वो दुनिया का सबसे बड़ा राज़ था एक ऐसा माफिया जिसकी असल पहचान किसी को नहीं पता थी आम आदमी की तरह एक साइलेंट लाइफ जीने वाला लेकिन असल में अंडरवर्ल्ड का किंग और दूसरी तरफ अलीना Mehta Group की 21 साल की यंगेस्ट CEO जिद्दी, बेतहाशा खूबसूरत और खुद के फैस... वो दुनिया का सबसे बड़ा राज़ था एक ऐसा माफिया जिसकी असल पहचान किसी को नहीं पता थी आम आदमी की तरह एक साइलेंट लाइफ जीने वाला लेकिन असल में अंडरवर्ल्ड का किंग और दूसरी तरफ अलीना Mehta Group की 21 साल की यंगेस्ट CEO जिद्दी, बेतहाशा खूबसूरत और खुद के फैसले खुद लेने वाली एक महीने के अंदर शादी करनी थी मजबूरी? या कोई प्लान? सब हैरान रह गए जब उसने एक अंजान सिंपल से लड़के से जबरदस्ती शादी कर ली जिसकी सच्चाई से वह भी थी अंजान क्यों किया उसने ये कदम? क्यों चुना एक ऐसे शख्स को जो सबकी नजरों में कुछ भी नहीं लेकिन असल में सब कुछ था? मौत से भी ज्यादा खतरनाक आदमी क्यों? रह रहा हैं ऐसे छुप कर ....
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मेहरा हाउस में आज रौनक अलग ही थी चारों तरफ चमकती लाइट्स फूलों की सजावट और हॉल में अलग ही रौनक थीं आज उनके घर की बड़ी बेटी भव्या की सगाई थी तैयारी पूरी हो चुकी थी संजय मेहता और दिव्या मेहता मेहमानों का स्वागत कर रहे थे दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी ।
ऊपर भव्या अपने कमरे में बैठी थी तैयार होकर चेहरे पर शर्म और खुशी दोनों का रंग साफ था आखिर कार उसके बॉयफ्रेंड के साथ उसकी सगाई जो होने वाली थी आज तभी कमरे का दरवाजा खुला और दिशा अंदर आई गहरे ब्लू गाउन में तैयार दिशा भव्या को देखकर मुस्कराई ।
तो आखिरकार आपकी सगाई होने वाली है उसे ऐसे शर्माता देख वह बोली क्या हुआ कंट्रोल नहीं हो रहा क्या लेकिन आप और जीजू तो पहले ही सुहागरात मना चुके हैं ।
भव्या हा तो क्या ही गलत किया हमने वैसे भी हर कोई शादी से पहले ही सब कुछ कर रहे हैं और तू ऐसे बोल रही है जैसे तुझे यकीन ही नहीं था ।
दिशा ने आंखें घुमाईं हां पता है आज कल सब नॉर्मल है और यकीन तो था पर डर इस बात का है कि कहीं वो अलीना सब कुछ खराब न कर दे दादा जी की फेवरेट पोती ना जाने क्या कर बैठे ।"
ये सुनते ही भव्या का भी मूड खराब हो गया अलीना उसकी सौतेली बहन लेकिन उसकी वजह से वह अपना मूड खराब नहीं करना चाहती थीं आज दिन उसका था और वो किसी की वजह से वह अपनी खुशी कम नहीं करना चाहती थी ।
नीचे हॉल में मेहमानों का शोर बढ़ता जा रहा था एंट्रेंस पर खुद संजय मेहता और दिव्या मेहता खड़े थे दोनों ने matching आउटफिट्स पहने थे दिव्या गोल्डन सिल्क साड़ी में एलिगेंट दिख रही थी और संजय ने ब्लैक बंदगला सूट पहना हुआ था आते-जाते मेहमानों का वह बड़े ही ग्रेस से स्वागत कर रहे थे।
Welcome to the Mehra House so glad you could join us
ओह मिसेज कपूर, you’re looking stunning tonight
दिव्या ने मुस्कुराकर कहा हाथ और उन्हें अंदर की और करती हैं।
वहीं संजय एक-एक गेस्ट से हाथ मिलाते हुए बड़ी चालाकी से मीडिया की नजरों को पढ़ रहा था। सबकी नजरें सिर्फ इस बात पर थीं कि आज मेहता हाउस का नाम वीरानी फैमिली से जुड़ने वाला है बिजनेस और शोऑफ दोनों खेल जो आज साथ चल रहा था ।
अंदर हॉल में soft instrumental music बज रहा था मीडिया वाले कोने में खड़े कैमरा सेट कर रहे थे flashes लगातार चल रही थीं
संजय ने मुस्कुरा कर मीडिया की तरफ देखा दिव्या बीच-बीच में संजय के कान में बोलती बस देखना कहीं ये प्रेस वाले कोई unnecessary सवाल न कर दें ।
मेहमान आपस में बातें कर रहे थे कितनी लकी है मेहता फैमिली वीरानी फैमिली से रिश्ता जुड़ने वाला है अब तो दोनों का नाम ही अलग होगा ।
तभी एक गेस्ट ने धीरे से सवाल कर दिया अरे मिस्टर मेहता आपकी छोटी बेटी कहां है और मिस्टर अशोक मेहता भी नजर नहीं आ रहे।
दिव्या का चेहरा पल भर को सख्त हुआ उसने तुरंत संजय की ओर देखा संजय ने सबकी बातें संभालते हुए मुस्कान बनाए रखी
पापा अपने रूम में हैं आते ही होंगे और अलीना भी बस आती ही होगी वहीं दिव्या भी झूठी हसी हस देती हैं ।
संजय जी हंसते हुए बोले _
Oh, she must be on her way. And Dad… he’ll join us soon. Don’t worry, everything’s perfectly fine ...
वहीं दिव्या ने चेहरे पर फोर्स्ड स्माइल रखते हुए कहा__
Please enjoy the evening, have some starters. Drinks are being served on the other side..
वही स्टडी रूम में मिस्टर अशोक अपनी छड़ी को पकड़े बैठे हुए थे वह अपने असिस्टेंट से बोले फोन लगा अस्सिटेंट बोला जी सर आ रही हैं छोटी मिस ।"
हॉल में गूंजते शोर और कैमरों की चमक के बीच अचानक मेहमानों की नजर दरवाज़े की तरफ गई जो अलीना ने एंट्री की थी सिल्वर-ग्रे कलर का फॉर्मल बिजनेस शूट खुले बाल आंखों में वही बेफिक्री भरा ऐटिट्यूड उसके साथ उसकी बेस्ट फ्रेंड प्रिशा भी थी जो हमेशा उसकी तरह ही स्टाइलिश रहती थी उसने सगाई के हिसाब से ही ड्रेसिंग की हुई थी।
अलीना किसी दुल्हन की बहन जैसी बिल्कुल नहीं लग रही थी न भारी कपड़े न ज्वेलरी न बनावटी मुस्कान बस अपने तरीके से सीधी तेज चाल में आगे बढ़ती जैसे ये सगाई उसके लिए कोई खास बात ही न हो ।
उसे देखकर दिव्या दिशा और भव्या तीनों के चेहरे के एक्सप्रेशन पल भर को बदल गए जैसे किसी ने उनकी खुशी पर पानी फेर दिया हो लेकिन मीडिया की नजरें उन पर थीं तो चेहरे पर मजबूरी की मुस्कान चिपकानी ही पड़ी ।
कैमरों का रुख अलीना की तरफ घूम चुका था। flashes लगातार चलने लगीं
There she is - The ceo of Mehta group and younger granddaughter of Mr. Ashok Mehta
मीडिया वाले आपस में फुसफुसा रहे थे ।
दिव्या ने नकली मुस्कान ओढ़ते हुए कहा अरे देखो आ गई अलीना भी। आज मीटिंग थी शायद इसलिए लेट हो गई ।
वह उसके पास गई हल्के से उसके कंधे पर हाथ रखा जाओ जल्दी से ready होकर आओ तुम्हारी बड़ी बहन की सगाई का टाइम हो रहा है अलीना ने बस हल्की सी मुस्कान दी वही फिक्की सी हंसी, जैसे उसके लिए ये सब बस एक formality हो।
Sure इतना कहकर वो मुड़ी और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गई उसके पीछे प्रिशा भी उधर मीडिया वालों के कैमरे अब भी उसकी तरफ ही घूमे थे ।
इसी शोरगुल और कैमरों की चमक के बीच वीरानी फैमिली का एंट्री गेट से आना किसी grand arrival से कम नहीं था।
महंगे सूट्स डिजाइनर आउटफिट्स Mr Virani इंडिया की सोलहवीं सबसे अमीर फैमिली के हेड काले थ्री-पीस सूट में और बगल में उनकी वाइफ Mrs Virani emerald green gown में sleek hairstyle perfect makeup और हाथ में डायमंड स्टडded clutch पकड़े हुए वो हर एंगल से कैमरा फ्रेंडली लग रही थीं ।
Flawless Powerful Modern सामने से आते ही मीडिया के flashes उन पर टूट पड़े ।
Welcome Virani family, someone whispered और तुरंत बाकी मेहमानों की बातें शुरू हो गईं ।
Look at them, total class
उसी वक्त मिस्टर अशोक मेहता भी सीढ़ियों से नीचे आ चुके थे उम्र भले ही ढलान पर थी लेकिन रुतबा अब भी वैसा ही था शूट पहने हुए आंखों पर पतले फ्रेम का चश्मा जैसे ही वो नीचे आए कुछ गेस्ट उनसे मिलने के लिए बढ़े वहीं मेहता फैमिली 21 नंबर पर आती थीं ।
पर मिस्टर अशोक की नजरें भी उसी तरफ थीं वीरानी फैमिली की ओर क हल्की मुस्कान उनके चेहरे पर थी ।
Mrs. Virani ने आते ही दिव्या और संजय से बड़ी गर्मजोशी से गले मिलते हुए कहा
Finally, we’re here. Everything looks fabulous
दिव्या ने फौरन अपनी फॉर्मल smile लगाई जी हा आप काफी सुन्दर लग रही हैं सच में वहीं दिव्या जी बात सुनकर मिसेज विरानी बोली अरे आप भी कुछ कम नहीं लग रही हैं उनके हर मूवमेंट में एलिगेंस था वो जानती थी कि लोग उन्हें देख रहे हैं और ये attention उन्हें पसंद भी थी ।
तभी Mr Virani ने आगे बढ़कर मिस्टर अशोक से हाथ मिलाया। दो बड़े नाम आज एक रिश्ता बनने जा रहा था Nice to meet you, sir. Finally, after so long .
अशोक मेहता ने सिर हिलाया Yes, finally
पर उनके लहजे में वो ठंडापन था, जो सिर्फ वही समझ सकते थे जो उन्हें बरसों से जानते थे हॉल में माहौल अब पूरी तरह formal हो चुका था। कैमरे clicks कर रहे थे मेहमान whisper कर रहे थे ।
दिशा भव्या को नीचे लेकर आई भव्या के आते ही सबकी नजरें उसी पर टिक गईं। कैमरे क्लिक करने लगे हर फोटो में भव्या के चेहरे पर चमक थी flashes, poses, perfect smiles ....
उसके आते ही मीडिया वाले भव्या और मिहिर की फोटो लेने में लगे थे दोनों की जोड़ी जैसे किसी मैगजीन के कवर पर छपने लायक लग रही थी।फ्लैश की चमक और आवाजें बढ़ती जा रही थीं।
वही दिशा के भी काफी फोटोस खींचे जा रहे थे क्योंकि वह भी फेमस एक्ट्रेस जो थीं ।
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आगे क्या होगा जानने के लिए पढ़ते रहिए
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अब आगे.........
हॉल के बीचों-बीच एक खूबसूरत स्टेज बना हुआ था जिसे सफेद और गोल्डन फूलों से सजाया गया था क्रिस्टल झूमर की रोशनी में हर चीज़ चमक रही थी वहीं सगाई कराने के लिए पंडित राघव शास्त्री को बुलाया गया था जो पूरे शहर में अपने modern touch rituals के लिए फेमस थे जिन्हें सिर्फ अल्ट्रा मॉर्डन खुद को कहने वाले ही बुलाते थे अपनी अमीरी का दिखावा करने वहीं मिस्टर अशोक ने भी इस पर कुछ नहीं कहा कि भले ही मॉर्डन हो लेकिन अपने रीति रिवाज पर चलने वाली ही थे वे लेकिन उन्हें अपनी बहु पसंद नहीं थी और ना ही खास लगाव था अपने पोतियों से इसलिए उन्होंने कोई दखल अंदाजी नहीं करी थी।
वही Traditional कपड़े में होते हुए भी उनके स्टाइल में एक खास एलिगेंस था। उन्होंने अपने स्टाइल में सूट के ऊपर हल्का दुपट्टा डाला हुआ था ताकि ट्रेडिशनल और मॉडर्न का बैलेंस बना रहे ।
“We’ll begin with the blessings first,” उन्होंने माइक पर अनाउंस किया ताकि सबको पता चल जाए सगाई की रस्में शुरू हो रही हैं।
इधर मिहिर के पेरेंट्स वीरानी फैमिली अपनी जगह पर बैठे थे और भव्या को दिशा स्टेज पर ले आई थी अब वह पीछे खड़ी थी मुस्कुराते हुए मगर उसकी नजरें बार-बार अलीना को तलाश रही थीं।
पंडित राघव शास्त्री ने मंत्रों की शुरुआत की हर मंत्र के बाद वो उसका इंग्लिश में अर्थ भी बता रहे थे ताकि वहां मौजूद सभी जनरेशन के लोग कनेक्ट कर सकें आखिर मॉर्डन पंडित जो थे।
“This mantra signifies prosperity and trust between the couple,” वो कहते और साथ ही दोनों फैमिली के चेहरों पर हल्की मुस्कान आ जाती।
सगाई की अंगूठी मेहता फैमिली की पुरानी फैमिली ज्वेलरी थी बेहद कीमती वहीं मिहिर के लिए भी डायमंड रिंग तैयार थी जो स्पेशियली पेरिस से बनवाकर मंगवाई गई थी।
फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर साइड से सारा मूवमेंट कैप्चर कर रहे थे कैमरों की लाइट बार-बार चमक रही थी flashes के बीच भव्या ने अपने हाथ आगे बढ़ाए मिहिर ने हल्की मुस्कान के साथ रिंग पहनाई।
All eyes were on them
फिर बारी आई भव्या की उसने भी डायमंड रिंग उठाई और बड़े ही नाज़ाकत से मिहिर की उंगली में पहनाई
“Congratulations, let’s give them a big round of applause” पंडित ने खुद ही माहौल हल्का कर दिया और पूरे हॉल में तालियों की गूंज भर गई।
दिशा अपनी गोल्डन गाउन में, ओपन हेयर, मेकअप परफेक्ट अपने ही अलग एटीट्यूड में घूम रही थी आखि़र फेमस एक्ट्रेस जो थी वो पार्टी में आए कई अमीर घरों के लड़के उसके आसपास मंडरा रहे थे कोई ड्रिंक ऑफर कर रहा था कोई फिल्म की बातें करके इंप्रेस करने की कोशिश कर रहा था ।
Wow, you look gorgeous today
I've seen your last movie... amazing performance
दिशा उनकी बातों पर झूठी हंसी देती रही उसे आदत थी ऐसे अटेंशन की उसे लग रहा था आज का स्टार वही है ।
लेकिन तभी किसी एक लड़के की नजर दूसरी तरफ चली गई और फिर उसके बाद बाकी सबकी भी
जहां अलीना खड़ी थी प्रिशा के साथ एक कोने में लड़कों ने एक-दूसरे को देखा और जैसे अपनी टारगेट बदल दी हो एक-एक कर के कुछ लड़के दिशा को छोड़ अलीना की तरफ बढ़ने लगे ।
Hi, I’m Arjun… I’ve heard a lot about you
Nice to finally see you here
अलीना ने उनकी तरफ देखा बिल्कुल एक्सप्रेशनलेस वह बोली थैंकस .....
बस इतना कहकर उसने अपनी नजर घुमा ली जैसे कोई स्ट्रीट नॉइस हो जो उसे परेशान नहीं कर सकती ।
कुछ और लड़के उसके पास आने लगे....
We’d love to know more about you .
डिनर साथ लें?
अलीना ने हल्की मुस्कान के साथ प्रिशा की तरफ देखा और ठंडे लहजे में बोली एक्सूस मि और आगे बढ़ गई जैसे किसी महंगी पार्टी में सस्ते परफ्यूमल की खुशबू आ जाए और वो उसे इग्नोर कर दे ।
दूसरी तरफ दिशा का चेहरा तमतमा गया गुस्से से वह फुसफुसाई
हुंह… हमेशा एट्टियूड में रहती है कोई इसकी तरफ देख भी क्यों रहा है ।
वहां खड़ी दिव्या ने ये सब देखा तो उसका गुस्सा और बढ़ गया वो तो चाहती थी कि दिशा जैसी स्मार्ट, ग्लैमरस उनकी बेटी को ये अमीर घराने के लड़के पसंद करें, उनसे दोस्ती करें, रिश्ते बने पर अलीना… उसके लिए उन्हें तो ये सब कभी पसंद नहीं था ।
उसने मन ही मन गुस्से से कहा सब अमीर घरों के लड़के इसकी तरफ क्यों भागते हैं… क्यों?
दिव्या का चेहरा मुस्कुराता हुआ था लेकिन आंखों में साफ़ जलन झलक रही थी
पर अलीना as usual अपनी दुनिया में थी No drama No need of attention No interest.....
सगाई का शोरगुल खत्म हो चुका था गेस्ट अब धीरे-धीरे विदा ले रहे थे कैमरों की चमक मंद पड़ चुकी थी लेकिन मेहता हाउस के अंदर एक कमरे में असली खेल शुरू होने वाला था।
कमरे का दरवाज़ा बंद होते ही दिव्या, भव्या और दिशा — तीनों के चेहरे से मुस्कान गायब हो गई अब वहाँ सिर्फ चालाकी जलन और लालच का माहौल था।
दिव्या खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई अपने हाथों में पहनी ब्रेसलेट के हीरों को घूरते हुए बोली चलो एक काम तो पूरा हो गया तुम्हारी सगाई तो हो ही गई… अब बस जल्दी से शादी हो जाए फिर देखना डैड तुम्हें ही कंपनी का सीईओ बनाएंगे।"
भव्या बिस्तर पर बैठी अपनी एंगेजमेंट रिंग को घूरते हुए हौले से मुस्कुराई ।
अलीना तो शादी करने से रही इतनी अकड़ है उसमें हमेशा अपने उस बिजनेस में घुसी रहती है। अगर उसने डैड की बात नहीं मानी तो तो उसे उस पोजीशन से हटाना ही पड़ेगा फिर कंपनी पर सिर्फ हमारा हक होगा, समझीं?" दिव्या की आवाज में जहर घुला हुआ था।
दिशा ने फौरन बीच में कहा "Exactly Mom ये सब उसी के लिए थोड़ी है? ये सब कुछ हमारे लिए है आपकी बेटियां… असली वारिस।"
दिव्या पलट कर उनकी तरफ देखती है आंखे वहीं लालच से भरी हुई मैंने इतने साल यही सब प्लान किया है तुम्हारे दादा जी तो हमेशा उसी अलीना के पीछे पड़े रहते हैं उसे CEO बनाना चाहते हैं उसकी ‘मेहताओं’ की विरासत का असली वारिस पर असली वारिस तुम दोनों हो भव्या और दिशा।"
भव्या ने गहरी सांस ली गुस्से से बोली बस कुछ वक्त की बात है मॉम हमें दादाजी को भी खुश करना होगा आखिरकार सारी पावर उन्हीं के हाथ में है उन्हें ये दिखाना पड़ेगा कि मैं इस घर के नाम के लायक हूं कंपनी के लायक हूं।"
दिशा अपनी जगह से उठ कर तेज़ कदमों से आई और बोली लेकिन मॉम आपने देखा ना आज कैसे वो लड़के मुझे छोड़कर उसके पीछे भाग रहे थे सबके सब जैसे बस उसकी तरफ खींचे चले जाते हैं।"
ये सुनकर दिव्या का चेहरा और सख्त हो गया। उसने कहा मुझे पता है पर ऐसा कुछ मैं होने नहीं दूंगी उसे कभी भी कोई अमीर लड़का नहीं मिलेगा Not even by mistake वो सिर्फ एक गरीब आदमी के लायक है उसी से उसकी शादी होगी…"
फिर दिव्या ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा उसके बाद…"
वह मुड़ी और उन दोनों की तरफ देखकर बोली जैसे उसकी मां को इस घर से निकाला था वैसे उसे भी इस घर से बाहर निकाल फेकेंगे हमेशा के लिए।"
भव्या बोली डन मॉम अब जो करना है हम करेंगे बस आप दादाजी को संभालना।"
दिव्या ने मुस्कुराते हुए भव्या का चेहरा थामा My smart daughter तुम ही बनोगी मेहता ग्रुप की अगली CEO."
दिशा थोड़ा जलन से बोली और मैं?"
दिव्या ने उसकी तरफ देखा और कहा तू तो ओलरेडी एक्ट्रेस है न मेरी जान तेरा नाम और चेहरा ही काफी है बस तुझे एक रईस हसबैंड मिल जाए तो परफेक्ट।
दिशा ने नकली हंसी में कहा रईस लड़के तो सब उस अलीना के पीछे भाग रहे हैं मॉम।
दिव्या ने उसकी आंखों में आंखें डालकर कहा तो उन्हें मोड़ना पड़ेगा और अगर वो नहीं माने तो तोड़ना पड़ेगा।"
कमरे में खामोशी गूंज गई तीनों की आंखों में अब सिर्फ एक ही बात थी अलीना को हटाकर खुद राज करना।
लेकिन उन्हें नहीं पता था खेल वो शुरू कर रही थीं पर खत्म कौन करेगा… वो तय होना बाकी था।
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अब आगे..........
अगली सुबह मेहता हाउस का डाइनिंग एरिया बड़ी सी डाइनिंग टेबल उस पर सजे हुए ब्रेकफास्ट के ढेर सारे आइटम जूस, कॉर्नफ्लेक्स, पराठे, सूप जैसे किसी होटल का ब्रेकफास्ट टेबल हो।
पूरा परिवार बैठा था दिव्या, संजय, भव्या, दिशा, और मिस्टर अशोक जो पूरे फैमिली हेड थे जो बिना किसी भाव के बैठे थे सामने टेबल पर देखते हुए जैसे किसी सोच में हो।
अलीना भी वहीं थी usual calm face ऑफ व्हाइट बिजनेस शर्ट बालों को पीछे बांधे हुए कोई मेकअप नहीं बाकी सब ग्लैमरस दिख रहे थे और वह बस अपनी कॉफी में स्टिर कर रही थी।
कमरे में हल्की-हल्की बातें हो रही थीं कि तभी अशोक मेहता ने अखबार एक तरफ रखा और सीधा बोले ....
"अलीना…"
सारे लोग एकदम शांत हो गए भव्या और दिशा ने एक-दूसरे की तरफ देखा जैसे उन्हें पता था क्या होने वाला है।
अलीना ने सिर्फ नज़रें उठाईं बिना कोई एक्सप्रेशन के।
अब बहुत हो गया तुम्हारा टालना मैं पहले भी कह चुका हूं शादी करनी पड़ेगी तुम्हें और अब मैं टाइम दे रहा हूं पंद्रह दिन।"
पंद्रह दिन के अंदर अगर तुमने शादी नहीं की तो मैं तुम्हें सीईओ की पोजीशन से हटा दूंगा excalty जैसा मैंने पहले कहा था।"
अलीना ने बस उनकी आंखों में देखा एक पल के लिए भी पलक नहीं झपकाई।
और सुन लो अगर तुमने ये फैसला नहीं लिया तो में भव्या को ही कंपनी का अगला सीईओ बना दूंगा।"
पूरा कमरा शांत हो चुका था दिव्या ने अपनी मुस्कान दबाते हुए जूस उठाया जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
अलीना ने कोई बहस नहीं की कोई जवाब दिए बिना ही उसने कुर्सी पीछे सरकाई scraping sound पूरे कमरे में गूंज गईधीरे से अपनी कॉफी का आखिरी घूंट लिया कप रखा और बिना कुछ बोले वहाँ से उठ कर बाहर निकल गई एक बार भी पीछे नहीं देखा।
उसे जाते हुए देख भव्या ने होंठ दबाते हुए अपनी रिंग को देखने लगी वहीं दिशा और दिव्या के होठों पर विनिंग स्माइल आ चुकी थी।
उन्हें लगा खेल अब उनके हाथ में है पर किसी को नहीं पता था जो बिना बोले चला जाए वही असल में जवाब देने वाला होता है।
वही दिशा ने भी कहा में भी चलती हु मेरी शूटिंग का टाइम हो रहा है ओर सबको बाय बोल वह भी चली जाती हैं धीरे धीरे पूरा टेबल खाली हो चुका था अब बस मिस्टर अशोक ही वहां बैठे हुए थे ।
वही दूसरी और........
