हिमाचल की पहाड़ियों में एक ऐसी अनोखी प्रथा है, जहाँ एक लड़की को परिवार के सभी भाइयों से विवाह करना पड़ता है। इसी प्रथा की बलि चढ़ती है उर्मी, जिसे मजबूरी में सिंघानिया परिवार के तीनों भाइयों की पत्नी बनना पड़ता है। एक साधारण लड़की की जिंदगी अच... हिमाचल की पहाड़ियों में एक ऐसी अनोखी प्रथा है, जहाँ एक लड़की को परिवार के सभी भाइयों से विवाह करना पड़ता है। इसी प्रथा की बलि चढ़ती है उर्मी, जिसे मजबूरी में सिंघानिया परिवार के तीनों भाइयों की पत्नी बनना पड़ता है। एक साधारण लड़की की जिंदगी अचानक बदल जाती है जब उसका एक नहीं, बल्कि तीन पति होते हैं। क्या उर्मी इस अजीब परंपरा को स्वीकार कर पाएगी? क्या तीनों भाई उसके जीवन को प्यार और अपनापन देंगे या उसकी दुनिया तकरार और रहस्यों में उलझ जाएगी? तीन पतियों के बीच बँटी उसकी भावनाएँ आखिर किस अंजाम तक पहुँचेंगी? यह कहानी है एक ऐसी स्त्री की, जिसकी किस्मत ने उसे बना दिया एक नहीं… पूरे तीन रिश्तों का हिस्सा।
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एक बहुत ही बड़ा, शानदार कमरा। सफेद मखमली बेडशीट पर बिखरी गुलाब की पंखुड़ियाँ थी। हल्की-हल्की लाइट्स की झिलमिलाहट जल रही थी।, इस आलीशान कमरे के बीचोंबीच बैठी थी उर्मी शर्मा एक 18 साल की नाजुक, मासूम और बेहद ख़ूबसूरत लड़की। आज उसकी सुहागरात थी।
लेकिन ये रात किसी एक पुरुष के साथ नहीं तीन पतियों के साथ थी। उसके होंठ काँप रहे थे, मन कांप रहा था, पर चेहरे पर एक शांत मुखौटा था।उसका दिल हर बीतते पल के साथ तेज़ धड़क रहा था । तीन लड़कों के साथ सेक्स करने की बात से ही उसकी जान जा रही थी। वह कैसे एक साथ तीनों को झेल सकती हैं। वह बार-बार अपनी सास वसुंधरा देवी की बातों को याद कर रही थी – “उर्मी, ये घर अब तेरा है। और तेरे पतियों की सेवा ही तेरा धर्म है। मुझे जल्द ही वारिस चाहिए।”
उर्मी की शादी सिंघानिया खानदान के तीन बेटों से हुई थी। विराज, कियान और आरव। मुंबई के सबसे अमीर और रहस्यमयी घरानों में से एक।सामने की दुनिया को लगता था कि ये परिवार परंपराओं में यकीन नहीं रखता । लेकिन हकीकत ये थी कि वो आज भी कई पुराने रिवाज़ निभा रहे थे, जैसे कि एक ही लड़की की शादी तीन भाइयों से कर देना।
उर्मी ने आज लाल रंग का भारी जोड़ा पहना था। चेहरे पर हल्का सा मेकअप आंखों में काजल, होंठ गुलाबी, और दिखने में काफी खूबसूरत और सुडोल थी डर, उलझन और न जाने क्या-क्या अभी उसके मन में चल रहा था।
तभी कमरे का दरवाज़ा खुला। विराज और कियान कमरे में दाख़िल हुए।दोनों बेहद हैंडसम, उनकी हाइट 6 फिट होगी। दिखने में क्या बवाल लग रहे थे।वो दोनों ही सादे लेकिन क्लासिक कपड़ों में थे।व्हाइट शर्ट, ब्लैक जींस। कियान के हेयर थोड़े बड़े थे। जो कि उसे और भी ज्यादा एक्सट्रीमली हॉट बना रहेथे।
कियान ने मुस्कुराते हुए कहा “भाई… सच में, सब्र का फल मीठा होता है। कितनी प्यारी बीवी है हमारी…”
वो उर्मी के पास आकर बैठ गया। उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे उसने किसी सपने को पा लिया हो। लेकिन विराज… बिल्कुल ठंडा था। उसकी आंखों में न कोई चाहत, न कोई एक्साइटमेंट दिख रही थी। बस एक सवाल उसने पूछा – “क्या तुम तैयार हो…? आरव आज नहीं आएगा। और जब तक वो तुम्हें बीवी नहीं मानेगा, तब तक हम दोनों ही तुम्हारे पति हैं।”
उर्मी कुछ बोल नहीं पाई। वो बस सिर झुकाकर बैठी रही।
और फिर उसका मन फ्लैशबैक में चला गया
[फ्लैशबैक शुरू होता है]
वसुंधरा देवी तीनों भाइयों की मां एक औरत, जो उम्र में 55 की थी, लेकिन दिखने में 30 से कम। उसके तीनों बेटे इतने हैंडसम है तो इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि उनके मॉम डैड कितने खूबसूरत होंगे। उसके पास दो पति थे।
दुनिया जानती थी सिर्फ बृजमोहन को, लेकिन असल में उसका दूसरा पति था। योगराज। बृजेश मोहन और योगराज दोनों ही भाई थे। और दोनों की शादी क्यों वसुंधरा से हुई थी। योगराज भी एक बेहद हैंडसम थे। वो अभी 58 के थे। लेकिन दिखने में 40 इयर्स के टोल्ड हेर हैंडसम सूगर डैडी टाइप लगते थे। कोई लड़की देखे तो बस देखते ही रह जाए।
क्योंकि दुनिया की नजरों में वह अभी सिंगल है तो कल सारी लड़कियां उन पर लाइन मारती है।लेकिन हकीकत ये थी कि वो शादीशुदा था। और उसकी पत्नी वसुंधरा, उसकी दुनिया।ओर वो अपनी वाइफ से बहुत प्यार करते हैं। आरव उनका बेटा है और विराज ओर कियान बृजमोहन के। तीनों एक से बढ़कर एक। किसी को भी कंपेयर नहीं किया जा सकता था।
एक दिन योगराज ने विराज से कहा – “तुम लोगों की शादी तय कर दी गई है, बेटा।”
विराज ने बस एक ठंडी रिएक्शन के साथ कहा “आपने तय किया है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं।” वो फिर अपने ऑफिस के लिए निकल गया। वह सिंघानिया कंपनी का सीईओ था। उसकी कंपनी इंडिया की बेस्ट कंपनियों में से एक थी। मुंबई में बहुत नाम था उनका।
अब कहानी जाती है उर्मी की तरफ
उर्मी एक अनाथ थी। उसके माता-पिता एक एक्सीडेंट में मारे गए थे। उसे पाला उसके चाचा-चाची ने… लेकिन प्यार कभी नहीं दिया। बस काम करवाया, और अपमान दिया। लेकिन जैसे तैसे तो वह अपनी पढ़ाई कर रही थी।
कमल उर्मी के चाचा योगराज की कंपनी में एक छोटे से पोजीशन पर काम करता था। कर्ज़ में डूबा हुआ आदमी, जिसके पास कोई रास्ता नहीं था। उसने योगराज से लोन माँगा… और बदले में योगराज ने कहा – “अपनी भतीजी की शादी मेरे बेटों से करवा दो।”
योगराज ने कई बार उर्मी को देखा था वह बहुत शांत रहती थी पढ़ाई लिखाई में भी काफी अच्छी थी जिस वजह से उन्हें लगा कि यह परफेक्ट होगी हमारे घर की बहू।
कमल मान गया।2 करोड़ रुपये के बदले में, उसने उर्मी को बेच दिया। उर्मी की चाची सरला तो झट से उसे शादी के लिए तैयार करने लगी। उर्मी चाहकर भी विरोध नहीं कर पाई।
उसने जान लिया था। “अगर मैंने मना किया… तो शायद मेरी जान ले ली जाएगी।”
शादी दो दिन में कर दी गई।किसी को सोचने का मौका नहीं मिला।शादी सिर्फ घरवालों के सामने हुई। क्योंकि दुनिया के सामने तो वो उसे सिर्फ विराज की वाइफ बनाकर रिवील करेंगे।
अब फिर से वापस आते हैं सुहागरात की रात पर।
उर्मी की आंखें झपकती हैं।विराज अब भी खड़ा है।
कियान पास बैठा है। आरव वो नहीं आया था। उर्मी सोचती है। "कान्हा जी कहां फंसा दिया आपने मुझे अब मैं क्या बोलूं..?
To be continued.......
✨मैं Story Mania पर एक नई writer हूँ।
नई होने के कारण मुझे यहाँ अपना एक छोटा-सा सफर शुरू करना है, और इस सफर में आपका साथ मेरे लिए बहुत कीमती है।
मैंने यह कहानी पूरी दिल से लिखी है और चाहती हूँ कि आप सभी इसे पढ़ें, महसूस करें और अपने विचार मेरे साथ साझा करें। आपके comments और reviews मेरे लिए सिर्फ शब्द नहीं होंगे, बल्कि वो मेरी लिखाई की ताकत और आगे बढ़ने का हौसला बनेंगे।
अगर आपको मेरी कहानी में कुछ अच्छा लगे तो ज़रूर बताइए, और अगर सुधार की ज़रूरत लगे तो वो भी खुलकर कहिए—क्योंकि readers की सच्ची प्रतिक्रिया ही एक writer को निखारती है।
आपका हर छोटा-सा support, हर एक comment और हर review मेरे लिए बहुत मायने रखेगा।
कृपया मेरी writing journey का हिस्सा बनकर मुझे प्रोत्साहित कीजिए। 🌸
अब फिर से वापस आते हैं सुहागरात की रात पर।
उर्मी की आंखें एक बार फिर झपकती हैं। सामने खड़ा विराज अब भी वैसा ही शांत और ठंडा चेहरा लिए देख रहा है। उसके चेहरे पर कोई भावना नहीं, कोई नरमी नहीं। जैसे किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत होनी हो।
कियान अब भी पास बैठा है… उसकी आंखों में चमक है, मुस्कान है… लेकिन वो मुस्कान उर्मी को डरा रही थी।
आरव… नहीं आया था।
उर्मी ने अपनी उंगलियों को आपस में कस कर भींचा। माथे पर पसीने की हल्की सी परत आ चुकी थी।
उसने मन ही मन सोचा -"कान्हा जी… कहां फंसा दिया आपने मुझे…? अब मैं क्या बोलूं? क्या करूं? कोई रास्ता नहीं दिखता… ये रिश्ता कैसा है जिसमें प्यार का नाम नहीं, बस अधिकार है…?"
कियान हल्के से मुस्कुरा कर उसके चेहरे से घूंघट हटा देता है। "तुम घबराओ मत, डियर वाइफ… हम तुम्हें कोई तकलीफ नहीं देंगे। पर इतना जरूर है कि अब तुम हमारी हो। और आज की रात हमारी है…"
उर्मी कुछ नहीं बोल पाई। उसकी आवाज जैसे गले में ही अटक गई थी।तभी विराज की सख्त आवाज गूंजती है।
"कियान… सब्र रखो। पहले ये बता दे, उर्मी क्या तुम तैयार है? हम कोई जबरदस्ती नहीं करना चाहते। अगर मना करेगी, तो हम चुपचाप चले जाएंगे।"
विराज की आवाज़ में भले ही सख्ती थी, पर शब्दों में एक सीधा सा मतलब था। कि वो इसकी परमिशन लिए बिना कुछ भी नहीं करेंगे।उर्मी की आंखें भर आई थीं। उसने अपना चेहरा झुका लिया… और धीमे से बोली, "हां मैं तैयार हूं।
कुछ पल के लिए कोई कुछ नहीं बोल रहा था एकदम शांति छा गई थी। कियान की आंखों में चमक आ गई वह एकदम से उर्मी के पास आ गया और उसके दोनों हाथों को अपने हाथ में ले लिया। कियान तो उसके लिए पागल हो रहा था इसका लिटिल बड़ी उसे परेशान भी कर रहा था कब से वह सोच रहा था कि उसकी फर्स्ट नाइट कब होगी और आज वह दिन आ ही। उसने फर्स्ट टाइम जब उर्मी को देखा था तब से ही वह उसे लाइक करने लगा। "आई लव यू, वाइफ…आई प्रॉमिस मैं बिल्कुल भी वाइल्ड नहीं बनूंगा। मैं जैंटल रहूंगा…
उसने उर्मी के हाथों पर धीमे से किस किया और फिर उसके कान के पास झुककर फुसफुसाया "और हां… मैं भी तुम्हारा वर्जिन हूं। मेरी मॉम ने हमेशा कहा था। हमारी एक ही वाइफ होगी, और उसी के साथ सब कुछ शेयर करना है। हम तीनों भाई एक-दूसरे से दिल से जुड़े हैं। और अब हम दोनों तुमसे भी बहुत… बहुत प्यार करते हैं।ओर आरव भी तुमसे बहुत प्यार करेगा।
उर्मी की आंखों से फिर एक बूंद आंसू गिर पड़ा, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसा रिश्ता है उसके लिए यह सब कुछ अनकंफरटेबल था लेकिन फिर भी वह स्माइल करती है। कियान की बातें कहीं ना कहीं तो उसे दिल को सुकून दे रही थी। कियान ने उसके माथे को चूमा… फिर उसके होंठों को। ओर फिर उसके हाथ खुद ब खुद उसके कमर के पास लपट गए और उसके होठों पर वह पेशेंट के लिए किस करने लगा। धीरे-धीरे उसने उसकी चूड़ियां और उसके चेहरे पर का घूंघट उसके पीछे उसके कान के सब कुछ उतार के फेंक दिए।
विराज उन दोनों को देख रहा था उसके चेहरे पर कुछ खास रिएक्शन नहीं थे। लेकिन वह भी थोड़ा सा इंटेंस हो रहा था। वह अपने सलाइवा को गटकता है। विराज उसके पीछे आया, और उसकी गर्दन पर एक सुकून भरा, गर्दन पर किस करने लगा। उसके बेड पर उसे अपने होठों के मोहर को छोड़ने लगा।
विराज उसके कान के पास, उससे एकदम इंटेंस वॉइस में
"मुझे सिर्फ तुम्हारी परमिशन चाहिए थी। अब जब वो मिल गई है। तो क्या हम… शुरू करें?"
उर्मी ने अपनी आंखें बंद कर लीं। और सिर हल्के से हां में हिला दिया। उसके उस इशारे के साथ। अब विराज पीछे से उसके ब्लाउज के हुक खोल देता है। वहीं पर वो उसके बेक पर किस करते हुए। उसके गर्दन पर लव बाइट छोड़ने लगा।
ओर कियान ने आगे से उसकी ब्लाउज निकाल दी। और धीरे-धीरे उसकी सारी भी खुल गई। अब वो तीनों ही नेकेड द लाइट बंद हो चुकी थी। कियान अब पूरी तरीके से मदहोश हो चुका था। वो उसके होंठों को सुनते हुए उसके गर्दन के पास आकर उसके परफेक्ट ब्रेस्ट को सहलाने लगता है। धीरे-धीरे वो और भी मदहोश होने लगा था। वो उसके ब्रेस्ट को एंजॉय करता है। उसके हाथ में वह बिल्कुल परफेक्ट थे वह उसे प्रेस करता है तो उसकी हल्की सी मीठी दर्द निकलती है वह दर्द विराज निकलने नहीं देता है और उसके होठों में अपने वोट रखे जीव अंदर घुसा देता है। और उसे फ्रेंच किस्स करने लगता है। उसके दोनों हाथ उसके बालों को सहला रहे थे।
ओर कियान के हाथ अब उसकी लोअर बॉडी के पास थे कमर पर। उसकी हाथों के छाप छप रहे थे। अब वो धीरे से उसके अंदर फिंगरिंग करता है। तो उर्मी की सबसे तेज हो जाती है। वो वह गहरी गहरी सांस लेती है तो उसका ब्रेस्ट ऊपर नीचे हो रहा था जिसे देखकर तो विराज की आंखें और भी नशीली हो जाती है और वह उसे टेस्ट करने लगता है। वह दूसरे हाथों से उसे प्रेस कर रहा था और एक को अपने मुंह में ले रखा था। अब उर्मी भी इसमें इंटरेस्ट लेने लगी थी।
उसे काफी अच्छा लग रहा था। कियान अब धीरे से अपने लिटिल बेबी को उसके बॉडी के अंदर डालता है तो उसकी एक चिकनी निकलती है। लेकिन कियान धीरे से उसके ऊपर जाकर कानों के नजदीक जाकर। "बस थोड़ा सा दर्द होगा वाइफी,, उसके बाद तुम्हें काफी मजा आएगा।
विराज भी अब कंट्रोल नहीं कर सकता था उसके रोंगटे खड़े हो गए थे और साथ में कुछ और भी वह अपने भाई को इशारा करता है तो लगभग आधे घंटे बाद वह साइड हटता है। तब विराज उसके ऊपर आकर अपने लिटिल बडी को उसके बॉडी के अंदर इंसर्ट करता है। ओर काफी देर तक वह दोनों बड़ी-बड़ी से यह सब कुछ करते रहते हैं।
उनका मन भर ही नहीं रहा था कई राउंड लेने के बाद भी। उर्मि तो बेहोश हो चुकी थी कब तक उन दोनों को वह एक सह पाती। कॉफी राउंड लेने के बाद जब दोनों थक जाते हैं तो उसके ऊपर ही आकर सो जाते हैं।
उर्मी की आंखें खुलीं तो धूप की एक हल्की किरण उसके चेहरे पर आ पड़ी थी। उसका चेहरा अभी भी एक अलग ही गला कर रहा था। धूप की रोशनी में और भी ज्यादा चमक रहा था। उसने करवट बदलनी चाही। पर जैसे उसकी पूरी देह दर्द से कराह उठी। "आह…" उसके होंठों से एक अनचाहा दर्द उभरा।
उसने नज़रें घुमाईं तो देखा उसके दोनों पति… विराज और कियान उसी के ऊपर सोए हुए थे। वो हल्की सी घबराई बहुत धीमे से खुद को खींचती हुई उठी। उसे उठने में भी मुश्किल हो रही थी। कमर में अजीब सा दर्द हो रहा था। वो अपनी साड़ी और ब्लाउज की ओर देखने लगी। हाथ कांपते हुए उसने उन्हें पहना और कदमों में डगमगाहट के साथ वहाँ से भाग निकली।
विराज की आंखें कुछ देर बाद खुलीं। कमरा खाली था।
उर्मी वहां नहीं थी। विराज के चेहरे पर कोई रिएक्शन नहीं थे जैसे यह सब कुछ उसके लिए नॉर्मल सी चीज हो। ना कोई रिग्रेट ना कोई सुकून कुछ भी नहीं दिख रहा था। वह अभी भी शर्टलेस था उसकी मस्त पर्सनालिटी दिख रही थी। क्या अट्रैक्टिव बाइसेप्स इसी से पता चलता है कि वह जिम में कितना टाइम रहता होगा।
वो उठता है। धीरे-धीरे कियान की ओर देखता है जो अब भी नींद में था। फिर बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है। क्योंकि यह रूम कियान का ही था।
उर्मि जैसे ही अपने कमरे में आई दरवाजा बंद किया और दरवाजे के सामने घिसकर कर वहीं पर बैठ गई। उर्मी का रो-रोकर बुरा हाल था। "कान्हा जी…" उसकी आवाज़ टूटी हुई थी। "ये कैसा प्यार है? शादी तो जीवन भर साथ निभाने का वादा होता है न यहां तो बस तन का सौदा हो गया
मन का कोई मोल नहीं। क्यों भेजा आपने मुझे इस नरक में?
क्यों?"
वो सिसकियों में डूबी थी, पर उसकी आंखों में अब आंसू नहीं। अपने कान्हा जी से शिकायत थी और टूटा हुआ उसका विश्वास। क्या कुछ नहीं सोचा था उसने अपनी लाइफ के बारे में और कहां आ चुकी है।
उसने नज़रें कमरे की ओर उठाईं। तो एक पल के लिए वह उसमें खो ही गई। कमरा तो जैसे किसी राजकुमारी के लिए सजा हो। हर चीज़ उसकी पसंद की। गुलाबी पर्दे, किताबें, म्यूज़िक बॉक्स, फेयरी लाइट्स। पर सब अब उसे खाली और दिखावा लग रहा था। "क्या इस कमरे का प्यार मेरे लिए था? या बस दिखावा?"
वो लड़खड़ाते हुए अपने वॉशरूम की तरफ बढ़ी। आंखें सूज गई थीं। चेहरा फीका पड़ चुका था। बाल भी बिखरे हुए थे और मेकअप भी। वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।
[कुछ देर बाद]
नहा कर बाहर आई। लाल रंग की एक बेहद प्यारी, सादगी भरी साड़ी पहन ली। जो की बहुत ही ज्यादा प्यारा लग रहा था उसकी बॉर्डर गोल्डन जोड़ी का वर्क था। काफी लग्जरियस और एक्सपेंसिव साड़ी लग रही थी। गले में भारी सा मंगलसूत्र, माथे पर सिंदूर। पैरों में बिछुए और कांच की चूड़ियां। नई-नवेली दुल्हन का रूप था। और इन सब के पीछे कुछ खाली सा लग रहा था तो उसके चेहरे की खुशी जो नजर नहीं आ रही थी।
वो आईने में खुद को निहारती है। "क्या ये मैं हूं? या किसी और की बनाई हुई एक परछाई?"
तभी धीरे से दरवाज़ा खुलता है। “नॉक-नॉक… मिसेज कियान…”
वो मुड़ती है। दरवाज़े पर वही मुस्कुराता हुआ चेहरा।
कियान। सफेद शर्ट, गले में सटल चेन, और हाथ में एक छोटा सा गिफ्ट बॉक्स। तो इनके बारे में बात करते हैं मुंबई के फेमस सुपरस्टार। काफी सारी फिल्में और बहुत सारी सीरीज में काम किया है और काफी फेमस है। "क्या मैं अंदर आ सकता हूँ…वाइफी..? कियान ने स्माइल करते हुए पूछा।
उर्मी कुछ नहीं कहती। बस नज़रें झुका लेती है। कियान धीरे-धीरे चलता हुआ उसके पास आता है। उसके सामने ज़मीन पर बैठ जाता है। उर्मी थोड़ा अनकंफरटेबल लगने लगा तो वह पीछे जाने लगती है। "रील लाइफ में मैंने बहुत बार लड़कियों को गिफ्ट दिया है। पर रीयल लाइफ में पहली बार दिल से किसी को कुछ दे रहा हूँ।" बड़े ही रोमांटिक अंदाज में वो बोल रहा था।
वो गिफ्ट बॉक्स उसकी गोद में रख देता है। "ओपन करो ना… प्लीज़?"
