The Mafia heirs - Chapter 1 - Story Mania

The Mafia heirs - Chapter 1

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एक बड़ी सी बिल्डिंग जिसके टॉप पर एक आदमी खडा था, उम्र तीस के आस पास होगी, वो लडका अपने हाथ में शराब का गिलास लिये खडा था, उसकी आंखे रात के वक्त उस चमचमाते शहर को देख रही थी । कहने को तो वो इस कोन्टिनेन्ट का बादशाह था, उसके आगे किसी के बोलने की हिम्मत नही थी । पावर और पैसे की ताकत से उसनें पूरे शहर को अपनी मुठ्ठी में किया हुआ था । मुम्बई जैसे शहर को भी वो अपनी एक छींक से हिलाने की हिम्मत रखता था । यह था एशिया के सबसे खतरनाक एक माफिया में से एक,,, अर्पण सिंघानियां, उम्र यही कोई तीस साल, नीली रंग की गहरी आंखे जिनमें जूनून की आग थी, उसके चेहरे से उसका जूनून साफ जाहिर हो रहा था । " वो मिल जाये एक बार, उसे फिर खुद से दूर नही जाने दूंगा,,,, वो मेरी किस्मत में है और उसे मेरी किस्मत से किस्मत भी नहीं जुदा कर सकती है,,,,," वो आदमी आंखो में आग लिये दिवानगी के साथ बोला । उसे तलाश थी उस लडकी कि जिसनें उसके दिल को पहली बार में छू लिया था,, और आज तीन महिने हो गये थे, पर अभी तक वो लडकी उसे मिली नही थी । वही दूसरी ओर एक बडा सा घर, काले कर्टन, काली दिवारे और उन काली दिवारो के बीच एक बहुत ही खुबसूरती से बनायी गयी एक रंगीन तस्वीर,,,, एक लडका उस तस्वीर के सामनें शर्टलेस होकर खडा था । उस लडके के आंखो में एक दिवानगी दिखायी दे रही थी । आंखो में दिवानगी लिये वो लडका उस तस्वीर को बस न जाने कबसे ऐसे ही देख रहा था । उसके हाथो में कलर लगा हुआ था और दूसरे हाथ में खून लगा हुआ था । वो लड़का खून से सनें उस हाथो से ही उस पेंटिग में कलर भर रहा था, उसनें उस तस्वीर में बनी लडकी की ड्रेस को अपने खून से ही भरा था । वो उस लडकी की तस्वीर को देखते हुए बोला " कब तक बचकर भागोगी जानम,,, यह दुनिया एकदम गोल है,, और जिस तरह तुम मुझसे पहली बार टकरायी थी, वैसे ही अब भी टकराओगी,,,,," उसके चेहरे पर एक मिस्टीरियस स्माइल थी,,, यह लडका था अथर्व सिंघानिया, एशिया का सबसे शक्तिशाली आदमी और एक माफिया । उम्र यही कोई अठाइस के आसपास, आंखे गहरी और हरी रंग की, चेहरे पर हल्की बियर्ड और आंखो में तेज । वही तीसरी तरफ एक आदमी जिसनें काले रंग का कोर्ट पहना हुआ था, वो अपने एक गार्ड की गर्दन को कसकर पकडते हुए उसे एक तीखे कोने वाले सरिये में घोंपते हुए बोला " साले हरामियो,,, इतने दिन से तुम एक लड़की को नहीं पकड़ पाए,,,, यह दुनिया इतनी भी बड़ी नही कि आश्रित सिंघानिया के कदम उसे नाप ना पाये,,, तुम लोगो की हिमाकत भी कैसे हुई मुझे इंतजार करवाने की,, तीन महिने,,, तीन महिनो से मैं उसका इंतजार कर रहा हूं मेरे लिये इंतजार का हर एक लम्हा किसी साल से कम नहीं और तुम लोग आज भी निराश आंखो के साथ मेरे सामनें आ गये,,, मुझे हर हाल में वो लडकी चाहिये,,, अंडरस्टैंड और नॉट,,,,!! तभी उसके सामनें खडे सभी गार्ड्स एक तेज आवाज में चिल्लाये " यस सर,,,,!! " आश्रित नें चिल्लाकर कहा " नॉट ऑनली यस,,, आई वॉन्ट रिजल्ट,,,,!! " यस सर,,,," आश्रित नें उसी गार्ड् की