मेहता ग्रुप मुंबई कॉर्पोरेट के ऑफिस ... ऑफिस के बाहर हर कोई अपनी फाइल्स में बिजी था लेकिन अंदर उस केबिन में हवा में टेंशन भरी थी।
अलीना अपने रिवॉल्विंग चेयर पर बैठी कंधे पीछे टिकाए आंखें बंद किए होंठ भींचे हुए थे उसका दिमाग जैसे शोर मचा रहा था पर बाहर से एकदम शांत ।
सामने प्रिशा उसकी बचपन की बेस्ट फ्रेंड जो हमेशा उसके साथ खड़ी रही थी।
अब क्या करेगी तू प्रिशा ने धीरे से कहा।
ये तो तुझे शादी करनी से रही अलीना और मुझे तो मिसेज दिव्या,भव्या और दिशा का ही हाथ लगता हैं जरूर उन्होंने ही कुछ किया होगा तभी दादा जी ने आज इतने कम वक्त में शादी के लिए तुम्हे कहा।
अलीना ने धीरे से आंखें खोलीं और अपनी कुर्सी उसके तरफ घुमा दी कुछ न कुछ करना होगा प्रिशा ऐसे ही तो हार नहीं मान सकती मैं उसकी आंखों में अब फिर से वही जिद थी जो उसे बाकियों से अलग बनाती थी।
प्रिशा ने चाहा कुछ बोले… पर शब्द गले में अटक गए।
अलीना ने इंटरकॉम उठाया और बोली राहुल कम टू माय केबिन ।
एक मिनट में उसका असिस्टेंट अंदर आया।
मुझे एक ऐसा आदमी चाहिए जो शादी के लिए तैयार हो… लेकिन मेरी शर्तों पर नो ड्रामा, नो इमोशन उसे जीतने चाहिए उतने पैसे मिलेंगे कॉन्ट्रैक्ट साइन होगा कोई interference नहीं समझ गए।
राहुल ने सिर हिलाया और बोला यस मैम।
वह जैसे ही मुड़ कर जाने लगा तभी
धड़ाक ...!! केबिन का दरवाजा खुलता है बिना नॉक किए।
एक लंबा-सा लड़का एक्सपेंसिव परफ्यूम की खुशबू लिए महंगी ग्रे थ्री पिस सूट पहने हुए, चेहरे पर बेहूदी सी मुस्कान लिए अंदर दाखिल हुआ।
अर्जुन कोठारी इंडिया के टॉप बिल्डर्स में से एक का बेटा और अलीना के बिजनेस प्रोजेक्ट्स में पार्टनर।
अरे मिस अलीना उसने ओवर एक्टिंग वाली आवाज़ में कहा इतनी बड़ी प्रॉब्लम हो गई और आपने मुझे याद नहीं किया? आखिर मैं आपके प्रोजेक्ट्स का पार्टनर हूं अपना दोस्त ही समझ लीजिए मुझे।
उसकी बात सुनकर अलीना की आंखों में एक अजीब से भाव तैर गए प्रिशा ने भी मुट्ठियां कस लीं।
अर्जुन वहीं सामने वाली चेयर पर बैठ गया आराम से पैर क्रॉस करते हुए ।
ऐसे घूरो मत यार रिलैक्स मैं तुम्हारे ही फायदे की बात कर रहा हूं तुम चाहो तो मुझसे शादी कर सकती हो में कोठारी फैमिली का वारिस हूं, पैसा भी है, नाम भी है, शोहरत भी और शादी के बाद जैसा तुम चाहोगी वैसा ही होगा एक छोटा सा काम करना होगा You know… in bed जैसे मैं चाहूं मुझे बेड पर खुश रखोगी तो बाकी सब तुम्हारी मर्ज़ी से चलेगा।”
फिर वही उसे देख गंदी सी हंसी हंसने लगा जैसे ये दुनिया का सबसे शानदार ऑफर हो।
अलीना ने एक सेकेंड भी ब्लिंक नहीं कर रही थी चेहरा पूरी तरह calm पर आंखें जल रहीं थीं गुस्से से।
प्रिशा ने तो जैसे explode ही कर दिया तुम क्या सोचता है तुझ जैसे आदमी से अलीना शादी करेगी? Have you lost your mind?”
अर्जुन leaned forward elbows on knees घमंडी मुस्कान के साथ बोला तमीज से बात करो प्रिशा मैं यहां किसी का टाइम पास करने नहीं आया मिस अलीना यू नो वेरी वेल उसके पास कोई और ऑप्शन भी नहीं है।”
अलीना ने एकदम शांत सी आवाज में कहा ऑप्शन तुम्हारे जैसा घटिया इंसान नहीं होता अर्जुन ऑप्शन किसी को खरीदने का नाम नहीं होता और जब किसी लड़की से इस तरह बात करने का मन करे तो शीशे में जाकर अपना चेहरा देख लेना।"
अर्जुन उसकी बात पर हंसा लेकिन उसे गुस्सा भी काफी आ रहा था देखो तुम चाहे जितना ऐटिट्यूड दिखा लो एंड ऑफ द डे तुम stuck हो शादी करनी ही पड़ेगी एंड ट्रस्ट मि मैं तुम्हारा बहुत फायदा कर सकता हूं तुम्हारे प्रोजेक्ट्स में मेरी पार्टनरशिप है अगर मैं पीछे हट गया न तो बोर्ड मीटिंग में भी तुम्हारी पोजिशन वीक हो जाएगी और तुम्हारे पास वक्त भी ज्यादा नहीं है।”
अब प्रिशा उठ खड़ी हुई और बोली अब निकलो यहां से!”
अर्जुन हंसते हुए उठा कोट झाड़ते हुए बोला ओके ओके नो प्रॉब्लम सोच लो ऑफर अभी ओपन है बाय द वे अच्छा ऑप्शन हूं मैं लुक्स, मनी,पावर फुल पैकेज।
फिर उसने अलीना को ऊपर से नीचे तक देखा और तुम्हें भी तो चाहिए कोई स्ट्रॉन्ग मेन जो तुम्हे भी सेटिस्फाइड कर सके।
अलीना बस उसे देखती रही ठंडी आंखों से जैसे उसकी नजरों से ही उसे जला रही हो।
अर्जुन ने अपनी घड़ी पर देखा Okay then… I’m leaving. मिलते हैं जल्द ही।”
वह पलटा और दरवाजे की तरफ बढ़ गया जाते-जाते पीछे मुड़ कर बोला By the way… nice perfume.”
ओर दरवाजा उसके पीछे बंद हो गया कमरे में बस सन्नाटा बचा था।
प्रिशा गुस्से में उसकी तरफ बढ़ी That bastard… क्या समझता है खुद को… घटिया आदमी!”
अलीना ने आंखें बंद कीं गहरी सांस भरी उसके अंदर अब आग जल रही थी वह जानती थी उसे क्या करना है।
ये लोग सोचते हैं कि मैं झुक जाऊंगी नो वे अब मैं ये गेम खेलूंगी अपने रूल्स पर।”
तभी उसका फोन बज उठा उस पर मॉम लिखा हुआ था उसने फोन उठाया सामने से एक सौम्य सी आवाज आई हेलो बेटा कैसी हो?"
अलीना के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं और वह बोली बस हु ऑफिस में आप कैसी है मॉम ।
यह थी रचना मेहता अलीना की बायोलॉजिकल मदर इनका संजय जी से डाइवोर्स हो चुका था क्यों हुआ यह बाद में पता चलेगा ।
रचना जी में बिल्कुल ठीक नहीं हु।
यह सुनकर अलीना गभराते हुए बोली क्या हुआ मॉम आप ठीक हैं ना अगर आप ठीक नहीं हैं तो मुझे बताया क्यों नहीं?!
वह अभी बोल ही रही थी कि रचना जी उसे बीच में रोकते हुए बोली रुक जा मुझे कुछ नहीं हुआ है बस तुम मिलने नहीं आई इसीलिए ठीक नहीं हु ।
अलीना _ मॉम आप भी ना !"
प्रिशा उसके पास आकर फोन लेख बोली आंटी हम जल्द ही आपसे मिलने आयेगे फिर आप एकदम मस्त हो जाएगी।
रचना जी मुस्कुराते हुए बोली हा हा तुम दोनों से मिलकर में बिल्कुल ठीक हो जाऊंगी।
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लगभग पंद्रह दिन बीत चुके थे हर दिन जैसे अलीना पर एक बोझ बनकर गुजरा थ हर सुबह उठते ही उसे यही डर सताता कि कहीं उसके पास वक्त खत्म न हो जाए और आज आज वही दिन था जिसकी उसे सबसे ज्यादा फिक्र थी।
सुबह से ही मुंबई के आसमान में बादल छाए हुए थे हल्की सी नमी थी मौसम में जैसे खुद हवा भी उसकी बेचैनी को महसूस कर रही हो लेकिन आज सिर्फ मौसम नहीं अलीना का दिल भी भारी था।
होटल के प्राइवेट रूम में बैठी अलीना की नजरें बार-बार फोन पर जा रही थीं उसकी उंगलियां बार-बार टेबल पर टैप कर रहीं थीं।
दिन वही था जिस दिन की गिनती पूरे पंद्रह दिनों से अलीना कर रही थी।
आज का सूरज भी जैसे mocking कर रहा था जैसे खुद उसके खिलाफ कोई साजिश का हिस्सा हो।
होटल का कॉन्फ्रेंस रूम बुक था वही जगह जहां राहुल ने उस लड़के को बुलाया था।
अलीना अपने घड़ी पर बार-बार नजर डाल रही थी हर सेकंड जैसे उसकी सांसें चुरा रहा था।
आज शाम पांच बजे तक मिस्टर अशोक ने साफ कह दिया था या तो शादी कर लो या सीईओ की कुर्सी अलविदा।
अलीना का मन बार-बार कह रहा था कि वह आ जाएगा आखिर पैसे चाहिए थे उसे डील तय हो चुकी थी फिर क्यों नहीं आया?
उसके कान बार-बार दरवाजे की आवाज सुनने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वहां सिवाय उसके धड़कनों के कुछ नहीं था।
इसी बीच दरवाजे से कदमों की आहट आई।
दरवाजा खुला और अंदर आया राहुल उसके चेहरे पर परेशानी साफ दिख रही थी माथे पर पसीना, हाथों में फोन, और आंखों में डर।
अलीना उठ खड़ी हुई क्या हुआ?"राहुल ने अपनी नजरें नीची कर लीं और बोला मैम… वो लड़का… वो…"
अलीना का सब्र टूटने के कगार पर था बोलो राहुल
राहुल ने एक लंबी सांस ली उसने मना कर दिया है।"
कमरे में जैसे सन्नाटा हो गया ।
"क्या?"
"मैम… उसने कहा कि उसे डर लग रहा है उसने कि आप इतनी बड़ी बिजनेसवुमन उससे शादी क्यों करेंगी उसे लगा इसमें कुछ गड़बड़ है मैंने उसे समझाया पैसे का भी कहा पर वो डर गया भाग गया है फोन भी स्विच ऑफ कर दिया।"
अलीना ने अपनी आंखें बंद कर लीं उसने अपने अंदर का गुस्सा दबाया लेकिन उसकी उंगलियां मुठ्ठी में बंध गई थीं ।
आज का दिन जिस पर वह पिछले पंद्रह दिनों से अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी थी वही दिन उसकी हार की तरह सामने खड़ा था।
राहुल ने घबराकर कहा मैम कोई और देखता हूं कोई दूसरा लड़का… कोई तरीका…"
दूसरी तरफ.........
मेहता हाउस में माहौल पूरी तरह अलग था जहां होटल में निराशा और हार का सन्नाटा था वहीं मेहता हाउस का ड्राइंग वहीं घर के बाकी लोग भी हॉल में बैठ चुके थे मिस्टर अशोक भी अपने कमरे से निकलकर हॉल में आ चुके थे उनकी आंखें किसी को भी नहीं ढूंढ रही थीं वो बस शांत थे अंदर से क्या चल रहा था कोई नहीं जानता था।
दिव्या सोफे पर बैठी थी उसके चेहरे पर वो मुस्कान थी जो जीतने वाले की होती है पर अंदर से भरी हुई जहरीली संतुष्टि थी दिव्या की नजर जैसे ही भव्या और दिशा पर पड़ी उसके चेहरे की मुस्कान और गहरी हो गई।
सामने भव्या और दिशा एक दूसरे को आंखों से इशारे कर रही थीं।
देखा वह धीमे स्वर में बोली आज का दिन हमारे लिए खास है अब देखना कैसे मेरी बेटी इस घर की असली वारिस बनेगी वो लड़की चाहे जितना भी दम लगा ले उसकी हार तय है।"
भव्या ने भी उसकी बात पर सिर हिलाया उसके होंठों पर हल्की सी मुस्कान आई लेकिन आंखों में ईर्ष्या की आग साफ झलक रही थी वो बस इस दिन का इंतजार कर रही थी।
दूसरी तरफ दिशा अपने मोबाइल में बार-बार देख रही थीं कब 5 बजे और कब अलीना का तमाशा देखने को मिले।
मॉम सच में मजा आएगा आज अलीना की औकात सबके सामने आ जाएगी दादा जी भी अब कुछ नहीं कर सकते हैं दिव्या ने उसकी बात पर बस सिर हिलाया और कहा बस अब थोड़ा और इंतजार पांच बजते ही खेल खत्म।"
दिव्या धीरे से बोली सब्र रखो वक्त आने दो आज तो तमाशा होगा उसके बाद असली खेल शुरू होगा।"
घड़ी की सुइयां जैसे उनकी खुशी को और बढ़ा रही थीं सिर्फ एक घंटा ही शाम के पांच बजने में था।
होटल का वह कमरा ठंडी एसी में भी गर्म-सा लग रहा था।
अलीना वुडन चेयर पर बैठी थी माथे पर हल्की शिकन होंठ भींचे हुए आंखें कहीं शून्य में अटकी हुईं अलीना ने अपनी उंगलियों को आपस में जोर से भींच लिया उसका पूरा बदन गुस्से से कांप रहा था। लेकिन हार मानना उसकी फितरत में नहीं था।
कुछ तो करना होगा मैं हार नहीं मान सकती चाहे जैसे भी हो इस खेल का अंत मेरी शर्तों पर ही होगा।"
बाहर गाड़ियों की आवाजें गूंज रहीं थीं लोग आते-जाते दिख रहे थे पर अलीना की नजरें बस घड़ी पर थीं।
पांच बजने में अब बस एक घंटा बाकी था ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ था।
अलीना की आंखों में फिर से वही जिद दिखने लगी थी जो उसे आज तक हर जंग में आगे बढ़ाती आई थी।
और इस बार भी…
राहुल सामने खड़ा था परेशान सा बार-बार अपने मोबाइल की स्क्रीन देख रहा था।
अलीना की आंखें बंद हुईं जैसे वह गुस्से को पी रही हो पंद्रह दिन ..... पंद्रह दिन बर्बाद हुए थे हर दिन एक उम्मीद के साथ जिया था उसने कि यह सब खत्म हो जाएगा लेकिन अब?
मेम… मैं… मैं किसी और को
अलीना चिल्लाई तीन घंटे समझ रहे हो सिर्फ़ एक घंटा बचा है राहुल।
राहुल सिर झुका कर खड़ा रहा उसके पास कोई जवाब नहीं था।
अब उसके पास कुछ नहीं बचा था ऐसा उसे लगा था लेकिन तभी दरवाजा खुला एक लड़का अंदर आया उसके हाथ में ट्रे उसमें दो कप कॉफी Excuse me मैम… कॉफी… वह बोला लेकिन उसके चेहरे पर हल्की सी हैरानी थी जैसे उसे अहसास हुआ हो कि वह गलत जगह आ गया है।
माफ करिए शायद रूम नंबर गलती से मैं अभी निकलता हूं…"
अलीना ने उसे जाते-जाते रोका रुको।"
वह लड़का रुक गया उसने नजरें उठाईं।
छह फुट चार इंच की लंबाई, चौड़ा कंधा, परफेक्ट फिटिंग में वेटर यूनिफॉर्म, कलाई पर हल्की सी ब्लैक स्ट्रैप घड़ी, क्लीन शेव चेहरा, भूरी आंखें… किसी मॉडल की तरह पर किसी रॉयलिटी का ओरा दिखने में भी बेहद हैंडसम थी।
"तुम्हारा नाम ?" अलीना ने पूछा।
वह सीधा खड़ा रहा और बोला मेरा नाम ध्रुवाश है।
राहुल ने भी हैरानी से देखा ।
अलीना की आंखों में कुछ सोचते हुए चमक आ गई शादी करेगा मुझसे?" सीधे पूछा उसने अलीना के कदम धीरे-धीरे उसके पास बढ़े।
ध्रुवाश… बहुत अच्छा नाम है।"
ध्रुवाश की भौंहें थोड़ी सिकुड़ीं मैं मैं बस वेटर हूंbमुझे जाना चाहिए…"
नहीं अलीना ने साफ कहा अब वो उसके इतने करीब आ गई थी कि बस एक सांस का फासला था।
मुझे शादी करनी है आज अभी यहीं से मंदिर के लिए निकलना है।"
ध्रुवाश की आंखों में असली हैरानी उभर आई।
"क्या?"
राहुल तक हिल गया मैम… ये…।
अलीना ने हाथ से इशारा किया "चुप।"
ध्रुवाश ने थोड़ा पीछे हटने की कोशिश की मैडम मुझे नहीं पता आप कौन हैं लेकिन मैं मैं बस अपना काम कर रहा हूं क्यों करूं मैं?" मैं कोई शादी वादी नहीं करने आया हूं ।
लेकिन अलीना ने तब तक उसका कलाई पकड़ ली थी।
"ध्यान से सुनो…"
अब उसकी आवाज में वो softness नहीं थी, जो अभी तक थी।
मेरे पास वक्त नहीं हैं अगर तुमने ना कहा या भागने की कोशिश की तो जानते हो क्या होगा।
उसने अपनी ब्लेजर की जेब से कुछ निकालने की एक्टिंग की और उसके होंठ धीमे से फिसले गोली मार दूंगी अगर मुझे ना कहा शादी के लिए।
ध्रुवाश की आंखें फैल गईं।
उसने सच में हथियार देखा नहीं था लेकिन अलीना की आंखों में जो पागलपन था वो किसी भी हथियार से खतरनाक था।
"त… आप पागल हो गई हैं क्या?
अलीना ने उसकी आंखों में आंखें डालते हुए कहा
"हो सकती हूं और मेरे पास खोने को कुछ नहीं है लेकिन तुम्हारे पास है नौकरी जिंदगी शांति सोच ले।"
कमरे में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया।
ध्रुवाश ने उसकी आंखों में देखा सच में इस औरत के पास खोने के लिए कुछ नहीं था क्या जो वो किसी भी हद तक जा सकती थी?"
तुम्हें पैसे चाहिए?" अलीना ने फौरन कहा मिलेंगे जितने चाहिए उतने बस एक काम मेरे साथ चलो और शादी करो ।
ध्रुवाश अब तक शांत खड़ा था अंदर से उसकी धड़कनें बेतहाशा बढ़ चुकी थीं लेकिन उसने अपना चेहरा बिल्कुल शांत रखा हुआ था।
उसने धीमे से कहा और अगर मैं नहीं करूं तो?"
अलीना ने उसकी कॉलर पकड़ ली तो तुम्हारे लिए यहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचेगा।"
कमरे में फिर सन्नाटा पसर चुका था राहुल बुरी तरह घबरा चुका था।
अलीना ने उसकी कॉलर छोड़ दी बस आंखें घूरती रहीं तो हां या ना?"
ध्रुवाश ने गहरी सांस ली। उसने नजरें घुमाकर एक बार फिर अलीना को देखा माथे से लेकर पैरों तक यह लड़की खूबसूरत थी उसकी जैसी खूबसूरती कोई नहीं।
ठीक है उसने कहा चलते हैं शादी करते हैं।"
राहुल का मुंह खुला रह गया।
लेकिन ध्रुवाश बोला मेरी एक शर्त होगी
अलीना ने आंखें सिकोड़कर पूछा क्या?"
ध्रुवाश बोला आप मुझे धमकाएंगी नहीं और कोई गन गोली, डर… कुछ नहीं मेरी जिंदगी में पहले ही बहुत कुछ देखा है… अब और नहीं।"
अलीना एक पल को उसे देखती रही फिर उसके होंठों पर मुस्कान तैर गई।
यह लड़का तो सच में दिल से डरपोक है इतनी सी धमकी से घबरा गया।"
लेकिन अगले ही पल उसने उसकी आंखों में देखा डर सिर्फ पल भर का था असली में उस आदमी में कुछ था जो छुपा हुआ था।
राहुल एकदम आगे आया और कुछ बोलता उससे पहले उसे चुप करा दिया अलीना ने हाथ उठाकर उसे चुप करा दिया राहुल यही लड़का करेगा मुझसे शादी अभी इसी वक्त।"
ध्रुवाश ने उसकी तरफ देखा आपको यकीन है?"
अलीना ने उसकी आंखों में गहराई से झांक कर कहा मैं कभी गलत फैसले नहीं लेती ।
ध्रुवाश ने हल्का सिर झुकाया ठीक है मैम ।
मुझे शादी के बाद मैम नहीं अलीना कहना समझ गए।
ध्रुवाश बस सिर हिला देता हैं....
और बस कहानी का सबसे बड़ा मोड़ वहीं से शुरू हुआ था एक वेटर और एक करोड़ों की मालिक लड़की लेकिन… क्या वो वेटर वाकई वेटर था? या उसकी जिंदगी में भी कोई राज छुपा था अलीना ने खेल शुरू कर दिया था…
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गाड़ी की रफ्तार धीमी थी लेकिन उस गाड़ी में बैठी दो जिंदगियों की रफ्तार बहुत तेज चल रही थी ।
पीछली सीट पर अलीना बैठी थी लाल बनारसी सिल्क साड़ी में जिसकी बारीक गोल्डन बॉर्डर उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी लाल रंग उसके दूध जैसे गोरे रंग पर इस कदर खिल रहा था जैसे किसी सफेद संगमरमर पर सिंदूरी रोशनी पड़ रही हो उसके बाल का जुड़ा बना हुआ था मांग टिका, गले में एक नेकलेस मैचिंग ईयरिंग के साथ।
वह चुपचाप बैठी बाहर की तरफ देख रही थीं जैसे किसी गहरी सोच में हो ।
ध्रुवाश ने व्हाइट कलर का कुर्ता पहना हुआ था नीचे पायजामा उसके चौड़े कंधों पर कुर्ते की फिटिंग इस तरह बैठी थी जैसे उसे उसी के लिए सिलवाया गया हो क्लीन शेव चेहरा हल्की उभरी जॉलाइन गहरी भूरी आंखें गाड़ी के अंदर की रौशनी में अलग ही चमक रही थीं ।"
वह बार बार चोर नजरों से अलीना की तरफ देख रहा था पर हर बार नजरें मिलाने से पहले ही हड़बड़ा कर खिड़की की तरफ देखने लगता शायद वह खुद समझ नहीं पा रहा था कि जो कुछ भी पिछले एक घंटे में हुआ वो हकीकत था या कोई फिल्म का सीनचेहरा सीधा साधा लेकिन जो आंखें थीं उसमें कुछ ऐसा था जो किसी को भी खींच कर रख दे वो आंखें बार बार चोरी छुपे अलीना की तरफ जा रही थीं ।
वो उसे बार बार देख रहा था उसका चेहरा उसकी गर्दन उस पर पड़ा वो लाल रंग वो लाल चूड़ियां हर चीज जैसे उसे घायल कर रही थींकोई उसे देखता तो कहता क्या किस्मत है उस लड़के की जिसकी शादी इस लड़की से होने जा रही है ।"
लेकिन ध्रुवाश की नजरों में कोई हवस नहीं थी बस एक अजीब सा खिंचाव एक कशिश एक उलझन सी थी
अलीना ने एक बार फिर उसकी नजरें अपनी तरफ महसूस कीं वह गर्दन थोड़ा मोड़ कर बोली क्यों देख रहे हो ऐसे ।
ध्रुवाश जैसे हड़बड़ा गया उसकी नजरें इधर उधर घूम गई और उसने हकलाते हुए कहा कुछ भी तो नहीं वो तुरंत खिड़की की तरफ मुड़ गया बाहर देखते हुए जैसे खुद को काबू में लाने की कोशिश कर रहा हो।
अलीना ने हल्की सी सांस छोड़ी और खिड़की की तरफ देखने लगी मगर चेहरे पर एक बेहद हल्की मुस्कान आकर टिक गई थी जो शायद वह खुद भी महसूस नहीं कर पाई ।
आगे राहुल बैठा था चुपचाप उसकी आंखें बार बार घड़ी की तरफ जा रही थीं अभी पांच बजने में कुछ ही मिनट बाकी थे और मंदिर ज्यादा दूर नहीं था ।
गाड़ी मंदिर के सामने रुकी ।
ध्रुवाश ने उतरकर दरवाजा खोला और दूसरी तरह से अलीना नीचे उतरी गाड़ी की सूरज की रोशनी में लाल साड़ी में वह बिल्कुल देवी जैसी लग रही थी सिर झुका कर ध्रुवाश उसके साथ चलने लगा और राहुल पीछे पीछे मंदिर का माहौल बिल्कुल शांत था शाम की आरती की आवाज दूर से सुनाई दे रही थी वहां पहले से बुलाए गए पंडित जी सब तैयारी कर चुके थे फूल हार थाल सब कुछ ...!!
अलीना और ध्रुवाश ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई ध्रुवाश ने एक बार उसकी तरफ देखा उसकी आंखों में अभी भी हिचक थी लेकिन अब कुछ बदल चुका था उसके चेहरे पर अब हल्की सी गंभीरता थी जैसे कुछ सोच रहा हो कुछ छुपा रहा हो ।
पंडित जी ने पूजा शुरू कराई अग्नि के सात फेरे लेकर जैसे ही ध्रुवाश ने अलीना की मांग में सिंदूर भरा गले में मंगलसूत्र पहनाया राहुल ने सुकून की सांस ली कुछ सिंदूर उसकी नाक पर भी गिर चुका था ।
अलीना की आंखें स्थिर थीं जैसे उसे किसी जीत की उम्मीद थी जो अब जाकर पूरी हुई हो ।
उधर मेहता हाउस में माहौल बिल्कुल अलग था....
