आरुषि आनंद:- " मैने एक सच्चे इंसान का हाथ छोड़ कर एक धोखेबाज से शादी कर ली और मेरा पुनर्जन्म उस सच्चे इंसान की नाराजगी दूर करने और मेरे पति की हत्या के लिए हुआ है उसने मुझे चंद पैसों के लिए नर्क से भी बदतर जिंदगी दे दी और मुझे मार डाला; मेरा पुनर्जन... आरुषि आनंद:- " मैने एक सच्चे इंसान का हाथ छोड़ कर एक धोखेबाज से शादी कर ली और मेरा पुनर्जन्म उस सच्चे इंसान की नाराजगी दूर करने और मेरे पति की हत्या के लिए हुआ है उसने मुझे चंद पैसों के लिए नर्क से भी बदतर जिंदगी दे दी और मुझे मार डाला; मेरा पुनर्जन्म हो सकता है तो उसका क्यों नहीं? बस यही सवाल मेरे जहन में घूमता है और इसका एक ही उपाय है मेरे पति को इतनी बेरहमी से सजा देना की दूसरे जन्म लेने से भी उसकी रूह कांप जाए so welcome to my dark side my dear husband "
Aarushi Aanand 💅
Heroine
मल्हार राव
Hero
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आरुषि आनंद " उम्र 23 साल गौर रंग नीली कजरारी आंखे जिन पर घनी पलके जिससे वो और ज्यादा खूबसूरत नजर आती हैं
इस वक्त एक दुल्हन के जोड़े मै थी पर बिस्तर या सेज की बजाय एक काल कोठरी में
उसके दोनों हाथ ऊपर की तरफ एक रस्सी से बंधे हुए थे बाल बुरी तरह उलझे हुए थे कपड़ों मै लगी मिट्टी बता रही थी कई दिनों से शायद कपड़े बदले नहीं है
उसकी शादी वाला दिन उसका मातम वाला दिन बन गया था सिर्फ उसकी एक गलती की वजह से और वो था उसके प्रॉपर्टी पेपर पर साइन करना
आरुषि की शादी उसके lover yash Raj Singh से हुई थी जिसने उसे अपने प्यार के जाल में फंसा कर उससे प्रॉपर्टी पेपर पर साइन करवा लिए और जिस वक्त साइन हुए उसी पल से यश ने आरुषि की जिंदगी नर्क बना दी...
प्रेजेंट टाइम
" Hello my dear love how are you"
यश की गहरी आवाज आरुषि के कानों में पड़ी जिससे उसने दर्द के कारण बंद की अपनि आंखे खोली और सामने देखने की कोशिश की
जहां उसकी आंखो के सामने उसका पति दूसरी लड़की को अपनी बाहों मै भरे खड़ा था
आरुषि एक दम से तिलमिला उठी थी अंदर से पर उसके शरीर मै इतनी ताकत नहीं थी कि वो सामने वाले को कुछ कह पाए
यश ने अपने पास मै खड़ी उस हॉट लड़की को अपनी लेप पर बैठाते हुए उसे kiss करना शुरू कर दिया
जिसके अगले ही पल आरुषि की नजरे झुक गई और उसका दर्द उसकी आंखो से बह उठा
उसके शरीर पर अनगिनत घाव और जख्म थे कुछ ताज़ा तो कुछ पुराने
पर उनसे भी ज्यादा दर्द उसे फिलहाल हो रहा था अपने सामने चल रहे इस नजारे को देख कर
उसका मासूम दिल हजार टुकड़ों में टूट कर उसी के सीने में चुभ रहा था
आरुषि की रोने की आवाज यश और उसकी गर्ल फ्रेंड शीना के कानों में साफ साफ जा रही थी
पर इसे यश और भी ज्यादा इंजॉय कर रहा था
और डेस्परेट होते हुए शीना को deeply kiss कर रहा था..
Aarushi's POV..
" आज मेरी शादी को 11 वा दिन है लगातार ग्यारह दिन से ये हैवान मुझे टॉर्चर कर रहा है और इसे इस चीज से प्लेजर मिल रहा है पैसे के लालच में कोई कैसे इतना अंधा हो सकता है???"
उससे भी बड़ी बात पैसा मिल भी गया है तब भी मुझे नहीं छोड़ रहा है ना ही जान से मार रहा है भगवान मुझे नहीं चाहिए ऐसी जिंदगी! नहीं चाहिए!"
कुछ देर बाद
यश को जब लगा आरुषि को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है उससे तो वो गुस्से मै उठा और उसके करीब जाकर एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ते हुए उसके बालों को अपनी मुट्ठी मै कसते हुए बोला
" प्यार खत्म हो गया मेरे लिए?? तड़प खत्म हो गई?? जलन खत्म हो गई?? अब तुम्हारा भी कोई काम नहीं है यहां तुम्हे भी खत्म हो जाना चाहिए!"
ये सुन कर जहां आरुषि को पैनिक करना चाहिए था वो खुश हो गई आखिर कार उसे इस जेल से मुक्ति तो मिल जाएगी अगर उसे यश जान से ही मार देगा...
यश ने एक झटके से आरुषि के बालों को छोड़ दिया और अगले ही पल शीना की तरफ देखते हुए बोला
" Baby Give में मई फेवरेट toy"
शीना ने मुस्कुराते हुए उसके हाथ मै एक गन रख दी
अपनी मौत को इतने करीब से देख कर आरुषि के रोंगटे खड़े हो रहे थे और उसके दिमाग मै घूम रहा था सिर्फ एक शक्श
" मल्हार राव 🔥 "
" बावली मत बनो मैडम! यश तुझे धोखा दे रहा है "
ये कुछ शब्द थे जो उसके दिमाग मै घूम रहे थे और आंखों के सामने यश
यश ने gun load करते हुए आरुषि के माथे के बीचों बीच रखी और एक गन्दी हंसी हंसते हुए ट्रिगर दबा दिया
एक पल के लिए आरुषि की धड़कने धड़कना भूल गई और उसके होठों से निकला
" मल्हार........"
और इसी के साथ वो बेजान होते हुए उन राशियों के बल हवा मै झूल गई उसका ये बेजान शरीर देख कर यश जोर जोर से शैतान की तरह हंसने लगा और उसका साथ दे रही थी शीना ....
The diamond palace..
आरुषि की आंखे यश के उसका कंधा थपथपाने से खुली!
" Baby girl उठो मेंशन आ गया है हम पहुंच गए! "
आरुषि ने जैसे ही यश की आवाज सुनी डर के मारे एकदम से कांप गई
और उसने आंखें उठा कर यश की तरफ देखा जो एक बड़ी सी स्माइल लिए उसे देख रहा था
जिसे देख कर आरुषि ने डर के मारे अपना सलाइवा गटक लिया
यश ने उसे यू डरते देख कर उसका हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहा
" क्या हुआ baby girl तुम्हारा वही ससुराल आया है जो तुम्हें हमेशा से पसंद था "
मेरी मॉम वेट कर रही होंगी हमारा चले!"
वही आरुषि इस सच्चाई को हजम करने की कोशिश कर रही थी आखिर वो जिंदा कैसे और ये बीते पल क्यों उसे याद आ रहे हैं
यश कार से उतरा और आरुषि का हाथ पकड़ कर उसे भी कार से बाहर निकाल लिया
और वो जैसे ही आरुषि का हाथ पकड़े आगे की तरफ बढ़ा अचानक ही वहां सब कुछ थम सा गया
और आरुषि और ज्यादा घबरा गई और डरते हुए इधर उधर देखने लगी
की तभी उसे चमकते अक्षरों मै सामने दीवार पर कुछ लिखते हुए दिखाई दिया
" It's your turn to take revenge! It's your rebirth "
और कुछ ही पलों मै सब नोर्मल हो गया
आरुषि अब भी हैरान परेशान थी
। सब सही होते ही यश उसका हाथ पकड़े हुए उसे 4घर के अंदर लेकर जा रहा था
ये एक नॉर्मल 2bhk का घर था क्योंकि यश किसी आमिर परिवार से नहीं था
पर जैसा भी था उसने हमेशा यही दिखाया था कि वो आरुषि को बहुत पसंद करता है बस इसी वजह से आरुषि ने उससे शादी भी कर ली थी
अब आरुषि के दिमाग मै बहुत कुछ चल रहा था वो अब अपने हर धोखे का बदला एक धोखे से लेगी
उसकी आंखे तुरंत लाल हो गई और उन में नमी तैर गई
" बने थे मासूम बेलिहाज बन गए धोखेबाजो मै रह रह के धोखेबाज बन गए "
आरुषि और यश जैसे ही अंदर गए शीना हाथ मै पूजा की थाली लिए उनका वेट कर रही थी
उसे देख कर आरुषि ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां कस ली
और फिर जल्दी से एक जबरदस्ती की मुस्कान अपने होठों पर सजा ली
शीना ने दिखावटी मुस्कान लिए उनकी आरती की और फिर बोली
" So buddies celebrate your first night have fun...!"
इतना बोल कर उसने एक eye wink की ओर मुस्कुराते हुए वहां से चली गई
आरुषि एक एक पल को याद कर रही थी उसके पिछले जन्म मै भी सब बिल्कुल ऐसे ही हुआ था
उसके हाथ पांव अब थोड़े ठंडे हो रहे थे आज ही का दिन था जब पहली बार यश राज ने उस पर हाथ उठाया था
वो कुछ सोच समझ पाती उससे पहले ही यश राज ने उसे अपनी बाहों मै उठा लिया और मुस्कुराते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ गया
आरुषि आंखो मै ढेर सारे इमोशंस लिए यश राज को देख रही थी कितनी अच्छी एक्टिंग आती है उसे...
यश राज ने उसे शरारती मुस्कान लिए कहा
" ऐसे क्या देख रही हो baby girl"
आरुषि ने ना मै ही गर्दन हिलाते हुए अपनी नज़रें झुका ली यश राज को लग रहा था उसे शर्म आ रही है
इसलिए वह अपनी पकड़ उस पर और भी ज्यादा कसते हुए बोला
" अभि से शर्मा रही हो अभी तो बहुत कुछ होना है "
फिर यश राज अपने मन मै बोला
" आज वो होगा जो तुम कभी सोच भी नहीं सकती baby girl this is a very special day of your whole life "
रूम मै जाते ही यश राज ने आहिस्ता से आरुषि को बेड पर बैठा दिया
ओर एक टक उसके खूबसूरत चेहरे को देखते हुए उसका दुप्पटा सर से उतार दिया
आरुषि की पकड़ उसके लहंगे पर बुरी तरह कसी हुई थी
यश राज उसकी तरफ उसे kiss करने के लिए झुक ही रहा था कि अचानक उसका फोन बज उठा
आरुषि को पता था अब यही होने वाला है इस कॉल के बाद ही तो यश राज ने उससे प्रॉपर्टी के पेपर पर साइन करवाए थे वो कैसे भूल सकती है उस पल को
उसका गला भारी हो चुका था उसे अभी फुट फूट कर रोना था पर वो क्या करे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था...
यश राज बात करने के बहाने कुछ पल उससे दूर हुआ और फिर अपने चेहरे पर एक फ्रस्ट्रेशन वाला लुक लेकर अंदर आया
आरुषि ने झिझकते हुए पूछा
" क्या हुआ?"
यश राज ने कहा
" कुछ नहीं baby girl मैंने बताया था ना तुम्हे वो क्लब का ऑनर मैने उसे बताया कि मेरी शादी आरुषि आनंद से हुई है और वो कोई ऐसा वैसा नामनहीं है मै बहुत जल्दी तुम्हारा सारा कर्जा चुका दूंगा....."
पर अब......!!!!!
आरुषि ने मुश्किल से अपने आंसु कंट्रोल करते हुए आगे कहा
" पर क्या यश???"
यश राज बेड पर बैठते हुए आरुषि के हाथ पर हाथ रखते हुए बोला
पर अब उसे प्रूफ चाहिए कि तुम अपने पैसों से मेरा कर्जा चुकाने के लिए रेडी हो भी या नहीं because आज कल तुम्हे पता है पैसे कितने इंपोर्टेंट होते है सब के लिए तो बहुत सी लड़कियां अपने पति के पैसे तो खर्च कर सकती हैं पर जब उनकी बारी आती है तो वो साफ साफ मुकर जाती हैं पर मैं जानता हूं मेरी baby girl ऐसी नहीं है!"
आरुषि एक टक उन प्रॉपर्टीज के पेपर को देख रही थी फिर उसने एक नजर यश राज की तरफ देखते हुए कहा
" ठीक है उसे प्रूफ मै दे दूंगी फिलहाल हम ये सब रहने देते हैं जिस इंसान को जुबान से फर्क नहीं पड़ा उन दो कागजों को देख कर कोनसा पड़ जाएगा मै face to face जाकर उसे सब बताऊंगी"
यश का प्लान नाकामयाब होते देख यश के चेहरे का रंग फीका पड़ गया
और वो हैरानी से आरुषि की देखने लगा
अब तक तो आरुषि उसकी हर बात मान ही रही थी तो आज क्यों नहीं मानी?
आरुषि ने हल्के से अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए कहा
" क्या तुम्हे मुझ पर ट्रस्ट नहीं है यश?"
यश ने तुरंत अपने एक्सप्रेशन सही करते हुए अपने चेहरे पर एक जबरदस्ती की मुस्कान सजा ली और आरुषि को अपने गले से लगाते हुए बोला
" ऐसी बात नहीं है baby!"
आरुषि के होठों पर एक व्यंग्य भरी मुस्कान आ चुकी थी वही यश के चेहरे पर हल्का गुस्सा
पर वो इस तरह इस बाजी को नहीं हार सकता था ये उसकी जिदंगी की सबसे बड़ी बाजी है जिसे उसे हर हाल में जितना था
उसने आरुषि को हल्के से खुद से अलग किया और फिर एक स्माइल के साथ कहा
" हम अपनी फर्स्ट नाइट बिल्कुल खराब नहीं करेंगे इन सब के चक्कर मै i love you baby"
इतना बोलते हुए यश ने उसके होठों की तरफ अपने होठों को बढ़ा दिया
पर आरुषि ने तुरंत अपने हाथ को उसके होठों पर रखते हुए
थोड़ा झिझक के साथ कहा
" वो एक्चुअली वॉशरूम जाना है मुझे!"
यश राज ने हा मै सर हिलाते हुए उसे खुद से दूर करते हुए खुद बेड की दूसरी तरफ हो गया
और अगले ही पल आरुषि उठी और तेज कदमों से washroom की तरफ चली गई
उसके जाते ही यश राज ने गुस्से मै अपनी मुथैया कस ली
वही वॉशरूम मै आते ही आरुषि के आंसुओं ने उसका साथ छोड़ दिया और बिना उसकी मर्जी के उसकी आंखों से बह उठे!
वो अपने मुंह पर हाथ रखते हुए सिसक उठी
कुछ देर मै उसने बाथरूम का टैब ऑन कर दिया ताकि उसकी आवाज बाहर ना निकले
और वो मिरर मै अपने चेहरे को देख रही थी
लास्ट टाइम कितनी मैली थी वो कितने जख्म थे उसके शरीर पर
और अब वो बिलकुल पहले वाली आरुषि थी
अब तक रो रो के उसकी नाक लाल हो गई थी और आंखे भी लाल हो कर सूज चुकी थी उसने मिरर मै खुद को देखते हुए जाड़ भींच कर कहा
" यश राज सिंह एक एक जख्म को 100 गुना कर के वापस लौटाऊंगी तुम्हे ये मेरा खुद से वादा है"
To be continued thank you so much for reading this novel
Please comment kare!!
Or mujhe follow kare 🥺 ❤️🩹..
थोड़ी देर बाद आरुषि से bathroom से ड्रेस चेंज करके आई उसने इस वक्त एक हल्की पिंक टीशर्ट और उसी के जैसा टाउजर पहन रखा था
उसकी आंखे सूजी हुई थी और उसके चेहरे पर सिर्फ उदासी बिखरी थी
यश ने उसे देख कर जल्दी से उठते हुए उसके करीब आकर कहा
" क्या हुआ तुम्हे? तुम रोई थी? कोई प्रॉब्लम है?"
उसकी इतनी फिक्र देख कर एक बार फिर आरुषि का मन भारी हो गया और वो अपने आंसु मुश्किल से कंट्रोल करते हुए बोली
" I am really sorry मेरी वजह से हमारी स्पेशल नाइट खराब हो गई एक्चुअली मुझे पीरियड्स आ गए "
यश की गुस्से से मुट्ठियां कस गई पर उसने अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान सजाते हुए आरुषि को सीने से लगाते हुए कहा
" कोई बात नहीं ये रात हम फिर कभी सेलिब्रेट कर सकते हैं जब कभी भी तुम कंफर्टेबल हो"
अब सो जाओ चिंता करने की जरूरत नहीं है
आरुषि ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ हा मै सर हिला दिया और बेड पर जाकर लेट गई
यश ने भी आंखे बंद करते हुए एक गहरी सांस छोड़ी और फिर उसकी बगल में लेट गया
आरुषि की आंखो से आंसु निकल कर इस वक्त तकिए को भिगो रहे थे...
उसके मन मै इतनी कड़वाहट भरी थी यश राज के लिए की वो बस इसी वक्त उसका मर्डर कर देना चाहती थी पर वो उसे इतनी आसानी से नहीं मारना चाहती थी..
कुछ देर बाद यश ने धीरे से उठ कर चेक किया आरुषि सोई या नहीं ओर जब उसे यकीन हो गया आरुषि सो चुकी है तो वो फिर उठ कर रूम से बाहर निकल गया...
और आरुषि के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई उसने जैसा सोचा था कुछ वैसा ही हुआ...
यश सीधा सीना के रुम में गया जहां शीना ऑलरेडी एक हॉट नाइटी पहने उसका इंतजार कर रही थी
यश के चेहरे पर फ्रस्ट्रेशन साफ साफ झलक रही थी शीना बड़ी अदा के साथ अपना shrug उतार कर साइड में फेंकते हुए यश का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर बैठा लेती है और उसके सीने को हाथो से सहलाते हुए उसके शर्ट के बटन ओपन करने लगती है
यश की गहरी सांसे लेते हुए शीना को देख रहा था पर उसके दिमाग मै अब भी आरुषि घूम रही थी उसका बिहेवियर क्यों उसे इतना अजीब लग रहा था
उसे आरुषि की हर एक छोटी बड़ी बातों का पता था ये भी कि उसके पीरियड्स कब आते हैं !
