ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसने अपने दोस्त और अपने प्यार को सब कुछ समझा लेकिन।दोनो ही निकले धोखेबाज,,जिसने मौत के घाट उतार दिया वान्या को ऐसी दर्द नाक मौत दिए की देखने वालो का भी रूह कांप जाए। लेकिन वही इस राज में छिपा है एक आदमी जिसने।ये सब करवाया... ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसने अपने दोस्त और अपने प्यार को सब कुछ समझा लेकिन।दोनो ही निकले धोखेबाज,,जिसने मौत के घाट उतार दिया वान्या को ऐसी दर्द नाक मौत दिए की देखने वालो का भी रूह कांप जाए। लेकिन वही इस राज में छिपा है एक आदमी जिसने।ये सब करवाया वान्या है इससे अनजान.। कौन है वो आदमी ? क्या वान्या बदला लेने आएगी वापस? किसी लेगी अपना। बदला? क्या हुआ राज इस कहानी का ? प्यार के लिए वान्या की जान गई या फिर राज।है कुछ ओर ? जानने के लिए पढ़िए इस कहानी को जो सस्पेंस से भरी है।
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धोखा,, फरेब,, नफ़रत,, सब एक ही पहलू के है लेकिन बस फर्क इतना है की उनके तरीके और वजह अलग होती है नही तो इन सब से इंसान को दर्द और मौत ही नसीब होती है इसके अलावा कुछ नही इन्सान जबसे ज्यादा खुश तब होता है जब उसके अपने उसके पास होते है और दुःख तब होते है जब उसके ही अपने उसे धोखा दे उससे नफ़रत करे जब की सामने वाला उनके लिए अपनी जान तक दे सकता है दुःख तब और बड़ता है जब फरेब हो उन्हे धोखे से मारा जाए ।।
ऐसी ही ये कहानी है धोखा,, फरेब ,, नफरत,, विश्वाश घात की __
रात के अंधेरे के खाली सड़क पर जहा पर एक बाइक काफी तेज रफ्तार से आगे बड़ रही थी इतनी तेज़ की अगर बगल में कोई आए तो वो हवा की तरह उड़ जाए उसी बाइक को चला रही लड़की जो हवा से भी तेज बाइक चला रही थी उसके हांथ बाइक के हैंडल पर कैसे थे वही जैकेट हवा में उड़ रहा था ।। इस वक्त उसके कानो में एक ब्लूटूथ लगा था जिसके दूसरी तरफ से एक औरत की आवाज आती है " वान्या बेटा तू आश्रम कब आ रही है बच्चे तुझे बहुत याद करते है एक बार आके मिल के उन्हे अच्छा लगेगा"
उस आवाज को सुन के बाइक चला रही वान्या कहती है " बस मदर मैं कल ही आ रही हूं बच्चो को कहना वो मेरा इंतज़ार करे मैं कल सुबह जी पहुंच जाऊंगी ठीक है अभि मैं रखती हूं बात के कॉल करूंगी फ्री होने के बाद ok बाय बाय"
वान्या ने कहा और फोन कट गया तभी वोे एक नजर पीछे देखते हुए कहती है " साले ये तो पीछे हो पड़ गए है इनका कुछ तो करना पड़ेगा "
इतना कह वान्या ने बाइक की रफ्तार और तेज कर दिया और जंगल के रास्ते से जाने लगी वही उसके पीछे इस वक्त तीन बाइक लगी थी जो लगा तार टक्कर दे रही थी जैसे कैसे वान्या आगे बड़ती वो सब की अपनी रफ्तार से आगे बड़ रहे थे तभी वान्या ने बाइक की दूसरी तरफ मुड़ा दिया और सीधे बाइक को जंगल से निकल के हाइवे पर चलने लगी ।
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वही जंगल में तीनो लड़के रुक जाए है और सामने की तरफ देख के कहते है " ये लड़की अचानक से गायब कहा हो गई है "
दूसरा कहता है " मुझे कहता है वो बाहर निकल गई है हमे भी बाहर ही चलन चाहिए नही तो उसे पकड़ा मुश्किल होगा और बॉस के सामने ऐसे गए तो मौत पक्की है हमारी "
अपनी बात कह तीनो ने फिर से बाइक स्टार्ट किया और वहा से हाइवे की तरफ मुड गए
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इधर वान्या बाइक लेके दक्षिणा पूरी की तरफ मुड गई उसने बाइक खड़ी कर अन्दर जंगल की तरफ गई वही सामने दो से ट्रक खड़ा था वान्या ने उसके पास जाके कहा " जल्दी करो,, ये पूरा ट्रक खाली होन चाहिए जल्द से जल्द ये सारे माल अपनी जगह पर पहुंचा दो आई बात समझ में सभी को "
उसकी बात सुन सभी हां में सर हिला देते है और ट्रक से सारे।माल निकाल के उस जगह पर पहुंच जाने चाहिए
इतना कह वान्या वहा से निकल जाति है वो हाइवे से होके फिर से जाति है वान्या की बाइक हवा की तरफ भाग रही थी वही उसके पीछे तीन बाइक जो वान्या का पीछा कर रही थी तभी एक बाइक वाले ने रफ्तार तेज कर वान्या के बगल में आ गया और चिल्लाते हुए कहा " तेरा गेम आज खत्म है तुझे क्या लगा हमे उल्लू बना के भाग जायेगी आज यही पर तुझे मार देंगे "
तभी उसके बगल में एक और ने आके कहा " बिचारी आज अकेले ही हमसे भिड़ने के लिए आ गई आज तो तेरा बचना मुस्किल है इसी लिए जल्दी से अपनी आखिरी इच्छा भगवान से मांग ले शायद पूरा हो जाए क्युकी हम नही करने वाले है "
इतना कह के दोनो हसने लगते है तीनो बाइक वाले ने वान्या को पीछे और साइड से घेर लिया और बार बार उसके बाइक में वार करने लगे वही वान्या ने उनकी बात सुन के गुस्से से कहा " अबे सालो तुम लोगो ने क्या मुझे खेत की मूली समझ रखा है जो आके खा जाओगे मैं वान्या हूं जिसके आगे बड़ो बड़ो की पेंट गीली हो जाति है और आज तुम चूज़े मुझे मारोगे तो ये सपना देखना छोड़ दो क्युकी ऐसा कुछ नही होने वाला है आज तक वान्या को न कोई पकड़ पाया ही और ना छू पाया है तो तुम क्या कर पाओगे बस एक बार आया से निकल जाऊं फिर बताती हूं तुम सब को "
इतना कह के वान्या ने बाइक की रफ्तार और तेज कर दिया वही जैसे ही उन लड़को ने देखा तभी पीछे से एक ने आके वान्या के बाइक में जोर की टक्कर मारी जिससे अचानक से वान्या का बैलेंस बिग गया और बाइक सिल्प खा के गिर के घिसते हुए कुछ दूरी तक जाने लगी जिसे देख कर तीनो ने अपनी रफ्तार कम कर के वान्या को देखने लगे ।
तीनो काफी खुश थे वान्या के बाइक के टायर से चिंगारिया निकलने लगी वो सड़क पर घिस रही थी ।। वान्या बाइक को बार बार रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन सब बेकार था तभी बाइक कुछ दूरी पर जाके रुकती है और उसकी काफी बुरी हालात हो गई थी ।।
उसकी हालात देखा तीनों बाइक वाले अपनी जगह पर रुक जाते है एक दूसरे को देख उनमें से एक किसी को कौन करता है और कहता है " सर काम हो गया है "
दूसरी तरफ से " उसने सारे माल कहा रखे है ये देखा "
वो आदमी कहता है " नही सर अचानक से गायब हो गई थी इसी लिए पता नही चला "
कुछ देर रुकने के बाद दूसरी तरफ से किसी लड़की ने कहा " मार दो उसे बचनी नही चाहिए ऐसी मौत देना की उसे अगले जन्म तक याद रहे ।।
आदमी ने उनकी बात सुनी और फ़ोन कट कर अपने डोस्टर्स कुछ कहा फिर आगे बड़ जैसे ही वान्या के तरफ बड़ा वहा वान्या को न देखा के तीनो हैरान हो गए असल में वान्या मौका पा के वहा से निकल चुकी थी ।।
कुछ देर बाद वान्या एक अपार्टमेंट के सामने खड़ी थी उसने अंदर आके बाइक को खड़ा किया और सीढ़ियों को एक नजर देखा ऊपर के तरफ बड़ गई कुछ ही देर में वो एक गेट के सामने रुकी थी इस वक्त वान्या को हालत खराब हो चुकी थी उसके पैरो और हांथ से खून निकल रहा था जिससे वो ठीक से चल तक नही पाई थी ।।
गेट को देख जैसे ही उसे नॉक करने को हुई की इसी हांथ रुक गए उसने बड़ाबड़ा के कहा " नहीं अगर दिनो के मेरी ये हालत देखा लिया तो खामखा परेशान हो जायेंगे मैं खुद ही चली जाती हूं अंदर "
इतना सोच वही गेट के पास में रखे प्लांट मे से वान्या घर की चाभी निकल के गेट खोल दिया और लड़खड़ाते पैरो से अंदर सोफे की तरफ बड़ गई तभी उसके कानो में कुछ अजीब सी आवाज जाने लगी ।। जो प्यार को बया कर रही थी किसकी के सिसकने की आवाज थी ।।
वान्या के कदम अपनी जगह हो रुक जाए है अचानक से उसके हांथ पैर कांपने लगे वो लड़खड़ाते पैरो से कमरे के तरफ बड़ गई जब वो पास गई तो आवाज और तेज हो गई थी उसकी आंखे सिकुड़ गई थी ।।
वान्या ने देखा तो दरवाजा हल्का सा खुला था वान्या अपने कांपते हाथों से गेट खोल के अंदर गई पहले उसने जमीन पर बिखरे कुछ कपड़े देखे फिर अपनी नजर उठा के जैसे ही उसने सामने का नजारा देखा उसके पैरो तले जमीन ही खिसक गई । उसकी पूरी दुनियां जैसे गोल गोल घूमने लगी उसका प्यार आज किसी और के बाहों में था । गुस्से से वान्या की हाथों की मुट्ठी कस गई उसने गुस्से से चिल्लाया " आकाश"
सामने बेड पर दो कपल जो प्यार करने में बिजी थे वान्या की आवाज सुन दोनो रुक जाए है और एक दूसरे से अलग होके वान्या को देखते है जो गुस्से में घूर रही थी तभी सामने लेटा आकाश जो हाफ रहा था उसने तिरछी मुस्कान।के साथ कहा " बेबी तुम आ गई आने से पहले गेट पर नॉक करना था ना क्या इतनी तमीज नही सीखी है तुमने "
तभी बीच में बेड पर लेटी लड़की जो खुद को कवर करते हुए कहती है " बता के आती तो हम अपना काम।पहले खत्म कर देते बे वजह मूड खराब हो गया है अभी तो सुरु ही किया था "
इन दोनो की ऐसी बाते सुन वान्या का गुस्से और बड़ गया उसने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा " आकाश ये सब।क्या है बताओगे मुझे"
आकाश बेड से नीचे उतर कर अपनी कपड़े पहनने लगता है और कहता है " पहले बाहर जाओ " जिसे देख और सुन वान्या अपनी नज़रे फेर लेती है क्युकी आकाश बेशर्मों की तरह उसके सामने कपडे पहन रहा था ।। गुस्से से वान्या कमरे के बाहर निकल गई ।।
कुछ वक्त बाद ...
" तुमने मुझे धोखा देने के बारे में सोचा भी कैसे अगर इशिका से ही प्यार था तो मेरे साथ वो सब क्या था " वान्या ने गुस्से से आकाश का कॉलर पकड़ के कहा ।।
वही इशिका अपना मूंह बना के सोफे पर जाके बैठ जाति है और आकाश वान्या के हांथ से अपना कॉलर छुड़ा के कहताा है " तुम्हारे साथ बस टाइम पास था हमे जानना था आखिर तुमने सारे माल रखे कहा है लेकिन तुम तो हमारी सोच से भी ज्यादा तेज हो हमे कानो कान खबर होने से पहले तुमने सारे माल गायब कर दिए तुम जितनी तेज हो उससे ज्यादा बेफकुफ़ भी हो खैर तुम बस हमारे लिए वो चाभी हो किस्से हम पूरी दुनिया खरीद सकते है "
वान्या आकाश की बात सुन हैरान रह गई उसने हकलाते हुए कहा " तुम मुझसे कभी प्यार नही करते थे इतने दिनो से सब कुछ नाटक था हां सिर्फ मेरे काम को लेके तुमने ये सब किया तुम बस उस चीज़ तक पहुंचना चाहते थे "
बीच के इशिका आके कहती है " वान्या बेबी अब।क्या तुम्हे बार बार बताना पड़ेगा की आकाश तुमसे प्यार नहीं करता और ये सब क्यू किया हमने अच्छा चलो ठीक है हम तुम्हे सच बता ही देते है वो क्या है ना मैं और आकाश बचपन से ही प्यार करते है लेकिन हर बार तुम बीच में आती थी और ऊपर से हम सारे काम साथ में।करते थे लेकिन एक तुम थी जो सारे माल और प्रॉफिट कही छुपा देती थी या फिर उन आश्रम वाले गरीब को देती ये सब हमे पसंद नही था तो सोचा क्यू ना थोडा सा नाटक हो कर लेते है तुम्हारे साथ ।।
इन कह दोनो।अजीब तरह से जोर जोर हसने लगते है तभी इशिकाा हस्ते हुए कहती है "तुम कितनी अंधी हो मुझे नही पता था द मोस्ट गैंगस्टर लड़की को प्यार में बेवकूफ बनाना इतना आसन है ये मुझे नही पता था लेकिन आज देख भी लिया "
इनकी बाते सुन के वान्या पूरी तरह टूट गई आखिर इशिका बचपन की। दोस्त थी वो।अपनी। बहन मानती है उसे और आकाश उसका बचपन का प्यार जिसके लिए वान्या ने पता नही कितनी बार अपनी।जान।खतरे में डाला है ।। मगर उसे कभी कुछ होने नही दिया वान्या ने कभी भी खुद से अलग दोनो के बारे में सोचे तक नही है आखिर उसके प्यार के कहा कमी रह गई थी की आज उसे ये दिन देखना पड़ रहा है ।।
वान्या मायुस होके कहती है " अगर पैसे और प्रोपर्टी ही चाहिए थी तो पहले बता देते तुम दोनो मैं खुशी खुशी दे देती ये सब करने की ,,, छी मुझे तो अब घिन आ रही है की मैने कभी तुमसे प्यार भी किया था शायद मैं ही गलत थी कोई अपना नहीं होता है सब धोखे बाज होते है और आज तुम जैसे दोस्तो के रूप में मुझे मिल गया है अगर यही बात कोई और आके कहता तो शायद मैं कभी यकीन न करती मगर अच्छा हुआ तुमने खुद मुझे बता दिया ।।
जारी...✍️
अब क्या करेगी वान्या...??
वान्या मायुस होके कहती है " अगर पैसे और प्रोपर्टी ही चाहिए थी तो पहले बता देते तुम दोनो मैं खुशी खुशी दे देती ये सब करने की ,,, छी मुझे तो अब घिन आ रही है की मैने कभी तुमसे प्यार भी किया था शायद मैं ही गलत थी कोई अपना नहीं होता है सब धोखे बाज होते है और आज तुम जैसे दोस्तो के रूप में मुझे मिल गया है अगर यही बात कोई और आके कहता तो शायद मैं कभी यकीन न करती मगर अच्छा हुआ तुमने खुद मुझे बता दिया ।।
अब आगे...
इशिका अपना मूंह बना के कहती है " ओह तो अब पता चल गया ना हम कितने बड़े कमीने है और क्या क्या कर सकते ही चलो अच्छी है बात "
फिर वो आकाश की तरह देख के कहती है " मैं अब बोर हो रही हूं ये गेम जल्दी ख़त्म करो "
उसकी बात सुन मानो वान्या का खून खौल गया उसने गुस्से से कहा " तुम्हे तो मैं " इतना कह वान्या उसके तरफ बड़ी ही थी की आकाश ने वान्या के बाल पीछे से पाकड़ लिया और कहता है " सोचना भी मत क्यू की आज तुम कुछ नही कर पाओगी आज का दिन हमारा है ना की तुम्हारा "
इतना कह आकाश ने वान्या के सर को दिवाल पर दे मारा ये इतनी जोर का था की वान्या का सिर घूम गया वो वही जमीन पर गिर गई एक तो पहले से उसे चोट लगी थी काफी ज्यादा।
लेकिन फिर भी वान्या हिम्मत कर के उठती है और कहती है " तुम दोनो जो कर रहे हो ना उसका अंजाम अच्छा नही होगा अभी भी वक्त है सुधर जाओ मरना तुम दोनो सोच नही सकते क्या होगा ?
