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Arrogant ceo 's naughty wifey

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🍁...𝒕𝒉𝒆 𝒔𝒘𝒆𝒆𝒕 𝒈𝒊𝒓𝒍...🍁

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promo : "क्या तुमने कभी सोचा है कि अगर तुम्हारी किस्मत तुम्हारे ही खिलाफ साज़िश करने लगे, तो क्या होगा?" 💫 एक पहाड़ी पर बैठी लड़की, हाथ में कॉमिक बुक और दिमाग में रोमांटिक सपने। उसे बस हीरो-हीरोइन के बीच का ड्रामा पसंद था, लेकिन किसे पता था...

Total Chapters (45)

Page 1 of 3

  • 1. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 1

    Words: 1320

    Estimated Reading Time: 8 min

    सुनहरी धूप पहाड़ियों पर बिखरी थी, हल्की-हल्की ठंडी हवा बह रही थी, और चारों तरफ एक ऐसी खूबसूरती थी, जो किसी जादुई दुनिया जैसी लगती थी। हरे-भरे पेड़ों के बीच, एक छोटी-सी झील के किनारे, एक पत्थर पर बैठी एक लड़की सफेद रंग की हल्की-सी फ्रॉक पहने हुए थी।

    उसके हाथ में एक कॉमिक बुक थी, और उसकी नज़रें उसमें बने हीरो पर टिकी हुई थीं।

    "हाय... कितना हॉट लग रहा है ये!" Miracle नाम की इस लड़की ने अपने होंठों पर उंगली रखते हुए उस shirtless हीरो की फोटो देखी, जो एकदम जानलेवा लग रहा था।

    "उफ्फ, अगर ये असलियत में होता ना, तो मैं इसे अभी पकड़ लेती!" Miracle ने अपनी जगह पर उछलते हुए कहा, और फिर उसने अपनी उंगली से कॉमिक के पन्ने पर बने हीरो के सीने पर टच किया।

    "आह... Six packs! मेरी जान ले लो!" उसने अपनी आँखें मूंद लीं और सपनों में खो गई।

    लेकिन तभी—

    "MIRACLE!!!"

    एक भारी, गंभीर आवाज़ गूंजी।

    "आह!" Miracle का पूरा सपना चकनाचूर हो गया, और वह एकदम चौकन्नी होकर सीधी बैठ गई।

    उसने पलटकर देखा।

    एक 62 साल के बुजुर्ग आदमी, लंबी सफ़ेद दाढ़ी, गहरी आँखें और कंधे तक लहराते सफेद बालों के साथ, गहरे नीले रंग का लबादा पहने खड़े थे। उनकी छवि किसी जादूगर की तरह थी, और उनके चेहरे पर एक अनोखी शांति थी—लेकिन इस वक्त उनका चेहरा गुस्से से तना हुआ था।

    Miracle ने अपनी कॉमिक छुपाते हुए मासूमियत से पूछा, "क्या हुआ बाबा? इतनी जोर से क्यों चिल्ला रहे हो?"

    बाबा ने गहरी सांस ली और गंभीर स्वर में बोले, "तुम्हें तुरंत मल्होत्रा परिवार के पास जाना होगा। अगर तुमने देरी की, तो उनका सबकुछ बर्बाद हो जाएगा।"

    Miracle ने ऊबते हुए एक लंबी सांस ली। "फिर से कोई ड्रामा? बाबा, मैंने आपको पहले ही बता दिया था कि मैं हीरोइन टाइप की लड़की नहीं हूँ। मैं साइड कैरेक्टर बनकर ही खुश हूँ!"

    बाबा की भौंहें तन गईं। "Miracle, ये कोई मज़ाक नहीं है। मेरी दोस्त की पूरी फैमिली खतरे में है!"

    Miracle ने कॉमिक के पन्ने पर उंगली घुमाई और लापरवाही से बोली, "हम्म... तो? मतलब, मुझे क्या करना है? जाके 'बेवजह की महेरबानियां' दिखानी हैं?"

    बाबा ने गहरी सांस ली। "तुम्हें मल्होत्रा परिवार की रक्षा करनी होगी। ये देश की नंबर वन फैमिली है, और उन्हें तुमसे मदद की ज़रूरत है।"

    Miracle ने आह भरी और आंखें घुमा लीं। "बाबा, वो इतने अमीर हैं, खुद को बचाने के लिए बॉडीगार्ड क्यों नहीं रख सकते? और वैसे भी, मैं उनकी सुपरहीरो नहीं हूँ।"

    बाबा ने उसे घूरा। "ये कोई आम मुसीबत नहीं है, Miracle। अगर तुम नहीं गईं, तो उनके साथ उनकी पूरी कंपनी भी तबाह हो जाएगी।"

    "तो?" Miracle ने कंधे उचका दिए। "बिजनेस चलाना उनका काम है, मेरा नहीं। और वैसे भी, मेरी कॉमिक का सबसे मजेदार पार्ट आने वाला था।"

    बाबा की नसें तन गईं। उन्होंने अपनी छड़ी उठाई और आकाश की ओर इशारा किया।

    "बस बहुत हुआ! अगर तू खुद नहीं जा सकती, तो मैं तुझे भेज देता हूँ!"

    "अरे-अरे, रुकिए! कोई ज़रूरत नहीं है! मैं कल चली जाऊँगी, वादा!" Miracle ने जल्दी से कहा, लेकिन बाबा ने उसकी एक न सुनी।

    ✨"समय चक्र, Miracle को ले चलो!"✨

    "अरे नहीं, नहीं, नहीं—!"

    चमकदार रोशनी फैली, और अगले ही पल—

    धप्प!

    Miracle किसी मुलायम चीज़ पर गिरी।

    "उफ्फ... बाबा हर बार बिना परमिशन के टेलीपोर्ट क्यों कर देते हैं?!" उसने कराहते हुए कहा।

    लेकिन जैसे ही उसने अपनी आँखें खोलीं, उसे झटका लगा।

    वह किसी अजनबी कमरे में थी—एक भव्य कमरा, महंगे फर्नीचर, सुनहरे पर्दे, और दीवारों पर बड़ी-बड़ी पेंटिंग्स।

    "रुको... मैं कहाँ हूँ?!"

    Miracle ने खुद को आईने में देखा... और वह वहीं जम गई।

    "क्या?! मैं... मैं मल्होत्रा परिवार की बहू अवनि के शरीर में आ गई हूँ?!"

    ----
    गर्म हवा हल्की-हल्की खिड़की से टकरा रही थी। कमरे में हल्का सुनहरा प्रकाश फैला हुआ था, और Miracle—जो अब अवनि के शरीर में थी—ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी खुद को देख रही थी।

    "वाह! मैं सच में इस लड़की के शरीर में आ गई!" उसने खुद को ऊपर से नीचे तक निहारा।

    "Hmm… शकल तो ठीक-ठाक है, मगर इस बेचारी का फैशन सेंस ज़ीरो है! क्या कोई आज के जमाने में इतनी सीधी-सादी बनकर घूमता है?!"

    Miracle ने अपने चेहरे पर हल्के से हाथ फेरा और बालों में उंगलियां फंसाकर मुस्कुराई।

    "चिंता मत कर, Miracle! अब तेरी लाइफ में ग्लैमर और धमाल दोनों होगा!"

    लेकिन तभी—

    "ठक!"

    दरवाजा खुला, और एक लंबा-चौड़ा आदमी कमरे में दाखिल हुआ।

    Miracle की आंखें चौड़ी हो गईं।

    "हे भगवान! ये आदमी है या ग्रीक गॉड?!!"

    उसका कद कम से कम 6.1 फीट, सफेद शर्ट से झलकती मस्कुलर बॉडी, काली फिटिंग पैंट, और चेहरे पर ऐसा एटीट्यूड कि मानो दुनिया उसकी मुट्ठी में हो!

    "हाय, मार डाला!" Miracle अंदर ही अंदर खुद को संभालते हुए बोली।

    मगर उसकी नज़रें अपने कंट्रोल में नहीं थीं। वह रूहान मल्होत्रा की शर्ट के अंदर से झलकती उसकी परफेक्ट एब्स को घूर रही थी।

    "उफ्फ, इतने हैंडसम पति के साथ कौन तलाक़ लेना चाहेगा?!!"

    पर तभी—

    "अवनि!!"

    रूहान गुस्से में दहाड़ा और तेज़ी से उसकी ओर बढ़ा।

    Miracle अभी भी उसे घूर ही रही थी, जब रूहान ने झपटकर उसके दोनों कंधे पकड़ लिए और झकझोर दिया।

    "अब मैं तुम्हारे साथ एक पल भी नहीं रह सकता! मुझे तुमसे तलाक़ चाहिए, अवनि!"

    Miracle की आंखें एकदम चौड़ी हो गईं।

    "तलाक़?! इतनी हॉट बीवी छोड़ रहा है? ये लड़का ठीक तो है?"

    उसने ऊपर से नीचे तक उसे स्कैन किया और फिर मन ही मन बोली—

    "वैसे बेचारे को देखकर नहीं लगता कि इसकी लाइफ में कोई प्रॉब्लम होगी..."

    रूहान, जो पहले ही परेशान था, अब अचानक असहज हो गया।

    "ये क्या कर रही है? ऐसे ऊपर से नीचे क्यों देख रही है?"

    वह अजीब महसूस कर रहा था, लेकिन Miracle तो अब भी उसे एक्स-रे मशीन की तरह देख रही थी।

    और तभी—

    "बेचारा कुछ दिनों में खुद चल भी नहीं पाएगा। इसकी कंपनी भी बर्बाद होने वाली है..."

    रूहान ने अचानक चौंककर इधर-उधर देखा।

    "ये आवाज़ कहां से आ रही है?!"

    Miracle अब भी उसकी तरफ देख रही थी, और तभी उसकी आंखें नीली चमक उठीं।

    उसे एक लड़की का चेहरा दिखा।

    "ओह, तो ये बात है!" उसने मन ही मन मुस्कराते हुए कहा।

    "इसकी प्यारी शक्शी ही इसे बर्बाद करना चाहती है। वही इसे धीमा ज़हर दे रही है, जिससे ये कुछ दिनों में लकवाग्रस्त हो जाएगा! बेचारे के साथ बहुत बुरा होने वाला है!"

    रूहान को जैसे बिजली का झटका लगा।

    "क्या बकवास कर रही हो?! शक्शी मुझसे प्यार करती है! वो मुझे धोखा नहीं दे सकती!"

    Miracle एकदम चौंकी।

    "रुको... इसने सुना?!"

    रूहान भी ठहर गया।

    "क्या... क्या मैं इसकी मन की बातें सुन सकता हूँ?!"

    Miracle अब तक शॉक में थी।

    "ये तुम क्या बकवास कर रही हो?!" रूहान गुस्से से बोला।

    Miracle मासूमियत से झपक-झपक कर उसकी ओर देखने लगी।

    "मैंने क्या कहा? मैं तो चुप ही हूँ!"

    रूहान ठहर गया।

    "इसका मतलब इसे नहीं पता कि मैं इसकी मन की बात सुन सकता हूँ..."

    वह इसे गौर से देखने लगा।

    फिर उसने ठंडी सांस भरी और गहरी आवाज़ में बोला—

    "सुनो, अब मुझे ज़्यादा परेशान मत करो। कल मेरे साथ चलो और तलाक़ लो। तुम मना नहीं कर सकती, क्योंकि उसके बदले मैं तुम्हें 50 लाख रुपये दूँगा!"

    Miracle की भौहें उचक गईं।

    "ओह... तो अब तलाक़ के साथ सौदा भी हो रहा है!"

    उसने हल्की मुस्कान दी, लेकिन अंदर ही अंदर, उसने मन बना लिया था।

    "रूहान मल्होत्रा, तुमने मुझे अपनी ज़िंदगी से निकालने का फैसला तो कर लिया... लेकिन अब देखना, Miracle तुम्हारी पूरी दुनिया कैसे हिला देती है!"

    (जारी रहेगा...)



    "अगर मेरी कहानी ने आपके दिल को छुआ हो, तो अपने प्यार से मुझे और लिखने की ताकत दीजिए! ❤️📖

    आपका एक फॉलो, एक कमेंट, और थोड़े से कॉइन्स मेरे लिए किसी इनाम से कम नहीं। 🌟✨
    तो देर मत कीजिए, फॉलो करें, शेयर करें और अगर मुमकिन हो, तो अपने कॉइन्स से सपोर्ट करें, ताकि मैं आपके लिए और भी बेहतरीन कहानियाँ ला सकूँ! 💕🎁

    आपका प्यार ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है! 🙏😊"

  • 2. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 2

    Words: 1502

    Estimated Reading Time: 10 min

    रूहान अब भी अवनि को देख रहा था, मानो उसे समझ नहीं आ रहा हो कि वह सच में बेवकूफ है या सिर्फ नाटक कर रही है।

    वहीं Miracle—जो अब अवनि के शरीर में थी—अपने मन में खुद से ही बातें कर रही थी।

    "तो मतलब, अगर मैं इस ग्रीक गॉड से तलाक़ ले लूँ, तो 50 लाख मिलेंगे?! फिर तो मैं बढ़िया खाना खा सकती हूँ! और मुझे अब किसी से उधार भी नहीं लेना पड़ेगा!"

    इतना सोचते ही उसकी आंखों में एक अलग ही चमक आ गई।

    लेकिन रूहान, जो उसकी मन की बातें सुन सकता था, अब पूरी तरह पक चुका था।

    "ये लड़की तलाक़ से दुखी होने की बजाय, सिर्फ खाने के बारे में सोच रही है?!"

    वह गुस्से में कमरे से बाहर चला गया।

    Miracle ने उसे जाते देखा और फिर पूरे कमरे को ध्यान से निहारने लगी।

    "हाय राम, ये तो पूरा महल है! मतलब मैं सच में किसी अमीर आदमी की बीवी हूँ?!"

    उसने उत्साहित होकर पूरे कमरे का एक चक्कर लगाया और फिर दरवाज़े की ओर बढ़ी।

    "इतनी बड़ी शादीशुदा लाइफ का मज़ा नहीं लिया, और अब तलाक़ लेने को कह रहा है! हद है!"

    जैसे ही वह बाहर आई, उसकी आंखें आश्चर्य से फैल गईं।

    "हे भगवान! ये घर है या किसी राजा का किला?!"

    चारों ओर कीमती झूमर, महंगे इटालियन फर्नीचर, और एक लंबा सीढ़ियों वाला हॉल था।

    "इतना बड़ा महल और इतनी बोरिंग लाइफ? ये क्या बात हुई!"

    Miracle ने अपने दुपट्टे को ठीक किया और पूरे मेंशन का टूर शुरू कर दिया।

    "चलो, जब तक तलाक़ नहीं होता, तब तक इस ऐशो-आराम का मज़ा ले ही लेते हैं!"

    वह इधर-उधर घूमते हुए आखिरकार मेंशन से बाहर निकल आई और तभी—

    "हे भगवान!"

    उसकी आंखें एक भव्य स्विमिंग पूल पर जाकर ठहर गईं।

    "इतना बड़ा पूल?! और मैं पूरी लाइफ एक छोटी टंकी में नहाकर काम चला रही थी! नाइंसाफी है!"

    वह तेज़ी से पूल के पास पहुँची और झुककर पानी को छूने लगी।

    "वाह! ठंडा पानी... अभी कूद जाऊँ तो?"

    तभी अचानक—

    "अवनि!"

    Miracle ने चौंककर सिर उठाया।

    उसके सामने दो लड़कियाँ खड़ी थीं—एक का चेहरा गुस्से से लाल था, तो दूसरी के होंठों पर एक तिरछी मुस्कान थी।

    Miracle ने उन्हें देखा और मन में बोली—

    "ओह, ये तो किसी टीवी सीरियल की विलेन टाइप लग रही हैं!"

    वह फिर से पूल के पानी में हाथ डालने लगी, मानो उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा।

    पहली लड़की—जिसका नाम रिया था—ने गुस्से में हाथ जोड़कर कहा,

    "तुम यहाँ क्या कर रही हो?"

    Miracle ने आलसीपन से उसकी तरफ देखा और बोली—

    "सांस ले रही हूँ, तुम्हें दिक्कत है?"

    दूसरी लड़की—शक्शी—ने नकली हंसी के साथ कहा,

    "तुम्हें तो शर्म आनी चाहिए! रूहान तुम्हें तलाक़ देने वाला है और तुम यहाँ स्विमिंग पूल के किनारे मस्ती कर रही हो?"

    Miracle ने अपनी जगह पर बैठकर टाँगें फैलाते हुए कहा—

    "तो? जब तलाक़ हो ही रहा है, तो दुखी होकर क्या मिलेगा? वैसे भी मैं गरीब घर की लड़की हूँ, ऐसे महलों में रहने का मौका बार-बार नहीं मिलेगा। तो सोचा, थोड़ा घूम-फिर लूँ!"

    "तुम्हारी ये लापरवाही बहुत जल्द तुम्हें इस घर से बाहर कर देगी!" शक्शी ने तीखे शब्द बोले।

    Miracle ने कंधे उचका दिए।

    "अरे, तुम इतनी टेंशन क्यों ले रही हो? वैसे भी कुछ दिनों में ये घर तुम्हारा ही होने वाला है, है ना?"

    "तुम क्या कहना चाहती हो?" शक्शी की आँखें सिकुड़ गईं।

    Miracle धीरे से मुस्कुराई।

    "कुछ नहीं, बस इतना कि मेरे जाने से पहले अगर तुम चाहो, तो मेरे साथ एक सेल्फी ले सकती हो! यादों के लिए!"

    "तुम्हारी इतनी हिम्मत!"

    रिया ने गुस्से से एक कदम आगे बढ़ाया, लेकिन तभी Miracle उठ खड़ी हुई और सीधे उसकी आँखों में देखती हुई बोली—

    "बात हिम्मत की नहीं, समझदारी की है। और वैसे भी, तुम्हारी दोस्त ने जो करने की सोची है, वो जल्दी ही पूरा हो जाएगा, है ना?"

    शक्शी का चेहरा एक पल के लिए हल्का उतर गया।

    Miracle मुस्कुराई और स्विमिंग पूल के पानी को उंगलियों से छूते हुए बोली—

    "मुझे हमेशा से डूबने का डर था... लेकिन अब लग रहा है कि जो असली डूबने वाला है, वो कोई और है!"

    शक्शी और रिया एक-दूसरे को देखने लगीं।

    Miracle उनकी आँखों के बदलते रंग देखकर मन ही मन हंसी।

    "अब असली मज़ा शुरू होगा!"

    -----


    अवनि (Miracle) की आँखें धीरे-धीरे हल्के नीले से चमकने लगीं, मानो कोई रहस्य उसके भीतर जाग रहा हो। उसने एक तीखी मुस्कान के साथ रिया की तरफ देखा, और उसकी आँखों का रंग गहरा हो गया।

    "तो ये है रिया मल्होत्रा... मल्होत्रा खानदान की इकलौती बेटी... जिसके साथ कुछ दिनों में बहुत बुरा होने वाला है।"

    अवनि के होंठों पर एक रहस्यमयी मुस्कान थी। उसकी आँखों में अजीब-सी दया थी, लेकिन उसके लहज़े में कुछ ऐसा था जो रिया को बेचैन कर रहा था।

    "क्या बकवास कर रही हो तुम?!" रिया ने चिढ़कर कहा।

    लेकिन अवनि ने उसकी बात को अनसुना करते हुए अपने मन में बोलना जारी रखा—

    "तुम अपने बॉयफ्रेंड की बर्थडे पार्टी में जाओगी... वहाँ गलती से किसी और कमरे में चली जाओगी... और फिर..."

    उसका स्वर अचानक गंभीर हो गया।

    "...कुछ आदमियों का सामना करोगी, जो तुम्हारे साथ बहुत बुरा करेंगे... और सिर्फ़ इतना ही नहीं, तुम्हारा वीडियो बनाकर तुम्हें ब्लैकमेल भी करेंगे।"

    रिया की साँसें तेज़ हो गईं।

    "तुम उनकी धमकी को हल्के में लोगी... और फिर वो वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया जाएगा..."

    रिया की आँखें भय से फैल गईं।

    "और फिर?"

    अवनि ने एक गहरी सांस ली और धीरे-से मुस्कुराई।

    "फिर मल्होत्रा फैमिली का पूरा रुतबा मिट्टी में मिल जाएगा..."

    💥 "बस!! चुप हो जाओ!!" रिया लगभग चीख पड़ी और घबराहट में इधर-उधर देखने लगी।

    उसे अब समझ आ गया था कि जो भी अजीब-सी आवाज़ उसके कानों में गूँज रही थी, वो अवनि ही बोल रही थी!

    तभी पीछे खड़े रूहान ने सारा मामला समझ लिया। उसने धीरे से रिया के कान में फुसफुसाया—

    💬 "क्या तुम अवनि के मन की बातें सुन पा रही हो?"

    रिया का चेहरा सफ़ेद पड़ गया।

    "क्या... आप भी?"

    रूहान ने धीरे से सिर हिला दिया।

    💭 "तो मतलब ये सिर्फ़ मेरे साथ नहीं हो रहा..."

    लेकिन वहीं दूसरी ओर, शक्शी को इस बातचीत की भनक तक नहीं लगी। उसके चेहरे पर एक शातिर मुस्कान उभर आई। वह मासूमियत का नकाब ओढ़ते हुए अवनि के करीब आई।

    "अवनि, मैं जानती हूँ कि तुम मुझे पसंद नहीं करती..." शक्शी ने धीरे से कहा, उसकी आँखों में बनावटी दुख था।

    💬 "पर इसमें मेरी गलती नहीं है कि रूहान मुझे पसंद करता है, है ना?"

    अवनि ने शक्शी को ध्यान से देखा। उसकी आँखों का रंग फिर से बदलने लगा।

    💭 "ओह, ये तो जबरदस्त एक्टिंग करती है... इसे तो अवार्ड मिलना चाहिए!"

    उसने अपने मन में सोचा, और फिर अचानक उसकी आँखें और भी गहरी हो गईं।

    💬 "अच्छा, तो ये नकली ड्रामा करके मुझे बेवकूफ़ बनाने आई है?!"

    अब अवनि को साफ़-साफ़ दिख रहा था कि आगे क्या होने वाला है—

    "ये लड़की अभी मेरा हाथ पकड़ेगी... फिर अचानक चिल्लाएगी कि मैंने उसे स्विमिंग पूल में धक्का दे दिया..."

    लेकिन अवनि के इस ख्याल को शक्शी सुन नहीं पाई, जबकि रिया और रूहान दोनों चौंक कर अवनि और शक्शी को घूरने लगे।

    💭 "मतलब... शक्शी अवनि की बातें सुन नहीं सकती? सिर्फ हम दोनों सुन सकते हैं?" रिया ने धीरे से रूहान को देखा, और रूहान ने हल्का सिर हिलाकर सहमति जताई।

    "अब मज़ा आएगा!" अवनि ने मन ही मन सोचा और एक शरारती मुस्कान के साथ खड़ी हो गई।

    जैसे ही शक्शी ने अवनि का हाथ पकड़ा—

    🚨 "आह्ह्ह्ह!!"

    शक्शी ने ज़ोर से चिल्लाया और नाटक करते हुए अपने हाथ झटके, जैसे कि अवनि ने सच में उसे पूल में धक्का दिया हो।

    "गिरी बिचारी!" अवनि ने नकली दुख के साथ कहा और अपने हाथ जोड़ लिए।

    प्लाश्श्श!! 🌊

    शक्शी सीधे स्विमिंग पूल में जा गिरी!

    रूहान और रिया ने अवनि की ओर देखा, फिर पूल में छटपटा रही शक्शी की ओर।

    "ये सच में हो गया?!" रूहान ने चौंकते हुए कहा।

    "भाईया!! देखो इसने क्या किया!!" रिया ने घबराते हुए कहा।

    अवनि ने शांति से अपने बाल पीछे किए और एक लंबी सांस लेकर बोली—

    💬 "ओह! बेचारी! मैंने तो बस उसका हाथ पकड़ा था, उसे पानी में गिरने की इतनी जल्दी क्यों थी?"

    शक्शी ने पूल से निकलने की कोशिश की, लेकिन कपड़ों का वजन उसकी हालत ख़राब कर रहा था।

    "अवनि!! तुमने ये जानबूझकर किया!!"

    अवनि ने मासूमियत से आँखें झपकाईं।

    💬 "अरे बाप रे! इतना बड़ा इल्ज़ाम! मैंने तो कुछ नहीं किया, देखो मेरा हाथ तो यही था!" उसने अपना सूखा हाथ हवा में लहराया।

    रूहान ने सिर हिलाया। "इस लड़की की हरकतें दिन-ब-दिन अजीब होती जा रही हैं..."

    "तुम बच नहीं पाओगी!!" शक्शी ने गुस्से से कहा और अपने भीगे हुए कपड़े झटकने लगी।

    अवनि ने हल्की मुस्कान के साथ कहा—

    💬 "बचने की ज़रूरत भी नहीं है, क्योंकि असली खेल तो अभी शुरू हुआ है!"

    ( जारी रहेगा... )


    ---

    🔥 अगले अध्याय में:
    👉 शक्शी की नई चाल
    👉 रूहान की नई उलझन
    👉 Miracle की नई शातिर चाल!

    😏 क्या अवनि के रहस्य और गहरे होंगे? जानने के लिए अगले एपिसोड का इंतजार करें!

  • 3. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 3

    Words: 1737

    Estimated Reading Time: 11 min

    रूहान और रिया目瞪口呆 (आश्चर्य से स्तब्ध) रह गए जब उन्होंने देखा कि अवनि (Miracle) ने जो सोचा था, वह सचमुच वैसा ही हुआ! मतलब, शक्शी वाकई में बहुत चालाक थी और अपने नाटक में कोई कमी नहीं छोड़ रही थी।

    वहीं, जैसे ही शक्शी ने पानी से बाहर निकलते ही रोते हुए रूहान की तरफ देखा, वह तुरंत अवनि की शिकायत करने लगी।

    "रूहान! तुमने देखा ना? इसने मुझे जानबूझकर स्विमिंग पूल में धक्का दिया!"

    लेकिन शक्शी की उम्मीदों के उलट, रूहान और रिया बस उसे अजीब नज़रों से घूर रहे थे। वहीं, अवनि अपनी जगह से हिली भी नहीं, बस अपने चेहरे पर वही रहस्यमयी मुस्कान लिए खड़ी थी।

    अवनि ने सिर झुकाकर धीरे से कहा—

    "यार, तुम तो कमाल की एक्ट्रेस हो! सच में, तुम्हें ऑस्कर ज़रूर मिलना चाहिए!"

    इस बात पर रिया को भी हंसी आ गई। वह अब अवनि को पहले की तरह नहीं देख रही थी, बल्कि उसकी आँखों में अब उसके लिए एक अलग ही सम्मान था।

    अब तक रूहान और रिया दोनों समझ चुके थे कि अवनि कोई मामूली लड़की नहीं थी। वह भविष्य देख सकती थी... और उसके द्वारा की गई भविष्यवाणियाँ सच भी हो रही थीं!

    अब जब उन्हें यह याद आया कि अवनि ने कुछ देर पहले कहा था कि "रूहान अपाहिज हो जाएगा और रिया का वीडियो वायरल होगा..." तो उनकी तो साँसे ही थम गईं!

    "मतलब... ये भी सच होगा?!"

    यह सोचकर दोनों भाई-बहन के चेहरे सफ़ेद पड़ गए और वे दोनों एक-दूसरे की ओर भय और अजीब से एक्सप्रेशन के साथ देखने लगे।

    लेकिन शक्शी, जो अब तक भीगी हुई और गुस्से में थी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वे दोनों उसे पूरी तरह से अनदेखा क्यों कर रहे हैं।

    वहीं दूसरी ओर, अवनि बस खड़ी उनकी हालत देखकर हंस रही थी।

    क्योंकि...

    स्विमिंग पूल का पानी ठंडा था, और साथ ही, शक्शी का मेकअप पूरी तरह से धुल चुका था!

    अब शक्शी किसी हॉरर फिल्म की भूतनी से कम नहीं लग रही थी।

    जैसे ही शक्शी ने खुद को शीशे में देखा, उसका चेहरा गुस्से और शर्म से लाल हो गया।

    अब वह फिर से रोते हुए रूहान की तरफ देखने लगी।

    "रूहान! देखो, इस लड़की ने मुझे कितना बेइज़्ज़त कर दिया! तुम इसे कुछ कहते क्यों नहीं?"

