो सभी विल के अंदर चले गए बाहर अभय के जितने भी गार्ड थे उन सभी को विनम्र के गार्ड ने रोक लिया ।

    विनम्र सीधे विल के अंदर जा कर पूरे  विल में आपने नजरे फेरते हुए सीधे सोफे में जा कर किसी राजा के तरह बैठ गया  ।  तभी वहा के सारे सर्वेंट भागते हुए बाहर आए वो लोग किसी अजनबी को यहां देख कुछ बोलने वाले थे की विनम्र के गार्ड  उन सभी के सर पर  गन तन कर खड़े हो गए  ।

    इस चीज के खबर जब रवि को हुआ की कोई उनके विल में  जबदस्ती घुस गया है ।  वो भागते हुए वहां  पर आ गया ।  और हाल का नज़ारा देख वो आपने जगह ही रुक गया । उसके नजर विनम्र पर जा कर जम गया ।  वो अच्छे से जानता था सामने जो  आदमी किसी राजा के तरह बैठा वो कौन है ।    वो आदमी और कोई नही उसके बॉस के बचपन के बेस्ट फ्रेंड्स और  सौतले  भाई विनम्र राजपूत था ।   जो उसके बॉस को अपना सबसे बड़ा  दुश्मन  मानने लगा   ।  पर कभी भी अभय ने विनम्र को अपना दुश्मन नहीं आपने भाई आपने बेस्ट फ्रेंड्स ही मानता   था । उसके हिसाब से उनके रिश्ते में एक कड़वाहट आ गई थी । जो कभी न कभी दूर हो ही जायेगा  और एक दिन उसका दोस्त उसका भाई उसके साथ होगा  और इसकी वजह यह था की विनम्र कभी भी देव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नही किया  । वो चाहता तो अभय को   कब का मार चुका होता  ।   पर उनके रिश्ते में कभी सुधार नही आया ।

    रवि विनम्र को देखते उनके सामने जा कर खड़ा हो गया ।  विनम्र के गार्ड उसको रोकने की कोशिश किए पर  जैसे ही। विनम्र के नजर रवि पर पड़ी वो आपने गार्ड को हाथ देखा कर रोक दिया। । और आपने डरवानी नजरो से रवि को घूरने लगा ।
    रवि विनम्र के सामने जा कर उनको देखते हुए बोलने लगा ।   mr राजपूत आपके यहां आने की वजह  ?  इतना बोल रवि चुप हो कर और  एक  टक विनम्र को देखने लगा  ।
    विनम्र रवि के बात सुन और उसके हिम्मत देख डेविल स्माइल करने लगा ।  और उसको ऊपर नीचे तक देखते हुए बोलने लगा ।  मानना पड़ेगा वैसे  उस धोखेबाज को हमेशा एक बेहतरीन चीज मिलता है  ।  बड़े से बड़े बिज़नेस मेरे सामने खड़े भी नही हो पाते और तुम एक नौकर हो कर मेरे सामने मेरे आंखो में आंखे मिला कर मुझसे सवाल कर रहे हो   ।   i am impressed for you
    बट  विनम्र राजपूत किसी नौकर को जवाब देना जरूरी नहीं समझा   । और तुम्हे तुम्हारे इस गलती को  मैं  इस बार माफ कर रहा हूं  सो आपने खुद की सलामती चाहते हो तुम आपने आवाज और आंखे नीचे रखो    । इतना बोल विनम्र पूरे घर में एक नजर डालते आगे  बोलने लगा । वैसे वो तुम्हारा धोखेबाज बॉस कहां है लगता है  मेरे आने की खबर उसको  पहले से पता चल गया ।  इस लिए बिल में छुपा बैठा है ।

    इतना बोल विनम्र किसी दानव की तरह हंसने लगा   ।
    तभी  ऊपर से एक सर्वेंत  भागते हुए नीचे आ कर रवि को देखते हुए बोलनी  लगी   । सर ,,,,,,,सर मैम को होश आ गया   ।
    इतना ही सुनना था की रवि वह से सीडियो के तरफ जाने लगा  । पर उसको  विनम्र के गार्ड रोकने लगे । विनम्र उनके बात सुन असमंजस नजरो से रवि को देखने लगा ।  जो गार्ड से अलग होने की कोशिश करते हुए बोल रहा था ।  mr राजपूत प्लेज मुझे जाने दीजिए मैम की हालत खराब है ।   विनम्र को समझा नही आ रहा था आखिर रवि किसके बाते कर रहा  है । तभी उसके दिमाग में रूही का ख्याल आने लगा  ।  और इसे ज्यादा वो आगे कुछ सोच नही पाया और आपने कदमों की स्पीड बड़ते हुए सीढ़ियों ऊपर जाने लगा ।  और आपने हाथो से इशारा कर आपने बॉडीगार्ड को रवि को छोड़ने को बोल    दिया।

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    धन्यवाद!

  • 15. I am always with you - Chapter 15

    Words: 1078

    Estimated Reading Time: 7 min

    रवि विनम्र के पीछे जाने लगा ।  विनम्र लगभग दौड़ते हुए  हुए जा रहा था ।  पर उसको पता नही था रूही का रूम  कौनसा है वो जोरो से चिल्लाते हुए बोला  ।  डॉल का रूम कौनसा  है ?  विनम्र के मुंह से रूही के लिए डॉल  सुन वहा पर खड़े सभी लोग पूरे तरह शौक हो गए  । यहां तक रवि  भी क्योंकि ये शब्द रूही के लिए सिर्फ और सिर्फ अभय यूज करता  था ।  पर  अभी कुछ भी सोचने का टाइम नही था ।    इस लिए  इस बात का ज्यादा ध्यान नहीं दिए   ।  और विनम्र तो खुद के ही बातो से पूरे तरह अंजान था ।  की अभी उसने क्या बोला  रवि विनम्र के पास जल्दी से आते हुए बोलने लगा  । आप मेरे साथ आईए फिर वो दोनो रूम के तरफ जाने लगे  ।
    दोनों जैसे  ही रूही के रूम में  गए  ।   अंदर का नजारा देख पूरे तरह शौक हो गए। जिसे  वो दोनो आपने जगह से हिल ही गए ।   विनम्र का दिल में तो जैसे हजारों वाल्ट का दर्द उठाने लगा था   ।  उसके आंखो में  अंशु  आने लगे थे  ।  क्योंकि सामने रूही बेड पर  लेते हुए आपने आंख बंद  किए झटपते हुए बोले जा रही थी  । हब्बी ,,,,हब्बी  प्लेज लौट आवो ,,,,,,
    हब्बी प्लेज लौट आवो न ,,,,,,, हब्बी,,,,,,
      रूही ये सब बोलते आपने हाथ पैर हिलाते जा रही थी ।  जिसको बाकी फीमेल मेड संभालने की कोशिश कर रहे थे   ।

