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Billionaire's accidental wife

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Jahnavi Sharma

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आयुष्का सिंह ओबेरॉय, जिसे अपनी जिंदगी में दो ही लोगों से नफरत है। पहला नेपोटिज्म और दूसरा आरव खुराना। नेपोटिज्म का शिकार आयुष्का होती रहती है, क्या होगा जब वो आरव खुराना का शिकार बनेगी। आरव को पहली नजर में आयु पसंद आ जाती है तो वह उसके साथ धोखे से कॉ...

Total Chapters (28)

Page 1 of 2

  • 1. Billionaire's accidental wife - Chapter 1

    Words: 2399

    Estimated Reading Time: 15 min

    सुबह के 8 बज रहे थे। किचन में एक लगभग 28 साल की लड़की, जिसने जींस पर लंबा कुर्ता डाला हुआ था, हड़बड़ाहट में जल्दी-जल्दी हाथ चला रही थी। अचानक उसका ध्यान घड़ी की ओर गया।

    टाइम देखते ही उसने वहीं से चिल्लाते हुए कहा, “मंथन, जल्दी उठ जाओ! ऑफिस जाने में लेट हो जाएँगे। आयुष्का... आयु जल्दी करो बाबा! इतना लेट करोगे, तो कैसे चलेगा?”

    उसके आवाज लगाने पर आयुष्का, जिसे उसने आवाज लगाई थी, वह जाग चुकी थी।

    उसने वहीं से अधखुली आँखों से आवाज दी,“ओके, साक्षी दीदी। आप हॉस्पिटल जाओ। फ़िक्र मत करो, मैं टियारा को स्कूल छोड़ दूँगी।” आयु ने जवाब दिया।

    साक्षी ने तेज आवाज में कहा, “वो तो ठीक है आयु, लेकिन मैं हॉस्पिटल नहीं जाऊँगी। आज मुझे कोर्ट जाना है। शायद तुम भूल गई होगी, आज मेरे और रितेश के डिवोर्स की पहली सुनवाई है।”

    साक्षी के मुँह से कोर्ट जाने की बात सुनकर आयुष्का भाग कर साक्षी के पास गई। उसके बाल सोकर उठने से थोड़े बिखरे हुए थे और लंबे होने की वजह से रबर बैंड से निकल चुके थे। उसकी हाइट लगभग 5 फ़ीट 6 इंच के आसपास थी। कमर को छूते हुए हनी ब्राउन स्ट्रेट बाल, गोरा रंग, छोटी लाइट एम्बर आँखें, वह दिखने में बेहद खूबसूरत थी। उसकी उम्र लगभग 24 साल के आसपास थी।

    आयुष्का ने उसके पास आकर धीमी आवाज में कहा, “मैं आपके साथ चलूँगी। आप अकेले कैसे हैंडल करेगी?” उसके चेहरे पर उदासी थी। उसे साक्षी के लिए बुरा लग रहा था।

    जबकि साक्षी बिल्कुल नॉर्मल थी। उसने हल्का मुस्कुराते हुए कहा, “आयु, जब हमने अकेले रहने का फ़ैसला कर ही लिया है, तो अब अकेलेपन से क्या डरना? तुम एक काम करना, मंथन को उठा देना। पता चला छोटू आज फिर लेट उठा और क्लास लग गई। ऑफिस में थोड़ी सी भी लेट हो जाएँगी तो तुम आरव को तो जानती ही हो ना...”

    आरव का नाम सुनकर आयुष्का ने मुँह बनाते हुए कहा, “नहीं दीदी। ना मैं आपके आरव को जानती हूँ और ना ही उसे जानना चाहती हूँ।”

    “ओके। मैं जा रही हूँ। तुम देख लेना प्लीज़।” साक्षी ने हल्का हँसकर कहा। जाते वक़्त उसने धीरे से बड़बड़ाया, “ना जाने ये आरव से इतना क्यों चिढ़ती है।”

    कहकर साक्षी वहाँ से अपने वकील से मिलने चली गई। वही उनके घर पर एक बार फिर आरव का नाम सुनकर उसका मूड उखड़ गया था।

    “मुझे नफरत है उस इंसान से।” आयु ने गुस्से में तेज सांसे लेकर कहा।

    वही मंथन उठा, तो उसने देखा आयुष्का कुछ पेपर असेंबल करने में लगी थी। वह उसके पास गया और उसके गले लगते हुए प्यार से बोला, “गुड मॉर्निंग, माय लव! उठ गई तुम।” फिर इधर-उधर देखते हुए पूछा, “साक्षी दीदी गई?” वह उम्र में लगभग 26 साल का था। हाइट लगभग 5 फ़ीट 11 इंच के करीब, और गेरुआ रंग। दिखने में हैंडसम और शक्ल से मासूम।

    आयु ने मुस्कुरा कर हाँ भरी और मंथन से दूर हो गई।

    मंथन ने बालों में हाथ घुमाकर कहा, “अच्छा हुआ साक्षी दीदी चली गई। चलो मिलकर अच्छा सा रोमांटिक वाला ब्रेकफ़ास्ट तैयार करते हैं।”

    आयु ने हल्का हँसते हुए कहा, “अच्छा, अब ब्रेकफ़ास्ट भी रोमांटिक होने लगा। सो, लिसन मेरे ओवर रोमांटिक बॉयफ़्रेंड, तुम्हारे रोमांटिक ब्रेकफ़ास्ट के चक्कर में मेरा आज एक और इंटरव्यू मिस हो जाएगा। और याद है ना, मुझे टियारा को स्कूल भी छोड़ना है।”

    मंथन ने उसी के अंदाज़ में मुँह बनाकर कहा, “ओके, मेरी अनरोमांटिक सी गर्लफ़्रेंड। कभी तो मुझे सीरियसली ले लिया करो। और क्यों इधर-उधर धक्के खा रही हो जॉब के लिए? तुम आयुष्का सिंह ओबरॉय हो। तुम्हारे डैड का भी टेक्सटाइल का बिज़नेस है, उसको क्यों नहीं ज्वाइन कर लेती?”

    “मुझे अपनी अलग पहचान बनानी है। मैं चाहती हूँ कि मुझे लोग आयुष्का सिंह ओबरॉय के नाम से नहीं, बल्कि फ़ैशन डिज़ाइनर आयुष्का के नाम से जानें। मुझे सब कुछ एक्सपीरियंस करना है। तुम जानते हो ना। हमारी कंपनी में मुझे अपनी काबिलियत के दम पर नहीं, नेपोटिज्म के दम पर जॉब मिलेगा।” आयुष्का ने सीरियस अंदाज़ में कहा।

    उसकी बात सुनकर मंथन ने आँखें घुमाईं और कहा, “आयु, बेबी, ये कॉफ़ी वाले शोज़ थोड़ा कम देखा करो। क्या नेपोटिज्म-नेपोटिज्म लगा रखा है। तुम्हारा हक़ है अपने पापा की प्रॉपर्टी पर।”

    आयुष्का ने जवाब देते हुए कहा, “हाँ, हक़ भी जमाऊँगी, पर उस दिन, जब मैं काबिल हो जाऊँगी। अरे, खुद की कंपनी खोलेगी ये आयुष्का सिंह ओबरॉय! तो मिस्टर मंथन आहूजा, क्या आप अपनी गर्लफ़्रेंड की कंपनी में पीआर की जॉब करेंगे?” कहकर आयु ने अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया।

    मंथन ने हँसते हुए कहा, “तुम्हें तो रुको, मैं बताता हूँ कि मैं तुम्हारी कंपनी में कौन सी जॉब करूँगा...” कहकर वह आयु को गले लगाने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन आयु उसे परेशान करने के लिए उससे दूर भागने लगी।

    मंथन उसके पीछे आ रहा था। आयु और मंथन एक-दूसरे के पीछे दौड़ रहे थे कि तभी साक्षी की 4 साल की बेटी टियारा वहाँ आई।

    टियारा ने मासूम चेहरा बनाकर कहा, “अरे मामू और होने वाली मामी! क्या सुबह-सुबह पकड़म-पकड़ाई खेलने लग गए आप दोनों? चलिए, मुझे लेट हो रहा है स्कूल जाने के लिए। मेरा वहाँ कोई वेट कर रहा है।”

    मंथन और आयु ने एक साथ कहा, “अच्छा जी... कौन?”

    टियारा ने कहा, “मेरा नया फ्रेंड।”

    मंथन ने आगे बढ़कर टियारा को अपनी गोद में उठा लिया। उसने आयु की ओर देखकर मुँह बनाकर कहा, “देखा, एक छोटी सी बच्ची को भी अपने नए फ्रेंड की इतनी चिंता है। जबकि यहाँ मैडम अपने बॉयफ़्रेंड के साथ में रह रही है, फिर भी उसे मेरी फ़ीलिंग्स की कोई परवाह नहीं।”

    “हाँ तो मैं तुम्हारे घर पर किरायेदार के तौर पर रहती हूँ, ना कि तुम्हारी गर्लफ़्रेंड के तौर पर। जानते हो ना, यहाँ चंडीगढ़ में अच्छा घर मिलना कितना मुश्किल है। ऊपर से अचानक यहाँ आने पर डैड भी नाराज़ हो गए। वह यही चाहते थे कि मैं उनकी कंपनी ज्वाइन करूँ। ऐसे में तुमने और साक्षी दीदी ने मेरी बहुत हेल्प की है, उसके लिए थैंक यू सो मच।” आयु ने मंथन की आँखों में देखते हुए धीरे से कहा।

    “अच्छा, बस करो। तुम कोई गैर थोड़ी ना हो। हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और सेटल होने के बाद शादी करने वाले हैं। चलो, अब ये थैंक यू गिविंग स्पीच देना बंद करो। रोमांटिक ब्रेकफ़ास्ट ना सही, जो बना है, वही दे दो। ऑफ़िस जाने में देर ना हो जाए, वरना आरव सर गुस्सा करेंगे।” मंथन ने टॉपिक बदलते हुए कहा और फिर बाथरूम में चला गया। वहीं उसके मुँह से आरव का नाम सुनकर फिर से आयु का मुँह बन गया था।

    “पता नहीं ये सब उससे इतना डरते क्यों हैं? उस जैसे इंसान का तो खुलकर सामना करना चाहिए। ब्लडी कैरेक्टरलेस कहीं का!” आयु ने हल्के गुस्से में कहा।

    कोई नहीं जानता था, आयु आरव से इतनी नफ़रत क्यों करती है। उसने कभी किसी को बताया तक नहीं, पर ये नफरत यू ही, बेवजह नहीं थीं।

    आयु सब कुछ भूलकर टियारा को पकड़कर तैयार करने के लिए ले गई और वहीं मंथन के ऑफ़िस जाने की तैयारी करने लगा।

    दी डिज़ायर्स का ऑफ़िस!

    दी डिज़ायर्स चंडीगढ़ की टॉप टेक्सटाइल्स कंपनी में से है, जिसका ओनर आरव खुराना था। आरव खुराना, जिसके बारे में पूरा चंडीगढ़ जानता था। आरव खुराना को अपने लाइफ़ में सिर्फ़ एक चीज़ से मतलब होता है और वह है सिर्फ़ और सिर्फ़ काम। उसे अपने आस-पास के लोग भी हमेशा काम करते दिखने चाहिए। वह वक़्त का पाबंद और एक वर्कोहोलिक इंसान था। अपनी कंपनी को आगे लाने के लिए आरव किसी भी हद तक जा सकता है।

    आज डिज़ायर्स के पूरे ऑफ़िस में हंगामा मचा हुआ था, क्योंकि आरव ने अपना नया ड्रीम कलेक्शन डिज़ाइन किया था, और उसी कलेक्शन के लॉन्च के लिए मीटिंग होने वाली थी।

    इसी अफ़रा-तफ़री के बीच एक लड़की चिल्लाते हुए आई, “कम ऑन, गाइज़, डू फ़ास्ट! आरव को एक मिनट की भी देरी बिल्कुल पसंद नहीं है।” वह लगभग 26 साल के आसपास थी। गोरा रंग, गोल्डन ब्राउन कंधे तक के बाल और लगभग 5 फ़ीट 3 इंच हाइट, और दिखने में किसी मॉडल की तरह लगती थी। उसने हाई हील्स पहनी हुई थीं, जिसकी वजह से उसकी हाइट काफी ज़्यादा लग रही थी।

    मंथन ने उसकी ओर देखा और इरिटेट होकर कहा, “ओह, प्लीज़, माहिरा, यहाँ सब अपने काम में लगे हैं, यहाँ कोई भी बेकार नहीं है।”

    माहिरा ने उसके बाद को अनसुना किया और आगे पूछा, “हेड डिज़ाइनर रियान और उसकी सेक्रेटरी दिशा कहाँ हैं?”

    “मैं कोई सबका सेक्रेटरी नहीं हूँ, पीआर मैनेजर हूँ और तुमसे सीनियर भी। समझी तुम? जाकर खुद पता कर लो।” मंथन ने फ़ाइल उठाकर कहा।

    माहिरा ने अपने बाल झटके और पूरे एटीट्यूड में जवाब दिया, “सो व्हाट? मैं यहाँ सबसे सीनियर ही मानी जाऊँगी क्योंकि मैं आरव की गर्लफ़्रेंड हूँ।”

    “ये कोई पोस्ट नहीं होती।” मंथन ने सिर हिलाकर कहा।

    वह दोनों बहस कर रहे थे, कि तभी आरव की सेक्रेटरी युवानी आई। वह काफी जल्दी में लग रही थी।

    युवानी ने हाँफते हुए कहा, “जल्दी करो, गाइज़! आरव सर का मूड थोड़ा सड़ा हुआ है।”

    “वो कब नहीं रहता।” मंथन ने जवाब दिया।

    वहाँ से वह सब मीटिंग रूम में पहुँचे। वहाँ पहले से आरव की टीम मौजूद थी, जो उसके ड्रीम कलेक्शन पर काम कर रही थी। मीटिंग रूम में माहिरा, जो कंपनी की जूनियर मैनेजर थी। माहिरा को यह पोस्ट इसलिए मिली थी क्योंकि वह आरव की गर्लफ़्रेंड थी। उसके अलावा वहाँ पीआर मैनेजर मंथन आहूजा, हेड डिज़ाइनर रियान और उसकी सेक्रेटरी मीशा, आरव की सेक्रेटरी युवानी और हेड फ़ोटोग्राफ़र कियान भी थे।

    जल्द ही आरव भी वहाँ आ गया। आरव लगभग 27 साल का था, और इतनी कम उम्र में वह एक कामयाब बिज़नेसमैन था। छह फ़ीट के आसपास हाइट, ओसियन ब्लू आँखें, गोरा रंग, फ़िट फ़िज़िक और दिखने में काफी हैंडसम। डिज़ायर्स की सफलता का एकमात्र कारण आरव खुराना था। आरव स्वभाव से काफी सख्त और जुनूनी था। उसे एक बार कोई चीज़ पसंद आ जाती, वह उसे हासिल करने के लिए सही-गलत का भी नहीं सोचता था।

    आरव के वहाँ पहुँचते ही सबके चेहरे के भाव गंभीर हो गए थे। आरव ने उनकी ओर देखते हुए इंटेंस वॉयस में कहा, “हैलो टीम! कलेक्शन कॉन्फ़िडेंशियल है। ऑल प्रिपरेशन डन?”

    हेड डिज़ाइनर रियान ने जल्दी से कहा, “लेकिन सर, जब कलेक्शन का ही नहीं पता है सबको, तो मीटिंग क्यों? यह पहली मीटिंग है, तो हम सारी तैयारी कैसे करके रख सकते हैं?”

    रियान की तरह वहाँ बाकी सभी लोग भी कंफ़्यूज़न में थे। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह आरव के सामने कुछ कह सके।

    माहिरा ने पूरा मामला अपने हाथ में लिया। उसने सबके बिहाफ़ में खड़े होकर हल्का मुस्कुराकर कहा, “ओह, कम ऑन, आरव, मुझे तो तुम बता ही सकते हो।”

    माहिरा को लगा कि आरव की गर्लफ़्रेंड होने की वजह से वह उस पर गुस्सा नहीं करेगा, लेकिन आरव ने माहिरा की ओर सख्त निगाहों से देखते हुए कहा, “मैंने कॉन्फ़िडेंशियल वर्ड यूज़ किया है, माहिरा। शायद तुम्हें उसका मतलब पता होगा। मैं किसी को नहीं बता सकता। वैसे, मैंने यह मीटिंग इसीलिए बुलाई है क्योंकि मुझे एक नई मॉडल चाहिए।”

    आरव के मिजाज़ देखकर किसी ने कलेक्शन के बारे में कुछ नहीं पूछा।

    लेकिन नई डिज़ाइनर हायर करने की बात सुनकर फ़ोटोग्राफ़र कियान ने कहा, “पर सर, जन्नत परफ़ेक्ट है। फिर भी आपको कोई प्रॉब्लम है तो और किसी फ़ेमस ऐक्ट्रेस या मॉडल को हायर कर लेते हैं।”

    माहिरा ने आगे कहा, “मैं किसी मॉडल से कांटैक्ट करूँ, आरव?”

    आरव ने जवाब में कहा, “नहीं, मेरा कलेक्शन मेरे लिए बहुत स्पेशल है और कोई भी ऐक्ट्रेस या मॉडल जस्टिफ़ाई नहीं कर पाएगी।”

    “मैं ट्राई करूँ?” माहिरा ने काफी उम्मीद से पूछा, वह कब से मॉडलिंग करना चाहती थी।

    आरव ने ना में सिर हिलाकर कहा, “मुझे कोई मासूम दिखने वाली लड़की चाहिए। लाइक कोई कॉमन लड़की।”

    आरव ने इनडायरेक्टली माहिरा को मना कर दिया।

    कियान ने हल्का हैरानी जताते हुए कहा, “पर कॉमनर ही क्यों? कोई मॉडल या ऐक्ट्रेस क्यों नहीं? एक प्रोफ़ेशनल की तरह वह शूट कर पाएगी? आई मीन, उनमें वह स्पार्क नहीं होगा।”

    आरव ने जवाब में कहा, “क्योंकि मेरा कलेक्शन कॉमनर्स के लिए है, ना कि किसी मॉडल या ऐक्ट्रेस के लिए। वह किसी भी ड्रेस को सिर्फ़ एक बार पहनते हैं। और आप लोगों को यह क्यों गलतफ़हमी है कि कॉमन लोगों में वह स्पार्क नहीं होता, जो एक मॉडल-ऐक्ट्रेस में होता है।”

    आरव ने काफी लॉजिक के साथ बात को रखा था, किसी ने आगे कोई सवाल नहीं पूछा।

    मंथन ने आरव की ओर देखकर कहा, “ओके, सर, मैं वैकेंसी डाल देता हूँ मॉडलिंग के लिए। जो आएगा, आप देख लीजिएगा और किसी को भी सेलेक्ट कर लीजिएगा। तब तक आप वेटिंग लिस्ट में जितने भी पोर्टफ़ोलिओज़ हैं, उन्हें देख लीजिए।”

    “नहीं, मंथन, यहाँ वेटिंग में जितने भी पोर्टफ़ोलिओज़ मिले, मुझे कोई भी परफ़ेक्ट नहीं लगी और मेरे पास इतना वक़्त भी नहीं है कि मैं इंटरव्यू लेकर एक-एक को सेलेक्ट करूँ।” आरव ने सिर हिलाकर कहा। उसने फिर अपनी असिस्टेंट युवानी की ओर देखा।

    युवानी ने जल्दी से हड़बड़ाकर कहा, “मैं कोशिश करती हूँ, सर। यहाँ कोई आसपास में किसी और कंपनी से निकाली गई मॉडल हो तो...”

    युवानी की बात पूरी होने से पहले ही आरव ने गुस्से में उसकी बात काटते हुए कहा, “आर यू मैड, युवानी? मुझे अपने ड्रीम कलेक्शन के लिए मॉडल चाहिए, ना कि रिजेक्टेड कलेक्शन के लिए। मुझे नहीं पता, तुम सब लोगों के पास में दो दिन का टाइम है। मुझे अपने कलेक्शन के लिए मॉडल चाहिए।”

    आरव के डेडलाइन देने का क्या मतलब था, यह पूरा डिज़ायर्स जानता था। पूरी कंपनी में तूफ़ान आ जाता था।

    दो दिन का नाम सुनकर सभी ने एक साथ कहा, “पर सर, दो दिन में कैसे?” उन्हें लगा आरव उन्हें थोड़ा और टाइम देगा।

    आरव ने कुछ पल सोचा और फिर बेपरवाही से कहा, “ठीक है, तो फिर सभी मिलकर अपना रेज़िग्नेशन लेटर साइन करके मेरे ऑफ़िस में भेजवा देना।”

    आरव के कहते ही सब हड़बड़ा गए थे। उन सब में माहिरा बेपरवाह थी। आरव ने उसकी ओर देखा और भौंहें उठाकर कहा, “मिस गर्लफ़्रेंड, यू टू।”

    माहिरा ने जल्दी से कहा, “बट आरव, मैं...”

    माहिरा की पूरी बात सुने बिना ही आरव वहाँ से गुस्से में चला गया। वह सब लोग परेशान होकर एक-दूसरे की शक्ल देख रहे थे।

    मंथन ने वहाँ से उठते हुए जल्दी से कहा, “कम ऑन, गाइज़, जल्दी करो, या फिर कोई नई जॉब ढूँढ लो।”

    आरव ने दो दिन का टाइम दिया था, तो फिर दो दिन में उन लोगों को उसका काम करना ही था। वरना नतीजा वही होना था, जिसकी धमकी आरव ने उन्हें दी थी।

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  • 2. Billionaire's accidental wife - Chapter 2

    Words: 1741

    Estimated Reading Time: 11 min

    आरव ने उसके ड्रीम कलेक्शन पर काम कर रही टीम को अपने कलेक्शन के लिए परफेक्ट मॉडल ढूंढने के लिए 2 दिन की डेडलाइन दी थी। आरव ने काफी सख्ती से सबको मॉडल ढूंढने के लिए कहा था। अगर वह 2 दिन में उसका काम नहीं कर पाए, तो आरव ने उन्हें काम से निकलने तक का कह दिया था।

    परफेक्ट मॉडल ना मिलने की वजह से आरव का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ था। मीटिंग करने के बाद आरव अपने केबिन में आया, तो उसने देखा कि उसकी दादी गौरवी जी वहाँ बैठकर उसका इंतजार कर रहा थी। गौरवी जी लगभग 72 साल की थी। उन्होंने लाइट पिंक सिल्क साड़ी पहनी थी और बालों को खुला छोड़ रखा था। इस उम्र में भी उनका ओरा ही अलग था।

    गौरवी ने आरव को देखते ही हल्का मुस्कुरा कर कहा, “हेलो आरव सर।”

    गौरवी जी के उसे सर बुलाने पर आरव ने आईज रोल करके कहा, “दादी आप भी ना..।” फिर वो उनके पास आकर उनके गले लगते हुए बोला, “मुझे बुला लिया होता घर। आप क्यों आई यहां?”

    गौरवी जी उससे अलग होकर बोली, “हां जैसे मेरे बुलाने पर तुम आ ही जाते। आरव तुम भूल रहे हो कि तुम पिछले 2 दिनों से घर नहीं आए हो। ऐसा भी क्या तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन, जिसे रेडी करने के चक्कर में ना तुम्हें दिन की फिक्र रहती है, और ना ही रात की।”

    “पहली बार कुछ नया ट्राई कर रहा हूं दादी पर इतनी मेहनत करने का भी क्या फायदा? और तो सब कुछ रेडी हो गया बट अब कैटलॉग शूट के लिए मॉडल ही नहीं मिल रही, जो मेरे कलेक्शन को जस्टिफाई कर सके। आप ही बताइए दादी, अब मैं खुद तो पहन कर खड़ा हो नहीं सकता।” आरव ने वहां बैठते हुए कहा।

    गौरवी जी हल्का हंसकर बोली, “वैसे आईडिया बुरा नहीं है आरव सर। मुझे तो अभी से विजुअल्स आने लगे है। दी आरव खूराना लहंगा डाले हुए खड़ा है।”

    आरव उनकी बातों से इरिटेट होकर बोला, “स्टॉप इट दादी। यहां मैं परेशान हूं और आप मेरा मजाक बना रही है।”

    आरव आगे कुछ बोलता कि तभी माहिरा गौरवी जी को इंप्रेस करने के लिए उनके लिए कॉफी लेकर आई।

    माहिरा ने हल्का सा झुकते हुए बोली, “पेरी पोना दादी...।”

    गौरवी ने उसे रोकते हुए कहा, “रहने दो बेटा, इतनी छोटी ड्रेस में तुमसे पैरी पोना नहीं हो पाएगा।”

    उनकी बातों से माहिरा एंबेरिस हो गई। वो जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, “दादी आप भी ना... कितनी फनी है दादी आप। आप क्यों बार-बार भूल जाती है कि मैं आरव गर्लफ्रेंड हूं।”

    आरव को ये बिल्कुल पसंद नहीं था माहिरा बार-बार ऑफिस में उसे खुद की गर्लफ्रेंड कह कर बुलाती थी। उसके मुंह से फिर से आरव की गर्लफ्रेंड शब्द सुनकर आरव ने हल्का गुस्से में कहा, “माहिरा तुम्हारा यह गर्लफ्रेंड पुराण खत्म हो गया हो, तो कैन यू प्लीज लीव अस अलोन?”

    आरव का मूड पहले से खराब था। उसका गुस्सा माहिरा पर ना उतरे, यह सोचकर माहिरा ने जल्दी से कहा, “ओके गोइंग।”

    आरव को नाराज होता देख माहिरा बिना कुछ बोले वहाँ से चली गयी जबकि आरव अभी भी गौरवी जी के साथ बैठकर बाते कर रहा था।

    उसके जाने के बाद गौरवी ने हल्का सीरियस अंदाज में कहा, “आरव मैंने कभी भी तुम्हारी लाइफ में इंटरफेयर नहीं किया लेकिन बेटा, पूरे चंडीगढ़ में तुम्हें यही लड़की गर्लफ्रेंड बनाने को मिली थी?”

    आरव इस टॉपिक पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता था। उसने गहरी सांस लेकर कहा, “हां दादी, माहिरा थोड़ी डिफरेंट है और प्यार करता हूं मैं उससे।”

    गौरवी ने सिर हिला कर जवाब दिया, “हां सच ही कहा है किसी ने, प्यार अंधा होता है। पर बेटा तुझे एक बार अपनी आंखें चेक करवा लेनी चाहिए। उसे ठीक से देख तो सही।”

    इतने खराब मूड में भी गौरवी जी की बातें सुनकर आरव के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई, जिससे उसके गालों पर हल्के डिंपल उभर रहे थे। उसने उसी अंदाज में कहा, “ठीक से ही देखा है दादी। चलिए छोड़िए ना, इस बारे में बात नहीं करते हैं। आप बताइए कि आप कैसी हैं।”

    गौरवी ने मुस्कुरा कर कहा, “मैं तो बिल्कुल ठीक हूं लेकिन आज डिजायर्स में भूकंप क्यों आया हुआ है आरव सर?”

    ”दादी आप मुझे आरव सर बुलाना बंद करेंगी? मेरी टीम तक मुझे एके बुलाती है और एक आप हो, जो कब से आरव सर,आरव सर बोल रही है।” आरव ने चिढ़कर कहा।

    “हां, क्योंकि कंपनी में तुम मेरे भी बॉस हो। चलो बताओ, मूड इतना अपसेट क्यों है?” गौरवी जी फिर से पूछा।

    “मैंने आपको बताया तो था कि मुझे अपनी ड्रीम कलेक्शन के लिए मॉडल नहीं मिल रही। बस मैंने इन सब को डेडलाइन दी है 2 दिनों की.. इसी वजह से सब इतना ओवर रिएक्ट कर रहे है।” आरव ने बताया।

    गौरवी ने कुछ पल सोचा और फिर कहा, “अच्छा, तुम्हारे ड्रीम कलेक्शन में ऐसा भी क्या है, जो सबसे छुपा रखा है। अपनी दादी को भी नहीं बताओगे क्या?”

    आरव ने ना में सिर हिलाकर कहा, “बिल्कुल नहीं, मेरा कलेक्शन कंपलीटली कॉन्फिडेंशियल है। तो आपकी इमोशनल ब्लैकमेलिंग यहां पर बिल्कुल नहीं चलने वाली।”

    आरव के मना करने के बावजूद गौरवी जी ने मुस्कुराकर कहा, “रात को मिलते हैं आरव....तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन देखना है मुझे।” इतना कहकर वो उठकर जाने लगी।

    आरव जल्दी से हल्की तेज आवाज में बोला, “नो दादी ...इट्स नॉट पॉसिबल।”

    गौरवी जी उसकी तरफ देखकर सिर हिलाया और फिर उसी मुस्कुराहट के साथ कहा, “ओके तो फिर रात को कलेक्शन देखते है। अगर फिर भी तुम मुझे नहीं दिखाना चाहते तो मैं जाकर माहिरा को बोल देती हूं कि आरव तुम से ब्रेकअप कर रहा है।”

    आरव ने लाचारी से कहा, “दादी, दिस इज नॉट फेयर..मुझे बिल्कुल पसंद नहीं, जब आप मुझे ऐसे ब्लैकमेल करती हो।

    गौरवी जी उसकी बात को अनसुना किया और फिर बाहर आ गई। बाहर की तरफ आते ही उन्हें मंथन दिखाई दिया। मंथन भी उन्हें देखते ही मुस्कुराते हुए उनके पास आया। साक्षी और आरव एक दूसरे के दोस्त थे, इस वजह से उनके बीच प्रोफेशनल के साथ-साथ पर्सनल रिलेशन भी थे।

    मंथन ने गौरवी जी के पैर छूते हुए कहा, “हेलो मेरी क्यूट दादी! पैरी पौना...।”

    गौरवी ने उसे प्यार से सहलाते हुए कहा, “अरे बेटा कैसा है तू...और साक्षी कैसी है? ऑफिस में सब कुछ ठीक तो चल रहा है ना?”

    मंथन ने हंसते हुए कहा, “दादी ऑफिस में मिस गर्लफ्रेंड के होते हुए सब कुछ कैसे ठीक चल सकता है?”

    मंथन की बातों से साफ था कि माहिरा को ऑफिस में कोई पसंद नहीं करता था। वह हर वक्त अपनी मनमानी करती थी और कोई कुछ कहता तो वह आरव की गर्लफ्रेंड होने का हवाला देती थी।

    गौरवी ने गहरी सांस लेकर कहा, “हाय मुझे भी बिल्कुल नहीं पसंद है वो लड़की। मैंने कभी आरव के किसी फैसले पर सवाल नहीं उठाया, पहली बार मुझे उसकी चॉइस पर शक हो रहा है, पर कुछ कह भी नहीं सकते।”

    मंथन ने उनकी बात पर हामी भरते हुए कहा, “बिल्कुल सही कहा दादी, सारा दिन बस इधर-उधर घूमती रहती है। काम-धाम कुछ करती नहीं है।”

    मंथन बोलते हुए रुक गया। वो आगे कुछ बोलता उससे पहले माहिरा वहां पर आ गयी थी।

    माहिरा वापिस गौरवी जी के पास आई। वो जानती थी आरव के लिए गौरवी जी बहुत इंपोर्टेंट थी। माहिरा हर हाल में गौरवी जी का दिल जीतना चाहती थी।

    माहिरा ने उनके पास आकर कहा, “दादी आप मिल ली आरव से?”

    गौरवी ने हल्के बेरुखी से कहा, “हां.. बस अभी वापिस घर जा रही थी।”

    माहिरा ने उन्हें रोकते हुए कहा, “दादी रुकिए तो प्लीज... मंथन पता है तुम्हें...।”

    मंथन ने उनकी बात बीच में काटते हुए कहा, “नही.. मुझे कुछ नही पता... और पता करना भी नही चाहता।”

    माहिरा ने फिर भी जबरदस्ती कहा, “अरे सुनो तो सही। पूरे ऑफिस में आजकल मेरा और आरव का कपल ही छाया हुआ है। अरे हम तो सब के फेवरेट कपल बन चुके हैं। मेरा और आरव का कपल तो आज कल कपल गोल बना हुआ है...#आरा।”

    माहिरा की बातों से इरिटेट होकर गौरवी और मंथन एक साथ बोले, “हम चलते हैं माहिरा...हमें बहुत काम है।”

    दोनों बहाना बनाकर वहां से खिसक गए। गौरवी जी अपने घर चली गयी तो मंथन वापिस काम लग चुका था।

    मंथन अपने केबिन में आया। वहां आते ही उसने खुद से कहा, “एक बार आयु को कॉल करके पूछ लेता हूं, उसका इंटरव्यू कैसा गया। लेकिन उसे अच्छा नही लगेगा, काम के बीच कॉल किया तो... बट एक छोटू से कॉल मे क्या जाता है।”

    आयुष्का को काम के बीच डिस्टर्ब होना या करना पसंद नहीं था। यह जानते हुए भी मंथन ने कॉल किया तो वहीं दूसरी तरफ आयु अपने रिज्यूमे के साथ ड्रीमलैंड कलेक्शन के ऑफिस में बैठी हुई थी। वह काफी टैलेंटेड थी और आज उसे पूरी उम्मीद थी कि उसे जॉब मिल ही जाएगी।

    आयु ने परेशान चेहरे के साथ अपने रेज्यूमें को एक बार फिर से देखते हुए कहा, “मैंने अपनी डिजाइंस पहले ही यहां के हेड डिजाइनर को भेजी थी। उसे यह डिजाइंस अच्छी लगी थी। उसने कहा था कि मेरी जॉब पक्की है। पिछले 1 साल में मैंने चंडीगढ़ की सभी बड़ी कंपनी में इंटरव्यू दे दिया है लेकिन कहीं भी सिलेक्शन नहीं हो पा रहा क्योंकि जॉब पहले ही किसी जान पहचान वाले को दे दी जाती हैं। अब तो सिर्फ़ डिजायर्स ही बची है, जो बड़ी कंपनी भी है और जहां मुझे काम मिल भी सकता है, लेकिन मुझे उसे आरव खुराना के यहां काम नहीं करना। अजीब मुसीबत है। जॉब नहीं मिली तो फिर से डैड के पास लुधियाना जाना पड़ेगा। मुझे खुद को गलत साबित नहीं करना और आज हर हाल में यहां नौकरी हासिल करनी ही होगी।”

    इतनी सारी कंपनी में इंटरव्यू देने के बाद आयु की आखिरी उम्मीद इस कंपनी से थी। वह आरव के कंपनी डिजायर्स में काम नहीं करना चाहती थी पर अगर आज आयु को यहां नौकरी नहीं मिलती तो उसके पास आखिरी ऑप्शन डिजायर्स ही रहने वाला था।

    वेटिंग एरिया में एक लड़की पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बैठी हुई थी। उसने आईज रोल करके अपने मन में कहा, “पता नहीं यह लोग टाइम वेस्ट करने के लिए यहां पर क्यों बैठे हुए हैं। अभी तक उसने मुझे बुलाया क्यों नहीं? पहले बात हो गई थी कि यह जॉब मेरी ही है, फिर यह इंटरव्यू का ड्रामा करने की क्या जरूरत थी। खैर,जब इतने लोगों के दिल टूटेंगे तो उनके उतरे हुए चेहरे देखकर बहुत मजा आएगा। ये जॉब तो मेरी ही है, फिर तुम लोग कितने भी टैलेंटेड क्यों ना हो।” वह लड़की रहस्यमई मुस्कुराहट के साथ उन सब की तरफ देख रही थी।

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  • 3. Billionaire's accidental wife - Chapter 3

    Words: 2418

    Estimated Reading Time: 15 min

    आयुष्का इंटरव्यू देने के लिए ड्रीमलैंड कलेक्शन के ऑफिस में आई हुई थी। उसे इस इंटरव्यू से काफी उम्मीदें थीं, क्योंकि यह उसकी आखिरी उम्मीद थी। वह वहाँ पर वेटिंग रूम में बैठी, अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रही थी, कि तभी आयु के पास मंथन का कॉल आया। वेटिंग रूम में बहुत शोर हो रहा था, तो आयु बात करने के लिए बाहर आ गई।

    आयुष्का ने इधर-उधर देखते हुए, धीमी आवाज़ में कहा, "बोलो मंथन... क्यों डिस्टर्ब किया? तुम जानते हो ना, मुझे इस तरह काम के वक़्त कॉल पर रहना अच्छा नहीं लगता है।"

    "हाँ जानता हूँ, पर मुझे तुम्हारी फ़िक्र हो रही थी। कहीं तुम नर्वस तो नहीं हो रही?" मंथन ने काफ़ी प्यार से पूछा।

    आयुष्का काफ़ी देर से वहाँ पर बैठकर अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रही थी। इस वजह से वह थोड़ा इरिटेट हो गई थी। ऊपर से मंथन का कॉल आने की वजह से उसे और भी गुस्सा आ रहा था।

    आयु ने चिढ़ते हुए जवाब में कहा, "आर यू मेड, मंथन? यह कौन सा मेरा पहला इंटरव्यू है, जो मैं नर्वस होऊँगी। बट यहाँ पर तो बहुत भीड़ लगी है यार... होप सो मेरी डिज़ाइन्स इन्हें पसंद आ जाएँ।" आयु ने तुरंत ही अपने गुस्से को शांत कर लिया था।

    मंथन ने उसे समझाते हुए कहा, "डोंट वरी, आयु... इस बार तुम्हारी जॉब पक्की। अगर ना भी हो, तो स्ट्रेस मत लेना। और टाइम मिले, तो एक बार डिज़ायर्स में भी ट्राई कर लेना।"

    आयु, जिसका गुस्सा शांत हो गया था, मंथन के मुँह से "डिज़ायर्स" का नाम सुनकर फिर से भड़क उठी। वह गुस्से में तेज आवाज़ में बोली, "प्लीज़ मंथन... मेरी ऐसी कोई डिज़ायर नहीं है कि मैं डिज़ायर्स में आऊँ... बाय।" आयुष्का ने गुस्से में कॉल कट करके मोबाइल ही ऑफ कर दिया था।

    आयुष्का मंथन से बात करके वापस जा ही रही थी, कि उसने देखा कि उस कंपनी का मैनेजर किसी से फ़ोन पर बात कर रहा था। आयुष्का वहाँ खड़े होकर उसकी बातें सुनने लगी।

    मैनेजर ने कॉल पर हँसते हुए कहा, "अरे मिस्टर आहलूवालिया, आप बिल्कुल फ़िक्र मत कीजिए... यह नौकरी तो आपकी भतीजी वंशिका की ही है। बोल दीजिएगा भाई साहब को, और इंटरव्यू तो हम ऐसे ही रख लेते हैं, नाम के लिए। अब इमेज भी तो बनाकर रखनी पड़ती है ना। और वैसे भी, यह इंटरव्यू के लिए जो कैंडिडेट्स आते हैं ना, इनके पास कई बार ऐसी डिज़ाइन्स मिल जाती हैं, जो बहुत यूनिक होती हैं।"

    उसकी बातें सुनकर आयु की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। वह गुस्से में बड़बड़ा कर बोली, "साले... चोर! मन तो कर रहा था इसका सिर फोड़ दूँ। बट काम डाउन, आयु... सस्ते में तो जाने नहीं दूँगी मैं इसे। मैं भी देखती हूँ, अगली बार ये ऐसे इंटरव्यू कैसे रखता है।"

    आयु गुस्से में वेटिंग रूम में गई और वहाँ पर जाकर जोर से चिल्लाने लगी।

    आयु ने तेज आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा, "वंशिका... वंशिका..."

    तभी दो लड़कियाँ खड़ी हो गईं, जिनका नाम वंशिका था।

    आयु ने कन्फ़्यूज़न से उनकी तरफ़ देखा और कहा, "अरे वह जो आहलूवालिया की कोई रिश्तेदार लगती है... वह वाली वंशिका।"

    तभी एक लड़की बैठ गई। दूसरी लड़की, जिसका नाम वंशिका आहलूवालिया था, वह खड़ी आयु को अजीब नज़रों से घूर रही थी।

    वंशिका ने उसे इगोइस्टिक लुक दी और बाल झटकते हुए पूछा, "बोलो क्या काम है? मैं ही वंशिका आहलूवालिया हूँ।"

    आयु ने उसे देखकर तिरछी मुस्कुराहट दी और कहा, "हाँ जी मैडम, पार्टी कब दे रही हैं आप... पहले यह बताइए।"

    "और वह किस खुशी में?" वंशिका ने आगे पूछा।

    आयु ने बाकी कैंडिडेट्स के चेहरों की तरफ़ देखा, जो काफ़ी मेहनत करके वहाँ पहुँचे थे। उसे गुस्सा तो बहुत आ रहा था, फिर भी उसने अपने गुस्से को काबू करके, जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, "जॉब मिल गई आपको इस कंपनी में... पार्टी तो बनती है। चलो भाई लोग, आज की पार्टी वंशिका आहलूवालिया की तरफ़ से। अरे जॉब मिली है यहाँ पर।"

    तभी एक लड़के ने कहा, "तो हम क्या यहाँ पर झक मारने आए हैं? इसका तो अभी इंटरव्यू भी नहीं हुआ।"

    आयु ने सिर हिलाकर कहा, "लग तो मुझे भी ऐसा ही कुछ रहा है कि झक मारने ही आए हैं।"

    वही वंशिका सकपका गई थी। उसे वहाँ जान-पहचान के दम पर नौकरी मिलने वाली थी, यह बात सबसे छुपाकर रखी जानी वाली थी। ऊपर से आयु ने तो यहाँ आकर खुले आम ऐलान कर दिया था।

    दूसरे लड़के ने कहा, "जब इसे जॉब मिल रहा है, तो यहाँ पर हम लोग क्यों अपना टाइम वेस्ट कर रहे हैं। कंपनी वालों को जरूरत ही नहीं है... वह कोई बेवकूफ़ तो बैठे नहीं, जो यहाँ पर इंटरव्यू रखेंगे।" उसे आयु की बात पर यकीन नहीं हुआ।

    आयु ने गुस्से में सख़्ती से कहा, "बेवकूफ़ नहीं, चोर हैं। अभी मैनेजर किसी से बात कर रहा था कि इन लोगों की डिज़ाइन चुराकर हम अपनी कंपनी को एक नए मुक़ाम पर लेकर जाएँगे।"

    जैसे ही सच सामने आया, सब भड़क गए थे। एक लड़की ने खड़े होकर कहा, "अरे ऐसे कैसे चुराएँगे... मुँह तोड़ दूँगी मैं इनका।"

    आयु यही चाहती थी कि वह सब लोग उनकी सच्चाई जानें। उसका काम हो गया था। आयु ने उसकी तरफ़ देखकर हाँ में सिर हिलाया और तेज आवाज़ में कहा, "चलो गाईज़, धावा बोलते हैं।"

    वे सभी लोग मिलकर कंपनी में तोड़फोड़ करने लगे और मैनेजर को पीटने लगे। आयु चुपके से वहाँ से निकलकर वापिस घर जाने लगी।

    आयु ने अंदर तो अच्छा-खासा तमाशा कर दिया था, पर बाहर आते ही उसके चेहरे पर मायूसी के भाव थे।

    आयु ने उतरे हुए चेहरे से, धीमी आवाज़ में कहा, "आज फिर टाइम वेस्ट हो गया। अगर इन्हें सीधा ही कोई कैंडिडेट रखना होता है, तो फिर हम लोगों का क्यों टाइम वेस्ट करना। चोर कहीं के। एक काम करती हूँ, साक्षी दी के पास कोर्ट चली जाती हूँ। आयु, तेरी किस्मत में जॉब नहीं, धक्के हैं।"

    आयु अपनी स्कूटी लेकर कोर्ट पहुँची, जहाँ पर उसे बाहर ही साक्षी मिल गई। आयु साक्षी को देखते ही उसकी तरफ़ बढ़ी।

    आयु ने हवा में अपना हाथ हिलाते हुए, तेज आवाज़ में कहा, "साक्षी दी... इधर देखिए।"

    वही आयुष्का को वहाँ पर देखकर साक्षी थोड़ा हैरान हुई। वह इंटरव्यू के लिए जाने वाली थी, यह बात साक्षी से छुपी हुई नहीं थी। साक्षी आयु के पास पहुँची और हैरानी जताते हुए पूछा, "तुम इस वक़्त यहाँ क्या कर रही हो? तुम्हारा तो आज इंटरव्यू होने वाला था?"

