वीर: उम्र - 300 साल पुराना। एक vampire जो लोगों से नफ़रत करता है, लेकिन उन्हीं की रक्षा करने को मजबूर है। उसका अपना एक code है, और वह hero नहीं, बल्कि एक anti-hero है। वह अपनी प्यास पर कंट्रोल रखता है, लेकिन कभी-कभी... जगह: आजकल का Mumbai। Its dar... वीर: उम्र - 300 साल पुराना। एक vampire जो लोगों से नफ़रत करता है, लेकिन उन्हीं की रक्षा करने को मजबूर है। उसका अपना एक code है, और वह hero नहीं, बल्कि एक anti-hero है। वह अपनी प्यास पर कंट्रोल रखता है, लेकिन कभी-कभी... जगह: आजकल का Mumbai। Its dark underbelly - छुपे हुए clubs, deserted warehouses, और elite parties जहाँ असली खतरा छिपा है। वीर, एक 300 साल पुराना वैम्पायर, अपने अंतहीन अस्तित्व से ऊब चुका है। लेकिन जब एक रहस्यमयी, प्राचीन अमरत्व-विरोधी संगठन ("काल चक्र") उभरता है, जो न सिर्फ वैम्पायरों बल्कि सारी अलौकिक दुनिया को मिटाना चाहता है, तो वीर को ही उनकी सबसे बड़ी रुकावट बनना पड़ता है। यह सिर्फ जीवन और मृत्यु की लड़ाई नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और नियंत्रण की लड़ाई है।
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मुख्य किरदार:
· वीर: उम्र - 300 साल पुराना। एक vampire जो लोगों से नफ़रत करता है, लेकिन उन्हीं की रक्षा करने को मजबूर है। उसका अपना एक code है, और वह hero नहीं, बल्कि एक anti-hero है। वह अपनी प्यास पर कंट्रोल रखता है, लेकिन कभी-कभी...
जगह: आजकल का Mumbai। Its dark underbelly - छुपे हुए clubs, deserted warehouses, और elite parties जहाँ असली खतरा छिपा है।
Start of the story
मुंबई की रातें कभी सोती नहीं। यहाँ की हवा में गाड़ियों का शोर, नमक की खुशबू, और... खून की गंध मिली होती है।
वीर ने अपनी आँखें बंद करके गहरी सांस ली। वह एक पचास मंजिला इमारत की छत के किनारे पर खड़ा था, अपनी खास तरह की काले चमड़े की जैकेट पहने। नीचे, मुंबई की रोशनियाँ एक जिंदा जीव की तरह धड़क रही थीं। उसे यह नज़ारा पसंद था। यह उसे याद दिलाता था कि वह दुनिया से कितना ऊपर है... और कितना अलग।
तभी, उसकी अति संवेदनशील सुनवाई ने तीन दिल की धड़कनों को पकड़ा। एक तेज़, डरी हुई। दो... भारी, लालची, हिंसक। नीचे की गली में।
फिर से? उसके मन में आया। क्या ये इंसान और कुछ नहीं कर सकते?