    विनम्र ये सब नजारा देख भागते हुए रूही के पास आ कर बिना कोई सोचे समझे उसको आपने सीने से लगा लिया  ।  वैसे ही रूही झटपटन बंद कर दी  और विनम्र को आपने नन्हे नन्हे हाथो से कस कर पकड़ते हुए बोलने लगी । हब्बी ,,,,,,,हब्बी आप ,,,,,आ गए । हमे  ,,,,,,,हमे माफ कर दीजिए हब्बी  ।  हमसे ,,,,,,जो भी गलती हुई है हम,,,,,,, उन सारे चीजों के लिए आपसे माफी मानते है ।  पर हमसे दूर न ,,,,,,,,जाइए हब्बी ।  हम,,,,,,,, हम पिंकी प्रोमिस करते है ।  हम ,,,,,,,आपको अब ,,,,,कभी परेशान नही,,,,, करेंगे   ।  हब्बी मुझे छोड कर मत जाए हब्बी,,,,, हब्बी,,,,,,,, हब्बी । ये बोलते - बोलते रूही विनम्र के ही बाहों में बेहोश हो गई  । विनम्र जो रूही को गले लगाया हुआ था।  वो कुछ भी सोच नही पा रहा था । बस रूही को महसूस कर रहा था ।   उसके आंखो से अंशु आ रहे थे ।  वही वह पर खड़े रवि  और मैंड ।  ये  नजारा देख  जैसे आपने जगह जम से गए थे ।  पर रूही को विनम्र को अभय समझा शान्त होता देख उन सबको भी एक सुकून मिलने लगा  ।  पर उन सब को समझ नही आ रहा था । रूही कैसे आज पहली बार किसी दूसरे इंसान को अभय समझ  रही है ।  जबकि वो हजारों किलोमीटर की  दूरी से बता सकती थी अभय उसके पास आ रहा  है ।  तो आज ऐसा पहली बार  वो किसी और को अभय कैसे समझ रही थी।  वो लोग ऐसा सोच ही रहे थे  ।
    डॉक्टर को बुलाओ ,,,,,,,,,,,
    तभी एक खतरनाक आवाज उन सबके कानो में गूंजी जिसे वो सभी कांप से गए   ।  रवि जल्दी से आपने होश में आते हुए रूही के हालत देख डॉक्टर को कॉल कर दिया  ।
    लगभग पांच मिनट के अन्दर डॉक्टर रूही के कमरे में उसको चेक कर रहे  थे  । पर डाक्टर के हाथ पूरे  तरह कांप रहे थे  ।  क्योंकि उसको अच्छे से किसी की जलती हुई नजरे खुद पर महसूस हो रहे थे ।  जिसे उसके चेहरे पर  पसीने आने लगे थे ।  वो जल्दी से रूही को चेक कर  उसे दूर हो कर एक नजर विनम्र और देव को देखते हुए आपने कंपते आवाज के साथ बोलने लगा  । mr विनम्र,,,, वो ,,,,वो ठीक है बस बेहोश हो चुकी है ।  थोड़ी देर में उनको ,,,,,होश आ जायेगा ।  और mr देव मै आपको पहले भी बोला था उनको खुश रखने की कोशिश करिए ।  वो जो चीज चाहती है वो उनको दे दीजिए अगर उनकी हालत ऐसी ही रही  तो,,,,,,,,,,,,,,,। ओ आगे बोलते बोलते चुप हो गया  । क्योंकि विनम्र उसको इतने खतरनाक लुक से देख रहा था की उसने  हिम्मत नही थे । आगे और कुछ बोल सके  ।   वो जल्दी से उस रूम से बाहर चला गया  ।  विनम्र एक नजर रूही का मासूम चेहरा को देख उसके पास जा कर उसके सर में  आपने हाथों से  सहलाते हुए उसको एक तक देखने लगा  । कितनी मासूम थी वो सच में एक बच्चे जैसी  दुनिया के हर एक चीज से अनजान ।  उसके चेहरे पर पता नही क्यों एक अजीब डर नजर आ रहा था वो उसको गौर से देखने लगा  । तभी उसको रूही की बाते याद आने लगा जो कुछ देर पहले उसके गले लग बोल रही थी  ।  वैसे ही उसके आंखो में एक अजीब सा डर एक अजीब से बेचैनी होने लगा  । वो पीछे पलट रवि को देखते  हुए  आपने कड़क आवाज के साथ बोला ।  नीचे  मिलो  मुझे तुमसे बात करना है । और याद रहें  कोई मेड इस रूम के बाहर  तो दूर आपने जगह से हिलने की कोशिश भी मत करना अगर डॉल को थोड़ी सी  भी प्रोबलेम हुई तो आपने कबर खुद खोदोगे  तुम सब  ।  इतना बोल विनम्र सभी को आपने डरवानी  नजरो से एक बार देख वहा से चला गया ।
    रवि भी सभी मेड को देखते हुए बोला ।  याद हैं  न mr विनम्र ने क्या बोला है इतना बोल वो रूही को एक नजर देख वहा से चला गया ।

    नीचे हॉल पूरे तरह विनम्र के गार्ड खड़े हुए थे  ।और सामने सोफे पर विनम्र किसी राजा की तरह बैठा हुए था   ।  उसका औरा अभी इतना खतरनाक लग रहा था की वहा खड़े देव के भी पसीने छूट रहे थे   । तभी  ऊपर से रवि नीचे आते दिखा  । वो विनम्र के सामने जा कर खड़ा हो गया ।  विनम्र  उसको एक नजर देखते हुए आपने डरवनी  आवाज के साथ बोला ।
    तुम्हार बॉस कहां है ,,,,,,,,,,,,,
    याद रखना अगर तुमने एक भी लफ्ज झूठ  बोला  तो तुमको जीते जी मौत के दर्शन कराऊंगा  ।

    इतना बोल विनम्र    रवि को एक टक देखने लगा  । जिसके चेहरे पर डर के एक भी भाव नजर नही आ रहे थे । 
    वही देव के थे पसीने छूटते जा रहे थे  । वो   एक नजर विनम्र को देखता तो एक नजर रवि को   ।  उसके हालत इस वक्त ऐसे थे जैसे एक तरफ  बम तो दूसरे तरफ मिसाइल ।







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  • 16. I am always with you - Chapter 16