आकाश हस्ते हुए कहता है " क्या यार वान्या तू सच में इतना ज्ञान देती है कभी कभी मेरे कानों से खून निकलने को हो जाता है पर कोई न,, तू हमारे अंजाम के बारे में मत सोच खुद के बारे में सोच , तू ना भूल ही जा यहां से बाहर जाने के बारे में आज तुम्हारा मरना तय है तुम्हे कोई नही बचा सकता है कोई भी नही "
वान्या ने गुस्से से कहा " तुम लोग धोखे बाज निकलोगे मैने सोचा नही था मैं इतने दिनो से तुम जैसे सांप को पाल रही थी अगर मुझे पता होता तो मैं उसी वक्त तुम लोगो को मार देती जब मेरी जिंदगी मेे आए थे तुम दोनो ।।
उसकी बाते सुन के गुस्से से आकाश कहता है " जब पता होता तब करती ना अभी तो हमारी कैद में है तो आपने बारे में सोच और क्या कहा हम दो लोग ,, नही नही दो नही तीन लोग है जानना चाहेगी तीसरा आदमी कौन है ? "
एक बार फिर वान्या हैरान रह गई वो जितना सोच रही थी ये सब उससे भी कई ज्यादा ये लोग आगे बड़ चूके थे तभी वान्या कहती है " इसका मतलब तुम सब पहले से मिले हुए हो मुझे ये सब पता क्यू नही चला "
" क्युकी हमने कभी पता चलने हो नही दिया " इन कह के वान्या के पीछेे से किसी ने उसके ऊपर तेज़ाब डाल दिया वान्या पीछे खड़े आदमी को देख नही पाई और जलने लगी उसका पुरा शरीर आग की तरह जलने लगा ,, उस कमरे में वान्या की सिख ऐसे गूजने लगी जैसे किसी के शरीर से उसकी आत्मा खींची जा रही हो वान्या एक एक पल तड़प रही थी ,,
वही उसके सामने तीन लोगो की हंसी उसके कानो के पड़ रही थी वान्या फिर भी हिम्मत कर पिछे मुड़ के देखना चाही लेकिन पिछे खड़ा आदमी इस वक्त अंधेरे में था जिसकी सकल वान्या देख नही पाई उसके आंखो से आंसू के कुछ करते गिर के जमीन पर गिर गए ।।
वान्या ने रोते हुए थोड़ी हिम्मत कर कहा " आखिर मेरी गलती क्या थी कम से कम यही बता दो "
उसकी बात सुन इशिका कहती है हां बिलकुल बीना सच्चाई जाने तुम मर कैसे सकती हो ,,कहते हुए दोनो आके सोफे पर बैठ जाते है एक पैर दूसरे पैर पर कर के वही तीसरा शख्स वही खड़ा रहा वो सामने तक नही आया ( कायर वान्या ने मन में कहा ) अपनी बात आगे करते हुए इशिका कहती है " काम हम सब साथ में कहते थे लेकिन लीडर कौन बना तुम जिससे मैं प्यार करती थी उसे तुमने धोखेबाज कह के मार दिया जब भी हम मेहनत कुछ करते उसकी मालकिन तुम बन जाती जैसे की हमारी कोई वैल्यू ही नही थी इसी लिए अपना हक पाने के लिए तुम्हे रास्ते से हटाना जरूरी था सो आज कर दिया ।। हा हा हा! इशिका जोर जोर से हसने लगी ।।
इन की बात सुन के वान्या अंदर तक टूट जाती है आज तक उसने जो किया बस अपने दोस्तो के खातिर किया था उसे क्या पता था ये लोग ही उसे गलत समझ के इस कद्र नफरत करने लेंगे ।। वान्या कहती है " मैने कभी ये सब नही सोचा है जितना मेरा है उतना ही तुम्हारा लेकिन अब मुझे तुम सब से नफ़रत हो रही है मैं गलत थी मैने गलत लोगो को अपना दोस्त समझा था "
वो कहते कहते अचानक से दर्द से कहराने लगी उसका शारीर जलने लगा ऐसी जलन हो रही थी की रितिका बर्दाश नही कर पा रही वो जोर जोर से चिल्लाने लगती है उसे इस वक्त असीम दर्द हो रहा था इन की उसके बर्दाश से बाहर था ।।
रितिका दर्द से कहराते हुए कहता है " तुम लोगो ने अच्छा नही किया ऐसा नहीं करना चाहिए था मुझे धोखा दे के वान्या कभी अपने दुश्मनों को नही छोड़ती है "
इशिका कहती है " आखिर तुम कर भी क्या लोगी हमारा " कहते हुए उसके चेहरे पर अजीब जी स्माइल आ जाती है और वो अकाश के तरफ देखने लगती है तभी आकाश आगे आके कहता है " अब तुम इसी तरह जलते हुए धीरे धीरे तड़प के मर जाओगी "
अपनी बात कह उसने तेज़ाब और डाल दिया वान्या के ऊपर जिससे वान्या धीरे धीरे जलने लगी बचा खुचा उसका शरीर झुलसना सुरु हो गया ।। इस वक्त उसके आंखो से लगा तार आंखो से आंसू बह रहे थे उसके आंखो के सामने वो हर एक पल जो उसने इन सब के साथ गुजारी थी सब कुछ एक एक कर जलने लगा था ।।
तभी फिर से उसके कानो में आकाश की बात पड़ी " अरे वान्या बेबी मैने तो एक चीज़ बताई ही नही मरने से पहले ये भी सुनती जाओ क्या पता मरने के बाद तुम्हे उनकी ही फिकर होगी और तुम शांति से नर्क में भी नही रह पाओगी "
बीच में इशिका कहती है " सुनाना क्यू है दिखा ही देते है " अपनी बात कह इशिका ने फोन चालू कर के वान्या के आगे कर दिया "
वही वान्या ने जैसे ही फोन में देखा उसकी आंखे गुस्से से लाल हो गई उसने फोन को पकड़ने की कोशिश करी लेकिन इशिका ने अपने हांथ पीछे ले लिए तभी इशिका ने वान्या के करीब जाके कहा " आ आ नही इतनी आसानी से नहीं मिलेगा बहुत प्यार था ना उन अनाथों से जब भी बस बच्चे बच्चे बच्चे सिर दर्द होने कहता था कितने भी पैसे हो बस बच्चो की पढ़ाई बच्चो का फीस साला अच्छी खासी ज़िंदगी उन गरीब बच्चो के लिए खराब करनी पड़ रही थी पर देखो मैंने आज इन्हे ही खत्म कर दिया ।
इशिका ने वान्या को फिर से वीडियो दिखाते हुए कहा " देखो कैसे जल के मर रहे है सभी देखो देखो "
सामने।का नजारा इतना भयानक था की वान्या देख नही पा रही थी सारे बच्चों को आग में झोंक दिया गला था जो तड़प कर मर रहे है वान्या ने कस के अपनी आंखे बन्द कर लिया एक बार फिर उसके आंखो से आंसू बाहर आ गए लेकिन दूसरे पल आंखो के घुन उतर गया उसने झटके से अपनी आंखे खोली तो इशिका डर के दो कदम पीछे हो गई तभी वान्या से कहा " आज तुम सब ने अपनी हद पार कर के अच्छा नही किया मेरी एक बात याद रखना इस गुनाह की सजा इतनी बत्तर होगी की तुम सब सोच तक नही सकोगे तुम सब मौत की भीख मागोगे के लेकिन वो नसीब तक।नही होगा ,, ।।
उसकी बात सुन अंधेरे में।खड़ा शख्स कहता है " अच्छा तो हमे सजा देगा कौन क्या तुम्हारी आत्मा हम्मम ये बड़ी बड़ी बाते करना कम से कम अभी के लिए तो छोड़ देती "
ये आवाज सुन वान्या एक पल के लिए थम सी गई उसे ये आवाज जानी पहचानी लग रही थी लेकिन वो समझ नही पा रही ये है कौन वो फिर से पहचानने की कोशिश करती है लेकिन कर नही पाती उसका दिल कह रहा था कोई उसका अपना ही है पर कौन ये एक राज वान्या के दिन में बस गया था उसने मन में कहा " तुम जो कोई भी हो मैं तुम्हे एक न एक दिन जरूर ढूंढ लूंगी "
फिर वो अपने सोच से बाहर आके कहती है " मैं खुद तुम सब को सजा दूंगी मेरी बात याद रखना एक दिन मैं फिर से वापस आऊंगी और तुम सब के लिए की सजा दूंगी "
उन तीनो को वान्या इस वक्त पागल लग रही थी वही वान्या जो झुलझी सी जमीन पर पड़ी थी हिम्मत कर उसने अपने पॉकेट से एक चाकू निकाला और उन सब को देखते हुए एक बार फिर कहा " वान्या अपने दुश्मनों को कभी नही छोड़ती है मैं आऊंगी अपना हिसाब पूरा करने ,, मेरी मौत इतनी आसानी से नहीं होगी "
अपनी बात कह वान्या उस छुरे से गले को काट लेती है आज दर्द और धोखे से भरी जिन्दगी से वान्या पूरी तरह आजाद हो गई ।। लेकिन भगवान को उसकी ये मौत अच्छी नहीं लगी इसी लिए उन्होंने वान्याा के बदले में साथ देने के लिए उसे एक नई जिन्दगी दिया एक आशीर्वाद के रूप में जो उन रक्षाओ को कर सके जिसने आज पता नही कितने बेगुनाह बच्चो की जान ले ली ,, उन्हे मार सके जो अब पता नही किसका घर बर्बाद करेंगे वान्य का पुनर्जन्म हुआ एक ऐसे रूप में जिसके बारे में कभी वान्या ने भी नही सोच होगा ...
Rebirth...
हॉस्पिटल के VIP वाड़ के एक लड़की लहंगे के जोड़े में बेहोश पड़ी थी उसके हाथों में चूड़ियां और चेहरे पर हल्का सा मेकअप ,, माथे पर सिंदूर ओर गले में मंगल सूत्र बेहोशी के हालत में भी उसका चहरा चांद की तरह चमक रहा था और शारीर संगमरमर की तरफ बेड पता था ।। इस वक्त इस लड़के के सर पर पट्टी बंधी थी जिसे देखने के बाद साफ पता चल रहा था की उसके सर पर गहरी छोट आई है ।। वही बगल में नर्स जो की मशीन चेक कर रही थी अचानक से उसका ध्यान लड़की पर गया जिसकी उंगलियां हिल रहे थे और धीरे धीरे अपनी आंखे खोल के सब कुछ देख रही ।।इस वक्त उस लड़के आंखो से सब कुछ धुंधला दिखाई दे रहा था की वो कहा है ।। उसने हाथों से आंखे को मिजते हुए कहा " मैं कहा हूं ?? उसकी आवाज सुन नर्स हैरानी से उसे देखने लगी ।।
नर्स ने आगे बड़ के कहा " क्या तुम ठीक हो ? तुम्हे दर्द तो नहीं हो रहा है ?
नर्स की आवाज जैसे ही लड़के के कानो के गई तो वो हैरानी से उसे देखने लगी जैसे इंसान नही भूत देख लिया तो खुद को ऐसे देखते पा के नर्स ने कहा " क्या हुआ दर्द हो रहा है रुको मैं डॉक्टर को बुलाती हूं "
नर्स गेट के पास जाके चिल्लाने लगी " डॉक्टर डॉक्टर "
वही दूसरी तरफ डॉक्टर के कैबिन में अलग ही मौहोल बना था डॉक्टर डर से कांपते हुए खड़ा था उसके सामने किसी सजा की तरह एक शख्स पैर पर पैर चढ़ाए बैठा था उसके आस पास कुछ गार्ड्स खड़े थे और एक उसकी ही उम्र का लड़का था तभी डॉक्टर अपनी लड़खड़ाती जुबान से कहता है " सर हमने बहुत कोशिश किया हमे नही कहता है की मैडम बच सकती है "
डॉक्टर ने इतना ही कहा था की उसकी सांसे भारी होने लगी क्युकी सामने बैठे शख्स ने डॉक्टर का गला दबोच लिया और उसे दीवाल से सटा के ऊपर खड़ा कर दिया ये नजारा काफी भयानक था जो कोई नॉर्मल इन्सान बर्दाश ना कर पाए वही डॉक्टर भी और बुरी तरह कांपने लगा ।।
जारी...✍️
तीसरा शख्स कौन था जिसने वान्या को मारा ..?
क्या वान्या कभी पता कर पाएगी ??
क्या वान्या अपना बदला ले पायेगी ..?
आखिर वान्या का पुनर्जन्म कहा हुआ ..?
कौन है ये शख्स जो डॉक्टर को मार रहा है ..?
कौन है वो लड़की जो इस वक्त हॉस्पिटल में।है ??
वही दूसरी तरफ डॉक्टर के कैबिन में अलग ही मौहोल बना था डॉक्टर डर से कांपते हुए खड़ा था उसके सामने किसी राजा की तरह एक शख्स पैर पर पैर चढ़ाए बैठा था उसके आस पास कुछ गार्ड्स खड़े थे और एक उसकी ही उम्र का लड़का था तभी डॉक्टर अपनी लड़खड़ाती जुबान से कहता है " सर हमने बहुत कोशिश किया हमे नही लगता है की मैडम बच सकती है "
डॉक्टर ने इतना ही कहा था की उसकी सांसे भारी होने लगी क्युकी सामने बैठे शख्स ने डॉक्टर का गला दबोच लिया और उसे दीवाल से सटा के ऊपर खड़ा कर दिया ये नजारा काफी भयानक था जो कोई नॉर्मल इन्सान बर्दाश ना कर पाए वही डॉक्टर भी और बुरी तरह कांपने लगा ।।
अब आगे....
उस शख्स ने अपनी पकड़ कसते हुए कहा " मैने कोशिश करने के लिए नही कहा था मुझे रिजल्ट चाहिए अगर उस लड़की को कुछ भी हुआ तो तुम्हरा जन्नजा निकलेगा यहां से " उस शख्स ने बेहद गुस्से में कहा और एक झटके से डॉक्टर को छोड़ दिया जिससे डॉक्टर सीधे जमीन पर जा गिरी ।।
डॉक्टर की कमर में इसकी वजह से चोट तक आ गई लेकिन उसने कुछ कहा नही और सर झुका के बस इतना कहा " मैं... मैं देखता हूं सर" अपनी बात कह डॉक्टर बीना आगे पीछे देखे कैबिन से बाहर निकल गया ।।
वही उस शख्स ने अपनी दमदार आवाज के पीछे खड़े शख्स से कहा " जाके पता करो किसकी कार थी मुझे तो इंसान ज़िंदा या मुर्दा चाहिए आखिर मैं भी तो देखूं किसकी इतनी हिम्मत हो गई है जो मेरे खिलाफ जाने की जुर्रत कर रहा है "
उस शख्स की बात सुन दो लोग कैबिन से बाहर चले गए और वो शख्स वही चेयर पर बैठ गया और मन में कहा " चाहत शंकर बहुत शौक है ना तुम्हारे भाई और बाप को अपनी ताकत पर तो मैं देखता हूं वो मेरे चंगुल से तुम्हे कैसे बाहर निकलते है ,, दोनो बाप बेटे अग्नि आहूजा से लड़ने आए है जो खुद एक आग है मैं इसी आग में इन्हे जला के भस्म कर दूंगा ये मेरा वादा रहा " ।
अग्नि आहूजा,,, उम्र 32 साल आंखे भूरी, गोरा रंग, नाम की तरह गुस्से से भरा इंसान हैै जो जब चाहे किसी को भी भस्म कर सकता है ,, इसी लिए कोई उलझना तो दूर मुंह तक नही लगता ,, ज्यादा तर लोग अग्नि से दस कदम दूर ही रहते है ,, अग्नि दिखने में जितना बवाल है उतना ही इंट्रेस्टिंग भी है वो कब कहा क्या करता है किसी को पता नही चलता "
इधर डॉक्टर अपना दिल हांथ में लेके कोरिडोर में भाग रहे थे तभी अचानक से किसी से टकरा जाते है " सर आप ऐसे भाग क्यू रहे है "
जमीन पर पड़ी नर्स ने कहा डॉक्टर ने अपना हांथ बड़ा के नर्स को उठाया और कहा " अगर भागा नही तो सुबह छोड़ो शाम भी नही देख पाऊंगा "
नर्स अजीब तरह से देखते हुए कहती है " मैं कुछ समझी नही सर क्या बात है "
डॉक्टर जल्द बाकी में जाते हुए कहते है " पहले पेसेंट को देखते है "
इतना कह वो वहा से वाड़ के अंदर चले गए जहा पर बेड पर लेटी लड़की छत को घूरे जा रही थी डॉक्टर ने उस लड़की के पास आके उसे चेक करने लगा थोड़ी देर तक देखने के बाद उसने कहा "थैंक्यू भगवान जी आप ने बचा लिया ,, आज हमारी किस्मत अच्छी है जो ये लड़की बच गई नही तो हमारी मौत पक्की थी वो राक्षस.. बिच में लड़की ने कहा " कौन राक्षस आप किसकी बात कर रहे है और मैं कहा हूं इस वक्त " लड़की ने उठने की कोशिश करते हुए कहा तभी नर्स ने उस लड़की को सहारा देकेे उठाया और कहा " आप ठीक तो है ना कैसा फील हो रहा है अब आप को " नर्स ने बात को चेंज कर के कहा ।।
तभी उस लड़की ने नर्स और डॉक्टर को देख के कहा " मैं आप से क्या पूछ रही हुं और आप मुझे क्या बता रही है ,, ये राक्षस कौन है ??और मैं हॉस्पिटल मतलब मुझे यहां कौन लेके आयाा है ।
उस लड़की की बात सुन नर्स और डॉक्टर एक दूसरे का चेहरा देखने लगे तभी नर्स ने धिरे से डॉक्टर से पूछा " ये ऐसी बाते क्यू कर रही है क्या इन्हे अपने बारे में पता नही है क्या "
डॉक्टर धीमे आवाज में कहते है " सर में गहरी चोट आई है हो सकता है कुछ याद न हो "
दोनो इसी तरह बात करने लगे जिसे देखा लड़की कहती है " आप दोनो आपस में क्या बात कर रहे है और मेरी बातो का जवान दीजिए "
तभी उस लड़की ने अपने मन में कहा " मैं तो पूरी तरह जल के मर चुकी थी फिर यहां कैसे आई कौन लेके आया होगा ?? नही उस जगह को तो कुछ लोग ही जानते थे जिनमे से कोई नही चाहेगा की मैं ज़िंदा रहूं फिर कौन लाया होगा " ये कोई और नहीं वान्या थी जिसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की उसके साथ हो क्या रहा है वो यहां कब और कैसे आई है और ना उसे याद थ।।
अभी वो ये सब सोच ही रही थी की अचानक से उसकी नजर अपने हाथों में पहने चूड़ियों पर चला गया जो रेड थी । फिर नजर उन कपड़े पर गई जिसे वान्या ने पहनने के लिए सपने देखे थे लेकिन आज उसने किसी और के नाम का शादी का जोड़ा पहन है वो शख्स कौन है ??उसे ये भी नही पता फिर उसने हांथ उठा के माथे पर लगाया फिर सामने किया जिसे देख उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई ।।
वान्या के मांग में सिंदूर वो भी किसी और के नाम।का उसके बाद उसने गले में पहना मंगल सूत्र देखा जिसे देख वो चौक गई आज वान्या के हैरानी की कोई सीमा ही नही थी उसके शब्द गले में ही अटक गए थे वो हॉस्पिटल कब आई उसकी शादी कब हुई उसे कुछ नही पता ना याद है उसे तो बस इतना याद है की उसके अपनो ने बेरहमी से मार दिया था ।।
तभी वान्या को कुछ याद आया उसने याने अपने हांथ के चेहरे को छू के देखा तो वो बिल्कुल ठीक था उसकी पूरी स्किन अच्छी खासी चमक दार थी उसने फिर से मन में कहा "कही मैं कोई सपना तो नहीं देख रही थी " ये सोच वान्या एक पल के लिए खुश हो जाति है फिर दूसरे पल कहती है " नही नही वो कोई सपना नही था हकीकत थी मैंने उसे महसूस किया था उस दर्द को मैने सह था वो अपना नही तो सकता है बिलकुल भी नहीं "
सोचते हुए वोे पहने लहंगे को और चूड़ियों को हिलाते हुए कहा "मुझे पता करना होगा आखिर मेरे साथ हो क्या रहा है ??
वान्या ने डॉक्टर और नर्स को देखा जो उसके बगल में ही खड़े थे उन्हे देख वो कहती है " मैं आखिरी बार पूछ रही हूं मुझे यहां कौन लेके आया है और ये कपड़े मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है ये सब क्या है मुझे आप दोनो प्लीज बताइए ।
उसकी बात सुन के नर्स कुछ सोचती है और जैसे ही कहने।को।हुई की उससे पहले ही एक दमदार आवाज पूरे कमरे में गुज गई ।।
" क्युकी आज हमारी शादी हुई है इस लिए ये कपड़े पहने है और मैं तुम्हे यहां लेके आया वैसे तुम्हे क्या लगा था की मुझसे बच के भाग जाओगी और मैं कुछ नही कर पाऊंगा हम्मम,, आज से तुम मेरी पत्नी हो और जो मैं कहूंगा तुम्हे वही करना होगा इसी लिए ज्यादा सावल नही।। " ये आवाज गेट के पास से आई जिसे सुन के नर्स और डॉक्टर की रीड की हड्डियां तक सीधी जो गई और वही लड़की ने अपनी आंखे सिकोड़ के गेट की तरफ देखते हुए कहा " अबे तू है कौन ? जिसने मुझे शादी कर लिया और ये क्या बकवास लगा के रखा है हां।
अग्नि की बात सुन अचानक से वान्या अपने कंट्रोल से बाहर होने लगी ।।
वही उसके ये शब्द मानो उस कमरे को मौत का अखाड़ा बना दिया हो वहा की गर्मी अचानक से बड़ गई और वहा पर खड़े लोग पसीने से इस कद्र भीगे की जैसे किसी ने बाल्टी का पानी डाल दिया हैो ।।
वही उस शख्स की मुठिया कस गई आंखे खतरनाक हो गई उसने अपने कदम अंदर लाते हुए कहा " तुम्हारी हिम्मत कैस हुई मुझसेे इस तरह से बात करने की इसके लिए मैं तुम्हारी जबान खिच सकता हूं शादी हुई है इसका ये मतलब नही है की तुम्हे मैने पत्नी का दर्जा दिया है अपनी जुबान बंद रखोगी तो खुश रहोगी " अग्नि ने आते हुए कहा
अग्नि की आवाज इतनी गुस्से से भरी थी की डॉक्टर और नर्स के साथ साथ इस बार वो वान्या भी एक पल के लिए डर गई पर दूसरे ही पल उसके आंखो मेे गुस्सा छा गया जब उस अग्नि ने अपनी मुट्ठी में वान्या के बालो को भर के कहा " मुझे राक्षस बनने पर मजबूर मत करना नही तो अभी तो बस शादी किया है कही ऐसा ना हो की कुछ और भी कर बैठे और शायद तुम्हे वो अच्छा न लगे इसी लिए जब तक मैं कुछ कर नही रहा हूं तो अपनी जबान बंद कर रखना समझी चाहत शंकर"
अग्नि के मुंह से किसी और का नाम सुन के वान्या हैरान हो गई और आंखे फाड़े उसे देखने ।। वान्या का तो पूरा दिमाक हिल गया था एक तो इतनी सारी बाते ऊपर से अग्नि ने उसके बाल पकड़े है ।।
वही अपनी बात कर के उस अग्नि ने झटके से वान्या के बालो को छोड़ दिया और घूरते हुए कहा " उम्मीद है मेरी बात तुम्हारेे दिमाक में फीट हो गई होगी अगर नही हुई है तो कर लो वरना मुझे फिर से करवाने में वक्त नहीं लगेगा "
अपनी बात कह के अग्नि कमरे से बाहर अपनी तेज कदमों से बाहर निकल गया ।। जाने से पहले उसने डॉक्टर से चाहत की यानी वान्या के डिस्चार्ज के लिए कह दिया ।
वही अग्नि की बात सुन के डॉक्टर ने अपने थूक गटकते हुए अपना सर हिला दिया।।।उसके जाते ही वान्या सॉरी चाहत ने बगल में रखे टूल्स को एक नजर गुस्से से देखा और उसे नीचे फेक के गुस्से के कहा " आखिर ये चमगादड़ की औलाद है कौन और मुझे धमकी देके गया है ये खुद को समझता क्या है इसने मेरे बालो को हांथ लगाया मैं इसके हांथ तोड़ दूंगी आज तक किसी की हिम्मत नही हुई थी वान्या.... वो आगे बोलती की अचानक से उसके दिमाक में उस शख्स के बोलेे गए शब्द गूंजने लगेे "चाहत शंकर" ये शब्द याद आते ही अचानक से वान्या की आंखे चमक गई वो हैरानी से डॉक्टर और नर्स को देखने लगी और कहती है " इस आदमी ने मुझे चाहत क्यू कहा ये चाहत कौन है ? मैं कुछ समझ नही पा रही हूं ??