    आयु कुछ भी बताकर साक्षी का मूड ऑफ़ नहीं करना चाहती थी। उसने बात को टालते हुए कहा, "मेरा छोड़िए दी... आप ठीक तो हैं ना। उस रितेश ने ज़्यादा ड्रामा तो नहीं किया ना।"

    साक्षी ने अपने होंठ दबाए और जवाब में कहा, "उसे टियारा की कस्टडी चाहिए।"

    आयु ने गुस्से में तेज साँस लेते हुए कहा, "अरे ऐसे कैसे कस्टडी दे दें... टिया तो उसे जानती भी नहीं है ठीक से।" आयु को वैसे भी काफ़ी छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता था। यहाँ तो आज सुबह से ही उसका दिन खराब चल रहा था। ऊपर से रितेश की शर्त सुनकर उसका गुस्सा और भी बढ़ गया था।

    साक्षी ने उसका कंधा सहलाकर कहा, "हाँ, वह तो हम देख लेंगे। तुम्हें फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है। घर चलते हैं, और मुझे रास्ते में बताना, इंटरव्यू का क्या हुआ?"

    आयु ने साक्षी को सब बताते हुए कहा, "बस नाम ही मत लो दी उनका। चोर कहीं के... जब पहले से ही किसी बंदे को हायर कर रखा था, तो मेरा टाइम वेस्ट करने की क्या ज़रूरत थी।"

    साक्षी ने उसे एडवाइस देते हुए कहा, "तू डिज़ायर्स में क्यों नहीं ट्राई करती।"

    सब जानते थे कि चंडीगढ़ की टॉप कंपनी थी डिज़ायर्स। ऐसे में आयु जैसे यंग टैलेंट को वहाँ पर सपोर्ट भी किया जाता था, लेकिन आयु ने आज तक वहाँ पर कभी इंटरव्यू नहीं दिया था। ऊपर से आरव की साक्षी के साथ जान-पहचान होने की वजह से उसके लिए वहाँ मिलना भी आसान था, फिर भी आयु अपनी ज़िद पर अड़ी हुई थी।

    फिर से साक्षी के मुँह से "डिज़ायर्स" का नाम सुनकर आयु ने मुँह बनाकर कहा, "मुझे वह कैसानोवा आरव खुराना बिल्कुल भी नहीं पसंद है। और मैं किसी का एटीट्यूड नहीं झेलने वाली।"

    साक्षी ने मुस्कुराकर कहा, "हे, मेरा बेस्ट फ़्रेंड है आरव... ऐसे तो मत बोलो यार। एक बार उसके बिहेवियर को साइड में रखकर, तुम प्रोफ़ेशनल होकर नहीं सोच सकती क्या? मेरे कहने पर ट्राई करके तो देखो।"

    आयु ने गहरी साँस ली और कहा, "देखती हूँ कल कोई वैकेंसी होगी तो... बट आप उसे नहीं बताएँगी कि हम एक-दूसरे को जानते हैं। अगर उसे मेरी डिज़ाइन्स पसंद आईं, तभी मैं वहाँ जॉब करूँगी।" आख़िर में आयु ने साक्षी की बात मान ही ली, क्योंकि उसके पास भी अब दूसरा ऑप्शन नहीं बचा था।

    आयु के हाँ कहते ही साक्षी ने खुश होकर कहा, "इसका मतलब तुम जाओगी।"

    आयु ने उसे टालते हुए कहा, "देखेंगे... मैंने हाँ नहीं की है वैसे। चलिए अब चलते हैं। टियारा को स्कूल से भी लेना है और डिनर भी तो बनाना है।"

    साक्षी ने हँसकर कहा, "आयु, 5:00 बज रहे हैं। टिया तो कब की आ गई होगी। सीधा-सीधा बोलो ना, तुम्हें आरव के बारे में बात नहीं करनी। वैसे तुम जानती हो कि हम जिस चीज़ से जितना दूर भागते हैं, वह उतनी ही हमारे करीब आती जाती है, जैसे कि तुम आरव खुराना की शक्ल तक नहीं देखना चाहती थीं, और अब देखो कल वहाँ इंटरव्यू के लिए जा रही हो। क्या पता तुम्हारा सिलेक्शन हो जाए, और फिर उम्र भर तुम्हें उसी की शक्ल देखनी पड़े।"

    "प्लीज़ दीदी, शुभ-शुभ बोलिए। अगर मैंने वहाँ काम भी किया, तो मैं उसके सामने ना के बराबर आने वाली हूँ। जिस इंसान को मैं 1 मिनट नहीं झेल सकती, उसे आप पूरी उम्र झेलने के लिए कह रही हैं।" आयु ने जवाब दिया। वह तो ऐसे रिएक्ट कर रही थी, जैसे सच में उसे आरव की शक्ल उम्र भर देखनी पड़ेगी।

    वही साक्षी ने आगे कुछ नहीं कहा। वह आयु के पीछे स्कूटी पर बैठते हुए, अपने मन में बोली, "ज़िन्दगी में बहुत अजीब चीज़ें होती हैं। मैंने भी कभी नहीं सोचा था कि मैं रितेश के बिना जी भी पाऊँगी, लेकिन आज हम दोनों अलग हो रहे हैं। क्या पता, जिस आरव खुराना की तुम शक्ल भी नहीं देखना चाहती थीं, तुम्हें एक दिन वो अच्छा लगने लगे।"

    दूसरी तरफ़, डिज़ायर्स में ऑफ़िस टाइम ख़त्म होने से पहले आरव ने एक बार फिर से मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग रूम में बैठे हर एक शख़्स के दिल की धड़कनें बढ़ी हुई थीं, और वह इसी बात की उम्मीद कर रहे थे कि अब आरव अपनी ज़िद छोड़कर, अपनी डेडलाइन का थोड़ा तो टाइम बढ़ा दे। अचानक मीटिंग से उन सबको यही लगा कि अब आरव उन पर दया आ गई होगी, क्योंकि सुबह की मीटिंग के बाद ऑफ़िस में अफ़रा-तफ़री मची हुई थी।

    मीटिंग रूम में आते ही आरव ने उन सब की तरफ़ देखा और फिर वह उठकर बोला, "गाइज़, कुछ प्रोग्रेस है? मुझे 2 दिन के बाद हर हाल में कैटलॉग शूट करना है।"

    माहिरा ने बीच में बोलते हुए कहा, "इतनी जल्दी कैसे हो पाएगा, आरव?"

    आरव ने गहरी साँस ली और उसकी बातों को पूरी तरह इग्नोर कर दिया। फिर आरव ने मंथन की तरफ़ देखकर कहा, "ओके, मंथन... डू वन थिंग, न्यूज़पेपर में वैकेंसी डाल दो।"

    मंथन ने उसकी बात पर सिर हिलाया और कहा, "कौन सी जॉब के लिए, सर..."

    आरव ने कुछ पल रुककर, तिरछी मुस्कुराहट के साथ कहा, "द डिज़ायर्स को न्यू स्टाफ़ चाहिए।"

    जैसे ही आरव ने न्यू स्टाफ़ के लिए वैकेंसी डालने को कहा, उन सब के चेहरों के रंग उड़ गए थे। इससे एक बात साफ़ थी कि आरव अब किसी भी हालत में अपनी ज़िद से पीछे नहीं हटने वाला था।

    कियान ने जल्दी से कहा, "बट ए.के....."

    कियान की बात पूरी होने से पहले ही आरव ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा, "व्हाट, कियान? मुझे मॉडल चाहिए, एट एनी कॉस्ट... तुम लोग मेरे लिए मॉडल नहीं ढूँढ़ पा रहे हो, तो मुझे तो नया स्टाफ़ ढूँढना ही होगा।"

    आरव की बात सुनकर वहाँ पर शांति छा गई थी। कुछ पल की शांति के बाद रियान ने कहा, "ए.के., जब तक तुम अपने प्रोजेक्ट के बारे में कुछ बताओगे नहीं, उस हिसाब से हम कैसे लड़की ढूँढेंगे।"

    आरव ने उसे देखकर सारकास्टिकली कहा, "रियान, मुझे मॉडल चाहिए, दुल्हन नहीं, जो अपनी रिक्वायरमेंट्स बताऊँ। और कियान, तुम फ़ोटोग्राफ़र हो या मैं... मुझे एक ऐसी लड़की चाहिए, जिस पर इंडियन वेस्टर्न हर आउटफ़िट सूट करें।"

    माहिरा ने फिर से बीच में बोलते हुए कहा, "आरव, मुझ पर भी सभी ड्रेसेस अच्छी लगती हैं।" माहिरा की इच्छा हमेशा से मॉडल बनने की थी, पर आरव ने आज तक उसे चांस नहीं दिया था।

    आरव ने तिरछी निगाहों से माहिरा की तरफ़ देखते हुए कहा, "माहिरा, मुझे कैटलॉग शूट के लिए मॉडल चाहिए, गर्लफ़्रेंड नहीं... और अगर एक वर्ड भी आगे बोला है ना, तो मैं तुम्हें तुम्हारी जॉब निकाल दूँगा।" बोलते हुए आरव ने अपनी टाई लूज़ की। वह अपने गुस्से को काबू नहीं कर पा रहा था।

    आरव ऐसा तभी करता था, जब उसका गुस्सा उसकी कंट्रोल से बाहर हो जाता था। आँखों ही आँखों में सबने चुप रहने के लिए इशारा किया, तो वही आरव ने कुछ पल रुकने के बाद, तेज आवाज़ में कहा, "मैं पागलों की तरह सब से बोल रहा हूँ... मुझे मॉडल चाहिए। अगर मुझे तुम्हें लेना होता, तो मैं बेवकूफ़ तो हूँ नहीं, जो यहाँ सब को डेडलाइन देकर बैठा हूँ। या ये लोग बेवकूफ़ हैं, जो इतनी मेहनत करके मॉडल ढूँढ़ रहे हैं।"

    माहिरा ने तुरंत ही अपनी गलती सुधारते हुए कहा, "सॉरी, बेबी..."

    माहिरा की एक-एक बात आरव के गुस्से में इज़ाफ़ा कर रही थी। आरव ने गुस्से में तेज साँस लेते हुए कहा, "आई एम नॉट योर बेबी हियर।"

    आरव जिस तरह से गुस्सा हो रहा था, किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह कुछ बोले। सबके मुँह पर ताले लग गए थे, उन्हें इंतज़ार था तो इस बात का कि अब आरव उन पर कौन सा नया बॉम्ब फोड़ने वाला है, क्योंकि उसकी दी डेडलाइन का एक दिन तो बीत चुका था।

    इनके बीच मंथन ने हिम्मत करके कहा, "सर, आई थिंक हमें मॉडल मिल गई है।"

    "अच्छा, और कौन है वो?" आरव ने झट से पूछा। हालाँकि उसे थोड़ी हैरानी हो रही थी, क्योंकि थोड़ी देर पहले सब यही कह रहे थे कि उन्हें मॉडल नहीं मिल पा रही है, तो वही अचानक से मंथन ने मॉडल मिलने की बात कह दी थी।

    आरव की ही तरह बाकी सब अभी मंथन के चेहरे की तरफ़ देख रहे थे कि अचानक 5 मिनट में उसे कौन सी मॉडल मिल गई।

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  • 4. Billionaire's accidental wife - Chapter 4

    Words: 2477

    Estimated Reading Time: 15 min

    आरव ने एक बार फिर से अपनी टीम को मीटिंग के लिए बुलाया था। आज का पूरा दिन बीत चुका था, फिर भी कोई गुड न्यूज़ नहीं मिली थी। इस वजह से वह अब थोड़ा इरिटेट हो रहा था। ऊपर से, माहिरा जिस तरह से अपनी गर्लफ्रेंड होने का फायदा उठा रही थी, उससे अब उसे और ज़्यादा गुस्सा आ रहा था।

    आरव ने सीधे-सीधे मंथन को नए स्टाफ के लिए एडवर्टाइज़मेंट डालने के लिए कह दिया था। आरव के ऐसा कहने पर वे सब थोड़े घबरा गए थे, क्योंकि इतनी अच्छी सैलरी और इतना फ्रेंडली वर्क एनवायरमेंट उन्हें वापस नहीं मिलने वाला था। इसी टेंशन के बीच, अचानक मंथन ने मॉडल मिलने की बात कही, तो सब हैरानी से उसकी तरफ देखने लगे। वह इस वक्त उन सबको मसीहा नज़र आ रहा था, जो उन्हें आरव खुराना नाम की मुसीबत से बचा रहा था।

    सब मंथन की तरफ उम्मीद भरी नज़रों से देख रहे थे। मंथन ने आरव से कहा, "आरव सर, मैं कल साक्षी दीदी से बात करूँ? वह पहले भी आपके लिए शूट कर चुकी हैं।"

    आरव ने कुछ पल सोचा। उसे मंथन का आइडिया अच्छा लगा, तो वह हाँ में सिर हिलाकर बोला, "वाह मंथन, मैं साक्षी को कैसे भूल सकता हूँ? शी इज़ परफेक्ट। तुम कल सुबह साक्षी को ऑफ़िस आने के लिए बोलना। अगर वह फ़्री हो, तो शायद तुम लोगों की मॉडल ढूँढने की टेंशन खत्म हो सकती है।"

    मंथन ने उसकी बात पर हामी भरी। उन सब ने भी राहत की साँस ली। साक्षी आरव की फ़्रेंड थी, तो वह मना भी नहीं करने वाली थी।

    इन सब के बीच, आरव का मोबाइल बजा। युवानी ने स्क्रीन की तरफ़ देखते हुए आरव से कहा, "सर, वह दादी का फ़ोन आ रहा है। उनके पहले भी कॉल्स आ चुके हैं।"

    आरव ने युवानी के हाथ से मोबाइल लिया और फिर उन सब को देखते हुए वार्निंग टोन में कहा, "गाइज़, ये मत सोचना कि टेंशन ओवर हो गई है। अगर साक्षी ने ना कर दिया, तो हर एक सिचुएशन के लिए तैयार रहना। आई वांट ए न्यू मॉडल।"

    उन सब से बात करते हुए आरव की नज़र माहिरा पर गई, जो नज़रें झुकाकर बैठी थी। उसके चेहरे के एक्सप्रेशन्स देखते ही आरव समझ गया था कि माहिरा उससे नाराज़ हो चुकी है।

    फिलहाल, आरव के लिए माहिरा को मनाने से ज़्यादा ज़रूरी गौरवी जी से बात करना था। इसलिए, उन सब को फिर से एक नई टेंशन देने के बाद, अब अपने मोबाइल के साथ मीटिंग रूम से बाहर चला गया।

    आरव वहाँ से गौरवी जी के पास खुराना मेंशन में निकल गया, जो चंडीगढ़ के आउटसाइड एरिया में बना एक बड़ा सा विला था। अब वह ऑफिस के पास अपने अलग घर में माहिरा के साथ रहता था।

    आरव ने अपनी गाड़ी पार्क की और अंदर बढ़ने लगा। वह एक सफ़ेद रंग का, बहुत ही खूबसूरत हवेली की तरह बनाया हुआ बड़ा सा घर था। आगे की तरफ़ बना हुआ बड़ा सा पार्किंग एरिया और फिर उसके बाद में बहुत ही बड़ी जगह में फैला हुआ खूबसूरत सा गार्डन। गार्डन को काफी अच्छे तरीके से मेंटेन किया गया था। वहाँ अच्छी खासी ग्रीनरी थी और प्लांट्स भी अलग-अलग स्पीशीज़ के थे। गौरवी जी को हमेशा से ही गार्डनिंग का शौक था; यह उस गार्डन को देखकर ही समझ आ रहा था।

    आरव भले ही गौरवी जी के साथ नहीं रहता था, लेकिन वह उनसे मिलने के लिए आता रहता था। उसने गौरवी जी के सुख-सुविधा का पूरा इंतज़ाम करवा रखा था। हर एक छोटे काम के लिए हाउस हेल्पर स्टाफ़ लगाया गया था।

    आरव अंदर पहुँचा, तो हॉल की लाइट डिम थी और सामने एक बड़ी सी स्क्रीन पर मूवी चल रही थी। इतना सब कुछ अरेंजमेंट देखते ही वह समझ गया था कि गौरवी जी ने वहाँ किस चीज़ की तैयारी कर रखी है।

    आरव ने आइज़ रोल की और गौरवी जी की तरफ़ बढ़ते हुए कहा, "मतलब आप नहीं मानने वाली ना...।"

    गौरवी ने उसे देखकर एक छोटी सी मुस्कुराहट दी और कंधे उचकाते हुए कहा, "तुम मानते हो मेरी बात? किया उससे ब्रेकअप? ढूँढी कोई ढंग की लड़की?"

    गौरवी जी यहाँ माहिरा की बात कर रही थीं। उन्हें माहिरा बिल्कुल पसंद नहीं थी। फिर भी, आरव की पसंद के आगे वह कुछ बोल भी नहीं पाती थीं। माहिरा से ब्रेकअप करने के नाम पर आरव ने अपने हथियार डाल दिए थे।

    आरव ने आगे बढ़कर गौरवी जी को हग किया और कहा, "अब तो दिखाना ही पड़ेगा। चलिए आइए, मैं आपको कलेक्शन दिखाता हूँ। और मैं ऐसा कर रहा हूं क्योंकि मैं आपसे प्यार करता हूँ... ना कि आपके ब्लैकमेलिंग की वजह से। और हाँ, मैं माहिरा को भी कभी नहीं छोड़ूँगा।"

    गौरवी ने तिरछा मुस्कुराते हुए कहा, "उस टॉपिक पर भी बात करेंगे। #आरा"

    गौरवी जी किस हैशटैग की बात कर रही थीं, आरव समझ गया था। उसके चेहरे पर चिढ़न के भाव थे।

    आरव ने गहरी साँस ली और कहा, "प्लीज़ दादी, आप तो माहिरा की तरह बात मत कीजिए।" भले ही आरव जताता ना हो, लेकिन माहिरा की हरकतों से कई बार वह सच में बहुत ज़्यादा इरिटेट हो जाता था।

    आरव ने अपने आईपैड को प्रोजेक्टर से कनेक्ट किया और फिर अपना कलेक्शन दादी को दिखाना शुरू किया। साथ ही, वह उन्हें एक डिज़ाइन के बारे में डिटेल में बता रहा था।

    आरव ने पहले डिजाइन के बारे में बताते हुए कहा, "तो लीजिए दादी, देखिए मेरा कलेक्शन। मेरे कलेक्शन का नाम 'ख्वाब' है। मैंने इसका नाम 'ख्वाब' इसलिए रखा है क्योंकि इसमें सारे वेडिंग आउटफिट्स हैं। जैसा कि आप जानती हैं, अब तक हमने सिर्फ़ वेस्टर्न आउटफिट्स ही डिजाइन किए हैं। पहली बार मैं एथनिक कलेक्शन लॉन्च करने वाला हूँ।"

    "यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम कुछ नया ट्राई कर रहे हो।" गौरवी जी ने उसकी तारीफ़ में कहा।

    आरव उनकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया। फिर वह उन्हें एक-एक करके साड़ी डिज़ाइन्स दिखाते हुए बोला, "ओके, तो सबसे पहले मैं आपको बता देता हूँ कि मैंने इसमें सभी रिलिजन के सेंटीमेंट को ध्यान में रखते हुए उनके वेडिंग कलेक्शन को लॉन्च करने जा रहा हूँ। ये हिंदू, क्रिश्चियन, सिख, मुस्लिम... और इनमें भी वर्सेटिलिटी है... इंडिया के हर एक जगह से मैंने उसके हिसाब से डिज़ाइन किया है, जैसे राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी एंड सो ऑन।"

    गौरवी जी काफी ध्यान से आरव के हर एक डिज़ाइन को देख रही थीं, जो दिखने में बेहद खूबसूरत थे। आरव ने सिर्फ़ कहा ही नहीं था कि वह हर एक रिलिजन के सेंटीमेंट का ध्यान रख रहा है, बल्कि उसने अपने डिज़ाइन में उसे बखूबी दिखाया भी था। आरव के डिज़ाइन किए हुए कलेक्शन को देखकर गौरवी जी उसमें खो गई थीं।

    सभी डिज़ाइन्स देखने के बाद गौरवी जी ने ताली बजाई और फिर आरव के गाल पर हाथ रखकर प्यार से कहा, "आरव, आई एम इम्प्रेस्ड... आई एम प्राउड ऑफ़ यू... बहुत खूबसूरत है। क्या मैं जान सकती हूँ, इस कलेक्शन का नाम 'ख्वाब' क्यों है?"

    गौरवी जी भी एक डिज़ाइनर थीं और किसी टाइम में उन्होंने ही डिज़ायर्स को संभाला था। वह एक बिज़नेस वूमेन की तरह आरव से हर एक चीज़ की डिटेल मांग रही थीं, ताकि फ़्यूचर में कभी आरव अपना कलेक्शन लॉन्च करे, तो हर एक सवाल का अच्छे से जवाब दे सके।

    आरव ने सिर हिलाया और गंभीर आवाज़ में कहा, "क्योंकि शादी का ड्रेस पहनते ही एक लड़की को अपनी शादी से, अपनी न्यू लाइफ़ को लेकर बहुत सारे ख्वाब जुड़ जाते हैं। और कहीं ना कहीं शादी सबका ख्वाब ही तो होती है दादी।"

    गौरवी ने आरव की बात को पकड़ते हुए कहा, "इसका मतलब तुम्हारा भी ख्वाब है शादी का।"

    आरव ने भौंहें उठाकर सख्त आवाज़ में कहा, "आरव खुराना ऐसे कोई ख्वाब नहीं देखता और मैं शादी नहीं करने वाला।" आरव को इस टॉपिक पर और बात नहीं करनी थी, इसलिए वह तुरंत बातचीत का रुख बदलते हुए बोला, "वैसे दादी, इसे छोड़िए, साक्षी परफेक्ट रहेगी ना इन आउटफिट्स के कैटलॉग शूट के लिए?"

    गौरवी ने कुछ पल सोचा और फिर कहा, "मेरे हिसाब से इस कलेक्शन के लिए वह लड़की परफेक्ट रहेगी, जिसकी आँखों में ढेर सारे ख्वाब हों। पर यहाँ तुम थोड़े गलत हो... ज़रूरी नहीं कि हर लड़की को शादी का ही ख्वाब हो। वह भी उड़ना चाहती है, कुछ करना चाहती है। और शादी कई बार वह ख्वाब तोड़ भी देती है।"

    गौरवी जी उम्र में भले ही बड़ी हों, लेकिन उनकी थिंकिंग काफी मॉडर्न थी और यह उनकी बातों से समझ आ रहा था।

    आरव ने उनसे इस मामले में कोई बहस नहीं की। उसने सिर हिलाया और कहा, "हो सकता है। ज़रूरी नहीं, सबकी थिंकिंग मैच करे। दादी, डिनर करें... आई एम हंग्री नाउ।"

    गौरवी ने उसकी बात पर सिर हिलाया और वह आरव के साथ डाइनिंग एरिया में आ गई। वहाँ उन दोनों के बीच और भी हल्की-फुल्की बातें हुईं। हमेशा की तरह, गौरवी के पास आकर आरव का मूड अच्छा हो गया था, वरना पूरे दिन से वह सब पर चिल्ला रहा था।

    _______________

    गौरवी जी के साथ डिनर करने के बाद आरव वापिस घर पहुँचा। अपने घर के पास आते ही आरव का मूड फिर से खराब हो गया था, क्योंकि ऑफ़िस में जो भी हुआ, उसके बाद उसे माहिरा को भी हैंडल करना था।

    आरव का घर डिज़ायर्स के पास ही था, जो खुराना मेंशन जितना बड़ा तो नहीं था, पर वह एक मॉडर्न तरीके से डिज़ाइन किया हुआ खूबसूरत सा घर था।

    आरव ने अंदर की तरफ़ जाते हुए खुद से बड़बड़ाकर कहा, "आज तो डेफिनेटली माही मुझसे गुस्सा होगी। बट लिटरली, मैं परेशान हो गया हूँ उसके इस गर्लफ्रेंड पुराण से... उसकी वजह से पूरे ऑफ़िस में मुझे भी एम्बैरिस्ड होना पड़ता है।"

    आरव ने गहरी साँस ली और खुद को हर एक सिचुएशन के लिए तैयार किया। उसे माहिरा लिविंग रूम में दिखाई नहीं दी, तो आरव ने तेज आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा, "माही... माही... बेबी, वेयर आर यू?"

    माहिरा जैसे आरव के आने का इंतज़ार ही कर रही थी। आरव की आवाज़ सुनते ही वह जल्दी से बाहर आई और गुस्से में उस पर बिफरते हुए बोली, "मर गई बेबी। हाउ कुड यू इंसल्ट मी... वो भी इतने लोगों के सामने? मंथन को देखा? वह कैसे हँस रहा था मुझ पर?" बोलते हुए माहिरा की आँखें नम होने लगीं।

    आरव ने उसे मनाने के बजाय सख्त आवाज़ में कहा, "तुम्हारी सिली और ईडियोटिक हरकतों पर सिर्फ़ मंथन ही नहीं, पूरा ऑफ़िस मज़ाक उड़ाता है तुम्हारा... और तुम्हारी वजह से मेरा भी।"

    माहिरा आरव के करीब आई और उसके गले लगते हुए कहा, "मुझे तुमसे मतलब है आरव। तुम ही मेरी इंसल्ट करोगे, तो मैं कहाँ जाऊँगी? बाकी पूरी दुनिया कुछ भी कहे, मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। लेकिन तुम तो ऐसे मत बोला करो।" आरव के हाथ बिल्कुल सीधे थे और वह माहिरा को हग बैक नहीं कर रहा था, जबकि माहिरा ने आरव को कस के गले से लगा हुआ था।

    जब भी माहिरा इस तरह उसके ज़बरदस्ती गले पड़ती, तो आरव को गौरवी जी की बातें सच लगने लगतीं। आरव ने आइज़ रोल करते हुए अपने मन में कहा, "सच कहती है दादी... पता नहीं क्यों मैंने इस मुसीबत को अपने गले डाल लिया। लेकिन अब पीछा भी नहीं छोड़ सकता। मुझे नहीं पता था कि उस रात की कीमत मुझे इस तरह चुकानी पड़ेगी।"

    आरव अपने ख़्यालों में खोया हुआ था, तभी माहिरा काफी प्यार से पूछा, "बेबी, यू लव मी ना?"

    माहिरा जब भी ऐसे सवाल पूछती, तो आरव कुछ ना कुछ कहकर टाल देता था। आज भी उसने यही किया। आरव ने अपने गुस्से को दबाकर ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, "माही, बेबी, लीव मी... इतना टाइटली गले लगाओगी, तो किसी से भी लव करने के लायक नहीं रहूँगा।"

    माहिरा आरव की बात से नाराज़ होकर उससे दूर हो गई। उसका मुँह बन गया था।

    माहिरा ने आरव के कंधे पर हल्के से मारते हुए कहा, "तुम दादी के पास गए थे ना... मेरी क्या बुराई की उन्होंने?" माहिरा भी इस बात से वाकिफ़ थी कि गौरवी जी उसे पसंद नहीं करती हैं।

    आरव ने सिर हिलाया और सीधे-सीधे कहा, "वह तुम्हारी बुराई क्यों करेगी माहिरा? हाँ, यह बात अलग है कि तुम उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं हो।" आरव का बिहेवियर काफी स्ट्रेट-फॉरवर्ड था। वह हमेशा नो-फ़िल्टर बातें रख देता था।

    इससे पहले कि माहिरा और सवाल पूछकर आरव को इरिटेट करती, आरव ने बात को बदलते हुए कहा, "अच्छा माहिरा, मैं साक्षी के पास जा रहा हूँ। मुझे उससे बात करनी है।"

    माहिरा ने जवाब में कहा, "तुमने बोला तो है मंथन को। वह कर लेगा ना बात।"

    आरव ने तुरंत कहा, "नहीं, मैं सोच रहा था कि मैं ही मिलकर बात कर लूँ..."

    माहिरा चाहती थी कि आरव उसके साथ टाइम स्पेंड करे। उसने फिर से रोकते हुए कहा, "बट बेबी, रात के ग्यारह बज रहे हैं। पहले ही तुम दादी के साथ टाइम स्पेंड करने के चक्कर में इतना लेट आए हो। मुझसे ज़्यादा टाइम तो तुम अपनी दादी के साथ बिताते हो।" माहिरा ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, "दादी के मामले में नो कॉमेंट्स... वह मेरी फैमिली है, और पूरी दुनिया में सबसे पहले आती है। रही बात लेट होने की, तो साक्षी का घर पास में ही तो है... वॉक करके भी जाऊँगा, फिर भी 10 मिनट में पहुँच जाऊँगा। इसी बहाने थोड़ी वॉक भी हो जाएगी।" फिर आरव अपने मन में बोला, "और तुमसे भी थोड़ी देर पीछा छूट जाएगा।"

    माहिरा को मजबूरी में हाँ कहना ही पड़ा। उसने उतरे हुए चेहरे से कहा, "ओके, बाय बेबी... पर जल्दी आना। मैं तुम्हारा वेट करूँगी।"

    आरव ने काफी बेरुखी से जवाब में कहा, "मत करना वेट... शायद मुझे आने में थोड़ी देर हो जाएगी। तो तुम सो जाना। ओके, बाय।"

    आरव माहिरा से पीछा छुड़ाकर साक्षी के घर चला गया। वहीं अपने घर पर साक्षी अपनी बेटी टियारा को सुला रही थी, जबकि मंथन और आयुष्का बिल्डिंग के ग्राउंड में वॉक कर रहे थे। मंथन ने आरव को उधर आते हुए देखा।

    मंथन ने आरव को देखते ही कहा, "आरव सर! इस वक़्त यहाँ क्या कर रहे हैं?"

    वही, आरव का ज़िक्र आते ही आयु ने जल्दी से अपना चेहरा दूसरी तरफ़ कर लिया। जो आयु आरव से इतनी नफ़रत करती थी, ना जाने वह आरव के साथ काम कैसे कर पाएगी, यह सोचने वाली बात थी। ऊपर से वह तो कल डिज़ायर्स में इंटरव्यू के लिए भी जाने वाली थी। ना जाने क्यों आरव की तरफ़ देखे बिना ही आयु के दिल की धड़कनें अचानक ही शोर करने लगी थीं। जो आयु कॉन्फ़िडेंट रहती थी, अब उसके चेहरे पर नर्वसनेस की वजह से पसीने की हल्की बूँदें उभर आई थीं। शायद इसकी एक वजह उनकी वो पहली और अब तक आखिरी मुलाकात थी।

    आयु के मन में इस वक्त कई सवाल उठ रहे थे। क्यों आरव से सामना होने का ख़्याल ही उसके अंदर एक अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था। क्या वह वाकई डिज़ायर्स में इंटरव्यू के लिए जाए? क्या वह तैयार थी एक बार फिर से उस इंसान से सामना करने के लिए, जिससे वह बचती आई थी?

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  • 5. Billionaire's accidental wife - Chapter 5

    Words: 1834

    Estimated Reading Time: 12 min

    माहिरा से पीछा छुड़ाकर, आरव साक्षी से बात करने के लिए उसके घर पर आया था। वैसे भी, उसे साक्षी से बात करनी थी। जैसे ही वह उनके अपार्टमेंट में पहुँचा, आयुष्का उसे देखकर तुरंत पलट गई। न जाने क्यों, वह आरव का चेहरा भी नहीं देखना चाहती थी। वहीं, आरव को उसकी ओर आते देखकर, मंथन के मुँह से उसका नाम निकल गया। आयु नहीं चाहती थी कि आरव को गलती से भी पता चले कि वह मंथन और साक्षी से संबंधित है।

    आयु ने गहरी साँस ली और जल्दी से कहा, “अच्छा, तुम बात करो अपने आरव सर से... मैं उधर हूँ।”

    मंथन कोई जवाब देता, इससे पहले ही आयु दूसरी तरफ चली गई थी। उसने गुस्से में मन ही मन बड़बड़ा कर कहा, “इस इंसान को रात को भी चैन नहीं पड़ता। आधी रात को यहाँ पर आ गया।”

    वहीं, आयु के इस तरह अचानक दूर जाने पर, मंथन ने कहा, “इसे आरव सर से अलग से प्रॉब्लम है। बताती भी नहीं आखिर इसे आरव सर से इतनी नफरत क्यों है?”

    फिलहाल के लिए, मंथन ने आयु को इग्नोर किया और आरव की तरफ बढ़ने लगा, जबकि आयु दूसरी तरफ उनसे दूर टहल रही थी।

    मंथन ने आरव के पास जाकर मुस्कुरा कर कहा, “आरव सर...”

    आरव ने उसे देखकर आँखें घुमाईं और कहा, “मंथन, ऑफिस के बाहर भी हमारा एक रिश्ता है, फिर तुम मुझे ‘सर’ कहकर क्यों बुला रहे हो?”

    साक्षी के दोस्त होने की वजह से आरव और मंथन की मुलाकात भी होती रहती थी। उनके रिश्ते काफी फ्रेंडली थे। शायद तभी बाकी लोगों की तरह, मंथन को आरव से इतना डर नहीं लगता था।

    मंथन ने उसकी बात पर सिर हिलाया और कंधे उचकाकर कहा, “सर तो बोलना ही होगा, बॉस जो हो आप। वैसे आप इस वक्त यहाँ पर क्या कर रहे हो? आपकी मिस गर्लफ्रेंड ने भेज दिया आपको?”

    माहिरा का जिक्र आते ही आरव एक बार फिर से इरिटेट हो गया था। आरव ने मुँह बनाकर कहा, “बस मत पूछो भाई। मैं खुद परेशान हो गया हूँ उससे...” कहीं न कहीं यह ऑफिस तक में सबको एहसास था कि आरव माहिरा से इरिटेट रहता है।

    आरव के चेहरे पर इरिटेशन देखकर, मंथन ने उसे और परेशान करते हुए कहा, “पर मैंने तो सुना है आप उससे सच्चा वाला प्यार करते हो।”

    “इस दुनिया में सच्चे प्यार जैसी कोई चीज नहीं होती है। लोग किसी न किसी फायदे के चलते एक-दूसरे के साथ होते हैं। समझ लो, मेरा भी माहिरा के साथ रहने पर कुछ फायदा है, तभी मैं उसके साथ हूँ। बाकी मुझे नहीं लगता कि सच्चा प्यार इस दुनिया में एक्ज़िस्ट भी करता है।” आरव ने थोड़ा रूडली जवाब दिया। वह प्यार में यकीन नहीं करता था और यह बात वह खुलेआम बोलता भी था।

    आरव ने जब सीधे-सीधे कहा कि माहिरा के साथ उसका रिश्ता फायदे का है, तो मंथन ने अपने मन में कहा, “शायद तभी आयु को आप पसंद नहीं है।”

    मंथन को शांत देखकर आरव ने उसके सामने चुटकी बजाते हुए कहा, “कहाँ खो गए?”

    मंथन ने बात को टालने के लिए हँसते हुए कहा, “आपके हैशटैग में...। आई मीन, आप सच्चे प्यार में यकीन ना करो, लेकिन आपकी मिस गर्लफ्रेंड पूरे दिन ऑफिस में आपके प्यार के कसीदे पढ़ते हुए घूमती है। पता है, माहिरा आपका और उसका हैशटैग ट्रेंड करवा रही हैं। #आरा #कपल गोल...”

    ऐसा #सुनकर आरव ने उल्टी जैसा मुँह बनाया और इरिटेट होकर कहा, “प्लीज़ यार, अब तुम तो इरिटेट मत करो... साक्षी कहाँ है? अगर मैंने थोड़ी देर और तुमसे बात की, तो मुझे लगता है कि तुम माही की बुराइयाँ करते हुए मेरा सिर और पकाओगे।”

    “दीदी ऊपर है। आप चलिए, मैं आता हूँ।” मंथन ने जवाब दिया।

    आरव ने उसकी बात पर हाँ में सिर हिला दिया। वह ऊपर जाने लगा, तो मंथन ने भी आयु को वापस बुलाने के लिए उसे आवाज़ लगाई।

    मंथन ने हल्की तेज आवाज़ में कहा, “आयु... आयु...”

    मंथन के मुँह से आयु का नाम सुनकर आरव के कदम वहीं पर रुक गए थे। उसने पलटकर देखा, तो उसे मंथन के अलावा और कोई नज़र नहीं आया था।

    “अब इसे क्या हो गया? आरा से आयु पर कैसे आ गया?” आरव ने हैरानी से अपने मन में कहा। किसी के नज़र ना आने पर, उसने इस तरफ ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और साक्षी के फ्लोर पर पहुँचा।

    फ्लैट के अंदर जाते ही आरव तेज आवाज़ में चिल्लाकर बोला, “साक्षी... साक्षी... कहाँ हो तुम बेस्टी? मुझे बात करनी है तुमसे।”

    वहीं, आरव के चिल्लाने की आवाज़ सुनकर साक्षी जल्दी से बाहर आई और धीमी आवाज़ में बोली, “तुम चिल्लाना बंद करोगे आरव सर? मैंने अभी अपनी बेटी को सुलाया है। अगर वह उठ गई, तो तुम्हारी खैर नहीं।”

    आरव ने गहरी साँस लेकर कहा, “अगर तुमने मुझे आरव सर बोला, तो मैं सच में टिया को जगा दूँगा।”

    आरव की बात सुनकर साक्षी उसकी तरफ घूरकर देखने लगी। आरव ने उसकी नज़रों को इग्नोर करते हुए कहा, “साक्षी, तुम मेरे लिए मॉडलिंग करोगी, प्लीज़?”

    साक्षी ने जवाब देने में एक मिनट भी नहीं लगाया। उसने झट से कहा, “आरव, मैं अब एक कॉलेज स्टूडेंट नहीं हूँ, डॉक्टर हूँ। और एक बेटी की माँ भी...”

    आरव ने उससे आर्गुमेंट करते हुए कहा, “और यह किसने कह दिया है कि बच्चे होने के बाद में मॉडलिंग नहीं कर सकते?”

    “वो बात नहीं है यार। फिलहाल मैं लाइफ के बहुत ही मुश्किल फेज़ से गुज़र रही हूँ। मैंने कितने सपने देखे थे रितेश के साथ में। सबसे लड़-झगड़ कर शादी की थी। और आज उसी से डिवाॅर्स लेना पड़ रहा है।” साक्षी ने थोड़ा मायूस होकर कहा।

    आरव साक्षी की हालत को समझ सकता था, पर उसे प्यार जैसी फीलिंग पर यकीन नहीं था। उसने साक्षी को समझाते हुए कहा, “देखो साक्षी, तुम्हें तो पता है मैं रिलेशनशिप में बिल्कुल भी बिलीव नहीं करता। वो चला गया तो क्या... दूसरा ढूँढ लेना।”

    साक्षी ने सारकास्टिकली सिर हिलाकर कहा, “बस तुम्हारी यही आदत है, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। खैर, इस बात पर बहस नहीं करते हैं, क्योंकि मैं तुमसे नहीं जीत सकती हूँ। फिलहाल मेरा डिसीजन यही है, मैं तुम्हारे लिए मॉडलिंग नहीं कर पाऊँगी।”

    साक्षी ने सीधे-सीधे मना कर दिया था, तो आरव ने भी बहस नहीं की। वह जानता था, साक्षी एक बार जो डिसीजन ले लेती थी, तो वह उसे बदलती नहीं थी।

    आरव ने कुछ पल रुककर कहा, “ओके, फिर मुझे तुम एक नई मॉडल ढूँढ दो।”

    साक्षी ने उसकी बात से इरिटेट होकर कहा, “मैंने यहाँ कोई मॉडलिंग एजेंसी नहीं खोल रखी है। मैं एक डॉक्टर हूँ। तुम्हें सर्जरी करवानी है तो बोलो। काम की बातें ऑफिस में किया करो। अभी घर आए हो तो बैठकर बाते करते हैं। अच्छा बताओ, कॉफी पिओगे?”

    आरव ने जवाब में कहा, “कॉफी नहीं, न्यू मॉडल पीना चाहता हूँ मैं... आई मीन, मुझे मॉडल ही चाहिए।”

    “मॉडल तो नहीं है, पर एक बहुत ही टैलेंटेड डिज़ाइनर ज़रूर है मेरे पास।” अचानक आयु का ख्याल आने पर साक्षी के मुँह से डिज़ाइनर का नाम निकल गया था।

    तभी साक्षी को याद आया कि आयु ने मना किया था आरव को कुछ भी बताने से। साक्षी तुरंत बातचीत का टॉपिक बदलना चाहती थी, लेकिन आरव उसकी बात को लेकर काफी सीरियसली सोच रहा था और यह उसके चेहरे के एक्सप्रेशन देखकर पता चल रहा था।

    साक्षी बातचीत का रुख बदल पाती, उससे पहले आरव ने कहा, “वैसे तो मेरे यहाँ डिज़ाइनर वेटिंग लिस्ट पर रहती है, लेकिन तुम किसी को सजेस्ट कर रही हो तो अच्छी ही होगी। अच्छा बताओ, कौन है? क्या पता तुम्हारी डिज़ाइनर मेरे लिए मॉडल बन जाए।”

    साक्षी ने ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, “मॉडल तो नहीं है मेरे पास। अच्छा, इसे छोड़ो। मैं कुछ नया सुनाती हूँ। बाय द वे, आरा, क्या बात है?” साक्षी भी माहिरा का नाम लेकर आरव को परेशान करने लगी।

    आरव, जो काम और माहिरा के चलते पहले से ही काफी थका हुआ था, साक्षी की बातों ने उसे और इरिटेट कर दिया था। उसने अपना सिर पकड़ लिया और चिढ़ते हुए कहा, “कोई मेरी जान क्यों नहीं ले लेता। एक तो मुझे नई मॉडल नहीं मिल रही और ऊपर से...” आरव ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी थी।

    साक्षी आरव से काफी हल्के लहजे में बात कर रही थी, पर अचानक उसके चेहरे के एक्सप्रेशन सीरियस हो गए थे। उसने इस अंदाज़ में पूछा, “आरव, मैं तुम्हें अच्छे से जानती हूँ। तुम माहिरा से प्यार नहीं करते हो। माहिरा से तो क्या, किसी से भी नहीं करते हो, फिर तुम उसके साथ क्यों हो?”

    आरव और माहिरा का रिश्ता कैसा था या आरव उसके साथ क्यों था, इस बारे में आरव ने साक्षी को नहीं बताया था। बस अचानक ही एक दिन वह माहिरा के साथ एक इवेंट में पहुँच गया और उसे मीडिया के सामने अपनी गर्लफ्रेंड के तौर पर इंट्रोड्यूस कर दिया था।

    आरव ने गहरी साँस लेकर कहा, “इस बारे में मुझसे कुछ मत पूछो। लेकिन ट्रस्ट मी, अब वो बहुत ही ज़्यादा इरिटेटिंग हो गई है। पता नहीं लोग शादी करके कैसे एक ही इंसान के साथ उम्र भर रह सकते हैं? वह बोर नहीं हो जाते क्या उनसे?”

    साक्षी और आरव बातें कर रहे थे, तभी आयु वहाँ आई और पीछे खड़ी होकर उन दोनों की बातें सुनने लगी। आरव की बातें सुनकर अंदर ही अंदर आयु का खून खोल रहा था और उसने गुस्से से अपनी मुट्ठियाँ बाँध रखी थीं।

    आयु एक ऐसी इंसान थी, जो प्यार और रिश्तों में बहुत यकीन रखती थी। उसके बहुत सपने थे, पर आरव अलग ही था। आरव ऐसा इंसान था, जो न तो रिश्तों में यकीन रखता था और न ही प्यार में। ऊपर से वह एक लड़की के साथ लिव इन रिलेशनशिप में बिना फीलिंग्स के साथ रह रहा था। यह बात आयु को और भी गुस्सा दिलाती थी।

    साक्षी ने उसे छेड़ते हुए कहा, “पर मैंने तो सुना था तुम्हें माहिरा से सच्चा प्यार हो गया है।”

    आरव ने आँखें घुमाकर कहा, “पता नहीं क्यों मैं बोर हो जाता हूँ एक टाइम बाद... रिलेशनशिप का भी एक एक्सपायरी टाइम होना चाहिए। लड़कियाँ थोड़े टाइम बाद में कुछ ज़्यादा ही बोरिंग हो जाती हैं। मैं तो किसी को उम्र भर बिल्कुल नहीं झेलने वाला। पता नहीं तुम रितेश के साथ कैसे रह लेती होगी। देखा, तुम्हारे रिश्ते का भी यही हाल हुआ। इससे अच्छा है शादी ही ना करो।”

    साक्षी ने हल्का मुस्कुराकर कहा, “ज़रूरी नहीं सारे रिश्तों का हाल ऐसा ही हो। तुम ऐसा इसलिए बोल रहे हो क्योंकि तुम्हें अभी सच्चा प्यार नहीं हुआ है आरव।”

    आरव ने हँसते हुए कहा, “और वह इस दुनिया में एक्ज़िस्ट ही नहीं करता। चलो, मैं चलता हूँ।”

    सच्चे प्यार को लेकर आरव और साक्षी के बीच एक अच्छी खासी कन्वर्सेशन हो गई थी। जैसे ही आरव वहाँ से जाने के लिए पलटा, आयु दीवार के पीछे छिप गई थी।

    आयु ने मन में बड़बड़ाते हुए कहा, “हाँ, इसे सच्चा प्यार क्यों होगा? शादी प्यार से क्या मतलब है इसे? बस मज़े लूटने हैं, कमीना आरव खुराना।”

    बोलते हुए आयु अतीत की कुछ यादों में खो गई थी, जो आरव से जुड़ी हुई थीं। शायद यही वजह थी कि आयुष्का आरव से नफ़रत करने लगी थी।


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  • 6. Billionaire's accidental wife - Chapter 6

    Words: 1684

    Estimated Reading Time: 11 min

    आयु को आरव बिल्कुल पसंद नहीं था, और इसका कारण आज तक कोई नहीं जानता था। मंथन या साक्षी जब भी आयु से इस बारे में पूछते, तो वह कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देती थी। ऐसा नहीं था कि आयु की नफरत बेवजह थी। आरव को अचानक इतने समय बाद अपने सामने देखकर आयु के दिमाग में फिर से वह लम्हा ताजा हो गया, जब वह पहली बार आरव से मिली थी।

    लगभग 2 साल पहले..!!