उर्मी हल्के हाथों से बॉक्स खोलती है। उसमें एक प्यारा सा डायमंड सेट था। जिसे देखकर उर्मी की आंखें बड़ी-बड़ी हो जाती है। क्योंकि यह बहुत लग्जरियस और महंगा लग रहा था। वो कुछ कहना चाहती है। पर बोल नहीं पाती।
कियान उसकी ओर देखता है, बेहद नरमी से। वो धीरे से अपना हाथ बढ़ाकर उर्मी की उंगलियाँ पकड़ता है।उर्मी की पलकों से एक आंसू गिरता है। और कियान उसे अंगूठे से बहुत धीरे से पोछ देता है।
"वाइफी क्या कल बहुत वाइल्ड हो गया था मैं, मैं सच में ऐसा नहीं होना चाहता था आई एम रियली सॉरी…"
वो फुसफुसाता है, "तुम मेरी फर्स्ट लव हो… और वादा करता हूँ, लास्ट भी…"
वो उसका हाथ अपने होंठों से छूता है। कोई हड़बड़ी नही, बहुत ही धीरे और सॉफ्ट टच से बस एक साफ-सुथरी मोहब्बत से। उर्मी अब भी कुछ नहीं बोल रही। लेकिन उसकी उंगलियाँ अब कियान के हाथ से नहीं हट रही थीं।
कियान ने बहुत धीरे से उसके चेहरे की ओर झुकते हुए उसके होंठों पर एक हल्का सा सॉरी किस करता है। हां हां बस स्किन टच है। ना कोई जबरदस्ती ना कोई जल्दबाज़ी बस एक छोटा सा एहसास। "आई एम सॉरी…" उसने बेहद प्यार से फुसफुसाते हुए कहा, "अपने हस्बैंड को माफ कर दो वाइफी…"
उर्मी अब भी कुछ नहीं बोली। उसकी पलकें नीचे झुकी थीं। और कियान थोड़ा परेशान सा उसे देखता रहा। लेकिन फिर वह बिना कुछ कहे मुस्कुराने की कोशिश करता है और पीछे हट जाता है। "ठीक है… तुम जल्दी आ जाना नीचे ब्रेकफास्ट के लिए। और हाँ… आज तुम्हारी फर्स्ट रसोई भी है ना?"
उसने जाते-जाते फिर से उसका माथा प्यार से छूते हुए कहा।
दरवाज़ा बंद हो चुका था, लेकिन उर्मी अब उसकी दी हुई डायमंड नेकलेस को गोदी में रखकर निहार रही थी।
"कान्हा जी…" उसने धीरे से खुद से कहा, "ये कौन सा कन्फ्यूजन है...? ये खुद को समझता क्या है?"
वो हल्की सी मुस्कराई। "जो भी हो… ये नेकलेस तो बहुत एक्सपेंसिव लग रहा है… और… कितना ब्यूटीफुल भी लग रहा है।
वो पहली बार थोड़ा हल्का महसूस कर रही थी।
[दूसरी ओर – वसुंधरा का रूम]
वसुंधरा ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी खुद को आखरी बार शीशे में देखती है। हल्का गुलाबी सारी कानों में मोती की बालियां, और दिखने में काफी सुडौल और परफेक्ट कोई भी देखे तो कोई नहीं बोल सकता है कि यह 50 प्लस की है।
हां हां, होगी क्यों नहीं तैयार, आज अपनी बहू के हाथों का खाना जो खाने वाली थी। तभी पीछे से एक जोड़ी मजबूत बाँहें उसे अपनी ओर खींच लेती हैं। "क्या बात है… आज इतनी सज संवर रही हो?" योगराज उसके कंधों में अपना चेहरा छुपाते हुए धीमे से कहता है।
वसुंधरा मुस्कुराती है, लेकिन एक सलीकेदार ठहराव के साथ
"हम्म… आपको लगता है हम रोज नहीं सजते?" उसने हल्के से खुद को छुड़ाने की कोशिश की। "हटिए अब, हमें नीचे जाना है… सब कुछ संभालना भी है।"
लेकिन योगराज तो यूं पकड़ कर खड़ा है, जैसे उसे कहीं जाने ही ना देना हो। "कमाल की बात है…" वो उसे गौर से देखता है, "आज भी वैसी ही लगती हो, जैसे पहली बार देखा था तुम्हें… मेरा मन कर रहा है, आज कहीं भाग चलें, जैसे पुराने दिनों में भागते थे…"
"छछछछ… जरा भी शर्म नहीं आती है?" वसुंधरा की मुस्कान अब हंसी में बदल रही थी। "अब तो आपके बेटे की शादी हो चुकी है। और आप दादा भी बन जाएगे। मैं दादी बन जाउंगी।"
योगराज धीरे से उसका चेहरा अपने हाथों में लेता है। "दादी… कोई नहीं कह सकता तुम्हें देखकर। ओर थोड़ा रुक कर।" अगर सब कुछ ठीक चलता, तो क्रिकेट टीम अब तक फुल हो गई होती मेरी!" उसकी आंखों में शरारत थी। "लेकिन अब रिस्क है… जानेमन…"
"हो गया आपका?" वसुंधरा हंसी दबाते हुए बोली।
"अब चलिए नीचे। बहू इंतज़ार कर रही होगी।"
यह दोनों ही कपल काफी यंग लगते हैं काफी हैंडसम और परफेक्ट कपल। जब आरव पैदा हुआ था, उसी वक्त वसुंधरा के पहले पति बृजमोहन की अचानक मौत हो गई थी।
दुनिया को यही बताया गया। की आरव भी बृजमोहन का बेटा है लेकिन वह योगराज का बेटा था।
ये राज सिर्फ दो लोग जानते थे। पारो और शंकर। पारो काफी टाइम से उनके मेंशन के अंदर के कामों को संभालती थी। इस मेंशन की देखभाल करती है। अंदर का हर छोटा-बड़ा काम उसी के भरोसे है। और शंकर जो मेंशन के बाहर की सिक्योरिटी और सीक्रेट्स की परतों का रखवाला है। इन दोनों के अलावा, इस घर की असली कहानी किसी को नहीं पता।
मेंशन के बाहर भी काफी गॉड्स और सेक्रेटरी थे लेकिन किन्हीं को भी मेंशन के अंदर आने की परमिशन नहीं थी।
उर्मी धीरे से किचन की तरफ आती है। इस रेड कलर की साड़ी में और अभी उसने वह डायमंड सेट भी पहन लिया था जो कियान ने उसे गिफ्ट किया था। बाल पीछे बंधे हुए, और हाथ में चूड़ियों की धीमी खनक के साथ वो किचन में दाखिल होती है। "पारो चाची…" उसने धीमे से कहा।
"आ गई बहूरानी… बस आज तुम कुछ मत बनाओ, मैं सब समझा दूंगी… कौन सी चीनी कहां है, नमक कहां है… और हां, आज तुम्हें सिर्फ मीठा बनाना है, बाकी सब मैं देख लूंगी…" पारो ने बहुत अपनापन भरे लहजे में कहा।
उर्मी हल्का सा मुस्कुरा दी। "मीठा… ठीक है, मैं कोशिश करूंगी।"
उर्मि अब किचन में इधर-उधर करना स्टार्ट कर देती है उसे खाना बनाना बहुत अच्छे से आता था। और आज इस घर में उसकी पहली रसोई थी तो वह बहुत मन लगाकर अपना काम करना स्टार्ट कर देती है।
Hlo dear reader 💗 💫 💗.
Please follow kare jo bhi new reader Hai vah bhi follow Karen... Comment kare ..
Or please super fan's Bane ...
Read Karte rahe yah to Abhi bus shuruaat hai...love you all please support me.....
उर्मी अब मीठे के लिए "केसर रबड़ी" बना रही थी । एक ऐसी डिश जो उसकी मां सिखाया करती थी, और जो हर घर के मौके को खास बना देती थी। उसकी उंगलियां बेहद सधे हुए अंदाज़ में दूध को चलाते हुए उसमें केसर के धागे डाल रही थीं। हल्की हल्की खुशबू फैलने लगी थी, और उस पल वो पहली बार इस नए घर को "घर" जैसा महसूस कर रही थी।
थोड़ी ही देर में डाइनिंग टेबल पर सब एक-एक करके आ चुके थे।
वसुंधरा ने हल्के मुस्कान के साथ डायनिंग चेयर खींची और अपने कंधे पर पड़े पल्लू को ठीक करते हुए बैठ गईं। योगराज पहले से वहीं थे।
तभी एक शोर सा हुआ, और विराज वहाँ आ गया। सुपर हॉट ब्लैक एंड ग्रे फॉर्मल्स, टाइट फिटिंग शर्ट, ओपन कॉलर, बाल एकदम परफेक्ट और चेहरे पर किसी भी इमोशन की एक परत तक नहीं थी। उसकी मूव्स में एक अजीब सी ठंडी रॉयलनेस थी, जैसे किसी को फर्क ही न पड़ता हो।
वो अपनी सीट पर बैठा, बिना किसी से कुछ कहे। उसकी आंखें डायरेक्ट उर्मी की ओर उठी थीं, लेकिन घूंघट के उस लाल पर्दे में कुछ भी साफ नहीं दिखा। उसके बाद वहाँ कियान भी आ गया।
थोड़ा कैज़ुअल, लेकिन ब्रांडेड आउटफिट में। उसके चेहरे पर वही सॉफ्ट स्माइल थी, वो आते ही उर्मी की साइड आकर खड़ा हो गया।
"हेल्प चाहिए?" उसने धीमे से कहा, जो सिर्फ उर्मी सुन सकती थी। उर्मी ने हल्का सिर हिलाया "बस रबड़ी रखनी है…"
कियान ने तुरंत ट्रे उठा ली, और डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ गया।वसुंधरा ने सबको प्लेट में सर्व करने का इशारा किया। उर्मी धीरे-धीरे हर किसी के पास रबड़ी रखने लगी।
तभी विराज बोल पड़ा, पहली बार – "हम्म… देखने में अच्छा लग रहा है…"
सब चौंक गए। क्योंकि विराज, जो आमतौर पर बोलता नहीं, ओर आज ऐसे अचानक से उसके बोलने से सभी लोग हैरान थे यहां तक की वसुंधरा तो कुछ ज्यादा ही।
कियान ने हल्के से मुस्कराकर उर्मी को देखा। जैसे मानो कह रहा हो क्या बात है आने के साथ में भाई की बोलते जो बंद रहती थी उसे चालू कर दिया।
वसुंधरा ने अपने बेटे विराज की तरफ देखा और कहां "क्या बात है आज से पहले हमारी तारीफ तो इतने दिल से नहीं की, बहू के आते ही मां को भूल गए।
विराज एकदम ठंडा एक्सप्रेशन के साथ कहां "ऐसा कभी नहीं हो सकता है मॉम, आप हमेशा से फर्स्ट थी और रहेंगे.
उन्होंने विराज की तरफ देखा हल्का सा स्माइल किया।
ओर एक चम्मच चखी, फिर हल्के से मुस्कुरा दी। "सच में बहुत बढ़िया बनाया है उर्मी बहू…"
उर्मी के अंदर कोई हलचल हुई। वो शब्द नहीं कह पाई, लेकिन उसका दिल को अच्छा लगा कि उसके बनाया सबको पसंद आया।
उसी पल योगराज बोले, अपने हमेशा के सीधे-सपाट और टांग खिंचाई वाले अंदाज़ में "अब लगता है, इस घर में मिठास आने लगी है… अब तो जल्दी से तुम लोग मॉम-डैड बन जाओ, तो हम दोनों की टेंशन भी खत्म हो!"
"डैड!" कियान ने झटके से कहा, जैसे बात को रोकना चाहता हो।
वहीं विराज का चेहरा अब भी एक्सप्रेशनलेस था… लेकिन उसकी उंगलियां टेबल पर कुछ सेकंड्स के लिए थमी रहीं।
वसुंधरा ने एकदम झल्लाकर पति की तरफ देखा "हे भगवान! बच्चों के सामने भी कोई इतनी बेशर्म बातें करता है क्या?"
वो कहते-कहते खुद भी मुस्कुरा पड़ीं, लेकिन आंखों में हल्की शर्म थी।
बाकी सब लोग भी हँसी रोकते हुए इधर-उधर देखने लगे ।
कियान ने नजरें झुका लीं, पारो जो दूर से देख रही थी वो भी हँसी रोकने की कोशिश करती हुई पलट गई। उर्मी तो पूरी तरह से घूंघट में छिप गई थी, शायद चेहरा अब गालों तक लाल हो गया था।
तभी ऊपर वाले कमरे से आरव अपने कॉलेज बैग के साथ नीचे उतरता है। ग्रे हुडी और डेनिम में बिलकुल स्मार्ट, कैज़ुअल और उस तेज़ी से चलते हुए अंदाज़ में एक अलग ही स्टाइल था।वसुंधरा ने उसे देखा और आवाज़ लगाई।
"अरे बेटा, कुछ खा तो लो!"
आरव बिना रुके, दरवाज़े की तरफ़ बढ़ते हुए ही जवाब देता है। "नहीं मॉम, लेट हो रहा है कॉलेज के लिए। बाय!"
उर्मि ने जब उसे देखा, तो उसकी साँस अटक सी गई। चेहरा हल्का पीला पड़ने लगा उसे डर लग रहा था। थोड़ी नर्वस भी हो रही थी। आरव वही आरव जिसे वह कॉलेज से जानती थी। उसका सीनियर। कॉलेज की हर लड़की का क्रश… स्मार्ट, रिच, क्लासी, लेकिन हर लड़की की पहुंच से दूर।
और अब अब वो उसका पति था। वह अलग बात है कि अभी उसने उसे एक्सेप्ट नहीं किया था वह इस रिवाज को मानने के लिए खिलाफ था लेकिन मॉम के सामने कुछ बोल भी नहीं सकता।
उर्मि की उंगलियां कांप गई। हल्की सी बेचैनी उसके हावभाव में दिखने लगी। उसी वक्त विराज की निगाह उस पर पड़ी। वो उसकी बेचैनी को समझ गया, लेकिन चेहरे पर वही जाना-पहचाना ठंडा एक्सप्रेशन था। धीरे से बोला "तुम्हें नहीं खाना? कॉलेज के लिए लेट नहीं हो रहा तुम्हें?"
वसुंधरा ने भी बात पकड़ ली। "हां, तुम तो आरव के ही कॉलेज में पढ़ती हो ना? और देखो बहू, मैं उन सासों में से नहीं हूं जो पढ़ने से रोकें। पढ़ाई पूरी करना ज़रूरी है। और घूंघट? इसकी कोई ज़रूरत नहीं… ये सब पुराने ज़माने की बातें हैं।"
वो थोड़ा मुस्कुरा के बोलीं "नॉर्मल तरीके से तैयार हो जाना,ये साड़ी वगैरह तुम्हें यह सब पहन के हमेशा नहीं रहना है और ना ही इसे पहन के कॉलेज जाना है। खाना खाकर कॉलेज चली जाना। लेकिन एक बात ध्यान रखना हमारी फैमिली मैटर घर तक ही रहने चाहिए। दुनिया को यही पता होना चाहिए क्योंकि दुनिया के सामने तुम्हारी शादी सिर्फ विराज से हुई है। और हाँ आज रात रिसेप्शन है। वहीं सबके सामने अनाउंस करेंगे कि विराज की शादी हो चुकी है।"
उर्मि ने धीमे से सिर हिलाया और फिर घूंघट को धीरे से नीचे कर दिया।घूंघट हटते ही जैसे उसका मासूम, सुंदर, प्यारा चेहरा सबके सामने आ गया। वो वाकई बेहद खूबसूरत लग रही थी। शांत और कोमल।
कियान की नज़रें जैसे थम सी गईं। वो बस उसे देखता रहा कुछ पल, बिना कुछ कहे।फिर अचानक घड़ी देखी "ओह नो! मेरा शूट का टाइम हो गया!"
जल्दी से उठा, बैग उठाया और जाते-जाते उर्मि के पास झुका "बाय माय लिटिल वाइफी… अब तो नाइट में ही आऊंगा…"
फिर आँख मार दी और मुस्कुराता हुआ निकल गया। उर्मि बस बैठी रह गई… उसका चेहरा एकदम गर्म हो गया था।
वो झेंप कर चुपचाप कुर्सी पर बैठ गई। वसुंधरा मुस्कुरा रही थीं। योगराज भी उठ गए थे, उन्हें ऑफिस जाना था।
उर्मि ने खाना खाया और फिर धीरे-धीरे अपने कमरे की तरफ बढ़ गई। अब उसे कॉलेज के लिए तैयार होना था।
उर्मी कमरे में आते ही दरवाज़ा धीरे से बंद करती है। चेहरे पर उसकी हल्की सी राहत झलक रही थी। और एक प्यारी सी स्माइल भी। वो वॉर्डरोब खोलती है। सामने ढेर सारे कपड़े— कुर्तियाँ, टॉप्स, जीन्स, कुछ नई चीज़ें भी।
उसकी नज़र एक नीली कुर्ती और ब्लैक फिटेड जीन्स पर पड़ती है।हल्की सी मुस्कान खुद-ब-खुद उसके होठों पर आ जाती है।
"चलो… अब थोड़ा नॉर्मल सा फील हो रहा है… यहां सब लोग कितने अच्छे हैं। चाचा-चाची जैसा कुछ भी नहीं है इन लोगों में…" उसने मन ही मन सोचा।
धीरे से अपने हाथ की चूड़ियाँ उतारती है।सिंदूर को हल्का सा कम करती है। बस थोड़ा सा… जितना कि "पता चले… पर चिल्ला के न कहे"।
बाल खुले छोड़ देती है। कुर्ती और जीन्स पहनकर शीशे के सामने खुद को देखती है। "ठीक लग रही हूं न?" हल्का सा लिप ग्लॉस, काजल… बस सिंपल और फ्रेश।
उसे थोड़ा-थोड़ा कॉन्फिडेंस महसूस हो रहा था… जैसे खुद में वापस लौट रही हो।जैसे ही वो हॉल में पहुंचती है, वसुंधरा की आवाज़ आती है। "अरे, बहुत पैदल जाने की जरूरत नहीं है बहू… ड्राइवर छोड़ देगा तुम्हें कॉलेज।"
उर्मी थोड़ी झेंपती है। "नहीं आंटी… मेरा मतलब… मैं पहले भी ऐसे ही जाती थी। कोई बात नहीं, चली जाऊंगी।"
वसुंधरा उसकी ओर आती हैं और उसके कंधे पर हाथ रखती हैं।नर्म आवाज़ में बोलती हैं। "‘आंटी’ मत कहो बेटा… ‘मॉम’ कहो… जैसे मेरे तीनों बेटे कहते हैं।"
उर्मी के होंठ कांपते हैं। उसकी आंखें हल्की सी नम हो जाती हैं।उसे अपनी माँ की बहुत याद आती है। लेकिन वो खुद को संभालती है।हल्के से मुस्कुराकर कहती है। "ओके… मॉम। लेकिन अगर मैं कार से गई तो…?"
वसुंधरा मुस्कुराकर कहती हैं। "तो क्या? अब सबको धीरे-धीरे पता चल ही जाएगा कि तुम सिंघानिया फैमिली की बहू हो। अब बहाना मत बना… ड्राइवर इंतज़ार कर रहा है नीचे। वैसे भी तुम पहले ही लेट हो चुकी हो।"
उर्मी की आंखें भर आई थीं, लेकिन वो अचानक से ही वसुंधरा को गले लगा लेती है। "थैंक यू… थैंक यू सो मच, मॉम…" वो धीमे से बुदबुदाती है।
उर्मी जल्दी-जल्दी सीढ़ियाँ उतरती है। उसके खुले बाल हवा में उड़ रहे थे जिसमें वह काफी प्यारी और एडरेबल लग रही थी।बाहर ड्राइवर कार के पास खड़ा उसका इंतजार कर रहा होता है। वो दरवाज़ा खोलती है और फुर्ती से अंदर बैठ जाती है।
"चलो जल्दी…" वो ड्राइवर से कहती है। ड्राइवर सिर हिलाता है और कार धीरे-धीरे रास्ता पकड़ लेती है। सड़क पर भागती गाड़ियों के बीच उसकी आंखें खिड़की से बाहर देख रही थीं… लेकिन मन कहीं और था।वो सोच रही थी – "कैसे एक ही रात में सब बदल गया… शादी… तीनों भाइयों से… और अब ये फैमिली… ये मॉम… जो सच में मॉम जैसी लगती हैं।"
कुछ ही मिनटों में, कार उस कॉलेज के गेट पर पहुँचती है, जो मुंबई के सबसे अमीर और नामचीन कॉलेजों में गिना जाता था।
Royal Institute of Modern Studies – RIMS
जहां सिर्फ दो ही रास्ते से दाखिला मिलता था। या तो बहुत पैसा, या बहुत टैलेंट। उर्मी दूसरी कैटेगरी में थी। वह अपने स्कॉलरशिप के नंबर इस कॉलेज में एडमिशन ले पाई थी।
कार रुकते ही उर्मी की नजर कॉलेज पर जाती है। और फिर अचानक से उसे आरव की याद आने लगती है तो उसके चेहरे के रिएक्शन हल्के से चेंज हो जाते हैं।उसकी नजर गेट के पास इधर-उधर घूमती है। "शुक्र है… कोई नहीं दिखा…"
वो फुर्ती से बाहर निकलती है और ड्राइवर से कहती है,
"आप अब जा सकते हैं।
ड्राइवर मुस्कराकर सिर हिलाता है और गाड़ी वहां से आगे बढ़ जाती है।उर्मी कॉलेज गेट के अंदर आती है।
कॉलेज का माहौल वैसा ही था। भीड़, हँसी, बातें, दोस्त, नोट्स, गॉसिप… लेकिन सबके बीच उर्मी थोड़ी शांत, थोड़ी अलग चल रही थी।
तभी पीछे से कुछ लड़कियों की आवाज़ आती है। "अरे वो देख ना… वो सीनियर आरव आ रहा है… ओएमजी, कितना हैंडसम लग रहा है यार! शायद आज ब्लू शर्ट में आया है… डेथली क्यूट!"
उर्मी का दिल हल्का सा धड़क गया।वो सोचने लगी "नहीं! मुझे उसके बारे में नहीं सोचना… मुझे पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए… लेकिन उसे देखकर ऐसा डर क्यों लगने लगता है मुझे?"
वो झट से क्लास की ओर बढ़ गई।
क्लास में उसकी बेस्ट फ्रेंड पल्लवी पहले से ही मौजूद थी।
जैसे ही पल्लवी ने उर्मी को देखा, वो दौड़ती हुई आई और उसका हाथ पकड़ लिया। वह उसकी बहुत अच्छी फ्रेंड थी और उसे उसकी शादी के बारे में भी पता था।
"क्या बात है मैडम! ससुराल वाले इतने अच्छे हैं क्या? ना मंगलसूत्र, ना सिंदूर…?"