उसकी बात सुन नर्स ने डॉक्टर से कहा " आप को एक बार जाके मिस्टर आहूजा से बात करनी चाहिए उन्हे बता दीजिए मैडम अपनी मेमरी खो चुकी है कही ऐसा ना हो की इसके लिए भी हम ही सुनना पड़े"
उनकी बात सुन वान्या गुस्से से कहती है " आप दोनो बहरे है क्या मैं कब से एक ही बात पूछ रही हूं और आप लोग है की बताना ही नही चाहते है ठीक है नही बताना तो मत बताइए मैं खुद पता कर लूंगी "
अपनी बात कह वान्या बेड से उठने लगी तभी नर्स ने उसे पकड़ के कहा " मैडम प्लीज आप ऐसा मत करिए "
जारी...✍️
कौन है ये चाहत..?
चाहत से अग्नि ने शादी क्यू किया..?
क्या वान्या को पता चला वो कौन है ..?
वान्या सब कुछ कैसे संभालेगी ..?
आखिर कौन है ये अग्नि अब क्या करेगा वान्या यानी चाहत के साथ। ?
जानने के लिए कहानी पढ़ते रहे ।। ""
उसकी बात सुन नर्स ने डॉक्टर से कहा " आप को एक बार जाके मिस्टर आहूजा से बात करनी चाहिए उन्हे बता दीजिए मैडम अपनी मेमरी खो चुकी है कही ऐसा ना हो की इसके लिए भी हमें ही सुनना पड़े"
उनकी बात सुन वान्या गुस्से से कहती है " आप दोनो बहरे है क्या मैं कब से एक ही बात पूछ रही हूं और आप लोग है की बताना ही नही चाहते है ठीक है नही बताना तो मत बताइए मैं खुद पता कर लूंगी "
अपनी बात कह वान्या बेड से उठने लगी तभी नर्स ने उसे पकड़ के कहा " मैडम प्लीज आप ऐसा मत करिए "
अब आगे..
( अब मैं वान्या को चाहत ही कहूंगी)
आप का नाम चाहत है मैम क्या आप अपना नाम भूल गई और जो अभी आए थे वो आप के पति है यही तो वो भी बता के गए है ,, " नर्स ने चाहत को जाने से रोकते हुए कहा । वही चाहत नर्स की बात सुन उसे अजीब नजरो से देखने लगी ,,, खुद को ऐसे देखते देख नर्स कहती है " क्या हुआ मैम आप मुझे ऐसे क्यू देख रही है ?? आप ने जो पूछा था मैंने वही बताया अब क्या हुआ आप को ???
कुछ सोच के चाहत कहती है " क्या आप मुझे कुछ और भी बता सकती है जो मैं पूछूं आप से ,, मैं जानना चाहती हूं मुझे कुछ याद नही है बस इसी लिए "
नर्स कहती है " जी पूछिए क्या पूछना है आप को ?
चाहत ने कहा " मेरा नाम चाहत शंकर है मैं यहां कैसे आई और मुझे क्या हुआ था ??? । क्या ये सब आप बता सकती है और ये जोअभी अभी गए है वो कौन थे ??
रितिका का सवाल सुन के एक पल के लिए नर्स शांत हो गई और मन में कहा " अब मैं क्या बताऊं मुझे खुद नहीं पता ये कौन है खैर कुछ भी बता देती हूं वैसे भी मुझे क्या पता इसी हालात कैसे हुई है "
नर्स शान्त देख चाहत कहती है " क्या हुआ आप क्या सोचने लग गई ???।
नर्स अपने ख्यालों से बाहर आके कहती है " कुछ नही मैम हां क्या पूछ रही थी आपका ही नाम चाहत है ज्यादा तो मुझे नही पता है वैसे जब आप यहां आई तो आप के सिर से खून बह रहा था जिसे देखने पर ये साफ पता चल रहा की आप का एक्सीडेंट हुआ था शायद किसी कार से आप को टक्कर मार दिया वो तो आप की किस्मत अच्छी थी जो सिर सही वक्त पर आप को हॉस्पिटल लेके आए थे नही तो आप की ऐसी हालत हो गई थी यहां तक की डॉक्टर को भी कही पता चल पा रहा आप को होश कब तक आयेगा ,, मगर आप की किस्मत अच्छी है जो आप सही सलामत खड़े है ,, और हां वो जो अभी आए है वो मिस्टर आहूजा है ये हॉस्पिटल उन्ही का है "
नर्स की बात सुन के चाहत कहती है " इसका मतलब मैं वान्या नही चाहत हूं मेरी नही नही मतलब इस लड़की की शादी उस चमगादड से हो गई है वैसे दिखने में कितना अजीब है मुंह बिल्कुल सड़ा हुआ है खैर अब मैं क्या करूं इसकी पत्नी मैं बन गई हूं लेकिन कैसे मैं वो ,, चाहत रोने जैसी सकल बना के कहती है " मुझे कुछ समझ नही आया है अभि तक हम्मम।
असल में चाहत यानी वान्या ने अभी तक अपनी सकल देखो तो है नही जो उसे पता चले की वो वान्या से चाहत कैसे बनी उसे लग रहा है की उसके सकल की की चाहत है ।। इसी लिए अभी तक ये सब उसके समझ के ऊपर था ।।
फिर उसने खुद के हाथों को देखते हुए कहा " मैं तो बिलकुल ठीक हूं क्या मेरा पुनर्जन्म हुआ है क्या सच में ऐसा होता भी हैं हां वान्या होती है तभी तो तू किसी और का नाम ले लिया है ।। मुझे अपने दुश्मनों से लड़ने के लिए दूसरा जन्म मिला है ।। मेरी ज़िंदगी का एक ही मकसद है उन्हे बर्बाद करना और उसके लिए मुझे कुछ सोचना होगा ।।
वो अपने ख्यालों के थी की नर्स ने उसे वर्तमान में लाते हुए कहा " आप का डिस्चार्ज पेपर रेडी हो गया है चलिए मैं आप को बाहर तक छोड़ देती हूं अब आप घर जाके आराम करिए।
नर्स की बात पर चाहत ने कुछ नही कहा बस लहंगे में ही बेड से नीचे उतर के कमरे से बाहर चली गई वो अभी भी उलझन में थी उसे क्या करना चाहिए कुछ समझ नही आ रहा था वो कौन है उसका नाम चाहत कैसे पड़ा या वो कैसे वान्या से चाहत बन गई इन्ही सब ख्यालों में घूम चाहत बाहर की तरफ जाने लगी ।।
तभी अचानक से उसके पैर अपनी जगह पर रुक गए उसने अपने बगल में लगे आईने में अपना चेहरा देखा तो उसकी आंखे हैरानी से बड़ी से बड़ी हो गयो इतनी की जैसे अभी बाहर आ जायेगा ,, अब धीरे धीरे वान्या को सब कुछ समझ में आने कहा क्यू सब उसे वान्या नही चाहत बुला रहे है ,, आखिर अग्नि उसे धमकी क्यू देके गया ,, सब कुछ वान्या के समाने साफ हो गया ,वो अभी तक जिस उलझन में थी साफ साफ साफ हक के कही दूर चला गया चाहत अपने चेहरे पर हांथ रख गालों को छूती है ,, फिर आंख,, नाक,, होंठ,, वो खुद को ध्यान से मिरर में देखने लगी पहले से ज्यादा खुबसूरत वान्या लग रही थी लेकिन उम्र अभी सिर्फ 23 के आस पास लग रहे थे जो गुड़िया की तरह बिल्कुल मासूम था चाहत खुद को ध्यान से देखने लगी तभी उसने मन में कहा। " ये किसका चेहरा है ये मेरा नही है मैं पूरी तरह बदल गई हूं मेरा तो पूरा चेहरा जल गया था क्या मैं इस चाहत नाम की लड़की के शारीर में हूं तो असली चाहत क्या सच में मर गई है सच में भगवान जी के मुझे ये मौका दिया है राक्षसों का वध करने के लिए और मैं करूंगी जरूर करूंगी "
इस चेहरे को देखते हुए उसने कहा तभी उसे कुछ धुंधली सी यादें उसके आंखे के सामने आने लगी ।। जो तस्वीर उसके सामने आ रही थी काफ़ी धुंधली थी लेकिन चाहत अच्छे से याद करने लगी और एक एक कर के उसके आंखे के सामने सब कुछ आने लगा जिसमे एक लड़की जो बेतहाशा रो रही थी और बार बार कह रही थी " मैं जीना नही चाहती हूं मेरे परिवार की सजा मुझे क्यू मिल रही है आखिर मैने ऐसा क्या कर दिया है मैने तो किसी के साथ कुछ नही नही किया है तो मुझे सजा क्यों?? वो भगवान से कह रही ।।
वो लड़की अपने आंसू को साफ करते हुए बेसुध सी सड़क कर चलने लगी उसने फिर से बड़बड़ाते हुए कहा " मैं यहां से दूर चली जाऊंगी बहुत दूर जहा कर मुझे कोई नही ढूंढ पाएगा अब मेरा यहां कुछ नही है जिसके सहारे मैं रहूंगी " लड़की रोते हुए खाली सड़क पर चल रही थी तभी अचानक से एक गाड़ी जो काफ़ी स्पीड में थीउसने उस लड़की को ऐसे टक्कर मारा की लड़की जाके कुछ दूरी पर गिरी तुरत उसके सिर से खून लगना सुरु हो गया ।।
धीरे धीरे चाहत को सब कुछ याद आने लगा और उसने अपने चेहरे को देखते हुए कहा " इस लड़की के साथ कितना गलत हुआ है उसकी शादी जबरन इस आदमी से हो गई है अजीब लोग है ये लोग ऐसा कैसे कर सकते है इस मासूम की जिन्दगी बर्बाद कर रहे है लेकिन तुम चाहत चिंता मत करो अब जब मैं आ गई हूं तो तुम्हारे साथ कुछ गलत नही होने दूंगी मैं भी देखती हूं कौन क्या क्या करता है "
अमृता ने मिरर में देखते हुए खुद से कहा उसे कुछ चीजे याद आने गई थी जिससे उसे काफी गुस्सा भी आया वह चाहत इस चेहरे में इतना खो गई की बगल में खड़ी नर्स कब से आवाज दे रही है उसे सुनाई ही नही दे दिया " मैम क्या हुआ है आप ऐसे क्यू देख रही है चलिए ना अगर वक्त पर नही गए तो मिस्टर आहूजा गुस्सा हो जायेंगे और उनके गुस्से से हमे कोई नही बचा सकता है ।।"
नर्स ने चाहत के कन्धे से पकड़ के हिलाते हुए कहा जिससे वो अपने होश में आके कहती है " हां क्या हुआ क्यू भौंक रही हो यार चल तो रही हूं "
चाहत ने इतना तेज़ बोला की एक पल के लिए नर्स बिचारी सहम सी गई और उसे देखने लगी उसे तो यकीन ही नहीं था की चाहत हो दिखने में सीधी साधी है वो ऐसे भी बोल सकती है ।।
तभी चाहत को अहसास हुआ उसने क्या कह दिया है उसने मन के कहा " यार चाहत क्या कर रही है देख बिचारी डर गई अपनी ये गुंडा गिरी कुछ दिन तक संभाल के रख सायद आगे काम आए वैसे भी कमजोरो पर तू वार नही करती ये तेरी फितरत नहीं है "
कहते हुए उसने नर्स को प्यार से कहा " प्लीज तुम बुरा मत मानना अब तुम्ही बताओ मैं ठहरी 20 साल की नादान परिंदा जो बस उड़ना जानती है और मेरी शादी किसी बूढ़े से हो गई है तो मैं क्या करूं अब बच्चे को गुस्सा तो आयेगा ही ना मेरा कोई इरादा नही था तुम्हे तारीफ देने की लेकिन क्या करूं यार हो जाति है गलती कभी कभी लिए तुम ना मुझे डरो मत क्युकी मैं तुम्हारे वो सर,, क्या नाम।था ,,, हम्मम,,, हां,, मिस्टर आहूजा उनकी तरह तो बिलकुल नही हूं ok "
उसकी बात सुन के नर्स के जान में जान आई उन्होंने स्माइल के साथ कहा " कोई बात नही मैम आप ने।मुझसे इतने प्यार से बात किया वही मेरे लिए काफी है नही तो ऐसे तो कितने लोग कुछ न कुछ सुना के चले जाते है पर आप बहुत अच्छी हो वैसे आप ने सच कहा आप की शादी सीधे जल्लाद से हो गई है आप कैसे...
वो आगे न बोल सकी क्युकी बोलते वक्त उसकी नजर अचानक से केबिन के बाहर खड़े अग्नि पर चली गई जो अपनी ज्वाला मुखी भरी आंखो से नर्स को घूर रहा था वही नर्स की हालत इतनी खराब हो गई की वो थर थर खड़े हो कांपने लगी ।।
तभी फिर से उसकी नजर पीछे खड़े डॉक्टर पर चली गई जो अग्नि के पीछे खड़ा था वो इशारे से अपने हाथो को दिखा के कह रहे थे की " भाग जाओ वरना ये जल्लाद तुम्हे यही अपनी आंखो से मार डालेगा जितनी जल्दी हो जाओ यहां से आगे का मैं देख लूंगा ।।"
नर्स ने जैसे ही डॉक्टर के बातो को समझा वो आस पास देखने लगी कहा भागे असल में अग्नि की नजर इतनी तेज थी की वो कुछ समझ ही नही पा रही थी वही उसकी इस हरक़त को देख चाहत ने कहा " क्या हुआ तुम ऐसे क्यू देख रही हो आस पास कुछ है क्या ????
चाहत के सवाल सुन के नर्स फिर से अग्नि स को देखा तो अपनी नजर नीचे कर लिया क्युकी के आंखों की तपिश बहुत है वही उसकी नजर का पीछा कर के चाहत ने देखा तो उसे डर तो नही लगा अग्नि सेे नजरो से ,,,बल्की उसने अपना मुंह बना के कहा " छी ये कितना गन्दा है इसका चेहरा बंदर की तरह लग रहा है की कही से जल भुन के ना आया हो "
सोचते हुए अजीब तरह से अपना मूंह बनाने लगी वही अग्नि ने देखा तो उसके करीब आके कहा " अगर तुम्हारा देखना हो गया हो तो चलो यहां से मुझे थोड़ा और काम है "
उसकी आवाज सुन चाहत अपने होश में आई और जैसे ही कुछ कहने को हुई की फिर से अग्नि ने कहा " अगर भूल से भी अब तुमने ने अपनी ये जबान यहां खोली न तो यही पर पहले जबान कटवाऊंगा उसके बाद तुम्हे मारूंगी ।।
वैसे भी मुझे ज्यादा बोलने वाले इंसान पसंद नही है पूरी जिन्दगी गूंगी बना के मेरे घर कर रख सकता हूं अगर सलामती चाहती हो तो शांत रहो"
उसकी की धमकी सुन एक पल के लिए अमृता डर गई उसने मन में कहा " क्या ये सच में ये ऐसा कर सकता है ??? हां अगर कर दिया तो , कहते हुए वो खुद को अमेजिन करने लगती है " वो किसी नौकर से पानी मांग रही है वही " पानी पीने और कुछ बोलते हुए वो इशारा l तभी फिर से उसके कानो में अग्नि की की आवाज गई " अगर सोच लिया हो तो चलो मेरे पास इतना टाइम नही है की मैं यहां खड़ा रह सकूं "
जारी..✍️
आखिर ऐसा क्या हुआ है चाहत के साथ की उसे करनी पड़ी अग्नि से शादी .??
चाहत के परिवार वालो ने क्या किया है ..?
क्या वान्या अग्नि के साथ जायेगी ??
उसकी की धमकी सुन एक पल के लिए अमृता डर गई उसने मन में कहा " क्या ये सच में ये ऐसा कर सकता है ??? हां अगर कर दिया तो , कहते हुए वो खुद को अमेजिन करने लगती है " वो किसी नौकर से पानी मांग रही है वही " पानी पीने और कुछ बोलते हुए वो इशारा l तभी फिर से उसके कानो में अग्नि की की आवाज गई " अगर सोच लिया हो तो चलो मेरे पास इतना टाइम नही है की मैं यहां खड़ा रह सकूं "
अब आगे....
इतना कह के वो आगे बड़ गया चाहत जो अपने ख्यालों में थी एक बार फिर बाहर निकल के उसे जाते हुए देखते हुए कहती है " ये इंसान खरनाक है बच के रहना होगा ,, हम्मम अब चल इसके साथ चाहत वैसे भी अभी तो तेरे पास रहने के लिए भी कोई जगह तो है नही देखते है देखती हूं ये क्या हो कर लेगा ,?? ,, "
उतना कह के वो अग्नि के पीछे भागी क्युकी अग्नि की रफ्तार काफी तेज था इसी लिए चाहत को भाग के जाना पड़ा बिचारी अपना लहंगा संभालते हुए बहुत मुस्किल से भागी ,,तभी जैसे ही चाहत अग्नि के पीछे पहुंची उसने अपना मुंह टेडा कर के कहा " जल्दी करो ममेरे पास इतना टाइम नही है बड़ा आया संडू कही का"
चाहत ने अग्नि के ही बातो को रिपीट करते हुए कहा था और वो आगे बड़ गई वही हॉस्पिटल के सामने एक कार आके रुकी थी ड्राइवर ने गेट खोला तो पहले अग्नि जाके बैठा उसके बाद चाहत भी बैठी उनके बैठते ही कार स्टार्ट होके अपनी मंजिल के तरफ बड़ गई वही चाहत ने कार के अंदर जैसे ही बैठी अंदर का नजारा देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गई उसने मन में कहा " क्या आदमी है यार गाड़ी में भी पूरे कमरे की फिलिंग आ रही है ऐसा लग रहा है किसी बड़े होटल रुम मे आई हूं वैसे तो इससे कम तो गाड़ी मेरे पास भी नही थी मेरी चमेली इससे तो अच्छी थी ये भी ठीक ही है "
( चमेली यानी रितिका की बाइक)
बाइक से याद आते ही उसे फिर से सब कुछ याद आने लगा जो उसके साथ हुआ था एक बार फिर चाहत का गुस्से बड़ने लगा उसने मन में कहा " खैर तुम लोगो ने मेरे साथ जो किया वो सायद मैने सोचा तो नही था पर इसकी कीमत तुम तीनो को चुकानी होगी क्युकी मैं वापस आ गई हूं मेरे दोस्तो अब ये वान्या नही चाहत बदला लेगी वान्या लेकिन चाहत के साथ भी गलत करने वाले लोगो को नही छोड़ेगी अब तो मुझे दो लोगो को बदला अकेले लेना।है इस ज़िंदगी के रेस में।बहुत मजा आयेगा,,, बस तुम सब देखो मैं धीरे धीरे कैसे खत्म करती हूं तुम्हे "
सोचते हुए उसके चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ गई लेकिन झट से उसने अपनी मुस्कान छुपा भी लिया और अपने बगल में देखने।लगी तभी उसकी नजर बगल मेे बैठे अग्नि पर चला गया जो बाहर देख रहा था ।। चाहत अग्नि को गौर से देखने लगी और फिर से कहा " बंदा तो हैंडसम है वैसे तो लेकिन एक नंबर का मत्तमिज भी है किसी काम का नही " अपने ख्यालों से बाहर आके चाहत ने अग्नि से कहा " तुम्हरा नाम।क्या है ???