    Words: 1078

    Estimated Reading Time: 7 min

    देव विनम्र को देख  डरते हुए कुछ बोलने के लिए अपना  मुंह खोलने  वाला था ।  की विनम्र के डरवाने आवाज उसके कानों में पड़ी  ।
      अगर कोई बीच  में कुछ बोलने की कोशिश किया  तो उसको मै अभी जिंदा  यहीं जमीन में गड़ दूंगा। ये बोलते हुए विनम्र के नजरे रवि  पर ही थे  । पर उसके बातों का मतलब देव से था ।  जो विनम्र के बात सुन उसके मुंह से निकलते हुए बात उसके अंदर ही रहा गए ।  और डरे हुए नजरो से विनम्र और रवि को देखने लगा  ।  रवि   बिना किसी भाव के साथ विनम्र को देखते हुए बोलने लगा ।  mr विनम्र  मैं आपका सामना  करता हूं।   आप हमारे बॉस के  छोटे भाई  हो  ।
    विनम्र उसके बात बीच में कटते हुए।  आपने डरवानी आवाज के साथ बोलने लगा ।   खबरदार अगर आपने जबान से गलती से भी उस धोखेबाज के साथ मेरा कोई रिश्ता जोड़ा तो ।   तुम्हे जितना पूछा गया है।  तुम उतना बतावोगे  तो तुम्हारे अच्छा होगा ।   कहां है तुम्हारे वो  धोखेबाज बॉस ?   आपने बाप के तरह  आपनी पत्नी को इस हालत में छोड़  कहीं  आइयासी करने गया है  । ये बोलते हुए विनम्र टेडी स्माइल करने लगा  ।

    तभी रवि थोड़े तेज आवाज के साथ बोला  । आपने शब्दो की लिमिट क्रॉस मत करिए mr विनम्र न की मैं आपका  सम्मान  भूल जाऊ ।  आप ने हमारे  बॉस से सारे रिश्ते तोड़े हो पर उन्होंने आपसे कभी कोई रिश्ता नही तोड़ा ।    वो हमेशा आपको आपने छोटे भाई और आपने बेस्ट फ्रैंड मानते थे ।   इस हिसाब से आपका भी इस घर में पूरा हक    है  । आपका सम्मान मै आपको आपने बॉस  के छोटे भाई के हिसाब से कर रहा हूं ।  पर इसका मतलब ये नही Mr विनम्र आप हमारे अन्ना देता का  अपमान करे   ।
    विनम्र के साथ  उनके साथ आए हुए  हर एक आदमी  रवि को एक- टक देखने लगे ।  आज ऐसा पहली बार हो रहा था ।  कोई इंसान उसके बॉस के सामने उनके आंखो में आंखे डाल कर उनको उनके लिमिट बता रहा है ।  पर विनम्र के चेहरे के भाव बिल्कुल भी चेंज   नही हुए थे । वो एक- तक रवि को देख रहा था  ।

    तभी रवि विनम्र को एक नजर देख  आगे बोलने लगा ।  आपको  जानना है   ना mr विनम्र मेरे बॉस इस वक्त कहां है  ।  इतना बोल रवि उस हॉल के दूसरे साईड एक कोने में चला गया  ।
    और दो मिनट में आते हुए आपने साथ   कुछ लाने लगा और विनम्र के सामने खड़ा हो कर रवि उनको  एक टक देखते  हुए ।   आपने साथ लाए हुए चीज से  कपड़े को हटाते हुए बोलने लगा ।  ये रहे मेरे बॉस   ,,,, ,,,
    रवि के हाथो में एक मटका था जो लाल कपड़े से ढका हुआ था ।

    विनम्र रवि के बात सुन और उसके हाथो में उस मटके को देख झटके के साथ आपने जगह से खड़े हो गया ।  और आपने शौक भरे नजरो के साथ रवि के तरफ देखने लगा । उसका दिल धक - धक करने लगा । उसके अंदर एक अजीब सी फीलिंग एक अजीब सा डर होने लगा  ।

    वो कुछ देर तक एक- टक वैसे ही शौक हुए रवि को देखता रहा। फिर धीरे- धीरे  रवि के पास जा कर  उसके हाथो में पकड़े उस कलस को देख उसके चहरे को  देखते   उसके आंखे में  आग उगलने लगे ।   वो रवि को एक टक  आपने आग उगलते आंखो के साथ देखते हुए खींच कर एक जोर दार थप्पड़ उसके गाल में जड़ दिया  ।  वो थप्पड़ इतना  बड़ा था की उसके आवाज उस पूरे विल में गूंज उठा  ।

      वहां पर खड़े हर एक इंसान अपने जगह से एक कदम पीछे हट गए  ।  उन सब के आंखो में एक खौफ फैल गए रवि पूरे तरफ एक साइड झुक चुका था ।

    विनम्र उसको गुस्से से दहकते आंखो के साथ देखते हुए।  उसके  कॉलर पकड़  उसको सीधा खड़ा कर उसके आंखो में देखते हुए बोलने लगा ।   मैं अब तक तुम्हरे हर एक बात बर्दास्त कर रहा हुं   ।  इसका ये मतलब नही तुम आपने औकात भूल जावो ।  तुम्हें  तुम्हारे हैसियत से ज्यादा  बोलने की  छूट दे क्या दी अभय ने तुम ने उसको ही जीते जी मर डाला ।  अन्ना दत्ता बोलता है ना उसको  तुम सभी भिखारियों का बाप है ना वो ।   देखा  दिए न तुमने उसको आपने औकात  ।  पर मैं हूं  ना अब तुम्हें तुम्हरे हैसियत   अच्छे से याद दिलाऊंगा  । तुम्हारे जबान से निकले हर एक शब्द जो मेरे  यार को  जीते जी   मारे  है ।  मै तुम्हे अभी यही जिंदा गड़ता हूं ।  ये बोल विनम्र आपने जेब से गन निकल रवि के माथे पर  तन दिया ।

    रवि जो  विनम्र के  थापड़ की  वजह से उसके मुंह से खून निकल रहे थे  । पर उसके चेहरे पर विनम्र के बात सुन कर  भी   खौफ की एक भी  लकीर नजर नही आ रहे थे  । वो एक टक विनम्र के देखते  हुए आपने हाथो से एक साइड इशारा करते हुए दर्द भरे मुस्कान के साथ  बोला  ।  वो रहे आपने यार ,  छोटे बॉस। ।    आज पहली बार  रवि  अभय के बाद किसी को अपना बॉस बोल रहा था   ।

    रवि के इशारा देख विनम्र आपने जलते आंखो के साथ उधर देखने लगा  । जहां  दीवाल पर अभय के बहुत बड़ी तस्वीर लगे हुए थे । और उसमे फूलों के हार  चढ़े हुए थे।  जिसके सामने एक दीपक जल रहा था ।

