मधुरा एक समय अमीर प्रिंसेस थी। उसके पास सबकुछ था। पैसा परिवार। लेकिन एक पल में उसकी जिंदगी बदल गई जब उसके पिता घर में अपनी मिस्ट्रेस को ले आए। साथ में थी उनकी नाजायज बेटी लावण्या। मधुरा की मां ये सदमा सहन नहीं कर पाई और बिस्तर पकड़ लिया। लावण्या के आ... मधुरा एक समय अमीर प्रिंसेस थी। उसके पास सबकुछ था। पैसा परिवार। लेकिन एक पल में उसकी जिंदगी बदल गई जब उसके पिता घर में अपनी मिस्ट्रेस को ले आए। साथ में थी उनकी नाजायज बेटी लावण्या। मधुरा की मां ये सदमा सहन नहीं कर पाई और बिस्तर पकड़ लिया। लावण्या के आते ही मधुरा के फियांसे ओजस ने उससे इंगेजमेंट तोड़ ली। अपनी मां के इलाज के लिए मधुरा को पैसों की जरूरत थी पर उसके पिता ने साफ इंकार कर दिया। दूसरी ओर है विरांश अग्निहोत्री जिसे है लड़कियों के छूने से एलर्जी। पर मधुरा ही एक ऐसी लड़की है जिसे वो छू सकता है अपनी इस स्पेशल मेडिकल कंडीशन को ठीक करने के लिए वो देता है मधुरा को एक कॉन्ट्रैक्ट। क्या है ये कॉन्ट्रैक्ट? क्यों ओजस ने मधुरा का साथ छोड़ दिया?
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मधुरा और लावण्या में शुरू से ही छत्तिस का आंकड़ा था। इसलिए जब आज जब वो अपने मंगेतर ओजस से मिलने होटल के रूम नंबर तीन सौ चार में आई, दरवाजा जब लावण्या ने खोला मधुरा चौंकी नहीं। उसे शुरू से ही पता था लावण्या की नीयत और नजर ओजस को लेकर अच्छी नहीं है पर मधुरा को ओजस पर विश्वास था इसलिए वो बेफिक्र थी।
अपने मंगेतर के कमरे में लावण्या को देखकर भी उसके एक्सप्रेशन एकदम शांत थे, ओजी कहां है?
मधुरा के कूल एक्सप्रेशन देखकर जैसे उसे कोई फर्क ही ना पड़ा हो लावण्या बौखला गई। इसी बात से तो वो सबसे ज्यादा चिढ़ती थी। मधुरा का ये कोल्ड बिहेवियर हमेशा सिर अकड़ से ऊंचा रहना, जैसे दुनिया की महारानी यही हो जैसे वो उसे उससे मुकाबला करने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। इसलिए लावण्या उसका सबकुछ छीन लेना चाहती थी सबकुछ।
लावण्या ने अपने बाल कान के पीछे किए, और उसकी गोरी गर्दन पर लव बाइट्स के निशान साफ दिखने लगे, ओजस अभी शॉवर ले रहा है
मधुरा ने लावण्या को साइड किया और अंदर घुस गई,
इस हालत में तुम्हारा अंदर जाना ठीक नहीं है,,, लावण्या कह रही थी जब मधुरा की नजर फर्श पर बिखरे फटे हुए कपड़ों पर गई, लड़की की ड्रेस, एक बेल्ट, लिंगरी,,, मधुरा की पकड़ अपने हैंडबैग पर कस गई लेकिन उसने अपने चेहरे पर कोई भाव नहीं आने दिए। वो मुड़ी और लावण्या को देखा। लावण्या मुस्कुरा दी। एक चैलेंजिंग स्माइल।
ये तो मुझे पहले से पता था तुम चीप हो लेकिन इतना गिर जाओगी कि अपने होने वाले जीजा के साथ,, मधुरा ने व्यंग्यात्मक मुस्कान दी।
ऐसा नहीं है मैं और ओजस एक दूसरे से,, लावण्या अपनी उंगलियां उलझाते हुए बोल रही थी कि मधुरा ने उसकी बात काट दी
अब जब बात यहां तक पहुंच गई है तो मैं भी ज्यादा छोटी सोच ना रखते हुए तुम्हें अपनी छोटी बहन समझकर अपना लूंगी यू नो पहले के जमाने में भी तो एक राजा कि बहुत सारी पत्नियां होती थी और वैसे भी मुझे तो तुम्हें थैंक्यू कहना चाहिए ओजी को इस सबका एक्सपीरियंस नहीं था अगर प्रोस्टिट्यूट हायर करता तो बहुत खर्चा होता उसे खुश करने के लिए तुम्हारा धन्यवाद
लावण्या का चेहरा गुस्से से लाल पड़ गया और वो चिल्लाई, ज्यादा चालाक मत बन मैं अच्छे से जानती हूं तुझे कितना बुरा लग रहा है तेरी इसी अकड़ से मुझे सबसे ज्यादा चिढ़ है तू हमेशा मुझे अपने से नीचा देखती है हम दोनों ही सूर्यवंशी फैमिली की बेटियां हैं लेकिन हर चीज में बस तेरा नाम आगे रहता है व्हाई?
लावण्या गुस्से में कांप उठी।
पर मधुरा अभी भी एकदम शांत थी। उसने कंधे उचका दिए, अब तुम जलती रहो इसका तो मेरे पास कोई इलाज है नहीं ना ये सच कभी बदलेगा कि मैं जायज बेटी हूं और तुम नाजायज मुझे पता नहीं था तुम्हें अपनी मां की तरह मिस्ट्रेस बनने का इतना शौक है लेकिन तुम्हारी बहन होने के नाते मैं ये शोक जरूर पूरा करूंगी अब तुम एक बार तो ओजस के साथ सो ही चुकी हो सौ रातें और भी बिता लोगी तो मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा पर रहोगी तो तुम मिस्ट्रेस ही
लेट मी रिमाइंड यू मिस्ट्रेस के बच्चों को नाजायज कहा जाता है और जिंदगी भर वो इसी कलंक के साथ जीते हैं तुम्हें तो इसका एक्सपीरियंस है ना?
ये सब कहते हुए मधुरा इतनी चिल मूड में लग रही थी जैसे मौसम की बात कर रही हो।
तभी,
किसने कहा लावण्या मिस्ट्रेस है?