चाहत की बात सुन के बैठा अग्नि उसकी तरफ अजीब तरह से देखने लगा जैसे कोई अजूबा देख लिया हो
खुद को ऐसे देखते पा के चाहत से थोड़े रूढ़ टोन में कहा " मैने नाम पूछा है मुझे ऐसे क्यू देख रहे हो जैसे नाम नही तुम्हारी प्रॉपर्टी के बारे में पूछ लिया हो यार अब तो।लोगो के नाम।भी सोच समझ के पुछने पड़ेंगे"
चाहत की बात सुन के सामने। बैठें दो लोग मुंह दबाये हसने लगे उनकी हसी की आवाज अमृता के कानो में गई तो उसने गुस्से से सीट पर लात मरते हुए कहा " तुम दोनो अपना दांत क्यूं दिखा रहे हो मैं कोई जोक नही मारा है समझे सिर्फ नाम।ही तो पूछा है अब क्या इसमें में भी प्रॉबलम होने लगी है ।।
चाहत की बात सुन सामने बैठे एक शख्स ने कहा " अरे प्रोब्लम नही है ,, बट क्या सच में आप को नही पता है इनका नाम "
चाहत थोड़ा रुक रुक के कहती है " प पता.है . तो क्या इसका मतलाब ये नही है की मैं दुबारा पूछ नही सकती हूं मुझे इनके मुंह से सुनना है इसी लिए पूछा ।।
चाहत क्या बोल रही उसे पता नही सच में ऐसा कौन इंसान होगा जो नाम पता होने के बाद भी उसी इंसान।से उसका ही नाम पूछे ये अजीब था बहुत अजीब लेकिन चाहत को इन से कोई मतलब नही उसे तो दूसरी को तंग करना है बस इसी लिए उसने नाम पर बवाल खड़ा करते हुए कहा था ।।
उसकी बात सुन सामने से दूसरे शख्स ने।कहा " ये क्या बात हुई जब पता है तो जानने का क्या मतलब होगा अब ऐसा तो है नही की जिसका नाम है वो अपना नाम बताए तो उसमे कुछ फर्क आ जायेगा ,
"है ना रेहान "कार ड्राइव कर रहे शख्स ने बगल में बैठे लड़के से कहा जिसका नाम रेहान है उम्र 26 साल वो इस वक्त चिप्स की बड़ी सी पैकेट लेके बैठा था और उसका ध्यान सिर्फ खाने पर ही था बातो पर नही ।।
अपनी बात कह दोनो शख्स हसने लगे जिसे देख चाहत गुस्से से कहती है
, अपना ये दांत अंदर कर लो नही तो उन्हे बाहर करने में मुझे देर नही लगेगी समझे और मेरे सामने न ये दांत मत दिखाना मैं जब तक न कहूं"
चाहत केे धमकी देते ही दोनो बैठे इंसान शांत हो गए जैसे की कभी हंसे तक नही थे ।। वही बगल में बैठा अग्नि जो बड़े ध्यान से चाहत के तरफ देख रहा था उसने मन में कहा " इनफॉर्मेशन के हिसाब से ये तो ज्यादा किसी से बात नही करती थी और काफी डरी सहमी सी रहती है,, लेकिन इसका स्वभाव तो बिल्कुल उल्ट है क्या डॉक्टर की बात सच हो सक्ति है " अपनी बात कह अग्नि सोचने लगा ।।
*****
" देखिए मिस्टर आहूजा भले ही वो कार से सिर्फ टक्कर थी लेकिन उसके सर के पीछे चोट लगी है जहां पर ओसीसीपट होती है ये जगह जितना सेंसिटिव होता है उसी तरह यहां पर चोट लगने से खतरा भी उतना ही होता है वैसे आप जब उन्हे लेके आए थे तब तक उनका ब्लड भी काफी बह चुका था और हमने जैसे की आप को पहले भी कहा था की अगर सही वक्त पर होश नही आया तो कुछ कह नहीं सकते लेकिन मिसेज आहूजा काफी लक्की है जो वक्त के रहते उन्हे होश आ गया " डॉक्टर ने अग्नि को समझाते हुए कहा वैसे तो डर उन्हे अभी भी लग हो रहा था मगर पेंसेंट के आगे वो सब कुछ भूल गए थे ।।b
तभी अग्नि अपनी दमदार और कड़क जो की धीमे हो थी मगर एक पल के लिए दिल के दहलाने से काम नही था और वो कहते है " ये सब तो ठीक है लेकिन उसे याद क्यू नही है तुम मुझे उसकी वजह बातो ना की बेकार की बाते "
डॉक्टर ने अपना थूक गटकते हुए मन में कहा " इतना सब बोल गया इन्हे बेकार की बाते लग रही है उस दिन मेरी मत करो गई थी जब मैने इस हॉस्पिटल में काम करने के लिए हां कहा था " डॉक्टर मन में ही सोचे जा रहे थे तभी उन्हें खुद के ऊपर किसी की नजरे महसूस हुई जिससे वो तुरत अपने सेंस में आके कहते है " चोट लगने की वजह वो कुछ चीज़े भूल गई है लेकिन इसमें चिन्ता की कोई बात नहीी है कुछ दिन,,या फिर महीने में उन्हे सब याद आ जायेगा कभी कभी चोट ऐसे सेंसिटिव जगह लग जाति है जिससे इंसान कुछ दिनो के लिए अपने पास्ट को भूूल जाता है वही मिसेज आहूजा के साथ हुआ है "
प्रजेंट......
असल में जब चाहत ने खुद के बारे में नर्स से पूछ रही थी तो अग्नि ने सुन लिया था उसने डॉक्टर से पूछा तो डॉक्टर ने सर पर चोट लगने की वजह बताई शायद चाहत की मेमोरी चली गई है अब डॉक्टर को कौन बताए की एक टक्कर की वजह से यादाश नही जाति है वैसे तो गलती डॉक्टर बिचारे की नही है अब चाहत के अंदर वान्या आ गई है ये सब हरकते करने के लिए तो बिचारा क्या ही करे ।खैर आगे चलते है ।।
" क्या हो गया कहा खो गए कुछ पूछ रही हूं यार कब से मुझे घूर रहे हो अगर ऐसे ही घूरते रहे ना तो पक्का तुम्हारी नजर लगेगी मुझे " चाहत ने अग्नि के आगे अपना हांथ हिलाते हुए कहा जिसे सुन के एक डेविल लुक दे कर चाहत को देखता है और कहता है " आपने बाप से जाके मेरा नाम पूछ लेना वो अच्छे से तुम्हे बता देंगे मैं कौन हूं ? और क्या कर सकता हूं ? तुम बस अपने बारे में सोचो " अग्नि ने आंखो में गुस्सा और चेहरे को अजीब तरीके से बना के कहा ,, जिससे एक पल के लिए चाहत सहम सी गई फिर अपना मूंह बना के कहती है " अकडू कही का,, पागल भेड़िया "
अग्नि जो खिड़की के बाहर देखने लगा था एक बार फिर चाहत को गुस्से से देखने लगा चाहत ने भले ही धीरे से कहा था लेकिन अग्नि ने साफ साफ सुना था ।।
वही सामने सीट पर बैठा रेहान मुंह में चिप्स ठुसते हुए कहा " भाई पागल नही है वो तो ...
बिच में चाहत ने गुस्से से कहा " क्या मैने तुमसे पूछा ? कौन है कौन नही ?? ने ना में सर हिला दिया उसके ऐसा करते ही चाहत करती है " जब नही पूछा तो मेढक की तरह टर टर क्यू कर रहे हो शांति से बैठ नही सकते हो क्या मुझे पता है वो कौन है क्या है तो तुम ना अपना दिमाक काम चलाओ ।
चाहत की बात सुन के सामने बैठे शख्स का मुंह बन गया तभी अमृता ने अपने पैर से सामने की सीट पर हल्के से मारते हुए कहा " वैसे तुम दोनो का नाम क्या है अब अपने बॉस की तरह सड़ा मुंह लिए मत बताना की सुनने में भी मजा ना आए "
चाहत ने ये शब्द जिस तरीके से बोला था उसे सुन के अग्नि क्या सामने बैठे दोनो मुड़ के उसकी तरफ देखने लगते है तभी सामने बैठे शख्स ने मन में कहा " क्या होने वाली लेडी बॉस को हमारे बॉस से डर नहीं कह रहा है उनके मूंह पर बेज्जेत्ती कर रही है वैसे सही ही है ये इसी के लायक है जब देखो तक हम पर ही रोब झड़ता था अब इसका कोई झाड़े तो मजा हो आ जायेगा ।। "
इस वक्त वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था तभी चाहत ने फिर से कहा _
" यार तुम लोग कहा खो जाते हो मेरे पास ज्यादा पेसेन्स नही है जल्दी बताओ अपना नाम " अपनी बात कहते हुऐ चाहत सीट पर एल्थी पलथी मार के बैठ गई वही सामने बैठे आदमी ने कहा " मेरा नाम मयंक है और इसका ,, फिर मयंक रेहान को कहा " तू अपना नाम बता क्या है?? " उसकी बात सुन रेहान,, मयंक से कहता है " क्यू तू नही बता सकता था क्या ??
मयंक कहता है " तेरा नाम है तो तू बता ना मैं क्यू बोलूं वैसे भी बेकार नाम मैं नही लेता हूं "
मयंक ने तिरछी स्माइल के साथ कहा और सामने देखने लगा वही रेहान उसे खा जाने वाली नजरों से देख के नाराजगी वाले लहजे में कहा " रेहान हूं मैं इनका छोटा भाई "
रेहान ने अग्नि के तरफ इशारा कर के कहा फिर से aona चिप्स खाने कहा तभी चाहत ने एक नजर अग्नि को देख रेहान के तरफ झुक गई रेहान ने चाहत को ऐसे देखा तो कहा " क्या हुआ क्या आप को भी खानी है " उसने चिप्स आगे कर के कहा तो चाहत ने उसके गाल खींचते हुए कहा " तुम तो मेरे देवर निकले पता है भाई देवर के साथ क्या क्या कर सकती है ह्मम्मम्मम"
रेहान बच्चो जैसा मुंह बना के कहता है " क्या क्या कर सकती है "
फिर से चाहत कुछ कहने को होती है की गुस्से से अग्नि ने कहा _
"तुम क्या शांति से यहां बैठ नही सकती हो अगर एक शब्द भी अब किसीने नेे कहा तो यही से उठा के फेक दूंगा समझे दिमाक खराब कर के रख दिया है "
चाहत अपनी सीट पर ठीक से बैठते हुए कहा " इसके पास दिमाक भी है "
अग्नि ने चाहत की बात सुन लिया और जोर से कहा " शट अप "
जारी ...✍️
क्या होगा अब चाहत का ..?
चाहत क्या करेगी अब..?
कैसे रहेंगी इनके बीच में ..?
_
"तुम क्या शांति से यहां बैठ नही सकती हो अगर एक शब्द भी अब किसीने नेे कहा तो यही से उठा के फेक दूंगा समझे दिमाक खराब कर के रख दिया है "
चाहत अपनी सीट पर ठीक से बैठते हुए कहा " इसके पास दिमाक भी है "
अग्नि ने चाहत की बात सुन लिया और जोर से कहा " शट अप "
अब आगे...
अग्नि ने इतने गुस्से से कहा की इस बार चाहत कुछ पल के लिए डर गई और शांति से बैठ गई लेकिन मन में अग्नि को हजार गलियां दे रही थी " भागड़ बिल्ला कही का इतना भड़कने वाली क्या बात है इतना गुस्सा दिखा रहा है जैसे खा ही जायेगा पता नही मेरे ही पल्ले ऐसे लोग क्यू बंध जाते है "
इस बार चाहत कुछ ना बोल के शांति से बैठ जाति है और कार के पूरी तरह शान्ति फैली हुई थी तभी कुछ देरी में कार जाके एक विला के बाहर रुकती है जैसे ही कार गेट के पास पहुंची तो गार्ड तुरंत ही गेट को खोल देते है और कार अंदर के तरफ बड़ जाति है जिसे चाहत ने ध्यान नहीं दिया था लेकिन जब कार अंदर आई तो वो बड़ी बड़ी आंखे कर के विला को देखने लगी ।।
जो बेहद खुबसूरत दिखाई दे रहा था चाहत के आंखो के एक लग हो चमक थी जो शायद उस विला के बजाय कुछ और देख के आई थी चाहत की नजर इस वक्त गार्डन में लगे रंग बिरंगे फूलों पर था जो दिखने में खुबसूरत तो थे ही लेकिन उन्हें देखने में बाद ये कोई भी कह सकता है ये प्लांट इंडिया के नही बल्कि विदेश के है ।। चाहत भी एक बार में ही देख के समझ गई थी लेकिन वो थे इतने खूबसूरत चाहत के लिए कोई मैटर नही करता है वो कहा हैै ।।बस उनकी नजर उन्ही सब में अटका था ।।
जैसे जैसे गाड़ी अंदर बड़ रही थी चाहत उत्सुकता के साथ सब कुछ देख रही थी कुछ दूर चलने के बाद गाड़ी सीधे मेन गेट के सामने आके रुकी इस वक्त थोड़ा शाम हो चुकी थी सूरज ढल के अंधेरा छोड़ गया ।।
कार रुकते है अपनी शानो शौकत को बरकरार रखते हुए अग्नि कार से बाहर आया वही रेहान और मयंक भी कार से बाहर आ गए लेकिन चाहत इतना बीजी हो गई थी देखने में की उसने ध्यान नहीं दिया कोई उसे गुस्से से घूर रहा है ।।
" अब क्या बाहर आने के लिए तुम्हारे लियेे मुहरत निकलनि होगी या फिर उठा के ले जाऊं।तुम चाहती क्या हो ??? अग्नि ने पैंट के पॉकेट में हांथ डाल के खड़ा था उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था इस वक्त वही रेहान का चिप्स खाना बंद नही हुआ था और। मयंक बस देख रहा था ।।
इधर चाहत से जब अग्नि की बात सुनी तो गुस्से से लाल हो गई वो कहती है " तुम्हारी इतनी औकात भी नही है की तुम मुझे उठा के भी लेके जाओगे मुझे देखने के लिए बस लाइन लगती थी और तुम छूने की बात कर रहे हो अच्छा चलो ठीक है लेकिन आज तो कह दिया अगली बार कहने से पहले दश बार सोच लेना क्युकी ऐसे बाते करने वाले।मुझे बिल्कुल पसंद।नही है और मैं उनका हाल बेहाल कर देती हूं ".
अपनी बात चाहत गेट के तरफ बड़ गई वही उसकी बात सुन अंदर ही अंदर दांत पीसते हुए अग्नि ने कहा " तुम अग्नि के साथ आई हो जो तुम्हे जला के भस्म कर देगा ये जो अकड़ है मैं आज हो तोडूंगा औकात देखी है ना मेरी ना वो मैं आज रात में ही देखता हूं मेरी कितनी औकात है ।।
अपनी बात कह के वो भी गेट के तरफ बड़ गया वही मयंक और रेहान शॉक में खड़े थे रेहान के हांथ में चिप्स का टुकड़ा और मुंह खुला हुआ तभी मयंक ने।कहा " क्या सच में ये लड़की बॉस को बाते सुन के गई है "
रेहान उसी एक्सप्रेशन लिए कहता है " लग तो रहा था उसने तो मुंह पर ही बेजज्जती कर दिया "
मयंक कहता है " आज तक किसी की हिम्मत नही होती की बॉस के सामने अपनी जुबान खोल दे लेकिन ये ....
बीच में रेहान ने कहा " जुबान नही सीधे थप्पड़ मार के गई है भाई को उसकी औकात बता दिया की कोई भी लड़की अब उनकी बेजजती कर सकती है "
इस बार मयंक से आंखे छोटी कर रेहान के तरफ देखे के डांटा " चुप कर कही तेरे इन बातो के चक्कर के मेरी सैलिरी के साथ साथ मैं भी नौकरी से हांथ धो बढूंगा "
रेहान खाते हुए कहता है " जो भी चल अंदर चलते है देखते है अब क्या नया होने वाला है "
मयंक" हम्मम "अपनी बात कह के दोनो भी अंदर की तरफ बड़ गए ।।
इधर अग्नि और चाहत जैसे ही अंदर जाने को हुई की उनके कानो के एक दमदार आवाज गई एक पल लिए तो चाहत सहम सी गई फिर दूसरे पल उसने सामने देख के कहा " ड्रामा सुरु "
उतना कह उसने दो तीन बार अपनी आंखे मटकाई जिससे उसके आंखो के आंसू भर गए और अपना सर नीचे झुका के खड़ी हो गई वही सामने चार से पांच लोग खड़े थे एक लड़की को छोड़ सभी मिडिल एज के थे ।।
अग्नि भी अपनी जगह पर रुक गया था पीछे आ रहे मयंक और रेहान भी अपने जगह पर खड़े हो गए थे तभी मयंक ने धीरे से अग्नि से कहा " रेहान ने सब कुछ पहले ही बता दिया था मैने उसे रोका लेकिन वो सुनता कहा है किसी की।"
ये बात सुन अग्नि ने गुस्से से रेहान को घूरने लगा ।।वही अपनी बात कह मयंक सीधे खड़े हो गया इधर रेहान सामने अपने मॉम डैड को देख के अंदर आते हुए कहता है " देखा मॉम मैने सही कहा था भाई ने शादी कर लिया लेकिन आप लोग मेरी बाते पर यकीन ही नहीं कर रहे थे।।
सामने एक औरत जिन्होंने कॉटन की साड़ी पहन रखा था हाथोो मे बस एक कड़ा और माथे पर बंदी वो काफी सिंपल थी लेकिन बेहद खुबसूरत थी अपनी एज से कम हो लग रही ।। जिनका नाम शुभा आहूजा है ।।
रेहान की बात सुन शोभा जी ने अग्नि को घूरने।लगी जो उनसे अपनी नजरे चुराए खड़ा था ।। अगर अग्नि को इस दुनियां में।किसी से प्यार है तो अपने। परिवार से उसी लिए वो जान दे भी सकता है और ले भी सकता है ।। अग्नि अपनी मॉम से बिलकुल नजरे नही मिला पा रहा था ।। वही शोभा जी ने एक नजर अग्नि को देख चाहत को देखा जो सिर नीचे कर रो रही थी ।।
लेकिन चाहत को शोभा जी ने।कुछ कहा नही और अपनी नजरे अग्नि के तरफ कर के कहा " अनी ये सब क्या है ?? ( अग्नि का निक नेम) मैने तुमसे ये उम्मीद नहीं की थी की तुम ऐसा कुछ करोगे ??
अपनी मां की इस तरह की बाते सुन अग्नि को अच्छा तो नही लगा लेकिन अभी वो चाहत के सामने कुछ बोल नहीं सकता था उसने बस इतना कहा " मॉम मैं इस बारे में अभी कोई बात नही करना चाहता हूं पहले अंदर चलते है ।।
शोभा जी थोड़ा सक्त होके कहती है " लेकिन मुझे अभी बात करनी है अनि मैने तुमसे ये उम्मीद नहीं किया था की तुम ऐसा कुछ करोगे लेकिन फिर भी मैं जानना चाहती हूं आखिर ऐसे कोर्ट में किसी लड़की के साथ जबरस्ती शादी करने का क्या मतलब है ,, मैं उस बारे में पहले हो तुम्हे कह दिया था आखिर तुम कभी तो मेरी बाते मान जाया करो लेकिन नही हर बार अपनी ही मर्जी करनी है कभी ये तो कभी वो हर वक्त कुछ जा कुछ करते रहते है आखिर कब तक ऐसे। परेशान करोगे "
शोभा जी ने थोड़ी ऊंची आवाज के कहा जिससे उनकी सांसे फूलने लगी और वो तेज़ तेज़ सांस भरने लगी जिसे देख उनके बगल में खड़ी उसी उम्र की एक और औरत जिनका नाम हेमा है वो अग्नि की चाची जी है जो उनके साथ इसी घर के रहती है ,, ।।
हेमा जी ने शोभा जी को साइड से पकड़ के उनके पीठ को जलाने लगी और चेहरे पर परेशानी लाके कहा " जीजी आराम से कितनी बार कहा इतना मत बोला करिए देखिए फिर से आप की तबियत खराब हो गई है "
असल के शोभा जी को अस्थमा की बीमारी है इसी लिए उन्हे ज्यादा तेज और ज्यादा काम करने से मना लिए गया है ।।
उन्हे इस तरह से देख बाकी के सभी लोग परेशान हो गए थे रेहान तो वही अपनी चिप्स की पैकेट छोड़ पानी लेने भागा और अग्नि ने जैसे ही अपनी मां के पास आने के लिए कदम बढ़ा उन्होंने अपनाा हांथ दिखा के उसे वही पर रोक दिया इधर मयंक भी डॉक्टर को कॉल करने चला गया और चाहत उसका रोना बंद हो गया है ।।वो भी शोभा जी के लिए परेशान होने लगी भले ही वो जानती नही है लेकिन इंसानियत नाम की चीज़ उसके अंदर भी है ।।
मैं थोड़ा इन सब के बारे में बता देती हूं ______👇
( अग्नि के पिता नही है 6 महीने पहले हो उनकी डेथ हो गई ,, मां शोभा जी है जो घर पर ही रहती है वही अग्नि की चाची हेमा जी वो डिजाइनर है उनकी खुद की कंपनी है उनकी एक बेटी है जूही जो अभी कॉलेज में है और वही उनके पति यानी संदीप आहूजा जो की एक आर्मी ऑफिसर है जो कभी कभी घर आते है अक्सर बाहर ही रहते है ,, रेहान और अग्नि शोभा जी के बेटे है ,, मयंक जो अग्नि के पिता संस्कार आहूजा के दोस्त का बेटा है ,, वो भी आर्मी में थे उनकी मौत के बाद मयंक को उसकी फैमिली ने लेने से मना कर दिया था जिसके कारण संस्कार आहूजा उन्हे अपने साथ ले आए तब मयंक सिर्फ 10 साल का था तब से वो अग्नि के साथ रहता है वो भी शोभा जी का एक बेटा ही है जिसे वो अपने बेटे की तरह ही मानती है ))
शोभा जी थोड़ी देर में खुद के सांसे को काबू कर लिया रेहान ने उन्हे पानी देते हुए कहा " मॉम पहले पानी पीजिए "
वो थोड़ा सा पानी पीती है और रेहान ग्लास वही टेबल पर रख के शोभा जी के पास खड़ा हो गया वही हेमा जीो वो शोभा जी को पकड़ के खड़ी रही तभी शोभा जी अग्नि को देख के कहती है " तुम ऐसे घर में नही आ सकते हो ?
