ये कहानी विध्वंश नोमानी की, जो डेयर डेविल के नाम से मशहूर है, जिसके नाम में ही वध है, लोगों को तबाह करना उसका पसंदीदा शौक है, और हवस उसके रोंग रोंग में बस्ती है, 26 साल का वो दुनिया का सबसे खूबसूरत आदमी है, जिसके चेहरे में दहशत साफ झलकती है, लड़कियां... ये कहानी विध्वंश नोमानी की, जो डेयर डेविल के नाम से मशहूर है, जिसके नाम में ही वध है, लोगों को तबाह करना उसका पसंदीदा शौक है, और हवस उसके रोंग रोंग में बस्ती है, 26 साल का वो दुनिया का सबसे खूबसूरत आदमी है, जिसके चेहरे में दहशत साफ झलकती है, लड़कियां उसकी एक झलक के लिए तरसती है, जो उसके असली रूप से वाकिफ नहीं है, और जो उसके असली रूप से वाकिफ है, वो उसके साए से भी डरती है, वहीं 18 साल की मासूम सी गांव की लड़की, एक तूफानी रात में वो मिल जाती है, दहशत के बेताज बादशाह से, जो पहली ही नजर में दिखा देता है छनक को अपना असली चेहरा, और वो पहुंच जाती है विध्वंश नोमानी की कैद में, क्या छनक बच पाएगी विध्वंश की कैद से? क्या होगा जब एक सनकी, जिस्मों से खेलने वाला, एक मासूम की तलब लगा बैठेगा? जानने के लिए पढ़िए "Dare Devil Obsessive Love"
Vidhwansh Nomani
Hero
Chanak
Heroine
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"रात का वक्त"
आसमान में पूरा चांद निकला हुआ था, चांद की चांदनी पूरे आसमान में फैली हुई थी, वो पूरे आसमान को जगमगा रही थी, रात का वक्त होने के बावजूद भी, ऐसा लग रहा था, जैसे दिन का उजाला हो, उस चांद की चांदनी पूरे आसमान के साथ-साथ ,उस पूरे घने जंगल में फैली हुई थी, जो इस वक्त दिन के उजाले को बता रही थी, लेकिन असल में वक्त रात का था,
वही उस जंगल से कुछ लोग गुजर रहे थे, देखने में वो एक फैमिली लग रही थी, एक लड़की जो करीब दिखने में 18 साल की थी, उसने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उसकी वो खुली बलखाती कमर साफ दिख रही थी, जिसमे उसने कमरबंध बांधा हुआ था, और चांद की चांदनी पुरी उसकी कमर पर पड़ रही थी, जिससे उसकी कमर और भी ज्यादा विजिबल हो रही थी ,वो लड़की दिखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत, बिल्कुल गोरी दूध की तरह त्वचा,
आंखें बड़ी-बड़ी, क्रिस्टल ब्लू आईज, जो बहुत ज्यादा चमक रही थी, बड़ी पलके ,पतली सी नाक, पतले होंठ ,जो लाल रंग की लिपस्टिक से सने हुए थे, गोरा गोल चेहरा, हाथों में भरी भरी चूड़ियां, जो उस शांत घने जंगल में छन छन की आवाज के साथ शोर कर रही थी, उसके काले घने घुंगरेले लंबे बाल उसकी कमर से नीचे आ रहे थे, जो हल्की हवा में हल्के हल्के लहरा रहे थे, उन काले घने बालों में उसने लाल गुलाब का एक फूल लगाया हुआ था, और एक फूल उसने अपनी कमर में साड़ी में खोसा हुआ था, वो बला की खूबसूरत लग रही थी, उसकी उन क्रिस्टल ब्लू आईज में डर साफ नजर आ रहा था।