एक मर्दाना आवाज आई, और मधुरा के चेहरे का रंग उड़ गया। जिस इंसान ने मरते दम तक उसका साथ देने का वादा किया था वो आज उसे ठंडी नजरों से देख रहा है जैसे वो उसकी दुश्मन हो।
ओजस ने आकर लावण्या को बाहों में भर लिया और ठंडी आवाज में बोला, हमारी शादी अभी हुई नहीं है अगर हो भी गई तो तलाक नाम की भी चीज होती है
मधुरा की मुट्ठियां कस गई, आंखों में आए दर्द को छिपाने के लिए उसने नज़रें फेर ली और बिना किसी भाव के बोली, बहुत हो गया तुम्हारा खेल मेरे साथ वापस चलो
ओजस ने घूरकर मधुरा को देखा, मधुरा जिससे वो मोहब्बत भी करता था और नफरत भी,
तुम जानती हो आज कौन सा दिन है? उसने सर्द आवाज में पूछा
मधुरा ने इस बात का जवाब नहीं दिया बल्कि ठंडी आवाज में फिर बोली, ओजी मैं आखिरी बार कह रही हूं मेरे साथ घर चलो
बस!! बस बहुत सहन कर लिया मैंने तुम्हें! तुम्हारे अंदर दिल नाम की चीज नहीं है मुझे तुम्हारी जैसी इमोशनलेस पत्थर दिल लड़की से शादी नहीं करनी बल्कि मैं लावण्या से शादी करूंगा मैं हमारी इंगेजमेंट तोड़ता हूं - ओजस गुस्से में बोला।
जब मधुरा रूम से बाहर निकली तभी भी वो रो नहीं रही थी। उसके चेहरे पर कोई इमोशन नहीं था। तभी दोनों तरफ से रिपोर्टर्स ने उसे घेर लिया। मधुरा के होंठों पर व्यंग्यात्मक मुस्कान आ गई। लावण्या शुरू से ही इतनी चालाक है। उसने पहले ही रिपोर्टर्स को यहां बुलवा लिया। अब चाहकर भी ओजस अपनी बात से पीछे नहीं हट पायेगा।
मिस मधुरा हमने सुना है आपके फियांसे और आपकी बहन एक दूसरे से प्यार करते हैं आप उनके बीच आई है क्या इसलिए मिस्टर ओजस खन्ना ने आपसे इंगेजमेंट तोड़ दी?
क्या सूर्यवंशी फैमिली दिवालिया होने की कगार पर है?
रिपोर्टर्स माइक लेकर और कैमरा मधुरा के चेहरे के करीब करके उसके छोटे से छोटे इमोशन को कैप्चर करना चाहते थे। अगर मधुरा जो सूर्यवंशी फैमिली जैसी अपर क्लास फैमिली की बेटी है इंगेजमेंट टूटने से रोएगी गिड़गिड़ाएगी, अपनी बहन और फियांसे को गालियां देंगी तो उनके लिए ये मसालेदार खबर होगी।
लेकिन,
मधुरा के चेहरे पर ना तो गुस्सा था ना कोई दुख, उसने प्रोफेशनल तरीके से मुस्कुराते हुए जवाब दिया जैसे वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में हो,
हां अभी सूर्यवंशी फैमिली में कुछ फाइनेंशियल क्राइसेस चल रहे हैं बट इट्स नोर्मल और रही बात इंगेजमेंट की तो अभी मैं ज्यादा नहीं बता सकती लेकिन हां अगर सच में ओजस और मेरी बहन शादी करते हैं आय विल गिव देम माय ब्लेसिंग्स थैंक्यू एवरीवन
और मधुरा सिर ऊंचा कर वहां से चली गई।
बाहर रिपोर्टर्स को देखकर ओजस के एक्सप्रेशन खतरनाक हो गए, उसने बेहद सर्द नजरों से लावण्या को घूरा, क्या है ये सब?
लावण्या घबरा गई। उसने सबकुछ परफेक्ट प्लान किया था। ओजस और मधुरा जब इंगेज्ड थे मधुरा शादी से पहले फिजिकल रिलेशन के खिलाफ थी इस बात का फायदा उठाकर उसने ओजस को सेड्यूस करने की पूरी कोशिश की और एक दिन जब ओजस नशे में था वो कामयाब हो गई उसे मधुरा समझकर वो उसके साथ सो गया। उस दिन वो सांतवे आसमान पर थी। लावण्या को लगा अब ओजस उससे ही शादी करेगा। पर उस दिन से ओजस और भी ज्यादा डरावना हो गया। उसने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए इस जन्म में उसकी बीवी तो मधुरा ही बनेगी। लावण्या कैसे सहन करती? सबकुछ तो ओजस से शादी करने के लिए ही करा था। इसलिए उसे दूसरी प्लानिंग करनी पड़ी।
ओजस एक्चुअली मैं,, लावण्य फिर कोई बहाना बनाकर मासूमियत का नकाब ओढ़कर सबकुछ नकार देना चाहती थी लेकिन ओजस की बर्फीली नजरों के सामने उसकी आवाज गले में ही अटक गई। इतने गुस्से में उसने ओजस को पहली बार देखा था।
पता तो मुझे पहले से ही था तुम बहुत चालाक हो लेकिन मधुरा की बहन समझकर मैंने तुम्हें इग्नोर किया पर तुम्हारे ख्वाब तो कुछ ज्यादा ही ऊंचे हैं मिसेज ओजस खन्ना बनना चाहती हो ना तुम? कहते हुए ओजस ने लावण्या की ठोड़ी पकड़ ली, फाइन मेरी बीवी तो तुम बनोगी लेकिन एक बात अपने इस छोटे से दिमाग में घुसा लेना आज नहीं तो कल ये पोजिशन सिर्फ मधुरा की होगी
क्यों ओजस मधुरा से नफ़रत करता है? क्या ग़लती है मधुरा की? क्या समय रहते दोनों एक हो जायेंगे या किस्मत में कुछ और ही लिखा है?
मधुरा ने एक स्ट्रांग वाइन आर्डर की थी। उसकी दोस्त रूद्रांशी अपनी वाइन का सिप लेते हुए बोली,
तू तो अपने फियांसे के साथ डेट पर जाने वाली थी ना? क्या हुआ तुझे?