अग्नि ने आंखे छोटी कर के कहा " पर क्या मॉम मैने कहा ना मैं इस बारे के अंदर चल के बात करता हूं ।
तभी हेमा जी भी कहती है " जीजी अनी सही कर रहा है अभी अंदर चल के बाद करते है ना ऐसे बाहर वालो के सामने बात करना सही नही है " उन्होंने चाहत को तिरछी नजरो से देखते हुए कहा । फिर कहती है " आप जानती है अनि कभी गलत नही करता है अगर उसने ये सब किया है तो उसके पीछे भी कोई वजह होगी ।।
शोभा जी फिर से खुद को सख्त दिखाते हुए कहती है " मैं नही जानती क्या सही है क्या गलत है क्योंकि मै सिर्फ आंखो का देखा ही यकीन करती हूं और इस वक्त अनी ने गलत किया है ऐसे किसी लड़की को किडनैप कर के उसे शादी करना ये गलत है बहुत गलत "
शोभा जी की बात खास कर अग्नि और हेमा जी को पसन्द नही आई वही चाहत शोभा जी की बाते सुन अंदर तक खुश हो गई उसे यकीन नही हो रहा कोई मां खुद के बेटे को गलत कह रही है जहा तक उसने देखा है अपने बच्चे कितने भी गलत हो मां बाप कभी नही कहते उन्हे बेटे गलत है लेकिन शोभा आहूजा इन पैरेंस में से नही है ।।
जारी..✍️
क्या होगा चाहत के साथ ..?
क्या शोभा जी अग्नि और चाहत को अंदर आने देंगी ??
चाहत के लिए क्या नही चुनौती होगी क्या चाहत उसे पार कर पाएगी ..?
अग्नि क्या करेगा चाहत के साथ ??
शोभा जी की बात खास कर अग्नि और हेमा जी को पसन्द नही आई वही चाहत शोभा जी की बाते सुन अंदर तक खुश हो गई उसे यकीन नही हो रहा कोई मां खुद के बेटे को गलत कह रही है जहा तक उसने देखा है अपने बच्चे कितने भी गलत हो मां बाप कभी नही कहते उन्हे बेटे गलत है लेकिन शोभा आहूजा इन पैरेंस में से नही है ।।
अब आगे ...
चाहत के नजरो में शोभा जी की इज्जत बड़ गई थी ऐसे लोग जो पहले खुद की गलती और पहले अपने घर वालो को देखते है चाहत यानी वान्या को बहुत पसन्द है चाहत के मन में कहा " आप बिलकुल उनकी तरह है वो भी दूसरो पर उंगली उठाने से पहले खुद को और अपनोी को देखती थी ,,, फिर उसने एक नजर सभी को देखा और कहा " यहां देख कर तो यही लग रहा है आप केे अलावा कोई समझदार बंदा नही है यहां पर सारे लंगूर ही है 😂 ।।
चाहत की नजर हेमा जी पर थी जिन्होंने उसे पहले टोंट मारा था खैर अग्नि के अपनी मां को समझाते हुए कहा " मॉम प्लीज आप बात करना बंद करिए और चल के आराम करिए ये सारी बाते हम बाद में करेंगे क्युकी कभी मेरा मूड नही है इस बारे में कुछ बात करने का "
अग्नि की बात सुन शोभा जी अजीब तरह से हस के कहती है " मैं आराम करूं पर कैसे जब जवान बेटा कोई गलत काम कर रहे होै तो मां कैसे आराम कर सकती है मैने।ये उम्मीद नहीं किया था मेरा बेटा ये सारे काम करे आज मुझे लग रहा है की शायद मेरे ही संस्कारों में कोई कमी रह गई थी जो तुमने आज ये कदम उठाया है "
अपनी मां की बात सुन अग्नि ने मुट्ठी भींच लिया उसके आंखो का रंग बदलने लगा उसने अपनी कड़क और थोड़ा तेज आवाज में कहा " तो आप क्या चाहती है कीा मैं अपने दुश्मनों को ऐसे ही माफ कर दू यां जाने दूं मैंने पहले ही आप को कह दिया था की मेरे काम के बीच में मत आया करिए मैं बिल्कुल बर्दाश नही कर सकता हूं कोई मेरे काम के बीच में आए और कुजू रोकने की कोशिश करे "
घर का मौहोल सब पूरी तरह बिगते जा रहा अग्नि जो की गुस्से के आ गया ,, वैसे तो अग्नि किसी से ऊंची आवाज के बात नही करता खासकर अपनी मां से लेकिन कोई उसके काम पर उंगली करे तो वो बरदाश नही कर सकता चाहे सामने कोई भी हो मगर अग्नि अपनी लिमिट इतना भी क्रॉस नही करता है ।। लेकिन आज शोभा जी ने उसके संस्कारो पर उंगली उठा दिया तो वो कैसे बर्दाश कर सकता है ।।
फिर अग्नि रेहान के तरफ गुस्से से घूरते हुए कहता है " तुम्हे किसने कहा था ये सब बताने की मैं आके बात कर लेता ना लेकिन तुमने गकती जब कर ही दिया है तो पैनिशमेंट के लिए तैयार रहना "
रेहान अग्नि का गुस्सा और पैनिशमेंट की बात सुन के डर जाता है और हकलके कहता है " वो....वो... भाई मै तो बस वो "
" तू इसे क्या सुना रहा है उसने जो किया सही किया अगर एक बेटा गलती करेगा दुसरा जब उसका साथ दे रहा है तब तीसरा क्यों नही बता सकता है वो बताएगा मुझे तुम दोनो क्या करते हो मैं सब जानती हूं कुछ कहती नही इसका मतलब ये नही है की घर मेे रह के मुझे कुछ पता नही है " शोभा जी ने।कहा वही उन्होने मयंक को भी सामिल कर लिया था वो बेचारा तो अपने सिर को नीचे झुकाए खड़ा था ना अग्नि के सामने बोल सकता है और ना हो अपनी मां जैसी शोभा जी को आखिर गलती उसकी भी है । वो भी तो शामिल था ही।
फिर से शोभा जी कहती है " और क्या कहा तुमने दुश्मन अरे दुश्मनी बराबर के लोगो में होती है अपने से बराबर से बदला लिया जाता है ना की कमजोरो पर वार कर के अगर दुश्मनी ही निभानी थी बदला लेना था तो मिस्टर शंकर से लेते ,, परिवार को बीच में क्यू के आए अरे इन सब में इस बिचारी लड़की की क्या गलती है बता मुझे इसे तो पता भी नही होगा आखिर बदला लिया क्यों का रहा है,,, बेटे मैने पहले ही कहा था ,, जो हो गया सो हो गया बदला इन्सान को बर्बाद कर देता है इन सब में कुछ नही रखा है तुम्हारे बदला लेने से तुम्हारे डैड वापस तो नही आ पाएंगे ना अगर आते तो तब लेते ,,।।।
एक बार फिर शोभा जी चेहरे पर दर्द उमड़ आया जो उनके पति के बिछड़ जाने से मिला सभी बस छः महीने ही उन्हे हुए है गुजरे हुए ,, जिसे याद कर शुभा की के आंखो से आंसू की दो बूंद धारा गिर के गालों पर गिर गई वही अग्नि अपनी मॉम का रोना बिलकुल बर्दाश नही कर सकता है वो उनके लिए जब किसी से शादी कर सकता है तो वो कुछ भी कर सकता है।।
अग्नि अपने कदम बड़ा के शोभा जी के गले से लग गया और आंसू को अंगूठे से साफ कर कहा " प्लीज मॉम अपने बेटे को समझने की कोषिश करिए। मुझे पता है आप को ये सब नही पसंद लेकिन मैं अपने डैड के कातिलों को इतनी आसनी से रहने।नही दे सकता हूं मुझे पता करना है की किसने आपकी मांग से ये सिंधुर मिटाया है बस एक बार उस तक पहुंचा जाऊं फिर आप जो कहेंगी मैं वो करूंगा "
अग्नि की बात सुन इस बार शोभा जी कुछ नही कहती है बस अग्नि के गले से लग जाति है वही अग्नि भी अपनी मां को बाहों में भर मन में कहता है " सॉरी मॉम आप जो चाहती है वो कभी नही होगा मैं मिस्टर शंकर और उसके परिवार को बर्बाद कर दूंगा चाहे उनकी बेटी हो या बेटा "
इस वक्त अग्नि के चेहरे पर एक अलग ही राज दिखाई दे रहा जी सिर्फ वही जानता है आखिर अग्नि क्या करने के बारे में।सोच रहा है ये वही जाने ।।
उधर दोनो मां बेटे को देख सभी के आंखो मे आंसू थे इधर चाहत को कुछ समझ नही आ रहा था की आखिर बात क्या है जहा तक उसे याद आया था अभी अभी तो वो हॉस्टल से घर आई थी जहा उसके पिता बस एक ही बात कह रहे थे ।। उसे घर से जाने के लिए ।।
*******
" चाहत मैने तुम्हे कितनी बार कहा है हॉस्टल से घर मत आया करो लेकिन तुम सुनती क्यू नही होो ?? मिस्टर शंकर ने कहा इस वक्त उसने चेहरे पर डर मौजूद था ।।
उनकी बात सुन चाहत जो अपने कमरे के समान अनपैक कर रही थी अलमारी में रखने के लिए उसने।कहा " पापा ये आप कैसी बाते कर रहे है ?? आप की बेटी इतने साल बाद घर आई है आप खुश होने के बजाए मुझे भागना चाहते है पर क्यू ?
मिस्टर शंकर चाहत के पास जाके उसे कन्धे से पकड़ लेते है और कहते है " बेटा मैं खुश हूं बहुत खुश लेकिन तब जब मैं खुद तुमसे मिलने जाता हूं "
चाहत उनका हांथ हटाते हुए कहती है " नही पापा आप खुश नही है अगर आप खुश होते तो आप के चेहरे पर ये डर नही होता आखिर मुझे मेरे ही घर पर आने के लिए क्यू मना किया जा रह है मैं आप की इकलौती बेटी हूं लेकिन आप मुझे कभी घर नही आने देते है जब से लंदन से आई हूं आप ने मुझे और भाई को हॉस्टल में डाल दिया बस कभी कभी मिलने चले आते है अरे हमरा भी मन करता है की एक साथ घर में।रहे आप से बाते करे आप के साथ मस्ती करे आप के साथ रहे लेकिन नही पता नही किस बात का डर है आप को न ख़ुद जल्दी आते है मिलनेे के लिए और ना ही हमें आने देते है अब तो भाई ने बिल्कुल ही छोड़ दिया घर आना।।
मिस्टर शंकर कहते है " मैं तुम्हारे बातो का कोई जवाब नही दे सकता हूं बस इतना समझ लो की तुम इस घर के नही आ सकती हो जहा जन है वहा जाओ चाहो तो फिर से अपने भाई को।लेके लंदन चली जाओ लेकिन यहां मत आओ मैं तुम दोनो को खो नही सकता हूं मैने इतने पापा किए है की .... कुछ देर पोज लेने के बाद कहते है " मुझे नही पता बस तुम जाओ यहां से और दुबारा घर मत आना "
उनकी बात सुन चाहत को बहुत बुरा लगता है उसके आंखो से आंसू बहने लगते है अपने ही पापा के मुंह से ऐसी बाते सुन के वो अनपेक कपड़ो को फिर से बैग में भार के घर से जाने के लिए आगे बड़ जाति है वही मिस्टर शंकर खड़े थे वही चाहत भी एक बार उन्हे देख कहती है " ठीक है अगर आप यही चाहते है तो यही सही अब मैं कभी इस घर में लौट के नही आऊंगी चाहे मेरी जान ही क्यू ना चली जाए "
अपनी बात कह चाहत घर से चली जाती है वही मिस्टर शंकर वैसे ही खड़े रहे चाहत जब घर से हॉस्टल के लिए जाति है तभी रास्ते में ही अग्नि के आदमियों ने उसे किडनैप कर लिया और उसे अग्नि के पास ले गए यहां पर उसके भाई को अग्नि ने बहुत मारा था इसी लिए चाहत ने डर से अग्नि से शादी के लिए हां कह दिया इसके लिए अग्नि ने उसके भाई को जाने दिया और चाहत को ले जाके कोर्ट में शादी कर लिया ।। जिस तरह अग्नि अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकता है उसी तरह चाहत भी अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती थी इनकी मेरे वन्य भी है जो अपनो के लिए कुछ भी कर सकती थी लेकिन शायद अब नही धोखा खाया इंसान कभी किसी पर दुबारा भरोसा नहीं कर पाता है अब देखना है चाहत यानी वान्या करती क्या है कैसे लड़ेगी एक तरफ वान्या के दुश्मन है दूसरी तरफ चाहत के ।।
********
चाहत इसे याद कर करती है मन में " यहां तो बड़ा वाला झोल लग रहा है पहले मुझे यहां का मामला समझना पड़ेगा तभी कुछ कर पाऊंगी ,,"
इधर अग्नि की बात सुन सही लोग इमोशनल हो गए थे हेमा जी अपने आंसु साफ कर कहती है " अब जब सब ठीक हो गया है तो अंदर चले "
शोभा जी अग्नि से अलग होके फिर से कहती है " नही "
उनकी बात सुन सभी कन्फ्यूज हो जाते है फिर अग्नि कहता है " पर क्यू मॉम अब क्या प्रॉबलम है "
शोभा जी एक नजर चाहत को देख कहती है " पहले तू जा वहा खड़ा हो जाता उसके बगल में "
अग्नि की समझ नही आता उसकी मॉम क्या कहना चाहती है लेकिन उसकी बात वो टाल भी कही सकता है इसी लिए जाके चाहत के बगल में खड़ा हो जाता है जिसे देख शोभा जी हेमा जी से कहती है " जाओ आरती की थाल लेके आई नही बहु का स्वागत तो कर दे "
" जीजी आप इस लड़की का घर के स्वागत करना चाहती है अग्नि कुछ समझाओ" हेमा जी ने थोड़े रूठे स्वर में कहा जिसे सुन अग्नि कहता है " मॉम इन सब की कोई जरूर नही है "
" तू चुप रह मैने तुझसेे नही पुछा है क्या जरूरत है क्या नही ,, शोभा जी ने अग्नि से कहा फिर हेमा जी से कहती है " तू जा रही है या मैं ही जाऊं"
हेमा जी अपना मुंह बना के कहती है " जा रही हूं "
अपनी बात कह के वो चली जाती है रेहान फिर से अपना चिप्स खाने लगता है वही मयंक को किसी को कॉल आ गया था तो वो पहले ही बहार चला गया इधर शोभा जी खुद को ठिक कर चाहत के पास जाके खड़ी हो जाति है और कहती है " तुम बहुत प्यारी हो "😊
चाहत स्माइल के साथ सर नीचे कर लेती है पता नही क्यू उसे अंदर से बहुत खुशी मिली जब शोभा जी ने उससे प्यार से बात करी तो अचानक में सच में उसके आंखो के नामी तैर गई ।। जो शायद उसे नही पता ।।
जारी...✍️
आखिर क्यों मिस्टर शंकर अपनी बेटी को घर नही के देते ???
अग्नि के पिता की मौत से चाहत का क्या पर देना है ???
क्या अग्नि अपने बदले की आग में चाहत के साथ क्या करेगा ..?
चाहत जो इस वक्त दुश्मनों से घिर गई है कैसे खुद को बचाएगी ??
चाहत स्माइल के साथ सर नीचे कर लेती है पता नही क्यू उसे अंदर से बहुत खुशी मिली जब शोभा जी ने उससे प्यार से बात करी तो अचानक में सच में उसके आंखो के नामी तैर गई ।। जो शायद उसे नही पता ।।
अब आगे ....
चाहत निचे सिर झुकाए खड़ी थी तभी हेमा जी आरती की थाल लाकेे कहती है " ये लीजिए जीजी "
उन्होंने शोभा जी के तरफ बड़ा दिया शोभा जी ने चाहत और अग्नि की आरती उतारी फिर थाली हेमा जी को दे के चाहत से कहा "पहले अपना दांया पैर अंदर रखो बेटा"
शोभा जी ने जैसे कहा चाहत वही सब कर के अंदर आई फिर दोनो को मंदिर मे ले गई भगवान जी के आगे सर झुका के चाहत ने कहा " मुझे नही पता आप से क्या मांगू आज मेरी शादी किस्से हुई है शायद अब मेरे लिए ये मायने नहीं रखता क्युकी जिससे चाहा था वो तो घटिया निकला इसी लिए अब तो भरोसा ही उठ चुका है प्यार मोहब्बत से बस भगवान जी आज मैं पहली और अखरी बार कुछ मांग रही हूं ,, इस शादी का भविष्य क्या होगा मुझे नही पता लेकिन मेरा इतना साथ जरूर दीजियेगा की मैं अपने बेगुनाह बच्चो के मरने का बदला ले सकू इन सब में तो उनकी कोई गलती भी नही थी फिर भी सजा मिली उन्हे इसी लिए अब आप को मेरे साथ रहना होगा पापीयो को मारने के लिए"
चाहत ने भगवान जी से वो मांगा जिसके लिए उसका दुसरा जन्म हुआ है खैर दोनो ने प्राथना किया तो शोभा जी ने हेमा के तरफ देख के कहा " ये जूही कहा है ??
हेमा जी कहती है " आज वो अपने किसी दोस्त के घर गई है कल आयेगी "
शोभा जी कहती है " हम्मम ठीक है तुम चाहत को अग्नि के कमरे में ले जाओ मैं खाना वही भिजवा दूंगी "
हेमा जी कुछ बोलने को हुई की शोभा जी ने आंखे दिखा के चुप कर दिया वैसे भी हेमा जी बोलती तो कुछ उल्टा सीधा ही इसी लिए उन्हे बोलने से पहले ही चुप करा दिया गया ।।
अपना मुंह बना के हेमा जी चाहत से कहती। है " चलो "
उन्होंने जिस तरीके से कहा था जिसे देख अच्छा कहती है " ये है टिपिकल सासु मां हम्मम"
चाहत से होंठो को तिरछा कर के उनके साथ कमरे में चली गई इधर अग्नि ने मयंक और रेहान को स्टडी रूम में बुलाया और खुद भी चला गया ।।
दूसरी तरफ ...
हॉस्पिटल के वाड़ में एक लड़का जो जख्मी हालत में बेड पर पड़ा था वही उसके बगल में एक मिडिल एज का आदमी बैठ था इस वक्त उनकी आंखे नम थी तभी बाहर से एक आदमी ने आके कहा " मिस्टर शंकर एक बुरी खबर है "
ये है मिस्टर शंकर चाहत के डैड और बेड पर पड़ा लड़का चैतन्य चाहत का भाई जिसकी हालत अग्नि ने चाहत से शादी करने के लिए किया है वो इस वक्त ICU में है ।।
मिस्टर शंकर ने उदास भरे मन से कहा " क्या खबर है ?
वो आदमी मिस्टर शंकर केे असिस्टेंट रमेश है वो कहते है " अग्नि आहूजा ने अपनी चाहत कोर्ट में जाके शादी कर लिया है "
ये सुन मिस्टर शंकर कुछ नही कहते बस सर नीचे झुका लेते है तभी रमेश कहते है " सर कुछ तो बोलिए आप की बेटी है वो आप कहे तो आदमियों को ले जाके चाहत बिटिया को वापस ले आए बस आप हां कह दीजिए अग्नि आहूजा से कमजोर थोडी न है हम "
मिस्टर शंकर एक नजर रमेश को देख के कहते है " कम जोर तो नही पर मजबूर जरूर है अब चाहत वही रहेगीा आज से उनसे हमारा कोई लेना देना नही है वो जहा है बस खुश रहे "
रेमेश कहते है " लेकिन सर मिस्टर आहूजा ने बदले के लिए शादी किया है चाहत के साथ कुछ भी कर सकते है प्लीज आप समझिए "
मिस्टर शंकर कहते है " तुम मेरी बात समझो वो जहा है ठीक है अग्नि तो बस परेशान करेगें लेकिन अगर वो बाहर आई तो मारी जायेगी ये बात तुम भी जानते तो मैं क्यू कर रहा हूं इसी लिए शान्त रहो कुछ मत करो "
उनकी बात सुन रिमेश शांत खड़े हो जाते है वो भी जानते है की मिस्टर शंकर ऐसे बाते कर क्यू रहे है वही मिस्टर शंकर अपने बेटे चैतन्य को देख के कहते है " ये सब मेरे पापो का नतीजा है मुझे सच्चाई अग्नि को बता देनी चाहिए थी लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है मैं कुछ नही कर सकता सिवाय देखने के मुझे माफ करना मेरे बच्चो तुम्हरा बाप मजबूर है ।।
उधर हेमा जी चाहत को कमरे के छोड़ के कहती है " आज से यही रहना है और एक बात मेरी याद रखना यहां का एक समान भी इधर से उधर होना नही चाहिए क्युकी हमारे अनी को ये सब पसंद नही अगर उसका सामान कोई टच भी करे तो समझी "
चाहत मुंह बना के है में सिर हिला देती है वही हेमा जी कमरे से बाहर चली जाती है और चाहत फिर कमरे को देखने लगती है जो सिर्फ़ वाइटर कलर का था है सामान अपनी जगह पर सलीके से रखा गया था जो हर चीज़ सिर्फ महंगी ही दिखाई दे रही थी ।। चाहत पुरे कमरे को देख के कहती है " लगता है अग्नि देवता सफेदी की शौकीन है हम्मम तभी देखो कैसे सिर्फ सफेदी ह ही चमक रही है उनके कमरे में हम्मम मगर अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है मैं उसकी शौकीन बिल्कुल भी हूं हा हा? 😁" चाहत ने।खुद।को।कहा
चाहत खुद में ही बड़ाबडा रही थी की तभी किसी ने गेट पर नॉक किया चाहत ने देखा एक सर्वेंट था जो खाना लेके आया था चाहत के टेबल पर रखने को कहा और खुद वॉशरूम में चली गई ।।
उधर अग्नि के स्टडी रूम।में .....