    रूहान ने एक नज़र अवनि को देखा, फिर रिया की तरफ मुड़ा और बोला—

    "रिया, तुम इसे घर लेकर जाओ। मुझे अभी कुछ काम है।"

    शक्शी की हालत देखकर अवनि के दिमाग में अचानक एक आइडिया आया।

    उसने अपने हाथ को हल्का सा हिलाया, और उसकी हथेली से एक हल्की नीली रोशनी निकलने लगी।

    उस रोशनी को उसने धीरे से शक्शी की तरफ फेंक दिया।

    अब तक, यह जादू सिर्फ अवनि यानी Miracle ही देख सकती थी... लेकिन रूहान को महसूस हुआ कि अवनि अपने हाथ से कुछ कर रही थी।

    "ये... क्या कर रही है?" रूहान सोच ही रहा था कि तभी...

    💥 पपट्ट्ट्ट!! 💥

    एक ज़ोरदार अजीब-सी आवाज़ गूंजी।

    और फिर...

    शक्शी सबके सामने फार्ट कर बैठी!

    😂😂😂😂😂😂😂😂

    रिया ने एक झटके में अपना हाथ पीछे खींच लिया, जिससे बेचारी शक्शी सीधे ज़मीन पर गिर पड़ी!

    अवनि अब ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी और मज़ाक उड़ाने लगी—

    "शक्शी, तुमने सुबह क्या खाया था यार?"

    😂😂😂😂😂😂

    रूहान और रिया ने अपनी नाकें बंद कर लीं।

    वहीं, शक्शी बुरी तरह शर्मिंदगी महसूस कर रही थी... लेकिन उसकी फार्ट रुक ही नहीं रही थी!

    अब तो शक्शी से सहा नहीं गया, और वह तेजी से खड़ी होकर वहाँ से भाग निकली!

    🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣

    अवनि अब भी ज़ोर-ज़ोर से हंस रही थी, जबकि रूहान और रिया एक-दूसरे को देखते हुए सोच रहे थे—

    "हमें सच में इस लड़की से डरना चाहिए या फिर हंसना चाहिए?!"

    ----


    रिया के जाने के बाद रूहान ने देखा कि अवनि घर के अंदर चली गई थी। उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि अवनि क्या करने वाली है। लेकिन जो हुआ, वह उसकी सोच से परे था।

    अवनि सीधे अपने कमरे में गई और दरवाज़ा बंद कर लिया। रूहान को यह देखकर थोड़ी हैरानी हुई। यह पहली बार था जब अवनि ने इस तरह खुद को कमरे में बंद किया था। उसने गुस्से से एक नज़र दरवाज़े पर डाली और फिर बिना कुछ कहे, सीधा स्टडी रूम की ओर चला गया।

    अवनि का कमराः

    अंदर जाकर अवनि ने आराम से अपना बेड पकड़ लिया, चिप्स का पैकेट खोला और टीवी ऑन कर दिया। वह किसी रोमांटिक मूवी में पूरी तरह खो गई थी, जैसे उसे इस दुनिया से कोई मतलब ही न हो।

    वहीं, दूसरी तरफ़, रूहान स्टडी रूम में बैठकर किताबों के पन्ने पलट रहा था, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था।

    अगली सुबहः

    सुबह जब रूहान स्टडी रूम से बाहर आया, तो उसने देखा कि अवनि का कमरा अब तक बंद था। यह उसे अजीब लगा, क्योंकि अवनि इतनी देर तक नहीं सोती थी।

    "क्या हुआ इसे?" उसने खुद से सवाल किया।

    फिर अचानक उसे कुछ याद आया। उसने स्टडी रूम से अपने कमरे की मास्टर की उठाई और सीधे अवनि के कमरे की ओर बढ़ा।

    जैसे ही उसने मास्टर की से दरवाज़ा खोला, अंदर का नज़ारा देखकर उसके होश उड़ गए।

    अवनि का बिखरा अंदाज़ः

    अवनि बेड पर बेतरतीब तरीके से सो रही थी। उसकी रज़ाई ज़मीन पर गिर चुकी थी, और उसने जो साटन की नाइटी पहनी थी, वह उस थी। घों तक ऊपर चढ़ी हुई

    रज़ाई ज़मीन पर गिर चुकी थी, और उसने जो साटन की नाइटी पहनी थी, वह उसकी जांघों तक ऊपर चढ़ी हुई थी।

    लेकिन जो चीज़ रूहान को सबसे ज्यादा बेचैन कर रही थी, वह थी अवनि की खुली कॉलरबोन और उसकी दूध जैसी सफेद, लंबी टांगें।

    रूहान की निगाहें उसकी नाइटी के अंदर दिख रहे हिस्सों पर अटक गईं। वह खुद को रोक नहीं पा रहा था।

    उसका गला सूखने लगा।

    उसके अंदर एक अलग ही एहसास उमड़ रहा था।

    "ये... मुझे क्या हो रहा है?"

    उसका मन कर रहा था कि वह अवनि को छूकर देखे।

    लेकिन तभी...

    अवनि ने नींद में करवट ली, जिससे उसकी नाइटी और ऊपर सरक गई।


    अवनि ने नींद में करवट ली, जिससे उसकी नाइटी और ऊपर सरक गई।

    रूहान ने झट से नज़रें फेर लीं और तेजी से कमरे से बाहर निकल आया।

    वह गहरी सांसें लेने लगा।

    "ये लड़की... मेरे लिए खतरनाक होती जा रही है!"

    ----



    जैसे ही अवनि—या यूँ कहें Miracle—की आँखें खुलीं, वह खुद को एक अनजान कमरे में पाकर चौंक गई। उसकी भौहें सिकुड़ गईं, और उसने अपने चारों ओर देखा। यह जगह उसके लिए नई थी—शाही सा माहौल, हर कोना शानदार तरीके से सजा हुआ। उसने खुद से बुदबुदाते हुए कहा,

    "मैं... यहाँ कैसे पहुँची?"

    फिर जैसे ही उसके दिमाग ने तेज़ी से पिछली रात के घटनाक्रम को दोहराया, उसे अहसास हुआ कि वह अब उसी जगह थी, जहाँ अवनि कभी रही थी—रूहान की हवेली में। एक गहरी साँस लेते हुए वह बिस्तर से उठी और सीधे वॉशरूम में चली गई।


    गर्म पानी के नीचे खड़ी होकर Miracle ने अपने पिछले जीवन के बारे में सोचा। वह जानती थी कि अवनि कौन थी—एक बेपरवाह, चिपकू और बिंदास लड़की, जिसे रूहान पसंद नहीं करता था। उसने खुद से कहा,

    "अवनि बेवकूफ थी, लेकिन अब मैं हूँ... Miracle।"

    अब वह वही पुरानी गलतियाँ नहीं दोहराएगी। अब उसे वही बनना था, जिसे रूहान नज़रअंदाज़ न कर सके।

    शॉवर के बाद उसने हवेली के अंदर बने walk-in closet की तरफ कदम बढ़ाए। जैसे ही उसने अलमारी खोली, वह हैरान रह गई। सामने ढेरों ब्रांडेड कपड़े थे—Gucci, Versace, Louis Vuitton—सब कुछ शाही और महंगा!

    उसने एक सफेद, घुटनों तक लंबी bodycon dress निकाली, जो उसके फिगर को और भी आकर्षक बना रही थी। बालों को स्ट्रेट किया, चेहरे पर बस एक हल्का सा moisturizer लगाया और होठों पर lip balm। बिना किसी भारी मेकअप के भी, वह किसी परी से कम नहीं लग रही थी।

    "अब देखते हैं, हवेली का राजा मुझे देखकर क्या रिएक्शन देता है!"

    उसने खुद को शीशे में देखा, हल्की सी मुस्कान दी और कमरे से बाहर निकल पड़ी।



    रूहान लिविंग रूम में बैठा था, घड़ी की तरफ बार-बार देख रहा था। उसे आदत थी कि अवनि हमेशा बिना बुलाए उसके आगे-पीछे घूमती थी, लेकिन आज सुबह से वह कहीं नहीं दिखी थी।

    जैसे ही कदमों की हल्की आवाज़ आई, उसने सिर उठाया।

    और फिर...

    वह चौंक गया।

    उसकी आँखें फैल गईं, होठों पर आते शब्द वहीं अटक गए।

    सामने Miracle खड़ी थी—लेकिन यह वही अवनि नहीं थी जिसे वह जानता था। वह एक परी की तरह चमक रही थी, सफेद कपड़ों में एक अनछुई मासूमियत और एक रहस्यमयी आत्मविश्वास के साथ।

    "तुम... तुम यह सब क्या पहन कर आई हो?"

    रूहान की आवाज़ में हल्की झिझक थी। यह नया अवतार उसे संभलने नहीं दे रहा था।

    Miracle ने हल्की मुस्कान दी और उसकी आँखों में देखते हुए बोली,

    "मुझे क्या पहनना चाहिए, यह तय करने का हक़ तुम्हें कब से मिला?"

    रूहान कुछ कहता, उससे पहले ही वह पास आई और सोफे पर बैठ गई। उसकी हर अदा में एक अलग नज़ाकत थी, जिससे रूहान की धड़कनें बढ़ने लगीं।

    ♦ एक नया खेल शुरू ♦

    रूहान को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह बदलाव क्यों और कैसे हुआ। उसने एक बार फिर Miracle को ऊपर से नीचे तक देखा, लेकिन फिर खुद को संभाला और सख्त लहजे में बोला,

    "यह दिखावे का खेल मेरे सामने मत खेलो, अवनि! मैं जानता हूँ कि तुम्हारी असलियत क्या है!"

    Miracle ने अपनी उँगलियों से अपने बालों की एक लट को पीछे किया और मुस्कुराते हुए बोली,

    "तो फिर तुम ही बता दो कि मैं क्या हूँ?"

    रूहान को गुस्सा आ रहा था, लेकिन पता नहीं क्यों, उसके दिल की धड़कनें इस समय तेज़ हो गई थीं। यह लड़की, जो कभी उससे चिपकने की कोशिश करती थी, अब उससे आँखों में आँखें डालकर खेल रही थी।

    वह खड़ा हुआ, अपने हाथों को जेब में डाला और हल्की आवाज़ में बोला,

    "देखो, मुझे ये सब ड्रामा नहीं पसंद। जो भी खेल तुम खेल रही हो, उससे बाज़ आओ और अपना पुराना रूप वापस लाओ!"

    Miracle उसकी तरफ झुकी और फुसफुसाई,

    "अगर मैं ही बदल गई, तो फिर तुम्हें मुझसे इतनी दिक्कत क्यों हो रही है, मिस्टर रूहान?"

    रूहान की आँखें सिकुड़ गईं।

    उसे पहली बार महसूस हुआ कि यह सिर्फ कोई बदलाव नहीं था... यह एक नई कहानी की शुरुआत थी।

    (जारी रहेगा...)

    🔥 अगले अध्याय में:
    👉 रूहान अब Miracle के इस बदलाव से कैसे निपटेगा?
    👉 शक्शी को जब इस बदलाव का पता चलेगा, तो क्या वह नई साज़िश रचेगी?
    👉 क्या Miracle के पास कोई और बड़ा प्लान है?

    ➡ जानने के लिए अगले एपिसोड का इंतज़ार करें!

  • 4. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 4

    Words: 1947

    Estimated Reading Time: 12 min

    ---

    रूहान और अवनि गाड़ी में थे, और हाईवे पर उनकी कार तेज़ी से दौड़ रही थी। अंदर एक अजीब सी खामोशी थी। रूहान बार-बार अवनि को तिरछी नज़रों से देख रहा था, जैसे वह समझना चाह रहा हो कि यह लड़की बदली-बदली क्यों लग रही है। वहीं, अवनि खिड़की से बाहर देखते हुए अपने बालों को हल्के-हल्के उंगलियों से सहला रही थी, जैसे उसे कोई परवाह ही न हो।

    ♦ हादसे से चंद सेकंड पहले ♦

    अवनि अभी भी बाहर देख रही थी जब अचानक उसकी नज़र सामने पड़ी—एक ट्रक उनकी तरफ तेज़ रफ्तार से आ रहा था, सीधा उनकी गाड़ी को टक्कर मारने के इरादे से।

    "ओ भाई! यह ट्रक वाला क्या आत्महत्या का प्लान बना रहा है?" अवनि ने खुद से बड़बड़ाया, लेकिन अगले ही पल, उसकी आँखें हल्की नीली चमकने लगीं।

    उसके शरीर में हलचल हुई, और जैसे ही उसने महसूस किया कि ट्रक सच में उनकी कार को टक्कर मारने ही वाला है, उसने बिना समय गँवाए रूहान का हाथ कसकर पकड़ा।

    ♦ और फिर... एक चमत्कार हुआ! ♦

    ट्रक पूरी ताकत से उनकी कार में घुस गया। ज़ोरदार धमाका हुआ, शीशे टूटकर इधर-उधर बिखर गए। लेकिन…

    रूहान और अवनि अब कार में नहीं थे!

    वे अचानक सड़क के किनारे, कार से कई फीट दूर खड़े थे। रूहान का दिमाग सुन्न हो गया।

    "यह… यह कैसे हुआ?"

    उसने अपनी गाड़ी की हालत देखी—गाड़ी पूरी तरह चकनाचूर हो चुकी थी। अगर वे अंदर होते, तो शायद अब तक उनकी लाश भी पहचानने लायक नहीं बचती।

    उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने पास खड़ी अवनि की तरफ देखा, जो बड़े ही कूल अंदाज़ में अपने कपड़ों की धूल झाड़ रही थी और खुद से बड़बड़ा रही थी,

    "वाह! अवनि बेबी, क्या टाइमिंग थी तेरी! अगर तू एक सेकंड भी लेट हो जाती, तो अभी तक तेरा और इस अकड़ू का कटलेट बन चुका होता!"

    उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी, जैसे यह सब उसके लिए कोई बड़ी बात न हो।

    रूहान ने उसे घूरकर देखा।

    ♦♦

    "तुम… तुमने यह किया?"

    अवनि ने उसे ऐसे देखा जैसे उसने कोई बहुत ही बेवकूफी भरा सवाल पूछ लिया हो।

    "नहीं नहीं, ये ऊपर से परियां आईं और हमें बचा लिया। अरे हाँ, मैं ही थी! तेरा दिमाग खराब है क्या?"

    रूहान के होश उड़ गए।

    "मतलब तुम… तुम कोई आम इंसान नहीं हो?"

    अवनि ने अपनी आँखें घुमाईं और बोरियत भरे लहज़े में बोली,

    "हाय राम! अब ये 'तुम कौन हो?' टाइप सवाल मत शुरू कर देना। देखो, मैं सुपरवुमन नहीं हूँ, लेकिन हाँ, मेरे पास कुछ खास चीज़ें हैं।"

    रूहान अभी भी सदमे में था। वह अवनि को ऊपर से नीचे तक देख रहा था, जैसे वह किसी और ही ग्रह से आई हो।

    अवनि को उसकी घूरती निगाहें पसंद नहीं आईं।

    "ओए मिस्टर, ऐसे क्यों देख रहे हो जैसे एक्स-रे मशीन ऑन कर दी हो? चेकअप करने का इतना ही शौक़ है तो डॉक्टर बन जाते!"

    रूहान ने झटके से अपनी निगाहें हटा लीं और गहरी साँस ली।

    रूहान अब भी चुप था, लेकिन अवनि की बातों में कोई बदलाव नहीं था।

    "वैसे, अब तुम मेरी जान बचाने के लिए क्या करोगे?" अवनि ने उसकी तरफ देखकर पूछा।

    रूहान ने आँखें सिकोड़ लीं।

    "क्या मतलब?"

    "मतलब सीधा है, मिस्टर रूहान! मैंने तुम्हारी जान बचाई है, और इस एहसान के बदले तुम्हें मुझे एक लाख रुपये देने होंगे!" अवनि ने हाथ फैलाते हुए कहा, जैसे वह अभी तुरंत पैसे लेगी।

    रूहान ने पहले उसे घूरा, फिर हल्की हंसी में सर झुका लिया।

    "तुम्हारी ये छोटी-छोटी डिमांड्स मुझे हैरान कर रही हैं।"

    फिर उसने अपनी जेब से एक ब्लैक कार्ड निकाला और उसकी तरफ बढ़ा दिया।

    "इसमें 10 लाख हैं। तुमने रूहान मल्होत्रा की जान बचाई है, और मेरी जान इतनी सस्ती नहीं होती।"

    अवनि ने तुरंत कार्ड पकड़ लिया और उसे खुशी से चूमा।

    "ओए होए! आज तो किस्मत खुल गई मेरी!"

    फिर उसने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा,

    "अगर तुम्हारी जान बचाकर मुझे हर बार ऐसे पैसे मिलेंगे, तो मैं तुम्हारी permanent bodyguard बन जाऊँगी!"

    रूहान ने उसकी बात पर सिर्फ एक लंबी साँस ली और कार के मलबे की तरफ देखा।

    "अब मुझे समझ आ रहा है कि तुम इतनी अलग क्यों लग रही हो, अवनि!"

    अवनि ने मुस्कुराकर उसकी तरफ देखा और मज़ाकिया अंदाज़ में बोली,

    "अब तक समझा था कि मैं सिर्फ तुम्हारी बीवी हूँ, लेकिन अब पता चला कि मैं तुम्हारी angel भी हूँ!"

    रूहान ने उसकी तरफ देखा, उसकी आँखों में एक नई जिज्ञासा थी। अब वह यह पता लगाने के लिए बेताब था कि अवनि सच में कौन थी और उसके पास ऐसी शक्तियाँ क्यों थीं।

    ---

    रूहान, अवनि यानी Miracle को अपने साथ लेकर कुछ ही देर में दूसरी गाड़ी से अपने पुराने मेंशन पर आ जाता है, जहाँ इस वक्त उसकी पूरी फैमिली रहा करती थी।

    शाम की ठंडी हवा मेंशन के बड़े-बड़े गेट्स से टकरा रही थी। जब रूहान की गाड़ी वहां पहुंची, तो पूरे मेंशन में हलचल मच गई। नौकर-चाकर दरवाजे पर खड़े थे, लेकिन उनके चेहरों पर अजीब से भाव थे।

    अवनि ने महसूस किया कि मेंशन का माहौल कुछ बदला-बदला सा था। उसने रूहान की तरफ देखा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

    जैसे ही दोनों गाड़ी से बाहर आए, अवनि को अचानक अजीब सा महसूस होने लगा। उसकी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा, और उसके पैर लड़खड़ाने लगे। वह गिरने ही वाली थी कि रूहान ने झट से उसे अपनी बाहों में थाम लिया।

    “अवनि! तुम ठीक हो?” रूहान की आवाज में चिंता थी।

    अवनि ने मुश्किल से खुद को संभालते हुए कहा, “हाँ… मैं ठीक हूँ, बस… मैंने जो पावर इस्तेमाल की थी, उसकी वजह से मेरी बॉडी बहुत कमजोर हो गई है।”

    यह कहते हुए उसने अपने बैग से एक छोटी सी बोतल निकाली और उसमें से एक गोली निकालकर खा ली।

    रूहान की आँखों में हल्की चिंता थी, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

    उनके इस तरह एक-दूसरे के करीब होने का नज़ारा अंदर खड़े परिवार ने देखा।

    रूहान की माँ, बहन रिया, और भाई ऋतिक इस नज़ारे को देख रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर कोई खुशी नहीं थी।

    रिया ने धीरे से फुसफुसाया, “फिर आ गई ये लड़की? अब कौन सा नया ड्रामा करने वाली है?”

    ऋतिक ने हल्का सिर हिलाया, “मुझे समझ नहीं आ रहा, भाई इसे लेकर इतना परेशान क्यों है? क्या ये हमें फिर से अपने नाटक में फंसाने आई है?”

    उनकी माँ का चेहरा गुस्से से सख्त हो गया।

    असल में, शक्शी—जो कि परिवार के बेहद करीब थी, उसने अवनि के बारे में सबको गलतफहमी में डाल दिया था। उसने सबको यकीन दिला दिया था कि अवनि एक चालाक लड़की है, जो सिर्फ पैसों और ताकत के लिए रूहान के करीब आई है।

    यही वजह थी कि मेंशन में कोई भी उसे पसंद नहीं करता था।

    रूहान के अलावा।

    जैसे ही रूहान, अवनि का हाथ पकड़कर अंदर आया, उसकी माँ ने तुरंत उसे रोक लिया।

    "रुको रूहान!" उनकी आवाज़ में सख्ती थी।

    रूहान ने भौहें चढ़ाकर उनकी तरफ देखा, "क्या हुआ, माँ?"

    उनकी माँ ने अवनि की तरफ गुस्से से देखा, "तुम इसे फिर से यहाँ क्यों लेकर आए हो? क्या तुम्हें अब भी समझ नहीं आया कि ये लड़की हमारे लिए सही नहीं है?"

    अवनि ने हल्का सिर झुका लिया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

    रिया ने तंज कसा, “ओह, मैं भूल गई थी! ये तो बहुत मासूम है, है ना? बेचारी की तबीयत खराब है, तो अब भाई इसे संभालेंगे!”

    ऋतिक ने भी कटाक्ष किया, “वैसे भाई, तुम्हें तो इसकी असलियत पता चल जानी चाहिए थी। लेकिन नहीं, तुम्हें तो इसकी हर बात पर भरोसा करना है।”

    रूहान का चेहरा सख्त हो गया। उसने माँ, रिया, और ऋतिक को घूरते हुए कहा,

    "बस बहुत हो गया! अगर आप सबको इस पर भरोसा नहीं, तो मत करो, लेकिन इसे ताने मारना बंद करो। ये मेरी बीवी है और इसी घर में रहेगी।"

    उसकी आवाज़ में इतना दम था कि कोई कुछ कह नहीं पाया।

    रूहान अवनि को लेकर मेंशन अंदर चला आता है वही मेंशन के अंदर इस वक्त साक्षी भी थी क्योंकि वो भी यही रहा करती थी।

    रूहान की मॉम और बहन भाई भी अंदर आ जाते है।

    -----

    अवनि यानी Miracle, मेंशन के अंदर आते ही चारों तरफ नज़र घुमाने लगी। उसकी आँखों में चमक थी, जैसे कोई बच्चा किसी नए खिलौने को देखकर खुश होता है।

    "वाह! ये मेंशन तो एकदम महल जैसा है। इतनी भव्यता! इतना रॉयल लुक! उफ्फ्फ, मैं सच में किसी रियासत की महारानी लग रही हूँ।"

    अवनि ने मन ही मन सोचा और मुस्कुराने लगी। लेकिन तभी…

    "ये आवाज़ कहाँ से आ रही है?"

    रेणुका जी ने अचानक चौंककर पूछा।

    उनकी बात सुनकर रिया और ऋतिक भी सतर्क हो गए।

    "हाँ, मम्मी! ये किसकी आवाज़ थी?" ऋतिक भी शक से इधर-उधर देखने लगा।

    रीया ने चुपचाप रूहान की तरफ देखा, उसे तो पहले से ही मालूम था कि ये अवनि की मन की आवाज़ थी।

    रूहान ने धीरे से माँ और ऋतिक के पास जाकर फुसफुसाते हुए कहा,

    "ये अवनि की मन की आवाज़ है… जो वो सोच रही है, हम उसे सुन सकते हैं। लेकिन उसे इस बारे में कुछ मत बताना।"

    "क्या??" रेणुका जी और ऋतिक एक साथ फटी आँखों से रूहान को देखने लगे।

    वहीं, कोने में खड़ी शक्शी कान लगाने की कोशिश कर रही थी कि आखिर ये लोग क्या चर्चा कर रहे हैं।

    अवनि अभी तक अपने मन में ही बातें कर रही थी। उसने जैसे ही रेणुका जी को गौर से देखा, मन ही मन बोली,

    "ओह्हो! तो ये हैं मेरी प्यारी सासू माँ! वाओ, इनका रॉयल लुक देखकर कोई नहीं कहेगा कि ये मेरी सास हैं, बल्कि मेरी बड़ी बहन लग रही हैं! वाह, मम्मीजी! इतनी कमाल की स्किन के लिए कौन-सा क्रीम लगाती हैं?"

    रेणुका जी ये सुनकर मुस्कुरा पड़ीं, और उनके बच्चे भी हल्की स्माइल करने लगे।

    अवनि अभी भी अपनी ही धुन में थी, तभी उसने अगला तीर छोड़ा,

    "पर अरे! दुख की बात ये है कि अगले कुछ दिनों में माल्होत्रा कंपनी दिवालिया होने वाली है और ये खबर सुनकर सासू माँ को हार्ट अटैक आ जाएगा!"

    "क्याआआआ??"

    अवनि की ये बात सुनते ही पूरा घर जैसे बिजली के झटके से कांप गया।

    "ये क्या बकवास कर रही हो?" रेणुका जी गुस्से से तिलमिला उठीं।

    ऋतिक ने भी घबराकर पूछा, "रूहान, ये लड़की क्या बोल रही है? कहीं सच में…?"

    अवनि ने अपनी जगह पर खड़े-खड़े पलकें झपकाईं और मन ही मन सोचने लगी, "अब ये सब मुझे ऐसे घूर क्यों रहे हैं, जैसे मैंने इनका सीक्रेट खोल दिया हो?"

    रेणुका जी अब पूरी तरह अवनि की तरफ मुड़ीं, "रूहान, तुम्हारी बीवी को क्या हो गया है? क्या ये पागल हो गई है?"

    रूहान ने ठंडी साँस ली और धीरे से कहा,

    "माँ, मुझे नहीं पता... लेकिन जितना मैंने देखा है, जो भी अवनि कहती है, वो सच हो जाता है।"

    "सच में, मम्मी! मैंने खुद इसे नोटिस किया है!" रिया भी सहमति में सिर हिलाने लगी।

    कोने में खड़ी शक्शी इस बार सबसे ज्यादा परेशान थी। उसके प्लान के उलट, पहली बार कोई और मुद्दा घर में छाया हुआ था और उसे पूरी तरह इग्नोर किया जा रहा था।

    "हे भगवान! पहली बार ऐसा लग रहा है जैसे मैं किसी सीरियल में साइड कैरेक्टर हूँ और हीरोइन सारी लाइमलाइट खींच रही है!" शक्शी मन ही मन कुढ़ने लगी।

    वहीं, अवनि अपने भोले अंदाज में सबको देखने लगी, "अरे! ये सब इतने सदमे में क्यों हैं? लगता है सच में कुछ बड़ा होने वाला है… ओह नो!"

    क्या सच में माल्होत्रा कंपनी डूबने वाली है?

    अब सवाल ये था—क्या सच में माल्होत्रा कंपनी को कोई खतरा था, या अवनि का मज़ाक किसी बड़े सच की ओर इशारा कर रहा था?

    🔹 अगले अध्याय में:

    👉 क्या अवनि की भविष्यवाणी सच साबित होगी?

    👉 शक्शी क्या चाल चलेगी?

    👉 रूहान अपनी माँ को कैसे समझाएगा?

    🔥 जानने के लिए अगले एपिसोड का इंतज़ार करें

  • 5. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 5

    Words: 1082

    Estimated Reading Time: 7 min

    अवनि की बात सुनकर पूरा घर हैरान था। वहीं, शाक्षी खुद को इग्नोर होते देख जल रही थी। लेकिन इस बार वह चुप रहने वाली नहीं थी। एक चालाक मुस्कान के साथ उसने अवनि की तरफ देखा और कुटिलता से कहा,

    "अवनि, मुझे लगता है कि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है… कहीं तुम प्रेग्नेंट तो नहीं हो?"

    अवनि यानी Miracle इस बात पर हैरान रह गई, लेकिन तभी उसकी आँखों का रंग बदल गया। अचानक उसे महसूस हुआ कि शाक्षी कुछ बड़ा करने वाली थी। उसकी साज़िश को पहले ही भांपकर अवनि अब शांत थी।



    शाक्षी अपनी चालाकी दिखाते हुए आगे बोली,
    "मैं जानती हूँ, अवनि! मेरी वजह से ही रूहान तुमसे प्यार नहीं करता। इसलिए तुम प्रेग्नेंट नहीं हो सकती। और प्लीज़, ये नाटक मत करो, क्योंकि सबको पता है कि रूहान तुम्हें छूना भी पसंद नहीं करता।"

    शाक्षी की बातों में उसकी मासूमियत का दिखावा था, लेकिन असल में वो बार-बार अवनि पर ताने कस रही थी और उसके चरित्र पर उँगली उठा रही थी।


    रेणुका जी ने गुस्से से शाक्षी को घूरा और बोलीं,
    "ये क्या बकवास कर रही हो, शाक्षी?"

    शाक्षी ने तुरंत मासूम बनने का नाटक किया और बोली,
    "आंटी, मैं तो बस ये कहना चाह रही थी कि अवनि को झूठ नहीं बोलना चाहिए। वो सोच रही है कि प्रेग्नेंट होने का नाटक करके रूहान से तलाक नहीं होगा, लेकिन ये गलत तरीका है।"


    रिया और रूहान दोनों ही यह देखकर हैरान थे कि शाक्षी कितनी बड़ी चालबाज थी। उसने ऐसे बातें घुमाई कि सबको अवनि पर शक होने लगे।

    ऋतिक को शाक्षी की बातें सच लग गईं और वह गुस्से में बोला,
    "ओए, अवनि! तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई? तुम क्या सोच रही हो, इस तरह की चाल चलकर मेरे भाई को तलाक देने से रोक लोगी?"


