जिंदगी बचाने वाले को भगवान कहते हैं लेकिन क्या हो जब जिसकी आप जान बचाओ वही इंसान आपसे ऑब्सेस्ड हो जाए ऐसा ही कुछ हुआ था हमारी डॉक्टर ईश्विका के साथ जो अनजाने मे ही मोस्ट पॉवरफुल गैंगस्टर की जान बचा लेती हैं लेकिन वो गैंगस्टर ईश्विका से पूरी तरह से ऑब... जिंदगी बचाने वाले को भगवान कहते हैं लेकिन क्या हो जब जिसकी आप जान बचाओ वही इंसान आपसे ऑब्सेस्ड हो जाए ऐसा ही कुछ हुआ था हमारी डॉक्टर ईश्विका के साथ जो अनजाने मे ही मोस्ट पॉवरफुल गैंगस्टर की जान बचा लेती हैं लेकिन वो गैंगस्टर ईश्विका से पूरी तरह से ऑबसेस्ड हो जाता हैं और उसे पाने की हर हद को पार कर देता । तो क्या होगा कहानी में और क्या मोड़ लेगी डॉक्टर ईश्विका की जिंदगी और क्या वो खुद उस गैंगस्टर के चंगुल से बचा पाएगी या उस गैंगस्टर का जुनून उसे कर कैद अपने जुनून में ।
Page 1 of 2
एक खंडर में ।
एक आदमी कुर्सी पर बैठा हुआ था । उस आदमी ने काले रंग के कोर्ट पेंट पहने हुए थे । वह आदमी अपने सामने बैठे हुए एक लड़के से बोला -" सिंह परिवार की बागड़ौड अब तुम्हारे हाथो में है और तुम सिंह परिवार की जायदाद के इकलौते वारिस हो । और तुम अंडरवर्ल्ड की दुनिया के बेताज बादशाह भी हो । तो क्यों न हम दोनो आपस मे हाथ मिला ले । सोचो ज़रा कि हम दोनो की गैंग मिलने से कोई भी हमारे सामने आंख नहीं उठा पायेगा । और हम खुलेआम अपना गैरकानूनी धंधा कर सकते है और उसे बहुत आगे ले जाएंगे । "
उस आदमी की बात सुन कर उसके सामने बैठे लड़के ने टेढ़ी स्माइल करते हुए कहा -" अ आ तुम्हे क्या लगता हैं कि तुम्हारे इन तुच्छ से फायदे के लिए मैं तुमसे हाथ मिलाउ । " फिर वह ल़डका डरावनी हंसी हंसते हुए बोला -" जितना तुम ये गैर कानूनी धंधे में कमाते हो । इतना तो मेरा नौकर एक दिन में उड़ाता है । "
" SR " वह आदमी चिल्लाते हुए अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ । तो वो लड़का जिसका नाम SR था वो अपनी सर्द आवाज में बोला -" आवाज नीचे । अगर शेर दहाड़ नहीं रहा है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो कमजोर है । या तुम्हारे इलाके में है तो डर रहा है । "
SR की इतनी ठंडी और खतरनाक आवाज को सुन कर वह आदमी चुप हो गया । SR अपनी जगह से उठते हुए बोला -" अब से तुम यहां कोई भी गैर कानूनी धंधा नहीं करोगे । " फिर SR उस आदमी की कुर्सी पर हाथ रखते हुए बोला -" और अगर तुमने ऐसा किया तो वो दिन तुम्हारी जिंदगी का आखिरी दिन होगा । " इतना कह कर SR वहा से जाने लगा ।
तभी उस आदमी ने अपने आदमी को SR पर हमला करने का इशारा किया । इशारा मिलते ही वहां गोलियां चलने लगी । मगर SR इन सब चीजों के लिए पहले से ही तैयार था । इसलिए वो गोलियों से आसानी से बच निकला और अपनी पॉकेट से गन निकाल कर लोगो पर गोलियां चलाने लगा ।
थोड़ी ही देर वहां लाशों के ढेर लग गए । तभी एक गोली SR की बाजू में लगी । SR उस आदमी की तरफ गन प्वाइंट कर के जैसे ही गन चलाता है तो गन में गोलियां खत्म हो गई । तभी और भी लोग वहां आ जाते है और SR पर हमला करने लगते है । SR अपनी गन को एक गुंडे के सिर पर मारता है और उससे गन छीन कर लोगो को मारना शुरू कर देता है और लोगो पर गोलियां चलाते चलाते वो उस खंडर से बाहर निकल आता है । गुंडे अभी भी उसके पीछे थे । SR भागते हुए रोड पर आ गया था । तभी वो किसी लड़की से टकरा जाता है । वह लडकी गिरती की SR उसे अपनी बाहों में थाम लेता है । उस लडकी का खूबसूरत चेहरा , उसकी आंखे पर उसकी घनी पलके जो गिरने के डर से इस वक्त बंद थी । SR तो एक टक उस लड़की के मासूम चेहरे में खो सा गया । जब उस लडकी को लगा कि वो नहीं गिरी है तो वो धीरे से अपनी घनी पलकों उठाती हैं । और उसकी काली आंखे SR की आंखो से मिलती हैं । उस लडकी के इस तरह देखने से SR की दिल की धड़कन ही बढ़ गई । वो कुछ देर और उस लड़की को देखता कि तभी उसे उन गुंडों के कदमों की आवाज आई । जो उस तरफ ही आ रहे थे । गुंडों चकमा देने के लिए SR बिना कुछ सोचे समझे उस लडकी को किस कर देता है । SR के 😘 किस करते ही उस लडकी की आंखे 😳 हैरानी से बड़ी हो जाती हैं । वही SR को तो जैसे उस लड़की के होठ शहद की तरह लग रहे थे । वो उसे और गहराई से चूमने लगा ।
वही वो गुंडे जो SR के पीछे पड़े थे । वो इधर उधर SR को ढूंढ रहे थे । वो SR को किस करता देख उन्हें कपल समझ कर वहां से जाते हुए बोले -" आज कल के बच्चों को कोई शर्म ही नहीं है कहीं भी शुरू हो जाते है । " इतना कह कर वो लोग वहां से चले जाते हैं ।
वही SR अभी भी उस लडकी को पूरे 😘 किस कर रहा था वो लड़की उससे खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी । मगर SR तो जैसे उसे छोड़ने के मन मे ही नहीं था । वह लडकी जैसे तैसे कर के खुद को SR की पकड़ से आजाद कराती है और SR के गाल पर एक थप्पड़ खींच कर मारते हुए बोली -" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे किस करने की । "
अचानक थप्पड़ लगने से SR खुद को संभाल नहीं पाया और वो दो कदम पीछे हट गया जिससे उसका गोली लगा हुआ हाथ दीवार से जा लगा जिससे उसकी एक आह्ह्ह्ह निकल गई । उस लडकी की नजर जैसे ही SR के हाथ पर लगी चोट पर गई तो वो घबरा गई । वो SR के हाथ को पकड़ कर उस चोट को देखते हुए बोली -" तुम्हारा तो बहुत खून बह गया है । "
मगर SR उस लडकी को खुद से दूर हटाते हुए बोला -" दूर हटो मुझसे । "
SR की बात सुन कर वो लड़की बोली -" मैं एक डॉक्टर हु और लोगो की मदद करना मेरा फर्ज है इसलिए मुझे ये अपनी चोट देखने दो । "
उस लडकी की बात सुन कर SR चुप हो जाता हैं और उस लड़की को देखने लगता हैं । वही SR को कुछ न कहता देख वह लडकी अपने बैग से फर्स्टड बॉक्स निकालती हैं । और SR का ट्रीटमेंट करने लगती हैं । वह लडकी SR के हाथ की पट्टी करते हुए बोली -" मैने दवाई लगा कर पट्टी कर दी है । गोली बस छू कर निकली है । " वह लडकी बोलती जा रही थी मगर SR को तो जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था वो तो बस एक टक उस लड़की के चेहरे को निहार रहा था । उसकी वो खूबसूरत आंखे और उसके गुलाब सी पंखुड़ियों से होठ जो SR को अपनी तरफ खींच रहे थे । SR से अब और कंट्रोल नही होता वो उस लड़की की गर्दन में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींच कर फिर से उसके होठों को चूमने लगता हैं । SR उस लडकी को पूरे जुनून के साथ उसके होठों को चूम रहा था । तभी वह लडकी SR को धक्का देते हुए बोली -" तुम बेशर्म इंसान मैने तुम्हारी मदद की और तुम मेरे साथ ये बतमीजी कर रहे हो । "
SR उस लडकी को देख कर अपनी जुनूनी भरी आवाज में बोला -" तो क्या हुआ वैसे भी अब से तुम मेरी हो और तुम पर मेरा पूरा हक है । "
SR की इतनी जुनूनी भरी आवाज को सुन कर एक पल के लिए तो वह लडकी डर जाती हैं । मगर वो अपना डर अपने चेहरे पर भी आने देती । वो SR से गुस्से से बोली -" तुम पागल आदमी तुम जैसों की तो मदद ही नहीं करनी चाहिए । " इतना कह कर वो लड़की वहां से चली जाती है ।
वही SR उस लडकी को जाते हुए देख कर एक जुनून के साथ बोला -" now you are only mine. "
तभी वहा एक कार आ कर रूकती है । उस कार में से लगभग चौबीस से पच्चीस साल का लड़का निकला । वह भागते हुए SR के पास आया और बोला - " बॉस आप ठीक तो हैं ।"
SR उस लडके को अपना हाथ दिखाते हुए बोला -" मैं ठीक हूं । "
" पर बॉस आपको गोली लगी है । " उस लडके ने SR के हाथ पर लगी गोली को देखते हुए कहा ।
" ऐसी कोई गोली नहीं बनी जो SR को मार सके । " लडके की बात पर SR अपने उस हाथ को देखते हुए बोला जिस पर उस लड़की ने पट्टी की थी । तभी कुछ लोग एक आदमी को पकड़ कर लाते है और SR से बोले - " बॉस इसका क्या करना है । "
SR उस आदमी को देखता है फिर SR अपनी खतरनाक आवाज में उन लोगो को ऑर्डर देते हुए बोला - " ब्लैक चेंबर । "
SR के आर्डर को सुन कर वो लोग उस आदमी को वहां से ले जाते हैं । फिर SR उस लडके से बोला - " समीर जिस लड़की ने मेरी जान बचाई है उस लडकी के बारे मे पता करो । और अगले पंद्रह मिनट में उस लडकी की फाइल मुझे मेरी डेस्क पर चाहिए । "
इतना कह कर SR वहा से कार की तरफ बढ़ गया ।
वही दूसरी तरफ ।
एक छोटे से घर में एक औरत रसोई में खाना बना रही थी । और वही हॉल में एक आदमी सोफे पर बैठ कर टीवी में न्यूज देख रहा था । तभी वह औरत बोली - " इशू के पापा देखिए न आज इशू अभी तक नहीं आई आप फोन कर के पूछो न कि वो कहां रह गई । "
औरत की बात सुन कर वह आदमी बोला - " ओहो निर्मला जी आप चिंता क्यों करती हैं आती ही होगी ट्रैफिक में फंस गई होगी । "
" अरे कैसे पिता है आप । जिसे अपनी बेटी की कोई चिंता ही नहीं है । " निर्मला जी चिंता करते हुए बोली ।
वह आदमी बोला - " अरे इसमे चिंता की क्या बात है । अभी बस आती ही होगी वो और अब बच्चों को कभी कभी थोड़ी देर तो हो ही जाती हैं । "
तभी एक लडकी दरवाज़े से अंदर आती है । लड़की को देख कर वह आदमी बोला -" लो आ गई इशू । "
आदमी की बात सुन कर निर्मला जी भी उस तरफ देखती जहां दरवाज़े से एक लडकी अंदर आ रही थी । लड़की को देख कर निर्मला जी उस लडकी के पास जाते हुए चिंता से बोली -" बेटा इतनी देर कहां हो गई थी । " फिर निर्मला जी उस लड़की के कपड़ों पर लगे खून को देखते हुए बोली - " बेटा और ये तेरे कपड़ो पर खून । "
निर्मला जी की बात सुन कर उस लडकी दिमाग़ में SR का ख्याल आ जाता हैं । लड़की को कहीं खोया हुआ देख कर निर्मला जी फिर से बोली - " बता न ये खून कैसे आया । "
निर्मला जी की बात सुन कर वह लडकी खुद को नॉर्मल करते हुए बोली - " अरे मम्मा वो बात ये है कि जब मैं आ रही थी तभी मुझे रोड पर एक जख्मी कुत्ता मिल गया था । तो उसको फर्स्टेड किया था तो बस उसी का खून लग गया । " फिर वह लडकी निर्मला जी से आगे बोली -" ये सब छोड़ो न मम्मा । खाने में क्या बनाया है । मुझे बहुत जोर से भूख लगी है । "
" हां बन गया है । जल्दी से नहा धो कर जल्दी आ जाओ । मैं खाना लगाती हूं । " निर्मला जी ने कहा ।
" ठीक है मम्मा । " इतना कह कर वह लडकी वहां से अपने कमरे की तरफ चली गई ।
लड़की के जाते ही निर्मला जी बोली -" ज़रा सुनिए । "
" जी कहिए । " वह आदमी बोला ।
" जी मुझे आज इशू कुछ ठीक नहीं लग रही । " निर्मला जी बोली ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए gangster लोवर । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
लड़की के जाते ही निर्मला जी बोली -" ज़रा सुनिए । "
" जी कहिए । " वह आदमी बोला ।
" जी मुझे आज इशू कुछ ठीक नहीं लग रही । " निर्मला जी बोली ।
वह आदमी बोला -" अरे ऐसा कुछ नहीं है बच्ची है थक गई होगी काम से इसीलिए । तुम भी न बहुत सोचती हो । चलो अब चल कर खाना खाते हैं । " इतना कह वह आदमी निर्मला जी को अपने साथ ले गया ।
वही इश्विका के कमरे में ।
इश्विका बाथरूम में पानी के नीचे खडी अपनी शरीर को पानी से साफ कर रही थी । वो ऊपर देखते हुए बोली - " भगवान जी आज जैसा हुआ वैसा कभी न हो । इशू तुझे आज से ऐसे मामलों से दूर रहना है । मम्मी पापा को तू अपनी वजह से टेंशन में नहीं डाल सकती । " इतना कह कर इश्विका नहाने लगी । और फिर अपने रात के कपड़े पहन कर नीचे खाने के लिए आ गई । थोड़ी देर बाद सबने डिनर किया और सब अपने कमरे मे सोने चले गए ।
वही दूसरी तरफ ।
एक बड़े से मेंशन में ।
एक आदमी सोफे पर बैठा हुआ था । और उसके सामने उसका असिस्टेंट खड़ा था । उस आदमी ने असिस्टेंट को बोलने का इशारा किया । तो समीर बोला - " बॉस उनका इश्विका सक्सेना है । और वो एक डॉक्टर है । और उनके पापा पुलिस में हैं । उनका नाम गोपाल सक्सेना है । इनकी मम्मी जिनका नाम निर्मला है वो एक हाउस वाइफ हैं । परिवार में ये तीन ही लोग हैं । और इनका एक भाई भी था जिनकी एक हादसे में मौत हो गई । मुंबई आने से पहले ये लोग हरिद्वार में रहते थे । लेकिन गोपाल सक्सेना का ट्रांसफर यहां मुंबई में हुआ जिस वजह से इन्हें यहां शिफ्ट होना पड़ा । " फिर समीर थोड़ा रुक बोला -" और बॉस एक और बात मैडम हमारे ही हॉस्पिटल में काम करती हैं । "
समीर की आखिरी बात सुन कर SR के चेहरे पर एक टेढ़ी मुस्कान आ गई । SR समीर को वहां से जाने का इशारा करता है । तो समीर वहां से चला जाता हैं । SR सोफे पर अपनी हाथो को फैला कर सिर सोफे पर पीछे टिकाते हुए किसी साइको इंसान की तरह इश्विका की फोटो को देखने लगा ।
अगली सुबह ।
इश्विका नहा धोकर तैयार हो कर नीचे आई । तभी गोपाल जी बोले - " अरे इशू बेटा आज तो बिना उठाए ही उठ गई । "
" हां पापा वो आज दिव्य का बर्थडे था तो मेरे दोस्तो ने आज बाहर जाने का प्लान बनाया था । इसलिए " । इश्विका बोली ।
" अच्छा ठीक है बेटा तो ब्रेकफास्ट कर लो फिर मैं तुम्हे तुम्हारे दोस्तो के पास छोड़ कर काम पुलिस स्टेशन चला जाऊंगा । " गोपाल जी बोले ।
" ठीक है । पापा " इतना कह कर इश्विका ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठ गई । ब्रेकफास्ट करने के बाद गोपाल जी और इश्विका निर्मला जी को बाय कहते हुए घर से बाहर आए । तभी वहा उनके सामने एक साथ कई काले रंग की गाड़िया आ कर रुकी । इश्विका और गोपाल जी उन गाड़ियों को ही देख रहे थे । उन सभी गाड़ियों की कीमत करोड़ों में थी । उन गाड़ी में से काले कपड़े पहने बॉडी गार्ड्स बाहर निकलते हैं । और जा कर बीच वाली कार को दरवाज़ा खोलते हैं । दरवाज़ा खुलते ही उस कार में से ब्लैक टैक्सीडो पहने SR बाहर निकलता है । इश्विका की आंखे SR को देख कर हैरानी और डर से बड़ी हो गई ।
SR सीधे गोपाल जी के पास जाता और उनसे बोला - " हेलो मिस्टर गोपाल सक्सेना । "
" हेलो । पर आप कौन मैने आपको पहचाना नहीं । " गोपाल जी सवालिया नजरो से SR को देखते हुए बोले ।
तभी समीर बोला - " क्या आप इन्हें नहीं जानते ये किंग है यहां के । "
" क्या । " फिर गोपाल जी हैरानी से बोले - " तुम इल्लीगल वेपन किंग हो । "
SR बोला - " नहीं । मैं एक बिजनेस मैन हूं । और मेरा नाम रुद्र सिंह है । और मैं आपकी बेटी से शादी करना चाहता हूं । "
रुद्र की बात सुन कर गोपाल जी गुस्से से बोले - " तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं तुम जैसे गैंगस्टर के साथ अपनी बेटी की शादी करूंगा । "
रुद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला -" ससुर जी मैं यहां आपसे इजाजत लेने नहीं आया हूं बल्कि आपको बता रहा हूं कि मैं आपकी बेटी से शादी करना चाहता हूं । और आपका एक अच्छे पिता होने के नाते ये फर्ज बनता है कि हमारी शादी में आए और हमे हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद दे । वैसे आप नहीं भी आए तब भी कोई दिक्कत नहीं है मुझे पर आपकी बेटी को बुरा लग सकता है । इसीलिए आपको बुला रहे हैं । "
रुद्र की बात सुन कर गोपाल जी अपनी जगह जम से गए ।
" तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई । मेरे पापा से ऐसे बात करने की । " इश्विका गुस्से से बोली ।
इश्विका की बात सुन कर रुद्र इश्विका के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए उसके चेहरे के करीब जाते हुए धीरे से बोला -" उफ्फ बेबी do you know कि तुम्हारा ये गुस्सा तुम्हे और भी हसीन बनाता है । "
" छोड़ो मेरा हाथ । " इश्विका अपने हाथ को छुड़ाते हुए बोली ।
वही इतनी सारी गाड़िया और ये सब देख कर सभी लोग अपने घर से बाहर निकल कर देखने लगे कि आखिर हो क्या रहा है । कॉलोनी वालो को देख कर गोपाल जी रुद्र से बोले - " यहां तमाशा करने की जरूरत नहीं है अंदर चल कर बात करते हैं । "
इतना कह कर गोपाल जी रुद्र को अंदर ले कर आ गए । घर के अंदर रुद्र सोफे पर किसी राजा की तरह बैठा था । निर्मला जी रुद्र के लिए पानी ले कर आती हैं । रुद्र को पानी देने के बाद निर्मला जी गोपाल जी से बोली - " ये कौन है । "
गोपाल जी कुछ कहते कि तभी रुद्र बोला - " आपका होने वाला दामाद सासू मां । "
रुद्र की बात सुन कर निर्मला जी रुद्र को हैरानी से देखने लगी ।
गोपाल जी गुस्से से बोले - " नहीं मैं एक पुलिस ऑफिसर हूं और मैं अपनी बेटी की शादी तुम जैसे गैंगस्टर से बिल्कुल भी नहीं करा सकता । "
गोपाल जी की बात सुन कर रुद्र इश्विका से बोला -" तुम्हारे घर को देख कर साफ़ पता चल रहा है कि तुम एक मिडिल क्लास फैमिली से हो । और अगर तुम मुझसे शादी करोगी तो मैं तुम्हे और तुम्हारी फैमिली को एक लग्जरियस लाइफ दूंगा । "
गोपाल जी गुस्से से रुद्र को कुछ कहते या करते कि तभी निर्मला जी गोपाल जी को रोक लेती है वो रुद्र और उसके आदमियों को देख कर बहुत डर गई थी ।
गोपाल जी बोले - " तुम एक गैंग्स्टर हो जिसकी जिंदगी और दुश्मनों का कुछ पता नहीं । जो दिन में न जाने कितने ही लोगों को मौत के घाट उतारता है । और तुम सोचते हों कि मैं तुम्हारे जैसे एक गैंगस्टर से अपनी बेटी की शादी कर दूंगा । बिल्कुल नहीं । "
तभी रुद्र अपनी ठंडी आवाज में बोला -" ससुर जी शायद आप आपको कुछ गलतफहमी हुई है मैं यहां आपसे विनती करने नहीं बल्कि आपको बताने आया हूं । " फिर रुद्र इश्विका से बोला -" मेरी जान तैयार रहना मैं बहुत जल्द ही तुम्हे लेने आऊंगा । "
इश्विका बोली -" मगर मेरी शादी पहले ही तय हो चुकी है । "
रूद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला -" तो उसे तोड़ा भी जा सकता है । तो तैयार रहना रुद्र सिंह की दुल्हन बनने के लिए । " इतना कह रुद्र वहा से इश्विका के घर से चला जाता हैं । वही इश्विका जमीन पर बैठ जाती हैं और उसकी आंखों से बेहिसाब आशु गिरने लगते है उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर उसको जिंदगी में हुआ क्या ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster love । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
रूद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला -" तो उसे तोड़ा भी जा सकता है । तो तैयार रहना रुद्र सिंह की दुल्हन बनने के लिए । " इतना कह रुद्र वहा से इश्विका के घर से चला जाता हैं । वही इश्विका जमीन पर बैठ जाती हैं और उसकी आंखों से बेहिसाब आशु गिरने लगते है उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर उसको जिंदगी में हुआ क्या ।
तभी वहां एक लड़का आता है । वो ल़डका इश्विका को रोता देख भागते हुए उसके पास आया और बोला - " इशू क्या तुम ऐसे क्यों रो रही हों । "
इश्विका उस लडके की बातो का कोई जवाब नहीं देती वो बस रोती रहती हैं । वह लडका परेशान होते हुए गोपाल जी से बोला - " अंकल ये इशू को क्या हुआ वो इस तरह से क्यू रो रही हैं । "
" इशू बेटा शांत हो जाओ और हमे बताओ कि आखिर बात क्या है और ये रुद्र सिंह तुमसे शादी क्यों करना चाहता है । " गोपाल जी इश्विका से बोले ।
गोपाल जी की बात सुन कर ईश्विका ने रोते रोते गोपाल जी को सब बता दिया । इश्विका की बात सुन कर गोपाल जी बोले -" रुद्र सिंह इतनी आसानी से हार नहीं मानेगा । वो जो चाहता है वो हासिल कर के रहता है । इसलिए इशू बेटा तुम्हे जल्द से जल्द शादी कर लेनी चाहिए । "
" हां इशू अंकल सही कह रहे हैं । " वह लडका बोला ।
उन सभी की बात सुन कर निर्मला जी बोली -" पर इतनी जल्दी शादी तैयारी वगैरा इतना सब कुछ इतनी जल्दी कैसे होगा । "
" आप इसकी टेंशन न लीजिए आंटी जी अभी हम छोटी सी ही शादी कर लेते है जिसमें ज्यादा मेहमानों को नहीं बुलाएंगे । उसके बाद जब शादी हो जाएगी तब एक ग्रैंड रिसेप्शन कर देंगे । " वह लडका बोला ।
लडके की बात सुन कर गोपाल जी बोले -" रौनक बिल्कुल सही कह रहा है निर्मला जी । " फिर गोपाल जी उस लडके से बोले जिसका नाम रौनक था ।
" धन्यवाद बेटा तुम ने हमारी परेशानी को समझा । "
गोपाल जी की बात सुन रौनक बोला -" ये आप कैसी बाते कर रहे हैं अंकल । मैं इशू से प्यार करता हूं । और मैं हमेशा उसका साथ दूंगा । "
तभी निर्मला जी डरते हुए बोली -" मुझे तो डर लग रहा है । कहीं वो रुद्र सिंह कुछ गलत न कर दे । "
" आप डरिए मत निर्मला जी ऐसा कुछ नहीं होगा और न ही ये बात किसी को पता चलेगी । और हम ऐसे ही तो अपनी बेटी को आंख बंद कर के उस दलदल में नहीं डाल सकते न । " गोपाल जी बोले ।
" अंकल बिल्कुल ठीक कह रहे हैं आंटी । और आप चिंता मत कीजिए सब सही होगा । " रौनक बोला ।
गोपाल जी निर्मला जी को शांत कराते हुए बोले -" निर्मला जी आप डरिए मत सब सही होगा । "
रौनक बोला -" अच्छा अंकल तो अब मैं चलता हूं घर जा कर मम्मी पापा को बताना भी हैं जिससे शादी की तैयारी कर सके जल्दी से । "
गोपाल जी ने अपना हां में सिर हिलाते हुए कहा -" ठीक है बेटा अपना ध्यान रखना । "
" जी अंकल । " कह कर रौनक वहां से चला जाता हैं ।
अगले दिन ।
हॉस्पिटल में ।
इश्विका अपना काम कर रही थी कि तभी वहा रुद्र आता है । इश्विका अपने काम व्यस्त थी उसने रुद्र को देखा नहीं था । इसीलिए रुद्र उसके पास आ कर अपने हस्की वॉइस में बोला - " वैसे तुम काम करते वक्त और भी खूबसूरत लगती हो । "
अचानक रुद्र की आवाज सुन कर ईश्विका एक दम से डर जाती है । वो रुद्र से बोली - " तुम यहां क्या कर रहे हो । "
इश्विका की बात सुन कर रुद्र इश्विका को अपने करीब खींचते हुए बोला - " तुम जान कर भी अंजान क्यों बन रही हो । "
" छोड़ो मुझे और मुझे कुछ नहीं पता । " ईश्विका खुद को रुद्र की पकड़ से छुड़ाते हुए बोली ।
मगर रुद्र इश्विका पर अपनी पकड़ को और मजबूत कर उसे खुद से बिल्कुल चिपकाते हुए बोला - " मैं यहां इसलिए आया हूं ताकि तुम मुझे जान सको जिससे शादी के बाद तुम्हे कोई प्रॉब्लम न हो । "
" दूर हटो मुझसे । " ईश्विका बोली ।
तभी वहा हॉस्पिटल का डायरेक्टर आया और वो रुद्र को ग्रीट करते हुए बोला -" हेलो सर आप यहां आने वाले थे आपने बताया क्यों नहीं हम आपके वेलकम के लिए कुछ करते । "
" इसकी कोई जरूरत नहीं है । " रुद्र अपनी शख्त आवाज में बोले ।
रुद्र की इतनी शख्त आवाज सुन कर डायरेक्टर चुप हो गया । फिर रुद्र इश्विका को देख कर बोले -" तो चले बेबी । "
" मुझे कहीं नहीं जाना मुझे बहुत काम है यहां । " ईश्विका बोली ।
इश्विका की बात सुन कर रुद्र डायरेक्टर ने बोला -" क्या मैं मिस इश्विका को बाहर ले जा सकता हूं । "
डायरेक्टर रुद्र के आगे कुछ बोल सकता था क्या । वो रुद्र से बोला -" हां हां क्यू नही सर आप ले जाइए । मैं उन्हें आज छुट्टी देता हूं । "
" लेकिन मुझे कहीं नहीं जाना । " इतना कह कर इश्विका वहां से जाने लगी तो रुद्र ने उसे अपने कंधे पर उठा लिया । और वहा से हॉस्पिटल के बाहर ले जाने लगा । वही ईश्विका रुद्र की पीठ पर मारते हुए बोली - " you gangster छोड़ो मुझे कहां ले जा रहे हो । "
मगर रुद्र ने इश्विका की एक नहीं सुनी और उसे ऐसे ही कंधे पर डाले हॉस्पिटल के बाहर ले गया ।
रुद्र ईश्विका को कार से बाहर निकालता हैं और उसे कंधे पर ही उठा कर अपने मेंशन के अंदर ले जाता है । वही ईश्विका खुद को रुद्र की पकड़ से छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । मगर रुद्र की पकड़ उस पर बहुत मजबूत थी । इश्विका रुद्र की पीठ पर हाथ चलाते हुए चिल्ला रही थी ।
" छोड़ो मुझे you bastard I say leave me you gangster."