वह मुड़ने ही वाला था। यह उसकी लड़ाई नहीं थी। लेकिन तभी, धातु की चीख़ने जैसी आवाज़ आई। एक चाकू। और फिर एक चीख। डर की नहीं... दर्द की।
खून की गंध, जो पहले एक हल्की सी पृष्ठभूमि थी, अचानक एक जबरदस्त राग बन गई। उसके जबड़े में एक तीव्र, सर्द दर्द उठा। उसके नुकीले दाँत, जो हमेशा छुपे रहते थे, अपने आप बाहर निकल आए, उसके निचले होंठ को छीलते हुए। उसकी आँखों का रंग फीके नीले से एक चमकदार, खतरनाक लाल में बदल गया।
"प्यास..." उसके दिमाग में एक आवाज गूंजी। "तृप्ति। इंसाफ।"
वह एक धुंधली सी छाया बन गया। एक पल वह छत पर था, अगले ही पल वह गली की दीवार पर, परछाइयों में चिपका हुआ था, बिल्कुल एक मकड़े की तरह।
नीचे, दो बड़े-कद के गुंडे एक कॉलेज के छात्र को घेरे हुए थे। एक ने उसका लैपटॉप का बैग छीन लिया था, दूसरे ने उसके हाथ पर चाकू से वार किया था, जिससे खून बह रहा था।
"और क्या है? फोन निकाल!" एक गुंडा गुर्राया।
वीर ने अपनी जीभ से अपने नुकीले दाँत छुए। उसका शरीर एक कमान की तरह तन गया। वह नियंत्रण खोने वाला था।
नहीं, उसने खुद से कहा। बस ज़रूरत भर। ज़्यादा नहीं।
वह दीवार से गुप्त रूप से नीचे उतरा। उसकी चाल इतनी शांत थी कि उसने कूड़ेदान के पास पड़े एक खाली डब्बे को भी नहीं हिलाया।
वह सीधे उस गुंडे के पीछे खड़ा हो गया जिसके हाथ में चाकू था। उसने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रखा, उसे चीखने से रोका। दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर गया।
"शhhह..." वीर ने एक कर्कश, लगभग भावनात्मक फुसफुसाहट में कहा। "बस एक पल। दर्द नहीं होगा।"
उसने अपने दाँत गुंडे की गर्दन में घोंप दिए।
यह एक विस्फोट की तरह था। एड्रेनालाईन, डर, और जीवन शक्ति का एक गर्म, शक्तिशाली मिश्रण उसके गले में उतरा। उसकी हर कोशिका ऊर्जा से भर उठी। दुनिया और भी तेज, और भी स्पष्ट हो गई। उसने खुद को रोका। बस कुछ ही क्षण। जानलेवा नहीं, बस अशक्त करने वाला।
गुंडा उसकी बाहों में बेहोश होकर लुढ़क गया।
दूसरा गुंडा और कॉलेज छात्र, हैरानी से यह सब देख रहे थे, उनके दिमाग यह प्रक्रिया ही नहीं कर पा रहे थे कि यह काली परछाई कौन है।
वीर ने धीरे से गुंडे को ज़मीन पर रखा और मुड़ा। उसकी लाल आँखें अब दूसरे गुंडे पर टिकी थीं। खून उसके होंठों पर लगा था, जो चांदनी में चमक रहा था।
"भ...भूत!" गुंडा चीख़ा, और भागने लगा।
वीर ने अपनी आँखें बंद कीं। उसने अपनी गति का इस्तेमाल किया। एक पल में, वह गली के निकास पर खड़ा था, गुंडे के सामने।
गुंडा रुक गया, उसकी सांसें तेज हो गईं, उसकी आँखें डर से फैल गईं।
"अगली बार," वीर ने अपनी नीची, कंपकंपाती आवाज़ में कहा, जो गली की दीवारों से टकरा रही थी, "किसी मासूम को निशाना मत बनाना। मुंबई में एक नया रखवाला है। और उसे तुम्हारे जैसे लोग... बिल्कुल पसंद नहीं हैं।"
वीर ने अपना हाथ उठाया। अपनी अविश्वसनीय गति से, उसने गुंडे के सिर पर एक जोरदार चोट मारी। वह बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा।
वीर वापस उस college student के पास मुड़ा, जो दीवार से सटकर, काँपता हुआ खड़ा था, अपने घाव को पकड़े हुए।
वीर ने उसकी ओर एक कदम बढ़ाया। लड़का सिकुड़ गया।
वीर रुक गया। उसने महसूस किया कि वह कितना डरा हुआ है। उसने अपने दाँत वापस अंदर कर लिए, उसकी आँखों का रंग slowly वापस normal हो गया। उसने अपनी जैकेट की जेब से एक clean, white handkerchief निकाला और लड़के की ओर बढ़ाया।
"अपने हाथ पर बाँध लो। घर जाओ। किसी को कुछ मत बताना," वीर ने कहा, उसकी आवाज़ अब पहले जैसी threatening नहीं थी, बल्कि थकी हुई और annoyed थी।
वह मुड़ा और गली से बाहर निकलने लगा।
"आ...आप कौन हैं?" लड़के ने हकलाते हुए पूछा।
वीर ने रुककर जवाब दिया, बिना पीछे मुड़े। "एक necessary evil."
