इश्क कब कहा या किसे हो जाए किसी को पता नहीं है ऐसी ही कहानी है हमारे 27 साल की दंश ओबेरॉय या हमारी 17 साल की मासूम खुबसूरत अनन्या रावत की जिसका आज तक किसी ने नहीं देखा उसके घरवालो के अलावा इश्क कब कहा या किसे हो जाए किसी को पता नहीं है ऐसी... इश्क कब कहा या किसे हो जाए किसी को पता नहीं है ऐसी ही कहानी है हमारे 27 साल की दंश ओबेरॉय या हमारी 17 साल की मासूम खुबसूरत अनन्या रावत की जिसका आज तक किसी ने नहीं देखा उसके घरवालो के अलावा इश्क कब कहा या किसे हो जाए किसी को पता नहीं है ऐसी ही कहानी है हमारे 27 साल की दंश ओबेरॉय या हमारी 17 साल की मासूम खुबसूरत अनन्या रावत की जिसका आज तक किसी ने नहीं देखा उसके घरवालो के अलावा please support me and read my novel guys and follow my channel like and comment
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इस समय एक रोड बहुत सी कार रुकी हुई थी जहां महोल ट्रैफिक लग रहा था कि वीजे से बहुत गरम था तो वही दूसरी तरफ हमारी अन्नन्या आज अपनी बड़ी बहन के साथ पहली बार घर से बाहर निकली है वो भी apne मुँह को दुपट्टा से कवर करके जिसमें इस समय उसकी हेज़ल ग्रे आँखे ही दिख रही है और कुछ नहीं इस समय उसने गुलाबी रंग की हुडी और काली जींस पहनना हुआ है और अपने पीछे एक टेडी बियर का बैग लिया हुआ है वो भी उसी रोड से जा रही है जहां पर इस समय बहुत सारी कार ट्रैफिक की वजह से रुकी हुई है देखने में लगता है वो कारें बहुत लग्जरी हैं यहां हमारी अनन्या चॉकलेट खाते हुए अपनी बहन के साथ अपनी ही मस्ती में चली जा रही है कि तभी उसकी बहन का फोन बजता है या वो अन्नन्या का हाथ छोड़ के फोन पर बात करने चली जाती है या हमारी अनन्या बिच रोड पर अगर खड़ी हो जाती है तभी उस रोड का ट्रैफिक भी खुल जाता है सभी कारें बहुत तेजी से अनन्या की तरफ आ रही हैं और हमारी अनन्या की इस समय कुछ ध्यान नहीं है वही एक कार आकर उसके सामने झटके से ब्रेक लगा देती है जिसे उस कार में पीछे बैठे आदमी का पारा हाई हो जाता है और वह आदमी अपने ड्राइवर से बोलता है कि क्या तुम्हें अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है अब यूएसएस ड्राइवर की तो बोलता ही बंद हो जाती है उसकी कार में आगे बैठा हुआ एक लड़का बोलता है भाई उसकी कोई गलती नहीं कार के सामने एक लड़की आ गई है पीछे बैठा आदमी अपने ड्राइवर से बोलता है जाओ जाकर देखो उसे कुछ हुआ तो नहीं अगर कुछ हुआ हो तो पैसे देकर हॉस्पिटल भेज दो ड्राइवर कार से बाहर निकलता है और उस लड़की के पास चला जाता है लड़की इस समय रोड पीआर बैठ के अपना मुंह छुपाए रो रही है वो ड्राइवर आगे आकर कुछ बोलने को होता है कि तब भी उस लड़की का चेहरा ऊपर हो जाता है जिसे इस समय उस लड़की की सिर्फ आंखे ही दिख रही है ड्राइवर उस लड़की की आँखों की मासूमियत में कहीं खो सा जाता है उसे कुछ ख्याल नहीं रहता बस एक तक वो उस लड़की को ही देखे जा रहा है
तभी कार में पूछे बैठा आदमी अपने भाई को बोलता है कुस बाहर जाकर देखो क्या हो रहा है अभी तक वो आया क्यों नहीं कुस भी जी भाई बोलता है और कार से बाहर चला जाता है वो भी ड्राइवर के पास aata है और वो कुछ बोलने को होता है उसकी नज़र भी उस लड़की की मासूम आँखों पर पड़ती है तो वो भी बस इस्तेमाल देखता ही रह जाता है और यहां कार का मामला कुछ ज्यादा ही गरम हो जाता है वो आदमी गुस्से से कार के बाहर निकलता है वो आदमी इस समय फुल ब्लैक कलर के बिजनेस सूट में था उस्की height 6 feet रंग गोरा जेल से सेट किए हुए बाल आंखों पर ब्लैक गूगल लगाया हुआ बहुत ही हैंडसम और डैशिंग एलजी रहा था लड़की एक बार उसको देख ले तो फिदा हो जाए उसके ऊपर तब भी वो आदमी अपने भाई को जोर से आवाज देता है क्योंकि यहां क्या हो रहा है अपने भाई की आवाज सुन के कुस और ड्राइवर डोनो ही अपने घर में आते हैं और उसकी तरफ देखने लगते हैं कुस बोलता है दंश भाई जी हा ये कोई