रुद्र इश्विका को कमरे ले कर आया और उसे सोफे पर पटकते हुए उसके ऊपर आ कर ईश्विका के दोनों हाथों को अपने एक हाथ से पकड़ इश्विका के सिर के ऊपर करते हुए इश्विका की ठोड़ी को पकड़ते हुए उसके चेहरे के एक दम करीब आ कर अपनी हस्की वॉइस में बोला - " don't challenge my patience baby otherwise you will regret for this."
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका बिल्कुल चुप हो गई । उसे डर था कि कहीं रुद्र कुछ गलत न कर दे उसके साथ । इस वक्त रुद्र और ईश्विका के चेहरे बहुत पास थे उनकी सांसे एक दूसरे टकरा रही थीं । रुद्र इश्विका से बोला - " I have surprise for you." इतना कह रुद्र ईश्विका के ऊपर से हटता है । और दीवार से एक कपड़ा हटा देता है । इश्विका की नजर जैसे ही दीवार पर जाती हैं तो वो शॉक्ड 😳 हो जाती हैं । वो हैरानी से दीवार को देखती हैं जहां उसकी बहुत सारी फोटो लगी हुई थी । या यू कहे कि पूरी दीवार ही ईश्विका की फोटो से घिरी हुई थी । तभी रुद्र ईश्विका के पीछे से आ कर उसके कान में धीरे से बोला - " कैसा लगा सरप्राइस मेरी जान । "
फोटोज को देख कर ईश्विका गुस्से में भर गई और रुद्र को पीछे धक्का देते हुए गुस्से से बोली - "How can you invade someone's privacy like this."
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र अपनी ठंडी आवाज में बोला -" अ आ तुम मेरी हो इसलिए तुम्हारा सब कुछ मेरा है । "
" You " रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को मारने के लिए आगे बढ़ती है कि रुद्र उसका हाथ पकड़ कर उसे घुमा कर अपने करीब खींचते हुए बोला - " तुम्हारा सब कुछ मुझसे बिलॉन्ग करता है और वो भी अब से नहीं तब से जब से मैने तुम्हे देखा था । " फिर रुद्र इश्विका के चेहरे को पकड़ कर विंडो के बाहर दिखाते हुए बोला - " ये जो बाहर तुम इन बड़ी बड़ी इमारतों को देख रही हो न ये सब मेरी है । और ये तुम्हारी हो सकती है अगर तुम मुझसे शादी कर लोगी तो । मैं ये सब तुम्हारे नाम कर दूंगा । " फिर रुद्र ईश्विका को अपनी तरफ पलट कर उसे अपने करीब करते हुए बोला -" लेकिन अगर तुमने भागने या मुझसे दूर जाने की कोशिश भी की तो तुम्हे ढूंढने के लिए इस सारी दुनिया को मैं तबाह कर दूंगा । तुम चाहे पाताल में भी क्यों न छिप जाओ मैं वहां से भी तुम्हे ढूंढ निकालूंगा । "
इतना कह कर रुद्र ईश्विका को किस करने के लिए आगे बढ़ता है । मगर ईश्विका अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती हैं । और बोली - " तुम्हे क्या लगता हैं कि तुम अपने इन पेसो से मेरे प्यार को खरीद सकते हो । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र स्मरिक करते हुए बोला -" आजकल पैसों से क्या नहीं मिलता । जब तक इंसान के पास पैसा है वो कुछ भी कर सकता है । और कुछ भी खरीद सकता है । "
" तुम बेशक अमीर हो पर मुझे तुम्हे देख कर दया आती हैं । कि तुम प्यार के मामले में बहुत ही गरीब हो । जिसे अपने अलावा कुछ नहीं दिखाता । " इश्विका गुस्से बोली ।
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र ईश्विका की बाजुओं को टाइटली पकड़ते हुए बोला -" तुम्हे पता भी है कि तुम क्या कह रही हो । "
" ये सब कहने के लिए भी तुम ही ने मुझे मजबूर किया है । " ईश्विका इतना कह रुद्र को धक्का दे कर वहा से चली जाती हैं ।
ईश्विका को जाता देख रुद्र गुस्से से दीवार में मुक्का मारता है ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster love । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
ईश्विका को जाता देख रुद्र गुस्से से दीवार में मुक्का मारता है ।
रुद्र अभी अपने गुस्से को शांत कर ही रहा था कि तभी उसका फोन बजता है । रुद्र गुस्से से से फोन की तरफ देखता है । फिर वह कॉल को उठाता है । उधर फोन के दूसरी तरफ से किसी ने कुछ कहा जिसे सुन कर रुद्र गुस्से कॉल कट कर देता है और अपने मेंशन से निकल जाता हैं ।
एक कार आ कर बड़े से घर के सामने रूकती है । उस घर को घर महल कहना गलत नहीं होगा । उस घर के दरवाज़े पर कर्सिव राइटिंग में सिंह पैलेस लिखा हुआ था । जिस डायमंड लगे हुए थे । गार्ड जल्दी से आ कर दरवाजा खोलता है तो वह कार उस महल जैसे घर के अंदर जाती है । घर के आगे बहुत बड़ा गार्डन था । और उसमें हर तरह के फूल लगे हुए थे उस गार्डन को फूलों से बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था । कार में से रुद्र बाहर निकलता हैं और उस महल जैसे घर के अंदर चला जाता है ।
उस महल जैसे घर के अंदर रुद्र पहुंचता हैं तो उसकी नजर सोफे पर जाती हैं जहां एक औरत और एक लडकी बैठी हुई थी । उस औरत की उम्र लगभग चालीस वर्ष होगी मगर उसके चेहरे के देख कर बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि वह औरत चालीसा की होगी चेहरे से वो तीस पैंतीस साल की ही लग रही थी । वही उस औरत के बराबर में जो लड़की बैठी हुई थीं उसकी उम्र छब्बीस सताइश साल होगी। । और वो दोनो आपस में कुछ बात कर रही थी । तभी उस लड़की की नजर रुद्र पर गई । रुद्र देख कर वो लड़की उस औरत से बोली - मम्मा भाई आ गए । "
लड़की की बात सुन कर वह औरत भी रुद्र की तरफ देखती हैं । जो उन दोनो को देखता हुआ ही अन्दर आ रहा था या यू कहे कि घूरता हुआ । रुद्र को देख कर वह औरत सोफे से खड़े होते हुए बोली - " तुम आ गए रुद्र बेटा । हम तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे । आप बैठो । "
तभी रुद्र उन्हें अपना हाथ दिखा कर चुप कराते हुए बोला -" सीधा प्वाइंट पर आइए । मेरे आगे बाते घुमाने की जरूरत नहीं है । और एक और बात आप मेरी मां नहीं है तो दोबारा मुझ पर ये बेटे वाला हक न ही जताए तो आपके लिए ये ही बेहतर होगा । "
रुद्र की बात सुन कर वह औरत बोली -" ये तुम कैसी बात कर रहे हो बेटा मैं भी तुम्हारी मां हूं बेशक मैने तुम्हे जन्म नहीं दिया पर मैंने तुम में और खुशी में कोई फर्क कभी फर्क नहीं किया । "
" अ आ तुम्हे अभी भी बताया कि you are not my mother. तुम बस रंजीत सिंह की वाइफ हो । वो भी दूसरी । तो अब सीधे काम की बात पर आओ । मिसेज रुबीना सिंह । " रुद्र अपनी सख्त आवाज में बोला ।
वह जिसका नाम रुबीना था रुद्र की बात सुन कर उसका चेहरा गुस्से लाल हो गया । मगर उसने रुद्र के सामने अपने उस गुस्से को जाहिर नहीं किया । अपने गुस्से को दबाकर मिसेज रुबीना सिंह रुद्र से बोली -" रुद्र बेटा तुम अब बड़े हो गए और तुम्हारी शादी की उम्र भी हो गई है तो मैने और तुम्हारे पापा ने तुम्हारे लिए एक लडकी पसंद की है । हमे तो वो बहुत पसंद है एक बार तुम भी देख लो । जिससे कि हम बात को आगे बढ़ाए । " इतना कह कर रुबीना जी रुद्र की तरफ एक लड़की की फोटो बढ़ाती है ।
रुद्र रुबीना जी से उस फोटो को लेता है और उन्हीं के सामने उस फोटो को फाड़कर फेकते हुए बोला - " मिसेज रुबीना सिंह आपको मेरी शादी की टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है । "
" पर रुद्र बेटा । " रुबीना जी इतना ही बोल पाई थी कि रुद्र उन्हें बीच में ही रोकते हुए बोला - " मैने अपने लिए लड़की देख ली है और वहीं मेरी वाइफ और इस सिंह परिवार की बहु बनेगी । " इतना कह कर रुद्र वहा से अपने कमरे मे चला जाता हैं ।
रुद्र को जाता देख खुशी रुबीना जी से बोली - " मम्मा अब हम क्या करेंगे । ऐसे तो हमे प्रॉपर्टी में से एक रुपया भी नहीं मिलेगा । "
खुशी की बात सुन कर रुबीना जी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली - " जब तक मैं हु ऐसा कुछ भी नहीं होगा और पहले हमे ये पता करना होगा कि आखिर वो कौनसी लड़की है जिसने रुद्र के सीने में दिल धड़काया हैं । "
रात का समय हो चला था आसमान ने तारों भरी चादर ओढ़ ली थी ।
एक घर में वह घर ज्यादा बड़ा नहीं था । पर मिडिल क्लास फैमिली के लिए परफेक्ट था । उस घर के डाइनिंग रूम से एक औरत के चिल्लाने की आवाज आती हैं ।
" तुम जानते भी हो तुम किस के खिलाफ जा रहे हो । वो रुद्र सिंह है इस मुंबई का ही नहीं बल्कि एशिया का टॉप बिजनेस मैन होने के साथ साथ अंडरवर्ल्ड का 👑 किंग भी है पूरा एशिया उसके सिर्फ नाम से ही कांपता है और तुम उसके खिलाफ जा रहे हो। रौनक । नहीं मैं ऐसा नहीं होने दूंगी । "
उस औरत की बात सुन कर रौनक बोला -" मां ये आप क्या कह रही है । मैं और इश्विका कॉलेज से एक दूसरे के साथ है । और हम दोनो एक दुसरे से प्यार करते है । और जब ईश्विका पर इतनी बड़ी मुसीबत आई है तो आप कह रही है कि मैं पीछे हट जाऊ । बिल्कुल नहीं मां । मैं इशू का साथ दूंगा । "
" साथ तो तब देगा न जब तू जिंदा बचेगा । वो रुद्र सिंह है रातों रात हम लोगो को कहां गायब कर देगा कुछ पता भी नहीं चलेगा । " रौनक की मां जिनका नाम मीना था उन्होंने कहा ।
मीना जी कि बात सुन कर रौनक बोला -" मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है और परसो मैं और ईश्विका चुपके से शादी कर रहे हैं । हमारी पंडित जी बात हो गई है उन्होंने एक दिन बाद का मुहूर्त निकाला है । " और रौनक इतना कह कर वहां से चला जाता हैं ।
वही ईश्विका के घर में । । । ।
निर्मला जी डरते हुए बोली - " इशू के पापा कहीं रुद्र को पता चल गया तो । "
" निर्मला जी आप शांत हो जाइए और ऐसा कुछ भी नहीं होगा हम ज्यादा बड़ी शादी कर ही नहीं रहे है और शादी भी ऐसी जगह होगी जहां किसी को पता भी नहीं चल पायेगा । और वैसे भी मैं अपनी बेटी की शादी उस गैंगस्टर से कभी भी नहीं होने दूंगा । " गोपाल जी ने कहा ।
वही सिंह पैलेस में । । । । । । ।
रुद्र सोफे पर किसी राजा की तरह बैठा हुआ था और टेबल पर वाइन रखी हुई थी तभी वहां खुशी आती हैं और रुद्र से गुस्से से बोली - " तुम ऐसी लड़की से शादी कैसे कर सकते हो । न उस लड़की का कोई बैकग्राउंड और न ही वो किसी रिच फैमिली से बिलॉन्ग करती हैं । वो एक poor मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं । और ऐसी लड़की से शादी कर के क्या तुम सिंह परिवार का मजाक बनाना चाहते हो । "
खुशी की बात सुन कर रुद्र गुस्से से बोला -" वो तुम्हारी होने वाली भाभी है तो जवान संभाल कर बात करो उसके बारे मे वरना मुझे तुम्हे यहां से बाहर निकालने में एक सेकंड भी नहीं लगेगा । " इतना कह रुद्र वहां से चला गया । वही रुद्र की इतने गुस्से भरी आवाज सुन कर खुशी डर से वही जम गई । उसकी रुद्र से आगे कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं हुई । । । । । । । ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
वही रुद्र की इतने गुस्से भरी आवाज सुन कर खुशी डर से वही जम गई । उसकी रुद्र से आगे कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं हुई। ।
वही दूसरी तरफ । । । । ।
ईश्विका के घर में । । । । । ।
ईश्विका अभी अभी नहा कर निकली थी उसने अपने शरीर पर तोलिया लपेटा हुआ था और उसके बालों से पानी टपक रहा था । वह अलमारी से अपने रात को पहने वाले कपड़े निकालती हैं । कि तभी उसका फोन बजता है । इशू अपना फोन देखती हैं तो फोन की स्क्रीन पर रौनक नाम फ्लैश हो रहा था । ईश्विका खुश होते हुए जल्दी से फोन उठाती हैं । तो उधर से रौनक की आवाज आती हैं ।
" है इशू क्या कर रही हो । "
रौनक की बात सुन कर ईश्विका बोली - " कुछ नहीं रौनक बस अभी सोने ही जा रही थी । "
फोन के दूसरी तरफ से रौनक बोला - " अच्छा । वैसे मैने तुम्हे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम दोनो की शादी के लिए मां ने इजाजत दे दी है और परसो हमारी शादी है । "
रौनक की बात सुन कर ईश्विका हैरान होते हुए बोली -" क्या सच में रौनक । "
" क्या हुआ इशू तुम खुश नहीं हो । " ईश्विका के शॉकिंग रिएक्शन को सुन कर रौनक बोला ।
" नहीं भी रौनक मैं बहुत खुश हूं । कि मेरी शादी तुमसे हो रही है । " ईश्विका खुश होते हुए बोली ।
तो रौनक हंसते हुए बोला -" अच्छा फिर तो रेडी रहना आ रहा हु मैं एक दिन बाद तुम्हे लेने । "
" हां जरूर । " ईश्विका बोली ।
" अच्छा ठीक है अभी तुम सो जाओ क्योंकि मुझे काम है अभी मैं कल बात करता हूं तुमसे । " रौनक बोला ।
" Ok रौनक byy । " इतना कह कर ईश्विका ने फोन रख दिया । फिर ईश्विका खुश हो कर अपने कपडे पहनने लगी । कपड़े पहने के बाद ईश्विका शीशे के सामने बैठ कर अपने बाल सुखाते हुए बोली -" परसो मेरी और रौनक की शादी हो जाएगी । " इतना कहते कहते ही ईश्विका के मन मे रुद्र का ख्याल आने लगा । तो ईश्विका अपने सिर पर मारते हुए बोली -" इशू ये तू क्या कर रही है उस गैंगस्टर के बारे मे क्यों सोच रही है । एक बार तेरी और रौनक की शादी हो गई तो फिर उस गैंगस्टर से तेरा पीछा हमेशा हमेशा के लिए छूट जाएगा और तू और रौनक हमेशा खुश रहेंगे । " इतना कह कर ईश्विका खुश होने लगी ।
मगर तभी उसका फोन बजता है । फोन की आवाज को सुन कर ईश्विका अपने फोन को देखती हैं तो उस पर अननोन नंबर दिखा रहा था । ईश्विका उस नंबर को देख कर समझ गई थी कि ये किसका नंबर है । ईश्विका अपना फोन उठाती हैं और फोन को स्विच ऑफ कर देती है । ईश्विका ने जैसे ही अपना फोन स्विच ऑफ कर रखा ही था कि तभी उसे बाहर से गाड़ियों के तेज तेज हॉर्न बजाने की आवाज सुनाई देती हैं । ईश्विका इतना शोर सुन कर अपने कानों पर हाथ रख लेती हैं मगर हॉर्न बजना फिर भी बंद नहीं हुए । ईश्विका गुस्से से नीचे जाती है ।
वही ईश्विका के घर के बाहर गार्ड रुद्र से बोला - " क्या हॉर्न बजाना रोक दु सर । "
" कंटिन्यू । " रुद्र अपनी कोल्ड आवाज में बोला ।
वही ईश्विका घर से बाहर जा कर देखती है तो उसके सामने एक ब्लैक रोल्स रॉयस खड़ी थी । ईश्विका सीधा जा कर गुस्से से उस कार का दरवाज़ा खोलते हुए बोली - " तुम चाहते क्या हो । "
ईश्विका की आवाज सुन कर रुद्र ईश्विका को देखता है । और उसे पकड़ कर कार के अंदर खींच कर अपनी गोद में बैठा लेता है । ईश्विका रुद्र से छुटने के लिए झटपटाने लगती हैं तो रुद्र उस अपनी पकड़ मज़बूत करते हुए बोला - " why not answer my call "
ईश्विका रुद्र की पकड़ से खुद को आजाद कराने की कोशिश करते हुए बोली - " मैं नहा रही थी इसीलिए मैंने फोन की रिंग नहीं सुनी । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए इश्विका के गालों को पकड़ते हुए बोला - " बेबी क्या तुम्हे किसी ने बताया नहीं कि तुम एक टेरीबल लायर हो । "
ईश्विका अपने चेहरे से रुद्र के हाथ को झटकते हुए बोली -" आखिर तुम चाहते क्या हो । मेरी पहले ही सगाई हो चुकी है रौनक के साथ । So please don't pestering me."
रुद्र ईश्विका के चेहरे को पकड़ते हुए बोला -" how can that bull shit rounak compare with me."
" क्योंकि वो तुम्हारी तरह मुझे परेशान नहीं करता मेरे घर के आगे इस तरह से शोर नहीं कर के लोगो को परेशान नहीं करता और सबसे अहम बात वो दूसरों की इज्जत करता है । " ईश्विका रुद्र की बातो का जवाब देते हुए बोली ।
रुद्र इश्विका के बालो को उसके कान के पीछे करते हुए बोला - " अगर तुम मुझसे शादी करती हो तो ये मुंबई क्या मुंबई के बाहर के लोग भी तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की इज्जत करेंगे । "
रुद्र की बात पर ईश्विका मजाकिया हंसी हंसते हुए बोली - " तुम्हारी ऐसी इज्जत की मुझे और मेरे परिवार को कोई जरूरत नहीं है । " इतना कह ईश्विका रुद्र से खुद को छुड़ा कर जल्दी से कार से बाहर निकल जाती हैं । ईश्विका को जाता देख रुद्र जल्दी से कार से बाहर निकलता हैं और ईश्विका का हाथ पकड़ कर उसे खींच कर कार से सटा देता है । अब ईश्विका रुद्र और कार के बीच थी ।
ईश्विका गुस्से से रुद्र से बोली - " मेरी रौनक से सगाई हो चुकी है । और हम दोनो एक दुसरे से प्यार करते है । तो मेरा पीछा छोड़ दो । "
इतना कह कर ईश्विका रुद्र को धक्का दे कर जाने लगी लेकिन रुद्र ने इश्विका का हाथ पकड़ उसे फिर से कार से लगा देता है और उसके चेहरे के एक दम करीब जाते हुए उसके चेहरे को पकड़ते हुए अपनी हस्की वॉइस में बोला - " I don't care who loves you and whom do you love . I love you and this enough for me. "
इतना कह रुद्र ईश्विका के होठों को चूमने के लिए आगे बढ़ता है । जैसे ही ईश्विका को रुद्र की हरकत का एहसास होता है तो वो अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लेती हैं । जिससे रुद्र के होठ इश्विका की गर्दन को छू जाते है । वही रुद्र ईश्विका की सुराही दार गर्दन को धीरे से चूमते हुए उसकी जिस्म की खुशबू को सूंघते हुआ ईश्विका के कान में अपनी मैग्नेटिक वॉइस में बोला - " your smell is too good baby".
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को घूरती है । तो रुद्र आगे बोला - " तुम्हे पिछली बार का 🎁 गिफ्ट पसंद नहीं आया था तो मैने तुम्हारे लिए कुछ नया खरीदा है । "
इतना कह कर रुद्र चुटकी बजाता है तो वहां कई सारे गार्ड्स आ जाते है और उनके हाथों में बड़े बड़े बॉक्स थे गार्ड्स एक एक कर के सारे बॉक्स खोलते हैं । जिन में एक से बढ़कर एक महंगी और कीमती गहने थे । ईश्विका उन सभी ज्वैलरी के बॉक्स को देखती हैं । वही रुद्र अपना हाथ आगे करता है तो एक गार्ड रुद्र के हाथ में एक डायमंड का नेकलेस रख देता है । रुद्र उस नेकलेस को ईश्विका को पहनाते हुए बोला - " this necklace suit you well".
लेकिन ईश्विका उस नेकलेस को अपने गले से उतार कर नीचे फेकते हुए रुद्र से बोली - " हर कोई इंसान पेसो के लालची नहीं होते और न ही वो पैसे के लिए खुद को बेचते है । तो आगे से ये अपना पैसे का रौब किसी और को जा कर दिखाना । अब हटो मेरे सामने से । "
इतना कह कर ईश्विका रुद्र को साइड करती हैं और वहां से अपने घर में चली जाती है । वही रुद्र हल्की सी स्माइल करते हुए ईश्विका को जाते देख रहा था ।
तभी रुद्र का एक गार्ड बोला - " सर क्या हम मैडम को वापस लाए । "
" नहीं । " रुद्र ने एक ही शब्द में जबाव देते हुए कहा । और अपना हाथ गार्ड के आगे कर दिया तो गार्ड ने एक सिगरेट जला कर रूद्र को दे दी । रुद्र सिगरेट के कश ले ही रहा था कि तभी गार्ड बोला - " सर अगर मैडम ने छिप कर किसी और से शादी कर ली तो । "
गार्ड की बात सुन कर रुद्र जो सिगरेट के कश ले रहा था वो वही रुक गया और अपनी जानलेवा नजरो से उस गार्ड को घूरने लगता है । वही रुद्र को अपनी तरफ यू घूरता देख गार्ड समझ गया था कि उसने सोते हुए शेर को जगा दिया है । रुद्र किसी की भी रूह कंपा देने वाली आवाज में बोला - " किस में इतनी हिम्मत है जो रुद्र सिंह की होने वाली बीवी से शादी करे । "
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
गार्ड की बात सुन कर रुद्र जो सिगरेट के कश ले रहा था वो वही रुक गया और अपनी जानलेवा नजरो से उस गार्ड को घूरने लगता है । वही रुद्र को अपनी तरफ यू घूरता देख गार्ड समझ गया था कि उसने सोते हुए शेर को जगा दिया है । रुद्र किसी की भी रूह कंपा देने वाली आवाज में बोला - " किस में इतनी हिम्मत है जो रुद्र सिंह की होने वाली बीवी से शादी करे । "
शादी वाला दिन ।
ऐसे ही दो दिन कब बीत गए पता ही नहीं चला और शादी का दिन आ गया ।
एक छोटे से वेडिंग हॉल में ।
वेडिंग हॉल ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन छोटे फंक्शन आसानी से हो सकते थे । उस वेडिंग हॉल के मैन गेट पर कर्सिव राइटिंग में ईश्विका वेड्स रौनक लिखा हुआ था और उस बोर्ड को फूलों से सजाया गया था ।
वही वेडिंग हॉल के अंदर ईश्विका और रौनक की शादी के फंक्शन चल रहे थे । एक तरफ खाना तो दूसरी तरफ नाच गाना हो रहा था । हॉल में ज्यादा मेहमान नहीं थे बस कुछ खास मेहमान ही थे । क्योंकि गोपाल जी और निर्मला जी को रुद्र का डर था कि कहीं रुद्र शादी को खराब न कर दे इसलिए उन्होंने ज्यादा मेहमानों को नहीं बुलाया और न ही ज्यादा शादी की तैयारी की । उन्होंने सिर्फ नॉर्मल सी शादी करने के बारे सोचा । और शादी होने के बाद लोगों को एक बड़ी पार्टी दे देंगे । गोपाल जी और निर्मला जी दोनों खुश थे आखिर उनकी लाडली बेटी की को शादी थी । वो बात अलग थी कि वो जैसा चाहते थे वैसी शादी नहीं हो रही थीं लेकिन फिर भी वह खुश थे कि उनकी बेटी एक अच्छे घर में शादी कर के जा रही थी । गोपाल जी और निर्मला जी दोनों ही ईश्विका को देख रहे थे । जो सोफे पर बैठी मेहंदी लगवा रही थी । उसने ग्रीन कलर का लहंगा पहन रखा था और वो इसमें बहुत खूबसूरत लग रही थी । उसके चेहरे पर एक अलग खुशी थी जो हर दुल्हन के चेहरे पर होती है । एक नई जिंदगी में कदम रखने की खुशी । गोपाल जी और निर्मला जी इश्विका को खुश देख कर मन ही मन उसकी बलाएं ले रहे थे । कि उसकी खुशियों को किसी की नजर न लगे ।
लेकिन वही इसके उल्ट मीना जी के चेहरे पर गुस्से और न खुशी के भाव थे । उन्हें ईश्विका कुछ खास पसन्द नहीं थी । वो तो बस रौनक की वजह से ही चुप थी । इसे समय बीतता गया और रात हो गई । मंडप भी सजा दिया गया । और मंडप पर पंडित जी बैठे मंत्र उच्चारण के रहे थे । वही रौनक भी मंडप में बैठा हुआ था ।
तभी पंडित जी ने कहा - " यजमान कन्या को बुलाइए । "
पण्डित जी की बात सुन कर निर्मला जी ईश्विका को लेने चली गई । निर्मला जी जैसे ही ईश्विका के कमरे में पहुंची तो वो बस सामने देखती ही रह गई । जहां इश्विका दुल्हन के लाल जोड़े में किसी स्वर्ग से आई हुई अप्सरा से कम नहीं लग रही थी । उसके चेहरे की मुस्कुराहट उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी । ईश्विका अपने आपको शीशे में देख ही रही थी कि तभी उसकी नजर अपने पीछे खड़ी निर्मला जी पर गई । निर्मला जी को देख कर ईश्विका बोली - " मैं कैसी लग रही हूं मम्मा । "
निर्मला जी ईश्विका के पास गई और अपनी आंखों से उंगली से हल्का सा काजल ले कर ईश्विका के कानों के पीछे लगाते हुए बोली - " किसी की नजर न लगे मेरे प्यारी बच्ची को । इतनी सुंदर लग रही हो । " फिर निर्मला जी ईश्विका के गालों को प्यार से छूते हुए नम आंखों से बोली -" आज हमारी बच्ची भी हमसे दूर चली जाएगी । "
निर्मला जी की नम आंखों को देख कर ईश्विका हल्का सा मुंह बनाते हुए बोली -" दूर क्यों चली जाऊंगी । मैं तो रोज आपसे मिलने आऊंगी । "
निर्मला जी ईश्विका की बात सुन कर हल्का सा मुस्कुराते हुए बोली -" ऐसा नहीं होता बेटा । एक बार बेटी की शादी हो जाती हैं तो ससुराल ही उसका घर होता है । मायका तो बस कुछ दिन का ही होता हैं । "
" मम्मा पर जरूरी नहीं को हर बार ऐसा हो । और सभी ऐसा करे । कुछ अलग भी तो कर सकते हैं न । जैसे सब साथ मिल कर रहे । " ईश्विका ने कहा ।
" नहीं बेटा ये ही हमारे रीति रिवाज है । जिसे बदला नहीं जा सकता । सीता मईया को भी अपने पिता जनक का महल छोड़ कर अयोध्या अपने पति श्री राम के साथ जाना पड़ा था । तो हम तो फिर भी इंसान हैं । और बेटियों को तो एक न एक दिन जाना ही पड़ता है । दूसरे घर । और वहां जा कर वो अपना एक नया घर बसाती है । " निर्मला जी नम आंखों से बोली ।
वही निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका की भी आंखे नम हो गई । ईश्विका की नम आंखों को देख निर्मला जी हंसते हुए बोली -" नहीं नहीं रोते नहीं है वरना सारा मेकअप खराब हो जाएगा । फिर रौनक को अपना चेहरा कैसे दिखाएगी । और अब तो इतना टाईम भी नहीं कि दोबारा मेकअप हो सके क्योंकि पंडित जी ने अभी बुलाया है मुहूर्त के समय हो गया है इसीलिए । "
निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका के चेहरे पर 😊 स्माइल आ गई उसने भी अपना सिर हां हिला दिया । फिर निर्मला जी ने ईश्विका के सिर पर चंद्री उड़ाई । और उसे मण्डप की तरफ ले जाने लगी ।
निर्मला जी ईश्विका को बाहर ले कर आई तो सभी की नज़रे ईश्विका पर ही ठहर गई । रौनक ईश्विका को देखता ही रह गया । निर्मला जी ने ईश्विका को रौनक के बराबर में मंडप पर बैठा दिया । और पंडित जी मंत्र पढ़ने लगे । थोड़ी देर बाद पंडित जी ने कहा - " कन्या दान करने के वधू के माता पिता आगे आए । "
पंडित जी की बात सुन कर गोपाल जी और निर्मला जी ईश्विका का कन्यादान करने के लिए आगे आते है । गोपाल जी और निर्मला जी ईश्विका का कन्यादान करते हैं । फिर पंडित जी आगे बोले -" अब वर वधु को फेरो के लिए खड़े हो जाइए । "
पंडित जी के कहने पर रौनक फेरो के लिए खड़ा होता है और फिर ईश्विका की तरफ अपना हाथ बढ़ाता हैं । ईश्विका रौनक के हाथ में अपना हाथ रखती हैं और फेरो के लिए खड़ी हो जाती है ।

ईश्विका फेरे लेने के लिए अपना कदम आगे बढ़ाती हैं । तभी वहां एक गोली चलती है । गोली की आवाज को सुन वेडिंग हॉल में शांति छा जाती हैं और सभी लोग डर से उधर देखते हैं जिधर से गोली चलने की आवाज आई थी ।

जहां वेडिंग हॉल के दरवाज़े से ब्लैक टैक्सीडो पहने हाथ में गन लिए गुस्से से रुद्र अंदर आ रहा था । और उसके पीछे उसके गार्ड्स भी अपने हाथो में गन लिए अन्दर आ रहे थे ।
रुद्र को देख कर ईश्विका की आंखे 😨 डर से बड़ी हो गई । वही निर्मला जी गोपाल जी मीना जी और रौनक का हाल भी कुछ अलग नहीं था । वे सभी अपनी आंखों में डर और घबराहट लिए रुद्र की तरफ देख रहे थे ।
वही रुद्र के शैतान रूप को देख कर सभी मेहमानों के बीच अफरा तफरी का माहौल हो गया । वेडिंग हॉल में जितने भी लोग आए थे वे सभी डर से इधर उधर भागने लगे ।
रुद्र के गार्ड्स सभी मेहमानों को गन प्वाइंट पर ले लेते हैं । बंदूक के डर से सभी मेहमान अपनी जगह ही किसी मूर्ति की तरह जम जाते है । ।
रुद्र रौनक को 🦶 किक करता है । जिससे रौनक जमीन पर गिर जाता हैं । फिर रुद्र रौनक की तरफ गन प्वाइंट करते हुए अपनी शरद आवाज में बोला - " how dare you to marry her" .