और फिर, वह shadows में dissolve हो गया, जैसे कभी था ही नहीं।
वह अपनी काली, मॉडिफाइड कार में बैठा, जो एक सुनसान सड़क पर खड़ी थी। उसने स्टीयरिंग व्हील पर अपना सिर टिका दिया। उत्तेजना का जोश उतर रहा था, और उसकी जगह ले रही थी सामान्य खालीपन की भावना।
तभी, उसके एन्क्रिप्टेड फोन की स्क्रीन जगमगा उठी। एक एकल संदेश, एक अज्ञात नंबर से।
अज्ञात नंबर: "वे तुम्हारे लिए आ रहे हैं, वीर। वे सिर्फ़ हमें ही नहीं, तुम्हारे जैसे सबको मिटा देना चाहते हैं। 'काल चक्र'। तुम्हारी मदद की ज़रूरत है। मैंने तुम्हारे बारे में सुना है। तुम ही एक उम्मीद हो।"
वीर ने संदेश को पढ़ा। उसके होठों पर एक कड़वी, थकी हुई मुस्कान आई।
"काल चक्र?" उसने खुद से कहा। "बढ़िया। बस यही कमी थी।"
उसने संदेश मिटाया नहीं। उसने इंजन शुरू किया। गर्जना सुनसान सड़क में गूंज उठी।
वह एक नई लड़ाई की ओर बढ़ रहा था... और यह सिर्फ़ शुरुआत थी।
To be Continued guys
वीर का पेंटहाउस south मुंबई की सबसे विशिष्ट इमारतों में से एक की सबसे ऊपरी मंजिल पर था। पूरी पूर्वी दीवार एक एकल, मजबूत कांच का पैनल थी, जो पूरे शहर का नज़ारा पेश करती थी। परदे हमेशा बंद रहते थे। सूरज की रोशनी से नहीं, बल्कि उस दृश्य से बचने के लिए। आज की रात उसे विशेष रूप से परेशान कर रही थी।
उसने संदेश वाले फोन को अपनी महंगी मेज पर फेंक दिया। 'काल चक्र'। नाम ही इतना नाटकीय था। यही वो लोग थे जो उस जैसे 'राक्षसों' को मिटाना चाहते थे? उसे हंसी आ रही थी। उसने 300 साल में ऐसे कितने पंथ, संगठन, और स्वयंभू पैगंबर देखे थे जो उसे नर्क भेजने का दावा करते थे। सबका एक ही हाल हुआ था। वह अब भी यहाँ खड़ा था। वे नहीं थे।
लेकिन फिर भी... एक जिज्ञासा थी। उस अज्ञात नंबर ने उसका असली नाम जाना था। 'वीर'। यह कोई सामान्य जानकारी नहीं थी।
उसने अपनी उन्नत सेटअप—कई मॉनिटर, एन्क्रिप्शन उपकरण—चालू किए। उसने वह नंबर ट्रैक करने की कोशिश की। कुछ नहीं। यह एक भूत था। एक शून्य। जैसे किसी ने संदेश भेजा ही नहीं था। यह थोड़ा असहज करने वाला था।
भूल जाओ इसे, उसने खुद को समझाया। कल रात कोई और बेवकूफी भरी लूटपाट होगी, तुम फिर वहीं पहुँच जाओगे। यही तुम्हारा अनंत चक्र है।
वह अपनी पुरानी विस्की की बोतल उठाने ही वाला था (जो उस पर कोई प्रभाव नहीं करती थी, लेकिन रिवाज जरूरी था), तभी उसकी इंद्रियों ने अलार्म बजा दिया।
एक असामान्य खामोशी।
इमारत के लिफ्ट की आवाज़... बंद हो गई। रात के स्टाफ की हलचल... गायब। सिर्फ़ दूर सड़कों का शोर बचा था।
कोई उसकी मंजिल पर था। और वह चुपके से आया था।
वीर ने अपनी आँखें बंद कीं। उसने ध्यान केंद्रित किया। एक दिल की धड़कन। नहीं, दो। लेकिन वे... अलग थीं। एक तो सामान्य इंसान जैसी थी, लेकिन अप्राकृतिक रूप से धीमी और नियंत्रित। दूसरी... यांत्रिक सी लग रही थी। जैसे कोई उन्नत पंप चल रहा हो।
संवर्धित, उसके दिमाग में शब्द आया।
उसने अपनी जैकेट उतारी। खेल शुरू।