    आयु उस वक्त चंडीगढ़ में सेटल हुई ही थी। वह अपने अलग फ्लैट पर कुछ रूममेट्स के साथ रहती थी। मंथन ने उस समय तक उसे प्रपोज़ कर दिया था, जिस पर आयु ने भी सहमति जता दी थी। यह पहली बार था, जब आयु मंथन के साथ कहीं बाहर घूमने आई थी। अलग रहने की वजह से आयु उससे पहले पहुँच गई थी। वे एक क्लब में मिलने वाले थे। आयु ने जैसे ही अंदर कदम रखा, काफी लोगों का ध्यान उसकी तरफ गया। वह दिखने में काफी खूबसूरत थी, और इस वक्त उसने ब्लैक शॉर्ट बॉडीकॉन ड्रेस पहना था, जिसमें उसका फिगर अच्छे से उभर कर आ रहा था।

    वहाँ आते ही आयु ने मंथन को कॉल किया क्योंकि उसे वह जगह पसंद नहीं आई थी। उसने शिकायती लहजे में कहा, “मुझे एक सॉफ्ट रोमांटिक डेट चाहिए थी, और तुमने मुझे कहाँ बुला लिया यार। इतने शोर में तो हम ठीक से बात भी नहीं कर पाएँगे।”

    “जगह बिल्कुल ठीक है और तुम्हारी पसंद के हिसाब से है। बस सेटअप मैंने टेरेस पर करवाया है। अच्छा, तुम ऐसा करो, टेरेस पर पहुँचो, मैं भी वहीं पर आ रहा हूँ। मैं बस पहुँच ही गया हूँ।” मंथन ने तेज आवाज में कहा था ताकि आयु को इतने शोर में अच्छे से सुनाई दे जाए।

    आयु ने उसकी बात पर हाँ में जवाब दिया और कॉल काट दिया। वह सीधे ऊपर टेरेस पर पहुँची, जहाँ अंधेरा था, पर दूर से एक छोटा सा सेटअप नज़र आ रहा था, जिसे फेयरी लाइट्स से सजाया गया था। उसे देखकर आयु के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई। आयु धीमे कदमों से आगे की तरफ बढ़ ही रही थी कि किसी ने उसे कमर से पकड़ कर पीछे खींचकर दीवार से लगा दिया। अचानक ही उसने अपने होंठों पर हाथ रख दिए। आयु को लगा कि यह मंथन है, तो उसने रेसिस्ट भी नहीं किया। उनका पहला किस इतनी अच्छी जगह पर, इतना रोमांटिक होगा, यह आयु ने भी एक्सपेक्ट नहीं किया था। उसकी आँखें बंद थी। वे दोनों इंटेंसली एक-दूसरे को किस कर रहे थे, तभी आयु ने महसूस किया कि जिससे वह किस कर रही है, उसने काफी ड्रिंक कर रखी है, तो आयु ने उसे खुद से दूर धकेला।

    आयु नम आँखों से उसे देख रही थी, तो वहीँ उसके इस तरह खुद को दूर धकेलने पर उस शख्स ने बहस छेड़ते हुए कहा, “क्या प्रॉब्लम है? पहले तो इतने अच्छे से किस कर रही थी। अचानक से दूरी क्यों? कौन सा मैं जबरदस्ती कर रहा था? अगर नहीं करना था, तो पहले मना कर देती। ब्लडी हेल!”

    एक तो गलती उसकी थी, ऊपर से वह आयु पर ही गुस्सा कर रहा था, जिस पर आयु को भी गुस्सा आ गया। वह उस पर चिल्लाकर बोली, “सबसे पहले तो अपना टोन नीचे करो। मैं यहाँ क्लब की कोई स्ट्रिपर नहीं हूँ। मुझे तुम पकड़कर ऐसे ही किस करने लगो।”

    “ओ रियली? तो तुम्हें लगता है कि मैं यहाँ स्ट्रिपर्स के लिए आता हूँ? मैं भी कोई ऐरा-गैरा इंसान नहीं हूँ। जाकर गूगल कर लेना कि आरव खुराना कौन है। सारा मूड खराब कर दिया।” आरव चिल्लाकर कहा और वहाँ से जाने लगा। फिर अचानक वह पलटकर उसकी तरफ देखकर बोला, “मुझे गलतफहमी हुई, तो तुम पहले ही मुझे दूर कर सकती थी। लगता है तुम भी यहाँ किसी का इंतज़ार कर रही हो। कितने पैसे दिए हैं उसने तुम्हें? दिखने में तो काफी खूबसूरत हो। कहीं यह तो नहीं कि मुझे इस तरह नीचे दिखाकर तुम इस किस के भी पैसे लेना चाहती हो।”

    आरव की बातें आयु के गुस्से की आग में घी डालने का काम कर रही थीं, कि तभी आरव ने अपने पॉकेट से कुछ पैसे निकाले और जबरदस्ती आयु के हाथ में पकड़ाकर चला गया।

    आयु उसके पीछे जाना चाहती थी, लेकिन तभी मंथन वहाँ पहुँच गया। आयु का मूड पहले ही बिगड़ चुका था, तो वह भी बहाना बनाकर निकल गई।

    उस दिन के बाद से, आयु जब भी आरव का नाम किसी भी न्यूज़ में सुनती, तो उसके जेहन में वो सब बातें ताज़ा हो जातीं। एक बार फिर से वो सब याद आने पर आयु ने गहरी साँस लेकर कहा, “कम डाउन आयु.. इस घटिया इंसान के लिए मूड खराब नहीं करना। इसके लिए पैसा और लड़कियों की बॉडी मायने रखती है, फीलिंग्स का कोई मोल नहीं है।”

    उसके बाद आयु सोने चली गई थी। आरव के बारे में सोचकर वह अपना मूड अपसेट नहीं करना चाहती थी।

    ______________

    अगली सुबह, मंथन के घर पर साक्षी हमेशा की तरह सुबह ब्रेकफ़ास्ट बना रही थी। आज आयु डिज़ायर्स में इंटरव्यू के लिए जाने वाली थी, इस बात को लेकर साक्षी खासा उत्साहित थी। आयु और मंथन को देर न हो जाए, यह सोचकर साक्षी जल्दी उठ गई थी।

    साक्षी ने मन ही मन बड़बड़ाकर कहा, “आयु तो मंथन को बताएगी नहीं कि वह डिज़ायर्स इंटरव्यू जाने वाली है। अगर मैंने बता दिया, तो मुझसे गुस्सा हो जाएगी।”

    साक्षी खुद से बात कर रही थी, तभी मंथन ने पीछे से आकर कहा, “कौन गुस्सा हो जाएगा मेरी दी पर?”

    साक्षी जल्दी से उसकी तरफ पलटी और उसे टालते हुए कहा, “अरे, आज तो बड़ी जल्दी रेडी हो गए ऑफ़िस जाने के लिए। मुझे लगा तुम्हें उठाने में काफी मेहनत करनी पड़ेगी।”

    मंथन ने आँखें घुमाकर कहा, “सब आप ही की मेहरबानी है दी। ना आप आरव को मना करती, और ना हमें नई मॉडल ढूँढनी पड़ती। आप हाँ बोलती, तो बला टलती... याद है ना डेडलाइन दी है उन्होंने। एक दिन बचा है अब। अगर मॉडल नहीं मिली, तो वह हम सबको जॉब से निकाल देंगे, इसके बाद आयु को आरव की बुराई करने का एक और बहाना मिल जाएगा।”

    साक्षी उसकी बात पर हल्का सा हँस दी। मंथन तैयार होकर ऑफ़िस चला गया, तो साक्षी आयु को उठाने के लिए उसके रूम में आई।

    साक्षी ने उसे झिंझोड़ते हुए कहा, “आयु, उठो जल्दी। आज तो मंथन भी तैयार होकर गया। याद है ना आज क्या है?”

    आयु ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। वह करवट लेते हुए नींद भरी आवाज़ में बोली, “तो मैं क्या करूँ दी... वह तो रोज़ जाता है, उस कमीने खुराना के ऑफ़िस में।”

    साक्षी ने उसका तकिया खींचते हुए कहा, “वह तो रोज़ जाता है, बट आज तुम भी जाओगी। जल्दी उठो अब। और हाँ, अपनी ही डिज़ाइन की हुई ड्रेस पहनना।”

    आयु ने उठकर बैठी और मुँह बनाकर कहा, “दी, बहुत टाइम है। सोने दे ना। प्लीज़।”

    साक्षी ने सिर हिलाकर कहा, “नहीं, तुझे रेडी भी तो होना है। आरव को कर्ली हेयर बहुत पसंद है। तुम ना अपने बालों को कर्ल कर लेना।”

    उसकी बात सुनकर आयु ने उन्हें घूरकर देखा और कहा, “मैं जॉब इंटरव्यू के लिए जा रही हूँ। उस केसानोवा को पटाने के लिए नहीं। प्लीज़ लेट मी स्लीप, वैसे भी वॉक-इन इंटरव्यू है, कभी भी चले जाओ। क्या फ़र्क पड़ता है?”

    साक्षी आरव को अच्छे से जानती थी। आयु काफी टैलेंटेड थी। आरव को उसकी डिज़ाइन्स ज़रूर पसंद आने वाली थीं, बस वह नहीं चाहती थी कि आयु अपने गुस्से में कोई गड़बड़ कर दे।

    साक्षी अपनी ज़िद पर अड़ी थी। उसने ज़बरदस्ती आयु को उठते हुए कहा, “तुम नहीं समझोगी, आरव के लिए फ़र्स्ट इंप्रेशन बहुत मैटर करता है।”

    साक्षी ने आयु को बाथरूम में धकेल दिया और फिर उसके लिए कपड़े सेलेक्ट करने लगी। उसने आयु के लिए उसी की डिज़ाइन की हुई ब्लैक शॉर्ट ड्रेस निकाली थी।

    “यह सही रहेगा। वैसे भी ब्लैक आरव का फ़ेवरेट है।” साक्षी ने मुस्कुराकर कहा।

    कपड़े सेलेक्ट करने के चक्कर में साक्षी ने आयु का पूरा अलमारी बिखेर दिया। बाहर आकर आयु ने यह सब देखा, तो उसने सिर पकड़ लिया। आयु कुछ कहती, उससे पहले साक्षी उसे खींचकर ले गई और उसे तैयार करने लगी।

    वहीं दूसरी तरफ़, डिज़ायर्स में आरव अपने केबिन में था और युवानी को कुछ इंस्ट्रक्शन्स दे रहा था। मॉडल न मिलने की वजह से वह काफी इरिटेट हो रहा था।

    आरव ने गहरी साँस लेकर कहा, “युवानी, साक्षी ने मना कर दिया है। सबको मीटिंग रूम में बुलाओ... और हाँ, लॉयर ऑफ़िस में आया हुआ है। मैंने उसको कॉन्ट्रैक्ट रेडी करने को बोला था। वह रेडी हो गया होगा। उसे यहाँ लेकर आओ।”

    युवानी ने धीमी आवाज़ में डरते हुए पूछा, “लेकिन सर, मॉडल तो अभी तक मिली नहीं? फिर कॉन्ट्रैक्ट क्यों?”

    आरव ने उसे घूरते हुए देखकर कहा, “नहीं मिली, तो मिल जाएगी। जो बोला है, वह करो।”

    युवानी ने उसकी बात पर हामी भरी। आरव अपने काम लग गया, तो वहीं आयु डिज़ायर्स के ऑफ़िस पहुँच चुकी थी। वह बाहर खड़ी होकर बिल्डिंग को देख रही थी। डिज़ायर्स एक मॉडर्न स्टाइल में बनी मल्टीस्टोरीड बिल्डिंग थी, जो दिखने में शानदार थी।

    आयु ने ऊपर की तरफ़ देखते हुए कहा, “बी रेडी आयु, स्वागत है इस हेल में... अब इस शैतान खुराना का एम्पायर है, तो नर्क से कम तो होगा नहीं। हे माता रानी! रक्षा करना मेरी। यह भी नहीं कह सकती कि मुझे जॉब न मिले, क्योंकि इस बार काम नहीं मिला, तो मुझे लुधियाना की टिकट बुक करवा लेनी चाहिए।”

    आयु अंदर गई। साक्षी के कॉल करने पर उसे एंट्री आसानी से मिल गई। आयु सीधे ऊपर के फ़्लोर पर गई, जहाँ उसे मैनेजर मिस्टर कपूर से मिलना था। आयु वहाँ पहुँची ही थी कि तभी आरव अपने केबिन से मीटिंग रूम के लिए जा रहा था। उसकी नज़र आयु पर पड़ी, जिसने खुद की डिज़ाइन की हुई शॉर्ट ब्लैक ड्रेस पहना था। कर्ली मिड बैक हेयर, स्मोकी मेकअप, खूबसूरत फ़ेशियल फ़ीचर्स और परफ़ेक्ट फ़िगर के साथ वह किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी।

    आरव के बाहर आते ही माहिरा और युवानी भी उसके पास आ गईं। आरव की निगाहें आयु पर टिकी थीं।

    आरव ने आयु की तरफ़ देखते हुए खोई हुई आवाज़ में कहा, “परफ़ेक्ट..!”

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  • 7. Billionaire's accidental wife - Chapter 7

    Words: 2156

    Estimated Reading Time: 13 min

    साक्षी की जिद करने पर आयु आरव के ऑफिस में इंटरव्यू के लिए आई थी। हालाँकि वह उसे बिल्कुल पसंद नहीं करती थी, लेकिन आखिरी ऑप्शन होने की वजह से उसके पास कोई रास्ता भी नहीं था।

    आरव आयु के लुक और डिज़ाइन्स से इम्प्रेस हो जाए, यह सोचकर साक्षी ने उसी के डिज़ाइन किया हुआ ड्रेस उसे पहनाया और इंटरव्यू के लिए भेज दिया था। आयु इस वक्त बिल्कुल किसी मॉडल की तरह लग रही थी।

    आयु के ऊपर पहुँचते ही आरव मीटिंग रूम में जा रहा था कि तभी उसकी नज़र आयु पर पड़ी। उसे देखते ही आरव उसमें खो सा गया था। ऐसा लग रहा था जैसे आयु को देखते ही आरव की मॉडल ढूँढ़ने की जो तलाश थी, वह पूरी हो चुकी थी।

    आरव ने आयु की तरफ़ देखते हुए, खोई हुई आवाज़ में कहा, "परफेक्ट। रियली ब्यूटीफुल।"

    युवानी और माहिरा उसके पास ही खड़ी रहीं। आरव अचानक किसी की तारीफ़ कर रहा था, यह सुनकर युवानी हैरानी से उसकी तरफ़ देखने लगी।

    युवानी ने हड़बड़ाकर जल्दी से पूछा, "क...कौन? कौन सर?"

    माहिरा ने एटीट्यूड से बाल झटकते हुए कहा, "ऑफ़ कोर्स मैं, युवानी। आरव किसी और लड़की की तारीफ़ क्यों करेगा?"

    माहिरा की बात सुनते ही आरव होश में आ गया था। उसने माहिरा की तरफ़ आईज़ रोल करके देखा और फिर सामने आयु की तरफ़ इशारा करके कहा, "तुम नहीं...वो लड़की...वो जो भी है। मेरा ख़्वाब...मेरी..."

    आरव किसी और की तारीफ़ कर रहा था, यह सुनते ही माहिरा का मुँह बन गया था। उसने आरव की बात बीच में काटकर कहा, "व्हॉट? एंड हू द हेल इज़ शी? तुम किसी और की तारीफ़ कैसे कर सकते हो? तुम भूल रहे हो कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ।"

    "तुम भूलने कहाँ देती हो..." आरव ने इरिटेट होकर कहा। फिर उसने माहिरा की तरफ़ देखकर सख़्त लहजे में कहा, "युवानी जाओ, तुम्हारे पास 15 मिनट हैं। लॉयर को बोलो कॉन्ट्रैक्ट में एक और क्लॉज़ डाल दें।"

    युवानी ने जल्दी से पूछा, "और वो क्या सर?"

    आरव ने जवाब में कहा, "यही कि कोई भी उस कॉन्ट्रैक्ट को ब्रेक करेगा, तो उसे कंपनी को पांच करोड़ रुपए फ़ाइन देना होगा, वह भी 2 दिन के अंदर..."

    आरव की नई क्लॉज़ सुनते ही माहिरा और युवानी को झटका सा लगा। ऐसा लग रहा था आरव अपने ड्रीम कलेक्शन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

    माहिरा ने थूक निगलते हुए कहा, "पांच करोड़? कुछ ज़्यादा नहीं हो गया आरव?"

    आरव ने उसकी तरफ़ देखकर सिर हिलाया और कहा, "ज़्यादा नहीं, बहुत ज़्यादा है माहिरा। पर मुझे वह लड़की चाहिए...बाय हुक और बाय क्रुक।"

    माहिरा ने हैरानी जताते हुए कहा, "बट व्हाय आरव? डिज़ायर्स के लिए मॉडलिंग करने के लिए लड़कियाँ मरती हैं। और स्पेशली जब तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन है तो..."

    माहिरा के इस तरह आरव के डिसीज़न पर सवाल उठाने पर आरव के चेहरे के भाव सख़्त हो गए। माहिरा के शब्द उसके गले में अटक गए थे।

    आरव ने गुस्से में, लेकिन दबी आवाज़ में कहा, "आर यू मैड माही? दिख नहीं रहा उसकी वॉक से कि वह मॉडल नहीं है? एटीट्यूड साफ़ बता रहा है, जल्दी से हाँ भी नहीं कहेगी। मैं उसे इतनी आसानी से जाने नहीं दे सकता। एक बार कॉन्ट्रैक्ट साइन कर दें, फिर कहाँ जाएगी।" आरव की बातों से साफ़ था वो आयु के साथ अपनी पहली मुलाक़ात को पूरी तरह भूल चुका है। वैसे भी उस दिन उसने काफ़ी ड्रिंक कर रखी थी।

    युवानी ने उनकी पूरी बातें सुन चुकी थीं। उसने सिर खुजाते हुए कहा, "पर सर वो कॉन्ट्रैक्ट साइन क्यों करेगी?"

    युवानी को आरव ने लॉयर के पास भेजा था। उसे वहीं देखकर आरव ने कोल्ड टोन में कहा, "तुम गई नहीं अभी तक...चलो जाओ। हमारे पास ज़्यादा टाइम नहीं है। उसे हायर करने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ।"

    "कुछ भी से तुम्हारा मतलब?" माहिरा ने झट से पूछा।

    आरव ने मुँह बनाया और जवाब में कहा, "वह भी नहीं, जो तुम समझ रही हो। अब थोड़ी देर के लिए दूर रहो।"

    माहिरा उसे देखते रह गई और आरव तेज क़दमों से चलते हुए आयु की तरफ़ बढ़ने लगा। माहिरा गुस्से में पैर पटकती रह गई, पर आरव को उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ा।

    वहीं आरव के इस तरह अचानक अपने आगे आने पर आयु ने सिर हिलाकर कहा, "व्हॉट?"

    "हू आर यू?" आरव ने उसे घूरते हुए पूछा।

    उसे इस तरह खुद को चेक आउट करते देख आयु की नफ़रत उसकी ज़रूरत पर हावी हो गई थी। उसे यह डर भी सता रहा था कि कहीं आरव ने उसे पहचान ना ले।

    आयु आरव से कुछ क़दम दूर हो गई। उसने गुस्से में सख़्त आवाज़ में कहा, "वो मैं यहाँ जॉब इंटरव्यू के लिए आई थी। पर अब मेरा मूड बदल गया है, सो गुड बाय।"

    इतना कहकर आयु पलटी ही थी कि आरव ने उसे रोकने के लिए उसका हाथ पकड़ लिया। उसकी इस हरकत पर आयु और गुस्सा हो गई। वो अपनी एम्बर ब्राउन आईज़ से उसे खा जाने वाली निगाहों से देख रही थी। आरव ने उसका हाथ तुरंत छोड़ दिया।

    आरव ने जल्दी से कहा, "रुको...तुम यहाँ जॉब के लिए आई थी ना, तुम्हारी जॉब पक्की।"

    उसका तो इंटरव्यू भी नहीं हुआ था, फिर भी आरव उसे जॉब दे रहा था, इन सब ने आयु को सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने मन ही मन कहा, "कहीं साक्षी दी या मंथन ने कुछ बता तो नहीं दिया इसे?" आयु ने आरव की तरफ़ देखा और पूरे एटीट्यूड से कहा, "नो थैंक्स। मुझे तुम्हारे यहाँ कोई जॉब नहीं चाहिए।"

    आयु वापस जाने लगी, तभी आरव ने उसके सामने आकर उसका रास्ता रोक लिया। आयु को उसकी हरकतें काफ़ी अजीब लग रही थीं। अब तक उसने यह सुना था कि आरव खुराना अपने काम को लेकर बहुत डेडिकेटेड है, लेकिन यहाँ तो उसकी हरकतें किसी आवारा आशिक की तरह लग रही थीं, जो किसी लड़की को परेशान कर रहा था।

    आरव ने रिक्वेस्टिंग वे में कहा, "यू शुड ट्राई वन्स। मुझे तुम टैलेंटेड लग रही हो।"

    आरव की बातों से अब तो आयु का शक गहरा हो गया कि ज़रूर साक्षी या मंथन में से किसी ने आरव को उसके बारे में यहाँ आने के बारे में बताया होगा।

    आयु ने अपना शक दूर करने के लिए आरव से पूछा, "डू यू नो मी?" वह नहीं चाहती थी कि उसे अपने टैलेंट के बजाय किसी के रिकमेंडेशन पर जॉब मिले।

    आरव ने तुरंत ना में सिर हिलाकर कहा, "नहीं।"

    आयु ने खुद को शांत करके कहा, "तब ठीक है। इंटरव्यू कहाँ होगा?"

    आरव ने उसे अपने केबिन की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, "चलो आओ मेरे केबिन में। वहीं होगा तुम्हारा इंटरव्यू।"

    आयु आरव के पीछे-पीछे उसके केबिन में गई। आरव अपनी सीट पर बैठा और फिर उसने आयु को भी बैठने का इशारा किया।

    "मेरा रिज्यूमे। इसमें मेरे बनाई कुछ डिज़ाइन्स हैं।" आयु ने बैठने के बाद एक फ़ाइल आरव को देते हुए कहा।

    आरव ने उसका रिज्यूमे देखने तक की जहमत नहीं उठाई। उसने फ़ाइल टेबल पर रखी और आयु की तरफ़ देखते हुए कहा, "ओके देन, जॉब डन। आपकी रिक्वायरमेंट्स?"

    आरव ने उसकी डिज़ाइन देखी तक नहीं थी, यह बात आयु को अजीब लग रही थी। उसने सकपकाते हुए कहा, "बट मेरी डिज़ाइन्स तो देख लीजिए।"

    आयु आगे कुछ बोल पाती, उससे पहले युवानी ऑफ़िस में कॉन्ट्रैक्ट लेकर आई। कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद उसने एक नज़र आयु की तरफ़ देखा। वो जानना चाहती थे कि ऐसा क्या था उसमें, जो आरव उसे हायर करने के लिए सही-गलत भी नहीं सोच रहा था, लेकिन आयु की तरफ़ देखते ही युवानी को सब समझ आ गया था—वह दिखने में बेहद ख़ूबसूरत थी।

    आरव ने आयु के सामने पेपर्स रखते हुए कहा, "यह लो, कॉन्ट्रैक्ट साइन कर दो। चाहो तो आज से ज्वाइन कर सकती हो, पर कल से आ जाना।"

    आयु ने हिचकिचाते हुए कहा, "बट..."

    आयु अपनी बात पूरी करती, उससे पहले आरव फिर से बीच में बोल पड़ा, "हाँ, रीड कर लो। 5 मिनट हैं तुम्हारे पास।"

    आयु को सब कुछ बहुत ही अजीब लग रहा था। आरव उसकी किसी भी बात को ठीक से सुन तक नहीं रहा था। उसने मन ही मन कहा, "ये मुझे कुछ बोलने क्यों नहीं दे रहा? एक तो कब से अजीब तरीके से देख रहा है। ठरकी कहीं का। कहीं इसने मुझे पहचान तो नहीं लिया?"

    आयु अपने ख़यालों में खोई थी, तभी आरव ने पूछा, "पढ़ लिया?"

    आयु ने जवाब में कहा, "वो मैं..."

    एक बार फिर आयु की बात पूरी होने से पहले ही आरव ने उसे टोक दिया था। वह उसकी बात बीच में काटते हुए बोला, "यह लो पेन और साइन कर दो।"

    आरव यही चाह रहा था कि आयु कॉन्ट्रैक्ट पर जल्द से जल्द साइन करे। इस चक्कर में वह कुछ ज़्यादा ही हड़बड़ी दिख रहा था, जिसकी वजह से आयु को उस पर शक होने लगा।

    उसकी हरकत पर आयु बुरी तरह इरिटेट हो चुकी थी। उसने चिल्लाते हुए कहा, "अरे तुम मुझे कुछ बोलने भी दोगे? और 5 मिनट में 5 पेज का कॉन्ट्रैक्ट कैसे पढ़ लूँ? मैं कोई रजनीकांत नहीं हूँ।"

    आरव ने झट से कहा, "तो बिना पढ़े साइन कर दो...मैं कौन सा तुम्हारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवा रहा हूँ?"

    आरव का कहना भी सही था। वहाँ डिज़ाइनर को अच्छी-खासी सैलरी पे की जाती थी, तो उसे ज़्यादा पढ़ने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। ऊपर से वह आरव के सामने ज़्यादा देर बैठना भी नहीं चाहती थी। उसने बिना सोचे-समझे साइन करके पेपर आरव के सामने पटक दिए थे।

    उसके साइन करते ही आरव ने पेपर्स को देखा और फिर आयु की तरफ़ देखकर तिरछा मुस्कुराते हुए कहा, "वेलकम टू द डिज़ायर्स, मिस मॉडल।"

    आरव के मुँह से "मिस मॉडल" सुनकर आयु की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। वह जल्दी से चौंकते हुए बोली, "मॉडल?"

    आरव ने हाँ में सिर हिलाकर कहा, "येस, मॉडल...तुम हो मेरी ड्रीम प्रोजेक्ट की न्यू मॉडल।"

    आयु जल्दी से अपनी जगह से खड़ी हुई। वह ना में सिर हिलाकर बोली, "पर मैं मॉडल नहीं हूँ, मैं डिज़ाइनर हूँ। शायद आपको कोई गलतफ़हमी हुई है, मिस्टर खुराना। मेरे लुक पर मत जाइए।"

    आयु अपनी सफ़ाई पेश करने की कोशिश कर रही थी, जबकि उसे इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी। अब तो आरव उसकी सच्चाई पहले से ही जानता था, जब उसने रिज्यूमे में अपने डिज़ाइन्स अटैच किए थे।

    आरव ने बेपरवाही से कहा, "हाँ, जानता हूँ तुम डिज़ाइनर हो, पर मुझे डिज़ाइनर नहीं, मॉडल चाहिए।"

    आरव ने यह सब जानबूझकर किया था। यह सुनते ही आयु का गुस्सा सातवें आसमान पर था। उसने गुस्से में तेज आवाज़ में कहा, "पर तुमने मुझे नहीं बताया था।"

    "बताकर करता तो तुम कभी साइन नहीं करती। वैसे भी मैंने तुम्हें कॉन्ट्रैक्ट देकर एक चांस दिया था। चाहती तो पूरा पढ़ लेती, पहले ही सच सामने आ जाता, लेकिन तुम्हें तो कुछ ज़्यादा ही जल्दी लगी थी।" आरव ने कंधे उचकाकर कहा।

    आयु के साथ धोखा हुआ था। उसने आरव को समझाते हुए कहा, "देखो, ये सब गलतफ़हमी की वजह से हुआ है। जाने देते हैं। वैसे भी मैं कॉन्ट्रैक्ट कैसे पढ़ सकती थी?"

    आरव ने उसका मज़ाक बनाते हुए कहा, "क्यों? तुम्हें पढ़ना नहीं आता?"

    "इतनी जल्दी इतने बड़े कॉन्ट्रैक्ट पेपर को तुम भी नहीं पढ़ सकते हो।" आयु ने चिढ़ते हुए कहा।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, "इज़ नॉट माय प्रॉब्लम। चुपचाप बिना किसी ड्रामे के कल शूट पर पहुँच जाना।"

    आरव ने सब जानबूझकर किया था, ऊपर से वो आयु की बात भी नहीं सुन रहा था। आयु का बिहेवियर अब उसकी बर्दाश्त की बाहर हो रहा था।

    आयु ने आरव को गुस्से में देखा और सख़्त आवाज़ में कहा, "अरे जाओ तुम...मैं कोई मॉडलिंग नहीं करने वाली तुम्हारे लिए...तुमने मुझे धोखा दिया है। मैं क्यों मानूँ तुम्हारी बातें?" आरव पर गुस्सा होने की वजह से वो उससे काफ़ी बदतमीज़ी से बात कर रही थी।

    आयु की नफ़रत और गुस्सा आरव के लिए और भी बढ़ गया था।

    आरव भी अब तक आयु को प्यार से समझा रहा था। उसके इस तरह बदतमीज़ी से बात करने पर आरव के चेहरे के भाव सख़्त हो गए।

    आरव ने सर्द आवाज़ में कहा, "देखो मॉडल, आई डोंट नो तुम्हारा नाम क्या है? बट मॉडलिंग तो तुम्हें करनी पड़ेगी...और आगे से मुझसे तमीज़ से बात करना, वरना..."

    आयु ने उसकी बात बीच में काटते हुए बेपरवाही से कहा, "नहीं करूँगी तो..."

    अब तक आरव सब कुछ काफ़ी पेशेंसली हैंडल कर रहा था, लेकिन अब उसने भी सोच लिया था कि वह अपना असली रूप दिखाएगा।

    आरव ने उसे घूरते हुए देखा और भौंहें उठाकर कहा, "ओके देन, दो दिन के अंदर तुम डिज़ायर्स को पांच करोड़ रुपए का कॉम्पनसेशन देने वाली हो।" बोलते हुए आरव ने कॉन्ट्रैक्ट में ख़ास उस क्लॉज़ को खोलकर आयु की तरफ़ कर दिया था, जिसमें पांच करोड़ रुपए भरने की बात लिखी गई थी।

    जैसे ही आयु ने उसे पढ़ा तो मानो उसे 440 वोल्ट का झटका लगा। खुद को गिरने से बचाने के लिए उसने टेबल को पकड़ लिया था। उसके पास आरव के लिए मॉडलिंग करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था, अगर उसे बचना है तो कॉन्ट्रैक्ट के तहत एक करोड़ रुपए 2 दिन के अंदर भरने पड़ेंगे।

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  • 8. Billionaire's accidental wife - Chapter 8

    Words: 1921

    Estimated Reading Time: 12 min

    साक्षी के कहने पर आयु आरव के ऑफिस, ‘डिजायर्स’, में इंटरव्यू देने गई थी। आयु वहाँ डिजाइनर की जॉब के लिए इंटरव्यू देने गई थी, लेकिन जैसे ही आरव ने उसे देखा, तो उसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए परफेक्ट मॉडल मिल गई थी।

    आरव ने धोखे से आयु से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया था। अब आयु को आरव के लिए मॉडलिंग करनी ही थी, चाहे वह अपनी मर्ज़ी से करे या जबरदस्ती, क्योंकि अगर आयु कॉन्ट्रैक्ट को नहीं मानती, तो उसे दो दिन के अंदर डिजायर्स को पाँच करोड़ रुपए का फ़ाइन भरना था। आरव ने आयु को मजबूर कर दिया था। वह आरव से पहले ही नफ़रत करती थी; ऊपर से उसकी इस हरकत पर आयु का गुस्सा सातवें आसमान पर था।

    “हाँ तो, मिस मॉडल, क्या डिसीजन दिया है तुमने? पांच करोड़ देने के लिए तैयार हो?” आरव ने भौंहें उठाकर पूछा।

    आयु ने पैर पटकते हुए तेज आवाज़ में कहा, “पांच करोड़ तो दूर की बात है, मैं तुम्हें एक फूटी कौड़ी भी नहीं देने वाली हूँ। अब समझ आ रहा है? यह इतना बड़ा एम्पायर तुमने ऐसे खड़ा किया है, लोगों के पैसे लूट-लूट कर अमीर हुए हो न? अब तक मुझे लगता था कि तुम कमीने हो, लेकिन तुम लुटेरे भी निकले, आरव खुराना।”

    आयु गुस्से में आरव को कुछ भी कह रही थी। आरव पर उसका कोई असर नहीं पड़ रहा था। उसने कंधे उचकाते हुए कहा, “लुटेरा बोलो या कमीना। कल सुबह आठ बजे शूट पर आ जाना।”

    “नहीं आऊँगी।” आयु ने आरव को घूरते हुए जवाब दिया।

    आरव और आयु कैबिन के अंदर आपस में बहस कर रहे थे। हालाँकि आरव किसी को इतने आराम से कभी नहीं समझाता था, पर यहाँ उसे आयु की ज़रूरत थी।

    आरव अपनी तरफ़ से आयु को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था, जबकि आयु उसकी हरकत से और भी ज़्यादा गुस्सा हो गई।

    आरव ने सिर हिलाया और कहा, “देखो, इससे ज़्यादा बहस करने का मेरे पास टाइम नहीं है। ठीक 8:00 बजे आ जाना। मुझे लेट आने वाले लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं।”

    “इन योर ड्रीम्स!” आयु ने ज़िद पर अड़ते हुए कहा।

    आरव ने गहरी साँस ली और फिर अपना आखिरी दांव फेंकते हुए कहा, “ओके, फिर पांच करोड़ रुपए भिजवा देना।”

    “कहा ना, मैं तुम्हें कुछ नहीं देने वाली। तुमने यह सब मुझे धोखे से साइन करवाया है। तुम ऐसा कैसे कर सकते हो मेरे साथ?” आयु ने जवाब दिया। पहले उसे लगा आरव मज़ाक कर रहा होगा या उसे परेशान करने के लिए यह सब कह रहा होगा, लेकिन यह सब कोई मज़ाक या झूठ नहीं था। आयु को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि आरव इस हद तक जा सकता है।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, “ओके, फिर कोर्ट में मिलेंगे।”

    “अच्छी बात है। मैं कोर्ट में यही कहूँगी कि तुमने जबरदस्ती मुझसे साइन करवाए थे। इसी बहाने लोगों के सामने तुम्हारा असली चेहरा आ जाएगा।” आयु ने जवाब दिया। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी उसके चेहरे पर डर का एक छोटा सा भाव भी नहीं था। हाँ, आरव की हरकतों पर उसे गुस्सा ज़रूर आ रहा था।

    वहीँ आरव भी बिना किसी भाव के खड़ा हुआ था। अगर इतनी बदतमीज़ी से बात करते हुए कोई और उससे ज़िद करता, तो अब तक शायद आरव उसे अपने तरीके से जवाब दे भी चुका होता।

    आयु ने गहरी साँस ली और फिर अपने गुस्से को काबू करके आरव की तरफ़ देखकर सीरियस लहजे में कहा, “तुम किसी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हो? अगर तुम्हें मॉडल की ज़रूरत थी, तो एक बार मुझसे बात करके देखते। तुम मुझे सच भी बता सकते थे।”

    “अगर मैं सच बताता, तो क्या तुम पेपर्स पर साइन करती या मॉडलिंग के लिए तैयार होती?” आरव ने भी सीरियस टोन में पूछा, जिस पर आयु ने ना में सिर हिला दिया था।

    आरव गहरी साँस भरकर बोला, “अब समझ में आया, मैंने तुमसे झूठ क्यों बोला था? तुम्हें देखते ही मैं समझ गया था कि तुम प्रोफ़ेशनल मॉडल नहीं हो। यकीन मानो, तुम एक अच्छी मॉडल बन सकती हो। तुम बहुत खूबसूरत हो; इतनी खूबसूरत कि कोई तुम्हें देखकर एक बार में ही अपने होश खो बैठे।”

    आरव आयु की तरफ़ खोए हुए अंदाज़ में देख रहा था। हालाँकि उसके दिल में कोई फ़ीलिंग नहीं थी; इस वक़्त वह उसे अपनी मॉडल के तौर पर ही देख रहा था, पर न जाने क्यों आयु के दिमाग में वह लम्हा ताज़ा हो गया जब आरव ने पहली बार उसे किस किया था।

    उसकी बातें सुनकर आयु हड़बड़ाते हुए इधर-उधर देखने लगी। वह अपना बैग उठाकर बाहर जाते हुए बोली, “तुमसे जो होता है कर लेना, आरव खुराना, लेकिन मैं तुम्हारे लिए मॉडलिंग कभी नहीं करूँगी।”

    वहीँ अंदर, जब आयु आरव से बहस कर रही थी, तब उन दोनों की आवाज़ काफी तेज थी। आरव खुद को शांत रखने की कोशिश कर रहा था, पर आयु गुस्से में चिल्ला रही थी। उन दोनों की आवाज़ सुनकर आरव की टीम मीटिंग रूम से बाहर आकर आरव के केबिन के बाहर इकट्ठा हो गई।

    मंथन ने केबिन की तरफ़ देखते हुए हैरानी जताते हुए पूछा, “ये यहाँ इतना शोर क्यों हो रहा है?”

    युवानी ने जवाब देते हुए कहा, “मंथन सर, आरव सर को मॉडल मिल गई।”

    जैसे ही टीम ने आरव की मॉडल मिलने की बात सुनी, तो सभी के चेहरे खुशी से खिल उठे थे। पिछले दो दिनों से वे काफी परेशान थे। फ़ाइनली उनकी मुसीबत दूर हो चुकी थी।

    कियान ने मुस्कुराते हुए कहा, “वाओ! यह तो बहुत खुशी की बात है।”

    रियान ने भी राहत की साँस लेते हुए कहा, “थैंक गॉड! हमारे सिर पर जो मॉडल ढूँढने की आरव खुराना नाम की तलवार लटक रही थी... वह अब नहीं है।”

    माहिरा भी वहीं पर खड़ी हुई थी और उनकी बातें सुन रही थी। आरव ने जो भी किया था, उसके बारे में वह जानती थी। माहिरा ने बाल झटकते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता वह लड़की मॉडलिंग करेगी, क्योंकि आरव ने उस मॉडल से धोखे से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया है। अंदर से चिल्लाने की आवाज़ भी इसलिए आ रही है, क्योंकि आरव की हरकतों की वजह से वह उस पर गुस्सा है।”

    जैसे ही माहिरा ने सब बताया, मंथन हैरान रह गया। उसने अफ़सोस भरे लहजे में कहा, “आरव सर ऐसा कैसे कर सकते हैं? यह गलत है।”

    आरव की इस हरकत पर भले ही किसी को कोई फ़र्क ना पड़ा हो, लेकिन मंथन खुश नहीं था। उसने अपने मन में कहा, “यह आरव सर भी ना, अपनी ज़िद को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। अगर आयु होती, तो आज तो पक्का आरव सर का मर्डर ही कर देती।”

    वहीँ आरव से गुस्सा होकर आयु उसी वक़्त केबिन से बाहर निकली थी। आरव उसके पीछे आया और उसने जबरदस्ती आयु का हाथ पकड़ लिया था।

    आरव ने आयु का हाथ ऊपर करते हुए कहा, “मीट गाइज़... हमारी नई मॉडल, मिस... आई डोंट नो हर नेम।”

    वहीँ आयु को देखते ही मंथन चौंक गया। उसने आयु की तरफ़ देखते हुए पूछा, “तुम यहाँ क्या कर रही हो?”

    आयु ने चिढ़कर कहा, “दिख नहीं रहा तुम्हें? मॉडलिंग कर रही हूँ।”

    मंथन और आयु को बात करते देख आरव ने तुरंत पूछा, “मंथन, तुम इसे जानते हो?”

    आयु नहीं चाहती थी कि उसे मंथन और आयु के रिलेशनशिप के बारे में पता चले। आयु ने तुरंत जवाब में कहा, “नहीं जानते.. और तुम हाथ छोड़ो मेरा।” बोलते हुए आयु ने उसका हाथ झटक दिया।

    आयु का बर्ताव देखकर वे सब लोग एक-दूसरे की तरफ़ देखने लगे। आयु के बर्ताव से साफ़ था कि वह मॉडलिंग नहीं करने वाली है। इसका मतलब साफ़ था: एक बार फिर से उनके ऊपर मॉडल ढूँढने का प्रेशर आने वाला है।

    उन लोगों को आपस में फुसफुसाते हुए बातें करते देखकर आरव ने तेज आवाज़ में कहा, “काम डाउन, गाइज़! मॉडलिंग तो यही करेगी।”

    आरव काफी कॉन्फ़िडेंट था। उसका यही कॉन्फ़िडेंस आयु के गुस्से में इज़ाफ़ा कर रहा था। उसने सारकास्टिकली सिर हिलाया और आरव को फ़ॉलो करते हुए कहा, “काम डाउन, गाइज़! तुम लोगों का बॉस पागल हो गया है।”

    माहिरा जल्दी से आरव के पास आई और उसका हाथ पकड़कर कहा, “क्या हुआ तुम्हें...? देखो, आरव, भले ही हमारी शादी ना हुई हो, पर गर्लफ़्रेंड तो हूँ ही ना। तुम अगर पागल हो गए, तो मुझे तो...”

    आरव के सब्र का बाँध अब टूट गया था। उसने माहिरा का हाथ झटककर इरिटेट होकर कहा, “शट अप, माहिरा! गाइज़, तुम लोगों के पास आधे घंटे हैं.... या तो इस लड़की को मॉडलिंग के लिए रेडी करो, वरना यू ऑल विल बी फ़ायर्ड।”

    आरव का ऑर्डर सुनकर सबने घबराकर एक-दूसरे की तरफ़ देखा। वे आयु के पास आ गए थे।

    कियान ने आयु की तरफ़ देखते हुए जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, “कम ऑन, बेब! 1 महीने की तो बात है... मैं कर लूँगा 1 महीने में शूट।”

    आयु ने ना में सिर हिलाकर कहा, “नो।”

    रियान बोला, “लिसन, बेबी! डिज़ाइन्स का काम पूरा हो चुका है। आउटफ़िट्स भी रेडी हैं... तुम तो लकी हो कि आरव तुम्हें सेलेक्ट किया है। प्लीज़, हाँ बोल दो?”

    आयु ने कंधे उठाकर कहा, “नेवर...”

    माहिरा ने भी आरव के लिए आगे आईं और आयु से कहा, “देखो, लड़की! वैसे तो मैं आरव की गर्लफ़्रेंड हूँ... फिर भी तुम्हें परमिशन दे रही हूँ कि तुम यह शूट कर सकती हो।”

    माहिरा ने जिस लहज़े से आयु से बात की, उससे चिढ़ते हुए आयु ने कहा, “फिर भी नहीं.... और सुनो, तुम लड़की... पहली बात तो मैंने परमिशन माँगी नहीं है तुमसे.... और दूसरी बात, इसकी गर्लफ़्रेंड होने के अलावा तुम्हारा खुद का नाम पता या कोई पहचान है? मुझे तो समझ नहीं आया, तुम्हारी आँखें ख़राब हैं या इसकी।”

    माहिरा ने उसे घूरते हुए कहा, “व्हाट डू यू मीन? मेरी आँखें बिल्कुल ठीक हैं।”

    आयु ने मुँह बनाकर कहा, “अच्छा... फिर भी सब कुछ जानते हुए भी इस केसानोवा के साथ हो?”