रौनक के ऊपर गन प्वाइंट देख गोपाल जी भी अपनी गन को निकालते हुए रुद्र पर प्वाइंट करते हुए बोले - " रौनक को छोड़ दो रुद्र । तुम ये गलत कर रहे हो । "
मीना जी रौनक को बचाने के लिए रुद्र के आगे गिड़गिड़ाते हुए बोली - " मिस्टर सिंह मेरे बेटे को छोड़ दीजिए । Please ये ईश्विका से दूर रहेगा कभी उसके सामने भी नहीं आएगा । Please हमे जाने छोड़ दीजिए । "
लेकिन रुद्र को मीणा जी के गिड़गिड़ाने से कोई फर्क नहीं पड़ा । रुद्र रौनक को शूट करने ही वाला था कि ईश्विका जल्दी से रुद्र की गन के आगे आते हुए बोली - " नहीं उसे छोड़ दो । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए इश्विका से बोला - " is it an order".
ईश्विका रुद्र के हाथ को पकड़ कर गन को अपने माथे से लगाते हुए बोली - " ठीक है तो तुम पहले मुझे मार दो । जिससे कि ये सारा ड्रामा यहीं खत्म हो जाएगा । "
" तुम्हे क्या लगता हैं कि ये मैं नहीं कर सकता । " ईश्विका की बात सुन कर रुद्र गन को टाइटली पकड़ते हुए बोला । ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
पिछले अध्याय में, आपने देखा कि रुद्र, जो सिगरेट पी रहा था, गार्ड की बात सुनकर रुक गया और गार्ड को घूरने लगा। शादी का दिन आ गया।
एक छोटे से वेडिंग हॉल में, ईश्विका और रौनक की शादी के फंक्शन चल रहे थे। गोपाल जी और निर्मला जी ने रुद्र के डर से कम मेहमानों को बुलाया था। मीना जी खुश नहीं थी। मंडप सजाया गया और पंडित जी मंत्रोच्चार करने लगे। निर्मला जी ईश्विका को तैयार करती हैं, दोनों भावुक हो जाते हैं। ईश्विका मंडप में आती है, फेरे शुरू होते हैं, तभी रुद्र अपने गार्ड्स के साथ वेडिंग हॉल में घुस जाता है। वह रौनक को मारना चाहता है लेकिन ईश्विका उसे रोकती है।
अब आगे
--------
रुद्र इश्विका पर गन प्वाइंट कर के खडा हुआ था । ईश्विका रुद्र से बोली- चलाओ गोली ।
Ok I do it। रुद्र इश्विका पर गन तानते हुए ही कहा ।
Do it"
इतना कह कर ईश्विका ने अपनी आंखों को बंद कर लिया । वही रुद्र ईश्विका पर गोली चलाने के गन के ट्रिगर पर उंगली रखता है । और गोली चला देता है । गोली की आवाज सुन कर सभी की आंखे बंद डर और घबराहट से बंद हो जाती हैं वहीं निर्मला जी तो बेहोश हो ही जाती हैं । गोपाल जी निर्मला जी को संभालते । वही गोली चलने की आवाज सुन कर ईश्विका भी सहम सी जाती हैं । ईश्विका अपनी आंखों को धीरे से खोलती हैं । तो उसको नजर रुद्र की लाल गुस्से भरी नजरो से जा टकराती हैं। रुद्र ने अपनी हवा फायरिंग की थी । उसकी ईश्विका पर गोली चलाने की हिम्मत ही नहीं हुई ।
put your guns down now" रुद्र अपनी गन को नीचे करते हुए अपने गार्ड्स से बोला।
रुद्र के आर्डर को फॉलो करते हुए सभी गार्ड्स ने अपनी गन नीचे कर दी। रुद्र इश्विका को अपना गुस्सा नहीं दिखाना चाहता था। वो अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए इश्विका से बोला- ठीक है तो मैं किसी को नहीं मार रहा। हम एक. डील करते हैं ।
डील का नाम सुन कर ईश्विका रुद्र को देखने लगी । वही सभी लोगो की भी नजरे रुद्र पर ही टिकी हुई थी । रुद्र अपने गार्ड को कुछ इशारा करता है तो एक गार्ड जा कर एक बडा सा बैग ले कर आता है । वह गार्ड उस बैग को रौनक और मीना जी के सामने ला कर डाल देता है । बैग को देख कर रौनक और मीना जी और राजेंद्र जी की आंखे फटी की फटी रह जाती है । वही बाकी सब का भी यही हाल था । वह पूरा बैग पैसों से भरा हुआ था ।
रुद्र रौनक से बोला- इतना पैसा शायद तुमने अपनी लाइफ में कभी नहीं देखा होगा । इतने पेसो से तुम आराम से अपने बुढापे तक बैठ कर खा सकते हो । सोचो जरा कि तुम ईश्विका को अपनी उस छोटी सी सैलरी में क्या हो दे सकते हो । जिससे तुम्हारा खुद का गुजारा तक मुश्किल से होता है । अब फैसला तुम्हारे हाथ में है कि तुम क्या चुनते हो । Choice is yours"
इतना कह कर रुद्र ईश्विका की तरफ पलट जाता हैं और उसे टेढी स्माइल कर के देखने लगता हैं । जैसे उसे पता हो कि रौनक पेसो को ही चुनेगा । वही अब सबकी नजरें रौनक पर थी । रौनक पहले उन पेसो की तरफ देखता है फिर ईश्विका की तरफ देखता है । रौनक अपने हाथ आगे बढाता हैं । और उस बैग में से पैसे निकालने लगता हैं ।
वही रौनक को पेसो को लेता देख गोपाल जी और ईश्विका हैरान हो गए । ईश्विका को तो अपने अंदर कुछ टूटता सा महसूस होने लगा । जो भरोसा वो रौनक पर करती थी कि वो उसे कभी नहीं छोडेगा वो उसके लिए कुछ भी करेगा । ।लेकिन आज उसका वो भरोसा उसकी उम्मीद सब टूट रही थी । उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि रौनक उसके साथ कभी कुछ ऐसा करेगा । वही अपनी बात को सही होता देख रुद्र की स्माइल और गहरी हो गई ।
सभी रौनक को ही देख रहे थे । रौनक उन पैसों को हाथ में भर कर खड़ा होता है और उन सभी पैसों को हवा में उड़ा देता है । फिर रौनक रुद्र से बोला - " मिस्टर रुद्र सिंह तुम कभी नहीं समझ पाओगे कि सच्चा प्यार क्या होता है । मैं ईश्विका से प्यार करता हूं और तुम मेरे प्यार को अपने इन पैसों से नहीं खरीद सकते । समझे तुम । "
रौनक को पैसे हवा में उछालते हुए देखा मीणा जी बोली-" रौनक तुम इतनी जिद्दी क्यों हो रहे हो । "
इतना कहकर मीणा जी सारे पैसे उठाने लगते हैं । ।
मीना जी को पैसे उठाता देख रौनक उन्हें रोकते हुए बोला -" यह आप क्या कर रही है मां । "
मीना जी गुस्से से बोली -" मैं जो भी कर रही हूं ठीक कर रही हूं यह बात तुम्हें देखनी चाहिए जिस लड़की से शादी होने से पहले वह तुम्हारी जिंदगी में इतनी परेशानियां खड़ी कर रही है तो आगे चलकर वह तुम्हारी जिंदगी में क्या-क्या परेशानियां खड़ी करेगी । और इतने पैसे तो तुम जिंदगी भर भी मेहनत करोगे तब भी नहीं काम पाओगे । और एक लड़की के लिए तुम अपनी आगे की जिंदगी को ठुकरा रहे हो । "
मीना जी की बात सुनकर रूद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए रौनक से बोला -" तुम्हारी मां तुमसे ज्यादा होशियार है । "
मीना जी की हरकत को देखकर गोपाल जी बोले -" यह आप क्या कर रही हैं बहन जी । रौनक और ईश्वविका कि यहां शादी हो रही थी और आप यहां पैसे उठा रही है । आप इसके लिए पछताएंगी । "
गोपाल जी की बात सुनकर मीणा जी बोली-" आप इसके लिए हमें दोषी नहीं ठहरा सकते भाई साहब । आप खुद ही देख सकते हैं कि मिस्टर रूद्र सिंह के खिलाफ कौन ही जा सकता है । कोई बेवकूफ ही होगा जो इनके आगे आएगा । "
मीना जी की बात सुनकर गोपाल जी गुस्से में बोले -" ठीक है तो आपके लिए हम ही परेशानी कर रहे हैं ना । तो हम यहां से आपसे रिश्ता तोड़ कर जा रहे हैं । "
इतना कहकर गोपाल जी ईश्वविका का हाथ पकड़ते हैं और वेडिंग हॉल से ले जाने लगते हैं । रौनक ईश्वविका को रोकने के लिए आगे बढ़ता है तो मीना जी और राजेंद्र जी उसे वापस रोकते हुए बोले -" पागल मत बनो रौनक उसे लड़की के पीछे । "
वही गोपाल जी के पीछे रूद्र भी मैरिज हॉल के बाहर चला गया । गोपाल जी मैरिज हॉल के बाहर ईश्वविका को कार में बैठाने वाले थे की तभी रुद्र ईश्वविका का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खींच लेता है । गोपाल जी ईश्वविका को छुड़ाने के लिए आगे बढ़ते हैं तो रुद्र के गार्ड्स उन्हें वही रोक देते हैं । ।
रुद्र ईश्वविका की गर्दन को स्मेल करते हुए बोला -" मिस ईश्वविका सक्सेना मेरे अलावा कोई भी तुमसे शादी नहीं करेगा । और जब तक मैं जिंदा हूं तब तक तुम सिर्फ मेरी हो । "
इतना कहकर रूद्र कार का दरवाजा खोलता है और ईश्वविका को कार के अंदर बैठा देता है । और फिर कार का दरवाजा बंद कर देता है । फिर रुद्र गोपाल जी के पास जाकर उनके कॉलर को ठीक करते हुए धमकी भरे लहजे में बोला -" ससुर जी मेरी जान का जरा ख्याल रखिएगा और ईश्वविका की शादी किसी और के साथ करने का ख्याल भी अपने दिमाग से निकाल दीजिए । क्योंकि ईश्वविका सिर्फ मेरी है । और वो सिर्फ ईश्वविका रूद्र सिंह बनेगी । "
इतना कहकर रूद्र अपनी कार में बैठकर वहां से चला जाता है । गोपाल जी भी कार में बैठकर अपने घर चले जाते हैं । ।
अगली सुबह ।
ईश्विका का घर ।
" अब हम क्या करेगे इशू के पापा । कुछ तो बताईए । " निर्मला जी परेशान होते हुए गोपाल जी से बोली ।
निर्मला जी पर ईश्वविका से घबराते हुए बोली -" ईशू ईशु तुम यहां से कहीं चले जाओ । जब तक यहां सब कुछ ठीक नहीं हो जाता तब तक तुम यहां वापस मत आना । जब ठीक हो जाए तब तुम वापस आ जाना । "
" आप यह क्या कह रही है मम्मा । " निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका ने कहा ।
निर्मला जी ने कहा -" हां इशू बेटा में सही कह रही हूं । और हम भी कुछ समय तक किसी और जगह रह लेंगे । "
इतना कहकर निर्मल जी गोपाल जी से बोली -" आप कुछ कहिए न ईशु के पापा । "
निर्मला जी को इतना परेशान देख कर गोपाल जी उनको शांत कराते हुए बोले -" शांत हो जाइए निर्मला जी और हमे कहीं जाने की जरूरत नहीं है । "
तभी वहां पर बहुत सारी गाड़ियों के रुकने की आवाज आई । गाड़ियों की आवाज सुनकर सभी लोगों के चेहरे पर घबराहट आ जाती है ।
ईश्वविका के घर के बाहर कई सारी काले रंग की गाड़ियां एक साथ रूकती है । उन गाड़ियों में से गॉड्स अपने हाथों में ब्रीफकेस लिए कार से बाहर निकलते हैं । और एक गार्ड बीच वाली रोल्स-रॉयस का दरवाजा खोलते हैं । उस रोल्स-रॉयस में से रूद्र सिंह आंखों पर ब्लैक गॉगल्स लगाए एटीट्यूड से कार से बाहर निकलता है । सभी कार्ड एक-एक करके ईश्विका के घर में इंटर करते हैं । और सारे ब्रीफकेस को खोल देते हैं । गार्ड्स को देखकर गोपाल जी निर्मला जी ईश्विका का पहले ही हैरान थे । लेकिन ब्रीफकेस को देखकर उनकी आंखें खुली की खुली रह गई । सभी ब्रीफकेस लिमिटेड एडिशन ज्वेलरी से और बहुत सारे पैसों से भरे हुए थे । तभी वहां पर रूद्र सिंह आता है ।
गोपाल जी रूद्र को देखते हुए बोले -" मिस्टर रूद्र सिंह यह सब क्या है । "
" ससुर जी यह सब मेरी तरफ से शादी का गिफ्ट है मेरी होने वाली बीवी के लिए । " गोपाल जी की बात सुनकर रूद्र बोला ।
गोपाल जी गुस्से से बोले -" अपनी गंदी जुबान से मेरी बेटी का नाम लेना बंद करो । मैं उसकी शादी तुम जैसे गैंगस्टर से कभी नहीं करूंगा । " फिर गोपाल जी उन पैसों को उठाकर फेंकते हुए बोले-" यह अपने पैसे लो और निकल जाओ मेरे घर से । "
गोपाल जी को पैसों को फैकता देख रुद्रा अपने गॉगल्स को स्टाइल से उतरता है । और गोपाल जी की तरफ बढ़ते हुए अपनी कोल्ड आवाज में बोला -" ससुर जी आपके लिए बेहतर होगा कि आप सिर्फ हमें आशीर्वाद दे । वरना मैं आपको । "
इतना कहकर रूद्र चुप हो जाता है । फिर वह निर्मला जी के डरे हुए चेहरे को देखते हुए तेरी स्माइल करते हुए आगे बोला -" डरिए मत सासू मां हम एक परिवार बनने वाले हैं । "
फिर रूद्र गोपाल जी से बोला-" तीन दिन बाद मैं अपनी होने वाली बीवी को लेने आऊंगा । "
" क्या मतलब । " रुद्र की बात सुनकर गोपाल जी घबराते हुए बोले ।
गोपाल जी को घबराता देख रूद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला -" ससुर जी इतना घबराने वाली बात नहीं है तीन दिन बाद आप ऑफिशियल मेरे ससुर जी बन जाएंगे । शादी में आना ना भूले और हमें आशीर्वाद दीजिएगा । "
रुद्र की बात सुनकर सभी लोगों के चेहरे पर डर और परेशानी के भाव आ गए ।
" अच्छा तो ससुर जी अब मैं चलता हूं । " इतना कहकर रूद्र वहां से चला गया ।
अभी बाकी सब बस रूद्र को जाते हुए देखते रह जाते हैं ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
" अच्छा तो ससुर जी अब मैं चलता हूं । " इतना कहकर रूद्र वहां से चला गया ।
अभी बाकी सब बस रूद्र को जाते हुए देखते रह जाते हैं ।
रात का समय । । ।
सूरज ढल चुका था और आसमान में तारे अपनी जगमग रोशनी को फैला रहे थे । वही एक ऊंची सी इमारत जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में सिंह कॉरपोरेशन लिखा हुआ था । इस इमारत के सीईओ केबिन में रूद्र अपनी चेयर पर बैठा दीवार पर लगी ईश्विका की तस्वीरों को एक जुनून के साथ देख रहा था । तभी रुद्र का असिस्टेंट भागते हुए आया और बोला -" सर सर आपने जो शादी के गिफ्ट मैडम को दिए थे उन्होंने वह सभी डोनेट कर दिए हैं । और मिस्टर सक्सेना ने अपना ट्रांसफर यहां से कहीं और कर लिया है । "
असिस्टेंट की बात सुनकर रूद्र कुछ सोचता है । तभी उसके मन में ईश्वविका का ख्याल आता है । रुद्र जल्दी से अपने असिस्टेंट को ऑर्डर देता है ।
" कार निकालो जल्दी । "
रुद्र के आर्डर को फॉलो करते हुए असिस्टेंट जल्दी से कार निकालता हैं । रुद्र लिफ्ट से नीचे आता है और अपनी कार में बैठ कर ईश्विका के घर की तरफ निकल जाता हैं ।
ईश्विका का घर । । । ।
रुद्र इश्विका के घर के बाहर अपनी कार से टेक लगा कर अपनी पेंट की पॉकेट में हाथ डाले खड़ा था । रुद्र के चेहरे के भाव इस वक्त शून्य थे । उसका चेहरा देख कर कोई भी उसके अंदर चल रहे तूफान का पता नहीं लगा सकता था । रुद्र के पास से इस वक्त एक खतरनाक औरा बाहर निकल रहा था । जो किसी की भी रूह कंपाने के लिए काफी था । रुद्र के गार्ड्स ईश्विका के घर से बाहर आते हैं और रुद्र के सामने अपना सिर छुका कर खड़े हो जाते है । रुद्र गार्ड्स की तरफ अपनी खतरनाक नजरो से देखता है । रुद्र की खतरनाक नजरो को देख कर गार्ड्स का हेड घबराते हुए बोला - " वो सर मैडम यहां से जा चुकी है । "
तभी वहां और गार्ड्स भी आते है । वह रुद्र से बोले - " सर मैडम ने हॉस्पिटल में भी नहीं है । उन्होंने वहां से रिजाइन कर दिया है । और यहां के लोगों से भी पूछा । उनका कहना है कि वो जल्दबाजी में यहां से पैकिंग कर के कहीं चले गए हैं । "
गार्ड्स की बात सुन कर रुद्र के चेहरे के भाव एकदम कठोर हो जाते है । रुद्र अपनी गर्दन पर हाथ फेरते हुए गर्दन को दाए बाएं घुमाता हुआ अपने गुस्से को कंट्रोल करने की कोशिश करता है । फिर रुद्र अपनी कोल्ड आवाज में सभी गार्ड्स को ऑर्डर देते हुए बोला - " पूरे शहर का कोना कोना छान मारो । वो जहां भी हो उन्हें ढूंढ निकलो । "
" Yes sir " इतना कह कर सभी गार्ड्स वहां से सक्सेना परिवार को ढूंढने निकल जाते है ।
सुबह का समय । । । ।
रुद्र अपने केबिन में सिगार के कश ले रहा था । केबिन में पूरा धुआं धुआं हो रहा था । और साइड में ऐस्ट्रे मे बहुत सारी सिगार पड़ी हुई थी । जाहिर था कि रुद्र एक ही रात में वो सारी खत्म कर दी थी । उसकी आंखे इस वक्त हद से ज्यादा लाल थी । उसकी आंखों को देख कर यह साफ़ पता चल रहा था कि वह रात भर सोया नहीं है । रुद्र किसी शैतान से कम नहीं लग रहा था । रुद्र के पास से निकलने वाला खतरनाक औरा पूरे केबिन के माहौल को काफी इंटेंस बना रहा था । तभी रुद्र के केबिन का दरवाज़ा खुलता है और रुद्र का अस्सिटेंट केबिन के अंदर आता है । धुएं की वजह से उसका सास लेना मुश्किल हो रहा था लेकिन उसकी ड्यूटी थी जो उसे करनी थी । अस्सिटेंट रुद्र से जल्दी से बोला - " सर मिस्टर सक्सेना का पता चल गया । "
असिस्टेंट की बात सुन कर रुद्र अपनी कोल्ड आंखो से असिस्टेंट की तरफ देखता है । ।
पुलिस स्टेशन के बाहर ।
एक रोल्स-रॉयस पुलिस स्टेशन के बाहर आकर रूकती है । असिस्टेंट कर का दरवाजा खोलना है और उसमें से रूद्र अपनी आंखों पर गॉगल्स लगाए बाहर निकलता है । रुद्र पुलिस स्टेशन के अंदर जाता है । रूद्र को देखकर गोपाल जी रुद्र के पास आते हैं और बोले-" तुम यहां क्या कर रहे हो । "
" बहुत दिन से कहीं घूमने नहीं गया था तो सोचा कि कहीं घूम आऊ । " रुद्र एक मिस्टीरियस स्माइल करते हुए बोला ।
रुद्र की बात सुनकर गोपाल जी बोले -" मिस्टर रूद्र सिंह यह पुलिस स्टेशन है तुम्हारा कोई घर नहीं जहां तुम ऐसे ही घूमने चले आए । "
गोपाल जी की बात सुनकर रुद्र गोपाल जी को घूरता है । तभी वहां पर पुलिस स्टेशन का SHO आता है । और वह रूद्र सिंह से हाथ मिलाते हुए रुद्र का वेलकम करते हुए बोले -" मिस्टर सिंह आइए । आप ने हमें में पहले क्यों नहीं बताया कि आप आने वाले थे हम कुछ तैयारी कर लेते आपके आने के लिए । "
" मुझे लगा कि शायद यहां मेरा स्वागत नहीं होगा । " रुद्र गोपाल जी की तरफ देखते हुए SHO से बोला ।
रुद्र की बात सुन कर SHO बोला -" ये कैसे हो सकता है । इस पुलिस स्टेशन को आप अपना घर ही समझिए । जैसे चाहे वैसे आइए जब मन हो तब आइए । "
SHO की बात सुन कर गोपाल जी बोले - " ये आप क्या कह रहे है सर । यह पुलिस स्टेशन है और ये मिस्टर रुद्र सिंह है जो कि एक गैंगस्टर है । और आप ऐसे लोगो को रेस्पेक्ट दे रहे है । "
गोपाल जी की बात सुनकर SHO गोपाल जी पर चिल्लाते हुए बोला -" मुझे मत बताओ कि ये कौन है । और तुम यहां खड़ी किसका इंतजार कर रहे हो । जाओ मिस्टर रूद्र सिंह के लिए चाय कॉफी लेकर आओ जल्दी । "
SHO की बात सुनकर गोपाल जी अपना मन मार कर रह जाते हैं । वही गोपाल जी के चेहरे को देखकर रुद्र के चेहरे पर एक टेढ़ी स्माइल आ जाती है । SHO रूद्र को अपने केबिन में ले जाते हुए बोला -" चलिए मिस्टर सिंह । "
रुद्र SHO के साथ उनके केबिन में जाता है । वही गोपाल जी पृथ्वी के लिए चाय कॉफी का इंतजाम करने चले जाते हैं ।
SHO केबिन के अंदर ।
SHO रूद्र को अपनी सीट पर बैठाता है । और खुद रुद्र के सामने वाली सीट पर बैठते हुए बोला -" मिस्टर सिंह आप यहां किस लिए आए हैं । "
" I want you to catch someone " रुद्र बोला ।
रुद्र की बात सुनकर SHO कंफ्यूज होते हुए बोला -" ऐसा कौन सा इंसान है जिसे आप नहीं पकड़ सकते । "
" तुम्हारा ईमानदार पुलिस ऑफिसर । " इतना कहकर रूद्र गोपाल जी की तरफ देखा है जो कॉफी लेकर उधर ही आ रहे थे ।
SHO रुद्र की नजरों की तरफ देखा है तो उसकी नजर भी गोपाल जी पर जाती है । SHO गोपाल जी की तरफ देखते हुए एक स्माइल करते हुए रुद्र से बोला - " इस आदमी को पकड़ने के लिए आपको यहां आने की क्या जरूरत थी । बस आप एक फोन ही कर देते । आपका काम हो जाता । "
SHO की बात सुन कर रुद्र टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला - " ठीक है तो फिर मैं चलता हूं । "
इतना कह कर रुद्र अपनी जगह से खड़ा होता है । और केबिन के बाहर चला जाता हैं । केबिन के बाहर ही उसके सामने गौपाल जी आ जाते है वो रुद्र को कॉफी देते है तो रुद्र गोपाल जी से बोला - " अब तो कॉफी मैं तब ही पीऊंगा जब आपकी बेटी मेरे पास आएगी । "
इतना कह कर रुद्र पुलिस स्टेशन से बाहर निकल जाता हैं । वही रुद्र की बात सुन कर गोपाल जी टेंशन में आ जाते है ।
वही दूसरी तरफ । । ।
एक छोटे से घर में ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
वही दूसरी तरफ । । ।
एक छोटे से घर में ।
निर्मला जी भागते हुए आई और ईश्विका से रोते हुए बोली - " इशू इशू बेटा पुलिस ने तुम्हारे पापा को अरेस्ट कर लिया । "
निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका हैरान होते हुए बोली - " क्या मगर क्यों । "
" तुम्हारे पापा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है । इशू । अब हम क्या करे । " निर्मला जी रोते हुए बोली ।
ईश्विका निर्मला जी को शांत कराते हुए बोली -" नहीं मम्मी आप चिंता मत कीजिए सब ठीक हो जाएगा । "
" कैसे शांत हो जाऊं इशू । तुम्हारे पापा जेल में हैं । पता नहीं किसने ऐसा घटिया इल्ज़ाम उन पर लगाया है । वो तो कभी गलत का साथ भी नहीं देते रिश्वत लेना तो दूर की बात है । पता नहीं किसकी नजर लगी है हमारे हंसते खेलते परिवार को । " निर्मला जी रोते हुए बोली ।
ईश्विका निर्मला जी को शांत कराते हुए बोली -" मम्मी आप शांत हो जाइए । आपकी तबियत खराब हो जाएगी । " फिर ईश्विका गुस्से से बोली -" और हमे अच्छे से पता है कि ये इतनी घटिया हरकत किसने की है । "
वही दूसरी तरफ । ।
सिंह कॉर्पोरेशन के सीईओ केबिन में । ।
रुद्र अपनी चेयर पर बैठा दीवार पर लगी ईश्विका की तस्वीरों को देखते हुए टेढ़ी स्माइल करते हुए जुनून के साथ बोला -" मैने तुमसे कहा था न जान कि अगर तुमने मुझसे दूर जाने की कोशिश भी की तो मैं इस दुनिया को आग लगा दूंगा । लेकिन तुमने वही किया । तो अब तैयार हो जाओ जान मेरी बाहों मे आने के लिए । "
इतना कह कर रुद्र किसी साइको की तरह हंसने लगता हैं ।
वही दूसरी तरफ । ।
पुलिस स्टेशन के बाहर । ।
ईश्विका को पुलिस स्टेशन से बाहर निकाल दिया जाता हैं । उसे गोपाल जी से मिलने भी नहीं दिया जाता है । ईश्विका पुलिस वाले से चिल्लाते हुए बोली - " आप ऐसा कर सकते है । हमे उनसे मिलने से क्यों रोक रहे हैं । "
" मैडम हमे ऊपर से ऑर्डर मिले हुए हैं कि किसी को भी गोपाल जी से न मिलने दिया जाए । " पुलिस वाले ने ईश्विका से कहा ।
" प्लीज मुझे एक बार अपने पापा से मिलने दीजिए । " ईश्विका रोते हुए बोली ।
" सॉरी मैडम लेकिन किसी को भी मिलने की परमिशन नहीं है । इसलिए आप यहां से जाइए । " इतना कह कर वो पुलिस वाला पुलिस स्टेशन के अंदर चला गया ।
ईश्विका पुलिस स्टेशन के बाहर सुबह से खड़ी थी लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा था । वही एक आदमी ईश्विका पर जब से वह पुलिस स्टेशन आई थी तब से नजर रखे हुए था । वह ईश्विका को ऐसे वहां धूप में खड़े देख किसी को फोन लगाता है । दूसरी तरफ से फोन पिक होते ही वह आदमी बोला - " सर मैडम सुबह से ऐसे ही बिना कुछ खाए पीए पुलिस स्टेशन के बाहर खड़ी है । क्या हमे उन्हें आपके पास ले कर आए । "