और नहीं हमारी कहानी का विलेन और हीरो दंश ओबेरॉय CEO है और उसका छोटा भाई है कुस दंश की तरफ देख कर बोलता है भाई वो बची उसके इतना बोलते ही दंश की नजर उस लड़की पर चल जाती है जो टुकुर टुकुर अपनी आंखो में मासूमियत के लिए दंश उसके पास चला जाता है और उसकी आँखों में एक तक देखने लगता है उसकी आँखों की ख़ूबसूरती और मासूमियत में वो भी कहीं खो जाता है इतने में ही उसकी लड़की की प्यारी सी आवाज़ आती है अंकल क्या आप हमें मारने आये हो Uss ldki aawaz sunkr dansh apne hos mein aata hai aur uss ldki ke sr pr hath rkh kar कहता है नहीं बच्चा, मैं आपको मारने नहीं आया हूं, दंश का अवतार, क्योंकि ड्राइवर डोनो ही मुंह फाड़े उसे देख रहे थे तबी दंश उस लड़की से पूछता है बच्चा आपका नाम क्या है तो लड़की बोलती है अंकल हमारा नाम अनन्या है वो लड़की इतनी प्यारी सी आवाज में बोलती है कि दंश उसको सिर्फ देखता रहता है उसके बाद वो उसे पूछता है आप यहां क्या कर रही हो तो वो लड़की बोलती है अंकल हम अपने दीदु के साथ घुमी घुमी करने आये हैं तो दंश बोलता है बच्चा आपकी दीदु कहा है तो अनन्या बोलती है वो फोन पर बात कर रही है ये सुनकर दंश को बहुत गुस्सा आता है कि मासूम सी लड़की को अकेली छोड़ कर कोई कैसे जा सकता है अभी इसे कुछ हो जाता है तो अनन्या को कुछ हो जाता है यही सोच कर दंश को गुस्सा आने लगता है और वो अन्नन्या को अपने सीने से लगा लेता है तब भी वहां पर अन्नन्या की बड़ी बहन काव्य भी आ जाती है वो बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी अन्नन्या ना पाकर जैसे ही वो उसे देखती है अन्नया के पास जल्दी से चली जाती है और वो दंश से दूर जाती है अनन्या को अपने सीने से लगा लेती है और बोलती है गुड़िया आप यहां अकेली क्या कर रही हो kahi aapko lgi to nahi na beta बिना ये सोचे कि दो आंखें इस vkt गुस्से से उसे घूर रही हैं जी हा काव्य ने अन्नया को दूर करके अपने सीने से लगा लिया तो ये दंश को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा अन्नया को खुद से दूर होना उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आया इतने में ही उसकी गुस्से से भारी आवाज़ काव्य को सुनाई दी जो बोल रहा था बच्ची को अकेले छोड़ कर कहा चली गई थी इसे अभी कुछ हो जाता तो उसकी गुस्से से भरी आवाज सुन कर काव्य बोलती है जी सॉरी गलती हो गई वो क्या है वो आज पहली बार घर से ये बाहर निकली है तो इसे कुछ पता नहीं और मैं थोड़ा ध्यान नहीं दे पाई सॉरी जब काव्य ने ये कहा कि ये पहली बार घर से बाहर निकली है तो दंश को कुछ अजीब लगेगा कि पहली बार दंश ने कुछ नहीं कहा और बोला ध्यान रखना अच्छे से इसका उसके बाद दंश ने कुस को आवाज दी तो कुस तो जैसे किसी एसडीएमई में चला गया था इस्तेमाल तो कुछ सुना ही नहीं दे रहा था तब भी दंश ने गुस्से से कहा कुस घर नहीं चलना है क्या उसके गुस्से से भरी आवाज सुनकर ठीक है और ड्राइवर सदमे से बाहर आया और और कुस बोला जी भाई तो दंश ने चलो यहां से अब उसने एक बार अनन्या और काव्य को देखा और वजह से चला गया उसके जाने के बाद अनन्या और काव्य भी वहां से चली गई दंश कार के अंदर आया, बस भी आया और ड्राइवर ने कार स्टार्ट कर दी दंश अपने फोन में कुछ काम करने लगा तब भी बस ड्राइवर से बोला यार अरुण वो बच्ची की आंखे कितनी मासूम और खुबसूरत थी ना बिना ये सोचे कि पीछे से दो आंखें उसकी ये बात सुनने के बाद उसे गुस्से से घूर रही है तब भी ड्राइवर अरुण बोला जी भाई भट्ट सी सुंदर आंखें थी उसकी उतने में ही पीछे बैठा नृत्य और भी गुस्सा से घूरने लगा उनको उसके बाद कुस ने कहा लेकिन उस लड़की ने दुपट्टा क्यू बांध रखा था तो अरुण से बोला पता नहीं भाई वही तो मैं भी सोच रहा नहीं तो अब उसे हम लोग देख लेंगे जिसकी इतनी सुंदर आंखे है वो कितनी सुंदर है अरुण की ये बात सुनकर दंश का गुस्सा फूट पड़ा चुप रहो एक और आवाज सुनी तुम दोनों की तो कार से बाहर फेक दूंगा उसकी इतनी गुस्से से भरी आवाज सुनकर दोनों ही एकडीएम चुप हो गए पीछे दंश को यहीं सोच रहा था कि कोई उसे कैसे देख सकता है उसे देखने का हक किसी को नहीं है सिर्फ उसका है यही सोचता सोचता दंश की कार आकार एक विला में रुक गई जिस विला पर लिखा हुआ था ओबेरॉय विला ओबेरॉय विला देखने में बहुत ही खुबसूरत या अनोखा था