शर्ट से अपना खून से सना हाथ साफ किया और उस गार्डस को वैसे ही छोड दिया । उस गार्ड् में अब जान तो बची भी नही थी, वो तड़प तड़प कर वैसे भी मर चुका था । यह तीनो ही भाई जो एशिया के सबसे ताकतवर बिजनैसमैन्स और माफियाज कहलाये जाते थे, वो तीनो एक ही लड़की के पीछे दिवाने थे । तीनो एक दुसरे के जानी दुश्मन भी थे पर इस बात से भी अंजान थे कि तीनो की नजर एक ही लडकी पर है, तीनो के बीच दुश्मनी इस कदर थी कि एक दूसरे को मारने के लिये तैयार रहते थे ।
एक छोटा सा अपार्टमेन्ट....... एक लडकी अपने बालो को सही करते हुए बेड से नीचें कदम रखती है,,, वो अंगडाई लेते हुए यहा वहां देखती है । वो लड़की बैचेनी से एक दिशा में देखते हुए बोली " सुरभि,,, सुरभि कहा हो तुम,,,, हमें बात करने है,,,," " यही हूं मेरी मां,,, बोल,,,," एक लडकी अपने काले लम्बें रूखे बालो को मसलते हुए मुंह में ब्रश ठूसे अंदर आते हुए उसे देखकर बोली । वो लड़की अपनी प्यारी सी स्माइल और गुडिया जैसी प्यारी सी सूरत के साछ बोली " तुम हमारे साथ चल रही हो न,,,! " सुरभि नें उसकी बात से इंकार करते हुए गर्दन हिलाकर कहा " नहीं,, मुझे बार में जाना है आज मेरा डांस शो है वहां,,,," वो लडकी मुंह बनाकर बोली " तुम हमेशा ऐसे ही करती हो हमारे साथ,,,,," तभी सुरभि नें बेसिन में आकर कुल्ला करते हुए कहा " मैं नहीं आ सकती नितारा,,, तुझे पता तो है, मैं एक बार डांसर हूं यह सब के बीच तेरे साथ कहा जाऊं और यह सब पढाई लिखायी की चीजे देखकर मेरा सिर चकराता है,,, फिर मेरी वो सेठानी भी बहुत चेचे करती है,,, बात बात पर झगडती है,,, अगर लेट हो जाओ तो पैसे काट लेती है,,," " हां हां हम सब जानते है पर तुम भी तो जानती हो न, कि हम यहां नयें हैं किसी को नही जानते है,,, किसी से हमारी दोस्ती नहीं हैं,,,, कोई हमें पकड़ लिया तो,,,," नितारा डर से कांपते हुए बोली । सुरभि नें उसकी बात का मजाक उडाकर कहा " हां आप ही तो हो अप्सरा,, आपको ही तो उठाकर लेकर जाएगें,,, सारे गुंडे मवाली आपका राह ही तो देख रहे हैंं,,,, " सुरभि नें यह बात मजाक में कही थी पर सुरभि को भी पता था कि वो लड़की सच में बेहद सुंदर थीं जब पहली बार सुरभि खुद नितारा से मिली थी, उसकी मासुमियत, उसका बात करने का लहजा और उसकी स्माइल के सामनें वो खुद भी नही सम्भल पायी थी । नितारा को जब उसनें तीन महिने पहले बंदूक की नोंक पर देखा था तबसे ही उसकी नजर में नितारा खुबसूरत होने के साथ ही बहुत ही ज्यादा बहादुर भी बन गयी थी वरना कोई पागल ही होगा जो खुद जाकर बंदूक की नोंक पर खडा होगा........ नितारा नें उदास चेहरा बनाकर कहा " ठीक है हम खुद ही चले जाएगे,, तुमको क्या लगता है हमारा कोई ओर दोस्त नहीं बन सकता,,, हम आपके भरोसे है यहांं,,, आप तो वैसे भी अपने काम में ही बीजी रहती है, हम जैसी बेवकूफ लड़की से आपको क्या ही फर्क पडेगां,, हमें किसी नें मार भी दिया,,, तो आपको तो कुछ भी फर्क नही पडने वाला,,,,," सुरभि उसकी एक इमोशनल बाते सुनकर अंदर रूम में आयी और उसके सामनें खडा होते हुए बोली " हो गयी है तुम्हारी इमोशनल ब्लैकमैलिंग शुरू,,,," " हमनें क्या किया,,,,?"