" नहीं वो खुद आएगी मेरे पास । " इतना कह कर रुद्र ने फोन कट कर दिया ।
रुद्र के केबिन में । । ।
फोन रखते ही रुद्र अपनी टेबल पर जोर से हाथ मारते हुए बोला - " क्यों जान क्यों खुद को इस तरह तकलीफ दे रही हो । जिद छोड़ दो न अपनी । "
ऐसे ही पूरा दिन बीत गया सूरज ढल चुका था और आसमान ने काली चादर ओढ़ ली थी । ईश्विका की हिम्मत अब जबाव दे चुकी थी । न उसकी वहां कोई सुन रहा था और न ही कोई सुनने वाला था । ईश्विका बहुत निराश हो चुकी थी । ईश्विका अपनी आंखों में आए आशुओं को पौछती है । और एक टैक्सी को रोक कर उसे सिंह कॉर्पोरेशन चलने को कह कर टैक्सी 🚕 में बैठ जाती हैं । 🚖 टैक्सी वाला ईश्विका को सिंह कॉर्पोरेशन ले जाता हैं ।
टैक्सी सिंह कॉर्पोरेशन के सामने रूकती है और ईश्विका टैक्सी से बाहर निकलती हैं । और कंपनी के अंदर चली जाती हैं । ईश्विका लिफ्ट में जाती हैं और टॉप फ्लोर का बटन दबाती हैं । वहां खड़े सभी लोग ईश्विका को ही देख रहे थे लेकिन किसी में भी ईश्विका से कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं थी । क्योंकि सभी को पता वहां था कि ये उनकी होने वाली लेडी बॉस है । वही लिफ्ट रूकती है और ईश्विका लिफ्ट से बाहर निकल कर सीधा रुद्र के केबिन के अंदर चली जाती हैं ।
रुद्र अपनी चेयर पर बैठा एक 🗄️ फाइल देख रहा था वो ईश्विका की तरफ बिना देखे ही अंजान बनते हुए बोला - " तुम यहां । " फिर रुद्र इश्विका को बैठने के लिए बोला - " आओ बैठो । "
ईश्विका रुद्र की बातो को अच्छे से समझ रही थी । लेकिन इस वक्त वो कुछ भी कहने की हालत में नहीं थी । इसीलिए वो रुद्र की बातो पर ध्यान न देते हुए सीधे बोली - " रुद्र please मेरे पापा को छोड़ दो । "
ईश्विका के मुंह से अपना नाम सुन कर रुद्र ईश्विका की तरफ देखते टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला - " Rudra I like it. " फिर रुद्र थोड़ा रुक कर बोला - " Repeat it. "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र की तरफ देखती हैं । लेकिन कहती कुछ नहीं । ईश्विका को कुछ न बोलता देख रुद्र अपने हाथ में पकड़ी 🗄️ फाइल को टेबल पर फेंकता है और अपनी चेयर से खड़ा होता है और ईश्विका की तरफ बढ़ता है । रुद्र इश्विका के बेहद करीब आ कर उसकी गर्दन को स्मेल करते हुए टेबल पर बैठते हुए अपनी हस्की वॉइस में बोला - " मेरा नाम लो और तुम्हारे पापा आजाद हो जाएंगे । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र की तरफ सवालिया नजरो से देखती है । तो रुद्र दोबारा से बोला -" मुझे अपनी बात दोहराना बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन तुम्हारे लिए जान मैं फिर से कहता हूं । मेरा नाम लो और तुम्हारे पापा आजाद हो जाएंगे । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका डरते हुए रुद्र का नाम लेती है । ।
" रुद्र । "
ईश्विका के नाम लेते ही रुद्र इश्विका को उसकी कमर से पकड़ कर अपने करीब खींच लेता है और ईश्विका की गर्दन पर किस करते हुए अपनी धीमी और सीडेक्टिव आवाज में बोला -" say again"
ईश्विका फिर से डरते हुए रुद्र का नाम लेती हैं । रुद्र इश्विका के मुंह से अपना नाम बार बार सुनना चाहता था । रुद्र इश्विका को उठा कर टेबल पर बैठा देता है और उसकी टांगों को अपनी तरफ खींच कर उसे अपने करीब कर लेता है । फिर वह ईश्विका के पैरो को अपनी कमर पर लपेट कर ईश्विका की गर्दन को पकड़ कर उसके होठों पर अपने होठ रख कर ईश्विका को पूरे जुनून के साथ किस करने लगता हैं । ईश्विका को कुछ समझ नहीं आ रहा था । उसे अपनी हालत देख कर रोना आ रहा था । लेकिन वो कुछ कर नहीं सकती थी क्योंकि पूरे शहर में सिर्फ रुद्र सिंह का ही सिक्का चलता था । ईश्विका की आंखो से आशु बह रहे थे । वही रुद्र ईश्विका को और भी डीप और पैशन के साथ चूम रहा था ।
ईश्विका की आंखो से आशु बहने लगे थे । किस करने की वजह से उसे सांस लेने भी प्रोबलेम हो रही थी । रुद्र ने देखा कि ईश्विका को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो तब उसने ईश्विका के होठों को छोड़ा । रुद्र के छोड़ते ही ईश्विका लम्बी लंबी सांस लेने लगती हैं । ईश्विका को ऐसे सांस लेते देख रुद्र ईश्विका के करीब जाते हुए बोला - " don't worry baby तुम्हे जल्द ही इसकी आदत हो जाएगी । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र की तरफ अपनी आंखे बड़ी बड़ी कर हैरानी से देखती है । रुद्र ईश्विका की बड़ी आंखों को देखते हुए सीडेक्टिव वे में बोला - " what happened baby. Shall we do it again?"
" Please मेरे पापा को छोड़ दो । " ईश्विका ने रुद्र से गिड़गिड़ाते हुए कहा ।
ईश्विका को गिड़गिड़ाते हुए देख रुद्र ईश्विका की गर्दन में अपना चेहरा छिपाते हुए बोला -" ठीक है अगर तुम चाहती हों तो मैं तुम्हारे पापा को छोड़ दूंगा । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका खुश हो गई । तभी रुद्र ईश्विका से आगे बोला - " marry me".
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका जो अभी खुश हुई थी कि रुद्र की आगे की बात सुन कर वो अपनी बेबस आंखों से रुद्र देखने लगती हैं ।
तभी रुद्र अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला - " तुम्हारे पापा की किस्मत अब तुम्हारे हाथों में है । या तो उन्हें जिंदगी भर यू ही जेल में अपनी जिंदगी बिताने दो या फिर मुझसे शादी कर के उन्हें जेल के बाहर इज्जत की जिंदगी बिताते हुए देखो । तुम होशियार हो । तुम्हे पता है कि अब तुम्हे क्या करना है । "
रुद्र की बात सुन ईश्विका सोच में पड जाती हैं । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे अगर वो शादी के लिए न करती हैं तो गोपाल जी जेल से छूट नहीं पाएंगे और अगर वो हां करती हैं तो गोपाल जी उसे कभी माफ नहीं करेंगे । ईश्विका इसी कशमकश में फंसी हुई थी कि वो क्या करे ।
कि तभी रुद्र बोला -" इतना भी क्या सोचना इशू बेबी । क्या तुम्हे अपने पापा से प्यार नहीं । क्या तुम चाहती हों कि तुम्हारे प्यारे पापा जिंदगी भर जेल में रहे । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका बेबस होते हुए बोली -" ठीक है मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं । "
ईश्विका की हां सुन कर रुद्र एक जीत वाली मुस्कान लिए बोला -" ये किया न बेबी तुमने सही फैसला । "
रुद्र अभी इतना बोल ही पाया था कि ईश्विका उसके बीच मे ही बोली -" लेकिन मेरी एक शर्त है । "
ईश्विका के मुंह से शर्त वाली बात सुन कर रुद्र ईश्विका की तरफ देखता है । फिर वो एक टेढ़ी स्माइल करते हुए बोला- " मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है । बस तुम मेरी बन जाओ । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को अजीब नजरो से देखने लगती हैं । फिर ईश्विका आगे बोली -" नहीं मेरी बस एक ही शर्त है । "
" ठीक है बताओ क्या शर्त है । " रुद्र ने कहा । । । ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को अजीब नजरो से देखने लगती हैं । फिर ईश्विका आगे बोली -" नहीं मेरी बस एक ही शर्त है । "
" ठीक है बताओ क्या शर्त है । " रुद्र ने कहा । । । ।
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका ने कहा -" तुम अब से मेरी फैमिली को टारगेट नहीं करोगे । और नहीं उन्हे परेशान करोगे । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र एक डेविल हंसी हंसते हुए बोला -" अगर वो सीधे हमारी शादी को मान जाते तो परेशानी की तो कोई बात ही नहीं होती जान । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को गुस्से से घूरती है । ईश्विका के गुस्से भरे चेहरे को देख कर रुद्र उसके चेहरे पर आए बालों को कान के पीछे करते हुए बड़े ही सीडेक्टिव वे में बोला - " जान अब तुम्हे जाना चाहिए otherwise I loose my control."
रुद्र बात सुन कर ईश्विका जल्दी से रुद्र से अलग होती हैं और वहां से चली जाती है । ईश्विका के जाते ही रुद्र टेबल पर लगा एक बटन दबाता है तो रुद्र असिस्टेंट केबिन के अंदर आते हुए बोला -" yes boss आपने बुलाया । "
रुद्र अपने असिस्टेंट को ऑर्डर देते बोला -" call the police station".
असिस्टेंट पुलिस स्टेशन में कॉल लगाता है कॉल पिक होते ही फोन के दूसरी तरफ से SHO बोला - " जी मिस्टर सिंह । "
रुद्र का असिस्टेंट बोला - " मिस्टर गोपाल सक्सेना को फोन दीजिए । "
" जी सर अभी रुकिए" । इतना कह कर SHO गोपाल जी को फोन देता है जो इस वक्त जेल में थे । गोपाल जी पहले तो SHO को देखते हैं फिर फोन को तो SHO उन्हें फोन लेने का इशारा करता है । तो गोपाल जी SHO के हाथ से फोन ले हेलो कहते है ।
तो फोन के दूसरी तरफ से रुद्र की आवाज आई ।
" बधाई हो ससुर जी हम रिश्तेदार बनने वाले हैं । "
इतना कह कर रुद्र फोन कट कर देता है । वही रुद्र की बात सुन कर गोपाल जी शॉक्ड हो गए ।
वही दूसरी तरफ ।
ईश्विका अपने घर जा रही होती हैं कि तभी रास्ते में उसे रौनक मिल जाता हैं । रौनक ईश्विका के परेशानी भरे चेहरे को देखते हुए इश्विका के हाथ पकड़ते हुए बोला -" इशू अंकल के साथ जो हुआ मुझे पता चला । ये सब उस रुद्र ने किया है । "
रौनक की बात सुन कर ईश्विका थोड़ी देर तो रौनक को देखती हैं फिर उसके हाथ से अपने हाथ को छुड़ाते हुए बोली -" अब इन बातों का कोई फायदा नहीं रौनक । "
इतना कह कर ईश्विका वहां से जाने लगी । तो रौनक फिर से इश्विका का हाथ पकड़ते हुए बोला -" इशू तुम मुझसे ऐसे अजनबी जैसे बिहेव क्यों कर रही हो । कहीं तुम अंकल के लिए उस रुद्र के पास तो नहीं गई । "
रौनक की बात सुन कर ईश्विका को रुद्र के ऑफिस की सारी बात याद आने लगी । फिर ईश्विका रौनक से अपना हाथ छुड़ा कर उससे दूर हटते हुए बोली -" इससे अब तुम्हारा कोई मतलब नहीं होना चाहिए रौनक । हमारे बीच जो भी था वो सब उस दिन ही खत्म हो गया था जब तुम्हारी मम्मी ने तुम्हे रोक लिया था । अब हमारा कोई रिश्ता नहीं है । "
इतना कह कर ईश्विका वहां से चली गई । रौनक ईश्विका को जाते देखता रहा ।
ईश्विका का घर ।
निर्मला जी सोफे पर परेशान बैठी हुई थी और ईश्विका उन्हें शांत करा रही थी कि तभी दरवाज़े से गोपाल जी घर के अंदर आते हैं । गोपाल जी बहुत हताश और निराश से अंदर आ रहे थे उनके चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा रही थी ।
गोपाल जी को देख कर निर्मला जी और ईश्विका सोफे से खड़े हो गोपाल जी की तरफ बढ़ते हैं । कि तभी गोपाल जी गुस्से से ईश्विका को हाथ दिखा कर वही रुकने को कहते है ।
" वही रुक जाओ । तुम मेरी बेटी नहीं हो । "
गोपाल जी की बात सुन कर ईश्विका हैरानी से अपनी ही जगह जम गई । गोपाल जी की बात सुन कर ईश्विका के दिल को धक्का सा लगा । । । ।
वही दूसरी तरफ ।
रुद्र अपने ऑफिस से बाहर निकल कर अपनी कार की तरफ बढ़ता है । रुद्र के चेहरे पर इस वक्त एक जंग जीतने वाली मुस्कान थी । तभी वहां रौनक आता है । और वो रुद्र को मारने के लिए गुस्से से आगे बढ़ता है लेकिन वह रुद्र को छू भी पाता कि उससे पहले ही रुद्र के गार्ड्स उसे पकड़ कर घुटनों के बल जमीन पर बैठा देते हैं । रुद्र रौनक को देखता है जो गुस्से से उबल रहा था ।
रुद्र रौनक को देखते हुए बोला -" how dare you try to hit me" .
इतना कह कर रुद्र रौनक के मुंह पर एक मुक्का मारता है । मुक्का पड़ते ही रौनक साइड में झुक जाता हैं और उसके होठों के कोने से खून निकलने लगा ।
रौनक गुस्से से रुद्र से बोला - " तुम कमीनें इंसान । तुमने मिस्टर सक्सैना को झूठे केस में फसाया ताकि तुम ईश्विका से शादी कर सको । क्योंकि वैसे तो ईश्विका तुमसे शादी तो क्या तुम्हे देखना भी पसंद नहीं करती । इसीलिए तुमने उस बेचारी को धमकाया । तुम ऐसा कैसे कर सकते हो । "
" धमकी । " इतना कह कर रुद्र एक डेविल 😈 स्माइल करता है । फिर रुद्र रौनक को देखते हुए तिरछी स्माइल करते हुए बोला - " ये तुम जैसे गरीब और लाचार लोगो को धमकाना लगता हैं । लेकिन मेरे लिए ये मेरा तरीका है । "
" ये ऐसे गलत तरीके तुम जैसा गैंगस्टर ही अपना सकता है । " रौनक गुस्से से दांत भींचते हुए बोला ।
रौनक की बात सुन कर रुद्र डेविल हंसी हंसते हुए बोला -" if it gets me what I want it is a good way for me."
रौनक दांत भींचते हुए बोला -" तुमने हम सबकी जिंदगी बर्बाद कर दी है मुझे एक मौका मिले मैं तुझे छोडूंगा नहीं कमीनें । "
रौनक की बात सुन कर रुद्र ने कहा -" मैने तुम्हे मौका दिया है तुम पैसे ले कर क्यों नहीं चले जाते । "
" मुझे तुम्हारे पेसो की कोई जरूरत नहीं । " रुद्र की बात पर रौनक ने कहा ।
रुद्र अपनी ठंडी आवाज में बोला -" oh really फिर तुम मिस्टर सक्सैना की मदद कैसे करते । कैसे उनके लिए एक करोड़ रुपए वकील को दे पाते । "
रुद्र की बात सुन कर रौनक चुप हो जाता हैं । रौनक को चुप देख कर रुद्र रौनक की तरफ झुकते हुए रौनक के गालों को थपथपाते हुए अपनी कोल्ड वॉयस में बोला - " तुम्हारे लिए यही बेहतर होगा कि तुम ईश्विका का ख्याल भी अब दिमाग से निकाल दो । वरना । "
इतना कह कर रुद्र अपनी बात को अधूरा छोड़ देता है । वही रुद्र का गार्ड रुद्र से बोला - " सर क्या इसे ठिकाने लगा दे । "
गार्ड की बात सुन कर रुद्र ने कहा - " नहीं रहने दो इसके लिए अपनी एनर्जी वेस्ट करने की जरूरत नहीं है । इसे बस एक डेमो दे दो । "
इतना कह कर रुद्र आंखों पर अपने गॉगल्स लगाता है और वहां से चला जाता है । और उसके गार्ड्स रौनक को उठा कर कहीं ले जाते है ।
वही ईश्विका का घर ।
गोपाल जी की बात सुन कर निर्मला जी गोपाल जी से बोली - " ये आप क्या कह रहे है इशू के पापा । "
" मैं बिल्कुल ठीक कह रहा हूं निर्मला जी । पूछिए अपनी बेटी से कि ये क्या कर k आई है । ये उस गैंगस्टर से शादी करने के लिए बोल कर आई है । इसे हमारी इज्जत और हमसे कोई फर्क नहीं पड़ता । इसने ये भी नहीं सोचा कि समाज में हमारी क्या इज्जत रह जाएगी । " गोपाल जी गुस्से से बोले ।
गोपाल जी को इतना गुस्सा करता देख निर्मला जी ने कहा - " उसने जो भी किया आपके लिए किया । "
" आप अच्छे से जानती है निर्मला जी की हमे फसाया गया था । हम इस परेशानी से निकलने का कोई रास्ता ढूंढ लेते । " निर्मला जी की बात सुन कर गोपाल जी बोले ।
" हम कुछ नहीं कर पाते पापा । " ईश्विका ने रोते हुए कहा ।
ईश्विका की बात सुन कर गोपाल जी और निर्मला जी ईश्विका की तरफ देखते हैं तो ईश्विका रोते हुए आगे बोली - " हम कुछ भी नहीं कर पाते पापा । वो रुद्र सिंह यहां मुंबई का 👑 किंग है वो । यहां सिर्फ उसकी चलती है । कोई उसके खिलाफ खड़ा होना तो दूर बोलने भी डरता है । उस का नाम सुन कर ही लोग डर जाते हैं । ऐसे में कौन ही हमारा साथ देता । तो आप ही बताइए पापा हम क्या करते । "
ईश्विका की बात सुन कर गोपाल जी चुप हो जाते हैं । निर्मला जी ईश्विका को शांत कराने लगती हैं ।
ईश्विका आगे बोली - " हम अच्छे से जानते है पापा कि आपको फसाया गया था और ये किसने किया था हम ये भी जानते हैं पापा लेकिन हमारी मदद करने के लिए कोई भी आगे नहीं आया सब लोगों ने रुद्र सिंह का नाम सुन कर ही अपने कदम पीछे ले लिए । बताईए पापा फिर हम क्या करते । "
ईश्विका की बात सुन कर गोपाल जी ने कुछ नही कहा वह खामोश ही रहे । उन्हें भी ये एहसास था कि रुद्र सिंह the king 👑 of Mumbai जहां सिर्फ उसका ही दबदबा है वहां कौन ही उनकी मदद करने के लिए आगे आता । । ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
ईश्विका की बात सुन कर गोपाल जी ने कुछ नही कहा वह खामोश ही रहे । उन्हें भी ये एहसास था कि रुद्र सिंह the king 👑 of Mumbai जहां सिर्फ उसका ही दबदबा है वहां कौन ही उनकी मदद करने के लिए आगे आता । । ।
गोपाल जी वहां से चले जाते है वहीं निर्मला जी ईश्विका को अपने गले से लगा कर शांत कराने लगती हैं ।
वही दूसरी तरफ ।
सिंह पैलेस में ।
रुबीना सिंह सोफे पर बैठ कर कॉफी पी रही थी । तभी वहां खुशी भाग कर आते हुए बोली - " मॉम आप यहां आराम से कॉफी पी रही है और वहां भाई उस लडकी से शादी करने वाले हैं । "
खुशी की बात सुन कर रुबीना सिंह खुशी की तरफ देखती हैं फिर रुबीना सिंह कॉफी का शिप लेते हुए बोली -" शादी अभी हुई तो नहीं है न ।"
रुबीना सिंह की बात सुन कर खुशी कन्फ्यूज और हैरान होते हुए बोली - " मॉम आप इतने चिल कैसे हो । क्या आपके माइंड में कोई प्लान है । "
रुबीना सिंह शैतानी से भरी तिरछी स्माइल करते हुए बोली -" just chill My daughter उन गरीब लोगों से डील करना कोई बड़ी बात नहीं है । "
रुबीना सिंह की बात सुन कर खुशी भी शैतानी भरी स्माइल करने लगती हैं ।
अगली सुबह ।
ईश्विका का घर ।
निर्मला जी रसोई घर में खाना बना रही थी । कि तभी उन के घर का दरवाज़ा कोई खटखटाता है । दरवाजे की आवाज सुन कर निर्मला जी घड़ी की तरफ देखते हुए बोली - " इतनी सुबह कौन आया है । "
इतना कह कर निर्मला जी दरवाज़ा खोलने चली जाती हैं । निर्मला जी दरवाज़ा खोलती है तो उनके सामने एक खूबसूरत सी लड़की खड़ी थी । निर्मला जी उस खूबसूरत लड़की को सवालिया नजरो से देखते हुए बोली - " जी कहिए । "
उस लडकी ने निर्मला जी को अजीब नजरो से देखते हुए बोली - " ईश्विका से । "
" पर आप कौन है ईश्विका की । " निर्मला जी ने उस लड़की से सवाल करते हुए कहा ।
निर्मला जी के सवाल को सुन कर उस लडकी ने शैतानी मुस्कान लिए बोली - " उसकी पुरानी दोस्त । "
उस लड़की की बात सुन कर निर्मला जी ज्यादा कुछ न सोचते हुए उस लड़की को अंदर आने को कहते हुए बोली - " आओ बेटा इशू अंदर ही है । "
इतना कह निर्मला जी अन्दर आती हैं और वह लड़की भी उनके पीछे पीछे अन्दर आती हैं । निर्मला जी उस लड़की को सोफे पर बैठने के लिए कहती है । और ईश्विका को बुलाती हैं । निर्मला जी की आवाज सुन कर ईश्विका अपने कमरे से नीचे आते हुए बोली - " जी मम्मी । "
ईश्विका नीचे आती हैं तो निर्मला जी ईश्विका से बोली - " तुमसे मिलने कोई आया है । "
निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका कन्फ्यूज हो कर बोली - " मुझसे मिलने । " फिर ईश्विका की नजर सोफे पर बैठी लड़की पर गई । उस लड़की को देख कर ईश्विका ने कहा - " आप कौन है । "
ईश्विका के सवाल को सुन कर वह लडकी एक घमंड के साथ बोली - " मैं जो कोई भी हु उस से तुम्हे मतलब नहीं होना चाहिए । "
फिर वह लडकी ईश्विका की तरफ एक चेक बढ़ाते हुए बोली - " ये खाली चेक है इसमें अपनी कीमत भरो और मेरे भाई की जिंदगी से दफा हो जाओ । "
चेक को देख कर पहले तो ईश्विका हैरान हुई मगर जैसे ही उसने उस लड़की की बात सुनी तो वो समझ गई थी कि ये रुद्र की बहन है । फिर ईश्विका खुशी को उसी की भाषा में जवाब देते हुए बोली - " ये बात तुम्हे अपने भाई को जा कर बोलनी चाहिए कि वो मेरी जिंदगी से दफा हो जाए ।"
फिर ईश्विका आगे बोली -" तुम्हारा भाई ही है जो मेरे पीछे पड़ा है और मेरी पूरी फैमिली को उसने परेशान कर रखा है । "
" Ohh really " ईश्विका की बात सुन कर खुशी एक घमंड भरी मुस्कान लिए फिर आगे बोली -" मैं तुम जैसे कई ऐसे गरीब और लालची लोगों को जानती हूं जो करते तो कुछ नहीं है बस अमीर घर के लड़कों को फसा कर उनसे शादी कर के अमीर बनने के सपने देखती है । "
खुशी की बात सुन कर निर्मला जी बोली -" तुम एक लडकी हो कर दूसरी लड़की के बारे मे ऐसा सोच भी कैसे सकती हो । "
निर्मला जी की बात सुन कर खुशी बोली -" हां क्युकी मैं तुम जैसे लोगो को अच्छे से जानती हूं और आप तो इसकी मां है न । तो आपने ही इसे ये सारी चाल सिखाई होगी न कि कैसे किसी अमीर लड़के को फसाया जाए । "
खुशी की बात सुन कर ईश्विका गुस्से से खुशी से बोली -" जबान संभाल कर बात करो मेरी मम्मी से । वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा । "
" अब मुझे तुम जैसी दो कौड़ी की लड़की से सीखना पड़ेगा कि मुझे किससे कैसे बाते करनी चाहिए । " इतना कह कर खुशी ईश्विका को मारने के लिए हाथ उठाती हैं ।
मगर ईश्विका बीच मे खुशी के हाथ को पकड़ लेती है और उस के हाथ को झटक कर खींच कर उसके गाल पर चांटा मारते हुए बोली - " मेरी मम्मी ने अमीर लड़कों को कैसे फसाया जाए ये तो नहीं सिखाया लेकिन दूसरों को कैसे उनकी औकात दिखानी है ये जरूर सिखाया । "
खुशी अपने गालों पर हाथ रखे ईश्विका को गुस्से देखते हुए बोली -" तुम्हे तो मैं देख लूंगी । "
खुशी की बातो का जवाब ईश्विका बहुत शांत तरीके से देते हुए बोली -" बहुत अच्छे से देख लेना । लेकिन उससे पहले निकल जाओ मेरे घर से क्योंकि मुझे अपने घर में गंदगी बिल्कुल भी पसंद नहीं है । "
अपनी बेज़्जती होता देख खुशी गुस्से से ईश्विका को देखते हुए बोली - " तुम्हे जल्द ही इस चीज की भरपाई करनी पड़ेगी । "
इतना कह कर खुशी वहां से गुस्से से चली जाती हैं । खुशी को गुस्से जाता देख निर्मला जी ईश्विका से बोली -" इशू बेटा तुमने उसे थप्पड़ मार दिया कहीं रुद्र इसका बदला तुमसे न ले । "
निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका ने कहा - " ये आप कैसी बाते कर रही हैं मम्मी । वो आपसे कितनी बतमीजी से बात कर रही थी क्या हम वो सब कुछ शांति से सुनते रहते । और उसको थप्पड़ मार कर हमने कुछ गलत नहीं किया वो ये डिजर्व करती थीं । और अगर वो रुद्र सिंह हमसे इस बात का बदला भी लेगा तो हमे कोई फर्क नहीं पड़ता है । वैसे भी हमारी जिंदगी को उसने पहले ही नर्क बना रखा है । "
ईश्विका की बात सुन कर निर्मला जी ईश्विका को अपने गले से लगा लेती हैं ।
वही दूसरी तरफ । ।
सिंह पैलेस में । ।
खुशी सोफे पर बैठी हुई थीं और रुबीना सिंह उसके गाल पर पड़े थप्पड़ के निशान को देख रही थी । वही दूसरे सोफे पर रुद्र सिंह किसी राजा की तरह बैठा हुआ था । खुशी बेचारी बनने का ड्रामा करते हुए रुद्र से बोली - " भाई मैं आपकी शादी के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं हूं वो लड़की बिल्कुल भी अच्छी नहीं है उसने मुझ पर हाथ उठाया और मम्मा के बारे मे गलत भी बोला जबकि मैं तो बस उससे बात करने गई थी । "
" तुम राजी हो या न हो मुझसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मगर ये शादी तो हो कर रहेगी और इस शादी को होने से कोई नहीं रोक सकता अगर किसी ने रोकने की कोशिश की तो वो सीधा इस दुनिया से जाएगा । " रुद्र ने अपनी कोल्ड वॉयस में कहा ।
रुद्र की बात सुनकर खुशी ने कहा -" ठीक है तू मेरे मरने के बाद कर लेना । "
इतना कहकर खुशी रूवीना सिंह के गले लग कर रोने लगी । खुशी को रोता देख रुबीना सिंह उसे चुप कराते हुए रुद्र से बोली-" रुद्र भूलो मत कि तुम्हारे पापा ने तुम्हें इसका ख्याल रखने की जिम्मेदारी दी थी । और तुम अब इस तरह से कर रहे हो । "
रुबीना जी के पास सुनकर रुद्र खुशी की तरफ शराब का गिलास बढ़ाते हुए बोला -" ठीक है उसने जो तुम्हारे साथ किया है उसका गुस्सा तुम मुझ पर उतार सकती हो । "
रुद्र की बात सुनकर रुबीना सिंह और खुशी दोनों ही रूद्र को देखने लगती है । उन दोनों को अपनी तरफ यूं देखता देख रुद्र उसे क्लास को टेबल पर रखते हुए बोला -" अगर यह काफी नहीं है तो इसे ले लो । "
इतना कहकर रुद्र शराब की बोतल को खुशी की तरफ बढ़ा देता है । वही रुद्र के ऐसे रिएक्शन को देखकर खुशी ने कहा -" तुम उस दो कौड़ी की लड़की की साइड ले रहे हो बजाय इसके कि मैं तुम्हारी बहन हूं तो मैं तुम्हें मेरी साइड लेनी चाहिए । "
" Just shut up " इतना कहकर रूद्र सोफे से खड़ा हुआ और फिर अपनी कोल्ड वॉइस में आगे बोला -" मैं उसके खिलाफ एक भी गलत शब्द बर्दाश्त नहीं करूंगा । गोट इट । "
इतना कहकर रूद्र वहां से अपने कमरे में चला गया । रूद्र को जाता देख खुशी रुबीना सिंह से बोली -" मम्मा अगर इसने उस लड़की से शादी कर ली ऐसे तो हमें फिर कुछ नहीं मिलेगा । "
रुबीना सिंह खुशी को शांत करते हुए बोली -" मेरे होते हुए ऐसा कुछ नहीं होगा । "
ऐसे ही दिन बीत जाते हैं और शादी वाला दिन आ जाता है ।
शादी का दिन ।
पैराडाइज होटल ।
पैराडाइज होटल को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था और उस होटल के मैन गेट पर रुद्र वेड्स ईश्विका लिखा हुआ था और साथ ही उन दोनो के साथ की फोटो भी लगी हुई थी । होटल के बाहर गार्डन में सभी तैयारी की गई थी । खाना, नाच गाना मंडप सभी का बंदोबस्त गार्डन में ही किया गया था । और वहां मेहमान आना भी शुरू हो गए थे ।
वही होटल के अंदर एक कमरे में ईश्विका दुल्हन के लाल जोड़े में शीशे के सामने में तैयार बैठी थी और मेकअप आर्टिस्ट उसका मेकअप कर रही थी । ईश्विका के चेहरे पर शादी की कोई खुशी नहीं थी । मेकअप आर्टिस्ट ईश्विका का मेकअप करते हुए उसे जलन भरी नजरो से देखते हुए बोली - "वैसे किसे पता था कि top बिजनेस टायकून जिसके पीछे लाखों लड़कियां दीवानी है वो तुम जैसी लड़की से शादी करेगा । वाकई किस्मत वाली हो तुम । "
मेकअप आर्टिस्ट की बात सुन कर ईश्विका उस मेकअप आर्टिस्ट के हाथ को झटकते हुए बोली -" अगर तुम्हे इतनी ही जलन हो रही है तो तुम क्यों नहीं कर लेती उस से शादी । "
ईश्विका की बात सुन कर उस मेकअप आर्टिस्ट जलन भरी नजरो से देखते हुए बोली - " मैं तो कर लेती लेकिन मेरी किस्मत तुम्हारी जितनी अच्छी कहां है । "
तभी उस मेकअप आर्टिस्ट और ईश्विका के कानों में एक खतरनाक आवाज आई । । ।
" काफी वक्त हो गया है मैने किसी जुवान नहीं काटी । "
उस आवाज को सुन कर जहां इश्विका के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे वही उस मेकअप आर्टिस्ट के चेहरे पर डर आ गया था । । ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
उस आवाज को सुन कर जहां इश्विका के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे वही उस मेकअप आर्टिस्ट के चेहरे पर डर आ गया था । । । । । ।
मेकअप आर्टिस्ट डरते हुए दरवाजे की तरफ देखती हैं जहां से रुद्र सिंह रेड और गोल्डन शेरवानी पहने कमरे के अंदर आ रहा था । रुद्र सिंह उस शेरवानी में किसी राजा से कम नहीं लग रहा था । और ऊपर से उसका वो एटीट्यूड उसको और भी किलर लुक दे रहा था । ।
रुद्र सिंह को देखते ही वो मेकअप आर्टिस्ट अपने घुटनों के बल बैठ जाती है और रुद्र के आगे गिड़गिड़ाते हुए बोली - " सर प्लीज मुझे माफ कर दीजिए मेरा कोई गलत इरादा नहीं था । "
लेकिन रुद्र उसे तो जैसे मेकअप आर्टिस्ट की आवाज सुनाई ही नहीं दी । वो तो बस एक टक शीशे में ईश्विका को देख रहा था । जो दुल्हन के लाल जोड़े में सजी सबरी अपनी घनी पलकों को झुकाए बैठी थी । रुद्र की नजरो की तपिश महसूस कर ईश्विका अपनी पलके ऊपर उठाती हैं । तो उसकी नज़रे रुद्र की नजरो से जा टकराती हैं । जहां रुद्र की आंखों में ईश्विका के लिए एक जुनून था वही ईश्विका रुद्र को नफरत भरी नजरो से देख रही थी । लेकिन ईश्विका ज्यादा देर तक रुद्र की नजरो की वो तपिश सहन नहीं कर पाती इसलिए वो जल्द ही अपनी नजरे रुद्र की नजरो से हटा लेती हैं । ईश्विका को इस तरह से नज़रे हटाता देख रुद्र की नज़रे डार्क हो जाती हैं । रुद्र अपने गार्ड को इशारा करता है तो रुद्र के गार्ड उस मेकअप आर्टिस्ट को खींचते हुए बाहर ले जाते है । और वो मेकअप आर्टिस्ट बस चीखती चिल्लाती रह जाती हैं । ।
गार्ड्स के जाते ही कमरे का दरवाज़ा ऑटोमेटिक बंद हो जाता हैं । रुद्र ईश्विका के पास आता है और ईश्विका के कंधो पर हाथ रख कर धीरे धीरे उन्हें नीचे ले जाते हुए ईश्विका की गर्दन पर किस करते हुए अपनी लो और मैग्नेटिक वॉइस में बोला - " तो तुम क्या कह रही थी । "
ईश्विका अपनी गर्दन को गुस्से से घुमाते हुए बोली - " तो इसमें गलत क्या कहा । कि किस तरह से तुमने मेरी जिंदगी को नरक बना दिया । मेरा और मेरी फैमिली का जीना तक हराम कर दिया है । "
इससे आगे ईश्विका कुछ कह पाती कि रुद्र ने उसका हाथ पकड़ कर खींच कर चेयर से खड़ा कर दीवार से लगा दिया और उसके करीब आ कर अपनी कोल्ड वॉयस में बोला -" जो भी चीज रुद्र सिंह को पसन्द आ जाती हैं उसे पाने के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं । फिर चाहे मुझे लोगो को अपने रास्ते से हटाना ही क्यों न पड़ें । "
" तुम्हारे लिए सिर्फ मैं एक चीज हु एक ट्रॉफी जिसे तुम जीतना चाहते हो किसी भी कीमत पर । और ये जो तुम कर रहे हो वो तुम्हारे लिए एक खेल है न । " ईश्विका ने नफरत और गुस्से से रुद्र को देखते हुए कहा । ।
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र की आंखे डार्क हो गई । रुद्र ईश्विका की कमर में हाथ डालकर उसे अपने करीब खींचता है और फिर दूसरा हाथ उसकी गर्दन में डालकर उसके होठों पर अपने होठ रख उसे रफली किस करने लगता है । ईश्विका के होठों में किस करने की वजह से दर्द होने लगा था लेकिन रुद्र को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा वो बस ईश्विका को रफ़्ली किस कर रहा था उस 😘 किस बस रुद्र गुस्सा था जिसे वो ईश्विका के सामने दिखाना नहीं चाहता था । ।
रुद्र को जब एहसास हुआ कि ईश्विका को सांस लेने में प्रॉब्लेम हो रही है तब जा कर उसने उसके होठों को छोड़ा । रुद्र के छोड़ते ही ईश्विका लम्बी लंबी सांसे लेने लगी थी । फिर रुद्र ईश्विका के चेहरे को पकड़ते हुए बोला - " तुम मेरे लिए क्या हो ये मैं तुम्हे बताना जरूरी नहीं समझता । "
इतना कह कर रुद्र ईश्विका को एक झटके के साथ छोड़ता है । रुद्र के ऐसे अचानक छोड़ने से ईश्विका के कदम लड़खड़ा जाते है पर वो खुद को संभाल लेती हैं । तभी रुद्र का फोन बजता है । रुद्र कॉल पिक करता है । ।
" सर आपको नीचे बुलाया जा रहा है । शादी की कुछ रस्म करने के लिए । " फोन के दूसरी तरफ से समीर ने कहा । ।
" ठीक है । " इतना कह कर रुद्र फोन कट कर देता है । फिर रुद्र ईश्विका से बोला - " रस्म करने के बाद मैं तुम्हे लेने आऊंगा । get ready to marry baby "
इतना कह कर रुद्र कमरे से बाहर चला जाता हैं । रुद्र के जाते ही ईश्विका वही कमरे मे नीचे फर्श पर बैठ जाती हैं और अपने पैरों को समेट कर घुटनों पर अपना सिर रख कर रोने लगती है । ।
वही गार्डन में ।
गार्डन में गोपाल जी गुस्से से खड़े उस बोर्ड को देख रहे थे जिस पर रुद्र वेड्स ईश्विका लिखा हुआ था । निर्मला जी गोपाल जी से बोली - " भगवान कोई रास्ता जरूर निकाल देगा वो हमारी बेटी की जिंदगी यू बर्बाद नहीं होने देंगे । "
तभी गोपाल जी और निर्मला जी के कानों में एक आवाज आई ।
" बर्बाद नहीं आवाद कहिए सासू मां । "
आवाज को सुन कर गोपाल जी और निर्मला जी आवाज की दिशा में देखते है । जहां से रुद्र सिंह किसी राजा की तरह आ रहा था । और उस के चारों तरफ गार्ड्स का पहरा था । रुद्र सिंह को देख कई बिजनेस मैन उससे बात करने के लिए आगे आते हैं लेकिन रुद्र के गार्ड्स उन्हें वही रोक देते हैं । रुद्र गोपाल जी और निर्मला जी के पास जाता हैं और बोला - " तो कैसी लगी आपको सारी तैयारिया । "
गोपाल जी ने रुद्र की बातो का कोई जवाब नहीं दिया । तभी रुद्र के गार्ड ने रुद्र से कहा - " सर मैडम के घर की तरफ से कोई भी गेस्ट इनवाइटेड नहीं है । "
गार्ड की बात सुन कर रुद्र गोपाल जी की तरफ देखता है तो गोपाल जी ने कहा - " मेहमानों को बुला कर हमें अपनी बेज़्जती नहीं करानी थी । "
गोपाल जी की बात सुन कर रुद्र अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए बोला -" ये बात आप भी बहुत अच्छे से जानते है ससुर जी कि आपकी बेटी के लिए मैं एक दम लायक और बेहतर इंसान हूं । "
गोपाल जी रुद्र से कुछ कहते कि निर्मला जी गोपाल जी का हाथ पकड़ उन्हें रोक लेती हैं । गोपाल जी निर्मला जी को देखते हैं और फिर वहां से अपना हाथ छुड़ा कर दूसरी तरफ चले जाते है । गोपाल जी को जाता देख निर्मला जी भी गोपाल जी के पीछे चली जाती है ।
गोपाल जी और निर्मला जी के जाते ही रुद्र मंडप में जा कर दूल्हे की जगह पर बैठ गया । और पंडित जी कुछ मंत्र पढ़ने लगे ।
वही गोपाल जी के रविये को देख रुबीना सिंह इतराते हुए बोली - " दो कोड़ी के लोग और हमे नखरे दिखा रहे हैं । "
रुबीना सिंह की बात पर खुशी ने कहा - " वही तो मॉम और पता नहीं ये भाई को क्या हो गया जो वो ये सब कुछ देख कर भी इग्नोर कर रहा है । "
फिर खुशी रुबीना सिंह का हाथ पकड़ते हुए बोली -" मम्मा वो लड़की हमारे घर में नहीं आनी चाहिए । "
" Just chill Khushi darling रुबीना सिंह ने कोई कच्ची गोटिया नहीं खेली । " रुबीना सिंह एक तिरछी स्माइल करते हुए बोली ।
रुबीना सिंह की बात सुन कर खुशी कन्फ्यूज होते हुए बोली -" what गोटिया मॉम । "
" ये एक कहावत है बस तुम देखती जाओ कि कैसे ये लड़की हमारे घर से तो क्या इस दुनिया से ही गायब हो जाएगी । " रुबीना सिंह ने शैतानी मुस्कान लिए कहा ।
रुबीना सिंह की बात सुन खुशी ने कहा - " मॉम आपकी स्माइल बता रही हैं कि जरूर आप कुछ बड़ा करने वाली हो । मुझे भी बताओ न कि आप क्या करने वाली हो । "
खुशी की बात सुन कर रुबीना सिंह ने कहा -" you just wait and watch darling "
इतना कह कर रुबीना सिंह वहां से चली जाती हैं । रुबीना सिंह एक अंधेरी सी जगह में आती हैं । जहां आस पास कोई भी नहीं था । रुबीना सिंह अपने आस पास देखती है जब उन्हें लगता हैं कि कोई भी वहां नहीं है तो रुबीना सिंह किसी फ़ोन मिलाती है । फोन पिक होते ही रुबीना सिंह ने कहा - " वो अभी अकेली है । जाओ जा कर उसका खेल खत्म कर दो । और ऐसा करना कि उसकी बॉडी भी किसी को न मिले । "
इतना कह कर रुबीना सिंह कॉल कट कर देती हैं और फिर आस पास देख खुद को ठीक करते हुए वहां से चली जाती हैं ।
वही ऊपर कमरे मे ।
ईश्विका अभी भी घुटनों के बल बैठी हुई रो रही थी कि तभी उस कमरे मे बहुत सारा सफेद धुआं फैलने लगा ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
वही ऊपर कमरे मे ।
ईश्विका अभी भी घुटनों के बल बैठी हुई रो रही थी कि तभी उस कमरे मे बहुत सारा सफेद धुआं फैलने लगा ।
ईश्विका का ध्यान कमरे मे फैले धुएं पर नहीं गया जब ईश्विका को सांस लेने में प्रॉब्लेम होने लगी तो तब ईश्विका ने अपने घुटनों में से अपने चेहरे को बाहर निकाला तो उसे धुएं की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था । ईश्विका खांसते हुए अपनी जगह से खड़े होते हुए बोली - " ये धुआं यहां कैसे आ गया । "
इतना कह कर ईश्विका दरवाज़ा खोलने के लिए जाती हैं लेकिन दरवाज़ा पहले ही बाहर से किसी ने बंद कर दिया था । ईश्विका दरवाजे को पीटते हुए बोली - " दरवाज़ा खोलो । प्लीज दरवाज़ा खोलो । "
लेकिन कोई भी दरवाज़ा नहीं खोलता । ईश्विका ने जब देखा कि कोई दरवाज़ा नहीं खोल रहा है तो उसने कमरे की खिड़की खोलने की कोशिश की । लेकिन अफ़सोस वो खिड़की भी पहले से ही किसी ने खिड़की को भी बाहर से बंद कर दी थी । ईश्विका बाहर निकलने के लिए खिड़की को खोलने की कोशिश कर ही रही थी कि तभी उस कमरे आग लगने लगती हैं । कमरे मे आग लगता देख ईश्विका दरवाजे को जोर जोर से पीटने लगती हैं । ईश्विका दरवाज़ा को पीटते हुए बोली - " बचाओ बचाओ कोई मेरी मदद करो कोई दरवाज़ा खोलो यहां आग लग गई है प्लीज दरवाज़ा खोलो मैं यहां अंदर फंसी हुई हु । "
लेकिन वहां कोई भी ईश्विका की मदद करने के लिए नहीं आता ।
वही गार्डन में ।
रुबीना सिंह वहां आती है तो खुशी उन्हें देखते हुए बोली - " मॉम आप कहां चली गई थीं । इस शादी को रोकिए न । "
" Chill khushi darling रुबीना सिंह अपने समय की और बातो की बहुत पक्की है । जो रुबीना सिंह बोल देती हैं वह वो कर के रहती है । " रुबीना सिंह ने शैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुए बोली ।
रुबीना सिंह की बात सुन कर खुशी खुश होते हुए बोली - " मतलब मॉम आपने उस दो कौड़ी की लड़की को ठिकाने लगा दिया । "
खुशी की बात सुन कर रुबीना सिंह खुशी को चुप कराते हुए बोली- " धीरे बोलो दीवारों के भी कान होते है । "
" तो क्या मॉम अब वो लड़की हमारे घर में नहीं आएगी न । " खुशी ने धीरे से कहा ।
रुबीना सिंह तिरछी स्माइल करते हुए रुद्र को देखते हुए खुशी से बोली -" वो हमारे घर में आना तो दूर अब इस दुनिया से ही गायब हो जाएगी । "
" Wow mom you are so amazing " खुशी ने रुबीना सिंह को साइड 🤗 हग करते हुए कहा ।
वही मंडप में पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे और रुद्र वहां आसान लगाए हुए बैठा हुआ था और पंडित जी उससे कुछ रस्म करा रहे थे । फिर पंडित जी ने कहा - " यजमान अब कन्या को बुलाइए । "
पंडित जी की बात सुन कर निर्मला जी बेमन से ईश्विका को लेने के लिए जाने लगती है । तभी वहां कोई आदमी जोर से चिल्लाता है ।
" अरे ये धुआं कहां से आ रहा है । ऐसा लग रहा है जैसे कहीं आग लगी हो । "
दूसरे आदमी ने कहा -" अरे हां ये तो होटल के ऊपर वाले फ्लोर पर हैं । "
उन लोगों की बाते सुन कर निर्मला जी ऊपर देखती हैं जहां एक कमरे से काला धुआं बाहर निकल रहा था । धुएं को देख कर निर्मला जी गोपाल जी से बोली -" वो इशू का कमरा है इशू के पापा । "
निर्मला जी की बात सुन कर गोपाल जी भी ऊपर देखते है तो वो भी कमरे से निकल रहे धुएं को देख कर हैरान हो जाते है ।
जैसे ही निर्मला जी की बात रुद्र के कानों पड़ी तो वह भी ऊपर देखता है । कमरे से निकलते धुएं को देख कर रुद्र का दिल धक से रह गया । वो बिना एक भी पल गवाए जल्दी से अपनी जगह से उठा और भागता हुआ ऊपर जाने लगा । गोपाल जी और निर्मला जी और गार्ड्स भी रुद्र के पीछे जाने लगे ।
रुद्र ऊपर पहुंचता हैं । तो वह दरवाजे को देखता है जहां इस वक्त ताला लगा हुआ था । ताले को देख कर रुद्र का खून खोल उठता है । लेकिन अभी वह कुछ कहता नहीं क्योंकि अभी बस उसे चिंता थी तो ईश्विका की जो इस वक्त कमरे के अंदर थी । रुद्र बिना वक्त गवाए दरवाजे को तोड़ने लगता हैं । रुद्र दरवाजे में खींचते हुए जोर से एक लात मारता है । जिससे कमरे का दरवाज़ा टूट जाता हैं । दरवाजे के खुलते ही कमरे से आग की लपटें निकलने लगती हैं । कमरे मे आग की लपटों को देख रुद्र की आंखों में एक डर आ जाता हैं । डर ईश्विका को खोने का । ।
वही आग को देख कर गोपाल जी और निर्मला जी अपनी जगह ही जम से जाते हैं निर्मला जी रोते हुए बोली - " इशू के पापा हमारी इशू अंदर है उसे बचाइए । "
गोपाल जी आग को देख कर हैरान थे । ।
लेकिन अब शायद बहुत देर हो गई थी क्योंकि कमरा पूरी तरह आग की लपटों से घिरा हुआ था । रुद्र आग की और अपनी बिना परवाह किए कमरे के अंदर जाने लगता हैं । लेकिन रुद्र गार्ड्स रुद्र को पकड़ लेते हैं । रुद्र गुस्से से गार्ड्स को धक्का देता है और कमरे की तरफ बढ़ने लगता हैं । कि तभी कमरे में एक जोर का धमाका होता है । धमाके से सभी लोग पीछे हवा में कुछ दूरी पर जा गिरते हैं । उन्हें चोट भी लग जाती हैं । । ।
गार्ड्स जल्दी से फाइट एक्सटेंशन से आग बुझाते है । कमरे मे सब जल चुका था वहां कुछ भी नहीं बचा था । रुद्र भाग कर कमरे में जाता हैं जहां सब राख हो चुका था । रुद्र इधर उधर ईश्विका को ढूंढता है । कि तभी उस की नजर सामने गई जहां एक जली हुई बॉडी पड़ी हुई थी । उस बॉडी को देख कर रुद्र निढाल सा जमीन पर घुटने के बल गिर गया । उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि ईश्विका मर चुकी है । उसका दिल मानो धड़कना ही बंद हो गया हो । रुद्र बेजान सा हो कर उस बॉडी को देख रहा था । वही निर्मला जी गोपाल जी की भी नजर उस जली हुई बॉडी पर जाती हैं । निर्मला जी तो उस बॉडी को देख सदमे में ही चली जाती हैं जिस कारण वह बेहोश हो गई थी । और गोपाल जी का भी हाल कुछ अलग नहीं था लेकिन उन्होंने जैसे तैसे कर के खुद को संभले हुआ बॉडी को देख कर उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लेते हैं ।
रुबीना सिंह और खुशी के चेहरे पर स्माइल आ गई थीं । कुछ ही पलो में वहां शादी के बदले मातम छा गया था ।
कुछ दिनों बाद । ।
ईश्विका का अंतिम संस्कार कर दिया गया था । निर्मला जी अभी भी सदमे में से बाहर नहीं निकल पाई थी । हाल तो गोपाल जी का भी ठीक नहीं था बेटी की मौत का ग़म उन्हें भी था लेकिन उन्होंने खुद को मजबूत बनाया हुआ निर्मला जी के लिए । क्योंकि अगर वो भी टूट जाते तो निर्मला जी को कौन संभालता ।
वही सिंह पैलेस में ।
हॉल में । । ।
रुबीना सिंह और खुशी सोफे पर बैठी हुई थीं । तभी रुबीना सिंह खुशी से बोली -" वक्त आ गया है डार्लिंग की अब हम सब कुछ अपने अंडर कर ले । "
" लेकिन मॉम भाई वो एक हफ्ते से कमरे मे बंद है । " खुशी ने कहा ।
खुशी की बात सुन कर रुबीना सिंह बोली -" तुम्हे उसकी फिक्र करने की जरूरत नहीं है । जब उस लड़की का बहुत उतरेगा तो वो खुद ठीक हो जाएगा । "
रुद्र का कमरा । । । ।
रुद्र का कमरा पैलेस के थर्ड फ्लोर पर था । वह पूरा फ्लोर रुद्र का ही था । वहां किसी को भी आने की परमिशन नहीं थी । उसके फ्लोर पर सब कुछ था । साइड में जिम , बॉक्सिंग एरिया, स्विमिंग पूल, थिएटर, सब कुछ था । और फिर उसके बाद था रुद्र का कमरा जो इस वक्त अंधेरे में डूबा हुआ था । और चारों तरफ सिगरेट का धुआं धुआं फैला हुआ था । वहां कई सारी खाली शराब की बोतल पड़ी हुई थी । वही उन बोतलों के बीच बेड के किनारे से टिक कर रुद्र बैठा हुआ था । और उसके एक हाथ में एक शराब की बॉटल थी । और दूसरे हाथ में सिगरेट । और वो एक टक सामने दीवार पर देख रहा था जहां इश्विका की बहुत सारी फोटो लगी हुई थी । रुद्र अपनी जगह से खड़ा होता है और दीवार के पास जा कर ईश्विका की फोटो पर किसी साइको की तरह हाथ फेरते हुए बोला - " where have you gone baby वापस आ जाओ न । बस एक बार वापस आ जाओ फिर ______ फिर मैं तुम्हे कहीं नहीं जाने दूंगा । तुम्हे अपने पास अपनी बाहों मे कैद कर लूंगा हमेशा हमेशा के लिए । "
ये सब कहते हुए रुद्र किसी साइको से कम नहीं लग रहा था । रुद्र का पागलपन अब ईश्विका के लिए और बढ़ गया था ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster love । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
ये सब कहते हुए रुद्र किसी साइको से कम नहीं लग रहा था । रुद्र का पागलपन अब ईश्विका के लिए और बढ़ गया था ।
तभी समीर कमरे के अंदर आया । और वो अपने हाथो को बांध कर सिर नीचे झुका कर खड़ा हो जाता हैं । रुद्र समीर को अपनी लाल आंखों से देखते हुए अपनी डार्क वॉयस बोला - " who did all fuck this"