पूछ मत अंशू बस मुझे पी लेने दे मधुरा दर्द भरी आवाज में बोली। अपनी ये वीक साइड वो सिर्फ अपने दोस्तों के सामने दिखाती थी। वहीं जानते थे हमेशा इमोशनलेस कोल्ड दिखने वाली मधुरा भी एक इंसान हैं जिसके अंदर दिल धड़कता है।
हुआ क्या है कुछ तो बता? रूद्रांशी चिंता में बोली। मधुरा ने अपना पैग खत्म किया और सामने बार स्टूल पर बैठे हैंडसम लड़के को देखकर चिल्लाई,
हबी गेट मी वन मोर - मधुरा ने अपना खाली गिलास उसके सामने लहराया।
आय डोंट हेव अ वाइफ लाइक यू - उस लड़के ने एटिट्यूड में कहा। ये था नक्षत्र राणा। बहुत हैंडसम होने के साथ ये एक गेंग भी चलाता था। इसने नाइटक्लब खोला था द पर्ल ऑर्चर्ड दस सालों से ये नाइटक्लब शहर का सबसे हाई क्लास क्लब था। कोई नक्षत्र से पंगा लेने की हिम्मत नहीं करता था। पूरे निर्वाना टाउन में नक्षत्र से ऐसे बात सिर्फ रूद्रांशी और मधुरा ही कर सकती थी। नक्षत्र के कंधे तक बाल थे जो उसे फेमिनिन लुक नहीं बल्कि और भी वाइल्ड लुक देते थे।
मधुरा ने अपने सीने पर हाथ रख लिया, नहीं,,,माय हबी ऐसा मत कहो अपनी वाइफ के टूटे दिल का सिर्फ तुम ही सहारा हो कमोन मेरे लिए सबसे स्ट्रांग व्हिस्की खोलो मुझे आज जमकर पीना है
नक्षत्र की भौंहें तन गई, एक आदमी के पीछे तुम खुद को तकलीफ़ दे रही हो? डज़ ही इवन डिजर्व इट? है क्या उसके अंदर? आय स्वेर अगर उसने तुम्हें हर्ट किया है ना तो मैं उसकी टांगें तोड़कर हाथ में रख दूंगा
नो नक्ष नो तुम उसे हर्ट नहीं करोगे - मधुरा एकदम से बोली क्योंकि वो जानती थी नक्षत्र अपनी जुबान का पक्का है
रूद्रांशी ने सिर हिलाया, क्या करूं मैं तुम्हारा? जब तुम उससे इतना प्यार करती हो तो क्यों उससे दूर रही? मैंने पहले ही कहा था उसका बिहेवियर सही नहीं है उसपर नजर रखो देखा ना कैसे शादी से पहले ही तुम्हारी बहन के साथ,,ही इज़ सो एरोगेंट तुम हर बार उसे सह कैसे लेती हो?
ऐसा मत बोलो ठीक है ना पास्ट में मेरी ग़लती थी हिसाब बराबर हो गया अब हमारे रास्ते अलग हो गए हैं - मधुरा ने व्हिस्की गटकते हुए कहा
नक्षत्र ने मधुरा के हाथ से बोतल छीन ली और गुस्से में बोला, रास्ते अलग हो गए कहकर तुम उसे यूंही छोड़ दोगी? उसके लिए तुमने हर एक लड़के का प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया जब तुम्हें पता चला वो और लड़कियों के साथ अफेयर रखता है तब भी तुम चुप रही और आज जब उसने सामने से बिना तुम्हारी ग़लती के इंगेजमेंट तोड़ दी तब भी तुम चुप हो?
फोरगेट इट मैं वाशरूम जा रही हूं - मधुरा लड़खड़ाते हुए चली गई।
ये ग़लती से मेल्स वाशरूम में तो नहीं घुस जायेगी? - नक्षत्र चिंता करते हुए बोला
आय डोंट थिंक सो उसे कुछ देर अकेला रहने देते हैं - रूद्रांशी अपनी वाइन पीने लगी।
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वीआईपी रूम के बाहर दो आदमी खड़े थे। एक के चेहरे पर बेहद गुस्सा था तो दूसरा डर और चिंता में दिखाई पड़ रहा था।
कहां रह गई वो लड़की? तुम जानते हो ना मिस्टर अग्निहोत्री टाइम के कितने पाबंद है? मिस्टर खन्ना ने खास उस लड़की को इन्वाइट किया था पर अभी तक उसका कुछ अता पता नहीं है - मोटे आदमी ने वेटर को डांटा।
वेटर सिर झुकाकर अपने माथे पर आया पसीना रूमाल से पोंछकर बोला, वो आती ही होगी बस
तभी एक लड़की लड़खड़ाते कदमों से उनकी तरफ आई, तुम अंदर क्यों नहीं जाते?
मोटे आदमी ने उस लड़की को ऊपर से नीचे तक देखा फिर चमकती आंखों से बोला, तुम नंबर वन क्वीन हो?
नंबर वन,,, हां मैं ही तो हूं,,इस शहर की नंबर वन,,वो लड़की नशे में बोली पर उसकी बात पूरी होने से पहले ही मोटे आदमी ने उसे दरवाजा खोलकर अंदर धकेल दिया।
विरांश ने घड़ी देखी, तय समय से दस मिनट ज्यादा हो गए थे। समय का बहुत पाबंद था वो और ये खन्ना अभी तक नहीं आया था। विरांश दोबारा किसी को मौका नहीं देता था उसने कार की चाबी उठाई और टाई ढीली करते हुए दरवाजा खोला लेकिन जैसे ही दरवाजा खोला कोई उसकी बाहों में आ गिरा या आ गिरी। बिना सोचे समझे विरांश ने उसे धक्का दे दिया।
उसने देखा वो लड़की अब सोफे पर लुढ़की हुई थी। विरांश ने दरवाजा खोलना चाहा और जैसा सोचा था दरवाजा बाहर से लॉक था। विरांश की भौंहें तन गई। ये खन्ना करना क्या चाहता है?
ओ,,ये बाथरूम में सोफ़ा भी है? आउच!! मेरा सिर,,दुख रहा है,,मधुरा उठी और विरांश की तरफ लड़खड़ाते हुए बढ़ने लगी।
मेडम ये बाथरूम नहीं वीआईपी रूम है विरांश ने अपनी गहरी ठंडी आवाज में कहा। जिसपर मधुरा ने उसे अपनी बड़ी बड़ी आंखों से देखा और फिर अचानक उसके होंठों पर प्यारी सी स्माइल आ गई, ओजी तुम आ गए?
और इससे पहले विरांश कुछ समझ पाता लड़की ने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ ली। विरांश को झटका सा लगा। शी इज सो सोफ्ट एंड स्वीट उसके दिमाग ने कहा। नो व्हाट द हेल आय एम थिंकिंग! अगले ही पल वो होश में आया। विरांश ने अपना गुस्सा शांत करने के लिए गहरी सांस ली, और लड़की का हाथ पकड़कर उसे दूर कर दिया, यू आर ड्रंक?