जैसी ही कार रुकी अरुण बोला बॉस विला आ गया वैसे दंश जल्दी से कार से बाहर निकला और विला में चला गया और उसके पीछे कुस भी चला गया विला में और जाने के बाद उसे एक लड़की दिखाई दी जो गुस्से में बैठी हुई थी दांश उसके पास गया और बोला अनोखा क्या हुआ आपको आप ऐसे क्यों बैठे हो अनोखी बोली भाई माई अपने और अपने भाई से गुस्सा हो गई है हां ये अनोखी है दिखने में बहुत ही सुंदर है और एक और बच्चे की जान है अनोखी की उमर 21 साल की है फिर भी उसका भाई उसे बच्चों की तरह प्यार करता है दंश बोला क्या हुआ क्यों गुस्सा हो तो अनोखी बोली भाई और कुश भाई अकेले हमें छोड़कर चले जाते हो यहाँ हमारा मन नहीं लगता आज तो ऋत्विक भाई भी नहीं आये अनोखी की बात सुनकर दंश बोला देखो बच्चा हमें बहुत काम देता है तो हम ऐसे आपको अपने साथ बाहर नहीं ले जा सकते लेकिन मैं वादा करता हूं कि कल हम घुमने चलेंगे ठीक है अब मान जाओ घुमने जाने की बात सुन कर अनोखी खुश हो गई और बोली पक्का भाई तो बोली आप बहुत अच्छे हो भाई और उसके जीएल एलजी गई और उसके बाद वो ख़ुशी से अपने किमी में चली गई Uske jane ke baad dansh aur kus dono hi apne kamre mein chle gye
दूसरी तरफ
रावत house में जो दिखने में ज्यादा बड़ा तो नहीं था पीआर भत्त ही खुबसूरत था वाहा का माहोल परेसानी वाला था एसबी अन्नन्या को लेकर परेशान थे कि उसका कार एक्सीडेंट होने वाला था क्यावा ने आकर एसबीको एसबी कुछ बता दिया था जिसे सुनकर एसबी बहुत डर गए थे अन्नया की मम्मी हीना जी तो अपने गले से लगायी हुई बैठी थी वही उसके पापा प्रकाश और उसका भाई ध्रुव भी बैठा हुआ था उसे पकड़ कर उसके बाद अनन्या की मम्मी बोली अब मेरी बच्ची घर से बाहर नहीं जाएगी तो प्रकाश जी भी बोले हा उसे कहीं बाहर नहीं जाना है ये सुनकर अनन्या बोली नहीं पापा हमें कुछ नहीं होगा हमें बाहर जाने दीजिए ना उसकी बात सुनकर प्रकाश जी ने बोला नहीं प्रिंसेस माई आपको लेर्क कोई रिस्क नहीं लूंगा आप बाहर नहीं जाओगे एमटीएलबी नहीं जाओगे उनकी बात सुनकर अनन्या ने अपना सेर हा में हिला दिया क्योंकि वो अपने पापा की कोई भी बात नहीं टालती थी उसके बाद सबने डिनर किया और सोने के कमरे में चले गए अन्नन्या भी अपने कमरे में चली गई वो भी कुछ समय में सो गई
दूसरी तरफ
ओबेरॉय विला में इस वीकेटी दंश अपने बालकानी में खड़ा था और एक तक चांद को देख रहा था तभी ऋत्विक उसके कमरे में आया और बोला कहा खोया है भाई तो दंश ने बोला कुछ नहीं तभी ऋत्विक ने उसके हाथ में एक फोटो देखी और उसे लेकर देख लिया जैसे ही उसने उसकी आंख देखी उसके मुंह से टर्न निकला कितनी सुंदर है इसकी आंखे ये सुनते ही दंश को गुस्सा आया और दंश ने वो फोटो ले ली और बोला देखना भी मत, इसे देखने का हक किसी को नहीं है दंश की बात सुनकर ऋत्विक बोला ठीक है भाई नहीं देखूंगा पहले ये बता ये बच्ची है कौन और इसका मुंह दुपट्टे से क्यों ढका हुआ है जी हा ये फोटो किसी और की नहीं अनन्या की हाय और ये फोटो दंश को किसी अन्य के पास मिली थी जब वो रोड पीआर बैठी थी तो उसके बैग से ये फोटो नीचे गिर गई थी जिसे दंश ने आपने पास रख लिया था दंश ने उस फोटो को देखने के बाद बोला पता नहीं यहीं तो पता नहीं है कौन है ये तो ऋत्विक बोला छोड़ ना भाई क्या करना है पता करके जिसकी होगी उसको पता होगा ऋत्विक की बात सुनकर दंश बोला वो किसी की नहीं है सिर्फ और सिर्फ मेरी है उसकी ऐसी बात सुनके ऋत्विक बोला तू पागल हो गया है क्या भाई ये बच्ची तेरी कैसी हो गई दंश बोला ये मेरी है