उर्मी हल्के से मुस्कराई, "तू भी ना पल्लवी… आते ही शुरू हो गई! ये देख, सिंदूर लगा हुआ है। बस मंगलसूत्र नहीं पहना… वैसे भी मेरी सास बहुत समझदार हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज नॉर्मल तरीके से आऊँ, जैसे एक आम लड़की आती है।"
"ओह माय गॉड! ऐसी सास तो किस्मत वालों को मिलती है!" पल्लवी ने कहा, "मुझे तो लगा था तेरे चाचा-चाची किसी बिना समझ वाली फैमिली में तुझे शादी करवा देंगे… मैं बहुत टेंशन में थी तेरे लिए।"
"अब टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है, मैं एकदम ठीक हूँ।"
पल्लवी ने आँखें गोल कर लीं, "अच्छा चल, अब ये बता पहली रात कैसी रही? जीजू कैसे हैं? नाम क्या है उनका? किस फैमिली में शादी हुई?"
उर्मी को कुछ पल के लिए वो रात याद आ गई। कैसे वो सबकुछ अचानक हुआ… कैसे उसके दोनों पति उस पर जैसे टूट पड़े थे… और फिर… कियान की वो बातें… वो आँखें…
उसके गाल खुद-ब-खुद गुलाबी हो गए। वो हल्के से मुस्कराई।
पल्लवी ने ये नोटिस कर लिया, "ओओओह्हो… लगता है कुछ ज़्यादा ही हो गया पहली ही रात में! कितनी शर्म आ रही है!!"
"अब चुप कर तू… और सुन, मेरी शादी विराज सिंघानिया से हुई है।"
"क्या?? क…क्या?? तूने क्या कहा? एक सेकेंड… लगता है मेरे कान में कुछ हो गया… दुबारा बोल!!"
"हाँ, वही… विराज सिंघानिया। टॉप बिज़नेसमैन इंडिया के।"
"ओ माय गॉड!!" पल्लवी एकदम उछल पड़ी "मतलब मेरे जीजू विराज सिंघानिया हैं?? यानि कि जिनके दो और भाई हैं… और एक तो हमारे कॉलेज में ही पढ़ता है… और दूसरा कियान… ओ माई गॉड!! तू अब उसी घर में रहती है ना!! क्या तू उसका ऑटोग्राफ ले आएगी? या फिर मेरी सेटिंग करवा दे… मैं कियान की बहुत बड़ी फैन हूँ!!"
उर्मी को ये सुनकर अचानक ही कुछ अजीब लगा।
उसके दिल को कुछ चुभा… "नहीं… वो..." उसके मुंह से बस इतना ही निकला।
पल्लवी ने उसका चेहरा देखा, जो अचानक से मुरझागया। ओर उसका मूड थोड़ा सा डाउन हो गया "अरे यार… तू मना क्यों कर रही है… ठीक है छोड़!"
continue.......
पल्लवी तो अब भी उर्मी से सवालों की झड़ी लगा रही थी,
"अच्छा तो कियान कैसा है? और सुन, जब पहली बार मिले थे न तुम दोनों–"
तभी - "हाय उर्मी, कैसी हो तुम?" पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज़ आई। उर्मी और पल्लवी दोनों पलटीं। विक्की।
उर्मी का पुराना दोस्त वही जो हमेशा उसके आस-पास रहा, हर ग्रुप प्रोजेक्ट में पार्टनर बनता, हर फेस्ट में साथ खड़ा होता और जिसे सब दोस्त ही समझते रहे। सिवाय विक्की के दिल के।
उसे उर्मी पसंद थी। बहुत ज़्यादा। पर वो कभी कह नहीं पाया।और अब, आज पहली बार कॉलेज में उसकी झलक मिली थी इतने दिनों बाद। उर्मी हल्के से मुस्कराई, "हां… मैं बिल्कुल ठीक हूं।"
और उसने धीमे से अपने बालों को झाड़ते हुए साइड कर लिया। उसकी वो प्यारी सी आदत… जिससे उसके गाल और ज़्यादा उभर आते थे, और जो हर बार विक्की को थोड़ी देर के लिए खामोश कर देती थी।
विक्की थोड़ा घबराया सा दिखा, "तुम… इतने दिन कहां थी यार? सब पूछ रहे थे… तुमने मैसेज का रिप्लाय भी बंद कर दिया था।"
उर्मी बस मुस्करा दी कुछ कहने ही वाली थी। तभी क्लासरूम का दरवाज़ा खुला। प्रोफेसर मिश्रा सर तेज़ कदमों से अंदर आए। "गुड मॉर्निंग स्टूडेंट्स। बैठ जाइए सब।"
सब अपनी-अपनी सीट्स पर बैठ गए। उर्मी भी जल्दी से पल्लवी के साथ अपनी जगह पर आकर बैठ गई। क्लास शुरू हुई।
स्लाइड्स चलीं, कुछ टॉपिक्स पर डिस्कशन हुआ, किसी को नींद आई, किसी ने झपकी ली… और फिर आखिर में
प्रोफेसर बोले,
"तो क्लास… नेक्स्ट वीक बहुत खास है। आपके ग्रेडिंग प्रेजेंटेशन शुरू होंगे। हर फर्स्ट ईयर स्टूडेंट को एक सीनियर के साथ मिलकर प्रेजेंटेशन बनाना है। आप लोग आज से ही सोचना शुरू कर दीजिए कि किस सीनियर को अप्रोच करना है।"
"और याद रखिए प्रेजेंटेशन क्वालिटी, टीम वर्क और एक्सप्लोरेशन के आधार पर नंबर मिलेंगे। All the best!"
इतना कहकर प्रोफेसर क्लास से बाहर चले गए।और उनके जाते ही क्लास में गूंज मच गई "अरे यार मैं तो साक्षी दीदी से बोलूंगी… "नहीं यार, मैं तो आदित्य भैया से कहूँगा…"
विक्की भी सोच में पड़ गया था। अब वह किस सीनियर को अप्रोच करेगा? किसके साथ प्रेजेंटेशन बनाएगा? वैसे भी, उर्मी तो उसके साथ पार्टनर नहीं बन सकती। क्योंकि वह तो उसी के क्लास की है।
उधर पल्लवी और उर्मी दोनों परेशान थीं। सीनियर्स में किसी से कोई खास जान-पहचान नहीं थी। ना वो लोग ज्यादा बात करते थे, ना ही हेल्प करते थे। अब किसके पास जाएँ, कैसे बात करें, और किसे अपना पार्टनर बनाएँ?
उर्मी ने धीमे से कहा, "मैं तो किसी को जानती भी नहीं, पल्लवी। और… मैं वैसे भी इस सब में… थोड़ा कमजोर हूँ।"
पल्लवी झल्लाई। "तू हर चीज़ में कमजोर है यार! अब क्या मिराकल होगा कि कोई खुद आए और बोले — 'मैडम उर्मी, आप मेरी पार्टनर बनिए!'"
उर्मी हल्के से मुस्करा दी।लेकिन मन कहीं और था। बहुत दूर।
तभी अचानक
"अरे जल्दी चलो!!!" एक लड़की चिल्लाई, दरवाजे से अंदर आती हुई।
"फुटबॉल मैच स्टार्ट हो गया है! आरव को नहीं देख पाएंगे वरना!"
बस, फिर क्या था…
पूरी क्लास जैसे झुंड की तरह उठ खड़ी हुई। लड़कियाँ अपनी फाइल्स बंद करतीं, बैग लटकातीं, च्यूइंग गम चबाते हुए सीधा ग्राउंड की ओर भागने लगीं। कुछ ने अपनी लिपस्टिक झट से निकाली, तो कुछ ने अपने बाल झाड़ लिए।
पल्लवी भी उछली – "चल बे! चल चल चल!"
और उसने उर्मी का हाथ पकड़कर खींचना शुरू कर दिया।
उर्मी चौंक गई, पीछे हटने की कोशिश की – "नहीं यार… मैं नहीं जा रही… मुझे नहीं देखना मैच-वैच… और वो… आरव को तो बिल्कुल भी नहीं…"
"अबे पगली!" पल्लवी हँसते हुए बोली, "चल, भीड़ में कोई तुझे पहचानेगा भी नहीं। वैसे भी तुम उसकी भाभी हो तो क्या वो तुम्हें देखकर फुटबॉल छोड़ देगा क्या!"
उर्मी अंदर से काँप सी गई। वो नहीं चाहती थी कि आरव उसे देखे। उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा था। पर पल्लवी का खींचना तेज़ हो गया। "चल चल चल! वरना बैठने की जगह भी नहीं मिलेगी!"
उर्मी का दिल जो ना चाहता था, शरीर वही कर रहा था।
और वो भी, पल्लवी के पीछे-पीछे मैदान की ओर चल पड़ी।
ग्राउंड में शोर था। लड़कियाँ चीयर कर रही थीं, कुछ अपने फोन से विडियो बना रही थीं। बॉयज़ फुटबॉल किट में इधर-उधर दौड़ रहे थे।
और तभी ग्राउंड के एक कोने से, एक काले जर्सी में लड़का तेज़ी से फुटबॉल को ड्रिबल करता हुआ सामने आया।
लड़कियों की चीखें और तेज़ हो गईं। "आरााााााव!!"
पल्लवी बोली – "लो! आ गया मेरा हीरो!"
उर्मी ने झट से अपनी नज़रें नीचे कर लीं। लेकिन जैसे ही पल्लवी की बात सुनी तो उसे गुस्सा आने लगा वह गुस्से में उसे डांटते देते हुए बोलती है। "क्या मतलब मेरा हीरो, अभी तो तुम कियान के लिए पागल हो रही थी..?
पल्लवी भी फुल कॉन्फिडेंट के साथ बोलता है। "क्या करूं तेरे दोनो देवर है ही इतनी ज्यादा हैंडसम वैसे तुझे अपने ही देवर से जलन क्यों हो रही है। मैं तेरे हस्बैंड पर लाइन नहीं मार रही हूं।
उर्मि तुरंत ही खुद के इमोशंस को कंट्रोल करते हुए। "मैं जल वल नहीं रही। मैं तो बस तुम्हें समझ रही थी।
आरव। ब्लैक जर्सी, गीले बाल, चेहरे पर पसीने की एक अलग ही चार्म दे रहा था। वह क्या है हैंडसम और हॉट लग रहा था कि बस पूछो मत। वो दौड़ते हुए बॉल को कंट्रोल करता, ड्रिबल करता, जैसे हवा में तैरता हो… और फिर एक दमदार किक।
गोल!
चारों तरफ तालियाँ, सीटियाँ, लड़कियों की आवाज़ें “आरव! आई लव यू आरव!!”
आरव मुस्कराया। और उसी मुस्कान के बीच... उसकी नज़र लड़कियों की भीड़ में किसी पर ठहर गई। उर्मी पर वो जो सबसे पीछे थी। जो भीड़ से बचना चाह रही थी। जिसने आँखें चुराई हुई थीं। आरव की नज़र कुछ सेकंड के लिए रुक गई।
लेकिन चेहरे पर कोई रिएक्शन नहीं आए।
पल्लवी अब भी चीयर कर रही थी, लेकिन उर्मी को ऐसा लग रहा था जैसे मैदान पर सब धीमा हो गया हो… सब कुछ ठहर गया हो। सिर्फ वो और आरव रह गए हों। उर्मी की हथेलियाँ पसीने से भीग चुकी थीं। उसने धीरे से खुद को पीछे खिसकाया, और पल्लवी से बोली, “मैं… मैं बस दो मिनट में आती हूँ।”
पल्लवी ने ध्यान नहीं दिया, वो तो अब अगला गोल देखने में मगन थी। उर्मी चुपचाप भीड़ से निकलकर मैदान की बाउंड्री की तरफ चल पड़ी। तेज़ नहीं, धीरे-धीरे…पता नहीं क्यों उसे इतनी नर्वस हो रही थी।
वो बस अब वहाँ से दूर जाना चाहती थी। उर्मी तेज़ी से ब्राउन बाउंड्री की ओर बढ़ रही थी। भीड़ से निकलकर सिर्फ दूर जाना चाह रही थी। आरव की नज़रों से, अपने धड़कते सीने से।
लेकिन किस्मत को जैसे कुछ और मंज़ूर था। दूसरी टीम का खिलाड़ी गोल मारने के लिए बॉल को पूरी ताक़त से किक करता है। पर गेंद अपने रास्ते से भटककर सीधा उड़ती है।
और
"आह!!" सीधा उर्मी के सिर पर।
उसकी आँखें चौड़ी हुईं, शरीर एक पल को जड़ हुआ… और फिर। धप्प! ज़मीन पर गिरी। बेहोश। शोर एक पल को थम गया। सभी लोग चौंक गए।
आरव का चेहरा हल्का सख्त हो गया उसके चेहरे पर हल्की सी टेंशन नजर आने लगी। बिना एक पल गंवाए, वो मैदान से बाहर भागता है। "उर्मी!"
वो घुटनों के बल उसके पास झुका, और हल्के से उसके माथे पर हाथ रखा। देखा कि उसके सर से हल्का सा खून निकल रहा है। बहुत ज्यादा नहीं, पर उतना था कि सबकी सांसें अटक जाएं।
उसे गोद में उठाया भीड़ चुपचाप थी, और मैच वहीं ड्रॉप कर दिया गया। वह उसे वहां से उठाकर रेस्ट रूम में लेकर चला गया।
रेस्ट रूम
उर्मी अब भी बेहोश थी। आरव ने उसे धीरे से बेड पर लिटाया। उसके माथे से बहता खून उसने कॉटन से साफ किया, और फिर मरहम लगाकर बैंडेज बाँधने लगा।
उसका चेहरा शांत था। ज़्यादा कोई खास भाव नहीं, पर हर मूवमेंट में एक सावधानी थी। पल्लवी को अब तक कुछ समझ नहीं आ रहा था, पर उसकी नज़रें आरव से हटी नहीं।
"काश ये फुटबॉल मेरे सिर पर लगती..." उसने बुदबुदाकर सोचा।
पीछे लड़कियों का भी वही हाल था। “आरव ने गोद में उठाया… OMG! मुझे भी चोट लग जाए यार...”
पर तभी उर्मी की पलकें फड़कने लगती है। उसने धीरे-धीरे आँखें खोलीं… और सामने वही चेहरा। आरव का।
क्लोज़… बहुत क्लोज़।
"उ… आरव?" वो हड़बड़ाई, और झटके से उठ बैठी।
आरव का सिर उसके सिर से टकरा गया।
"आउच!" आरव पीछे हटते हुए गुस्से में फुसफुसाया।
“व्हाट द हेल! एक तो मैं तुम्हारी मदद कर रहा हूँ, ऊपर से तुमने मुझे ही चोट मार दी?”
“आई… आई एम रियली सॉरी सीनियर,”
उर्मी घबरा गई। और अपनी नज़रें भी नीचे कर ले उसकी हार्टबीट एक बार फिर से फास्ट होने लगी थी। “अचानक होश आ गया तो... मुझे कुछ समझ नहीं आया…”
आरव भौंहें चढ़ाए उसे देख रहा था। "अगर तुम्हें बाउंड्री के बाहर ही जाना था तो सीधा गेट से जाती ना? वहाँ से क्यों आई? तुम्हारे चक्कर में मेरा पूरा मैच ड्रॉप हो गया।"
उर्मी की आँखें नीचे झुक गई। "सॉरी सीनियर..!! आरव ने एक गहरी साँस ली, लेकिन अब और कुछ नहीं बोला। गुस्से और फ्रस्ट्रेशन से भरा वो उठकर वहाँ से चला गया।
इधर पल्लवी जो अभी तक सीन पकड़ने में बिज़ी थी, अब भी जाते हुए आरव को ही देख रही थी। "यार तेरा देवर कितना हॉट और हैंडसम है… प्लीज़ मेरी सेटिंग करवा देना किसी से!"
उर्मी उसकी बात पर चिढ़कर बोली "देखा नहीं, कितना बदतमीज़ है वो? मुझे तो बिल्कुल भी पसंद नहीं!"
पल्लवी थोड़ा चौंकी। उसने उर्मी को ध्यान से देखा।
उसके चेहरे पर सिर्फ नाराज़गी नहीं, थोड़ी सी जलन भी दिख रही थी। "मैडम, उसने तुम्हारी हेल्प की थी। तुम ही गलत साइड से जा रही थीं। गलती तुम्हारी थी, और अब उसे ही डाँट रही हो?"
उर्मी ने तुरंत रुख बदलते हुए कहा "हां हां… उसकी बहुत तारीफ़ हो गई। अब असाइनमेंट की भी सोचो… कोई सीनियर तो पार्टनर बनने को तैयार नहीं हो रहा… चलो, और कोशिश करते हैं!"
और फिर दोनों दूसरी क्लास की तरफ निकल गईं।
कई सीनियर्स से बात की, रिक्वेस्ट की… पर कोई तैयार नहीं हुआ। थकी-हारी, दोनों क्लास से बाहर आ गईं।
पल्लवी ने झल्लाते हुए कहा —"क्या यार! हमारी शक्ल इतनी भी बुरी नहीं है कि कोई हमें पार्टनर ही न बनाए! अब क्या करें? प्रेजेंटेशन कैसे देंगे?"
उर्मी ने गहरी साँस ली। थोड़ी गंभीरता से बोली — "कोई न कोई तो मिलेगा पल्लवी… सॉल्यूशन निकल ही जाएगा, पैनिक मत कर।"
लेकिन तभी… कॉलेज के गेट के पास कुछ हलचल सी हुई।उर्मी की नज़र जैसे ही उस दिशा में गई… वो वहीं जैसे स्टील की मूर्ति बन गई।पल्लवी की भी नज़र गई, और फिर वो चिल्ला पड़ी — "ओ माय गॉड!! सुपरस्टार कियान यहां!! अबे तेरा देवर यहां क्या कर रहा है!!? क्या कोई फिल्म शूट होने वाली है? क्या मैं उसके साथ स्क्रीन शेयर कर पाऊंगी??"
और कियान, लड़कियों से बचते हुए। जो अपने चेहरे से मास्क हटाते हुए एक हैंडसम स्माइल के साथ धीरे-धीरे उर्मी की तरफ आ रहा था…
Continue.......
कियान सीधा उसके पास आकर रुकता है। और एक प्यारी सी स्माइल उसको पास करते हुए। "चलो। मॉम ने बोला है तुम्हें शॉपिंग करवाने के लिए ले जाऊं।" उसकी आवाज़ में वही सुपरस्टार स्टाइल था, लेकिन आंखों में कुछ अपना-सा। "मुझे शूटिंग छोड़कर आना पड़ा, क्योंकि विराज भाई आज नहीं आ सकते थे।"
उर्मी जैसे कुछ समझ ही नहीं पा रही थी। वो शॉक में थी। उसके सामने खड़ा था इंडिया का क्रश…दुनिया के लिए उसका देवर… पर उसका… "पति"।
उसने मास्क लगाया हुआ था, कैप नीचे कर रखी थी। पर फिर भी उसकी ऑरा पूरी भीड़ का ध्यान खींच सकती थी। तभी वो झट से उर्मी का हाथ पकड़ता है। "जल्दी चलो, वरना इस कॉलेज में मेरी फैन आर्मी घुस आएगी…" उसने हँसते हुए कहा और फिर थोड़ी सी चिंता में इधर-उधर देखा।
लेकिन तभी… "प्लीज़!! प्लीज़ मुझे एक ऑटोग्राफ चाहिए!!" पल्लवी चीख पड़ी। उसके चेहरे पर तो अलग ही एक्साइटमेंट थी वह बस अपने सामने अपने फेवरेट सुपरस्टार को देखकर फुले नहीं समा रही थी। "मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूँ!!" और फिर उर्मी को कोहनी मारती है,
"यार तू बोलना ना अपने देवर को… वो पक्का मुझे ऑटोग्राफ देगा!"
कियान ने एक सेकंड पल्लवी को देखा…फिर चारों ओर देखा कि कोई और तो नहीं… "ऑफ कोर्स, लिटिल फैन गर्ल… जल्दी से अपना हाथ निकालो!"
पल्लवी तो ऐसे एक्साइट हो गई जैसे कोई ड्रीम फुलफिल हो रहा हो। जल्दी से बैग से पेन निकाला और हाथ आगे कर दिया।कियान ने हँसते हुए ऑटोग्राफ दिया।
"ओ माय गॉड ओ माय गॉड…" पल्लवी बस उछलती जा रही थी।
उधर उर्मी अब भी थोड़ी शॉक में थी, थोड़ी कन्फ्यूज़…
"ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ…" वो मन में सोच रही थी।अभी उसके साथ सबकुछ इतनी जल्दी में हो रहा था। कि वो कुछ समझ ही नहीं पाती है।
लेकिन उससे पहले कि वो कुछ पूछती कियान उसके पास आता है, उसका हाथ थाम लेता है। "अब चलो! वरना बवाल हो जाएगा यहां…"
और बिना उसकी हाँ-ना का इंतज़ार किए, वो उसे सीधे कार में बैठा देता है। कार का दरवाज़ा बंद… और पल भर में। उर्मी अब फेमस कियान सिंघानिया की गाड़ी में बैठी थी। कॉलेज, क्लास, पल्लवी और पूरी भीड़ पीछे छूट चुकी थी। पीछे खड़ी पल्लवी बस देखती रह गई।
"अब तो मेरा बेस्ट फ्रेंड का देवर है…अब मैं उसे पटाके रहूंगी…" उसने दिल में सोचते हुए वो डेविल स्माइल करने लगी। पर उसे नहीं पता था। कि वो सुपरस्टारउर्मी का पति हैं ना कि देवर।
कियान की कार अब मुंबई के सबसे एक्सक्लूसिव और प्राइवेट मॉल में आकर रुकी थी। पूरा मॉल आज "बुक" था… ना भीड़, ना कैमरे, ना पब्लिक… सिर्फ स्पॉटलाइट, मिरर वॉल्स, और उनके लिए डिस्प्ले की गईं लग्ज़री ड्रेसेज़।
उर्मी की आंखें हैरानी से फैल गईं। "पूरा मॉल… खाली? ये... ये सब… हमारे लिए?"
कियान ने टोपी नीचे की, मास्क ठीक किया और उसके कान में धीमे से कहा "Not our, sweetheart. सिर्फ तुम्हारे लिए…" उसने मुस्कुरा कर हाथ बढ़ाया। उर्मी थोड़ा हिचकिचाई, लेकिन उसका हाथ थाम लिया।
अंदर जाते ही सफेद यूनिफॉर्म में स्टाफ उनके सामने झुककर वेलकम करता है। वो एक हॉल में ले जाए जाते हैं जहां हर साइड फेयरीटेल जैसी ड्रेसेज़ चमचमाती सिल्वर, वेलवेट ब्लूज़, स्किन-टाइट रेड गाउन, एम्ब्रॉइडरी वाले लहंगे… और शिफॉन की साड़ियाँ लगी थीं।
उर्मी बस एक ही बात सोच रही थी "क्या मैं सपना देख रही हूँ…?"वो धीरे-धीरे कपड़े छूती है, हर कपड़े की कीमत शायद लाखों में होगी। उसके मन में झिझक थी… डर भी…
"यह सब बहुत एक्सपेंसिव लग रहा है…"
उसने धीरे से कहा।कियान जो पास के रॉयल सोफे पर बैठा था, उसका हाथ पकड़ता है। और एक झटके में उसे अपनी गोद में खींच लेता है।
"आह..…!" वो हड़बड़ा गई। लेकिन धीरे से जाकर उसके सीने से टकरा गई। अचानक से है उसके इतने करीब आने पर उसकी हार्टबीट फास्ट होने लगी थी। "Shhh…"वो उसके बाल कान के पीछे करता है, चेहरे के पास झुककर कहता है। "स्वीटहार्ट, जब तुम सिंघानिया फैमिली की बहू हो… तो अब दुनिया की कोई चीज़ तुमसे एक्सपेंसिव नहीं हो सकती। ये मॉल… विराज भाई का है। So technically… तुम्हारा ही है।"
उर्मी कुछ बोल नहीं पाई।उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी, और दिल में हज़ारों धड़कनें। वो अब उठी, और ड्रेसेज़ देखने लगी। कियान उसे बहुत प्यार से देख रहा था। "ये जो ब्लू शिमर वाला गाउन है… इसे पहनकर आओ स्वीटहार्ट… मैं देखना चाहता हूँ कि इसमें तुम कैसी लगोगी।"
उर्मी का चेहरा लाल हो गया। "क्या… अभी… यहीं पहनकर दिखाऊं?"