तो फिर क्यों आरुषि उसके साथ ये सब कर रही थी कही उसे उस पर शक तो नहीं!
यश का दिमाग पूरी तरह से खराब हो चुका था और मूड भी
शीना ने धीरे से अपने होठों को उसके सीने पर रख दिया जिसके अहसास के साथ ही यश की आंखे बंद हो गई और वो आरुषि को भूलते शीना पर फोकस करने लगा
वही आरुषि अपने रूम में बैठ कर रो रही थी उसके हाथो मै यश की ओर उसकी एक तस्वीर थी जिसमें दोनों साथ मै काफी खुश नजर भी आ रहे थे
उसने यश से सच्चा प्यार किया था क्योंकि यश उसकी जिस तरह केयर करता था आज तक किसी ने नहीं की थी
Next morning
यश जल्दी ही शीना के रुम में से अपने कपड़े पहन कर आ जाता है और रूम मै आकर फ्रेश हो कर आरुषि के लिए कॉफी बनाने लगता है
दूसरी तरफ
मुंबई का बाहरी इलाका
एक हटा कटा मस्कुलर बॉडी वाला शक्श पुश अप कर रहा था वो भी एक हिल प्वाइंट पर
खुले आसमान के नीचे वो किसी शेर की तरह लग रहा था जैसे अभी किसी का शिकार कर लेगा
ये है मल्हार राव जिसे इस इलाके का बच्चा बच्चा जानता है
जनाब की बॉडी किसी पहलवान से कम नहीं है इनकी खुद की छोटी सी कंपनी है जिसको आश्मान की ऊंचाइयों तक ले जाना इनकी जिंदगी का आखिरी मकसद है
मल्हार खड़ा होता है और साइड रखी बॉटल से पानी पीते हुए सूर्योदय को देखता है और फिर दंडवत प्रणाम करते हुए अपना शर्ट उठाता है और वहां से चल पड़ता है
हाथो मै लाल रंग का कलेवा उसके आध्यात्मिक होने की गवाही दे रहा था
गले मै पड़ी रुद्राक्ष की माला उसके चलने से हल्की बज रही थी
उसकी बिल्कुल सूरज की तरह दहकती लाइट golden आंखे चमक रही थी
आंखो मै कोई भाव नजर नहीं आ रहे थे उसने शर्ट पहनी और हिल प्वाइंट के नीचे खड़ी अपनी बुलेट पर बैठते हुए एक स्पीड से उसे अपनी मंजिल की तरफ बढ़ा दिया
शर्ट के बटन ओपन होने के कारण उसकी 8 pack abbs वाली बॉडी झलक रही थी शर्ट बाइक तेज होने के कारण उड़ रही थी
next morning
मल्हार इस वक्त अपनी कार मै था उसका ब्ल्यूटूथ उसके कानों मै लगा था
उसने इस वक्त एक व्हाइट शर्ट ब्लैक पेंट और उपर एक ब्लैक कोट डाल रखा था
और बिना कोई शक वो बवाल लग रहा था
उसके हाथो मै कलेवा के साथ अब वॉच भी थी
रुद्राक्ष की माला अब शर्ट के नीचे कही छुपी ही थी
उसने ब्लू टूथ पर किसी से बात करते हुए कहा
" जयसिंह आज ही आएगा सो उसके लिए अलग से केबिन रेडी करवाओ रक्षत.."
सामने से रक्षत यानि की मल्हार के PA ने कहा
" Yes sir जयसिंह Sir के लिए आपके बगल वाला केबिन हम रेडी करवा रहे हैं "
मल्हार ने अपनी गहरी आवाज में कहा
" Good.. और आज की डील हमे किसी भी हाल में फाइनल करनी है ये हमारे लिए काफी फायदेमंद हो सकती है "
रक्षत ने हल्की मुस्कान के साथ कहा
" सर इतनी मेहनत कर रहे हैं हम सब हमारे महादेव भी हमारे साथ हैं.. तो जरूर एक दिन हमारी कंपनी भी ऊंचाइयां छुएगी "
मल्हार के dark brown होठों पर हल्की स्माइल आ गई
जो काफी कम ही देखने को मिलती है
और जब स्माइल करता है तो कईयों का दिल लूट लेता है
उसकी light golden आंखो मै एक चमक थी
उसने कॉल कट कर दिया और कुछ ही देर मै उसकी कार उसकी कंपनी के आगे थी
" Kelvish "
ये कंपनी का नाम था जिसे मल्हार एक लग्जरी ब्रैंड बनाना चाहता है
कल्याण राव उसके पापा थे और विशाखा उसकी मां "
और उन दोनों के नाम पर मल्हार ने अपनी कंपनी का नाम रखा था...
वो भोलेनाथ को याद करते हुए कंपनी मै एंटर करता है
कुछ वर्कर्स अपना काम कर रहे थे
सब ने उसे देख कर ग्रीट किया
बदले में मल्हार ने भी हल्का सर हिलाते हुए सबका जवाब दिया
.......
दूसरी तरफ आरुषि अब तक break fast कर चुकी थी उसने इस वक्त एक ब्लैक कलर की जॉर्जेट साड़ी पहनी थी जिसमें क्या हुस्न ए मलिका लग रही थी वो
यश की नजरे बार बार उसकी कमर की तरफ जा रही थी जो उसकी साड़ी से झांक रही थी
और आरुषि भी पूरी कोशिश कर रही थी यश को अनकंफरटेबल करने की..
यश कभी भी आरुषि के बिज़नेस में दखल अंदाजी नहीं करता था क्योंकि उसे पता था आरुषि एक बहुत अच्छी बिज़नेस वूमेन है और वो ग्रो करेगी मतलब उसका फायदा
क्योंकि उसे मार कर वो सब कुछ उसी का तो होने वाला है
आरुषि ने उठ कर अपना पर्स अपने हाथ में लेते हुए कहा
" हनी मै एक इंपॉर्टेंट मीटिंग के लिए जा रही हूं I hope you don't mind मै शाम तक वापस आ जाऊंगी तब तक तुम अपनी दोस्त की कंपनी एंजॉय करना ओके "
यश ने मुस्कुराते हुए कहा
" तुम कहो तो तुम्हे ड्रॉप कर दूं baby "
आरुषि ने मुस्कुरा कर कहा
" नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं है मै खुद ड्राइव करके जाना चाहती हु "
इतना बोल कर आरुषि बाहर की तरफ बढ़ गई और शीना के होठों पर कुटिल मुस्कान खिल गई
आरुषि ने अपने PA को कॉल किया
" हादी मै अगले आधे घंटे मै kelvish के सामने तुम्हे मिलूंगी "
हादी ने हैरानी से कहा
" पर मेम आप तो नहीं आने वाली थी"
आरुषि ने हल्के गुस्से में कहा " जितना कह रही हु वो ध्यान से सुनो and thats final"
हादी ने डरते हुए कहा
" या...yes mam i am ready"
कुछ देर बाद आरुषि की कार kelvish बिल्डिंग के सामने खड़ी थी
उसने एक गहरी सांस लेते हुए कार का डोर ओपन किया और बाहर निकल कर अपनी नीली आंखों से उपर से नीचे तक उस बिल्डिंग को देखने लगी
ये एक तीन मंजिला बिल्डिंग थी ना ज्यादा छोटी ना ज्यादा बड़ी पर खुशबसूरत बहुत ज्यादा थी
हादी लगभग हांफते हुए आया और आरुषि के सामने आकर उसे ग्रीट करते हुए बोला
" I am sorry mam थोड़ा लेट हो गया "
आरुषि ने एक eye ब्रो चढ़ाते हुए कहा
" थोड़ा??? तुम पूरे 5 मिनिट लेट हो तुम्हारी इस महीने की सेलरी का 5 % कट हो चुका है "
हादी ने रोनी शक्ल बना ली
हादी दिखने मै हैंडसम था आंखो पर चढ़े ग्लासेज उसे क्यूट लुक देते हैं
काली आंखे पर बड़ी पलके हैं जो boys में काफी कम देखने को मिलती हैं "
वो दोनो तेज कदमों से अंदर की तरफ बढ़ गए
दरवाजे पर दो बॉडी गार्ड खड़े थे जिन्होंने आरुषि के इस dark ओरे को देख कर ही सर झुका कर उसे good morning wish किया और आरुषि ने भी मुस्कुराते हुए हा मै सर हिला दिया......
वही मल्हार अपने मीटिंग रूम मै था और कुछ फाइल्स चेक कर रहा था ताकि कोई कमी ना रह जाए
रक्षत तेज कदमों से मीटिंग रूम मै एंटर होते हुए बोला
" सर पहले तो उस कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ही आ रहे थे बट अभी अभी इनफॉर्म हुआ है कंपनी की CEO खुद आ रही हैं "
मल्हार ने हा मै सर हिलाते हुए कहा
" हमे घबराने की कोई जरूरत नहीं है अगर वाइस प्रेसिडेंट आते तब भी हम 100% देते और अगर ceo mam आ रही हैं तब भी"
आरुषि जैसे जैसे ऑफिस मै walk कर रही थी लड़के छोड़ो लड़कियों के सीने मै दिल उछल रहा था...
वो एकदम परफेक्ट फिगर मेंटेन रखने वाली lady ceo हैं जिसके चर्चे हर जगह फैले हैं
एक लड़की आगे आते हुए आरुषि को ग्रीट करते हुए बोलती है
" चलिए मैडम आपको मीटिंग रूम दिखा देते हैं"
उस लड़की के साथ लिफ्ट के जरिए
आरुषि 2nd फ्लोर पर जाती है और उसके साथ ही हादी भी
वो लड़की उन्हें मीटिंग रूम के सामने छोड़ कर वापस चली जाती है
और आरुषि कतई जहर वाली स्माइल के साथ मीटिंग रूम मै एंटर करती है
मल्हार जैसे ही हिल्स की टक टक की आवाज सुनता है उठ कर सामने आता है और हाथ आगे बढ़ाते हुए बोलता है
" Welcome to kelvish mam......"
पर सामने आरुषि का चेहरा देख कर उसके बाकी के शब्द अटक जाते हैं और उसकी आंखो मै हैरानी ओर कन्फ्यूजन आ जाता है
आरुषि एक नजर मल्हार के बढे हुए हाथ को देखती है और फिर एक तिरछी स्माइल के साथ मल्हार से हाथ मिलाते हुए
अपनी एक eye wink कर के बोलती है 😉😉😉
" हेलो मिस्टर राव... Nice to meet you.. oh my mistake.. again meet you "
हादी और रक्षत हैरानी से एक साथ बोलते हैं
" Again meet????"
आरुषि की आवाज सुन कर मल्हार ने अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाते हुए कहा
" ओह yeah i remember you mam "
आरुषि स्माइल के साथ वहां रखी चेयर पर बैठ गई और मल्हार ने प्रोजेक्टर चलाते हुए अपने प्रोडक्ट्स की डिजाइन वगैरा दिखानी शुरू कर दी
पर आरुषि उसके प्रजेंटेशन को कम और उसे ज्यादा घूर रही थी..
जो मल्हार को इरिटेट कर रहा था
पर वो इतनी बड़ी डील नहीं खोना चाहता था इसलिए उसने उसकी नजरो को नजरअंदाज करते हुए अपने प्रेजेंटेशन पर ज्यादा फोकस किया
कुछ देर बाद प्रोजेक्टर की लाइट बंद हो गई और मल्हार ने आरुषि को देखते हुए कहा
" That's it mam.. hope you like it "
" I just love it..."
आरुषि ने मल्हार की light golden hooded eyes मै देखते हुए कहा
और हादी और रक्षत ने फिर से एक दूसरे की तरफ देखा ये क्या चल रहा था हादी को बिलीव नहीं हो रहा था
कल ही उसकी boss ने शादी की है और आज एक बैचलर से फ्लर्ट कर रही है
कतई बेशर्म ceo है आरुषि !
मल्हार ने अपनी फाइल आरुषि के सामने कर दी आरुषि ने बिना फाइल पढ़े हर पन्ने पर साइन करते हुए वो फाइल को हादी को पकड़ाते हुए कहा
" मिस्टर मल्हार राव.. मुझे एक इंटरनेशनल प्रेजेंटेशन देनी है जिसके लिए मुझे एक अच्छा प्रेजेंटर चाहिए था आपको देख कर लग रहा है मेरी तालाश खत्म हो गई है तो क्या आप मेरा ये ऑफर स्वीकार करेंगे "
मल्हार को यकीन नहीं हुआ क्या वो अपनी स्किल्स इंटरनेशनल लेवल पर इतनी जल्दी दिखा सकता है
पर कहते हैं ना ऑपर्च्युनिटी सामने से आ रही हो तो उसे ठुकराना एक बेवकूफी होती है...
उसने हल्के से हा मै सर हिलाते हुए कहा
" For sure mam thank you for this opportunity"
आरुषि के होठों पर मुस्कान खिल गई और उसने उठते हुए कहा
" आज ही हम प्राइवेट क्रूस के ज़रिए इंडिया से बाहर जाने वाले हैं कहा जायेंगे ये सब बाद में बताऊंगी शाम 5 बजे रेडी रहना "
मल्हार ने हा मै सर हिलाया और आरुषि हादी के साथ kelvish से बाहर निकल गई
रक्षत ने उसके जाते ही कहा
" Sir इतनी जल्दी इंटरनेशनल ट्रिप "
मल्हार ने अपनी पेंट की पॉकेट मै हाथ डालते हुए कहा
" Ceo Mam को आग के साथ खेलना है well मजा आएगा "
मल्हार ने जो बोला सब रक्षत के सर के ऊपर से 100 की स्पीड से निकल गया ...
वही आरुषि कार मै बैठी थी और अपने लैपटॉप पर तेजी से उंगलियां चला रही थी...
क्योंकि ये international मीटिंग उसने खुद अरेंज की है..
ना कि सामने से कोई ऑफर आया था...
Evening 5 pm...
मल्हार और आरुषि इस वक्त एक लक्जरी क्रूस पर थे..
और दोनों शैंपियन एंजॉय कर रहे थे
आरुषि ने इस वक्त एक व्हाइट ड्रेस पहन रखी थी जो off शोल्डर थी और बिना कोई शक वो बहुत hot लग रही थी
अचानक ही वहां की सर्वर ने वो शैंपियन का ग्लास मल्हार की शर्ट पर गिरा दिया
जिससे मल्हार ने गुस्से से उस लड़की को घूरा..
और फिर उठते हुए वहां से बाहर की तरफ चला गया
बाहर से शांत समुद्र काफी खूबसूरत लग रहा था
समुद्र मै मल्हार को किसी का चेहरा नजर आ रहा था हंसता हुआ चेहरा ये कोई 18 या 19 साल की लड़की का चेहरा था जो काफी प्यारा था..
मल्हार बस खड़े खड़े उसी के बारे मै सोच रहा था
की अचानक किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और मल्हार ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां भींच ली...
क्योंकि मल्हार को पसंद नहीं कोई उसे छुए...
वो इस वक्त शर्ट लेस था क्योंकि उसकी शर्ट पर वाइन गिर चुकी थी...
मल्हार ने बिना मुड़े कहा
" याद रखना तुम शादी शुदा हो !"
आरुषि को हंसी आ गई और उसने उसके साइड मै खड़े होते हुए उसके चेहरे को देख कर कहा
" इतनी जल्दी इज्जत भूल गए राव साहब "
मल्हार ने उसे गुस्से से घूरते हुए कहा
" हा क्योंकि वो मेरा work place था जिसकी में सबसे ज्यादा इज्जत करता हु पर तुम इज्जत के लायक नहीं हो "
आरुषि ने उसके खुले सीने पर हाथ रखते हुए कहा
" और वो क्यों?"
मल्हार ने उसका हाथ एक झटके से पकड़ते हुए उसकी पीठ से लगा दिया और उसकी आंखो मै देखते हुए बोला
" क्योंकि तुमने मेरे मां बाबा पर कीचड़ उछाला था समझी.. जो मुझे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है "
आरुषि के हाथ मै तेज दर्द हो रहा था पर उसने एक उफ्फ तक नहीं की थी वो वैसे ही उसकी आंखों मै देखते हुए बोली
" तुमने सही कहा था मेरा पति मेरे प्यार के लायक नहीं है इसीलिए मैं मुड़ कर तुम्हारे पास वापस आई हूं मल्हार "
मल्हार ने तिरछी स्माइल के साथ कहा
" मल्हार राव हु मै कोई खिलौना नहीं जिसे जब मन किया ठुकरा दिया और जब मन किया अपना लिया "
इसके साथ ही उसकी पकड़ आरुषि की कलाई पर और ज्यादा कस गई थी और एकदम से ही आरुषि की हल्की सी चीख निकल गई
" Aah...!!"
और अगले ही पल मल्हार ने उसकी कलाई छोड़ते हुए समुद्र की तरफ अपना चेहरा करते हुए कहा
" अभी जो लड़की सर्वेंट बन कर आई थी मुझे उसमें कुछ गड़बड़ लग रही है "
" संभल कर तुम्हारे पति की नजरे हमेशा तुम्हारे ऊपर ही है.. जान कर खुशी हुई तुम्हे उसका असली चेहरा नजर आ गया पर मैं तुम्हें अपना लूंगा ये तुम्हारा सबसे बड़ा वहम है आरुषि आनंद!