" यह आप बोलकर बात करना ही बता रहा है कि तुमनें क्या किया है,,, मैं अच्छे से जानने लगी हूं कि तुम जब नाराज होती हो तो यह आप आप निकलता है तुम्हारे मुंह सें,,," नितारा नें नाराजगी के साथ कहा " ऐसा कुछ नहीं है,,,," " बस करो तुम,,,, अच्छा मैं चलूंगी तुम्हारे साथ पर सिर्फ तीस मिनट के लिये फिर मुझे जाना होगा,,,," " ठीक है कोई बात नहीं,,, हमें चलेगा,,," नितारा नें खुशी से आंखे चमकाकर कहा । सुरभि उसकी स्माइल देखकर उसके गाल पर किस करते हुए बोली " हाय मार ही डालती हो तुम इस स्माइल के साथ, कसम से अगर मैं लड़की ना होकर लड़का होती तो अब तक तू मेरा ऑबसेशन बन चुकी होती,,,," नितारा नें मुस्कुराते हुए कहा " फिर तो अच्छा ही है कि तुम लडकी ही हो,, वरना तुम तो हमें हर रात अपने नीचे दबाकर सोती और हमें यह जोर जबरदस्ती पसंद नही है,,,," सुरभि उसे छेडते हुए अपना कंधा उसके कंधे से भिड़ाकर बोली " हां वो तो पता चल ही जाएगां, तुम कहा जानो आदमी की मोहब्बत जानू,,, एक बार अगर वो मोहब्बत की जिद्द पर आ जाये तो बचना मुश्किल होता है फिर तो जबरदस्ती भी होती है और जबरदस्त प्यार भीं,,," नितारा नें शर्माकर अपना चेहरा दूसरी तरफ किया, वो उसकी डबल मिनिंग बातो को समझ रही थी और उसकी बातों में पडना भी नही चाहती थी । कुछ महिनें पहले..... सड़क पर लगातार गाडियां दौड रही थी, ब्लैंक कलर की उन गाडियो नें पूरा शहर नाप लिया था । सभी हैरान थे कि आज कौनसा सेलिब्रिटी या राजनेता मुम्बई शहर में आ गया है । किसी को नहीं मालूम था कि वहां क्या चल रहा था । वही एक लडकीं अपना सूटकैस निकाले एक टैक्सी से बाहर निकलीं, वो मुम्बई शहर में आज पहली बार आयी थी । मुम्बई को देखकर उसकी आंखो में चमक आ गयी । वो अपने आप से बोली " तो आज से हमारा नया सफर शुरू होता है,,, नितारा आज से यह दुनिया तुम्हारा इंतजार कर रही है,, हमें उम्मीद है कि हम यहां चैन से रहेगे और बहुत कुछ नया भी सिखेगें,,, जिंदगी में हमें इतने सालो बाद यह मौका मिला है,,, आज हम बहुत खुश है,,, बहुत खुश,,,,," नितारा में अपने हाथो को ऊपर उठाकर गहरी सांस भरी, वो आंखे बंद करके अपनी खुशी और मु्बई की हवाओ को महसूस कर रही थी कि तभी उसके कानो में एक तेज आवाज आयी । गन चलने की खतरनाक आवाज, जिसे सुन नितारा एकदम से चौंक जाती है, उसकी आंखे बड़ी बड़ी हो गयी । उसके चेहरे में आश्चर्य के भाव थे । वो सामनें देखती है तो तीन ब्लैक कार और उस कार के बाहर तीन काले सूट में तीन आदमी खड़े थे । तीनो की आंखे गुस्से से एक दूसरे को देख रही थी । "