लड़की ने मासूमियत से अपनी पलकें झपकाईं और फिर अगले ही पल विरांश के होंठों पर अपने होंठ रख दिए, विरांश का दिमाग सुन्न पड़ गया। ना चाहते हुए भी उसकी आंखें बंद हो गई। डेम इट! उसने खुद को कोसा और उसके हाथ मधुरा की पतली नाज़ुक कमर पर कस गए।
ओजी डोंट हेट मी प्लीज,,ओजी आय,,ऐसा बोलते हुए मधुरा विरांश की बाहों में बेहोश हो गई। विरांश ने नीचे देखा, मधुरा आंखें बंद किए उसके सीने पर सिर रखे हुए थी, एक हाथ से मधुरा को पकड़े हुए विरांश ने दूसरे हाथ से फोन निकालकर अपने सेकेट्री वरूण को कॉल किया,
मुझे अभी द पर्ल ऑर्चर्ड से पिक करो एंड यस खन्ना के साथ हमारी जितनी भी डील है सब कैंसिल करो आज से उनके साथ हमारी कोई बिजनेस डील नहीं होगी
मधुरा ने धीरे से आंखें खोली। उसका सिर चकरा रहा था। ओजस के साथ बिताया हर एक पल उसकी आंखों के सामने घूम रहा था। अभी भी उसे यहीं लगा वो ओजस की बाहों में है। उसने कसकर 'ओजस' की कमर पर अपने हाथ लपेट लिए, ओजस मुझे छोड़कर मत जाओ,,ओजस,,
बॉस ये,, वरूण हैरानी से इस लड़की को देखने लगा। सबको पता था कि कोई भी लड़की विरांश को नहीं छू सकती थी लेकिन ये लड़की ना सिर्फ उसके बॉस को छू रही है बल्कि उनसे किसी बेल की तरह लिपटी हुई है। हाओ इज इट पोसिबल?
विरांश की आंखें डार्क हो गई। उसने एक नजर इस लड़की पर डाली जो उससे चिपकी हुई थी और वो अपनी ठंडी आवाज में बोला, गो टू स्काईलाइन होटल
अब क्या होने वाला है मधुरा के साथ? क्या होगा जब उसे पता चलेगा ये ओजस नहीं कोई और है?
मधुरा अपना सिर पकड़कर उठी, अभी भी वो नशे में थी, उसका गला सूख रहा था, पानी,, मुझे पानी चाहिए,,
पानी की आवाज सुनाई दी और मधुरा लड़खड़ाते कदमों से आधी नींद की दुनिया में पानी की आवाज की तरफ ही चल दी, दरवाजा खोला,
उसे अचानक अंदर आते देख विरांश की आंखें डेंजरस तरीके से छोटी हो गई। वो इस वक्त शॉवर ले रहा था और उसने कुछ नहीं पहना था। पर मधुरा चल रहे शॉवर की तरफ पानी पानी कहते हुए बढ़ने लगी,,,विरांश ने शॉवर बंद किया जल्दी से टॉवेल लपेटा और मधुरा को कंधे पर उठाकर बाहर ले गया। उसने मधुरा को बेड पर बिठाया और एक गिलास पानी मधुरा के आगे किया जिसे वो जल्दी से पी गई।
थैंक्यू मिस्टर हैंडसम अब मैं सोने जा रही हूं ओके? मधुरा ने क्यूटली कहा और वापस बेड पर लुढ़क गई पर विरांश ने उसका हाथ पकड़कर वापस बिठा दिया और उसके ऊपर झुकते हुए खतरनाक लहजे में बोला, बहुत हिम्मत है तुम्हारे अंदर, हम्म?
विरांश की मजबूत पकड़ के कारण मधुरा ने आंखें बड़ी करके उसे देखा, कौन हो तुम?
मैं कौन हूं? मैं वो हूं जिसे तुम छोड़ नहीं रही थी विरांश ने डेविल स्माइल दी
मधुरा ने पलके झपकाईं, फिर अचानक हंसने लगी, ये सपना कितना रियल है,,इस हैंडसम के एब्स भी एकदम लोहे जैसे है,,कहते हुए मधुरा विरांश की एब्स पर उंगलियां भी घुमाने लगी।
विरांश ने उसकी शैतान उंगलियों को अपने मजबूत हाथ में पकड़ लिया, यू आर प्लेयिंग विद फायर
हैंडसम तुम मेरे सपने में मुझे खुश करने आए हो ना?,,तुम जानते हो आज ओजी ने मुझसे ब्रेकअप कर लिया,, कहते हुए मधुरा विरांश से लिपट गई। विरांश ने उसे बेड पर अपने नीचे दबा दिया, देन आय विल कंफर्ट यू और मधुरा को किस कर लिया। मधुरा को लगा जैसे उसका शरीर लावा की तरह पिघल रहा है। उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगी।
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उसे हमेशा से पता था नशे में वो एकदम पागल बन जाती है। और ये सीक्रेट उसके अलावा सिर्फ ओजस जानता था। लेकिन कल वो इस बात को भूल गई और अपनी लिमिट से ज्यादा पी ली। उसके बाद क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं आ रहा था। जब आंखें खुली तो वो इस प्रेसिडेंशियल साइट में अकेली थी। ना उसके पास उसका पर्स था। अगर मीडिया ने उसे इस तरह देख लिया तो बैंड बज जायेगी। मधुरा ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और होटल के बैकडोर से निकल गई।
होटल के सर्विलेंस रूम में विरांश लाइव सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देख रहा था। सत्रहवीं मंजिल से ग्राउंड फ्लोर तक मधुरा एक हाथ में अपनी दोनों सैंडल पकड़े जल्दी जल्दी सीढ़ियां उतर रही थी और बार बार पीछे पलटकर देखा रही थी कहीं कोई देख ना ले। ऐसा करते हुए वो बहुत क्यूट लग रही थी।
निर्वाना टाउन की नंबर वन ब्यूटी की ये साइड भी है इट्स सरप्राइजिंग,,विरांश का असिस्टेंट वरूण मधुरा की बच्चों जैसी हरकतें देखकर हंसा।
विरांश ने उसे ठंडी नजरों से देखा जिसपर वरूण के एक्सप्रेशन फ्रीज हो गए, उसने जल्दी से माफी मांगी, सॉरी बॉस
पता करो सूर्यवंशी फैमिली के साथ हमारी कंपनी की कौन सी डील चल रही है
यस बॉस
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पूरी रात बाहर रहने के कारण मधुरा ये तो जानती ही थी कि घर पर बवाल मचा होगा। पर बाहर चार ब्लैक मर्सिडीज खड़ी देख वो चौंक गई। अंदर से आवाजें आ रही थी। मधुरा दरवाजे के बाहर से कान लगाकर सुनने लगी।
मुझे उम्मीद नहीं थी मेरी दोनों बेटियां ऐसा करेंगी - ये आवाज़ मधुरा के पिता मिस्टर दिग्विजय सूर्यवंशी की थी। उनकी आवाज में डर और चापलूसी थी।
क्या बात कर रहे हैं भाईसाहब? ग़लती तो मेरे बेटे ओजस की है आपकी दोनों बेटियों के साथ जो हुआ पता नहीं क्या चल रहा है ओजस के दिमाग में? - ये ओजस के पिता मिस्टर अंगद खन्ना थे।
मधुरा को यकीन नहीं हुआ रातोंरात उनकी इंगेजमेंट कैंसिल होने की बात पूरे निर्वाना टाउन में फ़ैल गई। मधुरा अंदर जाने में हिचकिचा रही थी कि तभी पीछे से एक ठंडी और जहरीली आवाज आई, तो मिस सूर्यवंशी को आखिर घर आने का समय मिल ही गया?