"नहीं पागल… ट्रायल रूम है। जाओ… मैं इंतज़ार कर रहा हूँ…" उसने आँख मारी। ओर सोफे पर बैठकर फोन स्क्रोल करने लगा।
कुछ ही देर में, उर्मी अंदर जाती है… और जैसे ही बाहर आती है। सामने खड़ा कियान बस उसे देखता रह जाता है।जैसे वक्त थम गया हो।गाउन उसकी कमर से फिट होता हुआ, नीचे फुल ट्रेल में बह रहा था। बाल खुले थे, और आँखों में हल्की शर्म। कियान उठा… उसके पास आया…Wow…" उसने धीरे से कहा। "तुम सच में किसी राजघराने की प्रिंसेस लग रही हो स्वीटहार्ट…"
उर्मी कुछ बोल नहीं पाई।उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी, और दिल में हज़ारों की स्पीड धड़कनें लगा।वो धीरे से उठी और फिर ड्रेस की ओर गई। कियान उसे लगातार देख रहा था। उसने मुस्कुराकर कहा – "ये रेड वेलवेट वाला भी पहनकर दिखाओ न… स्वीटहार्ट। अगर ज़रूरत हो तो… हेल्प भी कर दूँ?" उसकी आवाज़ इस बार कुछ धीमी, गहरी और थोड़ी सी शरारती थी।
उर्मी का चेहरा लाल हो गया।उसने नज़रें चुराते हुए ड्रेस उसके हाथ से ले ली और ट्रायल रूम की ओर चल दी।दिल इतनी तेज़ धड़क रहा था जैसे अभी बाहर कूद पड़ेगा।पेट के अंदर कुछ-कुछ गुदगुदी सी… जिसे नाम देना मुश्किल था।
कियान वहीं सोफे पर बैठा फोन स्क्रॉल करता रहा।लेकिन उसकी नज़र बार-बार उस ट्रायल रूम की ओर जा रही थी। समय बीतता गया…
जब काफी देर हो गई और अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई, तो वह ट्रायल रूम के पास आया। "स्वीटहार्ट… सब ठीक है ना? बहुत देर हो गई तुम्हें…"
अंदर से धीमी सी आवाज़ आई। "वो… जीप… पीछे का ज़िप बंद नहीं हो रहा…" उर्मी की आवाज़ हल्की सी कांप रही थी… जैसे वो खुद भी डरी हो कुछ कहने से।
कियान के होठों पर हल्की मुस्कान आ गई।वो दरवाज़े के पास आकर बहुत सॉफ्ट टोन में बोला – "तो क्या… मैं हेल्प कर दूँ?"
कुछ सेकंड्स तक अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई।
"स्वीटहार्ट… क्या तुम्हारी ये चुप्पी हाँ है?" उसकी आवाज़ में अब हल्की सी गर्माहट थी।
उर्मी कुछ नहीं बोल सकी। बस अपनी निचली होंठ को हल्के से चबाने लगी। उसके हाथ ज़रा से कांप रहे थे… वो खुद को समझाने की कोशिश कर रही थी कि ये सब कुछ ठीक है… मगर दिल अब कोई बहाना नहीं सुनना चाहता था।
धीरे से दरवाज़ा खुला। कियान अंदर आया।
To Be Continued…
कियान अंदर आया। एक सेकेंड के लिए हवा रूक गई हो। उर्मी की हार्टबीट बढ़ने लगी। उर्मी दीवार की ओर पीठ करके खड़ी थी। उसकी पीठ खुली थी, और गाउन का ज़िप अधूरा।
कियान उसके करीब आया बहुत धीरे से… ज़रा भी आवाज़ न हो। उसने अपने हाथ आगे बढ़ाए… और गाउन का ज़िप पकड़ते हुए, वह नॉटी स्माइल करने लगा। उसकी खुली पीठ पर उसके हाथ चलने लगे, तो उर्मी की हार्ट रस और भी ज्यादा फास्ट हो गई। उसके हाथ का स्पर्श उर्मी की पीठ से हल्के से छूता चला गया।
उर्मी की आँखें बंद हो गईं। कियान धीरे से उसे पकड़ के अपने करीब कर लेता है। ओर उसके ब्रा के बुक्स को खोल देता है। उसकी आंखें अब बहुत ज्यादा इंटेंस लग रही थी उर्मी तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। वह गहरी गहरी सांस लेने लगी। कियान ने अपने हाथ उसके ब्रा के अंदर घुस आया। तो उर्मी के पूरे शरीर में सिहरन दोड़ गई। उसके पेट के पास बटरफ्लाई उड़ने लगी। कियान हौले हौले से अपने हाथों की मूव करने लगा। ओर उसके चेहरे के गर्दन के नजदीक जाकर अपनी गर्म सांसों को छोड़ते हुए। "स्वीटहार्ट आई लव योर लिटिल हिल्स, अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है तो मैं स्टॉप कर दूं..!!
उर्मी का सीन अब जोड़ो से धड़कने लगा। वह अपनी सलाइवा घटक लेती है लेकिन कुछ बोल नहीं पाती। कियान उसके लिटिल हिल्स पर अपने हाथों को हल्के हल्के से मूव करते हुए। "आईटी'एस रियली सॉफ्ट , स्वीटहार्ट आई वांट टू टेस्ट योर कपकेक्स नाओ..? आई नीड योर परमिशन..!!? जल्दी बोलों स्वीटहार्ट..?
इतना बोलकर कियान के हाथ उसके लिटिल हिल्स पर काश जाते हैं तो उसके मुंह से -आह अम्मम..!
कियान को उसके मुंह से सिसकियां सुनकर मजा आ रहा था। वो ओर जोड़ अपने हाथों को मूव करने लगा। ओर फिर उसके शोल्डर को पकड़ अपने तरफ कर लिया। कियान अब इंटेंस भरी नजरों से उसके चेस्ट की ओर देख रहा था। वो उसके आगे झुकता है अपने हाथों के उसके ब्रा स्टेप को नीचे गिरा देता है। उर्मी तो अपनी आंखें कस कर बंद कर लेती है। उसकी हार्टबीट बहुत ज्यादा फास्ट हो रही थी वो कुछ नहीं बोल रही थी।
कियान अब एक हाथ उसके एक कपकेक को पकड़ कर रखता है । ओर दूसरे को पकड़ के वह थोड़ा झुक कर उसके सक कर रहा था। कियान के होठों के मूव्स पहले तो स्लो स्लो थे लेकिन फिर फास्ट हो जाते हैं। उर्मी को हल्का दर्द होने लगता है। लेकिन सुकून भी मिल रहा था। उसके हाथ खुद ब खुद उसके बालों पर चलने लगते हैं। ओर ये देखकर किन डेविल स्माइल करता है और उसके कपकेक्स पर अपने दांत से काट करता है। तो उर्मी की एक तेज आवाज निकल गई। "आह..!! कियान प्लीज स्लो करो..?ओर काट क्यों रहे हो...?
कियान उसकी सिसकियों के बीच में निकल रही आवाज को सुनकर ओर भी एक्साइटेड होने लगता है। उसका
वाइल्ड हीरो खड़ा होने पर था। कियान अब ओर कंट्रोल नहीं कर सकता था। वो धीरे उसके कप केक से अपना मुंह दूर करता है। ओर उसकी कॉलर बोन नेक पर किस करते हुए। उसके होंठ पर किस करता है। उर्मी की मुंह से निकल रही सांसे कियान के चेहरे को छू रही थी। उर्मी का अप्पर बॉडी अभी उसके सामने पूरा निक्ट थी। वो नजरें झुकाए खड़ी थी।
चेहरा शर्म से लाल हो गया था। कियान की नजरे उसके होठों पर जाती है और एक डेविल स्मेल करते हुए वह उसके कानों के नजदीक जाकर- "स्वीटहार्ट मुझे तुमसे कुछ चाहिए, मेरे लिटिल टाइगर को तुम्हारे होठों का टच महसूस करना है। स्वीटहार्ट इसे अपने मुंह में ले कर सक करो ना...? आई रियली वांट इट..!!
वो इतनी सेक्सी इंटेंस वॉइस में बोल रहा था। कि उर्मी को समझ में ही नहीं आया कि वह क्या जवाब दें। एक-एक सेकंड में उसकी दिल की धड़कन फास्ट हो रही थी। कियान अब फिर से बोला- "स्वीटहार्ट जल्दी करो..!! वरना मेरे लिटिल टाइगर का कार्यक्रम यही स्टार्ट हो जाएगा और फिर तुम्हारे पास जो मेरी पिंक किटी है वो परेशान हो जाएगी..!!
कियान की शेमलेस बातें सुनकर उर्मी अपनी सलाइवा घटक ने लगती है। अब वो धीरे से नीचे बैठ जाती है। ओर थरथरते हाथों से उसकी पेंट जीप खोलती है। उसका पूरा बदन थरथरा रहा था शर्म ओर डर दोनों से। कियान आउट ऑफ़ कंट्रोल था वह अब एक सेकंड भी वेट नहीं कर सकता था। "स्वीटहार्ट जल्दी, लिटिल टाइगर अब वेट नहीं कर सकता..!!
उर्मी अब धीरे-धीरे अपने कोमल हाथों से उसके अंडर गारमेंट्स को खोल देती है और अपनी आंखें झट से बंद कर लेती है। उसके हाथ कांपने लगे थे। कियान इस तरीके से करता हुआ देखकर डेविल स्माइल करता है। वह धीमी आवाज में उसके कान के पास जाकर। "स्वीटहार्ट अब और मत तड़पाओ आंखें खोलो देखो लिटिल टाइगर कितना ज्यादा बेसब्र हो रहा है..?? यह तो तुम्हारा ही है ना इसे तुम्हारी बहुत ज्यादा जरूरत है..!!
उर्मी धीरे से आंखें खोलती है और उसके तरफ देखने लगती है। उसका गला सूखने लगता है। ओर वो फिर धीरे उसे अपने मुंह में भर लेती है। वह से अंदर तक नहीं ले पा रही थी। कियान को मजा आ रहा था वह उसे उसके बालों को हल्के हाथों से पकड़ते हुए। "ट्राई करो स्वीटहार्ट पूरा अंदर चला जाएगा..!!
उर्मि भी पूरी कोशिश कर रही थी। पर इसका लिटिल टाइगर बड़ा था उसके पूरे मुंह में एडजस्ट नहीं कर आ रहा था। वह काफी देर तक कोशिश करती है। ओर फिर वो थक कर वहीं पर बैठ गई थी। "स्वीटहार्ट तुम तो इतनी जल्दी थक गई। दिस इस नॉट फेयर मुझे तुम्हारी अभी और जरूरत थी।"
उर्मि शर्म से पानी पानी हो जाती है। वो बहुत थक गई थी। उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया था और चेहरे की पलकें के नीचे थी। कियान धीरे से उसके पास आकर। उसके लिप्स के कॉर्नर को साफ करता है। ओर लो इंटेंसिटी वॉइस में - "मुझे भी तुम्हरी पिंक किटी को टेस्ट करना था।पर हम दोनों को अब चलना चाहिए मॉम हमारा वेट कर रही होगी और शाम में रिसेप्शन भी तो। अगर मैं स्टार्ट हो गया तो तुम ज्यादा ही थक जाऊंगी।
और फिर धीरे से ज्ञान उसकी ब्रा के बुक्स और स्टेप को लगता है और फिर उसकी ड्रेस को पहनाते हुए।"स्वीटहार्ट चलो अब घर चलते है।
उर्मी ओर कियान बाहर आते हैं। कियान तो अभी भी डर्टी स्माइल कर रहा था उसे तो मजा आ गया। वहीं पर उर्मी शर्मा रही थी। दोनों शॉपिंग के बाद मेंशन लौटे। कियान के चेहरे पर वही शरारती मुस्कान थी। शॉपिंग खत्म हो चुकी थी। कियान ने ढेर सारी सिल्क साड़ियां, डिजाइनर ड्रेसेज़ और रिसेप्शन के लिए एक बेहद खूबसूरत गाउन ले लिया था।
जैसे ही दोनों मेन हॉल में आए। वसुंधरा पहले से ही उनका इंतज़ार कर रही थीं। पूरा घर हलचल से भरा था स्टाफ, लाइटिंग, फूलों की सजावट, और रिसेप्शन की तैयारियों में जुटा हर कोना किसी ग्रैंड इवेंट का हिस्सा लग रहा था।
वसुंधरा ने उर्मी की तरफ बढ़ते हुए मुस्कुरा कर पूछा,"कर ली शॉपिंग? अब फटाफट फ्रेश हो जाओ बेटा, मेकअप आर्टिस्ट किसी भी वक़्त पहुंच सकती है। आज शाम बहुत सारे लोग आने वाले हैं। मीडिया, गेस्ट्स, रिपोर्टर्स… हमें सब कुछ परफेक्ट रखना है।"
कियान मुस्कुराता है और बिना कुछ बोले सिर झुकाकर अपने रूम की ओर चला जाता है। उर्मी बस उसे जाते हुए देखती रही… मन कहीं और अटका था। उसकी आंखों में अब भी सुबह वाला एक्सीडेंट झलक रहा था।, कियान का वो डिमांड,ओर चेंजिंग रूम में वो सब। सोच कर ही उसे बहुत शर्म आ रही थी।
वो एक हल्की सी सांस लेकर मुस्कराती है और वसुंधरा से धीरे से कहती है, "ठीक है मॉम… मैं अभी तैयार हो जाती हूँ।"
वो मुड़ने ही वाली थी कि… तभी विराज आता है। वसुंधरा ने उसे देखते ही चेहरे पर हल्की सी मुस्कान के साथ बोली "विराज बेटा, तुम आ गए!"
लेकिन विराज के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। न मुस्कुराहट…ना ही एक्साइटमेंट न ही किसी तरह की गर्मजोशी।
उसकी नज़र उर्मी की तरफ एक बार भी नहीं गई। वो बस चुपचाप, ऊपर अपने कमरे की ओर चला गया।
उर्मी वहीं खड़ी रह गई। वो उसे देख रही थी… शायद एक नज़ाकत, एक उम्मीद लिए हुए। पर विराज का बेरुखा बर्ताव उसकी उम्मीदों को चुपचाप गिरा गया।
वसुंधरा ने बात को टालते हुए माहौल हल्का किया,"तुम जाओ बेटा, तैयार हो जाओ। शाम को सबका ध्यान तुम्हीं पर रहेगा।"
उर्मी की नजरें अभी भी बस विराज के पीछे पीठ पर ही थी। बस एक ठंडी सी दूरी… जो उर्मी के सीने में कहीं चुभ गई। वसुंधरा ने उर्मी के कंधे पर हाथ रखा, "बेटा, ज़रा भी मत सोचना उसके हाव-भाव को लेकर… विराज कभी ज़्यादा रिएक्ट नहीं करता। लेकिन दिल से बुरा भी नहीं है।"
उर्मी ने हल्के से सिर हिलाया, "मैं समझती हूं मॉम।"
और फिर वो अपने रूम की ओर बढ़ गई। रास्ते में उसकी आंखें उस जगह को देखती गईं, जहां अभी कुछ घंटे बाद मीडिया और सोसाइटी के तमाम चेहरे उसके रिसेप्शन में मौजूद होंगे।
"यह सब कितना जल्दी हो रहा है?" उसका मन धीरे-धीरे कांपता सा सवाल पूछ रहा था। "एक ही रात में तीन रिश्ते… और अब इतनी बड़ी दुनिया के सामने 'उनकी' बहू बनकर खड़ा होना…"
वो अपने रूम के अंदर आई। थोड़ी देर फ्रेश होने के बाद वो बैठी ही थी। की मेकअप आर्टिस्ट और स्टाइलिस्ट्स आ गई। साड़ी, गाउन, जूलरी, हाई हील्स… सब कुछ शानदार और ब्रैंडेड। एक-एक चीज़ में क्लास और शोहरत थी।
उर्मी खामोशी से कुर्सी पर बैठ गई। और एक-एक करके सब उसके बाल संवारने लगे, मेकअप, नेल्स… और फिर उस सिल्की नीले गाउन में उसे तैयार किया गया। आराम से बहती हुई ड्रेस, कमर पर हल्की बेल्ट, और कंधों से गिरते स्ट्रैप्स उसे पहली बार खुद को आईने में देखकर यकीन नहीं हुआ। की ये वो है।
उधर नीचे हॉल में मीडिया, गेस्ट और बिज़नेस जगत के बड़े चेहरे आने लगे थे। लाइट्स, कैमरा, क्लैशिंग ग्लासेस… और सबसे ऊपर, सिंघानिया मेंशन का रुतबा था। पर उसे रुतबे के पीछे की काली सच्चाई कोई नहीं जानता।
आरव वाइन कलर की कोट में स्टनिंग लग रहा था। उसे यहां पर आने का बिल्कुल मन नहीं था पर मॉम के कहने पर आना पड़ा। शक्ल से ही पता चल रहा था कि उसे यहां पर बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं है। और कियान सफेद शर्ट के ऊपर, डार्क ब्लू वेलवेट सूट में, कैमरों का सेंटर बन चुका था।
दोनों भाई अपने अंदाज़ में एकदम परफेक्ट… और सबकी नज़रें उन पर। लेकिन सबको इंतज़ार था। आज की रॉयल ब्राइड का ओर Groom का।
ओर तभी सभी की नजरे जाती है सीडीओ पर जहां पर से उर्मी ओर विराज आ रहे थे।
रिसेप्शन – शाम का वक्त | सिंघानिया मैंशन
शानदार लाइटिंग, फूलों की सजी हुई सजावट, चमचमाते झूमर, कैमरों की चमकती फ्लैश हर कोना जैसे एक सपने में ढला हुआ था। पूरा सिंघानिया मैंशन मानो किसी रॉयल वेडिंग गार्डन में बदल चुका था।
और उसी पल… ग्रैंड एंट्री होती है विराज और उर्मी की।
विराज आज सच में किसी रॉयल प्रिंस से कम नहीं लग रहा था। ब्लैक वेलवेट शेरवानी, हल्का ग्रीक कट स्टाइल हेयर और चेहरा एकदम शांत लेकिन ऑथॉरिटेटिव। वहीं उसके साथ खड़ी उर्मी… ब्लू शिमर गाउन में, एकदम सिंड्रेला जैसी।
उसके खुले बाल हल्की लहरों में कंधों से नीचे बह रहे थे, माथे पर एक एलिगेंट हेयर क्राउन, और गले में हल्का सा डायमंड नेकलेस। आँखों में काजल की हल्की लाइन, होंठों पर सटल पिंक ग्लॉस और चेहरे पर एक मासूम चमक। विराज ने बिना ज़्यादा कुछ कहे, बस धीरे से उसका हाथ थामा था। वो पकड़ ठंडी थी, लेकिन उर्मी के दिल की धड़कनें उससे कहीं ज़्यादा गर्म और तेज़ हो रही थीं।
वो साथ-साथ स्टेज की ओर बढ़ रहे थे। कैमरे चमकने लगे। "Sir please look here!" "Ma’am this side!" "One more! Together please!"
मीडिया रिपोर्टर्स झुंड बनाकर उन्हें घेरे हुए थे। “Wow! What a royal couple! Straight out of a fairytale! Miss Universe and Prince Charming!”
उर्मी शर्मा रही थी। विराज की पकड़ मज़बूत थी, पर आँखें अब भी दूर कहीं थीं… जैसे इस सबका कोई असर नहीं। दूर एक कोने में खड़ा आरव उसकी नज़र सिर्फ एक ही इंसान पर थी। उर्मी।वो तो उसकी खूबसूरती में खूनी गया था कॉलेज में कितनी सिंपल सी रहती थी आज कितनी प्यारी और गॉर्जियस लग रही थी। उसने अपनी ड्रिंक नीचे रख दी। उसके चेहरे पर कोई मुस्कान नहीं थी, सिर्फ खामोशी थी। चेहरा बिल्कुल शौक में था और उर्मी के ऊपर से हटाने का नाम नहीं ले रहा था।
कियान, जो बगल में खड़ा था, बस मुस्कुरा रहा था। वो मुस्कुराहट एक प्यारी-सी तकलीफ़ वाली थी, शरारत में छुपी तड़प। उसने धीरे से अपने आप से कहा "कितनी अजीब बात है ना… मैं ऐसे दुनिया के सामने अपनी वाइफ इंट्रोड्यूस नहीं कर सकता..!!
कियान ने एक हल्की सी वाइन की चुस्की ली और फिर अपनी नज़रें उर्मी पर टिका दीं। वह दुनिया के सामने कभी भी यह नहीं बता सकता कि उन्हें इसकी भी वाइफ है कितनी बदक़िस्मत है। पर वो कि वह विराज के साथ तो है। पर आरव वो पता नहीं कब एक्सेप्ट करेगा।स्टेज पर विराज और उर्मी अब फोटो खिंचवा रहे थे।
उर्मी हर क्लिक में मुस्करा रही थी। लेकिन वो मुस्कान कैमरे के लिए थी, दिल के लिए नहीं।वसुंधरा और योगराज, मैंशन की ऊँचाई से ये तमाशा देख रहे थे। लेकिन तभी वसुंधरा नीचे आती हैं।
उनकी चाल धीमी थी, लेकिन रॉयल थी। वाइट सिल्क साड़ी पर डायमंड बॉर्डर, हाथों में कुछ जड़े हुए कड़े, और माथे पर बिल्कुल खाली मांग।सिंदूर नहीं था। क्योंकि वो विधवा थीं। दुनिया के सामने। वो स्टेज पर चढ़ती हैं, और माइक लेती हैं। "Attention please, ladies and gentlemen…"
सारा हॉल शांत हो जाता है। वसुंधरा मुस्कराती हैं। वो मुस्कान सधी हुई थी, पर उसके पीछे हज़ार भाव थे।
"आप सब आज यहाँ आए, हमारे घर की खुशी में शामिल होने… इसके लिए सिंघानिया परिवार की ओर से दिल से धन्यवाद।"
वो पलटती हैं। विराज और उर्मी की तरफ देखती हैं। फिर सबकी ओर मुखातिब होती हैं। "यह हैं… उर्मी विराज सिंघानिया!"