    उस फोटो को देखते ही विनम्र के पैर लड़खाने लगे ।वो  जिसको जल्दी से रवि के  साथ देव आगे आते हुए संभाल लिए ।  विनम्र बस एक- टक अभय के उस मुस्कुराते तस्वीर को देख रहा था। ।  वो चलते हुए अभय के तस्वीर के पास आ कर उसे थोड़े दूरी में खड़े हो एक - तक उस तस्वीर को देखने लगा  ।  उसके  खुली आंखों से एक अंशु की बूंद खुद बा खुद उसके गालों पर आ गए ।  जिसका आभास उसको भी नही हुआ ।   वो तो बस एक - तक अभय की फोटो को ही देख रहा था ।  तभी उस तस्वीर के जस्ट उसके साइड में  एक सफेद धुआं उठने लगा ।  वहां से एक आकृति उभरने लगा ।  जो पूरे तरह सफेद कपड़ों में था  ।    जिसे  विनम्र का ध्यान उस तस्वीर से हट उधर चला गया ।  वो आकृति पूरे  तरह  उभार कर मुस्कुराते हुए विनम्र को देखने लगा ।    विनम्र उस आकृति को देखते  हुए बोला अभय ,,,,,,,,,,,,,,,,,


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  • 17. I am always with you - Chapter 17

    Words: 1063

    Estimated Reading Time: 7 min

    अभय के फोटो के साइड मे एक अकृति  उभरी हुई थी  । जो पूरे तरह सफेद कपड़ों में थे  । उसको देखते हुए विनम्र अभय ,,,,,,, बोला  और  आपने अंशु भरे आंखो के साथ उसके पास जा कर उसको छूने की कोशिश करने लगा   ।  वैसे ही वो आकृति भी मुस्कुराते हुए आपने अंशु भरे आंखो के साथ विनम्र के गले लगाने के लिए अपना हाथ बड़ाया पर वो  आकृति  पुरे तरह  विनम्र के आर - पार हो गई  ।  विनम्र भी शौक होते हुए उस आकृति को छूने की कोशिश कर था ।   पर जैसे  ही वो  उसको छूने की कोशिश करता पर  छू ही नही पा रहा था ।  उसके हाथ उसके बॉडी उस आकृति के पूरे हवा में ही रहा जा रहे थे  ।  वो आकृति एक तक विनम्र को आपने अंशु भरे आंखो के साथ देखते हुए उसे दूर हो कर। अपना सर ना में हिलने लगा ।  वहा खड़े सभी लोग का ध्यान विनम्र  पर ही था  । उसको ऐसे अजीब हरकत करते देख शौक थे।  देव विनम्र के पास आ कर बोलने लगा  ।बॉस क्या हुआ आप आप ठीक तो है ।

    विनम्र एक नजर देव को देख उस आकृति को फिर से छूने की कोशिश करते हुए बोलने लगा ।   देव देख न मैं अभय को छू नही पा रहा  । वो देख मेरे सामने खड़ा मुस्कुरा रहा है  पर मेरे गले क्यों नहीं लग रहा  वो  । (फिर गुस्से के साथ  )ये साइंस का कौनसा नया प्रोयोग है जिसमे मैं आपने यार को छू तक नही पा रहा हूं  । मार डालूंगा मैं उन सारे साइंटिस्ट को जो ऐसे बेहुदियत प्रयोग करते है । जिसको  ये अभय मुझसे बदले लेने के लिए यूज रहा है ।  देख न देव मै इस कमीने को छू क्यू नही पा रहा हूं  ।  विनम्र ये सब आपने अंशु भरे लाल हो चुके आंखो के साथ गुस्से से बोल रहा था ।

    देव विनम्र के बात सुन शौक हो कर असमंजस से उसके तरफ देखते हुए बोला ।  बॉस आप क्या बोल रहे है    ।  ये बोलते हुए देव विनम्र के जस्ट  सामने देखने लगा । जिसको वो छूने की कोशिश कर रहा था  ।पर उसको वहा पर कोई भी नजर नही आ रहा था बाकी सभी भी विनम्र के    को ऐसे करते देख और उसके बात सुन शौक थे । उनको समझ नही आ रहा था विनम्र किसको देख कर अभय बोल रहा है  । जबकि वहां पर कुछ है ही नही  । रवि भी विनम्र के बात सुन उसके पास आ कर बोलने लगा ।  छोटे बॉस आप क्या बोल रहे है ।  बॉस के डेथ हुए पिछले तीन महीने हो चुके है वहां पर कुछ नही है ।
    रवि के बात  सुन  विनम्र गुस्से के साथ बोला तुम्हे दिखाई नही दे रहा है मेरा यार वहां पर खड़ा मुझे देख मुस्कुरा रहा है  वो देखो जिसको तुम मारा हुआ बता रहे हो वो मेरे सामने खड़ा मुस्कुरा रहा है  । ये बोल विनम्र  आपने हाथो से इशारा करते उन लोगो को  दिखाने लगा पर उन में से किसी को भी वहां पर कोई भी नजर नही आ रहा  था    ।
    रवि सामने देखते हुए फिर बोला  । वहां पर कोई  भी नही है छोटे बॉस ।
    रवि के बात सुन विनम्र  उसको गुस्से से चिल्लाते हुए बोला ।  तू अंधा है क्या तेरे सामने इतना बड़ा आदमी खड़ा है । और तुझे दिखाई नही दे रहा ।  देख सामने या आपने आंखो का इलाज करवा ये बोल विनम्र  देव को देखते हुए बोला  । वहां पर तुझे अभय दिखाई  दे रहा  है ना इस अंधे को बता वहा पर मेरा दोस्त खड़ा मुझे देख रहा पर पता नही क्यों  उसको मैं  छू नही पा रहा हूं  ।

    देव विनम्र के बात सुन उसके कंधे में हाथ रख बोलने लगा । बॉस वहां पर कोई भी नही है  ।आपके तबीयत ठीक नहीं है आपको  आराम की  जरूरत है ।
    विनम्र देव के बात सुन गुस्से से उसके गल में एक जोरो का थप्पड जड़ते  हुए बोला  । तुझे दिखाई नही दे रहा मेरा भाई वहां खड़ा है  । और तू बोल रहा है मेरा  तबियत खराब  है  ।  तुम दोनो आपने आंखो का इलाज करवाओ एक जीता  जागता इंसान तुम  लोगो को दिखाई नही दे  रहा है  ।  रुको मैं अभी फ्रूफ करता हूं  तुम लोगो को ।  ये बोल विनम्र  वहा खड़े सभी गार्ड और सर्वेंट को देखते हुए बोलने लगा ।  तुम लोगो को वह पर मेरे भैया दिखाई दे रहे है ना ।  देखो वो देखो मुझे मुस्कुराते हुए देख रहे  है । बताओ इन कुत्तों को  मेरा भाई जिंदा है ।  वो रहा अभय  इतना बोल विनम्र एक नज़र अभय को देख बाकी सभी गार्ड और सर्वेंट के तरफ देखने  लगा ।  जो उसके बात सुन आपने सर झुका चुके  थे ।  जिसका मतलब यही था उन लोगो को भी वहां पर कोई भी नजर नही आ रहा  ।
    विनम्र उन सभी को ऐसे देख गुस्से में चिल्लाते हुए बोला ।