मुझे ये किसी भी हाल में अपने पास चाहिए ऋत्विक बोला भाई ये तुझे क्यू चाहिए तुझे क्या करना है दंश गुस्से में बोला प्यार करता हूं मैं इस तरह से चाहता हूं ये मुझे चाहिए ये सिर्फ मेरी है और किसी की नहीं दंश की बात सुनकर ऋत्विक बोला तू पीजीएल हो गया उसकी उमर देखी है 16-17 साल की बच्ची है ये और तू इससे प्यार करता है ऋत्विक की बात सुनकर दंश बोला age is don't matter me ये मुझे चाहिए तो चाहिए दंश की बात सुनकर ऋत्विक बोला ठीक है जैसी तेरी मर्जी उसके बाद वो वहां से चला गया दंश ने बैठ कर किसी को कॉल किया और फिर बैठ कर उस फोटो को देखने लगा उसके रूम में आया और बोला जी बॉस आपका कुछ काम था दांश ने फोटो इस्तेमाल की और बोला इसकी डिटेल कल तक मुझे मेरे सामने चाहिए और ध्यान रखना, इसको देखने की कोई भी बात मत करना दंश की आवाज सुनकर अरुण कुछ नहीं बोला और रोते हुए बोला जी बॉस कल टीके मिल जाएगा उसके बाद वो टर्नट दंश के रूम से निकल गया रूम में दंश आकर अपना बेड पीआर लेट गया और बोला बीएस कल तक का टाइम और उसके बाद मुझे तुम्हारे बारे में एसबी पता चल जाएगा ऐसे ही सोचते सोचते दंश भी कब सो गया इस्तेमाल पता नहीं चल
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अब आगे
सुबह का वक्त ओबेरॉय विला अपने कमरे से तैयार होकर बाहर निकला और अपने ऑफिस के लिए निकल गए ऑफिस में पहुंच कर वो डायरेक्ट अपने केबिन में चला गया केबिन में पूछ कर उसने अरुण को कॉल किया और कुछ बोल कर कॉल कट कर दिया आधे घंटे बाद दंश के केबिन में अरुण आया और उसके पास जो फाइल थी उसने दंश के टेबल पर रख दिया और बोला सर इस फाइल में मैम की पूरी जानकारी है अरुण की बात सुनकर दंश ने फाइल को लिया और अरुण को केबिन से बाहर जाने को बोल दिया अरुण के जाने के बाद दंश ने फाइल खोली और अन्नया की डिटेल्स पढ़ने लगा फ़ाइल के आखिरी पन्ने में अन्नन्या की बहुत सी फोटो थी सबी फोटो में अनन्या का मुंह दुपट्टे से ढका हुआ था बस उसकी आंखें दिख रही थी तो उसी दंश ने उसकी फोटो ली और देखने लगा देखने के बाद उसने खुद से कहा तुम्हारा चेहरा तो देखना पड़ेगा मेरा बच्चा अब तुम्हारा चेहरा देखे बिना चैन नहीं आएगा इस दिल को उसने एजीएल हाय जुनून के साथ कहा, आपसे तो मिलना पड़ेगा मेरी जान आखिर ऐसा कौन सा राज है जो आप का चेहरा दुपट्टा से ढका रहता है ये तो पता ही पड़ेगा
दूसरी तरफ
रावत जिक्र में हमारी अनन्या अभी भी सोई हुई है और वही काव्या उसे सुबह से उठने की कोसिस कर रही है
काव्या बोली उठ जा बच्चा और कितनी देर तक सोयेगी बाहर घूमने जाना है बाहर घूमने जाने की आवाज सुनकर अनन्या टर्नट उठकर बैठ गई और काव्या को देख कर बोली सच में दी तो काव्या ने बोला हा जा पहले तैयार हो जा उसके बाद चलते हैं अन्नया टर्नट उथकर बाथरूम में चली गई उसके बाद काव्या उसके कमरे से नीचे हॉल में आ गई और अपने पापा से बोली पापा क्या बच्चा को कॉलेज जाना ठीक रहेगा उसकी बात पर प्रकाश जी बोले बेटा वो कॉलेज अटेंड नहीं करेगी तब भी उनको annanya की आवाज सुनाई दी क्या मैं कॉलेज में एडमिशन लुंगी उसके पापा बोले हा और उसके बाद अन्नया आकार उनके पास बैठ गई और सब लोगो ने नाश्ता किया और ऑफिस के लिए निकल गए उनके जाने के बाद काव्य और अन्नया भी कॉलेज के लिए निकल गए अन्नन्या के मुंह पर आज भी दुपट्टा था जिसने सिर्फ उसकी आंखे दिख रही थी और कुछ नहीं कॉलेज पाहुच कर अन्नन्या ने उसका एडमिशन करवाया और लेकर बाहर चली गई बाहर आने के बाद अनन्या को आइसक्रीम वाला दिखा अनन्या ने आइसक्रीम वाले को देखा और काव्य से बोली दी मुझे आइसक्रीम खाना है अन्नया बोली ठीक है चलो उसके बाद अनन्या आइसक्रीम वाले के पास जाकर दो आइसक्रीम ली और काव्या से पैसे देने को बोली काव्या ने आइसक्रीम वाले को पैसे निकाल कर अपने बैग से दिए और पीछे देखा तो अनन्या गायब थी अन्नन्या को देख कर काव्य बहुत ज्यादा डर गई क्योंकि उसके सामने से