वो अपने पापा की बाजू पकड़े बिल्कुल उनसे चिपके हुए चल रही थी, वो धीमे से अपनी मधुर और प्यारी आवाज में बोलती है,, बाबा हम कब गांव पहुंचेंगे? उसकी आवाज इतनी ज्यादा प्यारी थी, की शोर करने वाले पंछी और सारे जानवर शांत हो गए थे, पेड़ हल्के हल्के लहरा रहे थे, जैसे वो कोई संगीत गा रही हो, और वो पेड़ उस संगीत को सुनकर झूम रहे हों।
वही उसकी मम्मी उसकी बात सुनकर गुस्से में एक एक नजर उन सब को बारी बारी घूरते हुए बोलती हैं,, हमने बोला था कि जल्दी चलते हैं, लेकिन नहीं आप सबको तो मेला घूमना था ना , नहीं हम तो पूरा मेला घूम कर जाएंगे, हमें पूरा मेला घूमना है , अब हो गई ना रात, अब चलिए इस घने जंगल से, करिए पार इसे, पता है आपको इस गांव से अपने गांव जाने में जंगल पड़ता है, वो भी इतना डरावना सा जंगल, लेकिन नहीं आप सबको तो पूरा मेला घूमना था, वो अपने पति को घूरते हुए बोलती है।
फिर आगे बोलती है,, आप लोगों को तो वो बंदूक वाला खेल खेलना था और झूले भी झूलने थे, बंदूक वाला खेल खेल लिया , गोल-गोल गोला फेकने वाला खेल खेल लिया, मिला कुछ, कुछ नहीं हाथ आया, सिर्फ खाली खोका हाथ आया, और अंधेरा हाथ आया , आप लोगों की वजह से हम सबको इतनी डरावने जंगल से होते हुए जाना पड़ रहा है,
और देखिए बेचारी सी हमारी छनक कितना ज्यादा डर रही है ये , उनके चेहरे में जहां थोड़ी देर पहले गुस्सा था, अब वो फिक्र में बदल गया था, लेकिन ये फिक्र सिर्फ 1 मिनट के लिए थी, अब दोबारा से फिर उनके चेहरे में गुस्सा आ गया था।
वो गुस्से में उसे डांटते हुए बोलती है,, मैडम को तो डर लगता है अंधेरे से, लेकिन नहीं पूरा मेला भी घूमेंगे,वो छनक को डांटते हुए बोलती है, वही उनके साथ उनकी दो बेटी और थी, जो जुड़वा थी, और वो मुस्कुरा रही थी, क्योंकि उन्हें डांट नहीं पड़ रही थी,
छनक की मम्मी उन दोनों को एक-एक चपाट लगाते हुए बोलती हैं,, तुम लोग अपनी बत्तीसी क्यों निकल रही हो? तुम लोग कौन से कम हो, सब तुम तीनों बहनों की मिली भगत है, जो हम लोगों को इतने रात में जंगल से जाना पड़ रहा है, और ये मैडम है इतना ज्यादा डरती है, फिर भी बाज़ नहीं आती है अपनी हरकतों से।
रुही, जूही ,अपने सिर पर हाथ रखते हुए बोलती हैं,, उफ्फो मम्मी मार क्यों रही है? क्या है सिर्फ जंगल ही तो है? अब इसमें इतना डरने की क्या जरूरत है? दीदी इतना ज्यादा डर रही हैं, अगर कोई डेविल इनके सामने आ गया तो, फिर इनका क्या होगा? इनकी तो आवाज ही नहीं निकलेगी, इतना भी दीदी को डरना नहीं चाहिए, वो दोनों एक साथ बोलती है।
रुही बोलती है,, मैंने सुना है की जो लोग इतना ज्यादा डरते हैं ना, उनकी शादी डेविल के साथ होती है,
छनक की मम्मी उन दोनों को फिर एक चपत लगाते हुए बोलती है,, तुम लोग अपनी बकवास बंद करो, और ये फालतू की बकवास कहां सुनी है??