    अवनि ने ऋतिक को गुस्से से घूरा, लेकिन फिर खुद को संभाला और मन में बड़बड़ाई,
    "ये ऋतिक सच में गधा है!"

    अवनि की ये मन की बात सुनकर रिया, रेणुका और रूहान तीनों की हँसी छूट गई।

    वहीं, शाक्षी ये देखकर खुश हो रही थी कि ऋतिक उसकी बातों में आकर अवनि से बदतमीज़ी कर रहा था।

    अब सवाल ये था कि क्या अवनि इस साज़िश का जवाब देगी, या चुप रहेगी?

    -----


    अवनि इस वक्त ऋतिक की बातों को घूर-घूर कर सुन रही थी, लेकिन उसकी असली प्रतिक्रिया तो उसके मन में चल रही थी। और जैसे ही रूहान, रिया और रेणुका जी ने अवनि के मन की बात सुनी, तीनों अवाक रह गए।

    अवनि (मन में):
    "ये ऋतिक सबको अपनी गर्लफ्रेंड जैसा समझ रहा है क्या? जो प्रेग्नेंट होने का नाटक करके जबरदस्ती शादी करना चाहती थी? वैसे भी, इसकी गर्लफ्रेंड प्रेग्नेंट हो भी कैसे सकती है? आखिर लड़के तो कभी माँ बन ही नहीं सकते!"

    जैसे ही अवनि ने ये सोचा, रूहान, रिया और रेणुका जी के चेहरे अजीब हो गए। तीनों ने घिन से ऋतिक की तरफ देखा और फिर अचानक ही ऐसा चेहरा बना लिया जैसे उन्हें उल्टी आने वाली हो।

    फिर, तीनों धीरे-धीरे ऋतिक से थोड़ी दूरी बनाकर खड़े हो गए, जैसे किसी भयंकर बीमारी से बचने की कोशिश कर रहे हों।

    वहीं, शाक्षी को इस सबका कोई अंदाज़ा नहीं था। वह अपने ही ख़्यालों में खोई हुई थी, ये सोचते हुए कि उसकी चाल कितनी शानदार थी।

    ऋतिक का गुस्सा और अवनि की अगली बमबारी

    ऋतिक ने जब देखा कि सब उसे अजीब नज़रों से देख रहे हैं, तो वह तिलमिला उठा और गुस्से में चिल्लाया,
    "अवनि! ये क्या बकवास कर रही हो तुम?"

    अवनि ने उसकी बात को पूरी तरह इग्नोर किया और अपने मन में आगे बोलना जारी रखा।

    अवनि (मन में):
    "अब इस ऋतिक को कौन समझाए कि इसकी गर्लफ्रेंड जैस्मिन असल में एक लड़का था? पहले ये ऑनलाइन लड़कों को लड़की बनकर बेवकूफ बनाता था और पैसे ठगता था। फिर एक दिन क्लब में ऋतिक से मिला, और ये बेचारा देखते ही प्यार में पड़ गया।"

    रिया, रूहान और रेणुका जी अब सांस रोककर अवनि की मन की बातें सुन रहे थे।

    अवनि (मन में):
    "उस जैस्मिन उर्फ़ नकली परी ने कुछ महीने पहले ऋतिक से पैसे लेकर थाईलैंड की फ्लाइट पकड़ी थी। और अब ऑपरेशन करवा कर लड़की बन गया है। ऊपर से अब प्रेग्नेंट होने का नाटक करके ऋतिक से शादी करने और ऐश करने की योजना बना रहा है।"

    ऋतिक की हालत:

    अब जैसे ही ये बात अवनि ने मन में सोची, ऋतिक की शक्ल देखने लायक थी। उसे अचानक याद आया कि कुछ महीने पहले जैस्मिन सच में उससे पैसे मांगकर ‘हॉलीडे’ मनाने थाईलैंड गई थी।

    रिया, रूहान और रेणुका जी ने अब ऋतिक को बेचारी, दुखभरी नज़रों से देखना शुरू कर दिया।

    ऋतिक का दिमाग जैसे एकदम सुन्न पड़ गया था। वह सदमे में लड़खड़ाया, और अगले ही पल...

    धड़ाम!

    वह ज़मीन पर घुटनों के बल गिर गया।

    ऋतिक का मज़ेदार रिएक्शन

    ऋतिक की आँखों से आंसू छलक पड़े। उसके होंठ काँप रहे थे। उसकी शक्ल बिल्कुल वैसी थी, जैसे कोई बच्चा अपना गुब्बारा उड़ जाने पर देखता है।

    ऋतिक (रोते हुए, सदमे में):
    "न-नहीं! ये नहीं हो सकता! जैस्मिन मेरी परी थी... वो धोखेबाज़ कैसे हो सकती है?"

    रिया (मन में):
    "बेचारा! इसे तो खुद का ब्रेकअप भी नहीं पता चला और शादी के सपने देख रहा था।"

    रेणुका जी (धीरे से रूहान से):
    "बेटा, हम ऋतिक के लिए कोई अच्छा डॉक्टर बुला लें? मुझे लगता है, सदमे में जा रहा है।"

    रूहान (संजीदगी से):
    "हाँ माँ, और साथ में कोई बाबा भी बुलवा लेते हैं, ताकि भूत-प्रेत का इलाज भी हो जाए।"



    अब अवनि चुप रहने वाली थी क्या? नहीं! उसने आगे सोचते हुए मन में फिर बोला,

    अवनि (मन में):
    "अगर जैस्मिन लड़का था, तो ऋतिक की ‘लव स्टोरी’ असल में ‘ब्रोमांस’ निकली। बेचारा ऋतिक, इसे क्या पता था कि जिसे वो अपनी ‘बेबी’ समझ रहा था, वो पहले ही ‘भाई’ था!"

    अब रूहान, रिया और रेणुका जी से रहा नहीं गया और वे तीनों हँसी रोकते-रोकते वहीं पलटकर दूसरी तरफ मुँह कर के खड़े हो गए।



    ऋतिक अब आधा ज़मीन पर लेटा हुआ था। उसकी शक्ल देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसकी आत्मा शरीर छोड़ने वाली हो।

    ऋतिक (बिलखते हुए):
    "भगवान! मुझसे ऐसा क्या गुनाह हो गया था?"

    अवनि अब भी उसे देख रही थी और अपने मन में सोची,
    "गुनाह तो कुछ नहीं, बस तेरी अक्ल घास चरने गई थी।"

    अब रूहान, रिया और रेणुका जी खुलकर हँस पड़े।

    अगले अध्याय में:

    👉 क्या ऋतिक सच में जैस्मिन का सामना करेगा?
    👉 क्या शाक्षी की अगली साजिश पकड़ी जाएगी?
    👉 अवनि का अगला प्लान क्या होगा?

    🔥 जानने के लिए अगले भाग का इंतज़ार करें!

  • 6. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 6

    Words: 1262

    Estimated Reading Time: 8 min

    मल्होत्रा फ़ैमिली अब भी अपनी हंसी रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अवनि की मन की बात सुनने के बाद तो हंसना नामुमकिन हो गया था। अवनि को समझ नहीं आ रहा था कि ये लोग ऐसे अजीब रिएक्शन क्यों दे रहे हैं। उसकी कंफ्यूज़न और बढ़ गई जब उसने देखा कि सब उसे घूर रहे हैं।

    "ऐसे क्या देख रहे हो? मैंने कोई ताज पहन रखा है क्या?" अवनि ने चिढ़कर कहा।

    तभी कबसे वहाँ खड़ी शाक्षी एक ट्रे लेकर आई, जिसमें चाय के कप रखे थे। उसने मुस्कराते हुए कहा—

    "आंटी, रिया, रितिक... आप लोग कब से खड़े हो, आइए बैठ जाइए। थक गए होंगे न?"

    रेणुका जी सोफे पर बैठ गईं, और रिया भी बिना कुछ कहे चुपचाप बैठ गई क्योंकि उसके पैरों में दर्द हो रहा था।

    अवनि ने जैसे ही ट्रे को ध्यान से देखा, उसकी आँखों का रंग एक पल के लिए बदल गया। शाक्षी सबको चाय बाँट रही थी और जब वो रुहान की तरफ कप लेकर बढ़ी, तभी अवनि के मन की आवाज़ फिर गूंज उठी—

    "ये शाक्षी कभी नहीं सुधरेगी!"

    अवनि के मन की बात सुनते ही रेणुका जी, रिया, रितिक और रुहान ने उसे हैरानी से देखा। जैसे ही उन्होंने कुछ समझने की कोशिश की, अवनि ने एक और धमाका कर दिया—

    "शाक्षी ने इस चाय में नींद की गोलियाँ मिलाई हैं ताकि ये आराम से स्टडी रूम जाकर मल्होत्रा फ़ैमिली के बिज़नेस की इम्पोर्टेंट फाइल्स ढूंढ सके। और रुहान की चाय में इसने एक खास ड्रग मिलाया है ताकि ये उसके करीब जा सके!"

    ये सुनते ही सबके हाथ से चाय गिर गई!

    रुहान सदमे में था, उसकी आँखें बड़ी हो गई थीं।

    रुहान (डरते हुए): "म-म-मुझे क्या करना चाहिए? चाय पिऊँ या भाग जाऊँ?"

    रितिक (हल्की हँसी दबाते हुए): "मैं कह रहा था कि ये लड़की मासूम दिखती है, लेकिन असल में शकुनी मामा का छोटा वर्ज़न निकली!"

    शाक्षी ने मासूमियत से कहा—

    "रुहान, कहाँ खो गए हो? तुम घर आए हो इतनी देर बाद, और अब तक चाय भी नहीं पी? इसलिए मैंने तुम्हारी फेवरेट ब्लैक कॉफी बनाई है!"

    इतना बोलकर शाक्षी ने प्यारी सी स्माइल दी, लेकिन अवनि उसकी चाल समझ गई थी। उसने बिना किसी को समझाने का मौका दिए सीधे शाक्षी का मुँह पकड़ा और पूरी कॉफी जबरदस्ती उसके मुँह में डाल दी!

    शाक्षी (शॉक में): "म्ह्ह्ह!!" (उसकी आँखों से पानी निकल आया)

    मल्होत्रा फैमिली कुछ सेकंड के लिए पूरी तरह शॉक में थी, फिर अचानक ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। रुहान तो अपनी हँसी रोक ही नहीं पा रहा था!

    रुहान: "अवनि, तुम तो खतरनाक निकली यार! तुम्हारी तरफ से मुझे कोई प्रोटेक्शन नहीं चाहिए!"

    अवनि ने अकड़ दिखाते हुए कहा—

    "मैं सिर्फ़ अपनी फैमिली को बचा रही हूँ। और वैसे भी, मैं तुम्हारी बॉडीगार्ड नहीं हूँ, खुद अपनी रक्षा करो!"

    सबको अवनि का ये नया अवतार बहुत मज़ेदार लग रहा था। मल्होत्रा फैमिली अब उसके लिए गिल्टी महसूस कर रही थी क्योंकि अब तक उन्होंने अवनि से ठीक से बात तक नहीं की थी।

    तभी रेणुका जी ने प्यार से कहा—

    "अवनि, बेटा... तुमने हमेशा इस घर के लिए सोचा, और हमें तुम्हें समझने में इतना वक्त लग गया!"

    अवनि ने आँख मारते हुए कहा—

    "अब समझ आ गया हो तो थोड़ा जलेबी ले आइए, मुँह मीठा करना है!"


    सब ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे! शाक्षी अभी भी शॉक में थी, और अवनि की शैतानी भरी स्माइल उसे और टेंशन दे रही थी।

    मगर अवनी ने ये बात पर ध्यान नहीं दिया था सब लोग उसपर इतना भरोसा क्यों कर रहे है वो इस बात पर नहीं ध्यान देती है ओर जाकर रेणुका जी के बाजू में बैठ जाती है

    ----


    शाक्षी अभी भी सदमे में खड़ी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से ऐसा क्या बदल गया जो रेणुका जी अब अवनि से इतनी प्यार से बात कर रही थीं। वही अवनि, जो अब तक मल्होत्रा फैमिली के लिए एक सिरदर्द थी, अब आराम से उनके पास बैठी मुस्कुरा रही थी और मजे से बातें कर रही थी।

    "वैसे अवनि, तुमने बताया नहीं... क्या तुम सच में प्रेग्नेंट हो?"

    रेणुका जी के इस सवाल को सुनकर, जो अवनि अभी-अभी फल की टोकरी से एक सेब उठाकर खाने वाली थी, उसके हाथ से सेब छूटकर नीचे गिर गया। वह हैरानी से बोली—

    "ह्म्म... आंटी, ये आप क्या बोल रही हो? मैं और प्रेग्नेंट? और वो भी इस आदमी के बच्चे की माँ?"

    यह कहते हुए उसने झटके से रुहान की ओर देखा, जो इस पूरे मुद्दे पर ऐसा एक्सप्रेशन बना रहा था, जैसे वह अपनी आँखों से अवनि से यह पूछ रहा हो कि "आखिर मुझमें क्या कमी है?"

    अवनि ने उसकी तरफ देखा, फिर नीचे उसकी कमर के पास नजर घुमाई और बेहद मासूमियत से बोली—

    "आंटी, आपको सच में लगता है कि आपका बेटा मुझे प्रेग्नेंट कर सकता है?"

    इस एक डायलॉग ने पूरा लिविंग रूम हिला दिया!

    रेणुका जी, रिया और रितिक ने सदमे में अपने-अपने मुँह पर हाथ रख लिया और फिर एक साथ रुहान की तरफ देखने लगे, जैसे वे जाँच रहे हों कि 'क्या वाकई कोई कमी है?'

    रुहान: "WHAT THE F—!"

    लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कह पाता, सबको अवनि की मन की बात सुनाई देने लगी—

    "इस आदमी के साथ बच्चा पैदा करना तो दूर, इसके साथ एक ही कमरे में रहना भी मुश्किल है! खुद को 'This Man Khan' समझता है, आखिर है क्या इसमें?"

    अवनि थोड़ी देर के लिए रुकी, फिर उसने रुहान को ध्यान से देखा और अपनी बात खुद ही काटते हुए बोली—

    "मानी हूँ, थोड़ा हैंडसम है, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि मैं इसकी सारी बातें मान लूँ! मुझे तो लगता है इसका सामान भी छोटा ही होगा... क्योंकि मैंने हमेशा खुशबसूरत देखने वाले प्रोडक्ट्स को खराब क्वालिटी का देखा है!"

    यह सुनते ही रिया, रितिक और रेणुका जी अपनी हँसी रोकने की पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि अगर उन्होंने मुँह खोला, तो पूरा हॉल ठहाकों से गूँज उठेगा!

    वहीं, रुहान को ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसे उठाकर सातवें आसमान से धक्का दे दिया हो। उसका चेहरा शर्म से लाल पड़ गया था। उसका वह 'चॉकलेट बॉय' वाला मासूम चेहरा अब एक पके टमाटर जैसा लग रहा था!

    वहीं, अवनि अब भी अपने मन में बोल रही थी—

    "वैसे अवनि, तुझे अपना मकसद नहीं भूलना चाहिए! तुझे सिर्फ इस फैमिली को बचाना है और फिर यहाँ से रुहान से तलाक लेकर एलिमनी के पैसे उठाने हैं। कुछ दिन इस शहर में मौज-मस्ती करने के बाद सीधा मास्टर के पास लौट जाना है!"

    यह सुनकर वहाँ बैठे सभी लोग अवनि की असली मंशा समझ गए।

    "तो इसका मतलब... ये बस हमारी फैमिली को बचाने के लिए यहाँ ठहरी हुई है?"

    उन सबके दिल में एक अजीब सा दर्द था। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अवनि की असली योजना कुछ और थी।

    लेकिन इससे पहले कि कोई इस पर प्रतिक्रिया दे पाता, अचानक विला के दरवाज़े से तेज़ आवाज़ आई—

    "अरे भाई! इस घर में कोई मुझे रिसीव करने नहीं आएगा?"

    सबने घूमकर देखा तो मि. दीपक मल्होत्रा यानी रिया, रितिक और रुहान के डैड और रेणुका जी के पति, वहाँ खड़े थे।

    रुहान ने राहत की सांस ली, लेकिन अवनि के होंठों पर एक शरारती मुस्कान थी।

    ( अगला एपिसोड और भी धमाकेदार होगा! )

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    आगे की कहानी जानने के लिए अगले अध्याय का इंतजार करें! 📖🔥

  • 7. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 7

    Words: 1733

    Estimated Reading Time: 11 min

    जैसे ही दीपक मल्होत्रा अंदर आए, अवनि के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई। उसने उन्हें ध्यान से देखा और मन ही मन सोचा—

    "तो ये हैं मेरे ससुर जी! मानना पड़ेगा, उम्र के इस पड़ाव पर भी ये काफी हैंडसम हैं, तभी तो आज भी लड़कियाँ इन पर मरती हैं!"

    अवनि ने हल्की सी मुस्कान दबाई और आगे सोचा—

    "पर जितने देखने में स्मार्ट लगते हैं, उतना ही दिमाग से पैदल हैं! तभी तो इनकी बचपन की आशिक़ा इन्हें सालों से उल्लू बना रही है और इनसे पैसे ऐंठ रही है!"

    अवनि के मन की बात सुनकर पूरा कमरा सदमे में चला गया!

    "WHAT?"

    सबके चेहरे पर जैसे तूफान आ गया हो।

    वहीं, शाक्षी को अब धीरे-धीरे ड्रग्स का नशा चढ़ने लगा था, इसलिए वह वहाँ से चुपचाप खिसक गई। किसी ने भी उसकी गैरमौजूदगी पर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि अभी तो सारा ध्यान दीपक जी की चोरी पकड़े जाने पर था!

    दीपक जी ने इधर-उधर देखा, जैसे उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि ये आवाजें कहाँ से आ रही हैं!

    लेकिन असली टेंशन की बात ये थी कि अब सबको ये पता चल गया था कि वे अपनी बचपन की प्रेमिका से अब भी जुड़े हुए हैं!

    रेणुका जी का चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था। वे दीपक जी को घूर रही थीं, जैसे उन्हें कच्चा चबा जाएँगी!

    रिया, रितिक और रुहान के लिए यह किसी बिजली के झटके से कम नहीं था।

    "डैड... आप सीरियसली?"

    "आपकी एक्स-गर्लफ्रेंड... आप अभी भी उसके साथ कनेक्टेड हैं?"

    अब तक दीपक जी खुद भी पूरी तरह पसीना-पसीना हो चुके थे। लेकिन इससे पहले कि वे कुछ सफाई देते, अवनि की मन की बातें फिर से गूँज उठीं—

    "वैसे इनके एक्स-जीएफ ने इन्हें बहुत बड़ी चपत लगा दी! उसने इन्हें बेवकूफ बनाकर बोल दिया कि उसका बेटा, मेरे ससुर जी का खून है! और मेरे प्यारे ससुर जी ने बिना डीएनए टेस्ट कराए ही मान लिया कि वो उनका बायोलॉजिकल बेटा है! वाह, क्या दिमाग पाया है! इसी अकलमंदी की वजह से उन्होंने उस लड़के की मदद करके उसे अपनी कंपनी में भी नौकरी दिला दी!"

    "WHATTTT???"

    अब तो जैसे पूरे घर में भूकंप आ गया!

    दीपक जी के चेहरे से जैसे खून ही सूख गया!

    उन्होंने अवनि की तरफ गुस्से से देखा और चीखते हुए बोले—

    "ये क्या बकवास कर रही हो, बेहूदा लड़की?!"

    इतना बोलते ही उन्होंने गुस्से में आकर अवनि को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया, लेकिन...

    "चटाक्क्क!!!"

    थप्प्पड़ अवनि को नहीं, बल्कि खुद दीपक जी को पड़ गया!

    रेणुका जी ने बिना एक सेकंड सोचे दीपक जी की गाल पर एक ज़ोरदार चाँटा जड़ दिया!

    अवनि, जो अभी तक सोफे पर बैठी मजे ले रही थी, झटके से खड़ी हो गई!

    दीपक जी ने हैरानी से रेणुका जी की तरफ देखा।

    लेकिन रेणुका जी इतनी गुस्से में थीं कि उन्होंने बिना रुके दूसरी तरफ से एक और थप्पड़ जड़ दिया!

    "धप्प्प्प!!!!"

    अब तो जैसे पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया।

    रिया, रितिक और रुहान एकटक अपने पापा को देख रहे थे, जैसे उनके दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल घूम रहा हो—

    "क्या ये आदमी सच में हमारा डैड है???"

    दीपक जी अब पूरी तरह सदमे में थे।

    लेकिन रेणुका जी का गुस्सा अभी ठंडा नहीं हुआ था। वे लगातार दीपक जी को पीटे जा रही थीं और गालियों की बरसात कर रही थीं!

    "तुम्हें शर्म नहीं आई? इतने सालों तक मुझे धोखा दे रहे थे?"

    "उस औरत ने तुझे उल्लू बना दिया और तूने मान भी लिया कि वो लड़का तेरा बेटा है??"

    "बिना डीएनए टेस्ट कराए ही?"

    "तू वाकई सबसे बड़ा बेवकूफ है दीपक!"

    दीपक जी खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे, "रेणुका, सुनो, ये सब झूठ है! अवनि झूठ बोल रही है!"

    लेकिन अब तक तो सब जान चुके थे कि अवनि झूठ नहीं बोल रही थी, बल्कि पूरी तरह सच बोल रही थी!

    दीपक जी को खुद समझ नहीं आ रहा था कि अवनि को ये बात कैसे पता चली? और सबसे बड़ी गड़बड़... पूरा परिवार उनकी मन की बातें कैसे सुन पा रहा था?!

    अब तो दीपक जी पूरी तरह कंफ्यूज़ और परेशान हो गए थे।

    लेकिन खेल अभी खत्म नहीं हुआ था...

    ----


    रेणुका जी मरने से दीपक जी ये बात नहीं मन रहे थे वो अवनी के बातों को झूठा बोलने लगे थे और वो गुस्से अवनी के तरफ देख अपनी प्यारी बीवी से बोलते है रेणुका तुम कैसे अवनी पर भरोसा कर सकती हो तुम तो जानती हो न ये कितनी बड़ी चालक औरत है।

    दीपक जी की बात सुनकर अवनि का चेहरा तिरछी मुस्कान में बदल गया। वह अब तक सदमे में थी, लेकिन अब उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। उसने मन ही मन सोचा—

    "मेरे ससुर जी सच में बहुत बड़े बेवकूफ हैं! इन्हें अब तक समझ नहीं आया कि इनकी वजह से सिर्फ इनका बिज़नेस ही नहीं, पूरी मल्होत्रा फैमिली तबाह होने वाली है! इनकी नासमझी और मूर्खता के कारण आने वाले दिनों में इस घर में सिर्फ दर्द और बर्बादी का साया मंडराने वाला है।"

    अवनि ने हल्की मुस्कान दबाई और आगे सोचा—

    "मुझे साफ दिख रहा है… एक-एक करके सब खत्म हो जाएगा। इनकी बेवकूफी की वजह से दादी जी को इतना बड़ा झटका लगेगा कि वे हार्ट अटैक से इस दुनिया को अलविदा कह देंगी। और फिर… इसके बाद विनाश की एक नई कहानी लिखी जाएगी।"

    "रेणुका जी… बेचारी, अपने पति की इस धोखेबाजी के कारण मानसिक रूप से इतनी कमजोर हो जाएँगी कि उनका एक्सीडेंट होगा और वे भी इस दुनिया को छोड़ जाएँगी! लेकिन असली खेल तब शुरू होगा, जब इनके लाडले बच्चों की ज़िंदगी नरक में बदल जाएगी।"

    अवनि ने आँखें बंद की और मल्होत्रा फैमिली के आने वाले भविष्य को देखने लगी—

    "रिया… जो अभी एक एलीट फैमिली की बेटी है, उसे पेट भरने के लिए एक छोटी-सी होटल में वेटर की नौकरी करनी पड़ेगी। लेकिन यही नहीं! जब उसकी जिंदगी में और ज्यादा अंधेरा आएगा, तो कुछ वहशी दरिंदे उसे जबरदस्ती अपनी हवस का शिकार बना लेंगे! न सिर्फ उसके साथ जबरदस्ती होगी, बल्कि उसका वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल भी किया जाएगा… वो दिन उसके लिए किसी नर्क से कम नहीं होगा!"

    "रितिक… जो इस घर का सबसे लाडला बेटा है, उसकी हालत तो और भी ज्यादा खराब होगी! जब इस घर का सारा पैसा छिन जाएगा, तो वह मजबूरी में अपनी इज्जत बेचकर पैसे कमाने के लिए मजबूर होगा! हाँ, वो मर्द होते हुए भी एक 'मेल प्रॉस्टिट्यूट' बन जाएगा, ताकि वह जिंदा रह सके! वाह, मेरे ससुर जी की महानता के क्या कहने!"

    "रुहान… जो आज अपनी ताकत और दौलत पर घमंड करता है, वह जिंदगी भर सिर्फ एक बिस्तर पर पड़ा रहेगा। हाँ! एक दिन ऐसा आएगा जब उसे इतनी बुरी हालत में पहुँचा दिया जाएगा कि वह पूरी तरह से डिसेबल हो जाएगा। एक पैरालाइज्ड इंसान, जो सिर्फ छत को घूरता रहेगा और अपनी बेबसी पर आंसू बहाएगा!"

    "और फिर… मेरे प्यारे ससुर जी! इन्हें सबसे बड़ा झटका तब लगेगा जब इनकी आँखों के सामने ही इनका सब कुछ खत्म हो जाएगा! मल्होत्रा फैमिली की बर्बादी, इनके खुद के हाथों से लिखी गई कहानी होगी! लेकिन उससे भी बड़ा सदमा इन्हें तब लगेगा, जब इन्हें ये एहसास होगा कि इनकी नासमझी और मूर्खता के कारण उनकी खुद की औकात सड़क पर भीख माँगने जितनी भी नहीं बचेगी! और फिर…"

    अवनि ने ठंडी साँस ली और आगे सोचा—

    "गिल्ट! इतना बड़ा गिल्ट कि ये उसे सहन ही नहीं कर पाएँगे! अपनी बेवकूफी का नतीजा जब इनकी आँखों के सामने आएगा, तो ये उस दर्द को झेल ही नहीं पाएँगे! और फिर… एक दिन, जब इन्हें अपनी ही हार को बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाएगा, तब ये खुद अपने ऑफिस की बिल्डिंग से कूदकर अपनी जान दे देंगे!"

    अवनि की आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वह कोई फिल्म देख रही हो।

    उसने अपनी नज़रें ऊपर उठाईं और देखा कि घर के सारे लोग सदमे में थे। रुहान, रिया और रितिक के हाथ-पैर काँप रहे थे। रेणुका जी का चेहरा डर और गुस्से से लाल हो चुका था।

    लेकिन असली तमाशा तब शुरू हुआ जब रेणुका जी अचानक से अपनी चप्पल निकालकर दीपक जी की ओर लपकीं!

    "तूने हमारे पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया, दीपक...!

    इतना बोलते हुए वो मरने लगती है उसकी बात सुनकर तब भी दीपक जी अवनी की बात को न मानते हुए भी अवनी से बोलते हुए तुम क्या बेहूदा बकवास कर रही हो लड़की ??

    उसकी बात सुनकर अवनी उनके तरफ हैरान होकर बोलती है क्या मैने क्या बोला ये बोलते हुए वो अपने कदम पीछे कर लेती है।

    जिसे देख रूहान बात को संभालने के लिए बोलता है अवनी तुमने अभी जो बोला वो थोड़ा तेज बोला है जिसे हमने उसकी बात सुनकर अवनी हैरानी से बोलती है क्या क्या मैने इतना तेज बोला कि सबको सुनाई दे दिया..

    वही रूहान ने ये बात नहीं बताई अवनी को की उसकी मन की बात वो ओर उसकी फैमिली सुन सकती है।

    क्योंकि वो जाना चाहता था कि अवनी अपने मन में क्या सोचती है।

    वही अवनी ये सुनकर उसका चेहरा पीला पड़ जाता है जिसे देख दीपक जी बोलता है आए लड़की तुम अभी जो बकवास कर रही थी वो क्या था ??

    इसकी बात सुनकर अवनी बोलती है जो मैने बोला था वो आपका आने वाला फ्यूचर है उसकी बात सुनकर सभी लोग आश्रय से उसे देखने लगते है क्योंकि किसी को उम्मीद नहीं थी कि वो सच में ये बात एक्सेप्ट करेगी...!!