एक ट्रक जल्दी से आ रहा था ट्रक को देख कर काव्या ज़ोर से चिल्लाई बच्चा tbhi usne dekha kisi ne annaya ko apni trf khich liya जिसे देख कर अन्नया दौड़ कर उसके पास जाने लगी वो हमारा दंश जो अन्नन्या को अपने सीने से लगा लिया खड़ा था और वो उससे पूछ रहा था कि बच्चा आपको नहीं लगेगा तो नहीं चलो हम हॉस्पिटल चलते हैं उसकी बात सुनकर अन्नया ने बोला नहीं अंकल हम हमने कुछ नहीं हुआ आपने हमें बचा लिया तबी वाहा पीआर काव्य आ गई और अनन्या को देख कर बोली बच्चा आप ठीक तो होंगे आपको कुछ लगेगा तो नहीं ना जैसे ही काव्य को देखा उसे गुस्सा आने लगा कि कोई ऐसी लापरवाही कैसे कर सकता है फिर उसने अपने गुस्से को कंट्रोल किया और वीएचए से एक नज़र दूसरे को देख कर निकल गया उसके बाद काव्य भी अनन्या को घर लेकर चली गई
रात का वक्त
ओबेरॉय विला में दंश अपने कमरे में इधर से उधर घूम रहा था उसे आज नींद नहीं आ रही थी उसके जहां में इस वक्त सिर्फ अन्नया ही चल रही थी जिसे देखने के लिए वो बेचैन हो रहा था तब भी उसने कुछ सोचा और कार की चाबी लेकर कमरे से बाहर आया और कार केकर विला से बाहर चला गया, कुछ समय बाद उसकी कार रावत हाउस के सामने खड़ी हो गई वो कार में से बाहर निकला और तेज़ कदमो से और गार्डन में आ गया गार्डन में आके वो किसी तरह से ऊपर च्लकर एक क्रम के और चला गया एंड्र पहुच कर उसने उस कमरे में देखा पीले रंग की लाल बत्ती जल रही थी उसने कमरे में देखा उसके बाद बिस्तर की तरह चला गया जहां हमारी अन्नन्या इस वक्त आराम से है इसलिए रही थी इस समय उसने एक शॉर्ट टीशर्ट और शॉट्स पहनना हुआ था शॉर्ट टीशर्ट होने के कारण उसका गोरा पेट साफ दिखाई दे रहा था जिसे देखकर दंश एकडीएम पगल सा हो गया उसके दिल की धड़कन 100 की स्पीड से चलने लगी वो जाकर अन्नन के बगल में बैठ गया और उसे ध्यान से देखने लगा अन्नया ने इस वक्त दुपट्टा नहीं बांधा था मुंह पर फिर भी उसके लंबे उसके चेहरे को ढके हुए थे दंश ने उसे एक नज़र देखा और सोचने लगा कि कुछ भी हो जाए आज वो उसका चेहरा देख कर रहेगा जैसे ही दंश ने अपना हाथ आगे बढ़ाया, अन्नया के बाल को हटाने के लिए तब भी उसने किसी की आहट सुनाई दी और वो जाकर परदे के पीछे छुप गया तब भी अन्नया के कमरे का दरवाज़ा खुला हुआ हुआ, हाय उसकी मम्मी आई और उसको देखने लगी उसकी मम्मी उसको देखकर बोली सॉरी बेटा हम आपको बाहर नहीं जाने देते क्योंकि हम आपको बाहर जाते देखते हैं तो हमें आपका डर लगता रहता है कि कहीं हमारी मासूम से बच्ची को कुछ हो ना जाए ये दुनिया बहुत खराब है मेरी गुड़िया कब आप किस मुसीबत में पड़ जाओ किसी को नहीं पता कुछ देर यहीं सब बोलने के बाद उसकी मां ने उसके सर को प्यार से चूम लिया और उसके मुंह को धक कर कमरे से बाहर चली गई उनके जाने के बाद दंश परदे के पीछे से बाहर आया और सोचने लगा कि कोई बाहर नहीं जाने देता आपका बच्चा और आप हमसे अपने मुंह पर दुपट्टा क्यों लगा कर रखते हो यही सब सोचने के बाद दंश खुद से बोला आज कुछ भी हो जाए मैं आपका चेहरा देख कर रहूंगा और वो अनन्या के पास चला गया और उसके पास बैठ कर उसके मुंह से कंबल को धीरे-धीरे हटाने लगा जैसे वो कंबल को हटा रहा था उसके दिल की धड़कन 100 की स्पीड से चल रही थी कुछ ही समय में उसने दूसरे के मुंह से कंबल को हटा दिया और उसने अन्नया को देखा तो देखता ही रह गया annanya ka chhota sa muh dhudh ke jitna गोरा उसका चेहरा छोटी सी नाक गुलाब के पंखुडियों के जैसे प्रकृति गुलाबी होठ दंश अनन्या को बस एक तक देखे ही जा रहा था कुछ समय उसे देखने के बाद दंश खुद से बोला तुम्हें देखने का हक सिर्फ मेरा है मेरी जान और किसी का नहीं बस कुछ दिन और उसके बाद आपको हमारे अलावा कोई नहीं देखेगा इतना बोलने के बाद दंश आया के एकडीएम करीब आया और हल्के से उसके माथे को चूम कर उसके बालकनी में आकर नीचे चला गया और वाहा से जाने के बाद अपने विला के लिए निकल गया