स्कूल में,, वो दोनों एक साथ बोलती है।
छनक की मम्मी फिर बोलती है,, तुम लोग को रात के अंधेरे में ही ये फालतू की बकवास आती है, और जब देखो अपनी बड़ी बहन को डराती रहती हो, देख नहीं रही हो, वो कितना ज्यादा डर रही है ,और तुम लोग उसे डरा रही हो।
तभी उनके कानों में किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज पड़ती है, कोई आदमी बहुत बुरी तरीके से चीख रहा था,चिल्ला रहा था, मदद के लिए पुकार रहा था, जैसे उसे मारा जा रहा हो, या फिर कोई जंगली जानवर उसे खा रहा हो, वो आवाज उनके कानों में साफ पड़ रही थी, जैसे उनके थोड़े दूर से ही वो आवाज आ रही हो, उन लोगों को लगता है जैसे कोई मदद के लिए पुकार रहा है, वो लोग उस आवाज का पीछा करके , आवाज की तरफ जाने लगते हैं।
वो लोग धीरे-धीरे कदमों से जा रहे थे, उन सबको डर भी लग रहा था, लेकिन फिर भी वो आगे की तरफ बढ़ रहे थे, जैसे ही वो उस आवाज के करीब पहुंचते है, वहां का नजारा देखकर उन सब की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है, सामने एक लड़का जो दिखने में करीब 25–26 साल का था, वो एक आदमी को बहुत ही बुरी तरीके से मार रहा था ,उसने उस आदमी के हाथों पर अपने जूते रखे हुए थे, और उन्हें बेदर्दी से कुचल रहा था।
वही वो आदमी घुटनों के बल बैठा हुआ था, उसके चेहरे से खून तप तप करके उसके गाल से होते हुए ,नीचे वही जंगल की सूखी पत्तियों पर गिर रहा था, उसकी एक आंख फूटी हुई थी, जिस से खून बह रहा था , उसकी आंख देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने उसकी आंख में मुक्के ही मुक्के मारे हों, उसके होठों के कोने फटे हुए थे और उनसे भी खून बह रहा था, उसके हाथों पर ,पैरों पर , पेट पर कट के निशान थे, जहां से खून बह रहा था।
उसे देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई उसे बहुत ही बुरी तरीके से बहुत देर से मार रहा हो, और उसे बहुत ज्यादा टॉर्चर भी किया गया हो, जिससे उसकी पूरी बॉडी से खून ही खून निकल रहा था, वो आदमी दिखने में बहुत ही ज्यादा डरावना लग रहा था, वो लड़का जिसने उस आदमी के हाथों पर अपना जूता रखा हुआ था,
वो अपने अंगूठे से अपनी आइब्रो मसलते हुए गुस्से में बोलता है,, ओह तुम शोर कितना कर रहे हो? मुझे ज्यादा शोर करने वाले लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं , इतना शोर सुनने की आदत नहीं है मेरी, ज्यादा शोर करने वालों को मैं चुप करा देता हूं, इतना बोलकर वो अपनी पॉकेट से एक छोटा सा चाकू निकलता है, वो छोटा सा पॉकेट नाइफ था,
वो उस चाकू को खोलकर उस आदमी के जबड़े को कस के पड़कर ,उस आदमी की जबान एक ही झटके में काट देता है, वही ये सब नजारा देखकर छनक की एक जोरदार चीख उस पूरे जंगल में गूंज जाती है, उसके मम्मी पापा ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया था, वही उसकी दोनों छोटी बहनों ने भी अपने मुंह पर हाथ रख लिया था , लेकिन छनक , छनक ये सब देखकर बहुत ज्यादा डर जाती है और उसकी एक जोरदार चीख उस शांत जंगल में गूंज जाती है।
इतनी जोरदार आवाज सुनकर वो लड़का अपनी गर्दन टेढ़ी करके उस तरफ देखता है, जहां से आवाज आई थी, वो छनक को देखता है तो, देखता ही रह जाता है, चांद की चांदनी बिल्कुल उसके ऊपर ही पड़ रही थी, ऐसा लग रहा था ,जैसे वो उस पर पूरी फोकस कर रही है, की वो लड़का छनक को देखता है और वो बस उसे देखता ही रह जाता है, उसकी वो क्रिस्टल ब्लू आईज, जिनमे नमी थी, उसकी वो फड़फड़ती काली घनी पलके, जो बार-बार बंद खुल हो रही थी, उसकी आंखों में डर दिख रहा था, वही उसके चेहरे पर पसीना भी आने लगा था ।