" भाई सॉरी ना ये लास्ट बार था अब नही करूंगा प्लीज छोड़ दीजिए " रेहान ने रोने जैसे सकल बना के कहा वही वही अग्नि ने उसके हाथों को जो पीठ से लगा के मोड रखा था उसने अपनी पकड़ कसते हुए कहा " सॉरी हां सॉरी कितनी बार कहा है की अपना मुंह बंद रखा कर पर नही जब भी खोलेगा मेरे ही सर पर बम फटता है और मां के सामने तो इतनी बोली निकल रही थी अब क्या हो गया है चल बोल "
रेहान दर्द से तड़पता हुआ " सोर.... सॉरी भाई प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मयंक भाई प्लीज बचा लो "
रेहान ने। मयंक को आवाज लगाई जो खुद डर से कांप रहा था और दीवाल का सहारा लेके खड़ा था उसने मन में।कहा " मैं नही आऊंगा एक तो तू खुद गलती करो और अगर मैं बीच में आगया तो दोनो मिल के मुझे ही ऊपर चढ़ जाओगेे इसी लिए भईया दूर से राम राम! मैं नही जाने वाला मैं यही ठीक हूं ".
मयंक सारी बाते मन में कहता है क्युकी अगर उसने बाहर कह दिया ना तो रेहान से पहले उसकी कुटाई होती इसी लिए मयंक शांत खड़ा था । ये अहसास तक नही होने दिया की रेहान को सारी बात शोभा जी को बताने वाली बात का मयंक का ही प्लान था जी वो सारी बात बताई ।।
लेकिन अग्नि का सक रेहान पर गया है और रेहान भूल चुका है उसे भड़काने वाला मयंक है और कोई नही ।।
रेहान बार बार रिक्वेस्ट करने लगा तो अग्नि ने झटके से उसका हांथ छोड़ दिया जिससे रेहान सीधे जमीन पर गिरा और अपने हाथों को सहलाते हुए कहा " आप ने अच्छा नही किया है भाई मेरे अकेले की गलती नही है इसमें "
अग्नि कहता है " अच्छा तो और किसकी गलती है "
रेहान कुछ बोलने को हुआ की बीच के मयंक ने आके कहा अरे रेहान तुम कैसी बाते कर रहे हो तुम्हे पता है आज क्या है तुम ऐसे कैसे कर सकते हो ???
मयंक के मुंह में जो आया कह दिया वैसे भी रेहान ने उसका नाम ले लिया तो अग्नि सीधे छत से नीचे फेकेगा इसी लिए मयंक से बात को संभालते हुए दुबारा कहा " मेरा मतलब है की आज अनी की शादी हुई है और आज रात तो "
बीच में मयंक के जवान बंद हो गए क्युकी अग्नि अपनी जलती नजरों से उसे ही देख रहा था और रेहान बालो के खुजली कर दोनो को घुर रहा उसे तो कुछ समझ में ही नही आया ।।
तभी मयंक दांत दिखाते 😁हुए कहता है " वो आज सुहागरात है ना तो इसी लिए कहा क्या तुम जाओगे नही "
मयंक की बात सुन अचानक से अग्नि का गुस्सा साथ हो गया और आंखो में एक अलग सी चमक साथ के होंठो पर तिरछी मुस्कान उसने मयंक के कन्धे पर हांथ रख के थपथपाते हुए कहा " पहली बार तुम ने कुछ समझ दारी की बात करी है इसका ध्यान रखना मैं चलता हूं " अग्नि ने रेहान की तरफ इशारा कर कहा तो मयंक ने हां में सिर हिला दिया ।।
जब अग्नि रुम से बाहर गया तो रेहान ने मयंक से कहा " आपने जानबूझ कर उन्हे भेजा है ना "
मयंक रेहान के सिर पर मारतेे हुए कहता है " हां तो क्या अपनी मौत का इंतज़ार करता क्या तू भूल गया मैने क्या कहा था गलती से भी तुम कुछ कहते तो तुमने जो रायता फैलाया है ना उसे मैं अग्नि को बता दूंगा फिर करते रहन शिकायत"
" 😁😁 भाई आप नाराज क्यू हो रहे है मैं तो मजाक कर रहा था चलो चल के सुहागरात देखते है " रेहान ने दांत दिखा के कहा ।।
दोनो के आंखो से कुछ बात किया और वहा से निकल है ।।
अग्नि का कमरा .....
" हे यू तुम ये क्या कर रही हो हैं " अग्नि जो गेट पर पहुंचा ही था उसने सामने चाहत को देख के कहा ।।
वही चाहत खाना खाने के बाद अपना हांथ सोफे में साफ करते हुए पकड़ी गई उसने अग्नि बात सुनी तो घूर कर देखते हुए कहा " अंधे हो क्या दिखाई नही दे रहा है क्या कर रही हूं हांथ साफ कर रही हूं यार "
अग्नि गुस्से से अंदर आके कहता है " स्टॉप ये कोई हांथ साफ करने की जगह है अंदर वॉशरूम में नही जा सकती हो और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे अंधा कहने की पता है तुम किसे कह रही हो "
चाहत ने अच्छे से हाथों को साफ किया और मुंह पिलो के रब कर के खड़ी हो गया और अग्नि के आंखो के देखते हुए कहा " हां तुम्हरा नाम अग्नि आहूजा है मुझे पता है और तुम अंधे ही हो क्युकी दिखाई देता तो मुझसे नही पुछते की क्या कर रही हूं और जहा तक वॉशरूम जाने की बात है मैं इस लहंगे में थक गई थी इसी लिए नही गई मेरी मर्जी मैं जो चाहूं वो करूंगी तुम अपने काम से काम रखो समझे आग के गोले"
अपनी बात कह चाहत बेड के तरफ बड़ गई तभी अग्नि कहता है " तुम कुछ ज्यादा नही बोल गई उसका अंजाम नही जानती क्या होगा कई तुम्हारे साथ क्या कर सकता हूं तुम सोच तक नही सकती हो"
चाहत उसकी बात सुन पिछे मुड़ के देखती है और कहती है " मेरे पास इतना वक्त नही।है की मैं तुम्हारे बारे में सीचू इसी लिए प्लीज सोना है तो सो नही तो मुझे सोने दो यार काफी थक गई हूं मैं "
अपनी बात कह चाहत बेड पर जाके सो जाति है जिसे देखा अग्नि भड़क जाता है वो आगे बड़ के चाहत का हांथ के हाथों को पकड़ केे उठाते हुए कहता है " तुम यहां नही सकती हो ये मारा बेड़ा है मेरे बेड पर कोई दूसरा सोए मुझे बिलकुल पसंद नहीं है चलो उठो "
जारी..✍️
क्या करेगा अग्नि आहूजा किनान "?????
आखिर मिस्टर शंकर जिस बात केलिए डर रहे है ???
अपनी बात कह चाहत बेड पर जाके सो जाति है जिसे देखा अग्नि भड़क जाता है वो आगे बड़ के चाहत का हांथ के हाथों को पकड़ केे उठाते हुए कहता है " तुम यहां नही सो सकती हो ये मेरा बेड है मेरे बेड पर कोई दूसरा सोए मुझे बिलकुल पसंद नहीं है चलो उठो "
अब आगे....
अग्नि ने चाहत का हांथ खीच के us बेड से नीचे खड़ा कर दिया वही चाहत उसे गुस्से से घूर रही थी जैसे अभी कच्चा ही चबा जायेगी ।।
" क्या है ?? ये आंखे किसी और को दिखाना अग्नि आहूजा न कभी किसी से डरा है और ना ही कभी डरेगा समझी "
अग्नि ने खुद को घूरते हुए पा के कहा लेकिन चाहत की नजरे अभी भी उस पर बनी थी जिसे देख अग्नि बेड से पिलो उठा के उसे देते हुए कहा " ये लो जाके चुप चाप से सोफे पर सो जाओ अगर नही सो सक्ति तो जमीन पर सो जाओ एनफैक्ट जहा मन हो वहा जाके सो जाओ लेकिन मेरे बेड से दूर रहा मॉम ने भले ही तुम्हे मेरे कमरे में भेज दिया है लेकिन तुम मेरी पत्नी नही ,, और हां मोस्ट इंपोर्टेंट बात अपने कान में डाल लो खुद को मेरी पत्नी समझने की भुल भी मत करना वरना अच्छा नही होगा तुम्हारे लिए तुम सिर्फ़ मेरे लिए एक मोहरा हो और कुछ नही "
चाहत की की पकड़ पिलो पर कस गई अंदर ही अंदर उसके खून उबलने लगे थे मन कर रहा उसका की यही पर पटक पटक के मारे वही अपनी बात कह के अग्नि ने कोर्ट निकल के बेड के दूसरी साइड फेक के पेट के वॉशरूम में चला गया उससे पहले ही आंखो से उसने चाहत को वार्निग भी दे रखा था ।।
उसे जाते देख चाहत के फेस पर तिरछी मुस्कान तैर गई उसने पिलो को बॉल की तरह उझालते हुए कहा " मेरा बेड हां देखती हूं तुम आखिर आज सोते कहा हो तुमने मुझे बेड पर जब सोने नही दे सकते तो मैं कैसे तुम्हे दे सक्ति हूं हां अब आयेगा मजा देखो मैं क्या करती हूं ?? "
चाहत के दीमाक के इस वक्त कुछ चल रहा था जो शायद अग्नि के लिए अच्छा नही होने वाला था पता नही वो अग्नि के साथ क्या करेगी ???।।
कुछ देर बाद वॉशरूम से अग्नि बाहर आया सबसे पहले उसकी नजर बेड पर गई जो खड़ी था फिर उसने देखा सोफे पर दूसरी तरफ चेहरा कर के चाहत सोई थी उसे देख अग्नि ने बड़बड़ाया " अग्नि आहूजा से जितना तुम्हारे बस की बात नहीं है वैसे भी अभी तो बस छोटी मोटी चीजों से तुम्हारी शुरुवात हुई है बस देखते जाओ आगे आगे तुम्हारे साथ करता क्या हूं बाप के कर्मों की सजा बेटी को ही मिलेगा,, जिससे तुम्हारे बाप को भी तो पता चले की अपनो को जब तकलीफ होती है तब कैसा लगता है "
अग्नि ने होंठो को मोड़ के मिरर के सामने खड़ा हो गया वही चाहत स्माइल के साथ कहती है " आ गया आग का गोला बिचारा इसे तो पता ही नही होगा क्या होने वाला है " अपनी बात कह चाहत मुंह दबाए हसने लगी ।।
वही कुछ देर मिरर में खुद को देख अग्नि पहले फ़ोन को खड़ा होके देखने लगा । चाहत ने थोड़ी करवट लेके देख तो अपना मुंह बना के मन में कहा " अबे खड़ा क्यू है जा न बेड पर बहुत बोल रहा था न मेरा बेड तो जा "
चाहत ने पता नही क्या किया था लेकिन उसे अग्नि का बेड पर भेजने का बडा मन था ये भी कह सकते है वो ब्रेसबरी से इंतेजार कर रही थी ।।
इधर अग्नि ने फोन कुछ देर यूज करने के बाद उसने साइड टेबल पर रखा और सीधे पेट के बल बेड जा गिरा सोने के लिए तभी उसके मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गई " अअह्ह्ह्ह"
चीख के साथ अग्नि बेड से जल्दी से खड़ा होके वॉशरूम में बागा वही उसके जाते ही चाहत उस के बैठ गई और एक पैर पर दूसरा पैर कर के कहा " अब आया ना मजा,, तुम मेरी ज़िंदगी हेल बनाने के बारे में जो सपने देख रहे हो ना आग के गोले छोड़ दो क्युकी जीत तो पाओगे नही लेकिन हां घायल जरूर होने वाले ह जैसे आज हो गए बिचारा "
अपनी बात कह के चाहत सोचने लगी। ।
कुछ देर पहले ....
अग्नि जैसे ही वॉशरूम में जाके गेट को लॉक किया वैसे ही चाहत ने कमरे से बाहर जाके नीचे से एक सर्वेंट को बुलाया . "जी मैडम रlआप ने बुलाया" सर्वेंट ने कहा जिनकी एज बहुत ज्यादा थी वो इस घर में कई बरसों से काम करते है खैर चाहत ने उसकी बात सुन के कहा " मुझे एक बाल्टी गर्म।पानी चहिए"
उसकी बात सुन सर्वेंट उसकी तरफ नासमझी से देखने लगते है अगर पीने की बात होती तो शायद वो समझते लेकिन एक बाल्टी कमरे के क्यू चाहिए वाशरूम में तो खुद ही नहाने के लिए पानी होता है फिर क्यू चाहिए यही सब सोच सर्वेंट पूछ ही लेते है " मैडम वॉशरूम में गर्म पानी आते है आप गीजर ऑन कर दीजिए "
चाहत थोडी तेज़ आवाज में कहती है " मुझे पता है वाशरूम में पानी आता है।लेकिन मैं गीजर के पानी से नही नहाती मुझे लगता है आप लोगो को पता नहीं है जो गीजर के पानी से नहाते है वो बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते है इसी लिए मैं शुद्ध पानी से नहाते हूं आप मेरे लिए एक बाल्टी खुद ज्यादा गर्म पानी लाइए इतना गर्म की उसमेे हांथ तक न डाल पाऊं पानी पूरी तरह खैलाना चाहिए समझे आप "
उसकी बात सुन के सर्वेंट ने अपना सर हिला दिया और वहा से चला गया चाहत से पहले ही जल्दी लाने के लिए कह दिया था वही अग्नि को भी बाहर आने में काफी वक्त लगा जिसका फायदा उठा के चाहत को थोडी ही देर में सर्वेंट ने गर्म पानी लेकेे दे दिया उसने बाल्टी चाहत को दिया और चाहत ने उन्हे बाहर रहने के लिए कह के और खुद बाल्टी लेके अंदर चली आई अंदर से गेट को लॉक कर उसने सारा पानी बेड पर डाल दिया ,, सॉफ्ट गद्दा होने की वजह से सारा पानी उसी में सुख गया और बितर आग की तरह जलने लगी ।। चाहत ने सर्वेंट को बाल्टी दिया और फिर से गेट लॉक कर के सोने का नाटक करने लगी ।।
प्रेजेंट टाइम....
वॉशरूम में अग्नि ने खुद को फिर ठंडे पानी से साफ किया तब जाके जलन से उसे कुछ राहत मिली थी वो खुद को मिरर में देख रहा था कहा उसकी सारी स्किन लाल हो गई थी इतना लाल जैसे की अभि खून बाहन निकलने लगेगा ।।
" मुझे पता है ये सब तुमने किया है अब देखो मैं क्या करता हूं चाहत शंकर" अग्नि ने दांत पीसते हुए कहा और वॉशरूम से बाहर निकल के सीधे चाहत के तरफ बड़ गया जो पहले से उसकी के तरफ देख रही थी ।।
" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ ये सब करने की तुम खुद को समझी क्या है ?? तुम्हे क्या लग रहा है ये सब करोगी और मैं।तुम्हे छोड़ दूंगा तो ये तुम्हारी भूल है अभि तक तो मैने ऐसा वैसा कुछ करने के बारे में सोचा नही था पर लगता है तुम उसी के लायक हो " अग्नि ने तमतमाते हुए कहा ।।
वही उसकी बातो का जैसे चाहत पर कोई फर्क ही नही पड़ा हो उसने कान में फिंगर डाक के हिलाया उसके बाद एटीट्यूड से कहा " ओ मिस्टर थोडा धीरे हां तुम्हारी ये भैसे जैसी आवाज से ना मेरे कानो में बबासीर हो जायेगा ,, तुम्हे पता भी है कितनी खतरनाक बीमारी होती है अरे तुम्हेे कैसे।पता होगा तुम्हे थोड़ी ना है बबासीर "
" शेट अप ok" मेरे सामने ये बकवास करने की कोशिश भी मत करना " अग्नि ने चाहत के बाजू पकड़ के उसे खुद के करीब करते हुए फिर से कहा " तुमने जो किया है उसकी पैनिशमेंट तो तुम्हे मिल के रहेंगी"
अब चाहत का भी दिमाग घूम चुका था उसने अग्नि के सीने पर हांथ रख के खुद से दूर कर के कहा " आज तक मुझे पैनिशमेंट देने वाला पैदा नही हुआ है तो तुम क्या दोगे और वैसे भी अभी जो मैने किया है ना वो तो बस ट्रेलर था तुम्हे दिखाने के लिए मुझसे दूर रहो वरना अग्नि तुम्हरा नाम।है मगर जला के मैं रख दूंगी ठिक है मुन्ना "
चाहत की बात सुन अग्नि का फेस डार्क हो गया उसने खतरनाक एक्सप्रेशन के साथ कहा " तुम कुछ ज्यादा नही बोलने लगी हो ,, मैंने थोडी छूट क्या देती तू तो सीधे सिर पर चढ़ने लगी लेकिन शायद तुम भूल रही हो ,, मैं सिर पर चढ़ना भी जनता हूं और उतरना भी वैसे भी जहा तक पनिशमेंट की बात है वो तो तुम्हे मिल के रहेगा क्युकी तुमने हमारा कांट्रेक्ट थोड़ा है जिसमें साफ साफ लिखा है मेरे खिलाफ जाने के बाद तुम्हे सजा दी जाएगी "
अग्नि ने जिस खतरनाक तरीके से कहा की एक पल के लिए चाहत घबरा गई मगर खुद की घबराहट छुपाते हुए उसने कहा " क,,,सी पनि,,,शमेंट ???
अग्नि ने चाहत का बाजू छोड़ के कहा " वो तो मैं डिसाइड करूंगा ना तुम्हे किस तरह की पनिशमेंट मिलनी चाहिए आखिर तुमने कॉन्टेक्ट तोड़ने की जो गलती करी है वहा से भाग के "
इस वक्त अग्नि के चेहरे के भाव अजीब थे जिसे चाहत अच्छे से समझ रही थी उसने एक कदम पीछे लेते हुए कहा " लेकिन कॉन्ट्रेक्ट में ऐसा कुछ नही है की तोड़ने पर सजा मिलेगा वैसे भी भागने पर तुमने मुझे मजबूर किया था और मैने अपनी मर्जी से इस कॉन्टेक्ट पर साइन भी नही किया तुमने मेरे भाई को मारने की धमकी देके मुझसे वो सब करवाया था इसी लिए मैं इस कॉन्ट्रेक्ट को बिल्कुल नही मानती हूं और न मैं तुमसे डरती हूं समझे "
अग्नि ने चाहत के तरफ अपने कदम लेते हुए कहा " ओ तो आखिर तुम्हे सब कुछ याद आई ही गाया "
चाहत ने उसी तरफ पीछे कदम लेते हुए कहा " हां मुझे सब याद है मैं जानती तुम कितने घटिया इंसान हो जो एक लड़की को मजबूर कर के उसे शादी करी है ऊपर से उसे ही धमकी दे रहे हो "
चाहत की बात सुन अग्नि के फेस पर कातिल मुस्कान आ गई उसने स्माइल के साथ कहा " मैं घटिया हूं हां,,,, फिर हल्की हसी के साथ अग्नि ने कहा " तो तुम्हारा बाप क्या है वो तो मुझसे भी ज्यादा घटिया है जिसने किसी के साथ मिल के ,,, किसी के बच्चो को अनाथ कर दिया ,,, किसी औरत के मांग के सिंदूर को मिटा दिया उसके लिए तुम्हारे नज़रो में क्या इज्जत है बताओ अगर मैं घटिया हूं तो वो क्या है ,,, ????
चाहत पिछे जाते जाते दीवाल से लग गईं वो वही थम गई तो उसके बेहद करीब आके अग्नि खड़ा हो गया और अपने हांथ चाहत के इर्द गिर्द कर लिया और कहा " बोलो चुप क्यू हो क्या है वो इंसान तुम्हारी नजरो में ????