    वही दीपक जी बोलते है क्या सबूत है तुम्हारे पास जिसे हम तुम पर भरोसा करे उसकी बात सुनकर अवनी के चहेरे पर मुस्काना आ जाती है और वो बोलती है ओके तब मैं ये बात प्रूफ कर सकती हूं कि में जो बोल रही हूं वो सच है ओर वो एक्चुअल में आपके फ्यूचर या अभी होगा उसकी बात सुनकर सभी लोग उसे देखने लगते है तो रूहान बोलता है ठीक है तुम अपने आपको।प्रूफ करो उसकी बात सुन अवनी की आंखे एकदम नीली हो जाती है और इस बार ये सभी लोग देख पा रहे थे।

    की अवनी के आंखों रंग बदल रहा है।

    अवनी के आंखों के सामने इस वक्त एक ऑफिस का सीन था जहां पर दिख रहा था कि साक्षी ऑफिस केबिन में थी और एक लड़के साथ वो इंटीमेट हो रही थी।

    अवनी को इस वक्त साक्षी का चेहरा अच्छे से देख रहा था मगर लड़का चहेरा वो नहीं देख पा रही थी।

    ( आगे का चैप्टर का वेट करिए क्योंकि आगे का चैप्टर और दमके डर 🔥 होने वाले है )

  • 8. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 8

    Words: 1610

    Estimated Reading Time: 10 min

    रुहान की आँखों में गुस्सा था, अवनि की आँखों में शातिर मुस्कान, और बाकी मल्होत्रा परिवार की आँखों में बस एक ही चीज़ थी—हैरानी।

    अवनि ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, "अगर तुम सबको मुझ पर भरोसा नहीं है, तो चलो, मैं तुम्हें तुम्हारी आँखों से सच दिखा दूँगी!"

    रुहान गुस्से में गुर्राया, "अवनि, तुम क्या साबित करना चाहती हो? साक्षी मुझसे प्यार करती है, वो ऐसा कर ही नहीं सकती!"

    अवनि की मुस्कान और गहरी हो गई। उसने एक नजर सभी पर डाली और फिर ठंडे स्वर में कहा, "ठीक है, तो चलो मेरे साथ। देख लेते हैं, कौन सही है और कौन गलत!"


    अवनि बिना एक पल रुके तेज़ी से बाहर निकली और अपनी कार की ओर बढ़ी। पीछे-पीछे रुहान, रितिक और रिया भी कार में बैठ गए। वहीं, दूसरी कार में दीपक जी और रेणुका जी सवार थे, जो अवनि की कार का पीछा करने लगे।

    रुहान गाड़ी में बैठते ही झुंझलाया, "तुम हमें कहाँ लेकर जा रही हो?"

    अवनि ने ड्राइविंग सीट पर बैठते हुए सिर्फ इतना कहा, "सच के दरवाजे तक!"

    गाड़ियों की रफ्तार तेज़ हो गई, और कुछ ही देर में वे मल्होत्रा इंडस्ट्रीज के ऑफिस के सामने पहुँच गए।

    रुहान ने भौचक्की निगाहों से अवनि को देखा, "तुम हमें यहाँ क्यों लाई हो? साक्षी तो घर पर होनी चाहिए थी!"

    अवनि ने बस एक नज़र उसकी तरफ डाली और ठंडे स्वर में कहा, "शायद तुम्हें साक्षी को मुझसे ज्यादा जानने का ग़लतफहमी हो गई है। अब बस चुप रहो और मेरे पीछे आओ।"



    अवनि आगे बढ़ी, और मल्होत्रा फैमिली भी उसके पीछे-पीछे चल दी। पूरे ऑफिस में हलचल मच गई थी।

    स्टाफ के लोग कानाफूसी करने लगे—
    "इतनी रात को पूरा मल्होत्रा परिवार यहाँ?"
    "क्या कोई बड़ा ड्रामा होने वाला है?"

    पर अवनि किसी की परवाह किए बिना सीधे पहली मंज़िल पर रुहान के केबिन की ओर बढ़ गई।

    जैसे ही वे केबिन के पास पहुँचे, एक असिस्टेंट ने रास्ता रोक लिया।

    "सर, आप इस वक्त यहाँ? कुछ ज़रूरी काम था?"

    रुहान कुछ कहता, उससे पहले ही अवनि ने उसे ज़ोर से धक्का दिया और बिना रुके केबिन के दरवाजे तक पहुँच गई।

    लेकिन तभी...

    गुनाह का पर्दाफाश

    केबिन के अंदर से अजीब-अजीब आवाजें आ रही थीं।

    रेणुका और दीपक जी एक-दूसरे को देखने लगे। रितिक और रिया के चेहरे सख्त हो गए।

    रुहान की आँखों में बेचैनी थी, लेकिन अवनि का चेहरा पूरी तरह निर्विकार था।

    और फिर, बिना एक पल गँवाए, अवनि ने ज़ोर से दरवाजा खोल दिया—

    "धड़ाम!!"

    सामने का दृश्य देखकर पूरे मल्होत्रा परिवार की आँखें फटी रह गईं।

    साक्षी एक आदमी के साथ सोफे पर थी...!

    उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे।

    और वह आदमी... कोई और नहीं, बल्कि रुहान का सबसे भरोसेमंद असिस्टेंट शुभम था!

    साक्षी और शुभम ने अचानक से दरवाजा खुलते ही चौककर उनकी ओर देखा।

    "धत्त तेरी!!" शुभम हड़बड़ाकर सोफे से नीचे गिर गया।

    साक्षी की आँखें डर से फैल गईं। वह एक सेकंड तक समझ ही नहीं पाई कि क्या हुआ।

    रुहान के चेहरे पर अविश्वास था, रिया के चेहरे पर घृणा, और रितिक के चेहरे पर गुस्सा।

    रेणुका ने अपना मुँह पर हाथ रख लिया, और दीपक जी की मुट्ठियाँ कस गईं।

    "साक्षी!" रुहान के मुँह से बस इतना ही निकला।

    अब साक्षी को अपनी गलती का एहसास हुआ।

    पर वह रोने लगी।

    "रु... रुहान! ये सब मेरी गलती नहीं है! ये शुभम... इसने मुझे मजबूर किया!"

    शुभम, जो अब भी हक्का-बक्का था, फौरन चिल्लाया, "झूठ! ये झूठ बोल रही है! ये सब इसकी मर्ज़ी से हो रहा था!"

    रुहान के हाथ एक पल के लिए कांपे।

    वह विश्वास ही नहीं कर पा रहा था कि उसकी प्रेमिका, जिससे वह शादी करने वाला था, वह उसके सबसे भरोसेमंद इंसान के साथ...

    उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन उनमें आग भी थी।

    "मैंने तुमसे कितना प्यार किया, साक्षी..." रुहान की आवाज़ काँप गई।

    साक्षी ने घुटनों पर बैठकर हाथ जोड़े, "प्लीज़, मेरी बात मानो, रुहान! ये सब मेरी गलती नहीं थी!"

    पर अवनि ने एक तीखी हँसी हंसकर कहा—

    "ओह, तो अब नाटक शुरू?"



    अवनि ने उसकी तरफ कदम बढ़ाए और उसकी ठुड्डी पकड़कर ऊपर उठाई।

    "क्या हुआ, साक्षी? अब ये आंसू क्यों? जब धोखा दे रही थी, तब क्या ये आँखें बंद थीं?"

    साक्षी ने कोई जवाब नहीं दिया।

    अवनि ने ठंडी आवाज़ में कहा, "ये तो बस शुरुआत है। अभी तुम्हारा असली पर्दाफाश बाकी है!"



    ---

    साक्षी की सच्चाई सबके सामने आ चुकी थी। यह भी साबित हो चुका था कि अवनि झूठ नहीं बोल रही थी, जिस वजह से मल्होत्रा परिवार को उस पर विश्वास हो गया। लेकिन साक्षी अब भी यह सच स्वीकार करने को तैयार नहीं थी।

    वह बेचारी बनने का नाटक करते हुए, रोते हुए रुहान के सामने खड़ी हो गई और सारा इल्जाम शुभम पर डालने लगी।

    साक्षी (रिश्ते की आखिरी उम्मीद लिए हुए) – "रुहान, तुम मुझ पर विश्वास नहीं कर सकते! मैं तुमसे सच में प्यार करती हूँ। मैं तुम्हें धोखा देने के बारे में सोच भी नहीं सकती!"

    रुहान ने उसकी बात सुनी, लेकिन एक पल के लिए भी उसका चेहरा नहीं बदला। उसने अपने ठंडे लेकिन सख्त शब्दों में कहा –

    रुहान (सख्त लहज़े में) – "साक्षी, मुझे पता है तुम कौन हो और कैसी हो। अब जब सच सामने आ चुका है, तो मैं तुम पर विश्वास नहीं कर सकता। मैं तुम्हें इस बार माफ कर रहा हूँ, लेकिन अगली बार मेरी फैमिली और ख़ासकर मेरी पत्नी से दूर रहना। मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी वजह से मेरी वाइफ को कोई तकलीफ हो।"

    साक्षी ने रुहान के शब्दों में अवनि के लिए जो फ़िक्र थी, उसे महसूस कर लिया था। उसका नाटक चलता रहा, लेकिन रुहान अब एक भी शब्द सुनने को तैयार नहीं था।

    वह भागते हुए रेनुका जी और दीपक जी के पास गई, लेकिन उन्होंने भी बेइज़्ज़ती से अपनी नज़रें फेर लीं। रितिक और रिया की तरफ़ देखा तो दोनों उसे घृणा भरी नज़रों से देख रहे थे। साक्षी समझ गई कि अब इसका कोई फायदा नहीं।

    साक्षी (मन ही मन गुस्से में दाँत पीसते हुए) – "सारी फैमिली ही पागल है!"

    फिर वह गुस्से से पैर पटकती हुई चली गई।


    ---



    साक्षी के जाने के बाद रुहान ने शुभम को भी नौकरी से निकाल दिया। उसके बाद उसकी नज़र अवनि पर पड़ी, जो सोफ़े पर बैठी हुई अपने फोन में व्यस्त थी। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी।

    रुहान (मन में) – "क्या देख रही है ये?"

    जब वह उसके पास गया, तो देखा कि मैडम इंस्टाग्राम पर जिम वाले बॉयज़ की रील्स देख रही थी! शर्टलेस लड़के अपनी बॉडी फ्लेक्स कर रहे थे, और अवनि उन्हें ऐसे देख रही थी जैसे किसी ने 50% डिस्काउंट पर चॉकलेट का ढेर रख दिया हो!

    रुहान ने देखा कि अवनि के चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गई है।

    रुहान (अंदर ही अंदर गुस्से में) – "मैं यहाँ इसके लिए लोगों से लड़ रहा हूँ, और मैडम इंस्टाग्राम पर किसी और के एब्स गिन रही हैं?!"

    रितिक और रिया भी उसकी हरकतें देख चुके थे। रितिक ने धीरे से रुहान के कान में कहा –

    रितिक (मुस्कुराते हुए) – "भाई, देखो कैसे अवनि भाभी लार टपका रही हैं! ऐसा लग रहा है जैसे बस फोन के अंदर घुस ही जाएंगी! भाई, मुझे लगता है आपको अपना जलवा दिखाना पड़ेगा!"

    रिया ने भी तुरंत समर्थन कर दिया –

    रिया (मज़ेदार अंदाज़ में) – "बिलकुल भाई! नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। भाभी किसी और के पास चली गईं तो? मैं तो कहती हूँ, आज रात को ही अपना जलवा दिखा दो! नहीं तो कोई और एब्स दिखाकर भाभी को ले जाएगा, और आप यहाँ सिर्फ़ देखते रह जाओगे!"

    रुहान ने अपनी बहन-भाई की बात सुनकर सोचना शुरू किया। उसके दिमाग़ में तुरंत एक अजीब सा सीन आया—

    इमैजिनेशन मोड:

    अवनि किसी और लड़के के साथ खड़ी है। वह लड़का शर्टलेस है, और उसके सॉलिड सिक्स-पैक एब्स हैं। अवनि उसके एब्स पर हाथ फेर रही है, और मुस्कुराते हुए कह रही है—

    अवनि (खुश होकर) – "वाह! क्या एब्स हैं! रुहान के पास तो ऐसे एब्स भी नहीं!"

    फिर अवनि उससे डिवोर्स पेपर्स पर साइन करने को कह रही है!

    और वह लड़का—जो एकदम ऐटिट्यूड में है—रुहान की तरफ़ देखता है और एक चिढ़ाने वाले एक्सप्रेशन के साथ बोलता है—

    लड़का (खिलखिलाते हुए) – "सॉरी ब्रो! तुम्हारी बीवी अब मेरी है!"

    रियलिटी मोड:

    रुहान (बिना सोचे-समझे ज़ोर से चिल्ला दिया) – "अवनि, ये तुम कैसे कर सकती हो?!"

    अवनि जो इंस्टाग्राम रील्स देख रही थी, एकदम शॉक हो गई और उसका फोन हाथ से छूट गया! रितिक और रिया ने तुरंत अपने दोनों कान बंद कर लिए।

    दीपक और रेनुका जी ने भी एक अजीब एक्सप्रेशन दिया, जैसे कि पूछ रहे हों—

    रेनुका जी (हल्की सी परेशानी के साथ) – "ऐसा क्या हो गया?"

    अवनि ने रुहान को देखा, फिर फोन उठाया और कंफ्यूजन में पूछा—

    अवनि (टेंशन में) – "मैंने क्या किया?!"

    रुहान गुस्से से बोला—

    रुहान (टेढ़ा होकर) – "मुझे सब पता है! तुम्हें शर्टलेस लड़के देखने हैं ना?! ठीक है, आज मैं तुम्हें असली जलवा दिखाऊँगा!"

    अवनि एक सेकंड के लिए कन्फ्यूज़ हो गई। रितिक और रिया ने एक-दूसरे की तरफ़ देखा और मुस्कुराए।

    रिया (टीज़िंग टोन में) – "भाई, आज तो धमाका होने वाला है!"

    अवनि ने अब भी समझा नहीं था कि रुहान क्या सोच रहा है, लेकिन जो भी होने वाला था, वह जबरदस्त होने वाला था!


    ---

    नेक्स्ट एपिसोड: क्या रुहान दिखाएगा अपना जलवा?!

    (जारी रहेगा...)

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    प्रिय पाठकों,

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  • 9. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 9

    Words: 1035

    Estimated Reading Time: 7 min

    रुहान ने अवनी के चेहरे की ओर देखा, जो मासूमियत और उलझन से भरी आँखों से उसे घूर रही थी। उसकी बड़ी-बड़ी आँखें बेचैन सी लग रही थीं, जैसे उसे समझ ही नहीं आ रहा हो कि ये सब हो क्या रहा है। लेकिन रुहान को तो बस अपनी मनमानी करनी थी!

    रुहान ने एक झटके में बिना किसी चेतावनी के अवनी को अपने कंधे पर उठा लिया, जैसे कोई बोरी उठाता है!

    अवनी (हैरानी से चिल्लाते हुए) – "रुहाआआन!! ये क्या कर रहे हो?! मुझे नीचे उतारो!"

    रुहान ने उसकी एक न सुनी और सीधे आगे बढ़ने लगा। उसके चेहरे पर एक अलग ही जिद थी, जैसे वह किसी की भी नहीं सुनने वाला हो। अवनी पहले तो पूरी तरह से समझ ही नहीं पाई, लेकिन जब उसे एहसास हुआ कि वह सच में उसे उठा कर ले जा रहा है, तो उसने गुस्से में उसकी पीठ पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए।

    अवनी (गुस्से से) – "रुहान! मुझे नीचे उतारो! ये कोई तरीका है? मैं कोई बोरी हूँ क्या?! सब देख रहे हैं!"

    लेकिन रुहान पर कोई असर नहीं हुआ! पूरे ऑफिस में खलबली मच गई। हर कोई ये नज़ारा देख कर हैरान था। कुछ तो हंस भी रहे थे।

    एक कर्मचारी (धीरे से फुसफुसाते हुए) – "बॉस तो बड़े रोमांटिक निकले यार!"
    दूसरा कर्मचारी – "अरे, रोमांटिक नहीं, ये तो पज़ेसिव हैं! भाभी ने पक्का कुछ ऐसा किया है जो बॉस को हज़म नहीं हुआ!"

    रुहान बिना किसी की परवाह किए, अवनी को लेकर सीधे लिफ्ट की ओर बढ़ गया। अवनी अब भी उसे रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रुहान की पकड़ इतनी मजबूत थी कि उसके पास कोई चारा नहीं था।


    जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा बंद हुआ, रुहान ने बिना कुछ कहे अवनी को नीचे उतारा। अवनी का संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे रुहान के चौड़े सीने से जा टकराई।

    अवनी (गुस्से में, झटके से पीछे हटते हुए) – "तुम पूरी तरह से पागल हो! पूरे ऑफिस के सामने मुझे उठा लिया?! तुम्हें कोई तमीज़ है भी या नहीं?"

    रुहान ने लिफ्ट का बटन दबाया और फिर एक ठंडी नजर से अवनी की ओर देखा। फिर बिना कुछ कहे, उसने अपना हाथ उसके पास दीवार पर टिका दिया और अपने लंबे कद के साथ उस पर झुक गया।

    अवनी (घबराकर दीवार से चिपकते हुए) – "य-ये... ये क्या कर रहे हो? दूर हटो मुझसे!"

    लेकिन रुहान ने एक शब्द भी नहीं कहा। उसने धीरे से अपना हाथ बढ़ाया और अवनी की ठोड़ी पकड़ ली, जिससे उसकी धड़कन तेज़ हो गई।

    रुहान (गहरी आवाज़ में) – "तुम क्या देख रही थीं अपने फोन में?"

    अवनी एक सेकंड के लिए चौंक गई। उसका दिमाग तेज़ी से चलने लगा। अगर उसने सच बोल दिया, तो शायद रुहान पूरी इंस्टाग्राम की शर्टलेस लड़कों की रील्स ही बैन करवा देगा!

    अवनी (शर्माते हुए, नज़रें घुमाते हुए) – "क-कुछ भी तो नहीं... मैं बस सोच रही थी कि..."

    वह बीच में रुक गई। रुहान की पकड़ थोड़ी और कस गई, जैसे कह रहा हो – "आगे बोलो!"

    अवनी ने एक लंबी सांस ली और बिना सोचे समझे बोल दिया—

    अवनी (ड्रामा मोड ऑन) – "मैं सोच रही थी कि... जब हमारा तलाक हो जाएगा, तब जो पैसे मिलेंगे, उनसे मैं एक हैंडसम लड़का हायर कर लूंगी! जो मेरी हर तरह से सेवा करेगा... और मैं उसकी 'शुगर मॉमी' बन जाऊंगी!"

    मौन।

    रुहान ने उसे इस तरह देखा, जैसे उसके सामने किसी ने परमाणु बम गिरा दिया हो। उसका चेहरा काला पड़ गया, और उसकी आँखों में ऐसी आग थी कि लिफ्ट के सेंसर भी डर गए!

    रुहान (खतरनाक आवाज़ में) – "तुमने क्या कहा?"

    अवनी को अब समझ आया कि उसने क्या कह दिया है। उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं, और जो देखा... उसके बाद बस एक ही ख्याल आया—

    "अब तो मैं गई!"

    रुहान ने बिना एक सेकंड गवाएं अवनी की ठोड़ी और कसकर पकड़ ली और दाँत भींचते हुए कहा—

    रुहान: "ये तलाक का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दो, समझी? तुम्हें मैं इस जिंदगी में कभी भी छोड़ने वाला नहीं हूँ!"

    अवनी का चेहरा डर से सफेद पड़ गया। उसकी आँखों में आँसू आ गए, जैसे बस अब रोने ही वाली हो।


    ---



    जैसे ही रुहान और अवनी लिफ्ट में गए, रेनुका जी, दीपक जी, रितिक और रिया एक-दूसरे की तरफ देखने लगे। एक अजीब सा सस्पेंस था, जैसे कोई रियलिटी शो चल रहा हो।

    रितिक (मस्ती भरे अंदाज़ में) – "कुछ नहीं मम्मी, भाई और भाभी बस अपना जलवा दिखाने के लिए घर गए हैं!"

    दीपक जी (हैरानी से) – "क्या मतलब? कौन सा जलवा?"

    रिया (शरारती मुस्कान के साथ) – "मतलब ये कि आप दोनों जल्दी ही दादा-दादी बनने वाले हो!"

    रेनुका जी और दीपक जी खुशी से झूम उठे!

    वहीं रितिक ने देखा कि अवनी का फोन ज़मीन पर गिरा पड़ा था। उसने फोन उठाया और देखा कि इंस्टाग्राम पर अभी भी वही रील चल रही थी— शर्टलेस लड़कों की!

    रितिक ने एक रील देखी, फिर रिया को फोन दिखाया।

    रितिक (हंसते हुए) – "भाभी का टेस्ट तो कमाल का है!"

    रिया भी फोन पर चल रही रील वाले लड़के को देख कर एक सेकंड के लिए ठिठक गई। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई, जैसे किसी ने उसके सामने चॉकलेट रख दी हो!

    रिया (हल्की सी लार टपकाते हुए) – "उम्म... मतलब हाँ, भाभी की चॉइस अच्छी है!"

    रितिक ने उसे चिढ़ाते हुए कहा—

    रितिक: "मुझे तो लगता है, तुम्हें भी अपना एक शुगर डैडी ढूंढना चाहिए!"

    रिया ने झट से उसके सिर पर एक चपत लगाई—

    रिया: "तमीज़ से बात कर!"

    पूरे माहौल में हंसी गूंज उठी। लेकिन असली धमाका तो अब होना था— जब रुहान अपना असली जलवा दिखाने वाला था!


    ---

    अगले एपिसोड में: रुहान का शर्टलेस अवतार?!

    (अब अवनी का क्या होगा? क्या रुहान अपनी जलन दिखाएगा? क्या ऑफिस स्टाफ इस पूरे कांड की गॉसिप करेगा? जानने के लिए, स्टे ट्यूनड!)

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  • 10. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 10

    Words: 1714

    Estimated Reading Time: 11 min

    रूहान बिना किसी देरी के अवनी को अपनी गोद में उठाकर सीधे अपने घर ले जाता है। उसके चेहरे पर एक अजीब सी तेज़ी थी, जैसे किसी मिशन पर निकला हो। घर पहुँचते ही, बिना कुछ कहे, उसने अवनी को सीधे अपने कमरे में ले जाकर बेड पर पटक दिया।

    अवनी अचानक होश में आई और कंफ्यूज़ होकर रूहान को देखने लगी।
    "ये क्या बदतमीज़ी है?!” अवनी ने गुस्से से सोचा। "मुझे कोई आटे की बोरी समझ रखा है जो उठा कर लाया और पटक दिया?!”

    उसने चिढ़ते हुए रूहान की तरफ देखा, मगर तब तक रूहान बिना कुछ कहे सीधे बाथरूम में चला गया। अवनी ने एक सेकंड सोचा कि शायद उसे कोई एक्सप्लानेशन मिलेगा, मगर जब बाथरूम का दरवाज़ा बंद हो गया, तो उसने झुंझलाकर सिर झटका।

    "ये इंसान सच में अजीब है!" अवनी ने बड़बड़ाया।

    उसकी नज़र इधर-उधर घूमी, तो उसे रूहान की बेडसाइड टेबल पर रखी कुछ फोटो फ्रेम्स दिखीं। एक फोटो तो सीधे बेड के पीछे लगी थी। जब उसने गौर से देखा, तो उसमें एक शर्टलेस रूहान था, जो बेहद सेक्सी लग रहा था।

    अवनी का मुँह खुला का खुला रह गया।
    "ओये होए... इसके भी पिंक हैं, मेरी तरह!" अवनी खुद से बोली और हँसने लगी।

    उसकी हँसी अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि अचानक बाथरूम का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई। जैसे ही उसने मुड़कर देखा, उसकी आँखें और भी बड़ी हो गईं।

    रूहान सिर्फ़ एक तौलिए में, भीगे हुए बालों और चमकते हुए पानी की बूंदों के साथ बाथरूम से बाहर निकला था।

    अवनी का दिल एक सेकंड के लिए थम गया। उसकी आँखें रूहान के मस्क्युलर बॉडी और सिक्स-पैक एब्स को देख रही थीं। पानी की बूँदें रूहान के टोंड शरीर को और भी हाइलाइट कर रही थीं।

    रूहान उसके सामने आकर खड़ा हो गया और एक खतरनाक स्मिरक के साथ बोला,
    "ऐसे क्या देख रही हो? चाहो तो छू भी सकती हो, मैं बुरा नहीं मानूँगा!"

    अवनी की आँखों में एक्साइटमेंट थी, मगर उसके हाथ अभी भी अपनी जगह से नहीं हिले थे। तभी रूहान ने उसका एक हाथ पकड़कर अपने सॉलिड एब्स पर रख दिया।

    अवनी की सारी खुशी उसके चेहरे पर झलक रही थी।
    "ये तो असली आयरन मैन है!" उसने मन ही मन सोचा।

    मगर फिर अचानक, अवनी ने अपना हाथ छुड़ाकर सीधे रूहान की छाती पर दोनों हाथों से ज़ोर से दबा दिया।

    "इतनी सॉलिड बॉडी! बिलकुल पत्थर जैसी!" अवनी ने मस्ती से कहा और उसकी छाती को और भी ज़ोर से दबाया।

    रूहान एकदम मूर्ति की तरह खड़ा रह गया।
    उसका दिमाग़ एक सेकंड के लिए ब्लैंक हो गया।
    उसका चेहरा लाल होने लगा, गाल से लेकर कान तक पूरा टमाटर!

    "अ-अवनी… त-तुम..." रूहान हकलाया, मगर उसकी बात पूरी भी नहीं हुई थी कि उसने अवनी के दोनों हाथ ज़ोर से पकड़ लिए।

    अवनी ने सवालिया नज़रों से उसे देखा, "अब क्या हुआ?"

    रूहान उसकी आँखों को इग्नोर करता है और उसे धक्का देकर बेड पर गिरा देता है।

    "अरे!" अवनी छोटी सी चीख मारी और बेड पर गिर गई। पर उसकी चीख तब ज़ुबान से ग़ायब हो गई जब रूहान बिना किसी वार्निंग के उसके होठों पर झुक गया!

    अवनी की आँखें शॉक से और भी बड़ी हो गईं।
    "य-ये सच में हो रहा है?!" उसका दिमाग़ एक सेकंड के लिए काम करना बंद कर गया।

    मगर धीरे-धीरे उसने भी रूहान का साथ देना शुरू कर दिया। उसने अपने हाथ रूहान की गर्दन में डाल दिए और उसके बालों को सहलाने लगी।

    रूहान ने किस को और भी इंटेंस कर दिया। दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह खो चुके थे।

    मगर जब अवनी की साँसें तेज़ चलने लगीं, तब रूहान ने किस तोड़ दी और बेड से उठकर खड़ा हो गया। अवनी अब भी शॉक और रोमांस के मिक्सचर में थी। मगर जैसे ही उसने रूहान की तरफ देखा, उसका मुँह और भी ज़्यादा खुल गया।

    क्योंकि रूहान बिना कपड़ों के खड़ा था!!!

    उसका तौलिया कब का उसकी कमर से गिर चुका था!

    अवनी की नज़र सीधे वहाँ चली गई, जहाँ जाने का सोचा भी नहीं था!

    "बप्पा रे!!" अवनी ने मन ही मन चीखा।
    उसका चेहरा पूरी तरह लाल पड़ गया, पूरा टमाटर! और फिर...

    उसकी नाक से दोनों तरफ़ से खून बहने लगा!

    रूहान को समझ नहीं आया कि अवनी को क्या हो रहा है! वह तेज़ी से उसके पास आया और बोला,
    "अवनी! अवनी, तुम ठीक हो?!"

    अवनी बस एक शरमाई हुई मुस्कान के साथ रूहान की कमर की तरफ इशारा करने लगी।

    रूहान ने कन्फ्यूजन में अपनी कमर की तरफ देखा और फिर...

    "AAAHH!!!"

    उसके मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई क्योंकि अब उसे समझ आया कि उसका तौलिया गिर चुका है!

    "SHIT!!" रूहान ने फटाफट अपना तौलिया उठाया और लाइटनिंग स्पीड में बाथरूम के अंदर भाग गया।

    अवनी ने अपना मुँह हाथों से छुपा लिया, मगर उसकी नाक से अभी भी खून बह रहा था।

    और उसके मन में सिर्फ़ एक ही बात चल रही थी—

    "भाग रूहान भाग! वरना अब मैं तुझे नहीं छोड़ूँगी!"