उसकी वो शोर करती हुई चूड़ियां, उसके वो कांपते होंठ, वो बहुत ज्यादा डर रही थी, वो बस उसे देखते ही रह जाता है, उसकी नजर उसकी उन क्रिस्टल आईज से होती हुई, उसके कांपते होठों से होती हुई, उसके सीने में जाती है, वो इतने में नहीं रुकता, उसकी नज़रें उसके सीने से होती हुई नीचे जा रही थी, अचानक एक हवा का तेज झोंका आता है,
जिससे छनक की साड़ी का पल्लू कमर से हल्का उड़ जाता है, उस लड़के की नजर छनक की पतली बल खाती कमर पर चली जाती है , जिसमें एक छोटा सा तिल था , और उस तिल के बिल्कुल बगल से वो गुलाब उसके साड़ी में खुसा हुआ था, उसकी नजर उस पर ही ठहर जाती है, वो बहुत ही अजीब नजरों से उसे देख रहा था , उसे उस गुलाब से पता नहीं क्यों जलन हो रही थी, जो उसके तिल को बार बार अपनी पत्तियों से चूम रहा था, वो तिरछा मुस्कुराते हुए उस आदमी के पंजे से अपना पैर अलग कर लेता है, और अपना एक हाथ आगे करता है,
उसका हाथ आगे होते ही उसके पीछे खड़ा एक आदमी उसके हाथ में एक ब्लैक कलर की बॉटल दे देता है, वो उस बोटल को उस आदमी के मुंह में लगा देता है, और एक झटके में वो पूरी बॉटल उसी के अंदर उतार देता है, कुछ ही पल उस आदमी की हालत पूरी बिगड़ जाती है, और उसके अंदर की सारी नसें फट जाती हैं, उसके मुंह से खून निकलने लगा था, और वो बेजान सा जमीन में पड़ा था।
वो लड़का अपनी गर्दन टेढ़ी करके फिर से छनक को देखने लगता है, उसके कांपते होंठ, फड़फड़ाती पलके और उसकी वो कमर पर तिल, उसकी नज़रें बस इन्हीं तीनों जगह पर अटकी हुई थी।
वो धीरे से बोलता है,, एक खूबसूरत फूल आज मेरी गिरफ्त में आया है, उसने इतने धीमे बोला था की उसके अलावा किसी ने भी नहीं सुना था, वो अपनी कार की बोनट पर एकदम से चढ़कर बैठ जाता है, और छनक को, उंगली से इशारा करते हुए अपने पास बुलाता है , लेकिन छनक अपनी जगह से बिल्कुल भी नहीं हिलती है, उसके पैर जैसे वहां जम से गए थे , या फिर बिल्कुल स्टेचू बन गई थी, छनक अभी भी वहां से एक इंच भी नहीं हिली थी, उसकी बॉडी बिल्कुल भी रिएक्ट नहीं कर रही थी, बस उसकी वो पलके ही फड़फड़ा रही थी,, उसके वो होंठ कांप रहे थे, इसके अलावा उसकी बॉडी में कोई भी रिएक्शन नहीं हो रहा था।
वो लड़का अपने तेज आवाज में बोलता है,, ए लड़की इधर आ।
छनक उसकी इतनी ज्यादा डरावनी आवाज सुनकर अंदर तक कांप जाती हैं, उस मासूम के लिए ये आवाज बहुत ज्यादा डरावनी थी, उसकी इतनी डरावनी आवाज सुनकर, उसकी दोनों बहनें भी बहुत ज्यादा डर जाती हैं और अपनी मम्मी से चिपक कर खड़ी हो जाती हैं।
उन्हें भी बहुत ज्यादा डर लग रहा था, उनकी मम्मी ने
उन्हें कस के पकड़ा हुआ था, और अपने सीने से लगाया हुआ था, वही छनक अभी भी वैसे ही खड़ी थी, वो बिल्कुल भी नहीं हिल रही थी, उसकी बॉडी बहुत ज्यादा कांप रही थी।
वो लड़का मुस्कुराते हुए छनक को देखते हुए बोलता है,, इतनी खूबसूरत बला के लिए, मैं अपने टांग को थोड़ी सी तकलीफ दे सकता हूं, आज रात के एंजॉयमेंट के लिए एक खूबसूरत बला जो मिली है, बोलते हुए वो लंबे कदमों से छनक की तरफ जाने लगता है।
कोन है ये लड़का? क्या करेगा ये छनक के साथ? क्या पिलाया उस लड़के ने उस आदमी को?