हॉल के बीचोंबीच बड़ी सी घड़ी टंगी हुई थी टिक टिक करती सेकंड्स आगे बढ़ रहे थे और तीनों चेहरे पर मुस्कान लिए बैठी थीं
दिव्या का चेहरा पूरी तरह से तृप्त नजर आ रहा था दिशा अपने फोन पर पांच बजने का इंतजार कर रही थी भव्या तो जैसे सीट पर उछलने को तैयार थी ।
पांच बजने में अब सिर्फ पंद्रह मिनट बाकी है दिव्या ने मुस्कुराते हुए कहा।
दिशा बोली और वो लड़का भी कितना सही टाइम पर मना कर गया मजा आ गया ।"
भव्या भी अपने फोन पर घड़ी देखते हुए बोली बस पांच बजने दो फिर देखती हूं उस रानी के तेवर
धीरे धीरे वक्त गुजर रहा था घड़ी की टिक टिक जैसे तीनों के दिल में खुशी का संगीत बजा रही थी
दिव्या बोली हो गया खेल खत्म अब डैड मुकर नहीं सकते वह खुद बोले थे अगर वक्त खत्म हुआ तो अलीना CEO नहीं बनेगी और उस लड़की की जिंदगी का सबसे बड़ा हार होगी यह हमारे सामने।
भव्या हंस कर बोली आखिर में मैं बनूंगी CEO मेहता ग्रुप कीदिशा ने गर्व से बाल पीछे किए देखा ना मैं क्या कह रही थी वही हुआ ।
चार बजकर पचपन मिनट,चार बजकर सत्तावन मिनट,चार बजकर उनसठ मिनटऔर जैसे ही घड़ी की सुई ने पांच को छुआ
तीनों के चेहरे पर जैसे दिवाली आ गई हो एक दूसरे को देखकर हंसी दबाने की कोशिश कर रही थीं ।
दिव्या ने आंखों में चमक भरकर कहा अब देखती हूं डैड क्या करते हैं अपने ही कहे हुए शब्दों पर पलटना उनके बस में नहीं उस अलीना को लगा था कि यह यह बाजी जीत ली है!"
लेकिन किस्मत को कौन जानता था अभी खुशी ठीक से हजम भी नहीं हुई थी कि मेहता हाउस के बाहर गाड़ी रुकने की आवाज आई ।
सभी की नजरें दरवाजे की ओर गईं दरवाजा खुला और वहां खड़े थे दो लोग ध्रुवाश और अलीना अलीना के माथे पर गहरा लाल सिंदूर चमक रहा था जैसे उसकी जीत की निशानी हो गले में काले मोतियों का मंगलसूत्र और उसके ऊपर से गिरती उस साड़ी की गोल्डन किनारी ।
ध्रुवाश के गले में भी वरमाला थी सफेद कुर्ते पर सिंदूर की कुछ बूंदें गिरी हुई थीं जो ये साफ कर रही थीं कि ये शादी किसी दिखावे की नहीं असली शादी थी मंत्रोच्चारण वाले फेरे पूरी तरह लिए गए थे ।
अलीना के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी वो मुस्कान नहीं… जंग जीतने वाली मुस्कान थी ।
ध्रुवाश शांत खड़ा था लेकिन उसकी आंखों में अब वो घबराहट नहीं थी
वो तीनों वहां ऐसे खामोश खड़ी रह गईं जैसे किसी ने उनकी जीतती हुई बाजी के बीच आकर बोर्ड उलट दिया हो दिव्या के चेहरे पर जैसे पूरी दुनिया उजड़ गई हो आंखों में घबराहट, गुस्सा और हार सबकुछ एक साथ तैर रहा था
अलीना ने अपनी लाल चूड़ियों को ठीक करते हुए धीरे से बोली शादी हो गई अब बताइए कौन बनेगा सीईओ ।
आज उनकी खुशी नहीं उनकी अकड़ टूट गई थी और अलीना की चाल में वो रॉयल ठाठ था जैसे अब से इस घर की असली मालकिन वही हो लेकिन उन्हें क्या पता था ये तो सिर्फ शुरुआत थी असली खेल तो अब शुरू होने वाला था
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पूरा हॉल जैसे सन्नाटे में डूब गया था दिव्या, दिशा और भव्या अभी तक शॉक में थीं जैसे किसी ने ज़ोर से तमाचा मार दिया हो ।
वहीं अलीना और ध्रुवाश अंदर की और बढ़ गए अलीना और ध्रुवाश अंदर कदम रख चुके थे लाल साड़ी में सजी हुई अलीना ऐसी लग रही थी जैसे कोई रानी अपने महल में एंट्री कर रही हो माथे पर चमकता हुआ सिंदूर गले में चमकता हुआ मंगलसूत्र और उसके साथ कदम मिलाता हुआ ध्रुवाश जिसने सफेद कुर्ता पायजामा पहन रखा था ।
कोई पहली नजर में सोच भी नहीं सकता था कि ये लड़का किसी होटल का वेटर है ।
मिस्टर अशोक वहीं खड़े एकटक दोनों को देख रहे थे
चेहरे पर कोई भाव नहीं था ना नाराजगी ना खुशी बस एक गहरा सन्नाटा और आंखों में वही पुराना प्यार ।
संजय जी भी वही खड़े थे थोड़े सन्नाटे में डूबे हुए क्योंकि कहीं ना कहीं दिल के अंदर उन्हें पता था कि अलीना इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थी।"
मिस्टर अशोक बोले अब मेरा आशीर्वाद भी नहीं लेना क्या?"
अलीना ने बिना देर किए ध्रुवाश का हाथ पकड़ा और दोनों सीधे जाकर सिर्फ उनके पैर छुए बाकी किसी की तरफ देखा तक नहीं
उनका झुक कर बस उन्हीं के आगे सिर झुकाना बाकी सबके लिए एक साफ इशारा था कि इस घर में उनके लिए कौन मायने रखता है और कौन नहीं ।
तभी अचानक से दिव्या जैसे अपनी तंद्रा से बाहर आई और चिल्ला उठी "नहीं .." उसकी आवाज पूरे हॉल में गूंज गई..."सबकी नजरें उसी पर टिक गईं।
मिस्टर अशोक ने तुरंत आंखें तरेरीं और घूर कर देखा तो उसकी आवाज जैसे गले में ही फंस गई ।
दिव्या के चेहरे पर जो मुस्कान पहले थी वो ग़ायब हो चुकी थी उसकी जगह अब जलन और हार साफ दिख रही थी लेकिन वह अपनी एक्सप्रेशन छुपाएं बोली मेरा मतलब था कि अलीना ने हमे कुछ बताया नहीं और यह लड़का कौन है किस खानदान से है?"
उसके इस सवाल पर दिशा और भव्या के चेहरे पर अजीब सा जलन उतर आया था इतना हैंडसम आदमी अलीना का पति कैसे
उनके मन में कहीं ना कहीं उम्मीद थी कि शायद अलीना ने कोई कमजोर कार्ड खेला हो लेकिन जो सामने खड़ा था वो किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं लग रहा था आज तक उन्होंने इतना हैंडसम आदमी तो नहीं देखा था शायद दुनिया का सबसे हैंडसम इंसान ही था वह...उसके चौड़े कंधे, तीखी आंखें और हल्की सी जॉ लाइन जैसे सबकुछ परफेक्ट ध्रुवाश ने अपनी आंखें अलीना की तरफ मोड़ीअलीना ने बिना झिझक कहा इनका नाम ध्रुवाश सिंघानिया है और हम दोनों बहुत पहले से एक दूसरे से प्यार करते हैं आज हमने शादी भी कर ली जैसा दादू ने कहा था मुझे शफी करनी है तो हमने शादी कर ली ।"
ये सुनकर ध्रुवाश ने उसकी तरफ देखा उसकी आंखों में सवाल थे
प्यार बहुत पहले से क्या खूब झूठ बोल रही है एक तो बंदूक दिखाकर जबरदस्ती शादी करवाई ऊपर से पूरे परिवार के सामने ऐसे बोल रही थी जैसे बचपन का प्यार हो ध्रुवाश के मन में तो जैसे उसकी चालाकी की तारीफ करने का मन कर रहा था इस लड़की के झूठ बोलने के तरीके को देख कर तो कोई भी उसके जाल में फंस जाए वो मन ही मन सोच रहा था लेकिन चेहरे पर कोई जाहिर नहीं होने दिया ।
उसने राहुल से पहले ही कह दिया था पूरी डिटेल्स निकालने के लिए वह किराए के छोटे से अपार्टमेंट में रहता था अनाथ था वह बचपन से लेकर सारी डिटेल उसने निकलवा ली थीं उसकी और उसे बड़ी मुश्किल से उसे होटल में वेटर की नौकरी मिली थी।
वहीं दूसरी तरफ दिव्या का चेहरा ऐसा हो गया जैसे किसी ने उसके मुंह पर तमाचा मार दिया हो सिंघानिया नाम सुनते ही उसके दिमाग में हलचल मच गई सिंघानिया फैमिली तो टॉप टेन रिचेस्ट इंडियन फैमिलीज में आती थी लेकिन उसे याद नहीं आया कि इस नाम का कोई बेटा हो जो इतना हैंडसम हो और जिसके बारे में उसने ना सुना हो आखिर उसकी खुद की फ्रेंड मिसेज सिंघानिया थी ।"
तभी दिव्या बोली वैसे काम क्या करता है यह??"
अलीना ने एक नज़र उसकी तरफ घूर कर देखा होटल में काम करते हैं यह ये सुनते ही जैसे तीनों को दोहरी खुशी मिली एक तरफ दिल जल रहा था कि वह इतना खूबसूरत लड़का था और दूसरी तरफ सुकून भी था कि चलो गरीब तो है ना अब अमीरों वाली रुतबा कहां चला गया ।"
दिव्या के अंदर का जहर अब बाहर निकल ही आया उसने तिलमिलाकर कहा ऐसे कैसे तुम किसी को भी उठा कर ले आई ना खानदान ना कमाई एक फटीचर को उठा लाई हमारे घर पर उसकी आवाज में अब पूरी भड़ास थी
अलीना के अंदर जैसे लावा फूट पड़ा हो वह गुस्से से बोली
आप होती कौन हैं मुझे यह सब कहने वाली मेरी मर्जी मैं जिससे चाहूं शादी करूं मैंने शादी कर ली खबरदार जो इनके बारे में एक भी शब्द निकाला तो हसबैंड है मेरे और इस घर के दामाद इज्जत से बात करो वरना भूल जाऊंगी कि आप मेरे डैड की दूसरी बीवी हैं..."
दिव्या की आंखें आग बबूला हो गईं वह चिल्लाई तुम
"लेकिन तभी मिस्टर अशोक की आवाज गूंजी चुप हो जाओ.. वह गुस्से से बोले मैंने खुद कहा था उसे शादी करने के लिए और उसने कर ली अब कोई सवाल नहीं और तुम दिव्या मेरी पोती से ऐसे बात करने की हिम्मत भी मत करना समझीं ।
दिव्या गुस्से का घूंट पीती रही उसके चेहरे की नसें तनी हुई थीं लेकिन कर भी क्या सकती थी वह बस संजय को घूरते हुए वहां से निकल गई जाते जाते संजय की तरफ ऐसे देखा जैसे कह रही हो ।
तुम्हारी बेटी की वजह से सबकुछ खराब हो गया ।
संजय बस खामोश खड़े रहे वो भी कुछ नहीं बोले वो जानते थे उसके डैड के आगे उसकी कोई नहीं चलेगी ।
सिर्फ बचे थे अलीना ध्रुवाश , मिस्टर अशोक ऑर संजय जी...
उन्होंने हल्की मुस्कान दी और कहा मेरी जिद्दी पोती ने आखिर कर ही ली शादी उन्होंने ध्रुवाश के कंधे पर हाथ रखा और बोले
वेलकम टू द मेहता फैमिली बेटा थोड़ा बचके रहना इस लड़की से बहुत शैतान है ।"
अलीना बोली ..!! दादू
वह हंस दिए जाओ कपड़े बदल लो आराम करो ओर वह भी मुस्कुराते हुए चले गए अब बस रह गए संजय जी वह वहीं खड़े रह गए उनकी आंखों में वो पुरानी यादें घूम रही थीं वही छोटी अलीना जो उनके पीछे पीछे घूमती थी उसकी उंगली पकड़ कर चलती थी
आज वही लड़की उसके सामने खड़ी थी पर अब उस बच्ची में और इस अलीना में जमीन आसमान का फर्क था ।
सिर्फ एक नाम का रिश्ता बचा था बाकी सब जैसे खत्म हो चुका था वह भी वहां से चले गए ।
अब सिर्फ अलीना और ध्रुवाश बचे अलीना तेज चाल में आगे बढ़ रही थी ध्रुवाश उसके ठीक पीछे चल रहा था ये घर कितना बड़ा था दीवारों पर लगी पेंटिंग्स, झूमर, लकड़ी की नक्काशी सबकुछ जैसे किसी महल की याद दिला रहे थे वह आसपास सबकुछ देख रहा था तभी अचानक वह अलीना से टकरा गया ।
अलीना पलटी और बोली ध्यान कहां है आपका?"
ध्रुवाश एकदम से शॉक हो गया आप ? फिर बोला सॉरी बस पहली बार देख रहा हूं इतना बड़ा घर इसलिए।
अलीना ने उसे घूरते हुए कहा इतना शॉक मत हो शादी हो गई है इसीलिए आप बुला रही हूं मॉम ने कहा था हसबैंड को तुम कह कर नहीं बुलाना चाहिए और वो सीधा कमरे के अंदर चली गई ।
ध्रुवाश वहीं खड़ा मुस्कुरा दिया ना चाहते हुए भी उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई ये लड़की वाकई में अलग थी जबरदस्ती शादी करने वाली लड़की उसे आप कह रही थी ये खेल अब दिलचस्प होने वाला था बहुत दिलचस्प असली जंग तो अब शुरू हुई थी अलीना की दुनिया में अब ध्रुवाश आ चुका था ।
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अलीना बेड के पास खड़ी थी बाल उसके कंधे पर बिखरे हुए माथे में सिंदूर और रेड साड़ी में वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी लेकिन उस वक्त उसकी आंखों में जो शरारत थी वो किसी परी की नहीं थी वो किसी जाल बुनने वाली रानी जैसी लग रही थी
ध्रुवाश कमरे के दरवाजे के पास खड़ा था उसके हाथ अभी भी हल्के कांप रहे थे वो अब भी शॉक में था जैसे उसे यकीन नहीं हो रहा हो कि ये सब सच में हो रहा है अलीना ने उसकी तरफ देखा उसकी नजरें सीधे उसकी आंखों में गड़ीआ जाइए आप वही खड़े रहेंगे क्या?"
ध्रुवाश अब भी उसी कोने में खड़ा था उसकी नजरें बार बार उसके चेहरे पर जाकर अटक रही थीं ।
अलीना ने धीरे धीरे कदम उसकी तरफ बढ़ाए उसके कदमों की आवाज कमरे में गूंज रही थी।
आप क्यों इतना डरे हुए हो मेरे हस्बैंड जी?
उसके होठों पर हल्की सी स्माइल थी लेकिन आंखों में साफ दिख रहा था वो इस वक्त सिर्फ खेल खेल रही है जैसे बिल्लियां चूहे के साथ खेलती हैं
ध्रुवाश मैं डर नहीं रहा बस अजीब लग रहा है पूरा सिचुएशन ही।
अलीना एकदम उसके करीब आ गई अब उसके और ध्रुवाश के बीच सिर्फ सांसों का फासला बचा था सिचुएशन तो अब और अजीब होने वाली है उसने जान बोलते हुए उसकी शर्ट का कॉलर हल्के से पकड़ लियाअब ध्रुवाश का दिल जोर से धड़कने लगा उसने हल्के से उसके हाथ को हटाया।
देखो मजाक मत करो..!!
अलीना ने उसकी आंखों में आंखें डालते हुए फुसफुसाया मजाक कौन कर रहा है ?"
ध्रुवाश हिचकते हुए वो मैं... मतलब कपड़े तो सब गंदे हो गए हैं मेरे अब में क्या पहनूं।
अलीना की मुस्कान गहरी हो गई वह बोली कपड़े की जरूरत ही क्या है आज तो हमारी सुहागरात है उसने ये शब्द इतनी नॉर्मल आवाज में कहे जैसे कोई रोजमर्रा की बात हो ।
ध्रुवाश के चेहरे पर हल्की लाली आ गई उसने तुरंत नजरें दूसरी तरफ कर ली।
नहीं तुम गलत समझ रही हो मेरा मतलब था कि बस।
बस क्या अलीना ना ने कहा..
उसकी आंखों में शरारत भरी चमक थी जैसे अभी कुछ कर बैठेगी ध्रुवाश थोड़ा पीछे हटते हुए बोला आप मजाक कर रही हैं ना?"
याद रखिए आप मुझसे भाग नहीं सकते आप अब मेरे हैं सिर्फ मेरे ओर जब तक में ना चाहूं कही नही जो सकते आप तो भागना बंद करो..."
अलीना ने अपनी आंखें छोटी कर ली जैसे शिकार पर नजर रखती हो मजाक हां? लगता है तुम्हें मेरी बातों पर यकीन नहीं आ रहा उसके बाद उसने धीरे से अपनी साड़ी का पल्लू पकड़कर हल्का सा सरकाया जैसे अभी कुछ बड़ा होने वाला हो ।
ध्रुवाश के चेहरे से खून उड़ता जा रहा था ।
अलीना मुस्कुरा रही थी उसके इस हालत पर डर लग रहा है ना हस्बैंड लेकिन डरने की जरूरत नहीं है मैं बहुत अच्छी बीवी हूं अपने हस्बैंड को खुश रखना जानती हूं ।
उसकी आवाज एकदम स्लो थी जैसे कानों में आग डाल रही हो।
ध्रुवाश ने उसकी तरफ देखा उसकी आंखों में डर कम और गुस्सा ज्यादा था तुम मुझे धमका क्यों रही हो।
अलीना अब हंस पड़ी उसकी हंसी धीमी थी जैसे शिकारी अपने शिकार के चारों ओर घूम रहा हो आपको डराने में मजा आ रहा है
और झूठ मत बोलिए आप डर रहे हैं
ध्रुवाश ने गहरी सांस ली और बोला डरता तो मैं किसी से नहीं लेकिन तुम हद कर रही हो।
अलीना ने उसकी शर्ट के कॉलर को पकड़ कर अपने करीब खींचा आप तो कह रहे थे कपड़े चाहिए कहां हैं कपड़े अब क्या करूंगी मैं आपके कपड़ों काकपड़े तो हटाने के लिए होते हैं ना पहनने के लिएउसकी आवाज में अब पूरी तरह से teasing थी वो जानबूझकर उसे provoke कर रही थी ।
ध्रुवाश ने उसका हाथ पकड़ कर झटक दिया।"
बस करो तुम मुझे समझ में आ गया तुम कैसी लड़की हैं।
"अलीना एकदम करीब होकर बोली कैसी लड़की हूं मैं?"
ध्रुवाश ने गुस्से में कहा आपको सिर्फ खेल चाहिए।
अलीना की आंखों में चमक आ गई बिल्कुल सही कहा आपने मुझे मुझे खेल पसंद है लेकिन सिर्फ खेलने वालों के साथ ।
आप तो सीधे शरीफ निकले मुझे डेंजर इंसान के सात खेलने में मजा आएगा आप तो डरते हैं आपके साथ मज़ा नहीं है।
उसकी हंसी फिर से गूंज गई और वो वापस जाकर बैड पर बैठ गई उसकी उंगलियां अपने पल्लू के किनारे से खेल रही थीं।
ध्रुवाश अब भी वहीं खड़ा था गुस्से और उलझन में
अलीना ने उसकी तरफ देखा और बोली Welcome to my game mister singhaniya
अब आप भाग नहीं सकते और रही बात गेम तो में किसी ओर के साथ भी खिल लुंगी।
पता नहीं क्यों यह सुनकर ध्रुवाश को गुस्सा आ जाता हैं और वह उसकी तरफ बढ़ जाता हैं उसके बेहद करीब जाकर वह बोला तुम सिर्फ मेरे साथ ही खेला सकती हैं जो भी करना हो मेरा साथ करो उसे भी पता नहीं है कि वह क्यो बोले जा रहा है।"
अलीना उसके चेहरा पर हाथ फेरते हुए बोली अच्छा ऐसी बात है.... वह अपने होठ को दबाते हुए बोली सेक्स की भूख है मुझे चलो ये गेम खेलना चाहोगे?" अलीना को भी नहीं पता था वह उसमें इतना खो गई कि उसे पता भी नहीं चला और वह यह सब बोल गई।
ध्रुवाश उसकी बात सुनकर जम सा गया उसे अजब सा लगने लगा और वह उसके ऊपर से हट गया उसके हटते ही अलीना को भी होश आया कि वह क्या बोल गई उसे तो अब शर्म आ रही थी और पछतावा भी हो रहा था आखिर वह उसके हैंडसम से फेस में खोकर क्या बोल गई वह तो उसे सिर्फ डराना चाह रही थी आज जो उसने मना करा था उन लिए.....
अलीना जल्दी से खड़ी हो जाती हैं और अपनी नजरे चुराते हुए बोली... क..कपड़े में भिजवा रही हु इतना बोल वह भी से निकल जाती हैं।
वही पीछे खड़ा निर्वास बस उसकी गोरी पीठ को घूरे जा रहा था अचानक उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ जाती हैं। पीछे खड़ा निर्वास बस उसकी गोरी पीठ को घूरे जा रहा था अचानक उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ जाती हैं और अपनी गर्दन को मोड़ते हुए बोला सही कहा wifey..!! तुम्हारे साथ game खेलने में बहुत मजा आने वाला है।
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अब आगे........
जंगल की वो सड़क एकदम वीरान थी जैसे बरसों से किसी इंसान का कदम वहाँ पड़ा ही न हो पेड़ों की डालियाँ रास्ते के ऊपर इस तरह झुकी थीं जैसे वो उस रास्ते को अपने अंदर निगल लेना चाहती थीं हल्की-हल्की धुंध सी फैली हुई थी और अजीब सी ठंडी हवा चल रही थी।
दिन का वक्त होते हुए भी सूरज की रोशनी पेड़ों की शाखों से छनकर नीचे आ रही थी मगर वो उजाला भी उस जगह को रोशन करने में नाकाम था ऐसा लग रहा था जैसे दिन होते हुए भी रात ही है।
तभी दूर से धड़धड़ाती हुई कई गाड़ियों का काफिला उस रास्ते पर बढ़ता दिखाई दिया काले शीशों वाली कई सारी गाड़ियाँ चमक रही थीं मगर उनके चारों तरफ वो जगह उतनी ही खामोश थी जितना कोई मौत के बाद का सन्नाटा।"
गाड़ियों के रुकने की आवाज आई और सब एक के बाद एक मेंशन के सामने आकर रुक गई जमीन पर गिरे हुए सूखे पत्तों की खड़खड़ाहट हवा में एक अजीब सा डर घोल रही थी ।
गाड़ियों से सबसे पहले उतरे सिक्योरिटी गार्ड्स उनके हाथों में भारी भरकम गन्स थीं सबके चेहरे सख्त थे मगर जैसे ही गाड़ियों का दरवाजा खुला उन सबकी आंखें झुक गईं कोई भी उस तरफ देखने की हिम्मत नहीं कर रहा था कई सारे गार्ड्स वहां पहले से ही मौजूद थे।
फिर एक हट्टा कट्टा आदमी बाहर निकला उसके कदम भारी थे चाल में एक अजीब सा authority था चेहरे पर काले मास्क ने उसकी पहचान छुपा रखी थी मगर उसकी presence इतनी भारी थी कि वहाँ मौजूद हर इंसान की सांसें थम गईं ।
उसकी चाल में एक अलग ही ताकत थी ऐसा लग रहा था जैसे जमीन पर उसका हर कदम पड़ते ही नीचे से हल्की हल्की थरथराहट उठ रही हो उसके पीछे पीछे चार गार्ड्स और आए मगर किसी ने सिर उठाकर देखने की हिम्मत नहीं की वो सख्श सीधा मेंशन के अंदर गया ।
मेंशन के अंदर का हॉल बहुत बड़ा था दीवारों पर पुरानी पेंटिंग्स लटकी हुई थीं हॉल के बीच कुर्सी रखी थी वो बिल्कुल नयी थी मोटे काले चमड़े से ढकी हुई उसकी ऊँची पीठ कमरे की बाकी हर चीज़ से अलग चमक रही थी ।"
वो जाकर उसी कुर्सी पर बैठ गया उसने सबकी तरफ पीठ कर रखी थी जैसे उसे फर्क ही न पड़ता हो कि उसके पीछे कौन है।
धीरे-धीरे बाकी लोग अंदर आने लगे चेहरे पर हल्की डर की परछाई लिये हुए सब अपनी तय जगह पर आकर बैठ गए कोई भी आवाज नहीं कर रहा था सिर्फ धीमे कदमों की आहट और हल्की सांसों की आवाज सुनाई दे रही थी।
तभी उस सन्नाटे को तोड़ते हुए एक आदमी बोला।"
किंग हमारे साथ धोखा हुआ है हमारे ही किसी आदमी ने हमें धोखा दिया है।
किंग जो शैडो किंग के नाम से जाना जाता हैं उसे सभी किंग कहकर बुलाते थे।
उसकी आवाज में घबराहट साफ झलक रही थी वो बार-बार अपनी उंगलियों से मेज पर थाप दे रहा था जैसे खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा हो।
उसकी बात पूरी होते ही सामने बैठा एक दूसरा आदमी तुरंत बोला
क्या पता गद्दार तुम ही हो और दूसरों का नाम ले रहे होदोनों के बीच बहस शुरू हो गई।"
अभी उनके शब्द पूरे भी नहीं हुए थे कि अचानक हॉल के दूसरे सिरे से एक अजीब सी गुर्राहट सुनाई दी जैसे कोई शिकारी जानवर अपने शिकार पर टूट पड़ने वाला हो
सारे लोग तुरंत चुप हो गए उनकी आँखें डर से फैल गईं
अंधेरे में से एक जोड़ी आँखें चमकीं और अगले ही पल वहाँ एक ब्लैक पैंथर चलता हुआ सामने आ गया...."