समीर तो पहले से ही डरा हुआ था लेकिन रुद्र की इतनी खतरनाक आवाज को सुन कर वह और डर गया । समीर को कुछ न बोलता देख रुद्र उसे अपनी खतरनाक लाल आंखों से घूरता है ।
रुद्र की खतरनाक नजरो को खुद पर महसूस कर समीर घबराते हुए बोला - " सर हम उस इंसान के बारे मे अभी कुछ भी पता नहीं कर पाए है । जिसने होटल के कमरे में आग लगाई थी । "
समीर की बात सुन कर रुद्र गुस्से से बोतल को उठा कर दीवार पर मारते हुए बोला - " तुम लोग अब तक क्या कर रहे हो । क्या तुम्हे अपनी जान प्यारी नहीं है । "
" सर हम कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई भी क्लू अभी तक नहीं मिल पाया है कि ये सब किसने किया । " समीर ने डरते हुए कहा ।
रुद्र समीर के पास आ कर गुस्से से उसके गले को दबाते हुए बोला- " मुझे तुम्हारे ये फालतू की बकवास नहीं सुननी । अगर वो इंसान पाताल में भी छिपा है तो उस इंसान को वहां से भी ढूंढ कर लाओ । गॉट इट । "
समीर अपनी घुटी हुई आवाज में बोला -" yes sir please मुझे छोड़ दीजीए । "
दम घुटने से समीर का चेहरा नीला पड़ चुका था उसको सांस लेने में प्रॉब्लेम होने लगी थी वह किसी भी वक्त अपना दम तोड़ सकता था । समीर निढाल होने ही वाला था कि रुद्र उसके गले को एक झटके से छोड़ देता है जिससे समीर जमीन पर गिर जाता है । और खांसने लगता हैं । उसकी बॉडी अभी भी कांप रही थी । वह गहरी गहरी सांस लेने लगता है । थोड़ी देर ऐसे ही पड़े गिरे रहने के बाद समीर धीरे धीरे कर के खड़ा होता है और कमरे से बाहर चला जाता है ।
वही दूसरी तरफ ।
ईश्विका का घर ।
निर्मला जी बेड पर बेजान सी बैठी हुई थी । वह न तो कुछ खा रही थी और न ही कुछ बोल रही थी । गोपाल जी अपने हाथ में दलीय का 🥣 बॉउल लिए उनके बराबर में बैठे हुए थे और उन्हें कुछ दलिया खिलाने की कोशिश कर रहे थे ।
गोपाल जी बोले - " निर्मला जी कुछ खा लीजिए । आपने एक हफ्ते से कुछ नहीं खाया है । आपकी तबियत ऐसे और खराब हो जाएगी । कम से कम हमारे लिए तो कुछ खा लीजिए । आप कब तक ऐसे ही रहेगी । निर्मला जी कुछ खा लीजिए । "
लेकिन निर्मला जी कोई जवाब देती वो बस बुत बने ऐसे ही बैठी रहती है । जैसे उनके शरीर में अब जान ही न हो । निर्मला जी की हालत को देख कर गोपाल जी हताश हो जाते है । उनकी आंखों से आशु गिरने लगते है ।
तभी उन्हें दरवाजे की घंटी की आवाज आती हैं । घंटी की आवाज़ सुन कर गोपाल जी अपने आशुओं को साफ करते हैं और दलिया का बाउल वही टेबल पर रख कर दरवाजा खोलने चले जाते है । गोपाल जी दरवाज़ा खोलते हैं तो उनके सामने रौनक खड़ा था ।
" नमस्ते अंकल । " रौनक ने कहा ।
गोपाल जी बस अपना सिर हिला देते हैं ।
फिर रौनक बाहर की तरफ अपनी नजरे दौड़ाते हुए आगे बोला - " अंकल क्या मैं अंदर आ सकता हूं मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है । "
रौनक की बात सुन कर गोपाल जी रौनक को अंदर आने को कहते है । रौनक घर के अंदर आता है । और फिर से बाहर इधर उधर देखते हुए दरवाजे को बंद कर देता है ।
रौनक की ऐसी हरकत को देख कर गोपाल जी ने कहा -" क्या हुआ बेटा । तुम बाहर क्या देख रहे हो । और तुम्हे क्या बात करनी है । "
गोपाल जी की बात सुन कर रौनक पीछे मुड़ा और बोला -" आंटी कैसी है अब अंकल । "
गोपाल जी निराश होते हुए बोले -" वो ठीक नहीं वो अभी भी पहले जैसी ही है । ईश्विका का जाने का उसे बहुत गहरा सदमा लगा है । अब वो न ही कुछ खाती हैं और न ही किसी से बात कर रही है । बस एक बैठी ईश्विका की फोटो को देखती रहती हैं और रोती रहती है । "
इतना कहते ही गोपाल जी की आंखो में आशू आ जाते है । गोपाल जी की आंखों में आंसु देख रौनक गोपाल जी से बोला - " मैं आपको किसी से मिलवाना चाहता हूं । "
रौनक की बात सुन कर गोपाल जी बोले - " बेटा तुम जानते हो कि अभी । "
गोपाल जी इससे आगे कुछ कह पाते कि उससे पहले ही रौनक गोपाल जी के हाथों को पकड़ कर बोला - " अंकल प्लीज मना मत कीजिए और न ही अभी कोई सवाल कीजिए । आप और आंटी दोनो चलिए । "
" पर रौनक बेटा । "
" नहीं अंकल अभी कोई सवाल नहीं बस आप चलिए । " रौनक गोपाल जी को बीच में ही रोकते हुए बोला ।
रौनक की बात सुन कर गोपाल जी और कोई सवाल न करते हुए अपना सिर हां मे हिलाते हुए कहते हैं ।
" ठीक है । "
फिर गोपाल जी निर्मला जी को ले कर आते हैं । रौनक से निर्मला जी की हालत देखी नहीं जा रही थी । गोपाल जी और रौनक निर्मला जी को घर से बाहर ले कर आते है । रौनक इधर उधर देखते हुए निर्मला जी और गोपाल जी को कार में बैठाता है और फिर खुद भी जल्दी से कार में बैठ कर कार स्टार्ट कर देता है और कार वहां से चली जाती हैं ।
छह महीने बाद । । ।
एक बिल्डिंग के बेसमेंट में । ।
रुद्र सोफे पर बैठा हुआ किसी शैतान से कम नहीं लग रहा था । उसके साइड में समीर डरा सहमा सा खड़ा था । रुद्र के सामने एक इंसान जमीन पर पड़ा हुआ था । और रुद्र से अपनी जान की भीख मांग रहा था ।
" मिस्टर सिंह प्लीज मुझे माफ कर दीजिए । मैं आगे से ऐसा कभी नहीं करूंगा । पेसो को देख कर मेरी नियत खराब हो गई थी । इसीलिए मैंने इन्फोर्मेशन राइवल कंपनी को दी । प्लीज मुझे माफ कर दीजिए । "
" माफ कर दूं । " इतना कह कर रुद्र एक लात उस आदमी के मुंह पर मारता है जिस वजह सेवह आदमी पीछे जा कर गिरता है और उस इंसान के मुंह से खून निकलने लगता हैं । फिर रुद्र गन से उस आदमी पर गोली चलाते हुए बोला - " रुद्र सिंह कभी किसी को दूसरा मौका नहीं देता । "
रुद्र गन की सारी की सारी गोलियां उस आदमी के दिमाग में उतार देता है । वह आदमी वही मर जाता हैं । फिर रुद्र गन को अपनी पीछे बेल्ट में रखते हुए समीर से बोला -" clean this trash "
और इतना कह कर रुद्र बेसमेंट से बाहर चला जाता हैं । समीर रुद्र को जाते देखता रहता है जब तक वो उसकी आंखों से ओझल नहीं हो जाता । तभी एक गार्ड समीर के पास आया और बोला - " बॉस पहले से और भी गुस्सा करने लगे हैं । "
गार्ड की बात सुन कर समीर गहरी सांस लेते हुए बोला - " हां मैडम के जाने के बाद से ही उन्होंने खुद को कठोर बना लिया है । "
गार्ड ने कहा - " समीर सर क्या आपको सच में लगता हैं कि मैडम मर चुकी हैं । "
" वो हादसा तो सबने देखा था और सर किस तरह से टूट चुके थे ये भी तुमने देखा था तो फिर तुम ये क्यों कह रहे हो । " समीर ने सवालिया नजरो से गार्ड को देखते हुए कहा ।
गार्ड ने कहा - " वो बात ये कि कुछ दिन पहले शॉपिंग मॉल में अचानक से ही मिस्टर सक्सैना से मुलाक़ात हो गई थी । उनके साथ मिसेज सक्सेना भी थी । और उनके हाथ में बहुत सारा सामान था जैसे वो किसी पार्टी की तैयारी कर रही हो । "
गार्ड की बात सुन कर समीर सोच में पड गया ।
वही सिंह कॉर्पोरेशन में । । । ।
सीईओ केबिन । । । ।
रुद्र अपनी चेयर पर बैठा हुआ था और वो सिगरेट के कश लेते हुए सामने प्रोजेक्टर पर चल रही ईश्विका की फोटो को देख रहा था । तभी रुद्र का फोन बजता है । रुद्र फोन की तरफ बिना देखे ही उसे पिक करता है । कॉल पिक होते ही फ़ोन के दूसरे तरफ वाले इंसान ने कहा - " सर वो गोवा में है । "
फोन के दूसरी तरफ वाले इंसान की बात सुन कर रुद्र ok कह कर फोन कट कर देता है फिर वो साइको की तरह ईश्विका की फोटो को देखते हुए बोला - " बेबी बहुत हुआ हाइड एंड सीक अब वक्त है तुम्हे कैद करने का । "
इतना कह कर रुद्र हंसने लगता हैं । रुद्र इस वक्त किसी साइको इंसान से कम नहीं लग रहा था ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
फोन के दूसरी तरफ वाले इंसान की बात सुन कर रुद्र ok कह कर फोन कट कर देता है फिर वो साइको की तरह ईश्विका की फोटो को देखते हुए बोला - " बेबी बहुत हुआ हाइड एंड सीक अब वक्त है तुम्हे कैद करने का । "
इतना कह कर रुद्र हंसने लगता हैं । रुद्र इस वक्त किसी साइको इंसान से कम नहीं लग रहा था ।
इन छह महीनों में काफी कुछ बदल गया था । रुद्र ने क्रुलिटी की सारी हदें पार कर दी थीं । जो जिसने भी उस कमरे में आग लगाई थी रुद्र ने उस इंसान को ढूंढ कर उसे एक दर्दनाक मौत दी थी । लेकिन उसे उस इंसान के मास्टरमाइंड का भी पता लगाना था जो कि वह इंसान बताने से पहले ही अपना दम तोड़ चुका था । रुद्र ने अपने सारा वक्त अपने बिजनेस में ही दे दिया था और उसका बिजनेस अब टॉप पर पहुंच चुका था । इंडिया की ही नहीं बल्कि बाहर के देशों की कंपनी भी रुद्र के साथ बिजनेस करना चाहती थी । बिज़नेस वर्ल्ड हो या अंडर वर्ल्ड रुद्र ने सब जगह अपनी छाप छोड़ दी थी कोई भी अगर उसके आगे आता तो रुद्र बस उसे एक ही चीज देता ओर वो थी मौत । वो भी इतनी दर्दनाक की देखने वाले की रूह तक कांप जाए ।
गोवा में । । ।
एक छोटे से अपार्टमेंट में । ।
अपार्टमेंट ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन दो लोगों के रहने के लिए काफी था । उस अपार्टमेंट में एक बेडरूम, बालकनी, किचेन, वॉशरूम, लिविंग एरिया सब था । वही उस अपार्टमेंट के किचन में एक लडकी खाना बना रही थी । उस लड़की ने अपने बालो को हल्का ढीला क्लचर से बांध रखा था । उसके बालों कि कुछ लटे उसके चेहरे को चूम रही थी । उस लड़की के मुलायम गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों पर एक प्यारी सी स्माइल थी । और वो खाना बनाते टाइम गुनगुना रही थी कि तभी उसका फोन बजता है । फोन की आवाज को सुन कर वह लडकी अपना फोन देखती है और कॉल को उठा कर खुश होते हुए बोली - " आप कैसी हो मम्मा । "
" मैं ठीक हूं । इशू बेटा । तुम कैसी हो और काम कैसा चल रहा है तुम्हारा । " फोन के दूसरी तरफ से निर्मला जी की आवाज आई ।
ये लड़की कोई और नहीं ईश्विका थी । ईश्विका निर्मला जी की बातो का जवाब देते हुए बोली - " मैं भी बिल्कुल ठीक हूं मम्मा । और काम भी बहुत अच्छा चल रहा है । "
निर्मला जी ईश्विका की बाते सुन कर इमोशनल हो जाती हैं । निर्मला जी को चुप देख कर ईश्विका ने कहा - " मम्मा please अब आप फिर से न रोना । "
" मैं रो नहीं रही बेटा । मैं तो बस थोड़ा भावुक हो गई । हमने तो बिल्कुल उम्मीद ही छोड़ दी थी कि तुम । अगर रौनक न होता तो हम तो तुम्हे खो ही । "
इतना कह कर निर्मला जी का गला भर आता है । निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका की आंखो में भी आशु आ गए । वो उस दिन के बारे में सोचने लगी जब रौनक ने उसे बचाया था ।
फ्लैश बैंक । । ।
शादी वाले दिन । । ।
ईश्विका कमरे बंद चिल्ला रही थी मगर उसकी मदद के लिए कोई भी नहीं आया था । तभी वहां पर एक वेटर आता है । वो जब ईश्विका के चिल्लाने की आवाज सुनता है तो वो जल्दी से भाग कर दरवाजे के पास जाता है मगर दरवाजे पर ताला लगा हुआ था । वेटर खिड़की की तरफ जाता है तो वो भी लॉक थी । वेटर इधर उधर देखता है तो उसे साइड में एक भारी शो पीस दिखाई देता है । वह उस शो पीस को उठाता है और खिड़की में जोर से मारता है जिस वजह से वो खिड़की टूट जाती हैं । खिड़की के टूटते ही उस खिड़की में से बहुत सारा धुआं बाहर निकलने लगता हैं । वेटर खिड़की से अंदर जाता हैं । तो उसकी नजर सामने जाती हैं । सामने देख कर वह वेटर चिल्लाया ।
" ईश्विका । "
वेटर जल्दी से भाग कर ईश्विका के पास जाता हैं । वो ईश्विका के गालों पर थपथपाते हुए बोला -" ईश्विका आंखे खोलो अपनी । ईश्विका होश में आओ । "
वेटर के थपथपाने से ईश्विका हल्की हल्की अपनी आंखे खोलती हैं । और अपनी घुटी हुई आवाज में बोलती है ।
" रौ रौ रौनक । "
इतना कह कर ईश्विका बेहोश हो जाती हैं ।
वह वेटर कोई और नहीं बल्कि रौनक ही था । जो वहां वेटर बन कर आया था । जिससे कि वो ईश्विका को यहां से ले जा सके लेकिन यहां आ कर वो हैरान रह गया था । रौनक ईश्विका को उठा ही रहा था कि तभी वहां एक आदमी आता है और वह रौनक के मुंह पर एक मुक्का मारता है ।
मुक्का पड़ते ही रौनक पीछे गिर जाता हैं । रौनक खुद को संभालते हुए उठता है । और देखता है कि उसके सामने एक आदमी खड़ा है । वह आदमी रौनक को देखते हुए बोला - " क्यों वें चिकने तू इधर क्या कर रहा है । "
उस आदमी की बात सुन कर रौनक बोला - " तुम कौन हो । "
" इससे तुझे क्या । मुझे बस इस लड़की से मतलब है । " इतना कह कर वह आदमी ईश्विका की तरफ बढ़ा ।
लेकिन वह आदमी ईश्विका को छू पाता उससे पहले ही रौनक उसे धक्का दे देता है जिससे वह आदमी पीछे गिर जाता हैं और टेबल का किनारा उसके सिर में घुस जाता हैं जिससे वह आदमी वही मर जाता हैं ।
रौनक उस आदमी को देख कर डर जाता है । लेकिन उसने ईश्विका को ले कर वहां से निकलना ठीक समझा । रौनक जल्दी से जा कर ईश्विका को अपनी गोद में उठाता है और उसे खिड़की से बाहर निकाल देता है । और खुद भी बाहर निकल कर उस कमरे में आग लगा देता जिससे किसी को कुछ पता न चले । और रौनक ईश्विका को वहां से ले कर चला जाता हैं ।
और जब रौनक ईश्विजा के घर आया था । गोपाल जी और निर्मला जी को ले कर वह एक छोटे से अपार्टमेंट में आया था । रौनक दरवाज़ा खोलता हैं और गोपाल जी और निर्मला जी को अपार्टमेंट के अंदर ले कर जाता है । अपार्टमेंट के अंदर पहुंचते ही गोपाल जी रौनक से बोले - " तुम हमे यहां क्यों ले कर आए हो । "
" एक मिनट अंकल । " गोपाल जी की बात सुन कर रौनक ने कहा ।
फिर रौनक किसी को आवाज लगाते हुए बोला - " बाहर आ जाओ । "
रौनक के इतना कहते ही एक लड़की कमरे से बाहर आती हैं । निर्मला जी और गोपाल जी उस लड़की को देख हैरान हो जाते हैं । वो उस लड़की को देखते हैं तो उनकी आँखें भर आती हैं । वह लड़की जल्दी से निर्मला जी और गोपाल जी के पास आती हैं । निर्मला जी उस लड़की को जल्दी से गले लगा कर रोते हुए बोली - " इशू बेटा । "
" मैं ठीक हूं मम्मी । " ईश्विका ने रूंधे गले से कहा ।
गोपाल जी रौनक से बोले - " बेटा इशू तुम्हारे । "
रौनक ने कहा - " अंकल इशू को वहां से पहले ही निकाल दिया था । "
" धन्यवाद रौनक बेटा हम बता नहीं सकते कि तुमने हमे कितनी खुशी दी है । तुमने हमारे घर की खुशी हमें वापस लौटा दी । तुम्हारा ये एहसान हम जिंदगी भर नहीं भूलेंगे । इसके लिए तुम्हारा जितना भी धन्यवाद करे कम है । " गोपाल जी अपने हाथ जोड़ते हुए बोले ।
रौनक गोपाल जी के हाथों को नीचे करते हुए बोला - " नहीं नहीं अंकल आप कैसी बाते कर रहे हैं । । ।
फिर रौनक ईश्विका की तरफ देखते हुए बोला -" मैं ईश्विका से प्यार करता हूं अंकल । तो कैसे मैं उसकी जान नहीं बचाता । "
रौनक की बात सुन कर गोपाल जी फिर कुछ नहीं बोले । वो भी ईश्विका को देख कर खुशी से मुस्कुराने लगे ।
कुछ देर ऐसे ही सब से खुशी से मिलने के बाद निर्मला जी किचेन में खाने बनाने के लिए चली गई और ईश्विका उनकी मदद करने के लिए उनके साथ चली गई ।
निर्मला जी और ईश्विका के जाते ही गोपाल जी और रौनक सीरियस हो कर कुछ बात करने लगे । कुछ देर बात करने के बाद रौनक बोला - " क्या ये प्लान काम करेगा अंकल । और अगर उस रुद्र सिंह को इसके बारे मे पता चला तो । "
रौनक की बात सुन कर गोपाल जी बोले -" दुनिया और उस रुद्र के सामने ईश्विका मर चुकी है इसीलिए उन्हें इस बात की कोई भनक नहीं होगी कि ईश्विका जिंदा है या वो कहीं और है और मैं इशू को यहां से दूर भेज दूंगा जहां कोई भी उसे न ढूंढ पाए । "
" जी अंकल ये ही ठीक रहेगा कि हम ईश्विका को यहां से कहीं और भेज दें जिससे वो अपनी जिंदगी शांति के साथ बिता सकें । " रौनक बोला ।
तभी उन्हें निर्मला जी की आवाज आई ।
" आइए नाश्ता लग गया है । "
निर्मला जी की आवाज सुन कर गोपाल जी रौनक से बोले -" इस बारे मे बाद मे बात करते हैं । अभी नाश्ता करते हैं । "
गोपाल जी की बात सुन कर रौनक ने हां में सिर हिलाया फिर गोपाल जी और रौनक ब्रेकफास्ट के लिए चले गए । सभी आ कर टेबल पर बैठ गए निर्मला जी और ईश्विका ने ब्रेकफास्ट सर्व किया और फिर वह लोग खुद भी खाने के लिए बैठ गए । थोड़ी देर में सब का ब्रेकफास्ट खत्म हो जाता है । निर्मला जी और ईश्विका किचन में बर्तन रखते हैं और फिर बाहर आते हैं । गोपाल जी निर्मला जी से बोले - " चलिए निर्मला जी अब हमे चलना चाहिए । "
गोपाल जी की बात पर निर्मला जी ने हां में सिर हिलाया और फिर वो ईश्विका से बोली - " चलो इशू बेटा अपने घर चलते हैं अब । "
निर्मला जी की बात सुन कर ईश्विका खुशी से अपना सिर हां में हिलाती है तो गोपाल जी बोले - " नहीं ईश्विका हमारे साथ नहीं जाएगी । "
गोपाल जी की बात सुन कर ईश्विका और निर्मला जी गोपाल जी की तरफ देखने लगे । निर्मला जी बोली - " ये आप क्या कह रहे है इशू के पापा । "
गोपाल जी ने कहा - " मैं जो भी कह रहा हूं बिल्कुल सही कह रहा हूं निर्मला जी । हमे अभी ईश्विका को यहां से कहीं और भेजना होगा । जिससे कि रुद्र सिंह की नजर इस पर न पड़े । "
निर्मला जी गोपाल जी की बात समझ गई थी कि आखिर क्यों वो ईश्विका को अपने घर नहीं ले जाना चाहते । निर्मला जी गोपाल जी की बात पर बोली - " पर कहां । "
रौनक ने कहा - " इसका सारा इंतजाम हमने पहले ही कर दिया है आंटी जी । ईश्विका को अभी एक घंटे बाद ही निकलना होगा उसकी बस है । "
रौनक की बात सुन कर ईश्विका और निर्मला जी और हैरान हो गई । निर्मला जी ने कहा -" पर इशू के पापा हम इतनी जल्दी कैसे क्या हम कुछ देर और नहीं अपनी बेटी के साथ रह सकते । "
" निर्मला जी ईश्विका को अभी जाना जरूरी है क्योंकि दुनिया की नजर में और रुद्र सिंह की नजर में ईश्विका मर चुकी हैं । अगर उस रुद्र सिंह को जरा सी भी भनक लगी कि ईश्विका जिंदा है तो पता नहीं वो इस बार क्या करे । " गोपाल जी ने कहा ।
निर्मला जी को भी गोपाल जी की बात सही लग रही थी आखिर वो रुद्र सिंह था जिसे एक भनक भी लगी कि ईश्विका जिंदा है तो कुछ भी कर सकता था । निर्मला जी ने कहा - " जी ठीक है । "
गोपाल जी ने ईश्विका से कहा - " इशू बेटा अपना ख्याल रखना । बस कुछ समय की बात है जैसे ही यहां सब कुछ नॉर्मल होगा तो मैं यहां से ट्रांसफर ले कर तुम्हारी मम्मी को ले कर तुम्हारे पास आ जाऊंगा । अभी तुम रौनक के साथ यहां से चली जाओ । "
गोपाल जी की बात सुन कर ईश्विका भावुक हो जाती है । वह गोपाल जी के गले लग कर रोते हुए बोली -" जल्दी आइएगा पापा । मैं आपको बहुत मिस करूंगी । "
गोपाल जी ने ईश्विका को शांत कराया । फिर ईश्विका निर्मला जी के गले लग गई । निर्मला जी ईश्विका से बोली -" अपना ख्याल रखना बेटा । "
फिर ईश्विका और रौनक अपने चेहरे को कवर करते हैं और वहां से चले जाते हैं ।
फ्लैशबैक खत्म । ।
प्रेजेंट टाइम । ।
ईश्विका और निर्मला जी अभी भी भावुक हो कर बात कर रही थी कि तभी ईश्विका के दरवाज़े की डोर बेल बजती है । डोरबेल की आवाज को सुन कर ईश्विका निर्मला जी से बोली - " अच्छा मम्मी मैं आपसे बाद मे बात करती हूं शायद रौनक आ गया है । "
ईश्विका की बात सुन कर निर्मला जी ने कहा - " अच्छा ठीक है । अपना ख्याल रखना । "
" जी मम्मी और आप भी अपना ख्याल रखना । " इतना कह कर ईश्विका ने फोन कट कर दिया और फिर दरवाज़ा खोलने के चली जाती हैं ।
वही दरवाजे की डोर बेल कोई बार बार बजा रहा था । डोर बेल की आवाज सुन कर ईश्विका ने कहा - " अरे आ रही हूं थोड़ा सब्र करो । दरवाजे को ही तोड़ दोगे क् । " जैसे ही ईश्विका ने दरवाज़ा खोला तो उसके आगे शब्द मुंह में ही रह गए । उसकी आंखे हैरानी और डर से बड़ी हो गई ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
उसकी आंखे हैरानी और डर से बडी हो गई ।
ईश्विका अपनी आंखों में डर और हैरानी लिए अपने सामने खडे इंसान को देख ही रही थी कि तभी ईश्विका के कानों में एक दमदार आवाज आई ।
सरप्राइज बेबी ।
आवाज को सुन कर ईश्विका अपने सेंस में आई और जल्दी से दरवाजे को बंद करने लगी. लेकिन उस इंसान ने दरवाजे को अपने एक हाथ से बीच में ही रोक लिया । . ईश्विका अपनी पूरी ताकत लगा कर दरवाजे को बंद कर रही थी लेकिन फिर भी वह उस दरवाजे को बंद नहीं कर पा रही थी. दरवाजे पर खडा इंसान बहुत ताकतवर था कहां ईश्विका उसका सामना कर पाती. दरवाजे पर खडे इंसान को ईश्विका पर तरस आ गया इसलिए उसने एक झटके के साथ उस दरवाजे को खोला जिस वजह से वो दरवाजा पूरा खुल गया या You कहे कि टूटने की कगार पर आ गया था ।
वही झटके की वजह से ईश्विका भी पीछे हो गई. और वो अपनी आंखों में डर लिए अपने सामने खडे इंसान को देख रही थी. किसी शेर की तरह चलते हुए उसी की तरफ आ रहा था जैसे ईश्विका का उसका शिकार हो. उस इंसान की आंखे हद से ज्यादा लाल थी. कुछ गुस्से से तो कुछ न सोने की वजह से. वह इंसान एक खूंखार शेर लग रहा था ।
वह इंसान अपना एक एक कदम ईश्विका की तरफ बढा रहा था और ईश्विका डर से अपना एक एक कदम पीछे ले रही थी ।
ईश्विका इधर उधर देखते हुए भागने की कोशिश करने लगी लेकिन वह इंसान काफी तेज था उसने अपना एक कदम बढा कर तेजी से ईश्विका के हाथ को पकड लिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया. ईश्विका सीधे उस इंसान के सीने से जा लगी. उस इंसान ने ईश्विका जबडे को पकड लिया और उसे कश के दबाते हुए गुस्से से बोला- बोला था न कि मुझसे भागने की या दूर जाने की कोशिश भी मत करना. मगर फिर भी तुम मुझसे दूर गई ।
इतनी कश के पकडने की वजह से ईश्विका के गालों में दर्द होने लगा था.