वो अपने लंबे कदमों से छनक की तरफ बढ़ रहा था, वही छनक अभी भी बिल्कुल वैसे ही स्टैचू बनी खड़ी हुई थी, वह जरा सा भी इधर से उधर नहीं हिल रही थी, वही वह लड़का कुछ ही मिनट में छनक के करीब पहुंच जाता है, और वह एक झटके में उसे कमर से पड़कर अपनी तरफ घुमा लेता है,
उसके ऐसे घूमाने से छनक की पीठ उस लड़के के खुले सीने से जा लगती है,छनक इतने गरम तपते सीने से चिपक कर बिल्कुल सिहर जाती है, उसने अपनी साड़ी को कसके अपनी मुट्ठी में भरा हुआ था, उसके मुंह से एक लफ्ज़ भी नहीं निकल रहा था,
उस लड़के ने छनक की कमर को बहुत ही टाइट पकड़ा हुआ था, और बड़ी बेदर्दी से उसकी कमर को मसल रहा था, उसे फर्क ही नहीं पड़ रहा था की, उसकी इस हरकत से उस मासूम को तकलीफ हो रही है, वह उसके बालों में अपने चेहरे को छुपा लेता है, वो उसके वह काले घने घुंगरेले बाल, जो दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थे, वह उसमें कुछ पल के लिए खो ही जाता है, वह उसकी खुशबू को अपने अंदर समा रहा था, उसके बालों से गुलाब और चमेली की मिली हुई खुशबू आ रही थी,
वो धीरे से बोलता है,, आह!! क्या खुशबू है? बिल्कुल एक खिले हुए गुलाब की खुशबू , ये गुलाब लगता अभी कली से निकला है, बोलते हुए वो उसकी कमर को और भी अजीब तरीके से मसलने लगता है।
छनक बहुत ज्यादा डर जाती है, उस लड़के की धीमी आवाज सुनकर, उस लड़के की आवाज धीमी थी, मगर चमक को अंदर तक डराने का काम कर रही थी, उसकी आंखों से मोटे मोटे आंसू निकलने लगते हैं, लेकिन उसके होठों से आवाज भी नहीं निकल रही थी, जैसे उसके वो होंठ किसी चीज से चिपका दिए गए हों।
वही छनक के पापा अपना एक कदम आगे बढ़ाते ही हैं, की दो गार्ड जल्दी से आगे बढ़कर उन्हें पकड़ लेते हैं, वह खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन गार्डों की पकड़ उनके बाजुओं में बहुत ज्यादा कसी हुई थी, वह चिल्लाते हुए साथ में से रिक्वेस्ट करते हो बोलते हैं,, प्लीज मेरी बेटी को छोड़ दो, उसे कुछ भी मत करो , मासूम है मेरी बच्ची, प्लीज उसे छोड़ दो, वो जैसे तैसे अपने हाथ जोड़कर उससे मिन्नतें करते हुए बोलते हैं।
वो जैसे वह उसे लड़के की नजरों को अच्छे से समझ गए थे, वह लड़का छनक को वैसे ही कसके पकड़े ही, उसकी कमर को बेदर्दी से सहलाते हुए बोलता है ,मैं, मैं क्यों करूंगा कुछ, मैं कुछ भी नहीं करूंगा आपकी बेटी को ,अभी तो यह कली से निकला हुआ फूल बना है, ज्यादा कुछ नहीं, बस इसे मैं आज रात अपने फार्म हाउस ले जाऊंगा और कल सही सलामत आपके घर पर छोड़ दूंगा, बोलते हुए वो उसके बालों में लगे गुलाब के फूल को अपने होठों की मदद से निकल लेता है।
उसने उस गुलाब के फूल को अपने दातों में दबाया हुआ था, वो छनक को देखते हुए बोलता है,, इसे मेरे होंठों से अलग करो, छनक उसकी बात सुनकर पहले तो वैसे खड़ी रहती है, उसकी आंखों से अभी भी मोटे मोटे आंसू बह रहे थे, वो एक नजर अपने बाबा को देखती है, फिर धीरे से अपने हाथों को उठाने लगती है।
वो लड़के उसके उठते हाथ को अपने हाथ से रोकते हुए, उसके पेट में लगाकर धीमी आवाज में बोलता है,, no kitten, अपने हाथों से नहीं, अपने होठों से इस गुलाब को निकालो, ये गुलाब की पंखड़ियां देखो तुम्हारे होठों के लिए बेताब हो रही हैं, और मेरे होंठ भी।
छनक उसकी बात का कोई जवाब नहीं देती, वो सामने अपने बाबा को देखने लगती है, जो उसे कुछ ना करने का इशारा कर रहे थे।
