बानो दिखने में 20 साल की लड़की लगती थी 16 साल ही थी इसलिए लालाराम ने बानो को पहले ही कह दिया था अगर डॉक्टर तुमसे कुछ भी पूछे तो तुम उसे कुछ नहीं बोलोगी उसके सारे सवालों का जवाब या तो मेरी पत्नी देगी या फिर मैं दूंगा तुम डॉक्टर के किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं देना।" बानो उसकी बात सुनकर हमें अपनी गर्दन हिला देती है।
अब आगे......
लालाराम और उसकी पत्नी दोनों बानो को लेकर अस्पताल जाते हैं लेकिन हॉस्पिटल जाने से पहले लालाराम बानो का हुलिया चेंज करवाता है जिसमें वह सबसे पहले उसके पहनावे को बदलता है ताकि वह अच्छे घर की लड़की लगे।
उसके बाल सेट करवाता है लुक चेंज होने के बाद बानो पहचान में नहीं आ रही थी कि यह वही बानो है जो कभी रंग महल में रहती थी और चटकीले कपड़े और makeup में रहती थी।
बानो ने जब खुद को शीशे में देखा तो वह भी खुद को पहचान नहीं पाई और खुद को नए गेटअप में देखकर बहुत खुश होती है। लालाराम और उसकी पत्नी दोनों बानो का नया रूप देकर बहुत खुश होते हैं अब उनको तसल्ली होती है कि कोई भी उनसे बानो के बारे में कोई भी सवाल नहीं करेगा।
सरोगेसी के प्रोसीजर के लिए लालाराम ने पत्नी के साथ बानो को लेकर अस्पताल में जाता है जिसमें वो यह जानना चाहता था यह मां बनने के काबिल है अभी या नहीं... लेकिन जाने से पहले उसने बानो को सख्त हिदायत दी थी कि वह वहां पर जाकर कुछ भी नहीं बोलेगी।
डॉक्टर के सारे सवालों के जवाब हम देंगे जहां हमें लगेगा ..तुम्हें बोलना है तो वहां तुम्हें बता दिया जाएगा !
बानो समझ रही थी कि इन लोगों को सिर्फ उसे बच्चा चाहिए था उसके दर्द तकलीफ या उसकी फीलिंग से इन लोगों को कोई मतलब नहीं था। बानो भी अपने हालातों के कारण मजबूर थी क्योंकि उसके पास कोई हल नहीं था।
लालाराम ने पहले ही अस्पताल में अपॉइंटमेंट ले रखी थी और अस्पताल में जाते ही उनका थोड़ी देर बाद ही नंबर आ गया था ।लालाराम और उसकी पत्नी बानो को लेकर डॉक्टर के केबिन में एंटर करते हैं तो डॉक्टर लालाराम को बाहर बैठने के लिए कहती है तो लालाराम की पत्नी उसे आंखों से ज्यादा करती है तो वह बाहर आ जाता है।
उसकी पत्नी और बानो दोनों वहीं बैठे रहते हैं तो डॉक्टर पूछती है ," बताइए... क्या प्रॉब्लम है ?"
तो लालाराम की पत्नी बोलती है," हमें हमारी बेटी का चेकअप करवाना है कि यह फिजिकली फिट है या नहीं !"
तो डॉक्टर कहती है ,"मैं इसका कारण जान सकती हूं किसी की भी फिटनेस चेक करने के लिए मुझे उसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी चाहिए होती है ।"
लालाराम की पत्नी झूठी फिक्र करते हुए कहती हैं ," इसकी माहवारी में भी थोड़ी सी दिक्कत है तो मैं चाहती हूं कि आप इसका अच्छे से ओर पूरा चेकअप करो और मुझे बताओ कि इसको कोई दिक्कत तो नहीं है।"
डॉक्टर बोली," ठीक है.. कोई बात नहीं! आप निश्चित चाहिए हम अभी सारा चेकअप कर लेते हैं थोड़ी देर में आपको पता चल जाएगा।"
डॉक्टर नर्स को आवाज देती है बानो को अंदर लेकर जाए नर्स बानो के अंदर ले जाती है और उसे कपड़े बदलने के लिए कहती है ताकि वह चेकअप कर सके।
बानो हॉस्पिटल वाला गाउन पहन लेती है तभी डॉक्टर आ जाती है और उसे लेटने के लिए कहती है जिंदगी में गम के थप्पड़ों ने और दुखों ने बानो को बहुत समझदार बना दिया था।
उम्र में भले ही बानो छोटी थी लेकिन समझदारी में वह एक समझदार आदमी को भी मात करती थी डॉक्टर को बानो का चेकअप करने में लगभग 1 घंटा लगा ।
चेकअप करने के बाद डॉक्टर अपने हाथ धोकर बाहर आती है और लालाराम की पत्नी डॉक्टर को देखकर उसे सवाल करती है ,"डॉक्टर ...सब ठीक है ना !"