    ----

    रूहान और अवनि के बीच जो हल्का सा रोमांटिक माहौल बना था, अब वो पूरी तरह शर्मिंदगी में बदल चुका था। रूहान अभी भी बाथरूम के अंदर बैठा था, अपने चेहरे को हाथों से ढककर, जैसे खुद को कोस रहा हो।

    "हे भगवान! ये मैंने क्या कर दिया?! मैं... मैं उसके सामने बिना कपड़ों के खड़ा था!!" उसने अपने बालों को झटकते हुए सोचा और गहरी साँस लेने लगा।

    पर फिर उसे याद आया—"अवनि की नाक से खून निकल रहा था!!"

    ये सोचते ही उसने जल्दी से कपड़े पहने और बाथरूम से बाहर निकला। जैसे ही वह कमरे में आया, उसकी नज़र बेड पर गहरी नींद में सोई अवनि पर पड़ी। वो एकदम मासूम लग रही थी, उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी, पर नाक के एक तरफ अभी भी थोड़ा खून लगा हुआ था।

    रूहान ने राहत की सांस ली, "चलो, सो रही है। नहीं तो अगर अभी जागी होती तो मेरी इज़्ज़त की ऐसी-तैसी कर देती!"

    पर उसकी नज़र अवनि के चेहरे पर टिक गई। वो नींद में कितनी मासूम और क्यूट लग रही थी। "ये लड़की जब सोती है, तब सच में एकदम परी लगती है... पर जब जागती है, तो भूतनी से कम नहीं!" उसने खुद से बड़बड़ाया।

    रूहान धीरे से आगे बढ़ा और उसके माथे पर हल्का सा चुम्बन रख दिया। फिर उसने ड्रॉअर से कॉटन निकाला और अवनि की नाक से बहते खून को धीरे से साफ कर दिया। अवनि के चेहरे पर हल्की लाली थी, और उसकी लंबी पलकों की छाया गालों पर पड़ रही थी।

    "अवनि, तुम मुझ पर कौन सा जादू कर रही हो?" रूहान ने धीरे से उसके होठों को निहारते हुए कहा, "मुझे तुम्हारे करीब आने से खुद को रोकना इतना मुश्किल क्यों लग रहा है?"

    फिर उसने धीरे से कंबल खींचा और अवनि को अच्छे से ढक दिया। "सो जाओ मेरी शैतान बीवी, सुबह मिलते हैं!" और फिर वह भी अवनि के पास लेटकर सो गया।


    ---

    अगली सुबह

    अवनि की आँख खुली तो उसने खुद को एक अनजान कमरे में पाया। उसने इधर-उधर देखा और तब एहसास हुआ—"ये रूहान के घर का कमरा है!"

    "ओह नो! मैं यहाँ कैसे पहुँची?!"

    वो तेजी से उठने लगी, लेकिन तभी उसे एहसास हुआ कि उसकी कमर को किसी ने कसकर पकड़ा हुआ है। उसने धीरे से बगल में देखा और उसकी जान ही निकल गई!

    रूहान एकदम उसके पास, उसकी कमर पर हाथ रखकर सो रहा था।

    अवनि की आँखें हैरानी से फैल गईं, "हे भगवान! ये आदमी सोते हुए भी मेरी कमर पर कब्ज़ा जमाए बैठा है!"

    पर उसकी नजरें रूहान के चेहरे पर टिक गईं। उसकी लंबी घनी पलकें, परफेक्ट जॉलाइन और हल्की सी मुस्कान... अवनि बस देखती रह गई।

    "इतना परफेक्ट दिखना ज़रूरी है क्या?" उसने मन ही मन कहा।

    उसने हल्के से अपना हाथ बढ़ाया और रूहान की पलकें छूने लगी। "इतनी लंबी और खूबसूरत पलकों के साथ ये लड़का किसी हीरो से कम नहीं लगता।"

    तभी अचानक...

    रूहान की आँखें खुल गईं!

    अवनि का दिल जोर से धड़क उठा! "बाप रे! पकड़ी गई!!"

    पर रूहान कुछ नहीं बोला, वो सीधा उठकर बैठ गया और बस अवनि को देखता रहा।

    अवनि भी चुपचाप उसे देख रही थी। एक सेकंड... दो सेकंड... तीन सेकंड…

    और फिर अचानक—

    "क्या देख रही हो?" रूहान ने एक स्मिरक के साथ पूछा।

    अवनि घबरा गई और जल्दी से बोल पड़ी, "क..कुछ नहीं!! मैं तो बस... मैं तो बस उठने वाली थी!"

    पर इससे पहले कि अवनि और कुछ बोलती, रूहान ने उसे एक झटके में ब्राइडल स्टाइल में गोद में उठा लिया!

    "रूहान! क्या कर रहे हो?! छोड़ो मुझे!!"

    "सुनो तो सही मेरी प्यारी बीवी!" रूहान ने उसे शरारती अंदाज़ में देखते हुए कहा और सीधे उसे बाथरूम में ले जाकर बाथटब में बैठा दिया!

    अवनि अभी भी सदमे में थी, पर जैसे ही उसने ठंडे पानी को महसूस किया, उसने ज़ोर से चिल्लाया—

    "रूहान के बच्चे, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगी!!"

    पर रूहान हँसता हुआ बाथरूम से बाहर चला गया और सीधा अपने स्टडी रूम में चला गया।


    ---

    कुछ देर बाद—

    जब अवनि और रूहान तैयार होकर नीचे आए, तो अवनि की नज़र एक बुज़ुर्ग महिला पर पड़ी, जो सोफे पर बैठी थी।

    "ओह माई गॉड!! ये रूहान की दादी हैं!!"

    अवनि के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आ गई। उसने मन ही मन कहा—

    "आखिरकार, जिससे मिलने का मुझे इतने दिनों से इंतज़ार था, उनसे आज मिल ही गई!"

    पर रूहान इस बात से कन्फ्यूज़ था कि अवनि उसकी दादी से मिलने के लिए इतनी एक्साइटेड क्यों है।

    "अब इस शैतान लड़की के दिमाग में कौन सा प्लान चल रहा है?" रूहान ने खुद से सोचा और अवनि की ओर शक की नज़रों से देखने लगा।


    ---

    क्या अवनि की इस एक्साइटमेंट के पीछे कोई खास वजह है?
    और क्या रूहान और अवनि के बीच अब सच में प्यार पनपने लगा है?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए...

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  • 11. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 11

    Words: 1223

    Estimated Reading Time: 8 min

    रूहान की नजरें अवनी पर टिकी थीं, जो बड़ी ही मासूमियत से उसकी दादी, मिसेज अंजलि मल्होत्रा, को देख रही थी। दादी उम्रदराज़ होने के बावजूद बला की खूबसूरत लग रही थीं। उनकी आंखों में वही पुरानी चमक थी, चेहरे पर गज़ब का आत्मविश्वास था, और उनके चलने का अंदाज़ तो किसी रॉयल क्वीन से कम नहीं था। सफ़ेद सिल्की बाल, ट्रेंडी कपड़े और चेहरे पर गज़ब की नूरानियत... कोई भी देखकर कह नहीं सकता था कि वे अपनी ज़िन्दगी के ढलते दौर में हैं।

    अवनी तो उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हो गई थी। वह झट से उनके पास जाकर झुककर "हेलो" बोली। उसकी आंखों में जिज्ञासा थी, जैसे किसी पुराने रहस्य को टटोलने की कोशिश कर रही हो।

    "हेलो, बच्ची!" दादी ने स्नेह से जवाब दिया और उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा।

    वहीं, रेनुका जी, रिया, ऋतिक और दीपक जी भी मौजूद थे, जो अवनी की मासूमियत को देख मुस्कुरा रहे थे।

    रूहान ने दादी के पास जाकर हल्की सी मुस्कान के साथ "हेलो" कहा, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे माहौल को हिला कर रख दिया।

    अवनी के मन में एक मासूम सा ख्याल आया, लेकिन वह भूल गई कि यहां बैठे हर व्यक्ति के पास उसके मन की बात सुनने की शक्ति थी।

    "दादी सच में कमाल दिखती हैं! तभी तो मेरे मास्टर ने मुझे यहां इनकी फैमिली को बचाने भेजा। अब समझ में आया, जब दादी इतनी खूबसूरत हैं अभी भी, तो पहले के जमाने में तो कयामत लगती होंगी। तभी तो मेरे मास्टर को उन पर क्रश था!"

    पूरा हॉल एकदम शांत हो गया।

    रूहान की आंखें चौड़ी हो गईं, जैसे किसी ने उसे करंट लगा दिया हो।
    दीपक जी, जो आराम से कॉफी पी रहे थे, उनके हाथ से कप छूटकर सीधा उनकी गोद में गिर गया, लेकिन उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं थी। वे अविश्वास से अपनी मां की ओर देखने लगे।

    और दादी...? दादी का हल्का सा चेहरा लाल पड़ गया। वे पहले ही जानती थीं कि अवनी की मन की बातें सब सुन सकते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि इतने बड़े राज़ खुलने वाले हैं!

    अवनी तो अब भी सोच में डूबी थी—

    "दादी सच में कमाल हैं! मैंने सुना था कि जब से दादाजी गए थे, दादी दो साल तक डिप्रेशन में थीं। लेकिन फिर उन्होंने अपनी जिंदगी को दोबारा जीना सीखा और फैमिली बिजनेस संभाल लिया।"

    अब तक माहौल थोड़ा नॉर्मल हो रहा था, लेकिन तभी अवनी ने बम फोड़ दिया—

    "वैसे मैंने सुना है कि दादी ने अपनी जिंदगी में 50 बॉयफ्रेंड बनाए थे!"

    "क्याआआ?!" – पूरे घर में हलचल मच गई।

    दादी ने हल्की सी खांसी ली और धीरे से अपना चेहरा पंखे की हवा में कर लिया।

    और जैसे ही सभी यह बात पचाने की कोशिश कर रहे थे, अवनी ने और भी बड़ा धमाका कर दिया—

    "वैसे मुझे जहां तक मालूम है, मेरी प्यारी दादी जी ने हाल ही में भी एक बॉयफ्रेंड रखा हुआ है। और वह उनकी 'शुगर मॉमी' भी हैं! और उनका बॉयफ्रेंड बहुत ही हैंडसम है, उन्हें बहुत खुश रखता है और कभी भी उन्हें अकेलापन महसूस नहीं होने देता!"

    अब तक पूरे घरवालों की आंखें दादी पर जम चुकी थीं।

    रूहान का चेहरा अजीब भावों से भर गया था। वह अपनी दादी को घूरते हुए बोला—
    "दादी...?!"

    लेकिन इससे पहले कि कोई और कुछ कहता, अवनी अपने खयालों में और भी बहकने लगी—

    "वैसे मुझे भी लगता है कि मुझे भी एक बॉयफ्रेंड रख लेना चाहिए, जो मुझे एक प्रिंसेस की तरह ट्रीट करे, मेरी हर बात माने और मेरी सेवा भी करे!"

    रूहान की आंखों में गुस्से की चमक आ गई। वह अवनी को जानलेवा नज़रों से घूरने लगा, जैसे कह रहा हो— "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये सोचने की?"

    अब माहौल संभालने के लिए दादी ने तुरंत बात बदली,
    "अवनी बेटा, तुम कैसी हो? मुझे तुमसे मिलकर बहुत खुशी हुई। देखो, मैं तुम्हारे लिए गिफ्ट्स लाई हूं।"

    गिफ्ट सुनते ही अवनी तुरंत अपने खयालों से बाहर आई और खुशी-खुशी गिफ्ट लेने लगी।

    लेकिन तभी अवनी के मन में एक और ख्याल आया—
    "क्या मैं दादी जी से उनका बॉयफ्रेंड मांग लूं? वैसे भी वह बहुत ज्यादा हैंडसम है और चॉकलेट बॉय भी है!"

    अब तो दादी के चेहरे का रंग उड़ गया।

    उन्होंने तुरंत कहा, "अरे हां! मुझे अभी याद आया कि मुझे अपनी फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में जाना है, मुझे बहुत देर हो रही है!"

    और बिना किसी को कुछ समझाने का मौका दिए, वे तेजी से बाहर भाग गईं।


    ---

    मेंशन के गार्डन में

    रूहान, दादी जी, रेनुका जी और दीपक जी मेंशन के गार्डन में बैठे थे।

    रूहान ने अपनी दादी की ओर देखा और सीधा सवाल दाग दिया—
    "दादी, आपने कभी बताया नहीं कि आप ऐसी भी हैं!"

    दादी हल्के से मुस्कुरा दीं।

    फिर उन्होंने गहरी सांस लेते हुए कहा,
    "वैसे, अवनी किस मास्टर की बात कर रही थी? वह लड़की बहुत प्यारी है। मुझे नहीं लगा था कि वह हमारे लिए इतना सोचती होगी।"

    रूहान, रेनुका और दीपक जी ने सहमति में सिर हिला दिया।

    तभी रूहान ने कहा,
    "दादी, मैंने कई बार अवनी को खुद को 'मिरेकल' कहते सुना है। कभी-कभी उसकी बातें सुनकर अजीब लगता है।"

    दादी जी अचानक एकदम चुप हो गईं। कुछ देर तक शांत रहने के बाद उन्होंने कहना शुरू किया—

    "जब मैं कॉलेज में थी, तब हमारी क्लास में एक लड़का था। वह मिडिल-क्लास फैमिली से था, लेकिन बहुत होशियार था। एक दिन उसका झगड़ा हो गया कुछ लड़कों से, तब मैंने उसकी मदद की थी।"

    "उस दिन, उसने मुझे थैंक्यू कहा और फिर बोला—
    'जब आपकी उम्र 60 से ऊपर होगी, तब आपकी फैमिली में कुछ परेशानियां आएंगी। उस समय, मैं आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मैं एक मिरेकल भेजूंगा जो आपकी फैमिली को बचा लेगा।'"

    यह सुनकर पूरे माहौल में सन्नाटा छा गया।

    रूहान ने धीरे से कहा,
    "तो दादी, साफ बात है कि वह लड़का, जिसकी आपने मदद की थी, आज आपका फेवर लौटाने के लिए अवनी को यहां भेजा है!"

    दादी जी की आंखों में हल्की नमी थी, जैसे वे किसी बीते हुए पल को महसूस कर रही थीं।

    "मिरेकल..." वे धीरे से बुदबुदाईं।

    ---


    दादी की हल्की मुस्कान के पीछे छिपा एक गहरा रहस्य था।

    रूहान की नज़रे अपनी दादी पर टिकी थीं, लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। अगर अवनी सच में "मिरेकल" थी, तो इसका मतलब था कि उसे यहां भेजने वाले के इरादे नेक थे... या शायद नहीं?

    लेकिन सवाल यह था—

    "क्या अवनी खुद को इस परिवार का हिस्सा मानकर उनकी रक्षा करेगी?"

    या फिर...

    "क्या यह बस एक खेल था, जो अब और भी उलझने वाला था?"


    ---

    (जारी... अगले एपिसोड में— अवनी की असली पहचान से जुड़े कुछ ऐसे राज़ खुलेंगे, जो न सिर्फ उसकी ज़िंदगी बदल देंगे, बल्कि पूरे मल्होत्रा मेंशन को भी हिला कर रख देंगे! क्या आप तैयार हैं?)

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  • 12. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 12

    Words: 1416

    Estimated Reading Time: 9 min

    रूहान अपनी दादी से बात करने के बाद वहां से मेंशन के अंदर आ जाता है वही उसके पेरेंट्स अभी भी गार्डन में उसकी दादी से बात कर रहे थे।


    ---

    मेंशन का हॉल

    रूहान जब वापस लौटा, तो उसने देखा कि अवनी सोफे पर बैठी थी, और रिया उसके कंधों की हल्की-हल्की मसाज कर रही थी, जबकि ऋतिक उससे किसी बात पर मज़ाकिया अंदाज़ में कुछ पूछ रहा था। तीनों काफ़ी कंफर्टेबल लग रहे थे।

    रूहान की भौहें तन गईं। उसके अंदर कुछ जल उठा। उसकी नज़र सीधे अवनी पर टिकी, जो हंसते हुए ऋतिक को कुछ बता रही थी।

    "ऋतिक, रिया, तुम दोनों अपने कमरे में जाओ। मुझे अपनी बीवी से कुछ ज़रूरी बात करनी है।"

    उसकी गहरी, ठंडी आवाज़ में ऐसा प्रभाव था कि दोनों बिना कुछ कहे एक-दूसरे को देखकर खड़े हो गए और वहां से खिसक लिए। जाते-जाते ऋतिक हल्की मुस्कान के साथ फुसफुसाया—

    "भाभी, बच के रहना। भाई बहुत खतरनाक मूड में लग रहे हैं।"

    "चुप कर," रिया ने उसकी कमर में चिकोटी काटते हुए कहा और दोनों कमरे की ओर चले गए।

    जैसे ही वे गए, रूहान अवनी के पास आकर सोफे पर बैठ गया। उसकी आंखों में अजीब सी गंभीरता थी। उसने सीधे अवनी की ओर देखा और बिना भूमिका के बोल पड़ा—

    "अवनी, मैं जानता हूं कि तुम मुझसे तलाक चाहती हो... लेकिन अब मैं तुम्हें तलाक नहीं देने वाला।"

    अवनी की चौंकाने वाली प्रतिक्रिया

    "क्या?!" अवनी झटके से खड़ी हो गई। उसकी आंखों में गुस्सा और भ्रम दोनों थे।

    "रूहान, ये मज़ाक नहीं है।"

    "मुझे मज़ाक करने की आदत नहीं है, अवनी," रूहान ने ठंडे स्वर में कहा और उसकी कलाई पकड़कर उसे वापस सोफे पर बिठा लिया। उसकी आंखों में हल्की मुस्कान थी, लेकिन आवाज़ में एक कठोर जिद्द थी।

    "अगर तुम तलाक नहीं लोगी, तो मैं अपनी कंपनी के शेयर तुम्हारे नाम कर दूंगा," उसने शांत लहजे में कहा।

    अवनी की आंखें चौड़ी हो गईं।

    "तुम पागल हो गए हो? तलाक नहीं दूंगा, तो शेयर दे दोगे? ऐसा सौदा कौन करता है?"

    रूहान बस उसे देखता रहा। उसके चेहरे पर किसी तरह का भाव नहीं था। अवनी ने हल्की झुंझलाहट में आंखें मूंद लीं और मन ही मन बुदबुदाई—

    "ये रूहान आखिर समझता क्यों नहीं? मुझे इसकी कंपनी के शेयर नहीं चाहिए, मुझे तो बस पैसे चाहिए ताकि मैं जल्दी से किसी हैंडसम मॉडल या किसी सेलेब्रिटी को गोद ले सकूं।"

    जैसे ही उसने यह सोचा, दीवार के पीछे छुपे ऋतिक और रिया की हंसी छूटने वाली थी, लेकिन तभी ऋतिक का बैलेंस बिगड़ा और वो धड़ाम से गिर पड़ा।

    "आह!"


    अवनी और रूहान ने एक साथ उसकी ओर देखा।

    "ऋतिक?" अवनी ने अजीब नजरों से उसे घूरा, जबकि रूहान ने एक गहरी सांस ली।

    "भाई, मैं कह रहा था कि ये दीवार कुछ ज़्यादा ही चिकनी है... फिसल गया बस!" ऋतिक ने हड़बड़ाकर सफाई दी, लेकिन उसकी हंसी छूट गई।

    रिया ने उसे कोहनी मारी— "तुम तो गए आज!"

    लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ कहता, रूहान एक झटके में खड़ा हुआ और अवनी के करीब आ गया।

    उसने उसकी नन्ही ठुड्डी को अपने मजबूत हाथों से पकड़ा और हल्के से ऊपर उठाया। अवनी का दिल एक सेकंड के लिए धड़कना भूल गया।

    "सुन लो, अवनी... कान खोलकर सुन लो।"

    उसकी आवाज़ में एक जबरदस्त हुकूमत थी—

    "मैं तुम्हें तलाक नहीं दूंगा। तुम जितने पैसे चाहती हो, ले सकती हो, लेकिन तुम मेरी बीवी बनकर ही रहोगी। पूरी ज़िंदगी!"



    यह कहकर, रूहान ने झुककर उसके होंठों पर हल्की सी छुअन छोड़ी, लेकिन यह छेड़छाड़ थी या दावा, यह अवनी तय नहीं कर पाई।

    उसका दिमाग ब्लैंक हो गया।

    "रूहान..."

    वो कुछ कहती, इससे पहले ही रूहान बिना उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार किए वहां से चला गया।

    अवनी अभी भी हॉल में बैठे हुए उसकी जाती हुई पीठ को देख रही थी।



    वहीं, ऋतिक और रिया दोनों अवनी के पास आ गए और उसके अगल-बगल बैठ गए।

    "भाभी, आप ठीक तो हैं?" रिया ने हल्के से उसके कंधे पर हाथ रखा।

    अवनी चौंककर वापस आई और फीकी सी मुस्कान दे दी।

    "ये तुम्हारे भाई को क्या हो गया है?" उसने धीरे से कहा, "समझाओ उसे कि मैं उसके लायक नहीं हूं।"

    ऋतिक ने एक गहरी सांस ली और प्यार भरी आंखों से उसे देखा—


    "भाभी, आप नहीं समझ रहीं।

    आप कितनी प्यारी और सुंदर हो...!!!

    मेरे भाई को अब ये बात समझ आ गई है इसलिए वह आपको खोना नहीं चाहता है ।"

    अवनी ने हल्की झुंझलाहट से उसकी ओर देखा, लेकिन उसकी धड़कन अभी भी थोड़ी तेज़ चल रही थी।

    ----

    एक अंधेरे कमरे में, एक आदमी आराम से सोफे पर बैठा था। उसकी आंखों में एक खतरनाक चमक थी, और होंठों पर एक साजिशभरी मुस्कान। कमरे के कोने में खड़ी एक औरत उसकी तरफ धीरे-धीरे बढ़ी और उसके बाजू पर हाथ रखते हुए बोली—

    "तुम्हें लगता है कि इस बार रूहान बच जाएगा?"

    उसकी आवाज़ में एक अजीब-सी ठंडक थी। उस आदमी ने धीरे-से उसकी तरफ देखा और हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया—

    "बचना? हाह! इस बार रूहान सिर्फ हारेगा नहीं, बल्कि पूरी तरह खत्म हो जाएगा।"

    वो औरत उसकी गोद में बैठते हुए उसके गले पर उंगलियां फेरने लगी। उसकी आंखों में कुटिलता थी।

    "लेकिन हमें एक और प्रॉब्लम को भी हटाना होगा… अवनी। वो इन दिनों बहुत अजीब बर्ताव कर रही है। कहीं वो हमारे प्लान को खराब न कर दे!"

    आदमी ने उसकी ठुड्डी को पकड़कर हल्के से ऊपर उठाया और मुस्कराते हुए बोला—

    "फिक्र मत करो, बेबी। अवनी कुछ भी कर ले, लेकिन इस बार हम उसे भी ठिकाने लगा देंगे। और रही बात रूहान की, तो उसके लिए मैंने ऐसा जाल बिछाया है जिससे वो चाहकर भी बच नहीं पाएगा।"

    साक्षी उसकी बात सुनकर खुश हो गई और उसने आदमी के गालों पर एक लंबा, मदहोश कर देने वाला चुंबन दिया।

    "बस यही चाहती हूं मैं, डार्लिंग..." उसने फुसफुसाते हुए कहा।

    कमरे में माहौल धीरे-धीरे बदलने लगा, और इसके बाद जो हुआ, वो अंधेरे के साए में ही खो गया...


    ---



    वहीं दूसरी तरफ, रूहान अपने ऑफिस में बैठा गहरी सोच में डूबा था। उसकी आंखें टेबल पर रखी फाइलों पर थीं, लेकिन दिमाग कहीं और भटक रहा था।

    "अवनी..." उसने हल्के से बुदबुदाया।

    तभी दरवाज़ा खुला और उसका सबसे अच्छा दोस्त और असिस्टेंट, युग, अंदर आया। वह कुछ दिनों से शहर से बाहर था, लेकिन लौटते ही उसने रूहान को इस हालत में पाया।

    युग ने आते ही टेबल पर एक फाइल पटकी और रूहान के सामने की कुर्सी पर बैठ गया।

    "क्या हुआ, रूहान? फिर से तेरी बीवी ने कुछ कर दिया क्या?"

    रूहान अचानक सोच से बाहर आया और युग की तरफ देखा।

    "तुझे कैसे पता?"

    युग ने आंखें घुमाई और मुस्कराया—

    "मैं तेरा दोस्त हूं, भाई! मुझे पता था कि वो लड़की तुझे फिर से परेशान कर रही होगी। तू यहां बैठकर किसी बड़े प्लान के बारे में सोच रहा होगा, जिससे उसे तलाक दिया जा सके, है ना?"

    रूहान की आंखों में एक पल को क्रोध चमका।

    "बकवास मत कर, युग! वो मेरी बीवी है और मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। और हां, आगे से उसे इज्जत से बुलाना!"

    युग ने ऐसा चेहरा बनाया, जैसे उस पर किसी ने बम फोड़ दिया हो।

    "अबे! तू ठीक तो है? कब से अवनी से प्यार करने लगा?"

    रूहान ने गहरी सांस ली और कहा—

    "तू बैठ, मैं तुझे सब कुछ बताता हूं।"

    युग अब बिना सवाल किए कुर्सी पर बैठ गया और ध्यान से सुनने लगा। रूहान ने उसे सब कुछ बता दिया—कैसे साक्षी ने उसे धोखा दिया, कैसे अवनी ने उसे बचाया, और कैसे अब वो अवनी के मन की बातें भी सुन सकता था।

    युग का सिर घूम गया।

    "भाई, ये तो किसी फिल्मी कहानी से भी ज्यादा पागलपन है!"

    रूहान ने हल्की हंसी के साथ कहा—

    "मुझे पता है, लेकिन ये सच्चाई है। और अब मैं अवनी को इंप्रेस करना चाहता हूं।"

    युग ने सिर खुजाया और फिर मुस्कराया।

    "तो फिर सुन, तेरा भाई तुझे एक जबरदस्त आइडिया देगा।"

    "बता?"

    "कल 7 फरवरी है, यानी वैलेंटाइन वीक की शुरुआत! तुझे कल अवनी को रेड रोज़ेस देने हैं, और इस पूरे हफ्ते में उसे पूरी तरह अपना बना लेना है।"

    रूहान ने गहरी सोच में सिर हिलाया।

    "सही कह रहा है... मुझे यही करना चाहिए!"

    युग ने मुस्कराते हुए कहा—

    "तो चल, इस मिशन को प्लान करते हैं!"

    रूहान ने सिर हिलाया और दोनों इस नए रोमांटिक मिशन में लग गए।

    लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनके दुश्मन पहले से ही एक भयानक साजिश रच चुके थे…

    (अगला एपिसोड – जब रूहान ने अवनी के लिए खास प्लान बनाया, लेकिन किसी ने उसे रोकने की पूरी तैयारी कर ली!)

  • 13. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 13

    Words: 1016

    Estimated Reading Time: 7 min

    शाम के वक्त जब रुहान घर लौटा, तो उसने देखा कि अवनी घर में नहीं थी। पूरे घर में एक अजीब सी शांति थी, लेकिन अंदर ही अंदर उसे हल्की सी बेचैनी महसूस हुई। उसे जल्दी ही पता चल गया कि अवनी रिया और ऋतिक के साथ मॉल घूमने गई थी।

    रिया और ऋतिक अवनी के देवर-नन्द थे, लेकिन उनके लिए अवनी सिर्फ़ उनकी भाभी नहीं, बल्कि उनकी बड़ी बहन और सबसे अज़ीज़ इंसान थी। वे दोनों अवनी की इज्जत और सम्मान के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे।

    रुहान को यह सुनकर हल्की मायूसी हुई कि अवनी उसके साथ घर पर नहीं थी। पर उसने खुद को संभालते हुए अपने स्टडी रूम में जाकर अपने प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया। यह प्रोजेक्ट उसे तीन महीने पहले मिला था और इस महीने के अंत तक पूरा होने वाला था, जिससे उसे बहुत बड़ा मुनाफा मिलने वाला था। लेकिन काम में डूबे होने के बावजूद, उसका दिल बार-बार अवनी की तरफ खिंच रहा था।


    ---



    दूसरी तरफ, मॉल में अवनी, रिया और ऋतिक पूरा मज़ा कर रहे थे। वे कॉफी पीते हुए हंसी-मज़ाक कर रहे थे और अपनी सेल्फ़ी भी ले रहे थे।

    रिया (हंसते हुए) – "अवनी भाभी, आप तो सच में किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं लग रही, देखो ज़रा कितनी नज़रें घूर रही हैं!"

    ऋतिक (शरारती अंदाज में) – "हां भाभी, पर मैं सोच रहा हूँ कि कोई आपको नज़र न लगा दे। वैसे भी, भाई को आपकी इतनी चिंता रहती है और आप यहाँ हमारे साथ इतनी मस्ती कर रही हैं!"