अब हमारा सिर्फ बिज़नेस वर्ल्ड मै एक रिश्ता है बाकि कुछ नहीं "
इतना बोल कर मल्हार अपनी शर्ट अपने कंधे पर डालते हुए वहा से चला गया
और आरुषि की आंखो मै हल्की नमी तैर गई उसने अपनी कलाई को आगे करते हुए देखा
जिस पर मल्हार की उंगलियां अपनी छाप छोड़ चुकी थी
थाईलैंड शाम 4 बजे
मल्हार ओर आरुषि थाईलैंड पहुंच चुके थे मल्हार बिना कुछ कहे बस आरुषि के ऑर्डर्स फॉलो कर रहा था
आरुषि भी खुश थी कम से कम मल्हार उसके साथ यहां आने के लिए रेडी तो हो गया है
कुछ देर बाद वो एक होटल मै पहुंच चुके थे जो दिखने मै बेहद लक्जरियस दिख रहा था
मल्हार को पता नहीं था आरुषि ने उन के लिए रूम की जगह अपार्टमंट बोल कर रखा था
मल्हार ओर आरुषि लिफ्ट के जरिए 5th फ्लोर पर पहुंचे और वहां पहुंचते ही मल्हार ने कहा
" हम इस home sell बिल्डिंग मै क्या कर रहे हैं आरुषि "
आरुषि ने अपना बैग साइड मै रखते हुए पर्स से चाबियां निकाली और एक अपार्टमेंट का रूम अनलॉक करते हुए बोली
" घर बसाने से पहले उसका होना जरूरी होता है ना "
मल्हार ने आंखे छोटी करते हुए कहा
" तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है मै यहां तुम्हारे साथ रहूंगा "
आरुषि ने दरवाजा खोला और मल्हार की तरफ देख कर eye wink करते हुए बोली
" कोई शक पंडित जी don't worry आपका धर्म भ्रष्ट नहीं कर रही मै "
मल्हार ने दांत किट कीटा ते हुए कहा " youuu!! मेरी जात पर जाने की जरूरत नहीं है "
आरुषि ने घर के अंदर इंटर करते हुए कहा " मै कहा जा रही, मेरा दिल चाह रहा है वो सरनेम मेरे नाम पर काफी जचता है "
मल्हार ने पैर पटकते हुए अंदर इंटर करके कहा " बेशर्म औरत! कल तेरी शादी हुई थी "
आरुषि ने पूरे घर पर नजरे घूमाते हुए कहा " oh yeah मै तो भूल ही गई थी तो सेलिब्रेट करना शुरू कर देना चाहिए ना honeymoon "
मल्हार अब आरुषि से तंग आ चुका था उस ने झटके से अपने हाथ मै पकड़ा सूट कैस पटक ते हुए कहा " मै तुम्हारा पति नहीं हु समझी वो कोई और है उसको लेके आना चाहिए था तुम्हे "
आरुषि ने अपने कदम मल्हार की तरफ बढ़ाए और उसके करीब जाकर उसके गले में अपनी बाहे डालते हुए बोली " क्या फर्क पड़ता है " honeymoon is still honeymoon "
मल्हार की आंखे फैल चुकी थी उसने झटके से उसके हाथ अपने गले से हटा कर कहा
" मै तुम्हारी इस बेशर्मी मै तुम्हारा साथ नहीं देने वाला समझी "
इतना बोल कर उसने पूरे घर मै नजरे घूमा कर कहा
" सिर्फ एक bedroom है? "
आरुषि ने स्माइल करते हुए कहा " yes यही मेरी स्पेशल डिमांड थी और देखो पूरी हो गई "
अब तो मल्हार को शक हो रहा था क्या सच मै यहां कोई बिजनेस मीटिंग होगी या आरुषि उसे यहां ऐसे ही लेकर आ गई है
आरुषि ने अपना सूट कैस उठाया और रूम के अंदर चली गई और मल्हार ने अपना सूट कैस वही हॉल के एक कोने मै रख दिया
आरुषि कुछ देर बाद बाहर आई उसने इस वक्त शॉर्ट्स पहने थे और अपने बालों का जुड़ा बनाते हुए बाहर आ रही थी
मल्हार सर पकड़े सोफे पर बैठा था, जिसे देख कर आरुषि ने हंसते हुए कहा
" सर पकड़ कर तुम मेरी जैसी सरदर्द से पीछा नहीं छुड़ा सकते नहा लो फ्रेश दिमाग से सोचो दिमाग ज्यादा चलेगा क्या पता मिल जाए सॉल्यूशन, इतने मै मैं कुछ ऑर्डर करती हु खाने के लिए"
मल्हार ने जाड़ भींचते हुए कहा
" भगवान ने दो हाथ दिए है सही सलामत इन्हें काम मै लो "
और फिर उस सूट केस। से कुछ कपड़े निकालते हुए रूम के अंदर चला गया
आरुषि ने कुछ याद करते हुए खुद से कहा
" हा ये तो मैने बहुत बार सुना है आदमियों के दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है, पर मुझे डर ये है मेरे हाथ का खाना खा कर कही वो रास्ता पूरी तरह ब्लॉक ही ना हो जाए "
इतना सोच कर आरुषि एक गहरी सांस लेती है और किचन की तरफ चली जाती है
जहां सब कुछ अरेंज था पहले से क्योंकि ये अपार्टमेंट आरुषि सुबह बुक कर चुकी थी
उसने ज्यादा कुछ न बनाते हुए नॉर्मल सब्जी और रोटी बनाने का डिसाइड किया और जल्दी से कुकर मै आलू उबालने को चढ़ा दिए और आटा गूथने लगी
वही मल्हार अब नहा रही लिया था उस ने इस वक्त एक व्हाइट टी शर्ट और ब्लैक टाउजर पहना था
वो टीशर्ट सीने पर बिल्कुल कसी हुई थी जिससे उसकी मस्क्यूलर बॉडी उसे एक हॉट लुक दे रही थी
मल्हार ने शीशे मै देखते हुए बालों को झटका और अपनी रुद्राक्ष की माला को टीशर्ट के बाहर निकाला और फिर रूम से बाहर निकल गया
उसके दिमाग मै कुछ तो खिचड़ी पक रही थी जो obviously आरुषि के बिछाए इस चंगुल से बचने के लिए थी
पर वो क्या करे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था
अचानक उसे ख्याल आया उसका एक दोस्त थाईलैंड मै रहता है उसने जल्दी से फोन निकालते हुए एक मैसेज ड्रॉप किया और फिर खुद से बोला
" अब मैं भी देखता हु आरुषि आनंद तुम कैसे मुझ पर डोरे डालती हो? Huu बेशर्म औरत "
अचानक ही उसे आरुषि के चीखने की आवाज आती है और वो दौड़ते हुए किचन मै जाता है जहां कुकर का ढक्कन आरुषि ने एकदम से खोल दिया था जिस वजह से गर्म पानी उछल कर उसकी कलाई पर गिर गया था
मल्हार उसके करीब गया और उसे खिंचते हुए किचन से बाहर निकाल लिया और फिर सोफे पर बैठा दिया
आरुषि को बेतहाशा दर्द हो रहा था उसकी आंखो मै आंसु भर आए थे
उसने रोते हुए कहा
" मल्हार... ये बहुत जल रहा है "
मल्हार एंटीसेप्टिक क्रीम निकालते हुए उसके सामने रखी टेबल पर बैठ जाता है और फिर उसके हाथ पर क्रीम अप्लाई करते हुए बोलता है
" अब गर्म पानी गिरा है तो जलेगा तो सही, बच्चों की तरह रोने की जरूरत नहीं है, ओर जब नहीं चलाना आता है कुकर तो क्यों कर रही थी ये सब "
आरुषि ने सिसकते हुए कहा
" तुम्हारे लिए "
और अचानक ही मल्हार के हाथ रुक गए और उसने अपनी dark blue ocean आंखें उठाते हुए आरुषि की आंखो मै देखा जिनमें बहुत सारे इमोशंस एक साथ नजर आ रहे थे
आरुषि ने बच्चों की तरह रोते हुए आगे कहा
" वो वो maine सुना है लड़कों को खाना बना के दो तो उनके दिल मै फीलिंग्स आ जाती हैं पर पर मुझे नहीं आता बनाना "
इतना बोल कर वो बुरी तरह रोने लगी
मल्हार से उसकी ये नौटंकी बर्दास्त नहीं हो रही थी उसने उसके आंसु पोंछे और उसे साइड हग करते हुए बोला
" ठीक है ठीक है समझ गया अब किचन मै जाने की कोई जरूरत नहीं है मै खुद बना लूंगा और तुम कोई और तरकीब ढूंढो ठीक है "
इतना बोल कर वो उठा ओर किचेन की तरफ जाने लगा तो आरुषि ने जल्दी से कहा
" मतलब तुम खुद चाहते हो मै तुम्हे पटा लू, तुम आरुषि आनंद से पटने के लिए तैयार हो "
मल्हार ने अफसोस से ऊपर देखते हुए कहा
" क्या आफत है ये ? "
फिर उसने मुड़ते हुए कहा
"नहीं देवि जी मेरा ये मतलब नहीं था"
ओर अब मैं तुम से बहस बाजी बिल्कुल नहीं करना चाहता समझी तो और कोई बकवास नहीं
इतना बोल कर मल्हार किचन के अंदर गया और वो पानी वगैरा साफ करते खुद ही खाना बनाने लगा
क्योंकि उसे इन सब की आदत थी वो शुरू से ही अपने मा बाबा का ख्याल रखता था और अब जब उनका देहांत हो गया था तब तो उसे अकेले ही सब हैंडल करना पड़ता है
कुछ देर बाद मल्हार ने वो खाना टेबल पर सजा दिया और आरुषि होठों पर जीभ फेरते हुए उसके सामने बैठ कर बोली
" Wow mister handsome... खाना दिखने मै तो लाजवाब दिख रहा है "
और फिर बिना मल्हार का इंतजार किए खाना खाने लगी
मल्हार उसे अजीब नजरों से देख रहा था
अब भाई लड़की है ही इतनी अजीब तो उसे अजीब नजरों से देखना तो बनता है
कुछ देर बाद उन्होंने जैसे ही खाना खा लिया मल्हार ने बर्तन समेट लिए और अचानक ही उनके डोर पर नोक हुआ
मल्हार ने दरवाजा खोला तो सामने काफी रिवीलिंग कपड़ों मै एक लड़की खड़ी थी और मल्हार को देखते हुए उसने एक eye wink की और अचानक ही उसके गले लगते हुए बोली
" Oh my darling i miss you so much "
To be continued thank you so much for reading this 💭🤍
मुझे आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा 🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋
और आरुषि के कान एकदम से खड़े हो गए
मल्हार को उसके अलावा कौन छेड़ रहा है..
उस लड़की ने मल्हार के कान मै धीरे से कुछ कहा और मल्हार ने हल्की सी स्माइल के साथ उसे खुद से अलग करके अंदर लाते हुए कहा
" हा मैने भी तुम्हे बहुत मिस किया फिजा "
और फिर आरुषि की तरफ देखते हुए बोला
" आरुषि ये फिजा है मेरी मंगेतर "
आरुषि मल्हार के बात सुन कर एकदम हैरान हो चुकी थी और वह बड़ी-बड़ी आंखों के ऊपर से नीचे तक फिजा को घूर रही थी मल्हार ऐसी लड़की तो कभी पसंद नहीं कर सकता उसका मन यह मानने को बिल्कुल रेडी नहीं था की मल्हार की मंगेतर कभी ऐसी भी हो सकती है
आरुषि ने बच्चों की तरह रोते हुए आगे कहा
" वो वो maine सुना है लड़कों को खाना बना के दो तो उनके दिल मै फीलिंग्स आ जाती हैं पर पर मुझे नहीं आता बनाना "
इतना बोल कर वो बुरी तरह रोने लगी
मल्हार से उसकी ये नौटंकी बर्दास्त नहीं हो रही थी उसने उसके आंसु पोंछे और उसे साइड हग करते हुए बोला
" ठीक है ठीक है समझ गया अब किचन मै जाने की कोई जरूरत नहीं है मै खुद बना लूंगा और तुम कोई और तरकीब ढूंढो ठीक है "
इतना बोल कर वो उठा ओर किचेन की तरफ जाने लगा तो आरुषि ने जल्दी से कहा
" मतलब तुम खुद चाहते हो मै तुम्हे पटा लू, तुम आरुषि आनंद से पटने के लिए तैयार हो "
मल्हार ने अफसोस से ऊपर देखते हुए कहा
" क्या आफत है ये ? "
फिर उसने मुड़ते हुए कहा
"नहीं देवि जी मेरा ये मतलब नहीं था"
ओर अब मैं तुम से बहस बाजी बिल्कुल नहीं करना चाहता समझी तो और कोई बकवास नहीं
इतना बोल कर मल्हार किचन के अंदर गया और वो पानी वगैरा साफ करते खुद ही खाना बनाने लगा
क्योंकि उसे इन सब की आदत थी वो शुरू से ही अपने मा बाबा का ख्याल रखता था और अब जब उनका देहांत हो गया था तब तो उसे अकेले ही सब हैंडल करना पड़ता है
कुछ देर बाद मल्हार ने वो खाना टेबल पर सजा दिया और आरुषि होठों पर जीभ फेरते हुए उसके सामने बैठ कर बोली
" Wow mister handsome... खाना दिखने मै तो लाजवाब दिख रहा है "
और फिर बिना मल्हार का इंतजार किए खाना खाने लगी
मल्हार उसे अजीब नजरों से देख रहा था
अब भाई लड़की है ही इतनी अजीब तो उसे अजीब नजरों से देखना तो बनता है
कुछ देर बाद उन्होंने जैसे ही खाना खा लिया मल्हार ने बर्तन समेट लिए और अचानक ही उनके डोर पर नोक हुआ
मल्हार ने दरवाजा खोला तो सामने काफी रिवीलिंग कपड़ों मै एक लड़की खड़ी थी और मल्हार को देखते हुए उसने एक eye wink की और अचानक ही उसके गले लगते हुए बोली
" Oh my darling i miss you so much "
और आरुषि के कान एकदम से खड़े हो गए
मल्हार को उसके अलावा कौन छेड़ रहा है..
उस लड़की ने मल्हार के कान मै धीरे से कुछ कहा और मल्हार ने हल्की सी स्माइल के साथ उसे खुद से अलग करके अंदर लाते हुए कहा
" हा मैने भी तुम्हे बहुत मिस किया फिजा "
और फिर आरुषि की तरफ देखते हुए बोला
" आरुषि ये फिजा है मेरी मंगेतर "
आरुषि मल्हार के बात सुन कर एकदम हैरान हो चुकी थी और वह बड़ी-बड़ी आंखों के ऊपर से नीचे तक फिजा को घूर रही थी मल्हार ऐसी लड़की तो कभी पसंद नहीं कर सकता उसका मन यह मानने को बिल्कुल रेडी नहीं था की मल्हार की मंगेतर कभी ऐसी भी हो सकती है
मल्हार ने फिजा को हाथ पकड़ कर हॉल मै रखे सोफे पर बैठाया और फिर आरुषि की तरफ इशारा करते हुए कहा
" एंड फिजा ये मेरी बिज़नेस पार्टनर हैं आरुषि आनंद "
फिजा ने हल्की सी तिरछी मुस्कुराहट के साथ कहा
" Nice to meet you आरुषि आनंद "
आरुषि ने मल्हार को साइड करते हुए
उस लड़की के सामने रखी ग्लास टेबल पर बैठते हुए दोनों गालों पर हाथ रख कर फिजा को उपर से नीचे तक घूरते हुए कहा
" सीरियसली पंडित जी! ये है आपकी पसंद? आपकी मंगेतर ? "
फिजा को खुद के लिए इंसल्ट फील हो रहा था उसने हल्के गुस्से में कहा
" क्या मतलब है तुम्हारा, mind your language"
आरुषि ने पलके झपकाते हुए कहा
" I don't believe.. she is just acting.."
" पर बहन जी आरुषि के आनंद के सामने कोई एक्टिंग नहीं चल सकती तुम्हे अपनी एक्टिंग पर बहुत वर्क करने की जरूरत है बहुत ही बेहूदा एक्टिंग करती हो "
फिजा को आरुषि पर गुस्सा आ रहा था वो गुस्से मै उठते हुए बोली
" मैंने आज तक किसी की बेइज्जती नहीं सही है समझी तुम्हारी भी नहीं समझूंगी "
आरुषि ने जाड़ भींच ते हुए कहा
" Then get out form here "
मल्हार का मन कर रहा था किसी दीवार पर जाकर अपना सर पटक ले क्या आफत लड़की मिल गई उसे
इतने मै ही वहां एक चटाक की आवाज गूंज गई
मल्हार ने जैसे ही देखा तो आरुषि का चेहरा एक तरफ झुका हुआ था
आरुषि की मुट्ठियां गुस्से मै कसी हुई थी.. पर वो फिजा को सामने से कुछ नहीं बोल रही थी
वही फिजा ने चिल्लाते हुए कहा
" How dare you to behave like this to me , bloody bi*ch"
मल्हार ने गुस्से मै उस टेबल पर लात मारते हुए जाड़ भींच कर कहा
" पहले अपना बिहेवियर देखो अंग्रेजी मैडम 😡🤬 "
फिजा ने हैरानी से मल्हार को देखा पहले तो उसी ने उसे पैसे देकर बुलाया था और अब उसके साथ ऐसी बाते कर रहा है
वही आरुषि के चेहरे पर एक smirk आ चुकी थी और उसने चेहरा उठा कर फिजा की तरफ देखा और फिर एक eye wink 😉 करके बोली
" You are in a trouble baby "
इतना बोलने के साथ एक और चटाक की आवाज आई और इस बार फिजा जमीन पर पड़ी थी उसके मुंह से खून निकलने लगा था...
To be continued thank you so much for reading this novel
मुझे आपकी समीक्षा का इंतजार रहेगा 🦋 🦋 🦋 🦋
आरुषि ने उसके बाल पकड़ उसे फर्श से उठा कर उसका मुंह अपने हाथ से भींचते हुए बोली
" Sorry.. you think.. तुमने मेरी वजह से मुझे थप्पड़ मारा नहीं baby doll I am provoking you to a attention from my man "
फिजा की दर्द के मारे आह निकल रही थी
आरुषि ने एक बार फिर पंच बनाया और जैसे ही मारने लगी मल्हार ने उसे कमर से पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया और मल्हार का touch फील होते ही आरुषि की पूरी बॉडी के तार झनझना चुके थे
और उसकी पकड़ फिजा से ढीली हो गई जिसके साथ ही फिजा उसकी पकड़ से निकल कर गहरी गहरी सांस लेने लगी मल्हार ने चीखते हुए कहा " get out from here "
फिजा ने गुस्से से मुट्ठियां भींचते हुए एक नजर आरुषि को देखा
पर अब गुस्से से ज्यादा उसकी आंखों में आरुषि का खौफ दिखाई दे रहा था
इसलिए वह पर पटकते हुए वहां से निकल गई
वहीं आरुषि जो फ्रिज हो चुकी थी मल्हार के छूने भर से उसने हल्की सी स्माइल के साथ कहा
" क्या तुम हमेशा मुझे ऐसे ही हैंडल करोगे मल्हार राव अगर ऐसा है तो मैं रोज पंगे लेने के लिए तैयार हूं "
मल्हार ने झटके से उसकी कमर छोड़ दी और गुस्से से उसका चेहरा अपने एक हाथ से पकड़ते हुए कहा
" मै लड़कियों पर हाथ नहीं उठाता समझी ! अपनी इमेज की फिक्र तुम्हे ना होगी पर मुझे है "
अगली बार ऐसी बेहूदा हरकत को तो भूल जाऊंगा कि मैं लड़कियों पर हाथ नहीं उठाता समझी ....