वो एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे जैसे इसा वक्त जान से मार देगे । उनके चेहरे पर आक्रोश भरा हुआ था । चेहरा एकदम गुस्से से तमतमा रहा था । एक आदमी बोला " बंदूक नीचे कर,,,!!" " कभी भी नहीं,,, तुझे मारने का मौका आज मिला है मुझे,,, तुझे तो मारकर ही आज पीछे हटूंगा,,,," तभी उन दोनो के सिर पर गन ताने तीसरा आदमी बोला " तुम दोनो ही हाथ नीचे कर लो,,, वरना आज सिर्फ तुम्हारी अर्थी यहां से जाएगीं,,,,,!! " "मौत का खौफ किसे दिखा है,,, हर रोज मौत. का खेल खेलने वाला कभी मौत से नही डरता,,," उनमें से एक बोला . वो तीसरा आदमी बोला " बंदूक नीचे कर अथर्व, वरना मौत का डर करीब से महसूस करवाने का मुझे काफी एक्सपिरियंस है अर्पण सिंघानिया को,,,,,,," दूसरा वाला बोला " सिर्फ सिंघानिया नाम में लग जाने से खून एक जैसा नही हो जातां,,, अर्पण,,, मारना है तो मार दे,,, और हिम्मत है तो चला गोली,,,,," तभी पहले वाले नें कहा "तुझमें भी है हिम्मत तो मुझे मारकर दिखा,,,, लेकिन याद रखना,,, आश्रित सिंघानिया नाम है मेरा, मरूंगा तो भी तुम दोनो ही कब्र खोदकर,,,," माहौल काफी खतरनाक होता जा रहा था । तीनो नें ही एक दूसरे पर बंदूर तान रखी थी और हाथ ट्रीगर पर था । औसा लग रहा था जैसे किसी भी वक्त ट्रीगर दबा और खेल खल्लास । वो तीनो ही गन चलाते इससे पहले ही वहां एक मासूमियत से भरी और धीमी सी पर पूरे जोर से एक वॉइस आयी " बस करिये आप तीनो,,,, रूक जाइयेंं,," वो तीनो ही लड़के उस लडकी को देखने लगे जो बंदूक की पॉइट पर आकर खडी हो गयी थीं मतलब उन तीनो के बीच....... " रूक जाइयेंं,,,, मत लडाई करिये यहां,, आप तीनो की इस लडाई के चक्कर में सभी का काम अटक गया है,,, अगर आप तीनो को यह सब करना ही है तो किसी ओर जगह चले जाइये,,, आप लोगो को पता भी है एक दूसरे को मारकर आप कितना बडा अधर्म कर रहे थे,,,,, हमारे शास्त्रो में कहा गया है कि इंसान को चौरासी लाख योनियो में जन्म लेने के बाद इंसानी जीवन मिलता है और आप पता नहीं क्यो इस जन्म को खराब कर रहे है,,, हम आप तीनो से रिक्वेस्ट करते है प्लीज,,,, प्लीज अपनी कार सड़क से हटाइये ताकि बाकि लोग परेशान हो रहे हैं वो अपना काम कर सके,,,," यह लडकी कोई ओर नही बल्कि नितारा ही थी और उसे खुद को मालूम नही था कि जिन लोगो को उसनें अभी इतना लम्बा भाषण दिया है वो तीनो ही इस कॉन्टिनेन्ट के सबसे खतरनाक माफियाज ब्रदर थे । जिनके लिये यह शहर खत्म करना भी कोई बडी बात नही थी और एक अंजान लडकी, जो हवा के झोंके की तरह आयी और उन तीनो से नजर में नजर डालकर उन्हें यह सब कह रही थी । " कैसी होगी यह मोहब्बत की जंग, जहां एक लडकी के लिये तीन भाईयो के बीच की दुरियों ओर भी बढेगी,, क्या होगा इस मोहब्बत का अंजामंं....???
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