    अवनी (हंसते हुए) – "अब जिंदगी में थोड़ा एंजॉय भी तो करना चाहिए ना?"

    तीनों हंसते-मुस्कुराते एक लक्ज़री स्टोर में पहुंचे, जहाँ वे अवनी के लिए नए कपड़े देख रहे थे। लेकिन तभी...


    ---



    स्टोर के एंट्री गेट पर कुछ अमीर महिलाएँ अपनी स्टाइलिश सैंडल्स की आवाज़ के साथ अंदर दाखिल हुईं। उनके साथ थी साक्षी, जो उन्हें अंदर लाने का जिम्मा उठा चुकी थी।

    साक्षी की नज़र जब अवनी, रिया और ऋतिक पर पड़ी, तो उसकी आँखों में एक शातिर चमक आ गई। वह थोड़ी हैरान भी थी कि अवनी इतने बेफिक्र होकर घूम रही थी। लेकिन फिर उसने अपने चेहरे के भाव बदलते हुए एक धूर्त मुस्कान ओढ़ ली।

    वह उन अमीर महिलाओं के सामने एक मासूमियत भरी आवाज़ में बोलने लगी –

    साक्षी (बनावटी उदासी के साथ) – "आप लोगों को पता है, मैंने अवनी को हमेशा अपनी बहन समझा। लेकिन उसने मेरे साथ बहुत बुरा किया। उसने मुझे इतना परेशान किया कि मैं कई रातों तक सो नहीं सकी।"

    महिलाओं ने हैरानी से उसकी तरफ देखा, और उनमें से एक ने पूछा –

    "ऐसा क्या कर दिया अवनी ने?"

    अब साक्षी के चेहरे पर दर्दभरी नकली मासूमियत आ गई।

    साक्षी (धीरे से, पर नफरत के साथ) – "उसने मुझे बेइज़्ज़त किया, मेरी फैमिली के खिलाफ बातें की और अब तो वो मेरी शादी भी बर्बाद करने पर तुली है!"

    यह सुनकर उन अमीर महिलाओं के चेहरे पर अवनी के लिए घृणा झलकने लगी। मॉल में मौजूद बाकी लोग भी उनकी बातें सुनने लगे।

    अवनी, जो अपने लिए कपड़े देख रही थी, उसने जैसे ही यह सुना, उसके चेहरे पर सख्त नाराज़गी आ गई।

    अवनी (आँखें तरेरते हुए) – "तुम्हें बकवास करने की आदत पड़ गई है, साक्षी। मैं तुम्हें पहले भी इग्नोर कर चुकी हूँ, पर अब तुम मेरी सहनशक्ति को कमजोरी मत समझना!"


    ---



    रिया (गुस्से में, साक्षी को घूरते हुए) – "तुम्हारी हिम्मत भी होती है झूठ फैलाने की? अगर आज मैं गुस्से में आ गई तो तुम्हारी ज़ुबान को ताले लग जाएंगे!"

    ऋतिक (शातिर मुस्कान के साथ, साक्षी के करीब जाकर) – "तुमने ये खेल गलत लोगों के साथ खेला है, साक्षी। अवनी हमारी भाभी हैं, और हम उनकी इज़्ज़त पर आँच नहीं आने देंगे।"

    अब साक्षी के चेहरे का रंग उड़ गया। मॉल में मौजूद लोग अब अवनी पर शक करने के बजाय साक्षी को संदेह से देखने लगे थे।


    ---


    रिया (ठंडी आवाज़ में, साक्षी को घूरते हुए) – "तुम्हें लगता है कि झूठ फैलाकर तुम हमारी भाभी की इज़्ज़त खराब कर सकती हो? तो सुन लो, अगर अगली बार हमारी भाभी को नीचा दिखाने की कोशिश की, तो हम तुम्हारी असली सच्चाई दुनिया के सामने ला देंगे।"

    ऋतिक (गुस्से में) – "और हाँ, तुम जितने भी नाटक कर लो, पर हमारी भाभी हमारी शान हैं! अगर दोबारा उनकी बेइज़्ज़ती करने की सोची, तो इस मॉल में ही तुम्हारा खेल खत्म कर देंगे!"

    अब साक्षी बुरी तरह घबरा गई थी। उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें साफ़ नज़र आ रही थीं। वह बिना कुछ कहे उन अमीर महिलाओं को लेकर वहाँ से भाग खड़ी हुई।

    अवनी ने राहत की सांस ली और फिर हल्की मुस्कान के साथ रिया और ऋतिक की ओर देखा।

    अवनी (हँसते हुए) – "तुम दोनों का यह डेविल अवतार देखकर तो मज़ा ही आ गया!"

    रिया (शरारती अंदाज़ में) – "अभी तो सिर्फ़ ट्रेलर था, भाभी! अगर कोई और ऊँगली उठाएगा, तो पूरी फिल्म दिखा देंगे!"

    तीनों हंस पड़े, और वे फिर से अपनी मस्ती में लौट आए।


    ---

    (अगले एपिसोड में क्या होगा?)

    लेकिन क्या साक्षी इतनी आसानी से हार मान लेगी?
    क्या यह सिर्फ़ एक छोटी चाल थी, या इसके पीछे कुछ और बड़ा षड्यंत्र छुपा था?
    और जब रुहान को इस पूरे मामले की सच्चाई पता चलेगी, तब उसका क्या रिएक्शन होगा?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए – अगला एपिसोड जल्द ही आने वाला है!


    ---

    (नोट: अगर आपको यह एपिसोड पसंद आया, तो कमेंट में बताइए कि आपको सबसे ज़्यादा किसका डेविल अवतार पसंद आया – रिया, ऋतिक या खुद अवनी का जवाब?)

    (जारी रहेगा...)

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  • 14. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 14

    Words: 1587

    Estimated Reading Time: 10 min

    रात के करीब 8 बजे अवनी, रिया और ऋतिक घर लौटे। तब तक रुहान, दीपक जी और रेनुका जी डिनर कर चुके थे। वैसे भी, इन तीनों ने बाहर ही खाना खा लिया था, इसलिए घर आते ही सीधे अपने-अपने कमरों में जाकर फ्रेश हुए और फिर तुरंत सो गए।

    रुहान जब अपने कमरे में पहुंचा, तो उसने देखा कि अवनी पहले ही गहरी नींद में थी। वो पूरे बेड पर फैलकर सो रही थी, जैसे कोई मासूम बच्ची हो। उसकी हल्की-सी खुली जुल्फें तकिए पर बिखरी हुई थीं, और चेहरे पर एक अजीब-सी मासूमियत थी।

    रुहान के होंठों पर एक हल्की मुस्कान आ गई। उसने अपने दिनभर की टेंशन को एक तरफ रखा और चुपचाप बेड के किनारे बैठ गया। उसकी नजरें अवनी के प्यारे से चेहरे पर टिकी थीं। वो बस यूं ही उसे देखता रहा, जैसे ये कोई खूबसूरत सपना हो।

    फिर बिना कुछ सोचे, वो हल्का-सा झुका और प्यार से उसके माथे पर एक नरम-सी किस कर दी। उसके होठों से हटते ही अवनी ने करवट ली और अचानक ही अपना सिर सीधा उसकी गोद में रख दिया!

    "अबे..???" रुहान का पूरा सिस्टम वहीं फेल हो गया!

    उसका दिमाग तो एकदम ब्लैंक हो गया था। अवनी की गर्म सांसें अब उसके पेट पर पड़ रही थीं, और ये एहसास उसके पूरे शरीर में एक अजीब-सी सनसनी फैला रहा था।

    "भाईसाब... ये लड़की सोई है या जानबूझकर मेरा इम्तिहान ले रही है?" उसने मन ही मन खुद से सवाल किया।

    रुहान को लगा कि उसके सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। उसने खुद को संभालने के लिए गहरी सांस ली और अपनी आंखें बंद कर लीं।

    "ध्यान हटाओ, रुहान… गंगा नहाने का सोचो, पहाड़ों की ठंडक सोचो, बर्फीले तूफान सोचो… कुछ भी सोचो, बस ये मत सोचो कि तुम्हारी वाइफ अभी तुम्हारी गोद में मासूमियत से सोई हुई है!"

    मगर अगला ही पल जैसे उसका गेम ओवर करने वाला था!

    अवनी ने अचानक नींद में ही अपनी एक हथेली उसकी टांगों के बीच रख दी और हल्के-हल्के उसे थपथपाने लगी, जैसे कोई छोटा बच्चा तकिया एडजस्ट कर रहा हो।

    "अबे ओ!!! ये क्या कर रही है???"

    रुहान को लगा कि उसके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई हो! उसकी सांसें तेज़ हो गईं, और उसकी बॉडी में बिजली की लहर दौड़ गई।

    "हे भगवान, आज तो ये मुझे ले ही डूबेगी!!" उसने मन ही मन चीखकर कहा।

    उसकी पूरी बॉडी अब कंट्रोल से बाहर होने लगी थी। उसने खुद को संभालने के लिए अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं और ठंडी सांसें लेने लगा।

    "रुहान, तुम स्ट्रॉन्ग हो, तुम खुद को कंट्रोल कर सकते हो… ये सिर्फ़ एक बेगुनाह हरकत है, ये बस नींद में हो रहा है… बस 2 मिनट और सह लो..."

    मगर तभी अवनी ने फिर से एक हलचल की और उसका हाथ थोड़ा और आगे खिसक गया।

    "अबे बस्स!!! अब तो नहीं सहा जाता!!!"

    रुहान ने झटके से अवनी का हाथ उठाया और हल्के झटके से उसे अलग कर दिया।

    अचानक हुए इस झटके से अवनी की नींद पूरी तरह खुली नहीं, लेकिन वो सीधा बेड पर लुढ़क गई और वहाँ करवट बदलकर फिर से सो गई।

    वहीं, रुहान अब भी अपने पेट के नीचे वाले हिस्से पर हाथ रखे खड़ा था, जैसे किसी इमरजेंसी से निपटने की कोशिश कर रहा हो!

    उसका दिमाग सुन्न हो चुका था और दिल इतनी तेज़ धड़क रहा था कि उसे लग रहा था कि अगर और एक मिनट यहाँ रुका तो कोई बड़ा हादसा हो जाएगा।

    "ये लड़की एक दिन मुझे सच में मार डालेगी!!"

    उसने जल्दी से अपना मोबाइल उठाया और नज़रें फेरते हुए बाथरूम की तरफ भागा।

    "हे भगवान, अब ठंडा पानी ही इस आग को बुझा सकता है!"

    वो बाथरूम में घुसा और तुरंत शॉवर चला दिया। ठंडे पानी की तेज़ धार उसके शरीर पर पड़ने लगी, लेकिन उसका दिमाग अब भी अवनी की मासूम हरकत को ही रिपीट कर रहा था।

    उसने पानी के नीचे खड़े होकर सिर झटक दिया और बड़बड़ाने लगा –

    "रुहान, तुझे शांत रहना होगा! ये लड़की तेरा दिमाग हिला देगी! आज तो बस शुरुआत है… आगे पता नहीं क्या-क्या सहना पड़ेगा!"

    वहीं, बाहर बेड पर सोई अवनी को इस बात की ज़रा भी खबर नहीं थी कि उसकी नींद में हुई एक मासूम हरकत ने उसके प्यारे हसबैंड की रात की नींद उड़ा दी थी!

    ---


    सुबह जैसे ही अवनी की नींद खुली, उसने देखा कि वह बिस्तर पर अकेली है। उसका पहला ख़याल रुहान के बारे में था।

    "रुहान कहाँ गया?" उसने अंगड़ाई लेते हुए इधर-उधर देखा।

    उसके मन में कल रात की कोई याद नहीं थी। वह बस उठकर बाथरूम चली गई और थोड़ी देर बाद तैयार होकर नीचे आई।

    जब अवनी लिविंग रूम में पहुँची तो उसने देखा कि वहाँ सिर्फ़ नौकर काम कर रहे थे। न ही रुहान था, न ही ऋतिक और न ही रिया।

    उसने कुछ देर तक सोचा कि वह आज क्या करे।

    "मैं घर में बोर हो रही हूँ... मुझे कुछ काम ढूँढना चाहिए…" अवनी खुद से बुदबुदाई।

    तभी एक आइडिया उसके दिमाग़ में आया।

    "क्यों न मैं अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके लोगों की मदद करूँ? इससे मुझे पैसा भी मिलेगा और मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी!"

    जैसे ही उसने यह सोचा, उसने अपनी उंगलियों से कुछ गिनना शुरू किया। धीरे-धीरे उसके हाथ के आस-पास एक हल्की सुनहरी चमक दिखाई देने लगी, जो धीरे-धीरे एक चक्राकार रोशनी में बदल गई। अवनी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और जैसे ही उसने ध्यान केंद्रित किया, एक तस्वीर उसके दिमाग़ में उभरी।

    "रिया!"

    उसने देखा कि रिया किसी बिस्तर पर पड़ी हुई थी। शायद बेहोश थी या फिर किसी नशे में थी। उसके आस-पास कुछ आदमी खड़े थे—बदन पर टैटू और आँखों में गंदी नीयत लिए हुए।

    उनमें से एक ने रिया के करीब जाकर उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की, लेकिन रिया ने कमज़ोरी के बावजूद अपना हाथ हटा लिया।

    अवनी की आँखें अचानक खुल गईं। उसका चेहरा ग़ुस्से से लाल हो गया।

    "मुझे रिया को बचाना होगा!"

    तभी पीछे से एक आवाज़ आई—

    "क्या?"

    अवनी ने तेज़ी से मुड़कर देखा।

    रुहान वहीं खड़ा था, अपने हाथों में फूलों का एक बड़ा सा गुलदस्ता लिए। उसका चेहरा हैरानी से भरा था।

    और ऋतिक?

    उसके हाथ से सीधा प्लेट गिर गई, जिसमें नाश्ता था।

    दोनों अब भी स्तब्ध थे।

    रुहान ने धीरे से नीचे गिरे गुलदस्ते को देखा, फिर अवनी को। उसके मन में सिर्फ़ एक ही सवाल था—

    "यह लड़की अब कौन सा नया झटका देने वाली है?"

    अवनी ने घबराकर दोनों की तरफ़ देखा और तेज़ आवाज़ में पूछा, "रिया कहाँ है?"

    रुहान अब तक सामान्य हो चुका था। उसने ऋतिक की ओर देखा, जो अब भी थोड़ा डरा हुआ था।

    ऋतिक ने धीरे से कहा, "सुबह रिया अपनी दोस्त से मिलने गई थी…"

    "उसका पता पता है?" अवनी ने जल्दी से पूछा।

    ऋतिक ने घबराते हुए सिर हिलाया, "नहीं…"

    अवनी ने अपनी मुट्ठी कस ली। "कोई बात नहीं, मुझे पता है वह कहाँ है!"

    यह सुनते ही रुहान का दिमाग़ एकदम सक्रिय हो गया। उसने बिना कोई सवाल किए सीधे बाहर की ओर दौड़ लगा दी।

    "चलो, जल्दी गाड़ी में बैठो!"


    ---

    रुहान तेजी से अपनी कार में बैठ गया। वह ड्राइविंग सीट पर था, और अवनी पैसेंजर सीट पर। ऋतिक पीछे बैठा बार-बार रिया को कॉल करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा था।

    रुहान ने अवनी की तरफ़ देखा, जो आँखें बंद करके कुछ महसूस कर रही थी।

    "अवनी, तुम क्या देख रही हो?" रुहान ने पूछा।

    अवनी ने आँखें खोलीं और ग़ुस्से से बोली, "रिया एक अंधेरे कमरे में है… वह बिस्तर पर पड़ी है और शायद नशे में है… तीन-चार आदमी उसके आस-पास हैं… वे उसे छूने की कोशिश कर रहे हैं…"

    रुहान के हाथ तुरंत स्टीयरिंग पर कस गए। उसकी आँखें तेज़ हो गईं।

    "जल्दी बताओ, कहाँ जाना है!"

    अवनी ने अपनी आँखें बंद कीं और एक लोकेशन महसूस की। फिर उसने बिना समय गँवाए कहा, "सीधा आगे जाओ, फिर दाएँ मुड़ो!"

    रुहान ने बिना किसी संदेह के कार पूरी रफ़्तार में डाल दी।

    ऋतिक अब भी रिया को कॉल कर रहा था, लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो उसके चेहरे पर चिंता और गहरा गई।

    अवनी ने अपनी आँखें बंद किए रखीं।

    उसने देखा कि रिया बिस्तर पर पड़ी है, और एक आदमी उसके सामने बैठकर उसके गाल को छूने की कोशिश कर रहा था।

    अवनी का शरीर ग़ुस्से से काँप गया।

    "रुहान! तेज़ चलाओ! देर हो रही है!"

    रुहान ने बिना कोई जवाब दिए एक्सीलेटर दबा दिया। कार हवा की तरह दौड़ने लगी।

    रुहान के मन में सिर्फ़ एक ही बात थी—

    "अगर किसी ने भी रिया को हाथ लगाने की कोशिश की… तो मैं उन सबको ज़िंदा नहीं छोड़ूँगा!"


    ---

    अब सवाल ये हैं:

    क्या रुहान और अवनी समय पर पहुँच पाएँगे?

    रिया को किसने अगवा किया और क्यों?

    अवनी को अचानक रिया की स्थिति का एहसास कैसे हुआ?

    क्या अवनी की शक्तियों में कोई नया राज़ छिपा है?

    क्या रुहान का ग़ुस्सा कोई बड़ी तबाही लेकर आएगा?


    जाने के लिए पढ़ते रहिए अगला एपिसोड… "रिया को बचाने की जंग!"

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  • 15. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 15

    Words: 1562

    Estimated Reading Time: 10 min

    रुहान, अवनी और ऋतिक की आँखों में बस एक ही बात थी—रिया को बचाना है, किसी भी हालत में!

    रुहान अपनी कार को तेज़ रफ़्तार से दौड़ा रहा था, और अवनी उसे रास्ता बता रही थी। उसकी साँसें तेज़ थीं, मन बेचैन था।

    तभी अचानक, उसकी आँखें बंद हुईं, और उसे एक दृश्य दिखा—

    "यह सब एक सोची-समझी साज़िश है! यह सिर्फ़ रिया को बदनाम करने के लिए नहीं, बल्कि रुहान की पूरी कंपनी को तबाह करने के लिए किया गया है। अगर रिया का कोई भी वीडियो इंटरनेट पर चला गया, तो रुहान की कंपनी के शेयर धड़ाम से गिर जाएँगे… और यह उसके दुश्मनों की सबसे बड़ी जीत होगी!"

    अवनी ने दाँत भींच लिए। "मैं ऐसा कभी नहीं होने दूँगी!"

    उसकी आवाज़ इतनी गहरी और दृढ़ थी कि ऋतिक और रुहान, दोनों ने सुन लिया।

    रुहान ने एक सेकंड के लिए अपनी निगाहें अवनी पर डालीं। उसके चेहरे पर पहली बार एक अलग तरह की इज़्ज़त झलक रही थी।

    ऋतिक ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "भाभी, आप वाकई कुछ अलग हो!"

    रुहान ने कुछ नहीं कहा, बस एक्सीलेटर दबा दिया।


    ---


    कुछ ही मिनटों में उनकी कार एक बड़ी सी अपार्टमेंट बिल्डिंग के सामने रुकी।

    रुहान, अवनी और ऋतिक तीनों बाहर निकले। जैसे ही वे अंदर दाख़िल हुए, वहाँ के लोग उन्हें देखने लगे।

    और देखते ही रह गए…

    क्योंकि ये तीनों जिस ग़ुस्से और तेज़ी से आगे बढ़ रहे थे, वह किसी शेर के शिकार पर जाने जैसा था।

    अवनी की आँखें जल रही थीं। रुहान के चेहरे पर अंधेरा छाया था, और ऋतिक के होंठ ग़ुस्से से भींचे हुए थे।

    लिफ्ट में पहुँचकर अवनी ने बिना रुके 6th फ्लोर का बटन दबा दिया।

    ऋतिक ने घबराते हुए पूछा, "भाभी, आपको पक्का यक़ीन है कि रिया यहीं है?"

    अवनी ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखों में अजीब सा आत्मविश्वास था। "मुझ पर भरोसा रखो… मैं रिया को कुछ नहीं होने दूँगी!"

    ऋतिक और रुहान ने एक-दूसरे को देखा और पहली बार, दोनों को यक़ीन हुआ कि अवनी कोई साधारण लड़की नहीं है।


    ---



    लिफ्ट के दरवाज़े खुले, और अवनी सीधा एक अपार्टमेंट के दरवाज़े पर जा पहुँची।

    दरवाज़ा लॉक था।

    अवनी ने बिना समय गँवाए अपना हाथ आगे बढ़ाया…

    उसके हाथ से एक हल्की सी नीली चमक निकली, और अगले ही पल दरवाज़ा खुद-ब-खुद खुल गया!

    ऋतिक और रुहान के चेहरे पर हैरानी थी।

    "ये लड़की… आखिर है कौन?" रुहान मन ही मन सोचने लगा।

    मगर अवनी ने उनकी तरफ़ देखे बिना अंदर क़दम रखा।


    ---


    जैसे ही वे अंदर पहुँचे, सोफे पर बैठी एक लड़की शराब पी रही थी।

    वह अवनी को देखकर चौंक गई। "तुम… कौन हो?"

    अवनी ने उसकी ओर ग़ुस्से से देखा, लेकिन कुछ नहीं कहा।

    तभी अंदर से रिया की आवाज़ आई—

    "प्लीज़… मत करो… छोड़ दो मुझे…"

    अवनी के चेहरे पर ज्वालामुखी फट पड़ा।

    "मैं तुमसे बाद में निपटूँगी!" उसने उस लड़की से कहा और तेज़ी से अंदर के कमरे की ओर भागी।

    रुहान और ऋतिक ने पीछे से उस लड़की को घूरा। रुहान के इशारे पर उसके आदमी उसे पकड़ चुके थे।


    ---



    अंदर का नज़ारा दिल दहला देने वाला था।

    रिया कमरे के कोने में, बिस्तर के नीचे छुपी हुई थी।

    उसके सामने तीन-चार आदमी खड़े थे, उसकी तरफ़ बढ़ते हुए।

    "छोड़ दो मुझे!" रिया की आवाज़ काँप रही थी।

    मगर वे लोग हँस रहे थे।

    अवनी के पैरों में गति आ गई।

    उसने तेज़ी से एक आदमी को गर्दन से पकड़कर दीवार से दे मारा!

    धड़ाम!

    दूसरा आदमी उस पर झपटा, मगर अवनी ने उसके पेट में इतनी ज़ोर से मुक्का मारा कि वह छटपटाकर नीचे गिर पड़ा।

    अब बाकी दो आदमी डर गए।

    "साली, तू कौन है?" उनमें से एक ने दहाड़ा।

    अवनी की आँखों में अंधेरा छा गया।

    "तुम्हारी मौत!"

    इसके बाद तो बस मार-कुटाई ही बची थी।


    ---

    रुहान अब तक रिया के पास पहुँच चुका था।

    उसने धीरे से कहा, "रिया… देख, मैं आ गया…"

    रिया की आँखों से आँसू बहने लगे। "भाई…"

    रुहान ने बिना एक पल गँवाए उसे अपनी बाहों में उठा लिया।

    उसका सिर उसकी छाती से लग गया।

    "अब कोई तुझे छू भी नहीं सकता…" रुहान की आवाज़ में ग़ुस्सा था, मगर उसकी आँखों में प्यार था।


    ---


    उधर, अवनी ने अकेले ही चारों आदमियों को अधमरा कर दिया था।

    उसका चेहरा पसीने से भीगा था, मगर उसकी आँखें अब भी जल रही थीं।

    रुहान ने उसकी तरफ़ देखा।

    वह पहली बार समझ पाया कि अवनी सिर्फ़ एक लड़की नहीं है… वह एक ताक़त है।


    ---

    बाहर निकलते ही ऋतिक ने उस लड़की को रुहान के गुप्त अड्डे पर भेजने का इंतज़ाम कर दिया था।

    "अब ये सज़ा तो काटेगी ही!" उसने दाँत भींचते हुए कहा।

    रिया की हालत देखकर वे लोग सीधे हॉस्पिटल की तरफ़ निकल गए।

    अवनी ने कार में बैठे-बैठे अपनी आँखें बंद कर लीं।

    "ख़तरा टल गया… मगर खेल अभी शुरू हुआ है…"

    और उसे पता था—अभी बहुत कुछ होना बाकी है।


    ---

    रुहान और अवनी, रिया को लेकर तेज़ी से अस्पताल पहुँचे। डॉक्टर ने बिना देरी किए रिया को आईसीयू में भर्ती कर लिया। कुछ देर बाद डॉक्टर बाहर आए और बोले,

    "रिया अब खतरे से बाहर है, लेकिन हमने उसे नींद का इंजेक्शन दिया है ताकि ड्रग्स का असर खत्म हो जाए और वह आराम कर सके।"

    पूरा मल्होत्रा फैमिली अस्पताल में मौजूद था—दीपक जी, रेणुका जी, दादी जी, रुहान, ऋतिक और अवनी, सभी रिया की चिंता में डूबे थे। तभी रुहान के असिस्टेंट, अमन का कॉल आया।

    "सर, वो लड़की जिसने रिया को अपने घर बुलाया था, उसका नाम अर्शी है। वह रिया की कॉलेज की दोस्त थी। किसी ने उसे बहुत मोटी रकम दी थी ताकि वह रिया को अपने अपार्टमेंट बुलाकर ड्रग्स दे।"

    रुहान की आँखों में गुस्सा चमका। "किसने दिया उसे पैसे?"

    अमन ने गहरी साँस ली। "सर, मैंने पता कर लिया है। वह महिला… उसका नाम अर्पिता है।"

    "अर्पिता?" रुहान ने चौंककर दोहराया।

    कमरे में बैठे सभी लोग सकते में आ गए। दीपक जी और अवनी के चेहरे के हाव-भाव बदले। दीपक जी की मुट्ठियाँ कस गईं, जबकि अवनी मन ही मन बुदबुदाई—ओह! अर्पिता… यह तो मेरे ससुर जी की पहली प्रेमिका का नाम है!

    कमरे में एक गहरा सन्नाटा छा गया। सभी की नज़रें दीपक जी की ओर घूम गईं।


    दादी जी की आँखों में गुस्से की लपटें जल उठीं। उन्होंने बिना कुछ कहे अपनी चप्पल निकाली और सीधे दीपक जी की तरफ़ बढ़ गईं।

    "तू… तू फिर से उस औरत के चक्कर में पड़ा है, दीपक?" दादी जी गरजीं और बिना कोई मौका दिए उनकी चप्पल दीपक जी की पीठ पर पड़ी।

    "अम्मा, सुनो तो…" दीपक जी बचने की कोशिश करने लगे।

    लेकिन दादी जी कहाँ रुकने वाली थीं। "हाय राम! मेरी तो किस्मत ही फूटी थी, जो तुझे पैदा किया! अब तक तेरा पहला प्यार पीछा नहीं छोड़ रहा? अब हमारी पोती को भी उस औरत ने निशाना बना लिया?"

    इतने में रेणुका जी भी चप्पल लेकर उठीं। "अम्मा, रुकिए! इस आदमी को मेरी भी तरफ़ से दो-चार लगने चाहिए।" और फिर एक ज़ोरदार प्रहार!

    रुहान और ऋतिक ये सब देखकर हक्के-बक्के रह गए। दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा और धीरे से फुसफुसाए,

    "भाई, पापा का तो आज श्राद्ध हो जाएगा।"

    "हाँ, और वो भी बिना मंत्रों के!"

    कमरे के दूसरे कोने में खड़ी अवनी ने अपनी हँसी दबाने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह नज़ारा इतना मज़ेदार था कि उसकी आँखों से पानी आ गया।



    इतने में एक नर्स भागती हुई आई। "रिया को होश आ गया है!"

    सब लोग फौरन भागते हुए वार्ड में पहुँचे। रिया का चेहरा ज़र्द था, मगर उसकी आँखों में नमी थी। जैसे ही उसने रुहान को देखा, उसकी आँखों से आँसू बह निकले।

    "भाई…" उसकी आवाज़ काँप रही थी।

    रुहान ने बिना कुछ कहे उसे अपनी बाहों में भर लिया। "तू ठीक है, न? किसी ने कुछ किया तो नहीं?"

    रिया ने हल्के से सिर हिलाया। "उन्होंने… उन्होंने मुझे ड्रग्स दिया था लेकिन कुछ करते तब तक अवनी भाभी आएगी और … उन्होंने सबको हरा दिया… मुझे बचा लिया…"( एक्चुअली को रिया ने नहीं देखा था है कि अवनी के साथ ही रूहान भी कमरे में आया था )

    अवनी मुस्कुराई और उसके सिर पर हाथ फेरा। "अब सब ठीक हो जाएगा, चिंता मत कर।"

    रिया ने धीरे से कहा, "पर वो कौन था जिसने ये सब करवाया?"