हॉल में जोड़ों से तालियाँ बजती हैं। कैमरे फिर से चमकने लगते हैं। "हमारी फैमिली की डॉटर-इन-लॉ। अब आप सब मिल चुके हैं इनसे। अब कृपया फ्लैश कैमरे बंद कीजिए… आप सबने बहुत तस्वीरें ले लीं… अब आइए, हमारे साथ इस सेलिब्रेशन को एंजॉय कीजिए।"
वसुंधरा ने बहुत शांति और शान से स्टेज छोड़ दिया।पर उनके बोलने का असर अब चारों तरफ था। हर मेहमान की तारीफे सुनाई देने लगी। "विराज सिंघानिया की वाइफ यह तो काफी खूबसूरत है..!!
लेकिन चारों ओर तारीफों की सरगर्मियाँ अब भी चल रही थीं। "विराज सिंघानिया की वाइफ तो सच में रॉयल है…"
"इतनी ग्रेसफुल और एलिगेंट… बिल्कुल इस खानदान की शान के मुताबिक…"
"लकी है विराज…!"
उर्मी बस हल्के से मुस्कराती रही, जैसे उसकी ये मुस्कान ही उसका कवच हो… थोड़ी देर बाद जब मीडिया और हाई प्रोफाइल गेस्ट्स एक-एक करके विदा लेने लगे,
फ्लोर धीरे-धीरे खाली होने लगा।
बिज़नेस इन्वाइट्स, पॉलिटिशियन, सेलेब्स सबने फूलों के गुलदस्ते, रजिस्टर्ड गिफ्ट्स और शुद्ध दिखावे के मुस्कान के साथ बधाइयाँ दीं। "हैप्पी मैरिड लाइफ…" "कपल गोल्स…" "ब्लेसिंग्स टू यू बोथ…"
और हर बार उर्मी बस हल्के से सिर झुका देती थी।
उसकी आँखें कई बार कियान को खोजती थीं। पर वो अब कहीं नहीं दिख रहा था। ना सामने, ना पीछे।
स्टेज पर विराज और उर्मी अब अकेले से खड़े थे। विराज ने कोई बात नहीं की। बस सामने देखा, और फिर बिना उर्मी की ओर देखे चुपचाप अपने कमरे की ओर बढ़ गया।
उर्मी एक पल को उसे जाते हुए देखती रही। ना कोई 'गुड नाइट', ना 'थैंक यू', ना एक मुस्कान। जैसे उसने उर्मी को पहचाना ही नहीं।
वो धीरे से सोफे पर बैठ गई। रात भर की मुस्कान अब हल्की थकावट में बदल गई थी। वो बस जाते हुए देख रही थी वसुंधरा उसके पास आकर बोली - "उर्मि बहू तुम भी बहुत थक गई होगी जो कमरे में मैं तो जा रही हूं आज बहुत थक गई।
वसुंधरा सीडीओ से ऊपर अपने कमरे में चली जाती है और उनके पीछे-पीछे योगराज भी। इधर आरव भी ए क्लास टाइम उर्मी को देखा है और बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है। उर्मी अब उठती है। तभी अचानक से किसी ने उसे गोद में उठा लिया।
Continue......
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(ignore this line)
वसुंधरा सीडीओ से ऊपर अपने कमरे में चली जाती है और उनके पीछे-पीछे योगराज भी। इधर आरव भी ए क्लास टाइम उर्मी को देखा है और बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है। उर्मी अब उठती है। तभी अचानक से किसी ने उसे गोद में उठा लिया।
उर्मी अब धीरे-धीरे उठी। गाउन भारी था, मेकअप की परतें चेहरे पर चुभ रही थीं, और दिल में कोई भारीपन उतर आया था। वो कुछ कदम ही चली थी…कि अचानक
किसी ने उसे पीछे से गोद में उठा लिया।
"अह अ…!" उर्मी चौंक गई।
"श्श्श… शांत रहो… स्वीटहार्ट" एक गहरी सी जानी- पहचानी आवाज़ उसके कानों में पिघली। वहां कियान था। अब वो उसकी में थी। उसने उर्मी को एक बच्चे की तरह पकड़ा हुआ था। "ए..जी … प्लीज़… नीचे उतारिए… कोई देख लेगा…" उर्मी ने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आँखें हड़बड़ाई हुई थीं।
"देखने दो…आज सारी दुनिया ने देखा कि तुम किसी और की हो…कम से कम अब, इस एक पल में, मैं तो तुम्हें अपना कह सकूँ…"
उर्मी चुप। उसके सीने से लगकर उसका दिल धड़क रहा था, और वो आवाज़, वो सांसें…बस उसे यकीन दिला रही थीं कि… कोई तो है, जो उसकी परवाह करता है।
"तुम थक गई हो… है ना?"
कियान ने पूछा, उसके बालों में हाथ फेरते हुए।
उर्मी बस हल्के से सिर हिलाती है। आँखें अब भी नीचे।
"तो अब एक शब्द भी मत बोलो… बस… मेरे साथ चलो।"
कियान उसे गोद में उठाए। धीरे-धीरे सीढ़ियाँ चढ़ने लगता है। नीचे हॉल में अब सन्नाटा था। ऊपर की ओर बढ़ते हुए
कियान की बाँहों में सिमटी उर्मी बार-बार नीचे देखने लगी उसकी धड़कनें बढ़ रही थी। "ए…जी… हमें नीचे उतार दीजिए…" उसने धीरे से कहा, "हम खुद चले जाएंगे…"
कियान हल्के से हँसा फिर अपनी बाँहों की पकड़ थोड़ा और कसते हुए, उसकी कमर को अपने सीने से और सटा लिया। "स्वीटहार्ट… तुम मुझे ‘ए जी’ क्यों बुला रही हो…? मुझे मेरे नाम से बुलाओ, जैसे सुबह बुलाया था…"
सुबह की बात याद आते ही। उर्मी का चेहरा लाल टमाटर जैसा हो गया। वो शर्मा के उसके सीने में मुंह छुपा लेती है। "वो… हमें मम्मी ने बताया था… पति का नाम नहीं लेते…उनकी उम्र घट जाती है…"
कियान का चेहरा एक मीठी सी मुस्कान में खिल गया।
"ओह… तो मेरी स्वीटहार्ट को मेरी उम्र की फिक्र होने लगी है अब?"
उर्मी ने कुछ नहीं कहा, बस खुद को उसके सीने में और छुपा लिया। "That’s cute…" कियान ने धीरे से उसके माथे पर एक प्यारा सा किस किया।
अब कियान उसे अपने रूम में ले आया।कियान ने धीरे से उर्मी को बेड पर बिठाया। कमरे की हल्की रोशनी में वो और भी नाज़ुक और थकी हुई लग रही थी। उसके पैरों में हाई हील्स थीं, जो अब तक की भागदौड़ में उसे परेशान कर चुकी थीं।
कियान ने घुटनों के बल नीचे बैठते हुए उसका एक पैर अपने ऊपर रखा और उसकी हील्स खोलने लगा। उर्मी झट से अपना पैर पीछे खींचते हुए बोली "यह आप क्या कर रहे हैं..?!"
कियान ने उसकी आँखों में देखकर मुस्कुराया,
"अपनी बीवी की सेवा..."
"अब चुपचाप बैठी रहो..."
"तुम बहुत थक चुकी हो, स्वीटहार्ट। कुछ भी नहीं कर पाओगी। तुम बस शांति से बैठो… मैं सब कुछ कर दूंगा…"
उसका स्वर इतना स्नेह से भरा था कि उर्मी बस उसे देखती रह गई।धीरे से उसने फिर से अपना पैर कियान की ओर बढ़ा दिया…और इस बार उसने कुछ नहीं कहा।
कियान ने बहुत ध्यान से उसकी हील्स उतारीं, उसके पैरों को हल्के से सहलाया। उसके बाद वह धीरे से उठा,
ड्रेसिंग टेबल से मेकअप रिमूवर, कॉटन पैड्स और मॉइश्चराइज़र ले आया। क्योंकि वह एक एक्टर है तो उसे मेकअप के बारे में सब कुछ पता है।
"अब अपनी आँखें बंद करो…" उसने कहा।
उर्मी कुछ पल देखती रही, फिर आँखें बंद कर लीं।कियान ने बहुत नर्मी से उसके गालों से मेकअप हटाना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ इतनी कोमल थीं कि उर्मी को नींद सी आने लगी। वो बस उसकी छुअन महसूस करती रही… उस सुकून को जीती रही… पहली बार किसी ने उसे इस तरह थाम कर रखा था।
थोड़ी देर बाद "बस हो गया…" कियान ने धीरे से उसके माथे पर एक किस किया।
कियान अब धीरे से उसकी बैक चैन को खोलेगा, लेकिन फिर अचानक से ही वह रुक गया और उर्मी के कानों के बेहद नजदीक आकर को इंटेंस वॉइस में बोला- "तुम्हारी ड्रेस चेंज करने में हेल्प करूं या तुम खुद कर लोगी स्वीटहार्ट..!!
उसकी इतनी इंटेंस आवाज सुनकर तो उर्मी की हार्टबीट फास्ट हो जाती है। उसकी आंखें खुद ब खुद ही बंद हो गई थी। वह तो कोई भी रिस्ट्रिक्शन नहीं चाहती थी। वो एक गहरी सांस लेती है और अपनी आंखें बंद कर लेती है जैसे उसे इजाजत दे रही हो अब धीरे से कियान इसकी भारी भरकम ड्रेस जीप को खोलता है, उसके नाजुक शोल्डर को टेक ऑफ करता है उर्मी का रग रग कांप रहा था। दिल की धड़कनें बहुत फास्ट हो रही थी।
कियान अब उसकी बड़ी सी सिंड्रेला वाली ड्रेस को पूरी तरीके से खोलकर साइड में रख देता है। उर्मि अब बेचैन होने लगती है उसकी दिल की धड़कन हद से ज्यादा तेज हो चुकी थी। इतनी ज्यादा की पूरे कमरे में बस उसकी दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी और कियान कि शरारती सी स्माइल उसके चेस्ट की तरफ जाती है। जहां ब्लैक कलर का विदाउट स्टेप वाली ब्रा थी। वो अपने हाथों को पीछे ले जाते हुए उसके उसको हुक्स खोलकर उसे नीचे फेंक देता है। ओर फिर उसके ऊपर आ जाता है।
उसके परफेक्ट परफेक्ट उभारों को देखने लगता है। और उसकी नज़रें अपनी तरफ देखकर तो उर्मी की हालत खराब होने लगी थी। वो अपना सलाइवा घटक लेती है। कियान हल्के हाथों से उसके निप्पल को टच करता है। जिससे उसके पूरी बदन में सिहरन दौड़ जाती है। वो गहरी गहरी सांसें लेने लगी।उसका सीना भी उपर नीचे हो रहा था। जिसे देखकर कियान ओर भी पागल हो रहा था।
वो अब उसकी पैंटी को देखता है। उसके सॉफ्ट फ्लावर उसससे ढके हुए थे। और उसकी नाजुक से लंबे पर दिख रहे थे क्योंकि बिल्कुल क्लीन थे। उसके हाथ उसके थाई पैर फिसल रही थी। ओर उर्मी का रोम-रोम कांप रहा था। कियान ने उसकी गोरे बेदाग पैरों को टच करने लगता है। ओर फिर उसकी पेंटी को हल्के हाथ से धीरे धीरे खोल देता है। उसे अपने नोज के करीब करते हुए उसकी खुशबू लेता है और साइड में रख देता है। अब उसका सॉफ्ट फालवर और वह पूरी की पूरी ओपन उसके सामने थी।
कियान ने देखा को कांप रही थी। तो वो उसकी कमर को थाम कर। उसके उपर आ गया। ओर कानों के नजदीक जाकर अपने सीने पर किसके सॉफ्टनेस को महसूस करने लगा। वह शर्ट में था लेकिन फिर भी उसकी सॉफ्टनेस उसे महसूस हो रही थी उसका दिल भी जोरों से धड़कने लगा। वो बोला- "स्वीटहार्ट क्या मैं तुम्हें आज पूरे अच्छे तरीके से अपना बनाऊं । वह भी अकेले..!? आई नीड योर परमीशन गिव मी प्लीज...!!
उर्मि तो कुछ समझ ही नहीं पा रही थी कि उसे क्या बोलना चाहिए। वो बस धीरे अपने हाथों को उसके शर्ट के पास ले जाती है और अपने पलके झपा देती है। कियान को तो बस इसी परमिशन मिलने की देरी थी। वो जल्दी से अपने शर्ट के बटन खोलने लगता है।
अब वो एक सेकंड भी बर्बाद नहीं कर सकता था। वो जल्दी से उसके सॉफ्टनेस्ट को अपने मुंह में भर लेता है। उर्मी की सांस रुक जाती है दिल जोरो से धड़कने लगता है उसकी आंखें खुद ब खुद बंद हो जाती है। और उसका हाथ कियान के बाल पर चला जाता है।
कियान अब अपना सेल्फ कंट्रोल नहीं कर सकता था। वो उसके मुलायम से कपकेक्स को पूरे मुंह के अंदर ले लेता है और जोरो से सक करने लगता है। और दूसरे हाथ से उसके सॉफ्टनेस को मसल रहा था। जोड़ो से प्रेस करता है। जिससे उर्मी को दर्द होने लगता है। तो वो हल्की सी सिसकियां लेते हुए। "धीरे से करिए ना हमें दर्द हो रहा है..!!
कियान उसकी आवाज तो सुनता है और खुद को कंट्रोल करने की कोशिश भी करता है लेकिन आज कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा था। वो उसके दोनों ब्रेस्ट के बीच में एक किस करता है और हल्की सी सांस लेते हुए बोलता है। "स्वीटहार्ट प्लीज आज मत रोको..!!!
उर्मी का चेहरा पूरा लाल हो चुका था वह उसकी बाइसेप्स देख रही थी। एप्स पर नजर जाते हैं वह तो और भी ज्यादा शर्माने लगती है। उसकी बॉडी बहुत ही मस्त थी आखिर वह भी क्यों ना इतना फेमस एक्टर जो था। कियान हाथ अब उर्मी के दोनों बूब्स के साथ खेल रही थी। ओर कभी वो उसे सक कर रहा था। उर्मी के हाथ उसके बैक पर घूमने लगते हैं।
कियान अब स्टॉप होता है। ओर वो उसके फ्लावर की ओर बढ़ने लगता है तो उर्मी की सांस और भी तेज हो जाती है और उसके पेट के पास तितलियां उड़ती हुई महसूस होने लगती है। कियान अपने हाथों को उसके दोनों थाई पर ले जाते हुए उसके घुटनों के पास आता है। और दोनों पैरों को साइड करके बीच में आ जाता है।
अब उसका फ्लावर उसकी आंखों के सामने था। और उर्मी की सांस तो बहुत ज्यादा फास्ट हो रही थी उसका सीना ऊपर नीचे हो रहा था। कियान अब उसके फ्लावर को अपने सख़्त हाथों से टच करता है। जिससे उर्मी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वो उसे अंदर तक महसूस करना चाह रही थी बिल्कुल अभी तड़प रही थी उसकी आंखें बता रही थी कि वह कितनी बेचैन हो रही है।
कियान जब उसके चेहरे के एक्सप्रेशन देखा है तो वो एक इविल स्माइल कर रहा था। उसके एक्सप्रेशन उसे बहुत सेक्सी लग रहे थे। वो स्माइल करते हुए अपने टू फिंगर को उसके सॉफ्ट फ्लावर के अंदर डालता है। जैसे ही वह उसे अंदर डालता है। उर्मी की बेचैनियां और भी बढ़ जाती है।
कियान उसे बैचेन देखकर और भी खुश हो रहा था। वो अब अपने फिंगर को धीरे से निकलता है। और फिर उसके अंदर धीरे से डालता है। उर्मी की धीमी धीमी सिसकियां निकलने लगती है। जो कियान को और भी ज्यादा एक्साइटेड कर रही थी। वो अब वो ओरल सेक्स और तेजी से करने लगता है। अपनी फिंगरिंग को फास्ट कर देता है।
उर्मी अब हद से ज्यादा बेचैन हो रही थी। अब कियान अपने फिंगर की ओर देखा है जहां पर सफेद लिक्विड लग चुका था। वो उसे एक सेड्यूसिग स्माइल के साथ देखता है। ओर फिर वो उर्मी की तरफ देखा है जो गहरी गहरी सांस ले रही थी उसके लिप्स खुले हुए थे और वह काफी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। इस वक्त वह थोड़ी शरमाई हुई उसे देख रही थी। कियान अपने दोनों फिंगर को अपने मुंह में ले लेता है। और उसे लिक्विड को टेस्ट करने लगता है टेस्ट करते हुए वह अपनी आंखें बंदकर देता है।
उर्मी तो कुछ कहा ही नहीं पाती। वह अपने ब्लैकैट को अपने हाथों में कसकर पकड़ लेती है वह अपने पैरों को इस पोजीशन में बंद करने वाली होती है कि …उससे पहले ही कियान उसके दोनों घुटनों को अपने मजबूत हाथों से थाम लेता है।
"नो, स्वीटहार्ट… अभी नहीं," उसकी आवाज़ में कुछ ऐसा था जो उर्मी की रूह तक उतर गया।
वो फिर से झुका… और जैसे उसकी हर हरकत सिर्फ उर्मी की रूह को छूने के लिए बनी थी। अब वो उसके सॉफ्ट फ्लावर की ओर बढ़ता है। जहां उसकी उंगलियों की छाप अब भी बाकी थी। और वो व्हाइट लिक्विड गवाही दे रहा था उसकी तलब की। कियान ने अपनी दो उंगलियों से धीरे से उसके फूल को खोला… जैसे कोई नाज़ुक पंखुरी संभाल रहा हो। वो बिल्कुल सॉफ्ट पिंक थी।
और फिर… उसकी ज़ुबान ने वो कर दिया, जो उर्मी ने सिर्फ ख्वाबों में महसूस किया था। धीरे-धीरे… गर्म और गीला एहसास उसके भीतर गहराता गया। वो tongue fuck करने लगा। वो स्लोली स्लोली अपने tonguy को अंदर तक ले जाता ओर उसके अंदर के लिक्विड को अपने मुंह में भर लेता। हर बार जब वो ज़रा सा अंदर जाता… उर्मी की रूह जैसे एक और परत खोल देती थी।
फिर काफी देर तक वह अंदर बाहर करने के बाद। उसे जोड़ से सक किया। उर्मी की उंगलियाँ चादर में धंस गईं। उसका बदन कांप उठा जैसे हर नस में आग दौड़ गई हो।
"ए.…" वो कुछ कहना चाहती थी, पर जुबान ने साथ छोड़ दिया। उसकी सांसें तेज़ थीं, उसकी आंखें बंद… और जिस्म हर पल उसकी ज़ुबान पर जवाब देता जा रहा था।
और तभी उसने हल्का सा व्हाइट निकाला… जैसे वो उसकी नज़ाकत को चख रहा हो। ज़ुबान की हर हरकत अब और भी गहरी, और ज्यादा प्यास भरी लग रही थी।
उर्मी के होठों से एक टूटी-सी सांस निकली, और उसका जिस्म अनजाने में एक झटके से ऊपर की ओर उठा।
उसके नाखून कियान के बालों में ऐसे धंस गए जैसे जान ही निकाल लेनी हो। "ए... जी! काट क्यों रहे हैं?" उसकी आवाज़ थरथरा रही थी। शिक़ायत जैसी, मगर अधूरी।
कियान ने सर उठा कर उसकी तरफ देखा… उसकी ज़ुबान पर अब भी उसका स्वाद बाकी था, और आंखों में वही शरारत जो उर्मी को पिघला देती थी। "स्वीटहार्ट तुम्हें महसूस करवाने के लिए… क्या सिर्फ चखना काफ़ी होता?" उसने धीमे से कहा, और फिर से झुक गया…
अब उसकी ज़ुबान का हर हल्का सा झटका उर्मी को पागल कर रहा था। उसकी जांघें कांप रही थीं, उसकी सांसें रुक-रुक कर चल रही थीं, और उसकी उंगलियाँ अब उसके सिर पर नहीं बल्कि उसकी पीठ को नोच रही थीं।
वो कांप रही थी। सिर से लेकर जांघों तक। कियान ने अचानक उसकी दोनों टांगों को कसकर पकड़ा, और जैसे उसे पूरी तरह बेकाबू कर दिया। ओर वो इस बार बहुत जोड़ से उसके फ्लावर के साइड कट करता है। "तुम बहुत देर से सब कंट्रोल कर रही हो, स्वीटहार्ट…" उसकी आवाज़ में ऐसा सुकून था जो डर पैदा कर दे।
और कहने से पहले ही… उसने एक झटका दिया उसकी ज़ुबान ने इतनी तेजी से उसे झकझोरा कि उर्मी की चीख़ दब गई। उसके होंठ काँपे… पर जुबान बंद थी। अब सिर्फ उसकी आंखें खुली थीं… और उनमें दर्द था। लेकिन अजीब बात ये थी… वो दर्द अच्छा लग रहा था।
Continue....