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सुबह का वक्त
ओबेरॉय विला
दंश आज अपने किमी से बाहर नहीं आया था रोज़ की तरह सब उसका नाश्ता के लिए इंतज़ार कर रहे थे
काव्या ने मुझसे कहा कि भाई तो हमेशा-हमसे पहले ही आ जाते थे तो आज क्या हुआ जो अभी तक नहीं आए ऋत्विक भी उनके पास बैठा हुआ था वो बोला तुम लोग रुको मैं देख कर आता हूं कि क्यों नहीं आया वो डाइनिंग टेबल उठा वैसे ही उसने देखा दंश अपना बिजनेस सूट पहने सिधियों से नीचे की तरफ आ रहा था दंश को देख कर ऋत्विक अपनी जगह पर बैठ गया
जब दंश आकर अपनी हेड चेयर पर बैठ गया तब ऋत्विक ने उसे पूछा आज इतना लेट क्यू हो गया दंश तुम्हारे आने में ऋत्विक की बात सुनकर दंश ऋत्विक की तरफ देखने लगा दांश की आंखे इस समय बहुत ज्यादा लाल हो राखी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो रात में बिल्कुल भी ना सोया हो
दंश को देखकर ऋत्विक ने पूछा दंश तुम्हारी आंखे क्यों लाल है क्या तुम रात में अच्छे से सोए नहीं थे क्या
ऋत्विक की बात सुनकर दंश बोला नहीं, कुछ नहीं बोला, सोया था दर्द से वो लगता है कुछ आंखों में चला गया होगा इस तरह से हुआ हो उसकी बात सुनकर ऋत्विक कुछ नहीं बोला और सब लो नाश्ता करने लगे
नाश्ता करने के बाद दंश और ऋत्विक ऑफिस के लिए निकल गए और काव्या और कुस वो दोनो भी कॉलेज के लिए निकल गए थोड़ी देर बार दंश या ऋत्विक ऑफिस पहुंच गए ऑफिस पहुंच के बाद दंश डायरेक्ट अपने केबिन में चला गया और ऋत्विक भी अपने केबिन में चला गया केबिन में पहुंच कर दंश अपनी कुर्सी पर बैठ गया कुर्सी पर बैठ कर वो लैपटॉप अपना काम करने लगेगा, कुछ समय काम करने के बाद उसे अन्नया की याद आने लगी उसका मासूम और खुबसूरत सा चेहरा जो उसके सामने बार बार आ रहा था उसे याद करते करते पता नहीं दंश को अचानक बहुत ज्यादा बेचैनी होने लगी
वो अपनी कुर्सी से उठ कर केबिन में घूमने लगा
दूसरी तरफ़ रवत घर में
सब लोग नाश्ता करने के लिए बैठे हुए थे वाहा पर सब थे बस अनन्या नहीं थी सबको देखकर अनन्या के पापा बोले अन्नया कहा है अभी तक नहीं ऐ उसकी तबियत तो ठीक है ना उसकी मम्मी ने बोला नहीं वो ठीक है बस आती ही होगी उतने में सिधियों से अन्नया के आने की आवाज सुनाई दी जो सबको गुड मॉर्निंग बोलते हुए आ रही थी सीधीयों से जल्दी-जल्दी उतर के आ रही थी उसके पापा जब उसे ऐसा आता हुआ देखे तो उसे बोले बेटा आराम से आओ अभी आप गिर जाओगे
तो अनन्या बोली नहीं पापा माई आ जाउंगी ऐसे बोलते हुए अन्नया का ध्यान सिधियों पर से हट गया उसका पैर फ़िसल गया वो अचानक सिधियो पर से गिर गई उसको गिरता देख उसकी मम्मी ज़ोर से चिल्लाई और उसके पास दौड़ते हुए गई उसकी पूरी फैमिली उसके पास चली गई अन्नया आला गिरी हुई थी उसके सर से बहुत ज्यादा खून निकल रहा था और वो बेहोस हो गई थी उसकी मम्मी उसके सर को पकड़ के बैठी थी और उसे उठाने की कोशिश कर रही थी बेटा उठ जाओ क्या हुआ इतने में उसका भाई बोला मम्मी जल्दी से बेटा अस्पताल लेके चलो उसकी बात सुनकर सब अस्पताल लेकर गए अन्नया को परिवार का रो रो कर बुरा हाल था अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने अन्नया को आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया और उसका इलाज शुरू हो गया उसका परिवार वार्ड के बाहर खड़ी होकर गेट खुलने का इंतजार कर रही थी अन्नया का पूरा परिवार इस समय बहुत रो रहा था
ओबेरॉय कंपनी में
इस समय दंश की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी उसने अपनी शर्ट निकाल कर फेंक दी थी वो प्योर केबिन में पगलो को तरह घूम रहा था इतने में उसके केबिन में ऋत्विक आया दशक को देख कर ऋत्विक बहुत ज्यादा घबरा गया और वो उसके पास आया और बोला दंश क्या हुआ तू ऐसे क्यों गम रहा है केबिन में तेरी तबीयत तो ठीक है ना ऋत्विक को देख कर दंश उसके गले लग गया और उसे पकड़ कर रोने लगा ऋत्विक बोला दंश क्या हुआ तू ऐसे क्यों रो रहा है दंश उसकी बात को सुनाकर बोला ऋत्विका मेरा बच्चा बहुत तकलीफ में है मुझे उसे देखना है उसे कुछ तो हो गया है मुझे ले चल उसके पास कुछ भी करके ले चल देखना है उसे