दरवाज़े की ओर नहीं। वे उससे उम्मीद नहीं करेंगे। वह अपने शयनकक्ष की ओर बढ़ा, जिसकी दीवार मुख्य गलियारे से साझा होती थी।
धड़ाम।
एक दबी हुई आवाज। उसका मुख्य दरवाज़ा का उच्च-सुरक्षा ताला... विफल हो गया था। जैसे किसी ने उसे नंगे हाथों से तोड़ दिया हो।
वीर दीवार के साथ सटकर खड़ा हो गया, परछाइयों में विलीन होता हुआ। उसके नाखून लंबे और उस्तरे जैसे तेज हो गए।
दरवाज़ा धीरे से खुला। कोई आवाज़ नहीं। दो परछाइयाँ अंदर घुसीं। उन्होंने सैन्य शैली का गठन बनाया। एक ने बाएं, एक ने दाएं cover लिया। उनके हाथों में पारंपरिक बंदूकें नहीं, बल्कि अजीब दिखने वाले, राइफल के आकार के उपकरण थे जिनके मुंह पर एक चमकती नीली अंगूठी थी।
ऊर्जा हथियार, वीर ने नोट किया। दिलचस्प।
"वीर!" एक आवाज गूंजी, धात्विक और विकृत, जैसे आवाज बदलने वाले उपकरण से आ रही हो। "हमें पता है तुम यहाँ हो। चुपचाप आ जाओ। 'काल चक्र' तुम्हारी ताकत को पहचानता है। हम तुम्हें एक प्रस्ताव देने आए हैं। हमसे जुड़ो। या मिटा दिए जाओ।"
वीर ने जवाब नहीं दिया। वह एक statue की तरह स्थिर खड़ा रहा।
"Room-to-room search," वही आवाज आदेश देती है।
दोनों सैनिक आगे बढ़े। पहला सैनिक लिविंग रूम में घुसा, उसकी विचित्र बंदूक हर कोने पर घूम रही थी। दूसरा सैनिक सीधे बेडरूम की ओर बढ़ा।
वह दरवाजे के पास पहुँचा। उसका हाथ knob पर पड़ा।
तभी...
CRASH!
पूरी drywall दीवार अंदर की ओर धंस गई! ऐसा नहीं लगा कि कोई उसे तोड़ रहा है, बल्कि जैसे कोई बुलडोजर उसमें से गुजर रहा हो!
वीर दीवार के अंदर से निकला, ईंटों और plaster के बादल के साथ, सीधे उस सैनिक पर जो बेडरूम में प्रवेश करने वाला था। उसने अपना razor-sharp हाथ एक lightning-fast movement में घुमाया।
सैनिक के हथियार का muzzle, उसकी glowing blue ring के साथ, clean cut से कटकर जमीन पर गिर गया।
सैनिक पीछे हटा, हैरान, लेकिन surprisingly fast। उसने अपना broken weapon फेंका और अपनी thigh holster से एक combat knife निकाला।
"Target engaged! Lethal force authorized!" उसने चीख़कर अपने साथी को बताया।
वीर ने उसे देखा। उसके face helmet से ढका था, लेकिन उसकी आँखें... वे सामान्य नहीं थीं। वे एक synthetic, robotic लाल रंग में glow कर रही थीं।
Cyborg, वीर ने सोचा। ये लोग गंभीर हैं।
दूसरा सैनिक लिविंग रूम से भागकर आया, अपना energy rifle उठाए। उसने aim किया।
वीर ने अपने सामने वाले सैनिक को एक जोरदार धक्का दिया, जो उड़कर दूसरे सैनिक से टकरा गया, जिससे उसका shot छत में जाकर लगा, एक ज्वलंत blue plasma bolt छोड़ता हुआ।
वीर ने इस confusion का फायदा उठाया। वह एक blur बन गया, room के चारों ओर move करता हुआ, उनकी targeting systems को confuse करने के लिए।
पहला सैनिक, जिसका हथियार कट गया था, वह फिर से खड़ा हो गया। उसने अपने helmet का एक side button दबाया। उसकी mechanical लाल आँखें और भी तेज चमकने लगीं।
"Kinetic vision activated," उसकी एक robotic आवाज आई। "Predictive combat analysis running."