मधुरा को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं थी कि ओजस के चेहरे पर इस वक्त क्या एक्सप्रेशन होंगे। वो ओजस के साथ टाइम वेस्ट नहीं करना चाहती थी इस वक्त अपने कमरे में जाकर बस एक शॉवर लेना चाहती थी। इसलिए मधुरा अंदर जाने लगी लेकिन इससे पहले वो अन्दर कदम भी रखती ओजस ने उसका हाथ पकड़ लिया। मधुरा ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए पलटकर उसे देखा,
ओजस हमारी इंगेजमेंट टूटने की खबर पूरे निर्वाना टाउन में फ़ैल चुकी है इसलिए अब मैं कहां जाती हूं रात को घर आती हूं कि नहीं इस सबसे तुम्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए
ऐसा कहकर मधुरा वापस अंदर जाने लगी लेकिन अबकी बार ओजस ने पीछे से उसका कॉलर पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और जबड़ा भींचते हुए गुर्राया, तो तुमसे एक दिन का भी सब्र नहीं हुआ? इंगेजमेंट टूटते ही मजे करने शुरू कर दिए? तुम तो बहुत प्योर इनोसेंट थी ना तुम इतनी गिरी हुई निकलोगी मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था
ओजस!! क्या बत्तमीजी है ये? अंदर से ओजस के पिता अंगद ने ओजस को डांट लगाई।
ओ माय गॉड बेबी तुम फाइनली घर आ गई? तुम्हारी चिंता में मेरी तो जान निकली जा रही थी - एक औरत अंदर से आई और मधुरा को गले लगाने की कोशिश की लेकिन मधुरा पीछे हट गई। ये थी मालिनी लावण्या की मां।
मधुरा के पीछे हटने से एक पल को मालिनी की आंखों में गुस्सा आया लेकिन उसने उसे तुरन्त ही छिपा लिया - तुम्हारी मां पूरी रात तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी कहां थी तुम? और ये,,,,है भगवान तुम्हारे शरीर पर ये नीले निशान कैसे?
ये बात जानबूझकर मालिनी ने इतनी जोर से कहीं कि घर में सब सुन ले।
अब रणविजय भी वहां आ गए, मधुरा की गर्दन पर नीले निशान देखकर उनका पारा हाई हो गया - बेशर्म लड़की कहां मुंह काला करके आई हो?
भाईसाहब शांत हो जाइए आजकल के बच्चों को संभाल सकता है? फिर ग़लती पहले मेरे बेटे की थी जाने दीजिए मत डांटिए बच्ची को - ओजस के पिता अंगद बोले।
ये शादी,, अब कैसे,, - दिग्विजय का सिर शर्म से झुक गया इस शादी के जरिए वो खन्ना परिवार से रिश्ता जोड़कर अपना बिजनेस बचाना चाहते थे लेकिन मधुरा की हरकतों ने सब बर्बाद कर दिया। उन्होंने फिर मधुरा को घूरकर देखा।
मेरे पास एक सुझाव है क्यों ना हम ओजस और मधुरा की जगह ओजस और लावण्या की शादी कर दे? - अंगद बोले।
ये सुनकर मालिनी का चेहरा चमक उठा। वहीं लावण्या जो अभी अभी वहां आई थी सांतवे आसमान पर ही पहुंच गई। उसने शरमाकर ओजस को देखा पर ओजस मधुरा को घूर रहा था। उसकी लावण्या से शादी की बात सुनकर भी मधुरा के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे। इस बात ने ओजस के गुस्से को और हवा दे दी और उसने मधुरा का हाथ पकड़ा और उसपर चिल्ला उठा - मधुरा एक्सप्लेन योरसेल्फ!!!
छोड़ो मुझे - मधुरा ने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन ओजस की पकड़ और कस गई, जब तुम इतना गिर ही गई हो तो ये पवित्र बनने का नाटक बंद करो एक रात के कितने दिए हैं उसने? मैं दुगुने देने को तैयार हूं बोलो क्या कीमत है तुम्हारी?
मधुरा को इतना गुस्सा आया कि उसकी आंखें लाल हो गई पता नहीं कहां से उसमें इतनी ताकत आई कि उसने ओजस के लंबे चौड़े शरीर को धक्का दिया और उसके गाल पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया।
मिस्टर ओजस खन्ना तुम्हारी प्रेमिका मैं नहीं लावण्या है उसके साथ जो करना है करो लेकिन मुझसे दूर रहो तुम मुझे जितने भी पैसे दे दो मेरा जवाब हमेशा ना ही रहेगा
मधुरा ने ओजस को उंगली दिखाई और गुस्से में वहां से चली गई। ओजस उसे जाते देखता रहा।
क्या ओजस को अपनी ग़लती का एहसास होगा? क्यों वो मधुरा से प्यार होते हुए भी उसे हर्ट कर रहा है? क्या लावण्या और मालिनी की चाल कामयाब हो जायेगी?