वह इंसान ईश्विका के चेहरे को पकडते हुए आगे बोला- Now you will see the fierce form of Rudra Singh.
इतना कह कर रुद्र ने ईश्विका को अपने पर कंधे पर उठा लिया और उसे अंदर बेडरूम में ले जाने लगा. ईश्विका रुद्र से खुद को छुडाने के लिए उसकी पीठ पर हाथ मारने लगी. लेकिन रुद्र को ईश्विका के हाथो से कोई फर्क नहीं पडा और फर्क पडता भी कैसे कहां रुद्र सिंह एक लंबा चौडा ताकतवर इंसान और कहां ईश्विका एक नाजुक सी फूल जैसी लडकी.
रुद्र इश्विका को बेड Room ला कर बेड पर गिरा देता है. ईश्विका जल्दी से बेड से उठ कर दरवाजे की तरफ भागी लेकिन रुद्र ने उसे फिर से पकड कर बेड पर पटक दिया और उस के दोनों हाथों को पकड ऊपर कर देता है और अपने एक हाथ से पकड कर दूसरे हाथ से उसकी ठोडी को उसके चेहरे को ऊपर उठाता है और फिर ईश्विका के मुलायम होठों पर अपने होठ रख देता है और ईश्विका को बेदर्दी से चूमने लगता हैं ।
ईश्विका रुद्र से खुद को छुडाने की कोशिश कर रही थी मगर रुद्र उसे हिलने अपनी जगह से हिलने दे तब न वो रुद्र से खुद को छुडा पाए. रुद्र ने उसे पूरी तरह से अपने नीचे दबोच रखा था. जैसे कोई शेर अपने शिकार को दबोच लेता है ।
ईश्विका अपने चेहरे को दूसरी तरफ करने की कोशिश करती हैं मगर रुद्र ने ईश्विका के चेहरे को कस कर पकड रखा था जिस वजह से ईश्विका अपने चेहरे को हिला भी नहीं पा रही थी. वही रुद्र ईश्विका को गहराई से चूम रहा था. ईश्विका को जब लगा कि वो रुद्र से नहीं छूट पाएगी तो वह कोशिश करना बंद कर देती हैं. और रुद्र को अपनी मनमानी करते देती हैं ।
वही रुद्र जब देखता है कि ईश्विका अब हिल ढुल नहीं रही है तो वह ईश्विका के होठों को छोड कर ईश्विका को देखता है जो बिना किसी भाव के रुद्र के नीचे लेटी रुद्र को ही बिना भाव के देख रही थी. ईश्विका के बिना भाव के चेहरे को देख कर रुद्र फिर से इश्विका के होठों पर अपने होठ रख कर उसे फिर से Kiss करने लगता हैं मगर ईश्विका फिर कोई रिएक्ट नहीं करती वो ऐसे ही किसी जिंदा लाश की तरह रुद्र के नीचे ही लेटी रहती है ।
ईश्विका को कोई रिएक्ट न करता देख रुद्र ईश्विका को गुस्से से देखता है और उस के ऊपर से उठता है और ईश्विका के हाथ को पकड कर ईश्विका को खींच कर बेड से खडा करता है. रुद्र के खींचते ही ईश्विका रुद्र के खींच कर एक गाल पर चांटा मारती है. जिस से रुद्र का चेहरा एक तरफ छुक जाता हैं. और रुद्र ईश्विका का हाथ छोड देता है ।
रुद्र के हाथ छोडते ही ईश्विका वहां से बाहर जाने लगती हैं लेकिन तभी रुद्र ईश्विका के हाथ को पकड कर अपनी तरफ खींचता है और उसे अपनी गोद में उठा लेता है. और ईश्विका की दोनों टांगों को अपनी कमर पर बांध लेता है. ईश्विका रुद्र के कंधो पर मुक्के मारते हुए बोली- छोडो मुझे ।
ईश्विका रुद्र के कंधो पर मुक्के मारते हुए बस खुद को छोडने के चिल्लाने लगती हैं. लेकिन रुद्र ईश्विका को भी छोडता. रुद्र इश्विका को वही साइड में रखी डेस्क पर बैठा देता है और उसके करीब आ कर तिरछी स्माइल करते हुए बोला- तुम्हारा इस तरह हमला करना. वाकई काबिले तारीफ है. मगर ।
फिर रुद्र ईश्विका की गर्दन पर धीरे धीरे चूमते हुए आगे बोला- ये तब और भी ज्यादा दिलचस्प होगा जब तुम अपनी ये एनर्जी बेड पर मेरे नीचे होगी ।
इतना कह कर रुद्र ईश्विका को Kiss करते हुए नीचे की तरफ बढने लगता हैं ।
वही ईश्विका रुद्र से खुद को छोड देने के लिए चिल्ला रही थी. उसे खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी. मगर रुद्र वो तो अपनी जगह से हिलता तक नहीं ।
Please leave me. Please do not do this. Please I beg you. please leave me"
ईश्विका की आंखे और गाल आशुओं से गीले हो चुके थे. उसका गला भर आया था ।
ईश्विका के आशु और उसे इस तरह रोता देख रुद्र एक गहरी सांस ले कर ईश्विका की गर्दन से अपने चेहरे को निकालता हैं और ईश्विका की तरफ देखते हुए उसके आंख से निकलते हुए आशुओं को पौंछते हुए बोला- ok leave it"
फिर रुद्र थोडा रुक कर आगे बोला- for our wedding night"
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका जो थोडी सी शांति मिली थी वो रुद्र की आगे की बात सुन कर हैरानी में बदल गई. ईश्विका हैरानी से रुद्र की तरफ देखती हैं तो रुद्र ईश्विका के गालों को पकड कर बोला- अगर तुमने फिर से भागने की या मुझसे दूर जाने की कोशिश भी की तो I will kill your parents"
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका नफरत से रुद्र की तरफ देखते हुए बोली- तुम सच में एक घटिया इंसान हो ।
Thanks" for compliment my baby" ईश्विका की बात सुन कर रुद्र तिरछी स्माइल करते हुए बोला ।
इतना कह कर रुद्र ईश्विका के माथे को चूमता है और ईश्विका को गोद में उठा कर वहां से ले जाता हैं ।
एक बड़े से मेंशन में ।
वह मेंशन बहुत बड़ा और सुंदर था लेकिन दिखने में उतना ही खतरनाक भी था । उस मैंशन पर बहुत सुंदर तरीके से हेल मैंशन लिखा हुआ था । उस मैंशन का ब्लैक और ग्रे कलर थीम उसे ओर भी डरावना बना रहे थे । उस मैंशन का इंटीरियर भी 🖤 ब्लैक थीम था ।
वही मेंशन के एक बड़े से सोफे पर रुद्र हेड रेस्ट पर अपने हाथ फैलाए बैठा था । रुद्र की आंखे इस वक्त बंद थी । रुद्र इस वक्त शांत था लेकिन उसके अंदर एक तूफान चल रहा था जो किसी को भी जान से मार सकता था ।
तभी वहां समीर आता है । समीर रुद्र के सामने सिर झुकाते हुए बोला - " अपने बुलाया बॉस । "
समीर की आवाज को सुन कर रुद्र अपनी आंखे खोलता हैं जो कि हद से ज्यादा लाल थी । एक पल के लिए तो समीर भी रुद्र की उन आंखों को देख कर डर गया । मगर फिर वो खुद को संभालकर सीधे खड़ा हो जाता हैं ।
समीर को देख कर रुद्र ने अपनी भरी आवाज में कहा - " तुम्हे एक काम करना है मेरा । "
" जी सर । " समीर ने कहा ।
तो रुद्र समीर से कुछ कहता है और समीर " जी बॉस " कह कर वहां से चला जाता हैं ।
अगले दिन ।
हेल मैंशन ।
हेल मैंशन के एक कमरे में ईश्विका बेड पर अपने घुटनों में सिर झुकाए बैठी हुई थीं । तभी वहां एक सर्वेंट हाथों में खाने की ट्राली लिए आती हैं । सर्वेंट खाने को ईश्विका के पास रखते हुए बोली - " मैडम ब्रेकफास्ट कर लीजिए । "
सर्वेंट की बात सुन कर ईश्विका उस सर्वेंट और खाने को देखते हुए गुस्से से बोली -" ले जाओ इसे यहां से मुझे कुछ नहीं खाना । "
सर्वेंट ने कुछ नही कहा और वह फिर से बोली -" मैडम प्लीज खाना खा लीजिए । "
सर्वेंट की बात सुन कर ईश्विका ने फिर से गुस्से में कहा -" क्या तुम्हे सुनाई नहीं देता मैने क्या कहा । तुम और तुम्हारा ये खाना दोनों लो और इस कमरे से बाहर निकल जाओ । मुझे कुछ नहीं खाना । "
मगर इस बार भी सर्वेंट ने ईश्विका की बात पर न तो कोई रिएक्ट किया और न ही कोई रेस्पॉन्स किया बस किसी 🤖 रोबोट की तरह फिर से एक ही बात को दोहराया ।
" मैडम प्लीज खाना खा लीजिए । "
सर्वेंट को फिर से एक ही बात बोलता देख और अपनी जगह से हिलता न देख ईश्विका बेड से नीचे खड़ी होती हैं और उस सर्वेंट का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर की तरफ ले जाते हुए बोली - " क्या तुम पागल हो या तुम्हे सुनाई देता कि मुझे खाना नहीं खाना । "
लेकिन ईश्विका सर्वेंट को बाहर कमरे से बाहर निकाल पाती उससे पहले ही उसके कानो में एक रौबदार और बेहद ही अट्रेक्टिव आवाज आई ।
" जब तक तुम ब्रेकफास्ट नहीं कर लेती तब तक वो कमरे से तो क्या अपनी जगह से हिल भी नहीं सकती । "
आवाज को सुन कर ईश्विका की दरवाजे की तरफ देखती है जहां से इस वक्त रुद्र अपनी पेंट की पॉकेट में हाथ डाले किसी हैंडसम डेविल की तरह अंदर आ रहा था ।
रुद्र इश्विका के पास जा कर खड़ा हो गया । रुद्र को देख कर सर्वेंट ने अपना सिर नीचे झुका लिया और वही ईश्विका ने रुद्र से अपना मुंह फेर लिया ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
रुद्र इश्विका के पास जा कर खड़ा हो गया । रुद्र को देख कर सर्वेंट ने अपना सिर नीचे झुका लिया और वही ईश्विका ने रुद्र से अपना मुंह फेर लिया ।
ईश्विका को इस तरह मुंह फेरता देख रुद्र की आंखे कठोर हो गई । वही ईश्विका अभी भी रुद्र से मुंह फेर कर खड़ी थी कि तभी उसके कानो में सर्वेंट की जोर से दर्दभरी चीख सुनाई दी ।
चीख सुन कर ईश्विका जल्दी से सर्वेंट की तरफ देखती हैं । मगर जैसे ही ईश्विका सर्वेंट को देखती हैं तो उसकी आंखे हैरानी और डर से बड़ी हो जाती हैं । उसका शरीर डर से कांपने लगा था । उसके कदम लड़खड़ाने लगे थे । रुद्र ने 🍴 फोर्क को उठाया और सर्वेंट के हाथ में घुसा दिया था जिससे दर्द से वह सर्वेंट चीख पड़ी । वह सर्वेंट दर्द से तड़प रही थी ।
सर्वेंट की दर्द भरी चीख और उसकी तड़प ईश्विका से देखी नहीं जा रही थी इसलिए वो रुद्र के हाथ को झटकते हुए बोली - " क्या तुम पागल हो गए हो । छोड़ो उसे । "
इतना कह कर ईश्विका उस सर्वेंट के हाथ के घाव को देखने लगती हैं । मगर ईश्विका सर्वेंट के हाथ को छू भी पाती उससे पहले ही रुद्र ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने सीने से लगाते हुए बोला - " तुम्हे उसके घाव को देखने की कोई जरूरत नहीं है ये उसकी पनिशमेंट है । "
ईश्विका डर और घबराहट से रुद्र से बोली -" पनिशमेंट कैसी पनिशमेंट और क्यों आखिर उसने ऐसा क्या किया है जो तुम ने उसे । "
ईश्विका इतना बोली ही थी कि रुद्र ईश्विका की ठोड़ी को पकड़ कर ईश्विका के चेहरे को ऊपर करते हुए बोला -" मैने इसे ऑर्डर दिया था बेबी कि ये तुम्हे ब्रेकफास्ट कराए लेकिन इसने अपना काम पूरा नहीं किया । देखो ये तुम्हे ब्रेकफास्ट नहीं करा पाई इसीलिए इसे पनिशमेंट मिली है । "
" क्या तुम पागल हो । खाना खाने के लिए मैने मना किया है । उसमें उसकी क्या गलती है । जो तुम उसे इस तरह से टॉर्चर कर रहे हो । जो भी क्या है मैने किया है तो मुझसे बोलो न । " ईश्विका रुद्र पर चिल्लाते हुए बोली ।
ईश्विका की बातो का रुद्र बहुत ही शांत तरीके से जवाब देते हुए बोला - " माई इनोसेंट बेबी गर्ल इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है । गलती तो इस सर्वेंट की है जो ये अपना काम अच्छे से नहीं कर पाई । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को डर और आश्चर्य से देखने लगती हैं । उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था उसे रुद्र कोई पागल साइको इंसान लग रहा था । ईश्विका अभी ये सब सोच ही रही थी कि उसके कानो में एक बार फिर से उस सर्वेंट को दर्द भरी चीख सुनाई दी । चीख को सुन कर ईश्विका सर्वेंट की तरफ देखती है जो दर्द से नीचे बैठी अपने दूसरे हाथ से अपने हाथ को पकड़ रखा था । सर्वेंट के हाथ से खून पानी की तरह बह रहा था और वह दर्द से तड़प रही थी ।
रुद्र ने सर्वेंट का हाथ चाकू से काट दिया था । सर्वेंट को देख कर ईश्विका अपने मुंह पर अपने हाथ रख लेती हैं । उससे ये सब और नहीं देखा जा रहा था । ईश्विका जोर से चिल्लाई । ।
" प्लीज बंद करो अपना ये खूनी खेल । प्लीज उसे छोड़ दो । मैं तुम्हारी सारी बाते मानूंगी प्लीज उसे जाने दो । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र कुछ इशारा करता है तो दो गार्ड आ कर उस सर्वेंट को ले जाते है । सर्वेंट के जाते हैं ही रुद्र रिमोट का एक बटन दबाता हैं तो कमरे का दरवाज़ा अपने आप ही बंद हो जाता हैं । रुद्र इश्विका को अपनी तरफ घुमाता है और उसे बेड बैठा देता है । ईश्विका के हाथ अभी भी उसके चेहरे पर थे और वो अभी डर से सिसक रही थीं । रुद्र इश्विका के हाथो को उसके चेहरे से हटाता है । और ईश्विका के चेहरे को देखने लगता हैं । जो रोने की वजह से लाल पड़ गया । उसकी आंखे इस वक्त बंद थी और उसकी आंखों से आशु बह रहे थे । और उसके होठ अभी भी कांप रहे थे । ।
रुद्र इश्विका के चेहरे को बहुत ही ध्यान से देख रहा था फिर वह धीरे धीरे कर के ईश्विका के चेहरे की तरफ बढ़ने लगा । रुद्र अपने होठ ईश्विका के गालों पर धीरे धीरे चलाते हुए उसके आंसुओं को पी रहा था । ।
ईश्विका को जब अपने चेहरे पर किसी की गर्म सांसे और कुछ रेंगता सा महसूस होता है तो वह अपनी आंखे खोलती हैं । और रुद्र को अपने इतने करीब देख कर वह गुस्से में भर जाती हैं । जहां उसका चेहरा रोने से लाल था अब वह गुस्से से लाल हो गया था । ।
ईश्विका रुद्र को धक्का देते हुए बोली - " दूर हटो मुझसे तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की । तुम एक हैवान हो । मुझे घिन आती हैं तुमसे । "
रुद्र को इस तरह के अचानक धक्के की उम्मीद नहीं थी इसलिए वो खुद सम्भाल नहीं पाया और पीछे की तरफ गिर गया । रुद्र को ईश्विका का इस तरह धक्का देना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा । उसे बहुत गुस्सा आया । और ऊपर से ईश्विका की बाते जो रुद्र के गुस्से की आग को हवा देने के लिए काफी थी ।
रुद्र अपनी खतरनाक गुस्से से भरी लाल आंखों से ईश्विका की तरफ देखता है । रुद्र की नजरो को देख कर ईश्विका अंदर अंदर ही डरने लगी । रुद्र की आंखो को देख कर उसे अब अहसास हो रहा कि उसने क्या बोल दिया है । ईश्विका रुद्र से बचने के लिए जल्दी से 🛏️ बेड से नीचे उतर कर भागने लगी । मगर रुद्र को जैसे शायद ईश्विका के इरादों की भनक थी इसलिए उसने तेजी से भाग कर ईश्विका का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसे अपनी गोद में उठा लिया ।
रुद्र के मूव काफी तेज थे जिस वजह से ईश्विका को समझ नहीं आया वो तो बस रुद्र के एक्शन को देखती ही रह गई । रुद्र इश्विका को बेड की तरफ ले जाते हुए अपनी खतरनाक आवाज में बोला - " तो तुम्हे घिन आती है मुझसे । और मेरे छूने से । "
फिर रुद्र ईश्विका को बेड पर पटकते हुए अपने गले टाई को खोलते हुए बोला - " मैं तुम्हे बताता हूं कि असल में घिनौना क्या होता है । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका को कुछ गलत होने का अंदेशा होने लगा । वो डर से बेड पर पीछे घिसकते हुए बोली -" तुम क्या करने वाले हो । देखो मेरे पास मत आना । "
ईश्विका इतना बोली ही थी कि रुद्र ने उसका पैर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके ऊपर आ गया ।
और ईश्विका के होठों को बहुत ही बेदर्दी से चूमने लगा । ईश्विका रुद्र से खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी । मगर रुद्र पर तो जैसे आज उसका गुस्सा हावी था । ईश्विका को अब सांस लेने में प्रॉब्लेम होने लगी थी । रुद्र जब देखता है कि ईश्विका सांस नहीं ले पा रही है तब जा कर वह उसके होठों को छोड़ता है । और फिर उसकी गर्दन को चूमने लगता है । रुद्र के हाथ धीरे धीरे ईश्विका की टीशर्ट के अंदर जा कर ईश्विका के कमर और पेट पर चलने लगते है । रुद्र के हाथ अपने अंदर महसूस कर ईश्विका को झटका सा लगता हैं । उसका दिल डर और अनहोनी से कांपने लगता हैं ।
ईश्विका रुद्र के नीचे झटपटाने लगती है और खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगती हैं । मगर रुद्र उसे हिलने तक नहीं दे रहा था । रुद्र इश्विका की टीशर्ट को एक झटके से उसके शरीर से अलग कर देता है ।
अब रुद्र की आंखो के सामने ईश्विका का गोरा मखमल जैसा शरीर था । रुद्र इश्विका के उस गोरे और मखमल जैसे शरीर को अपनी जुनून भरी नजरो से देखते हुए नीचे झुका और उसके शरीर को बेतहाशा चूमने लगा । रुद्र इश्विका को चूमते हुए आगे बढ़ रहा था । आज ऐसा लग रहा था जैसे वो अपनी सारी हदें पार कर देगा ।
मगर तभी उसके कानो में ईश्विका के रोने की आवाज आई । ईश्विका के रोने की आवाज को सुन कर रुद्र अपनी जगह रुक गया और उसे एहसास हुआ कि वो अपने गुस्से में अभी ये सब क्या करने जा रहा था । रुद्र ने अपनी आंखे बंद की और फिर एक झटके के साथ खोली । फिर रुद्र ईश्विका के ऊपर से उठा और ईश्विका के ऊपर ब्लैंकेट डाल कर कमरे से बाहर चला गया ।
वही रुद्र के जाते ही ईश्विका ब्लैंकेट से खुद को कवर कर के जोर जोर से रोने लगी ।
वही रुद्र अपने कमरे मे जा कर सीधे बाथरूम में जा कर शावर ऑन कर उसके नीचे खड़ा हो जाता हैं । शॉवर का ठंडा पानी रुद्र के ऊपर गिर रहा था । रुद्र खुद को और अपने गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रहा था । आज वो अपने गुस्से में ईश्विका के साथ क्या करने जा रहा था ।
रुद्र गुस्से दीवार में जोर से मुक्का मारता है । रुद्र के हाथो से खून निकलने लगता है । नीचे पूरा फर्श खून से लाल हो जाता हैं । लेकिन रुद्र के चेहरे पर दर्द का एक कतरा भी नहीं था । वो एक टक बस सामने दीवार को ही देख रहा था ।
शाम का वक्त । ।
सूरज ढलने लगा था । और ईश्विका अभी भी खुद को ब्लैंकेट में कवर कर सिसक रही थी । तभी कमरे का दरवाज़ा कोई खटखटा ता है । ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
शाम का वक्त । ।
सूरज ढलने लगा था । और ईश्विका अभी भी खुद को ब्लैंकेट में कवर कर सिसक रही थी । तभी कमरे का दरवाज़ा कोई खटखटा ता है । ।
एक सर्वेंट कमरे के अंदर आती हैं उसके हाथ में एक बड़ा सा पैकेट था । वह सर्वेंट ईश्विका से बोली - " मैडम सर ने ये आपके लिए भिजवाया है और कहा है कि जल्दी से रेडी हो जाइए थोड़ी देर में बॉस आपको लेने आएंगे । "
सर्वेंट की बात सुन कर ईश्विका ने कहा -" मुझे कहीं नहीं जाना । "
" पर मैडम ये बॉस का ऑर्डर है उन्होंने आपको जल्दी से रेडी होने को कहा है । " सर्वेंट ने फिर से कहा ।
ईश्विका इस बार गुस्से से बेड से उठते हुए बोली - " मैने कहा न कि मुझे कहीं नहीं जाना । "
ईश्विका गुस्से से सर्वेंट के हाथ से उस पैकेट को ले कर नीचे फेक देती हैं । पैकेट का सामान पैकेट से बाहर निकल आता है । ईश्विका की नजर जब उस पैकेट पर जाती हैं तो उसमें शादी का एक खूबसूरत सा दुल्हन का लहंगा था ।n
तभी उस कमरे मे एक दमदार और रौबदार आवाज आई ।
" लगता हैं तुम अपनी फैमिली से नहीं मिलना चाहती माई बेबी गर्ल । "
आवाज को सुन कर सर्वेंट जल्दी से उस लहंगे को उठाती हैं । रुद्र कमरे मे अंदर आता है । रुद्र ने शेरवानी पहन रखी थी जिसमें वह बहुत ही हैंडसम और आकर्षक लग रहा था । ईश्विका रुद्र की तरफ देखते हुए बोली -" क्या मतलब है तुम्हारा । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र सर्वेंट के आगे अपना हाथ करता है तो सर्वेंट उस लहंगे को रुद्र को दे देती हैं । और फिर सर्वेंट वहां से चली जाती हैं । रुद्र उस लहंगे को ईश्विका के हाथो में पकड़ाते हुए बोला - " अगर अपनी फैमिली को जिंदा देखना चाहती हो तो अभी के अभी ये पहन कर रेडी हो जाओ ।"
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका गुस्से से बोली -" तुम सच में हैवान हो । "
रुद्र तिरछी स्माइल करते हुए बोला - " और मुझे हैवान बनने पर भी तुमने मजबूर किया है । "
ईश्विका वहां से चेंज करने चली जाती हैं । और रुद्र कमरे से बाहर निकल कर दो सर्वेंट को ईश्विका को रेडी करने के लिए भेज देता है ।
ईश्विका लहंगे को पहन कर बाहर आती है । तो वो दो सर्वेंट ईश्विका को रेडी करने लगती है । ईश्विका शांत और बेजान सी शीशे के आगे बैठी हुई थीं और वो दोनो सर्वेंट इश्विका को ज्वैलरी पहना रही थी ।
एक घंटे बाद ।
ईश्विका रेडी हो चुकी थी । वो उस दुल्हन के जोड़े में बहुत सुंदर लग रही थी । हाथों में लाल चूड़ा, गले में रानी हार, पैरों में पायल, नाक में नथ, ईश्विका किसी महारानी से कम नहीं लग रही थी । बस कमी थी तो एक मुस्कान की ।
एक सर्वेंट ने ईश्विका को देखते हुए कहा - " आप बहुत सुंदर लग रही मैडम । बॉस तो आपको देख कर पागल ही होने वाले है । "
दूसरी सर्वेंट भी उस सर्वेंट की बात पर सहमति जताते हुए बोली -" जी मैडम आप स्वर्ग की अप्सरा सी लग रही है जैसे कि आप स्वर्ग से इस धरती पर आई हो । "
सर्वेंट की बात सुन कर ईश्विका अपनी पलके उठा कर खुद को शीशे में देखती हैं तो उसकी आंखों से एक आंसु गिर जाता हैं ।
तभी वहां रुद्र आता है । उसकी नजर जैसे ही ईश्विका पर गई तो वो उसे देखता ही रह गया । रुद्र को देख कर वो दोनो सर्वेंट वहां से चले जाते है । रुद्र इश्विका को अपनी जुनून भरी नजरो से देखते हुए उसके पास आता है ।
रुद्र इश्विका के कंधो पर हाथ रख झुक उसके कंधे पर अपनी ठोड़ी को टिकाते हुए इश्विका के अक्स को शीशे में देखते हुए हुआ बोला - " you are looking so gorgeous baby "
फिर रुद्र ईश्विका की गर्दन को स्मेल करते हुए बोला - " you know what I loose my control. I am waiting for our wedding night baby to impatience"
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका अपना चेहरा गुस्से से दूसरी तरफ कर लेती हैं । ईश्विका को इस तरह मुंह फेरता देख रुद्र आगे बोला - " मुझे फरिश्ता और चमत्कार में विश्वास नहीं था । मगर तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना किसी चमत्कार से कम नहीं । तुमने मेरी इस बेरंग जिंदगी में रंग भर दिया है । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका एक व्यंग भरी हंसी हंसते हुए बोली -" चमत्कार मगर मेरी जिंदगी में तुम्हारा आना किसी शैतान से कम नहीं । जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो तब से मेरी जिंदगी के सारे रंग उड़ गए हैं । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र की पकड़ ईश्विका की गर्दन पर कस गई । जिससे ईश्विका का चेहरा ऊपर उठ जाता हैं । रुद्र इश्विका के गालों पर अपने होठ चलाते हुए बोला - " तो अब तैयार हो जाए तुम्हे अपनी सारी जिंदगी इसी शैतान के साथ बितानी है । "
इतना कह कर रुद्र ईश्विका का हाथ पकड़ता है और उसे कमरे से बाहर ले जाता हैं ।
नीचे हॉल में ।
हॉल को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था और हॉल के बीचों बीच मंडप लगाया था । मंडप से थोड़ी ही दूरी पर सोफे रखे हुए थे । जिन पर गोपाल जी, निर्मला जी और कुछ गेस्ट बैठे हुए थे । और रुद्र के आदमी उन पर बंदूक ताने खड़े थे । मंडप में पंडित जी बैठे हुए थे । और वो डर से कांप रहे थे । वहां का माहौल देख कर ।