    युवानी ने कन्फ़्यूज़न से आरव की तरफ़ देखा और फिर आयु से पूछा, “माहिरा मैम का तो समझ आ गया, पर आरव सर की आँखें क्यों ख़राब हैं?”

    आयु ने आरव का मज़ाक बनाते हुए कहा, “ज़रा देखो तो इसे... गर्लफ़्रेंड कहीं की! देखो, आरव खुराना! वैसे तो आई डोंट लाइक यू, बट इसे देखने के बाद मुझे तुम पर थोड़ी दया आ रही है।”

    आरव ने तिरछा मुस्कुराते हुए धीरे से कहा, “भले ही बदतमीज़ है... लेकिन दम है लड़की में।”

    आरव आयु की पर्सनैलिटी से काफी इम्प्रेस हुआ था। वह ना केवल खूबसूरत थी, बल्कि काफी इंटेलिजेंट और हाज़िर जवाब भी थी।

    सब आयु को मनाने की कोशिश कर रहे थे, तो मंथन को भी आगे आना पड़ा। पहले जिस तरह से आयु ने अपने और मंथन के रिश्ते को छुपाया था, उसे कंटिन्यू करते हुए मंथन ने सारकास्टिकली कहा, “प्लीज़, मैम! जब कॉन्ट्रैक्ट साइन हो ही गया है, तो कंटिन्यू कर लीजिए ना।”

    आयु ने उसे घूरते हुए कहा, “ओह, प्लीज़ सर! आप तो अपना मुँह बंद ही रखेंगे तो ठीक रहेगा। मैं नहीं करने वाली...” आयु को यह उम्मीद नहीं थी कि मंथन भी उसे मनाने के लिए आगे आएगा।

    आरव समझ गया था कि आयु किसी भी कीमत पर हार नहीं मानने वाली है। उसने गहरी साँस ली। अब आयु को मनाने के लिए उसे एक ही रास्ता नज़र आ रहा था, जिसके बाद आयु कभी उसे मना नहीं करने वाली थी।

    आरव आयु के पास आया और उसे इंटेंसिटी से देखने लगा। वह बोला, “ठीक है, मैं अब तुम्हें एक और ऑफ़र देने जा रहा हूँ। अगर उसके बाद भी तुम्हारी ना है, तो हम कोर्ट में मिलेंगे, मिस मॉडल, लेकिन मैं श्योर हूँ कि मेरा ऑफ़र सुनने के बाद तुम कभी मना नहीं करोगी।”

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  • 9. Billionaire's accidental wife - Chapter 9

    Words: 2505

    Estimated Reading Time: 16 min

    आरव समझ गया था कि आयु किसी भी कीमत पर हार नहीं मानने वाली है। उसने गहरी साँस ली। अब आयु को मनाने के लिए उसे एक ही रास्ता नज़र आ रहा था; इसके बाद आयु कभी उसे मना नहीं करने वाली थी।

    वह आयु के पास आया और उसे इंटेंसिटी से देखने लगा। वह बोला, “ठीक है, मैं अब तुम्हें एक और ऑफ़र देने जा रहा हूँ। अगर उसके बाद भी तुम्हारी ना है, तो हम कोर्ट में मिलेंगे, मिस मॉडल। लेकिन मैं श्योर हूँ कि मेरा ऑफ़र सुनने के बाद तुम कभी मना नहीं करोगी।”

    “ट्राई करके देख लो।” आयु ने चैलेंजिंग टोन में कहा।

    आरव ने तिरछी निगाहों से अपनी टीम को घूरते हुए कहा, “तुम लोग एक लड़की को कन्विन्स नहीं कर पाए!”

    फिर उसने आयु के पास आकर शांत लहजे में कहा, “लिसन! आई प्रॉमिस! एक बार मेरा ड्रीम कलेक्शन कंप्लीट हो जाए, उसके बाद मैं तुम्हारी क्वालिफ़िकेशन के अकॉर्डिंग तुम्हें जॉब दे दूँगा।” शायद यही एक तरीका था, जिससे आयु मान सकती थी।

    आयु के पास अच्छा मौका था, पर आरव ने जो भी किया था, उसके बाद उसे उस पर यकीन करना भी मुश्किल था। आयु ने कुछ पल सोचने के बाद कहा, “मुझे तुम पर ट्रस्ट नहीं है।”

    इतना कुछ करने के बाद भी आयु नहीं मान रही थी, तो आरव ने गुस्से में दाँत पीसते हुए कहा, “नहीं है, तो जाओ और मुझे मेरे पांच करोड़ रुपए दे देना।”

    मंथन ने ‘पांच करोड़’ सुना, तो उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। अब उसे समझ आ रहा था कि आरव किस तरह धोखे से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर आयु को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था। उसने अपना सिर पकड़ लिया।

    आयु ने जवाब में कहा, “मुझे सोचने के लिए टाइम चाहिए।”

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, “दे तो रहा हूँ टाइम… कल सुबह तक का टाइम है तुम्हारे पास। या तो ऑफ़िस आ जाना, या फिर कोर्ट में।”

    आयु बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई। वह घर पर आ गई, तो उसने किसी से कुछ नहीं कहा। हालाँकि, साक्षी ने उसे इंटरव्यू के बारे में पूछा, तो आयु ने उसे यह कहकर टाल दिया कि आज उसकी बारी ही नहीं आई, और वह थके होने का बहाना करके अपने कमरे में चली गई। वहीं आरव कॉन्फ़िडेंट था कि आयुष्का उसे हाँ ही बोलेगी।

    आयु पूरे दिन अपने कमरे में बंद रही। शाम को जब मंथन घर आया, तो वह हल्के गुस्से में था। उसे अफ़सोस भी हो रहा था कि आयु ऐसे बिना कॉन्ट्रैक्ट कैसे साइन कर सकती है। पांच करोड़ रुपए काफ़ी ज्यादा थे।

    मंथन अंदर आते ही आयु को आवाज़ लगाने लगा, “आयुष्का… आयु… कहाँ हो तुम? बाहर आओ।”

    साक्षी जल्दी से कमरे से बाहर आई। उसने कभी मंथन को आयु पर चिल्लाते हुए नहीं देखा था। मंथन को गुस्सा भी जल्दी से नहीं आता था; उसका स्वभाव काफ़ी शांत था।

    मंथन को गुस्सा करते देखा, साक्षी ने पूछा, “क्या हुआ, मंथन? तुम इस तरह आयु पर चिल्ला क्यों रहे हो?”

    “इसका मतलब उसने आपको कुछ नहीं बताया। एक तो बेवकूफ़ी करती है, ऊपर से अपनी गलतियाँ भी छुपाने लग गई।” मंथन ने सिर हिलाकर कहा।

    साक्षी उसकी बार समझी नहीं। उसने उलझन भरे स्वर में कहा, “पर हुआ क्या है, मंथन? आयु भी जब से आई है, गुस्से में लग रही है।”

    वहीं, मंथन की आवाज़ सुनकर आयु भी कमरे से बाहर आई। उसने मुँह बनाकर कहा, “क्या हुआ, मंथन! क्यों चिल्ला रहे हो? मेरा मूड ऐसे ही सड़ा हुआ है।”

    मंथन ने साक्षी की तरफ़ देखा और कहा, “दी! क्या आप इस बारे में जानती हैं कि आज आयु डिजायर्स में इंटरव्यू देने के लिए गई थी? इसे तो आरव सर पसंद ही नहीं है, फिर वह वहाँ इंटरव्यू के लिए कैसे जा सकती है? अगर गई भी थी, तो एक बार मुझे बता देना चाहिए था।”

    साक्षी ने उसे शांत करते हुए कहा, “मंथन! मैंने भेजा था आयु को वहाँ पर… और तुम्हें बता देती, तो भी तुम क्या कर लेते।”

    आयु ने चिढ़ते हुए कहा, “और मंथन! मैं कब तुमसे परमिशन लेकर कहीं भी आती-जाती हूँ… या अपनी सारी बातें बताती हूँ।”

    “लेकिन इस बार बात अलग है, आयु। दी! आपको नहीं पता आज ऑफ़िस में क्या हुआ? आप जानती हो ना आरव कितना ज़िद्दी है। उसे जो चाहिए होता है, वह बाय बुक और बाय क्रुक उसे लेकर रहता है। उसने धोखे से आयु से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया। और अब वह चाहता है कि आयु उसके लिए मॉडलिंग करे।” ऑफ़िस में जो भी हुआ था, उसके बारे में मंथन ने साक्षी को बता दिया था।

    सब कुछ जानने के बाद साक्षी भी हैरान रह गई। उसे आयु के लिए बुरा भी लग रहा था। साक्षी ने आयु के पास आकर उसका कंधा सहलाकर कहा, “आयु! तुमने मुझे बताया क्यों नहीं?”

    आयु ने धीरे से कहा, “दी! मैं क्या बताती आपको? उस आरव खुराना ने मुझे कुछ बोलने और सोचने-समझने का मौका ही नहीं दिया। मुझे लगा कि वह मुझे डिजाइनर की जॉब ऑफ़र कर रहा है। तो मैंने बिना सोचे-समझे कॉन्ट्रैक्ट साइन कर दिया, लेकिन उसने मुझे मॉडल के तौर पर हायर किया और कॉन्ट्रैक्ट की क्लॉज़ेज़ के हिसाब से अगर मैंने कॉन्ट्रैक्ट तोड़ा, तो मुझे उसे पांच करोड़ रुपए देने पड़ेंगे, वह भी दो दिन में…” उसे सब बताने के बाद आयु के चेहरे पर मायूसी के भाव थे।

    साक्षी ने आयु के गले लगते हुए कहा, “आई एम सॉरी, आयु! मुझे तुम्हें डिजायर्स में भेजना ही नहीं चाहिए था। यह जानते हुए भी कि आरव अपनी ज़िद में आकर कुछ भी कर सकता है।”

    आयु बीच मंझधार में फँस गई थी। मंथन किसी भी हाल में उसे अकेला नहीं छोड़ सकता था। वह उसके पास आया और नरम लहजे में कहा, “देखो, आयु! अगर तुम्हें मॉडलिंग नहीं करनी है, तो तुम्हारे ऊपर कोई ज़बरदस्ती नहीं है। मैं भी जॉब छोड़ दूँगा।”

    आयु ने पूरा दिन सोचने में लगा दिया था कि उसे क्या करना चाहिए। उसने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “नहीं, मंथन… मैंने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। मैं करूँगी उसका कैटलॉग शूट। उसने प्रॉमिस किया है कि बाद में वह मुझे डिजाइनर की जॉब देगा। हाँ, मुझे उस पर ट्रस्ट तो नहीं है।”

    साक्षी ने आयु को समझाते हुए कहा, “यू कैन ट्रस्ट हिम। अगर उसने प्रॉमिस किया है, तो वह अपना वादा कभी नहीं तोड़ेगा।”

    “यह तो वक़्त ही बताएगा, दी।” आयु ने जवाब दिया।

    अपने दिल पर पत्थर रखकर आयु ने आरव के लिए मॉडलिंग करने का फैसला कर लिया था। यह उसके लिए आसान नहीं रहने वाला था, यह बात मंथन और साक्षी दोनों जानते थे। लेकिन साथ ही उसे इस मुसीबत से निकालने का और कोई रास्ता भी नज़र नहीं आ रहा था। अगर वह कोर्ट केस और लीगल इश्यूज़ में पड़ते, तो उनका टाइम और पैसा दोनों ही बर्बाद होना था।

    उधर आरव खुश था कि उसे उसके कैटलॉग शूट के लिए मॉडल मिल गई… और वह साक्षी को बताने के लिए उसके घर पर गया, इस बात से अनजान, आयु मंथन के साथ उसके घर पर रहती है, आरव काफ़ी एक्साइटेड होकर वहाँ पहुँचा।

    आरव ने खुशी से चिल्लाते हुए अंदर आया, “साक्षी… साक्षी… मुझे मॉडल मिल…” आयु को अचानक वहाँ देखकर आरव रुक गया। उसने चौंकते हुए पूछा, “तुम? मिस मॉडल, तुम यहाँ क्या कर रही हो?”

    साक्षी ने काफ़ी शांत लहजे में कहा, “यह मंथन की गर्लफ़्रेंड है। आओ, ज्वाइन करो…”

    यह सुनकर आरव को एक झटका सा लगा। ना जाने क्यों, आयु मंथन की गर्लफ़्रेंड है, यह सुनने के बाद उसे अच्छा नहीं लगा। लेकिन उसने अपने चेहरे के एक्सप्रेशंस को नॉर्मल रखा।

    आरव ने साक्षी के पास बैठते हुए कहा, “मंथन! तुमने मुझे बताया क्यों नहीं? मैं पहले भी यहाँ काफ़ी बार आ चुका हूँ, इसे पहले नहीं देखा।”

    आयु ने आरव को बात का जवाब देते हुए, सार्कैस्टिकली मुस्कुराते हुए कहा, “सब तुम्हारी गर्लफ़्रेंड की तरह नहीं होते, जो अपने रिलेशनशिप का ढिंढोरा पीटते रहते हैं हर वक़्त।” आयु पहले आरव से बचने की कोशिश करती थी, पर आज वह खुलकर उसका सामना कर रही थी।

    आरव ने आयु की बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। उसके लिए उसका ड्रीम प्रोजेक्ट इम्पॉर्टेंट था। आरव ने सीरियस अंदाज़ में पूछा, “तो तुम रेडी हो?”

    आयु जवाब में कुछ कहती, उससे पहले साक्षी ने कहा, “और मैं तुमसे गुस्सा हूँ। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।”

    आरव ने बेपरवाही से कहा, “बस एक महीने की बात है। कुछ नहीं होगा, टीम काफ़ी सपोर्टिव है।” उसके बाद आरव ने आयु का रुख़ किया, तो वह अपने मोबाइल में लगी थी।

    आयु के चेहरे पर मुस्कराहट थी और वह इस वक़्त किसी से बात कर रही थी।

    आरव ने आयु को पॉइंट करते हुए कहा, “मंथन, लगता है, तुम्हारी गर्लफ़्रेंड के वर्चुअल फ़्रेंड्स काफ़ी हैं। वैसे, मिस मॉडल, तुम क्या पर्सनली जानती हो उन्हें, जो इतना विश्वास कर रही हो? पता नहीं क्या सोशल मीडिया पर लोग होते कुछ है और दिखाते कुछ है। तुम्हें ऐसे ट्रस्ट नहीं करना चाहिए, वह भी एक अनजान पर…”

    आयु ने आइज़ रोल करके कहा, “ज्ञान भी कौन दे रहा है, जिसने आज ही किसी से धोखे से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया है। खैर, कुछ रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं। डेस्टिनी हमारी लाइफ़ में ऐसे ही किसी को नहीं भेजती।”

    आयु काफ़ी पॉज़िटिवली सब बता रही थी, लेकिन आरव के चेहरे पर मॉकिंग स्माइल थी। उसने उसी अंदाज़ में कहा, “ग्रेट यार, पर वो क्या है ना, मुझे डेस्टिनी और दिलों के रिश्ते समझ नहीं आते हैं।”

    आयु ने सिर हिलाकर कहा, “लगा ही था, तुम नहीं समझोगे। दिल के रिश्ते वो होते हैं, जहाँ प्यार मायने रखता है, ना कि यह कि वह आपके साथ है भी या नहीं। मेरे हिसाब से प्यार को शादी जैसे नाम की ज़रूरत नहीं है, और वह दुनियादारी से परे होता है।”

    “यहाँ मैं तुमसे एग्री करता हूँ। शादी में तो मेरा भी यकीन नहीं है।” आरव ने जवाब दिया।

    आरव और आयु एक-दूसरे से काफ़ी नॉर्मल ही बात कर रहे थे, जबकि आज ही ऑफ़िस में दोनों की बहुत बड़ी बहस हुई थी।

    उन दोनों को आपस में डिबेट करते देखकर मंथन ने धीमी आवाज़ में साक्षी से कहा, “इन दोनों को देखकर कोई नहीं कह सकता कि आज ऑफ़िस में उनके कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ाई हुई थी। आपको वह ड्रामा देखना चाहिए था, दी।”

    मंथन के याद दिलाने पर साक्षी ने आरव से फिर से पूछा, “अगर तुम दोनों की रिश्तों पर बहस हो गई हो, तो मेरे सवालों के जवाब भी दे दो, आरव। मुझे बताओ कि तुमने आयु के साथ ऐसा क्यों किया? देखो, किसी के साथ धोखाधड़ी करना और इस तरह कॉन्ट्रैक्ट बनाकर उसे फँसाना इलीगल है। इलीगल तो दूर की बात है, यह इन्ह्यूमन भी है।”

    आरव ने साक्षी की तरफ़ देखा और कंधे उचकाते हुए कहा, “मुझे मॉडल चाहिए थी। ऑलरेडी मेरा कलेक्शन डिले हो गया है। मैंने उसे प्रॉमिस किया है, शूट कंप्लीट होते ही मैं उसकी क्वालिफ़िकेशन के हिसाब से उसे काम दे दूँगा।”

    “और तुम्हें क्या लगता है, तुम्हारा इतना सब कुछ करने के बाद मैं तुम पर ट्रस्ट कर पाऊँगी, आरव खुराना?” आयु ने गुस्से में कहा।

    “कोई बात नहीं, थोड़ा पेशेंस रखकर देख लो, यकीन भी हो जाएगा। खैर, मैं अब चलता हूँ। उम्मीद है, मिस मॉडल, कल सुबह तुम टाइम पर शूट पर आ जाओगी।” आरव ने आयु की तरफ़ देखकर कहा और फिर उन्हें बाय बोलकर वहाँ से जाने लगा।

    आज आरव की आयु से दो बार मुलाक़ात हुई थी और दोनों ही बार में उसने उसका एक अलग रूप देखा था। आयु की बातें आरव के ज़हन में घर कर गई थीं। जब से वह उससे मिला था, उसी के बारे में सोच रहा था।

    आरव ने चलते हुए, अपने घर जा रहा था। उसने मन ही मन बड़बड़ाकर कहा, “पता नहीं क्यों मैं सोच रहा हूँ इस लड़की के बारे में… जबकि मुझे तो नाम भी नहीं पता क्या है। यह मंथन की गर्लफ़्रेंड है और दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में भी रह रहे हैं। मैं तो साक्षी से मिलने इतनी बार गया हूँ, मैंने तो कभी नहीं देखा उसे। और पता नहीं किन-किन नामों से बुला रही थी मुझे, जैसे जानती हो मुझे। वह मुझे इतनी नफ़रत क्यों करती है। कभी-कभी इसे देखकर फ़ीलिंग आती है कि मैंने इसे पहले भी कहीं देखा है।”

    अपने ख़्यालों में खोए हुए, खुद से बातें करते हुए आरव अपने घर पहुँच चुका था। हमेशा की तरह माहिरा, उसके मना करने के बावजूद, उसका इंतज़ार कर रही थी। जैसे ही आरव घर पहुँचा, माहिरा तेज़ कदमों से चलकर उसके पास आई और उसके सीने से लग गई थी।

    “आरव, बेबी! आई लव यू।” माहिरा आरव से चिपकते हुए बोली।

    आरव ने आइज़ रोल की और कहा, “बोलो, क्या चाहिए?”

    माहिरा जल्दी से आरव से अलग हुई और मुँह बनाकर कहा, “ऐसा क्या है उस लड़की में, जो तुमने उसे सेलेक्ट किया? मैं उसे बोल दूँगी कि मेरे आरव से दूर ही रहना। मानती हूँ, दिखने में खूबसूरत है, पर उसमें मॉडल वाली बात नहीं है।”

    “तुम उसे कुछ नहीं कहोगी, माही। मैंने बहुत मुश्किल से उसे कन्विन्स किया है। वैसे भी वह बहुत अलग है, तुम नहीं समझोगी।” आरव ने गहरी साँस लेकर कहा और वहाँ से जाने को हुआ।

    आरव ने कुछ कदम ही आगे बढ़ाए थे कि माहिरा पीछे से आकर उसके पीठ से फिर से चिपक गई थी। उसने आरव से पूछा, “अब ऐसा भी क्या ख़ास है उसमें, जो तुम कब से उसकी तारीफ़ें किया जा रहे हो।”

    “पता नहीं, कुछ तो बात है। उसकी थिंकिंग भी काफ़ी डिफ़रेंट है। वह इस टाइम में भी डेस्टिनी और सच्चे दिल के रिश्ते में यकीन रखती है। वरना आजकल तो लड़कियों को बॉयफ़्रेंड से कम उनके क्रेडिट कार्ड से ज़्यादा प्यार होता है।” आरव ने खोए हुए अंदाज़ में कहा।

    “उसे छोड़ो, हम अपनी बात करते हैं। क्यों ना हम शादी कर लेते हैं, आरव?” माहिरा ने सीरियस अंदाज़ में पूछा, जिस पर आरव उसकी तरफ़ घूरकर देखने लगा।

    आरव ने भौंहें उठाकर पूछा, “ब्रेकअप चाहिए?”

    माहिरा ने नज़रें झुकाकर कहा, “नो…”

    आरव ने सख्त अंदाज़ में कहा, “तो अपनी जुबान पर शादी का शब्द ही मत लाना। तुम्हारी हर ज़रूरत पूरी कर रहा हूँ मैं, वो भी बिना किसी सवाल के, तो जितना तुम्हारा काम है, उतना ही करो।”

    आरव ने गुस्से से कहा और फिर अपने कमरे के अंदर चला गया था। माहिरा उसको मनाने के लिए उसके पीछे आ रही थी, पर आरव ने उसके मुँह पर दरवाजा बंद कर दिया, जिससे माहिरा के चेहरे पर मायूसी के भाव थे।

    “आज नहीं, तो कल मैं तुम्हें शादी के लिए मना ही लूँगी, और मैं जानती हूँ मुझे यह कैसे करना है, आरव। फिर तुम्हारी ज़िन्दगी में यह डेस्टिनी नाम की फ़िलॉसफ़ी किसी काम नहीं आएगी। और तुम, मिस मॉडल, मेरे रहते मेरे आरव के करीब कभी नहीं आ पाओगी।” माहिरा ने इविल स्माइल करते हुए कहा।

    आरव और माहिरा काफ़ी टाइम से साथ थे। आज से पहले माहिरा ने शादी पर इतना ज़ोर नहीं दिया था क्योंकि आरव अपने काम को लेकर काफ़ी डेडीकेटेड रहता था, लेकिन आज उसकी आँखों में कुछ और ही ज़ज़्बात नज़र आ रहे थे। आयु ने भले ही एक मॉडल के तौर पर डिजायर्स को ज्वाइन किया हो, पर इस वक़्त माहिरा को उसके रूप में ख़तरा नज़र आ रहा था।

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  • 10. Billionaire's accidental wife - Chapter 10

    Words: 2111

    Estimated Reading Time: 13 min

    आरव आयु को लेकर कुछ ज़्यादा ही पजेसिव हो रहा था। ऊपर से, माहिरा और उसका रिश्ता भी कुछ खास नहीं था। माहिरा को कहीं न कहीं आयु से डर लगने लगा था कि कहीं आरव उसकी तरफ़ अट्रैक्ट होते हुए माहिरा को न छोड़ दे।

    माहिरा कुछ भी करके आरव और आयु को अलग रखना चाहती थी। उसके लिए उसने प्लान बनाना शुरू कर दिए थे।

    अगली सुबह, अपनी आदत के मुताबिक़, आरव जल्दी तैयार हो गया, जबकि माहिरा जानबूझकर देर कर रही थी।

    आरव ने ब्रेकफ़ास्ट के बाद घड़ी में समय देखा और बाहर से चिल्लाते हुए कहा, “माही, आर यू रेडी? यू नो वैरी वेल, मुझे देर करना पसंद नहीं है।”

    आरव की आवाज़ सुनकर माहिरा जल्दी से बाहर आई। वह आज ज़रूरत से ज़्यादा तैयार हुई थी, ताकि आरव का ध्यान उस पर रहे।

    माहिरा ने आरव की तरफ़ देखा। उसने बार-बार पलकें झपकाकर अपनी आँखें नम कीं और इमोशनल टोन में बोली, “आरव, मुझे तुमसे एक वादा चाहिए। देखो, तुम्हें मेरी फ़ीलिंग्स को समझना होगा। तुम उस मॉडल की तरफ़ कुछ ज़्यादा ही अट्रैक्ट हो रहे हो। प्रॉमिस करो मुझे कि तुम काम के अलावा उससे कोई बात नहीं करोगे, और काम ख़त्म हो जाने के बाद उसे निकाल दोगे।”

    माहिरा ऐसे रिएक्ट कर रही थी जैसे उसका और आरव का रिश्ता कितना ही गहरा था। आरव ने इरिटेट होकर आइज़ रोल कीं और कहा, “अपनी बकवास बंद करो, और अपना यह गर्लफ़्रेंड पुराण उस मॉडल के सामने मत शुरू कर देना। अगर वो लड़की प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले भाग गई, तो पक्का मैं तुम्हें छोड़ दूँगा।”

    आरव माहिरा की हरकतों से अच्छी तरह वाकिफ़ था, इसलिए वह उसे पहले ही वॉर्न कर रहा था।

    माहिरा ने झट से जवाब में कहा, “वो तो वैसे भी नहीं जा पाएगी। पांच करोड़ रुपये नहीं हैं उसके पास। पांच करोड़ तो क्या, मुझे तो उसकी औक़ात पांच हज़ार रुपये वाली भी नहीं लगती।”

    माहिरा के पास खुद का कुछ नहीं था; जो भी था, वह आरव के दम पर था। फिर भी, वह दूसरों को नीचा दिखाने से बाज़ नहीं आती थी। उसकी यह आदत आरव को बिल्कुल पसंद नहीं थी।

    आरव ने तिरछी निगाहों से माहिरा की तरफ़ देखा और कोल्ड वॉइस में कहा, “अपनी औक़ात भी मत भूलो। ना तो तुम उस जॉब के काबिल हो, और ना ही इस लग्ज़री की… जो तुम्हें मिल रही है।”

    इतना कहकर आरव माहिरा को वहीं पर छोड़कर अकेले ऑफ़िस जाने के लिए निकल गया। माहिरा को अब अपने किए पर पछतावा हो रहा था।

    माहिरा ने सिर पकड़कर कहा, “यह मैंने क्या कर दिया! खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली। अगर यही चलता रहा, तो सच में वह किसी और के पास चला जाएगा, और मेरे हाथ कुछ नहीं लगेगा। मुझे आरव को कैसे भी करके मनाना ही होगा, जो कि आसान तो बिल्कुल नहीं रहने वाला।”

    माहिरा तुरंत आरव के पीछे ऑफ़िस जाने के लिए निकल गई। आरव उसके लग्ज़री लाइफ़ और फ़्यूचर की चाबी था; वह इतनी आसानी से उसे नाराज़ नहीं कर सकती थी।

    वहीं दूसरी तरफ़, मंथन ऑफ़िस के लिए तैयार हो चुका था और आयुष्का का इंतज़ार कर रहा था। आयुष्का तैयार होकर बाहर आई, तो देखा कि साक्षी भी तैयार होकर बाहर खड़ी थी।

    उसे वक़्त से पहले तैयार देखकर आयु ने हैरानी से पूछा, “दी, अभी हॉस्पिटल जाने में टाइम है। अभी आप कहाँ जा रही हैं? आज भी आपकी हियरिंग है क्या?”

    “नहीं, आयु, मेरी कोई हियरिंग नहीं है आज, ना ही मैं हॉस्पिटल जा रही हूँ। मैं आरव के प्रोजेक्ट के लिए मॉडलिंग करने जा रही हूँ, ताकि तुम्हें मॉडलिंग ना करनी पड़े। मैं जानती हूँ तुम्हें मॉडलिंग बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मेरे मना करने के बाद ही आरव ने तुम्हें हायर किया था। जब मैं हाँ कह दूँगी, तो तुम खुद ब खुद इस कॉन्ट्रैक्ट से आज़ाद हो जाओगी।” साक्षी ने मायूसी से मुस्कुराते हुए कहा। वह आयु को मुसीबत में नहीं पड़ना चाहती थी, वह भी आरव की एक सिली सी ज़िद के चलते।

    साक्षी पहले ही काफ़ी बिज़ी रहती थी। उसे आयु की परवाह करते देख मंथन उसके पास आकर बोला, “दी, आप भी प्रेशराइज़ होकर कोई डिसीज़न ना लें। आयु रेडी है, कल रात हमने सब डिसाइड कर लिया था।”

    आयु भी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए बोली, “मंथन बिल्कुल ठीक बोल रहा है, दी। पहले मैं इसके लिए तैयार नहीं थी, लेकिन रात को मैंने गौर से सोचा तो यही पाया कि उसका प्रोजेक्ट करने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। ऊपर से, मैं वहाँ अकेली नहीं हूँ; मंथन भी मेरे साथ है, तो मुझे घबराने की ज़रूरत नहीं है।”

    साक्षी ने कन्फ़र्म करने के लिए एक बार फिर से पूछा, “श्योर, आयु? आरव थोड़ा ज़िद्दी है; वह तुम्हें तंग भी कर सकता है।”

    “यस, दी। आप टिया को स्कूल छोड़ देना।” आयु ने काफ़ी लाइटली जवाब दिया। फिर वह मंथन की तरफ़ पलटकर हल्का मुस्कुराकर बोली, “चलो, मंथन, आज तुम्हारी गाड़ी में ऑफ़िस चलते हैं। मेरी स्कूटी आज थोड़ा आराम करेगी। सर्विस सेंटर में भेजा है।”

    “ऑलवेज़ रेडी, मैडम।” मंथन ने मुस्कुराकर कहा और फिर आयु की कमर पर हाथ रखकर वह दोनों बाहर की तरफ़ जाने लगे।

    उन दोनों को साथ देखकर साक्षी के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ गई थी।

    कुछ ही देर में मंथन और आयु डिजायर्स के ऑफ़िस के आगे खड़े थे। उसी समय आरव भी ऑफ़िस आया था। मंथन के साथ होने की वजह से आयु का स्ट्रेस दूर हो गया था और वह उसके साथ मुस्कुराते हुए आगे बढ़ रही थी। उन्हें इस तरह एक साथ हँसते-मुस्कुराते देख, ना जाने क्यों आरव को अच्छा नहीं लग रहा था।

    आरव ने अपने कदम उनकी तरफ़ बढ़ाए। वह उनसे कुछ कदम ही पीछे था, तभी आरव ने तेज आवाज़ में आयु को बुलाते हुए कहा, “स्टॉप! मंथन, एंड यू टू, मिस मॉडल।”

    आरव आयु को उसके नाम से बुलाने के बजाय उसे “मिस मॉडल” कहता था। यह बात आयु को बिल्कुल पसंद नहीं थी। वह उसकी तरफ़ पलटी और चिढ़ते हुए बोली, “मेरा कुछ नाम है, शायद।”

    आरव ने बेपरवाही से सिर हिलाया और बोला, “पर तुमने मुझे अपना नाम नहीं बताया… और ना ही मैं जानने में इंटरेस्टेड हूँ। मैंने तुम दोनों को इसलिए यहाँ रोका है क्योंकि ऑफ़िस में किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है। मैं नहीं चाहता कि ऑफ़िस के अंदर इस तरह लव कपल्स बनने शुरू हो जाएँ और फिर काम के बजाय यह कोई रोमांटिक कैफ़ेटेरिया नज़र आए।”

    आरव ने उन पर एक नया ही रूल थोप दिया था। मंथन ने आरव से बोला, “लेकिन सर…”

    आरव उसकी बात पूरी होने से पहले ही बीच में बोला, “लेट मी स्पीक… कल से तुम दोनों अलग-अलग ऑफ़िस आओगे।”

    “पर ये तो कॉन्ट्रैक्ट में नहीं लिखा था?” आयु ने उसे घूरते हुए कहा।

    “नहीं लिखा था, तो लिखवा लूँगा। आगे से तुम दोनों मुझे ऑफ़िस में एक साथ नहीं दिखने चाहिए।” आरव सख्ती से बोला।

    आरव उन दोनों को डाँटकर अंदर चला गया, जबकि मंथन उसके रवैये से हैरान था। उसे किसी की लाइफ़ में पहले इतना इंटरेस्ट नहीं था।

    मंथन का मुँह खुला था। वह बड़बड़ाते हुए बोला, “अब इन्हें क्या हुआ अचानक से?”

    “यह क्या इतना ही खड़ूस है?” आयु ने मंथन की तरफ़ देखते हुए पूछा।

    “नहीं… इन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता किसी की भी रिलेशनशिप से। पर लगता है ज़रूर माहिरा से झगड़ा हुआ होगा। उसकी वजह से किसी का भी मूड सड़ सकता है।” मंथन ने जवाब दिया। उसने इसे काफ़ी कैज़ुअली किया।

    “तो हम क्या करें? ये इसकी प्रॉब्लम है।” आयु ने सिर हिलाकर कहा।

    मंथन नहीं चाहता था कि ऑफ़िस के पहले दिन ही आरव की वजह से आयु का मूड अपसेट हो। मंथन ने सिर हिलाया। उसने आयु के गाल पर हाथ रखकर कहा, “छोड़ो उन्हें… तुम अपने काम पर फ़ोकस करना। भले ही सर ने हमें मिलने या बात करने से मना किया है, लेकिन कोई भी प्रॉब्लम हो, तो बस एक मैसेज कर देना।”

    आयु ने मुस्कुराकर उसकी बात पर हामी भरी। मंथन ने उसे हल्के से हग कर लिया, ताकि आयु का मूड अच्छा हो जाए। वहीं, इस वक़्त कोई उन्हें देख रहा था। वह कोई और नहीं, आरव था।

    आरव अपने केबिन की खिड़की पर खड़ा, नीचे उन दोनों को देख रहा था। उसका हाथ दीवार पर कसा हुआ था।

    आरव ने हल्के गुस्से में कहा, “मैंने इन दोनों को साथ दिखने से मना किया था, पर ये खुलेआम ऑफ़िस के बाहर गले लगकर खड़े हैं। हाँ, यही बाकी रह गया था।”

    आरव कुछ देर बाद वापिस चेयर पर आकर बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसने सबको अपना कलेक्शन दिखाने के लिए मीटिंग बुलाई। वह सबको अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की डिज़ाइन्स दिखा रहा था।

    आयु खोई हुई निगाहों से उन आउटफ़िट्स को देख रही थी। उसने मन ही मन बड़बड़ाते हुए कहा, “ओह माय गॉड! इतनी परफ़ेक्ट डिज़ाइन! यकीन नहीं होता यह इस अकडू ने बनाई हैं। मुझे नहीं पता था कि यह इतना टैलेंटेड है।”

    आयु अपने ख़्यालों में खोई थी, तभी आरव की आवाज़ सुनकर उसका ध्यान टूटा।

    आरव ने अपनी गहरी आवाज़ में कहा, “ओके, गाइज़, आपको डिज़ाइन्स पता चल गई हैं। रियान, तुम फ़ोटोशूट की तैयारी करो। लोकेशन तैयार है। कियान, तुम आउटफ़िट्स में परफ़ेक्शन पर थोड़ा ध्यान दो। वैसे तो सब परफ़ेक्ट हैं, बट स्टिल कुछ चेंज करने हों, तो देख लेना। युवानी, तुम मेकअप आर्टिस्ट को कॉल करो और बोलो कि मॉडल रेडी है। वह आ जाए लोकेशन पर।”

    युवानी ने जवाब में कहा, “सर, मैंने कॉल कर दिया था, ऑफ़िस पहुँचती ही होगी सुहानी मैम।”

    आरव पहले ही पूरी तैयारी करके आया था। वहीं आयु ने सुहानी का नाम सुना, तो उसकी आँखों में चमक आ गई। आरव ने सुबह ही उसे मंथन से दूर रहने को कहा था, पर सुहानी के वहाँ आने का सुनकर वह काफ़ी खुश हो गई थी।

    आयु के मुँह से निकला, “मेकअप आर्टिस्ट सुहानी छाबड़ा? क्या वह आने वाली है यहाँ पर?” इतनी देर में आयु ने कुछ बोला था, वह भी प्रोजेक्ट से हटकर था, तो सब उसे अजीब नज़रों से देखने लगे।

    आरव ने हाँ में सिर हिलाकर कहा, “हाँ, तुम जानती हो उसे?”

    “हाँ, वह मेरी स्कूल फ़्रेंड है।” आयु ने जवाब दिया।

    आरव ने उसे घूरकर देखते हुए कहा, “स्कूल फ़्रेंड हो या पड़ोसन… मुझे टाइम वेस्ट करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं हैं। अगर एक मिनट भी गॉसिप करने में वेस्ट किया, तो सैलरी कटेगी तुम्हारी।”

    यही डिज़ायर्स का रूल था। आयु इन सबको काफ़ी हल्के में ले रही थी। उसने तिरछा मुस्कुराते हुए पूछा, “अच्छा, ऐसा है क्या? कितने पैसे कटेंगे?”

    आरव ने जवाब में कहा, “वह उस पर डिपेंड करता है कि तुम कितना टाइम वेस्ट करती हो।”

    “और मेरी सैलरी? वह कितनी होगी?” आयु ने आगे पूछा।

    सबको समझ आ रहा था कि आयु जानबूझकर आरव को इरिटेट कर रही है। बाकी सब लोग आरव के पेशेंस की मन ही मन तारीफ़ कर रहे थे, क्योंकि आज से पहले उसने इतने सवाल किसी के नहीं झेले थे।

    आरव ने दाँत पीसते हुए कहा, “लिसन, मिस मॉडल, स्टॉप इरिटेटिंग मी! कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी मिल जाएगी। उसे माइक्रोस्कोप लेकर आराम से पढ़ लेना। पता चल जाएगा कितनी सैलरी है। और इस बार ध्यान से पढ़ना, कहीं ऐसा ना हो, फिर से कोई फ़ायदा उठा ले।”

    आरव ने बातों ही बातों में उसे ताना मारा और वहाँ से चला गया। एक-एक करके सब वहाँ से बाहर निकल गए थे; बस आयु ही वहीं पर बची थी। आयु जब वहाँ से उठने को हुई, तो अचानक माहिरा उसके सामने आई। इस वक़्त माहिरा के चेहरे के भाव काफ़ी सख्त थे।

    आयु ने उसकी इस हरकत पर चिढ़ते हुए कहा, “एक्सक्यूज़ मी, प्रॉब्लम क्या है तुम्हारी, जो बार-बार मेरे बीच में आ जाती हो?”

    “बीच में तो तुम आ रही हो, वह भी मेरे और आरव के रिश्ते में। आई वॉर्न यू, मिस मॉडल। अगर शाम तक तुमने इस जॉब से रिज़ाइन नहीं किया, मॉडलिंग तो दूर की बात है, चेहरा आईने में देखने लायक नहीं छोड़ूंगी। इसे मेरी कोरी धमकी मत समझ लेना। रही पांच करोड़ रुपये की बात, तो मैं आरव से बात करके उसे मना लूँगी; तुम्हें पैसे नहीं देने पड़ेंगे। पर आज शाम के बाद तुम मुझे आरव के सामने दिखनी नहीं चाहिए।” माहिरा ने आयु को धमकी दी।

    “और मैंने तुम्हारी बात नहीं मानी, तो…” आयु ने बिना डरे कहा।

    माहिरा उसे देखकर मुस्कुराई और उसने अपने बैग से कुछ निकाला। आयु की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। माहिरा के हाथ में एक चाकू था, जिसे उसने आयु के गाल पर रख दिया था।

    अगर आयु थोड़ा सा भी हिलती, तो वह चाकू उसके गाल में धँस जाता। उसे चोट लगने से फ़र्क नहीं पड़ता था, लेकिन फ़िलहाल वह आरव के लिए मॉडलिंग करने जा रही थी और ऐसे में उसका चेहरा ही उसके लिए मायने रखता था।

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  • 11. Billionaire's accidental wife - Chapter 11

    Words: 1791

    Estimated Reading Time: 11 min

    आयु शूटिंग करने के लिए डिजायर्स पहुँच चुकी थी। वह आरव को जानबूझकर तंग कर रही थी। आरव उससे इरिटेट भी हो रहा था, पर वह बाकी लोगों की तरह उस पर गुस्सा नहीं कर सकता था। इस चीज़ को माहिरा ने भी नोटिस किया, और इससे माहिरा की इनसिक्योरिटी और बढ़ गई थी। सबके मीटिंग रूम से जाते ही माहिरा आयु के पास आई और उसे आरव से दूर रहने की धमकी देने लगी। माहिरा ने एक नाइफ निकालकर आयु के गाल पर लगा किया था। आयु के दिल की धड़कनें बढ़ने लगीं। एक छोटी सी चूक, उसे उम्र भर का ज़ख्म दे सकती थी।

    आयु ने गहरी साँस ली। उसने अपने दिल के डर को चेहरे पर हावी नहीं होने दिया, और पूरी बहादुरी से माहिरा का सामना किया। इससे पहले कि माहिरा आयु को चोट पहुँचा पाती, वहाँ किसी के कदमों की आहट हुई, तो माहिरा ने जल्दी से चाकू अपने पीछे छुपा लिया था।

    आयु भी माहिरा को दूसरी तरफ़ धकेलकर उससे दूर हो चुकी थी। आयु के चेहरे पर हल्के राहत के भाव थे। उन्होंने देखा, सामने सुहानी खड़ी थी, जो कि आयु की मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर आई थी। वह आयु की उम्र की ही थी, और मेकअप आर्टिस्ट होने की वजह से उसने अपने चेहरे पर अच्छा-ख़ासा मेकअप कर रखा था।

    माहिरा को इस तरह आयु के करीब देखकर सुहानी ने आँखें तरेर कर कहा, “तुम इसके इतना क्लोज़ क्या कर रही हो?”

    “हम बस बात कर रहे थे।” माहिरा ने झट से कहा।

    उसने अपने झूठ को छुपाने की कोशिश की, लेकिन आयु डरने या चुप बैठने वालों में से नहीं थी। उसने माहिरा को घूरते हुए कहा, “ओह, रियली? तुम इसे बात करना कहती हो? थोड़ी देर पहले तुमने मेरे चेहरे पर चाकू लगा रखा था, और मुझे चोट पहुंचने की धमकी दे रही थी। तुम्हें तो मैं छोड़ूँगी नहीं, मिस गर्लफ्रेंड! अभी जाकर तुम्हारे बॉयफ्रेंड को शिकायत लगाकर आती हूँ।”

    आयु वहाँ से जाने को हुई, तभी माहिरा ने उसका हाथ पकड़ लिया। वह बोली, “हे यू, मिस मॉडल! आरव मेरा बॉयफ्रेंड है। इट्स माय फर्स्ट एंड लास्ट वार्निंग: मेरे आरव से दूर रहना, तुम।”

    आयु ने उसे देखकर सिर हिलाकर पूरे एटीट्यूड से कहा, “हाँ, मूड तो मेरा भी कुछ ऐसा ही है। मैं तो ये जॉब भी नहीं करना चाहती थी, पर तुम्हारा वह बॉयफ्रेंड पीछे पड़ गया मेरे। तो... दूर रहना इम्पॉसिबल है, मिस गर्लफ्रेंड।”

    आयु की बात सुनकर माहिरा हँसने लगी। वह बोली, “यहाँ सब जानते हैं कि आरव और मैं एक-दूसरे से कितना प्यार करते हैं। वह तुम्हारे पीछे क्यों आएगा? हमारी जोड़ी परफेक्ट है: #आरा #कपल_गोल।”

    इतना कहकर माहिरा वहाँ से चली गई। उसके जाते ही आयु ने मुँह बनाकर कहा, “वैसे सही कहा इसने... जोड़ी तो बिल्कुल परफेक्ट है, उस शैतान और इस चुड़ैल की।”

    सुहानी हँसते हुए बोली, “#आरा। आरा नहीं, आरी होना चाहिए था। जब देखो एक-दूसरे को काटने को दौड़ते हैं। ख़ैर, उसे छोड़ो, ये बताओ, तुम मॉडलिंग कब से करने लगी? तुम्हें तो डिजाइनर बनना था ना?”