मधुरा अपनी मां के कमरे में आई। उसकी मां पांच सालों से बिस्तर पर थी। जिस दिन मालिनी लावण्या को इस घर में लेकर आई थी उसकी मां को इतना गहरा सदमा लगा कि उनके दिमाग की नस फट गई। तभी से उनका आधा शरीर पेरेलाइज है। उसकी मां के बिस्तर पकड़ते ही तो मालिनी ने इस घर की चाबी अपने हाथ में ले ली। उसकी मां की जगह पूरी तरह ले ली। जबतक उसके पिता के दिल में मालिनी है इस घर की मालकिन भी वही है। मधुरा और उसकी मां तो बस शो पीस की तरह थे।
मधु ये नीचे आवाजें कैसी आ रही है? कोई आया है क्या? - देवीका जी बुक पढ़ते हुए बोली। प्यार से वो मधुरा को मधु कहकर बुलाती थी। देविका जी दिखने में बहुत खूबसूरत थी लेकिन सालों की बिमारी और अपने पति के धोखे ने उन्हें कमजोर बना दिया था।
मधुरा अपने आंसूओं को आंखों में ही रोकते हुए वार्डरोब से कपड़े निकालने लगी, कुछ नहीं मां बस खन्ना फैमिली आई है शादी की तैयारियां डिस्कस करने बाकी मैं नहाकर आपसे बात करती हूं
कपड़े लेकर मधुरा बाथरूम में घुस गई। और उसके आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। उसकी मां ओजस से उसकी शादी की खबर सुनकर कितना खुश थी। उन्होंने उसे अपनी खानदानी निशानी भी दी थी ऐंजल हर्ट नेकलेस। ये नेकलेस एक समय उसके पिता ने उसकी मां को दिया था और अब उसकी मां ने उसे। उसे समझ नहीं आ रहा था कैसे अपनी मां को बताए कि अब नहीं हो रही उसकी शादी। उसके लिए तो दुनिया में अब एक उसकी मां ही थी जो अपनी थी। उन्हें वो एक और सदमा देकर खो नहीं सकती थी। ओजस से शादी होने से उसे भी उम्मीद थी ओजस उसका साथ देगा उसे समझेगा उसे और उसकी मां को इस नर्क से बाहर निकाल लें जायेगा। पर शायद सिंड्रेला वाला राजकुमार कहानियों में ही होता है असल जिंदगी में तो सिर्फ धोखा मिलता है सिर्फ धोखा।
मधुरा अपने आंसू पोंछकर जल्दी से नहाने लगी।
देविका दीदी बहुत समय बाद आपके कमरे में आई हूं आप अभी भी पहले की तरह हट्टी कट्टी है वैसे मैं आपके आराम में दखल तो नहीं देना चाहती थी पर क्या करूं बात ही कुछ ऐसी है विजय ने आपसे हमारा खानदानी हार मांगने को कहा है वहीं हार ऐंजल हर्ट नेकलेस वो क्या है अब वो हार लावण्या को शादी में देना है,,,अरे मैं भी कितनी बुद्धु हूं सबसे जरूरी बात तो बताना भूल ही गई अब आप तो पूरा दिन कमरे में बंद रहती है आपको पता नहीं होगा ना,,,
मधुरा ने साबुन लगा रखा था जब उसने मालिनी की आवाज सुनी। कुछ बुरा होने के अंदेशे से मधुरा के रोएं खड़े हो गए। उसने जैसे तैसे जल्दी से साबुन धोया और बाथरोब पहनकर ही बाहर निकल आई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
मधुरा और ओजस की इंगेजमेंट टूट गई है खन्ना फैमिली अभी यहीं बात करने आई थी अब ओजस की शादी मधुरा से नहीं लावण्या से होगी शादी की तारीख भी पक्की हो गई है पूरी फैमिली शादी की शोपिंग करने गई है अब क्योंकि मधुरा से पहले लावण्या की शादी होगी तो ऐंजल हर्ट नेकलेस भी उसी की शादी में देना होगा
मधुरा को यकीन नहीं हो रहा था ये मालिनी इस हद तक गिर जायेगी। नेकलेस तो ऐसे मांग रही है जैसे ये घर इसी का हो।
मॉम लिसन टू मी,,आप जैसा समझ रही है,,
मधु क्या मालिनी सच बोल रही है? तुम और ओजस,,तुम्हारी इंगेजमेंट कैंसिल हो गई? - देवीका ने कमजोर आवाज में पूछा। उनका चेहरा पीला पड़ गया था।
मधुरा दौड़कर अपनी मां के पास आई और उनका हाथ पकड़ लिया, मॉम डोंट वरी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता इस शादी से,,आप शांत हो जाओ प्लीज़,,,
ब्रेन हेमरेज के बाद डॉक्टर ने साफ साफ कहा था देवीका को किसी भी तरह से खुश रखना है उन्हें गुस्सा ना आए ना वो पैनिक हो नहीं तो उनकी हालत बिगड़ सकती है।
ऐसा कैसे कर सकते हैं वो लोग?,,,शादी टूट गई,,- देवीका का चेहरा लाल पड़ गया और उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। डर के मारे मधुरा ने जल्दी से एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन उठाया पर मालिनी ने उसके हाथ से फोन छीन लिया,
बहुत हो गया तुम दोनों मां बेटी का नाटक! मालिनी चिल्लाई और देवीका को कंधों से पकड़कर झंझोरने लगी - क्यों दीदी कहां रखा है वो हार? हॉस्पिटल जाने का इतना ही शौक है तो जाओ लेकिन पहले मुझे हार चाहिए हार के नाम पर नाटक चालू हो गया तुम्हारा? मुझे क्या बेवकूफ समझ रखा है?
छोड़ो मेरी मॉम को - मधुरा ने मालिनी को धक्का देकर अपनी मां को छुड़ाया। मालिनी हमेशा से ही देवीका और मधुरा से जलती थी। जबतक देवीका जिंदा थी तब तक वो मिस्ट्रेस ही कहलायेगी। ऊपर से सबके सामने उसे इस मधुरा की अच्छी मां बनने का नाटक करना पड़ता था। आज बरसों के इंतजार के बाद उसका दिन आया था उसकी बेटी की शादी खन्ना परिवार में पक्की हो गई। अब समय था इन मां बेटी को अच्छा सबक सिखाने का इन्हें याद दिलाने का कि इस घर की असली मालकिन वो है मालिनी।
मालिनी मधुरा पर हंसने लगी - तुझे क्या लगता है तू अभी भी सूर्यवंशी फैमिली की राजकुमारी है जिसकी पीछे नोकर चाकर घूमेंगे जिसके पीछे लड़कों की लाइन लग जायेगी? नहीं,, तू अब एक इस्तेमाल करी हुई सेकेंड हैंड चीज है जिसे कोई अपने घर नहीं रखेगा ना कोई तुझसे शादी करेगा सीधे तरीके से मुझे वो हार दे दे मैं अच्छे से जानती हूं वो हार कितना कीमती है करोड़ों में कीमत है उसकी तुम मां बेटी सारे पैसे खुद हजम करना चाहती हो ना लेकिन मैं ऐसा होने नहीं दूंगी या तो वो हार दे नहीं तो अपनी मां को अपनी आंखों के सामने तड़पकर मरते हुए देख इसकी हालत वैसे भी ठीक नहीं लग रही कभी भी टपक सकती है और मेरे पर कोई इल्ज़ाम भी नहीं आयेगा
मधुरा का चेहरा गुस्से में लाल गया। गुस्से में उसका पूरा शरीर कांप उठा। उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी उसकी मां थी उसने बेड साइड टेबल में से हार निकालकर मालिनी की तरफ फेंक दिया, रखो इसे और निकल जाओ यहां से अगर मेरी मां को कुछ हुआ तो मुझे उन्हीं की कसम मैं तुम्हारा खून कर दूंगी
मालिनी मधुरा के इस रूप से डर गई उसने जल्दी से हार उठाया और मधुरा को कोसती हुई चली गई।
निर्वाना टाउन के सेंट्रल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉक्टर अनिल अवस्थी जो अभी अभी अमेरिका से लौटे थे मेडिकल रिपोर्ट देख रहे थे, उनके चेहरे पर गंभीर भाव थे, उन्होंने रिपोर्ट पर से नजरें हटाई और बोले - मैंने जो हिप्नोसिस ट्रीटमेंट किया था उसका कुछ असर नहीं हुआ बिना बीमारी की जड़ जाने इलाज करना बहुत मुश्किल है
विरांश लेदर बेड से उठ गया।
मिस्टर अग्निहोत्री क्या आपको कुछ भी याद नहीं है दस साल की उम्र से पहले आपके साथ क्या हुआ था? डॉक्टर अवस्थी ने पूछा।
विरांश ने डॉक्टर को ठंडी नजरों से देखा जैसे कह रहा हो अगर मुझे पता होता तो मैं बता नहीं देता।
डॉक्टर ने गला खंखारा, वेल,, आपको लड़कियों से अभी भी एलर्जी है उस लड़की को टच करने से आपको कुछ नहीं हुआ,,,ये कॉम्प्लिकेटेड है ,,मेरा सुझाव है आपको उस लड़की से ज्यादा मिलना चाहिए हो सकता है आपका इलाज उसी के पास हो
वरूण डॉक्टर के केबिन के बाहर खड़ा विरांश का वेट कर रहा था। कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट और इमरजेंसी डिपार्टमेंट एक ही फ्लोर पर थे। तभी वरूण ने देखा इमरजेंसी में एक पेशेंट को जल्दबाजी में ले जाया गया और एक जाना पहचाना चेहरा उसे दिखा। ये तो वहीं लड़की है जो बॉस के साथ होटल में,, लेकिन ये हॉस्पिटल में वो भी बाथरोब में?