चाहत अग्नि के आंखों में देख के कहती है " अभी तक ये साबित नही हुआ है की मेरे भी डैड उस हमले में शामिल थे इसी लिए मुझे नही लगता बीना सबूत के किसी के उपर इलजाम लगाना सही है और जहां तक तुम्हारी बात है तुम अच्छे से जानते हो क्या गलती हुई है तुमसे इसी लिए मुझे बताने की जरूरत नही है "
चाहत अग्नि के आंखो में देखते हुए उसके दिल की धडकने तेज़ हो गई प्यार से नही डर से जो की उसकी बातो से अग्नि की आंखे लाल और बेहद खतरनाक हो रखी था मगर चाहत ने अपनी नज़रे बीना उससे फेरे कहा " मुझे डराने की कोशिश भी मत करना "
जारी..✍️
आखिर चाहत के डैड और अग्नि के डैड से क्या मतलब है ????
चाहत के डैड से अग्नि की क्या दुश्मनी है ???
अग्नि कौन सी पनिशमेंट देगा चाहत को ???
क्या करेगी चाहत???
चाहत अग्नि के आंखो में देखते हुए उसके दिल की धडकने तेज़ हो गई प्यार से नही डर से जो की उसकी बातो से अग्नि की आंखे लाल और बेहद खतरनाक हो रखी थीा मगर चाहत ने अपनी नज़रे बीना उससे फेरे कहा " मुझे डराने की कोशिश भी मत करना "
अब आगे****
चाहत की बात सुन के अग्नि ने करवाहट हसी के साथ कहा " ओ तो अब तुम मुझे बताओगी की गलती किसकी थी और किसकी नही तुम खुद के बाप को बचाने की कोशिश कर रही हो लेकिन ये कोशिश किसी काम की नही हैै एक बार मुझे वो इंसान मिल जाए जिसे मैं ढूंढ रहा हूं उसके बाद उस इंसान के साथ साथ तुम्हारा बाप भी जेल के अंदर होगा याद रखना मेरी बात को "
चाहत अग्नि के आंखो में नफत और गुस्सा साफ देख सकती थी उसने मन में कह " अब ये क्या नया नाटक सूरु हो गया है शादी तक तो चलो ठीक था ऊपर से अब बाप की भी गलतियों की सजा मुझे नही नही मैं ऐसा कुछ नही होने दे सकती ,,, पहले मुझे लगता है यही मामला संभालना पड़ेगा उसके बाद अपना देखती हूं तब तक तो जो मरने से पहले कर के आई हूं कुछ दिन उसके लिए पहले मेरे दुश्मन परेशान तो रहे ।।
चाहत के फेस पर स्माइल आ गई लेकिन उसने बाहर से अग्नि को सो नही होने दिया,,, चाहत ने अग्नि की बात सुन खुद से दूर कर के दुसरी तरफ खड़ी हो गई और कहा " वो मिस्टर तुम्हे जो करना है वो करो लेकिन बीच में मुझे घसीटने की जरूरत नही है जिससे बदला लेना है आराम से लो मुझे नीद बहुत जोर की आ रही है " चाहत ने जान बूझ कर किया क्युकी अब वो इस बारे में कुछ बात नही कर सकती वैसे भी उसे कहा पता है इन सब के बारे में तो क्या ही करेगी अग्नि की बाते सुन के ।।
अग्नि आंखे छोटी कर उसे देखते हुए मन में कहा " क्या सच में इसे कोई फर्क नही पड़ रहा है की मैने अभी अभी इसके बाप को जेल भेजने की बात करी है और ये सोने की बात कर रही है पहले दिन तो भाई के लिए कैसे तड़प रही थी ।। अग्नि मन में कह के सोचने लगता है_
" प्लीज रुक जाइए मत मरिए वो मर जायेगा प्लीज ऐसा मत करिए मैं आप के सामने हांथ जोड़ती हूं प्लीज़ इन सब में आखिर उसकी क्या गलती है वो तो कुछ जनता तक नही है इसे कुछ नही पता है आप को मुझसे शादी करनी है ना तो मैं करूंगी प्लीज आप रुक जाइए " चाहत ने अग्नि के पैरो में गिड़गिड़ातेे हुए कहा जिसके आदमी लगा तार उसके भाई के ऊपर कोड़े बर्षा रहे थे ।।
वही चाहत अपने भाई को हालत देख के बुरी तरह से रोने लगी थी चैतन्य के शारीर ने जैसे खून की नदी बह रही हो वही जब चाहत ने शादी के लिए हां कहा तो अग्नि के इशारे से गार्ड्स चैतन्य को मारना बंद कर देते है ।। उनके रुकते ही चाहत दौड़ के चैतन्य के पास जाके उसके सर को अपने गोद में रख के देखने लगती थी वो रोते हुए कहती है " सॉरी भाई अगर मैने पहले ही हां कह दिया होता तो आप के साथ शायद ये सब नही होता सॉरी भाई "
चाहत जहा रो रही थी वही अग्नि उसके पास जाके उसका हांथ पकड़ के खड़ा करने लगता है और साथ मेे कहता है " रोना धोना बहुत हो गया मेरे पास ज्यादा टाइम नही है चलो "
वो जबरन चाहत को अपने साथ ले जाने लगता है चैतन्य को उसके कहने के बाद सभी वही छोड़ के चले जाते है । अग्नि ने महसूस किया था की चाहत अपने भाई कीो हालत देख के डर गई थी वो सहमी सी उसके साथ जा रही थी।।।लेकिन आज की चाहत उससे बिल्कुल अलग है कैसे कोई इतनी जल्दी बदल सकता है ये बात अग्नि के दिमाक से काफी दूर था ।।
प्रजेंट टाइम....
अपनी बात कह के चाहत जैसे ही आगे बड़ने को हुई की अग्नि ने उसके हाथों को पकड़ के खिच लिया और दांत पीस के कहा " कहा जा रही हो पहले अपनी पनिशमेंट तो लेती जाओ "
चाहत कुछ समझती उससे पहले ही अग्नि ने चाहत को बेड पर ढकेल दिया ,, अब तक तो गर्म पानी भी AC की वजह से ठंडा हो चुका था ।। चाहत पीठ के बल बेड पर गिरी और गुस्से से अग्नि को देखने लगी जो उसके सामने टावल में खड़ा था वही अग्नि ने बालो में हांथ फेरते हुए कहा " वैसे भी आज हमारी सुहागरात है तो आज मैं अपने पति का हक तो लेके ही रहूंगा चाहे तुम्हारी मर्ज़ी हो या ना हो "
उसकी बात सुन चाहत गुस्से से तिलमिला के उठ के बैठ जाति है ,"कोशिश भी मत करना नही तो अभी तक मैंने बस प्यार से बात किया है मेरे पास आए न तो वो हाल करूंगी की सात जन्म तक किसी लड़के के पास जाने से घबराओगे"
अपनी बात कहते हुए चाहत बेड पर खिसकने लगी लेकिन अग्नि ने उसके बातो को इग्नोर कर के बेड पर चढ़ गया और चाहत के पैरों को पकड़ के अपनी तरफ खींच के बीना देर किए चाहत के ऊपर आ गया ।।
वही चाहत ने अग्नि के सीने पर हांथ रख के उसे दूर करते हुए कहती है " मुझे लगता है तुम्हे अपनी जान प्यारी नही है जो मुझसे पंगा लेने चले आए मैं कहती हूं हट जाओ मेरे ऊपर से अपना ये गुठली के जैसा अंग लेके ,।।।
अग्नि ने चाहत के हाथों को पकड़ के ऊपर लगा दिया और गुस्से से कहा " क्या कहा मेरा अंग तुम्हे गुठली के जैसा लग रहा है और ये गुठली है क्या ??तुम्हे पता भी है इसे पाने के लिए लड़किया मरती है एक बार देख ले तो नजरे नही हटा पाती है और तुम हो की देखने के बजाए भागने की कोशिश कर रही हो " फिर अग्नि ने चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई उसने फिर से कहा " एक बार प्यार से करीब तो आओ तुम भी इसकी दीवानी हो जाओगी "
खुद को छुड़ाने की चाहत पूरी कोशिश कर रही थी मगर एक आदमी और औरत के बिच वो ताकत की थोड़ी कमी थी जो चाहत के पास थी अगर ये वान्या की बॉडी होती तो कब का वो अग्नि के दुसरी साइड फेक चुकी होती क्युकी उसने खुद के बॉडी को बहुत अच्छे से रेडी कर रखा था इन सब चीजों से या यूं कहे की उसकी बॉडी ऐसी थी की वो एक साथ 10 लोगो को कर सकती है मगर चाहत एक दुबली पतली लड़की थी दिखने में कमजोर और अभी थी भी ,,इसी लिए चाहत ज्यादा ताकत का यूज नही कर पा रही थी ।।
लेकिन खुद को छुड़ाने की वो नाकाम कोशिश करते हुए कहती है " जब पता नही है गुठली क्या है तो ये किस बात का गुस्सा और वो लड़कियां अंधी है नही नही उनके आंखो में मोतियाबिंद हो रखी है जो खराब चीजों के पीछे भागती है लेकिन मैं उनमें से नही हूं और हां नही सॉरी गुठली थोड़ा कम था तुम ना चूसे हुए आम की तरफ हो जो काला सा गोला सा होता है जिसे कही और मसल के फेक दो तुम बिल्कुल उसके जैसे हो तुम्हे पकड़ के मसल के बालकनी से फेक देना चाहिए "
अग्नि कहता है " कुछ लड़किया होती है जब खुद कुछ नही कर पाती है तो दूसरी को खराब ही कहती है हम्मम सोचना आसान है और तुम ये जो सपना देख रही हो मुझे मारने की ना उसे बस सपने तक सीमित रखना क्युकी अगर कभी भूल से भी करने की किशिश भी करी न तो तुम्हारी हालत उस बीज से भी ज्यादा खराब हो जायेगी समझी या फिर दिखाऊं कैसे ???
चाहत खुद को जितना छुड़ाने की कोशिश करती अग्नि को पकड़ उतनी कस जाति जिससे चाह कर भी चाहत खुद को छुड़ा नही पा रही थी उसकी सारी कोषिश बेकार हो रही थी जिसका फ़ायदा उठा के अग्नि ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " सब ये कोशिश करना बंद कर दो कही ऐसा ना हो की तुम्हारे कोमल जैसे अंग टूट जाए मेरे कुछ करने से पहले,, जो मैं नही चाहता अगर कुछ करने के बाद तुम्हारे अंग टूटते तो मुझे खुशी होती और वैसे भी अब हम पति पत्नी है मेरा पूरा हक है तुम्हारे उपर सब कुछ करने के लिए इसी लिए बेबी ज्यादा हिलना मत तुम्हारी इस हरकत से मुझे कुछ हो रहा है ,, और अगर मेरे अंदर का शेर उठ गया तो तुम्हारी हालत मेमने की जैसी हो जायेगी फिर सुबह मत कहना मैने कोई रहम नही किया है क्युकी उसमे पुरी गलती तुम्हारी है देखो खुद ही कैसे मुझसे चिपकी हुई हो "
उसकी बात सुन के चाहत खुद को देखती है तो अग्नि का खुला सीना उसके बॉडी से बिल्कुल चिपका हुआ था इस सीन को देख के चाहत को कुछ अहसास तो नही हुआ लेकिन गुस्सा बहुत आया उसने घूरते हुए कहा " मैं लास्ट बार कह रही हूं मेरा हांथ दोनो ओर मुझसे दूर हो जाओ अगर मैंने कुछ कर दिया तो बाद में मत कहना इसी लिए पहले ही बता देती हूं "
अग्नि कहता है " ओ मेरी नाजुक से बीबी मुझे धमकी दे रही है मैं तो डर गया नही छोडूंगा क्या कर लोगो "
अग्नि ने इतना ही कहा की उसके मुंह से " अअह्ह्ह्ह " एक चीख के साथ अग्नि बेड के निचे गिरा ,, इस वक्त सर नीचे और पैर ऊपर हो गया और उसके चेहरे पर दर्द साफ नजर आने लगा जिसे देख के चाहत हस्ते हुए कहती है "अले अले मेले पति तो गिल गए अब मै ता तरुण ओ मोरी मैया 🤭 " 😂
चाहत से तोतली आवाज के हस्ते हुए कहा वही उल्टा गिरा अग्नि उसे गुस्से से घूर रहा था और चाहत बीना डरे कहती है " आज के बाद मुझे चैलेंज करने की गलती मत करना और ऐसे मुझे घूरना बंद करो वरना ये जो बटन जैसी आंखे है ना निकाल के बाहर फेक दूंगी तो रहना बीना आंखो के ,, जैसे वो अंधे लोग रहते है ,, कोई मुझे पानी दे दो कोई मुझे खाना दे दो ,, चाहत ने अग्नि की एक्टिंग उतारते हुए कहा जिसे देख अग्नि का पारा चढ़ गया इसी के साथ एक बार फिर अग्नि उठ के खड़ा हो हुआ ।।
असल के चाहत ने सीधे अग्नि के पैरों के बीच में अपने घुटने से वार किया था और उसे नीचे के तरफ फेक दिया ।।
अग्नि चाहत को dangerous लुक देते हुए कहता है " जंगली बिल्ली तुम्हे इतना फुदकना नही चाहिए था मेरे बारे में नही कम से कम खुद के बारे में सोच लेती पर नही तुम्हे खुद के बारे में न सोच के मुझे मारने की कोशिश करी है तो हर्जाना भुक्ताना हो पड़ेगा ना "
जारी...✍️
क्या करेगा अग्नि अमृता के साथ ???
क्या चाहत आज अग्नि से बच पाएगी ..?
क्या अग्नि सच में आज अपना हक लेगा चाहत से या फिर जाने देगा ??
क्या होगा आगे..?
अग्नि चाहत को dangerous लुक देते हुए कहता है " जंगली बिल्ली तुम्हे इतना फुदकना नही चाहिए था मेरे बारे में नही कम से कम खुद के बारे में सोच लेती पर नही तुम्हे खुद के बारे में न सोच के मुझे मारने की कोशिश करी है तो हर्जाना भुक्ताना हो पड़ेगा ना "
अब आगे___
" ये अंदर चल क्या रहा है कुछ समझ में नहीं आ रहा कब से यहां खडे है कान लगा के लेकिन मजाल है कुछ सुनाई पड़ जाए " रेहान ने अग्नि के कमरे के गेट के बाहर से कुछ सुनने की कोशिश करते हुए कहा ।। उसकी बात सुन के मयंक कहता है " तू चुप रहेगा तभी तो कुछ सुन पाएंगे जब से आए है तब से बोले ही जा रहा है बोले ही जा रहा है कभी ये तो कब्बी वो "
" तो कौन सा तुम चुप हो तुम भी तो बोले जा रहे हो ये आवाज कैसी आई,, भाई चिल्लाए क्यू ,, भाई ये क्यू ,, भाई वो क्यू,, ऐसे सवाल तो तुम ही पूछ रहे हो " रेहान ने अपने पीछे खड़े मयंक को देखते हुए कहा ।।
" तू ना गेट के पास ध्यान दे मेरे ऊपर नही मुझे पता है मैने क्या कहा है और क्या कर रहा हूं समझा " मयंक ने रेहान की मुंडी सामने करते हुए कहा ।।
" नही समझा तुम ही समझा दो मैं तो पागल हूं ना मुझे तो वैसे भी कुछ समझ मेंआताा कहा है " रेहान ने चीड़ के कहा ।।
" सही कहा चल सुन के अच्छा लगा की तुझे अपने बारे में पता भी है वरना हर बार मैं बताते बताते थक चुका हूं " मयंक ने स्माइल के साथ कहा वह उसकी स्माइल देख रेहान जल भुन गया फिर से कुछ बोलने को हुआ की तभी बीच में किसी ने कहा " तुम दोनो फिर से सुरु हो गाए यहां हम सब किसी काम से आए है और तुम दोनो लड़ना सुरु कर दिए कभी तो शान्त होके काम कर लिया करो "
गेट के दूसरे से साइड हेमा जी कान लगा के खड़ी थी दोनो की लड़ाई देख वो बुरी तरह झल्ला गई जब से तीनो यहां आए है रेहान और मयंक के बीच ये तीसरी बात लड़ाई हो रही है ।। जिसकी वजह से कई बार सुन सुन के नही सुन पाए बिचारे यानी आवाज कान में गई लेकिन समझ नही आई दोनो की लड़ाई की वज़ह से 😂
असल में हुआ ये था की जब हेमा जी अपने कमरे के जा रही थी तभी अग्नि के कमरे का गेट थोड़ा सा खुला था जिससे अंदर से किसी के चिल्लाने की आवाज आई तो वो कमरे में जाके देखने लगी मगर बेड पूरी तरह उन्हे खाली दिखा ये सीन तक का है जब अग्नि बेड पर लेटते ही जल गया था और सीधे वॉशरूम में भागा वही चाहत सोफे पर बैठी थी । जब हेमा जी को कुछ दिखाई या दुबारा सुनाई नही दिया तो वो जाने के लिए मुड़ गई वह सामने से रेहान और मयंक आ रहे थे हेमा जी को देख रुक गए तभी रेहान ने कहा " क्या हुआ चाची आप भाई के गेट के पास क्या कर रही हो "
हेमा जी अभी जवाब देने ही वाली थी की तभी फिर से उनके कानो में अग्नि की गुस्से भरी आवाज गई जैसे ही तीनो ने सुना बीना कोई सवाल जवाब के गेट के पास खड़े होके सुनने लगे और जो थोड़ा सा गेट खुला था उसने से देखने की कोशिश करने लगे मगर जब चाहत अपने कदम पीछे ले रही थी तभी उसके आने से गेट बंद हो गया था जिसकी वजह से तीनो देख नही सके मगर सुनने की पूरी कोशिश कर रहे थे ।।
हेमा जी ने जैसे ही दोनो को डाटा दोनो चुप हो गए तभी मयंक ने कहा " चाची यहां तो कुछ सुनाई नहीं पड़ रहा है क्या करे लगता है अंदर कुछ अलग ही चल रहा है बॉस बोल के गए े थे आज उनकी पहली रात है मुझे तो लगता है की ..... " चुप रह जब भी मुंह खोलोगे कुछ खराब ही निकलेगा ऐसा कुछ नही हो सकता है देखा नही था अपना अनि उस लड़की को देख के कितने गुस्से में था ।। इतनी जल्दी दोनो।में।वो। सब नही हो सकता है "
हेमा जी ने बीच में कहा तो रेहान कहता है " चाची आप को नही पता मगर मैं बता दूं जब कोई खुबसूरत लडकी सामने हो वो भी पत्नी के रूप में ऊपर से एक ही कमरे में तो कुछ भी हो सकता है चाहो तो एक बार देख लो मैं। पक्का बोल रहा हूं भाई का ईमान डोल गया होगा "
" चाची रेहान नही सही कह रहा है ऐसे आवाज तभी आते है जब आप समझ रही है ना " मयंक ने चाची के मन में सक आखिर डाल ही दिए उन्होंने कुछ सोच के कहा चलो यहां से नीचे से देखते है क्या सच में हो रहा हीै ।।
( अब इन तीनो पागलों को कौन बताए ऐसे किसी के कमरे में देखना नही चाहिए पता नही क्या होगा तीनो का 🤦🏼♀️)
दूसरी तरफ ....
अग्नि एक बार फिर चाहत के ऊपर आके कहता है " बहुत हो गया बीबी तुम्हारी नौटंकी चलो आगे का प्रोसेस सुरु करते है "
चाहत कहती है " तुम गलती कर रहे हो मैं बोल रही हूं "
अग्नि उसकी एक ना सुन के चाहत का हांथ पकड़ लेता है और उसके होंठो के तरफ बड़ने लगा वही चाहत आंखे फाड़ के उसे देख रही थी तभी अचानक से चाहत के माथे की नशे तन सी गई और आंखे लाल हो गई उसने मन में कहा " इसका बहुत हुआ इसे बताना ही पड़ेगा की चाहत क्या चीज है आने तक तो सोचा नही था की अपना असली रूप दिखाऊं पर उसकी इतनी हिम्मत बड़ गई है की मुझे किस करेगा "
सोचते हुए चाहत के चेहरे के रंग डार्क हो गए उसने गुस्से से फिर से अग्नि के पैरो के बीच में घुटने से एक किक मारी उसके मारते ही अग्नि की तो सांसे ही जैसे रुक गए वो आंखे फाड़ के चाहत को देखने लगा वही चाहत ने तुरंत ही अग्नि को बेड के दूसरी साइड फेका और पिलो से लगा तार उसे मरते हुए कहती है " नाली के कीड़े तू मुझे किस करेगा सकल देखीो है नही तो पहले देख ले तेरी औकात नही है मुझे किस करने की मैं चाहत हूं वो चाहत जिसके आंखों से देखने मात्र आदमी पेंट में सूसू कर देते है और तू मुझे किसे करेगा । देखो मैं क्या करती हूं ???