थोड़ी देर बाद हाथो में हाथ डाले ईश्विका और रुद्र नीचे हॉल में आते हैं । जैसे ही गोपाल जी और निर्मला जी पर ईश्विका की नजर गई तो वो जल्दी से उनके पास जाने लगी । मगर रुद्र की पकड़ ईश्विका के हाथ मजबूत थी । ईश्विका अपने हाथ को देखती हैं जिसे रुद्र ने पकड़ रखा था । तो रुद्र ईश्विका को खींच कर खुद के करीब करते हुए बोला - " सोचना भी मत । "
इतना कह कर रुद्र ईश्विका को ले कर मंडप की तरफ चला जाता हैं । और ईश्विका बेबस नजरों से गोपाल जी और निर्मला जी को देखती रह जाती हैं । गोपाल जी और निर्मला जी भी ईश्विका को अपनी नम आंखों से देखते हैं । मगर वो कुछ कर नहीं सकते थे क्योंकि उनके सामने मुम्बई का 👑 किंग था ।
रुद्र ईस्विका को ले कर मंडप में बैठने ही वाला था कि ईश्विका रुद्र को धक्का देती है और पास ही खड़े गार्ड की पॉकेट से गन को निकाल कर रुद्र के ऊपर पॉइंट कर देती हैं ।
इश्विका रुद्र के सीने पर बंदूक को तानते हुए बोली - " पीछे हटो वरना मैं गोली चला दूंगी । "
मगर रुद्र पीछे नहीं हटता वह धीरे धीरे ईश्विका की तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए बोला - " ok my innocent baby girl shoot me"
रुद्र को अपनी तरफ यू बढ़ता देख ईश्विका फिर से बोली - " मैं सच कह रही हूं मैं गोली चला दूंगी । पीछे हटो और मुझे और फैमिली को जाने दो यहां से । "
" मैं भी सच कह रहा हूं बेबी । तुम अब मुझसे दूर नहीं जा सकती इफैक्ट मेरे जीते जी तो कभी नहीं । So shoot me " रुद्र ने तिरछी स्माइल करते हुए कहा ।
रुद्र की बात सुन कर और रुद्र को अपनी तरफ यू बढ़ता देख ईश्विका के हाथ डर से कांप रहे थे । वही रुद्र भी ईश्विका की तरफ बढ़ रहा था । ।
मगर तभी ईश्विका ने बंदूक को अपनी तरफ मोड़ लिया और अपने माथे पर बंदूक तानते हुए बोली - " ठीक है । तुमसे शादी करने से अच्छा है मैं खुद को ही खत्म कर लेती हूं । जब मैं ही नहीं रहूंगी तो तब तुम क्या करोगे । "
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
मगर तभी ईश्विका ने बंदूक को अपनी तरफ मोड़ लिया और अपने माथे पर बंदूक तानते हुए बोली - " ठीक है । तुमसे शादी करने से अच्छा है मैं खुद को ही खत्म कर लेती हूं । जब मैं ही नहीं रहूंगी तो तब तुम क्या करोगे । "
ईश्विका को खुद पर बंदूक तानते देख रुद्र दो कदम पीछे हटते हुए बोला -" नहीं देखो गन मुझे दे दो । "
" नहीं आज मैं खुद को ही मार देती हूं कम से कम तुम्हारा ये रोज रोज टॉर्चर को बर्दाश्त करने से तो अच्छा ही है । "
ईश्विका को बात न मानता देख रुद्र एक गार्ड को कुछ इशारा करता है तो रुद्र का गार्ड अपना सिर हां में हिला देता है । फिर वह गार्ड पंडित के गले में एक बॉम्ब लटका देता है ।
सभी लोग कभी पंडित को तो कभी उस पंडित के गले में लटके उस बॉम्ब को हैरानी और असमंजस की मिले जुले भावों से देख रहे थे ।
बॉम्ब को देख कर पंडित डरते हुए उस गार्ड से बोला - " ये ये तू तुम क्या कर रहे हो । "
पंडित की बात सुन कर रुद्र का गार्ड पंडित को चुप कराते हुए बोला - " ए पंडित शांत रहने का ज्यादा मच मच नहीं वरना ये बॉम्ब अभी यहीं तेरे सिर पर फोड़ दूंगा मैं । "
इतना कह उस गार्ड ने जा कर बॉम्ब के रिमोट को रुद्र के हाथो में दे दिया ।
वही पंडित के गले में बॉम्ब को देख कर ईश्विका रुद्र से बोली -" ये तुम क्या कर रहे हो । "
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र रिमोट में लगे बटन को दबाते हुए तिरछी स्माइल करते हुए बोला - " तुम अकेले कैसे मर सकती हो । अगर मरना ही है तो क्यों न साथ मरा जाए । "
रुद्र के बटन दबाते ही हॉल में रुद्र के गार्ड को छोड़ कर सभी अपनी जगह से उठ कर भागने लगे तो रुद्र के गार्ड्स उन्हें गन ☝️ प्वाइंट पर लेते हुए बोले - " कोई भी अपनी जगह से नहीं हिलेगा । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र को अजीब नजरो से देखने लगी जैसे वो किसी पागल को देख रही हो ।
वैसे पागल ही तो था रुद्र ईश्विका के लिए ।
ईश्विका ने रुद्र से कहा - " तुम पागल हो गए हो । अगर बॉम्ब ब्लास्ट हुआ तो तुम भी मर जाओगे । "
" ये तो और अच्छी बात है दुनिया को भी पता चल जाएगा कि कैसे एक प्यार करने वाले ने अपनी शादी के दिन ही अपनी प्रेमिका के लिए अपनी जान दे दी । और जीते जी ने सही पर मरने के बाद तो हम साथ रहेंगे । " रुद्र इश्विका को देखते हुए साइको इंसान की तरह बोला । ।
आज ईश्विका को रुद्र की आंखो में उसके लिए एक अलग ही सनक और पागलपन दिखाई दे रहा था । रुद्र धीरे धीरे ईश्विका की तरफ बढ़ने लगा । ईश्विका रुद्र को देखते हुए रोते हुए बोली -" you are such a madman "
" मेरा ये पागलपन और मेरा ये जुनून सिर्फ तुम्हारे लिए है जान । " इतना कह कर रुद्र ने धीरे से ईश्विका के हाथो से गन ले ली । और उसे अपने गार्ड को थमा दी । फिर रुद्र ने ईश्विका का हाथ पकड़ा और उसे मंडप की तरफ ले जाने लगा ।
रुद्र ईश्विका को ले कर मंडप में बैठ जाता है ।
रुद्र मंडप में बैठता देख पंडित डरते हुए बोला -" बे बे बेटा मेरे गले से इसे निकाल दो । "
" जब तक ये शादी नहीं हो जाती तब तक ये बॉम्ब घंटी की तरह तेरे गले में ही रहेगा इसलिए ज्यादा बकवास न कर और सीधे मंत्र पढ़ । " रुद्र अपनी खतरनाक नजरो से पंडित को देखते हुए बोला । ।
पंडित जी तो पहले से ही अपनी जान के खतरे से डरे हुए थे और अब रुद्र की खतरनाक नजरो और उसकी गुस्से से भरी बात को सुन कर उनके शरीर के अंदर का सारा खून ही सुख गया था । वो जल्दी से डरते हुए मंत्र पढ़ने लगे और शादी की रस्में कराने लगे ।
डर के कारण कभी कभी पंडित जी के मंत्र लड़खड़ा जाते थे । पंडित जी को लड़खड़ाता देख रुद्र पंडित जी की तरफ देखते अपनी खतरनाक आवाज में बोला - " ए पंडित एक भी मंत्र इधर से उधर नहीं होना चाहिए । ठीक से पढ़ । "
रुद्र की बात सुन कर पंडित जी जल्दी जल्दी मंत्र पढ़ने लगे बस इस बार वो लड़खड़ा कम रहे थे । मंत्र पढ़ने के बाद पंडित जी ने कहा -" कन्यादान के लिए लड़की के माता पिता को बुलाइए । "
पंडित जी की बात पर निर्मला जी खड़ी हुई और मंडप की तरफ जाने लगी मगर जब उन्होंने देखा कि गोपाल जी उनके साथ नहीं आ रहे हैं तो वो अपनी जगह रुक गई और गोपाल जी की तरफ देखने लगी जो अभी अपनी जगह पर ही बैठे हुए थे ।
किसी को आता न देख पंडित जी फिर से बोले -" कन्यादान के लिए लड़की के माता पिता को बुलाइए । "
गोपाल जी फिर भी अपनी जगह से नहीं उठते तभी उनके कानो में एक कड़क और बेहद डरावनी आवाज सुनाई दी । ।
" ससुर जी मुझे नहीं लगता कि अपनी जिद के चलते आप इतने लोगों की जान लेना पसंद करेंगे । "
रुद्र की बात सुन कर गोपाल जी न चाहते हुए भी अपनी जगह से उठते हैं और मंडप की तरफ चले जाते है । वहां जा कर गोपाल जी और निर्मला जी ईश्विका का बेमन से कन्यादान करते हैं ।
कन्यादान होने के बाद पंडित जी रुद्र और ईश्विका को फेरो के लिए खड़े होने के लिए कहते हैं ।
रुद्र फेरो के लिए खड़ा होता है और फिर ईश्विका का हाथ पकड़ कर उसे भी खड़ा करता है । फिर दोनो अग्नि के चारों तरफ घूमते हुए सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाने के वादे करने लगते । ।
वो बात अलग है कि ईश्विका कुछ नहीं कह रही थी । ।
फेरो के बाद रुद्र और ईश्विका वापस से अपनी जगह पर बैठ जाते हैं । फिर पंडित जी ने आगे कहा - " अब आप वधू के गले में मंगलसूत्र पहनाइए । "
रुद्र अपने पास से मंगलसूत्र निकालता हैं जो कि पतला काले मोतियों का बना हुआ था और इसमें गोल्ड और डायमंड से बहुत ही सुंदर ई और र लिखा हुआ था । रुद्र उस मंगलसूत्र को ईश्विका को पहनाता है । मंगलसूत्र पहनाने के बाद पंडित जी रुद्र से आगे बोले - " अब आप इसकी मांग में सिंदूर भरिए । "
रुद्र सिंदूर की डिब्बी को उठाता है और उस डिब्बी का सारा सिंदूर अपने हाथ में भर कर रुद्र सारा सिंदूर ले कर ईश्विका की मांग में भर देता है । ईश्विका की आंखे बंद हो गई थी ईश्विका की सारी मांग सिंदूर से लाल हो गई थी । और कुछ सिंदूर उसके चेहरे पर भी आ गया था जिस वजह से उसका चेहरा भी लाल हो गया था ।
" विवाह सम्पन्न हुआ । " पंडित जी ने कहा । ।
" अब आप सभी अपने बड़े का आशीर्वाद ले लीजिए । " पंडित जी ने कहा ।
पंडित जी की बात सुन कर ईश्विका आशीर्वाद लेने के लिए जाती हैं मगर रुद्र उसका हाथ पकड़ लेता है । ईश्विका अपने हाथ को देखती हैं फिर रुद्र को । ईश्विका को अपनी तरफ देखता देख रुद्र ने बिना किसी भाव के कहा -" अब से तुम ईश्विका सक्सैना नहीं ईश्विका रुद्र सिंह हो । और रुद्र सिंह की बीवी कभी किसी के आगे नहीं झुकेगी । "
रुद्र की बात पर ईश्विका कोई रिएक्ट नहीं करती । निर्मला जी और गोपाल जी ईश्विका के पास आते हैं उसे अपने गले से लगाने के लिए तो रुद्र उन्हें वही रोक देता है । रुद्र की हरकत को देख कर ईश्विका ने अपने भरे हुए गले से कहा -" ये तुम क्या कर रहे हो वो मेरी फैमिली है मेरे मम्मी पापा है वो । आखिरी बार तो उनसे तो मुझे मिलने दो । "
इश्विका की बात सुन कर रुद्र ने कहा -" अब से सिर्फ मैं ही तुम्हारा परिवार हूं और कोई नहीं । "
इतना कह कर रुद्र ईश्विका का हाथ पकड़ता है और उसे वहां से ले जाने लगता हैं । वही गोपाल जी और निर्मला जी रुद्र को ईश्विका को ले जाते हुए देखते रह गए । उन्हें तो एक बार भी अपनी बेटी को गले से लगाने का मौका नहीं मिला । कैसे रुद्र नाम का तूफान उनकी जिंदगी में आया और उनकी बेटी के साथ साथ उनकी खुशी और उनके सपने जो उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए सजाए थे वह सब उड़ा कर ले गया और उन्हें आखिरी बार अपनी बेटी को ठीक से विदा करने का मौका भी नहीं दिया । निर्मला जी गोपाल जी के गले लग कर रोने लगती हैं । तो गोपाल जी उन्हें शांत कराने लगते है । गोपाल जी निर्मला जी के दिल का हाल अच्छे से समझ रहे थे मगर वो अब क्या कर सकते थे । क्योंकि अब उनकी बेटी पराई जो हो गई थी । अब उस पर उनके बदले उसके पति का हक था ।
वही रुद्र ईश्विका का हाथ पकड़ कर उसे कार में बैठाता है और खुद भी कार में बैठ जाता हैं । और ड्राइवर कार स्टार्ट कर देता है । और कार वहां से चली जाती हैं ।
कार के अंदर । । । । । ।
रुद्र एक बटन दबाता है जिससे कार में पार्टिशन चालू हो जाता हैं । रुद्र ईश्विका के हाथ को पकड़ कर उसे चूमते हुए बोला - " you are mine only mine . I love you ishvika हर हद से ज्यादा मैं तुमसे प्यार करता हूं । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका रुद्र का हाथ झटकते हुए बोली - " प्यार तो ये सब कुछ जो तुमने अब तक मुझे पाने के लिए ये सब तुम्हारा प्यार था । "
" Yes this is my love for you . That's my way and I'm willing to pay any price for get you " रुद्र अपनी जुनून भरी आवाज में ईश्विका को देखते हुए उसके हाथ को कश कर पकड़ते हुए बोला ।
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका व्यंग भरी हंसी हंसते हुए बोली -" कांग्रेचुलेशन you did it."
फिर ईश्विका रुद्र की पकड़ से अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली - " but I'll never love you."
इश्विका की बात सुन कर रुद्र ने कहा - " तुम प्यार करो या न करो । it doesn't matter मगर अब से और अभी से तुम मेरी पत्नी हो । "
" मैं तुम्हारी इस जबरदस्ती की शादी को नहीं मानती । " ईश्विका ने कहा ।
ईश्विका की बात सुन कर रुद्र तिरछी स्माइल करते हुए बोला -" मर्जी से हो या जबरदस्ती से शादी तो हुई है । अब तुम मानो या न मानो मगर अब से तुम मेरी पत्नी हो । पूरे रीति रिवाजों के साथ मैने तुमसे शादी की है । और अब से मेरा तुम पर लीगली भी हक है । "
इतना कह कर रुद्र ईश्विका के हाथ को पकड़ उसे अपनी तरफ खींचता है और उसकी गर्दन में हाथ डाल कर उसके होठों पर अपने होठ रख कर उसे पूरी शिद्दत के साथ चूमने लगता है ।
ईश्विका रुद्र के सीने पर हाथ रख उसे खुद से अलग करने की कोशिश कर रही थी मगर रुद्र ने उसे नहीं छोड़ा । रुद्र ने ईश्विका के हाथ को पकड़ा और उसे उसकी कमर से लगा दिया जिससे ईश्विका हल्की सी ऊपर उठ गई । रुद्र उसके होठों को बहुत ही गहराई से चूम रहा था । ईश्विका को सांस लेने में प्रॉब्लेम होने लगी थी । मगर रुद्र उसे छोड़े तब तो वो सांस ले पाए न ।
वही रुद्र को जब ये एहसास होता है कि ईश्विका को सांस लेने में प्रॉब्लेम हो रही है तब जा कर वह उसे छोड़ता है रुद्र के छोड़ते ही ईश्विका लम्बी लंबी सांसे लेने लगती है ।
ईश्विका को ऐसे सांस लेते देख रुद्र ईश्विका के पास जा कर अपनी बेहद आकर्षक आवाज में बोला - " एक किस से तुम्हारा ये हाल है तो रात में जब वो सब होगा तब तुम्हारा क्या हाल होगा । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका का चेहरा लाल हो गया उसने जल्दी से अपना चेहरा रुद्र से फेर लिया । ईश्विका का गुस्से और शर्म दोनों से लाल हो गया ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
ईश्विका को ऐसे सांस लेते देख रुद्र ईश्विका के पास जा कर अपनी बेहद आकर्षक आवाज में बोला - " एक किस से तुम्हारा ये हाल है तो रात में जब वो सब होगा तब तुम्हारा क्या हाल होगा । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका का चेहरा लाल हो गया उसने जल्दी से अपना चेहरा रुद्र से फेर लिया । ईश्विका का गुस्से और शर्म दोनों से लाल हो गया ।
रुद्र ईश्विका के लाल चेहरे को देखते हुए बहुत ही दिलकश अंदाज में बोला - " जब तुम्हारा ये खूबसूरत सा चेहरा मेरी वजह से यू शर्म से लाल होता है तो मेरे दिल को बहुत सुकून मिलता है और आगे और भी ऐसे मौके होंगे जहां तुम शर्म से पूरी लाल हो जाओगी । "
रुद्र की बात सुन कर ईश्विका गुस्से से बोली - " अपनी ये बकवास बंद करो । "
इतना कह कर ईश्विका रुद्र से अपना चेहरा फेर लेती हैं और कार की खिड़की से बाहर देखने लगती है ।
वही रुद्र तो बस पागलों की तरह ईश्विका को ही देखे जा रहा था ।
वही दूसरी तरफ ।
सिंह पैलेस में ।
रुबीना जी और खुशी सोफे पर बैठी हुई थीं । रुबीना जी कॉफी के सिप लेते हुए मैगज़ीन पढ़ रही थी । और वही खुशी अपना फोन चला रही थी । तभी खुशी बोली - " मम्मा मुझे पैसे चाहिए । "
खुशी की बात सुन कर रुबीना जी मैगजीन को देखते हुए ही बोली - " और तुम्हे पैसे क्यों चाहिए । "
" मम्मा मुझे एक ड्रेस पसन्द आई है वो ही लेनी है । और उसे मैचिंग ज्वेलरी और सैंडल । " खुशी ने खुश होते हुए कहा ।
खुशी की बात सुन कर रुबीना जी कॉफी कप को टेबल पर रखते हुए बोली - " what's your age darling".
" Twenty three and why are you Asking this." रुबीना जी के सवाल को सुन कर खुशी ने कहा ।
खुशी के जवाब को सुन कर रुबीना जी बोली - " तो तुम्हे नहीं लगता कि तुम्हे भी बिजनेस सीखना चाहिए । ऐसे कब तक तुम पैसे मांगती रहोगी । तुम्हे अपने फ्यूचर के बारे मे सोचना चाहिए । क्या तुम्हे दूसरों पर डिपेंड रहना है जिंदगी भर । "
रुबीना जी की बात सुन कर खुशी शॉक्ड हो गई । वो रुबीना जी से कहती हैं ।
" मम्मा आप ऐसे क्यों कह रही है । पहले तो आपने कभी भी मेरे पैसे मांगने पर ऐसे गुस्सा नहीं किया फिर आज क्यों । "
खुशी के मायूस चेहरे को देख कर रुबीना जी फिर थोड़ा नर्मी से बोली -" खुशी my sweet darling मैं चाहती हूं कि तुम बिजनेस सीखो क्योंकि सिंह कॉर्पोरेशन को तुमको ही हैंडल करना है तो ऐसे कब तक तुम यू ही बचपना करती रहोगी । "
" But mom बिज़नेस के लिए भाई हैं न । " खुशी ने कहा ।
खुशी की बात सुन कर रुबीना जी ने कहा -" नहीं हमे रुद्र के हाथो से सारा बिजनेस अपने अंडर करना है क्योंकि मैं नहीं चाहती कि हमे जिंदगी भर छोटी छोटी चीजों के लिए भी उसके आगे हाथ फैलाने पड़े । इसीलिए मैं चाहती हूं कि तुम बिजनेस सीखो जिससे कि तुम सिंह कॉर्पोरेशन की मालकीन बनो । "
" ठीक है मम्मा में बिज़नेस सीखूंगी । " खुशी ने कहा ।
खुशी की बात सुन कर रुबीना जी खुश हो गई और खुशी के हाथ में एक कार्ड को थमाते हुए बोली -" good my darling और ये तुम्हारा गिफ्ट इससे तुम्हे जो खरीदना है तुम खरीद सकती हो । "
कार्ड को देख कर खुशी खुश हो जाती है और रुबीना जी के गले से लग जाती हैं और बोली -" wow mumma you are so amazing " .
खुशी और रुबीना जी अभी बात कर ही रहे थे कि तभी उन्हें सिंह पैलेस के बाहर बहुत सी गाड़ियां रुकने की आवाज आती है । गाड़ियों की आवाज को सुन कर पैलेस में सभी नौकर जल्दी जल्दी दरवाजे की तरफ कुछ सामान ले कर भागने लगते है । सभी सर्वेंट को ऐसे भागता देख रुबीना जी और खुशी कन्फ्यूज हो गई ।
खुशी रुबीना जी से बोली - " मम्मा ये सब लोग ऐसे क्यों भाग रहे हैं जैसे कोई बहुत बड़ा तूफान आया हो । "
" I don't know darling ये तो जा कर ही देखना पड़ेगा । " रुबीना जी ने कहा । ।
रुबीना जी की बात पर खुशी अपना हां में सिर हिलाती है फिर वह दोनों भी दरवाजे की तरफ चली जाती हैं । ।
वही दरवाजे पर सभी सर्वेंट लाइन लगा कर खड़े हो जाते है और एक गार्ड जा कर रुद्र की कार का दरवाज़ा खोलता हैं । कार का दरवाज़ा खुलते ही रुद्र बड़े ही रौब से कार से बाहर निकलता हैं । फिर रुद्र अपना हाथ आगे करता है तो ईश्विका न चाहते हुए भी उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर बाहर निकलती हैं । ।
रुद्र और ईश्विका को देख कर सभी सर्वेंट अपना सिर झुका कर और उन पर फूल बरसा कर उनका स्वागत करते हैं । वही ईश्विका को देख कर रुबीना जी और खुशी शॉक्ड हो जाते हैं । ।
खुशी और रुबीना जी इश्विका को अपनी हैरानी भरी आंखों से देखने लगती हैं जो रुद्र का हाथ पकड़े उन्हीं की तरफ आ रही थी । ।
खुशी ईश्विका को देख कर डरते हुए रुबीना जी से बोली - " मम्मा ये जिंदा कैसे हैं । इसे तो हमने मार दिया था न । "
खुशी की बात सुन कर रुबीना जी उसे चुप कराते हुए बोली - " ये अभी सही वक्त नहीं है ये सब बाते बोलने का और किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए कि जो भी कुछ होटल में हुआ था उसके पीछे हम थे । "
रुबीना जी की बात सुन कर खुशी चुप हो जाती है और ईश्विका गुस्से भरी नजरो से देखने लगती हैं ।
वही रुद्र और ईश्विका दरवाजे पर खड़े हो जाते है । एक सर्वेंट आ कर वहां दहलीज पर चावलों कलश भर कर रख देता है । और एक आरती की थाल ले कर आता है ।
रुबीना जी उस सर्वेंट के हाथ से आरती की थाल को ले लेती है । और रुद्र और ईश्विका के सामने खड़ी हो जाती हैं । फिर अपने होठों पर एक नकली मुस्कान लिए वो ईश्विका और रुद्र की आरती उतारती है । रुबीना जी रुद्र और ईश्विका पर फूल बरसाते हुए ईश्विका से बोली - " वेलकम बहु रानी । अब तुम इस कलश को गिरा कर अपने शुभ कदम इस पैलेस के अंदर रखो । "
ये सब कहते हुए रुबीना जी की बातो में घमंड साफ साफ झलक रहा था । जिसे ईश्विका अच्छे से समझ रही थी ।
ईश्विका अपने पैर से उस कलश को गिरा देती हैं । और रुद्र के साथ सिंह पैलेस में कदम रखती हैं । ईश्विका के अंदर आते ही रुबीना जी और खुशी उसे रुद्र के कमरे की तरफ ले जाने लगती हैं ।
वही रुद्र स्टडी रूम में कुछ काम करने के लिए चला जाता हैं ।
वही रुबीना जी ईश्विका को रुद्र के कमरे के अंदर ले जाते हुए स्माइल करते हुए बोली - " बहुरानी जी इसे अपना ही घर समझो । अगर किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे बता देना मैं सर्वेंट से कह कर तुम्हारे लिए सब कुछ अरेंज करा दूंगी । तुम यहां आराम से रहो और झिझकने की तुम्हे बिल्कुल भी जरूरत नहीं है । आखिर तुमने इतनी मेहनत जो की है यहां तक पहुंचने के लिए । "
रुबीना जी की बात सुन कर ईश्विका भी उन्हीं की तरह बोली -" जी नहीं मुझे आपकी मदद की कोई जरूरत नहीं है । आखिरकार मैं इस घर की बहु हु और अब इस बड़े से घर पर मेरा भी हक है । तो अब तो यहां मेरी चलेगी । आखिर मैने इतनी मेहनत इसीलिए ही तो की थी । "
इतना कह कर ईश्विका रुबीना जी और खुशी के मुंह पर ही कमरे का दरवाज़ा बंद कर देती हैं ।
" You bitch I will see you" रुबीना जी गुस्से से उस दरवाजे को देखते हुए बोली ।
खुशी रुबीना जी से बोली - " मम्मा हमे कुछ करना होगा वरना ये बिच हमारे सिर पर नाचेगी । "
" Don't worry darling ऐसी नागिन को काबू में करना मुझे अच्छे से आता है । अब तक बस में हल्के में ले रही थी इसे मुझे लगा कि ऐसे ही ये मान जाएगी लेकिन ये तो ज़हर उगलने लगी। अब इसे मैं बताऊंगी कि इसका पाला किससे पड़ा है । " रुबीना जी गुस्से से दरवाजे को घूरते हुए बोली ।
" Yes mumma हमे जल्द ही इसे इसकी औकात दिखानी होगी । " खुशी ने कहा ।
खुशी की बात पर रुबीना जी बस अपना सिर हिला देती है और फिर वह दोनों वहां से चली जाती है ।
वही कमरे के अंदर ।
ईश्विका दरवाजे से टिक कर खड़ी थी और अपनी आंखों से उस कमरे को देख रही थीं जो गुलाब के फूलों से और सुगंधित मोमबत्ती से सजा हुआ था । कमरे के पूरे फर्श पर गुलाब की पंखुड़िया फैली हुई थी । और बेड को बहुत ही खूबसूरती से अलग अलग रंगों के गुलाबो से सजाया हुआ था । कमरे की सजावट को देख कर ईश्विका के होठों पर एक कड़वी मुस्कान तैर जाती हैं । वो अपनी किस्मत को मन ही मन कोश रही थी वो उस पल को कोश रही थी कि आखिर क्यों वो उस दिन रुद्र से मिली और क्यों ही उसने उस दिन रुद्र की मदद की अगर वो ऐसा न करती तो शायद वो आज यहां इस हालत में न होती ।
ये ही सब सोच सोच कर ईश्विका की आंखो में आंसु आ जाते हैं और वह अपने घुटनों के बल बैठ कर रोने लगती हैं । ।
कुछ ही देर में रात हो जाती हैं । आसमान में चांद ने अपनी सफेद रोशनी को फैलाकर आसमान जगमग कर दिया था । ।
रुद्र अपना काम खत्म कर स्टडी रूम से बाहर निकलता हैं । उसने अपने काम को बहुत ही जल्दी से खत्म किया था क्योंकि उसे ईश्विका से जो मिलना था जो आज पूरी रीति रिवाजों के साथ उसकी पत्नी बनी थी । रुद्र के चेहरे पर एक दिलकश मुस्कान थी जो शब्दों में बया नहीं की जा सकती थी । रुद्र जल्दी से लिफ्ट में जाता हैं और अपने फ्लोर का बटन दबाता हैं । थोड़ी ही देर में लिफ्ट रुद्र के फ्लोर पर आ कर रूकती है । रुद्र लिफ्ट में से बाहर निकलता हैं और अपने कमरे की तरफ बढ़ जाता हैं ।
अगर स्टोरी पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Gangster lover । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।