उसके जबड़े के किनारे पर ताजा खून लगा हुआ था उसका पूरा शरीर काले मखमली फर से ढका हुआ मगर उस वक्त उसकी सबसे खतरनाक चीज़ उसकी आँखें थीं उन आँखों में सिर्फ एक ही चीज़ दिख रही थी — खून
वो पैंथर बहुत आराम से चलता हुआ अंदर आया जैसे वो इस जगह का मालिक हो उसकी चाल में वही ठहराव वही शिकार करने का हुनर जो किसी राजा के पास होता है।
दोनों आदमी जो लड़ रहे थे वो अब बुरी तरह कांप रहे थे।
किंग ने अब तक कुछ नहीं कहा था वो बस वहीं बैठा हुआ था कुर्सी की पीठ से टेक लगाए उसके कंधे थोड़े ढीले थे जैसे उसे इस हंगामे से कोई फर्क ही न पड़ता हो मगर उसके हाथ की उंगलियाँ कुर्सी के हैंडल पर धीर-धीरे थिरक रही थीं ।
तभी किंग की आवाज गूंजी धीमी मगर इतनी भारी कि कमरे की हवा तक सख्त हो गईगद्दार कोई और नहीं है वो हमेशा तुम्हारे बीच में होता है….!
उसने फिर कहाआज की रात उसकी आखिरी रात होगी।"
वो पैंथर अब उन दोनों के बीच रुक चुका था उसकी पूंछ हिल रही थी मगर उसकी नजरें दोनों पर टिकी हुई थीं ।
किंग ने हल्का सा सिर घुमाया और एक तरफ बैठे अपने आदमी से कहाChoose wisely किसकी बॉडी पहले बाहर जाएगी।
उसके शब्द बहुत नॉर्मल थे मगर उनके अंदर छुपा डर पूरे कमरे में फैल चुका था।
बाकी लोग अब भी सिर झुकाए बैठे थे कोई भी साँस तक लेने की हिम्मत नहीं कर रहा था।
पैंथर ने हल्की गुर्राहट भरी और उन दोनों में से एक के बेहद करीब जाकर बैठ गया उसकी नाक पर लगे खून की बू से वो आदमी बुरी तरह पसीने से भीग गया था।
किंग की उंगलियाँ अब कुर्सी पर रुक गईं उसने सिर्फ एक शब्द कहा Start..."
और पैंथर ने गुर्राहट के साथ छलांग लगाई अगले ही सेकंड उस हॉल में चीख गूंज उठी और बाकी सबकी गर्दनें और झुकी चली गईं कोई भी आँख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं कर पाया।
किंग आराम से बैठा रहा जैसे ये सब सिर्फ एक आम बात हो उसकी सांसें नॉर्मल थीं उसके मास्क के पीछे का चेहरा अब भी छुपा हुआ था मगर उसके अंदर जो राक्षस था वो उस वक्त कमरे में पूरी तरह खुल चुका थाकोई नहीं जानता था उसके मास्क के पीछे कौन है मगर एक बात पूरी दुनिया जानती थी किंग गद्दारी माफ नहीं करता कमरे की दीवारें अब भी उस चीख की गूंज से थरथरा रही थीं और बाहर खड़ा जंगल उसी तरह खामोश था जैसे उसे ये सब पता ही न चला हो बस हवा में ताजा खून की गंध भर गई थी।
वही दूसरी तरफ़........
हल्की धूप खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थी मगर कमरे के अंदर एक अजीब सा खालीपन था अलीना की नींद टूटी तो उसे सबसे पहले एक अजीब सी बेचैनी ने घेर लिया उसकी नजर सीधा बगल में गई बेड पर गई ध्रुवाश वहां नहीं था ।
उसकी आंखों में कुछ सेकेंड्स के लिए confusion झलक गई
उसने धीमे से उठकर पूरे कमरे में नजर दौड़ाई बाथरूम, बालकनी सब चेक किया नहीं था वह वो सीधा ड्रेसिंग टेबल के पास गई अपने फोन उठाया स्क्रीन अनलॉक करते ही उसने कॉल करने के लिए नंबर सर्च किया मगर।
उसके पास ध्रुवाश का नंबर ही नहीं था अलीना का माथा हल्का सिकुड़ गयाये आदमी बिना बताए कहां चला गया फोन हाथ में पकड़े पकड़े ही उसने राहुल को कॉल लगाया।
राहुल अभी के अभी पता करो ध्रुवाश कहां गया है मुझे सिर्फ दस मिनट में जवाब चाहिए।
राहुल उधर से सिर्फ एक शब्द बोला Yes ma’am....
कॉल कट करते ही वह फ्रेश होने चली गई बाहर आकर उसने अपनी अलमारी से ऑफिस के लिए कपड़े निकाले और वह तैयार होने लगी ।
कहां गया होगा वो बिना बताए यहीं उसके दिमाग में चल रहा था क्योंकि उसने कहा था उसे बिना बताए वह कही भी नहीं जा सकता था।
तभी कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला और दिशा बाहर निकलने के लिए तैयार खड़ी थी उसके हाथ में एक स्टाइलिश हैंडबैग था बाल खुले हुए चेहरे पर हल्का मेकअप expensive perfume की खुशबू चारों तरफ फैली थी ।
दिशा की नजर सीधी अलीना पर गई जो दूसरी तरफ से आ रही थी।
ओह, good morning उसके चेहरे पर नकली मुस्कान थी, मगर आंखों में वही पुरानी जलन लिए कहा अरे… तुम्हारा husband नहीं दिख रहा उसने ‘husband’ शब्द पर जोर दिया जैसे उसके मुंह से जहर टपक रहा हो।
सुहागरात के बाद तो normally husband wife साथ ही होते हैं… है ना...!
अलीना ने उसकी तरफ सिर घुमाया आंखें सीधी उसकी आंखों में
एक सेकंड को दिशा का चेहरा टाइट हुआ मगर फिर उसने आंखें घुमाकर अपनी मुस्कान बनाए रखी मुझे तो लगा तुमने उसे कहीं रख दिया होगा।"
या फिर वो खुद भाग गया… you know… किसी गरीब लड़के के लिए इतना बड़ा हवेली culture digest करना मुश्किल होता है।
उसके लहजे में मजाक कम, ताना ज्यादा था ।
अलीना हल्के से मुस्कुरा दी अरे… चिंता मत करो, तुम्हारे जितनी cheap सोच नहीं है उसकी ।
और रही बात साथ रहने की तो तुम्हारे पास boyfriend होते हुए भी तुम अकेली होती हो।
दिशा की मुस्कान एक पल में गायब हो गईउसने घूर कर देखा मगर कुछ बोली नहीं बस handbag ठीक किया और बोली
मैं important लोगों से बात करती हूं… ऐरे गेरे से नहीं और वो वहां से निकल गई।
अलीना ने हल्की हंसी के साथ कहा Servant की औकात तो तुम्हें दिखाएंगे फोन की तरफ देखा और बोली अब जल्दी पता कर राहुल… ये आदमी गया कहां है।
उसकी आंखों में एक अजीब सी बेचैनी थी मगर ऊपर से वो अब भी calm दिख रही थी।
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कार शहर की भीड़भाड़ से निकलकर एक सीधी सड़क पर दौड़ रही थी खिड़कियों के बाहर की रफ्तार से उलट अलीना की सोचें एक ही जगह अटक गई थीं।
फोन उसके हाथ में था राहुल तुम कह रहे हो वो वहां भी नहीं गया Where the hell is he?"
उधर से राहुल की शांत आवाज़ आई Yes ma'am, I’ve checked ओर उन्होंने कोई मेसेज या कॉल किया ।
Fine hang up .... उसके दिमाग में सवाल कौंध रहे थे तभी उसे कुछ याद आता है।
उसने तुरंत राहुल को मेसेज किया ध्रुवाश के अपार्टमेंट में चेक करो शायद वहीं हो”
सेंड का बटन दबाते ही उसकी स्क्रीन पर एक हल्की सी वाइब्रेशन हुई और एक न्यूज़ नोटिफिकेशन फ्लैश हुआ राजवंश इंडस्ट्रीज दुनिया की सबसे रिच कंपनी इंडिया में भी नंबर एक बनी हुई थी और उसका सीईओ था सार्थक राजवंश जो मीडिया में छाया हुआ था ।
उसकी आंखें उस हेडलाइन पर टिक गईं।
स्क्रीन पर चल रहे फुटेज में एक लंबा हैंडसम क्लासिक ब्लैक सूट पहना हुआ आदमी दिख रहा था मीडिया के फ्लैश उस पर पड़ रहे थे लेकिन उसका चेहरा उतना ही शांत था जितना एक समंदर का पानी तूफान से पहले होता है।
सार्थक राजवंश वो नाम था जो सिर्फ इंडिया में नहीं, पूरी दुनिया के बिजनेस वर्ल्ड में अब एक बेंचमार्क बन चुका था लेकिन दुनिया इस बात से अंजान थी की वह सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए था।
अलीना की उंगलियां धीरे-धीरे स्क्रीन पर चलीं और उसने क्लिप को देखा जहां सार्थक मीडिया से कह रहा था We don’t follow competition, we define it ( हम प्रतियोगिता का पीछा नहीं करते हम उसे परिभाषित करते हैं।)
वो कम्पनी जिसके अंडर अलीना भी काम करना चाहती थी उसका सपना था कि उसकी कंपनी भी इस लेवल पर पहुंचे।
और एक सवाल उभरकर आ रहा था क्या कभी राजवंश इंडस्ट्रीज के साथ काम करने का मौका मिलेगा?
One day... मेरी कंपनी भी ऐसे ही टॉप पर होगी वो बुदबुदाई।
राजवंश इंडस्ट्रीज… इंडिया नहीं पूरी दुनिया की नंबर वन कंपनी उसके पास एक पावर थी जो सिर्फ पैसा नहीं बल्कि असर, रिस्पेक्ट और अनदेखा डर भी लाती थी।
अभी वह अपने ख्यालों में ही थी कि दोबारा उसका फोन बज उठा इस बार भी राहुल था ।
राहुल की मैम अपार्टमेंट पर लॉक लगा हुआ है कोई है नहीं वहाँ।”
How can someone just vanish like that और वो भी मेरी ज़िंदगी में जब I need him the most."
गुस्सा उसकी आवाज में झलक आता है ये आदमी गया कहाँ बिना बताए उसके मन में बेचैनी उभर रही थी क्या ये कोई प्लान है उसका ध्रुवाश जैसे चुपचाप सबके बीच से गायब हो गया था जैसे कोई राज छुपा हो कार की रफ्तार अब तेज़ हो गई थी ।
दूसरी तरफ..............
KOTHARI CREATIONS — KK GROUP दुनिया की सबसे बड़ी फैशन कंपनी का नाम बिल्डिंग की ऊंची दीवार पर उकेरा गया था।
अंदर लॉबी से होते हुए लिफ्ट की 52 वीं मंज़िल पर एक बड़ा सा केबिन था सॉफ्ट लैदर की चेयर पर बैठा वह शख्स अपने एक हाथ में अपनी black matte finish टैब पकड़े हुए एक फैब्रिक डिज़ाइन को zoom in कर रहा था उसकी आँखों में एक शातिर मुस्कान थी उसका नाम था अर्णव कोठारी।
उसके पीछे दीवार पर एक बड़े ग्लास फ्रेम में कई इंटरनेशनल अवॉर्ड्स सजे हुए थे Most Influential Fashion Tycoon"
"Asia's Luxury Brand King" "Icon of the Year"......
यह कोठारी क्रिएशन का हेडक्वार्टर था दुनिया की दूसरी सबसे अमीर कंपनी जो न सिर्फ इंडिया की बल्कि इंटरनेशनल मार्केट की भी सबसे महंगी couture houses में गिनी जाती थी उनके कपड़े कोई बस पहनता नहीं था उन्हें represent किया जाता था।
अर्णव कोठारी इस कंपनी का अकेला वारिस एक ऐसा नाम जो ambition और obsession के बीच की रेखा मिटा चुका था।
तभी…
दरवाज़ा बिना नॉक किए एक जोर से खुलता है।
अर्जुन उसकी आवाज़ धीमी थी लेकिन इतना ठंडी और कड़वी कि एकदम नसों तक पहुंच जाए Seriously अर्जुन? नो नॉक What the hell is wrong with your manners?” ( सच में अर्जुन बिना दरवाज़ा खटखटाए? क्या तुम्हारे मैनर्स की ऐसी-तैसी हो गई है?)
अर्जुन उसका सेक्रेटरी अचानक रुक गया उसके हाथों में कुछ फाइल्स थीं लेकिन चेहरा हड़बड़ाया हुआ।
सोरी सर वो वो डील...
उसकी जुबान लड़खड़ाने लगी जैसे कोई लड़का स्कूल प्रिंसिपल के सामने झूठ पकड़े जाने पर खड़ा हो।
चुप हो जाओ अर्णव ने बिना आँख उठाए कहा।
उसकी उंगलियां टैब पर धीरे से चलती रहीं लेकिन वो अब अर्जुन की ओर धीरे-धीरे मुड़ा उसकी आँखें अब सीधे अर्जुन की आँखों में उतर चुकी थीं Black shirt, full sleeves rolled up कलाई पर सिल्वर रोलेक्स
अर्जुन जब मैं कहूं कि नेक्स्ट टाइम नो मिस्टेक तो इसका मतलब क्या होता है?"
अर्जुन ने सिर झुका लिया सर माफ कीजिए… डील ऑलमोस्ट फाइनल थी लेकिन बीच में ।
उसने मुंह मोड़ लिया… क्यों?"
अब अर्णव की आवाज़ थोड़ी ऊँची थी लेकिन एकदम clear जैसे कोई surgeon चाकू चला रहा हो।
Sir, Rajvansh group is also bidding… और..."
थप्प अर्णव ने टेबल पर हाथ मारा टैब उसके नीचे से खिसक गया।
राजवंश?"
उसका चेहरा एक पल के लिए ख़ामोश ज्वालामुखी जैसा था ।
“Sarthak Rajvansh thinks he owns the market?”
(उसे लगता है बाज़ार उसी के नाम की मुहर से चलता है?)
height करीब 6'2 थी, perfect athletic build, sharp jawline, neatly combed dark brown hair,और वो intense stare जो किसी को भी अपनी औकात याद दिला दे अर्णव ने अपनी कुर्सी पीछे की और धकेली और खड़ा हो गया हमारा बिज़नस काफी अलग है फिर भी?"अब तो सीधे मुलाकात होगी इससे
वो अर्जुन के पास जाकर बोला Next time, knock. And never… never come to me with incomplete news again."
अर्णव ने फिर चेयर पर बैठते हुए टैबलेट उठाया और अपनी अंगुलियों से एक नया डिजाइन खोलते हुए बोला " Good Also... prepare my schedule "
यस सर ओर अर्जुन जल्दी से फाइल्स लेकर बाहर चला गया।
अलीना जो अभी ऑफिस में बैठी थीं तभी फोन वाइब्रेट हुआ।
प्रिशा कॉलिंग।
अलीना ने तुरंत कॉल उठाया।
Finally अलीना ने बिना हेलो कहे ही कहानआवाज़ में हल्की नाराज़गी थी।
उधर से प्रिशा की आवाज़ आई जो थोड़ी थकी हुई लेकिन गिल्ट से भरी लग रही थी i’m sorry यार मुसीबत के टाइम पे तेरे साथ नहीं थी क्या करूंडैड के कज़िन बहुत बीमार हैं और डैड की तबीयत खुद ठीक नहीं थीतो उन्हें रिप्रेज़ेंट करने मुझे ही जाना पड़ा..."
अलीना ने हल्की सांस लेते हुए जवाब दिया ठीक है I get it Family comes first."
लेकिन उसकी आवाज़ में वो usual warmth नहीं थी और ये बात प्रिशा ने फौरन पकड़ ली।
Wait… तू ठीक तो है नानतू सुन तो रही है पर जैसे कहीं और खोई हुई है क्या हुआ तुम्हारी आवाज़ अजीब सी लग रही है।"
अलीना ने थोड़ी देर खामोश रहकर बस एक ही लाइन में सब टाल दिया कुछ नहीं… बस थोड़ा थका हुआ फील कर रही हूँ।"
Seriously Alina?अब तू अपनी बेस्टफ्रेंड से भी छिपाएगी?"
प्रिशा की आवाज़ में हल्का सा नखरा और दर्द दोनों थे।
कसम से बता… वरना I’m coming straight to your office और फिर कोई बहाना नहीं चलेगा ।
अलीना ने होठों को दबाते हुए फोन की स्क्रीन की तरफ देखा और फिर कुछ सोचते हुए मुस्कुरा दी ओके बाबा ओके कल मिलते हैं शाम को फिर सब बताऊंगी Face to face."
Fine But no skipping. I’m your bestie not your P.A."
(समझी मैं तेरी बेस्टफ्रेंड हूँ पर्सनल असिस्टेंट नहीं जो सब बाद में बताएगी)
डन अलीना ने हल्के हँसते हुए कहा लेकिन उसकी मुस्कान आँखों तक नहीं पहुँची।
कॉल कट होते ही उसने फोन टेबल पर रखा और सिर सीट से टिका दिया।
कल वो प्रिशा को क्या बताएगी कि उसने एक अजनबी से शादी की?
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शाम का आसमान धीरे-धीरे नारंगी से नीला होने लगा था लेकिन अलीना के चेहरे पर तो सुबह से ही सिर्फ एक ही रंग छाया था बेचैनी और गुस्से का ध्रुवाश सुबह से गायब था और अब तक उसका कोई अता-पता नहीं उसका नंबर भी नहीं था और अपार्टमेंट पर भी ताला मिला था।
कहीं... कहीं दिव्या ने कुछ कर तो नहीं दिया?" उसके दिमाग में यही ख्याल बार-बार दौड़ रहा था क्योंकि उस चालक औरत का कुछ भरोसा नहीं।
Where the hell are you उसने धीमे से बुदबुदाया और उसकी उंगलियाँ रेलिंग की मेटल पर कसती चली गईं।
उसी वक्त…
राहुल जो कंपनी की ओर आ रहा था रास्ते पर एक मोड़ पर अचानक उसकी नजर फुटपाथ पर चलते एक फेमिलियर से चेहरे पर गई ध्रुवाश।
राहुल की आंखें फटी की फटी रह गईं सर उसने एकदम ब्रेक मारा गाड़ी साइड में रोकी और ध्रुवाश की ओर दौड़ता हुआ गया।
सर आप यहां आपको पता भी है मैम कितनी परेशान थीं अब तो पक्का आप उनके गुस्से का शिकार होने वाले हो उसने मन ही मन सोचा और फिर बोला चलिए आपको अब सीधे ऑफिस ले चलना पड़ेगा!"
ध्रुवाश ने बस दूसरी तरफ देखा ओर हल्के से सिर हिलाया।
जल्द ही दोनों मेहता ग्रुप के मेन गेट से दाखिल होते हैं राहुल और ध्रुवाश साथ-साथ गाड़ी से बाहर निकले जैसे ही राहुल के साथ ध्रुवाश अंदर आया…
पूरा रिसेप्शन एरिया जैसे स्लो मोशन में आ गया।
लड़कियों की आंखें बड़ी हो गईं होंठ खुल गए ।
Who is that guy OMG... He’s so tall He’s literally walking like some Greek god..."
टोल ब्रॉड शोल्डर क्लीन शेव ओर ऐटिट्यूड देखो डेफिनेटली कोई बड़ी पार्टी है!"
ध्रुवाश ने किसी की ओर देखा तक नहीं उसके चेहरे पर वही भावहीन और शार्प एक्सप्रेशन था जैसे उसे कोई फर्क ही न पड़ता हो कि लोग क्या कह रहे हैं।
हर कोई देख रहा था वह चेहरा वह चलने का अंदाज़ वह ओरा किसी मॉडल जैसा लुक लेकिन ज़रा भी बनावटी नहीं।
अलीना ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर रेलिंग के पास खड़ी ये सब देख रही थीउसकी आंखें गुस्से से भर चुकी थीं।
He’s my husband damn it! और ये सब उसे घूर रही हैं?" उसका खून खौलने लगा मेरा हसबैंड है वो गुस्से में उसके कदम पलटे और वो बिना किसी को कुछ कहे लिफ्ट से केबिन की तरफ तेज़ी से चल दी।
नीचे राहुल और ध्रुवाश अब लिफ्ट में थे।
She’s waiting sir... And trust me she’s mad Real mad राहुल ने हल्के से हँसते हुए कहा ध्रुवाश बस एक लंबी सांस लेकर चुपचाप खड़ा रहा।
जस्ट गेट रेडी फॉर द फायरटर्म राहुल ने मन में सोचा और लिफ्ट खुलते ही उसे अकेले भेज दिया।
ध्रुवाश जैसे ही अलीना के केबिन में एंटर हुआ ।
वो पहले से दरवाज़े की तरफ घूर रही थी उसकी आँखों में तड़प थी गुस्से से भरी हुई जैसे ही उसने ध्रुवाश को देखा उसका कंट्रोल छूट गया।
कहाँ थे आप?"
उसकी आवाज़ तेज़ और तेज़ धड़कती धड़कनों जैसी थी बता कर नहीं जा सकते थे पता है कितनी वरिड हो गई थी मैं?"
ध्रुवाश ने ठंडी सांस ली और बोला कुछ काम था इसीलिए जल्दी में निकलना पड़ा और कुछ ज़रूरी सामान था फ्लैट पर…"
अलीना ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए तीखी नज़रों से देखा
राहुल को मैंने भेजा था पर आप वहां नहीं थे फिर?"
ध्रुवाश नॉर्मल टोन में बोला मैं वहाँ से निकलकर अपने एक दोस्त के यहां चला गया था उसे अर्जेंट हेल्प चाहिए थी…"
क्या सच में अलीना की आवाज़ में शक था।
Yes और तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं झूठ बोल रहा हूँ जैसे मैं भाग रहा हूँ!"
अलीना अब उसके बहुत करीब आ चुकी थी। उसकी सांसें ध्रुवाश के गालों को छू रही थीं।
भागने की कोशिश भी मत करना उसकी आवाज़ अब फुसफुसाहट में बदल चुकी थी।
ऐसा सोचना भी मत उसने आँखों में आँखें डालकर कहा कि आप भाग सकते हो कि मैं आपको जाने दूंगी…"
ध्रुवाश की धड़कनें बढ़ गई थीं उसके होंठ हिलने से पहले ही अलीना की नज़र उनपर टिक गईं।
उसके परफेक्ट जो लाइन उसकी आँखें उसकी वो हक जो अलीना अब महसूस कर रही थी।
"Don’t ever disappear like that again… समझे आप?"
अलीना ने अपनी आवाज़ थोड़ा धीमा लेकिन इंटेंस कर लिया।
ध्रुवाश का गला सूखने लगा उसने नज़रे घुमानी चाहीं लेकिन अलीना की आँखों की पकड़ बहुत टाइट थी।
Sorry… I didn’t mean to scare you उसने धीमे से कहा।
ओह प्लीज अलीना मुस्कुरा दी स्केयर आप मुझे डरा नहीं सकते Mr Singhaniya…"
उसने धीरे से उसके कॉलर को थामा लेकिन हां आपने छोड़ने का सोचोगे तो जरूर डरा दूंगी और वो डर जान लेवा होगा।"
ध्रुवाश उसे देखता रह गया उसके होठों के किनारे शैतानी सी मुस्कान उभरी उसके अंदर कहीं कुछ पिघल रहा था या शायद एक नए इमोशन का जन्म हो रहा था।
ध्रुवाश उसकी आंखों में देख ही रहा था कि तभी अलीना ने उसकी कॉलर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।
पहला स्पर्श…
धीमा… नरम…
एक exploration जैसा जैसे वो उस पल को महसूस करना चाहती थी Her lips were warm… hesitant yet deeply hungry पहले सिर्फ एक धीमा और कोमल स्पर्श जैसे गुलाब की पंखुड़ी से कोई रेशमी साज छू गया हो उसके होठ गर्म थे मखमली और जरा सी काँपती हुई शुरुआत में नर्मी थी जज़्बात थे और बहुत कुछ अनकहा था।
ध्रुवाश एक पल के लिए जैसे जम ही गया था लेकिन फिर उसकी सांसें तेज़ होने लगीं उसने धीरे से अपनी बाहें अलीना की कमर के चारों ओर लपेट लीं जैसे ही ध्रुवाश की उंगलियाँ उसकी कमर पर टिकीं वह किस गहराने लगा।
अब उनके होठों की हरकतें तेज़ थीं अलीना ने उसकी निचली होंठ को हल्के से अपनी दाँतों में दबाया एक playful tease जिसमें ध्रुवाश की साँस अटक गई अब वो किस और गहरा हो चुका था फिक्र पज़ेसिवनेस और अधूरी ख्वाहिशें सब उस एक पल में समा गई थीं।
अलीना की उंगलियाँ अब उसकी गर्दन पर थीं और उसके होठों की हर हरकत जैसे ध्रुवाश के सीने में बिजली सी दौड़ा रही थी।
धीरे-धीरे वो किस अब सॉफ्ट नहीं रहा…
ध्रुवाश ने भी अब अपने अंदर छिपे उस तूफान को आज़ाद कर दिया था उसने अलीना को कसकर पकड़ा जैसे वो पल कभी खत्म न हो।
उनके शरीर पास थे बहुत पास हर धड़कन अब एक ही रिदम पर थी उनकी सांसें उलझ रही थी और होठ थकने का नाम नहीं ले रहे थे।
फिर अचानक अलीना ने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और होठों से हटकर धीरे से अपने होठ उसकी गर्दन पर रख दिए पहली बार जब उसने उसकी गर्दन पर अपने होठ टकाये ध्रुवाश का पूरा बदन जैसे सिहर उठा।
She kissed him there... softly at first just below the earlobe जहां त्वचा सबसे ज़्यादा संवेदनशील होती है।
फिर उसने धीमे से उसकी गर्दन के बीचों-बीच अपने होठ चलाए
और बीच-बीच में हल्के nibble करती रही जैसे उसकी साँसों को अपने नाम कर लेना चाहती हो ।
ध्रुवाश की उंगलियाँ अब अलीना की पीठ को जकड़ रही थीं वो हर उस टच को महसूस कर रहा था जो पहली बार किसी ने उसे ऐसे छुआ हो।
उसकी धड़कनों की रफ्तार अब किसी काबू में नहीं थी अलीना ने आखिरकार उसके कान के पास जाकर फुसफुसाया अब भी लगता है कि मैं तुम्हें बस डरा रही थी?"