Tension not Aaj hi 2 chapter aaega... Fir Viraj ke sath bhi washroom romance hoga...💋🌚✨
कियान ने खुद को कंट्रोल करते हुए धीरे से अपना मुंह वहाँ से हटाया… उसकी ज़ुबान पर अब भी उर्मी के सॉफ्ट फ्लावर की गहराई का स्वाद था। वो हल्की सी मुस्कराहट के साथ अपने होंठों को छूता है। फिर एक उंगली से उन्हें साफ करता है। जैसे उसे सहेज रहा हो, मिटा नहीं रहा।
उसकी नज़र अब उर्मी के चेहरे पर थी। उसकी सांसें बेताब थी। ओर होंठ थरथराते रहे थे। और आँखों में मोहब्बत से भी ज़्यादा गहराई थी। कियान थोड़ा ऊपर झुककर, उसके कान के बिल्कुल पास आया उसकी गर्म साँस उर्मी की गर्दन को छूने लगी। "स्वीटहार्ट… आज मैं बहुत ज़्यादा ही वाइल्ड हो रहा हूँ,"उसने धीरे से कहा,
"But मेरे लिए… मेरा साथ दो… क्योंकि आज… मैं तुम्हारे हर हिस्से को… टोटली, पूरा… अपना बनाना चाहता हूँ।"
उर्मी की आंखें हल्के से बंद हुईं… उसके सीने का उतार-चढ़ाव अब तेज़ था। कियान मैं उसके लाल पड़ गए चेहरे को देखा और फिर उसकी नजर उसके बॉडी कर्व पैर फिसलते चली गई। वो इस वक्त उसके सामने थी। उसका पूरा हक था लेकिन फिर भी वह चाहता था कि वह सब कुछ परमिशन के साथ करें।
कियान ने उसकी नाज़ुक कंधे को दोनों हाथों से छुआ…
इतनी नर्मी से जैसे कोई पूजा की थाली को उठाता है।
उसके बाद उसे हल्का ऊपर की तरफ उठाया बैठने का इशारा किया। उर्मी थोड़ी कांपती हुई उठी… उसकी जांघों के बीच अभी भी थोड़ी-सी गर्माहट कांप रही थी।
अब कियान खुद घुटनों के बल उसके सामने था।उसकी आँखें सीधी उसके चेहरे से होते हुए नीचे तक गईं। जहां पर उसके पेट के अंदर से भी उसका हार्डनेस शो हो रहा था। उर्मी की सांसे ओर तेज़ होने लगी।
कियान ने उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लिया…
एक पल के लिए जैसे उसका सारा ध्यान सिर्फ उर्मी की आँखों में उतर गया। उसके गालों को सहलाते हुए, उंगलियाँ उसके बालों में समा गईं। "स्वीटहार्ट… इतना मत घबराओ…" उसकी आवाज़ अब फुसफुसाहट बन चुकी थी। "सुबह ही तो मैंने तुम्हें सब सिखाया है… कि कैसे करना है।"
उर्मी की सांस जैसे वहीं अटक गई।
"और अब…" उसने अपनी नाक से उसकी नाक को छुआ, "अब तुम जा लो, कि मुझे… तुम्हारी हर वक्त ज़रूरत होगी।”
कियान थोड़ा पीछे हटा, फिर एक शरारती सी मुस्कान के साथ बोला - "तो मेरे साथ… तुम भी वाइल्ड बनो।
थोड़ा जुल्म मुझ पर भी करो स्वीटहार्ट…”
उर्मी की पलकों ने झपकना भी छोड़ दिया था।कियान ने फिर उसका हाथ अपने हाथों में लिया और बहुत धीरे, बहुत संभालकर… उसे अपने पेट के नीचे ले गया। उसकी हार्डनेस अब उसकी बॉडी से बाहर निकलने को बेताब थी। और उर्मी का हाथ… अब उसे महसूस कर रहा था।
"तुम्हारे टच की मुझे आदत हो रही है…कियान ने धीरे से कहा, “अब इसे जल्दी से लिटिल टाइगर को थोड़ा शांत करो।
उर्मी ने उसकी आँखों में देखा…कियान ने अब बस इशारा किया कि अब उसे खुद आगे बढ़ना है। उर्मी ने पहले डरते हुए अपना हाथ पीछे खींच लिया…जैसे उसके अंदर कुछ काँप रहा हो।ना सिर्फ जिस्म… बल्कि उसका पूरा वजूद इस वक्त थरथरा रहा था।
लेकिन कियान ने उसका हाथ फिर से थाम लियाउसे अपने हार्डनेस पर रखकर फुसफुसाया "देखो… जल्दी करो स्वीटहार्ट… बहुत बेताब हो रहा हूँ… फिर हमें फुल नाइट 8 राउंड भी तो लेने हैं…"
बस इतना सुनना था…उर्मी का दिल धड़क उठा जैसे कोई तेज़ ढोल सीने में बज रहा हो।उसने खुद को थोड़ी देर तक रोके रखा। पर अब धीरे से उसने कियान के पैंट की ओर हाथ बढ़ाया… और अपनी थरथराती उंगलियों से उसे खोल दिया।
कियान अब भी बस उसे देख रहा था। जैसे कोई मास्टरपीस अपने सामने बनते देख रहा हो। उसकी स्वीट, इनोसेंट उर्मी… अब थोड़ी-सी वाइल्ड बन गई थी। उर्मी ने कियान की बॉक्सर के बैंड को पकड़कर धीरे-धीरे नीचे खींचाऔर जैसे ही वो बाहर आया उसकी हार्डनेस पूरी तरह स्टैंड मोड में थी।
उर्मी ने उसे देखा, हल्की-सी सांस छोड़ी…कियान ने उसकी आंखों में देखा और मुस्कुरा कर बोला "ये सब तुम्हारे लिए है…"
उसकी उंगलियाँ अब उर्मी के गाल पर थीं… "अब मुझे महसूस करो… जैसे मैं तुम्हें कर रहा हूँ…"
उर्मी का दिल इतनी तेज़ धड़क रहा था कि उसकी सांसें भी उसका साथ नहीं दे रही थीं। उसने हल्के हाथों से उसकी हार्डनेस को थामा, और फिर थोड़े संकोच के साथ अपने होंठ उसके ऊपर रखे। जब उसने उसे मुँह में लिया
तो वो एहसास उसके रग-रग में दौड़ गया। कियान की एक धीमी कराह उसके कानों तक पहुंची, "स्वीटहार्ट…" उसकी आवाज़ में बेचैनी थी।
उर्मी उसे पूरा लेने की कोशिश कर रही थी… लेकिन उसकी साइज के आगे उसका मुँह छोटा पड़ रहा था। वो थोड़ी घबराई… पर फिर भी रुकने की जगह, उसने अपनी रफ्तार धीमी की… और डिपलाई मुंह में लेने लगी।
कियान की उंगलियाँ अब बिस्तर की चादरें मरोड़ रही थीं।
उसने एक हाथ उर्मी के बालों में डाल दिया न बहुत कसकर, न बहुत ढीला बस गाइड करते हुए।
और तभी… जब कियान के जिस्म ने झटका लिया, उसका व्हाइट लिक्विड उर्मी के मुँह में उतर गया। उर्मी की पलकों ने थरथराते हुए खुद को बंद कर लिया।उसने उस स्वाद को कुछ पल तक महसूस किया… पर उसमें भी एक अजीब सी कशिश थी।
उसने खुद से पूछा "क्या यही वो चीज़ है… जिससे स्किन ग्लो करने लगती है?"
कियान ने उसकी उलझी हुई सोच को उसकी आँखों में भांप लिया,हल्का सा मुस्कुराया और फुसफुसाया "वो इंस्टाग्राम रील्स हैं, साइंस नहीं…"
उर्मी थोड़ी शरमा गई,और बाकी सफाई अपनी जुबान से ही करने लगी। कियान उसे देख रहा था…जैसे उसकी दुनिया उसके सामने झुक गई हो।
कियान अब उर्मी के चेहरे के बेहद करीब था। उसके होठों पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए वो धीमे से बोला "अब चलो, स्वीटहार्ट… फर्स्ट राउंड स्टार्ट करते हैं।”
उर्मी की सांस अटक गई। उसकी आँखें कियान की आँखों में समा गईं। कियान ने हल्के से उसके कमर पर हाथ रखा। वो अब पूरी गंभीरता में आ चुका था।
"तुम्हारी कमर में बहुत दर्द होने वाला है… पर घबराना मत, हम हर पोज़िशन बदलते रहेंगे… ताकि तुम्हें तकलीफ़ कम हो… और फील ज़्यादा।"
उर्मी को लगा जैसे उसके अंदर कुछ पिघल गया हो
इतनी केयर, इतनी जेंटलनेस… उसके आँसू भीगते नहीं, बस उसकी पलकों पर चमकने लगे।कियान ने उसे अपने हाथों से उठाया जैसे कोई फूल को ज़मीन से नहीं, हवा से उठाता है। फिर धीरे से उसे बिस्तर के सेंटर में लिटाया
उसकी जांघों को दोनों तरफ से खोला, और खुद उसके ऊपर आ गया। "अगर कहीं भी दर्द हो…तो, बोलना हम पोजीशन चेंज कर लेंगे आज के लिए, बस आज मेरा ढेर सारा प्यार और दर्द झेल लो स्वीटहार्ट फिर तो तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी।
उर्मी ने हल्के से सिर हिलायाऔर जैसे ही कियान ने अपनी हार्डनेस को उसके अंदर धीरे-धीरे स्लाइड किया
उसकी उंगलियाँ चादर में धँस गईं,। “अह… …” बस इतना ही कह सकी।कियान रुका नहीं। उसने धीरे से अपने हार्डनेस को बाहर निकाला और फिर इंटर आउट करने लगा। उन दोनों के लिक्विड उसे जगह पर गिला पन ला रहे थे।
कियान का चेहरा उर्मी के बिल्कुल पास था। उसकी सांसें अब उर्मी की सांसों में घुल रही थीं। उसने एक गहरी नज़र उसकी आँखों में डाली और कहा: "स्वीटहार्ट… आज मेरी वाइल्डनेस को झेल लो…पर डरना मत… मैं हर झटके में तुम्हारे लिए सिर्फ प्यार रखूंगा, और हर स्पर्श में सिर्फ तुम्हारी परवाह।"
उसके शब्द उर्मी के भीतर उतर गए जैसे कोई गरम चाय सर्द सुबह को छू जाए।अब उसकी रफ्तार तेज़ हो रही थी,
लेकिन वो स्पीड कोई ज़बरदस्ती नहीं थी। बल्कि दो धड़कनों की तड़प थी जो अब एक लय में चलने लगी थी।
उर्मी के हाथ अब कियान की पीठ पर थे। उंगलियाँ कसती जा रही थीं,हर बार जब कियान गहराई में जाता
उर्मी की चीख़ ओर सिसकियां के साथ उसकी नाखूनों ने कियान की पीठ पर निशान छोड़ने शुरू कर दिए, जैसे वो उसकी हक़दारी की मोहर हों।कियान को हल्का दर्द महसूस हुआ। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुरा कर उसके गाल पर एक प्यार भरा किस छोड़ दिया।
"तुम जब तक मुझे छू रही हो, चाहे ज़ख़्म ही क्यों न दे रही हो…मुझे सब मंज़ूर है स्वीटहार्ट।"
कियान ने अब अपना सिर उर्मी की गर्दन में छिपा लिया,
और उसकी धड़कनों को अपने होंठों से चूमने लगा। वह बार-बार झटका दे रहा था। और उर्मी रह रह के सिसकियां ले रही थी। जो उसे और भी ज्यादा एक्साइटेड कर रही थी।
उर्मी की आंखों से आँसू की एक हल्की सी लकीर फिसल पड़ी शायद दर्द की नहीं… बल्कि उस एहसास की जो उसने पहली बार इतने पूरेपन से महसूस किया था।
अब लास्ट राउंड सुबह के 3:00 बजने वाले थे दोनों का अब अपना लास्ट राउंड चल रहा था।उसने बोला था था कि वह 8 राउंड करेगा पर पूरे रात में वह 10 से भी ज्यादा राउंड कर चुका था। उर्मी पूरी तरह थक चुकी थी। उसकी आँखें बोझिल थीं, होंठ सूखे हुए, और बाल बिखरे हुए… लेकिन चेहरे पर एक अजीब-सी सुकून भरी मुस्कुराहट थी। उसने करवट ली, कियान के सीने पर सिर रखा और आँखें बंद करते हुए धीमे से बोली, "ए जी… अब और नहीं… सच में, बहुत थक गए हम..."
कियान हल्का-सा मुस्कुराया। उसकी उंगलियाँ उर्मी के उलझे बालों में धीरे-धीरे चल रही थीं, जैसे उन्हें सुलझा नहीं रहा, बस महसूस कर रहा हो।उसने उसे धीरे से अपनी बाहों में समेटा, पीछे से हग करते हुए उसके सॉफ्टनेस पर हाथ फेरा और खुद भी थोड़ी देर के लिए आंखें मूंद लीं।
"सॉरी वाइफी... पर क्या करूं, आज कुछ ज़्यादा ही प्यार आ गया तुम पर। पर अब प्रॉमिस करता हूं। कमर दबाऊंगा, पैर भी और हां तुम मुझे कोई निकनेम दे दो न, ए..जी थोड़ा ओल्ड लगता है।
लेकिन जवाब देने के बजाय उर्मी की सांसें अब एकदम शांत हो गई थीं।कियान ने हल्के से झांक कर देखा उर्मी तो कब की सो चुकी थी… चुपचाप, उसकी बाहों में।
वो हँस पड़ा। "लो… अब मैं खुद से ही बातें कर रहा हूं।
पता है स्वीटहार्ट, तुम्हारी यही मासूम थकान… मुझे फिर से और भी प्यार करवा देती है।"
उसने अपना चेहरा उसकी गर्दन के पास छुपा लिया… और सब कुछ जैसे ठहर गया।
उर्मी की आंखें खुलीं… थोड़ी देर तक वो बस उसे देखती रही। उसके सामने कियान का हैंडसम चेहरा था… नींद में भी बिल्कुल शरारती प्रिंस जैसा लग रहा था। वो धीरे से मुस्कराई… और अपनी उंगलियों से उसका चेहरा टच करने लगी। "इतना प्यारा भी कोई होता है क्या?" उसने खुद से कहा।
पर जैसे ही रात की सारी बातें याद आईं। उसकी गर्दन अपने आप ही झुक गई। उसका चेहरा गुलाबी हो गया, होंठ कांपे… और उसने खुद को थोड़ा-सा चादर में छिपा लिया।फिर उसकी नज़र कियान के होंठों पर गई। एक पल देखा… और फिर बहुत हल्के से, बहुत धीरे से अपने होंठ उसके होंठों से टच कर दिए। बस एक स्क्रीन-टच किस… जैसे कोई सीक्रेट प्यार छोड़ दिया हो।
"गुड मॉर्निंग, मिस्टर ओवरलोडेड रोमांस…" वो हल्के से मुस्कराई।
लेकिन अगले ही पल वो चौकन्नी हो गई। "उफ्फ… सब उठ गए होंगे शायद!"
वो जल्दी से उठी, चुपचाप अपने बाल ठीक किए, कपड़ों को संभाला, और धीरे से दरवाज़ा खोला।बिना कियान को जगाए, वो कमरे से बाहर निकल गई अपने बड़ों से छुपाते हुए।
थोड़ी देर बाद…
कियान की नींद खुली।उसने करवट बदली… और जैसे ही बगल में हाथ फैलाया वो खाली था। उसकी नींद टूट गई… उसने आंखें मिचमिचाते हुए पूरे पलंग पर नजर दौड़ाई। "स्वीटहार्ट…?" उसने नींद में ही पुकारा।
लेकिन कोई जवाब नहीं। उसने एक लंबी सांस ली… तकिया खींचा और उसमें चेहरा छिपा लिया।"फिर चुपचाप भाग गई मेरी शर्मीली सी वाइफी अब अगली बार तुम्हें कहीं जाने ही नहीं दूंगा।"
उसके चेहरे पर एक प्यारी-सी शरारती स्माइल आ गई।
थोड़ी देर बाद वसुंधरा अपने कमरे में थी और अलमारी से पुराने ज़माने की साड़ियां और जेवर निकाल रही थी। वो सब कुछ जो वो अपनी बहू उर्मी को देना चाहती थी।
तभी पीछे से योगराज आ गए।
"क्या चल रहा है हनी?" – उन्होंने आते ही उसे कमर से पकड़ लिया।
वसुंधरा थोड़ा चौंकी, फिर गुस्से से बोली – "आपकी उम्र बढ़ रही है और शरम घट रही है! छोड़िए मुझे, बहू को अपनी खानदानी साड़ियां और जेवर देने हैं।"
योगराज हँसते हुए उसके चेहरे पर झुके, उसके बालों को कान के पीछे करते हुए बोले – "तो क्या करूं? मेरी सीक्रेट वाइफ ही इतनी खूबसूरत है। दुनिया के लिए मैं सिंगल हूँ… पर कोई नहीं जानता कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ…"
वसुंधरा इस उम्र में भी उसके फ्लर्ट से शर्मा गई। जल्दी से अपना हाथ छुड़ाया और वो साड़ी-ज्वेलरी लेकर कमरे से बाहर निकल गई।
लेकिन जैसे ही बाहर निकली, अचानक उसे एक काम याद आया। सामने से विराज आता दिखा एकदम क्लासी, स्मार्ट… पर चेहरे पर वही हमेशा की तरह ठंडी सी एक्सप्रेशन, जैसे किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता।
"अरे विराज बेटा, ज़रा सुनो?" वसुंधरा ने पुकारा।
विराज रुक गया, बिना किसी एक्स्ट्रा एक्सप्रेशन के बोला
"हां मॉम, बोलिए?"
वसुंधरा उसके पास आई और उसके हाथों में साड़ी और जेवर का पैकेट पकड़ाते हुए बोली – "इसे उर्मी के कमरे में दे दो बेटा… बस बोल देना कि ये मैंने भेजा है। मुझे थोड़ा इंपॉर्टेंट काम है, इसलिए अभी नहीं जा सकती। और तुम भी जल्दी नीचे आ जाना… डाइनिंग टेबल पर सब कुछ रेडी है।"
विराज ने पैकेट लिया, हल्के से सिर हिलाया – "ओके मॉम" – और बिना कुछ कहे, वो सीधा उर्मी के कमरे की ओर बढ़ गया।
विराज जैसे ही उर्मी के कमरे के दरवाज़े तक पहुंचा, उसका हाथ दरवाज़े पर थोड़ा सा रुका। उसे पता नहीं क्यों… अजीब-सी बेचैनी महसूस हो रही थी। फिर भी… उसने दरवाज़ा हल्के से नॉक किया। "उर्मी…?"
अंदर से कोई जवाब नहीं आया। वो कमरे के अंदर आ गया। क्योंकि दरवाजा पहले से अनलॉक था। वह एक बार और आवाज देता है। पर कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था फिर उसे वॉशरूम से आवाज आती है। तो वो धीरे से
इस तरफ बढ़ने लगता है।
Continue....
जैसे ही विराज वॉशरूम के दरवाज़े के पास पहुंचा, वो नॉक करने ही वाला था कि दरवाज़ा अचानक से खुला और उर्मी सामने आ गई। उसने सिर्फ एक टॉवल लपेटा हुआ था… बाल गीले थे… और शरीर पर नहाने के बाद का वो फ्रेश ग्लो साफ नज़र आ रहा था।
जैसे ही उसकी नज़र सामने खड़े विराज पर पड़ी।वो एकदम घबरा गई। "ए..जी आप… यहाँ…?!"
विराज भी कुछ सेकेंड के लिए जम सा गया। उसकी नज़रें उर्मी पर अटक गईं… और उसकी पलकें कुछ पल के लिए ठहर गईं। गला सूख गया। दिल की धड़कनें थोड़ी तेज़ हो गई।वो खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर ही रहा था कि… उर्मी तेज़ी से पीछे हटने लगी और उसका पैर फिसल गया। विराज ने फौरन उसे थाम लिया।
वो सीधा उसके सीने से आ लगी। उसके भीगते बालों की खुशबू… और उसकी सॉफ्ट स्किन से निकलने वाली खुशबू। विराज अब और ज्यादा कुछ महसूस करने लगा था। और उसने जो बॉडी वॉश लगाया था वह तो एक अलग ही मदहोश कर देने वाला नशा जैसा लग रहा था।
इसी झटके में, उर्मी का टॉवल हल्का-सा ढीला हो गया और उसके कंधे से फिसलते हुए थोड़ा सा खुल गया।
विराज की नज़र उस exposed हिस्से पर चली गई। उसकी गोरी और बेदाग क्लीवेज जहां पर एक छोटा सा तिल था। वो तुरंत नजरें हटाना चाहता था, लेकिन… उर्मी ने फौरन ये नोटिस कर लिया।
वो झट से पीछे हुई, टॉवल को कसकर पकड़ा और घबराकर बोली "सॉरी… मुझे लगा आप बाहर होंगे… मैं… मैं… बस"
उसका चेहरा लाल हो चुका था, वो एकदम शाय हो गई थी। वो खुद को पूरी तरह टॉवल में लपेटती हुई तेज़ी से ड्रेसिंग रूम टेबल की ओर भागी।
विराज वहीं खड़ा रहा। हाथ में अब भी साड़ी और जेवर
पर उसकी नज़रें अब भी थोड़ी देर तक खाली जगह में ही टिकी रहीं… जहां बस कुछ सेकेंड पहले उर्मी खड़ी थी।
उर्मी अभी भी ड्रेसिंग टेबल के सामने थी, अपने गीले बालों को जल्दी-जल्दी तौलिए से सुखा रही थी। उसके दिल की धड़कन अब भी तेज़ थी… और चेहरा पूरी तरह से शर्म और घबराहट से गर्मी।
उधर, विराज ने साड़ी और जेवर पैकेट साइड टेबल पर रखा। उसका चेहरा कुछ पल के लिए नरम पड़ा था… पर फिर वही कोल्ड एक्सप्रेशन लौट आया। "मॉम ने दिया है… साड़ी है और कुछ ज्वेलरी।" उसकी आवाज़ में कोई इमोशन नहीं था… वो सीधी, ठंडी और कंट्रोल में थी।
उर्मी ने सिर्फ सिर हिलाया, लेकिन वो अब तक उसकी आंखों में नहीं देख पाई थी। विराज मुड़ने लगा… वो जाने ही वाला था। पर उसके कदम दरवाज़े के पास जाकर रुक गए। उसका दिमाग उसे बार-बार समझा रहा था।
पर दिल… वो कुछ और कह रहा था। उसके दिमाग में अब भी वो एक सेकंड का एक्सीडेंटल टच घूम रहा था।
उसका शरीर, उसकी गीली स्किन… वो हल्का सा तिल… वो कांपती आवाज़… सेल्फ कंट्रोल धीरे-धीरे खिसक रहा था।
वो अपनी मुट्ठियाँ भींचने लगा… पर रुक नहीं पाया। अचानक उसने कदम मोड़े… और सीधा उर्मी के ड्रेसिंग एरिया में आ गया।
उर्मी एकदम चौंक गई। उसने खुद को तुरंत शीशे में देखा बाल बिखरे थे, चेहरा लाल… और उसकी आँखों में अजीब-सी घबराहट। "आप…?"
विराज ने दरवाज़ा बंद कर दिया। अब उसकी आंखें सीधी उर्मी की आंखों में थीं। इस बार वो अपने एक्सप्रेशन छिपा नहीं रहा था। विराज की आवाज़ धीमी थी, लेकिन उसकी आँखों में आग सी जल रही थी। "Come here…"
वो बस इतना ही बोला था। लेकिन उर्मी के पैरों की धड़कनें तेज़ हो गईं। सांस अटकने लगी… और गला सूख गया।
वो धीरे-धीरे उसकी तरफ आई। जैसे खुद को खींचकर ला रही हो। नज़रे झुकी हुई थीं… लेकिन जिस नज़रों से विराज उसे देख रहा था। उसमें कुछ था… ऐसा जैसे उसे कहीं छुप जाने का मन हो रहा था, लेकिन वहीं रुक जाने का भी। विराज ने एक पल उसे ऊपर से नीचे तक देखा…
फिर एक ही झटके में उसकी नाज़ुक कंधों को पकड़कर दीवार से टिकाया।
उर्मी की आंखें फैल गईं, चेहरे से सांस छूटने लगी। "I need you… my toy…" वो उसके कान के पास फुसफुसाया, और उसकी साँसों की गर्मी उर्मी की गर्दन को छूने लगी।
विराज अब उसके दोनों हाथों को एक हाथ में क्रॉस करते हुए ऊपर वॉलपेपर सत देता है और उसके tempting hot लिप्स को देखने लगता है जिस पर कुछ पानी के बूंद थे और सॉफ्ट पिक थे जिसे वह पूरा खजाना चाहता था वह अब अपने उसे वक्त फोटो को उसके होठों पर रखकर उसका स्वाद लेने लगता है बहुत ही डिप्ली इंजॉय करने लगता है। उर्मी पहले तो स्ट्रगल कर रही थी लेकिन फिर वह जो भी कर रहा था उसे करने देती है।
उसे दर्द होने लगता है जिस तरीके से वह यह सब कुछ कर रहा था काफी पेनफुल था। यहां तक कि वह तो उसके ऊपर और लोअर दोनों लिप्स पर बाइट कर लेता है। और धीरे-धीरे उसके चारों तरफ लपेटा हुआ टॉवल भी सरकने लगता है और वह नीचे गिर जाता है।
काफी देर की इंटेंस किसिंग के बाद वो उसके गोरे बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा है। जहां हर जगह कल रात के लव बाइट को देख रहे थे। ता नहीं क्यों लेकिन उसे बहुत गुस्सा आने लगता है वह उसकी गर्दन को पड़कर। उसे काफी लस्टी और घिन भरी नजरों से देखने लगता है। "यू नो व्हाट यू आर माय टॉय जिसे मेरी मॉम ने खरीदा है, हम तीनों के लिए..!! , हम जब मर्जी चाहे तुम्हरे जिस्म से खेल सकते हैं।। तो अपने मन में गलती से भी यह ख्याल मत लाना की दुनिया के सामने भले तुम मेरी वाइफ हो...!! पर मैं तुम्हें कभी भी अपनी वाइफ की तरह ट्रीट नहीं करूंगा। यू आर जस्ट ए माय टॉय..!! माय टॉय गर्ल...!!