    सबके सब अंधे हो चुके हो  सब के सब  ।  एक जीता जागता इंसान मेरा यार तुम लोगो के सामने खड़ा है और तुम लोग को नज़र नही आ रहा ।   ये बोल विनम्र उसको दिखाई दे रहे परछाई के पास जा कर बोलने लगा ।
    देख मेरे यार  तेरे मेरे जो दुश्मनी है उसको बाद में निभाते रहना ।  पर तू इन सबको बता ना तू यहां खड़ा है मेरे सामने ।  मुझे देख रहा है  बता ना अभय इन सबको की तुझे  ये लोग मारा हुआ बोल रहे है पर  तू  जिंदा  है ।   बता इन सबको फिर मैं इन सबके आंखों ओर जबान का ऐसा ऑपरेशन कराऊंगा की तुम्हारे बारे ऐसे वाल्ड बोलने के बारे कभी सोच भी न  पाएंगे ।  ये  बोल विनम्र वहा खड़े सभी को आपने जलते आंखो के साथ देखते हुए रवि को घूरने लगा ।

    पर वो परछाई अब भी वैसे ही खड़े विनम्र को देख मुस्कुरा  रहा था ।  जिसे विनम्र उसके पास जाते बोलने लगा  बोलने   लगा   ।  भैया बता वो इन सबको   पर विनम्र जैसे जैसे उस परछाई के नज़दीक जा रहा था । वैसे- वैसे वो परछाई आपने कदम पीछे लेते हुए गायब हो  रहा था  ।  विनम्र उसके पूरे तरह पास जा कर  उसको छूने के लिए अपना  हाथ बड़ाया वैसे वो परछाई आपने अंशु भरे आंखो के साथ मुस्कुराते हुए वहा से पूरे तरह गायब हो गया।


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  • 18. I am always with you - Chapter 18

    Words: 1013

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र उसको वैसे ही दिखता ही  रहा । वो परछाई पूरे तरह गायब हो गया ।  विनम्र अब भी आपने जगह खड़ा एक तक उसी जगह को ही देखे जा रहा  था । तभी देव उसके पास आ कर बोलने लगा  । बॉस आपकी तबियत ठीक नहीं  है । आपको आराम की जरुरत है ।  वहां पर कोई नही है  mr अभय मर चुके है ।  देव के मुंह से जैसे ही ये शब्द निकला एक जोरो का थप्पड उसके गाल में पड़ा । जिसके आवाज पूरे हॉल में गूंज उठा ।  अभय पूरी तरह झुक झुका था ।  विनम्र उसका कालर पकड़ उसके आंखो आपने लाल हो चुके आंखो से देखते हुए आपने भयानक आवाज के साथ बोला  ।  खबरदार,,,,,,,, खबरदार जो मेरे भाई के  खिलाफ एक लफ्ज और निकाला तो मर डालूंगा  तो  मैं तुम्हे  ।  और उन सबको जो मेरे यार को मारा हुआ बोलेंगे   । सुना तुमने और सभी ने  । अगर किसे जबान से फिर से मेरे यार के लिए ये लफ्ज निकाला तो  आपने मौत के लिए त्यार रहना  । मेरा यार अभी मेरे सामने खड़ा  था  मैं ने खुद उसको आपने इन्ही आंखो के साथ देखा है ।  मेरे आंखे आज तक कभी धोखे नही खाई ।  मेरा यार जिंदा है वो मर  नही सकता उसको तो अभी मुझे सही रास्ते में लाना है ।  वो अपना काम अधूरा नही छोड़  सकता ।  उसको डैड को दिया वादा  निभाना होगा ।  उसे  मुझे  बदलना  है  नही जा सकता वो मुझे छोड़ कर नहीं जा सकता ,,,,,,,,,,

    देव के साथ वहा खड़े सभी विनम्र के इतने खौफनाक आवाज सुन सबके रूही कांप गए ।  यहां तक रवि भी पूरे  विनम्र का ये रूप देख हिल चुका था  । आखिर उसके बॉस  ने सच ही कहा था   ।उसका भाई उसका दोस्त आज भी और हमेशा खुद से ज्यादा उसको  चाहता है  उस पर जान छिड़कता है  ।  बस वो देखता नही  ।  क्योंकि उसके सारे दुश्मन अभय तक  पहुंचने से पहले मौत के घाट उतार चुके होते और एक सीक्रेट एजेंट के द्वारा होता जिसका पता किसी को नही था  । पर अभय जनता था उसका सबसे बड़ा प्रोटेक्शन विनम्र है और ये बात विनम्र के ये  हालत से  आज साबित भी हो गया  । रवि डरते हुए विनम्र के पास आ कर आपने हिम्मत कर उसको पूरा सच बताना जरूरी समझा । वो विनम्र को देखते हुए बोला ।  छोटे बॉस आप माने या न माने बॉस अब इस दुनियां में नही रहे और उसके जिम्मेदार आप ही हो  ।
    इतना बोल रवि विनम्र को एक तक देखने लगा ।  जो उसके बात सुन गुस्से से बावखका चुका  था और उसके आखिरी शब्द सुन आपने  दहकते  आंखो के साथ देव का कॉलर झटके से पकड़ चिल्लाते हुए बोलने लगा  । क्या बोला तूने  ,,,,,,,,बोल,,,,,,, अभी क्या बोला तूने ,,
    रवि आपने हिम्मत जुटा कर विनम्र के आंखो में देखते हुए बोलने लगा ।  यही छोटे बॉस,  बॉस के डेथ की वजह आप हो ,,,,,,,,
    इतना ही सुनना था की विनम्र रवि को घुसे मरने लगा ।  वो आपने लाल दहकते आंखो के साथ दिखते हुए बड़े बेरहमी से रवि को मारे जा रहा था  । रवि  कुछ ही पल में अधमरे हालत में पहुंच चुका था  । फिर भी विनम्र उसको मारे जा रहा था ।  देव जल्दी से विनम्र के पास  आ कर उसको पकड़ने की कोशिश करने लगा  । साथ ही देव के इशारे से उसके बॉडी गार्ड विनम्र को संभालने की कोशिश करने लगे ।  पर इतने लोगो के संभालने पर भी विनम्र के ताकत उन लोगो से ज्यादा थे  । वो पूरे तरह छूटते हुए रवि को मरने लगा ।  तभी उनके पूरे गार्ड और देव मिल कर विनम्र को पकड़ कर रवि से अलग किए  । जो अब भी गुस्से से चिल्लाते हुए बोल रहा था ।  छोड़ो मुझे आज मैं इस नमकहराम को जान से मार डालूंगा ।  इसने मुझे मेरे यार का खूनी बोला मेरा भाई मेरे जान का ।  आज इसको मरना ही होगा  । विनम्र ये सब बोलते हुए उनसे छूटने की कोशिश करने लगा  ।रवि जो अधमरी हालत में था ।  वो खुद को संभालते हुए बोलने लगा मैं सच ही कहां रहा हूं छोटे बॉस ।  अगर आप  उस वक्त मुंबई में होते तो शायद बॉस तक पहुच से पहले आप उस डेकन को खत्म कर चुके होते  । इतना बोला रवि आगे थोड़ा मुस्कुरा कर बोला ।  आपको पता है छोटे बॉस , बॉस को पता था ।  आप ही उनके unknown   सीक्रेट एजेंट हो  । अगर आप होते तो आज बॉस  हमारे साथ होते  । आप मार चुके होते  उस डैकेन को  ।