ध्रुवाश ने कोई जवाब नहीं दिया उसकी आँखें बंद थीं और होंठ थोड़े खुले वो बस उसकी साँसों में डूब गया था।
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अब यहां तक आही गए हैं तो पूरा पढ़ कर ही जाना ...😮💨
अब आगे.......
रात की स्याही पूरे कमरे पर ऐसे बिखरी थी जैसे किसी ने चुपके से अपनी खामोशी से दीवारों को ढक लिया हो चारों तरफ सिर्फ एक धीमी सी रोशनी थी उस होटल के रूम का माहौल कुछ अलग ही था।
एक आदमी बिन शर्ट के बैठा हुआ था वो ओर कोई नहीं मोहित था वहीं एक लड़की की उंगलियाँ मोहित की चौड़ी छाती पर चल रही थीं ।
धीरे-धीरे जैसे वह उसकी धड़कनों को पढ़ रही हो उसका टच था स्लो और तपता हुआ जैसे किसी तपते कोरे पन्ने पर कोई अपनी फर्स्ट लव स्टोरी लिख रहा हो।
मोहित की साँसे तेज थीं दिशा... इसके अंजाम बहुत बुरे हो सकते हैं वह और कोई नहीं दिशा ही थीं।
उसकी आवाज़ कांप रही थीं जैसे वह खुद अपनी हिम्मत को संभाल नहीं पा रहा हो।
लेकिन दिशा उसे तो सिर्फ मोहित चाहिए था वहीं मोहित उसका भी वहीं हाल था जो दिशा का था।
दिशा उसकी छाती को सहलाते हुए बोली मुझे वो बुरा अंजाम चाहिए मोहित ओर वह उसकी छाती पर किस कर देती हैं।
मोहित ने उसकी आँखों में झाँका और फिर उसकी कमर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया । His grip was firm... protective yet burning ...
देन गेट रेडी ... इस बुरे अंजाम को भुगतने के लिए तैयार हो जाओ जन्नत की सेर करवाऊं तुम्हे आज तो आज की रात सिर्फ मेरी होगी और तुम्हारी भी ओर वह मुस्कुरा देता हैं।
फिर वो एकदम पास आया उनकी साँसें अब एक दूसरे में समा रही रही हो।
You asked for a bad ending मोहित उसके कान के करीब बुदबुदाया
But what if I give you the wildest beginning…?"
(तुमने बुरे अंजाम की बात की… लेकिन अगर मैं तुम्हें सबसे जंगली शुरुआत दे दूं तो?)
दिशा के रोंगटे खड़े हो गए उसकी उंगलियाँ अब मोहित की गर्दन पर फिसल रही थीं और वह धीरे से उसके सीने से टिक गई।
तो दे दो वह बोली मैं आज सिर्फ तुम्हारी हूँ अपनी हर हद से बाहर जाने को तैयार तुम्हे पता भी नहीं मैने कितना इंतजार किया है ।
दिशा ने सेक्सी सी नाइटी पहन रखी थी जो ना के बराबर उसके बदन को ढक रही थीं ।
मोहित अपनी पैंट निकाल कर बेड पर बैठ जाता हैं और अपनी निचे इशारा करता है दिशा इशारा समझ कर बैठ जाती हैं और उसके हार्डनेस को मुंह में लेकर चूसने लगती हैं।
दोनो ने पॉजिशन ले थी थी मोहित बेड पर बैठा हुआ था उसके ऊपर दिशा बैठी हुई आहे भरते हुए अपनी कमर हिला रही थीं जिसे मोहित पकड़े हुए था दोनों lotus की पॉजिशन में थे।"
आह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्ह..... मोहित yes F*c* me harder..."
उस कमरे में उन दोनों की कर्कश आवाज गूंज रही थी।
मोहित को सिर्फ अलीना याद आ रही थी उसका ठुकराया जाना उसके लिए किसी चोट से कम नहीं था और उससे भी ज्यादा वो बेइज्जती जो अलीना ने सरेआम उसके प्रपोजल को ठुकराकर की थी।
उसकी हिम्मत कैसे हुई मुझे ठुकराने की में चाहूं तो उसे बर्बाद कर सकता हूं वो घाव अब नफ़रत और जुनून के घातक मिश्रण में बदल चुके थे।
उसी दिन उसने गुस्से में उसने दिशा को कॉल किया जो पहले से ही उसके चार्म में उलझ चुकी थी।
दिशा मुझे तुमसे कुछ कहना है।"
फोन के उस पार दिशा की आवाज़ में एक अजीब सी खुशी थी हा मोहित बोलो शायद शायद मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ।"
बस इतना सुनते ही दिशा की दुनिया बदल गई उसके लिए मोहित एक जैकपॉट था एक रिच हैंडसम पावरफुल लड़का जो उसके स्टेटस को चार चाँद लगा सकता था।
मैं जानती थी कि तुम अलग हो मोहित में भू तुमसे प्यार करने लगी थी मोहित लेकिन कह ना सकी लेकिन आज जब तुमने कह दिया तो मुझे कितनी खुशी हुई में बता भी नहीं सकती में भी बहुत प्यार करती हु तुमसे आई लव यू मोहित ।"
वही मोहित के चेहरे पर भी एक कुटिल मुस्कान आ जाती हैं वह बोला आई लव यू टू दिशा।
और फिर उस दिन के बाद सब बदल गया दिशा और मोहित एक दूसरे को डेट करने लगे थे और मोहित बस अलीना को पाने का रास्ता बुन रहा था।
लेकिन मोहित जानता था दिशा से कभी मोहब्बत नहीं की मैंने…"
वो सिर्फ उसका स्टेपिंग स्टोन थी । His eyes wanted Alina His mind was obsessed.
दिशा सुंदर थी… no doubt वो भी एक एक्ट्रेस थी स्टाइल और बोल्ड भी।
पर अलीना अलीना का तो हर अंदाज़ ही अलग था।वो सुंदर थी हद से ज्यादा ब्यूटी की डेफिनेशन थीं वह जो किसी भी मर्द को सीधा उसकी में डूब जाने पर मजबूर कर दे।
She’s not just a woman… she’s a damn storm I want to control मोहित की सोच अब खतरनाक हो चली थी।
मैं दिशा के ज़रिए उस घर में जाऊँगा और फिर जो चाहूँगा हासिल कर लूँगा यानी कि अलीना को।
वहीं दिशा उसे तो सिर्फ उसके पैसे पावर से मतलब था वह दिखने में भी हैंडसम था उसे और क्या चाहिए था।
मोहित भी सिर्फ प्यार का नाटक ही कर रहा था।
अब मोहित का गेम शुरू हो चुका था धीरे-धीरे दिशा से बातों में जिक्र छेड़ना शुरू कर मेहता हाउस काअलीना का,ल उसकी आदतों का और वो हर बात जो उसे अलीना के और करीब ले जाए।
वो जानता था सिर्फ दौलत नहीं चालाकी चाहिए उसे जीतने के लिए और वो चाल अब धीरे-धीरे बिछाई जा रही थी…
मोहित की आँखों में सिर्फ एक चेहरा घूम रहा था वह यहां दिशा को नहीं बल्कि अलीना को इमेजिन कर रहा था।
वह यस बेबी.... आह्ह अ... अली....!
उसके मुंह से इतना ही निकला कि दिशा रुक गई और मोहित को देखने लगी वहीं मोहित जो अपने extreme में था ऐसे रुक जाने से उसे काफी गुस्सा आ जाता हैं कुछ देर की बात थीं बस वह अपने गुस्से को काबू कर बोला क्या हुआ बेबी रुक क्यों गई तुम?
दिशा बोली अभी तुमने क्या कहा था हान क्या तुम अलीना कह करे थे मोहित?"
क्या कुछ भी बोल रही हो में तुमसे प्यार करता हूं तो आखिर तुम्हारी बहन का नाम क्या लूंगा तुम कुछ भी सुन रही हो मुझ पर शक हो रहा है तो ठीक है रहने देते है।
दिशा उसके सीने से लग बोली ऐसी नहीं बात है मोहित में बस.. वैसे भी तुम्हे पता नहीं वह कितनी घमंडी किस्म की लड़की है खुद को दूसरों से बड़ा समझती हैं आखिर उस जैसी लड़की को तुम्हारे जैसा अच्छा इंसान क्यों ही चाहेगा वैसे भी उसे उसकी स्टैंडर्ड का ही मिला है लड़का इतना बोल वह उससे अलग होकर हंसने लगती हैं।
वही यह सुनकर मोहित थोड़ा जोर से बोल पड़ा क्या? क्या मतलब है तुम्हारी बात का?"
दिशा बोली दादा जी ने उसे टाइम दिया था शादी करने के लिए ओर उसने कर भी लेकिन उसे मिला सिर्फ एक ग़रीब फटीचर लड़का जिसके वह लायक थी।
वही मोहित को झटका सा लगा उसे लगा था कि उसकी शादी नहीं हुई है लेकिन यहा तो उसकी शादी भी हो गई थी वह जोर से गुस्से में बोला ऐसा कैसे हो सकता है नही..."
दिशा मोहित के इस रिएक्शन को देख बोली क्या हो गया और तुम इतनी अजीब तरफ से क्यों रिएक्ट कर रहे हो क्या नहीं हो सकता है?"
कुछ नहीं बेबी बस एक डील के बारे में याद आ गया था बस..
दिशा बोली सब कुछ भूल जाओ और सिर्फ हमारी जो डील हो रही है उसके बारे में सोचो वह उसे धक्का देकर वापस अपनी कमर हिलाने लगती हैं।
वही मोहित के दिमाग में सिर्फ उसकी शादी हो चुकी है यही बात चल रही थी जिससे उसका दिमाग खराब हो रहा था।
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सुबह की हल्की धूप कमरे की खिड़कियों से अंदर आ रही थी मानो सूरज खुद गवाह बनना चाहता हो उस सुबह की खूबसूरत शुरुआत की।
ध्रुवाश पहले से तैयार होकर कमरे के बालकनी में खड़ा था फोन पर बात कर रहा था लेकिन उसका ध्यान अब फोन से ज्यादा कमरे के अंदर की हलचल पर था।
जैसे ही अलीना वॉशरूम से बाहर आई उसके बाल अब भी हल्के गीले थे आंखों में ताजगी और उस पर वो गहरे टोन डार्क ऑलिव या चारकोल ग्रे की भारी कढ़ाई वाली साड़ी पहनी थी साड़ी पर सिल्वर ज़री की बारीक कढ़ाई थी जो इसे और ज़्यादा एलीगेंट बना रही थी।
बॉर्डर और पल्लू पर इंट्रीकेट एंब्रॉयडरी ने इस लुक को ग्रैंड बना दीया था बाल खुले जो उसके फेमिनिन ग्रेस को और निखारते दे रहे थे।
वो अपने बालों को सुलझाते हुए ड्रेसिंग टेबल के पास जा खड़ी हुई और कानों में छोटे-छोटे स्टड पहनने लगी लेकिन ध्रुवाश की आंखें एकटक उसी पर थीं।
Damn... she looks deadly today उसके मन ने बग़ैर इजाज़त के बुदबुदाया।
क्या किसी दिन ये लड़की मेरी जान लेकर ही मानेगी उसका दिल धड़क रहा था लेकिन चेहरा शांत था।
ध्रुवाश ने फिटेड ब्लेक टी-शर्ट और ब्लैक ट्राउज़र पहना हुआ था यह लुक सिंपल था लेकिन बेहद डॉमिनेंट और पावरफुल ।
कमर पर बेल्ट और हाथ में एक जैकेट पकड़े वह अलीना की तरफ ही देख रहा था।
वो धीरे-धीरे उसके पास आया और बिलकुल पीछे खड़ा हो गया, उसकी खुशबू महसूस कर रहा था अलीना ने शीशे में उसकी मौजूदगी देखी और एक सेकंड को उसकी धड़कन रुक सी गई।
अलीना थोड़ी झेंपती हुई बोली आप आप क्या कर रहे हैं ध्रुवाश की सांसें उसके कानों को छू रही थीं और उसने धीरे से फुसफुसाया just looking at my wife in awe मतलब अपनी बीवी को देख रहा हूं जो आज फिर से मुझे मारने का इरादा है उसका अपनी खूबसूरती से.."
अलीना की आंखों में शरारत थी लेकिन उसने चेहरा सख्त रखते हुए कहा दूर जाइए आप मुझे तैयार होना है लेट हो जाएंगे लेकिन उसकी आवाज में जो कंपन था वह खुद बयां कर रहा था कि उसका दिल उसकी बातों से उल्टा कह रहा था ।
ध्रुवाश उसके और करीब आया और कहा Wifey तुमने तो कल ही कहा था कि अब मैं तुम्हारा हूं फिर अब ऐसे क्यों भाग रही हो उसकी ये बात सुनकर अलीना के गाल और भी ज्यादा लाल हो गए धड़कनें जैसे खुद को संभाल नहीं पा रही थीं।
Wifey जब उसने ये शब्द उसके कानों में धीमे से कहे अलीना के पूरे बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई।
उसके चेहरे पर लालिमा फैल गई जैसे कोई शाम धीरे-धीरे गुलाबी हो रही हो।
ये... ये क्या बोल रहे हो?" अलीना बोली अब वो हल्के से कांप रही थी।
ध्रुवाश ने आंखों में आंखें डालते हुए कहा What’s going on in that sharp little head of yours?"
(खुद मुझे अपने करीब बुलाती हो और खुद ही नजरें चुराती हो? तुम्हारे उस तेज़ दिमाग में चल क्या रहा है?)
वह बोली कल की बात अलग थी आज हम मॉम से मिलने जा रहे हैं तो थोड़ा सीरियस रहिए ध्रुवाश उसकी आंखों में देखते हुए बोला ....I am serious serious about how dangerously beautiful you look today seriously in love with the mess you make in my heart."
अलीना को अब उसकी बातें हद से ज्यादा असर करने लगी थीं वो पीछे हटने लगी ।
तभी ध्रुवाश ने उसका हाथ थाम लिया और बोला तुम खुद मुझे अपने करीब लाती हो फिर खुद ही मुझे अवॉइड करने लगती हो क्या ये अच्छा है हां?"
अलीना ने आंखें तरेरीं लेकिन उसके होंठों पर मुस्कान थी डर नहीं लगता क्या मुझसे उस दिन तो बड़े डर रहे थे आज क्या हो गया? भूल गए या फिर नाटक कर रहे थे उस दिन?"
ध्रुवाश की मुस्कान अब और भी गहरी हो चुकी थी वो एक कदम और करीब आया जैसे तुम मुझे डराने का नाटक कर रही थी वैसे मैं भी कर रहा था..."
उसने उसकी आंखों में झांकते हुए कहा हेल्प कर रहा था तुम्हारी जितना घबराई हुई दिख रही थी तुम मुझसे देखा नहीं गया।"
ध्रुवाश उसकी बात सुनकर हल्के से मुस्कुराया और बोला जैसे तुमने मुझे डराने का नाटक किया था वैसे ही मैंने भी किया था मुझे तुम्हारी मदद करनी थी और तुम्हारी आंखों में जो बेचैनी थी वो मुझसे देखी नहीं गई और honestly I couldn’t see you broken even for a second तुम जैसी stubborn लड़की अगर खुद आकर किसी से हेल्प मांगे तो फिर उसे मना कैसे किया जा सकता है।"
अलीना ने उस वक्त आंखें चौड़ी कर दीं वो नहीं जानती थी कि कोई उसकी इतनी छोटी बात को इतना गहराई से ले सकता है।
उसने थोड़ा रुक कर पूछा तो फिर शादी क्यों की आपने मुझे उसकी आंखों में सवाल था ।
ध्रुवाश ने उसके कंधे से हाथ हटाया और कहा क्योंकि तुम्हारी आंखों में मैंने कुछ ऐसा देखा था जो मुझे कहीं और कभी नहीं मिला था desperation नहीं dignity थी स्ट्रेंथ थी और एक अलग जिद थी जो मुझे छू गई और क्योंकि I wanted to protect you from falling even if I had to fall for you.."
अलीना कुछ पलों तक बस उसे देखती रही जैसे उसकी सारी लड़ाई सारे तर्क हार गए हों वह बोली ठीक है आपने मेरी हेल्प करी है इसके बदले में भी आपकी हेल्प करूंगी हिसाब बराबर होगा फिर ...फिर धीरे से खुद को संभालते हुए बोली अब जाने दीजिए मुझे तैयार होना है वो ड्रेसिंग टेबल के पास जाती है।
उसने मंगलसूत्र पहना और सिंदूर लगाकर उसकी ओर देखा
अब ध्रुवाश ने हल्की मुस्कान के साथ खुद से ही कहा damn you just completed the look Mrs Alina Dhruvash Singh Rajvansh..
वे दोनों नीचे आते हैं तभी मिस्टर अशोक सामने आते हैं और पूछते हैं कहीं जाने वाले हो अलीना ने मुस्कुराते कहा जी दादू मॉम से मिलने जा रहे हैं।
मिस्टर अशोक थोड़े पल चुप रहते हैं उनके चेहरे पर हलकी टीस उभरती है जैसे अलीना का अपनी मां से दूर होना उनके दिल को खल रहा हो मगर वो कुछ नहीं कहते बस धीमे से बोलते हैं ठीक है ध्यान से जाना।"
ध्रुवाश और अलीना हा बोल कर बाहर की तरफ चले जाते हैं।
गाड़ी में बैठते वक्त अलीना ने खिड़की से बाहर देखते हुए ध्रुवाश से कहा आपने अब तक कुछ नहीं पूछा कि मेरी मां मुझे छोड़कर क्यों गई थी?"
ध्रुवाश ने उसकी तरफ देखा और कहा जब वक्त आएगा तुम खुद बता दोगी और जिस दिन तुम्हारी आंखों में वो जवाब तैरने लगेगा मैं खुद सब समझ जाऊंगा I am not here to question your past I am here to protect your future..."
अलीना ने मुस्कुरा कर उसकी ओर देखा उस मुस्कान में अपनेपन का एहसास था जैसे वह धीरे धीरे इस रिश्ते को महसूस करने लगी हो ।
ध्रुवाश का मन अब भी उसी लम्हे में अटका था अलीना ने खुद अपने हाथों से उसके नाम का सिंदूर भरा था कहीं न कहीं वो पल उसके दिल को भी छू गया था लेकिन वो अब भी खुद को समझने में लगा था।
आह ऐसे कैसे में किसी की तरफ ऐसे फील कर सकता हूं? मेरा मकसद कुछ और ही है जिसे मुझे पूरा करना है लेकिन फिर वह अलीना का मुस्कुराता हुआ चेहरा देखता है और आंखें बंद कर गहरी सास लेने लगता हैं उसके हाथों की मुठ्ठी बनी हुईं थीं जिससे उसकी नशे उभर कर दिखाई देने लगी थीं कुछ देर बाद वह खुद को शांत कर बाहर की ओर देखने लगता है।
वहीं अलीना भी बाहर झांकते हुए सोच रही थी ये आदमी... कितना अलग है उसकी सोच से भी परे क्या वह यही है जो वो दिखा रहा था।"
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धूप धीरे-धीरे अपने चरम पर थी अलीना और ध्रुवाश की गाड़ी एक बेहद सुंदर बंगले के सामने आकर रुकी वहां बगीचे में खिले फूलों की महक जो हवा में घुल रही थी।
जैसे ही अलीना ने कॉल बेल दबाई दरवाज़ा धीरे से खुला और एक साड़ी में लिपटीं, सौम्य चेहरे वाली महिला सामने आईं हेमा जी।
उनकी आंखों में जैसे ही अलीना की सजी-धजी मांग और गले का मंगलसूत्र पड़ा उनका गला भर आया।
अलीना उनका स्वर कांप रहा था।
अलीना भी कुछ पल को चुप खड़ी रही फिर दौड़कर उनके गले लग गई मॉम उस एक शब्द में सालों की दूरी, शिकायतें और भावनाएं सब घुल गईं।
हेमा जी ने अलीना को बाहों में जकड़ लिया जैसे कोई माँ अपनी बिछड़ी बेटी को बरसों बाद पा ले तुम सुहागन बन गई मेरी बच्ची मेरी दुल्हनिया।"
उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे मैंने सपना देखा था तेरी शादी का तुझे दुल्हन बनाने का और देख तुम आज खुद अपने कदमों पर चलकर आई है।"
ध्रुवाश पीछे थोड़ा शांत खड़ा था और दोनों मां बेटी को देखे जा रहा था भावहीन चेहरे के साथ।
अलीना ने अपने आंसू पोंछे और उसकी ओर मुड़ी मॉम, मिलिए... ये हैं मेरे हसबैंड ध्रुवाश।"
ध्रुवाश ने तुरंत आगे बढ़कर हाथ जोड़े और बोला नमस्ते आंटी।"
हेमा जी ने पहले उसके चेहरे को ध्यान से देखा तेज, रौबदार शख्सियत का मालिक जिसमे कुछ अलग ही था उन्होंने उसके हाथ अपने हाथों में लेते हुए बोलीं खुश रहो बेटा बहुत अच्छे लगते हो तुम दोनों साथ में। भगवान करे ये रिश्ता हमेशा कायम रहे में भी अब तुम्हारी मां ही हु जैसे अलीना मेरी बेटी है वैसे तुम भी जो मुझे भी वहीं बुलाया करो फिर उन्होंने दोनों को अंदर बुलाया।
घर का माहौल सादगी भरा था लेकिन उसमें जो अपनापन था वो किसी महल से कम नहीं था।
तुम दोनों बैठो मैं अभी लंच लगवाती हूँ क्योंकि लंच का साम्य हो ही चुका था.... अलीना तुम्हारे लिए तुम्हारी सारी फेवरेट चीजें बनाई हैं मैंने खुद से।"
उनकी आंखों में अब भी नमी थी लेकिन मुस्कान बहुत गहरी थी।
अलीना हंसकर बोली मॉम आप भी न सब याद है आपको मेरी खाने की पसंद!"
ध्रुवाश एक ओर बैठा हुआ था बस भावहीन चेहरे के साथ जब खाना टेबल पर लगा तो उसमें आलू के परांठे, पनीर मखनी, रायता, पूरी, दाल फ्राई, गुलाब जामुन , जूस सब कुछ था जो अलीना को पसंद था।
हेमा जी ने दोनों से कहा आओ खाना शुरू करो।"
अलीना ने खुशी-खुशी खाने की प्लेट उठाई लेकिन ध्रुवाश का हाथ रुक गया।
क्या हुआ खाओ ना अलीना ने देखा कि वो प्लेट की तरफ देख भी नहीं रहा था।
वो... थोड़ा सा पेट सही नहीं है आज... दरअसल ऑयली चीज़ें खाने की आदत नहीं है मुझे उसने एक प्लेन टोन में कहा ।
What? Oil से दिक्कत है?" अलीना ने हैरानी से पूछा मतलब तुम परांठे, पनीर मखनी, ये सब नहीं खाते?"
ध्रुवाश ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा नहीं में यह सब नहीं खाता अगर कभी खा भी लु तो मेरा पेट खराब हो जाता हैं अजीब लगता हैं मुझे इसीलिए।
अलीना ने चौंकते हुए कहा ओह खाना भी नहीं खाएंगे?"
No offense सब बहुत टेस्टी लग रहा है... पर मेरी आदत नहीं है... and if I eat this, my stomach might actually protest violently (कोई बुरा मत मानना सब बहुत स्वादिष्ट लग रहा है... पर अगर मैंने ये खा लिया तो मेरा पेट शायद हंगामा कर दे)
क्योंकि उसके पर्सनल सैफ जो दुनिया के बेहतरीन सैफ थे वहीं उसके लिए खाना बनाते थे वह भी काफी हेल्थी जिसे वह खाना पसंद करता था।
हेमा जी ने ये सुना और थोड़ी चिंता से बोलीं अरे बेटा पहले बताना चाहिए था... मैं कुछ और बनवा देती।"
ध्रुवाश ने तुरंत सिर हिलाया नहीं मॉम कुछ मत करिए मैं ठीक हूँ, थोड़ा सलाद खा लूंगा।"
लेकिन तभी अलीना उसकी ओर थोड़ा झुककर धीरे से बोली
ड्रामा बहुत करते हो आप वैसे भी इतने दिन बाद मॉम ने खुद से बनाया है थोड़ा तो खाना ही पड़ेगा Mr. Royal Diet Man."
"You’re blackmailing me emotionally now,"
ध्रुवाश ने आँखें बड़ी कर के कहा और फिर एक काफी छोटा टुकड़ा परांठा तोड़ ही लिया।
अलीना ने मुस्कुराते हुए कहा Good boy."
हेमा जी उन्हें यूं नोकझोंक करते हुए देख रही थीं और उनकी आंखों में एक सुकून था।
उनकी बेटी अब अकेली नहीं थी उसे कोई ऐसा मिल गया था जो उसकी बराबरी का था जो उसे समझता थाऔर जिसके साथ वो खुल कर मुस्कुरा सकती थी।
दोनों वहां कुछ देर रुक कर अब निकल चुके थे गाड़ी अब बंगलों की सीधी सड़कों से निकलकर शहर के अंदर की ओर मुड़ रही थी ध्रुवाश खिड़की से बाहर देखते हुए कुछ पल चुप रहा फिर अचानक अलीना की ओर देख म बोला
आंटी यानि आपकी मॉम यहां अकेली रहती हैं इतने बड़े घर में?"