    “बहुत लंबी कहानी है, यार...!” आयु ने लाचारी से कहा, और फिर उस दिन की सारी कहानी सुहानी को सुना दी।

    आयु के साथ जो बुरा हुआ था, उसे सुनकर सुहानी ने अफ़सोस जताया, “हाँ, तभी मैंने सोचा तुम यहाँ पर क्या कर रही हो, मेरी फ़ैशन डिजाइनर। ख़ैर, कोई नहीं, शूट करके कॉन्ट्रैक्ट से फ़्री हो जाओ।”

    “हाँ, और कोई ऑप्शन नहीं है। जोक्स अपार्ट, डिजाइन्स एकदम परफ़ेक्ट बनाए हैं उसने। ही इज़ वेरी टैलेंटेड।” आयु ने आरव की तारीफ़ में कहा।

    “सो तो है।” सुहानी ने हँसकर कहा।

    सुहानी और आयु एक-दूसरे से काफ़ी टाइम बाद मिली थीं, इस वजह से दोनों बातें करने में व्यस्त हो गईं। इस बीच उन्हें यह भी ख़्याल नहीं आया कि आरव ने उन्हें लोकेशन पर पहुँचने के लिए कहा था।

    मंथन किसी फ़ाइल को लेने के लिए मीटिंग रूम में आया था। जब उसने उन दोनों को वहाँ पर देखा, तो वह जल्दी से बोला, “तुम दोनों अभी तक यहाँ क्या कर रही हो? अगर थोड़ी सी भी लेट हो गईं, तो आरव सर गुस्सा करेंगे।”

    “ओह, गॉड! मैं तो भूल ही गई थी। आयु, तुम्हारे साथ टाइम का पता ही नहीं चलता।” सुहानी ने अपने सिर पर हल्का सा मारते हुए कहा।

    उन्हें देर ना हो जाए, यह सोचकर मंथन आयु और सुहानी को लोकेशन पर लेकर गया।

    आरव ने शूटिंग के लिए चंडीगढ़ से दूर एक एस्थेटिक सा वेडिंग पैलेस बुक किया था। आयु, मंथन और सुहानी अंदर आए। वे लोग अंदर की सजावट देखकर हैरान रह गए। वह जगह बिल्कुल वैसे ही लग रही थी, जैसे कोई लड़की अपनी ड्रीम वेडिंग चाहती हो।

    आयु ने खोए हुए अंदाज़ में कहा, “अमेजिंग, यार! यह कितना ख़ूबसूरत लग रहा है।”

    “तुम अभी आरव के बारे में ठीक से जानती नहीं हो। वह हर काम काफ़ी परफ़ेक्टली करता है।” सुहानी ने जवाब दिया।

    एक बार फिर आयु और सुहानी काम पर लगने के बजाय उस जगह की ख़ूबसूरती की तारीफ़ करने में लगी थीं। आरव ने उन्हें बाहर की तरफ़ देखा, तो वह जल्दी से उनके पास गया।

    आरव ने घड़ी की तरफ़ इशारा करके सख्त आवाज़ में पूछा, “पूरी टीम यहाँ 1 घंटे पहले पहुँच चुकी है। इतनी देर तुम कहाँ थीं, और तुम्हें देर कैसे हो गई?”

    आरव के चेहरे पर गुस्से के भाव देखकर आयु ने जल्दी से कहा, “मंथन सर की वजह से... वह हम... मंथन की वजह से लेट हो गए थे।”

    आयु ने सारा दोष मंथन पर डाल दिया था। आयु की इस हरकत पर मंथन उसकी तरफ़ गुस्से में घूर रहा था। वहीं आरव की हँसी छूट पड़ी। शायद पहली बार ही आयु ने उसे इस तरह हँसते हुए देखा था। उसके गालों में हल्के डिम्पल उभर आए थे।

    मंथन ने गहरी साँस लेकर खुद में बड़बड़ाकर कहा, “इसका सही है। ग़लती खुद करो, और सामने मुझे कर दो।”

    आरव ने मंथन के कंधे पर हाथ रखकर तसल्ली देते हुए कहा, “डोंट वरी, ब्रो, होता है।”

    वहीं आयु आरव की हँसी को ध्यान से देखने लगी। वह धीरे से बोली, “तो यह शैतान हँसता भी है।”

    “व्हाट डिड यू से?” आरव ने चिढ़कर कहा।

    “वही, जो तुमने नहीं सुना।” आयु ने बेपरवाही से कहा।

    आरव ने आगे उससे कोई बहस नहीं की। वह सुहानी की तरफ़ देखते हुए बोली, “सुहानी, तुम्हारे पास 1 घंटा है, इसे रेडी करके लाओ।”

    सुहानी हैरानी से बोली, “पर एक घंटे में कैसे? आप भी जानते हैं, अच्छे से तैयार होने में आराम से तीन-चार घंटे का टाइम लगता है।”

    “अगर दोनों एक-दूसरे की हेल्प करोगी, तो हो जाएगा। वैसे तुम्हारी टीम आ गई है, तो हो जाएगा। चलो, जाओ।” आरव ने उन्हें ऊपर कमरे की ओर इशारा किया।

    आयु और सुहानी ऊपर रूम में जाने लगीं। आयु ने पलटकर आरव की तरफ़ देखा, जो बाकी अरेंजमेंट करवाने में लगा हुआ था।

    इस वक्त आयु के चेहरे पर गहरे गुस्से के भाव थे। उसने मन ही मन बड़बड़ाकर कहा, “अगर यहाँ सुहानी नहीं आई होती, तो तुम्हें अच्छे से सबक सिखाती, आरव खुराना। फिर तुम्हें एहसास होता कि किसी के साथ जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने का क्या नतीजा होता है। मेरे होते हुए यह शूट तुम आसानी से तो बिल्कुल नहीं कर पाओगे। मॉडल बनाया है ना मुझे, तो मॉडल वाले नख़रे देखने के लिए तैयार रहो।” आयु के चेहरे पर इविल स्माइल थी। उसने मॉडलिंग के लिए हाँ ज़रूर कह दी थी, पर इरादे उसके भी नेक नहीं थे।

    आयु की हेल्प करने के लिए हेड डिजाइनर की असिस्टेंट मीशा वहाँ आ गई थी, जबकि सुहानी उसका मेकअप सेट कर रही थी। सुहानी की टीम भी वहाँ पहुँच चुकी थी। आयु को ड्रेस सेट कराते हुए मीशा ने देखा कि आउटफ़िट में कुछ गड़बड़ थी।

    “अरे नहीं! इसे फ़िक्स नहीं किया, तो पूरा शूट गड़बड़ हो जाएगा। मैं अभी रेयान सर को बोलकर आती हूँ।” मीशा ने कहा।

    वह थोड़ा घबरा गई थी, क्योंकि ऑलरेडी उन्हें थोड़ा लेट हो रहा था, ऊपर से आउटफ़िट में अचानक आई गड़बड़ उन्हें और लेट करवा रही थी। जबकि आरव ने सबको पहले ही वॉर्न किया था कि वह हर एक चीज़ को चेक कर लें।

    सुहानी ने भी परेशान लहजे में कहा, “लेकिन मीशा, जब तक आयु ड्रेस नहीं पहनेंगी, तो मैं इसे रेडी कैसे करूँगी?”

    उन्हें परेशान देखकर आयु के चेहरे पर स्माइल आ गई। उसके बिना किसी मेहनत के आरव का काम बिगड़ रहा था, और उसे क्या चाहिए था।

    आयु ने काफ़ी बेपरवाही से कहा, “कोई नहीं, मीशा..! तुम आराम से जाओ और आराम से आओ। चलो, सुहानी..! हम दोनों गॉसिप करते हैं।”

    सुहानी उसे डाँटते हुए बोली, “तुम इतना कूल कैसे हो सकती हो? याद नहीं क्या, आरव ने क्या कहा था। उसे काम टाइम पर नहीं मिला, तो वह यहाँ भूचाल ला देगा।”

    “अब हम क्या करें, जब उस ख़ड़ूस खुराना के आउटफ़िट में ही प्रॉब्लम है।” आयु ने कंधे उचकाकर कहा।

    मीशा ने धीमी और पोलाईट टोन में कहा, “बट मैम... आप दूसरा आउटफ़िट भी तो पहन सकती हैं?”

    “उसने इसी का बोला था, तो मैं पहले यही पहनूँगी। चलो, जाओ अब। जल्दी रेडी करके लाओ, वरना तुम्हारा ख़ड़ूस बॉस फिर से बिगड़ जाएगा।” आयु ने जवाब दिया।

    मीशा ने सिर हिलाया और दौड़ते हुए आउटफ़िट लेकर रेयान के पास गई। आउटफ़िट की एम्ब्रॉयडरी सही करवाने के लिए रेयान ने वहीं पर टीम बुला ली, जिसे ठीक करने में उसे काफ़ी वक्त लगा। उधर 2 घंटे पूरे होते ही आरव ड्रेसिंग रूम में गया। वहाँ जाकर उसने देखा कि आयु और सुहानी बातें कर रही थीं। आयु का हल्का-फुल्का टचअप हो गया था, पर वह अभी तक तैयार नहीं थी।

    आयु सुहानी को अपने किस्से सुना रही थी। वह हँसते हुए बोली, “और पता है, मैंने उस मैनेजर की जो पिटाई करवाई थी ना... वहाँ पर हमारा सारा टाइम वेस्ट कर दिया उन ड्रीमलैंड कलेक्शन वालों ने। जब जॉब पहले से किसी को दे रखी थी, तो क्या ज़रूरत थी इंटरव्यू के लिए कैंडिडेट को बुलावाने की?”

    “तुम आज भी नहीं बदली। लोगों से बदला लेना तुम्हें अच्छे से आता है।” सुहानी ने मुस्कुराकर जवाब दिया।

    वहीं आरव ने उनकी बातें सुनीं, तो गुस्से में उसकी मुट्ठियाँ कस गई थीं। एक तो पहले ही उसका काम आयु की वजह से लेट हो रहा था, ऊपर से वह तैयार होने के बजाय बातें कर रही थी, जिससे उसे सख्त चिढ़ थी।

    “मैं तुम्हारी हरकतों को इग्नोर करता रहा। मुझे लगा कि तुम मुझे परेशान करने के लिए उल्टी-सीधी हरकतें कर रही हो, लेकिन यह मैं कभी नहीं सहने वाला, मिस मॉडल। मेरे काम को बिगाड़ने के लिए तुम इस हद तक चली जाओ? मैं तुम्हारे साथ बहुत नर्मी से काम लेने वाला था, लेकिन अब तुम्हें मेरे प्रोजेक्ट बिगाड़ने की सज़ा भुगतनी होगी।” आरव ने सर्द आवाज़ में कहा, और तेज़ी से अपने कदम कमरे के अंदर बढ़ा दिए थे। इस वक्त उसके चेहरे के भाव काफ़ी सख्त थे, जिसे देखकर किसी को भी डर लग जाए।

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  • 12. Billionaire's accidental wife - Chapter 12

    Words: 1727

    Estimated Reading Time: 11 min

    आरव ऊपर आयु को चेक करने आया था। उसने सुहानी और आयु को पूरे दो घंटे दिए थे, उसके बावजूद आयु तैयार नहीं थी। ऊपर से, आयु और सुहानी हँसते हुए बातें कर रही थीं। आरव अपने काम को लेकर कुछ ज़्यादा ही डेडिकेटेड था। उसे समय बर्बाद करने वाले लोगों से सख्त नफ़रत थी। आरव ने जब देखा कि आयु तैयार नहीं है, तब उसका गुस्सा सातवें आसमान पर था।

    आरव गुस्से में अंदर आते हुए चिल्लाया, “मैं यहाँ तुम दोनों को बातें करने की सैलरी नहीं देता हूँ! जब मैंने दो घंटे का समय दिया था, तो दो घंटे में मुझे सब कुछ तैयार चाहिए था! सुहानी, व्हाट आर यू डूइंग हियर?”

    आरव का गुस्सा देखकर सुहानी ने थूक निगला। वह अपनी सफ़ाई में हड़बड़ाते हुए बोली, “वो... वो सर... एक्चुअली, ड्रेस में कोई प्रॉब्लम थी। मीशा ड्रेस लेकर गई हुई है। उसके आने के बाद...”

    सुहानी की बात पूरी होने से पहले आरव उसकी बात बीच में काटते हुए जोर से झल्लाया, “तुम दोनों अंधी हो क्या? यहाँ सामने दो ड्रेसेस पड़ी हैं मैनिक्विन पर। तुम उनमें से किसी भी ड्रेस को पहनकर तैयार हो सकती थीं?”

    आयु को आरव के गुस्से से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था। उसने सिर हिलाकर बेपरवाही से बोली, “तुमने मुझे इसी ड्रेस का बोला था। मैं तो यही पहनूँगी पहले।”

    आरव ने गहरी साँस लेकर छोड़ी। उसने सिर पकड़कर कहा, “आर यू सीरियस? यहाँ पिछले तीन घंटे से सब तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं, और तुम यहाँ बैठकर गॉसिप कर रही हो। पहले लेट आई, तो एक घंटे टाइम ख़राब हुआ, और अब दो घंटे रेडी होने के दिए, वो भी वेस्ट कर दिए।”

    उसने आयु के नाखूनों को देखा। उसने बेसिक टच अप भी ठीक से नहीं किया था।

    आरव वहाँ रखा नेलपेंट उठाकर बोला, “एक नेलपेंट तो तुमसे लगाया नहीं गया। ये बातें करने से कोई फ़ायदा नहीं कि कैसे तुमने ड्रीमलैंड कलेक्शन के मैनेजर को सबक़ सिखाया। यू नो वॉट, तुम कितनी भी सफ़ाई दे दो, पर सच यह है, तुम वह जॉब डिजर्व ही नहीं करती थीं।”

    “हावव.. तुम हमारी बातें सुन रहे थे?” आयु ने अपने हाथों को मुँह पर रखा और कहा।

    आरव ने सख्ती से कहा, “माइंड योर लैंग्वेज... आई एम नॉट योर क्लासमेट।”

    आरव को पसंद नहीं आया कि आयु उससे तू-तड़ाक के लहजे में बात कर रही है। वह उसका बॉस था, इस हिसाब से आयु को उसे रिस्पेक्ट देनी ही थी।

    आयु ने ड्रामेटिक वे में हाथ जोड़कर कहा, “ओके, आरव सर! ग़लती हो गई। माफ़ कर दीजिए।”

    आरव ने चिढ़कर कहा, “यू आर इम्पॉसिबल। अब इनमें से कोई भी आउटफ़िट पहनो और एक घंटे में नीचे आओ। वरना...”

    आयु ने उसकी बात बीच में काटते हुए पूछा, “क्या वरना... जॉब से निकाल दोगे? यही क्या? निकाल दो।”

    आयु के चेहरे पर तिरछी मुस्कराहट थी। उसका आरव को इरिटेट करके काम छोड़ने का प्लान काम कर रहा था। आखिर उसने पूरी रात लगाई थी, यह सोचने में कि कैसे आरव खुद उसे काम से निकाले।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, “वह भी कर दूँगा। मेरे पाँच करोड़ रुपये लाकर मुझे दे दो बस।” वह भी इतनी आसानी से हार मानने वाला नहीं था।

    आरव ने उन्हें लास्ट वार्निंग देते हुए कहा, “अब मुझे कोई बहाना नहीं सुनना है, मिस मॉडल। शार्प एक घंटे में तुम मुझे तैयार नीचे मिलनी चाहिए।”

    अपनी बात कहकर आरव गुस्से में वहाँ से चला गया। जबकि आयु को उसके बर्ताव से हैरानी हो रही थी।

    आयु ने मुँह बनाकर कहा, “कितना रूड है यह आरव खुराना।”

    सुहानी ने उसे समझाते हुए कहा, “रूड नहीं, डेडिकेटेड बोलो। यही राज़ है उसकी सक्सेस का। यहाँ जो भी हाई सैलरी मिलती है, उसके पीछे बहुत सारी शर्तें हैं, मैडम। उसमें पहली और सबसे ज़रूरी शर्त यही है, आप टाइम वेस्ट नहीं कर सकते। अब छोड़ो, तुम्हें भी आरव से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी। चलो आओ, जल्दी से रेडी कर देती हूँ।”

    आरव को गए हुए लगभग एक घंटा बीत चुका था। नीचे शूट की पूरी तैयारी हो चुकी थी, बस उन्हें आयु के ही आने का इंतज़ार था। आरव का सारा स्टाफ़ काम में लगा हुआ था, इसलिए आयु को देखने के लिए माहिरा ऊपर आई। माहिरा ने देखा आयु अभी भी पूरी तरह तैयार नहीं थी, तो वह भी गुस्सा हो गई थी।

    माहिरा ने अंदर आते हुए सख्त अंदाज़ में कहा, “मैं तो बेवजह तुम्हें लेकर परेशान हो रही थी! तुम्हारी हरकतें ऐसी हैं कि अब खुद ही आरव तुम्हें यहाँ से निकाल देगा! अब तक तैयार नहीं हुई! वहाँ नीचे तुम्हारी वजह से सब कुछ लेट हो रहा है, और तुम मजे से बैठकर फ़ोटोस क्लिक कर रही हो।”

    आयु को माहिरा बिल्कुल पसंद नहीं थी। उसने उसे घूरकर देखा और उसी के लहजे में जवाब देते हुए कहा, “तुम होती कौन हो मुझे ऑर्डर देने वाली? अब यह मत कहना कि मैं आरव की गर्लफ़्रेंड हूँ। मेरा दिमाग ऐसे ही ख़राब है। जाओ, मेरे लिए जूस लेकर आओ।”

    “मैं तुम्हारी कोई सर्वेंट नहीं हूँ।” माहिरा ने चिढ़कर कहा।

    आयु उसकी तरफ़ देखकर तिरछा मुस्कुराई और बोली, “पर आरव की गर्लफ़्रेंड तो हो ना...? यहाँ उसी का काम चल रहा है। तो जाओ, और जूस लेकर आओ।”

    माहिरा ने भले ही आयु को कोई जवाब नहीं दिया हो, लेकिन वह उसके इस तरह बदतमीज़ी से बात करने पर काफ़ी गुस्सा हो गई थी। माहिरा बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई थी।

    वहीं नीचे सारा सेटअप कब से तैयार था, उन्हें बस आयु के आने का इंतज़ार था। काफ़ी देर तक आयु नहीं आई, तो हेड फ़ोटोग्राफ़र कियान आरव के पास गया। सबको आरव के बर्ताव पर थोड़ी हैरानी भी हो रही थी। वह किसी का एक मिनट भी इंतज़ार नहीं करता था, और यहाँ शूट होने से पहले सब आयु का इंतज़ार कर रहे थे।

    कियान ने आरव के पास जाकर बोरियत भरे लहजे में पूछा, “एवरीथिंग इज डन... मॉडल कहाँ है?”

    आरव ने शांति से जवाब में कहा, “वह अभी तैयार हो रही है, कियान।”

    कियान उसका जवाब सुनकर चौंक गया। उसने सिर हिलाकर कहा, “कम ऑन, आरव! हम पिछले तीन घंटे से वेट कर रहे हैं। इतना वेट तो तुम कंपनी के ओनर होकर भी नहीं करवाते, जितना तुम्हारी सेलेक्ट की हुई मॉडल करवा रही है! आई टेल यू, यह आगे जाकर तुम्हें चैन से जीने नहीं देगी! तुमने जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया है, इसका बदला ले रही है वह।”

    आरव भी कहीं ना कहीं आयु के इरादे समझ गया था, लेकिन वह चुप था। उसने कियान से कहा, “मैं आता हूँ अभी।” इतना कहकर आरव मंथन के पास जाकर बोला, “मंथन, तुम मेरे साथ आओगे?”

    मंथन ने उसकी बात पर हामी भरी और वह आरव के पीछे चलने लगा। आरव मंथन को लेकर पास के एक रूम में गया। उसे आयु के रवैये पर बहुत गुस्सा आ रहा था।

    मंथन उसे वहाँ बुलाने का कारण समझ पा रहा था। बाकी टीम आयु की वजह से इरिटेट थे। उसने धीमी आवाज़ में पूछा, “जी सर, बोलिए क्या हुआ?”

    “क्या बोलूँ मैं, मंथन? दिख नहीं रहा तुम्हें, पिछले चार घंटे से पूरा क्रू तुम्हारी गर्लफ़्रेंड के लिए वेट कर रहा है। और मैडम के नख़रे हैं जो ख़त्म होने के नाम नहीं ले रहे। प्लीज़, समझाओ उसे... अगर मैं समझाने पर आया, तो पता है तुम्हें क्या होगा।” आरव का सारा गुस्सा मंथन पर उतर रहा था।

    मंथन ने सिर हिलाया और कहा, “ओके, मैं उससे बात करता हूँ। प्लीज़, कूल डाउन, सर।”

    “मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ क्योंकि मुझे उस पर यकीन नहीं है। जो लड़की अपने किए का ब्लेम तुम्हारे ऊपर डाल सकती है, वह तुम्हें भी बातों में उलझा ही लेगी।” आरव ने जवाब दिया।

    उसकी बात पर हामी भरकर, वह दोनों साथ में आयु से बात करने के लिए निकल गए थे। आरव इतना शांत था, तो अपने ड्रीम कलेक्शन के लिए, वरना वह आयु को कब का निकाल चुका होता। उसके लिए शूट बहुत ज़रूरी था, ऊपर आयु का फ़ेस उसे परफ़ेक्ट लगा। यही वजह थी आरव आयु की बदतमीज़ियाँ और नख़रे झेल रहा था।

    वहीं दूसरी तरफ़ माहिरा अपनी इंसल्ट को भूल नहीं पाई थी। वह आयु से बदला लेने के फ़िराक़ में थी। उन लोगों ने नोटिस नहीं किया, लेकिन माहिरा की नज़रें कमरे पर टिकी हुई थीं। उसने देखा सुहानी कुछ देर के लिए रूम से बाहर गई थी और टीम भी इधर-उधर हो गई थी। शायद आयु अब तैयार थी, इस वजह से सभी किसी न किसी वजह से बाहर निकल रहे थे।

    माहिरा ने अपने हाथ में जूस का ग्लास लिया और अंदर कदम रखा, तो वहाँ कोई नहीं था। आयु अंदर बाथरूम गई हुई थी।

    “ओह, ग्रेट! मुझे तो खुद ही मौका मिल गया। तुमने मेरी इंसल्ट की थी ना, मिस मॉडल! मैं तुम्हारे साथ कुछ नहीं करूँगी, लेकिन आरव के गुस्से से आज तक कोई नहीं बच पाया है! वह तुम्हारी लेटलतीफी और नख़रे तो झेल सकता है, लेकिन अगर कोई उसकी मेहनत ख़राब करे, तो यह उसे कभी बर्दाश्त नहीं होता! देखते हैं वह गुस्से में क्या करता है।” माहिरा ने तिरछा मुस्कुराते हुए कहा और वहाँ रखे मैनिक्विन्स की तरफ़ बढ़ने लगी।

    वहाँ मैनिक्विन्स पर दो ड्रेसेस थीं, जो कि आरव ने डिज़ाइन की थीं। वह काफ़ी कीमती थीं, उससे ज़्यादा कीमती आरव की मेहनत थी, जो उसने दिन-रात उन पर लगाई थी।

    माहिरा ने उन ड्रेसेस को छूते हुए खोए हुए अंदाज़ में कहा, “कितनी ख़ूबसूरत हैं ये! इन पर सिर्फ़ मेरा हक़ है। आरव कैसे मेरा हक़ किसी और को दे सकता है? मिस मॉडल, तुम यह ड्रेस कभी नहीं पहन पाओगी। ऊपर से तुम्हें आरव का गुस्सा अलग से झेलना होगा।”

    माहिरा ने इधर-उधर देखा। उसकी नज़र वहाँ पड़े नेलपेंट पर गई। माहिरा ने मुस्कुराते हुए उसे उठाया और उनमें से एक ड्रेस पर डाल दिया। अपना काम ख़त्म करके वह दबे पाँव वहाँ से बाहर आ गई।

    “गुड बाय, मिस मॉडल! अब तुम्हें पता चलेगा माहिरा से पंगा लेने का नतीजा क्या होता है! अब देखते हैं आरव तुम्हारा क्या हाल करेगा! बहुत मज़ा आएगा! जब वो खुद तुम्हारा हाथ पकड़कर तुम्हें इस वेन्यू से सबके सामने इंसल्ट करके निकाल देगा! ऊपर से तुम्हें इन ड्रेसेस के पैसे भी भरने पड़ेंगे।” माहिरा ने बाहर आते हुए मन ही मन कहा।

    माहिरा आरव के गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ़ थी। उसे ज़्यादा इंतज़ार भी नहीं करना पड़ा। वह थोड़ा साइड में हुई थी कि तभी उसने देखा मंथन और आरव उसे कमरे की तरफ़ आ रहे थे। माहिरा ने आग तो लगा दी थी, बस अब ब्लास्ट होना बाकी था।


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  • 13. Billionaire's accidental wife - Chapter 13

    Words: 2195

    Estimated Reading Time: 14 min

    आयु से बदला लेने के लिए माहिरा ने आरव की डिज़ाइन की हुई ड्रेस पर नेलपेंट डाल दिया था। वह जानती थी, आरव की मेहनत को कोई ख़राब करे, तो वह गुस्से में पागल हो जाता है। अपना काम करने के बाद माहिरा चुपके से बाहर आ गई।

    वहीं माहिरा के जाने के बाद मंथन और आरव आयु के रूम में गए। आयु भी अब बाथरूम से बाहर आ गई थी। उसने अपना मेकअप करवा लिया था, बस आउटफ़िट के ब्लाउज़ में दिक्कत होने की वजह से उसने क्रॉप टॉप पहना था, जो ब्लाउज़ का ही लुक दे रहा था। आयु को फिर से पूरी तरह तैयार ना देखकर आरव के सब्र का बाँध टूट गया था।

    आरव ने मंथन को देखा और आयु की तरफ़ इशारा करके कहा, “लुक..! यह अभी भी रेडी नहीं है। कर क्या रही हो इतनी देर से? सीधे-सीधे बता क्यों नहीं देती, तुम बदला ले रही हो मुझसे?”

    इस बार आयु की कोई ग़लती नहीं थी। सुहानी के समझाने के बाद वह पूरी तरह कोऑपरेट कर रही थी।

    आयु ने जवाब में काफ़ी शांत लहजे में कहा, “इसमें मेरी क्या ग़लती है कि ड्रेस नहीं आया?”

    आरव ने सिर हिलाया और कहा, “आर यू मेड? तुम्हें वह दो-दो ड्रेस दिखाई नहीं दे रही हैं? ये...।” बात करते वक़्त आरव का ध्यान उस ड्रेस पर गया, जिस पर नेलपेंट गिरा था। आरव ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

    उस ड्रेस को देखकर आरव का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था। उसके माथे की नसें तनने लगी थीं। अब सब कुछ उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था।

    आरव ने आयु पर चिल्लाते हुए कहा, “यह क्या किया तुमने? तुम्हें मुझसे बदला लेना था, तो तुमने मेरी मेहनत को बर्बाद कर दिया। यू नो वॉट, अब तक तुम जो भी कर रही थीं, उससे मुझे लग रहा था तुम बस अपना गुस्सा निकाल रही हो, पर यह सच में डिस्गस्टिंग है, मिस मॉडल।”

    आरव को गुस्से में देखकर मंथन भी घबरा गया था। देखा जाए, तो इसमें आरव की भी कोई ग़लती नहीं थी। उसने महीने दिए थे उस ड्रेस को बनाने में; उसे माहिरा ने एक झटके में बर्बाद कर दिया था, और अब सारा इल्ज़ाम आयु पर आ रहा था।

    आयु ने अपनी सफ़ाई देते हुए कहा, “यह मैंने नहीं किया। ट्रस्ट मी... एक डिज़ाइनर होने के नाते मैं समझ सकती हूँ, एक ड्रेस को बनाने में कितनी मेहनत लगती है। प्लीज़, मेरा यकीन करो।”

    आरव ने सार्कास्टिकली सिर हिलाया और कहा, “ओह, रियली? मैं तुम पर ट्रस्ट करूँ? और वह क्यों? एक भी रीज़न दिया है तुमने मुझे? तुम पिछले 4 घंटों से सबका टाइम वेस्ट कर रही हो। ज़रूर उस आउटफ़िट में भी तुमने ही कुछ गड़बड़ की होगी, ताकि हमारा काम रुक जाए।”

    आयु में कितनी भी जिद और गुस्सा क्यों ना हो, लेकिन वह ऐसी हरकत कभी नहीं कर सकती थी। आयु को मंथन से बेहतर और कौन जान सकता था?

    मंथन ने आयु का पक्ष लेते हुए कहा, “यह सच कह रही है, सर। आयु ऐसा कभी नहीं कर सकती।”

    आरव ने मंथन से कहा, “मुझे पता था तुम इसी का फ़ेवर करोगे। कोई बात नहीं, मैं साबित कर देता हूँ।” इतना कहकर आरव ने आयु का हाथ उठाकर दिखाया और बोला, “यह देखो... इसने सेम नेलपेंट लगा रखी है। ड्रेस भी तुमने ही ख़राब की है। क्यों किया तुमने ऐसा? तुम्हें नहीं पता, मैंने इस प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने में कितनी मेहनत की है। सच कहूँ, तो मैंने तुम्हें ऑनेस्ट समझा था, पर तुम भी बाकी लड़कियों की तरह ही निकलीं।” बोलते हुए आरव की आवाज़ भारी हो गई, जिससे साफ़ ज़ाहिर था, ड्रेस ख़राब होने की वजह से उसे कितना दुख हो रहा है।

    आयु ने फिर से अपनी सफ़ाई में कहा, “हाँ, मैं तुमसे नाराज़ थी, और शूट बिगाड़ने का भी मेरा प्लान था। पर यहाँ जो भी हो रहा है, वह सब कुछ कोइंसिडेंसली हो रहा है। मुझे तो कुछ करना ही नहीं पड़ रहा।”

    “अब सच तुम अपने मुँह से एक्सेप्ट कर रही हो, फिर भी मुझे यह एक्सपेक्ट कर रही हो कि मैं तुम पर यकीन करूँ? मंथन, अपनी गर्लफ़्रेंड को बोलो कि मेरा दिमाग़ ख़राब मत करें। तुम्हें तो पता भी नहीं होगा कि यह ड्रेसेस कितनी कीमती हैं।” आरव बोला।

    आयु ने कुछ पल सोचा और फिर कहा, “ठीक है, मैं इसका पे कर दूँगी। मेरी सैलरी में से काट लेना तुम, और अगर फिर भी कम पड़े ना तुम्हारे लिए.... तो और मॉडलिंग कर दूँगी। तब तो पूरे हो जाएँगे ना तुम्हारे पैसे?” इस बार आयु को भी आरव के लिए बुरा लग रहा था, इसलिए उसने कोई बहस नहीं की।

    पर इस बार बात पैसों की बिल्कुल नहीं थी। आरव ने कड़वाहट से कहा, “मेरी मेहनत पर तुमने यह नेलपेंट डाल दिया, और तुम कुछ कह रही हो कि तुम पैसे दे दोगी। एक बात जान लो, मिस मॉडल! मेरी मेहनत और हार्ड वर्क की कोई कीमत नहीं है। तुम जैसे लोग तो उसे कभी समझ ही नहीं पाओगे।”

    आयु को भी अब गुस्सा आने लगा था। एक तो आरव उसकी सुन नहीं रहा था। ऊपर से वह अलग-अलग तरीके से उसे पर ब्लेम डाल रहा था।

    आयु ने गहरी साँस ली और कहा, “पैसों की बात तुमने शुरू की थी, मैंने नहीं। तुमने कहा था यह कीमती है, इसलिए मैं पैसे देने के लिए तैयार हुई थी। तुम ना बस अपनी ही दुनिया में रहते हो; सामने वाला क्या सोचता है या क्या बोल रहा है, तुम्हें उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।”

    आरव और आयु आपस में बहस कर ही रहे थे कि तभी मीशा ड्रेस लेकर आई। उन दोनों के बहस करने की आवाज़ बाहर तक आ रही थी।

    मीशा ने चुपचाप आगे जाकर ड्रेस आयु को देते हुए कहा, “यह फ़िक्स हो गया है।”

    आयु ने आरव की तरफ़ देखा, जो उसे ही घूर रहा था। आयु की अब बिल्कुल हिम्मत नहीं बची थी कि वह आरव से बहस करे। उसने शांत लहजे में कहा, “मुझे चेंज करना है। प्लीज़, बाहर चले जाओ। बस दस मिनट दो।”

    आरव ने कुछ नहीं कहा और मंथन के साथ बाहर चला गया। आयु ने मीशा की मदद से ब्लाउज़ पहना; उतने में सुहानी भी आ गई थी। टीम ने बचा हुआ टचअप भी कर दिया था।

    सुहानी ने आयु का काला टीका लगाते हुए कहा, “आयु, बहुत ख़ूबसूरत लग रही है तुम। अब पता चला कि आरव सर ने तुम्हें क्यों सेलेक्ट किया होगा। शायद आरव ने तुम्हारे अंदर वह देखा, जो किसी को दिखाई नहीं दिया। वरना तुम तो झल्ली बनकर घूमती हो।”

    आरव का ज़िक्र होते ही आयु ने मुँह बनाया। आरव की ड्रेस ख़राब होने से उसका मूड भी उखड़ गया था। वह बोली, “हाँ, वह इसीलिए बनकर रहती हूँ, ताकि किसी आरव खुराना की नज़र ना पड़े, और वह जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन ना करवा ले।”

    सुहानी ने उसका हाथ सहलाकर कहा, “अब भूल भी जाओ, यार। काम शुरू कर ही लिया है, तो दिल से करो।”

    आयु ने उसकी बात पर हामी भरी। अचानक सुहानी की नज़र उस ड्रेस पर गई, जिस पर नेलपेंट गिरा था।

    सुहानी ने हैरानी से पूछा, “इसे देखने के बाद तो आरव सर गुस्से से पागल हो गए होंगे। अब यह किसने किया?”

    “शायद मैंने..” अचानक आयु के मुँह से निकला।

    सुहानी ने तुरंत जवाब में कहा, “तुम कभी ऐसा कर ही नहीं सकती हो, आयु।”

    आयु ने खोए हुए अंदाज़ में कहा, “मैंने भी उस आरव खुराना से यही कहा था। पर उसने मेरी बात पर विश्वास नहीं किया। उसे अभी भी यही लगता है कि यह ड्रेस मैंने ख़राब की थी। मैं भी एक डिज़ाइनर हूँ। और अच्छे से जानती हूँ कि एक ड्रेस को बनाने में, उसे रेडी होने में, एक प्रॉपर आउटफ़िट बनने में कितनी मेहनत लगती है।”

    “अच्छा, तभी इस रूम से चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी, और अब तुम्हारा मूड इतना उखड़ा हुआ है। मैं आरव से बात करूँगी। चलो, फ़िलहाल शूट के लिए चलते हैं, वरना वह फिर से चिल्लाएगा।” सुहानी ने कहा।

    आयु भी उसकी बात से सहमत थी। तैयार होने के बाद आयु नीचे आई, तो सबकी नज़रें जैसे उस पर ठहर ही गईं। आयु ने ऑफ़-व्हाइट शादी का जोड़ा पहना था। उसने नेट के दुपट्टे से लम्बा घूँघट डाला था, जिसमें उसका चेहरा साफ़ नज़र आ रहा था।

    उसे देखते हुए रेयान ने मुस्कुराकर कहा, "नाउ आई गेट टू नो आरव ने इसको क्यों सेलेक्ट किया होगा।”

    कियान ने उसकी बात पर सहमति जताते हुए कहा, “शी इज़ रियली ब्यूटीफ़ुल।”

    मंथन तो बस एकटक उसी को देख रहा था। वह मन ही मन बोला, “मन तो कर रहा है कि अभी इसे ले जाकर शादी कर लूँ।”

    उन सबको इस तरह अपनी तरफ़ देखता पाकर आयु की निगाहें झुक गई थीं। कियान ने उसी वक़्त उसकी तस्वीरें निकालनी शुरू कर दी थीं।

    वहीं आयु को देखने के बाद आरव भी अपना गुस्सा भूल गया था। उसने काफ़ी प्राउडली कहा, “हाउ परफ़ेक्ट माय चॉइस इज़..! मेरा डिसीज़न कभी ग़लत हो ही नहीं सकता।”

    माहिरा ने देखा कि आरव बस आयु की तरफ़ ही देख रहा था। उसे वह सब देखकर बहुत जलन महसूस हुई। उसके इतना सब कुछ करने के बाद भी आरव की नज़रें आयु पर थीं। उन निगाहों में गुस्सा तो जरा भी नहीं था।

    माहिरा ने जल्दी से आरव के पास आकर कहा, “बेबी, आउटफ़िट का लुक नहीं निकल के आया। आरव, यह लड़की बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही है। पता नहीं क्या सोचकर तुमने इसे सेलेक्ट किया।”

    आरव ने माहिरा की तरफ़ घूरकर देखा और कहा, “जलना बंद करो, माहिरा.... बहुत ख़ूबसूरत लग रही है वह। इसीलिए तुम्हें उससे जलन हो रही है ना।”

    माहिरा ने तुरंत मुँह बनाकर कहा, “ओह, प्लीज़! अब मैं इससे जलूँगी...? है क्या इसमें ऐसा? तुम भूल रहे हो कि इसने तुम्हारी ड्रेसेस ख़राब कर दी थीं।”

    माहिरा ने अनजाने में ड्रेसेस का ज़िक्र किया, तो आरव की निगाहें सर्द होने लगीं। उसने बाहर आकर इसके बारे में किसी को नहीं बताता था, फिर भी माहिरा को ड्रेस ख़राब होने के बारे में पता था। वह कोई बेवक़ूफ़ नहीं था, जिसे समझ ना आए कि यह किसने किया होगा।

    आरव ने माहिरा की आँखों में देखते हुए पूछा, “तुम्हें कैसे पता है इसने मेरी ड्रेसेस ख़राब कर दी थीं? तुम तो वहाँ पर थीं नहीं, ना ही मैंने इस बारे में किसी को बताया।”

    आरव ने माहिरा को पकड़ लिया था। यह देखकर उसके चेहरे पर हवाइयाँ छूट गई थीं।

    माहिरा ने घबराते हुए कहा,“वो.... मैं... मैं...”

    उसे इस वक़्त आरव से इतना डर लग रहा था कि वह अपनी बात तक पूरी नहीं कर पा रही थी। तभी आरव ने माहिरा का हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए ऊपर कमरे में ले जाने लगा।

    माहिरा ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “लीव मी, आरव। मुझे दर्द हो रहा है।”

    आरव माहिरा को दीवार के करीब लेकर गया और उसके हाथ टाइटली पकड़ लिए, ताकि वह उसकी पकड़ से छूट ना पाए।

    आरव सर्द आवाज़ में बोला, “तुम्हें पता है ना, मैंने कितनी मेहनत की थी वह ड्रेस डिज़ाइन करने में? किसी और का पता नहीं, लेकिन तुम तो मेरी मेहनत की गवाह थीं, माहिरा। मैं ठीक से रात को सोता तक नहीं था, और देर रात तक काम करता था। एक बार भी ख़्याल नहीं आया, यह सब करने से पहले, कि इन सब से मेरा दिल सबसे ज़्यादा दुखेगा। तुमने उसे मेरी नज़रों में गिराने के लिए मेरी ही मेहनत को बर्बाद कर दिया?”

    आरव गुस्से में ज़रूर था, लेकिन इस वक़्त वह थोड़ा इमोशनल भी होने लगा। माहिरा को लगा कि वह भी उसे इमोशनली हैंडल करेगी, तो आरव समझ जाएगा।

    माहिरा ने जवाब में कहा, “मैं तुम्हारा दिल नहीं दुखाना चाहती थी, आरव, पर तुम मेरा हक़ किसी और को कैसे दे सकते हो?”

    आरव ने एक झटके में माहिरा के हाथ छोड़ दिए थे। वह गुस्से में चिल्लाया, “यह मेरा कलेक्शन है, और इस पर तुम्हारा हक़ कब से हो गया? तुम्हारी जलन ने मेरी मेहनत पर पानी डाल दिया। तुम्हें क्या लगता है, ऐसे ही जाने दूँगा मैं तुम्हें..?” आरव ने गुस्से में माहिरा को बालों से पकड़कर अपने करीब खींच लिया था।

    माहिरा की दर्द से चीख निकल गई थी। वह रोते हुए बोली, “आरव, मुझे दर्द हो रहा है।”

    आरव ने सख्त आवाज़ में कहा, “मुझे भी बहुत हुआ था, जब मैंने उन पर नेलपेंट गिरा हुआ देखा था। ख़ैर, वक़्त रहते सच सामने आ गया। घर चलकर बात करेंगे, माहिरा।”

    इतना कहकर आरव तुरंत कमरे से बाहर निकल गया। वह अभी माहिरा को कोई सज़ा देकर कोई सीन नहीं क्रिएट करना चाहता था। वहीं माहिरा को दिल ही दिल में अब आरव से डर लगने लगा था। वह उसके गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ़ थी।

    आरव नीचे आया। उसने देखा, शूट काफ़ी अच्छे तरीक़े से चल रहा था। आयु भी कोऑपरेट कर रही थी। बीच-बीच में आयु आरव की तरफ़ देख रही थी, लेकिन वह उसे इग्नोर कर रहा था। आयु को अभी भी यही लग रहा था कि आरव उसे ही क़सूरवार समझ रहा है। न जाने क्यों उसे फ़र्क़ पड़ रहा था, और वह आरव की नज़रों में खुद को बेगुनाह साबित करना चाहती थी।

    वहीं आरव भी आयु से बात करने का मौका देख रहा था, ताकि जो भी मिसअंडरस्टैंडिंग थी, उसको क्लियर कर सके। उसने इसका रास्ता भी निकाल लिया था, बस उसे इंतज़ार था आज के शूट के ख़त्म होने का।

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  • 14. Billionaire's accidental wife - Chapter 14

    Words: 2358

    Estimated Reading Time: 15 min

    आरव के सामने भी सच्चाई आ चुकी थी; उसकी ड्रेस को आयु ने नहीं, बल्कि माहिरा ने खराब किया था। आरव ऐसा इंसान बिल्कुल नहीं था, जो किसी के किए की सजा किसी और को देता था। वह आयु की मिसअंडरस्टैंडिंग भी दूर करना चाहता था; बस उसे इंतज़ार था इस शूट के खत्म होने का।

    रात के लगभग दस बजे के करीब शूट खत्म हो गया था; सब बहुत थक गए थे। शूट खत्म करने के बारे में बात करने के लिए हेड फ़ोटोग्राफ़र कियान आरव के पास पहुँचा।

    कियान ने थके स्वर में कहा, “आज के लिए बस करते हैं, आरव।”

    “ओके, वैसे भी सब थक गए होंगे। साथ में डिनर करते हैं और उसके बाद एक छोटी सी पार्टी, ताकि सब रिलैक्स कर सकें।” आरव ने जवाब दिया।

    आरव अपनी टीम के लिए काफ़ी कुछ करता था; हाँ, काम को लेकर थोड़ा स्ट्रिक्ट था, पर बदले में उन सबको बाकी कंपनी के बजाय अच्छी सैलरी भी मिलती थी।

    युवानी ने पार्टी का सुनकर खुश होकर एक्साइटेड होकर पूछा, “सच में सर... आप पार्टी देंगे?”