वह अचानक वीर की next move anticipate करने लगा! जब वीर उस पर हमला करने के लिए दाएं से आया, सैनिक ने perfectly timed किक से उसे रोक दिया, जो वीर की पसलियों पर लगी, उसे पीछे धकेलते हुए।
वीर ने एक grunt of surprise निकाला। यह पहली बार था जब कोई humanoid उसकी गति का match कर पाया था।
दूसरा सैनिक फिर से aim कर रहा था।
"तुम्हारी speed impressive है, vampire," पहले सैनिक ने कहा, उसकी voice modulator में एक घमंड भरा स्वर। "लेकिन 'काल चक्र' की technology उससे भी आगे है। आखिरी मौका। Surrender।"
वीर धीरे-धीरे सीधा खड़ा हो गया। उसकी लाल आँखें एक concentrated fury से जल रही थीं। उसने अपने कंधों को सीधा किया।
"मुझे technology पसंद नहीं है," वीर ने शांत स्वर में कहा। "यह... impersonal होती है।"
और फिर, उसने अपनी पूरी vampiric speed release कर दी।
वह इतना तेज moved कि वह air friction से एक faint sonic boom पैदा कर रहा था। वह दूसरे सैनिक के पीछे appeared हुआ, उसकी rifle को पकड़ा, और उसे दो टुकड़ों में तोड़ डाला, जैसे कोई twig हो।
उसने सैनिक को पकड़ा और उसे पूरे कमरे में उसके साथी की ओर फेंक दिया।
पहला सैनिक, अपने predictive systems के बावजूद, इस raw power और speed को handle नहीं कर पाया। दोनों सैनिक एक दीवार से टकराए, concrete crumbled, और वे एक heap में गिर गए, temporarily immobilized।
वीर उनके ऊपर खड़ा हो गया। उसने पहले सैनिक का helmet पकड़ा और उसे उतार फेंका।
अंदर एक man का चेहरा था। आधा उसका face natural था। दूसरा आधा... cybernetic implants से covered था, wires और metallic plates उसकी त्वचा के नीचे दिख रहे थीं। उसकी एक आँख mechanical थी, लाल light fading हो रही थी।
"तुम्हारा master," वीर ने गुर्राते हुए कहा, अपने दाँत उसके चेहरे के बहुत करीब लाते हुए। "कबीर। वह कहाँ है?"
Cyborg सैनिक ने एक bloody smile बनाया। "सब जगह। और कहीं नहीं। वह तुम्हें देख रहा है। वह सब कुछ देख रहा है। तुम... तुम सिर्फ़ एक experiment हो।"
उसने अपने teeth काटे। एक tiny capsule टूट गया। उसकी mechanical आँख की रोशनी completely बंद हो गई। वह मर चुका था।
दूसरा सैनिक भी वही कर चुका था।
वीर ने उठकर कमरे को देखा। उसका penthouse wrecked था। दीवारें broken, furniture destroyed।
तभी, मरे हुए cyborg के communication device पर एक आवाज आई। एक calm, educated, deeply arrogant voice।
"प्रयोग सफल रहा, श्रीमान वीर। डेटा संग्रहण उम्मीद से भी बेहतर रहा। हम जल्द ही मिलेंगे।"
वीर ने device को crush कर दिया।
वह खिड़की की ओर मुड़ा। पूरा शहर नीचे light की नदियों की तरह बह रहा था।
वह अब एक experiment था। एक prey जिसे study किया जा रहा था।
उसने अपना encrypted phone उठाया। उसने वह message फिर से खोला। उसने Reply दबाया।
उसकी उंगलियाँ screen के ऊपर मंडराईं। उसने सिर्फ़ एक शब्द टाइप किया:
"बताओ।"
(वीर ने finally जवाब दे दिया है! अब आद्या कौन है और वह क्या जानती है?)