उस लड़के के होठों के कोने हल्का मुड़ जाते हैं, वो छनक के कान के बिल्कुल करीब आकर धीरे से बोलता है, kitten अगर तुमने ये नहीं किया, तो इसका खामियाजा तुम्हारी फैमिली को भुगतना पड़ेगा, अभी तो तुमने मेरा रूप देख ही लिया है, कहीं ऐसा ना हो उस आदमी के बगल में तुम्हारे पापा लेटे हों,, बोलते हुए उसके होंठ बार बार उसके कान की लौ में टच हो रहे थे, जिससे चमक की बॉडी में एक करंट सा दौड़ रहा था
छनक उसकी बात सुनकर उसे अपनी आंखें बड़ी बड़ी करे देखने लगती है, वो अपनी फैमिली के लिए कुछ भी कर सकती थी, चाहे वो उसके लिए सही हो या गलत।
मैं तुम्हे ज्यादा तकलीफ नहीं दूंगा, बोलते हुए वो अपने होंठों को उसके बेहद करीब ले आता है।
छनक जैसे ही अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाती है, उसके होंठ उस लड़के के होठों से जुड़ जाते हैं, एक पल के लिए दोनों ही एक दूसरे की आंखों में देखने लगते हैं, कुछ ही मिनटों बाद वो होश में आती है, और अपने होठों को उस लड़के के होठों से तुरंत अलग कर लेती है।
Do it kitten,, वो एक बार फिर धीमी आवाज में बोलता है।
छनक धीरे से अपने होंठों को उस गुलाब की पंखड़ी में रखती है, जो उसके गालों को चूम रही थी, वो उसे निकलने की कोशिश करती है, एक पंखड़ी उसके होंठों में चिपक जाती है, लेकिन वो गुलाब नहीं निकलता, वो गुलाब की पंखड़ी उसके उन गुलाबी रसीले होंठों में चिपकी हुई थी, जिसे देखकर उस लड़के को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था, वो एक दम से अपने होंठों को छनक के होंठों में रख देता है, वो उसे किस नहीं करता, सिर्फ उस गुलाब की पंखड़ी को छनक के होंठों से अलग कर देता है।
एक बार फिर उस गुलाब को निकलने के कोशिश करती है, एक बार फिर वो गुलाब की पंखड़ी उसके होंठों में चिपक जाती है, और उसके होंठ उस लड़के के गाल में टच हो जाते हैं।
वो लड़का धीमे से बोलता है,, ला… ला… क्या नरम एहसास है, इस बार वो थोड़ी तेज आवाज में बोलता है,, kitten क्यों बेकार में उधर मेहनत कर रही हो, जहां से कुछ नहीं होना है, बस तुम अपनी कोशिशों से इस बेचारे गुलाब की एक एक पंखड़ी को ऐसे अपने होंठों में चिपकाती रहोगी, और मैंने अपने होंठों से इन्हें बार बार ऐसा करता रहूंगा, मेहनत वहां करो ना जहां कुछ फायदा हो, वो अपने होंठों की तरफ इशारा करता है।
छनक एक नजर पीछे मुड़ कर देखती है, जहां उसके बाबा के सर में बंदूक तानी गई थी, वो अपने बाबा को इस हालत में नहीं देख सकती थी, उसकी आंखों में अभी भी आसूं थे, जो उसके गाल को भिगोते हुए नीचे गिर रहे थे।
छनक एक गहरी सांस लेकर, उसके होंठों के करीब बढ़ती है, और उसके होंठों में अपने होंठ रखकर, उस गुलाब को निकालने की कोशिश करती है, वो आराम से उस लड़के के होंठों से गुलाब को अपने होंठों में ले लेती है, लेकिन उसे ये नहीं पाता था, आगे उसके साथ क्या होने वाला है, वो लड़का उसके होंठों में टूट पड़ता है, और उसे बेदर्दी से किस करने लगता है, वो उसकी कमर को भी बेदर्दी से माडल रहा था, और उसके होंठों को भी बेदर्दी से किस कर रहा था।
उस लड़के की बात सुनकर और उसकी बेशर्मों वाली हरकतें देखकर,छनक के पापा उससे एक बार फिर रिक्वेस्ट करते हुए बोलते हैं,, प्लीज मेरी बेटी को छोड़ दो, उसके साथ ऐसा मत करो, प्लीज उसे छोड़ दो।