मल्हार ने इतना बोल कर झटके से उसका चेहरा छोड़ दिया और आरुषि एक तिरछी स्माइल के साथ अपने दोनो हाथ फोल्ड करते हुए बोली
" You know what... I think i enjoy your every punishment "
मल्हार का दिमाग बिल्कुल सुन्न पड़ चुका था ये लड़की!!!!!!!
मल्हार ने उसके फोर हेड पर एक उंगली रखते हुए कहा
" क्या भेजा उड़ चुका है यहां से? या डिफॉल्ट फीचर आ गए हैं "
आरुषि ने वैसे ही उसकी deep blue ocean eyes मै सारगोशी से देखते हुए कहा
" शायद पूरी तरह से हैंग हो गया है, it's a big blast when ever i see you "
दूसरी तरफ इंडिया
मुम्बई
यश राज का विला
यस अपना सर पकड़े अपने स्टडी रूम मै बैठा था क्योंकि उसकी छोटी सी कंपनी के जो गिने चुने डीलर्स बचे थे वो सब भी भाग चुके थे उसकी कम्पनी के शेयर्स लोवेस्ट हो चुके थे उसे समझ नहीं आ रहा था सब उसकी सोच के उल्ट कैसे हो रहा है
उसने इतनी जानीमानी बिजनेस वुमन से शादी की है इंडस्ट्री मै उसे इंपॉर्टेंस मिलने की बजाय धक्के क्यों मिल रहे हैं
और जबसे शादी हुई है सब ने उससे रुख मोड़ लिया है उसका दिमाग काम करना बंद कर चुका था
अचानक ही उसके सामने किसी का हाथ आया जिसमें एक विस्की से भरा ग्लास था
यश ने मुड़ कर देखा तो ये ओर कोई नहीं बल्कि शिला था
यश ने वो ग्लास लेते हुए शीला को अपनी लेप पर बैठा लिया
और फिर आरुषि को कॉल किया जो मल्हार के साथ अब खाना खा रही थी
उसके फोन पर जैसे ही रिंग बजी मल्हार का ध्यान भी उस तरफ चला गया
आरुषि ने कॉल पिक अप करते ही फोन स्पीकर पर रख दिया
सामने से यश ने मुस्कुराते हुए कहा हेलो स्वीटहार्ट हाउ आर यू कैसी जा रही है तुम्हारी ट्रिप
आरुषि ने अपने मुंह में रखा बाइट खत्म करते हुए कहा
" बहुत अच्छी जा रही है मेरी ट्रिप तुम बताओ तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है "
इतना बोलने के साथ ही आरुषि के चेहरे पर एक smirk आ चुकी थी
जिसे देख कर मल्हार की आंखें बड़ी हो गई थी वह किस बात पर इस तरह हंस रही थी यह तो उसे नहीं पता था पर यश के साथ जरूर कुछ बुरा हुआ होगा इसका अंदाजा वह बहुत अच्छे से लगा सकता था
यश ने थोड़ी रुआंसी आवाज में कहा
" पता नहीं क्या हो गया है मार्केट में मेरी स्टॉक बिल्कुल गिर चुकी है और तो और लोगों ने अप्रोच करना बंद कर दिया है मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं , बट आई एम sure तुम मेरी हेल्प जरूर करोगी तुम इतना प्यार जो करती हो मुझसे है ना स्वीटहार्ट "
आरुषि के चेहरे की स्माइल और ज्यादा बड़ी हो गई और उसने एक और वबाइट खाते हुए हा
" हां क्यों नहीं अंधा प्यार जो करती हूं मैं तुमसे.... पर बिजनेस के मामले में मैं बहुत पक्की हूं इसलिए इस चीज में मैं तुम्हारी हेल्प नहीं कर सकती बाकी अगर तुम्हें कोई भी हेल्प चाहिए आई एम ऑलवेज रेडी "
यस जो बिल्कुल बेफिक्र था आरुषि की यह बात सुन कर उसके हाथ में रखा ड्रिंक का ग्लास छूट कर नीचे गिर गया उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि आरुषि उसे ऐसा कोई जवाब देगी
उसके ग्लास छूटने की आवाज सुन कर आरुषि के दिल को ठंडक मिल रही थी इसी तरह तो उसे हैरान और परेशान करना चाहती है
वही मल्हार के गले में भी खाना अटक चुका था और उसे जोर-जोर से खांसी आने लगी थी
आरुषि ने उसकी तरफ पानी का गिलास बढ़ाते हुए कहा
" आराम से मिस्टर राव "
यश का कॉल ऑन होने के कारण उसकी भी यह सुनाई दिया था उसने जल्दी से कहा
" तुम किसी के साथ "
आरुषि ने फूल एटीट्यूड के साथ कहा
" हा ऑफ कोर्स मैं एक बिजनेस वूमेन हूं और मेरी रोज किसी न किसी के साथ मीटिंग होती है और यह तो मेरे आने वाले बिजनेस में मेरे 50% पार्टनर होने वाले हैं इसलिए इनके साथ रहना तो लाजमी है "
यश का मुंह खुला का खुला रह चुका था उसने तो सोचा था वह हर चीज में उसका 50% होगा प्लेन तो उसका हंड्रेड परसेंट बने का था पर वह तो आरुषि के मरने के बाद पर आरुषि जब तक जिंदा थी उसे लगा था 50% तो उसी का होगा पर आरुषि तो उसके मुंह पर ही उसे मना कर रही थी 50 छोड़ो वह उसकी 1% देने को रेडी नहीं है
और उसके दिल मै जलन भी हो रही थी आरुषि उसकी शादी के दूसरे ही दिन किसी गैर मर्द के साथ बैठकर खाना खा रही थी
उसकी चुप्पी देख कर आरुषि ने मन ही मन कहा ये तो बस शुरुआत है आगे देखो क्या क्या होता है
To be continued thank you so much for reading this novel
शाम का समय
आरुषि और मल्हार मीटिंग की लोकेशन के लिए निकल चुके थे मल्हार के मन में अब तसल्ली थी कम से कम आरुषि ने कोई मीटिंग अरेंज तो की है वरना उसे लग रहा था की ये लड़की सिर्फ फ्लर्ट करने के लिए उसे इंडिया से थाईलैंड लेकर आ गई है
कुछ ही वक्त बाद वह अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंच चुके थे यह एक कैफे था जो आज पर्सनली आरुषि ने बुक कर लिया था वहां कुछ बॉडीगार्ड खड़े थे जिन्होंने आरुषि को आते हुए देखकर ही झुक कर ग्रीट किया उन सब ने मल्हार को भी ग्रेट किया क्योंकि वह आरुषि के साथ था
कुछ ही देर बाद वह कैसे के हाल में पहुंच गए जहां सारा सेटअप किया गया था बड़े-बड़े बिजनेसमैन वहां बैठे थे आरुषि के आते ही उन्होंने भी खड़े होकर उसकी ग्रीट किया और कुछ ही देर बाद मीटिंग शुरू हो गई
सब अपने-अपने प्रोडक्ट की प्रेजेंटेशन दे रहे थे यह सब लोग गन बनाने में use होने वाले मैटेरियल को बेचते हैं वही मल्हार गन के डिजाइंस बनाता है मल्हार का भी नंबर आया और उसने भी पूरे दिल से अपनी प्रेजेंटेशन दी वहां पर कई लोगों को मल्हार की परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा पसंद आई
और उन सब ने मल्हार को अप्रिशिएसन देते हुए कहा
" यू आर फ्यूचर राइजिंग स्टार इन बिजनेस वर्ल्ड "
यह सब सुनना मल्हार के लिए किसी किसी सपने जैसा था वह बेहद खुश था यहां आकर
रात के करीब 7:00 बजे तक यह मीटिंग चली और उसके बाद मल्हार और आरुषि वापस अपने अपार्टमेंट के लिए निकल गए
कार में बैठते ही मल्हार ने आरुषि की तरफ देखते हुए कहा
" थैंक यू सो मच यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है वरना मैं कभी सपने में भी यहां आने की सोच नहीं सकता "
आरुषि ने स्टाइल से अपने बाल झटकते हुए कहा
" हां वह तो है और अगर तुम चाहते हो तुम्हारा लकी charm यानी कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूं तो तुम मुझे अपनी फ्यूचर पार्टनर के लिए अप्रोच कर सकते हो "
मल्हार ने आंखें छोटी करते हुए कहा
" बेफिजुल की बातें मत किया करो जिनका कोई मतलब नहीं निकलता है तुम ऑलरेडी शादीशुदा हो "
आरुषि ने एक टक मल्हार की आंखों में देखते हुए कहा
" और अगर मैं अपने पति को डाइवोर्स दे दूं तो क्या तुम मुझसे शादी करोगे "
मल्हार ने आंखें छोटी करते हुए कहा
" पर तुम मुझसे प्यार करती हो तुम उसे कैसे डाइवोर्स दे सकती हो तुम किस तरह की औरत हो और अगर तुम अपने पसंदीदा मर्द को छोड़ सकती हो तो मैं क्या हूं तुम्हारे सामने मुझे ऐसी फ्यूचर पार्टनर चाहिए जो हमेशा मेरे साथ रह सके ना कि किसी और को देख कर उसकी हो जाए "
आरुषि ने हल्के गुस्से में कहा
" मेरे करैक्टर पर सवाल मत उठाओ मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं बस तुम मुझे कुछ ज्यादा ही पसंद हो "
मल्हार ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा
" बातों में तुमसे कोई नहीं जीत सकता इसलिए तुमसे बहस करना बेकार है मैं तुमसे कोई बहस नहीं करना चाहता ".
उन दोनों ने बातें करते-करते पूरा रास्ता काट लिया था और उन का अपार्टमेंट आ चुका था
ड्राइवर ने कार रोकी तो मल्हार कार से उतरते हुए तेजी से अपार्टमेंट की तरफ चला गया और
आरुषि ने एक झटके से कर का डोर बंद किया और पर पटकते हुए बोली " यह मर्द कुछ ज्यादा ही सख्त बन रहा है क्या करूं भगवान जी मैं "
वह भी आगे बड़ी ही थी कि उसका फोन रिंग हुआ उसने देखा यह यश राज का कॉल आ रहा था और उसके मुंह पर झुंझलाहट दिखने लगी
उसने बेमन से कॉल उठाया तो यश ने थोड़ा दुखी होते हुए कहा
" तुम कब आ रही हो स्वीटहार्ट मुझे तुम्हारे बिना बहुत अकेला फील हो रहा है और वैसे भी मैंने हादी से सुना तुम्हारी मीटिंग कंप्लीट हो गई है तो तुम कल इंडिया वापस आ रही हो ना "
आरुषि ने मन ही मन कहा
" इस हादी के बच्चे को तो मैं बताऊंगी "
और फिर हल्की सी जबरदस्ती की मुस्कुराहट के साथ बोली
" हां बेबी मैं कल आ जाऊंगी तुम चिंता मत करो "
इतना बोल कर उसने कॉल कट किया और जल्दी से हादी का नंबर डायल किया
हादी जो बस ऑफिस से निकल ही था आरुषि का कॉल देख कर एकदम से घबरा गया क्योंकि उसकी रूड सीईओ मैडम जब भी कॉल करती है उसके ऊपर कोई ना कोई आफत ही आती है उसमें जल्दी से फोन उठाते हुए कहा
" जी जी मैम "
आरुषि ने जाड़ भींचते हुए कहा
" जी मैम के बच्चे तुमने यश राज को क्यों बताया कि मेरी मीटिंग खत्म हो गई है तुम्हारी सैलरी से 10% अमाउंट कट हो गया और पहले वाला 5% टोटल 15% "
हादी ने एकदम से आंखें बड़ी करते हुए कहा
" मैडम वह तो सर......."
आगे कोई सफाई दे पाता इससे पहले ही आरुषि ने कॉल कट कर दिया और जल्दी से अपार्टमेंट के अंदर चली गई
आरुषि अंदर गई तो देखा मल्हार अपनी शर्ट उतार कर रख रहा था और उसके बाद उसने एक व्हाइट टी शर्ट उठाई और पहनने लगा
पर आरुषि जल्दी से वो टी शर्ट उसके हाथ से छीनते हुए बोली
" ये eight पैक एब्स वाली बॉडी छुपाने के लिए थोड़ी बनाई है मेरे ताड़ने के लिए बनाई है ना तो इसे ढकने का कोई फायदा नहीं"
मल्हार की आंखें बड़ी हो गई उसने गुस्से से कहा
" तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या बकवास कर रही हो इधर दो मेरी टी शर्ट "
आरुषि तुरंत उसे 10 कदम दूर हट गई और टी शर्ट को अपने पीछे करते हुए बोली
" नहीं दूंगी मतलब नहीं दूंगी जब तक मेरा मन नहीं भरेगा आपको देखने से पंडित जी "
मल्हार ने गुस्से से अपने जबड़े कस लिए और सूट कैस। से दूसरी टी शी निकाल ली
आरुषि ने अपने दिल पर हाथ रखते हुए कहा
" हाय आपको पता है आप गुस्से मै ना बहुत ही ज्यादा क्यूट लगते हो पंडित जी मै बता नहीं सकती आपको काश आप खुद को मेरी आंखों से देख सकते "
To be continued thank you so much for reading this novel........
मल्हार ने जल्दी-जल्दी वह शर्ट पहनते हुए जाट पीसकर कहा इतनी इज्जत और संस्कारों वाली भाषा और शब्द इतने अश्लील शर्म नहीं आती ना बिल्कुल
आरुषि ने बत्तीसी दिखाते हुए ना में गर्दन हिला के कहा बिल्कुल नहीं
मल्हार तुरंत ही वापस से निकल गया जिसे देखकर आरुषि का मुंह खुला का खुला रह गया उसके पीछे जाते हुए बोली
" अरे अब कहां जा रहे हो तुम अब तो रात हो गई है "
मल्हार ने एक बार पीछे मोड़ते हुए कहा
" तो तुम सो जाओ रात सोने के लिए होती है मेरा एक दोस्त यहां रहता है मैं उससे मिलने जा रहा हूं और दो पल चैन की सांस लेने जा रहा हूं जब से यहां आए हैं तुम मेरे सर पर चढ़ी हुई हो "
आरुषि ने आंखें छोटी करते हुए कहा
" अब आप मेरे ऊपर नहीं चढ़ रहे हैं तो किसी का तो हक बनता है ना पहला कदम बढ़ाने का "
मल्हार ने अपनी आंखें भींचते हुए कहा
" जब भी तुम्हारे मुंह से कुछ निकलता है बेशर्मी भरा ही निकलता है मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी है "
इतना बोलते हुए मल्हार खुद में ही बडबडाते हुए वहां से निकल गया
और आरुषि का मुंह छोटा सा हो गया
कुछ सोच कर उसने एक नजर अपने हाथ में पड़ी मल्हार की टी शर्ट को देखा और फिर उसे अपने सीने से लगाते हुए खुद ही खुश हो गई उसके बाद एक गहरी सांस छोड़ते हुए खुद से बोली
". कोई बात नहीं आज चले जाओगे तो फिर कभी मौका मिलेगा तुम्हारे साथ रात बिताने का फिलहाल तो मैं अपनी करंट पति से निपटती हूं वरना कल जाते ही वह मेरे पीछे पड़ जाएगा सुहागरात मनानी है स्वीटहार्ट सुहागरात बनानी है ! और यह मैं बिल्कुल नहीं चाहती हूं पहले तो मैंने बहाना बना लिया था पर इस बार तो मेरे पास कोई बहाना भी नहीं होगा "
कुछ सोचते हुए उसके होठों पर एक डेविल मुस्कान आ गई और उसने अपना फोन निकलते हुए किसी को कॉल किया
सामने से एक लड़के की आवाज आई
" जी बॉस कोई काम इस नाचीज को कैसे याद किया "
आरुषि ने एक स्माइल करते हुए कहा
" हा जब भी किसी का सर फोड़ना हो मुझे मिस्टर माटो की ही याद आती है जिसका काम ही है इसे मारो उसे काटो इसलिए मैं तुम्हें कॉन्ट्रैक्ट दे रही हूं अपने पति की धुलाई करने का कल दोपहर तक उसकी एक भी हड्डी सही सलामत नहीं रहनी चाहिए समझ गए "
उसे लड़के ने हंसते हुए कहा
" जी बॉस समझ गया यशराज की एक भी हड्डी सही सलामत नहीं होगी "
आरुषि ने कहा
" डील डन बट वह मरना नहीं चाहिए "
सामने से उसे लड़के ने हंसते हुए कहा
" हां बिल्कुल वह जिंदा रहेगा "
दूसरी तरफ
Rock the world club
यहां इस वक्त मल्हार एक चेयर पर बैठा था और पेग पर पेग लगाए जा रहा था और उसके पास उसका एक दोस्त बैठा था " शिवाय जिसने फिजा को भेजा था बट उनका प्लान फ्लॉप कर दिया आरुषि ने "
शिवाय मल्हार को रोक रहा है पीने से पर मल्हार रुकने का नाम नहीं ले रहा था
मल्हार ने एक और पेग लिया ही था कि शिवाय ने उसके हाथ से ग्लास छीन लिया
और अगले ही पल मल्हार गुस्से में उसे अपनी नशीली आंखो से घूरने लगा
शिवाय ने जबरदस्ती उसे उठाया और क्लब से बाहर ले जाने लगा
मल्हार सब कुछ हिंदी में बड़ बड़ा रहा था जो वहां के लोगों को बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था
" तू... तू मेरा दोस्त नहीं है तू भी उस बेशर्म औरत की तरह है.... जो... जो हर वक्त ऐसे देखती है मुझे जैसे मौका मिले तो वो मुझे कच्चा चबा जाए "
शिवाय उसकी बकवास सुन रहा था और उसे खींचते हुए बाहर ले गया बाहर जाते ही मल्हार ने शिवाय का हाथ झटक दिया और फिर कार की बोनट पर बैठते हुए बोला
" तू हा तु.... तू मेरा इकलौता दोस्त है इसलिए आज मेरी दुख भरी दास्तां तू ही सुनेगा और सच में तेरे आंसू निकल जाएंगे मेरा दर्द सुन के "
शिवाय को मल्हार की हालत पर हंसी आ रही थी उसने अपनी हंसी को कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए कहा
" हो सकता है हंसते-हंसते मेरा पेट दर्द करने लग जाए और उसे वजह से आंसू आ जाए बाकी मुझे नहीं लगता तेरी दास्तां में जरा सा भी दुख होगा "
मल्हार ने बच्चों के जैसा मुंह बनाते हुए कहा
" तुझे पता है मैं भगवान से अब सिर्फ एक ही चीज मांगता हूं वह है कि मेरा चेहरा बिगड़ जाए मेरे चेहरे पर बहुत सारे पिंपल हो जाए मैं एकदम काला हो जाऊं एकदम कोयले जैसा मैं मैं एकदम बूढ़ा दिखने लग जाऊं वह लड़की वह लड़की मुझे कहती है मैं क्यूट दिखता हूं मुझे नहीं दिखना क्यूट..... "
इतना बोल कर वो बच्चों की तरह झूठ मूठ ही रोने लगा
ओर शिवाय मुंह फाड़ के हंसते हुए उसकी विडियो रिकॉर्ड कर रहा था
उसने कुछ वक्त बाद अपना फोन जेब मै डाला और मल्हार को कार की बोनट से जबरदस्ती उतारा और कार के अंदर बैठा दिया
In india
" Ahh... यश... Please slow"
शीला दर्द से कांपती हुई अपने हाथ यश की पीठ पर कसे हुए थी
यश आरुषि का गुस्सा अब शीला पर उतार रहा था वो बुरी तरह फ्रस्ट्रेटेड था....