    इतना ही सुनना था की  विनम्र  आपने ताकत लगाना छोड़ दिया  । जिसे  उसके गार्ड और देव आपने पकड़ विनम्र से हटा लिए  ।विनम्र एक - तक रवि को देखते हुए फर्श पर धड़म से घुटनो के बल बैठ गया  । रवि और गार्ड  विनम्र को संभालने के लिए जैसे ही आपने हाथ बड़ते रवि ने उनको इशारे माना कर दिया  ।  रवि फिर विनम्र को देख आगे बोलने लगा ।  और  फ्लैश ब्लैक ,डेकन का हमला और लड़कियों को बचाना धोखे से अभय पर गोली चलाना हर एक चीज  विनम्र को सब कुछ बता दिया  ।  वैसे ही विनम्र आपने लाल हो चुके आंखे से आपने गुस्से से कमाते शरीर के साथ जोरो से चीखा। डेकन ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तूने मेरे यार   मेरे भाई को मारा ।    तुझे मैं इतने भयानक मौत दूंगा  की  तेरी रूहें सात जन्म तक कांपेगी  ।

    रवि फिर विनम्र को देखते  आगे बोला छोटे बॉस ,,,,,,,,, इतना  बोल रवि थोड़ा रुक गया ।  विनम्र  एक तक रवि को देखने लगा  ।जिस रवि  एक नजर विनम्र को देख आगे बोला  ।  बॉस  हमे छोड़ कर  आज से तीन महीने पहले  १ dec   को हमेशा के लिए चले गए ।
    इतना ही सुन विनम्र को कुछ याद आया ।  १dec को उसका  हार्ट ट्रांसफर हुआ  और उसके कंडीशन ऐसे थे  वो बच नही सकता था । उसका हार्ट सिर्फ उसके खून से ही मिल सकता था  और उसके खून में सिर्फ और सिर्फ अभय उसका भाई ही था ।

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  • 19. I am always with you - Chapter 19

    Words: 1198

    Estimated Reading Time: 8 min

    विनम्र ये सारी बाते सोचते आपने जोरो से धड़कते दिल में हाथ रख उसे महसूस करने लगा ।  एक अलग से डर एक अलग से   ठंड की लहर  दौड़ उठा था उसके अंदर   ।  जो उसके बॉडी को अन्दर तक हिला रहा था ।   तभी उसको देव के कहे बात याद आने लगा  । की कैसे उसे सारा सच छुपाया गया और उसके सीने  पर धड़कते दिल के पेसेन्ट के डेथ हो चुका था  । उसके अंदर एक अलग से आग उठाने लगा  । वो आपने लाल हो चुके आंखो के साथ देव को देखने लगा   । जो उसको ही देख रहा था देव विनम्र को आपने  तरफ  किसी अजीब से तरीके से देखता देख कांप उठा  ।  वो विनम्र को देखते हुए आपने कदम पीछे लेने लगा  । उसका दिल जोरो से धड़कने लगा  । विनम्र के आंखे एक अलग से आग के साथ उसे सवाल कर रहे  थे  । जो उसके लिए बहुत बड़ा खौफ पैदा करने वाला था । वो आपने नजरे चुराते हुए आपने कदम पीछे लेने लगा  । तभी विनम्र आपने बड़े- बड़े कदमों के साथ उसके तरफ आपने कदम बड़ते हुए उसको ही आपने जलते आंखो के साथ एक तक देखते हुए सवाल करने लगा  । मेरे सीने में जो दिल धड़क रहा था उसके ऑनर का क्या नाम है ,,,,,,,,,,, देव विनम्र को आपने पास आते देख  और उसके  सवाल सुन  जैसे उसके कदम लडखाने लगे थे । उसका पूरा जिस्म एक ही पल में पसीने से तर तर हो चुका था ।  उसके पैर जैसे उसका साथ देना छोड़ चुके थे ।  देव हकलाते हुए आपने नजरे चुराते बोलने लगा बो,,,,,, बॉस वो,,,,, वो ,,,,,,,,,,,,  । विनम्र उसके पूरे तरह नजदीक आ कर एक तक उसको आपने जलते आंखो के साथ देखते हुए  । आपने सीने में उंगली फॉइंट करते फिर से सवाल किया  ।   क्या नाम  है  इसके ऑनर का   जवाब दो ,,,,,,,
    विनम्र के बोलने से उसके आवाज में इतना खौफ था ।  की वहा खड़े हर एक इंसान कांप उठा  । और किसी को  कुछ समझ नही आ रहा था  ।विनम्र क्या बोल रहा है ।  देव के आंखो  में अंशु आने लगे थे । उसका जिस्म थार- थार कांप रहा था ।  वो आपने लड़ाखाते जबान के साथ बोलते हुए विनम्र के पैरो में गिर कर बोलने लगा । बॉस,,,,,,,, बॉस मुझे ,,,,,,मुझे माफ कर दीजिए  ।  मेरे पास आपको बचने के लिए और कोई रास्ता नहीं था  । मैं मजबूर था  बॉस  ।  आपके जान हमारे लिए बहुत बड़ा है किंग उसके लिए हम कुछ भी कर सकते  हैं । इस लिए मुझे कोई और रास्ता नहीं दिखा मुझे माफ़ कर दो किंग ।