वो लड़का अभी भी छनक को वैसे ही किस कर रहा था, वो उसके लोअर लिप्स को हल्का सा बाइट करके उससे थोड़ा दूर होता है, छनक के होठों के कोनों से हल्का खून निकल रहा था, जो उस लड़के के होठों में भी लग गया था, वहीं वो गुलाब अभी भी छनक के होठों में था, जिसमे भी हल्का हल्का खून लगा हुआ था, चांद की चांदनी उन दोनों के ऊपर पड़ रही थी, चांद की चांदनी में उन दोनों के होठों में लगा खून शाइन कर रहा था।
वो लड़का अपना चेहरा टेढ़ा करके छनक के पापा को देखते हुए तिरछा मुस्कुरा रहा था, जैसे बोल रहा हो, मैंने तो कर लिया मुझे जो करना था, इसके आगे भी में बहुत कुछ कर सकता हूं।
छनक की मां चुपके से उन सबकी नजरों से बचकर, अपनी दोनों बेटियों को लेकर वहां से चली जाती है, और उन्हें एक पेड़ के पीछे छुपाते हुए धीरे से बोलती हैं,, तुम लोग यहीं पर रहना, यहां से बिल्कुल भी कहीं मत जाना, मैं अभी थोड़ी देर में आती हूं, बिल्कुल भी आवाज नहीं करना तुम लोग, बिल्कुल शांति से बैठे रहना, वह लोग अपना सर हां में हिला देती है।
छनक की मां चुपचाप धीरे कदमों से उस जंगल से निकल जाती है, वह जंगल थोड़ा सा ही बचा था पार करने के लिए, वो उस जंगल को पार करके सीधे गांव में आ जाती है और गांव में शोर करने लगती हैं, लेकिन रात होने की वजह से उनका शोर किसी को सुनाई नहीं दे रहा था, पूरा गांव खाली था, सब अपने घरों में थे, तो कुछ दूसरे गांव के मेले में गए थे।
वह जल्दी से सरपंच के घर जाकर उनके दरवाजे खटखटाना लगती हैं, सरपंच जी जो अभी-अभी सोए थे, वह दरवाजा खटखटाना की आवाज सुनकर अपने बिस्तर से उठ जाते हैं, और जाकर दरवाजा खोलते हैं, वो सामने छनक की मां को देखकर बोलते हैं,, क्या हुआ देशमुखाएं, इतनी रात गए हमारे दरवाजे बजा रही हो।
छनक की मां उनके सामने रोते हुए बोलती है,, सरपंच जी हमारी मदद कीजिए, मेरी बेटी को बचा लीजिए, वह लड़का वह लड़का मेरी बेटी को ले जाएगा, कृपया करके मेरी बेटी को बचा लीजिए सरपंच जी।
सरपंच जी उनको इतने परेशान देखकर बोलते हैं,, क्या हुआ? क्या हुआ छनक बिटिया को, वह भी थोड़ा परेशान हो गए थे, क्योंकि छनक पूरे गांव की जान थी।
छनक की मां उन्हें सब कुछ बता देती है , सरपंच जी तुरंत अपने घर से बाहर निकल कर सारे गांव वालों को इकट्ठा करते हैं, थोड़ी देर में सारे गांव वाले खट्टे हो जाते हैं और वह लोग जंगल की तरफ चले जाते हैं।
वही जंगल के अंदर अभी भी वह लड़का छनक को वैसे ही अपनी बाहों में जकड़े हुए था, और वो गुलाब का फूल अब नीचे पड़ा था, वो उसकी कमर को अभी भी बहुत ही बेदर्दी से मसल रहा था, जिससे अब छनक को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, उसकी आंखों से अभी भी आंसू बह रहे थे, उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे, उसकी कमर का वह हिस्सा जहां पर वह लड़का मसल रहा था, वह भी अब लाल पड़ गया था।
छनक के मुंह से तो एक आवाज भी नहीं निकल रही थी, सिर्फ उसकी रोने की, सिसकियां निकल रही थी, जैसे उसे सांप सूंघ गया था, उसके मुंह से एक लफ्ज़ भी नहीं निकल रहा था, कि वह खुद को छुड़ाने के लिए कुछ बोले, वह वैसे ही स्टैचू बनी खड़ी थी, सिर्फ और सिर्फ उसके आंसू ही बह रहे थे।
वहीं छनक के पापा बार-बार उस लड़के से अपनी बेटी को छोड़ने की रिक्वेस्ट कर रहे थे, लेकिन वह लड़का तो उनकी बेटी को छोड़ ही नहीं रहा था, वो अब छनक की कमर के दूसरे साइड भी अपने हाथों की गिरफ्त मजबूत करने लगा था, वो उस फूल को बड़ी बेरहमी से मसल रहा था, उसे इतना भी होश नहीं था, उसकी इस हरकत से उस मासूम को कितना दर्द हो रहा था।