    आरव ने उसे घूर कर देखा और बोला, “ऐसे सरप्राइज़ क्यों हो रही हो? तुम तो ऐसे रिएक्ट कर रही हो जैसे मैंने पहले कभी कोई पार्टी नहीं दी हो।”

    हर कोई पार्टी के लिए तैयार था। इस बीच सुहानी ने कहा, “सॉरी आरव सर, पर मुझे जाना पड़ेगा।”

    “ओके, पर डिनर करके जाना।” आरव ने जवाब दिया।

    इन सब में माहिरा के चेहरे पर राहत के भाव थे। आरव ने घर चलकर उसे सज़ा देने को कहा था, लेकिन पार्टी की वजह से उसका ध्यान भटक गया था।

    माहिरा ने अपने मन में कहा, “चलो अच्छा है, बच गए आज तो..! वरना आरव के गुस्से से मुझे कोई नहीं बचा सकता था। कल तक वो सब भूल जाएगा।”

    वह लोग पार्टी के बारे में बात कर रहे थे, तभी आयु चेंज करके नीचे पहुँची। उसके साथ मीशा भी थी, जो उसकी हेल्प करने के लिए गई थी।

    जब उसे पार्टी का पता चला तो मीशा ने आरव से कहा, “लेकिन सर, डिनर और पार्टी में तो काफ़ी लेट हो जाएगा। अगले दिन शूट पर जल्दी भी आना होगा; ऐसे में सारा टाइम तो आने-जाने में ही वेस्ट हो जाएगा।”

    “मैंने सबके लिए रूम्स बुक करा रखे हैं। हम लोग पाँच दिन तक यहीं स्टे करेंगे। इस लोकेशन पर हम पाँच दिन तक शूट करने वाले हैं।” आरव ने बताया।

    आयु ने तुरंत उसकी बात पर ना में सिर हिलाकर कहा, “आप लोग चाहे तो यहाँ रुक भी सकते हो और पार्टी भी कर सकते हो, लेकिन मुझे घर जाना है। मुझे टाइम बता दो, मैं शूट पर पहुँच जाऊँगी।” आयु की बातों से साफ़ ज़ाहिर था कि वह आरव से अब तक नाराज़ है और उससे किसी तरह का फ़ेवर नहीं लेना चाहती थी।

    रियान ने आयु को समझाते हुए कहा, “कम ऑन आयु.. अब तो हम सब साथ काम करते हैं। रुक जाओ ना...।”

    मंथन ने भी उसकी बात पर सहमति जताई, “हाँ, मैं भी रुक रहा हूँ वैसे। अगर आप भी रुकना...।” मंथन बोलते हुए रुक गया क्योंकि आयु उसे गुस्से में घूर रही थी।

    आयु ने सख्ती से कहा, “जिसे रुकना है, रुको.. मुझे नहीं रुकना। मैं जा रही हूँ।”

    आरव को भी उसके रूखे बर्ताव पर गुस्सा आ गया। वह चिढ़कर बोला, “कोई ज़बरदस्ती नहीं है, मिस मॉडल! तुम जा सकती हो। कल शार्प नौ बजे तक आ जाना... और मंथन यहाँ पर रुकेगा। मैं बोल देता हूँ ड्राइवर को, तुम्हें तुम्हारे घर पर ड्रॉप कर देगा।”

    आयु ने भौंहें उठाकर कहा, “नो थैंक्स सर... चली जाऊँगी मैं।”

    मंथन आयु को ऐसे हाल में अकेले नहीं छोड़ सकता था। वह बोला, “ठीक है सर... मैं भी जा रहा हूँ फिर।”

    मंथन आयु का साथ दे रहा था; अब तो आरव को उस पर और भी गुस्सा आने लगा। उसने मंथन की तरफ़ देखकर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, “लेकिन मुझे तुमसे कुछ काम है। मैं जानता हूँ तुम्हें इसकी फ़िक्र हो रही होगी; मैं इसके लिए कैब बुक कर दूँगा। वरना हमारा ड्राइवर भी इसे छोड़कर आ सकता है।”

    “नहीं, मुझे कैब की ज़रूरत है, ना ड्राइवर की और ना ही मंथन की।” आयु ने सिर हिलाकर कहा और फिर वहाँ से निकल गई।

    आयु की इस हरकत पर आरव मन ही मन बोला, “कितनी ज़िद्दी है यह लड़की! इतना समझा दिया, फिर भी समझने का नाम नहीं ले रही। मुझे लगता नहीं कि सॉरी बोलने पर यह मान जाएगी। जो भी हो, आज मैं इस पर कुछ ज़्यादा ही गुस्सा हो गया। जिसने गलती की, उसे इसकी सज़ा मिलेगी ही।”

    आरव उन सब के साथ डिनर पार्टी में बिज़ी हो गया; तो वहीं आयु को कैब नहीं मिलने की वजह से वह पैदल ही बस स्टॉप की तरफ़ जा रही थी।

    आयु ने कुढ़ते हुए कहा, “अब तो बस स्टॉप तक पैदल ही जाना पड़ेगा। माना रास्ता दूर है, पर इसी बहाने वॉक हो जाएगी। कल से तो मेरी हमसफ़र मेरी स्कूटी आ जाएगी। डिजायर्स में सब अच्छे हैं, लेकिन वो आरव.. कितना गुस्सैल है! पता नहीं मंथन कैसे काम करता है वहाँ। अच्छा हुआ सुहानी थी वहाँ, वरना वो गर्लफ़्रेंड और उसका बॉयफ़्रेंड तो मेरा जीना हराम कर देते हो। #आरा... लोग बना कैसे लेते हैं ऐसे हैशटैग्स? वो खड़ूस खुराना रह कैसे लेता है उसके साथ?”

    आयु आरव के बारे में ही सोच रही थी। खुद से बात करती हुई बस स्टॉप तक पहुँची और वहाँ से घर चली गई। आयु को घर पहुँचने में रात के 12 बज गए थे। साक्षी उसका वेट कर रही थी।

    आयु ने साक्षी को अब तक जगा हुआ देखा तो वह बोली, “साक्षी दीदी, आप सोई क्यों नहीं अभी तक? मेरी वजह से अपना रूटीन मत डिस्टर्ब कीजिए।”

    “ऐसा कुछ नहीं है। वैसे मंथन का कॉल आ गया था। उसने बताया कि तुम अकेले घर आ रही हो। रुक जाती ना वहाँ पर, इतनी रात को अकेले आने की ज़रूरत थी?”

    आयु ने चिढ़ते हुए कहा, “उस आरव खुराना की शक्ल भी नहीं देखनी थी मुझे, और मुझे नहीं करनी है उसके साथ कोई पार्टी। अच्छे से जानती हूँ मैं उसकी पार्टी कैसी होती है। मंथन को भी वहाँ पर नहीं रुकना चाहिए था।”

    “तेवर बता रहे हैं कि पहला दिन ही बेकार गया था।” साक्षी हँसकर बोली।

    “ऑफ़ कोर्स दी, बस जैसे-तैसे उस खड़ूस खुराना की शूट कंप्लीट हो जाए, तो पीछा छूटे उससे। पता नहीं किस चुड़ैल ने उस शैतान की ड्रेसेस पर नेल पेंट गिरा दी थी। उसका भी सारा ब्लैम उस शैतान ने मुझ पर डाला। ना जाने क्या कुछ नहीं सुनाया उसने।” आयु ने आते ही आरव की बुराइयाँ शुरू कर दीं।

    साक्षी ने उसे रोकते हुए कहा, “अरे बस बस... चलो कुछ खा लो, या गुस्से से ही पेट भरना है?”

    “पता नहीं क्यों मेरा खून खोल जाता है उसको देखते ही, और उसकी वो गर्लफ़्रेंड... चलिए छोड़िए।” आयु ने इस बारे में बात करना ही बंद कर दिया। उनके बारे में सोचकर ही उसका टेंपर हाई हो रहा था।

    साक्षी और आयु साथ में डिनर किया। वहीं होटल में आरव और उसकी टीम भी साथ में डिनर पार्टी इन्जॉय कर रही थी। माहिरा आरव से दूर ही बैठी थी। डिनर करने के बाद सब अपने-अपने रूम में जाने लगे, तो आरव ने मंथन को वहीं रुकने को बोला।

    आरव ने कहा, “मंथन... तुम रुको। मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी।”

    मंथन वहाँ वापिस बैठ गया। वह बोला, “जी सर, बोलिए।”

    आरव ने गहरी साँस लेकर छोड़ी और कहा, “तुम्हारी गर्लफ़्रेंड सच बोल रही थी। उसने ड्रेस पर नेल पेंट नहीं गिराया था। वो सब माहिरा ने किया था।”

    मंथन ने हल्का मुस्कुरा कर कहा, “मुझे पता था सर, आयु ऐसा कभी कुछ नहीं कर सकती है। वो और उसके एथिक्स, आप नहीं जानते उसे अभी तक।” मंथन की आँखों में प्राउड फ़ीलिंग थी।

    अचानक आरव हँस पड़ा। आज पूरे दिन में आयु ने वाकई उसकी नाक में दम कर लिया था। वह तिरछा मुस्कुराते हुए बोला, “वैसे तुम उसे झेल कैसे लेते हो? कितना गुस्सा आता है उसे।”

    “यह सवाल तो मुझे आपसे पूछना चाहिए। आप भी जानते हो कि मेरी आयु आपकी माहिरा से सौ गुना बेहतर है। पता नहीं किस मजबूरी में आप उसके साथ हो...।” मंथन ने जवाब दिया।

    “मेरी कोई मजबूरी नहीं है, बस कुछ बातें ऐसी हैं, जो चाहकर भी किसी को नहीं बता सकता।” आरव ने गंभीर अंदाज़ में कहा। हाँ, आरव के पास ऑप्शन नहीं था कि वह माहिरा को खुद से दूर भेज सके।

    मंथन ने उसकी बातों को अलग ही तरीके से लिया। वह हल्के अंदाज़ में बोला, “हाँ, प्यार लोगों से क्या कुछ नहीं करवा देता ना।”

    आरव ने तुरंत ही उसे क्लियर करते हुए कहा, “और तुम्हें किसने कहा कि मैं माहिरा से प्यार करता हूँ? नेवर-एवर। मैं प्यार जैसी फ़ीलिंग में यकीन नहीं रखता, ना ही मुझे कभी प्यार होगा।”

    “लेकिन सर...”

    मंथन ने उससे इस बारे में पूछने की कोशिश की, पर आरव ने उसे टालते हुए कहा, “गुड नाइट मंथन, सुबह मिलते हैं।”

    इतना कहकर वह अपने कमरे में सोने चला गया। वहीं मंथन हैरानी से उसकी तरफ़ देख रहा था।

    मंथन ने धीरे से बड़बड़ाकर कहा, “समझ नहीं आता, जब प्यार नहीं है, मजबूरी भी नहीं है तो फिर सर इसके साथ क्यों रह रहे हैं?”

    मंथन जानता था कि आरव उसे उसके सवालों के जवाब कभी नहीं देगा। उसने इस बारे में ज़्यादा नहीं सोचा और फिर सोने के लिए चला गया।

    अगली सुबह सब जल्दी उठ गए थे और शूट की तैयारी करने लगे थे। आरव बाहर फ़ोन पर सुहानी से बात कर रहा था। सुहानी को अर्जेंटली किसी काम के लिए आउट ऑफ़ स्टेशन जाना पड़ा और उसकी गाड़ी खराब हो गई थी। उसने आरव को इसलिए कॉल किया था ताकि वह उसे लेने के लिए आ जाए। सुहानी से बात करके आरव उसे लेने ही जा रहा था कि तभी उसे मंथन दिखाई दिया।

    आरव ने मंथन को बुलाते हुए कहा, “थैंक गॉड तुम मिल गए! मंथन! वेयर आर यू गोइंग? डू वन थिंग.. जाओ और जाकर सुहानी को ले आओ। वह लोकेशन सेंड कर देगी।”

    मंथन ने जवाब में कहा, “पर सर, मैं आयु को लेने जा रहा था।”

    “उसे पिक एंड ड्रॉप सर्विस की क्या ज़रूरत है? जब तुम्हारी आयु आधी रात को यहाँ से अकेले घर जा सकती है, तो वहाँ से अकेले आ भी सकती है। सुहानी को लाना ज़्यादा ज़रूरी है, तो वहाँ जाओ। ड्राइवर अवेलेबल नहीं है, वरना मैं तुम्हें कभी नहीं कहता।”

    “हाँ, पर आयु को भी लेट हो रही थी। ऊपर से साक्षी दीदी का भी कॉल आया था।” मंथन ने हल्की परेशानी के साथ कहा।

    “अच्छा, तुम्हें इतनी ही उस की फ़िक्र है, तो मैं ले आऊँगा। मैं अपने घर जा रहा था। लौटते वक्त उसे भी पिक कर लूँगा।” आरव ने जवाब दिया।

    मंथन ने सिर हिलाकर लाचारी से कहा, “वह आपके साथ नहीं आएगी।”

    “मैं उसे जबरदस्ती उठाकर ले आऊँगा। सुहानी की लोकेशन ज़्यादा दूर है। सो जाओ।” आरव ने जवाब दिया।

    आरव के जोर देने पर मंथन को सुहानी को लेने जाना ही पड़ा। तो वहीं आरव भी अपने घर के लिए निकल पड़ा।

    एक टेढ़े-मेढ़े रास्ते को पार करने के बाद मंथन सुहानी तक पहुँच ही गया। सुहानी मंथन के साथ वापस आने लगी; रास्ते में उन्होंने काफ़ी सारी बातें की, जिसमें मंथन ने उसे अपने और आयु के रिलेशन के बारे में बताया।

    वहीं दूसरी तरफ़ आरव भी घर से अपना सामान लेकर आयु को पिक करने के लिए गया। साक्षी उस वक्त घर पर ही थी।

    साक्षी ने आरव को देखते ही हल्का हैरानी से पूछा, “आरव तुम? मैंने मंथन को बोला था ना आने के लिए। तुम जानते हो ना कि आयु तुम्हारे साथ कभी नहीं जाएगी।”

    आरव ने मुँह बनाकर कहा, “मैंने मंथन को किसी और काम से भेजा है। और मैं इधर ही आया हुआ था तो मैंने सोचा कि मिस मॉडल को मैं ही पिक कर देता हूँ।”

    “हे... उसका एक नाम है, मिस मॉडल तो मत कहो।” साक्षी ने घूरते हुए कहा।

    “व्हाटेवर... उसे बोलो जल्दी बाहर आए।” आरव ने आईज़ रोल करके कहा।

    आयु अंदर थी और उसे पता नहीं था कि उसे लेने के लिए मंथन नहीं, आरव आया था। उसे लगा मंथन बाहर है, तो वह तेज आवाज़ में बोलते हुए बाहर आ रही थी।

    “कितना टाइम लगा दिया मंथन... जानते नहीं क्या अपने खड़ूस खुराना को! एक सेकंड की भी देर हो गई तो सैलरी का काट लेगा। चवन्नीछाप कहीं...।” सामने आरव को देखकर आयु ने अपने दोनों हाथ मुँह पर रख लिए।

    जबकि आरव उसे घूरते हुए देख रहा था। आयु को लगा आरव अपनी निगाहों से उसकी जान ले लेगा, जबकि उसकी बातें सुन साक्षी हँसने लगी।

    आरव ने उसे समझाते हुए कहा, “मिस मॉडल, कुछ रूल्स बनाना ज़रूरी होता है। तुम नहीं जानती, कुछ लोग बिना सख्ती किए नहीं सुधरते हैं। अब तुम खुद को ही देख लो।”

    “एक्सक्यूज़ मी?” आयु ने चिढ़कर कहा।

    “एक्सक्यूज़्ड...!” आरव बोला, “सब के पास काम ना करने का कोई ना कोई नया बहाना होता है, गॉसिप करने का बहाना होता है, और टाइम वेस्ट करने के तो एक से बढ़कर एक बहाने मिलते हैं। लेकिन जब बात सैलरी पर आती है तो सब अपने आप एफिशिएंट बन जाते हैं और काम करते हैं अच्छे से। बाकी मैं चवन्नीछाप बिल्कुल नहीं हूँ। तुम पूछ लेना मेरे स्टाफ़ से, टाइम टू टाइम सैलरी, बोनस, ईवन पार्टी तक मिलती हैं।”

    साक्षी भी उसकी बात पर सहमति जताते हुए बोली, “हाँ आयु, आरव बिल्कुल भी चवन्नीछाप नहीं है।”

    “चले... लेट हो रही है।” आयु ने बाहर जाते हुए कहा।

    “हाँ, अब गलती करके सॉरी नहीं बोलेगी।” आरव बड़बड़ाकर बोला। फिर वह उसके पीछे जाते हुए बोला, “मुझे लगा था कि तुम मेरे साथ जाने से मना कर दोगी।”

    “मेरे पास अगर कोई और ऑप्शन होता तो ज़रूर मना करती।” आयु कंधे उचकाकर बोली।

    साक्षी को बाय बोलकर आयु आरव के साथ चली गई। आयु कार की बैक सीट पर बैठने लगी कि तभी आरव बोला, “ओह हेलो मैडम... आपका ड्राइवर नहीं हूँ मैं। चुपचाप आकर मेरे साथ फ्रंट सीट पर बैठो।”

    आयु ने मुँह बिगाड़ा और आरव के पास आकर बैठ गई। आरव ने एक नज़र आयु को देखा; उसका मूड लाइट लग रहा था। आरव ने उससे कल के बारे में बात करने का सोचा। वैसे भी यह अच्छा मौका था, जब आयु उसे अनसुना करके नहीं जा सकती थी।

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  • 15. Billionaire's accidental wife - Chapter 15

    Words: 2608

    Estimated Reading Time: 16 min

    आरव आयु को पिक करने के लिए उसके घर गया था। दोनों साथ में गाड़ी में थे, तब आरव ने आयु से बात करने का सोचा। वैसे भी, कल आरव गुस्से में उस पर कुछ ज़्यादा ही चिल्ला दिया था।

    आयु बिल्कुल चुप बैठी थी, तो आरव ने ही बातचीत की शुरुआत करने का सोचा।

    आरव ने एक नज़र आयु की तरफ़ देखा और वापिस ड्राइविंग पर फ़ोकस करते हुए बोला, “यू नो व्हाट, तुम्हारे अंदर बहुत ईगो है; ऊपर से तुम डिजाइनर भी बनना चाहती हो। डिजाइनिंग फ़ील्ड में यह सब नहीं चलता। यह एटीट्यूड मॉडल्स को ही सूट करता है। तब तो बिल्कुल सही पहचाना ना मैंने तुम्हें?”

    आयु उसकी तरफ़ देखकर तिरछा मुस्कुराई और तंज कसते हुए बोली, “जब तुम्हारा चल रहा है, तो मेरा भी चल ही जाएगा। जोक्स अपार्ट, तुम्हारा कलेक्शन वाकई शानदार है।”

    “ऑफ़ कोर्स! मैंने बहुत मेहनत की है अपने ख़्वाब पर।” आरव ने प्राउडली कहा।

    “ख़्वाब?” आयु ने उलझने भरे स्वर में पूछा।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, “हाँ, ख़्वाब! मेरे कलेक्शन का नाम ख़्वाब है। पता है, हर लड़की का ख़्वाब होता है शादी करना। हर लड़की चाहती है कि वह अपनी शादी में बेस्ट लगे, और मेरा कलेक्शन उन्हें परफ़ेक्ट लुक देगा।”

    “हाँ, अच्छा थॉट है।” आयु ने इतना ही कहा। फिर वह कुछ पल रुककर, थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली, “मुझे तुमसे एक बात जाननी है। एक्चुअली, तुम तो आराम से किसी अच्छी एक्ट्रेस-मॉडल को हायर कर सकते थे। फिर मुझसे ज़बरदस्ती क्यों की?”

    आयु कब से इस बारे में जानना चाहती थी, और आज सही मौका देखकर उसने पूछ ही लिया।

    आरव जवाब में बोला, “मुझे एक्ट्रेस या मॉडल नहीं चाहिए थी। आई वांट सब कुछ रियलिस्टिक लगे। एक्ट्रेस-मॉडल अपनी शादी को इतनी इम्पॉर्टेंस कहाँ देती हैं? मैं चाहता था कि एक कॉमन लड़की हो, जिसकी आँखों में अपने ख़्वाबों को पूरा करने का जुनून हो, और वह ख़ूबसूरत लगे। मुझे तुम्हारे अंदर वो सभी ख़ूबियाँ नज़र आईं। जब तुमने पहली बार मेरे ऑफ़िस में क़दम रखा था, तुम्हारी आँखों में काफ़ी उम्मीदें नज़र आई थीं।”

    आरव की बात सुनकर आयु अचानक जोर-जोर से हँसने लगी। उसकी इस हरकत पर आरव ने उसकी तरफ़ घूरते हुए देखा।

    आरव ने हैरानी से पूछा, “पागल तो नहीं हो गई हो तुम?”

    “पागलों जैसी बातें तुम कर रहे हो, और मुझे पागल बोल रहे हो। यह कैसा ख़्वाब है तुम्हारा, मिस्टर खुराना? पहली बात तो यह कि शादी सभी लड़कियों का ख़्वाब नहीं होती है। मेरा तो बिल्कुल नहीं है। दूसरी बात यह कि आपके यह महँगे ख़्वाब एक नॉर्मल मिडिल-क्लास लोग अफ़ोर्ड नहीं कर सकते। कितने महँगे हैं आपके आउटफ़िट्स! और मिडिल-क्लास लोगों के ख़्वाब तो बीस से ठेस हज़ार के बीच में ही आते हैं।” आयु ने जवाब दिया। कल शूट के दौरान उसने उस कलेक्शन पर थोड़ी रिसर्च की थी।

    आरव आयु के जवाब से काफ़ी इम्प्रेस हुआ। उसने कहा, “यह मैंने क्यों नहीं सोचा?”

    आयु ने सारकास्टिकली सिर हिलाकर कहा, “सोचोगे भी कैसे? तुम तो पैदाइशी अमीर हो। तुम्हें क्या पता कि एक कॉमन इंसान की लाइफ़ कितनी मुश्किल होती है। जितने पैसों का तुम्हारा एक ख़्वाब—आई मीन एक शादी का जोड़ा है ना—उतने पैसों से एक अच्छी खासी शादी हो सकती है। तुम्हारे यह महँगे ख़्वाब कोई एक्ट्रेस या मॉडल ही अफ़ोर्ड कर सकती है, सो तुम्हें किसी एक्ट्रेस या मॉडल को ही हायर करना चाहिए था।”

    आरव आयु की बातों को गौर से सुन रहा था। उसकी एडवाइस सही थी। आरव ने यह कलेक्शन बनाने से पहले इसकी प्राइस के बारे में कभी भी नहीं सोचा था। बस उसे परफ़ेक्ट करने के चक्कर में कुछ ज़्यादा ही कॉस्टली बना दिया था, जो कि शायद एक कॉमन इंसान की पहुँच से परे था। आरव ने आगे कुछ नहीं कहा। आरव को लगा, आयु मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती है, तभी वो इतना सब कुछ समझ पा रही है।

    ऐसे ही बातों-बातों में आरव और आयु होटल पहुँच गए, जहाँ पर शूटिंग का सेकंड डे था। होटल पहुँचते ही सुहानी जल्दी से आयु को चेंजिंग रूम में ले गई।

    अंदर आते ही आयु ने हड़बड़ाकर कहा, “जल्दी-जल्दी सब ख़त्म कर देना, वरना आरव सर गुस्सा करने लग जाएँगे।”

    आयु की बात सुनकर सुहानी चौंक गई थी। कल तो वह शूटिंग को जानबूझकर देर करवाने की कोशिश कर रही थी; आरव को उल्टे-सीधे नाम से बुला रही थी; आज वह सबसे अलग, बिल्कुल प्रोफ़ेशनल बिहेव करने लगी थी।

    सुहानी ने हैरानी से पूछा, “क्या बात है? वह खड़ूस खुराना और शैतान से आरव सर कब से हो गया?”

    “अब से उसे मंदबुद्धि भी बुलाऊँगी। अपने आप को बड़ा इंटेलिजेंट बिज़नेसमैन समझता है। आया बड़ा ख़्वाब देखने वाला...।” आयु ने धीरे से बड़बड़ाकर कहा। उसने बात टालने के लिए सुहानी से कहा, “चलो भी, वह हमारा बॉस है; इतनी इज़्ज़त करनी तो बनती है।”

    सुहानी ने उसकी बात पर हामी भरी, और अपने काम लग गई।

    लगभग दो घंटे बाद सुहानी आयु को तैयार करके नीचे लेकर गई। आज शूट बाहर गार्डन एरिया में हो रहा था। आयु ने रेड कलर का हैवी लहँगा पहना था, जिस पर गोल्ड एम्ब्रॉयडरी थी।

    शूटिंग के टाइम आरव वहीं पर रहता था। उसने देखा माहिरा खोई हुई निगाहों से आयु की तरफ़ देख रही थी। आरव माहिरा के पास गया।

    आरव ने सर्द आवाज़ में कहा, “कितनी ख़ूबसूरत लग रही है ना मिस मॉडल। तुम यहीं सोच रही होगी ना कि कैसे इस ड्रेस को ख़राब करूँ या फिर मेरी मॉडल को नुकसान पहुँचाऊँ, ताकि यह शूट बीच में रुक जाए?”

    “तुम मुझे टोंट मार रहे हो, आरव?” माहिरा ने हैरानी से कहा।

    “ऑफ़ कोर्स... और वार्निंग भी दे रहा हूँ कि मेरी ड्रेसेस और मिस मॉडल, दोनों से दूर रहना। बाकी तुम यह मत सोचना कि तुमने जो किया था, वह मैं भूल गया हूँ।”

    “कम ऑन, आरव! हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं; तुम मेरी इतनी छोटी सी गलती पर इग्नोर नहीं कर सकते?” माहिरा ने उसे मनाने के लिए कहा।

    “नहीं, मैं इसे इग्नोर नहीं करूँगा। और वन मोर थिंग, मैं तुमसे प्यार नहीं करता। लगता है तुम्हारी हरकतों के बाद अब मुझे तुम्हें झेलने की भी कोई ज़रूरत नहीं है।” आरव ने जवाब दिया और फिर दूसरी तरफ़ चला गया।

    इनडायरेक्टली आरव ने माहिरा को खुद से अलग करने की बात कही थी; अब वह सिर्फ़ शूट तक ही रुकने वाला था; माहिरा से यह बर्दाश्त नहीं हुआ, तो वह गुस्से में मंथन के पास गई।

    “मंथन, तुम जानते हो ना उस मॉडल को? उसे अच्छे से समझा देना कि मेरे आरव से दूर रहे। वह मेरे और आरव के बीच में आने की कोशिश कर रही है।” माहिरा गुस्से में तेज साँस लेते हुए बोली।

    “सबसे पहले तो तुम आरव सर के नाम के आगे मेरा लगाना बंद करो। उनके लिए प्यार और कमिटमेंट जैसी चीज़ मैंने नहीं रखती है; वैसे तुम कौन से नंबर की गर्लफ़्रेंड हो उनकी?” मंथन ने उसका मज़ाक बनाते हुए कहा।

    “मेरे लिए नंबर मैटर नहीं करता। यह समझ लो कि लास्ट मैं ही हूँ।” माहिरा ने सफ़ाई देते हुए कहा।

    “हाँ, हो सकता है कि तुम उनकी लास्ट गर्लफ़्रेंड हो। इसके बाद वह कोई गर्लफ़्रेंड बनाए ही ना और सीधा किसी से शादी कर ले। या यह हो सकता है कि तुमने उन्हें इतना इरिटेट किया हो कि उन्हें लड़कियों से नफ़रत हो गई हो।” मंथन ने मुँह बनाकर कहा।

    माहिरा जवाब में कुछ नहीं बोली और गुस्से में वहाँ से चली गई थी। आरव की धमकी के बाद वह आयु और उसके कलेक्शन से दूर ही थी।

    रात के नौ बजे के करीब फ़ोटोशूट ख़त्म हो गया था, तो आयु चेंज करके वापस घर जाने की ज़िद करने लगी। आयु और मंथन बहस कर रहे थे। आयु मंथन को घर ड्रॉप करने के लिए बोल रही थी, जबकि वह बिज़ी होने के कारण मना कर रहा था।

    मंथन ने प्लीडिंग टोन में कहा, “आयु, मैं घर छोड़ने नहीं जा सकता तुम्हें। मुझे फ़ोटोज़ के सिलेक्शन में कियान की मदद करनी है।”

    “मतलब आज फिर मुझे अकेले जाना पड़ेगा।” आयु मायूसी से बोली।

    मंथन सफ़ाई में कुछ कहता उससे पहले आरव वहाँ आ गया। वह उस तरफ़ से गुज़र रहा था और उसने उन दोनों की बातें सुन ली थीं।

    आरव ने आयु से कहा, “मैं घर जा रहा हूँ, अगर तुम कहो तो मैं तुम्हें ड्रॉप कर दूँ?”

    आयु ने उसे घूरते हुए कहा, “और आज यह एहसान किस लिए? पहले पिक किया... अब ड्रॉप करके आओगे।”

    आरव ने ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, आज मेरा मूड हो रहा है सबकी मदद करने का, तो यह समझ लो कि आरव खुराना तुम पर एहसान कर रहा है।”

    “मैं किसी का एहसान नहीं लेती, तो अपने पेट्रोल के पैसे मेरी सैलरी में से काट लेना।” आयु ने पूरे एटीट्यूड से जवाब दिया और उसकी गाड़ी की तरफ़ बढ़ने लगी। आज उसने मना नहीं किया।

    मंथन ने धीरे से आरव को थैंक्स कहा। अगर आरव उसे ड्रॉप नहीं करने जाता, तो उनके बीच अच्छा-ख़ासा झगड़ा हो जाता। वहीं रास्ता लम्बा होने की वजह से आरव को बोरियत हो रही थी।

    आरव ने आयु से बात करने का सोचा। उसने पूछा, “तो तुम्हारा आज का शूट कैसा रहा?”

    “जैसे कल का रहा।” आयु ने बेरुखी से जवाब दिया।

    आरव बोला, “मतलब सीधे मुँह तो मैडम को बात ही नहीं करनी है।”

    “सीधे मुँह बात सीधे लोगों से की जाती है। तुम्हारे काम ही सीधे नहीं हैं।” आयु ने जवाब दिया। वह आज भी नहीं भूली थी आरव और अपनी पहली मुलाक़ात।

    “तुमसे बहस करना बेकार है।” आरव ने चिढ़कर कहा।

    आयु ने तिरछा मुस्कुराते हुए कहा, “तो तुम कर ही क्यों रहे हो?”

    आरव ने गहरी साँस ली, और नरम लहज़े में कहा, “लेट्स कम टू द पॉइंट... मुझे तुम्हारा आइडिया अच्छा लगा।”

    आयु ने चौंकते हुए पूछा, “कौन सा आइडिया?” अब वह भी आरव की बातें इंटरेस्ट से सुनने लगी थी।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, “तुम सही थी, मिस मॉडल...”

    आरव अपनी बात ख़त्म करता उससे पहले आयु जल्दी से बोली, “तुम मुझे मिस मॉडल बुलाना बंद करोगे? मेरा एक नाम है। तुम्हारी वजह से तुम्हारा पूरा स्टाफ़ मुझे मिस मॉडल कहकर बुलाता है।”

    “ओके, आयुष्का! मुझे तुम्हारा वह आइडिया पसंद आया। सच में आउटफ़िट्स बहुत कॉस्टली हैं। और यह मैंने कभी नहीं चाहा था। मैंने तुम्हारे डिज़ाइन्स भी देखे थे, जो कि अच्छे थे। तुम्हें भी इम्प्रूवमेंट की ज़रूरत है। मैं चाहता हूँ कि हम दोनों साथ में एक प्रोजेक्ट करें।” आरव ने जवाब दिया।

    किसी भी नए डिजाइनर का सपना होता था कि वह आरव खुराना के साथ काम करे। यह मौका ना के बराबर लोगों को मिलता था; आयु भी इसकी अहमियत समझती थी। आरव ने जब साथ काम करने को कहा तो वह खुश हो गई।

    आयु ने चहकते हुए पूछा, “क्या सच में तुम्हें मेरी डिज़ाइन्स पसंद आई?”

    “हाँ, तुम्हारी डिज़ाइन्स अच्छी हैं; ऊपर से उनकी सबसे बड़ी ख़ूबी है कि उनमें ज़्यादा कॉस्ट नहीं लगा है। देखो, मैं ख़्वाब के प्राइस टैग्स नहीं बदल सकता हूँ, लेकिन मैं चाहता हूँ कि हम दोनों साथ में एक नए प्रोजेक्ट पर काम करें, जो यूनिक भी हो और आम लोगों के लिए बजट-फ़्रेंडली।” आरव ने जवाब दिया।

    आयु ने झट से हाँ करते हुए कहा, “हाँ-हाँ, क्यों नहीं। मैं डिजाइनर ही बनना चाहती थी। इसीलिए मैं तुम्हारे ऑफ़िस में आई थी। पता है, मेरे डिज़ाइन्स कहीं भी सिलेक्ट नहीं हुए।”

    “पर तुम्हारे डिज़ाइन्स तो अच्छे हैं, फिर क्यों सिलेक्ट नहीं हुए?” आरव ने हैरानी से पूछा।

    आयु ने उदास होकर कहा, “किसी ने देखी ही नहीं थी। मैं जहाँ भी इंटरव्यू के लिए जाती हूँ, वहाँ पर पहले से ही किसी को हायर किया हुआ होता था। यू नो, नेपोटिज्म... ख़ैर, छोड़ो। यह बताओ, तुम मुझे डिजाइनर की जॉब दोगे ना?”

    “हाँ, ज़रूर दूँगा... पर पहले अच्छे से मेरा कैटलॉग बिना किसी ड्रामे के शूट करोगी।” आरव ने अपनी शर्त भी बता दी थी।

    “कहीं ऐसा तो नहीं कि एक बार कैटलॉग शूट हो जाए और फिर तुम मुझे निकाल दोगे?” आयु ने उसे घूरते हुए पूछा।

    “अगर निकालना होता तो पहले ही निकाल चुका होता। पता नहीं किस-किस नाम से बुलाती रहती हो तुम मुझे। मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूँ। बहुत कम लोग मुझे अच्छे से जानते हैं। तुम जान जाओगी तो, तुम्हारी भी थिंकिंग चेंज हो जाएगी।” आरव ने कंधे उचकाकर कहा।

    “मुझसे बेहतर कौन जान सकता है, तुम कैसे हो।” आयु ने मन ही मन बड़बड़ाते हुए कहा।

    बात करते हुए आयु की नज़र बाहर की तरफ़ पड़ी। उसने देखा कि वहाँ किसी मैरिज हॉल में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। उसे देखकर आयु के चेहरे पर चमक आ गई।

    “गाड़ी रोको, आरव।” अचानक आयु ने कहा, तो आरव ने झटके से ब्रेक लगाए।

    आयु ने बाहर की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, “अरे देखो वहाँ... वहाँ काफ़ी सारी शादियाँ हो रही होंगी?”

    आरव ने जवाब दिया, “हाँ... और वहाँ पर बहुत सारी ब्राइड्स अलग-अलग तरह की डिजाइनर ड्रेस में होंगी।”

    आयु ने उसे घूरते हुए कहा, “तुम क्या एक मिनट भी अपने काम से हटकर नहीं सोच सकते? यह भी तो सोचो ना कि आज कितने लोगों की नई ज़िन्दगी शुरू होने वाली है।”

    “और क्या पता कितने लोगों की ज़िन्दगी बर्बाद भी होने वाली हो।” आरव ने बेरुखी से कहा।

    आयु चिढ़कर बोली, “तुम ना खड़ूस के खड़ूस ही रहोगे। चलो ना, चलकर देखते हैं।”

    आरव ने तुरंत मना करते हुए कहा, “आर यू सीरियस? मैं किसी की शादी में बिना इनविटेशन के नहीं जाऊँगा।”

    “अच्छा, फिर तुम अपने घर चले जाओ... मैं यह शादी अटेंड करके चली जाऊँगी।” आयु ने बीच का रास्ता निकाला।

    इतना कहकर आयु ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और जल्दी से बाहर निकल गई। वह दौड़ते हुए वेडिंग हॉल की तरफ़ बढ़ रही थी। आयु की इस हरकत पर आरव को बहुत गुस्सा आया। मजबूरी में उसे भी आयु के पीछे जाना पड़ा। अंदर जाकर आरव ने देखा कि वहाँ पर बहुत सारी शादियाँ हो रही हैं।

    आयु अचानक उसके आगे आई और शरारती मुस्कुराहट लिए बोली, “तो तुम मेरे पीछे आ ही गए।”

    “और कोई ऑप्शन छोड़ा था तुमने मेरे लिए?” आरव ने आईज़ रोल करके कहा।

    “अब आ ही गए हो, तो चलो शादी एन्जॉय करते हैं।” आयु ने जवाब दिया।

    “नहीं, मैं बस तुम्हें यहाँ से ले जाने आया हूँ। किसी ने देख लिया तो वह क्या सोचेगा हमारे बारे में? चलो अब जल्दी से बाहर चलते हैं।” आरव ने ऑर्डर देते हुए कहा।

    आरव ने आयु को अपने पीछे आने का इशारा किया। आयु ने उससे मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन आरव नहीं माना। मजबूरी में आयु को भी उसके पीछे आना पड़ा।

    आरव और आयु जा ही रहे थे कि अचानक उन्हें गोली चलने की आवाज़ आई। आयु ने घबराकर आरव का हाथ पकड़ लिया।

    “अब क्यों हाथ पकड़ रही हो मेरा? बड़ा मन कर रहा था ना तुम्हारा वेडिंग क्रैश करने का?” आरव ने चिढ़कर कहा।

    साफ़ था, वह दोनों एक बिन बुलाई मुसीबत में फँस चुके थे। आयु घबरा रही थी, लेकिन आरव बिल्कुल शांत था।

    आरव ने उसे शांत करते हुए कहा, “चलो जल्दी से छिपकर निकलते हैं।”

    आरव और आयु चुपके से वहाँ से निकलने की कोशिश कर रहे थे कि तभी वहाँ कुछ गुंडे आ गए और मैरिज हॉल का डोर बंद कर दिया। इस वजह से वह दोनों वहाँ से बाहर नहीं निकल पाए।

    एक गुंडे ने फिर से हवा में फ़ायर किया और तेज आवाज़ में कहा, “कोई यहाँ से बाहर नहीं जाएगा, जब तक यहाँ मौजूद सभी कपल्स की शादी नहीं हो जाती। सभी हवन कुंड के पास आ जाओ।”

    उसका यह अनाउंसमेंट सुनकर आरव और आयु ने घबराकर एक-दूसरे का हाथ पकड़ लिया। वह छिपने की कोशिश कर रहे थे कि तभी वह गुंडा बोला, “और तुम दोनों? तुम्हें स्पेशल इनविटेशन देना पड़ेगा। चुपचाप शादी करने के लिए आ जाओ, वरना यहीं ठोक दूँगा।”

    उसने आरव और आयु को गन पॉइंट पर लिया और उन्हें ज़बरदस्ती खींचते हुए शादी कराने के लिए ले जाने लगा।

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  • 16. Billionaire's accidental wife - Chapter 16

    Words: 2709

    Estimated Reading Time: 17 min

    आरव और आयु एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में घुस गए थे। सब आयु की ही गलती थी। जैसे ही आरव आयु को बाहर निकालने को हुआ, वहाँ कुछ गुंडे आ गए और उस जगह को अपने कब्ज़े में ले लिया था। उनमें से एक गुंडे ने तो यह तक ऐलान कर दिया था, वहाँ मौजूद कोई भी कपल बिना शादी के बाहर नहीं निकलेगा। उन्होंने आरव और आयु को भी एक कपल समझा और उन्हें जबरदस्ती अंदर ले जाने लगे।

    आरव ने आयु को गुस्से में जलती निगाहों से देखा और दबी आवाज़ में कहा, “मुझे तुम्हारी बात माननी ही नहीं चाहिए थी। कुछ भी हो जाए, लेकिन मैं तुमसे शादी नहीं करने वाला। एक बात याद रखना, मिस मॉडल।”

    “हाँ, और जैसे मैं तो तुमसे शादी करने के लिए मरे जा रही हूँ। तुम्हारा पता नहीं, लेकिन मैं मंथन से ही शादी करना चाहूंगी। मुझे तुमसे वापिस मिलना ही नहीं चाहिए था। गलती तुम्हारी नहीं, मेरी है, जो तुम्हारा सारा सच जानने के बाद भी मैं तुम्हारे ऑफिस में इंटरव्यू देने के लिए गई।” आयु ने भी गुस्से में चिढ़कर जवाब दिया।

    “हाँ, तो नहीं आना चाहिए था। मेरी लाइफ की प्रॉब्लम उसी दिन शुरू हो गई थी, जब से तुमसे मिला हूँ। एक माहिरा नाम की मुसीबत कम थी मेरे सिर पर, जो अब तुम और आकर चिपक गई हो।” आरव ने दाँत पीसते हुए कहा।

    “मैं कोई तुमसे आकर चिपकी नहीं हूँ। किसने कहा था कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने के लिए?” आयु ने जवाब दिया। वह भी कम नहीं थी। आरव की हर बात का जवाब आयु बहुत अच्छे से दे रही थी, वह भी उसी के अंदाज़ में।

    उन दोनों की बहस से इरिटेट होकर उनके पास खड़े गुंडे ने गुस्से में कहा, “अपनी बकवास बंद करो तुम दोनों… देख नहीं रहे सब चुपचाप खड़े हैं डर के मारे, और तुम दोनों कब से पटर-पटर करे जा रहे हो। अगर एक बार और मुँह खोला, तो गोली मार दूँगा दोनों को।”

    उसकी बात सुनकर दूसरा गुंडा बोला, “और तुम दोनों यहाँ पर ऐसे ही क्यों खड़े हो? जाओ, जाकर शादी के कपड़े पहनकर आओ।”

    उसके कहते ही आयु वहाँ से अंदर जाने लगी, कि आरव उसका हाथ पकड़कर उसे वहीं रोक लिया।

    आरव उसे घूरते हुए बोला, “आर यू मैड… कहाँ जा रही हो?”

    आयु ने बेपरवाही से कहा, “चेंज करने, और कहाँ?”

    “ओ रियली? यहाँ कोई ब्राइडल ड्रेस में फ़ोटो शूट नहीं हो रहा, जो चेंज करने जा रही हो। चुपचाप खड़ी रहो।” आरव ने उसे डाँटते हुए कहा।

    “मैं यहाँ से भागने का रास्ता ढूँढने जा रही हूँ। मुझे भी दिख रहा है, यहाँ कोई शूट नहीं चल रहा।” आयु ने धीरे से कहा।

    “बहुत स्मार्ट बन रही हो? मुझे अकेले छोड़कर गई, तो ये मेरी जान ले लेंगे। तुम… तुम अकेली कहीं नहीं जाओगी।” आरव ने जवाब दिया।

    आयु आरव को कुछ कहती, उससे पहले वहाँ गोली चलने की एक बार फिर से आवाज़ आई। डर के मारे आयु ने आरव के हाथ को कसकर पकड़ लिया था।

    आरव ने सामने की तरफ़ देखा, तो एक आदमी काफ़ी सारे आदमियों के साथ अंदर आ रहा था। वह उनका लीडर लग रहा था, जो दिखने में काफ़ी इमोशनल नज़र आ रहा था। उसके हाथ में गन थी और बाकी लोग उसके ऑर्डर को फ़ॉलो कर रहे थे।

    “चलो सब अपनी-अपनी जगह ले लो।” आरव के पास खड़े गुंडे ने कहा। फिर वह हर एक वेदी पर मौजूद पंडित से बोला, “पंडित जी, इन सब की शादी विधि-विधान से होनी चाहिए। हम यहाँ आपकी खुशियों में खलल डालने नहीं आए, बल्कि शामिल होने के लिए आए हैं।”

    उस गुंडे के ऐसा कहने पर थोड़े लोग रिलैक्स हो गए थे, तो वहीं आरव को भी एक बात समझ आ गई थी कि वह किसी और इरादे से वहाँ पर आए हैं। आरव ने उनसे झूठ बोलने के बजाय डायरेक्ट उनसे बात करने की सोची।

    आरव ने अपना हाथ आयु के हाथ से अलग किया और फिर उसे गुंडे के पास जाकर शांत लहजे में कहा, “पर हम यहाँ पर शादी करने नहीं आए थे।”

    “तो क्या फ़्री का खाना खाने आए थे?” उस गुंडे ने उसे घूरते हुए कहा।

    आरव कुछ कह पाता, उससे पहले उनका लीडर तेज आवाज़ में बोला, “मुहूर्त बीता जा रहा है। पंडित जी, जल्दी कीजिए। मैं इस लम्हें को अपनी आँखों के सामने देखना चाहता हूँ। ये सब मेरी बहनें हैं।” बोलते हुए उसकी आँखों में आँसू आ गए।

    आरव ने उसकी तरफ़ अजीब नज़रों से देखा और बड़बड़ाकर कहा, “शादी तो अच्छे से हो ही रही है, पर ये क्यों रो रहे हैं?”