    देव के बात सुन विनम्र उसको आपने पैर से हटाने के लिए एक जोरो का लत मरते अलग किए  । और उसको वैसे ही एक तक देखते हुए फिर से बोला ।  जो तुमसे पूछा जा रहा है वो बताओ मेरे सीने में धड़कता दिल किसका है?  कौन  है उसका ओवेनर ,,,,,,
    देव जो थोड़ी दूर जा कर गिरा था ।  वो पूरे तरह रोते हुए बोलने लगा  ।बॉस,,,,,,, बॉस आप आपके सीने में जो ,,,,,,जो हर्ट ट्रांसफर हुआ  हैं ।  वो ,,,,,,,,वो mr आ,,,,,, अभय सिंह का था ।
    इतना ही बोलना था  । की वहा खड़े हर एक इंसान के आंखे शौक से बड़े हो गए । रवि एक तक देव को दिखते आपने जगह जम सा गया ।
    पर विनम्र अब भी वैसे खड़ा एक तक देव को देख रहा था ।  उसके आंखे पहले से ज्यादा डरवानी कर खौफनाक हो चुका था ।  उसका जिस्म जैसे गुस्से के आग में दहकते जा रहा था  ।  वो आपने कदमों के रफ्तार   बड़ते हुए देव के पास जा कर उसके सामने आपने घुटनो के बाल बैठ उसको आपने अंगरे जैसे आंखो से देखते हुए उसका कलर पकड़ उठा कर बोलने लगा  ।  तू ने मेरे धड़कन के लिए उसके धड़कन छीना ।  तूने मेरे भाई को मारा  ,,,,,,,,,, हिम्मत कैसे हुई तुझ जैसे दो कावड़ी के इंसान की तू मेरे  जिंदगी का फैसला करे ।  तुझे  जीने का कोई हक नही मर डालूंगा मैं तुम्हे  ।  मार डालूंगा,,,,,,,,,, ये बोलने विनम्र विनम्र देव को आपने पूरा ताकत से मरने लगा  ।  जिसे देव  छटपटाते  हुए दूर जा कर   फर्श पर गिरे जा रहा था ।  देव खुद को संभालते हकलाते हुए विनम्र के बात सुन बोलने लगा । नही,,,,,,,, नही ,,,,,,, किंग मेरे पूरे बात सुनाए ,,,,,,,,,
    पर विनम्र उसके कोई भी बात न सुनते हुए उसको मारे जा रहा था ।  देव खुद को बचते हुए फिर से हकाते हुए बोलने लगा  । किंग,,,,,,,, मेरे पूरे बात,,,,,, सुनाए आप ,,,,,,आप  जो समझा रहे है ,,,,,
    पर देव के बात अधूरे ही रहा जा रहे थे  ।  विनम्र उसको मरते हुए बोले जा रहा था ।   तुझे आज मैं मर डालूंगा,,,,, नमकहराम तूने भाई को मारा  ,,,,,,,,
    देव खुद को संभाल फिर से उठते हुए एक ही सांस में  बोलने लगा । किंग मैं ने उनको नही मारा  उनके डेथ पहले से हो चुका था   । और आपके कंडीशन बहुत खराब था अगर मुझे डॉक्टर इनफ्राम नही करते की आपके भाई mr सिंह के डेथ हो चुका  ।  और उनका और  आपका ब्लड सेम है । तो मुझे इस बात की खबर लगती ही नही किंग मैं खुद शौक था उस पल की mr अभय का  डेथ हो चुका हैं।   एक बॉस के।  जान  पहले से जा चुके थे ।  और दुसरे को बचना मेरे जिम्मेदारी था  बॉस ।  मैं वही किया जो सही था आप चाहे तो  mr अभय के डॉक्टर  के साथ  आपने हार्ट डॉक्टर से बात कर सकते है  । मै पूरा सच कहा रहा हूं बॉस   । मैं ने  आपके भाई  के जान नही लिया  । मै ऐसा सोच भी नही सकता की आपके भाई ,,,, ,,,,,, आपने बात बीच में छोड़ थोड़ा रुक कर आगे बोलने लगा
      मुझे पता है किंग ।  आपके लिए आपके भाई क्या है    और मैं ने आपको बताना इस लिए जरूरी नहीं समझा क्योंकि उस वक्त आपके हालत ठीक नहीं था । अगर मैं आपको उस वक्त सारी सच्चाई बताता तो  शायद आप खुद को संभाल नही पाते ,,,,,,

    देव के बात सुन विनम्र आपने जगह ही रुक गया ।  और  शौक से एक तक  देव को देखने लगा ।  जो अधमरे हालत में था  । साथ ही साथ रवि भी पूरे तरह शौक देव को देख    रहा था ।  वहां काम करने वाले हर एक इंसान पूरे तरह शौक था । अब उन लोगो को समझ आ रहा था । की क्यों डॉक्टर ने उनको अभय के पूरे  बॉडी देखने से मना किया था   । 
    वो लोग कुछ और समझ पाते उसे पहले एक मेड भागते हुए आ कर बोलने लगी ।   रूही मैम  को होश आ गया है ,,,,,,,,,,,,
    इतना ही सुनना था की विनम्र का दिल जोरो से धड़कने लगा  । वो आपने दिल में हाथ रख महसूस करने लगा  । की कैसे रूही के नाम से ही उसके दिल में एक अजीब से हलचल उठता  है  ।  वो और कुछ ज्यादा सोचे बिना भागते हुए सीडियो से रूही के रूम के तरफ जाने लगा ।  उसके साथ रवि भी आपने होश में आते हुए विनम्र के पीछे रूही के रूम के तरफ जाने लगा ।


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  • 20. I am always with you - Chapter 20