उसकी बात सुनक ऋत्विक बोला कुछ नहीं हुआ है उसे वो ठीक होगी तू परेशान मत हो ऋत्विक की बात सुनकर दंश बोला नहीं मेरी जान बहुत तकलीफ में है तू दिखा दे ना उससे मुझे नहीं तो मैं मर जाउंगा बहुत दर्द हो रहा है मेरे दिल में ऋत्विक दंश से बोला पहले तू बैठ थोड़ा पानी पी मैं पता करता हूं उससे कुछ नहीं हुआ है इतना बोलकर ऋत्विक ने दंश को सोफ़े पर बिठा कर पानी पिलाया उसके बाद उसने किसी को कॉल लगाया कॉल करने के बाद कॉल पर उसने जो सुना उसके बाद उसका कोई मोमेंट ही नहीं, उसे ऐसे देखकर बोला क्या हुआ कुछ तो बोल तू संत क्यों है मेरा बेटा ठीक तो है ना दंश की बात सुनकर ऋत्विक होस में आया और बोला वो सिधियों से नीचे गिर गई है अस्पताल में आईसीयू में है वो ऋत्विक की बात सुनकर मानो दंश की दुनिया ही उजड़ गई दंश ज़ोर ज़ोर से रोने लगा और बोला बच्चा अपना क्यू नहीं रखा अपना ख्याल मेरे लिए तो आप अपना ख्याल रख सकते थे ना अब मैं क्या करूं ऐसा बोलकर वो रोने लगा और तेजी से खड़ा हो गया और ऋत्विक से बोला चल लेकर मुझे मेरी जान के पास देखना है उसे मुझे
उसकी बात सुनकर ऋत्विक बोला पागल हो गया है क्या तू ऐसा कैसे जाएगा उसकी फैमिली तुझे देखेगी तो क्या सोचेगी ऋत्विक की बात सुनकर दंश बोला कोई कुछ नहीं सोचेगा वो मेरी है और मुझे उसको देखना है बस इतना बोलकर दंश ऋत्विक के साथ हॉस्पिटल के लिए निकल गया
आज के लिए इतना ही मिलता है कल अगले चैप्टर के साथ तब तक आप मेरी कहानी पढ़ते रहिए कमेंट कीजिए और मुझे सब्सक्राइब कीजिए bye bye readers ❤️❤️❤️❤️❤️
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अस्पताल के बाहर एक काले रंग की कार आकर तेजी से रुकी और उसमें से दंश घबराया हुआ बहार की तरह आया और सीधे अस्पताल के अंदर चला गया
कुछ समय में वो अनन्या के वार्ड के बाहर पहुचा वहां देखा तो अनन्या की पूरी फैमिली बहार बैठी हुई थी दांश उनको देखकर बिना कुछ सोचे समझे डायरेक्ट अनन्या के वार्ड में घुस गया और इधर जैसे ही अनन्या की फैमिली ने किसी को वार्ड के अंदर घुसते हुए देखा वो भी चौक गए और टर्नट वार्ड के पास पहुंच गए लेकिन वो अंदर जाते थे उसे पहले ही वार्ड का दरवाजा अंदर से लॉक हो चूका था इधर से वो लोग खोलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दरवाजा नहीं खुल रहा था वो लोग घबरा गए और रोते हुए डॉक्टर को आवाज देने लगेंगे
वार्ड के अंदर
जैसे ही दंश वार्ड के अंदर आया वो अनन्या को इस हालत में देख कर उसके कदम एक जगह पर ही रुक गए
वो बस एक तक अनन्या को ही देख रहा था
कुछ समय में उसे जैसे ही होश आया वो अनन्या के पास पहुंच गया और उसे कैसे कर अपने गले से लगा लिया और रोते हुए बोला ये क्या हाल कर लिया आपने अपना बच्चा माई नहीं था आपके पास कम से कम कुछ समय तक तो आप अपना ख्याल रख सकते थे ना फिर क्यों नहीं रखा अपना अपना ख्याल ये बोलते हुए लगतार रोता रहा और कुछ देर बाद वो अन्ननी से अलग हुआ और बोला बस अब बहुत हो गया अब और नहीं
आपको मेरे पास रहना होगा अब आप मेरे पास रहोगे अब मैं आपको कहीं नहीं जाने दूंगा अब आप मेरे पास रहोगे बस और ये बोलकर उसने हल्के से अनन्या के माथे पर चुंबन कर लिया
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अस्पताल के बाहर एक काले रंग की कार आकर तेजी से रुकी और उसमें से दंश घबराया हुआ बहार की तरह आया और सीधे अस्पताल के अंदर चला गया
कुछ समय में वो अनन्या के वार्ड के बाहर पहुचा वहां देखा तो अनन्या की पूरी फैमिली बहार बैठी हुई थी दांश उनको देखकर बिना कुछ सोचे समझे डायरेक्ट अनन्या के वार्ड में घुस गया और इधर जैसे ही अनन्या की फैमिली ने किसी को वार्ड के अंदर घुसते हुए देखा वो भी चौक गए और टर्नट वार्ड के पास पहुंच गए लेकिन वो अंदर जाते थे उसे पहले ही वार्ड का दरवाजा अंदर से लॉक हो चूका था इधर से वो लोग खोलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दरवाजा नहीं खुल रहा था वो लोग घबरा गए और रोते हुए डॉक्टर को आवाज देने लगेंगे