अपनी बात कह के चाहत ने पिलो साइड में फेक और बेड से नीचे उतर गई वही अग्नि जो अभी नीचे के दर्द को बर्दाश कर रहा था ऊपर से चाहत ने उसे इतना मारा भी इन दो दर्द से उभरने से पहले ही टेबल से चाहत फ्लावर वॉश लेके अग्नि के तरफ बड़ी वही अग्नि जो बेड पर बैठने की कोशिश ही कर रहा था जैसे ही उसकी नजर चाहत पर पड़ी उसकी आंखे बड़ी हो गई वो तुरंत ही बेड से नीचे कूद गया और कहता है " हे पागल औरत दिमाग खराब है क्या शादी के एक ही रात क्यू विधवाा होना चाहती है अभी एक रात तो बीतने दे देखो जहा हो वही रुक जाओ "
अग्नि अपने प्राइवेट पार्ट पर हांथ लगाए बेड के दूसरो साइड आ गया वही चाहत दूसरी साइड से उसके उपर फेकने की कोशिश करते हुए कहती है " पागल तू तेरा खानदान और औरत किसको बोला बे मैं अभी लड़की वो भी कुंवारी समझा ,, अभी अभी तुमने क्या कहा विधवा हां तुम्हारे साथ शादी के रहने से अच्छा है की मैं विधवा ही रह लूं जो लड़की से जबरन शादी कर के उसका रेप करने की कोशिश कर रहा है "
" अरे कुछ भी बोले जा रही हूं मैने बस किस करने की कोशिश किया था तुम्हे डराने के लिए मैं ऐसा वैसा नही हूं समझी तुम और ऐसे मेरे ऊपर इलजाम लगा नही सकती हो मै कोई सड़क चाप लडका नही हूं बिजनेस मैन हूं लोग आगे पीछे घूमते है मेरे " अग्नि घबराते हुए कहता है आज चाहत का रंग देख उसे लड़की से सच में डर लगने लगा उसने मन में।कहा " ये लडकिया इतनी खतरनाक होती है मुझे तो पता ही नही था अच्छा हुआ आज तक किसी लड़की के करीब नही गया आज पहली बार गया तो रेपिस्ट बन गया आगे पता नही क्या क्या बनूंगा" अग्नि के साथ ये पहली बार हुआ था की कोई लड़की उसे मारने की कोशिश कर रहे थी 😂
दूसरी तरफ अग्नि के कमरे के बालकनी के नीचे रेहान, मयंक और हेमा जी खडे थे तभी हेमा जी ऊपर देख के कहती है ," तुम दोनो चढ़ जाओगे ना देखो जो करना है होशियारी से हां अगर गलती से भी अग्नि ने।देख लिया तो सुबह का सूरज हम नही देख पाएंगे "
उसकी बात सुन के रेहान और मयंक ने एक नजर एक दूसरे को देखा फिर साथ में कहा " हम नही सिर्फ हम दोनो नही देख पाएंगे चाची जी "
उनकी बात सुन हेमा जी का मुंह बन जाता है 🤭और ये बात सच ही है क्लॉस तो बस मयंक और रेहान का ही लगेगा चाची जी को अग्नि कुछ नही कर सकता है आखिर वो मां समान है ।।
" अच्छा चलो बाते बात में करो पहले ऊपर चढ़ो " हेमा जी ने बात डालते हुए कहा ।।
दोनो ने सुना तो नीचे लाई सीढ़ी चढ़ने के लिए लगा दिया और पहले रेहान ऊपर की तरफ चढ़ा उसके बाद मयंक दोनो धीरे धीरे ऊपर चढ़ने लगे ।।
इधर चाहत अग्नि का सर फोड़ने के लिए उसके पीछे भाग रही थी ।। " तुमने सही कहा तुम रेपिस्ट ही हो अगर मैं खुद को सेफ नही करती तो तुम तो मेरी इज्जत ही लूट लेते तुम ना मर्द के नाम पर कलंक हो तुम जैसे मर्दों को बीच सड़क पर मारना चाहिए "
" तुम कुछ ज्यादा बोल रही हो मैं ऐसा वैसा बिलकुल नही हूं मेरा नाम अग्नि आहूजा है आज तक किसी की हिम्मत नही हुई है मेरे सामने ऐसे बाते करने की तुम्हे मैने बोलने क्या दिया तुम कुछ ज्यादा बड़ रही हो " अग्नि ने कहा और बेड को दूसरी साइड यानी बालकनी के तरफ चला गया वही सामने चाहत ने उसे घूरतेे हुए कहा " तुम्हरा नाम अग्नि नही आग का गोला होना चाहिए था जो मैने दिया है और तुम क्या मुझे इजाजत दोगे बोलने के लिए इस धरती पर कोई पहले मुझे रोक के तो दिखाओ किसी की औकात नही है मुझे रोकने की ना तुम्हारी न किसी और की "
" ये तुम्हारी गलत फेमी है तुम मेरा कुछ नही कर सकती हो मुझे मारने वाला अभी पैदा हो नही हुआ है " अग्नि ने कहा तो चाहत के फेस कर तिरछी मुस्कान आ गई उसने झटके से एक पैर बेड पर रख के वॉश को अग्नि के तरफ दे मारा वही अग्नि फुर्ती से निचे झुक गया जिससे वॉश सीधे बालकनी के तरफ गया जहा रेहान बिचारा अभी अभी चढ़ा था वो जैसे ही अपनी मुंडी ऊपर करता है वॉश सीधे जाके उसके सर पर लगा । 🤣😂
एक पल के लिए जैसे सब कुछ थम।सा गया अग्नि ,, चाहत अपनी जगह थम गए वही रेहान और मयंक अपनी जगह,,
और उसी के साथ रेहान सीढ़ी और मयंक को साथ लेके निचे गिर धड़ाम से 🤣
( बिचारा रेहान आया था अपने भाई का फर्स्ट नाइट देखने भाई के बजाय फर्स्ट नाइट की मिढ़ाई उसे मिल गई खाने को 🤣😂🤣 )
जारी..✍️
क्या अग्नि और चाहत रेहान को देख लेंगे..?
क्या होगा
एक पल के लिए जैसे सब कुछ थम।सा गया अग्नि ,, चाहत अपनी जगह थम गए वही रेहान और मयंक अपनी जगह,,
और उसी के साथ रेहान सीढ़ी और मयंक को साथ लेके निचे गिर धड़ाम से 🤣
( बिचारा रेहान आया था अपने भाई का फर्स्ट नाइट देखने भाई के बजाय फर्स्ट नाइट की मिढ़ाई उसे मिल गई😂😂)
अब आगे,,,,
धड़ाम की आवाज जैसे ही अग्नि और चाहत के कानो में गई दोनो चौक के एक दुसरे को देखने लगे।
तभी चाहत ने हैरानी जताते हुए कहा " नीचे कुछ गिरने की आवाज आई है क्या ???
"सुनाई तो मुझे भी दिया है लेकिन गिरा क्या है।i " अग्नि ने कहा तो चाहत बालकनी के तरफ बड़ते हुए कहती है " देखते है क्या गिरा "
अपनी बात कह के दोनो बालकनी के तरफ जाके नीचे की तरफ देखने लगे वही नीचे कोई नही था जिसे देख चाहत कहती है " यहां तो कुछ नही है फिर किस चीज की आवाज आई। ??? अभी अग्नि भी सोच रहा है नीचे से आवाज आने से ऐसे कोई गायब कैसे हो सकता है ।। दोनो को कुछ समझ के नही आ रहा था आखिर आवाज आई तो कहा से ।।
खैर चाची जी,, मयंक और रेहान वही बरामदे में खड़े थे ।चाची जी सिने पर हांथ रख।के कहती।है।" अच्छा हुआ उनके आने से।पहले हट गए नही तो अभी अभी पकड़े जाते।"
उनकी बात सुन के मयंक रेहान को देख के कहता है " ये सब उसकी वजह से हो रहा है देखो कैसे बेहोश पड़ा है मुझे पहले जाने देता तो ऐसा कुछ नही होगा पर नही बहाज़न को पहले जाना था।।
असल में रेहान मयंक को साथ लेके निचे गिरा दोनो के ऊपर सीढ़ी गिरी और दोनो इस वक्त नीचे दबे थे बगल में खड़ी चाची जी जो हैरानी थी दोनो को देख के ,,वो मुंह पर हांथ रख के देख रही थी उन्हे लगा ही था की ऐसा कुछ होगा तभी वो कहती है " मैने कहा था एक लोग जाओ लेकिन नही दोनो को साथ में ही जाना देख लो हो गया कांड अब पता कही हमारे साथ क्या होगा "
" मैने थोड़ी ना किया है आप के इस भुक्कड़ बेटे ने किया है इसे समझाइए ये ऊपर था जो मुझे।लेके गिरा है "
मयंक निचे कहराते हुए कहा गिरने की वजह से उसके कमर में छोट भी आ गई थी पर उतना नही क्युकी नीचे घास होने।की वजह से दोनो बच गए थे उसकी बात सुन चाची जी रेहान से कहती है " रेहान तुम्हे क्या हो गया ?? उठो अब क्या सुबह तक ऐसे ही सोने।का इरादा है क्या ??? अब चलो अंदर ।
उन्होंने।कहा लेकिन रेहान ने कुछ रिएक्ट नही कियाा जिससे मयंक झल्ला गया उसने जोर से ऊपर के तरफ हांथ बड़ते हुए कहा " रेहान उठ ना तेरा सोने।का मन है तो सो जाना पर मेरा नही है उठ"
दोनो के।कहने।के बाद भी जब रेहान नही उठा तो दोनो को ही कुछ शक हुआ जिसे चाची जी रेहान के पास जाके चेक करने लगी जो की रेहान बेहोश हो चुका था ये सब इतना अचानक हुआ की मयंक और चाची जी दोनो ने रेहान के सिर पर वाश लगते हुए नही देखा था क्युकी रेहान के सर से।लग के वो वॉश सीधे चाची जी के ऊपर से उड़ के झाड़ी में गिरी इसी लिए दोनो को पता नही चला ।। रेहान के साथ क्या हुआ है ???
चाची जी ने हैरानी से कहा " मयंक रेहान बेहोश हो गया है ।।
" वो नाटक कर रहा होगा बहुत तेज है आप उसे उठाइए " मयंक ने नकारते हुए कहा क्युकी वो रेहान को अच्छे से जानता है वो अक्सर नाटक करता रहता है उसे रह चीज़ ऐसी बचकानी हरकते कर के तो मिलती है ऐसे ही हर बार तो अपनी मांग पुरी करवाता है ।।।
चाची मयंक की बात सुन के फिर से रेहान को देख के कहती है " सच में ये बेहोश हो चुका है "
उन्होंने इतना ही कहा था की ऊपर से चाहत की आवाज दोनो के कानो में गई तो चाची जी हड़बड़ा गई और मयंक से कहती है।" मयंक जल्दी कुछ करो अगर अग्नि ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी"
मयंक उठने की कोशिश करता है और कुछ देर में कोशिश रंग ले आई ,, हेमा जी और मयंक मिल के ऊपर से सीढ़ी साइड में।ले जाके रख देते है फिर रेहान का हांथ हेमा जी पकड़ती है पैर मयंक जल्दी से उसे उठा के बरामदे में जमीन पर रख देते हैै वही रेहान जो हर चीज़ से बेखबर हो के सो रहा है उसे तो जैसे कुछ खबर ही नही यहां कैसे जान खतरे पड़ गई थी ।
खैर दोनो ने रेहान को फिर से उठा के उसे कमरे के तरफ लेके बड़ गए उधर चाहत ने देखा तो कोई नही था अग्नि और चाहत दोनो कमरे में आने लगे चाहत ने तिरछी नजर से अग्नि को देख के कहा " ये अच्छा मौका है चाहत इसे सबक सिखाने का " कुछ सोच के चाहत के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई वही अग्नि अंदर आता उससे पहले ही चाहत ने मौका देख के उसे हल्का सा धक्का दिया ये अचानक था जिससे अग्नि संभल नही पाया और दीवाल से टकरा गया जिसका फ़ायदा उठा के चाहत दौड़ के अंदर गई और बालकनी का गेट अंदर से लॉक कर दिया ।।
" ये पागल लडकी ये क्या कर रही हो गेट खोले " अग्नि ने अचानक ही देखा तो हड़बड़ा गया उसने जब तक चाहत को रोकना चाहा तब तक चाहत गेट बंद कर चुकी थी ।। जिसे बाहर से अग्नि ने पीटते हुए।कहा ।।
वही चाहत ने लॉक कर अपने हांथ झाड़ते हुए कहती है " तुमने बहुत सुनाया था अब रहो रात भर यही पर तब कही जाके कुछ तुम्हरा दिमाक ठिकाने ही आ जाए "
अपनी बात कह के चाहत बिस्तर की तरफ जाने लगी उसने गीले बिस्तर पर ब्लैंकेट डाल दिया और दुसरा अलमारी से निकाल के बेड पर सोने के लिए चढ़ गई वही बाहर अग्नि गेट पर लगा तार अपना हांथ मार रहा था और जोर जोर से चिल्लाने लगा " तुम अच्छा नही कर रही हो मैने कहा गेट खोले "
चाहत ने ब्लैंकेट अपने ऊपर डाल के लेटते हुए कहा " नही खुलेगा जो करना है कर लो " वो पूरी तरह खुद को कवर कर के लेट गई अग्नि बााहर उसकी बात सुन अग्नि गुस्से से तिलमिला गया उसने जोर जोर से अब गेट पर अपना लात मरने लगा ।।
" मैं आखिरी कह रहा हूं खोल दो वरना अगर मैं अंदर आ गया ना तो तुम्हारे साथ अच्छा नही होगा जंगली बिल्ली गेट खोले,, अग्नि।ने।कहा।तो अंदर से कोई। जवाब नही मिला ।।
इसी तरह अग्नि कई बार चाहत को धमकी दिया और और गेट को पीटते रहा लेकिन चाहत को कोई फर्क ही नही पड़ा वो आराम से सो चुकी थी अब तब चाहत शारीरिक तौर पर जितना थक चुकी थी इतना ही मासिक रूप से भी इसी लिए उसे जल्दी से नीद भी आ गई रिबीर्थ होने के बाद से उसने एक बार भी आराम नही किया था ।।
और वही बार बार कुछ याद आते आते उसका सिर भी भारी हो चुका था इधर अग्नि गुस्से से तिलमिलाते हुए बालकनी के झूले पर बैठ गया अब तो उसके पास कोई और ऑप्शन भी नही था ।।
इसी तरफ पूरी रात दोनो ने गुजारी फिर अगली सुबह किसी के गेट नॉक किया जिसकी आवाज से चाहत की नीद खुली उसने कसमसाते हुए अपनी आंखे खोल के एक जमाई लिया और उठने लगी लेकिन उसे कुछ भारी सा लगा ।।
तो वो अपने हाथों को मोड़ जैसे ही बगल में देखती है उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो जाति है और साथ मेे आंखे में गुस्सा उतर आता है इस वक्त उसके बगल में अग्नि से रहा था जिसका एक हांथ चाहत के ऊपर था ।।
चाहत ने देखा तो गुस्से से उसके हाथों को झटक के बैठ गई और कहा " ये नाली का कीड़ा यहां कब और।कैसे आया " चाहत ने बालकनी के तरफ देखा तो वो अभी भी वैसे ही बंद था ।।
चाहत को समझने में देर नहीं लगी अग्नि कैसे आया होगा।कमरे में। आखिर ये उसका ही कमरा है ,, असल में चाहत सही सोच रही है अग्नि पूरी रात तो वहा रह नही सकता है वो बालकनी से कैसे भी कर के नीचे उतर जाता है इसके बाद कमरे के गेट पर उसके फिंगर प्रिंट लगते है जिससे उसे कमरे में आने में।कोई प्रॉबलम नही हुई ।। वही अग्नि जब अंदर आया तो गुस्सा तो बहुत था लेकिन चाहत को बच्चो की तरफ सिकुड़ के सोते देख वो कुछ नही कहता और आके बगल में सो जाया है ।।
_____
चाहत ने गुस्से से अग्नि को घूरा उसके बाद एक लात सीधे उसके बम के दे मारा "
" अअह्ह्ह्ह " चीख के साथ अग्नि बेड से निचे जा गिरा और बौखला के उठ गया ।। बिचारा अग्नि वैसे भी किसी के साथ भी नीद में ऐसी हालत हो जाए उसे तो कुछ समझ में।ही नही आयेगा वही हाल अग्नि का हुआ था वो अपनी कमर को सहलाते हुए चारो तरफ देखने लगा उसे तो कुछ समझ में।नही आया अभी अभी उसके साथ क्या हुआ तभी चाहत उसके।सामने। आके खड़ी हो जाति है और एक उंगली उसके तरफ प्वाइंट कर के कहती है " आज तो बस एक लात में छोड़। रही हूं अगली बार मेरे पास भी आने की कोशिश भी करी न तो वही पर गाड़ दूंगी "
अग्नि को उसकी बाते सुन के काफी गुस्सा आया तो झट से खड़ा हुआ और कहा " तुमने मुझे लात मार के।नीचे गिराया है "
चाहता हांथ बांध के खड़ी होके कहती है " हां मैने।किया तो "
" तो ,,,, मैं,,,, अग्नि ने उसके तरफ उंगली प्वाइंट कर के कहा तो दोनो के कानो के फिर से गेट नॉक करने की आवाज गई तो दोनो अपने लड़ाई से बाहर आए ।।
तुम्हे तो बाद में देखता हूं " अग्नि ने कहा और कमर सहलाते हुए वही खड़ा रहा उधर चाहत गेट खोलने के लिए चली गई उसने आगे बड़ के।जैसे ही गेट खोला तो बहार खड़ी हेमा जी गुस्से से अंदर आते हुए कहती है। " क्या गेट खोलने में।इतना वक्त लगता है मैं कब से बाहर.... 😳 बीच में उनका मुंह बस खुला रहा शब्द अंदर ही रह गए जब उन्होंने बेड फिर अग्नि को देखा तो उनकी आंखे बड़ी बड़ी हो गाए 😳 ,,, उनके सामने अग्नि सिर्फ टावल के खड़ा होके कमर को सहला रहा वही बेड की हालत काफी बुरी हो।चुकी थी कमरे में भी समान में काफ़ीी बिखरा हुआ था फिर हेमा जी की नजर चाहत पर गई उसके लहंगे की हालत और बाल सब बिखरे हुए थे वो अजीब नजरों से सब कुछ देखने लगी ।।
इधर अग्नि और चाहत दोनो।को समझ।नही आ रहा आखिर चाची देख क्या रही है थोड़ी देर यूं ही जब किसी।ने कुछ नही कहा तो चाहत से रहा नही गया वो कहती है " क्या हुआ चाची जी आप क्या देख रही है क्या कोई प्रोम्बल्म है।"
उसकी बात सुन चाची जी सकपका गई और अपनी नजरे चुराते हुए कहती है " नही,,, नही कुछ नही मुझे क्या प्रोबलम होगी . ? फिर वो लाए कपडे को दिखाते हुए कहती है " ये भाभी ने तुम्हारे लिए कपड़ेे भेजे है इसे पहन के जल्दी से नीचे आ जाओ सब तुम दोनो का इंतज़ार कर रहे है "
अपनी बात कह के बीना किसी देरी के चाची जी नीचे चली गई चाहत तो अभी भी कुछ समझ नही पाई उसने चाची की लाई साड़ी देखी तो एक गहरी सांस भर के उसे उठा लिया और। सीधे वॉशरूम में चली गई वही अग्नि बालकनी में चला गया दुबारा दोनो में से किसी ने कुछ नही कहा ।। कुछ देर में चाहत साड़ी पहल के रेडी हो गई उसने कमरे में नजर डाली जहा अग्नि नही था तो खुद के बाल बना के नीचे चली गईं।।
जहाा पर लिविंग रूम में अब तक सभी बैठे थे हेमा जी , रेहान जिसके सर पर पट्टी लगी थी क्युकी चोट की वज़ह से सूज गया था ,, एक तरफ मयंक और शोभा जी बैठी थी ।। उधर चाहत चूड़ियों के साथ खेलते हुए सीढ़ियों से नीचे आ रही थी उसे चूड़ियां काफी पसन्द आई थी जिससे उसके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान थी असल में चाहत को साड़ी पहनने में कोई प्रोब्लम नही हुई अनाथ आश्रम में ऐसे।कई बार वो छोटे मोटे सो में साड़ी पहन रखी हैै जब किसी का जन्मदिन हो या कुछ और ।। वही सोफे पर बैठे चारो लोग अपनी आंखे छोटी कर उसे देख रहे थे तभी हेमा जी कहती है " दे लो जीजी देखोे कैसे मुस्कुरा रही है मैने सही कहा था ।
जारी..✍️
आखिर ऐसा क्या कह है हेमा जी ने ..??
हेमा जी अग्नि के कमरे को ऐसे।क्यू देख रही थी अब क्या नया रायता फैलाने वाली है ..?
अब क्या करेगा अग्नि ..?