डॉक्टर बोली," हां सब ठीक है थोड़ी सी इनमें खून की कमी है ना कुछ दवाइयां लिख रही हूं रेगुलर देते रहिए अगर कोई दिक्कत होती है तो आप इनको लेकर आ जाना । वैसे भी पंद्रह दिन की द्वाली लिखी हु तो वापस जब आप तब तक आपको खुद ही इनमें काफी बदलाव देखोगी।"
लाला राम की पत्नी बोली," ठीक है ।"
पर लालाराम की पत्नी इस डॉक्टर के जवाब से संतुष्ट नहीं होती तब तक लालाराम की पत्नी और बानो दोनों बाहर आ जाते हैं।
बाहर आने के बाद लालाराम उन दोनों को लेकर वापस कर जाता है बानो अपने कमरे में चली जाती है तो लाला राम की पत्नी लाला राम से कहती है," मैं इस डॉक्टर के ट्रीटमेंट से संतुष्ट नहीं हूं और मैं नहीं चाहती कि हमारा बच्चा यहां पर पैदा हो तो तुम जितनी जल्दी से जल्दी हो सके इस लड़की का पासपोर्ट बनवाओ और हम विदेश चलते हैं जहां पर हमारा बच्चा पैदा हो क्योंकि यहां पर रहेंगे तो कोई ना कोई आता रहेगा! वहां रहेंगे तो ना किसी का फोन आएगा ना कोई हमसे कुछ सवाल करेगा।"
" शायद तुम ठीक कह रही हो पर इससे अच्छा है कि हम किसी हिल स्टेशन हिल स्टेशन पर चले जाएं जिससे कि हमें भी कोई परेशानी ना हो और इस लड़की को भी कोई दिक्कत ना हो!"
तो लाल राम की पत्नी रहती है," नहीं हम यहां नहीं हम विदेश ही जाएंगे।"
लालाराम बोला," तो ठीक है जैसे तुम्हारी मर्जी पासपोर्ट तैयार करवाने की सारी तैयारी कर लेता है और एजेंट को फोन करके पासपोर्ट बनाने के लिए कह देता है। क्योंकि लालाराम उसके पत्नी का पासपोर्ट तो पहले ही बना हुआ था।
15 दिन के अंदर अंदर बानो का पासपोर्ट बन कर आ जाता है जब तक कि वह शहर में रहने खाने चलने बोलने के सारे तरीके सीख लेती है ।
पासपोर्ट आने के बाद लालाराम टिकट बुक करता है और तीनों लंदन के लिए निकल जाते हैं ।भानु प्रसाद जोकि लंदन में ही रहता था लालाराम ने उसे बोलकर वहां पर एक घर ले लिया था और एक अच्छे हॉस्पिटल का भी पता कर लिया था। यहां से बानो का ट्रीटमेंट शुरू करवाया जा सके और सरोगेसी का प्रोसीजर शुरू हो सके।
लाला राम जानता था कि बानो का मन बहुत कोमल है और बहुत साफ है इसलिए लालाराम उसे बहुत प्यार से बात करता था ।यह देखकर उसकी की पत्नी को बहुत गुस्सा आता था पर अभी लालाराम की पत्नी की मजबूरी थी कि उसे बच्चा चाहिए था उसके लिए घर के माहौल का स्वस्थ होना बहुत जरूरी था।
इसलिए लालाराम की पत्नी भी बानो से बहुत अच्छे से पेश आती थी अभी लालाराम को लंदन आए हुए 15 दिन हो गए थे आज उनका अस्पताल में अपॉइंटमेंट था तो लालाराम की पत्नी बानो को लेकर हॉस्पिटल जाती है और आज सरोगेसी की प्रक्रिया शुरू होनी थी जो डॉक्टर सेरोगेसी की प्रक्रिया कर रही थी और डॉक्टर बहुत तजुर्बे वाली थी ।
लालाराम ने बानो को बोलने से बिल्कुल मना करा था कि वह अस्पताल के अंदर कुछ भी नहीं बोलेगी जो भी सवाल जवाब होंगे उनका जवाब या तो वह देगा या उसकी पत्नी
!
बाकी कहानी अगले भाग में
समीक्षाओं के इंतजार में
अदिति राही