उसका पूरा चेहरा पसीने से भीगा हुआ था और वो बहुत Harshly अपनी वेस्ट मूव कर रहा था
उसने फिर शिला के गर्दन पर किस्स करते हुए कहा
" कल मेरी बीवी आ जाएगी डार्लिंग फिर तरसती रहना मेरे लिए, इसलिए अभी रोकने की कोशिश बिल्कुल मत करो huh!!"
उसने गहरि सांसों के साथ कहा और शीला ने आंखे भींचते हुए एक लंबी आह भरी.....
थाईलैंड...
शिवाय ने कार फ्लैट के सामने रोकी और फिर मल्हार को सहारा देते हुए अंदर रूम तक ले गया....
उसने दरवाज़ नोक किया तो आरुषि ने दरवाजा खोला और मल्हार को नशे की हालत मै देख कर उसकी आंखे छोटी हो गई
वही मल्हार ने जब आरुषि को देखा तो शिवाय से बिल्कुल लिपटते हुए बोला
" न नहीं मुझे नहीं रहना इस अश्लील औरत के साथ, अकेले मै मेरी इज्जत लूट लेगी ये, और.. और मुझ अबला मर्द को बचाने कोई नहीं आएगा, तू मेरा सच्चा दोस्त है ना प्लीज मुझे अपने साथ ही ले चल"
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मल्हार की नौटंकी देख कर आरुषि की आंखें छोटी हो चुकी थी उसने जाड़ भींचते हुए कहा
" मेरे साथ रह रह के मुझे भी ज्यादा ड्रामे।आने लगे हैं पंडित जी आपको "
मल्हार किस जिद्दी बच्चे की तरह आंखें फाड़े आरूषि को देख रहा था और शिवाय उन दोनों की आंखों ही आंखों की जंग से परेशान होते हुए मल्हार का हाथ झटकते हुए बोला
" मुझे नहीं पता है अपनी इस शादीशुदा गर्लफ्रेंड को अब तुम ही संभालो मैं तो निकलता हूं यहां से "
और फिर आरुषि की तरफ देखते हुए हाथ जोड़ कर बोला
" नमस्ते मैडम चलता हूं "
इतना बोलकर सेवा तुरंत ही वहां से नौ दो ग्यारह हो गया
और रह गए हमारे मासूम पंडित जी जो अब पपी आइज से आरुषि को देख रहे थे
अगले ही पर आरुषि ने मल्हार का कॉलर पकड़ा और उसे खींचते हुए अंदर ले गई और फिर धड़ाम से दरवाजा बंद करते हुए अपने दोनों हाथों को अपने सीने पर लपेटे हुए बोली
" तो अब बोलिए पंडित जी या अबला मर्द क्या करूंगी मैं आपके साथ "
मल्हार लड़खड़ाते कदमों से चलता हुआ आरुषि के पास आया फिर धीरे से उसकी तरफ झुका
आरुषि जो एकदम खतरनाक शेरनी बनी हुई थी मल्हार को अपने इतने करीब देख कर उसका कॉन्फिडेंस एकदम से गिर चुका था और उसकी धड़कने बहुत तेजी से बढ़ गई उसकी जो नज़रे मल्हार के चेहरे पर टिकी थी अब वह बेचैनी से झुक गई और उसने अपनी गर्दन घूमाते हुए दूसरी तरफ देख कर कहा
" ये क्या कर रहे हैं पंडित जी आप "
" वही जो तुम चाहती हो, अपनी इन आंखो से तुम जो मुझे डराती रहती हो, होठों से रिझाती रहती हो, बातो से तड़पाती रहती हो, दया नहीं आती मुझ पर तुम्हें ? Hmm "
मल्हार ने ये बात इस लहजे मै कही थी आरुषि के कान नाक गाल सब शर्म से लाल हो चुके थे मल्हार की गर्म सांसे उसे अपने चेहरे पर फिल हो रही थी जिस वजह से उसकी पूरी बॉडी मै gosebumps feel हो रहे थे
मल्हार से आती मेनली स्मेल उसके जहन के अंदर बसती चली जा रही थी
उसने बेचैनी से सूखते अपने होठों पर एक बार जीभ फिराई और मल्हार से खुद को दूर करते हुए बोली
" भूलिए मत मै आपकी बॉस हु पंडित जी... यूं बतमीजी मत कीजिए। "
मल्हार ने उसकी कमर मै हाथ डालते हुए तुरंत ही उसे अपने करीब खींच लिया और आरुषि के दोनों हाथ उसके कसे हुए ब्रॉड सीने पर आ गए
आरुषि के हाथ फील कर सकते थे मल्हार के धड़कते सीने को जो बहुत जोरो से धड़ धड़ बज रहा था
मल्हार ने आरुषि के गाल की स्किन पर अपने knuckles फेरते हुए कहा
" You know what miss ceo..... You are a unholy mess... तुम्हे खुद नहीं पता तुम क्या करना चाहती हो? "
आरुषि जो उसके टच से सिहर रही थी एकदम से उसकी आंखो मै नमी आ गई क्योंकि मल्हार के वर्ड्स उसके दिल पर लग रहे थे
उसने अपने आंसु छुपाए और एकदम से मल्हार को धक्का दे दिया
और मल्हार लड़खड़ा गया
अगले ही पल आरुषि तेज कदमों से रूम के अंदर चली गई
अंदर जाते ही उसने दरवाजा बंद किया और उससे सट कर बैठ गई
उसकी आंखो मै पानी भर आया उसके दिल मै इतना तेज दर्द हो रहा था और अचानक ही वो रोते हुए अपने मुंह पर हाथ रख लेती है टके बाहर आवाज ना जाए
मल्हार जो गिरते गिरते बचा था उसने अपना सर झटका और फिर उस रूम के बंद दरवाजे से सट कर बैठते हुए मुस्कुरा कर बोला
" The world is cruel miss CEO... और तुम्हे भी बनना पड़ेगा.. बस मुझे टीज करना बंद कर देना एक अहसान बस..."
मल्हार जरूर नशे मै था पर उसने वही बोला जो उसने ऑब्जर्व किया था आरुषि के साथ पूरा दिन बिताने के बाद
Next morning
आरुषि की जब आंखे खुली तो उसने पाया वो रात को रोते रोते फर्श पर ही सो गई थी
वह उठी और एक गहरी सांस छोड़ते हुए वॉशरूम की तरफ चली गई
करीब 15 मिनट बाद आरुषि बिल्कुल तैयार थी उसने एक ब्लैक कुर्ती और उसके नीचे ब्ल्यू जींस पहनी थी बालों को सिंपल पोनी टेल मै बांध लिया था और होठों पर लिप ग्लॉस माथे पर छोटी सी बिंदी आंखो मै हल्का काजल और इतने मै ही वो कमाल लग रही थी
क्योंकि आज उसे इंडिया जाना था उसने सबसे पहले अपने आदमी को कॉल किया जिसको उसने यश को पीटने के लिए कहा था और उसके बाद आरुषि ने सोचा वह कुछ खाने के लिए आर्डर कर देती है क्योंकि उसे बनाना तो कुछ आता नहीं है उसने आर्डर किया और फिर अपने रूम का दरवाजा जैसे ही खोला तो मल्हार लुढ़कते हुए उसके कदमों में आ गिरा जो रात को उस दरवाजे का सहारा लिए ही सो गया था आरुषि ने आंखें छोटी करते हुए कहा
" यह नशेड़ी आदमी पूरी रात यहीं बैठा था "
उसने झुकते हुए मल्हार के चेहरे को गौर से देखा
उसके माथे पर उसके सिल्की बाल बिखरे थे होठ हल्के खुले हुए थे और गिरने के बावजूद भी दर्द की एक शिकन भी उसके चेहरे पर नहीं आई वो अब भी मस्त घोड़े बेच कर सो रहा था
आरुषि ने मल्हार के कंधे को पकड़ कर हिलाते हुए कहा
" पंडित जी उठिए सुबह हो गई है.
मल्हार ने कसमसाते हुए आरुषि का हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींचा जिसके अगले ही पल आरुषि की एक चीख निकल गई क्योंकि उसका सर सीधे मल्हार के सर से टकराया और उसे भयंकर वाला दर्द हुआ...
उसकी आंखो मै दर्द साफ साफ नजर आ रहा था और मल्हार के लिए गुस्सा भी
उसने जाड़ भींचते हुए कहा
" Aahhh... You basterd.... "
मल्हार के माथे पर भी बल पड़ गए और पल भर मै उसकी सारी नींद उड़ गई उसने आंखे उठा कर आरुषि का गुस्से से भरा चेहरा देखा तो उसकी आंखो मै कन्फ्यूजन आ गया
उसे कुछ वक्त लग गया पूरी सिचुवेशन समझने मै
और फिर वो जल्दी से उठते हुए आरुषि को भी सीधा खड़ा करते हुए बोलता है
" सुबह सुबह मेरे चेहरे से क्यों कुश्ती लड़ रही हो तुम"
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.. "
आरुषि ने गुस्से मै झल्लाते हुए कहा
" क्योंकि तुम भिखारियों की तरह दरवाजे पर सो रहे थे समझे "
मल्हार ने एक बार चारों तरफ देखा और फिर गहरी सांस छोड़ कर सर झटकते हुए अंदर चला गया ताकि फ्रेश हो सके
और आरुषि रोना फेस बना कर अपना माथा मसलते हुए खुद मै बड़ बड़ा ती है
" पता नहीं पत्थर का बना है क्या ये इंसान पहले लगता था सिर्फ दिल पत्थर का है पर नहीं ये पूरा इंसान ही पत्थर है "
आरुषि कुछ देर वही बाहर सोफे पर बैठ गई...
और कुछ ही वक्त मै दरवाजे की बेल बजी आरुषि ने दरवाजा खोला सामने एक लड़का हाथ मै एक पार्सल लिए खड़ा था आरुषि और मल्हार के लिए break fast था
आरुषि ने वो पार्सल लिया और फिर अंदर आ गई उसने डाइनिंग टेबल पर ब्रेक फास्ट दो प्लेट मै सर्व कर दिया और एक चेयर पर बैठ गई
उसने अपना फोन निकाला जिसमें ऊपर एक नोटिफिकेशन शो हो रही थी जिसमें लिखा था
" वर्क done mam"
और आरुषि ने एक इविल स्माइल के साथ यश के नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिए
कुछ वक्त बाद मल्हार एक व्हाइट शर्ट और ब्लैक जींस में रूम से बाहर निकला उसके गले मै पड़ी रुद्राक्ष की माला काफी सुंदर लग रही थी व्हाइट शर्ट पर और हाथ मै बांधा कलावा भी अब उसने चेंज कर लिया था जो खिले हुए लाल रंग मै सुंदर लग रहा था
उसके बाल सलीखे से सेट थे
आरुषि तो जैसे उसे देख कर कही खो सी गई थी
मल्हार अपनी वॉच को ठीक करते हुए आरुषि के सामने रखी चेयर पर बैठ गया और ब्रेक फास्ट करने लगा
उसने दो बाइट लेने के बाद गौर किया आरुषि अब भी खाने की बजाय उसे देख रही है तो उसके जबड़े कस गए
और उसने गुस्से मै कहा
" क्या 3मुझे ताड़ने से तुम्हारा पेट भर जाएगा, हमे आज इंडिया जाना है फ्लाइट मिस हो जायेगी"
और फिर धीरे से बोला
" बेशर्म पागल औरत "
India
सुबह 8 बजे का वक्त
यश शीना को अपनी बाहों मै भरे सो रहा था कि अचानक उसका फोन बज उठा और शीना कस मसा ते हुए नींद भरी आवाज में कहा
" यश फोन बज रहा है कब से! उठा लो शायद इंपॉर्टेंट कॉल होगा "
यश ने माथे पर बाल डालते हुए उसे फोन को इग्नोर कर दिया पर अचानक ही उसे याद आया कि आज आरुषि इंडिया आने वाली थी और उसकी नींद पल भर में उड़ गई और वह जाट से बेड पर उठकर बैठते हुए अपने फोन को चेक करता है लेकिन उसके चेहरे पर कन्फ्यूजन आ जाता है फोन कॉलर की आईडी देखकर
यह यश के साथ काम करने वाले एक लड़के का कॉल था यश के पास ज्यादा कुछ नहीं पर एक प्रोजेक्ट जरूर था जिस पर वह पिछले तीन महीने से कम कर रहा था और यह लड़का इस प्रोजेक्ट में यश के साथ 25% का पार्टनर था
यश ने कॉल उठाते हुए कहा
" हा बोलो शशांक क्या हुआ ? "
सामने से उस लड़के ने घबराते हुए कहा
" यार साइट पर कुछ गुंडे आ गए हैं और तोड़ फोड़ मचा रखी है यहां जल्दी से आ जा इनको क्या चाहिए पूछ इनसे "
यश ने गुस्से मै अपने जबड़े कस लिए और गुस्से मै बोला
" बस आ रहा हूं आधे घंटे मै "
इतना बोल कर यश ने कॉल कट कर दिया
वही फ्लाइट मै
आरुषि ने मल्हार के कंधे पर सर रखते हुए कहा
" क्या फायदा जिम मै इतनी मजबूत बॉडी बनने का जब तुम एक 50 kg वाली लड़की से ही डर जाओ ? "
मल्हार ने उसका सर अपने कंधे से हटा ते हुए कहा
" बहुत सारे फायदे हैं जो में तुम्हे बताना जरूरी नहीं समझता "
आरुषि ने आंखे छोटी करके कहा
" तो फिर किस चुड़ैल को बताना चाहते हो "
" मल्हार ने eye रोल करते हुए कहा
" किसी को भी बताऊंगा किसी को भी एक्सपेरिएंस करवाऊंगा पर तुम्हे नहीं "
आरुषि ने आंखे बड़ी करते हुए मल्हार को घूरा क्योंकि उसे मल्हार की double meaning बातों का मतलब बड़े अच्छे से समझ आ रहा था
उसने जाड़ भींचते हुए कहा
" मैं उस चुडैल को जान से मार दूंगी "
ये बोलते वक्त आरुषि की आंखो मै मल्हार को पाने की तड़प और पागल पन दोनों साफ साफ नजर आ रहे थे
मल्हार ने आरुषि को ऐसे देखा जैसे किसी पागल को देख रहा हो
आरुषि ने कस कर उसका हाथ पकड़ लिया और उसके कंधे पर सर टिका लिया
वही दूसरी तरफ यश जैसे ही साइट पर पहुंचा किसी ने उस पर बंदूक तान दी
और यश एकदम से चौंक गया उसकी आंखों मै डर आ गया था
उसके सामने 7 से 8 लोग खड़े थे जिनके हाथों मै मारने के लिए अलग अलग औजार थे और शशांक को भी राशियों से बांध रखा था उसके शरीर पर कुछ कुछ जगह चोट के निशान बने थे जिनमें से खून बह रहा था
यश के वहां पहुंचते ही उन लागों के बॉस ने एक डेविल्स स्माइल के साथ कहा
"आइए आइए आप ही का इंतजार था हमें "
यश ने डरते हुए पीछे कदम लेते हुए कहा
" क.. क्या बकवास कर रहे हो! हो कौन तुम और मुझे???"
उस लड़के ने शैतानों की तरह हंसते हुए कहा
" शंकर नाम है मेरा"
" डीलर शंकर "
मौत की डील करता हूं मै लोगों के कॉन्ट्रैक्ट लेकर इस बार तेरा नाम आया है पर्चे पर !
यश ने डरते हुए कहा
" What the hell are you saying? मै.. मु.. मुझे कौन मारना चाहता है "
I mean मरवाना चाहता है
शंकर ने अपने शर्ट के स्लीव चढ़ाते हुए कहा
" बच्चू इधर तेरे mean का मतलब मै तुम्हे समझाता हूं "
इतना बोल कर उसने यश के पास जाते हुए उसकी कॉलर पकड़ ली
यश ने थोड़ा गुस्से मै कहा
" क्या बतमीज़ी है ये छोड़ो मुझे... "
इतना बोल कर यश राज झट पटा या और शंकर से हाथा पाई करने लगा पर शंकर बुलडोजर जैसा आदमी उसके सामने यश राज का टिक पाना नामुमकिन था...