उर्मि सब कुछ सुन रही थी उसके दिल के जैसे टुकुर टुकड़े हो गए हो उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या जवाब दे वह बस चुपचाप खड़ी थी उसकी आंखों से आंसू आ गए थे। वो अब कांपने लगी थी। सब कुछ याद करने लगती है किस तरीके से उसे भेजा गया था। तीन शादियां। वो आगे कुछ बोलती उससे पहले ही विराज उसकी गहरी नज़र उसके पूरे बॉडी पर थी उसके बॉडी कर्व काफी ज्यादा सेक्सी और हॉट थी। वो उसके चेस्ट पर वो तिल देखते हुए बोला "नाउ आई वांट टू ईट योर मोल..!!
Continue.....
विराज की निगाहें उसके पूरे जिस्म पर थी। एक-एक कर्व पर, हर थरथराहट पर।वो बिल्कुल सामने खड़ी थी।कांपती हुई, बिल्कुल बेबस विराज की नज़रें जैसे उसे पूरा पढ़ रही थीं। फिर उसकी नज़र उसके चेस्ट पर पड़े उस तिल पर अटक गई… जो हल्की सी पसीने की चमक में और भी उभर आया था। वो आगे झुका…उसके कान के करीब आकर, धीमी लेकिन भारी आवाज़ में बोला "I want to eat your mole…"
उसके लहजे में ना प्यार था, ना इज़्ज़त बस एक भूख थी,
जो अब रुकने वाली नहीं थी। उर्मी की साँस रुक गई।
उसने खुद को दीवार से थोड़ा और सटा लिया लेकिन विराज ने उसका चेहरा थाम लिया, और उसकी आँखों में देखते हुए फुसफुसाया "तुम सोच रही होगी मैं तुमसे नफरत करता हूँ। हां बहुत ज्यादा,पर मैं तुम्हें चाहकर भी नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रहा… तुम मेरे लिए एक आदत बनती जा रही है। Toy girl..!!
ओर अब वो अपने होठों से मुंह को टच करता है। ओर उसे पूरा अपने मुंह में भर लेता है उसे सक करने लगता है। इतनी ज्यादा रूडली और वाइल्ड तरीके से करता है की उर्मी को बेहद दर्द होने लगता है वह उसे तिल पर अपने दांतों से बाइट कर देता है। जिससे उसके चारों तरफ रेड रेड हो जाते हैं।
उसके हाथ भी थरथराट हुए उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे पर वह नॉनस्टॉप के हाथ से उसके परफेक्ट साइज सॉफ्टनेस प्रेस कर रहा था। ओर दूसरे तिल वाले जगह को मुंह में पूरा घूसा कर उसे सक करने में लगा था।
उसके हाथ फिसलते हुए उसकी कमर के नीचे ass पर आ जाते हैं। ओर वो उन्हें जोड़ से दबाता है। जिससे कुर्मी की आंखों से आंसू के साथ-साथ तेज़ आवाज़ निकलती है। "आंह...!!!
विराज थोड़ा ओर कस कर दबा कर बोला - "तुमारा बट बहुत सॉफ्ट है। इसे मसलने में मजा आ रहा है। टाय गर्ल..!!
उर्मी कुछ भी नहीं बोल रही थी। अब वो फिर से अपने काम को कंटिन्यू करते हुए अपने फिंगर को ले जाकर उसके प्राइवेट एरिया की तरह स्क्रॉल करने लगता है। उसके फ्लावर को इधर-उधर टच करने लगता है। उर्मी की सांसे तेज होती जा रही थी। इसे पहले की वो कुछ करती। विराज खुद रूक जाता है। उसके थरथरते जिस्म को इंटेंस ए से देखते हुए अपने होठों को पोंछता है। "Toy girl that's it for now... जब मैं वापस आऊंगा तब......!!!
वो उसके lower back पर अपने हाथ से चलते हुए बोला रहा था। और इंटेंस आंखों से उसे फिर से देखते हुए वहां से चला गया। विराज के जाते ही उर्मी कुछ पल वैसे ही खड़ी रही। उसके बदन पर अब भी उसके स्पर्श की गर्मी और अधूरी सिहरन बाकी थी। वो धीरे-धीरे चलकर वॉशरूम के आईने के सामने गई। खुद को देखा… और चेहरा झुका लिया।
उसके होंठ सूजे हुए थे…गर्दन पर हल्के से पड़े लव बाइट्, जो हर जगह विजिबल हो रहे थे ऐसे तो वह कॉलेज नहीं जा सकती थी वह जल्दी-जल्दी से। अलमारी से एक फुल स्लीव्स वाली लॉन्ग कुर्ती निकलती है। नीचे से बैगी जींस, और गर्दन के चारों तरफ स्कार्फ लपेट लेती है। और बालों का एक लो messy bun बना लिया।आंखों में कुछ भी न दिखे, इसलिए काजल तक नहीं लगाया। बस बैग उठाया और लंबी सांस लेकर दरवाज़ा खोला।
जैसे ही वो नीचे हॉल में आई…डाइनिंग टेबल पर सब बैठे थे।कियान ने एकदम वैसे ही देखा जैसे हर बार देखता है।
प्यारा, सॉफ्ट… और बस उर्मी को ही देखता हुआ।
"गुड मॉर्निंग, स्वीटहार्ट…" उसने हल्की सी मुस्कान दी।
उर्मी ने भी ज़बरदस्ती चेहरे पर हल्की मुस्कान लाई और सिर हिलाकर बैठने लगी। विराज वहां बैठा था। चुप, शांत, लेकिन चेहरे पर अजीब-सी बेचैनी थी। वो कुछ ज्यादा रिएक्शन नहीं देता है वही कोल्ड एक्सप्रेशन के साथ वह बैठा रहता है। थोड़ी देर बाद उसका ब्रेकफास्ट खत्म होता है अपनी रोलेक्स वॉच की तरफ देखा है और बिना किसी से कुछ बोले वहां से चला जाता है।
वसुंधरा और योगराज बस उसे जाते हुए देखते हैं, जैसे उन्हें तो आदत थी।उसके इस ठंडे बर्ताव की। वसुंधरा उर्मी की तरफ देखती हैं और प्यार से कहती हैं। "जल्दी खा लो बेटा… आरव तो कब का निकल गया कॉलेज के लिए। तुम भी लेट हो रही हो।"
उर्मी सिर हिलाती है। लेकिन अंदर कहीं वो अब भी कांप रही होती है। विराज ने जो कुछ भी उसके साथ किया था, वो अब भी उर्मी के मन में घूम रहा था। लेकिन वह किसी को दिखाना नहीं चाहती थी। ब्रेकफास्ट के बाद वसुंधरा किचन की तरफ चली गईं, और योगराज भी वहाँ से चले गए।
अब डाइनिंग टेबल पर बस कियान और उर्मी थे। उर्मी उठकर कॉलेज के लिए जाने लगी, लेकिन अचानक ही कियान ने उसका हाथ पकड़ लिया और हल्के से उसे अपनी ओर खींच लिया। अगले ही पल… वो उर्मी को अपनी गोद में बैठा लेता है।
बहुत प्यार से उसके बालों को कानों के पीछे करते हुए वह बोला "हनी, मुझे गुड बाय किस तो दो… एक तो दिन भर मैं तुम्हें देख नहीं पाता और तुम मैसेजेज का जवाब भी नहीं देती हो, ऐसे इग्नोर कर रही हो। दिस इज़ नॉट फेयर!"
उर्मी एक पल के लिए सब कुछ भूल गई… वो दर्द, वो जख्म… जो विराज ने दिए थे। सब मानो थोड़ा धुंधला पड़ गया। उसके चेहरे पर एक नर्म सी मुस्कान थी। कियान हल्के से आगे आया और उसके फोरहेड को बहुत सॉफ्टली किस किया। उर्मी हद से ज्यादा शर्मा गई… उसका चेहरा बिल्कुल गुलाबी हो गया।
लेकिन इससे पहले कि कियान कुछ और कहता…
उर्मी को विराज की बातें, उसका बर्ताव, सब कुछ फिर याद आने लगा… और उसकी आँखों से बिना कहे ही आँसू बह निकले। कियान घबरा गया। "हनी! क्या हुआ? कहीं दर्द तो नहीं हो रहा? तुम रो क्यों रही हो?"
वो बहुत बेचैनी से पूछ रहा था, जैसे उसके आँसू ने उसके दिल को हिला दिया हो। उर्मी ने कुछ नहीं बताया।बस बहुत हल्की आवाज़ में कहा "हमें कॉलेज के लिए निकलना है… लेट हो रहे हैं…"
और बिना कोई जवाब दिए वो जल्दी से उठकर वहाँ से निकल गई। कियान उसे जाते हुए बस नज़रें गड़ाकर देखता रह गया। उसकी आँखों में एक बेचैन-सी चिंता थी, जिसे वो चाहकर भी नजरअंदाज़ नहीं कर पा रहा था।
"स्वीटहार्ट कुछ तो छुपा रही हो... क्या हुआ है तुम्हारे साथ?" उसके मन में ये सवाल अब आवाज़ बनकर गूंजने लगे थे। पर उर्मी जा चुकी थी।
उर्मी जैसे ही कॉलेज पहुँची, पल्लवी पहले से ही गेट के पास खड़ी उसका बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। उसे देखते ही वो दौड़ती हुई आई और उर्मी को कसकर गले से लगा लिया। "ओ माय गॉड… उर्मी!!! अब तो तू पूरी तरह से रिवील हो चुकी है…!! पूरे कॉलेज में बस तेरी ही बातें हो रही हैं!! सब कह रहे हैं कि विराज सिंघानिया से तेरी शादी हो गई है! तू तो अब एकदम रॉयल बन गई यार… फुल फेमस!!"
पल्लवी की आवाज़ में एक्साइटमेंट था… लेकिन उर्मी की आंखों में दर्द भरने लगा।
"विराज..." उसका नाम सुनते ही फिर से बीती वो बातें, वो लम्हे उसकी आंखों में तैरने लगे। गला भर आया… मन कर रहा था कि सब छोड़कर यहीं किसी कोने में बैठकर फूट-फूट कर रो दे। लेकिन… उसने खुद को किसी तरह संभाला। दोनों वहीं पर खड़ी थी। तभी पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज़ आई। "उर्मी…!"
वो पलटी… विक्की था। आज उसकी आंखों में हल्की मायूसी थी। वो थोड़ा झिझकते हुए बोला "तुमने शादी कर ली… और मुझे बताया भी नहीं?"
उसकी आंखों में सवाल थे, पर आवाज़ में कोई गुस्सा नहीं… बस एक अधूरी उम्मीद थी। उर्मी चुप रही।
कुछ भी बोलने का मन नहीं था। "इतना सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ बताने का टाइम ही नहीं लगा," उर्मी ने धीमे और थमे हुए स्वर में जवाब दिया।
इतना कहकर उसने पल्लवी का हाथ थामा और वहाँ से चलने लगी। पीछे विक्की अब भी खड़ा था… नज़रें झुकी हुई, होंठ भिंचे हुए। वो हमेशा उर्मी को पसंद करता था। पर अब उसकी किस्मत का पत्ता साफ़ हो चुका था।
पल्लवी ने एक पल के लिए मुड़कर विक्की को देखा उसकी आंखों में साफ़ उदासी थी। फिर वो चुपचाप उर्मी के साथ चल पड़ी।
कॉरिडोर में जैसे हर किसी की नज़र उर्मी पर थी। हर दूसरा लड़का उसे घूर रहा था। कोई जलन से, कोई हैरानी से, और कोई दीवानगी से। कॉलेज की ब्यूटीफुल गर्ल अब मैरिड हो चुकी है। यही सोच सोच कर वो शौक में थे।
उसकी ब्लू गाउन वाली तस्वीरें वायरल हो चुकी थीं। उर्मी की नज़रें झुकी हुई थीं। पल्लवी उसकी चाल और चेहरे की घबराहट नोट कर चुकी थी।
"यार, सब ठीक तो है ना? तू इतनी उदास क्यों लग रही है?" पल्लवी ने धीरे से पूछा।
उर्मी ने खुद को संभाला, और ज़बरदस्ती हल्की सी मुस्कान दी "अरे सब कुछ ठीक है। अब इतनी फेमस हो गई हूं कॉलेज में, थोड़ी चिंता तो होगी ना!"
पल्लवी ने उसे हल्के से चिढ़ाते हुए कहा "इसमें चिंता की क्या बात है मैडम! अब तो प्रोजेक्ट पार्टनर भी आसानी से मिल जाएगा… कोई न कोई सीनियर तो तुम्हें झट से हायर कर ही लेगा!"
फिर अचानक उसके चेहरे पर शरारती मुस्कान आई,
"और मैं तो सीधे आरव से पूछने जा रही हूं, क्या पता वो मुझे हाँ कर दे!"
उर्मी का चेहरा उस वक़्त थोड़ा सख्त हो गया,दिल में चुभन हुई… जलन भी। अब ऑफ कोर्स वह उसका हस्बैंड है और यह हमेशा उसके किसी न किसी हस्बैंड पर लाइन मारते रहती है। "अरे, वो मेरा…" वो कुछ कहते- कहते रुक गई।
उसने कुछ नहीं कहा, बस तेज़ी से आगे बढ़ने लगी। इतनी तेज़ कि पल्लवी को उसे पकड़ना मुश्किल हो गया।
अचानक वो किसी से टकरा गई। उर्मी का सिर सीधा जाकर सामने वाले की मजबूत छाती से टकराया।
"उफ़्फ़!!" उसने सिर पकड़ लिया,
वहीं दूसरी तरफ सिंघानिया ग्रुप विराज का केबिन
कंपनी में सब अपनी-अपनी फाइलों और स्क्रीन में डूबे हुए थे, पर विराज सिंघानिया हमेशा की तरह अपने काँच के केबिन में बैठा था। इमोशनलेस, कोल्ड हार्टेड, और चेहरे पर वही सख्त ठंडक। उसके हाथों में एक प्रोजेक्ट फाइल थी, लेकिन आँखें… किसी और सोच में खोई हुई थीं।
तभी दरवाज़ा बिना नॉक किए खुलता है। एक लंबी, बेहद खूबसूरत लड़की अंदर आती है। उसने स्ट्रेट फिट वन-पीस ड्रेस पहन रखी थी। स्टाइलिश, कॉन्फिडेंट और बेहद अट्रैक्टिव। विराज ने बिना किसी हड़बड़ाहट के सिर उठाकर उसे देखा। उसकी आँखें कुछ नहीं बोलीं… बस शांत थीं। वो लड़की बिना कुछ बोले उसके डेस्क तक आई और ढेर सारी फोटोस उसके सामने उसके डेस्क परफेक्ट दी। विराज ने देखा वो उसकी और उर्मी की शादी की तस्वीरें थीं।
लड़की की आँखों में सवाल तैर रहे थे। उसका लहजा कांपता हुआ, लेकिन स्टॉन्ग था। "व्हाट इज़ दिस, विराज? ये… तुम्हारी शादी की photos? वाइफ? तुमने मुझसे शादी का झूठ क्यों बोला? अगर तुम्हारी शादी हो गई थी तो फिर मैं कौन हूँ?"
विराज ने थोड़ी देर तक तस्वीरें देखीं… फिर बेहद शांत, ठंडे स्वर में कहा "मैंने कभी तुमसे झूठ नहीं कहा।
मैंने पहले ही कहा था… कि तुम सिर्फ मेरी गर्लफ्रेंड हो सकती हो। वाइफ… कोई और होगी।"
वो लड़की कुछ पल स्तब्ध रही। "तो मैं क्या हूँ? तुम्हारी मिस्ट्रेस?"
अब वो उसके डेस्क की साइड से घूमती हुई पास आई और एक पल में ही विराज की गोद में बैठ गई। पोज़ तो सेक्सी था, लेकिन उसकी आँखों में सिर्फ मासूमियत थी।
विराज ने उसकी जुल्फों को कानों के पीछे किया, और एक फीकी मुस्कान के साथ बोला "डार्लिंग… तुम मेरी दिल की रानी हो। मेरे लिए तुम ही हो मेरी दुनिया। लेकिन इस दुनिया को तुम्हारा कोई नाम नहीं पता चलेगा। क्योंकि मेरी फैमिली की सच्चाई… तुम जानती हो।
जिस लड़की से मैंने शादी की है… वो सिर्फ मेरी नहीं, मेरे दोनों भाइयों की भी पत्नी है।मुझे अपनी मॉम की बात नहीं टालनी थी… और इसलिए ये शादी करनी पड़ी।"
लड़की के रिएक्शन ज्यादा कुछ नहीं थे। वह सब कुछ पहले से जानती थी। इस लड़की का नाम वेरोनिका है।
पहले ये उसकी असिस्टेंट थी, लेकिन बाद में खुद उसे अप्रोच किया और उसकी गर्लफ्रेंड बन गई। उसे बाद में पता चला था। विराज किन्नौर, हिमाचल प्रदेश से है, जहां बहुपति विवाह आज भी होता है।
उसने विराज से उसकी फैमिली, रीति-रिवाज़, और शादी के बारे में सब कुछ पहले ही सुन लिया था। फिर भी… वो रुकी नहीं।क्योंकि वेरोनिका को असल में उससे प्यार नहीं,उसे तो बस उसके पैसों से मतलब था।वो गर्लफ्रेंड इसलिए बनी रही।ताकि उसे विराज की ट्रीटमेंट, थोड़ा-सा प्यार,और पैसे मिलते रहें हमेशा के लिए।
वहीं दूसरी तरफ कॉलेज में, जिससे उर्मी टकराई थी। वो
तो बस देखता ही रह जाता है। उसके सामने खड़ी थी उर्मी…सिंपल कुर्ती,… मासूमियत से अपना सर मसलते हुए।और आंखों में कुछ ऐसा,
जिसने उसे एक पल के लिए रोक दिया।
जैसे ही उर्मी ने अपना सिर थोड़ा ऊपर किया, उसकी नजर सीधे उस लड़के के चेहरे पर जा टिकी… और बस वहीं रुक गई। वो लड़का… दूध-सा गोरा चेहरा, वेवी ब्राउन हेयर, और एक आँख ब्लू, की शैडो ग्रीन… एकदम जैसे हॉलीवुड मूवी से बाहर निकला कोई हीरो।उसके पिंक लिप्स और शार्प जॉलाइन ने उर्मी को एक पल को हवा में रोक दिया। वो झेंपते हुए जल्दी से साइड हुई और बोली, "I’m sorry…!"
तभी पल्लवी पीछे से दौड़ती आई, "ओ माय गॉड!"
उसने चिल्लाकर कहा, "तो यही है वो इंटरनेशनल सेलिब्रिटी… वंश ओबेरॉय! यार… जितना सुना था, उससे भी ज्यादा हैंडसम है ये! और किस्मत देखो सारे हॉट लड़के सीनियर क्लास के… हमारी क्लास में कभी नहीं आते।"
वंश ओबेरॉय…उसने एक पल भी नजरें नहीं हटाईं।
बस उर्मी को ही देखता रहा। जैसे वो किसी किताब के आखिरी पन्ने पर पहुँचा हो। उसकी खूबसूरती में इस तरीके से खो गया था कि उसके आसपास की कोई भी आवाज उसे सुनाई नहीं दे रही थी।
जाते हुए उर्मी को आवाज़ दी, "Excuse me, Miss… आपका ये रबर बैंड यहीं गिर गया था।"
उर्मी ने जैसे ही पीछे मुड़कर उसका दिया हुआ रबर बैंड लिया, वंश ने हल्की-सी मुस्कान के साथ कहा, "मिस ब्यूटीफुल… क्या मैं तुम्हारा नाम जान सकता हूँ?"
उर्मी का चेहरा एक पल को सन्न रह गया। उसका दिल थोड़ी देर के लिए धड़कना भूल गया।उसके सामने खड़ा लड़का उसकी आँखें, उसका स्टाइल… सब कुछ जैसे किसी फिल्म का सीन लग रहा था। वो उसके सवाल का कोई जवाब नहीं देती, और बिना कुछ बोले धीमे-धीमे वहां से चल देती है।
वंश वहीं खड़ा उसे जाते हुए देखता रह जाता है।उसकी आंखों में सिर्फ एक ही सवाल तैर रहा था। "डैम सी इस सो ब्यूटीफुल"
तभी पीछे से एक लड़का आता है और वंश के कंधे पर हाथ रखता है। वो थोड़ा चिढ़ाते हुए मुस्कुराता है। "उर्मी…!! उसका नाम उर्मी है। विराज सिंघानिया की वाइफ। सिंघानिया नाम तो सुना ही होगा न? चॉइस तो तेरी लाजवाब है ब्रो, लेकिन सी इज़ मैरिड। तो ज़रा नियत कंट्रोल कर भाई…!"
वंश एक सेकंड के लिए स्टन रह जाता है। एकदम ब्लैंक एक्सप्रेशन। कुछ बोल नहीं पाता। बस… आँखें उर्मी के पीछे जाती हैं जो अब दूर जा चुकी थी।
1 मिनट के लिए तो वंश को यकीन ही नहीं हुआ। अपने दोस्त कारण पर कारण उसका बेस्ट फ्रेंड था। और वह भी उसके साथ USA से यहां इंडिया आ चुका था। उसी के कॉलेज में, वंश जिसके डैड एक अमेरिकन थे और उसकी मॉम एअ इंडियन लेकिन उन दोनों का डाइवोर्स हो चुका था। तो वह बचपन से ही अपनी डैड के पास रहता था। लेकिन उसके डैड के अचानक से ही मौत हो जाने की वजह से पिछले 6 मंथ पहले ही वह इंडिया वापस आया था अपनी मॉम और स्टेप डैड के पास। वो USA का टीनएजर सेलिब्रिटी रह चुका है। इसीलिए वह यहां कॉलेज में आने के 1 दिन पहले से ही काफी चर्चा में था।
वंश डिसबिलीफ के साथ बोलता है। "Wait… What? Seriously?"