वार्ड के अंदर
जैसे ही दंश वार्ड के अंदर आया वो अनन्या को इस हालत में देख कर उसके कदम एक जगह पर ही रुक गए
वो बस एक तक अनन्या को ही देख रहा था
कुछ समय में उसे जैसे ही होश आया वो अनन्या के पास पहुंच गया और उसे कैसे कर अपने गले से लगा लिया और रोते हुए बोला ये क्या हाल कर लिया आपने अपना बच्चा माई नहीं था आपके पास कम से कम कुछ समय तक तो आप अपना ख्याल रख सकते थे ना फिर क्यों नहीं रखा अपना अपना ख्याल ये बोलते हुए लगतार रोता रहा और कुछ देर बाद वो अन्ननी से अलग हुआ और बोला बस अब बहुत हो गया अब और नहीं
आपको मेरे पास रहना होगा अब आप मेरे पास रहोगे अब मैं आपको कहीं नहीं जाने दूंगा अब आप मेरे पास रहोगे बस और ये बोलकर उसने हल्के से अनन्या के माथे पर चुंबन कर लिया
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अस्पताल में
कुछ समय बाद दंश अनन्या के पास में बैठा हुआ था और धीरे-धीरे अनन्या को होस आ रहा था अनन्या को होस में आता देख कर दंश ने उससे कहा बच्चे आंखे खोलो दंश की आवाज सुनकर अनन्या धीरे-धीरे अपनी आंख खोली और अस्पताल को देखकर बोली, मैं कहां हूं इतने में दंश की आवाज आई बच्चे आपको चोट लग गई थी आप अस्पताल में हो दंश की आवाज सुनकर अनन्या दंश की तरफ देखने लगेगी और दंश को देख कर बोली आप कौन हो हैंडसम अंकल अनन्या की बात सुनकर दंश हल्का सा स्माइल क्रके बोला मैं आपका ही हूं बच्चा अब आप ज्यादा मत बोलो आराम करो मैं आपके मम्मी पापा को बुला कर लाता हूं दंश के मुंह से मम्मी पापा सुनकर अनन्या बोली क्या मेरे मम्मी पापा भी हैं अनन्या की बात सुनकर दंश को परेशान हुई वो एक टीके अनन्या को देख रहा था कुछ पल उसको देखेंगे के बाद दंश ने बोला नहीं कोई नहीं है सिर्फ मैं हूं आपका ठीक है आप अभी आराम करो मैं डॉक्टर को बुला कर आता हूं
वार्ड के बाहर
अनन्या की फैमिली बैथ कर रो रही थी और डॉक्टर भी परेशान थे तभी डॉक्टर वार्ड में आए और डॉक्टर को देख कर बोला डॉक्टर उसका होस आ गया है आप चेक कर लीजिए दंश की बात सुनकर डॉक्टर वार्ड में चले गए अनन्या की फैमिली डांस को देखकर बोली तुम कौन हो और वार्ड में क्या कर रहे थे दंश सबको देखकर बोला जो उसका माई ही है और कोई कुछ नहीं है दंश की बात सुनकर अनन्या की मम्मी बोली तू पागल हो क्या हटो यहां से मुझे अपनी बेटी से मिलना है उसे घर लेकर जाना है हटो यहां से उसकी मम्मी की बात सुनकर दंश बोला मेरे बच्चे का कोई कुछ नहीं है जो हू माई हू और वो मेरे साथ जाएगी और अब आप लोग उसे भूल जाएं
दंश की बात सुनकर अनन्या की मम्मी बोली क्या बकवास कर रही हो मेरी बेटी मेरी है तुम क्यू उसे लेकर जाओगे उसकी मम्मी की बात सुनकर दंश बोला अगर बेटी है आपकी तो ख्याल क्यों नहीं रखा अपने उसका जब मेरे बच्चा सिधियों से गिर गया था तो कहा आप लोग पता है उससे कितनी चोट लगेगी है कितना दर्द हो रहा है उसे और आप बोल रही है बेटी है वो आपकी तो मैं आप लोगो को बता देता हूं वो किसी की नहीं है सिर्फ मेरी है और वो अब आप सबको भूल गई है तो बेहतर होगा आप सब भी उससे भूल जाओ समझे
इतना बोलकर दंश वार्ड के अंदर चला गया और उसके पीछे अनन्या की फैमिली भी गई अनन्या को देखकर उसके पापा उसके पास गए जाने को हुए तो दंश ने उन्हें हाथ दिखा रोक दिया और डॉक्टर का इंतजार करने जाओ डॉक्टर अनन्या को चेक करने के बाद उसके परिवार के पास आकर बोले सॉरी उनकी मेमोरी लॉस हो चुकी है उन्हें कुछ भी याद नहीं है डॉक्टर की बात सुनकर अनन्या की फैमिली को झटका लगेगा और वो डॉक्टर से बोले डॉक्टर ये क्या बोल रहे हैं आप ये कैसे हो गए
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