अलीना जो फोन स्क्रीन पर कुछ देख रही थी उसकी ओर देखकर मुस्कराई और बोली नहीं मामा दिल्ली गए हुए हैं कुछ महीनों के लिए मामी और दी के साथ मॉम अकेली नहीं हैं बस अभी के लिए थोड़ा वक्त उन्हें अकेले रहना पड़ रहा है"
ध्रुवाश ने हल्की सांस ली और फिर गाड़ी दूसरी तरफ मुड़ते देख पूछा
अब हम कहां जा रहे हैं अलीना उसकी ओर देख कर बोली
मेरी बेस्ट फ्रेंड के घर उसने बुलाया था लेकिन मैं टाइम नहीं निकाल पाई इसीलिए सोचा आज चलते हैं और वैसे भी वो बहुत एक्साइटेड है आपसे मिलने के लिए"
गाड़ी धीरे-धीरे एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के सामने आकर रुकी दोनों गाड़ी से उतर कर ऊपर पहुंचे दरवाज़ा खुलते ही प्रिशा दरवाज़े पर खड़ी थी उसने एक नज़र में अलीना को गले लगा लिया और फिर जैसे ही उसकी नज़र ध्रुवाश पर पड़ी उसकी आंखें थोड़ी बड़ी हो गईं।
प्रिशा कभी कभी यहां आ जाया करती थीं रहने के लिए जब उसे अकेले रहना का मन होता था।"
उसने धीरे से अलीना के कान में फुसफुसाया वाह जीजू... तुम्हारी पसंद तो सच में शानदार है बहुत हैंडसम हैं।"
अलीना ने उसकी ओर देख कर आंखें तरेरीं और हँस दी
प्रिशा ने फिर आगे बढ़कर ध्रुवाश से कहा हाय जीजू मैं प्रिशा अलीना की बेस्ट फ्रेंड और अब आपकी साली।
ध्रुवाश ने हल्के से सिर हिलाया उसकी आवाज़ बहुत शांत थी वह सिर्फ इतना ही बोला हेलो।
प्रिशा ने उसकी खामोशी पर हल्की मुस्कान के साथ पूछा आप बहुत चुप रहते हैं कुछ बोलते क्यों नहीं?"
उससे पहले कि ध्रुवाश कुछ कहता अलीना बीच में बोल पड़ी ये वैसे ही हैं ज्यादा बोलते नहीं बस मेरे साथ ही बोलते हैं बाकी टाइम चुप ही रहते हैं"
ये सच था कि उसे ज्यादा बोलना पसंद नहीं था वह ज्यादा तर चुप ही रहना पसंद करता था और उसके पास पास कोई भी बोलने की हिम्मत नहीं करता था।
ध्रुवाश ने उसकी बात पर कुछ नहीं कहा लेकिन उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान तैर गई।
प्रिशा ने दोनों को सोफे पर बैठने को कहा फिर खुद अंदर की ओर भाग गई
तुम बैठो मैं कुछ खाने के लिए लाती हूं पता है न मैं क्या बनाती हूं"
अलीना ने हाथ उठाकर मना किया नहीं प्रिशा हम बहुत खा चुके हैं मॉम के यहां सच में अब कुछ नहीं चाहिए"
लेकिन प्रिशा को तो किसी की सुननी ही नहीं थी कुछ देर में वह ट्रे में पास्ता और जूस लेकर लौट आई।
तुम लोग मना कर सकते हो लेकिन मैं तो जीजू को अपने हाथ का स्पेशल पास्ता खिला कर ही मानूंगी"
ध्रुवाश ने बस हा के साथ उसकी बात एस्पेक्ट कर ली और ट्रे से एक प्लेट उठा ली सिर्फ दिखाने के लिए।
प्रिशा उनके सामने बैठ गई और बातों का सिलसिला फिर शुरू हुआ
अलीना अब तो तुमसे मिलना ही मुश्किल हो गया है और सुनाओ काम कैसा चल रहा है?"
सब बढ़िया चल रहा है लेकिन बता तुम अपने बारे में कोई प्रोजेक्ट चल रहा है क्या इस वक्त?"
प्रिशा का चेहरा अचानक चमकने लगा
अभी तो नहीं लेकिन मैं कोशिश कर रही हूं मेरा सपना है कोठारी क्रिएशन में काम करने का वैसे तो हमारी कंपनी है पर जो नाम KK का है ना उसका तो कोई मुक़ाबला ही नहीं ओर मेरे लायक उसी में काम है।
अलीना ने रुचि से पूछा फैशन डिजाइन में ही?"
प्रिशा ने हाँ में सिर हिलाया।
हां वही मैंने अब्रॉड से फैशन की पढ़ाई की थी लेकिन अब चाहती हूं किसी बड़े ब्रांड के साथ जुड़ूं कोठारी क्रिएशन मेरी लिस्ट में टॉप पर है"
मैने कंपनी की वेबसाइट से या किसी करियर फेयर से नोट किया है Junior Assistant Required Preferably with design knowledge यह उसके लेवल से नीचे तक लेकिन एंट्री पाने के लिए मैंने अपलाई कर दिया क्योंकि वह पोस्ट वैसे भी खाली थीं।
वह अपनी आंखों में चमक लिए अपने ख्वाबों की दुनिया में खो गई थी।
वहीं दूसरी ओर ध्रुवाश जो चुपचाप कोने में बैठा था बिना कोई प्रतिक्रिया दिए उसकी बातें सुन रहा था उसकी आंखें कुछ देर के लिए स्थिर हो गईं, मानो वह इस बातचीत से कहीं ज्यादा जानता हो या फिर किसी सोच में डूबा हो वह बस सुन रहा था पर उसकी चुप्पी कुछ कह रही थी कुछ बहुत गहरा।
अलीना ने उसकी ओर देखा और फिर प्रिशा से बोली अब तो तू सच में KK में पहुंच जाएगी तुझमें वो बात है"
प्रिशा ने हँसते हुए कहा तू ही मेरा लकी चार्म है तो मेरी किस्मत खुल ही जाएगी अगर यह हुआ तो पार्टी करेंगे।
दोनों की हँसी एक पल के लिए कमरे को हल्का बना देती है लेकिन ध्रुवाश अब भी उसी सीरियस बैठा रहा उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट जरूर थी... लेकिन उसकी आंखें जैसे कुछ सोच रही थीं जो बाकी किसी ने नहीं देखा।
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उफनते बादलों को चीरती नीले आसमान की छाती को चीरती हुई एक इमारत थी जिसकी ऊँचाई इतनी ज्यादा थी कि ज़मीन से ऊपर देखो तो गर्दन अकड़ जाए पर भी पूरा नाम पूरा नज़र न आए उस ऊँचाई की शुरुआत में लगे चमचमाते स्टील बोर्ड पर सिर्फ एक चमकदार और बड़ा गोल्डन अक्षर उभरा हुआ था D उसके नीचे उकेरा हुआ नाम था राजवंश इंडस्ट्रीज जिसे देखकर हर किसी की सांस रुक जाए।
इस इमारत में हर रोज हज़ारों लोग काम करते थे यह सिर्फ एक बिल्डिंग नहीं थी यह था एक साम्राज्य जहाँ से दुनिया की बड़ी कंपनियों के फैसले लिए जाते थे टेक्नोलॉजी, फाइनेंस, डिफेंस, हेल्थ हर इंडस्ट्री में राजवंश का दबदबा था।
इसी इमारत के पचासवें फ्लोर पर एक लड़का भागता हुआ पहुंचता है दरवाजे पर नॉक कर वह अंदर जाता है सामने बैठा शख्स बहुत ही शांति से लैपटॉप पर कुछ पढ़ रहा था।
सामने बैठा हुआ आदमी अपनी सीट से थोड़ा झुककर बोला
क्या बात है?"
उस लड़के ने हकलाते हुए कहा
सर कोठारी क्रिएशन के सीईओ मिस्टर अर्णव कोठारी मिलने आए हैं काफी गुस्से में लग रहे थे"
ये सुनकर सामने बैठा हुआ शख्स बिना किसी घबराहट के बोला
ठीक है उन्हें बिग बी के केबिन में ले जाओ मैं थोड़ी देर में आता हूँ"
वह फिर से अपनी स्क्रीन की तरफ देखने लगता है।
वह लड़का सिर झुकाकर चला गया।
इधर बिल्डिंग की सबसे तेज़ लिफ्ट टॉप फ्लोर पर आकर रुकती है दरवाज़ा खुलते ही बाहर निकलते हैं अर्णव और उसका सेक्रेटरी अर्जुन निकलते हैं अर्णव की चाल में गुस्से का असर साफ दिख रहा था और अर्जुन की सांसें तेज़ थीं जैसे कुछ बड़ा होने वाला हो।
वो दोनों तेज़ी से चलते हुए अंदर के आलीशान कॉरिडोर से होते हुए एक बड़े से केबिन की तरफ बढ़े उन्हें रिसीव करता है आकाश जो था सार्थक का असिस्टेंट वह उन्हें एक आलीशान और ग्रैंड केबिन में ले जाता है जहाँ हर चीज़ रॉयल थी मार्बल फ्लोर, लेदर फर्नीचर, दीवारों पर जर्मन आर्टवर्क और महकते हुए फ्रेंच परफ्यूम की सुगंध।
"Please wait here Sir will be with you shortly," आकाश कहता है।
वहीं अर्णव चुपचाप अंदर चला गया उसके चेहरे पर गुस्से की एक झलक थी आकाश पीछे हट गया और अर्जुन भी अपनी जगह पर थोड़ा संभल कर खड़ा हुआ।
कुछ ही देर बाद, एक दरवाज़ा खुलता है और अंदर आता है सार्थक राजवंश Calm yet, Perfectly tailored suit, confident smile और आंखों में गहराई जो किसी की भी नज़रों को थाम सके।
अर्णव तेजी से उसकी ओर बढ़ता है अर्जुन और आकाश के चेहरे पर घबराहट फैल जाती है उनकी धड़कनें तेज़ हो जाती हैं क्या वाकई दो दुश्मन आमने-सामने आ गए हैं?
लेकिन अगले ही पल अर्णव सार्थक को जोर से गले लगा लेता है दोनों ज़ोर से हँसते हैं।
अर्जुन और आकाश ने एक-दूसरे की तरफ देखा जैसे उन्हें यक़ीन ही न हो रहा हो।
सार्थक की मुस्कुराहट गहरी थी।
How was my surprise bhai?" सार्थक बोला।
अर्णव उसकी ओर देख कर बोला सरप्राइस तेरा नहीं मेरे उस दोस्त का है... जिसको देखकर तू भी डर जाता है।"
इसपर सार्थक ने हल्के से सिर झुकाया और मुस्करा दिया फिर दोनों ने पलटकर अपने असिस्टेंट्स की ओर देखा जो अब भी उनको फटी-फटी आँखों से देख रहे थे।
सार्थक बोला इतना मत घूरो भाई है मेरे और जो तुमने सुना है उस पर इतना यकीन मत किया करो"
फिर अर्णव ने एक गंभीर लहजे में पूछा क्या वो आ रहा है?"
आकाश और अर्जुन दोनों जैसे कुछ पल के लिए मूर्तिवत खड़े रह जाते हैं उनके सामने जो सीन था वह उनकी कल्पना से बाहर था उन्होंने तो सुना था कि ये दोनों एक-दूसरे के कट्टर कॉम्पिटिटर हैं पर हकीकत में ये दोनों जैसे पुराने दोस्त हों।
अर्णव बोली क्या वो आ रहा है?
इस सवाल के जवाब में सार्थक के चेहरे पर एक अलग ही रहस्यपूर्ण मुस्कान आई हाँ बिग बी आ रहे हैं"
आकाश की सांस थमी उसने सिर्फ नाम सुना था सार्थक के मुझे से बिग बी तीन सालों से राजवंश इंडस्ट्रीज में काम करते हुए भी कभी उन्हें देखा नहीं था उनके बारे में सिर्फ बातें थीं उनका ओरा उनका गुस्सा उनकी रणनीतियाँ, और उनकी दुनिया से अलग रहने की आदत।
तभी दरवाज़ा एक बार फिर खुला और कमरे में एक सन्नाटा छा गया।
Black high-neck, dark pants, sharp jawline और piercing grey eyes उसकी चाल में एक सन्नाटा था एक रॉयल खतरा जैसे कोई shadow of dominance किसी शेर की तरह कमरे में चल रहा हो उसकी एक झलक ही काफी थी ये समझने के लिए he wasn’t just a man he was the game.
आकाश और अर्जुन की आंखें फैल जाती हैं जैसे किसी फिल्म का क्लाइमैक्स सामने आ गया हो उन्हें अपने बॉस भी अब छोटे लग रहे थे इस शख्स के सामने उसका व्यक्तित्व सिर्फ देख कर कहा जा सकता था He’s not the king he’s the shadow behind the crown.
काले थ्री-पीस सूट में परफेक्ट शेव और चेहरे पर सख्त भावों का मेल उसकी आंखें किसी एक्स-रे मशीन की तरह थीं जो सामने वाले को आर-पार देख लें।
वो बिना किसी को देखे बस सीधे चला और सोफे पर बैठ गया लेकिन उस कमरे का टेम्प्रेचर जैसे बदल गया था।
सार्थक और अर्णव ने उसे देखा और हल्के से मुस्कुराए पर उनके चेहरों पर अब वो मासूमियत नहीं थी अब वो गंभीर हो चुके थे जैसे कोई असली खेल अब शुरू होने वाला हो।
आकाश और अर्जुन के चेहरे पर सिर्फ एक सवाल तैर रहा था।
ये आदमी कौन है... और क्या सच में ये सिर्फ एक इंसान है?"
सार्थक और अर्णव दोनों बोले" Welcome back"
वह शख्स धीरे से मुस्कुराता है लेकिन उसकी मुस्कान सीधी आत्मा में उतरने वाली थी।
धूप बाहर तेज़ थी लेकिन राजवंश इंडस्ट्रीज की ऊँची बिल्डिंग के अंदर हर कोना एसी की ठंडी हवा से भरा था कॉरिडोर में तेज़ कदमों से चलते हुए आकाश और अर्जुन अब तक अपने दिल की धड़कनों को नॉर्मल नहीं कर पाए थे वो पल जब उन्होंने बिग बी को अपनी आंखों से देखा था वो आजीवन स्मृति में कैद हो गया था उस शख्स की मौजूदगी में जो रहस्य और खामोश ताकत थी, वह किसी भी आम इंसान के रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी थी।
दोनों अब तक उस मुलाकात के नशे में ही डूबे हुए थे जब उन्हें सामने से एक और शख्स आता हुआ दिखाई देता है लंबा आकर्षक और बेहद कॉन्फिडेंट।
ग्रे सूट में चेहरे पर तेज़ लेकिन शांत भाव आते ही एक हल्की मुस्कान उनके चेहरे पर छोड़ता है वह कोई और नहीं, बल्कि निहाल था बिग बी का पर्सनल सेक्रेटरी ।
आकाश और अर्जुन दोनों एक साथ ठहर जाते हैं उनकी आंखें जैसे चमक उठती हैं।
सीनियर निहाल सर दोनों ने लगभग एक साथ कहा।ल उनके चेहरों पर वो मासूम उत्साह था जो किसी फैन को अपने आदर्श के सामने होने पर होता है।
निहाल एक हल्की मुस्कान के साथ रुकता है Just call me Nihal उसने कहा और उस टोन में वही करिश्मा था जो बड़े आदमी के पास होता है न विनम्रता दिखाने की ज़रूरत न घमंड जताने की।
उन दोनों को जैसे एक गिफ्ट मिल गया हो ये वही शख्स था जिसकी फाइलें पढ़कर वीडियो देखकर रिपोर्ट्स और पब्लिक अपीयरेंस को एनालाइज कर कर के उन्होंने कॉरपोरेट की दुनिया में अपने पैर जमाए थे वह न सिर्फ राजवंश का बेस्ट एम्प्लॉई था बल्कि कई CEO की लिस्ट में उसके नाम का जिक्र "Most Efficient Strategist" के तौर पर आता था।
"Sir, we never imagined we’d meet you here, this is such an honour," अर्जुन बोला।
निहाल ने सिर हिलाया और बोला Good to see young energy like you guys Keep it up we need more smart people in the system."
Sir will we get to work with you someday?" आकाश ने धीरे से पूछा।
निहाल ने घड़ी देखी और बोला Never say never Maybe sooner than you think."
इतना कहकर वह बिना और कुछ बोले तेज़ी से आगे की तरफ बढ़ गया लेकिन पीछे छोड़ गया दो फैनबॉय्स जिनकी मुस्कान चेहरे से हटने का नाम नहीं ले रही थी दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था जैसे ये पल कभी न छूटे आसपास से गुजरते लोग उन्हें अजीब नज़रों से देख रहे थे उन्हें क्या पता ये कोई आम इंसान नहीं था जिससे मिलकर उनकी दुनिया हिल गई थी।
उधर केबिन में एक अलग ही दुनिया चल रही थी।
सार्थक जो अब तक काफी मजाकिया मूड में था सामने बैठे उस रहस्यमयी आदमी से आंख मिलाते हुए बोला भाई आप कब मिलवा रहे हो हमें भाभी से? फोटो में तो इतनी खूबसूरत लग रही थी, इमेजिन कर रहा हूं सामने से कैसी लगेंगी वो seriously आपने तो जैकपॉट मार दिया।"
वह हंसते हुए लगातार बोलता जा रहा था लेकिन तभी उसे अहसास हुआ कि कुछ बदल गया है।
कमरे का माहौल एकदम ठंडा हो गया था।
जैसे किसी ने सर्द हवा छोड़ दी हो वो नज़रे जो अब तक मजाक के साथ चल रही थीं अब जलती हुई लग रही थीं वो शख्स जो अब तक शांत बैठा था उसकी आंखें अब गुस्से से भरी हुई थीं वो नज़रें सीधे सार्थक को घूर रही थीं और घूरती नज़रों में वो चेतावनी थी जिसे बिन बोले भी समझा जा सकता था।
सार्थक चुप हो गया उसके मुंह से आवाज़ नहीं निकली।
क्या हुआ…?" अर्णव ने उसकी खामोशी को महसूस करते हुए पूछा।
वो रहस्यमयी शख्स अब भी उतना ही शांत था लेकिन उसकी आंखों में अब तूफान था उसकी आवाज़ भारी थी कुछ नहीं लेकिन बहुत जल्द पता चल जाएगा।"
उसके होंठों से ये शब्द निकले और पूरे कमरे में एक अनकहा रहस्य फैल गया।
सार्थक और अर्णव दोनों अब समझ चुके थे यह इंसान जितना बाहर से शांत लगता है उतना ही भीतर से तूफानी है।
भाभी की बात पर उसका रिएक्शन कुछ और ही कहानी सुना रहा था।
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धूप और बारिश की खींचतान के बीच उस सुबह की हवा में अजीब सी ताजगी थी लेकिन प्रिशा के लिए यह दिन बेहद खास था आख़िरकार दो महीने के लंबे लं इंतजार के बाद उसे कोठारी क्रिएशन यानी KK कंपनी से कॉल आया था वही KK जहां काम करने का सपना वह पिछले कई सालों से देख रही थी और आज उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था सुबह के 11 बजे का वक्त तय किया गया था लेकिन प्रिशा का उत्साह इस कदर था कि वह सुबह ही उठकर तैयार होने लग गई।
उसने सफेद कुर्ती पहनी थी जिसके ऊपर हल्के से एम्ब्रॉयडरी थी और साथ में बैगी जीन्स सिंपल लेकिन क्लासी लुक ऐसा कि कोई उसे देखकर तुरंत उसकी स्मार्टनेस और सादगी दोनों की तारीफ कर दे उसने अपने बालों को खुला रखा और हल्का मेकअप किया फॉर्मल बैग अपने कंधे पर लटकाते हुए जैसे ही वह अपने अपार्टमेंट से नीचे आई उसकी स्कूटी पहले से वहां खड़ी थी।
समय से पहले निकलना उसकी आदत थी खासकर तब जब कोई इंटरव्यू हो और वो भी KK जैसे ब्रांड के लिए।
लेकिन किस्मत के इरादे कुछ और थे।
थोड़ी देर पहले बारिश हुई थी और शहर की सड़कों पर अब भी पानी जमा था कई जगह कीचड़ था और गड्ढों में पानी भरा हुआ था।
वह स्कूटी पर सवार होकर तेज़ी से इंटरव्यू के लिए निकल चुकी थी। पर रास्ता थोड़ा स्लिपरी था जिस वजह से जैसे ही उसने मोड़ काटा उसका बैलेंस बिगड़ गया और स्कूटी एक झटके से फिसल गई वह गिर गई और ठीक उसी पल सामने से एक गाड़ी तेज़ रफ्तार में आ रही थी जिसे अचानक ब्रेक मारने पड़े।
ब्रेक की आवाज़ इतनी तेज थी कि आस-पास खड़े लोग भी पलटकर देखने लगे। जैसे ही गाड़ी रुकी कीचड़ का फव्वारा प्रिशा पर उड़ गया। उसके सफेद कपड़े अब भूरे हो चुके थे और चेहरा भी कीचड़ से भर गया था।
गाड़ी से एक लंबा-सा आदमी उतरा जो गुस्से में लग रहा था। उसने कहा तुम…
लेकिन प्रिशा उस पर बिफर पड़ी बिना देखे बिना सोचे वह एकदम से झुककर उसी कीचड़ को उठाती है और गाड़ी से उतरने वाले उस आदमी के चेहरे पर दे मारती है।
अब वह सामने खड़ी थी आंखों में आग और चेहरे पर गुस्से की लपटें
क्या तुम्हारी खुद की सड़क है बिगड़े हुए अमीरजादे देख नहीं सकते क्या अंधे हो क्या ।
उसका गुस्सा बरस रहा था जैसे उसने अपनी पूरी भड़ास उस पर निकाल दी हो हालांकि वह खुद भी एक रिच फैमिली से थी लेकिन उसे कभी अपने अमीरी का घमंड नहीं था वह ऐसे लोगों से नफरत करती थी जिन्हें लगता है पैसा ही सब कुछ है और वह उस आदमी को भी वैसा ही समझ रही थीं।
वह बोलती रही वह सुनता रहा लेकिन वो अब भी अपने चेहरे से कीचड़ पोंछ रहा था उसने अब तक प्रिशा को पहचाना नहीं था और प्रिशा ने भी उसका चेहरा नहीं देखा था दोनों के चेहरे जो कीचड़ से सने हुए थे।
उसी बीच उसके फोन पर नोटिफिकेशन आता है। एक मैसेज था
Best of Luck for your interview
तब उसे होश आता है कि उसे तो इंटरव्यू के लिए जाना है वक्त कम था और अब कपड़े भी गंदे हो चुके थेनवह जोर से दांत पीसती है स्कूटी उठाती है और जाने लगती है जाते-जाते वह उस आदमी को घूरते हुए कहती है तुमसे मिलना बाकी है मैं छोड़ूंगी नहीं तुम्हें।
वह तेज़ी से निकल जाती है उसका चेहरा अब भी कीचड़ से सना था ।
उधर वह आदमी अपने चेहरे से कीचड़ पोंछते हुए बुरी तरह झल्ला गया वह होंठों में धीमे से बुदबुदाया ।
Unbelievable उसने मुझे बोलने तक नही दिया और मुझे ही विलेन बना दिया।
बेवकूफ लड़की, अब तो तुझे मैं छोड़ने वाला नहीं।
उसने अपनी आंखें संकरी कीं, होंठ भींचे और बिना कुछ कहे वापस अपनी कार में बैठा गाड़ी स्टार्ट हुई और अगले ही पल वह वहां से स्पीड में निकल गया।
प्रिशा जैसे-तैसे उस हादसे को पीछे छोड़ फौरन स्कूटी घुमाकर अपने अपार्टमेंट की तरफ रवाना हुई उसकी आंखों में अब भी गुस्सा था लेकिन इंटरव्यू की टेंशन उस गुस्से पर भारी पड़ चुकी थी। मन में बस एक ही ख्याल चल रहा था लेट नहीं होना है किसी भी हालत में।
अपार्टमेंट में घुसते ही उसने अपने गंदे कपड़े उतारकर जल्दी से एक नया फॉर्मल ड्रेस पहना पेस्टल ब्लू कलर की शर्ट और क्रीम ट्राउजर बालों को जल्दी से सुखाया हल्का टचअप किया और एक नज़र खुद को शीशे में देखकर बोली अब बस भागो!"
स्कूटी स्टार्ट करते हुए उसकी आंखें घड़ी पर थीं सिर्फ पंद्रह मिनट बचे थे इंटरव्यू के लिए।
किस्मत शायद उसकी मेहनत से हार चुकी थी तभी तो ट्रैफिक भी कम था और वो ठीक 10:50 पर KK बिल्डिंग के सामने पहुंची सामने का नज़ारा देख वह थोड़ी देर के लिए ठहर गई कांच की ऊंची दीवारें सिक्योरिटी गार्ड्स और कंपनी का नाम चमकता हुआ — KOTHARI CREATION (KK)
वह अंदर पहुंची और रिसेप्शन पर अपने इंटरव्यू का नाम बतायाउसे एक कार्ड देकर कहा गया 22nd Floor Cabin No5”
वह लिफ्ट में खड़ी खुद को सांसों से शांत करने की कोशिश कर रही थी लिफ्ट का हर फ्लोर जैसे उसकी धड़कनें गिन रहा था टिंग 22nd फ्लोर आया और वह अंदर गई।
इंटरव्यू पैनल में दो लोग थे एक HR और एक डिजाइन हेड सवाल सीधे थे लेकिन टोन प्रोफेशनल उन्होंने उससे उसके पोर्टफोलियो और अब्रॉड के एक्सपीरियंस को लेकर कई सवाल किए लेकिन प्रिशा ने सबका जवाब कॉन्फिडेंस से दिया।
आखिर में जब उनसे पूछा गया Why KK?”
उसने मुस्कुराकर कहा क्योंकि KK सिर्फ एक ब्रांड नहीं है ये हर लड़की का सपना है और मैं अपने सपनों को सिर्फ जीती नहीं पूरा भी करती हूं।"
इंटरव्यू के बाद उसे कहा गया You may wait outside for a few minutes.”
वो बाहर लॉबी में बैठी थी उंगलियां आपस में उलझी हुई थीं पांच मिनट फिर दस फिर एक HR बाहर आई और बोली
"Congratulations Miss Prisha you are selected!"
उसकी आंखों में चमक आ गई एक पल के लिए तो उसे यकीन ही नहीं हुआ। फिर HR ने आगे कहा
"You have to join tomorrow at 10 AM Also don’t forget to bring all your documents educational ID, address proof etc Everything should be ready."