    उनके पास खड़ा गुंडा तेज आवाज़ में बोला, “अबे तू चुप कर! भाई की बहन की शादी के दिन दूल्हा किसी और लड़की के साथ भाग गया था। तब से कहीं भी, कोई भी शादी हो रही हो, भाई वहाँ जाकर सारी शादियाँ अपनी आँखों के सामने निपटाते हैं, ताकि कहीं कोई दूल्हा भाग ना जाए।”

    आयु ने पूरी बात सुनकर अफ़सोस जताते हुए कहा, “बहुत दुख भरी कहानी है। ये तो बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं। भाई, आपकी बहन को दूसरा अच्छा लड़का मिल जाएगा। वो उसके लायक नहीं था।”

    उनके लीडर, उस भाई ने आयु से भर्राये स्वर में कहा, “हाँ, बहन! मुझे हर लड़की में अपनी बहन नज़र आती है। तुमने मुझे भाई कहा, मेरी बहन भी तुम्हारी ही उम्र की है। लेकिन तुम तैयार क्यों नहीं हुई? कपड़े नहीं मिले या…” बोलते हुए उसने गुस्से में आरव को घूरा और गन उसकी तरफ़ पॉइंट करते हुए कहा, “दूल्हा शादी से इनकार कर रहा है? बता, किसके साथ चक्कर चल रहा है तेरा, जो तू मेरी बहन से शादी नहीं करना चाहता।”

    “एक्सक्यूज़ मी? मेरा किसी से कोई चक्कर नहीं चल रहा। और मैं अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में आपको क्यों कुछ बताऊँ? आप एक बात जान लीजिए कि आप जो भी कर रहे हैं, वह इल्लीगल है। बाकी कपल्स यहाँ शादी करने के लिए इकट्ठा हुए होंगे, लेकिन हम दोनों यहाँ बस शादी देखने के लिए आए थे।” आरव ने पूरी सख्ती से अपनी बात रखी। उसे किसी का डर नहीं था।

    उनके लीडर ने आरव की पूरी बात को समझा ही नहीं। उसे बस एक बात समझ आई कि वह आयु से शादी नहीं करना चाहता। उसने चिल्लाकर कहा, “क्या कहा तुमने? तुम मेरी बहन से शादी नहीं करोगे? गोली मार दो इसे…”

    उसके एक इशारे पर कई गुंडे आरव को गन पॉइंट पर लेकर खड़े हो गए। आयु इन सब में काफ़ी घबरा गई थी।

    आयु ने जल्दी से कहा, “अरे नहीं, ये… ये मज़ाक कर रहा है। हम… हम शादी करने ही आए थे। हम करेंगे ये शादी।”

    “लेकिन मुझे नहीं करनी तुमसे शादी।” आरव ने तुरंत आयु को घूरते हुए कहा।

    आयु उसके पास आई और जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, “पागल हो गए हो तुम? गोली से उड़ा देंगे ये, फिर तुम्हारा ये एटीट्यूड किसी काम नहीं आएगा। कौन सी असली शादी है। और कपड़े बदलने के बहाने भाग जायेंगे।”

    “तुमसे तो मैं नकली शादी भी नहीं करूँगा।” आरव ने अभी भी ना में सिर हिलाकर कहा। वह अपनी ज़िद पर अड़ा हुआ था।

    “फिर तो इन्हें तुम्हें मार ही देना चाहिए। वैसे भी इसी बहाने कई लोगों को खुशी मिल जाएगी और तुमसे छुटकारा भी।” आयु ने चिढ़कर कहा।

    आरव गुस्से में उसे खा जाने वाली निगाहों से घूर रहा था, तभी उनका लीडर उसके पास आया और आरव का बाजू पकड़कर बोला, “मैं अच्छे से जानता हूँ इस जैसे लड़के को, जो प्यार के झूठे वादे करके लड़कियों को प्रेग्नेंट करके छोड़ देते हैं। तुम चिंता मत करो बहन, तुम्हारा कन्यादान मैं खुद करूँगा, फिर मैं देखता हूँ ये कैसे शादी से भागता है।”

    आरव ने आयु की तरफ़ देखकर इशारा किया, ताकि वह इस मामले में कुछ करें। आयु ने उसके पास जाकर सीरियस अंदाज़ में कहा, “आप सबका इतना सोच रहे हैं, उसके लिए थैंक यू सो मच… लेकिन हम…”

    आयु की बात पूरी करने से पहले उनका लीडर उसकी बात काटते हुए बीच में बोला, “तुम्हें इससे डरने की ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हें पूरी ज़िंदगी सिक्योरिटी देने के लिए तैयार हूँ। चलो अब मुहूर्त निकला जा रहा है। बाकी लोग शादी करने के लिए बैठ गए हैं।”

    उसके आदमियों ने आरव को गन पॉइंट पर ले लिया और जबरदस्ती आरव और आयु को शादी करने के लिए बिठा दिया था। पूरी देर आरव आयु को गुस्से भरी निगाहों से घूर रहा था। आयु वहां से जाना चाहती थी पर वो उसकी बात सुन ही नहीं रहे थे।

    “न.. नहीं, ये क्या हो रहा है। मुझे यहां नहीं होना चाहिए। मंथन... मेरी फैमिली... मैं उन्हें क्या जवाब दूंगी? मुझे... मुझे इस शख्स से नफरत है, फिर मैं इससे शादी कैसे कर सकती हूं?” आयु ने खुद से बड़बड़ाकर कहा। वो बीच में उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन इत्तेफाक से उसी वक्त पंडित जी ने उन्हें फेरो के लिए उठने का बोलने वाले थे। आयु की इस हरकत पर आरव को ओर गुस्सा आने लगा।

    पंडित जी ने उनसे कहा, “चलिए अब फेरो के लिए खड़े हो जाइये और हर फेरे के साथ वचन दीजिये।”

    पंडित जी उनके फेरो के साथ उन्हें उम्र भर रिश्ता निभाने के वचन दिला रहे थे।

    पंडित जी ने कहा, “बेटा, तुम जीवन में कही भी जाओ, अपनी पत्नी को साथ रखोगे, दूसरा वचन बेटी तुम्हारे लिए, जैसे तुम अपने माता पिता का सम्मान करती हो, वैसे अपने पति और उसके घरवालों का करोगी। तुम दोनों ऐसा कैसा कुछ नहीं करोगे, जिससे एक दूसरे का अपमान हो।”

    कोई भी वचन देने से पहले आरव और आयु की नज़रें मिली। उनकी आंखों में कोई भाव नहीं था।

    पंडित जी आगे बोले, “अगला वचन दो कि उम्र भर एक दूसरे का साथ दोगे, चाहे फिर जिंदगी में कितने भी दुख क्यों ना आए।”

    वो दोनों तो एक दूसरे को एक मिनिट नहीं झेल सकते थे और यहां बात पूरी उम्र की हो रही थी। भले ही सबको दिखाने के लिए वो दोनों एक दूसरे को वादा दे रहे थे, पर उनके दिल में कोई जज़्बात नहीं था।

    पन्डित जी फिर आरव की तरफ देखते हुए बोले, “शादी के चौथे फेरे में लड़का आगे आता है, लेकिन अपनी पत्नी से वादा लेता है कि वो उम्र भर उसकी सभी तन, मन और धन संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा, और वो भी उससे ये उम्मीद रखता है, कि वो इस रिश्ते में ईमानदार रहे। उसका पति ही उसका सर्वस्व होगा।”

    आरव और आयु ये वादा सुनकर एक पल के लिए रुक गए थे। उन दोनों की ही जिंदगी किसी ओर से जुड़ी थी, फिर वो ये वचन कैसे दे सकते थे।

    पंडित जी आगे बोले, “बेटी अब पांचवा वचन, तुम्हारा पति कोई भी जरूरी कार्य करने से पहले तुम्हारी राय लेगा। तुम्हारे फैसले की इज्जत करेगा। छठे वचन में तुम वादा करो, कि खुद को शराब और जुए जैसी गलत आदतों से दूर रखोगे, और लोगो के समूह में अपनी पत्नी का अपमान नहीं करोगे। आखिरी वचन में, तुम हर पराई स्त्री को माता और बहन के समान समझोगे और और पति-पत्नी के संबंध में किसी को बीच में आने नहीं दोगे।”

    मजबूरी में ही सही, आरव और आयु ने एक दूसरे को ये सब वचन दिए। आरव ने खुद को इतना लाचार कभी महसूस नहीं किया। उसे हमेशा से अपनी प्राइवेसी प्यारी थी, तो बिना किसी बड़े इवेंट के वो हमेशा बिना सिक्योरिटी के घूमता था। उस लीडर ने आरव और आयु की शादी पूरी विधि-विधान के साथ करवा दी थी।

    ना चाहते हुए भी आरव और आयु शादी के बंधन में बंध चुके थे। आयु की माँग में आरव के नाम का सिंदूर और गले में मंगलसूत्र था। आरव के लिए भले ही शादी जैसे रिश्ते मायने ना रखे, लेकिन आयु के लिए सब कुछ मायने रखता था। उसने मंथन से शादी करने के ख़्वाब देखे थे।

    शादी हो जाने के बाद उनका लीडर आगे आया और आयु के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए कहा, “अगर कभी भी ये आदमी तुम्हें परेशान करे, तो तुम मुझे बताना। हम इसकी सारी डिटेल्स निकाल लेंगे।”

    “डिटेल्स तो तुम्हारी मैं निकलवाऊँगा। फिर तुम्हें पता चलेगा, आरव खुराना कौन है।” आरव उन्हें घूरते हुए मन ही मन बोला।

    शादी होने के बाद आरव और आयु वहाँ से बाहर आ गए। अभी जो भी हुआ, उन सबसे आरव बहुत गुस्से में था। वह आयु को सर्द निगाहों से देख रहा था। अंदर हुई शादी का कारण आरव आयु को समझ रहा था, तो वहीं आयु का हाल भी कुछ ऐसा ही था। वह आरव को भले ही इन सब का क़सूरवार ना समझे, लेकिन आयु काफ़ी ब्रोकन फ़ील कर रही थी।

    आरव ने उनका गठबंधन खोलते हुए चिल्लाकर कहा, “मैंने तुम्हें मना किया था, इस तरह एक अनजान शादी में घुसने से… आज तुम्हारी वजह से हमारी लाइफ ख़राब हो गई।” उनका गठबंधन इतना टाइट था कि आरव से खुल नहीं रहा था, तो उसे और भी गुस्सा आने लगा।

    आयु ने चिढ़कर कहा, “हाँ, बोल तो ऐसे रहे हो जैसे मेरी तो लाइफ बड़ी आबाद कर दी तुमने। जब से मिले हो, ज़िंदगी नरक हो गई है मेरी। मैं… मैं मंथन से क्या कहूँगी? मेरी फैमिली, उन्हें पता चला तो वो मेरी जान ले लेंगे।” आयु की टेंशन अलग ही थी।

    आरव ने आयु को वार्निंग फ़िंगर दिखाते हुए कहा, “मुझे फर्क नहीं पड़ता और अभी नरक हुई कहाँ है तुम्हारी लाइफ। शक्ल मत दिखाना अपनी… वरना सच में लाइफ नरक बना दूँगा।”

    “मुझे भी कोई शौक नहीं चढ़ा तुम्हारे साथ रहने का… ये तो शादी हो गई, तो मजबूरी बन गई है… वरना…” आयु बोल रही थी, तभी आरव ने आयु की बात बीच में काटते हुए कहा, “हे मिस मॉडल, किसी वहम में मत रहना। मैं इस शादी को कभी नहीं मानने वाला हूँ। मेरे लिए ना तो तुम मायने रखती हो, ना ही शादी।”

    आयु ने चिल्लाते हुए कहा, “हाँ, तो तुम्हें क्या लगता है कि मैं भी पूरी उम्र तुम्हें अपना पति मानकर तुम्हारी सेवा करती रहूँगी? मैं भी नहीं मानती इस जबरदस्ती की शादी को… हाँ, तुम्हारी जगह कोई और होता, तो भी मैं इस पवित्र रिश्ते की ज़रूर इज़्ज़त करती।”

    आरव ने आयु की बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह गुस्से में आयु को रोड पर वहीं छोड़कर जाने लगा। उनका गठबंधन ना खुलने की वजह से आरव अनजाने में आयु को अपने पीछे ले जाने लगा। जब उसे इस बात का एहसास हुआ, तो उसने वह कपड़ा ही निकाल के फेंक दिया था।

    आयु ने पीछे से तेज आवाज़ में कहा, “मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है। यह आयुष्का सिंह ओबरॉय खुद के लिए काफ़ी है। अब तो तुम खुद मुझे लेने आओगे, तो भी नहीं आऊँगी मैं… और शूट तो भूल ही जाओ।”

    आरव ने उसकी बातों को अनसुना किया और वहाँ से चला गया। उनका रिश्ता और गलतफ़हमियाँ इस हद तक थीं, दोनों को ही कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था, कि कुछ देर पहले उन दोनों की शादी हो चुकी है। जो वचन उन्होंने एक दूसरे को दिए थे, वो एक पल में ही तार तार हो रहे थे।

    वहीं उनसे कुछ दूर खड़े उस गैंग के लीडर ने उन्हें आपस में झगड़ते हुए देख लिया था। आरव तो आयु को अकेले तक छोड़कर निकल गया था। उसके चेहरे पर गुस्से के गहरे भाव थे। वह खुद से बड़बड़ाकर बोला, “इस घटिया आदमी से मुझे यही उम्मीद थी कि यह कुछ ऐसा ही करेगा।” फिर उसने अपने आदमी को इशारे से अपने पास बुलाया।

    “हाँ, भाई… हुकुम कीजिए।” वह गुंडा बोला।

    “वो अभी मैंने अपनी बहन की शादी जिस आदमी से करवाई थी, पता तो लगा कौन है वो? अभी बड़ी सी गाड़ी में बैठकर गया है। ज़रूर कोई बड़ा आदमी होगा।” उसने कहा।

    “पर भाई, हमारी तो सिर्फ़ शादी करने की ज़िम्मेदारी थी। आगे यह जाने, इनका काम जाने।” उसके आदमी ने बेपरवाही से जवाब दिया।

    “जितना बोला है, उतना कर। मैं देखता हूँ, यह मेरी बहन को छोड़ने के बारे में कैसे सोचता है। इस लड़की को मैने दिल से अपनी बहन माना है, तो उसके पति को उस पर अत्याचार तो नहीं करने दूंगा।” लीडर ने कहा और अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गया था।

    वहीं उसका आदमी अपने लीडर के बताए काम पर लग रहा था। आरव और आयु इस शादी से ना तो खुश थे, और ना ही इस बारे में किसी को बताने वाले थे। वहीं उनसे अलग गैंग लीडर आरव से निपटने के लिए तैयारी करने लगा, वो इतनी आसानी से आरव को आयु को छोड़ने नहीं दे सकता था।

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  • 17. Billionaire's accidental wife - Chapter 17

    Words: 2621

    Estimated Reading Time: 16 min

    आरव और आयु अचानक ही शादी के पवित्र बंधन में बंध गए थे। आरव और आयु दोनों ही इस शादी को नहीं मानना चाहते थे। वेडिंग वेन्यू से बाहर निकलते ही, दोनों के बीच अच्छी-खासी बहस हो गई। आरव और आयु दोनों ही इस शादी के खिलाफ थे; वे नहीं चाहते थे कि किसी को भी इसके बारे में पता चले। आरव इस सबसे बहुत ज़्यादा गुस्से में था, और वह सीधे डिज़ायर्स के ऑफिस पहुँचा।

    आरव ने अपने केबिन में आते ही गुस्से में फाइलें इधर-उधर फेंकीं। अपने अंदर चल रहे तूफ़ान को शांत करने के लिए वह जोर से चिल्लाया। कुछ ही देर में उसने अपना पूरा केबिन अस्त-व्यस्त कर दिया।

    आरव ने इरिटेट होकर कहा, "जिस दिन से उस लड़की ने मेरी लाइफ में कदम रखा है, मेरी लाइफ में उथल-पुथल मचा दी है। आई हेट हर! ना वो उस शादी में जाने की ज़िद करती, और ना ही मैं इस जबरदस्ती की शादी के बंधन में बंधता। पता नहीं क्यों मैंने उस लड़की को हायर किया। अगर दादी को पता चल गया, तो वह उसे घर लाने के लिए ज़िद करेगी। अब मुझे वह लड़की अपनी आँखों के सामने बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। डेस्टिनी को स्पेशली खेलने के लिए मैं ही मिला क्या? मुझे... मुझे उसके साथ कोई शूट नहीं करना। उसकी शक्ल भी नहीं देखनी।"

    सब कुछ भुलाने के लिए आरव ने फ्रिज खोला और एक बीयर निकाली। उसका यही तरीका था, अपने दुखों और गुस्से से बाहर निकलने का। आरव गुस्से में काफ़ी सारी ड्रिंक कर चुका था, फिर नशे में वहीं ऑफिस में ही सो गया।

    दूसरी तरफ़ आयु देर रात मंथन के घर पहुँची। साक्षी हमेशा की तरह उसका इंतज़ार कर रही थी। आरव से सवाल-जवाब करने वाला कोई नहीं था, लेकिन आयु जल्दबाज़ी और गुस्से में यह भूल गई थी कि उसके माथे में अभी भी आरव के नाम का सिंदूर लगा था, और उसने गले में मंगलसूत्र पहन रखा था।

    साक्षी उसे देखकर चौंक गई थी। उसे सिंदूर और मंगलसूत्र दिखा, तो वह जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, "मुझे नहीं पता था कि शूट को रियलिस्टिक बनाने के लिए तुम इन सब चीज़ों का भी यूज़ करती हो? शूट तो ख़त्म हो गया था, तो इन्हें निकाल देती ना। क्या ज़रूरत थी यहाँ तक पहनकर आने की? तुम मैरिड लग रही हो।"

    आयु बिल्कुल शांत थी। अब सब उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था। साक्षी के पूछने पर आयु फूट-फूट कर रोने लगी। उसे रोता देखकर साक्षी घबरा गई।

    "आयु... आयु, हम बैठकर बात करते हैं। तुम मुझे बताओ, क्या हुआ है? यह सिंदूर और मंगलसूत्र? मुझे अच्छी वाइब नहीं आ रही है। प्लीज़ टेल मी कि ये सब आरव के शूट का हिस्सा है।" साक्षी ने तुरंत पूछा।

    "क्या बोलूँ मैं, साक्षी दी? मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा कि अचानक से यह क्या हो गया और क्यों हो गया। मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा कि मैं मंथन को क्या जवाब दूँगी?" आयु ने सुबकते हुए कहा।

    आयु की बातों से साफ़ था कि यह उसके माथे का सिंदूर और गले का मंगलसूत्र झूठे नहीं थे। साक्षी ने मंथन को सोचकर सिर पकड़ लिया। वह आयु से बहुत प्यार करता था, और अचानक उसकी शादी किसी और से होने पर ना जाने कैसे रिएक्ट करेगा।

    ऐसे वक़्त में साक्षी को आयु को भी संभालना था, जो अपने साथ हुए इस हादसे की वजह से रोए जा रही थी। साक्षी ने आयु को बैठाया और फिर नरमी से पूछा, "अच्छा, मुझे बताओ, किससे हो गई तुम्हारी शादी? किसी ने जबरदस्ती की तुम्हारे साथ?"

    आयु ने रोते हुए कहा, "जब से उस आरव खुराना ने मेरी लाइफ़ में कदम रखा है, मेरी पूरी लाइफ़ बर्बाद हो गई है। मैं एक डिज़ाइनर बनना चाहती थी, और उसने मुझे एक मॉडल बनाकर छोड़ दिया। जानना चाहती हैं ना आप, मेरी शादी किसके साथ हुई है? आपके उस आरव खुराना के साथ हुई है।"

    जैसे ही आयु ने आरव का नाम लिया, साक्षी को एक झटका सा लगा। उसके लिए यकीन कर पाना मुश्किल था कि आरव ऐसी हरकत कर सकता है। साक्षी ने हैरानी से आँखें बड़ी करके कहा, "व्हाट? आरव ऐसा कैसे कर सकता है तुम्हारे साथ?"

    "इसमें आरव की कोई गलती नहीं है। यह शादी किसी गुंडे ने जबरदस्ती, बंदूक की नोक पर करवा दी। लेकिन उसके बाद जो कुछ भी हुआ, उसमें सारी आरव की गलती है। वो मेरी गलती निकाल रहा हैं, जैसे मैने उस गुंडे को बुलाया। मुझे भी उतना ही बुरा लग रहा है, जितना उसे। उसने कहा, उसे यह शादी नहीं निभानी, तो मुझे कौन सा शौक है उसके साथ रहने का? दी, मैं मंथन को क्या जवाब दूँगी... और... मेरी... मेरी फैमिली को पता चला तो क्या होगा? किसी को पता नहीं चलना चाहिए। कोई.. कोई शादी नहीं हुई।"

    साक्षी आगे कुछ बोलती, उससे पहले आयु रोते हुए रूम में चली गई। साक्षी उसे संभालने के लिए उसके पीछे-पीछे गई।

    साक्षी ने उसे समझाते हुए कहा, "आयु, तुम फ़िक्र मत करो। मैं मंथन से बात कर लूँगी। मैं समझाऊँगी उसे। रही बात तुम्हारी फैमिली की... तो उन्हें भी सच पता चलेगा, तो वे भी तुम्हें समझेंगे।"

    आयु ने प्लीडिंग वॉइस में कहा, "प्लीज़ दी, आप इस शादी के बारे में मंथन के अलावा किसी को मत बताइएगा। मैं मंथन को बोलूँगी कि हम दोनों जल्द से जल्द शादी कर लेते हैं। वैसे भी किसी को नहीं पता मेरी और आरव की शादी हुई है।"

    साक्षी ने आयु के आँसू पोछते हुए कहा, "हाँ, आयु, हम रास्ता निकाल लेंगे। तुम रोते हुए बिल्कुल अच्छी नहीं लगती हो। मैंने पहली बार तुझे रोते हुए देखा है। अब खुद को नॉर्मल करो। हम सुबह मंथन से बात करते हैं।"

    "आप जानती हैं ना कि मैं जल्दी से नहीं रोती, पर इन पाँच दिनों में मेरी लाइफ़ ईस्ट से वेस्ट तक पहुँचा दी उस आरव खुराना ने।" आयु ने मायूसी से कहा।

    "मंथन तुम्हें समझेगा। रात काफ़ी हो गई है। थोड़ा आराम करो।" साक्षी ने शांत लहजे में कहा और वहाँ से अपने कमरे में चली गई।

    साक्षी ने आयु से कह तो दिया था कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन मन ही मन उसे आयु और मंथन के रिश्ते की फ़िक्र सता रही थी। वहीं आयु चाहकर भी नहीं सो पा रही थी। उसे अपने और मंथन के रिश्ते को लेकर चिंता हो रही थी, ऊपर से आरव ने जैसा बर्ताव किया था, उसके बाद उसे आरव के सामने जाने से ही डर लग रहा था।

    "अभी मेरा यह हाल हो रहा है; तो जब सच सामने आएगा तो क्या होगा? मंथन तो फिर भी समझदार है, साक्षी दी साथ देगी तो वह समझ जाएगा, लेकिन मेरी फैमिली का क्या? नहीं, गलती से भी उन्हें इस शादी के बारे में पता नहीं चलना चाहिए।" आयु ने मन ही मन कहा।

    वहीं दूसरी तरफ़ आरव की टीम शूटिंग के चलते वेन्यू में रुकी हुई थी। आरव आयु को घर छोड़ने गया था। वह वापस नहीं आया, तो माहिरा परेशान होकर उसका इंतज़ार कर रही थी।

    माहिरा ने इधर-उधर टहलते हुए खुद से कहा, "आरव अभी तक आया क्यों नहीं? आज भले ही वह मुझसे गुस्सा हो, लेकिन प्यार करती हूँ मैं उसे। ज़्यादा से ज़्यादा गुस्से में दो बातें बोलेगा; सुन लूँगी मैं... लेकिन मैं दूर नहीं रह सकती उससे... इससे पहले कि आरव को मुझसे कोई छीनकर ले जाए, मुझे उसे मनाना होगा। आरव सिर्फ़ मेरा है। मैं कल ही आरव को सॉरी बोलकर उसे मना लूँगी।"

    आज की रात शायद ऐसी ही थी: शांत, लेकिन लंबी, और उन सबके लिए बेचैनी से भरी हुई। शूटिंग के दौरान जो भी हो रहा था, वह मंथन ऑब्ज़र्व कर रहा था। आयु और आरव के बीच काफ़ी टेंशन थी; दोनों के बीच झगड़ा भी लगा रहता था। आज तो आरव के चलते आयु ने गुस्से में मंथन को भी काफ़ी कुछ कहा था। उसका बर्ताव साफ़ ज़ाहिर करता था कि वह वहाँ काम करके खुश नहीं है। मंथन को भी थोड़ी बेचैनी होने के कारण नींद नहीं आ रही थी।

    "एक बार यह शूट कंप्लीट हो जाए, फिर मैं आयु से हमारी शादी के बारे में बात करूँगा। डिज़ाइनर तो वह हमारी शादी के बाद भी बन सकती है। और वैसे भी उसकी फैमिली को कोई प्रॉब्लम नहीं है हमारे रिलेशनशिप से। अगर प्रॉब्लम होती, तो वह कभी भी आयु को मेरे साथ शादी से पहले एक घर में नहीं रहने देते। वे अच्छे से जानते हैं कि हम दोनों अपनी लिमिट्स कभी क्रॉस नहीं करेंगे। अगर आयु को आरव सर नहीं पसंद है, तो मैं भी डिज़ायर्स छोड़कर कहीं और जॉब कर लूँगा। वह करियर को लेकर बहुत स्ट्रेस ले रही है। मैं उसे समझाऊँगा, तो वह मान जाएगी।" मंथन खुद से बोला।

    अपना मूड सही करने के लिए मंथन ने आयु और अपनी फ़ोटोज़ देखनी शुरू कर दी थीं। वहीं दूसरी तरफ़ उस गुंडे के आदमी ने आरव के बारे में थोड़ी ही देर में ज़रूरी जानकारी हासिल कर ली थी। आज की रात उनके लिए भारी साबित हो रही थी। कहीं ना कहीं उन्हें उम्मीद थी कि कल का सूरज उनके लिए उम्मीद की एक नई किरण लेकर आएगा, पर बदकिस्मती से उनका कल का दिन इससे भी ज़्यादा भारी पड़ने वाला था।

    अगले दिन सभी लोकल न्यूज़ चैनल्स पर एक ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी। आरव और आयु इस बात से बेख़बर थे। मीडिया वाले गौरवी जी के घर के आगे खड़े थे।

    न्यूज़ एंकर ने आरव के घर की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, "यह है चंडीगढ़ के मशहूर डिज़ाइनिंग कंपनी के मालिक आरव खुराना का घर, जिन्होंने कल रात को एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपनी गर्लफ़्रेंड, जिसे वह दुनिया से छुपाकर रखते थे, उसके साथ शादी कर ली है। यह लड़की कौन है, यह कोई नहीं जानता, लेकिन कुछ दिन पहले इसे डिज़ायर्स के कैंपेनिंग शूट में देखा गया था। पूरे चंडीगढ़ में आरव खुराना डिज़ायर्स के मालिक होने के साथ-साथ कैसोनोवा होने की वजह से भी फ़ेमस है। सभी जानते हैं कि इनका अपने ऑफ़िस की मॉडल के साथ अफ़ेयर होता है। शायद यह मॉडल भी आरव खुराना की बातों में आ गई होगी... या हो सकता है यह प्रेग्नेंट हो, तो आरव खुराना को मंजूरी में इससे शादी करनी पड़ी हो।"

    रिपोर्टर ना जाने क्या-क्या बोल रहा था, ऊपर से बैकग्राउंड में कल रात की फ़ुटेज चल रही थी, जिसमें आरव और आयु शादी कर रहे थे।

    वहीं गौरवी जी आरव की शादी की ख़बर देखकर हैरान थीं।

    गौरवी जी ने खुश होकर कहा, "क्या? मेरे आरव ने शादी कर ली... और मुझे नहीं बुलाया? मैं परदादी बनने वाली हूँ! तो यह लड़की प्रेग्नेंट है। अच्छा हुआ, उस माहिरा से तो पीछा छूटा। पर ये लोग आरव की नेगेटिव पब्लिसिटी क्यों कर रहे हैं? इन मीडिया वालों को तो मौका चाहिए। आरव कहाँ है? उसे इस बारे में मुझे बताना पड़ेगा।"

    गौरवी जी ने उसी समय आरव को कॉल किया। आरव अभी तक सोया हुआ था। पहले बार में तो आरव ने उनका कॉल रिसीव भी नहीं किया था।

    दूसरी बार में आरव ने उनका कॉल रिसीव किया, तो वह थोड़ा इरिटेट होकर बोला, "दादी, मैं रात को लेट सोया था।"

    "हाँ, अब मैं समझ सकती हूँ तुम्हारे लेट सोने का कारण, लेकिन जो भी हो, तुम्हें मुझसे नहीं छुपाना चाहिए था।" गौरवी जी ने टॉनिंग वे में कहा।

    "प्लीज़, थोड़ी देर बाद बात करते हैं।" आरव ने जवाब दिया। वह कॉल कट करने को हुआ, तभी गौरवी जी ने जल्दी से कहा, "कॉन्ग्रैचुलेशन, मिस्टर खुराना।"

    "थैंक्यू, दादी।" आरव ने हड़बड़ाहट में कहा। वह नींद में था, तो उसे समझ नहीं आया कि आखिर गौरवी जी उसे किस बात की बधाइयाँ दे रही हैं।

    गौरवी जी ने आगे कहा, "बहू को कब घर लेकर आ रहे हो?"

    आरव ने उन्नींदी आवाज में कहा, "मैं नहीं मानता दादी इस शादी को..." अचानक आरव ने गौरवी जी की बात पर गौर किया, तो वह चौंककर उठ बैठा।

    "एक मिनट... आप कैसे पता कि मेरी शादी हो गई? किसने बताया आपको?" आरव ने हैरानी से पूछा।

    गौरवी जी ने सिर हिलाकर कहा, "नींद से जागिए, मिस्टर खुराना। मुझे ही नहीं, पूरे चंडीगढ़ को आपकी शादी की ख़बरें मिल रही हैं।"

    आरव ने उलझन भरे स्वर में कहा, "पूरे चंडीगढ़ को? मतलब?"

    गौरवी जी जवाब में बोलीं, "मतलब-वतलब छोड़ो आरव, और टीवी ऑन करो। सब पता चल जाएगा कि कैसे चंडीगढ़ की मीडिया वाले आपकी इज़्ज़त का फ़ालूदा करने पर तुले हैं। मुझे नहीं पता, दो घंटे में मुझे अपनी बहू हमारे घर के आँगन में चाहिए। मैं गृह प्रवेश की सारी तैयारियाँ करके रखूँगी। मीडिया से तुम निपट लेना।"

    आरव उन्हें रोकते हुए बोला, "पर दादी, मेरी बात तो सुनिए।"

    गौरवी जी ने सख़्ती से कहा, "घर पर मिलते हैं आरव... वो भी मेरी बहू के साथ।"

    अपनी बात ख़त्म करके गौरवी जी ने कॉल कट कर दिया। वहीं आरव परेशान हो गया था। कल रात के बाद से वह ऐसे ही गुस्से में था, ऊपर से रही-सही कसर मीडिया ने पूरी कर दी थी।

    आरव ने चिढ़कर कहा, "ये मीडिया वाले... इन्हें तो मैं देख लूँगा। ओह गॉड! एक ही रात में क्या-क्या रायते फैल गए। वह मॉडल कभी नहीं मानेगी।"

    आरव अपने केबिन से बाहर निकला और इस वक़्त सीधे आयु से बात करने वह साक्षी के घर जाने लगा। वहीं दूसरी तरफ़ शूटिंग लोकेशन पर सब अपने काम में बिज़ी थे। आरव और आयु की शादी से जुड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ के बारे में अभी तक किसी को कुछ पता नहीं था। सब शूटिंग की तैयारी कर रहे थे, तभी सुहानी वहाँ पर आई।

    माहिरा ने सुहानी को देखते ही उसके पास जाकर एटीट्यूड में कहा, "सुहानी, इतना लेट क्यों आती हो तुम? यहाँ नहीं रुक सकती क्या? तुम्हारे और उस मॉडल के चक्कर में पूरा शूट लेट हो जाता है।"

    सुहानी ने भौंहें चढ़ाई और कहा, "ओह, रियली? अपनी बकवास बंद करो और अपना मोबाइल ऑन करके देखो कि क्या चल रहा है।"

    रियान ने बेपरवाही से कहा, "कम ऑन यार, सुहानी। इतना टाइम नहीं है किसी के पास, जो मोबाइल में टाइम पास करे।"

    वे लोग आपस में उलझे थे, तभी युवानी वहाँ पर आई। उसने परेशान स्वर में पूछा, "आरव सर की बात हुई किसी से? वो कॉल नहीं उठा रहे।"

    सुहानी ने तुरंत कहा, "अरे, वही तो मैं बोल रही हूँ। एक बार अपना मोबाइल या टीवी ऑन करके देखो कि आखिर चल क्या रहा है चंडीगढ़ में।"

    सुहानी के कहने पर मीशा ने जाकर हॉल में लगे टीवी को ऑन किया, तो वे सब उस न्यूज़ चैनल पर चलने वाली न्यूज़ को देखकर दंग रह गए। माहिरा गुस्से में काँपने लगी थी; उसका डर सही साबित हो गया।

    कुछ ऐसा ही हाल मंथन का था। वह गुस्से में नहीं था, लेकिन आयु की शादी आरव से होते देखकर उसे अंदर ही अंदर बहुत तकलीफ़ हो रही थी। उसकी पलकें भीगने लगी थीं।

    माहिरा गुस्से में मंथन की तरफ़ गई। उसने चिल्लाकर कहा, "आखिर तुम्हारी उस गर्लफ़्रेंड ने मेरे आरव को मुझसे छीन ही लिया। मैंने तुम्हें कहा था, उसे मेरे आरव से दूर रखना।"

    मंथन पहले ही परेशान था, ऊपर से माहिरा सारा ब्लेम आयु पर डालने लगी। मंथन ने दाँत पीसते हुए कहा, "बेवजह की बकवास मत करो तुम। आरव सर की कोई मजबूरी होगी, तुम्हें झेलने की, लेकिन मेरी कोई मजबूरी नहीं है। साइड हटो।"

    मंथन वहाँ से दौड़कर गया और गाड़ी में बैठा।

    "मुझे... मुझे आयु से बात करनी होगी। वह मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है? यह झूठ है। ज़रूर आरव सर ने अपना कलेक्शन प्रमोट करने के लिए कोई पब्लिसिटी स्टंट किया होगा।"

    मंथन का दिल यही कह रहा था कि काश सब झूठ निकले। वह जल्द से जल्द आयु से बात करके सब क्लियर करना चाहता था। कुछ ही देर में मंथन अपने घर के आगे था, और साथ ही आरव भी। दोनों एक-दूसरे को खा जाने वाली निगाहों से घूर रहे थे। मंथन अपनी मिसअंडरस्टैंडिंग क्लियर करने आया था, तो इस वक़्त आरव आयु को अपनी पत्नी के तौर पर अपने साथ ले जाने आया था।


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  • 18. Billionaire's accidental wife - Chapter 18

    Words: 2456

    Estimated Reading Time: 15 min

    आयु ने आरव से शादी को भूलकर आगे बढ़ने की सोची, लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि उन दोनों की शादी की खबर अब पूरे चंडीगढ़ में वायरल हो रही थी। आरव को इस बारे में गौरवी जी ने बताया, और उन्होंने साथ ही यह जिद की कि आरव आयु को लेकर घर पहुँचे।

    जब तक मामला आरव और आयु के बीच में था, तब तक आरव को टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं थी, लेकिन अब इस बारे में सब जान चुके थे। उसका नया कलेक्शन भी लॉन्च होने वाला था, इसलिए वह अपनी नेगेटिव इमेज भी नहीं बना सकता था। गौरवी जी की बात मानकर आरव आयु को लेने साक्षी के घर पर पहुँचा। इसी वक्त मंथन भी घर आया था ताकि वह आयु से इस बारे में बात कर सके।

    दोनों एक साथ घर पहुँचे थे। मंथन की आरव से नज़र मिलते ही उसने तीखे स्वर में कहा, “आपसे मुझे यही उम्मीद थी कि आप ऐसा ही कुछ करेंगे।”

    “जो कुछ हुआ, मुझे उसे एक्सप्लेन करने का मौका दोगे तुम? तुम्हें तो पूरा सच भी नहीं पता है। जो भी हुआ, उसमें मेरी कमी निकालने के बजाय अपनी गर्लफ्रेंड के सो-कॉल्ड बिहेवियर पर भी गौर कर लेना। उसे बहुत शौक चढ़ा है अनजान शादी में जाने का। सब उसी की गलती है, मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया।” आरव ने अपनी सफाई में काफी बेरुखी से जवाब दिया।

    मंथन गुस्से में कहा, “आप क्या सब कुछ जानबूझकर करते हैं, आरव सर? ना तो आपने जानबूझकर जबरदस्ती आयु से वह कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था… और ना ही आपने जानबूझकर जबरदस्ती से शादी की होगी।”

    साक्षी उस वक्त टिया को स्कूल के लिए तैयार कर रही थी। जब उसने आरव और मंथन के बहस करने की आवाज़ सुनी, तो वह जल्दी से बाहर आई।

    साक्षी उन दोनों को डांटते हुए बोली, “तुम दोनों झगड़ा करना बंद करोगे? अंदर आयु सो रही है। वह ऐसे ही बहुत डिप्रेस्ड है। प्लीज़ आरव, चले जाओ यहाँ से।”

    “मैं उसे लिए बिना यहाँ से नहीं जाऊँगा। तुम जानती हो ना दादी की ज़िद को। हार्ट पेशेंट है वो, ना चाहते हुए भी मुझे उनकी हर बात माननी पड़ती है। वो मेरी वाइफ है, तो अब आयु को भी उनकी बात माननी पड़ेगी।” आरव ने जवाब दिया।

    “और उसे क्यों माननी पड़ेगी आपकी दादी की बात? वोआपकी दादी है, आप संभालो।” मंथन ने सख्त आवाज़ में कहा।

    आरव ने सिर हिलाकर कहा, “क्योंकि लीगली आयु मेरी वाइफ है। तुम या कोई भी मुझे उसे यहाँ से ले जाने से नहीं रोक सकता।”

    उन दोनों की बहस फिर से शुरू हो गई थी। आरव आयु पर ऐसे हक़ जमा रहा था, जैसे वो शादी उनकी मर्ज़ी से हुई हो। आरव आयु को लाने अंदर जाने लगा, तभी साक्षी उसके सामने आ गई।

    साक्षी ने भौंहें चढ़ाकर कहा, “ओ रियली आरव? आयु तुम्हारी वाइफ है? वही वाइफ ना, जिसके साथ तुमने शादी मानने से इनकार कर दिया था और उसे अकेले छोड़कर चले गए थे?”

    वहाँ बहस बढ़ने लगी थी। उन लोगों का शोर सुनकर आयु बाहर आई। अगर गौरवी जी ने ज़िद नहीं की होती, तो आरव आयु को लेने के लिए वहाँ कभी नहीं आता।

    आयु उनकी बातें सुन चुकी थी कि कैसे आरव उसे वहाँ से ले जाने की ज़िद कर रहा था। बाहर आकर उसने आरव की तरफ़ तिरछी निगाहों से देखा और फिर बोली, “दीदी, इस आदमी से झगड़ा करने का कोई फ़ायदा नहीं है।”

    आरव आयु के पास गया और बोला, “हाँ तो तुम्हें कोई बहस करने को कह भी नहीं रहा है। चलो, तैयार हो जाओ, हम चल रहे हैं।”

    “और तुम्हें यह गलतफ़हमी क्यों है कि मैं तुम्हारे साथ कहीं भी जाऊँगी? मेरे लिए यह शादी मायने नहीं रखती।” आयु ने उसे घूरते हुए पूछा।

    आरव ने जवाब में कहा, “मुझे बहस नहीं करनी है। तुम फिलहाल मेरे साथ चलो। फिर हम दोनों मिलकर लॉयर के पास जाएँगे। मैं डिवोर्स प्रोसेस को अभी आगे बढ़ाने के लिए तैयार हूँ।”

    “जब इस शादी को ना तुम मानते हो, ना मैं मानती हूँ। लोगों को पता है नहीं, तो डिवोर्स हो या ना हो, कोई मायने नहीं रखता।” आयु ने बेपरवाही से कहा। वह अब वायरल न्यूज़ से अनजान थी।

    मंथन ने तुरंत उसे बताते हुए कहा, “नहीं आयु, टीवी पर तुम दोनों की शादी की ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही है। तुम्हें इतना टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। हम अभी लॉयर के पास चलते हैं और डिवोर्स के लिए बात करते हैं। तुम्हें आरव सर के साथ जाने की ज़रूरत नहीं है।”

    आयु ने उसके बाद हामी भरी। वह अंदर जाने ही वाली थी, तभी पीछे से आरव ने कहा, “ठीक है। मत चलो मेरे साथ, लेकिन फिर मैं भी डिवोर्स नहीं दूँगा।”

    आयु ने गुस्से में जवाब दिया, “हाँ, मत दो। मैं और मंथन लिव-इन में रह लेंगे। तुम भी तो रहते हो ना, अपनी माहिरा के साथ।”

    वह दोनों बच्चों की तरह बहस कर रहे थे, ऊपर से मंथन भी आयु का साथ दे रहा था। इन सबसे साक्षी को इरिटेशन होने लगा।

    साक्षी ने उन्हें शांत करने के लिए तेज आवाज़ में कहा, “देखो, जो हुआ है, उसमें किसी की कोई गलती नहीं है। आराम से बैठकर बात करो, तो प्रॉब्लम का सलूशन निकल भी सकता है।”

    आरव ने हाथ बांधते हुए कहा, “मैं बात करके सब सॉल्व करने के लिए तैयार हूँ, लेकिन यह सुन ही नहीं रही है। मीडिया में जो भी ड्रामा हुआ है, मुझे उसे सही करना है।” बोलते हुए वह मंथन की तरफ़ मुड़कर बोला, “मंथन, मैं तुम्हें प्रॉमिस करता हूँ कि मैं तुम्हारी आयु को टच भी नहीं करूँगा। गलती से भी नहीं। प्लीज़, अभी के लिए इसे मेरे साथ भेज दो।”

    अपनी जिद में आयु यह भूल रही थी कि अगर शादी की बात फैली है, तो उसकी फैमिली भी सब जान चुकी थी। उसे बस एक ही बात याद थी कि कल रात आरव ने उन सब का कसूरवार आयु को ठहराया था। कौन सा वो उसे शादी मानने के लिए फ़ोर्स कर रही थी? लेकिन आरव ने जैसा बर्ताव किया, वह आयु भूलने के लिए तैयार नहीं थी।

    “तुम इन सब से क्यों पूछ रहे हो? तुम्हारी शादी इनसे नहीं, मुझे हुई थी। कल रात तुम इस शादी से पूरी तरह इनकार कर रहे थे। अब मैं करती हूँ, मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता दुनिया से और ना ही इस मीडिया से।” आयु ने पूरी सख्ती से जवाब दिया। वह किसी भी हालत में आरव की बात मानने के लिए तैयार नहीं थी।

    आरव पहले काफी प्यार से मना रहा था, लेकिन आयु के ज़िद करने पर उसका सब्र जवाब दे गया था। अभी तक उसने किसी को फ़ेस नहीं किया था। वह अच्छे से जानता था कि उसे इस शादी के लिए कईयों को जवाब देना होगा, ऊपर से आयु भी ज़िद पर आ गई थी।

    आरव ने गुस्से में दाँत पीसते हुए कहा, “तो तुम भी भूल जाओ कि मैं तुम्हें कभी डिवोर्स दूँगा। नहीं चलना ना मेरे साथ, मत जाओ। अभी 10 मिनट के अंदर शूट पर पहुँच जाओ तुम।”

    आयु ने जवाब में कहा, “मुझे नहीं करनी कोई शूटिंग।”

    “ठीक है, फिर कम्पनसेशन के 5 करोड़ रुपए दे दो।” आरव बोला। एक बार फिर उनकी बहस शादी से मॉडलिंग तक आ गई थी।

    साक्षी अच्छे से जानती थी कि आयु बहुत ज़िद्दी है। इतनी आसानी से वह अब आरव की बात नहीं मानने वाली थी, ख़ासकर तब, जब कल रात आरव ने उसकी इंसल्ट की थी।

    साक्षी आयु के पास आई और प्यार से बोली, “देखो, कल रात जो भी हुआ, वह काफ़ी अनफ़ॉर्च्युनेट था, लेकिन तुम दोनों को ही इससे बाहर निकलना होगा। सबसे पहले मीडिया को हैंडल करो, जो तुम दोनों के बारे में गलत न्यूज़ फैला रहे हैं। तुम जानती हो आयु, उन्हें यह लगता है कि तुम प्रेग्नेंट थी, इस वजह से आरव ने तुमसे इस तरह जल्दबाज़ी में शादी की।”

    साक्षी की बात सुनकर आयु की आँखें हैरानी से बड़ी हो गई थीं। उसने जल्दी से सिर हिलाकर कहा, “इसके बच्चे की माँ बनने से पहले मैं अपनी जान देना पसंद करूँगी। और वह मेरे बारे में ऐसी बात फैला भी कैसे सकते हैं? मैं उनके ख़िलाफ़ डिफेमेशन केस करूँगी।”

    “नहीं, तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी। सबसे पहले हम मीडिया के सामने जाकर इस शादी को एक्सेप्ट करेंगे और फिर साइलेंटली इससे बाहर निकलेंगे। मुझे कोई तमाशा नहीं चाहिए। इससे मेरे बिज़नेस पर बहुत इफ़ेक्ट होगा।” आरव ने तुरंत कहा।

    जिस तरह की सिचुएशन थी, उसे देखकर आयु को हाँ कहना ही पड़ा। आयु ने आरव के साथ जाने के लिए हाँ कह दी। वह अब बोली, “ठीक है, मैं तुम्हारे साथ चलने के लिए तैयार हूँ, लेकिन बाद में तुम डिवोर्स देने से मना नहीं करोगे। हम कल ही लॉयर के पास जाएँगे और तलाक़ की बात करेंगे।”

    “मुझे मंज़ूर है।” आरव बोला।

    साक्षी के समझाने पर आयु आरव के साथ जाने के लिए तैयार हो गई थी। आयु को अकेलापन ना महसूस हो, इस वजह से मंथन भी उसके साथ जा रहा था। कुछ ही देर में आयु तैयार होकर बाहर आ गई थी।

    वह दोनों सबके सामने अपनी शादी अनाउंस करने जा रहे थे, इसलिए साक्षी के कहने पर आयु ने ऑफ व्हाइट कलर की साड़ी पहनी थी। माथे पर सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनने के बाद उसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लग गए थे। वह नई-नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी।

    आयु तैयार होकर बाहर आई, तो एक मोमेंट के लिए आरव की नज़र उस पर ठहर गई थी। उसने तुरंत ही इधर-उधर देखना शुरू कर दिया, तो वहीं मंथन को दूसरी तरफ़ देखकर बुरा लग रहा था। आयु उसे बहुत ख़ूबसूरत लग रही थी। वह तैयार तो हुई थी, लेकिन उसके लिए नहीं, बल्कि आरव के लिए।

    “चलो, अब जल्दी से चलते हैं।” आरव ने कहा और तुरंत ही नीचे जाने लगा। आयु और मंथन उसके पीछे-पीछे आ रहे थे।

    कुछ ही देर में वह दोनों गौरवी जी के पास खुराना मेंशन में पहुँच चुके थे। जैसे ही वह गाड़ी से बाहर निकले, रिपोर्टर्स की भीड़ ने उन्हें देख लिया था। उन सबके चक्कर में आयु मंथन से दूर हो गई थी, तो वहीं सबको दिखाने के लिए आरव ने आयु का हाथ पकड़ लिया था। उसकी इस हरकत पर आयु को गुस्सा तो बहुत आ रहा था, पर सबके सामने वह कुछ रिएक्ट नहीं कर सकती थी।

    एक रिपोर्टर तुरंत आरव के सामने माइक करके बोला, “सर, प्लीज़ आप एक्सप्लेन करेंगे अपनी शादी के बारे में?”