उसी समय विरांश बाहर निकला वरूण को सोच में देख वो बोला, क्या हुआ?
वरूण ने सामने देखने का इशारा किया। विरांश ने भी मधुरा की तरफ देखा। मधुरा ने पिंक बाथरोब पहना हुआ था। नंगे पैर ठंडे फर्श पर बैठी थी वो। इस समय बहुत नाज़ुक हालात में लग रही थी।
लेडीज ड्रेस लेकर आओ और एक पेयर शूज़ साइज,,फाइव - कहकर विरांश मधुरा की तरफ बढ़ गया।
मधुरा के बालों से अभी भी पानी टपक रहा था। वो नंगे पैर थी शायद कोई पत्थर उसे चुभ गया था क्योंकि उसके पैरों से खून निकल रहा था। मधुरा की आंखों में आंसू भर गए। बहुत मुश्किल से वो अपने पैरों पर खड़ी हुई। तभी उसके सामने कोई आकर रूका, मधुरा ने सिर उठाकर देखा वो एक बेहद हैंडसम आदमी था। उसने एक हाथ में सैंडल पकड़ रखे थे। फिर भी वो बहुत एलिगेंट लग रहा था। उसकी डीप ग्रे आइज़ देखकर मधुरा को ऐसा लगा उसने इस आदमी को कहीं देखा है। पर कहां? इससे पहले वो उससे पूछती वो आदमी अपनी गहरी आवाज़ में बोला - अपने पैर आगे करो
मधुरा को अचानक से कुछ समझ नहीं आया वो आंखें बड़ी किए उसे देखती रही। विरांश ने होंठ भींच लिए। वो एक घुटने पर नीचे झुका और मधुरा का पैर पकड़ लिया, उसके नाज़ुक पैरों में खून देखकर उसकी नजरें डार्क हो गई। किसी अंजान आदमी के द्वारा ऐसे अचानक पैर पकड़े जाने से मधुरा हड़बड़ा गई, छोड़ो मेरे पैर
डोंट मूव - विरांश ने उसे आर्डर दिया उसकी गहरी आवाज़ ऐसी थी कि मधुरा चुप हो गई। विरांश ने उसे सैंडल पहना दी।
कौन हो तुम? - मधुरा ने पूछा। कहीं तो देखा है इसे।
स्काईलाइन होटल
मधुरा की आंखें बड़ी हो गई। स्काईलाइन होटल? मतलब कल रात????? मधुरा अपने शरीर पर वो लव बाइट्स के निशान नहीं भूली थी उसका चेहरा गुलाबी हो गया।
फाइनली रिमेंबर मी? - विरांश ने खड़े होते हुए उसे डेविल स्माइल दी। मधुरा उससे नज़रें चुरा रही थी कि तभी वो हवा में उठ गई। विरांश उसे गोद में उठाकर ले जा रहा था।
कहां लेकर जा रहे हो मुझे? नीचे उतारो - मधुरा घबरा गई।
तुम्हें चोट लगी है बैंडेज करने की जरूरत है - कहते हुए विरांश उसे एक वार्ड में ले गया। नर्स ने आकर मधुरा के पैरों को स्टर्लाइज करके पट्टी कर दी।
विरांश का कोल्ड ओरा देख नर्स झटपट पट्टी करके बाहर निकल गई। अब वहां सिर्फ विरांश और मधुरा थे। मधुरा विरांश को देखकर गहरी सोच में डूब गई। दिखने में तो ये अपर क्लास का लगता है। लेकिन निर्वाना टाउन में मैं सबको जानती हूं इस शख्स को तो पहले कभी नहीं देखा। इसने होटल का नाम लिया इसका मतलब कल रात मेरे साथ यहीं था। मुझे कुछ याद तो नहीं है लेकिन मुझे इससे माफी मांगनी चाहिए। पता नहीं नशे में मैंने क्या किया होगा?