वह झट से मुस्कुराते हुए बोली Yes Ma’am I’ll bring everything on time Thank you so much for this opportunity."
बाहर निकलते ही उसका मन किया कि वह चिल्लाकर सबको बता दे I DID IT मैने कर दिखाया लेकिन वो बस हल्की सी मुस्कान के साथ अपनी स्कूटी पर बैठी और आसमान की तरफ देख कर बोली
"Dreams do come true बस उन्हें पकड़ना आना चाहिए।"
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रात के खाने की टेबल पर सब बैठे हुए थे लेकिन माहौल में एक तरह की खामोशी थी सिर्फ चम्मचों की हल्की आवाज़ और प्लेट्स की टकराहट गूंज रही थी।
अलीना की निगाहें बार-बार दीवार घड़ी की तरफ उठ रही थीं दिशा अब तक घर नहीं लौटी थी सबके चेहरे पर इंतज़ार का थकापन और चुप्पी थी।
कुछ देर बाद दरवाज़ा खुला और दिशा अंदर आई उसने जीन्स और बॉडी फिट टॉप पहन रखा था बाल बिखरे हुए थे और आँखों में थकान साफ झलक रही थी उसके आते ही दिव्या ने तेज़ आवाज़ में पूछा इतना लेट क्यों हुई तुम? हर दिन तुम्हारा यही हाल है।”
दिशा ने अपने स्टाइल में बाल झटकते हुए कहा मॉम यू ऑलरेडी नो मेरी फिल्म की रिलीज़ नजदीक है हर दिन प्रमोशन shoots media rounds… I’m not a free bird like others.”
उसके लहजे में तंज भी था और थकान भी।
मिस्टर अशोक जो अब तक चुप थे कड़क आवाज़ में बोले इनफ
ये सब एक्सक्यूज हर दिन नहीं चलेंगे दिशा काम करना ठीक है लेकिन ये irresponsible behaviour बर्दाश्त नहीं होगा।”
उनकी बात से दिव्या का चेहरा कस गया उसे बुरा लगा लेकिन कुछ कह नहीं सकी Dada ji you don’t understand दिशा ने बोला मैं कोशिश कर रही हूं मैनेज करने की।”
मिस्टर अशोक ने तेज़ी से जवाब दिया अलीना भी काम करती है। वो भी लेट आती है कई बार लेकिन कम से कम वो इन्फॉर्म करती है और अपने बिहेवियर में प्रोफेशनलिज्म है तुम्हें पहले खुद को और अपनी ज़िंदगी को सीरियसली लेना सीखना होगा दिशा सबकुछ ग्लैमर नहीं होता।”
उनकी बात जैसे सीधे दिशा की एगो पर लगी दिव्या गुस्से से दांत पीसते हुए चुप बैठी रह गई उसकी आंखों में वो चिंगारी थी जो अक्सर तब जलती है जब कोई अपने बच्चों पर उंगली उठाए। लेकिन इस बार शब्द नहीं थे सिर्फ चुप्पी थी।
इतने में भव्या बीच-बचाव करती हुई बोली चलो फ्रेश हो जाओ डिनर कर लो।”
लेकिन दिशा ने बिना मुस्कान के कहा No thanks, I already had dinner बाहर… और वैसे भी I’m super tired. Good night.”
वो सीढ़ियाँ चढ़ती चली गई लेकिन जाते-जाते एक नजर अलीना को देखकर चली गई।
जैसे ही वो वहां से गायब हुई दिव्या और भव्या दोनों ने एक साथ गुस्से से अलीना की तरफ देखा उनकी आंखों में सवाल थे जलन थी… और कहीं न कहीं हार का अहसास भी।
क्यों हर बार इस लड़की की वजह से उन्हें सुनना पड़ता है? क्यों उनके पास सबकुछ होते हुए भी… मान नहीं पहचान नहीं?
लेकिन अलीना तो कुछ और ही सोच रही थी।
उसने ध्यान से दिशा की गर्दन और कॉलरबोन के आसपास देखा था। वहां कुछ हल्के लाल निशान थे औरत की नजर से वो साफ समझ गई थी वो क्या थे वो बहुत बदली-बदली सी लग रही थी ।
अलीना ने ठंडी सांस ली कुछ तो है उसने मन ही मन कहा।
डिनर के बाद घर में माहौल कुछ शांत सा था पर भव्या के मन में सवालों की हलचल थम नहीं रही थी वो धीरे-धीरे दिशा के कमरे तक पहुँची दरवाज़ा थोड़ा सा खुला था सो उसने बिना दस्तक दिए अंदर झाँका दिशा बिस्तर पर बैठी फोन स्क्रॉल कर रही थी।
भव्या ने धीमे से आवाज़ दी दिशा…”
दिशा ने सर उठाया और मुस्कुरा दी आओ दी…”
भव्या ने दरवाज़ा बंद किया और पास आकर बैठ गई अब बता भी दे क्या चल रहा है? ये रेड निशान तुम्हारे गले पर कैसे और आजकल का ये पूरा attitude… I mean something’s different.”
उसे पता था उसके सारे रिलेशनशिप के बारे में उसे वह सब बताती भी थी लेकिन अभी उसने उसे कुछ नहीं बताया था आखिर अब कौन था उसका नया बॉयफ्रेंड वह सारे अमीर लड़कों को ही चुनती थीं और कुछ महीने पहले ही उसने उस लड़के को डंब करा था।
दिशा ने शरारती अंदाज़ में आंख मारी और बोली बस कुछ दिन और सब्र कर लो दी बहुत जल्दी सब पता चल जाएगा एक बिग सरप्राइज मिलने वाला है और सबसे बड़ा झटका तो हमारी प्यारी सी छोटी बहन को लगेगा…”
भव्या चौंकी अलीना को? But why? What are you even talking about?”
दिशा उठकर वॉर्डरोब के पास गई वहां से एक क्लच बैग निकाला और उसकी चेन बंद करते हुए बोली अब इतना तो हक बनता है ना मेरा हमेशा अलीना-अलीना जैसे हम एग्जिट ही नहीं करते लेकिन अब गेम पलटेगा दी वो दिन दूर नहीं जब इस घर में सिर्फ एक नाम गूंजेगा दिशा ।
भव्या को उसका ये अंदाज़ थोड़ा अजीब लगा लेकिन तू कर क्या रही है किसके साथ है तू?”
दिशा ने मुड़कर देखा उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी जैसे कोई गहरा राज छिपा हो अभी नहीं बता सकती दी बस एक हफ्ता और उसी दिन तुम्हारी शादी भी है ना? उसी दिन सबके सामने सच्चाई आ जाएगी और बिलीव मि सबकी ज़िंदगी पलट जाएगी।”
भव्या की आंखें चौड़ी हो गईं उसे समझ नहीं आ रहा था कि दिशा सिर्फ एक्साइटेड है पागल हो चुकी है ।
दिशा प्लीज़ मुझे साफ-साफ बता ये किसका सरप्राइज है? और किस चीज़ का झटका?”
दिशा बस मुस्कुरा दी और अपने फोन की स्क्रीन लॉक करते हुए बोली सस्पेंस में मज़ा है दी और हाँ मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं लेकिन जब साइड कैरेक्टर को लीड रोल चाहिए होता है ना तो उसे गेम थोड़ा गंदा खेलना पड़ता है…”
भव्या अब सच में घबरा गई थी दिशा के चेहरे पर जो शांति और मुस्कान थी वो किसी तूफान से पहले की ख़ामोशी जैसी लग रही थी लेकिन जो भी हो उसे भी अलीना से सब कुछ चाहिए ही था।
दिव्या और संजय का रूम.......
कमरे का माहौल तनाव भरा था रोशनी धीमी थी पर एक दीवार पर लगी पेंटिंग की हल्की रौशनी दोनों के चेहरों को उजागर कर रही थी दिव्या कमरे के एक कोने में खड़ी थी उसकी आँखों में गुस्सा था और लहजे में दर्द।
कब तक ये सब सहती रहूंगी मैं संजय?”वो चिल्लाई उसकी आवाज़ में शिकायत गुस्सा दर्द सब कुछ था भव्या और दिशा तुम्हारी बेटियाँ हैं तुम्हारी अपनी खून से जुड़ी बेटियाँ लेकिन आज तक उन्हें वो इज़्ज़त वो हक नहीं मिला जो अलीना को मिला है।”
संजय जो उस समय कुर्सी पर बैठा था गहरी सांस लेकर बोला
दिव्या, तुम गलत समझ रही हो डैड सबको एक जैसा मानते हैं।
सच में एक जैसा दिव्या उसका जवाब बीच में काटते हुए बोलीतुम्हें याद है आज डिनर टेबल पर क्या हुआ? डैड ने एक बार भी भव्या या दिशा की तरफ देखा तक नहीं और अलीना उसके लिए उनकी आँखों में क्या कुछ नहीं था प्यार गर्व अपनापन तुम्हें नहीं लगता हमें भी तकलीफ होती है ये सब देखकर?”
संजय खामोश हो गया।
उसके चेहरे पर उलझन थी जैसे वह कहना तो बहुत कुछ चाहता है लेकिन कुछ न कह पाने की मजबूरी में घिरा हुआ हो।
फिर वह धीरे से बोला दिव्या तुम ऐसा सोचोगी तो तुम्हें सब कुछ उसी नजर से दिखेगा मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ मैंने क्या-क्या खोया है इस परिवार के लिए।”
दिव्या थोड़ा पीछे हटती है उसकी आँखों में अब पानी है।
क्या खोया है तुमने संजय यही कि आज डैड तुमसे बात तक नहीं करते या ये कि अलीना जिसे तुम बेटी मानते हो तुम्हें 'डैड' कहकर बुलाना भी छोड़ चुकी है?”
संजय की आँखों में अब दर्द से भरी थी।
वो खड़ा हो गया और आवाज़ थोड़ी तेज़ करते हुए बोला हा मैंने सब कुछ खो दिया जब तुमसे शादी की थी तब डैड ने साफ कहा था कि मैं उनके लिए मर चुका हूँ हेमा चली गई अलीना को माँ की ममता कभी नहीं मिल पाई और जब उसकी माँ चली गई,ल तब से उसने भी मुझसे रिश्ता खत्म कर लिया आज भी वो मुझसे दूरी बनाकर रखती है।”
संजय की आँखें भी अब नम हो चुकी थीं उसने गहरी सांस ली मानो सीने में दबे दर्द को बाहर निकाल रहा हो।
और गुस्से से लेकिन मैंने सब किया सिर्फ तुम्हारे लिए तुम्हारे बच्चों के लिए।”
दिव्या बात को बनता ना देख अब रोने का नाटक करने लगी उसने हाथों से चेहरा ढक लिया और टूटी हुई आवाज़ में बोली मुझे माफ कर दो मैं भी क्या करूं माँ हूं जब मेरी बेटियों के साथ ऐसा होता है तो दिल चीर उठता है तुम खुद देखो न भव्या ने आजतक कुछ नहीं मांगा बस एक सपना था उसका कंपनी की CEO बनने का। वो इसे अपने पंखों से उड़ाना चाहती थी।”
उसकी आवाज़ टूट रही थी मगर चेहरे पर शातिर खेल का गहरा रंग था।
लेकिन अलीना अलीना को सब कुछ यूँ ही मिल गया उसे कभी मेहनत नहीं करनी पड़ी कभी इंतज़ार नहीं करना पड़ा वो तो बस डैड की आँखों का तारा है।”
और वह ज़ोर से रोने लगी जैसे सारी दुनिया उस पर ही टूटी हो।
संजय का दिल पसीज गया वह आगे बढ़ा, और दिव्या को गले से लगा लिया बस करो... प्लीज़ मैं समझता हू मैं कुछ करूँगा मैं डैड से बात करूंगा मैं कोशिश करूंगा कि भव्या को वो हक मिले जिसकी वो हकदार है।”
वो उसके आँसू पोंछता है और उसी वक्त दिव्या के चेहरे पर एक छुपी हुई मुस्कान आ जाती है एक चालाक और संतोषजनक मुस्कान।
दिव्या के मन में अब एक ही बात थी बस यही तो चाहती थीं में।
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सुबह की हल्की सी सुनहरी धूप परदों से छनकर कमरे में फैल रही थी अलीना आज देर से उठी थी पिछली रात कंपनी का कुछ काम इतना लंबा खिंच गया कि वह लगभग सुबह के 2 बजे सो पाई थीं।
शादी को दो से महीने हो चुके थे लेकिन अब तक उनके रिश्ते में उस तरह की नजदीकी नहीं आई थी उस दीन के बाद दोनों अलग-अलग ही सोते थे ध्रुवांश की हाइट और बॉडी के हिसाब से उसके कमरे का सोफा छोटा था इसलिए उसने बिना चुपके से नया बड़ा सोफा मंगवा लिया था और वह उसी पर सोता था।
आज सुबह करीब 7 बजने को थे अलीना अब भी नींदी सी बिस्तर पर लेटी थी जैसे ही उसने करवट ली, अचानक बाथरूम का दरवाज़ा खुला ध्रुवांश बाहर आया उसके बाल अभी भी गीले थे जिनसे पानी की बूंदें गिरकर उसकी चौड़ी कंधों और मस्कुलर चेस्ट पर फिसल रही थीं उसने सिर्फ ब्लैक पैंट पहनी थी उस समय ध्रुवांश की पर्सनालिटी इतनी दमदार लग रही थी कि अलीना की सांसें थम सी गईं।
"उफ्फ...अलिना की सांसें रुक सी गई थीं।
"ये आदमी इतना परफेक्ट है वो बस उसकी ओर देखती ही रह गई बिना पलकें झपकाए ये आदमी इतना हॉट क्यों है…?" उसने खुद से सोचा.....
उसकी नजरें खुद-ब-खुद उस पर टिक गईं उसकी आंखों का तेज और उसके शरीर का कॉन्फिडेंस सब कुछ ऐसा था जैसे किसी मूवी का सीन हो अलीना की नजरें उस पर से हटने का नाम ही नहीं ले रही थीं।
ध्रुवांश को महसूस हुआ कि कोई उसे देख रहा है उसने चेहरे से पानी की बूंदों को पोछते हुए धीरे से उसकी तरफ देखा उसकी गहरी, शार्प आंखें अलीना की नजरों में अटक गईं।
“Good morning …” उसकी भारी मगर शांत आवाज़ ने कमरे की खामोशी को तोड़ दिया।
अलीना जैसे किसी ख्याल से बाहर आई उसका चेहरा एकदम लाल हो गया उसने जल्दी से नज़रें चुराई और घबराते हुए बोली, “Good… morning।”
वह जल्दी से उठने लगी, लेकिन नींद में उलझी हुई थी जैसे ही उसने कंबल हटाया, उसका पैर उसमें फंस गया वह बैलेंस खोकर गिरने वाली थी तभी ध्रुवांश ने फुर्ती से आगे बढ़कर उसे पकड़ लिया।
जल्दी से उठने लगी, लेकिन उसकी टाँग कम्बल में फँस गई।
और अगले ही पल वो बैलेंस खो बैठी, गिरने ही वाली थी कि...
ध्रुवाश ने झपटकर उसे थाम लिया।
अलीना का नर्म होठ उसके सीने पर थे एक पल के लिए दोनों की सांसें थम सी गईं उसकी मुलायम, गर्म सांसें, ध्रुवाश की ठंडी सीने से टकरा रही थीं उसके बाल उसकी गर्दन से चिपक चुके थे अलीना का दिल इतनी तेज धड़क रहा था जैसे कोई उसे सुन सकता हो ध्रुवांश ने उसे कसकर पकड़ रखा था उसकी हथेलियों को अलीना की कमर की नर्मी का एहसास हो रहा था।
उस पल ध्रुवांश के अंदर कुछ बदलने लगा उसकी सांस गहरी हो गई। वह खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी निगाहों में एक खतरनाक आग थी।
उसने मन ही मन सोचा This girl is going to drive me insane…” (ये लड़की मुझे पागल कर देगी…)
अलीना ने उसकी धड़कनों की गर्मी को महसूस किया और जल्दी से पीछे हटने लगी वह लड़खड़ाई, लेकिन संभल गई।
“वो… मेरा पैर फंस गया था,” उसने हड़बड़ाते हुए कहा और खुद को सही कर वो तुरंत बाथरूम की ओर बढ़ गई उसके गाल अब भी लाल थे।
ध्रुवांश कुछ देर वहीं खड़ा उसे देखता रहा उसके एक्सप्रेशन हमेशा की तरह काबू में थे, लेकिन उसकी आंखों में जो बेचैनी थी वह किसी से छुप नहीं सकती थी वह धीरे से बुदबुदाया ...
“Damn it, focus Dhruvash. You have work to do… but this girl… she makes me forget everything.”
वह थोड़ा गुस्से में सांस खींचते हुए सोफे पर बैठ गया उसने अपने भीगे बालों को तौलिए से रगड़ते हुए खुद को शांत करने की कोशिश की।
दरवाज़ा बंद होते ही अलीना ने तेज़ी से लैच चढ़ाई और ज़मीन पर बैठ गई जैसे उसके पैरों ने साथ छोड़ दिया हो पीठ ठंडी टाइल्स से टिकी थी लेकिन उसके भीतर मानो आग लगी हुई थी उसकी साँसें इतनी तेज़ चल रही थीं कि खुद को सुनाई दे रही थीं हाथ अपने सीने पर रख उसने दिल को थामने की नाकाम कोशिश की धड़कनें बेकाबू थीं।
"क्या हो गया है मुझे?" उसने खुद से फुसफुसा कर कहा लेकिन खुद ही सवाल का जवाब नहीं दे पाई।
अभी कुछ ही मिनट पहले ध्रुवाश की उँगलियाँ उसकी कलाई को छूती हुई उसकी कमर तक गई थीं... उसकी आँखों में एक अजीब-सा गुस्सा अधिकार और चाहत थी जिसे चाहकर भी अनदेखा नहीं किया जा सकता था और उस एक पल में, अलीना ने खुद को जैसे पूरी तरह खो दिया था वो नज़दीकियाँ… वो आँखें… वो साँसों की गर्मी…
“पागल हूँ मैं… बिल्कुल पागल उसने अचानक उठते हुए कहा, और वॉशबेसिन का सहारा लिया पानी चलाया ठंडे छींटे अपने चेहरे पर मारे पर चेहरा तो जैसे जल रहा था। गाल और कान पूरे सुर्ख हो गए थे जैसे उसकी शर्म और बेचैनी सब कुछ बयां कर रहे हों।
आँखें भरी हुई थीं उसने शीशे में झाँका खुद को देखा आँखें नम होंठ सूखे हुए और कंपकंपाते हुए और उन पर अब भी उसकी उँगलियों की पकड़ का एहसास था।
"ये सब... नहीं होना चाहिए था…" उसने धीमे से कहा लेकिन उसके चेहरे पर शर्म के पीछे छुपी एक हल्की मुस्कराहट भी थी जो वो खुद से भी छुपा रही थी।
वो खुद को टॉवल से पोंछ ही रही थी कि अचानक उसका पैर फिसला और वो सीधे ज़मीन पर गिर पड़ी सिर थोड़ा दीवार से टकराया, लेकिन ज़्यादा चोट नहीं आई।
"उफ्फ..." वो कराहते हुए हँस दी देखा… खुद को भी संभाल नहीं पा रही… क्या हाल कर दिया है उन्होंने मेरा।"
कुछ देर वहीं बैठी रही घुटनों को बाँहों में दबाए माथा टिकाए हुए हर साँस जैसे उसे उनके पास खींच रही थी वो याद कर रही थी
उसके रोंगटे खड़े हो गए थे उस पल… और अब फिर वही अहसास हर नस में दौड़ रहा था।
मुझे कुछ हो रहा है…" उसने फिर बड़बड़ाया और उठकर फिर से शीशे में देखने लगी इस बार खुद से नज़रें मिलाईं और मान लिया कि जो हो रहा है वो सिर्फ एक पल की कमजोरी नहीं थी।
उसने होंठों को दबाया वो मुस्कान छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कामयाब नहीं हुई।
अब क्या होगा?" उसने खुद से सवाल किया, "क्या मैं फिर उनके सामने वैसे ही रह पाऊँगी? क्या वो देख नहीं लेंगे मेरी आँखों में ये सब?"
उसे खुद से डर लगने लगा ध्रुवाश की मौजूदगी उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी बनती जा रही थी ।
सँभाल खुद को अलीना ये उनके लिए शायद बस एक पल हो… लेकिन तुम्हारे लिए? ये सब कुछ है।"
उसकी आँखों में एक बेचैनी थी… लेकिन कहीं गहराई में एक ताजगी भी पहली बार कोई उसे इस तरह छुआ था… जैसे वो सिर्फ उसकी हो।
बाथरूम में अलीना शॉवर ऑन करके खड़ी थी God, मैं क्या सोच रही हूं…” वह खुद को डांटते हुए शॉवर के नीचे खड़ी हो गई।
उधर ध्रुवांश का मन भी शांत नहीं था ।
वह हमेशा से एक्सप्रेशनलेस कंट्रोल्ड पर्सनालिटी का मालिक था कंपनी में उसके गुस्से और स्ट्रिक्ट रूल्स की वजह से लोग उससे डरते थे लेकिन अलीना के सामने वो कुछ ओर है था या शायद उसके मकसद के चलते वो ऐसा कर रहा था जिसका कुछ पता या कहा नहीं जा सकता था।
वह सोफे पर बैठे-बैठे खुद से बड़बड़ाया वो मुझे इतना डिस्ट्रैक्ट क्यों करती है? Damn… her eyes, her soft skin… she’s dangerous for me.”
उसने खिड़की से बाहर देखा सुबह की ताजी हवा अंदर आ रही थी लेकिन उसका दिल अब भी धड़क रहा था।
कूच देर बाद बाथरूम से अलीना बाहर आई।
उसने हल्का सा पिंक सूट पहना था बाल अभी भी थोड़े गीले थे उसने ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठकर सिंदूर और मंगलसूत्र ठीक किया ध्रुवांश ने उसे एक पल के लिए देखा और अपनी नज़रें हटाईं, जैसे कुछ छुपाना चाहता हो।
“Ready?” उसने ठंडी आवाज़ में पूछा।
हा अलीना ने धीरे से जवाब दिया।
लेकिन कमरे का माहौल अभी भी भारी था उस एक टच ने दोनों के बीच एक अजीब सी खामोशी भर दी थी।
अलीना ने अपना बैग उठाया और हल्के से मुस्कुराई चलें?”
ध्रुवांश ने बस सिर हिलाया उसकी आंखें अब भी उस पल में अटकी थीं जब अलीना उसके सीने से लगी थी।
ध्रुवांश ने सीढ़ियों की ओर बढ़ते हुए उसने मन ही मन सोचा If she keeps coming closer like this, I swear… one day I might not stop myself.”🔥
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दूसरी तरफ...
प्रीषा ने एक आख़िरी बार शीशे में खुद को निहारा हल्की सी पिंक कुर्ती, बालों को आधा क्लच में बाँधा हुआ और आँखों में नए सपनों की चमक... आज उसका पहला दिन था ज्वाइन का KK Creations में असिस्टेंट डिज़ाइनर के तौर पर दिल की धड़कनें इतनी तेज़ थीं कि जैसे छाती से बाहर निकलने को तैयार हों।
"गहरी सांस लो प्रीषा... सब ठीक होगा उसने खुद को समझाया और एक बार फिर फाइल्स को बैग में संभाला।
ऑटो से उतरते हुए जैसे ही KK Creations की भव्य इमारत उसके सामने आई, उसकी सांसें थम सी गईं बड़ी-बड़ी शीशे की दीवारें, गार्ड्स की सख़्त निगाहें और अंदर तक जाती रौशनी... सब कुछ प्रोफेशनल और परफेक्ट।
तुम ये कर सकती हो..." अपने मन को समझाती वह अंदर दाख़िल हुई।
रिसेप्शन पर अपने डॉक्युमेंट्स का ज़िक्र किया, और उसे बताया गया कि सीईओ के पास जाकर डायरेक्ट सबमिट करना होगा।
"सीईओ? मतलब अर्णव सर खुद?!"
उसका कलेजा धक् से रह गया।
पता नहीं क्यों उसे डर सा लग रहा था।
प्रीषा ने कांपते हाथों से कॉफी ली जो उसने खुद को थोड़ी राहत देने के लिए फिर वो धीरे-धीरे सीईओ के केबिन की तरफ बढ़ी, हर कदम के साथ दिल की धड़कनें और तेज़ होती जा रही थीं।
दरवाज़ा थोड़ा खुला था।
अंदर से किसी की सख्त आवाज़ आ रही थी "Deadline को मज़ाक मत समझो I want perfection."
वो जानती थी वो आवाज़ किसकी है।
उसने धीरे से दरवाज़ा नॉक कीया लेकीन जवाब नहीं आया।
फिर एक और हल्की दस्तक... और फिर उसने धीरे से दरवाज़ा खोला।
अर्णव अपनी टेबल पर झुका हुआ था कुछ पेपर्स देखता हुआ। वो पूरी तरह उसमें डूबा था प्रीषा ने काँपते हाथों से बैग से फाइल निकाली और खुद को थोड़ा आगे बढ़ाया।
उसी पल...
उसके हाथ में पकड़ी कॉफी का ढक्कन थोड़ा ढीला हो गया... और फिर एक झटका "छपाक!"
कॉफी का कप सीधे अर्णव के कंधे और शर्ट पर गिरा।
एक पल के लिए समय थम गया।
"Shit!" प्रीषा के मुँह से निकला।
अर्णव झटके से उठा उसकी आँखें लाल थी... शर्ट पर कॉफी फैली हुई थी और वो पूरी तरह हैरान और गुस्से में था।
"Seriously? Are you insane?" उसने दहाड़ते हुए कहा।
"मैं... मैं... सॉरी... ये गलती से..." प्रीषा की आवाज़ काँप रही थी आँखें फैल गईं थी।
अर्णव एक पल के लिए उसे घूरता रहा... फिर धीरे से बड़बड़ाया कल भी तुम ही थी... और आज फिर? क्या तुम मुझे पीछा कर रही हो?"