फिर थोड़ी देर चुप रहकर वो करण की तरफ देखता है।
"यू नो व्हाट ब्रो विराज सिंघानिया मेरी स्टेप सिस्टर बायफ्रेंड है,तो उसकी वाइफ? यकीन नहीं हो रहा, यार।
100% बिजनेस डील होगी। प्यार-व्यार नहीं।"
उसके होठों पर एक कॉन्फिडेंट सी स्माइल आती है। "तो शायद मेरा चांस बनता है। और वंश ओबेरॉय कभी बिना कोशिश के हार नहीं मानता…!"
क्लासरूम में
क्लास में उर्मी चुपचाप अपनी नोटबुक में कुछ लिख रही थी। और वहीं बगल में बैठी पल्लवी… जैसे ख्वाबों की दुनिया में थी। “ओ माई गॉड… इंटरनेशनल सेलिब्रिटी… और अब हमारे कॉलेज में!! एक फुटबॉल प्लेयर कम था यार…जो एक हॉलीवुड हीरो टाइप भी आ गया ! कमबख्त किस्मत ही खराब है, हमारे क्लास में क्यों नहीं है वो!”
उर्मी ने उसकी ख्वाबों की दुनिया में चुटकी काटी "पल्लवी… तू किसी भी लड़के को देखकर पिघल क्यों जाती है यार?"
पल्लवी मुंह फुलाते हुए बोली, "चुप कर… वंश और उसका बेस्ट फ्रेंड कारण... दोनों लगते हैं जैसे इंस्टाग्राम रील से निकले हों! मैं तो पूरा लड्डू हो गई! कोई तो मेरा बॉयफ्रेंड बन जाए प्लीज़।”
उर्मी ने हल्की सी हँसी रोकते हुए कहा, “पहले ये सोच ले कि प्रेजेंटेशन किसके साथ करेगी… कोई भी तो तैयार नहीं है हमारे साथ पार्टनर बनने को।”
लेक्चर खत्म होते ही दोनों कैंटीन में आ गईं। उर्मी थोड़ी सी परेशान थी, पल्लवी अब भी वंश के सपनों में। तभी कैंटीन के गेट से आरव की एंट्री होती है। बिल्कुल स्पोर्ट्स लुक में, चेहरे पर एक ठंडा-सा एटीट्यूड और आँखों में अलग ही कॉन्फिडेंस। सारी लड़कियाँ उसे देखकर बस… "वाह".
वो चुपचाप आकर अपने ग्रुप में बैठ गया। शायद थोड़ी देर में उसका फुटबॉल मैच था।
कुछ ही सेकेंड बाद… उर्मी और पल्लवी के सामने दो शैडो आकर रुकते हैं।जैसे ही उन्होंने ऊपर देखा सामने वंश और कारण खड़े थे।
वंश ने हल्की सी स्माइल के साथ कहा, "Hi Miss Beautiful Junior… I’m Vansh, your senior. क्या तुम मेरे साथ प्रेजेंटेशन पार्टनर बनेंगी? मुझे कोई और जूनियर नहीं मिल रहा...”
उर्मी की आँखें एक पल के लिए बड़ी हो जाती हैं… जैसे कुछ बोल न पाए।
वंश की नज़रें बस उसके चेहरे पर टिकी थीं। उसकी मासूम-सी आँखें और हल्के से कांपते होंठ… उसे बस देखे ही जा रहा था।
दूसरी ओर कारण ने पल्लवी की तरफ देखा "Hi, I’m Karan… Vansh का बेस्ट फ्रेंड। तुम्हारा नाम पल्लवी है ना? क्या तुम मेरे साथ प्रेजेंटेशन करना चाहोगी?”
पल्लवी का तो जैसे सपना सच हो गया। उसने हकला कर जवाब दिया, "ह..हाँ… ज़रूर… मतलब… बिल्कुल…"
उर्मी ने वंश की बात ध्यान से सुनी… फिर बिना ज्यादा हिचकिचाहट के उसका हाथ पीछे करते हुए बोली, "नहीं… मुझे आपके साथ कोई भी पार्टनरशिप नहीं करनी है।"
वंश एक सेकंड के लिए चुप रह गया। उसे उम्मीद नहीं थी कि इतनी खूबसूरत लड़की इतनी ठंडे तरीके से मना कर देगी। उधर उर्मी की नज़र अब वंश पर नहीं, आरव की ओर चली गई थी।
जो दूर अपने ग्रुप में बैठा… बस उन्हें ही देख रहा था।
चेहरे पर वैसे तो कोई खास रिएक्शन नहीं था, लेकिन उसकी आँखें… कुछ कह रही थीं। एक हल्की-सी चुभन या शायद बस एक अनचाही बेचैनी।
पर जब उसने देखा कि उर्मी भी उसे ही देख रही है। वो तुरंत नज़रें फेर कर अपने फ्रेंड्स से बात करने लगा, जैसे कुछ हुआ ही न हो। वंश, जो ये सब नोटिस कर रहा था उसकी नज़रें अब उसी दिशा में घूम गईं।आरव को देखते ही, उसके दिमाग में सवाल गूंजा “ये तो विराज का छोटा भाई है… पर उर्मी इसे क्यों देख रही है?
मन में हल्का-सा खटकने लगा… लेकिन तभी,उर्मी पल्लवी का हाथ पकड़ती है और बोलती है, "चल पल्लवी… यहाँ से चलते हैं।"
पर पल्लवी ने झट हाथ छुड़ाते हुए कहा, "तू नहीं करना चाहती तो मत कर, पर मैं तो करण के साथ ही प्रोजेक्ट कर लूंगी।
पता है अगर किसी और ने मना कर दिया तो हम पीछे रह जाएंगे। तुम भी क्या सोच रही हो… वंश के साथ पार्टिसिपेट कर ले ना!"
उर्मी ने उसकी एक भी बात नहीं सुनी। उसका चेहरा बिल्कुल शांत था, पर अंदर बहुत कुछ चल रहा था।
वो बस चुपचाप वहाँ से निकल गई। वंश, एक पल के लिए वहीं खड़ा रहा… फिर उसके पीछे-पीछे चलने लगा।
और वहीं बैठा आरव चाहकर भी नज़रें हटाने में नाकाम था। वो नहीं चाहता था कि वो देखे… पर उसकी नज़रें बार-बार बस उर्मी की ओर खिंच रही थीं।
वंश और करण अब अपनी क्लास में बैठ चुके थे। इस क्लास के बाद उनकी फुटबॉल मैच होने वाली थी।
उनकी टेबल से कुछ दूर ही आरव बैठा था। चेहरा बिल्कुल शांत था, लेकिन नज़रें… बहुत कुछ बोल रही थीं। उसका हर एक्सप्रेशन… वंश और करण को देखकर ऐसा था जैसे अभी उन्हें कच्चा ही चबा जाएगा।
आज उनका फुटबॉल मैच था।करण और वंश एक ही टीम में थे। वही "ब्लू ड्रेगन्स" और आरव, "रेड हॉक्स" की कैप्टन पोजीशन पर था। साड़ी की सारी लड़कियां आज बस इसी चीज का वेट कर रही थी कि कब क्लास खत्म होगी और कब वह लोग ग्राउंड में जाकर अपनी सीट लेंगे।
कॉलेज की लड़कियों के बीच में यह तीन लड़के गौसिप का चीज बन चुके थे। "ओ माई गॉड… तीनों के तीनों एक से बढ़कर एक हैंडसम!
उधर... क्लास के कोने में बैठी उर्मी वो बस चुपचाप बैठी थी…उसका मन अभी भी वंश की बातों में उलझा हुआ था। "क्या मुझे हाँ बोल देनी चाहिए…? वैसे भी कोई और सीनियर बचा ही नहीं…"
उसने खुद को समझाया पल्लवी, जो अब तक दो। बिस्किट खा चुकी थी, एक लंबी सांस लेकर बोली,
"अब बस कर यार… चल, फुटबॉल ग्राउंड चलते हैं।
सीट्स नहीं मिली तो मजा खराब हो जाएगा। तीनों के तीनों हॉट बॉय एक-दूसरे के सामने होंगे और मैच भी फुल ऑन इंटेंस होने वाला है।"
उर्मी ने पल्लवी की बात सुनी और बिना कोई सोच के तुरंत जवाब दिया, "नहीं पल्लवी… मुझे नहीं जाना… पिछली बार भी सबके सामने सीन बन गया था, और अब दोबारा मैं किसी की नज़रों में नहीं आना चाहती।"
पल्लवी ने मुंह बनाया, "यू नो व्हाट तुम बहुत सोचती हो चलो अब जल्दी से...!! उर्मी ने फिर ठंडी आवाज़ में कहा,
"तुम्हे जाना है तो जाओ… मैं यहीं रुकती हूँ।"
लेकिन पल्लवी तो पल्लवी थी।वो उसका हाथ पकड़ कर हँसते हुए बोली, "अब तू खुद चलकर आएगी या मैं खींचूं?"
और जबरदस्ती खींचते हुए उसे स्टेडियम की तरफ ले गई। उर्मी थोड़ी झिझकी, थोड़ी रुकी… लेकिन पल्लवी की ज़िद के आगे हार मान गई।
कुछ ही देर बाद...
जैसे ही दोनों वहाँ पहुँचीं, पल्लवी ने अचानक कहा
"ओ शिट! मैं चीयर करने के लिए कुछ लाया ही नहीं... तू यहीं रुक, मैं अभी आई!" और वो जल्दी-जल्दी भाग गई जैसे कुछ छूट गया हो।
उर्मी अब अकेली खड़ी थी। थोड़ी घबराई, थोड़ी असहज।
भीड़, सीट्स, शोर… लेकिन उसकी नज़रें बस ज़मीन पर थीं। तभी…किसी ने अचानक उसका हाथ पकड़ा…और बिना कुछ कहे उसे खींचकर एक साइड वाले वॉशरूम के अंदर ले गया। दरवाज़ा बंद…ओर फिर लॉक। उर्मी की सांस जैसे अटक गई हो। "आप?!" वो फुसफुसाई,
उसके सामने था आरव।
वो बिल्कुल उसके करीब था… ना छू रहा था, ना कुछ बोल रहा था… लेकिन साँसें टकरा रही थीं… माहौल बिल्कुल साइलेंट था, बस दिल की धड़कनें तेज़ हो रही थी। उर्मी को समझ ही नहीं आया कि आरव अचानक इस तरह क्यों बिहेव क्यों कर रहा है।उसकी साँसें फंसी-सी लग रही थीं।और तभी आरव ने उसके दोनों हाथ कसकर पकड़ लिए।
"यू नो व्हाट" आरव की आवाज़ अब थोड़ी कड़क थी,
"तुम सिंघानिया फैमिली की डॉटर-इन-लॉ हो… तो थोड़ा तो ध्यान रखो खुद पर, अपनी इज़्ज़त पर। हर लड़के से ऐसे फ्रेंडली मत बात किया करो…"
उर्मी का चेहरा सफेद पड़ गया।वो घबरा गई थी, उसके हाथ कांपने लगे थे। उसने अपनी पकड़ अपनी कुर्ती पर कस ली और हल्की आवाज़ में बोली— "म… मैं तो बस… बात भी ठीक से नहीं की थी…वो सिर्फ प्रोजेक्ट के लिए बात कर रहा था। कॉलेज में सीनियर्स-जूनियर्स को साथ पार्टिसिपेट करना था।…"
आरव उसे देख रहा था… उसकी झुकी नज़रें, डरती-सी आवाज़ सब कुछ जैसे उसे रोक रहा था… लेकिन फिर भी उसके अंदर कुछ उबल रहा था।दिल तो कर रहा था कि वो अभी बोले कि तुम उसके साथ नहीं जाओगी।
तुम्हारा प्रोजेक्ट पार्टनर मैं बनूंगा… लेकिन सच्चाई ये थी वो पहले से ही किसी और के साथ टीम बना चुका था,
जो कि उसकी गर्लफ्रेंड थी और ये बात कोई नहीं जानता था… खासकर उर्मी तो बिल्कुल नहीं।
एक पल को उसकी आंखें उर्मी के चेहरे पर टिक गईं,
फिर जैसे किसी सोच से चौंककर वो पीछे हट गया। अब उसका चेहरा फिर से वही कोल्ड रिएक्शन लिए हुए था।
"तुम्हें जो करना है करो… that’s fine." उसने सीधा कहा। "मुझे बस ये याद दिलाना था कि तुम अब किस फैमिली का हिस्सा हो…"
और बस इतना कहकर, वो पलटा… कंधा हल्के से उर्मी के हाथ से टकराया और वो चुपचाप… बिना पीछे देखे वहां से चला गया। आरव जैसे ही वॉशरूम से बाहर निकला, उसके चलने की स्पीड और भी ज्यादा फास्ट होगई।लेकिन चेहरा पूरा टाइट था। जैसे किसी से नहीं, खुद से लड़ रहा हो।
स्टेडियम की तरफ बढ़ते हुए उसका दिल धड़क नहीं रहा था। बल्कि उस पर मानो चोट कर रहा था। उसने जबरन अपनी उंगलियों से बाल पीछे किए।चेहरे पर गुस्से की एक झलक थी। but किस पर? उर्मी पर? या खुद पर?
"व्हाट द हेल…?" उसने खुद से ही बड़बड़ाया।
"मुझे हो क्या गया है?"मैं क्यों इतनी पजेसिवली बिहेव कर रहा हूँ…? उसने कुछ किया भी नहीं… बस बात ही तो कर रही थी… और मैं... उस पर चिल्ला पड़ा?"
उसका गला सूख गया था।हाथ की मुठ्ठियाँ अपने आप भींच गई थीं। "शिट… ये लड़की… मेरे दिमाग में इतनी क्यों घूम रही है?वो सिर्फ मेरे भाई की वाइफ है... सिंघानिया फैमिली की बहू… और मैं… मैं क्या कर रहा हूँ?"
उसके पैर स्टेडियम के गेट तक पहुँच चुके थे पर दिमाग अब भी वॉशरूम में… और उर्मी में अटका हुआ था।
continue.....
स्टेडियम में जैसे ही आरव की एंट्री होती है, पूरा माहौल एक सेकंड के लिए साइलेंट होता है।और फिर "आरव!! आरव!! ओ माई गॉड… लुक ऐट हिम…!!"
हर तरफ लड़कियाँ अपनी सीट छोड़कर खड़ी हो जाती हैं,कुछ तो बस उसके नाम की टी-शर्ट पहन कर आई थीं,और कुछ तो बस उसका चेहरा देखने आई थीं।आरव मैदान में बिल्कुल शांत, गंभीर एक्सप्रेशन मेंअपनी टीम के साथ चलता हुआ आता है। उसके बाल थोड़े बिखरे हुए, चेहरा टाइट, और चाल… जैसे किसी रॉयल की तरह हो।
वहीं दूसरी तरफ, उर्मी अब भी स्टेडियम के बाहर खड़ी होती है, थोड़ी गुमसुम सी, अभी तक आरव से हुए मोमेंट को सोचती हुई। लेकिन तभी पल्लवी दौड़ती हुई आती है और उसका हाथ पकड़ लेती है। "अरे यार तू फिर से लेट हो गई… जल्दी चल… सीट ना मिली तो स्टैंडिंग में मैच देखना पड़ेगा!"
वो बिना उसकी बात सुने, उर्मी का हाथ पकड़कर उसे खींचते हुए स्टैंड में ले जाती है। "थैंक गॉड… मिल गई सीट!" वो हँसते हुए बैठती है। "अब अच्छे से देखूंगी... आरव को करण ओर वंश को ओर शॉट्स… सब कुछ!"
उर्मी बस शांत बैठी थी, लेकिन उसकी आँखें भी अब मैदान की तरफ ही थीं। जहां उसका दिल कहीं न कहीं अटका हुआ था। अब मैदान में आरव की पूरी टीम आ चुकी थी। उनकी जर्सी पर नाम थे। "रेड हॉरर्स"स्टाइल, डिसिप्लिन और डेडिकेशन। लड़कियों का क्रश लेवल अब भी हाई था। "टीम आरव!! टीम आरव!!" की गूंज।
…और तभी दूसरी तरफ से एंट्री होती है। "ब्लू ड्रैगन" यह टीम नहीं थी लेकिन जलवा पुराना था क्योंकि यह टीम भी काम फेमस नहीं थी। क्योंकि इंटरनेशनल टीम थी का कोर्स इनके लीडर वंश और कारण थे जो की इंटरनेशनल लेवल पर फेमस थे। तो जाहिर सी बात है यहां पर भी उनका क्रेज था। वांश ओबेरॉय और करण ठाकुर की।
दोनों अलग जर्सी में, लेकिन स्टाइल और स्वैग ऐसा कि
लड़कियाँ अब अपनी नज़र बाँटने पर मजबूर हो जाती हैं।"ओ माई गॉड… वंश… यू आर बर्निंग यार! करण का एटीट्यूड देखो… उफ्फ…!!"
कॉलेज का पूरा माहौल अब एकदम हाई-एनर्जी मोड में था। अब स्टेडियम में तीन नाम सबसे ज़्यादा गूंज रहे थे।आरव… वंश… और करण। और उर्मी, बस चुपचाप सब देख रही थी।
मैच का पहला हाफ शुरू हो चुका था। ब्लू ड्रैगन टीम जिसमें थे वंश और करण, तेज़, शार्प, और एक-एक गोल के साथ भीड़ में धूम मचा रहे थे। रेड हॉर्स टीम आरव की टीम… जिसे कॉलेज का सबसे पावरफुल टीम माना जाता था, आज थोड़ा डगमगा रही थी।
"गोओओल!!" ब्लू ड्रैगन का एक और गोल हुआ और भीड़ में फिर से चीखें गूंज उठीं।उधर, लड़कियाँ तो मानो पागल ही हो गई थीं… "वांश!! करण!! आई लव यू!!"
"नहीं नहीं… आरव के जैसी बॉडी किसी की नहीं!!"
स्टेडियम में ऐसा माहौल बन गया था कि किसी को समझ नहीं आ रहा था। किसे सपोर्ट करें और किसे नहीं। हर किसी का दिल तीन हिस्सों में बंट चुका था।लेकिन इन सब के बीच… आरव का चेहरापूरी तरह टेंशन और गुस्से से भरा था। उसकी नज़र बार-बार वंश पर टिक रही थी।
उसे नहीं पता था। गुस्सा मैच पर है।या वंश के उर्मी से बात करने पर। बस वो हर बार फुटबॉल को जोर से किक कर रहा था, पर उसकी फोकस पूरी तरह ऑफ हो चुकी थी।पल्लवी भी ये देख रही थी और सोच रही थी "क्या हो गया है आरव को? ये तो जैसे खेल ही भूल गया है आज…"
उधर… उर्मी स्टैंड में बैठी… गहरी सोच में थी।आरव ने जिस तरह उसका हाथ पकड़ा था…और फिर जिस तरह बात की थी…वो सब उसके ज़हन में घूम रहा था। वह यहां पर बैठे हुए थी लेकिन उसका दिमाग कहीं और था वह तो अपने सामने कुछ अच्छी नहीं रही थी ना फुटबॉल मैच में इंटरेस्ट था और ना ही आंखों में कोई चमक। वह तो अपने ख्यालों में ही खाई थी। "क्यों किया उसने ऐसा…?" उसके दिल में भी एक बेचैनी थी।
आरव के टच से अब तक उसकी रूह काँप रही थी।
ना वो खुश थी, ना नाराज़… बस उलझन में थी।
मैच का स्कोर। ब्लू ड्रैगन -3 रेड हॉर्स- 1 कॉमेंट्री गूंज रही थी। "क्या आज रेड हॉर्स टीम हार जाएगी? या आरव आखिरी मिनट में कर देगा कोई कमाल…?"
मैच अब अपने दूसरे राउंड में प्रवेश कर चुका था। इस बार आरव पूरी फोकस में था। आँखों में गुस्सा नहीं सिर्फ जज़्बा दिख रहा था। हर पास, हर किक अब उसकी कमिटमेंट दिखा रही थी। और फिर एक के बाद एक गोल… रेड हॉर्स टीम ने दूसरा राउंड जीत लेती है।
भीड़ में शोर गूंज उठा "आरव! आरव! आरव!"
अब बारी थी फाइनल राउंड की। सबके चेहरों पर टेंशन साफ़ दिख रही थी,जैसे हर किसी का दिल हाथ में था।
पहला गोल करण करता है ।दूसरा गोल आरव। अब स्कोर बराबर था।
"नेक्स्ट गोल… विनर गोल!"स्टेडियम में एक अजीब-सी ख़ामोशी छा गई थी। हर दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी। पासिंग स्टार्ट होती है।बॉल वंश के पास,फिर आरव,
फिर करण…और जैसे ही करण गोल करने के लिए रन लेता है। आरव तेज़ी से आता है और ब्लॉक कर देता है।
बॉल हवा में घूमती है और सीधा वंश के पास गिरती है।
वंश एक सेकंड भी नहीं गंवाता वो गोल मारने के लिए पूरी ताक़त से किक करता है। लेकिन बॉल स्टेडियम से बाहर जाने लगता है।और वहीं सामने खड़ी होती है उर्मी।
बिल्कुल बॉल के रास्ते में।उसके पैर जैसे जम गए हों,
वो ना हट पा रही थी, ना कुछ बोल पा रही थी।सबकी साँसें थम चुकी थीं।
“उर्मी!!!” और तभी…आरव और वंश… दोनों एक साथ दौड़ते हैं। एक पल में, जैसे वक्त रुक गया हो।दोनों उसके सामने आकर खड़े हो जाते हैं और बॉल को रोक लेते हैं।उर्मी बच जाती है। स्टेडियम में एकदम से सन्नाटा छा जाता है। फिर अचानक वंश मुस्कुराता है। "ट्रिक शॉट… टाइमिंग इज़ एवरीथिंग ब्रो!!"
वो पलटकर बॉल उठाता है। और गोलपोस्ट की तरफ एक आखिरी किक करता है। और गोल!!! ब्लू ड्रैगन टीम विन्स!!
भीड़ पागल हो जाती है। शोर, सीटी, ताली, चिल्लाहटें…
लेकिन उर्मी अब भी वहीं खड़ी थी। क्योंकि उसकी नज़र दोनों पर थी। जो उसके सामने दीवार बनकर खड़े हो गए थे। वहीं आज फिर से उर्मी की वजह से आरव मैच हार गया और अब उसकी आंखें उर्मी को देख रही थी गुस्से में। उर्मि जब उसे नोटिस करती है तो बहुत ज्यादा घबरा जाती है क्योंकि पिछली बार भी उसकी वजह से उसका मैच होते-होते रुक गया था। ओर इस बार भी...!!
वहीं दूसरी तरफ विराज...