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शंकर के मुक्के वो बस 10 मिनट ही झेल पाया था कि लड़खड़ा ते हुए नीचे गिर पड़ा उसका पूरा chehra जख्मी हो गया था शंकर ने झुकते हुए उसका हाथ पकड़ा और एक डेविल स्माइल के साथ बोला
" जब कांट्रेक्टर शंकर धुलाई करने का कॉन्ट्रैक्ट लेता है तो सामने वाला शख्स नर्क के दर्शन कर के आता है मिस्टर यश राज "
इतना बोल कर उसने एक झटके से यश राज का हाथ मरोड़ दिया और एक उस की दर्द नाक चिख वहां गूंज गई
शंकर ने उसके पैर पर एक किक मारते हुए कहा
" तू अपने पैरों पर तो वापस नहीं जाना चाहिए "
और उसके बाद लगातार करीब 5 मिनिट तक यश राज की चीखे वहां गूंज रही थी जो बाद में शांत हो गई क्योंकि यश राज बेहोश हो गया था
शंकर ने एक अंगड़ाई लेते हुए कहा
" Huh! लो जी हो गया आज का कोटा पूरा चलो इसे हॉस्पिटल एडमिट करवाओ मै मैडम को खुशखबरी दे देता हूं "
इतना बोल कर उसने आरुषि को कॉल लगा दिया
वही आरुषि मल्हार के कंधे पर सर रखे सो रही थी क्योंकि अब वो फ्लाइट मै नहीं बल्कि अपनी पर्सनल कार मै थे
आरुषि इतना थक चुकी थी कि उसे फ्लाइट मै भी नींद आ रही थी
मल्हार ने फोन बजता देख कर इरीटेशन मै कहा
" इसके फोन की रिंग टोन भी इसी की तरह इरिटेटिंग है "
उसने आरुषि का गाल थप थपा ते हुए कहा
" मैडम फोन बज रहा था "
मल्हार का हाथ जैसे ही आरुषि के गाल की सॉफ्ट स्किन को touch हुआ मल्हार के शरीर मै अजीब सी सन सनाहट हो रही थी उसने तुरंत अपना हाथ हटा लिया
आरुषि ने कस मसा ते हुए कहा
" बज रहा है तो उठा लो मुझे डिस्टर्ब मत करो "
मल्हार ने फोन उठा कर स्पीकर पर किया और आरुषि के कान के पास कर दिया
शंकर ने अपनी भारी ओर तेज आवाज मै कहा
" खुशखबरी मैडम जी आपका पति हॉस्पिटल के बेड पर पहुंच गया है मरा नहीं है बस जैसा आपने कहा था सिर्फ हाथ पैर तोड़े हैं "
कार ड्राइव कर रहे हादी से एक पल के लिए कार का स्टेयरिंग भी डग मगा गया
" या अल्लाह मैने ceo mam मांगी थी गुंडी बॉस नहीं है, मै सोच रहा था सिर्फ मुझ पर जुल्म करती हैं पर ये तो..... "
उसे आगे कुछ सोचने से भी आरुषि का खौफ खा रहा था
वही मल्हार ने अपने मन ही मन कहा
" जब मैने कहा था शादी मत करना तब तो मुझे ऐसे काटने को दौड़ रही थी जैसे कच्चा चबा जाएगी ओर अब उसकी धुलाई करवा रही है बेशर्म औरत "
आरुषि ने एक उबासी लेते हुए कहा
" ठीक है तुम्हारे पैसे पहुंच जाएंगे काटो फोन मेरी नींद खराब कर दी "
आरुषि और मल्हार की कार
आनंद इंटरप्राइजैज बिल्डिंग के सामने आकर रुकती है ये मुंबई की सबसे ऊंची बिल्डिंग थी जिसकी इकलौती मालकिन आरुषि आनंद थी
आरुषि के पिता का देहांत हो गया था और उसे किसी ने एडॉप्ट किया जो उसके step डैड हैं जब आरुषि को उन्होंने एडॉप्ट किया था तब आरुषि की मां जिंदा थी जो कुछ ही वक्त बाद मर गई
और आरुषि प्यार के लिए बिल्कुल तरस गई उसी वक्त यश राज उसकी जिदंगी मै आया था उसके थोड़े से एफर्ट भी आरुषि को बहुत ज्यादा लगते ओर वो उससे attached होने लगी आरुषि अपना सब कुछ यश राज को देने के लिए तैयार थी
मल्हार ने उस बिल्डिंग को देख कर अपने मन ही मन कहा
" इस आलीशान मीनार को वो आदमी बस एक लड़की को फूल बना कर अपने नाम करना चाहता है bloody basterd"
मल्हार के दिल मै आरुषि के लिए हमदर्दी थी जिस वजह से उसने आरुषि को प्रपोज किया था और आरुषि ने उसे ठुकरा दिया
आरुषि और मल्हार दोनों तेज कदमों से अंदर गए
वहां 1st floor पर करीब 60 से 70 लोग काम कर रहे थे आरुषि को आता देख कर सबने उसे झुक कर ग्रीट किया
आरुषि और मल्हार सीधा 7th फ्लोर पर पहुंचे जहां आरुषि का केबिन था
आरुषि अंदर जाते ही सोफे पर धम्म से बैठते हुए हेड रेस्ट से अपना सर टिका कर आंखे बंद करते हुए बोली
" Uff oh god i am tired like hell "
मल्हार ने एक बार आरुषि के केबिन को पूरी तरीके से देखा है आरुषि का केबिन काफी हद तक वेल मेंटेन लग रहा था साइड में फाइल्स वगैरा रखी थी और कुछ स्टोरी बुक्स रखी थी मल्हार ने फिर आरुषि की तरफ देखा जिसके चेहरे से पता चल रहा था कि वह किस कदर थकी हुई है मल्हार ने टेबल पर रखी पानी की बोतल उसके हाथ में देते हुए कहा
" आई थिंक अब तुम्हें घर जाना चाहिए ऑफिस का काम हम कल से शुरू करेंगे "
आरुषि ने पानी की बोतल लेते हुए कहा
" थैंक यूं सो मच "
और फिर मल्हार उसे बुक सेल्फ की तरह बढ़ गया जो दूर से काफी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहा था मल्हार को बुक्स पढ़ने का बहुत ज्यादा शौक था एंड बिजनेस मैनेजमेंट की बुक्स वह देखना चाहता था की आरुषि ने किस टाइप की बुक्स पढ़ी है क्यूंकि आरुषि का जो बिजनेस मैनेजमेंट में टैलेंट था उसने आज तक किसी का नहीं देखा था खास कर फीमेल्स मै
पर उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई जब उसके हाथ लगी पहले ही नवल कुछ ज्यादा ही रोमेंस कंटेंट वाली निकली मल्हार ने गुस्से में दांत पीसते हुए कहा
" सीईओ मैडम की किस तरीके की बुक रख रखी है तुमने फाइल्स की जगह "
आरुषि ने एक नजर मल्हार को देखा और फिर एक और पानी की शिप लेते हुए बोली
" I am dark romance reader "
मल्हार ने गुस्से में उसे बुक को बंद करते हुए वापस रख दिया और आरुषि की तरफ आंखें छोटी करते हुए बोला मुझे पता ही था तुम एक नंबर की अश्लील और बेशर्म औरत हो तुम्हारे अंदर शर्म नाम की चीज बनाना तो भूल ही गया है भगवान
आरुषि ने बेफिक्री से मल्हार की तरफ देखते हुए कहा राव साहब यह भगवान की गलती है ना मेरी तो नहीं है
मल्हार सोफे पर बैठते हुए गुस्से मै बोला
नहीं गलती तो मेरी है सारी ना भगवान की गलती है ना तुम्हारी मुझे तुमसे मिलना ही नहीं चाहिए था तुम्हारी डील एक्सेप्ट नहीं करनी चाहिए थी और उससे भी बड़ी बात तुम्हें उसे दिन बचना नहीं चाहिए था
इतना बोलते हुए मल्हार उसे टाइम में खो गया जब उसकी और आरुषि की पहली मुलाकात हुई थी
Flash back ( 4 महीने पहले )
आरुषि के पीछे 2 लड़के भाग रहे थे आरुषि की हालत देख कर पता चल रहा था कि वो कितनी तकलीफ मै है
उसने व्हाइट कुर्ती और उसके नीचे ब्लू जींस पहनी थी उसका दुपट्टा पहले ही उतर चुका था और वह बस दौड़े जा रही थी उसे कोई सुध बुध नहीं थी कि वह कहां जा रही है और कहां नहीं
आज वह शाम 4 बजे ऑफिस से घर के लिए निकली थी और रास्ते में उसकी गाड़ी पंचर हो गई उसने हादी को पहले ही उसके घर भेज दिया था क्योंकि उसे कुछ जरूरी काम था और आरुषि को बॉडीगार्ड की सिक्योरिटी बिल्कुल पसंद नहीं थी
इसलिए वह अकेले ही आ रही थी और उस की गाड़ी अचानक ही पंचर हो गई और वह भी ऐसी जगह पर जहां दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था ।
आरुषि जैसे ही कार से नीचे उतरी गाड़ी को देखने के लिए अचानक ही दो लड़कों ने उसे पर हमला कर दिया
" आह कौन हो तुम "
जैसे ही एक लड़के ने आरुषि की बाजू पकड़ कर अपनी तरफ खींचिं आरुषि की एक चीख निकल गई
आरुषि ने एक जोरदार लात उस आदमी के प्राइवेट पार्ट पर मारी और वो आदमी दर्द से करहाते हुए कुछ दूरी पर जा गिरा
दूसरे लड़के ने गुस्से मै जाड़ पीसते हुए आरुषि के सर पर एक डंडा दे मारा
आरुषि ने हाथ से उस वार को रोकना चाहा जिस वजह से सर पर ज्यादा तेज चोट नहीं लगी पर स्टील उसे दर्द होने लगा था
और कुछ ही देर मै आरुषि जब उनसे लड़कर थक गई और उसके सर में ज्यादा दर्द होने लगा तब उसने वहां से भागना ज्यादा सही समझा ताकि किसी की हेल्प ले सके
क्योंकि वह दोनों आदमी दिखने में इतनी ज्यादा हट्टे कट्टे थे की पहलवानों के साथ भी भीड़ जाए तो शायद जीत जाए और आरुषि जैसी दुबली पतली लड़की उनके सामने कहां ही टिक सकती थी
इसलिए आरुषि बस दौड़े जा रही थी ऐसा लग रहा था उसके बूट्स भी अब कुछ देर में टूटने ही वाले है
वह भागते-भागते हिल पॉइंट की तरफ आ पहुंची जहां मल्हार पुश अप लगा हा था मल्हार को देखते ही आरुषि के चेहरे पर हल्का सुकून बिखर आया और वह और तेज भागते हुए उसके पास आई उसने मल्हार के पास आकर हांफते हुए कहा
" प प्लीज हेल्प मी "
मल्हार ने जैसे ही किसी लड़की की ऐसी घबराई हुई और हांफने की आवाज सुनी वह तुरंत उठ कर खड़ा हो गया और आरुषि की तरफ देखते हुए बोला
" जी क्या हुआ है आपको "
आरुषि कुछ कह पाती उससे पहले ही मल्हार की नजरे उन दो लड़कों पर पड़ गई और उसने फिर से आरुषि की तरफ देखा और फिर अचानक ही बोला
" आरुषि आनंद आनंद इंटरप्राइजेज की मालकिन "
आरुषि ने हैरानी से कहा
" आप मुझे जानते हैं "
मल्हार ने छोटी सी स्माइल के साथ कहा
" आपको कौन नहीं जानता है इस शहर में "
मल्हार की बात सुन कर आरुषि ने कुछ कहना चाहा उससे पहले हो वो लड़के उसके और करीब आ गए और आरुषि भागते हुए मल्हार के सीने से जा लगी
और फिर धीरे से बोली
" इन से बचा लो प्लीज "
मल्हार एकदम से अपनी जगह फ्रिज हो गया
उन लड़कों ने आते ही आरुषि को देख कर एक डेविल स्माइल पास की और फिर मल्हार को देखते हुए बोले
" तू अकेला है और हम दो अब देख ले teri भलाई यहां से हट ने मै है या 90's की सो कॉल्ड हीरो गिरी दिखाने मै "
मल्हार ने बिना कुछ कहे धीरे से आरुषि को खुद से अलग किया और बस धीमे कदम उन दोनो की तरफ बढ़ा दिए
उन लड़कों के चेहरे पर जो कॉन्फिडेंस झलक रहा था मल्हार के इस सन्नाटे भरी चाल से एकदम हवा हो चुका था फिर भी वह पूरी कोशिश कर रहे थे कि उनसे मल्हार डर जाए एक ने गुस्सा दिखाते हुए कहा
"तुम.... तुम जानते नहीं हो हमें किसने भेजा है और वैसे भी हम इस लड़की की जान नहीं लेने वाले हैं तो तुम साइड हट जाओ "
आरुषि ने जैसे ही ये सुना उसने तुरंत कहा
" किसने भेजा है तुम दोनों को "
उनमें से एक ने कहा
"वो सीक्रेट है मैडम "
इतना बोलने के साथ ही उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान खिल गई
मल्हार ने गर्दन घुमा कर आरुषि को देखा ओर फिर उन दोनों लड़कों को देखते हुए कहा
" तुम क्या तुम्हारा बाप भी बताएगा कि तुम दोनों को किसने भेजा है समझे "
इतना बोलने के साथ ही मल्हार ने एक मुक्का सामने वाले के मुंह पर जड़ दिया और जबड़े समेत के उसके पूरे दांत हिल गए
और वो लड़खड़ा कर पीछे हो गया ये देख कर दूसरे ने मल्हार पर वार करना चाहा जिसे बड़ी फुर्ती से मल्हार ने रोक लिया और एक किक उसके पेट पर जड़ दी
कुछ देर की लड़ाई के बाद वो दोनों लहूलुहान हो चुके थे
आरुषि आंखे फाड़े और मुंह खोले मल्हार की फाइटिंग स्किल्स देख रही थी
वो दोनो लड़के नीचे जमीन पर गिरे से मल्हार ने एक के पास बैठ कर उसकी शर्ट की कॉलर पकड़ते हुए कहा
" बता किसने भेजा है तुम दोनों को "
उस लड़के ने गिड़गिड़ाते हुए कहा
" ह हमे मैडम के बॉय फ्रेंड ने भेजा है "
और ये सुन कर मल्हार की बोहे तन गई और आरुषि के चेहरे पर गुस्सा आ गया वो उसके करीब आई और उसे किक मारते हुए बोली
" अपना गटर जैसा मुंह बंद करो मेरा बॉय फ्रेंड मुझसे बहुत प्यार करता है वो मेरे साथ ऐसा सपने मै भी नहीं कर सकता समझा आई ट्रस्ट हिम idiot और सच सच बताओ किसने भेजा है तुम दोनों को "
ये सब आरुषि ने इतने गुस्से मै बोले थे कि वो बुरी तरह हांफने लगी थी
ये सुन कर मल्हार के आंखे छोटी हो गई वो तो ceo मैडम को बहुत चालाक समझ रहा था और प्यार नाम के भूत ने उसे अंधा बना दिया.......
मल्हार ने शांत लहजे मै कहा
" मल्हार राव की मार खाने के बाद किसी मै झूठ बोलने की हिम्मत नहीं होती मैडम "
ये सुन कर आरुषि और ज्यादा बौखला उठी और मल्हार की कॉलर पकड़ते हुए बोली
अपनी लिमिट मै रहो समझे मदद की है वो अपनी जगह है मैं अपने बॉय फ्रेंड के बारे मैं एक भी गलत शब्द नहीं सुनूंगी समझे राव साहब"
मल्हार ने झटके से आरुषि के हाथ अपनी कॉलर से दूर कर दिए और गुस्से मै बोला
" ये बतमीज़ी भारी पड़ जाएगी आरुषि मैडम "
फ्लैश बैक एंड
क्रमशः
guys my insta I'd is aashii_amulya वहां मैंने डार्क साइड की
रील भी अपलोड की है एक बार जरूर देखना
मल्हार उस दिन को याद करते हुए बस एक टक फ्लोर को देख रहा था.....
कि अचानक उसे अपने चेहरे पर किसी का मुलायम हाथ फील हुआ उसने आंखें उठा कर देखा तो आरुषि उसके ऊपर झुके हुए थे और उसके आइब्रोज तने हुए थे
आरुषि ने आंखें छोटी करते हुए कहा
" आपको पता है राव साहब मुझे इस वक्त इस फ्लोर से भी जलन हो रही है आप इसे क्यों घूर-घूर के देख रहे हो जब इतनी सुंदर और सेक्सी लड़की है तुम्हारे सामने मुझे देखो ना और वैसे भी अब मैं वापस पास्ट में जाकर उन दोनों लड़कों के हाथों मर तो नहीं सकती हूं अब आपने एक बार बचा लिया मुझे तो अब पूरी जिंदगी झेलना ही पड़ेगा ना "
मल्हार एक पल के लिए उसका हाथ अपने गाल पर महसूस कर पूरी तरह कांप चुका था और उसका मुंह हल्का सा खुल गया था आरुषि ने स्माइल करते हुए कहा
" मेरे एक टच करने से इतना फील होता है पंडित जी "
और मल्हार ने होश में आते हुए उसका हाथ झटक का
" बेशर्मी की हद होती है एक तो तुम मुझसे दूर रहा करो और दूसरा मुझे ये नए नए निक नेम से बुलाना बंद करो मेरा नाम मल्हार राव है समझी "
आरुषि ने डेविल्स स्माइल करते हुए कहा
" और मैं सारी हदें कब की पर कर चुकी हूं मिस्टर राव समझे , और मेरा जितना मन करेगा उतने निक नेम दूंगी कर लो आपको जो करना है "
मल्हार को आरुषि के बस इस बिहेवियर से चिढ़ मचती थी उसने जबड़े कसते हुए कहा
" ठीक है अपनी बेशर्मी खुद को ही दिखाओ मैं जा रहा हूं यहां से "
इतना बोल कर उसने अपना कोट उठाया और बड़बड़ाते हुए तेजी से ऑफिस से बाहर जाने लगा आरुषि बस पीछे से उसे देख रही थी और फिर उस ने सीलिंग की तरफ चेहरा करते हुए एक गहरी सांस छोड़ कर कहा
" आह क्या ढीट मर्द है समझता नहीं बिल्कुल "
और फिर एक बार दोनों हाथों को अपने चेहरे पर फेरते हुए बोली
" चलो इसे बाद में देखती हु पहले अपने करेंट हसबैंड की खातिरदारी हो जाए सुहागरात मनाने की बड़ी जल्दी थी उसे..... "
इतना बोल कर वो स्माइल करते हुए ऑफिस से बाहर जाने लगी
बाहर जाते ही उसकी नजर एक बार फिर मल्हार पर गई जो किसी को कॉल कर रहा था
कॉल उठते ही मल्हार ने कहा
" रिहान अगर थोड़ा टाइम हो तो मुझे लेने आना आ जाना आनदं इंटरप्राइजेज के सामने "
हादी जो गिरते पड़ते आरुषि के पीछे आया था उसने मल्हार की बात सुन कर पप्पी फेस बना लिया
उसकी बॉस कितनी खडूस थी वो 5 मिनट लेट आए उसके लिए भी उसकी सैलरी काट लेती है और वहीं दूसरी मल्हार अपने pa से कितने आराम से बात करता है और उपर से ऑर्डर नहीं देता बल्कि as a friend बोलता है सब कुछ
आरुषि भी आंखों मै प्यार लिए मल्हार को देख रही थी और उसने दोनों हाथों से उसकी बलैया लेते हुए मुस्कुरा कर कहा
" हाय इसकी हर अदा पर मैं फिदा "
हादी ने जल्दी से कहा
" मेम मिस्टर कश्यप......."