    रुहान ने गहरी सांस ली और बोला, "अर्पिता।"

    रिया की आँखें चौड़ी हो गईं। "कौन अर्पिता?"

    इससे पहले कि कोई जवाब देता, दादी जी फिर गरजीं, "तेरे पापा की पहली प्रेमिका! जिसने हमारे परिवार की बर्बादी की कसम खाई है!"

    सब लोग चौंक गए। दीपक जी ने सिर झुका लिया। अवनी की नज़रें गहरी हो गईं।

    अगला एपिसोड – सच की चिंगारी!

    कौन है अर्पिता?

    क्या दीपक जी का कोई अतीत इस साज़िश से जुड़ा है?

    और क्या अवनी, रुहान और ऋतिक इस रहस्य से पर्दा उठा पाएँगे?


    जानने के लिए पढ़ते रहिए—मेरी कहानी जिसका नाम है rebirth of my adorable wifey...🌷💖

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  • 16. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 16

    Words: 1229

    Estimated Reading Time: 8 min

    अगले दिन, अस्पताल से रिया को डिस्चार्ज मिल जाता है। माल्होत्रा परिवार उसे अपने साथ घर ले आती है। पूरे घर में एक अजीब-सी शांति थी, मानो तूफान से पहले की खामोशी।

    दूसरी ओर...

    एक आलीशान घर में, सोफे पर बैठी एक औरत अपने फोन पर कुछ देख रही थी। उसके चेहरे पर गहरी चिंता की लकीरें थीं। तभी वहाँ एक नौजवान लड़का अंदर आता है, जिसके साथ सक्शी भी थी।

    लड़के का नाम रेशब था, जो दीपक का नाजायज़ बेटा और अर्पिता का इकलौता वारिस था। वहीं, जो औरत फोन पर व्यस्त थी, वह अर्पिता ही थी। वही अर्पिता जो रिया के खिलाफ साजिशें बुन रही थी।

    रेशब ने सोफे पर बैठते ही गुस्से में कहा, "माँ, यह क्या हो रहा है? हमारा प्लान बिगड़ क्यों रहा है? और तुम्हारा वो बेवकूफ आशिक दीपक तो फोन भी नहीं उठा रहा!"

    अर्पिता ने एक गहरी सांस ली और फोन मेसेज चेक करते हुए जवाब दिया, "मैंने भी उस मूर्ख दीपक को कॉल किया था, लेकिन वह मेरा फोन नहीं उठा रहा। मुझे लगता है कि तुम्हें खुद ऑफिस जाकर उससे मिलना चाहिए और जल्दी ही कुछ करना चाहिए। न जाने क्यों, मुझे लग रहा है कि खेल हमारे हाथ से फिसल रहा है।"

    इस पर सक्शी, जो अब तक शांत थी, अचानक बोल पड़ी, "मुझे पता है यह सब क्यों हो रहा है!"

    रेशब और अर्पिता ने एक साथ उसकी ओर देखा। सक्शी ने गंभीर आवाज़ में कहा, "यह सब अवनी की चाल है!"

    रेशब ने हंसते हुए कहा, "तुम उस लड़की को इतनी गंभीरता से क्यों ले रही हो? अगर उसमें कुछ करने की काबिलियत होती, तो वह तीन साल पहले ही तुम्हें रूहान की ज़िंदगी से बाहर निकाल देती। लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया, तो अब क्यों करेगी? और तुम्हें क्यों लगता है कि वह हमारे लिए कोई मुश्किल खड़ी करेगी?"

    सक्शी की आँखों में गुस्से की चमक थी। उसने दाँत भींचते हुए कहा, "तुम नहीं समझोगे, अब अवनी पहले जैसी मासूम नहीं रही। उसने सब कुछ खो दिया है, और अब वह हार मानने वालों में से नहीं है। अगर हमने उसे जल्द ही हटाया नहीं, तो वह हमें बर्बाद कर सकती है!"

    अर्पिता ने उसकी बात पर गहराई से सोचा, फिर गंभीर स्वर में कहा, "तो हमें भी अपनी चाल चलनी होगी। सक्शी, तुम आज ही माल्होत्रा मेंशन जाओ और माहौल को परखो। अगर कुछ गड़बड़ लगे, तो हमें तुरंत बताओ। रेशब, तुम दीपक से ऑफिस में मिलो और पता करो कि वह कहाँ बिजी है और क्यों हमारा फोन नहीं उठा रहा।"

    रेशब और सक्शी ने एक-दूसरे की ओर देखा, फिर अर्पिता के आदेश पर सिर हिलाया और वहाँ से निकल गए। अर्पिता का चेहरा कठोर था, उसकी आँखों में साजिशों की परछाइयाँ तैर रही थीं। उसने धीरे से फुसफुसाया, "अवनी, तुमने हमारे रास्ते में आने की गलती की है। अब देखना, मैं तुम्हारी दुनिया को कैसे तहस-नहस कर देती हूँ।"

    ----



    माल्होत्रा मेंशन का माहौल आज बेहद खुशनुमा था। लिविंग रूम में बैठी अवनि, रिया और रेनुका जी के साथ मस्ती में मूवी देख रही थी। बीच-बीच में रिया प्यार से उसे कोल्ड ड्रिंक पिला रही थी, तो कभी रेनुका जी उसके हाथों में चिप्स रख रही थीं। अगर कोई अनजान इस नज़ारे को देखता, तो उसे यही लगता कि रेनुका जी अवनि की सास नहीं, बल्कि उसकी सगी माँ हैं, और रिया उसकी ननद नहीं, बल्कि छोटी बहन।

    सख़्त दिल भी पिघल जाए इस नज़ारे को देखकर, मगर एक इंसान था जिसकी आँखों में इस प्यार को देखकर नफरत की आग और भी भड़क उठी—साक्षी।

    जैसे ही साक्षी अंदर आई, उसकी नज़रों ने यह नज़ारा देखा और जलन से उसकी मुठ्ठियाँ भिंच गईं। दिल में गुस्से का लावा फूटने को था, लेकिन चेहरे पर बनावटी मुस्कान लिए वह आगे बढ़ी।

    तभी स्टडी रूम से ऋतिक और रुहान बाहर निकले। ऋतिक के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान थी, लेकिन रुहान हमेशा की तरह शांत और ठंडे स्वभाव में ही था। ऋतिक ने हल्की आवाज़ में कहा, "लगता है किसी को यहाँ जलने की बू आ रही है!"

    रुहान ने बिना ज़्यादा एक्सप्रेशन बदले ठंडे स्वर में कहा, "इस घर में अब अनावश्यक मेहमानों की जगह नहीं है।"

    उनकी बातों को सुनकर रिया ने भी मौके को लपक लिया। उसने ठंडी साँस भरते हुए कहा, "काश कोई हमें बता देता कि इस मेंशन में बिन बुलाए मेहमानों की एंट्री बंद हो चुकी है। वरना हम गार्ड को पहले ही अलर्ट कर देते!"

    अवनि ने कोल्ड ड्रिंक का एक घूंट लिया और अपनी मासूमियत से पूछा, "अरे, ये कौन आया है? कोई नया डिलीवरी बॉय है क्या?"

    साक्षी के चेहरे की रंगत उड़ गई। उसकी हालत ऐसी हो गई जैसे किसी ने पूरी भीड़ के सामने उसे थप्पड़ मार दिया हो। उसने खुद को संभालते हुए जबरदस्ती मुस्कान बनाए रखी और रेनुका जी की ओर देखा, "आंटी, मैं बस आप सबसे मिलने आई थी..."

    लेकिन रेनुका जी ने उसे ऐसे इग्नोर कर दिया, जैसे वह वहाँ है ही नहीं। वह वापस मूवी देखने में बिजी हो गईं और हँसते हुए बोलीं, "अवनि बेटा, ज़रा आवाज़ तेज कर दो, ये सीन तो बहुत मज़ेदार है!"

    अवनि ने रिमोट उठाया और वॉल्यूम बढ़ा दिया, लेकिन उसकी नज़रें अब भी साक्षी पर थी। उसकी आदत थी मीठे तानों से वार करना। उसने बड़ी मासूमियत से कहा, "साक्षी, तुम अभी भी यहीं खड़ी हो? मतलब हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। अगर मेरे साथ ऐसा होता तो मैं शर्म से ज़मीन में गड़ जाती!"

    रिया ने हँसते हुए ताना मारा, "गड़ने के लिए ज़मीर का होना ज़रूरी होता है भाभी, और कुछ लोगों में वो होता नहीं है!"

    ऋतिक ने साक्षी के चेहरे की हालत देखकर मज़ाक उड़ाया, "साक्षी दी, लगता है आपको स्पेशल गेस्ट की तरह ट्रीट किया जा रहा है। कोई कैंडल लाइट डिनर ऑर्डर कर दूँ?"

    रुहान ने बिना किसी इमोशन के कहा, "अगर तुम्हारी नाटकबाज़ी पूरी हो गई हो, तो अब जा सकती हो।"

    साक्षी के गुस्से की हद पार हो गई। वह दाँत पीसते हुए बोली, "बहुत जल्द तुम सब हँसना भूल जाओगे। जो प्लान मैंने बनाया है, उसके आगे तुम सब कुछ भी नहीं कर पाओगे!"

    अवनि ने ठंडी मुस्कान के साथ उसकी ओर देखा और कहा, "अरे वाह, नई फिल्म की स्क्रिप्ट लिख रही हो? पर एक बात याद रखना, हीरोइन हमेशा जीतती है और विलेन पिटता ही है!"

    साक्षी तिलमिलाकर वहाँ से जाने लगी, लेकिन जाते-जाते उसने एक बार फिर पीछे मुड़कर देखा। इस घर में उसकी जगह खत्म हो चुकी थी। माल्होत्रा परिवार के लोगों के चेहरे की खुशी उसकी हार की कहानी बयां कर रही थी।

    अंदर जाते ही रुहान ने शांत स्वर में कहा, "यह अभी भी हार मानने वालों में से नहीं है, हमें सतर्क रहना होगा।"

    रिया ने शरारती अंदाज में कहा, "साक्षी जैसी लोगों के लिए तानों का रेडीमेड स्टॉक रखना पड़ता है!"

    अवनि ने मुस्कुराते हुए कहा, "चलो, अब मूवी का मज़ा लिया जाए, वैसे भी ड्रामा बहुत हो चुका!"

    और फिर पूरा घर हँसी के ठहाकों से गूंज उठा, जबकि बाहर खड़ी साक्षी के दिमाग में बदले की आग और भी तेज हो गई थी…


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  • 17. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 17

    Words: 1423

    Estimated Reading Time: 9 min

    दीपक जी के ऑफिस का माहौल हमेशा की तरह गंभीर था, लेकिन आज वहाँ एक अलग ही तनाव फैला हुआ था। उनके सामने बैठा था रेशभ, जिसका चेहरा उत्सुकता और उलझन से भरा हुआ था।

    रेशभ को समझ नहीं आ रहा था कि आज दीपक जी उससे इतने ठंडे अंदाज में क्यों पेश आ रहे थे। कुछ देर तक दोनों के बीच अजीब सी खामोशी रही, फिर आखिरकार रेशभ ने हिम्मत जुटाकर पूछा,

    "पापा, क्या हुआ? आज आप इतने अजीब तरीके से क्यों बात कर रहे हैं?"

    दीपक जी ने एक गहरी साँस ली, उनके चेहरे पर कठोरता थी, लेकिन आँखों में कहीं न कहीं एक अजीब सा दर्द झलक रहा था। उन्होंने ठंडे स्वर में कहा,

    "तुम जानते हो, रेशभ? मेरी फैमिली को तुम्हारे बारे में सब कुछ पता चल चुका है। उन्हें पता चल गया है कि तुम मेरे... नाजायज़ बेटे हो।"

    रेशभ का चेहरा एकदम पीला पड़ गया। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा, जैसे किसी ने उसकी दुनिया ही हिला दी हो।

    "क-क्या?" उसने हकलाते हुए कहा।

    दीपक जी ने अपनी आवाज़ और सख्त कर ली,

    "अब वे चाहते हैं कि मैं तुम्हारा DNA टेस्ट कराऊँ ताकि ये साबित हो सके कि तुम सच में मेरे बेटे हो या नहीं।"

    रेशभ को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके सीने में चाकू मार दिया हो। उसका मन किया कि जोर से चिल्लाए, लेकिन गले से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी। उसकी आँखों में नमी आ गई, लेकिन वह किसी के सामने अपनी कमजोरी नहीं दिखाना चाहता था।

    दीपक जी का अविश्वास

    दीपक जी ने रेशभ के चेहरे के भावों को बारीकी से पढ़ लिया। उन्हें समझ आ गया कि उन्होंने रेशभ और अर्पिता पर भरोसा करके बहुत बड़ी गलती कर दी थी। अब उन्हें लग रहा था कि अगर उन्होंने ये गलती दोबारा की, तो उनकी अपनी फैमिली टूट जाएगी।

    उन्होंने कड़े शब्दों में कहा,

    "रेशभ, अब तुम यहाँ से चले जाओ। मुझे बहुत ज़रूरी काम करने हैं, और मैं किसी तरह की परेशानी नहीं चाहता।"

    ये सुनकर रेशभ की आँखें गुस्से और दर्द से भर गईं। उसे दीपक जी से ऐसे शब्दों की उम्मीद नहीं थी। उसकी मुठ्ठियाँ कस गईं और जबड़े भींच गए। गुस्से में उसने जवाब दिया,

    "ठीक है! अगर आपको भरोसा नहीं है, तो मैं खुद DNA टेस्ट की रिपोर्ट लाकर दूँगा, ताकि आपको यकीन हो जाए!"

    लेकिन उसकी बात सुनकर दीपक जी के चेहरे पर कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने ठंडी आवाज़ में कहा,

    "उसकी कोई जरूरत नहीं है, रेशभ। तुम बस यहाँ से चले जाओ। और दुबारा यहाँ मत आना। मैं नहीं चाहता कि मेरी फैमिली को और कोई दुख पहुँचे। ना ही मैं चाहता हूँ कि तुम्हारी माँ फिर से मेरे पास आए। अब मैं अपनी ज़िंदगी में कोई उलझन नहीं चाहता।"

    इतना कहकर दीपक जी ने अपना फोन उठाया और बिना एक बार भी पीछे देखे अपने केबिन से बाहर निकल गए।

    रेशभ वहीं खड़ा रह गया। उसके पैरों में जैसे जान ही नहीं बची थी। उसने अपनी मुट्ठियाँ और ज़्यादा कस लीं। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था, आँखों में नफरत और दर्द दोनों थे।

    "अब खेल शुरू होगा…"

    रेशभ ने गहरी साँस ली और धीरे-धीरे बाहर निकल गया। लेकिन जाते-जाते उसने मन ही मन कसम खा ली,

    "अब ये जंग सिर्फ सच और झूठ की नहीं रही… अब ये जंग मेरे अस्तित्व की है। और मैं इस जंग को हर हाल में जीतूंगा!"

    ----


    रात का वक्त था, हल्की लाल रोशनी में एक कमरा नहाया हुआ था। कमरे के बीचों-बीच एक बड़ा सा नरम बिस्तर था, और उस बिस्तर पर ऋतिक पड़ा हुआ था… मगर हालात कुछ अजीब थे!

    ऋतिक की पीठ बिस्तर पर थी, उसके दोनों हाथ बेड के रस्सियों से बंधे हुए थे, और उसके चेहरे पर गहरी चिंता की लकीरें थीं। उसकी नज़रें सामने बैठे शख्स पर टिकी थीं, जो पूरी तरह से एक खूबसूरत लड़की की तरह सजा हुआ था—जैस्मिन!

    लेकिन… जैस्मिन असल में लड़की नहीं, बल्कि एक लड़का था!

    "बोलो न बेबी, क्या मैं तुम्हें पसंद नहीं?" जैस्मिन ने अपने लहराते हुए नकली बालों को झटका दिया और अदाओं से बोला।

    ऋतिक ने झट से नज़रें घुमा लीं, "अबे, मेरे भाई! देख, मैं तुझसे बहुत अच्छे से बात कर रहा हूँ, मुझे छोड़ दे!"

    जैस्मिन ने नकली नाज़ुक आवाज़ में मुस्कुराते हुए कहा, "अरे ऋतिक बेबी, तुम इतने डर क्यों रहे हो? अब हम दोनों अकेले हैं, इस खूबसूरत माहौल में!"

    ऋतिक की सांसें तेज हो गईं, उसे समझ नहीं आ रहा था कि इस पागल इंसान से कैसे छुटकारा पाए!

    "देख, मैं जानता हूँ कि तू एक लड़का है!" ऋतिक ने गुस्से में कहा।

    इतना सुनते ही जैस्मिन ने अपने बाल पकड़कर झटके से अपना विग उतार दिया! और अगले ही पल, नकली नाज़ुक अदाओं की जगह एक हट्टे-कट्टे लड़के की गहरी आवाज़ कमरे में गूँज उठी!

    "अब क्या करोगे ऋतिक बाबू?" जैस्मिन (यानी कि असली नाम जयेश) ने आंख मारी और मुस्कुराया।

    ऋतिक की आंखें फटी की फटी रह गईं, "अबे ओओओ!!!"

    जयेश ने हँसते हुए कहा, "तू सोच रहा था मैं तुझे सिर्फ पैसे के लिए इस्तेमाल कर रहा हूँ? अरे नहीं बेबी, मैं तो तुझे प्यार भी करता हूँ!"

    ऋतिक को अब लगने लगा था कि उसकी जिंदगी में पहली बार असली मुसीबत आई है।

    "तू एक नंबर का साइको है!" ऋतिक चिल्लाया।

    "अरे बेबी, प्यार को साइकोपैथी नहीं बोलते!" जयेश ने अपने नेल्स चेक करते हुए कहा।

    ऋतिक को अब कुछ समझ नहीं आ रहा था, तभी उसे एक आइडिया आया। उसने धीरे से अपनी जेब में छुपे फोन को निकाला (जो जैस्मिन यानी जयेश के ध्यान देने से पहले ही उसने निकाल लिया था) और सीधा अवनि को कॉल कर दिया!

    दूसरी तरफ—

    अवनि लिविंग रूम में बैठी थी, तभी उसका फोन बजा। स्क्रीन पर ऋतिक का नाम देखकर उसने झट से कॉल उठाई।

    "हाँ ऋतिक, बोलो—"

    "भाभी!!! बचाओ!!!"

    अवनि चौक गई, "क्या हुआ?"

    "भाभी, मैं एक पागल के चंगुल में फँस गया हूँ, जल्दी आओ!"

    अवनि की पेशानी सिकुड़ गई, "कौन पागल?"

    "भाभी, पहले यहाँ आओ, मैं एक होटल में फँसा हूँ, जल्दी आओ नहीं तो मेरी इज़्ज़त—"

    अवनि ने कुछ ज्यादा सोचे बिना सीधा रिया और रुहान को बुलाया, "हमें अभी ऋतिक को बचाने चलना होगा!"

    रिया ने पूछा, "अब क्या कर दिया इसने?"

    अवनि ने संजीदगी से कहा, "इस बार मामला थोड़ा अजीब है… शायद किसी ने इसे बंधक बना लिया है!"

    होटल के कमरे में वापस—

    ऋतिक की हालत खराब थी, जयेश अब पूरी तरह से "खतरनाक" मूड में आ चुका था!

    "बेबी, एक बार बस अपना दिल खोलकर देखो न, शायद मैं ही तुम्हारा सच्चा प्यार हूँ!"

    "अबे प्यार तेरा सर! मुझे बस जाने दे!" ऋतिक रोने जैसा हो गया।

    तभी… दरवाज़ा धड़ाम से खुला!

    अवनि, रिया और रुहान ने अंदर घुसते ही देखा कि ऋतिक बेड पर बंधा हुआ पड़ा था, और उसके ऊपर एक "लड़की" की तरह सजे-धजे जयेश उर्फ़ जैस्मिन बैठा था!

    "हाय रे राम!!!" रिया की आँखें फटी रह गईं।

    अवनि को भी दो सेकंड लगे समझने में कि असल में हो क्या रहा है!

    रुहान हमेशा की तरह शांत था, लेकिन इस बार उसके चेहरे पर हल्की हँसी थी।

    "ये... क्या देख रहे हैं हम?" रिया ने अपनी हँसी रोकने की नाकाम कोशिश करते हुए पूछा।

    "भाभी!!! मुझे बचा लो!!!" ऋतिक चिल्लाया।

    अवनि को अब समझ आ चुका था कि मामला कितना अजीब है। उसने बिना समय गँवाए सीधा जैस्मिन (जयेश) को घूरते हुए कहा—

    "अगर तू अगले 10 सेकंड में यहाँ से नहीं गया, तो मैं तुझे ऐसी जगह मारूँगी कि तेरा नकली और असली जेंडर दोनों भूल जाएगा!"

    जयेश ने गहरी साँस ली और मुस्कुरा दिया, "हाय… क्या एटीट्यूड है तुम्हारा! लेकिन अफसोस, ऋतिक बेबी का प्यार सिर्फ मेरे लिए है!"

    "अबे भाग यहाँ से!" रुहान की भारी आवाज़ कमरे में गूँजी।

    जयेश समझ गया कि अब उसका खेल खत्म हो चुका है। उसने ऋतिक की ओर एक आखिरी फ्लाइंग किस उछाली, और फिर वहाँ से भाग गया।

    ऋतिक ने राहत की सांस ली, "ओह भाभी, आज तो आपने मेरी जान बचा ली!"

    रिया ने हँसते हुए कहा, "जान तो बच गई, पर इज्जत गई या नहीं, ये तो बाद में पता चलेगा!"

    पूरा कमरा ठहाकों से गूंज उठा, और ऋतिक ने शरमाते हुए अपना चेहरा तकिए में छुपा लिया।

    (जारी….)


    ---

    🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷

    ---

    अगले एपिसोड में क्या होगा?

    क्या अवनि समय पर रितिक को बचा पाएगी?

    रितिक इस सच को अपने परिवार से कैसे छुपाएगा?

    क्या जैस्मिन (जो असल में एक लड़का है) दोबारा रितिक को ब्लैकमेल करेगा?


    अपने जवाब हमें कमेंट में जरूर बताएं!

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  • 18. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 18

    Words: 1719

    Estimated Reading Time: 11 min

    होटल के कमरे में माहौल अजीब था। एक तरफ ऋतिक था, जो रस्सियों से बंधा हुआ शर्म और गुस्से से लाल हो रहा था, और दूसरी तरफ उसके ‘नए प्रेमी’ जयेश उर्फ़ जैस्मिन की मोहब्बत से भरी नज़रे थीं!

    रिया ने हँसते हुए कहा, "भाई, हमें तो लगा था तू सिर्फ मसखरी करता है, लेकिन तू तो पूरा रोमांस का उस्ताद निकला! और तेरे टेस्ट की तो दाद देनी पड़ेगी!"

    अवनि ने नकली हैरानी से सिर हिलाया, "ऋतिक, तुझे देखकर हमें क्या-क्या नहीं सीखने को मिल रहा! हमें नहीं पता था कि तेरा दिल इतना बड़ा है कि लड़की-लड़का नहीं, बस प्यार देखता है!"

    रुहान, जो हमेशा शांत रहता था, हल्की मुस्कान के साथ बोला, "ऋतिक, मान गए भाई! हम तो सोच भी नहीं सकते थे कि तेरी लव स्टोरी इतनी यूनिक होगी!"

    ऋतिक गुस्से से चिल्लाया, "भाभी, कसम से! मेरी कोई लव स्टोरी नहीं है! ये लड़का पागल है! इसे यहाँ से हटाओ!"

    रिया ने आँखें मटकाते हुए कहा, "ओह्हो, अब तू ऐसे बोल रहा है? जब रिश्ता निभाने की बारी आई तो पीछे हट गया? जयेश, देख तेरे बेबी को शर्म आ रही है!"

    जयेश (हाथ जोड़कर) बोला, "ऋतिक बेबी, प्यार को यूँ बदनाम मत करो! मुझे पता था कि एक दिन तुम मुझे अपनाओगे!"

    ऋतिक की जान हलक में अटक गई। उसने दर्द भरी नज़रों से अवनि को देखा।

    "भाभी!!!"

    अवनि, जो अब तक मज़े ले रही थी, आखिरकार सीरियस हुई। उसने सीधा जयेश की तरफ देखा और सख्त आवाज़ में बोली—

    "अबे, बहुत हुआ तेरा ड्रामा! अगले 10 सेकंड में भाग यहाँ से वरना मैं तेरा ऐसा हाल करूँगी कि तुझे अपना असली नाम तक याद नहीं रहेगा!"

    रिया ने हँसते हुए जोड़ दिया, "और मैं वीडियो बना रही हूँ, अगर तू नहीं भागा तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दूँगी!"

    इतना सुनते ही जयेश का चेहरा उतर गया। उसने ऋतिक की तरफ देखा और एक आखिरी फ्लाइंग किस उछाली।

    "ओके बेबी, मैं जा रहा हूँ, लेकिन याद रखना, तुम्हारे दिल में मैं हमेशा रहूँगा!"

    जयेश ने तेजी से दरवाज़े की तरफ दौड़ लगाई और भाग गया!

    ऋतिक ने राहत की सांस ली। रुहान ने आगे बढ़कर उसके हाथ खोले, और वह फट से उठकर बैठ गया।

    रिया ने हँसते हुए कहा, "तो कैसा लगा आज का स्पेशल रोमांटिक एडवेंचर?"

    ऋतिक झेंप गया और सिर पकड़ लिया, "भगवान, मेरी जिंदगी कब नार्मल होगी?"

    पूरे कमरे में ठहाके गूंज उठे!




    ---



    ऋतिक की इज्जत का जनाजा अभी ठीक से उठा भी नहीं था कि अवनि, रिया और रुहान ने उसे घसीटते हुए होटल से बाहर निकाल लिया।

    "चलो, बहुत हो गया तेरा रोमांटिक एडवेंचर! अब सीधा घर चलते हैं!" रिया हंसते हुए बोली।

    "हाँ, इससे पहले कि कोई और जयेश टाइप लड़का हमारे मासूम ऋतिक को प्रपोज़ कर दे!" रुहान ने चुटकी ली।

    ऋतिक ने गुस्से से उन्हें देखा, लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं हुई। वह पहले ही काफी जलालत झेल चुका था।


    जैसे ही चारों घर पहुंचे, उन्होंने देखा कि रेनुका जी और दीपक जी दरवाजे पर खड़े थे, मानो उन्हीं का इंतजार कर रहे हों।

    "ओह भाई! माँ-पापा को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे बोर्ड मीटिंग के लिए खड़े हैं!" ऋतिक फुसफुसाया।

    रेनुका जी तेज़ी से आगे बढ़ीं। ऋतिक ने सोचा कि अब माँ उसे गले लगाएंगी, उसे दिलासा देंगी कि उसकी हालत देखकर उन्हें कितना दुख हुआ। वह पहले ही अपनी बाहें फैला चुका था, आँखों में इमोशनल आंसू भरकर।

    "माँ, मैं—"

    पर इससे पहले कि वह अपनी बात पूरी करता, रेनुका जी उसे पूरी तरह इग्नोर करते हुए सीधा अवनि के पास चली गईं और उसे प्यार से गले लगा लिया।

    "अवनि बेटा, तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया! पहले तुमने हमारी कंपनी को बचाया, फिर हमारी बेटी को, और अब हमारे बेटे को भी! मैं तुम्हारा ये एहसान कैसे उतारूँ?"

    ऋतिक के चेहरे पर 440 वोल्ट का झटका लगा। उसने अब तक अपने हाथ वैसे ही फैला रखे थे, लेकिन जब माँ की नज़र तक उस पर नहीं पड़ी, तो उसने धीरे से हाथ नीचे कर लिया और मुंह फुला लिया।

    "बेटा, तुम सच में इस परिवार के लिए भगवान का तोहफा हो!" रेनुका जी ने अवनि की पीठ थपथपाई।

    अवनि थोड़ा अचकचाई। फिर उसने मासूमियत से कहा—

    "आंटी, अगर आप सच में मुझे धन्यवाद देना चाहती हैं, तो क्या आप मुझे कुछ पैसे दे सकती हैं?"

    पूरा हॉल एक पल के लिए शांत हो गया।

    "हमें तो लगा था कोई इमोशनल डायलॉग मारेगी, ये तो डाइरेक्ट डील कर रही है!" रुहान फुसफुसाया।

    लेकिन रेनुका जी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दीं और दीपक जी की तरफ देखा। दीपक जी ने बिना समय गवाए अपनी जेब से एक चमचमाता प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड निकाला और अवनि को पकड़ाते हुए बोले—

    "इसमें दस लाख रुपये हैं, और अगर तुम्हें और जरूरत हो तो बेझिझक बता सकती हो, बेटा!"