उहुं,,आय एम सॉरी,,कल रात मैं नशे में थी,, क्या मैंने तुम्हें आर्डर किया था,,यू नो देट काइंड ऑफ सर्विस,, मधुरा नजरें नीचे किए हुए मुश्किल से बोली।
शराब पीने के बाद उसे कुछ याद नहीं रहता था। लेकिन इतना पता था वो नशे में बिल्कुल पागल हो जाती है। ऐसा जब भी हुआ ओजस उसे गुस्से से घूरता था,, मधुरा प्रोमिस मी आज के बाद एल्कोहोल को हाथ नहीं लगाओगी। यू कांट हैंडल इट।
मधुरा ने एक नजर विरांश को देखा उसके एक्सप्रेशन ठंडे थे। मधुरा ने तुरन्त नजरें नीची कर ली। ओ गॉड में गुस्से में क्यों है? क्या मैंने इसके साथ कुछ ग़लत किया था? या ये अपनी पेमेंट ना मिलने की वजह से ऐसा मुंह बना रहा है। हां यहीं रीजन होगा। मैं ऐसे ही भाग आई थी। पर अभी मेरे पास मेरा पर्स भी नहीं है। इसे पैसे कहां से दूं? मधुरा की नजर अपनी कलाई पर बंधे डायमंड ब्रेसलेट पर गई। ये ब्रेसलेट ओजस ने गिफ्ट किया था उसके अठारहवें जन्मदिन पर। लेकिन अब जब वो किसी और से शादी करने जा रहा है इस ब्रेसलेट का भी कोई मतलब नहीं रह गया। मधुरा ने ब्रेसलेट उतारकर विरांश के सामने कर दिया,
आय अंडरस्टैंड तुम पैसों के लिए मेरा पीछा करते हुए यहां तक आए हो ये ब्रेसलेट रख लो तुम्हारी फीस इसकी कीमत दस लाख से ऊपर ही होगी
विरांश बस उसे देखता रहा।
तुम्हारी सर्विस के लिए शुक्रिया इस ब्रेसलेट को लो और जाओ यहां से और हां फिर कभी मत मिलना जो हुआ वो बस हमारे बीच रहना चाहिए
विरांश अभी भी उसे ठंडी नजरों से देखता रहा। मधुरा अब परेशान हो गई। तभी विरांश ने अपना हाथ आगे बढ़ाया। मधुरा ने राहत की सांस ली। लेकिन विरांश का हाथ ब्रेसलेट को ना पकड़ते हुए उसके कंधे पर गया और विरांश ने उसे बेड पर धकेल दिया, मधुरा आंखें बड़ी करके उठने की कोशिश करने लगी लेकिन विरांश उसके ऊपर झुक गया। मधुरा घबराकर पैर मारने लगी, क्या कर रहे हो तुम? मुझे और सर्विस नहीं चाहिए गेट ऑफ मी!
सर्विस? विरांश के पतले होंठों पर डेविल स्माइल आ गई, उसकी उंगलियां मधुरा के बाथरोब की बेल्ट को धीरे धीरे खोलने लगी, मधुरा की सांसें ही अटक गई उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना था वो और जोर से उसे धकेलने की कोशिश करने लगी, छोड़ो मुझे मैंने तुम्हें पैसे दे दिए ना अब जाओ यहां से जस्ट गो!
पैसे से प्रोब्लम सोल्व करना चाहती हो तो ठीक है आय हेव नो इश्यूज़, विरांश मुस्कुराया, मेरी नेट वर्थ टू बिलियन डॉलर है क्योंकि सिर्फ एक रात की बात है मैं तुम्हें फिफ्टी पर्सेंट डिस्काउंट देता हूं सो इट्स वन बिलियन डॉलर एंड यस मैं सिर्फ कैश पेमेंट लेता हूं सो विल यू पे नाओ?
मधुरा का चेहरा लाल हो गया, टू बिलियन डॉलर? आर यू किडिंग मी? निर्वाना टाउन में तुम अगर इतने अमीर होते तो मैं तुम्हें चुटकी में पहचान लेती मुझे उल्लू बनाना बंद करो समझे?
तो तुम निर्वाना टाउन में सबको जानती हो?
हुंह तुम जानते नहीं मैं कौन हूं - धमकाते हुए मधुरा ने विरांश के गाल पर मुक्का मार दिया। पर उसके नाज़ुक हाथ का विरांश के ऊपर कोई असर नहीं पड़ा उल्टा वो गुस्से में हंसने लगा, वुमन यू आर रियली डेयरिंग
हटो मेरे ऊपर से मुझे डराना इतना आसान नहीं है - अंदर से डरने के बावजूद मधुरा अपनी आंखें बड़ी करके धमकाते हुए बोली।
गुड - विरांश उसके ऊपर से हट गया। मधुरा ने जल्दी से अपना बाथरोब सही किया। विरांश ने दरवाजा खोला बाहर एक और आदमी एक बेग लेकर खड़ा था। बेग लेकर विरांश ने उसके मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया।
चेंज - विरांश ने बेग मधुरा को थमाते हुए आर्डर दिया। मधुरा ने देखा अंदर कपड़े थे। फिलहाल तो उसे इनकी बहुत जरूरत थी। पर विरांश अभी भी पॉकेट में हाथ डाले वहीं खड़ा था।
उहुं,,तुम प्लीज़ बाहर जाओगे मुझे चेंज करना है
मैं आलरेडी सबकुछ देख चुका हूं - विरांश बिल्कुल सीरियस एक्सप्रेशन के साथ बोला।
बेशर्म! मधुरा के गाल गुलाबी हो गए वो पर्दे के पीछे गई और जल्दी से चेंज कर लिया। ये एक घुटनों से नीचे तक की पिंक ड्रेस थी थोड़ी लूज थी लेकिन कंफर्टेबल थी।
दोपहर तीन बजे मुझे कॉल करना - विरांश ने पर्दे के पीछे अपना हाथ बढ़ाया उसके हाथ में एक गोल्डन कार्ड था।
मधुरा ने उसे पकड़ लिया। ये यहां से निकले फिर फोन तो दूर की बात है इसकी शक्ल भी नहीं देखूंगी।
और अगर तुमसे फोन नहीं हुआ तो मैं खुद तुमसे मिलने पहुंच जाऊंगा मिस मधुरा व्हाट अ कॉम्प्लिकेटेड नेम - विरांश की सर्द गहरी आवाज एकबार फिर से आई इस बार वार्निंग के साथ। और वो चला गया।
मधुरा बाहर आई और सोचने लगी ये है कौन? इसे देखकर तो ये बहुत अमीर लगता है। लेकिन वो उसे जानती नहीं इसका तो एक ही मतलब है ये आदमी उसके सोशल सर्किल से भी ज्यादा अपर क्लास का है। ऐसी हस्तियां तो वो एक हाथ पर गिन सकती थी। और सिर्फ अग्निहोत्री ग्रुप का सीईओ हैं जिससे वो नहीं मिली है। ना उसे देखा है। वो मीडिया में इंटरव्यू भी नहीं देता ना उसकी कोई फोटो इंटरनेट पर थी। लेकिन वो बिलियनेयर सीईओ इतना यंग कैसे हो सकता है?
उसी समय एक नर्स उसके पास आई। उसकी मां अब बिल्कुल ठीक थी। मधुरा ने चैन की सांस ली। तभी उसकी नज़र अपने कपड़ों पर गई और वो चौंक गई। ये बहुत महंगे कपड़े थे। मधुरा ने जल्दी से कार्ड निकालकर देखा और उसकी आंखें फ़ैल गई,
सीईओ ऑफ अग्निहोत्री ग्रुप, विरांश अग्निहोत्री
ये शब्द भी ऐसे लिखे थे जैसे असली सोने से लिखे हो। और वो उसे क्या कह रही थी,
स्पेशल सर्विस?
वन नाइट फीस?
पेमेंट????
मधुरा का मन किया वो अभी बेहोश हो जाए।