उसकी बात पूरी होने से पहले आरुषि ने झल्लाते हुए कहा...
" तुम हमेशा गलत वक्त पर क्यों टपक जाते हो अगर तुम्हारी बात फालतू हुई तो 5 या 10 नहीं सीधा 50 % सैलेरी कट होगी तुम्हारी "
हादी ने डर के मारे अपना गला तर करते हुए कहा
" मिस्टर आनंद आपसे मिलना चाहते हैं उन्होंने मीटिंग का शेड्यूल भेजा है "
क्या होगा जब आरुषि मिलेगी अपने स्टेप डेड से जानने के लिए पढ़ते रहीए
" Welcome to my dark side "
हादी की बात सुन कर आरुषि के चेहरे पर फीकी सी मुस्कान आ गई और उसने शेड्यूल देखना शुरू किया उसके दिल मै इस वक्त एक ही ख्याल चल रहा था उसे अपने डैड से मिलने के लिए भी शेड्यूल फिक्स करना पड़ता है कितनी बदनसीब थी वो!
कुछ देर बाद आरुषि कार मै बैठ चुकी थी और खुद ही ड्राइव कर रही थी यश राज को हॉस्पिटल से छुटी मिल गई थी ( जबरदस्ती आरुषि ने दिलवा दी थी 🤫) तो वो अपने घर था जहां अब आरुषि जा रही थी
कुछ देर बाद आरुषि की कार राज मेंशन के सामने जाकर रुकी और आरुषि एक टेढ़ी स्माइल लिए अंदर की तरफ बढ़ने लगी
उसके कदमों की स्पीड कुछ ज्यादा ही थी जिसे देख कर हॉल में बैठी शीना ने मुस्कुराते हुए कहा
" वेलकम आरुषि वह मैं ....... "
उसकी बात पूरी होने से पहले आरुषि ने उसे हाथ दिखा कर रोकते हुए कहा
" रियली सॉरी सीना क्या तुम दो कप कॉफी भिजवाओगी मेरे कमरे में एक्चुअली मुझे यश से जरूरी बात करनी है मैंने उसे वहां बहुत ज्यादा मिस किया है मुझे उसे देखना है ....... "
इतना बोलकर आरुषि तेजी से सीडीओ की तरफ चली गई और शीना बस उसे जाते हुए देखते रह गई
उसके बाद सीना ने पैर पटकते हुए किचन में जाते हुए कहा
" मैं यहां इसकी नौकरानी लगी हुई हूं जब देखो ऑर्डर देती रहती है बस एक बार उन प्रॉपर्टी पेपर पर साइन कर दे उसके बाद इसकी जान तो मैं अपने हाथों से लूंगी बस तब तक और करवा लो अपनी सेवा "
इतना बोलकर वह कॉफी बनाने लगी वही आरुषि तेजी से अपने कमरे की तरफ गई और दरवाजा खोलते हुए यश को ढूंढने लगी और वह उसे बेड पर बैठा दिख गया........
उसका चेहरा दरवाजे की तरफ नहीं था शायद वह अपनी दवाइयां चेक कर रहा था
आरुषि उसके पास गई और तुरंत झुकते हुए उसे टाइट हग करते हुए बोली
" आई रियली मिस यू हनी मैं तुम्हें बहुत-बहुत बहुत ज्यादा मिस किया तुम ठीक तो होना "
वही यश राज अपने जख्मों पर इतनी टाइट पकड़ महसूस कर दर्द से बौखला उठा और सिसकियां भरते हुए बोला
" आह shhhh प्लीज थोड़ा लूज हग करो मुझे चोट लगी है "
आरुषि ने ऐसा रिएक्ट किया जैसे उसे सच में नहीं पता था वह तुरंत यश से दूर होते हुए बोली आई एम रियली रियली सॉरी मुझे पता नहीं था तुम्हें चोट कैसे लगी?
वही उसके इतना तेज हग करने से यश की कई जगह की चोटों से खून रिसने लगा था जिसे देखकर आरुषि के दिल को ठंडक मिल रही थी पर वह चेहरे पर ऐसा दिख रही थी जैसे उसे बहुत ज्यादा गिल्ट फील हो रहा है उसने यश के शर्ट को एक साइड करते हुए कहा
* ओ माय गॉड यहां से तो बहुत ज्यादा ब्लड निकलने लगा है "
यश ने रोनी सूरत बनाकर कहा
" हां पता नहीं किसने मुझे मारने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था डीलर शंकर नाम करके कोई था उसने मुझे इतना मारा इतना मारा ........."
इतना बोलते बोलते गैस की आंखों से लगभग आंसू नीचे गिरने वाले थे उसकी रोने वाली आवाज सुनकर आरुषि की खुशी सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी पर उसने यश का चेहरा अपने हाथों में भरते हुए कहा
" इस शंकर के बच्चे को तो मैं छोडूंगी नहीं तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारा बदला लेकर रहूंगी "
आरुषि को मन ही मन हंसी भी आ रही थी कि वह खुद से ही बदला लेने की बातें कर रही है पर यश को लग रहा था आरुषि उसके प्यार में कितनी पागल है वह उसके लिए सच में किसी गुंडे से जाकर भीड़ जाएगी
आरुषि उसके करीब बैठी और उसकी बाजू पकड़ कर उसके कंधे पर सर रखते हुए बोली
" मेरा वहां बिल्कुल मन नहीं लग रहा था "
वही उसके सर रखने से यश के कंधे पर लगी चोट मै दर्द होने लगा और वो उसे खुद से दूर करते हुए बोला
" Baby यहां भी चोट लगी है मुझे 🥺 "
आरुषि ने कहा
" O.. sorry.. मुझे लगा था हम अपनी सुहागरात सेलिब्रेट करेंगे 😥 तुम तो हर जगह से टूटे फूटे हो बाप बनने लायक तो हो ना कहीं 😟.......?"
आरुषि ने अपना सवाल अधूरा छोड़ दिया था और यश के चेहरे को देख रही थी यश ने थोड़ा झेंपते हुए कहा
" तुम सही कह रही हो मैं हर जगह से टूट चुका हूं पर डोंट वरी हमारा बच्चा इस दुनिया में जरूर आएगा मै वैसे बिल्कुल ठीक हु "
आरुषि नाम उसका गंदा हल्के से थप थप आते हुए कहा फिर ठीक है इतने में ही सी भी तीन कॉफी के कप लिए रूम के अंदर आ चुकी थी
To be continued
This chapter 😂😂😂😂😂😂 Aarushi is unbelievable 🤣🤣🤣🤣
शीना के आते ही आरुषि चुप हो गई और शीना उन दोनो को कॉफी मग देते हुए बेड पर ही सिरहाने की तरफ बैठ गई
आरुषि ने स्माइल करते हुए उसे देखा और फिर कॉफी पीते हुए बोली
" हनी मुझे पता कैसे चलेगा कि डीलर शंकर रहता कहा है?"
यश राज हे गहरी सांस छोड़ते हुए कहा
" वो सब तुम्हे शशांक बता देगा वो भी वहीं पर था बस उसे चोट नहीं लगी है वो सही सलामत है "
आरुषि ने एक आईब्रो चढ़ाते हुए कहा
" ओह शशांक उसे तो मैं भूल ही गई "
उसका लहजा इस तरीके का था कि शीना और यश राज दोनों अपने कॉफी मग की बजाए अब उसकी तरफ देख रहे थे
ये देख कर आरुषि ने बत्तीसी चमकाते हुए कहा
" आई मिन मै उसे बिल्कुल भूल ही चुकी थी वो भी यश के प्रोजेक्ट में पार्टनर है ना "
ये सुन कर शीना और यश ने हा मै मुंडी हिला दी आरुषि की कॉफी भी खत्म हो चुकी थी और उसका फोन भी बज उठा....
ये देख कर आरुषि ने उन्हें एक्सक्यूज मि कहा और कॉफी मग साइड टेबल पर रखते हुए उठ कर बालकनी की तरफ आ गई
सामने से मल्हार ने कहा
" पहुंच गई घर? "
आरुषि ने हल्की सी शर्माहट भरी आवाज मै कहा
" मेरी फिक्र हो रही थी आपको ?"
मल्हार ने गुस्से से अपनी उंगलियों को अपने माथे पर रब करते हुए कहा
" हा ऐसा ही कुछ अकेले ड्राइव करके गई थी दूसरा अपने दुश्मन पति के पास! मै तुमसे बिज़नेस के मामले मै जुड़ चुका हूं तो सोच रहा था मर वर गई तो मेरा नुकसान हो जाएगा उसकी भरपाई भी तुम्हारा पति नहीं करेगा "
यश को याद करके मल्हार को गुस्सा आ रहा था....
मल्हार ने बिना आरुषि का जवाब सुने कॉल कट कर दिया और फिर अपने कमरे मै लगी एक बड़ी सी फ्रेम के पास गया...
उसमें उसके मम्मा पापा की फोटो थी जिस पर फूलों का हार चढ़ा हुआ था...
" मां आपको पता है उस लड़की मै मुझे आपकी छवि दिखने लगी बिल्कुल आपकी तरह जिद्दी है , जो हासिल करना है उसके पीछे पूरी पागल ना आगे का सोचती है ना पीछे का "
फिर उसने अपनी आंखों मै आया पानी पोंछ ते हुए कहा
" अगर उस दिन उसने आपकी इंसल्ट ना की होती तो आज मैं उसे जरूर अपना लेता, मानता हूं उसने बचपने में की थी आपने उसे माफ भी कर दिया, पर मैं उसे माफ नहीं करना चाहता, मै चाहता हूं उसे सबक मिले "
इतना सोचते सोचते ही मल्हार को फ्लैस बैक याद आने लगे....
आरुषि बुरी तरह थक चुकी थी इसलिए मल्हार ने उसे अपने घर रुकने की सलाह दी वो दोनो लड़के वैसे भी मल्हार की मार खा कर बेहोश हो चुके थे
आरुषि मल्हार के घर के अंदर गई छोटा सा घर था पर खूबसूरती बेमिसाल थी
आरुषि ने डेकोरेशन मै इंट्रेस्ट लेते हुए कहा
" किसने अरेंज किया है इस घर को? "
मल्हार ओपन किचन में जाते हुए बोला
" मैने "
उसकी बात सुनकर आरुषि एकदम स्तब्ध रह गई उसकी नज़रें मल्हार पर टिकी थी जो अब किसी प्रोफेशनल शेफ की तरह उसके लिए कॉफी बना रहा था
आरुषि ने कहा क्यों तुम्हारी मामा तुम्हारी बहन वह सब नहीं रहती तुम्हारेसाथ
मल्हार ने दूध में काफी डालते हुए कहा हां मेरी मामा रहती है ना मेरे पापा भी रहते हैं पर वह दोनों इस वक्त बीमार है तो हॉस्पिटल में है बाकी मैं इकलौता बेटा हूं मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए बचपन से ही मैं लड़कों और लड़कियां दोनों के काम सीखे हैं
आरुषि ने स्माइल करते हुए कहा
" दिस इज इंटरेस्टिंग "
आरुषि ने और मल्हार ने साथ मै कॉफी पी सब कुछ बढ़िया चल रहा था कि शाम होते होते आरुषि को नींद आने लगी पर वो कपड़ों मै कंफर्टेबल नहीं थी इसलिए उसने नहा कर मल्हार का एक व्हाइट शर्ट पहन लिया
वहीं मल्हार अपने ऑफिस के प्रोजेक्ट मै बिजी हो चुका था इसलिए उसने ध्यान नहीं दिया कि आरुषि क्या कर रही है
शाम के करीब 5 बजे
डोर बेल बजी और मल्हार दरवाजा खोलने बाहर गया
तो बाहर मल्हार की मां और पापा खड़े थे उन्हें देख कर मल्हार ने मुस्कुराते हुए उनके पांव छू लिए
उन्हें मल्हार का एक आदमी ड्रॉप करके गया था
कल्याण राव और विशाखा दोनों को सीरियस ट्यूमर था इसलिए डॉक्टर उन्हें ज्यादा से ज्यादा घर रहने की सलाह देने लगे थे....
विशाखा अंदर आते ही सीधे मल्हार के कमरे में गई और वहां उसके बेड पर एक लड़की को सिर्फ शर्ट में सोता देख कर एकदम चौंक उठी और तेज चिल्लाते हुए बोली
" मल्हार !"
मल्हार एकदम से हड़ बड़ाते हुए बोला
" हा मा आप ठीक तो है "
कल्याण राव और मल्हार दोनों दौड़ते हुए कमरे में गए वही मल्हार की नजर जैसे ही उट पटांग तरीके से सोते हुई आरुषि पर पड़ी उसकी आंखें छोटी हो गई और उसने अपनी मां को बाहर लाते हुए कहा
" मैं आपको सब बताता हूं मां यह लड़की "
विशाखा ने तेज आवाज में कहा
" बिना शादी तुम कैसे किसी लड़की के साथ सो सकते हो मल्हार? क्या हम ने यह संस्कार दिए हैं तुम्हें "
कल्याण राव भी गुस्से मै मल्हार को घूर रहे थे
मल्हार की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई उसकी मां तो अपने ही ख्याली पुलाव पका रही थी मल्हार ने तीन चार बार ना में गर्दन हिलाते हुए कहा
" जैसा आप सोच रही हो वैसा नहीं है मां "
इसके अगले ही पल विशाखा ने एक जोरदार थप्पड़ मल्हार के गाल पर जोड़ दिया और मल्हार ने पप्पी फेस बनाते हुए कहा
" मां आप बिना गलती मुझे क्यों मार रहे हो मैंने उसे छुआ तक नहीं है "
To be continued thank you so much for reading this novel..
मल्हार की पलकें झुक चुकी थी एक थप्पड़ खा के उसे लगा वो कुछ नहीं बोलेगा तो सब कुछ शांत हो जाएगा
पर उसकी इस खुशी पर पानी फेरते हुए आरुषि उठ गई और बाहर आते हुए बोली
" एक कप कॉफी मिलेगी माचो मेन "
वो अब भी मल्हार का शर्ट पहन कर ही बाहर आई थी
उसे देख कर विशाखा और कल्याण राव दोनों ने नज़रें फेर ली और मल्हार ने अपना माथा पीट लिया
यह लड़कि हमेशा ही गलत टाइम पर क्यों एंट्री लेती है उसने आरुषि का हाथ पकड़ते हुए कहा
" तुम कमरे में जाओ अभी इन लोगों को गलतफहमी हो गई है कि तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो !"
इतना सुना भर था कि आरुषि जोर - जोर से हंसने लगी उसको हंसता देख कर विशाखा ने कंफ्यूजन में उसे देखा तो आरुषि ने अपनी हंसी दबाने की कोशिश करते हुए कहा
" आपको लगता है आपके बेटे ने और मैंने वन नाइट स्टैंड कर लिया है इसलिए आप इस पर चिल्ला रही हो "
विशाखा ने एक नजर गुस्से से मल्हार को देखा और फिर आरुषि को देख कर कहा
" तुम मेरे बेटे से शादी कर लो ऐसे एक बार संबंध बनाने के बाद यह तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता "
आरुषि ने झटके से मल्हार से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा
" आपका बेटा मेरे लायक नहीं है समझी आंटी जी आप ऐसे फ़टीचर रोज मेरे आगे पीछे घूमते हैं आरुषि आनंद नाम है मेरा कोई राह चलती लड़की नहीं हूं मैं जो मुंह उठाए और अपने बेटे से शादी करवा दी "
विशाखा थोड़ा असहज हो गई उसने आरुषि से नजरे हटाकर मल्हार को देखा तो मल्हार की आंखें भी गुस्से में दहक रही थी उसने आरुषि को देख कर कहा
" हा हो तुम बड़ी मालकिन लेकिन अपने घर में यह मेरी मां है उनकी इज्जत तुम्हें करनी पड़ेगी तुम जिस घर में खड़ी हो वह इनका है समझी "
आरुषि ने बेफिक्रि से अपने बाल झटके और अंदर जाते हुए बोली
" नहीं मैं बिल्कुल नहीं समझी "
उसके जाते ही विशाखा ने कहा
" तुम्हें उदास होने की जरूरत नहीं है अगर वह थोड़ी बिगड़ैल है तो तुम सुधार लेना लेकिन मैं चाहती हूं वही इस घर की बहू बने बस बात खत्म "
इतना बोल कर वह सोफे पर जाकर बैठ गई और कल्याण राव ने मल्हार को देख कर थोड़ा आराम भरे लहजे में धीरे से कहा
"तुम्हारी मां तो जिद्दी है पर एक बार तुम देख लेना पूरी जिंदगी उसके साथ बिता सकते हो या नहीं "
इतना बोल कर वह भी विशाखा जी के पास जाकर बैठ गए वहीं मल्हार का तो सर घूम रहा था एक तरफ उसकी मां है और दूसरी तरफ आरुषि दोनों में ही जिद्दी कम नहीं है ।
वह धीमे कदमों से चल कर आरुषि के पास गया जहां आरुषि बेड पर बैठ कर अब पूरे कमरे को देख रही थी वह तब ज्यादा थकी हुई थी तो उसने कमरा देखा नहीं था अच्छे से
मल्हार को आते देख कर उसने एक स्माइल करते हुए कहा
"तुम्हारी मां भी ना क्या क्या सपने देखती है ?"