    अवनि की आँखें खुशी से चमक उठीं। वह कार्ड हाथ में पकड़कर मानो किसी ट्रॉफी की तरह देखने लगी।

    "वाह! ये हुई न बात! आज पहली बार एहसानों का सही मोल मिला है!" वह खुश होकर बोली।

    पीछे खड़े ऋतिक, रिया और रुहान मुस्कुरा रहे थे।

    "भाई, तू समझ गया न? इस दुनिया में सुपरहीरोज़ का जमाना गया, अब बस सुपर-स्मार्ट बिज़नेसवुमन की ज़रूरत है!" रिया ने चुटकी ली।

    ऋतिक ने लंबी सांस ली और ऊपर देखते हुए कहा—

    "भगवान, मेरी इज़्जत कभी वापस आएगी?"

    और सब हंस पड़े।

    ----


    अगले दिन सुबह होते ही पूरा माल्होत्रा मेंशन उत्साह से भर गया था। वजह थी—रुहान का जबरदस्त बिजनेस सक्सेस! जिस प्रोजेक्ट पर वह पिछले महीनों से मेहनत कर रहा था, आखिरकार वह सफल हो गया। उसकी कंपनी ने जबरदस्त मुनाफा कमाया था, और इस खुशी में आज रात एक शानदार बैंकेट पार्टी का आयोजन किया गया था।

    "भैया, आज तो आपका नाम होने वाला है!" रिया ने चहकते हुए कहा।

    "नाम? नाम तो मेरा वैसे भी है, आज तो सिर्फ जश्न मनाना है!" रुहान ने मुस्कराते हुए जवाब दिया।

    पार्टी की तैयारियां जोरों पर थीं, और घर में एक अजीब-सी चहल-पहल थी। पर सबसे दिलचस्प नज़ारा माल्होत्रा मेंशन के लिविंग रूम में देखने को मिला...


    ---

    दोपहर के समय, लिविंग रूम का माहौल किसी हाई-फाई ब्यूटी स्पा से कम नहीं लग रहा था। रिया, अवनि और रेनुका जी—तीनों आराम से बैठी थीं, और उनके हाथ-पैरों की मसाज हो रही थी। उनके चेहरे पर फेस मास्क लगा हुआ था, और आँखों पर ठंडे खीरे रखे थे।

    "भाई , ये असली रॉयल लाइफ है!" रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, जब एक लड़की उनके नाखूनों पर नेल पॉलिश लगा रही थी।

    "अवनि, तुम्हारा चेहरा तो पहले से ही चमकता है, फिर ये सब क्यों?" रेनुका जी ने मजाक किया।

    "आंटी, चमक बढ़ाने में क्या बुराई है?" अवनि ने हंसते हुए जवाब दिया।

    तभी...

    "अरे वाह! यहाँ तो ब्यूटी स्पा चल रहा है!"

    ऋतिक लिविंग रूम में घुसते ही यह नज़ारा देखकर ठिठक गया।

    "यहाँ क्या चल रहा है?" उसने हैरानी से पूछा।

    "फेशियल सेशन, और आपको यहाँ बैठने की इजाज़त नहीं है!" रिया ने तुरंत चिढ़ाया।

    "क्यों? मैं भी कराऊंगा!" ऋतिक ने ज़िद पकड़ ली।

    अवनि ने शरारती मुस्कान के साथ कहा, "आप फेशियल क्यों कराना चाहते हैं?"

    "अरे, आज रात पार्टी में सब लड़कियों की नज़रें मुझ पर होनी चाहिए! मैं नहीं चाहता कि कोई और चमके!"

    रिया और अवनि एक-दूसरे की तरफ देखकर हंस पड़ीं।

    "ठीक है, आइए! आज आपको भी चमका देते हैं!"

    कुछ ही मिनटों में ऋतिक भी चेयर पर बैठा था, और उसके चेहरे पर एक मोटा फेस पैक लगाया जा चुका था।

    " भाई , ये फेशियल नहीं, ममी बनाने की प्रॉसेस लग रही है!" रुहान ने ताना मारा, जो अभी-अभी अपने डैड के साथ लिविंग रूम में दाखिल हुआ था।

    पर रुहान को जो नज़ारा दिखा, उससे वह पल भर के लिए सन्न रह गया!

    पूरा लिविंग रूम ब्यूटी पार्लर में बदल चुका था!

    कहीं लड़कियां पैरों की मसाज कर रही थीं, कहीं हाथों का मैनीक्योर-पेडीक्योर चल रहा था।

    एक तरफ अवनि और रिया आराम से बैठे अपने फेशियल करवा रही थीं, दूसरी तरफ ऋतिक अपनी चमक बढ़वाने में जुटा था। और हद तो तब हो गई जब दीपक जी भी इस माहौल का पूरा फायदा उठाने के लिए अपनी चेयर पर जाकर बैठ गए!

    एक लड़की तुरंत उनके चेहरे पर भी फेस पैक लगाने लगी।

    "वाह! अब्बा भी शामिल हो गए!" रुहान ने माथा पकड़ लिया।

    पर सबसे मज़ेदार सीन तब हुआ जब अवनि रुहान के पास आई।

    "आप भी करवाएंगे?" अवनि ने उसकी तरफ देखा।

    "नहीं, मुझे इन सब चीज़ों की ज़रूरत नहीं!"

    "ओह, लेकिन मुझे लगता है कि आपको जरूरत है!"

    "क्यों?"

    अगले ही पल अवनि ने एक क्यूट सा "बेबी टाइगर" डिज़ाइन वाला फेस मास्क निकाला और झट से रुहान के चेहरे पर चिपका दिया!

    रुहान एकदम क्यूट लग रहा था!

    "अरे यार, ये क्या किया!" वह चिढ़ गया।

    "बस चुपचाप बैठिए! अब तुम भी हमारे क्लब का हिस्सा हैं!" अवनि हंसते हुए बोली।

    "भैया, आप दुनिया के सबसे खतरनाक बिजनेसमैन से सीधे बेबी टाइगर बन गए!" ऋतिक ने हंसते हुए ताना मारा।


    ---


    शाम होते ही पार्टी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। बैंकेट हॉल खूबसूरत लाइट्स और डेकोरेशन से सजा था। हर कोई स्टाइलिश आउटफिट्स में पहुंच चुका था।

    पर जैसे ही अवनि पार्टी में आई...

    रुहान उसे बस देखता ही रह गया!

    अवनि ने एक शाइनी ब्लैक गाउन पहना था, उसके खुले बाल उसकी खूबसूरती को और निखार रहे थे। उसकी सादगी में भी एक अजीब-सा जादू था, जो हर किसी को उसकी तरफ खींच रहा था।

    पर सबसे ज्यादा असर रुहान पर पड़ा था!

    "भैया, आप ऐसे क्यों देख रहे हैं?" रिया ने उसे चिढ़ाया।

    "क्या... नहीं, कुछ नहीं!" रुहान तुरंत अपनी नजरें घुमा लीं, लेकिन उसके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान साफ दिख रही थी।

    अवनि ने एक हल्की मुस्कान के साथ रुहान की तरफ देखा—और दोनों की नज़रें मिल गईं!


    ---

    क्या इस पार्टी में कुछ नया मोड़ आएगा? क्या रुहान अपनी दिल की बात समझ पाएगा?

    (जारी...)


    ---

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  • 19. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 19

    Words: 1354

    Estimated Reading Time: 9 min

    बैंक्वेट हॉल रोशनी से जगमगा रहा था। चारों ओर रौनक थी, और माहौल में हल्की-फुल्की गपशप और ठहाकों की गूंज थी। मल्होत्रा परिवार पार्टी में मौजूद थी, और रेनुका जी हर किसी को अवनि से मिलवा रही थीं।

    तभी उनकी नज़र अर्पिता जी पर पड़ी, जो अपनी बेटी साक्षी के साथ वहाँ आई थीं।

    अवनि की आँखें साक्षी को देखते ही सिकुड़ गईं। उसका मन गुस्से से भर गया।

    _“यही है वो लड़की! इसी की वजह से सारी परेशानियाँ बढ़ी हैं।”_

    रेनुका जी ने भी अर्पिता जी को देखते ही अपने गुस्से पर काबू पाना मुश्किल समझा। वहीं, अर्पिता जी के चेहरे पर हल्की सी, चिढ़ाने वाली मुस्कान थी, जो रेनुका जी के क्रोध को और भड़का रही थी।

    तभी वहाँ रुहान, ऋतिक और रिया भी आ गए। पूरे हॉल में एक अजीब सा तनाव छा गया।

    दीपक जी ने स्थिति को भाँपते हुए जल्दी से रेनुका जी का हाथ पकड़कर कहा, "डार्लिंग, तुम यहाँ क्या कर रही हो? चलो मेरे साथ, वहाँ तुम्हारी एक पुरानी दोस्त तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।"

    उन्होंने रेनुका जी को वहाँ से ले जाना ही बेहतर समझा। अर्पिता जी यह देखकर तिलमिला उठीं। उनकी नाराज़गी इस बात से ज्यादा थी कि दीपक जी ने उनकी ओर देखा तक नहीं! गुस्से में भरी अर्पिता जी वहाँ से बाहर निकल गईं।

    ---


    साक्षी बेधड़क होकर रुहान को घूरे जा रही थी। आज वह बेहद हैंडसम लग रहा था, और साक्षी की आँखें उससे हटने का नाम ही नहीं ले रही थीं।

    अवनि का खून खौलने लगा। वह मन ही मन बड़बड़ाने लगी—

    _“चिपकली कहीं की! डायन! चुड़ैल! इतनी बेहूदी हरकतें कौन करता है? घूर ही खा जाएगी क्या?”_

    रुहान, ऋतिक और रिया, जो अवनि के मन की बातें सुन सकते थे, अपनी हँसी रोकने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन यह आसान नहीं था। अवनि मन ही मन बड़बड़ाने से नहीं थक रही थी—

    _“और ये रुहान भी न! इतना हैंडसम बनने की क्या ज़रूरत थी? मतलब कोई इंसान इतना परफेक्ट कैसे लग सकता है? मुझे अपनी नज़रें ही नहीं हटा पा रही हैं!”_

    रुहान ने हल्की सी मुस्कान के साथ गर्व से सीना चौड़ा कर लिया। उसे खुद पर और भी ज्यादा गर्व महसूस हो रहा था!

    ---

    साक्षी की बेहयाई से ऋतिक और रिया को भी चिढ़ हो रही थी। तभी रिया के दिमाग में एक खतरनाक आइडिया आया। उसने देखा कि एक वेटर ट्रे में जूस लिए जा रहा था। रिया ने हल्के से अपनी टांग वेटर के पैर से टकरा दी।

    वेटर लड़खड़ा गया, और ट्रे उसके हाथ से छूट गई। पूरी ट्रे का जूस सीधा साक्षी के ऊपर गिरा!

    "आअअअह्ह्ह! यह क्या किया?" साक्षी चीख पड़ी।

    पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। लोग साक्षी की हालत देखकर हँसने लगे।

    अवनि ने भी यह सीन देखा और खुद को हँसने से रोक नहीं पाई।

    _"हाहाहा! अब तो लग ही नहीं रहा कि ये साक्षी है... पूरी भीगी हुई चुड़ैल लग रही है!"_

    रुहान शांति से खड़ा यह तमाशा देख रहा था, चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी।

    ऋतिक और रिया एक-दूसरे से हाथ मिलाकर अपनी जीत सेलिब्रेट कर रहे थे।

    साक्षी, जो हमेशा खुद को परफेक्ट दिखाने की कोशिश करती थी, अब इस हालत में खड़ी थी, जैसे किसी ने ठंडे पानी में डुबो दिया हो। उसकी जलन चेहरे पर साफ झलक रही थी।

    ---



    रुहान, अवनि की मन ही मन की बातें सुनकर और उसकी जलन देखकर अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहा था। वह धीरे से अवनि के कान में फुसफुसाया—

    "तो तुम्हें मेरी हैंडसमनेस से प्रॉब्लम हो रही है?"

    अवनि को एकदम झटका लगा!

    "रु...रुहान!! तुमने... तुमने मेरी बात सुन ली?" अवनि ने आँखें चौड़ी करते हुए कहा।

    रुहान ने हल्की सी शरारती मुस्कान दी, और बोला—

    "हर एक शब्द! और सच कहूँ, तुम जब जलती हो, तो और भी क्यूट लगती हो!"

    अवनि की आँखें और भी बड़ी हो गईं। उसका चेहरा लाल पड़ गया!

    ---

    Banquet हॉल की रोशनी में नहाए चेहरे, बिजनेस की बातचीत में डूबे लोग, और शानदार माहौल—सबकुछ बिल्कुल परफेक्ट था। लेकिन अवनि का ध्यान कहीं और था। उसकी आँखें बार-बार इधर-उधर घूम रही थीं, जैसे किसी अनदेखे खतरे को भांपने की कोशिश कर रही हों।

    "क्या हुआ?" रुहान ने हल्की फुसफुसाहट में पूछा।

    अवनि ने एक पल को उसकी तरफ देखा, फिर तुरंत नज़रें फेर लीं। उसने अभी-अभी कुछ ऐसा देखा था, जिससे उसके होश उड़ गए थे।

    "कुछ नहीं..." उसने झूठ बोलने की कोशिश की, लेकिन उसकी बेचैनी छिप नहीं पाई।

    रुहान ने उसकी हर हरकत को बारीकी से नोटिस किया, मगर अभी वह अपने बिजनेस पार्टनर्स से बात कर रहा था, इसलिए कुछ कह नहीं पाया।



    अवनि ने अभी अपनी आँखें बंद ही की थीं कि उसे एक झलक दिखी—कोई उसे पीछे से पूल में धक्का देने वाला था!

    उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। वह चौकन्नी हो गई। उसने हल्के-हल्के अपने चारों ओर नज़र दौड़ाई, मगर कुछ भी संदिग्ध नहीं दिखा। फिर भी, वह सतर्क थी।

    और अगले ही पल—

    "आह्ह्ह!"

    एक ज़ोरदार चीख हवा में गूंज उठी, और सबकी नज़रें पूल की तरफ मुड़ गईं।

    अवनि ने तुरंत देखा—साक्षी पूल में गिर चुकी थी!

    रुहान बिना एक पल गंवाए पूल में कूद पड़ा। तेज़ी से पानी को चीरते हुए वह साक्षी तक पहुँचने ही वाला था कि तभी—

    "रुहान!"

    अवनि की घबराई हुई आवाज़ ने उसे रोक दिया।

    उसने तुरंत अपना सिर घुमाया। अवनि पूरी तरह से होश में थी, सुरक्षित खड़ी थी। लेकिन फिर उसने देखा—साक्षी अभी भी पानी में थी।

    रुहान का दिमाग तेज़ी से काम करने लगा। उसने साक्षी को कुछ सेकंड देखा, फिर ठंडेपन से अपने बालों से पानी झटकते हुए पूल से बाहर आ गया। उसने साक्षी की मदद करने की कोई कोशिश नहीं की।

    पूरे हॉल में खामोशी छा गई। लोग फुसफुसाने लगे। बिजनेस पार्टनर्स की पत्नियाँ और कई गेस्ट्स रुहान को देख रहे थे, जो गीले कपड़ों में भी खतरनाक रूप से आकर्षक लग रहा था।

    "ये लड़का... सच में कुछ और ही चीज़ है!" किसी महिला ने धीमे से कहा, लेकिन उसकी बात कई और लोगों ने भी सुनी।



    अवनि का ध्यान लोगों की बातों पर नहीं था। उसकी पूरी तवज्जो रुहान पर थी। वह गुस्से में उसकी तरफ बढ़ी—

    "तुमने पूल में कूदने की ज़रूरत ही क्या थी?"

    रुहान ने अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए एक हल्की मुस्कान दी और कहा—

    "मुझे लगा, तुम गिरी हो। इसलिए बचाने गया था।"

    अवनि को लगा जैसे किसी ने उसके गुस्से की आग में और घी डाल दिया हो।

    "मैं गिरी नहीं थी! बल्कि मुझे कोई धक्का देने वाला था, इसलिए मैं हट गई। और जो गिरा... वो अपने ही जाल में फँस गया!"

    रुहान ने उसकी आँखों में देखा। कुछ सेकंड तक सिर्फ खामोशी थी, फिर वह धीरे से फुसफुसाया—

    "तुम्हें मुझे पहले बताना चाहिए था, अवनि।"

    अवनि को कुछ समझ नहीं आया कि वह क्या कहे।

    रुहान ज्यादा कुछ नहीं बोला। उसने बस एक नज़र रिया पर डाली और कहा—

    "अपनी भाभी का ध्यान रखना, मैं कपड़े बदलने जा रहा हूँ।"

    रिया ने तुरंत सिर हिलाया।

    एक रहस्य जो गहराता जा रहा था

    रुहान होटल के अंदर बने एक प्राइवेट सुइट में चला गया, जो उसने पहले से बुक कर रखा था।

    जैसे ही दरवाज़ा बंद हुआ, वह एक पल के लिए ठहर गया। उसने अपने हाथों से अपने गीले बाल पीछे किए और आईने में अपनी परछाई को देखा।

    "तो अवनि को अब विज़न आने लगे हैं...?"

    उसके होंठों पर एक हल्की मुस्कान आई, मगर उसकी आँखें गहरी सोच में डूबी हुई थीं।

    "आखिर में तुम क्या चीज़ हो, अवनि??"

    रुहान की आँखों में एक अनकही पहेली थी, जैसे वह खुद भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा हो...

    ✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨🌷✨

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  • 20. Arrogant ceo 's naughty wifey - Chapter 20

    Words: 1293

    Estimated Reading Time: 8 min

    बनкет हॉल की रंगीन रोशनी और संगीत के बीच, अवनि और रिया एक कोने की टेबल पर बैठी थीं। पार्टी का माहौल पूरे शबाब पर था, लेकिन दोनों अपनी ही दुनिया में व्यस्त थीं।

    रिया ने एक प्लेट से स्नैक्स उठाते हुए कहा, "भाभी, तुमने ये ट्राय किया? इतना टेस्टी है!"

    अवनि ने मुस्कुराते हुए प्लेट की ओर हाथ बढ़ाया, लेकिन तभी—

    "ओह! सॉरी, सॉरी!"

    रिया के हाथ से गलती से रेड वाइन का ग्लास अवनि की ड्रेस पर गिर गया।

    अवनि चौंक गई, "रिया!"

    रिया ने तुरंत अपनी गलती समझी, "अरे, जल्दी से वॉशरूम चलते हैं, वरना दाग रह जाएगा!"

    रिया और अवनि तेज़ी से बनकेट हॉल के साइड बने रेस्टरूम की तरफ बढ़ीं। अंदर जाते ही अवनि ने वॉशबेसिन के पास जाकर अपनी ड्रेस साफ़ करनी शुरू की। लेकिन तभी...

    "भाभी, देखो! ये कपल कितना रोमांटिक है, ना?"

    रिया ने मुस्कराते हुए कहा और इशारा किया।

    अवनि ने जिज्ञासावश सामने देखा और अचानक उसकी आँखें चमक उठीं।

    पर फिर... उसका चेहरा घोर हैरानी में बदल गया।

    "ये तो...!"

    अवनि का दिल ज़ोर से धड़का।

    उसने झटके से रिया की तरफ देखा और धीरे से कहा, "रिया... ये तुम्हारा fiancé है!"

    रिया का चेहरा सफेद पड़ गया। उसने घूरकर उस कपल को देखा, जो अभी भी किस में डूबा था।

    गुस्से और झटके में रिया तेजी से आगे बढ़ी और झटके से दोनों को अलग कर दिया।

    "तुम...?"

    रिया का मुँह खुला रह गया। सामने उसका मंगेतर—करण खड़ा था, और उसके साथ एक अनजान लड़की थी।

    करण ने चौक कर रिया को देखा, "रिया? तुम यहाँ क्या कर रही हो?"

    रिया का खून खौल उठा, "ये मैं तुमसे पूछना चाहिए, करण! ये लड़की कौन है?"

    करण झिझका, फिर हँसते हुए बोला, "ओह, रिया, ये? ये मेरी गर्लफ्रेंड है।"

    "क्या???"

    रिया को एक पल के लिए अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ।

    अवनि ने तुरंत हस्तक्षेप किया, "अगर ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है, तो रिया कौन है?"

    करण ने बिना किसी झिझक के कंधे उचका दिए, "रिया मेरी होने वाली बीवी है। और ये मेरी गर्लफ्रेंड। अब इसमें कौन सी बड़ी बात है?"

    रिया की आँखें क्रोध से लाल हो गईं, "क्या बकवास कर रहे हो, करण?"

    करण हँसते हुए बोला, "रिया, तुम ज़रूरत से ज़्यादा रिएक्ट कर रही हो। आजकल लड़के दो बीवियाँ रखना चाहते हैं, इसमें गलत क्या है?"

    "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?!"

    रिया का गुस्सा फट पड़ा। अवनि ने भी कदम बढ़ाया और ठंडे स्वर में कहा, "तुम्हारी औकात क्या है दो बीवियाँ रखने की?"

    करण तिलमिला गया, "तुम होती कौन हो मुझे जज करने वाली?"

    अवनि ठहाका मारकर हँसी, "मैं? मैं वो हूँ जो तुम्हें नर्क तक छोड़ने आई हूँ!"

    रिया का सब्र खत्म हो चुका था। उसने बिना एक पल गँवाए करण को एक ज़ोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया।

    "ये तुम्हारे धोखे की कीमत है, करण!"

    करण गुस्से में चिल्लाया, "तुम मुझसे ऐसे बात नहीं कर सकतीं!"

    "बिलकुल कर सकती हूँ," रिया गरजी, "और सुनो, वो सारे पैसे वापस कर दो जो तुमने मुझसे ऐंठे हैं!"

    करण हँस पड़ा, "पैसे? तुमसे?"

    अवनि ने आँखें घुमाई, "ठीक है, अगर पैसे नहीं देते, तो कुछ और तरीका अपनाना पड़ेगा।"

    अगले ही पल, रिया ने गार्ड्स को बुलाया।

    "इन्हें इस होटल से बाहर निकालो!"

    करण और उसकी गर्लफ्रेंड को गार्ड्स ने जबरन घसीटते हुए बाहर निकाला, और उसकी चीखें पूरे हॉल में गूँज उठीं।

    अवनि इस पूरे सीन का मज़ा लेते हुए एक कोने में खड़ी थी, पॉपकॉर्न खाते हुए।

    उसने मुँह में एक पॉपकॉर्न डालते हुए रिया से कहा, "रिया, तुम्हारी लाइफ में सच में मसालेदार ड्रामा चल रहा है!"

    रिया, जो अभी तक करण के धोखे से बाहर नहीं आई थी, गहरी सांस लेते हुए मुस्कुराई।

    "भाभी, आज पहली बार मैं इतनी पावरफुल फील कर रही हूँ।"

    अवनि ने आँख मारी, "हमेशा याद रखना, जो तुम्हारे साथ विश्वासघात करता है, उसे तुम्हारी लाइफ में जगह देने की जरूरत नहीं!"

    रिया ने सिर हिलाया, और दोनों हँस पड़ीं।

    लेकिन यह तो सिर्फ़ शुरुआत थी...

    क्योंकि करण की साज़िशें अभी खत्म नहीं हुई थीं।

    ---

    रुहान अपने होटल के कमरे में खड़ा था। उसने शर्ट के बटन खोले और आईने में खुद को देखने लगा। लेकिन उसका ध्यान अपने ही ख्यालों में खोया था।

    **'अवनि...'**

    हर बार जब वह अपनी आँखें बंद करता, उसे अवनि का चेहरा दिखाई देता। उसकी मुस्कान, उसकी बातें... सब कुछ। उसने खुद को समझाने की कोशिश की कि वह सिर्फ एक दोस्त थी, लेकिन दिल की सच्चाई अलग थी।

    तभी—

    "ह्म्म... उफ्फ..."

    रुहान के कानों में हल्की आवाज़ें पड़ीं। उसने भौंहें चढ़ाईं और ध्यान से सुना।

    "आह... रिशभ...!"

    एक पल में ही उसे समझ आ गया कि पास वाले कमरे में क्या हो रहा था। उसके कान गर्म हो गए। वह झटपट अपने कपड़े पहनने लगा।

    **'हे भगवान! मैं यहाँ किसके बारे में सोच रहा हूँ और वहाँ लोग...!'**

    तेज़ी से बाहर निकलते हुए उसने एक नज़र उस कमरे की ओर डाली, जहाँ से आवाज़ें आ रही थीं। दरवाज़े के नीचे से हल्की रोशनी झलक रही थी। वह आगे बढ़ा और दरवाज़े की दरार से अंदर झाँकने लगा।

    कमरे के अंदर—

    साक्षी बेड पर लेटी थी, और उसके ऊपर रिशभ था।

    रिशभ की आँखों में जुनून था, लेकिन साक्षी की आँखें लालच से भरी हुई थीं। उसकी तेज़ सांसें कमरे में गूंज रही थीं।

    "रिशभ... जो प्लान तुमने आज बनाया है, क्या वो पूरा हो जाएगा?" साक्षी ने अपनी बढ़ती हुई धड़कनों पर काबू पाते हुए कहा।

    रिशभ, जो अब उसके ऊपर से हट चुका था, धीरे से मुस्कराया। उसने साक्षी की ठुड्डी को पकड़ते हुए कहा, "फिक्र मत करो, साक्षी। आज के प्लान के बाद, रुहान और उसका भाई इस दुनिया में नहीं रहेंगे। माल्होत्रा परिवार में कल मातम का माहौल होगा।"

    साक्षी की आँखों में चमक आ गई। उसने झटपट उठकर रिशभ की गोद में बैठते हुए उसे किस कर लिया।

    रुहान के रोंगटे खड़े हो गए। **'ये लोग मेरी और मेरे भाई की जान लेना चाहते हैं?'**

    उसका दिल गुस्से से धड़क उठा।

    ---

    **बनकेट हॉल के रास्ते में—**

    रुहान अपने गुस्से को काबू करने की कोशिश कर रहा था। **'मुझे अवनि को बताना होगा! लेकिन कैसे? अगर ये लोग मुझ पर हमला कर दें तो?'**

    वह यही सोच रहा था कि अचानक...

    **धड़ाम!!**

    कोई भारी चीज़ उसके सिर पर लगी और वह सीधा मुँह के बल ज़मीन पर गिर गया।

    "उह...!"

    रुहान की नज़र धुंधली पड़ गई। उसके चारों ओर छह लोग खड़े थे, हाथों में हॉकी स्टिक लिए हुए। उनकी आँखों में क्रूरता थी।

    "लगता है तुम्हें ज़्यादा पता चल गया है, रुहान माल्होत्रा!" एक आदमी ने कहा और ज़ोर से उसकी पसलियों पर हॉकी मारी।

    "आह...!" रुहान दर्द से कराह उठा।

    दूसरे आदमी ने उसकी टांगों पर वार किया।

    **'नहीं! मैं ऐसे हार नहीं सकता... अवनि को बचाना है... खुद को बचाना है!'**

    उसने पूरी ताकत से अपने शरीर को घुमाया और पास वाले आदमी की टांग पकड़कर ज़ोर से खींच दिया। वह आदमी संतुलन खोकर गिर पड़ा।

    लेकिन बाकी के लोग अब और तेज़ी से वार करने लगे।

    रुहान के शरीर से खून निकलने लगा। उसकी चेतना धीरे-धीरे धुंधली हो रही थी।

    **'क्या ये मेरी आखिरी रात है...?'**

    उसकी साँसे तेज़ होने लगीं। वह ज़मीन पर पड़ा था, और वो छह लोग उसे घेरकर हँस रहे थे।

    "अब तेरा खेल खत्म, रुहान!" एक आदमी ने हॉकी ऊपर उठाई और पूरे ज़ोर से नीचे गिराने ही वाला था कि—

    **'धड़ाम!!'**

    एक ज़ोरदार गोली चली।

    हॉकी स्टिक बीच में ही रुक गई।

    सभी चौंक कर पीछे हट गए।

    रुहान की अधखुली आँखों ने देखा—

    दरवाज़े पर अवनि खड़ी थी। उसके हाथ में एक पिस्तौल थी, जिससे धुआँ उठ रहा था।

    उसकी आँखों में गुस्से की ज्वाला थी।

    "अगर किसी ने एक और कदम आगे बढ़ाया, तो अगली गोली उसके सिर में होगी!" उसने ठंडी आवाज़ में कहा।

    पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया।

    **क्या अब रुहान बच पाएगा? और कौन है इस हमले के पीछे?**

    **जवाब मिलेगा एपिसोड 20 में... Stay Tuned!**