प्रीषा हैरान थी डर के मारे उसके होंठ काँपने लगे नहीं सर मैं बस डॉक्युमेंट्स... मैं जानती नहीं थी कि आप पर गिर....."
Enough अर्णव ने उँगली से दरवाज़े की ओर इशारा किया "Get out... अभी!"
प्रीषा की आँखों में हल्की सी नमी आ गई वो इस जॉब से हाथ नहीं गवाना चाहती थी वो धीरे से पीछे मुड़ी और कांपते कदमों से बाहर निकल गई।
उसके दिल की धड़कनें इतनी तेज़ थीं कि उसे लग रहा था कि अभी बेहोश हो जाएगी।
वो खुद से बड़बड़ाई पहले ही दिन... और मैं क्या कर आई..."
कल कीचड़ आज कॉफ़ी… और अगली बार क्या?" अर्णव गुस्से में बोला और अपने शर्ट को बदलने लगे कॉफी गर्म थीं इसीलिए उसकी थोड़ी सी स्किन भी रेड हो चुकी थी।
बाहर प्रिशा के हाथों की उंगलियाँ आपस में उलझती जा रही थीं मन ही मन वह बार-बार वही सीन दोहरा रही थी जब वह अर्णव के ऊपर कॉफ़ी गिरा बैठी थी दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था चेहरा ज़र्द पड़ चुका था।
ये तो बस पहले दिन है उसने खुद से कहा और मैंने पहले ही उन्हें नाराज़ कर दिया…”
वह अब भी ऑफिस की लॉबी में एक किनारे खड़ी थी जहाँ नई जॉइनिंग वालों की हल्की हलचल थी मगर उसकी नज़रें हर आती-जाती मूवमेंट पर जमी हुई थीं।
तभी सामने से अर्णव का पर्सनल सेक्रेटरी अर्जुन आया।
"Miss Prisha ?" वह मुस्कराते हुए बोला।
जी प्रिशा थोड़ा हड़बड़ाई।
सर ने आपको बुलाया है और हाँ आपको KK की सीनियर फैशन डिज़ाइनर अनाया कपूर के साथ असिस्टेंट डिज़ाइनर के तौर पर introduce करवाना है चलिए मेरे साथ।"
उसका चेहरा पल भर के लिए खिल उठा ये अनाया कपूर वही थीं जिनके डिज़ाइन्स प्रिशा कॉलेज टाइम से फॉलो करती आई थी दिल थोड़ी राहत से भरा मगर अर्णव का चेहरा उसकी आंखों में अब भी किसी भूत की तरह घूम रहा था।
जैसे ही वह अर्णव के केबिन के पास पहुँची अर्जुन ने हल्के से दरवाज़ा खटखटाया।
अंदर से वही गहरी, ठंडी आवाज़ आई Come in."
अर्जुन ने दरवाज़ा खोला सामने शीशे की दीवार के पास बैठा अर्णव अपने लैपटॉप की स्क्रीन पर झुका था।
उसकी आवाज़ बिना ऊपर देखे आई कल कीचड़ और आज कॉफ़ी… ये लड़की कल किस आफ़त का नाम बनेगी सोच रहा हूँ।"
अर्जुन बोला सर कुछ कहा आपने।
उसकी बात सुनकर अर्णव बोला कुछ नहीं बस कुछ लोग कुछ नए तरीके से अपने बॉस से मिलते हैं।
अर्जुन को यह बात समझ नहीं आई लेकिन प्रिशा समझ चुकी थी प्रिशा का दिल जैसे फिर से उछल पड़ा सिर नीचे किए वह खड़ी रही अर्णव ने एक नजर उठाकर उसकी ओर देखा फिर नजरें वापस स्क्रीन पर ले गया।
Don’t think you’re safe just because you weren’t fired,उसकी आवाज़ में सर्द चेतावनी थी तुम्हें हर गलती का हिसाब देना होगा Miss sahani और मैं हिसाब पूरा करता हूँ उसने मन में सोचा।
अर्णव बोला मिस प्रिशा मुझे काम में कोई भी गलती नहीं चाहिए छोटी सी भी गलती आपकी जॉब के लिए मुश्किल हो सकती है।
उसके हर शब्द में मानो सज़ा लिपटी हुई थी।
वहीं खड़ी प्रिशा ने धीरे से ‘जी सर’ कहा और जैसे-तैसे खुद को ज़मीन में गाड़ लिया डर के मारे उसकी उंगलियां कांप रही थीं।
तभी दूसरी ओर से आवाज़ आई Hi, I’m Anaya Kapoor!"
प्रिशा ने पलट कर देखा सामने खड़ी थी उसकी आइडल हल्की मुस्कान, सिंपल लेकिन एलिगेंट ड्रेसेस में और पूरे ऑफिस में एक अलगा ही कॉन्फिडेंस।
"From now on, you’ll be working with me directly. Welcome to KK Creation!"
प्रिशा की आंखें चमक उठीं ये किसी सपने के पूरे होने जैसा था। उसने मुस्कराते हुए सिर हिलाया Thank you ma’am. It’s an honour.”
मगर उस खुशी की चमक के पीछे एक हल्का डर भी था।
वो शख्स जो अपनी एक ठंडी नज़र से किसी को भी जड़ बना सकता था वो आज चुप बैठा था लेकिन उसका अंदाज़ बता रहा था कि ये ख़ामोशी किसी तूफ़ान से पहले की है।
और उस तूफ़ान का नाम था अर्णव कोठारी।
प्रिशा को डर भी लग रहा था लेकिन उसे लग रहा था कि वह उससे बदला ना ले उसे जॉब ना देकर लेकिन यह तो उसकी गलत फेमी थीं वो सोच रही थीं वह कैसे भी करके उससे माफी मांग लेगी ।
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दिशा को जो चाहिए था वो सब अब उसकी मुट्ठी में था उसके पास नाम था, शोहरत थी महंगे ब्रांड्स के ऑफर्स, और सबसे ऊपर बड़े प्रोड्यूसरों से सीधी पहचान उसकी हाल ही में आई फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और उसके बाद तो जैसे उसके लिए बॉलीवुड के सारे दरवाज़े खुद-ब-खुद खुल गए थे मोहित उसे बेहद कीमती गिफ्ट्स देता रहता था ज्वेलरी तक जो उसके हर ऐशो-आराम की वजह था एक्सपेंसिव गिफ्ट्स, लक्ज़री होटलों में डिनर पार्टीज़ में एंट्री हर चीज़ इतनी परफेक्ट थी उसके पास अब किसी चीज़ की कोई कमी नहीं थी।
अब हर बड़े डिजाइनर की पहली पसंद बन चुकी थी वो।
बाहर भव्य की शादी की तैयारियाँ पूरे शबाब पर थीं गेस्ट्स एक-एक करके आने लगे थे पूरा हॉल जगमगा रहा था संगीत, हँसी, और बातचीत की हल्की आवाज़ें हवा में घुल चुकी थीं।
दूसरी ओर... ...
आईने के सामने खड़ी अलिना खुद को देखकर कुछ पल के लिए ठहर सी गई थी Olive ग्रीन रंग के उस भारी कढ़ाईदार लहंगे ने जैसे उसकी नज़ाकत को एक नई परिभाषा दे दी थी ज़री और सीक्विन से सजी उस पोशाक की हर सिलाई में नफ़ासत थी जैसे किसी शायर की नज़्म में रचा हर लफ़्ज़।
उसका स्क्वायर नेक ब्लाउज़ उसकी पतली गर्दन को और उभार रहा था जिस पर जड़ा हुआ चोकर हार रॉयल शानो-शौकत की कहानी बयां कर रहा था माथे पर जड़ी मांग टीका और कानों में झूमते झुमके उसे किसी रजवाड़ी दुल्हन सी हवा दे रहे थे बालों को उसने पीछे से sleek बन में समेटा था जिससे उसका चेहरा और ज्यादा निखरकर सामने आ रहा था।
उसने ध्रुवाश के लिए पहले से ही कपड़े निकालकर रख दिए थे जैसे ही ध्रुवाश ने वो कपड़े पहनकर कमरे में कदम रखा, उसकी चाल और चेहरा दोनों साफ कह रहे थे वो यहाँ सिर्फ औपचारिकता निभाने आया है।
उसके चेहरे पर कोई उत्साह नहीं था आँखों में कोई चमक नहीं थी जैसे शादी के इस जश्न से उसका कोई वास्ता ही न हो।
लेकिन जैसे ही उसकी नजर अलीना पर पड़ी वो पल वहीं थम गया।
वो एक क्षण के लिए ठहर गया उसकी आंखों में अलीना का अक्स ठहर सा गया था। ये लड़की… हर बार उसे हैरान कर देती है आज फिर… कुछ तो था इस लड़की में, जो उसे उसके बुरे मूड से निकालकर सीधा उसकी धड़कनों तक खींच लाती थी।
ध्रुवाश धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ा उसकी आंखें बस अलीना पर टिकी थीं। अलीना ने जब उसकी नजरें अपने ऊपर महसूस कीं तो थोड़ी शरमा गई, लेकिन मुस्कुरा कर बोली आप तैयार हो गए?”
ध्रुवाश ने कोई जवाब नहीं दिया वो बस चलता गया… धीरे-धीरे… उसके करीब फिर अलीना के सामने आकर रुका और बेहद धीमी आवाज़ में बोला
तेरी आँखों में जो जहर है वो कत्ल से कम नहीं
तेरे हुस्न की आग में जले हैं कई बेक़सूर बिन जुर्म के
तू सजती है तो खुदा भी कहता है
मैंने तो बस बनाई थी ये तो क़यामत बन गई 🔥
अलीना पलभर को उसकी बात समझ नहीं पाई उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गईं।
“क्या मतलब?” उसने मासूमियत से पूछा।
ध्रुवाश की आंखों में एक नरमी आई उसने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा मतलब ये कि… तुम आज बहुत ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो… हद से ज़्यादा।”
इतनी सी बात ने अलीना के चेहरे पर फूल खिला दिए उसका दिल जैसे झूम उठा। थोड़ी सी शर्म थोड़ी सी मुस्कान और ढेर सारी खुशी… उसने नज़रे नीची कर लीं और फिर खुद को संभालते हुए धीरे से बोली आप भी बहुत हैंडसम लग रहे हैं।”
ध्रुवाश कुछ पल बस उसे देखता रहा फिर अलीना ने कहा अब चले?”
ध्रुवाश ने बिना कुछ बोले गर्दन हिलाई अलीना ने दुपट्टा सहेजा और ध्रुवाश के साथ-साथ दरवाज़े की ओर बढ़ गई।
दोनों एक साथ नीचे की ओर चल दिए जहाँ सजी हुई लाइट्स की चमक थी ढोल-नगाड़ों की गूंज थी लोगों की हँसी और बातें थी और अब उसमें एक जोड़ी ऐसी थी जो सबसे अलग दिख रही थी।
वैसे तो उसे उसे कुछ खास फ़र्क नहीं था इस शादी से लेकिन बिज़नस से जुड़े लोग ओर मिस्टर अशोक की रेप्यूटेशन की वजह से वो नहीं चाहती थीं कि उसके दादा जी को किसी की बात सुननी पड़े।
निचले लॉन में रंग-बिरंगी लाइट्स की चमक फुलों की भीनी-भीनी खुशबू और शाही सजावट के बीच अब सब कुछ पूरी तरह सज चुका था हर कोने में बस रौनक ही रौनक थी एक से बढ़कर एक बिज़नेस टायकून नामचीन चेहरे और बड़ी हस्तियाँ समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके थे मगर एक ख़ास बात यह थी कि आज मीडिया वालों को साफ़ मना कर दिया गया था "No media allowed inside" क्योंकि यह शाम पूरी तरह से "परिवार और ख़ास मेहमानों" के लिए रखी गई थी।
इसी भीड़ के बीच...
दिशा अपने कुछ करीबी दोस्तों के साथ स्टेज से थोड़ी दूरी पर खड़ी थी उसने आज royal blue कलर का शानदार लेहंगा पहना हुआ था जिसके ऊपर गहरे गले वाला वी-नेक ब्लाउज़ था उसकी नेकलाइन इतनी डीप थी कि उसकी क्लीवेज साफ नज़र आ रही थी उसने जानबूझकर कोई दुपट्टा नहीं लिया था क्योंकि उसे पता था, “Spotlight tonight is mine.”
वो सबके साथ मुस्कुराते हुए बातें कर रही थी, जैसे उसे सबकुछ अपने हाथ में लगता हो तभी उसकी एक दोस्त ने हँसते हुए कहा,
"यार, वो तेरी छोटी बहन के साथ जो लड़का खड़ा है, वो कौन है? Damn! He's drop-dead handsome! मैंने तो आज तक इतना हॉट लड़का नहीं देखा!"
दिशा के चेहरे पर चुटकी में नाराज़गी आ गई उसके चेहरे की मुस्कान एक पल में गायब हो गई और वो झुंझलाकर बोली
Shhh! चुप रहो यार... आज इतने स्पेशल दिन ओर में उसका नाम नहीं सुनना चाहती सो प्लेसी शट अप यार आज सबके लिए सरप्राइज़ है मैं कह रही हूँ उसे देखकर सबकी आँखे फटी की फटी रह जाएंगी।"
तभी...
उसके फोन में एक मैसेज आता है। स्क्रीन पर एक नाम चमकता है He’s here उसका दिल ज़ोर से धड़कता है और वह अपने दोस्तों को वहीं छोड़ती हुई तेज़ी से बाहर निकल जाती है।
कुछ ही पलों बाद जैसे ही दिशा वापस अंदर आती है, उसके साथ एक बेहद शालीन, हैंडसम और बेहद अमीर दिखने वाला लड़का भी अंदर दाखिल होता है।
"Mohit..."
महफिल में सन्नाटा छा जाता है सबकी नज़रें उसी पर टिक जाती हैं। उसकी एंट्री इतनी शानदार थी कि बाकियों की मौजूदगी फीकी लगने लगी ऊँचा कद, सिल्क ब्लैक शेरवानी, एक ठंडी मगर आंखे में अजब सी कशिश भरी नज़र वो स्टाइल से चलती हुए आगे बढ़ रहा था।
दिव्या और पिता संजय जो उस समय अपने गेस्ट्स से बात कर रहे थे, उन्होंने जैसे ही मोहित को देखा, उनकी आँखें हैरानी से फैल गईं।
दिव्या दौड़ती हुई उनके पास आती हैं
"अरे बेटा, आप? आप यहाँ...?"
मोहित ने हल्की मुस्कान दी लेकिन कुछ बोलने से पहले ही दिशा बीच में बोल पड़ी Mom, यही है मोहित... मेरा बॉयफ्रेंड, जिसके बारे में मैं आपसे बात कर रही थी।"
उसकी बात खत्म होने से पहले ही...
दिव्या का चेहरा जैसे खिल उठा उनकी आँखों में एक अलग ही चमक आ गई थी ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें कोई सपना सच होता दिख रहा हो।
आख़िर मोहित... मोहित सक्सेना... Saksena Empire का इकलौता वारिस, देश की दसवीं सबसे अमीर फैमिली का हिस्सा, करोड़ों की संपत्ति का मालिक और अब, उनकी बेटी दिशा का बॉयफ्रेंड।
दिव्या मन ही मन सोच रही थीं क्या चाहिए हमें अब? लड़का तो ऐसा मिल गया है, जिसे पाने का सपना लोग देखते रह जाते हैं हमने तो बस एक प्रोजेक्ट के बहाने उन्हें इनविटेशन भेजा था, सोचा था शायद आ जाएं... मगर वो दिशा के लिए आया हैं ये तो सोचा भी नहीं था अब हमारी तो किस्मत ही खुल गई!"
वो खुशी से दिशा और मोहित को देखकर मुस्कुरा रही थीं, जैसे कह रही हों अब हमारी बेटी की ज़िंदगी में कुछ भी अधूरा नहीं रह गया... अब पता चलेगा अलीना ओर मिस्टर अशोक को क्यूंकि भले ही वो अलीना को कितना भी प्यार करते हैं लेकिन वो कभी कभी अपने बिज़नस पर दाव पर नहीं लगा सकते।
दिशा का वो अब बॉयफ्रेंड था जाहिर था उसका अब इस घर में आना जाना रहेगा और वो इस मौके को जाने तो नहीं दे सकते थे उसे नाराज़ कर।
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शादी का माहौल जितना रौनक भरा था उतना ही मतलब भरा भी मोहित के इर्द-गिर्द बड़े-बड़े बिज़नेस टायकून, फाइनेंसर और फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर घूम रहे थे हर कोई चाहता था कि उससे हाथ मिला ले, पहचान बना ले, ताकि आगे चलकर किसी न किसी तरह का फायदा उठाया जा सके।
Mr. Virani भी इस मौके को हाथ से नहीं जाने नहीं दिया था
आख़िर उनके पास भी दौलत की कोई कमी नहीं थी लेकिन मोहित जैसा पावर उन्हें अभी भी नहीं मिला था अपने आने वाले फ्यूचर को बेहतरीन बनाने के लिए क्या पता उनके भी किस्मत का ताला खुल जाए।
मिस्टर अशोक की बात करें तो भले ही बाहर से वो हमेशा उनको डांट दिया करते थे खासकर जब बात दिशा की होती थी लेकिन अंदर ही अंदर वो भी इस रिश्ते से खुश थे आखिर मोहित की मौजूदगी का मतलब सिर्फ दामाद नहीं बल्कि एक ताकतवर साझेदार भी था। और दिशा… भले ही वो उनके लिए अक्सर चिंता की वजह रही हो, लेकिन वो थी तो उनकी पोती ही। और आज, वो अपनी जिंदगी के सबसे अहम मोड़ पर खड़ी थी।
चाहे कुछ भी ह दिशा के बहाने उनके हाथ वो कनेक्शन लग गया था जो उनके सालों पुराने सपनों को हकीकत में बदल सकता था।
इसी बीच मंडप की ओर शानदार सजावट के बीच भव्या और मिहिर पवित्र अग्नि के सामने बैठे थे पंडित जी की गंभीर आवाज़ में मंत्र गूंज रहे थे और हवा में गुलाब और चंदन की मिली-जुली खुशबू तैर रही थी अग्निकुंड की लपटों में दोनों के चेहरे चमक रहे थे जैसे हर फेरे के साथ एक नई शुरुआत की रोशनी उभर रही हो।
इस शादी में हर चेहरा मुस्कुराता हुआ था पर हर मुस्कुराहट के पीछे कोई ना कोई मकसद छिपा था कोई रिश्तों को जोड़ने आया था तो कोई कुछ और इरादे से ।
लेकिन एक बात साफ थी आज मोहित सबसे बड़ा चेहरा था और हर नजर उसी पर।
शोरगुल, वो चमकती रौशनी, और शादी की महफिल का शोर... सब कुछ था वहाँ, मगर मोहित की आँखें किसी एक शिकार को तलाश रही थीं भीड़ में चेहरे बहुत थे, लेकिन उसके लिए बस एक चेहरा था एक जिस्म था जिसे वो निगल लेना चाहता था अपनी आँखों से।
दिशा उसकी बाँहों में थी मगर उसकी सोच कहीं और।
बेबी क्या तुम मेरे लिए ड्रिंक लेकर आ सकती हो मोहित ने मुस्कुरा कर कहा लेकिन वो मुस्कान सिर्फ होंठों तक सीमित थी आँखों में झुंझलाहट थी दिशा कब से उसके साथ थीं अब तो उसे भा इरीटेशन हो रही थी उससे।
दिशा ने इठलाते हुए कहा, "Waiter...?"
चारों तरफ निगाह दौड़ाई, मगर कोई नहीं दिखा।
में लेकर आती हु वो खीजते हुए बोली और वहां से हट गई।
बस उसी पल मोहित की नजरें ठहर गईं आँखों में आग लग गई।
वो थी अलीना एक पल के लिए वक़्त जैसे रुक गया मोहित की साँसों की रफ्तार तेज़ हो गई।
हरे रंग के लहंगे में अलीना का पेट झलक रहा था दूध जैसा गोरा, रेशमी और नाजुक कमर से ऊपर जाती चोली से उसके शरीर के हर curve की कहानी बयान हो रही थी।
Damn… she's too sexy yaar मोहित के होंठों से खुद-ब-खुद निकला ये लड़की... ये आग है यार... इसे पाना है मुझे किसी भी कीमत पर।"
मोहित के होठों के कोनों पर एक जहरीली मुस्कान फैल गई उसकी आँखें अब शिकार की तरह अलिना के जिस्म को नाप रही थीं जैसे कोई शिकारी अपने शिकार को निगलने से पहले उसे महसूस कर रहा हो।
उसकी निगाहें अलीना के जिस्म को चीरती चली जा रही थीं जैसे आँखों से ही उसे छू लेना चाहता हो।
उसकी कमर, उसके लिप्स, वो आंखें लगता हैं भगवान ने बड़ी फुर्सत से बनाया हो उसे अपने सीने पर हाथ फिराते हुए वो बुदबुदाया मुझे उसके अंदर उतर जाना है मुझे वो चाहिए मेरी बनके उसे तोड़ा जाए जिसे वो कभी जोड़ ना पाए मुझे ये किसी भी हाल में चाहिए… चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े…"
उसने एक पल को अपनी छाती को मसलते हुए हल्की सी कराह भरी एक प्यास, जो उसे अब चैन नहीं लेने दे रही थी उसका वो खुला गोरा गोरा पेट का हिस्सा जैसे उसकी हवस को और हवा दे रहा था।
तभी क्या कहा तुमने?" दिशा की आवाज़ ने उसका ध्यान भंग कर दिया।
मोहित का चेहरा एक पल के लिए ज़रूर सख्त हुआ… लेकिन उसने खुद को संभाल लिया तेज़ी से पीछे मुड़कर चेहरे पर वही नकली, मीठी मुस्कान ओढ़ते हुए बोला मैं तो तुम्हारे बारे में सोच रहा था बेबी… तुम आज सच में कहर ढा रही हो…"
उसकी बात सुनकर दिशा का चेहरा खिल गया वो धीरे से उसके पास आकर उसकी बांह पर उँगली फेरते हुए बोली और तुम भी… तुम भी कुछ कम नहीं लग रहे, मोहित… मन कर रहा है, इसी वक्त तुम्हें..."
वो रुक गई आँखों में शरारत भरकर बोली खा जाऊँ…"
मोहित ने उसकी कमर जकड़ ली लेकिन उसके दिमाग में अलीना थी।
बातें दिशा से हो रही थीं मगर नज़रों से वो अलीना को नोच रहा था हर शब्द के पीछे उसका मन बस एक ही नाम चिल्ला रहा था अलीना..... "
मोहित हँसते हुए बोला, “Baby… अलीना का हसबैंड तुमने बताया था… मिलवाओगी नहीं?”
दिशा ने चालाकी से मुस्कुराकर सिर हिलाया हाहा… क्यों नहीं? चलो… खुद ही मिलवा देती हूँ। आफ्टर ऑल जीजा जी को जानना तो बनता है ना?”
वो मोहित को लेकर आगे बढ़ती है, और तभी दूसरी तरफ़ से अलीना भी उस जगह पर आती है ।
मोहित की नज़र जैसे ही ध्रुवाश पर पड़ी उसकी हँसी हल्की सी डगमगाने लगी।
दिशा, थोड़ी नाटकीयता के साथ बोली, “अलीना तुम मोहित को तो जानती ही हो… प्रोजेक्ट में साथ काम किया है ना? पर चलो… अब फिर से प्रॉपर्ली मिल ही लो… मीट हिम my boyfriend Mohit Saxena!”
मोहित आगे बढ़ा, हाथ आगे करते हुए Hey, nice to meet you...
ध्रुवाश ने बिना किसी भाव से हाथ आगे बढ़ाया लेकिन हाथ मिलाते ही उसके चेहरे का तेज़ ऐसा था कि मोहित की हँसी वहीँ सूख गई।
मोहित थोड़ी अकड़ के साथ बोला, “वैसे… किस फैमिली से हो और करते क्या हो?”
दिशा मन ही मन हँस दी उसे पता था कि मोहित जानबूझकर उसे नीचा दिखाने के लिए ये सब पूछ रहा है।
ध्रुवाश, पूरी ठंडक के साथ बोले कोई बड़ी बात नहीं… मामूली सी नौकरी है मेरी।" 🔥
मोहित, मौका पाते ही ज़हर घोलने लगा, वेटर टाइप कुछ? लुक्स तो वैसे ही हैं… राइट?” और खुद ही ज़ोर से हँसने लगा।
ध्रुवाश, बस बिना किसी एक्सप्रेस सा उस अजीब आदमी को देखे जा रहा था।
तभी अलीना, जो अब तक शांत खड़ी थी, अचानक सामने आई। उसकी आँखों में गुस्सा साफ़ दिख रहा था वो मोहित की तरफ देखकर बोली कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता, और किसी की मेहनत का मज़ाक उड़ाना सबसे छोटी सोच होती है!"
मोहित का चेहरा लाल हो गया शर्म और झेंप सेलेकिन ध्रुवाश अब भी उतना ही शांत था।
और तभी उसकी आवाज़ गूंजती है धीमी, मगर इतनी भारी कि हवा थम जाती है…
"जो आदमी दूसरों की कमाई को तौलता है वो खुद कभी वजनदार नहीं होता..." 🔥
ध्रुवाश की ये बात सुनकर माहौल एकदम ठंडा पड़ गया और मोहित की हँसी अब पूरी तरह गायब थी ध्रुवाश अब सीधे मोहित की आँखों में देखकर बोला क्या हुआ चुप क्यों हो गए क्या कुछ गलत कहा मैने।
मोहित चुपचाप मुंह फेरकर निकल जाता है वही दिशा भी दोनों को घूरते हुए निकल जाती हैं वहीं उन दोनों को ऐसे देख अलीना के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
चलो दोनों सिर दर्द चले गए चलो कुछ खाते हैं, मुझे बहुत भूख लगी है इतना बोल कर वह उसका हाथ पकड़ लेती है और उसे अपने साथ लेकर जाती हैं जहां खाना रखा हुआ था।"
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