    उसकी बात को आगे बढ़ाते हुए दूसरे रिपोर्टर ने जल्दी से पूछा, “क्या आपकी वाइफ प्रेग्नेंट है सर? इस वजह से आपको इस तरह जल्दबाज़ी में शादी करनी पड़ी? ऐसा भी क्या हो गया था जो आपको ऐसे सब से छुपाकर एक सिंपल सी शादी करनी पड़ी, जबकि आप तो किसी पार्टी में जाते हो, तो वह भी ब्रेकिंग न्यूज़ बन जाती है।”

    आरव ने गहरी साँस ली और उनकी बात के जवाब में कहा, “मुझे अपनी प्राइवेट लाइफ के बारे में किसी को एक्सप्लेन करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन फिर भी आप जानना चाहते हो, तो सुनिए, हम दोनों एक-दूसरे से कुछ टाइम पहले ही मिले थे और हमें शादी करनी थी। फिर हम वह शादी किसी भी तरीके से करें, ये हम पर डिपेंड करता है। आप कौन होते हैं हम पर सवाल उठाने वाले?”

    “लेकिन जहाँ तक हमें पता है, आपकी गर्लफ्रेंड माहिरा बजाज है?” एक रिपोर्टर ने पूछा।

    माहिरा का नाम आने पर आरव और आयु दोनों एक पल के लिए शांत हो गए थे। आरव ने आयु की कमर पर हाथ रखा और उसकी तरफ़ देखकर मुस्कुराते हुए कहा, “तुम काफ़ी थक गई होगी ना बेबी? चलो अंदर चलते हैं। वैसे भी लोगों के अननेसेसरी सवालों के जवाब देने की ज़रूरत नहीं है। जिसे जो सोचना है, सोचने दो।”

    आरव ने काफ़ी चालाकी से बात को बदल दिया था, लेकिन उसके इस तरह कमर पर हाथ रखने पर आयु उसकी तरफ़ गुस्से से देख रही थी। आरव ने उसे इसी तरह से पकड़ा और अंदर ले जाने लगा।

    वहीं जैसे ही वह थोड़ा आगे गए, तो गौरवी जी उनके गृह प्रवेश की पूरी तैयारी करके रखी थी। गौरवी जी ने उन दोनों की आरती उतारी।

    गौरवी जी मुस्कुराते हुए आयु से बोलीं, “बेटा, अब इस कलश को अपने पैर से हल्की सी ठोकर मारो और इस आलते से अपने पैरों के निशान देवी माँ के मंदिर तक बना दो।”

    आयु के लिए शादी और उससे जुड़ी रस्में बहुत मायने रखती थीं। वह दिल से हर रस्म और काम को निभाना चाहती थी, लेकिन सब कुछ उसे दिखावे के लिए करना पड़ रहा था। गौरवी जी के कहने के बाद भी आयु वहीं पर खड़ी थी।

    “प्लीज़, अभी कोई तमाशा मत करना। मीडिया अभी भी यहीं मौजूद है। मैं समझ सकता हूँ, तुम्हें मेरे साथ यह सब करने में तकलीफ हो रही है, पर झेल लो।” आरव ने बिल्कुल धीमी आवाज़ में कहा।

    आयु ने बिना कुछ कहे सभी रस्मों को निभाया और आरव के साथ गृह प्रवेश किया। आयु घर के मंदिर में गौरवी जी के साथ थी, तभी आरव के पास एक कॉल आया और वह बाहर चला गया।

    उसके जाते ही गौरी जी ने आयु के गाल पर हाथ रखकर प्यार से कहा, “अब समझ आ रहा है कि मेरे आरव ने इतनी जल्दबाज़ी में शादी क्यों की? जो भी हो, तुम बहुत प्यारी हो और हमेशा मेरे आरव के साथ रहना। हाँ, उसका बिहेवियर तुम्हें अजीब लगता होगा, पर वह दिल का बहुत अच्छा है। उसने सबके सामने कहा कि तुम दोनों ने लव मैरिज की है, जबकि वह उस लड़की के साथ था। वह इतनी आसानी से अपने दिल की बात बताता नहीं है। तो तुम ही मुझे बता दो कि किन हालातों में तुम दोनों ने शादी की है?”

    आयु को समझ नहीं आया वो क्या जवाब दे। ऊपर से आरव भी मौजूद नहीं था। आयु कुछ कहती, उससे पहले आरव वहाँ पहुँच गया, तो उसे जवाब देने की ज़रूरत नहीं पड़ी।

    आरव उनकी बात सुन चुका था। वो तुरंत उन्हें टालते हुए बोला, “दादी, हमें अब मेरे घर जाना चाहिए। हमारी नई-नई शादी हुई है।”

    “नई-नई शादी हुई है, तभी तुम दोनों कुछ दिन यहीं रहोगे। और आरव, तुम काम से थोड़ा ब्रेक लेकर मेरी बहू को टाइम दोगे।” गौरवी जी बोलीं।

    आयु और आरव दोनों ही मना करना चाहते थे, लेकिन गौरवी जी के आगे उनकी एक नहीं चली। गौरवी जी आरव और आयु को अपने घर से कहीं नहीं जाने दे रही थीं। पूरे दिन आयु गौरवी जी के साथ थी, जबकि आरव अपने ही कामों में लगा था। डिनर भी उसने अपने रूम में ही मँगवाया था।

    रात को, जब आयु डिनर के बाद गौरवी जी के साथ ही सोना चाहती थी, पर उन्होंने कहा, “तुम सच में बहुत क्यूट हो। लेकिन यहाँ नहीं सोना। चलो आरव के कमरे में जाओ।”

    “लेकिन दादी…” आयु ने अपनी बात रखनी चाही, लेकिन गौरवी जी उसे पकड़ कर आरव के कमरे के अंदर तक धकेल आई थीं।

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  • 19. Billionaire's accidental wife - Chapter 19

    Words: 2385

    Estimated Reading Time: 15 min

    साक्षी के समझाने पर आयु गौरवी जी के घर आ गई। सुबह से शाम होने को आई थी, लेकिन आरव और आयु को उन्हें अपनी शादी का सच बताने का मौका नहीं मिला। रात को तो गौरवी जी ने जबरदस्ती आयु को आरव के कमरे में भेज दिया था।

    आरव अपने कामों में लगा था। अचानक आयु को अपने कमरे में देखकर उसने भौंहें उठाकर कहा, “मेरे कमरे में क्या कर रही हो तुम?”

    आयु ने आँखें घुमाते हुए कहा, “मुझे भी कोई शौक नहीं है, तुम्हारे कमरे में आने का। दादी ने जबरदस्ती तुम्हारे कमरे में भेज दिया। इतने ड्रामे के बाद मैं बहुत थक गई हूँ। मुझे नींद आ रही है।”

    “तो सो जाओ।” आरव ने बेपरवाही से कहा।

    “लेकिन कहाँ?” आयु ने पूछा। अभी भी वह दरवाजे पर खड़ी थी।

    “मुझे क्यों पूछ रही हो? इस घर में सोने के लिए काफी सारे कमरे हैं। तुम्हें आने के लिए यही कमरा मिला?” आरव ने चिड़कर कहा।

    उसे बिल्कुल पसंद नहीं था जब माहिरा भी अचानक से उसके कमरे में आ जाती थी।

    उसके तेवर देखकर आयु ने सिर हिलाकर कहा, “ठीक है, तो फिर मैं अपने घर चली जाती हूँ।”

    आयु के धमकी देने पर आरव जल्दी से खड़ा हुआ और बोला, “अरे नहीं! तुम यहाँ सो सकती हो। कल सुबह मैं दादी को हमारी शादी की सच्चाई बता दूँगा। तब तक प्लीज एडजस्ट कर लो।”

    “एडजस्ट मैं नहीं, तुम करोगे। और प्लीज सुबह मुझे जल्दी मत उठाना। मुझे जल्दी उठने की आदत नहीं है।” आयु ने बेपरवाही से कहा।

    वह हमेशा की तरह आरव जानबूझकर तंग कर रही थी। आरव ने गहरी साँस ली और जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, “ऑफ कोर्स... और कुछ रानी साहिबा? रात को पैर दबाकर सोने की आदत है या गला?”

    “तुमसे तो कुछ भी नहीं...तुम मुझसे दूर रहो। तुमने मंथन को प्रॉमिस किया था।” आयु ने उसे घूरते हुए कहा।

    उसकी बात सुनकर आरव के चेहरे के भाव सख्त हो गए। उसने तीखे स्वर में कहा, “बार-बार याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है और वैसे भी मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारे पास आने का। तुम्हें अपनी मॉडल सेलेक्ट किया था, इसका मतलब यह नहीं कि तुम कहीं की राजकुमारी हो या मिस वर्ल्ड, जिसके पीछे सारे लड़के पागल होकर घूमते हैं। तुम इस रूम में सो सकती हो।”

    “लेकिन मुझे तुम्हारे साथ रूम शेयर नहीं करना है। आई डोंट ट्रस्ट यू।” आयु ने कंधे उठाकर कहा।

    “हाँ तो कौन सा मैं यहाँ सोने वाला हूँ। वैसे भी मैं इस घर में नहीं रहता हूँ। मैं अपने घर में चला जाऊँगा। मैं और माहिरा एक साथ रहते हैं। यह तो मेरी दादी का घर है। यहाँ तो बस मैं आता-जाता रहता हूँ।” आरव ने भी चिढ़ते हुए जवाब दिया।

    आरव के मुँह से माहिरा का नाम सुनकर आयु का मूड बिगड़ गया था। उसने आरव की बात का कोई जवाब नहीं दिया और कमरे की लाइट बंद कर दी।

    “मुझे नींद आ रही है। तुम्हें जहाँ जाना है जाओ। और हो सके तो मुझे अपनी शक्ल भी मत दिखाना।” आयु बोली।

    आरव चुपचाप कमरे से बाहर आ गया। वह माहिरा के पास अपने घर पर जाता, उससे पहले गौरवी जी ने उसे देख लिया था। उनकी नज़रों से बचने के लिए आरव बाहर जाने के बजाय गेस्ट रूम में जाकर सो गया।

    अगली सुबह गौरवी जी जल्दी उठकर तैयार हो गईं। वह आयु और आरव की शादी के बाद की बची हुई रस्मों की तैयारी करने में लगी थी। आरव तैयार होकर ऑफिस जाने की तैयारी करने लगा, जबकि आयु के कपड़े नहीं होने की वजह से वह साड़ी में ही घूम रही थी।

    गौरवी जी ने आयु को देखा तो वह बोलीं, “अच्छा हुआ तुम उठ गई आयु। अभी थोड़ी देर में मुँह दिखाई की रस्म के लिए लोग आने ही वाले हैं। तुम्हें तैयार होना चाहिए।”

    गौरवी जी को उनकी शादी के लिए इतना उत्साहित होता देखकर आयु को बहुत बुरा लग रहा था। वह सब कुछ कहीं दिल से कर रही थी। आयु के चेहरे पर मायूसी के भाव उभर आए थे। आरव भी वहीं पर था। अब वह ज्यादा देर तक अपनी और आयु की शादी का सच छुपा नहीं सकता था, खासकर इस हालत में, जब आयु एक पल के लिए भी उसके साथ नहीं रहना चाहती थी।

    आरव गौरवी जी के पास गया और धीरे से बोला, “दादी मुझे आपसे कुछ बहुत जरूरी बात करनी है। आप मेरे साथ चलिए।”

    “अब सुबह-सुबह तुम्हें क्या बात करनी है? हर एक रिश्तेदार को कॉल करके बताना पड़ेगा। तुम अपनी जरूरी बात बाद में कर लेना। मुझे बहुत काम है।” गौरवी जी ने आरव को डाँटते हुए कहा।

    गौरवी जी आरव को कुछ कहने का मौका नहीं दे रही थीं। आयु उनके पास आई और बोली, “दादी, फिलहाल के लिए यह सब रहने देते हैं ना? मुझे भी अपने काम पर जाना है। अगर मैं थोड़ी सी भी देर हुई तो मुझे डाँट पड़ेगी।”

    गौरवी जी ने हैरानी से कहा, “दो दिन हुए नहीं तुम्हारी शादी को, और काम पर जाना है? ऐसा नहीं चलने वाला। तुम दोनों की शादी के बाद वाली रस्में भी तो बाकी हैं। बोल दो अपने बॉस से कि तुम कुछ दिन की छुट्टी ले रही हो। तुम मेरे साथ आओ और मुँह दिखाई की रस्म के लिए तैयार हो जाओ।”

    गौरवी जी सुनने को तैयार नहीं थीं। आयु ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा, “नहीं दादी, मैं छुट्टी नहीं ले सकती। मेरा बॉस कुछ ज्यादा ही स्ट्रिक्ट है। वह मेरी बात नहीं सुनेगा, सीधा सैलरी काट लेगा।”

    गौरवी जी ने हल्की सख्ती से कहा, “अरे ऐसे कैसे नहीं सुनेगा? तुम्हारी भी पर्सनल लाइफ है। और है कौन तुम्हारा बॉस? मेरी बात करवाओ उससे, मैं बोलती हूँ उसे कि कल से जॉब पर नहीं आएगी मेरी बहू। मेरा आरव कभी अपने एम्प्लॉइज़ के साथ ऐसे नहीं करता।”

    आरव ने आयु की तरफ़ प्लीडिंग आईज से देखा और उसे कुछ भी ना बताने के लिए इशारा किया। गौरवी जी अभी भी आरव के जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने वाली बात से अनजान थीं।

    आयु ने लाचार सा चेहरा बनाते हुए कहा, “नहीं दादी, मैं तो जॉब छोड़ भी नहीं सकती... पता है उसने जबरदस्ती मुझसे कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था, जॉब करने के लिए। और अगर मैंने कॉन्ट्रैक्ट तोड़ा तो मुझे उसे पाँच करोड़ रुपये देने पड़ेंगे।” आरव के मना करने के बाद आयु उन्हें इनडायरेक्टली सब बता रही थी।

    गौरवी जी ने हैरान होकर कहा, “क्या? पाँच करोड़? देखो भला क्या-क्या हो रहा है इस दुनिया में? कैसा घटिया आदमी है, जिसने जबरदस्ती बच्ची से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया। आरव, तुम जाओ आयु के साथ और उसके मुँह पर मारकर आओ पाँच करोड़ रुपये।”

    आयु ने आरव की तरफ़ देखकर आई विंक की और फिर मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, मैंने बोला था इनसे। उस जिद्दी अड़ियल आदमी से अब यही निपट सकते हैं।”

    आरव ने जबरदस्ती मुस्कुराकर दाँत पीसते हुए कहा, “आयु, वर्क इज वर्क... तुम्हें अपना काम दिल लगाकर करना चाहिए। चलो जाओ अपने काम पर।”

    “मेरी बहू कहीं नहीं जाएगी। पता नहीं... कौन घटिया इंसान है, जिसने जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया। आरव तुम जाओ। और बोलो उसे, मेरी बहू उसके यहाँ काम नहीं करेगी।” गौरवी जी ने आरव से कहा।

    “हाँ और वो पाँच करोड़ का चेक उसके मुँह पर मारकर आना।” आयु बोली।

    गौरवी जी आयु को हर तरीके से सपोर्ट कर रही थीं। आरव ने मन ही मन बड़बड़ाते हुए कहा, “पता नहीं कहाँ फँस गया हूँ मैं। यह लड़की मेरी मजबूरी का फायदा अच्छे से उठा रही है। मंथन कितना सीधा-सा है। इसके आगे तो उसकी एक नहीं चलती होगी।”

    आरव को आयु से भी बात करनी थी। वह उसके पास आया और आयु का हाथ पकड़कर कहा, “चलो आयु, तुम मेरे साथ चलो। मैं तुम्हें कुछ शॉपिंग करवा देता हूँ। आखिर मुँह दिखाई की रस्म जो करनी है।”

    गौरवी जी ने तुरंत उसे टोकते हुए कहा, “आरव तुम्हें शॉपिंग करवाने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैंने पहले से अपनी होने वाली बहू के लिए बहुत सारे गहने, कपड़े वगैरह खरीदकर रखे थे। भले ही तुमने शादी के लिए मना कर दिया था। लेकिन बड़ों के भी तो कुछ अरमान होते हैं ना बेटा।”

    “बिल्कुल दादी... आप अपने अरमान अच्छे से पूरे कीजिएगा।” आरव ने जवाब दिया और वहाँ से बाहर चला गया।

    वही उसे इस तरह परेशान करने के बाद आयु को बहुत मज़ा आ रहा था। एक गौरवी जी ही थीं, जिनके सामने आरव का मुँह बंद हो जाता था, वह आयु का साथ दे रही थी, तो आयु को भी अच्छा मौका मिल गया था, आरव से बदला लेने का।

    वहीं दूसरी तरफ़, कल रात मंथन को नींद न आने के कारण उसकी आँख जल्दी ही खुल गई। वह आयु और अपनी फ़ोटो देख रहा था, तभी वहाँ पर साक्षी आई।

    साक्षी उसकी तकलीफ़ समझ सकती थी। उसने धीमी आवाज़ में कहा, “मंथन मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी।”

    “बोलिए दीदी, अब क्या रह गया है बोलने को? आपके कहने पर मैंने आयु को आरव सर के साथ भी भेज दिया। अगर गलती से आरव सर को उससे प्यार हो गया तो उसका अंजाम समझती हैं आप? वह पहले से ही उसकी तरफ़ अट्रैक्टेड है। ऊपर से उनकी शादी हो गई। मुझे आयु को उनके साथ जाने ही नहीं देना चाहिए था।” मंथन ने मायूसी से कहा। अब उसे अपने फ़ैसले पर थोड़ा पछतावा हो रहा था।

    आरव का जैसा स्वभाव था, उससे साफ़ था कि अगर उसे आयु से प्यार हो गया तो वह उसे हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

    “क्योंकि उन दोनों की शादी हो चुकी है मंथन। कोई आयु के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता है। वह खुद सिलेक्ट करेगी कि उसे किसके साथ रहना है। हम उसे फोर्स नहीं कर सकते हैं।” साक्षी ने उसे समझाते हुए कहा।

    “शादी दो दिलों का मिलन होता है, पर उस शादी का कोई मतलब नहीं है, जिससे न तो आरव खुश है और न ही आयु। अगर आयु आरव से प्यार करती... या उनके साथ रहना चाहती... और उसके मन में एक परसेंट भी शादी को निभाने की इच्छा होती, तो मैं खुद उसे जाने से नहीं रोकता।” मंथन ने जवाब दिया। हालाँकि यह सब उसने काफी भारी मन से कहा था और उसे बोलते हुए भी बहुत तकलीफ़ हो रही थी।

    “बस मैं यही कहना चाहती थी कि अगर आयु और आरव इस रिश्ते को निभाना चाहें तो तुम प्लीज़ कभी बीच में मत आना।” साक्षी ने खुद को मज़बूत करके कहा।

    “नहीं आऊँगा दीदी।” मंथन ने भारी आवाज़ में कहा। फिर वह कुछ पल रुककर नम आँखों से मुस्कुराते हुए बोला, “पर आप भी जानती हैं कि आयु उससे प्यार नहीं करती। प्यार तो छोड़ो, वह तो उसे पसंद भी नहीं करती। वह नफ़रत करती है उससे।”

    “कई बार नफ़रत ही प्यार की पहली सीढ़ी बन जाती है।” साक्षी ने जवाब दिया।

    साक्षी की बातें मंथन के दिल की धड़कनों को बढ़ा रही थीं। वह उस लम्हे को महसूस भी नहीं करना चाहता था जब आयु के दिल में उसके बजाय आरव होता।

    साक्षी हर तरीके से मंथन को तैयार करना चाहती थी ताकि कल को उसका दिल भी टूटे तो वह खुद को संभाल सके। साक्षी मंथन के पास आई और उसका कंधा सहलाने लगी।

    मंथन ने कुछ पल रुककर कहा, “डोंट वरी दीदी, आयु मेरी दोस्त भी है। अगर उसने प्यार की पहली सीढ़ी चढ़ी तो, मैं खुद हाथ पकड़कर उसे आगे तक लेकर जाऊँगा। मेरे लिए उसकी खुशी से बढ़कर और कुछ नहीं है।” उसके मायूस चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट थी।

    साक्षी ने तुरंत उसे गले लगाते हुए कहा, “आई एम प्राउड ऑफ़ यू मंथन।”

    मंथन ने जवाब में कहा, “तब तो आपको खुद पर प्राउड करना चाहिए। यह इंडिपेंडेंट सोच आपने ही मुझे दी है। हम किसी को जबरदस्ती अपने पास बाँधकर नहीं रख सकते दीदी। यह बात आप भी जानती हैं अच्छे से, तभी रितेश जीजू को आप तलाक दे रही हैं।”

    साक्षी उससे अलग होकर बोली, “सही कहा। मैंने भी कोशिश की थी, रितेश को अपने पास रखने की, पर जब वह मेरे साथ ईमानदार ही नहीं था तो फिर उसे शादी का क्या मतलब हुआ? कल को आयु आरव को छोड़ भी दे और उसके दिल में आरव के लिए फीलिंग्स हो, ऐसे में तुम उसे अपने पास रखोगे, तब भी उसका दिल आरव के पास ही रहेगा। मैं तुम्हें ज़्यादा कुछ नहीं कहूँगी क्योंकि तुम खुद समझदार हो। चलो बहुत हो गई बातें, ऑफिस जाने के लिए लेट हो रहा है तुम्हें। और एक बात याद रखना, जो कुछ भी हुआ, वह सब डेस्टिनी थी।”

    “और हम चाहकर भी अपनी सो कॉल्ड डेस्टिनी से भाग नहीं सकते हैं। हम कितना कुछ सोचते हैं दीदी, कितना कुछ प्लान करते हैं अपनी लाइफ़ को लेकर, पर होता वही है जो यह किस्मत चाहती है।” मंथन ने जवाब दिया। उसने महसूस किया कि माहौल कुछ ज़्यादा ही गंभीर हो रहा है, तो उसने गहरी साँस लेकर हल्का हँसते हुए कहा, “कभी-कभी तो दिल करता है बस आराम से पड़े रहूँ। वैसे भी होना तो वही है जो आपकी नियति चाहती है।”

    “पर किसी महान इंसान ने कहा है कि हमें कोशिश करते रहना चाहिए।” साक्षी बोली।

    मंथन उनकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह मन ही मन बड़बड़ाकर बोला, “हाँ हम कोशिश करते रहेंगे और एक दिन डेस्टिनी आकर हमारी सबकी वाट लगा देगी। आई होप आयु इस शादी को इतना सीरियसली ना ले। अगर उसकी फैमिली भी उस पर प्रेशर डालने की कोशिश करें तो वह दबाव में ना आए, वरना मैं उसे खोना बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा।”

    मंथन को कहीं न कहीं आयु की फैमिली से भी डर लग रहा था। अब तक तो उन्हें भी इस बारे में पता लग चुका था। मंथन ने सब कुछ ठीक होने की उम्मीद की और फिर तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया।

    वहीं दूसरी तरफ़, आयु से शादी होने के बाद आरव एक बार भी माहिरा से नहीं मिला था। माहिरा कॉल पर कॉल कर रही थी। आरव अब तक उसे इग्नोर कर रहा था, लेकिन वह ज़्यादा दिनों तक उसे टाल नहीं सकता था। खुराना मेंशन से निकलने के बाद आरव सीधा माहिरा के पास पहुँचा। वह अभी भी उसके घर पर थी। आरव ने देखा उसकी हालत ठीक नहीं थी। रो-रोकर उसकी आँखें लाल हो चुकी थीं।

    अभी तो उसे माहिरा को भी समझाना बाकी था, जिसे वह चाहकर भी किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकता था, चाहे फिर वह इस शादी में आयु के साथ आगे ही क्यों न बढ़े। माहिरा को हमेशा उसे अपने साथ ही रखना पड़ेगा।

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  • 20. Billionaire's accidental wife - Chapter 20

    Words: 2202

    Estimated Reading Time: 14 min

    आयु और आरव की शादी हो जाने के बाद से आरव की माहिरा से कोई बातचीत नहीं हुई थी। गौरवी जी के घर पर आयु से बहस हो जाने के बाद, आरव अपने घर पहुँचा, जहाँ माहिरा मौजूद थी। आरव, चाहकर भी, माहिरा से पीछे नहीं छुड़ा सकता था।

    वही, आरव को देखते ही माहिरा उस पर बिफर पड़ी। वह कब से उसके घर लौटने का इंतज़ार कर रही थी।

    माहिरा ने आरव के पास आते हुए तीखे लहज़े में कहा, “तो आरव खुराना को अपनी नई वाइफ से फुर्सत मिल ही गई?”

    आरव पहले से इरिटेट था। उसने चिढ़ते हुए कहा, “क्या बकवास कर रही हो तुम? तुम अच्छे से जानती हो कि मेरा शादी में कोई इंटरेस्ट नहीं है। अगर शादी हुई भी है, तो इसमें मेरी मर्ज़ी शामिल नहीं है। मैं उससे कोई प्यार-व्यार नहीं करता हूँ।”

    माहिरा ने गुस्से में कहा, “तो ज़रूरत क्या थी उस मॉडल को घर पर छोड़ने जाने की? क्या मैं जान सकती हूँ कि उस जगह पर तुम दोनों एक साथ क्या कर रहे थे? ठीक है, एक बार के लिए मान लेती हूँ यह शादी एक एक्सीडेंट थी, लेकिन कल रात उसके साथ क्या कर रहे थे? कल की रात भी बहुत अच्छे से बीती होगी तुम्हारी उसके साथ।”

    “हो गई तुम्हारी बकवास? हमारे बीच ऐसा वैसा कुछ नहीं हुआ। मैंने मंथन से प्रॉमिस किया है कि मैं उसे टच भी नहीं करूँगा। वैसे भी, हम डिवोर्स ले रहे हैं।” आरव ने जवाब दिया।

    डिवोर्स का सुनकर माहिरा को कुछ तसल्ली हुई। वह आरव को गले लगाने के लिए उसकी तरफ़ बढ़ने लगी, लेकिन आरव कुछ कदम पीछे हो गया।

    आरव ने हाथ ऊपर उठाकर उसे रोकते हुए कहा, “कुछ नहीं बदला है माहिरा, ना ही बदलेगा। किसी गलतफ़हमी में मत रहना।”

    “तुम चाहो तो बदल सकता है आरव। मैं चाहती हूँ कि तुम्हारा उस मॉडल से डिवोर्स होने के बाद हम दोनों शादी कर लें।” माहिरा ने आरव की आँखों में देखते हुए कहा।

    “मैं शादी में यकीन नहीं करता हूँ। तुम्हें अच्छे से पता है। अगर ऐसा होता, तो मैं तुम्हें शादी करके ही अपने घर लेकर आता।” आरव ने जवाब दिया।

    आरव के मना करने पर माहिरा के चेहरे पर मायूसी के भाव उभर आए। उसने नम आँखों से कहा, “पर मैं कहाँ जाऊँगी आरव? लोग ऐसे ही हमारे रिश्ते पर सवाल खड़े करते थे, ऊपर से तुमने उस मॉडल से शादी कर ली। आरव, मेरे बारे में तुम्हें सोचना होगा। तुम्हारे कहने पर मैंने अपनी फैमिली तक को छोड़ दिया। तुमने प्रॉमिस किया था, तुम कभी मेरा साथ नहीं छोड़ोगे।”

    माहिरा इमोशनल होने लगी थी। आरव उसके पास आया और उसे अपने सीने से लगा लिया।

    आरव ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, “और मैं कभी अपना प्रॉमिस नहीं तोड़ता। आई प्रॉमिस, मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा माही, हाँ, फिर चाहे तुम मुझे कितना भी इरिटेट क्यों ना करो।”

    उसके ऐसा कहने पर माहिरा ने हल्का मुस्कुराते हुए आरव की चेस्ट पर मारते हुए कहा, “तुम बहुत बुरे हो।”

    आरव ने माहिरा को हैंडल कर लिया था। माहिरा उससे अलग हुई और अपने आँसू साफ़ करके बोली, “अच्छा बताओ, अब आगे क्या करने का सोचा है? तुमने मैसेज में बताया था कि तुम दोनों की शादी कैसे हुई थी। क्या तुम शादी को निभाओगे आरव?”

    “बिल्कुल नहीं माही, एक बार के लिए मैं तुम्हारे साथ रह सकता हूँ, लेकिन उसके साथ नहीं। काम से फ़्री होकर उसके साथ लॉयर के ऑफ़िस जाऊँगा। शादी का सच दादी को बताने के बाद हम दोनों डिवोर्स के लिए अप्लाई करने वाले हैं।” आरव ने बताया।

    “और शूट का क्या?” माहिरा ने पूछा।

    “लगता नहीं फ़िलहाल कुछ दिन शूट हो पाएगा। आई हेट जब मेरा काम सफ़र करता है। ऐसा करो, सबको होटल से चेक आउट करने को बोलो। मैं उन्हें नेक्स्ट अपडेट बता दूँगा। फ़िलहाल मैं वापिस घर जा रहा हूँ, दादी को इस शादी का सच बताना ही होगा।” आरव ने जवाब दिया।

    माहिरा ने भी उसे नहीं रोका, क्योंकि आरव खुद ही इस शादी में इंटरेस्टेड नहीं था। आरव तुरंत वहाँ से खुराना मेंशन जाने के लिए निकल गया।

    वही दूसरी तरफ़, आयु आरव के रूम में तैयार हो रही थी। आरव के बाहर जाते ही आयु ने उन्हें अपने और आरव के बीच हुए जबरदस्ती के कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बता चुकी थी।

    गौरवी जी ने आरव की पूरी टीम घर बुला लिया था। आयु तैयार हो रही थी, तब गौरवी कियान से बात कर रही थी।

    “मेरी बहू का शूट अच्छे से करना। वैसे तो बहुत खूबसूरत है, लेकिन एक राइट कैमरा एंगल किसी को भी प्रेज़ेंटेबल दिखा सकता है।” गौरवी जी बोलीं।

    कियान ने चुपचाप उनकी बात पर हामी भरी। उसी बीच आरव वहाँ पर पहुँचा। अपनी टीम को वहाँ देखकर आरव हैरान हो गया।

    आरव कियान के पास जाकर चौंकते हुए बोला, “कियान, तुम सब यहाँ क्या कर रहे हो? मैंने तो चेक आउट करने को कहा था?”

    कियान ने जवाब में कहा, “वो गौरवी मैम का कॉल आया। उन्होंने ही हम सबको यहाँ बुलाया है। एक्चुअली, वो चाहती हैं कि तुम्हारा और आयु का वेडिंग फ़ोटोशूट करवाया जाए।”

    तभी रियान वहाँ आया। वह आरव को घूरते हुए बोला, “दिस इज़ रॉन्ग आरव। हमें लगा तुम अपने रिलेशन के बारे में, हर बार की तरह, सबको बताओगे। सबको यही लगा तुम्हें आयु बस एज़ मॉडल ही पसंद आई है। तुम्हें इतनी अच्छी लगी क्या वो, जो सबसे छुपकर रातों-रात दोनों ने शादी भी कर ली।”

    “शट अप। मुझसे पूछे बिना तुम मेरे घर कैसे आ सकते हो? डिजायर्स पहुँचो और प्रोजेक्ट पर काम करो।” आरव उन्हें डाँटते हुए बोला।

    तभी गौरवी जी वहाँ आ गईं। वो तेज आवाज़ में बोलीं, “कोई कहीं नहीं जाएगा। कियान, तुम शूट की तैयारी करो और मैं तुम्हारे इस खड़ूस बॉस से बात करती हूँ, जो पता नहीं आजकल क्या-क्या कर रहा है।” गौरवी आरव को घूरने लगीं।

    आरव ने हैरानी से कहा, “अब क्या कर दिया मैंने?”

    “तुम ही आयु के बॉस तुम ही हो ना, जिसने जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था। सुबह वो तुम्हारे बारे में ही बात कर रही थी। तुम ऐसा कैसे कर सकते हो आरव? यही संस्कार दिए थे मैंने तुम्हें?” गौरवी उसे डाँटते हुए बोलीं।

    आरव ने गहरी साँस लेकर कहा, “कम ऑन दादी! मैं हमेशा से हॉस्टल में रहा हूँ...और कब दिए आपने मुझे कोई भी संस्कार? मुझे तो याद नहीं आ रहे।”

    गौरवी ने जवाब में कहा, “तुम्हें यहाँ से दूर क्यों भेजा गया, यह तुम अच्छे से जानते हो। मेरे रूम में चलो। बात करनी है।”

    आरव को भी उन्हें सब बताना था। वह बिना किसी बहस के गौरवी जी के पीछे-पीछे उनके रूम में गया। अंदर आते ही गौरवी जी ने रूम बंद कर लिया, ताकि उनकी आवाज़ बाहर ना जाए।

    गौरवी ने गंभीर चेहरे के साथ कहा, “चलो आओ बैठो आरव। बात करनी है तुमसे।”

    आरव ने सीरियस टोन में कहा, “बात तो मुझे भी आपसे करनी है। दादी, आप जानती हैं ना, मैं शादी और प्यार में यकीन नहीं करता हूँ। मैं बहुत पहले आपको इस बारे में बता देना चाहता था, लेकिन मौका नहीं मिला। यह शादी हमारी मर्ज़ी से नहीं हुई है। कल रात आयु की ज़िद के चलते हम एक मैरिज हॉल में चले गए थे, जहाँ एक गुंडे ने उस वेन्यू को टेकओवर कर लिया था। उसने वहाँ मौजूद हर एक कपल की शादी करवा दी। उसने हमें भी कपल समझ लिया और यह शादी उसी का नतीजा है। उम्मीद है आप मेरी बात को समझ गईं।”

    आरव ने एक साँस में उन्हें सब बता दिया। गौरवी जी के चेहरे पर बिल्कुल ही हैरानी नहीं थी। उल्टा, वह मुस्कुरा रही थीं।

    गौरवी जी ने काफ़ी प्यार से कहा, “देखा, मैंने तुम्हें कहा था ना कि किस्मत के फ़ैसलों के आगे किसी की नहीं चलती। तुम शादी में यकीन नहीं करते, लेकिन फिर भी, अचानक, अनजाने में ही सही, लेकिन तुम्हारी शादी हो गई। जैसी शादी हुई, वैसे प्यार भी हो जाएगा।”

    “नहीं दादी, नहीं होगा प्यार। और क्यों नहीं होगा, उसका रीज़न तो आप भी जानती होंगी अच्छे से।” आरव ने सख्ती से कहा।

    गौरवी जी ने उसे समझाते हुए कहा, “मैं तुम्हारी तकलीफ़ समझती हूँ बेटा। पर ज़रूरी नहीं कि सभी एक जैसे हों। बचपन में तुमने बहुत कुछ झेला है, जिसकी वजह से आज ऐसे हो गए हो। तुम्हें प्यार और शादी को लेकर अपना नजरिया बदलने की जरूरत है।”

    आरव इस बारे में बात नहीं करना चाहता था। उसने टालते हुए कहा, “मैं जैसा हूँ, उसमें खुश हूँ। इसे छोड़िए, आयु कहाँ है? जल्दी बताइए। मुझे उसे लेकर लॉयर के पास जाना है।”

    “तो तुम मान ही गए मेरी बात। मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए जा रहे हो ना?” गौरवी जी खुश होकर बोलीं।

    आरव ने बेरुखी से कहा, “मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं, डिवोर्स फ़ाइल करने के लिए जा रहे हैं दादी।”

    गौरवी जी ने उसके हाथ पर हल्के से मारा और उसे फिर डाँटने लगीं। वो बोलीं, “यह कैसी बातें कर रहे हो तुम? दो दिन पहले शादी हुई है और आज तुम्हें डिवोर्स चाहिए।”

    आरव ने कंधे उचका कर कहा, “सिर्फ़ मुझे ही नहीं, उसे भी चाहिए। वह इसी कंडीशन पर मेरे साथ आपसे मिलने के लिए यहाँ पर आई थी कि मैं उसे डिवोर्स दूँगा।”

    “और तूने हाँ भी बोल दिया? आरव, मैं चाहती हूँ कि तुम इस शादी को निभाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करो। वो अच्छी लड़की है।” गौरवी जी इस बार थोड़े प्यार से बोलीं।

    आरव उनकी बात सुनकर हँसने लगा। उसने कहा, “अच्छी भी है और मंथन की गर्लफ़्रेंड भी है। मंथन और आयु पिछले कई सालों से एक-दूसरे के लिए कमिटेड हैं और मैंने मंथन से प्रॉमिस किया है कि मैं उसे उसकी आयु वापस लौटा दूँगा। आयु नफ़रत करती है मुझसे दादी। मैंने उससे जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था और पता नहीं अपने गुस्से में क्या-क्या नहीं बोल दिया उसे। बस डिवोर्स हो जाए, फिर वह अपने रास्ते और मैं अपने रास्ते।”

    “अगर तुम कहो तो मैं बात करूँ आयु से? शादी कोई गुड्डे-गुड़िया का खेल नहीं है, जो आज कर दी और अगले दिन तोड़ दी।” गौरवी जी मुँह फुलाते हुए बोलीं। वो यही चाहती थीं आरव और आयु किसी भी हाल में ना टूटें। उन्हें आयु अच्छी लगी थी।

    आरव ने उन्हें समझाते हुए गंभीर आवाज़ में कहा, “सही कहा दादी, गुड्डे-गुड़िया का खेल नहीं है। पूरी ज़िंदगी बितानी होती है, और जिससे आप प्यार ही नहीं करते, उसके साथ कैसे अपनी पूरी लाइफ़ स्पेंड कर सकते हो? मैं नहीं चाहता कि आयु भी वह सब झेले जो मेरी मॉम....”

    आरव अपनी बात पूरी करता उससे पहले आयु ने कमरे का दरवाज़ा खटखटाया। इसी के साथ आरव ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी। उसने इशारे से गौरवी जी को भी चुप रहने को कहा।

    आयु ने अंदर आकर कहा, “आरव सर, चलिए मैं तैयार हूँ।”

    उसने गौरवी जी की दी हुई वाइन कलर की साड़ी पहनी थी। आरव ने एक नज़र आयु को देखा और तुरंत अपनी नज़रें दूसरी तरफ़ कर ली।

    गौरवी जी की निगाहें आरव की तरफ़ भी थीं, एक नज़र भी सही, लेकिन उसने जिस तरह आयु को देखा, उसकी निगाहें काफ़ी कुछ कह रही थीं।

    आरव के इतना समझाने के बाद भी गौरवी जी अपनी उम्मीद नहीं खोना चाहती थीं। इससे पहले कि आरव आयु को लेकर जाता, उन्होंने आयु से कहा, “क्या मैं तुमसे बात कर सकती हूँ आयु?”

    आयु ने हाँ में सिर हिलाकर कहा, “हाँ, बोलिए ना दादी।”

    गौरवी जी ने धीमी आवाज़ में कहा, “मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है।”

    आरव समझ गया था गौरवी जी आयु से क्या बात करना चाहती होंगी। उसने गुस्से में चिढ़कर कहा, “आयु, तुम चलो यहाँ से, दादी तुमसे यह बोलना चाहती हैं कि तुम इस शादी को निभाने की कोशिश करो। इन्हें लगता है शायद कभी हम दोनों को प्यार हो जाएगा, जो कि कभी नहीं होगा। दादी, आप गलत जगह होप लगा रही हैं।”

    गौरवी ने उदास होते हुए कहा, “पर मुझे आयु पसंद है।”

    आयु ने मुस्कुराकर उन्हें हल्के से हग करके कहा, “तो मैं आपके पास आती रहूँगी ना दादी। पर आरव सर और मेरा कोई मेल नहीं है। यह माहिरा से प्यार करते हैं और मैं मंथन से...”

    आरव ने आयु से चिढ़कर कहा, “ओह हेलो! मैं माहिरा से प्यार नहीं करता हूँ और किसी से भी नहीं करता।”

    आयु ने मुँह बनाकर उसकी तरफ़ देखा और कहा, “तो क्यों उसको झेल रहे हो? पता नहीं यह खड़ूस खुराना चाहता क्या है? मुझे कभी समझ में नहीं आएगा यह।”

    उन दोनों की नोक-झोंक देखकर गौरवी जी हँसते हुए बोलीं, “सही कहा, है तो खड़ूस खुराना ही। वैसे तुम दोनों ने अगर डिसीज़न ले लिया है, तो मैं तुम दोनों को नहीं रोकूँगी। क्योंकि जबरदस्ती किसी को किसी भी बंधन में नहीं बाँधा जा सकता है और ना ही किसी से प्यार करवाया जा सकता है। पर अभी भी यही कहूँगी, कोशिश करना, दोनों एक-एक कदम आगे बढ़ाने की।”

    आरव ने बोरियत भरे लहज़े में कहा, “और एक कदम आगे बढ़ने से क्या हो जाएगा? हम दोनों कभी एक नहीं हो सकते।”

    गौरवी जी आगे कुछ बोलतीं उससे पहले आरव आयु को खींचते हुए वहाँ से ले जाने लगा।

    आज गौरवी जी के मुँह से सच्चे प्यार की बातों ने कहीं न कहीं आरव को सोचने पर मजबूर कर दिया। वह मन ही मन बोला, “काश मैं तुम्हें ढूँढ पाता, तो शायद तुम ही मेरा सच्चा प्यार होती। पर अनफ़ॉर्चुनेटली, मैंने अपनी बेवकूफ़ी के चलते तुम्हें खो दिया।”

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