मल्हार ने हल्का गुस्से में कहा
"देखो मैडम जी अपनी यह बदतमीजी अपने पास रखो और दूसरी बात मैं भी कोई चलता फिरता लड़का नहीं हूं हां आपके जितनी बड़ी कंपनी नहीं है मेरे पास बट एक दिन बन जाएगी और वैसे भी आपका पति तो आपको मारना चाहता है अगर आप कंफर्टेबल हो तो मैं भी शादी करने के लिए तैयार हूं असली शादी नहीं तो फेक मैरिज ही कर लो क्योंकि मेरे मम्मी पापा की तबीयत खराब है डॉक्टर ने कहा है उनके पास कुछ ही दिन है तो अगर एक बार फेक मैरिज भी कर लोगी तो वह खुश हो जाएंगे उसके बाद तुम मुझे डाइवोर्स दे सकती हो "
आरुषि गुस्से से उठी और उसके पास जाकर उसकी कॉलर पकड़ते हुए बोली
" मल्हार राव यही नाम बताया ना तुमने अपना पर मैने आज तक नहीं सुना मैंने छोड़ो मेरे घर के नौकरों ने भी नहीं सुना होगा तो तुम्हें कैसे लगता है मैं कैसे भी मैरिज तुम्हारे साथ करूंगी फेक या रियल आइंदा मुझे यह बोलने से पहले हजार बार सोचना समझे "
इतना बोल कर वह वॉशरूम की तरफ गई जहां उसने अपने कपड़े रखे थे वह अगले आधे घंटे बाद तैयार होकर राव मेंशन से निकल चुकी थी और मल्हार हताश वहीं बेड पर बैठा था उसे सबसे ज्यादा बुरा अपनी मां के लिए लग रहा था कि वह उसे जाकर क्या कहें ?
Flash back end
इस इंसिडेंट के कुछ दिन बाद ही मल्हार के मां पापा गुजर गए और मल्हार को आरुषि से जैसे नफरत हो गई ।
To be continued
मल्हार की आँखों में एक बार फिर पानी छलक आया था, जिसे उसने बखूबी आँखों से बहने से रोक दिया और बेड पर लेटते हुए अपनी आँखें बंद कर ली।
ये दो दिन आरुषि के साथ बिताने के बाद, ये खाली घर उसे काटने को दौड़ रहा था। इसलिए उसे नींद नहीं आ रही थी। उसे जब-जब आरुषि की बचकानी हरकतें याद आती हैं, उसके डार्क ब्राउन होठों पर अपने आप एक स्माइल आ जाती है।
वहीं दूसरी तरफ,
यशराज और आरुषि भी बेड पर लेटे हुए थे... आरुषि ऐसे दिखावा कर रही थी जैसे उसे नींद आ रही हो।
उसने नींद में ही अपना पैर मोड़ते हुए, अपने घुटने को जोर से यशराज के थाई पर रख दिया, जहाँ उसे भयंकर वाली चोट लगी थी। और उसके ऐसा करते ही यशराज की दर्द के मारे चीख निकल गई। आरुषि हड़बड़ा कर आँखें खोलते हुए बोली,
"तुम्हें लगी क्या? आई एम रियली सॉरी।"
ऐसा बोलते हुए उसने अपना पाँव हटा लिया। वहीं दर्द के मारे यशराज की आँखों में आँसू भी आ गए थे, शायद वहाँ कुछ ज़्यादा ही चोट लगी थी। फिर उसने आरुषि की तरफ़ देखकर, जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा
, "ठीक है, कोई बात नहीं। नींद में पेर लग ही जाता है। तुम थोड़ा दूरी बनाकर सो जाओ, फिर नहीं होगा।"
आरुषि ने हाँ में सर हीला दिया, और उससे थोड़ी दूरी बना ली। पर अगले दस मिनट बाद ही यह सिलसिला फिर से शुरू हो गया। इस बार आरुषि का पैर सीधा उसके हाथ पर लगा था, जहाँ बैंडेज बंधी थी (उसका हाथ वहाँ से टूटा हुआ था)।
उसके ऐसा करते ही आरुषि एक बार फिर हड़बड़ा गई और उठते हुए बोली,
"मुझे लगता है मुझे तुम्हारे पास नहीं सोना चाहिए।"
यह सुन कर यश राज अपना अच्छा रूप दिखाते हुए बोला,
"नहीं-नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है बेबी, तुम मेरे पास सो सकती हो। सोफ़े पर तुम एडजस्ट नहीं हो पाओगी और पूरी रात परेशान रहोगी। यह बेड तो इतना बड़ा है, तुम थोड़ा और उधर सो जाओ, इस बार नहीं होगा।"
आरुषि मन ही मन हँस रही थी, वहीं चेहरे से ऐसा प्रिटेंड कर रही थी जैसे वह सच में यश राज को चोट नहीं पहुँचाना चाहती है। वह थोड़ा और दूर हट कर लेट गई।
वही यशराज ने अपने कंधे को सहलाते हुए दर्द से अपने जबड़े कस लिए। उससे यह दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था, फिर भी वह बर्दाश्त करने की कोशिश कर रहा था।
उसने आरुषि के सोने के बाद खुद को थोड़ा और बेड के किनारे कर लिया। ताकि आरुषि उस तक ना पहुंच पाए वहीं आरुषि ने जब यह महसूस किया, तो उसे मन ही मन हँसी आने लगी। करीब आधे घंटे बाद आरुषि का पैर सीधा करवट लेकर सोए यशराज के बम पर लगा और इस बार वह इस क़दर चिल्लाया मानो आज उसका आखिरी दिन हो। और आरुषि जल्दी से उठी और लाइट ऑन करते हुए बोली
"हे राम! ये क्या हो गया मुझसे?"
यशराज फ़र्श पर पड़ा दर्द से बिलख रहा था। आरुषि जल्दी से बेड की दूसरी साइड जाकर उसके पास बैठकर बोली
, "क्या तुम्हें ज़्यादा दर्द हो रहा है?"
यशराज ने उसे हैरानी से देखा, जैसे कहने की कोशिश कर रहा हो, "नहीं, उसे दर्द नहीं हो रहा, उसे मज़ा आ रहा है।" पूछ तो ऐसे रही थी!
आरुषि ने उसे उठाते हुए कहा,
"आई एम रियली सॉरी। मैं तो तुम्हें पहले ही बोल रही थी कि मुझे सोफ़े पर सो जाना चाहिए।"
इस बार यशराज ने अपनी अच्छाई न दिखाते हुए साफ़-साफ़ कहा,
"हाँ बेबी, मुझे भी यही लग रहा है। एक बार मेरी चोट ठीक हो जाए, उसके बाद हम दोनों एक साथ सोएँगे।"
आरुषि ने दो-तीन बार हा मै सर हिलाया और जाकर सोफ़े पर लेट गई। इस बार यशराज ने चैन की साँस ली। वहीं आरुषि सोफ़े पर लेटी - लेटी हँस रही थी।
Next morning,
आरुषि आज जल्दी उठ चुकी थी, क्योंकि उसे सोफ़े पर अच्छे से नींद नहीं आई थी...
वह गार्डन में बैठी-बैठी कॉफ़ी पी रही थी। वहाँ एकदम शांति पसरी थी, आस पास के पेड़ो से ठंडी हवाएं आ रही थी और कोई नहीं था वहां क्योंकि सुबह के छह बजे ना तो शीना की नींद खुलती है, ना यशराज की। बस दो मेड थीं जो घर की साफ़ - सफ़ाई कर रही थीं।
उनमें से एक ने आरुषि को कॉफ़ी बना कर दी थी। आरुषि ने लगभग आधा मग कॉफ़ी ख़त्म की थी कि उसका फ़ोन बज उठा।
आरुषि ने फ़ोन पर फ़्लैश होते नाम को देखा, ये हादी का कॉल था...
आरुषि ने फ़ोन उठाते हुए कान से लगाया तो उधर से हादी ने कहा,
"वो वाइस प्रेसिडेंट सर आपका शेड्यूल पूछ रहे थे!"
ये शब्द उसने डरते हुए कहे थे, क्योंकि उसे पता था आरुषि अपने स्टेप-डैड से बिल्कुल लगाव नहीं रखती है!
पर आरुषि ने शांति से कहा,
"उन्हें कहना सुबह आठ बजे मैं पहुँच जाऊँगी आनंद इंटरप्राइजेज़ में। उन्हें जो बात करनी है वहीं कर लेंगे।"
कुछ वक़्त बाद आरुषि तैयार होकर घर से निकल चुकी थी और यशराज दवाइयों के नशे में अब तक भी सो ही रहा था।
आनंद इंटरप्राइजेज़
आरुषि की कार वहाँ जाकर रुकी और आरुषि बाहर निकल कर तेज क़दमों से अंदर जाने लगी। वहाँ खड़े पहरेदारों ने झुक कर उसे ग्रीट किया। आरुषि फ़ुल सीईओ स्टाइल में चलती हुई अंदर जा रही थी। उसने आज भी एक फ़ॉर्मल ड्रेस पहनी थी: व्हाइट शर्ट को ब्राउन पैंट के साथ इन करके और उसके नीचे ब्राउन बूट्स...
अंदर जाकर आरुषि अपने केबिन में बैठी ही थी कि उसका दरवाज़ा खटखटाया गया।
आरुषि ने कम-इन कहा तो एक 35-36 साल का आदमी अंदर आया। ये थे अटल आनंद,
आरुषि के असली फ़ादर के कज़िन ब्रदर...
उसके पापा की डेथ के वक़्त इनकी शादी नहीं हुई थी तो आरुषि की मम्मा ने इनसे शादी कर ली थी...
जिनसे एक बेटा हुआ जो अभी स्कूल में पढ़ता है।
आरुषि ने उन्हें चेयर ऑफ़र करते हुए कहा, "बैठिए सर, क्या काम था आपको मुझसे?"
अटल उसके सामने बैठते हुए बोला,
"एक्चुअली, मैं यहाँ का वाइस प्रेसिडेंट हूँ तो सबको लगता है कि मैं यहाँ एम्प्लॉयी भी हायर कर सकता हूँ। अब यह अंदर की बात है कि एम्प्लॉयी हायर करने का सारा काम सिर्फ़ तुम देखती हो। तो मेरी रिश्तेदारी में एक लड़की है जिसको जॉब की ज़रूरत है। मैं चाहता हूँ वह यहाँ काम करे। अगर तुम्हारी इजाज़त हो तो..."
यह बोलते वक़्त अटल थोड़ा झिझक रहा था, क्योंकि आरुषि का खौफ़, एक सीईओ के तौर पर , सबको है, चाहे फिर वह उसका बाप ही क्यों ना हो।
आरुषि ने कुछ सोचते हुए कहा, "कौन रिश्तेदार हैं आपकी?"
अटल ने कहा, "एक्चुअली, मेरी जो गर्लफ़्रेंड है, उसकी छोटी बहन है।"
आरुषि को अटल की पर्सनल लाइफ़ से कभी कोई दिक्कत नहीं थी, क्योंकि उसकी उम्र अभी भी इतनी नहीं थी कि वह एक सिंगल फ़ादर बनकर रहे। इसलिए उसने कभी उसके रिश्ते में कोई इंटर फ़ेयर नहीं किया, कि आखिर वह दूसरी शादी क्यों कर रहा है। अगर उसकी माँ दूसरी शादी कर सकती है, तो अटल क्यों नहीं? उसने कुछ सोचते हुए एक गहरी साँस छोड़कर कहा,
"ठीक है, आप उसे कल से ज्वाइन करवा सकते हैं। और उसका काम हादी को सौंप दूँगी, वह उसे सिखा देगा सब कुछ।"
अटल ने हाँ में सर हिलाते हुए स्माइल के साथ कहा,
"थैंक यू, बेटा।"
और फिर उठते हुए वहाँ से चला गया।
आरुषि को खुद के लिए बहुत बुरा लगा। उसके पापा ने एक बार भी नहीं पूछा कि वह कैसी है, आखिर उसकी शादीशुदा ज़िंदगी कैसी चल रही है। वह आया, अपना काम किया और चला गया। हमेशा से यही होता आया है, जो आरुषि को सबसे ज़्यादा चुभता है। नाम का ही सही, पर आखिर वह उसका पिता है।
आरुषि का मूड ऑफ़ हो गया था इन सब से। और उसके मूड को ऑन करने का एक ही उपाय था: मल्हार को परेशान करना। मल्हार का ख़्याल आते ही उसके होठों पर फिर से स्माइल आ गई और उसने अपना फ़ोन उठाते हुए मल्हार का नंबर डायल कर दिया।
मल्हार जो वापस अपने रूटीन में आ चुका था, हिल टॉप पर जाकरशर्ट लेस हो कर पुश अप लगा रहा था। ठंडी हवाएँ चल रही थीं और सामने सूर्योदय हो रहा था। आज भी उसके हाथ में वही कलावा बंधा था और उसके गले में वह रुद्राक्ष की माला उसके चौड़े सीने से लग कर बज रही थी।
उसका फ़ोन उसके पास ही रखा था। उसने जैसे ही आरुषि का नंबर देखा, एक पल के लिए एक खुशी की लहर उसके शरीर में दौड़ गई। रात को उसको याद करते - करते सोया था और सुबह उठते ही उसका फ़ोन भी आ गया। पर अगले ही पल उसने थोड़ा गुस्से में खुद से कहा,
"नहीं, मल्हार राव, तुम इतने कमज़ोर नहीं हो सकते हो। यह लड़की इतनी बचकानी हरकतें करके मुझे कभी इम्प्रेस नहीं कर सकती है।"
इतना सोच कर उसने अपना गला साफ़ किया और फिर फ़ोन उठाकर बोला, "जी मैडम, बोलिए।"
उधर से आरुषि ने कहा,
"तुम्हारी नौकरी ख़तरे में है, मिस्टर राव।"
यह सुनकर मल्हार एक पल के लिए डर गया। फिर अगले ही पल बोला, "आखिर मेरी नौकरी कैसे ख़तरे में हो सकती है? मैं तो खुद अपनी कंपनी का मालिक हूँ।"
आरुषि ने कड़क आवाज़ में कहा, "मिस्टर मल्हार, आप भूल गए, आपने मेरे साथ पार्टनरशिप की है एक प्रोजेक्ट में।"
मल्हार ने एक चैन की साँस लेते हुए अपने मन में कहा, "यह लड़की भी ना..."
और फिर उसने आरुषि से कहा,
"उसका काम तो कल ही ख़त्म हुआ है, तो मैं कैसे उससे बाहर हो सकता हूँ?"
आरुषि ने कहा,
"क्योंकि मैं कर सकती हूँ।"
मल्हार ने अपना सर पीट लिया और फिर गुस्से में बोला,
"तो फिर कर दो। मैं सुबह-सुबह लेक्चर बिल्कुल नहीं सुन सकता हूँ। अगर आपको बाहर ही करना है तो इतना झंझट भी क्यों किया? मैं अपनी कंपनी में भी खुश हूँ। कम मिलेगा तो भी चलेगा।""
आरुषि का चेहरा उदास हो गया। उसे लगा था मल्हार बोलेगा कि वह अभी काम पर आ रहा है। वह कैसे उसे निकालेगी? पर यहाँ तो उल्टा ही हो रहा है। मल्हार उसे सामने से बोल रहा है कि वह उसे निकाल दे। आरुषि ने अपनी आवाज़ में कड़कपन जारी रखते हुए कहा,
"मुझे तुमसे अभी मीटिंग करनी है। अगले आधे घंटे में तुम मुझे मेरे सामने चाहिए, समझे? वह भी एक अच्छे लुक में।"
मल्हार ने मिमियाते हुए कहा, "अब मेरे अच्छे लुक का क्या अचार डालना है?"
पर आरुषि ने उसके बोले गए धीमे शब्द भी सुन लिए थे। उसने भी उसी टोन में कहा,
"अचार डालना भी है और फिर उसे मज़े से खाना भी है। तुम जल्दी से आ जाओ।"
वहीं दूसरी तरफ़ यशराज और शीना उठ चुके थे। यशराज ने गुस्से में कहा,
"वह कैसे मुझे बिना बताए कहीं भी जा सकती है? आखिर मुझे इतनी चोट लगी है, उसे मेरी परवाह क्यों नहीं है? ऊपर से अभी तक उसने प्रॉपर्टी पेपर साइन क्यों नहीं किए हैं? कब तक मुझे यह ड्रामा करना होगा?"
शीना ने कहा, "
मुझे नहीं लगता सीधे हाथ वह पेपर साइन करेगी। हमें कोई टेढ़ा तरीका अपनाना पड़ेगा।"
यशराज ने अपना सर पकड़ते हुए कहा,
"पर उसकी तो कोई कमज़ोरी भी नहीं है। वह तो किसी को पसंद भी नहीं करती है कि उसका नाम लेकर हम उसे ब्लैकमेल कर सकें।"
शीना मुस्कुराते हुए बोली,
"पर वह दिल की बहुत अच्छी इंसान है। अब तुम देखते जाओ यह शीना क्या करती है। कल ही आरुषि खुद आकर वह पेपर साइन भी करेगी और हमारे हाथों में प्रॉपर्टी भी आएगी। और आरुषि हमारे हाथों मारी भी जाएगी"
ये सुनकर यशराज ने उसके फ़ोरहेड को चूमते हुए कहा,
"जब तक तुम मेरे साथ हो, मुझे नहीं लगता मैं कभी हारूँगा। तुम हमेशा कोई ना कोई सॉल्यूशन निकाल ही लेती हो हर चीज़ का, तो इसका भी जो सॉल्यूशन निकाला है, पक्का ही बहुत अच्छा होगा। और आरुषि की प्रॉपर्टी हम दोनों के नाम होगी।"
इतना बोल कर दोनों ही शैतानों की तरह हँसने लगे। पर यशराज की हँसी कुछ ही देर की थी, क्योंकि उसकी चोटों पर कल रात आरुषि ने इतने वार कर दिए थे कि अब वह थोड़ा सा भी हिल रहा था तो दर्द से उसकी जान निकल रही थी। शीना ने उसे ऐसा करते देख जल्दी से डॉक्टर को कॉल किया ताकि वह उसकी बैंडेज वग़ैरह बदल सके।
To be continued 🎀