    Words: 1109

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र तेजी से रूही के कमरे के तरफ जाते हुए  उसके रूम के बाहर दरवाजे पर ही रुक गया ।   उसके पीछे आते रवि भी विनम्र को देखते वही दरवाजे पर रुक अंदर के तरफ देखने लगा ।  जहां रूही बेड पर बैठी हुई थी ।  उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था । वो अपना सर झुकाए बैठे हुई थी  उसके चेहरे पर एक अजीब सा दर्द था   । जिसको  देखते विनम्र  के दिल में एक अजीब सा दर्द उठ रहा था  । उस मासूम सी गुड़िया जो दिखने में  इतनी खूबसूरती थी  जो किसी को भी उसकी उसकी मासूमियत देख उसके तरफ खींचा चला जाए  ।  पर पता नही  उसकी वही मासूमियत कही  गुम सी हो गई थी  । जैसे उसके चेहरे से ही  ऐसा लग रहा था ।  जैसे उसके अंदर कोई जान ही न हो ।   एक अलग सी कशिश थे उसके अंदर जो विनम्र को दर्द के साथ उसके तरफ खीच रहा था  ।
    विनम्र एक - तक रूही को देखते हुए आपने कदम  दरवाजे से अंदर ले जाते हुए उसके तरफ बड़ने लगा।  वैसे ही उसका दिल जोरो से धड़कने लगा ।  विनम्र आपने धड़कन मेहसूस करते हुए ।  थोड़े कदम चलने के बाद ही रुक  गया  । और आपने दिल में हाथ रख उसको महसूस करना लगा  । उसका दिल रूही के हर एक करीब  से  हलचल पैदा कर रहा था  ।  उसके धड़कन के स्पीड जैसे बड़ता ही जा रहा था   ।  विनम्र आपने आंखे बंद कर खुद को शांत करते हुए आपने कदम रूही के ओर बड़ा दिया  ।
    वैसे ही रूही  जो  अपना सर झुकाए  एक बेजान पुतले के तरह बैठे हुए थी  । उसके दिल  में  जैसे एक हलचल से होने लगा  ।  उसको ऐसे  महसूस होने लगा ।  जैसे उसका कोई अपना उसके पास लौट रहा हो ।  उसको ऐहसास होने लगा की उसका हब्बी उसके पास आ रहा है।  रूही आपने नन्हे हाथो को हलचल करते हुए आपने दिल में हाथ रख झटके से अपना सर उठा कर सामने के तरफ देखने लगी  ।   उसके नजरे सीधे विनम्र के नजरो से टकराई वैसे ही विनम्र का दिल धक सा रहा है ।  उसके वो मासूम चेहरे उसके सामने था वो मासूम आंखे जिसमे एक अजीब दर्द था ।  जो उसको देखते हुए जैसे किसी चीज की शिकायत कर रहा हो। ।  उसका दिल जैसे आंखो में देखते  बेहिसाब दर्द करने लगा  । जैसे उसके आंखो के हर एक दर्द को वो मासूम कर रहा हो   । दिल का रिश्ता भी कुछ ऐसे कनेक्ट किए उस विधात  ने  एक बेदर्द के सीने में एक  मासूम के लिए दर्द उठाने लगा ।  खेल तो ऐसे खेला उस उपर वाले ने की दिल के साथ जस्बता भी बदल दिए ।

    विनम्र रूही के आंखो  को  देखते हुए  उसे उस  लड़की के  कही बाते याद आने लगा  ।  जो  उसे बोली थी ।
    फ्लैश ब्लैक


    आपको किसी की प्यार मोहब्बत की  फीलिंग की कदर नही है ना  mr राजपूत । आपका दिल में इश्क की लहरें नही दवड़ती ना, आपको प्यार से नफरत है ना, तो सुनिए अगर मेरा प्यार सच्चा था तो मैं आपके लिए एक  बदुआ मांगती हूं जो आपके लिए दुआ साबित होगा।   अगर मेरा प्यार सच्चा था तो हे   मेरे कान्हा  , इस आदमी ( आपनी उंगली से विनम्र की तरफ इशारा कर )  का दिल ही बदल देना । इसको मोहब्बत की ऐसा अक्स देखना जो इनकी नफरत दीवानगी बन जाए।  प्यार की एक  अंश इनके नाम करना की जुनून और दिवानगी किसी मासूम पर फिदा हो जाए।
    फ्लैस एण्ड


    सच कही थी उस लड़की ने उसका  वो बद्दुआ आज  विनम्र के लिए  दुआ   के  साथ बद्दुआ दोनो साबित हो गया  ।   धडकने लग गया उस बेदर्द का  सीना  एक मासूम  के लिए  जो इस दुनिया  के  हर रिश्ते से अंजान है । कैसे निभा पाएगा वो  आपनी मोहब्बत जिसकी मासूम  के आगे उसकी खुरता जैसे खोने ही लगी  ।

    विनम्र  एक तक रूही के आंखो में देखते हुए उसके पास आ कर बिल्कुल उसके सामने खड़ा हो गया  । और एक तक रूही का मासूम चेहरा देखने लगा ।  जो उसको ही एक तक आपने बड़े - बड़े आंखो के साथ पलक झपकते देख रही थी। जिसमे वो इतनी मासूम प्यारी लग रही थी की देखने वाले की नजर उस पर हटे ही नही ।

    तभी उसके कानों एक शहद से भी ज्यादा मीठी आवाज गूंजी जो उसके दिल को अंदर तक एक सुकून दे उठा ।
    रूही एक तक  विनम्र को देखते हुए   आपनी प्यारी आवाज के साथ बड़े ही मासूमियत से बोली  ।   जी आप कौन हो?
    विनम्र उसको एक तक देखते हुए  उसके पास जा कर  उसके साइड बैठने ही  होते - होते रुक गया  ।  उसको याद आने लगा ये उसके भाई की वाइफ है  ।  वो ये नहीं भूल सकता वो आपनी लिमिट कैसे भूल सकता है  ।भले ही उसका दिल अभय  का था  इस लिए उसके अंदर इस मासूम के लिए वैसी फीलिंग उठती थी   ।  वो उसे देख आपने कदम थोड़े पीछे लेते हुए  थोड़े हिचकिचाते हुए बोला  ।  मै ,,,,,मैं विनम्र राजपूत ,,,,,


    रूही विनम्र के बात सुन उसको एक - तक देखने लगी  ।तभी रवि अंदर आते हुए बोला । रूही मैम ये  अभय बॉस के भाई है    ।  बॉस ने इन्हे आपके लिए भेजा हैं ,,,,,,, इतना ही सुनना था की विनम्र शौक से रवि को देखने लगा ।  वहा खड़े सभी सर्वेंट के आंखे जैसे शौक से बड़े हो गए  ।  रूही रवि के बात सुन विनम्र को एक - तक देखते  आपने जगह से जल्दी उठा  विनम्र के क ऊपर  चढ़ते हुए उसे पूरे तरह  लिपटते हुए उसके गले लग गई । और आपने हाथो को उसके  गर्दन में फंसते  हुए आपने पैरो को उसके कमर के दोनो  ओर लपेट कर रोने लगी ।


    रूही के इस हरकत से विनम्र जिसका ध्यान रवि पर था  ।  वो पूरे तरह शौक होते हुए धक सा रहा गया  । उसका दिल १००से भी ज्यादा स्पीड से दवड़ने लगा ।  उसके बॉडी में जैसे अजीब से करेंट पास होने लगा  ।

      वही रवि ये  नजारा देखते आपने कदम पीछे लेते हुए आपने अंशु भरे आंखो के साथ मुस्कुराने लगा  ।  और खुद से बोलने लगा  । आपने अपना वादा निभा लिए  बॉस आप आ गए आपने ही परछाई के रूप में   ।  किस्मत मानो या खेल  आप आ गए  आपने ही भाई को  आना दिल दे कर  ।

    वही वो सारे सर्वेंट भी ये सब देख जैसे उनके  भी  आंखो में अंशु भरने लगे रवि को वहां से जाता देख ।  वो सभी भी एक नजर रूही और विनम्र को देख आपने अंशु भरे   आंखो के साथ मुस्कुराते हुए वहां से चले गए ।

    आगे जाने के लिए वेट कीजिए  नेक्स्ट पार्ट का
    धन्यवाद !