वही थोड़ी देर में बाकी गांव वाले भी वहां पहुंच गए थे, सरपंच जी उस लड़के को देखते हुए बोलते हैं,, देखो विध्वंस साहब आप हमारे गांव की बिटिया के साथ कुछ भी नहीं कर सकते , आप उसे ऐसे कहीं नहीं ले जा सकते, वह हमारे गांव की बिटिया है, आप बड़े लोग हैं, आपको यहां पर आने की इजाजत है, आप जब चाहे यहां पर आ सकते हैं आराम से, लेकिन आप हमारे गांव की किसी भी लड़की के साथ कुछ भी नहीं कर सकते, छोड़ दीजिए हमारे गांव की बिटिया को।
वो बोल ही रहे थे कि, तभी अचानक उन्हें आसपास बहुत अजीब सी आवाजे आने लगती है, जैसे ऊपर आसमान में कुछ उड़ रहा हो , सारे गांव वाले अपनी नजर ऊपर करके देखते हैं, लेकिन छनक अभी भी बिल्कुल वैसे ही खड़ी थी, वह अपनी नजरे इधर से उधर तक नहीं करती,
वहीं ऊपर बहुत सारे हेलीकॉप्टर जंगल के आसपास घूम रहे थे और उस हेलीकॉप्टर से बहुत सारे लोग उतरते हैं, जिन्होंने काले कपड़े पहने हुए थे, और वह अचानक उस अंधेरे में कहीं गायब हो गए थे , वह लोग तो चांद की चांदनी से भी गायब हो गए थे, वहीं अब उन सबको अजीब से स्मेल आने लगती है, जैसे यह मिट्टी के तेल के स्मेल हो, सरपंच जी के चेहरे के एक्सप्रेशन मिनटों में बदल जाते हैं, वह हैरान भरी नजरों से सामने खड़े विध्वंश को देख रहे थे , वही विध्वंश के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट थी , जैसे ना जाने उसने कौन सा बहुत दाव खेल दिया हो?
क्या विध्वंश छनक को ले जाएगा अपने साथ? कोन सा दाव खेला है विध्वंश ने?
उस हेलीकॉप्टर से बहुत सारे लोग उतरते हैं, और उतरते ही वो सारे लोग गांव के आसपास फैल जाते हैं, वह विध्वंश के बॉडीगार्ड थे, जो पूरे गांव में फैल गए थे, गांव के हर एक कोने में, ऐसी कोई भी जगह नहीं थी, जहां पर उसके बॉडीगार्ड्स फैले ना हो।
कुछ ही वक्त बाद, गांव वालों को अजीब सी स्मेल आने लगती है, सरपंच जी के हाओ भाव सारे एक्सप्रेशन अचानक से बिल्कुल बदल जाते हैं, वो सामने खड़े विध्वंश को देखने लगते हैं, जो तिरछी मुस्कुराहट से उन्हें ही देख रहा था, उसने अपना दाव तो खेल ही दिया था, और वह सरपंच जी की परेशानी को भी अच्छे से समझ रहा था।
वह सरपंच जी को देखते हुए अपने डरावनी मगर धीमी आवाज में बोलता है,, सरपंच है ना आप इस गांव के, गांव का भला आपकी जिम्मेदारी है ना , मुझे इस नन्ही सी कली को ले जाने दीजिए , मैं आपके इस गांव को कुछ भी नहीं करूंगा प्रॉमिस, और अगर…… बोलते बोलते वो रुक जाता है।
कुछ पल रुक कर वो फिर बोलता है,, अगर किसी ने मुझे इसे यहां से ले जाने से रोका, तो इस गांव को कुछ ही मिनट में पूरा शमशान बना दूंगा, उसकी आवाज बहुत ही ज्यादा डरावनी थी, और वह छनक के कानों पर बिल्कुल तेज पहुंच रही थी, छनक बहुत ज्यादा डर रही थी, उसकी पूरी बॉडी कांप रही थी, लेकिन डर के मारे उसके मुंह से एक आवाज भी नहीं निकल रही थी।
वह सामने अपने मां बाबा को देख रही थी, वही उसकी बहने भी बहुत ज्यादा डर रही थी, और उसे ही देख राज थी, वह सब अपनी नज़रें घुमाकर सरपंच जी को देखने लगते हैं, क्योंकि सरपंच जी को ही आगे का फैसला करना था।
सरपंच जी एक नजर छनक को देखते हैं, फिर गहरी सांस लेकर विध्वंश को देखते हुए बोलते हैं,, ठीक है तुम ले जाना इसे, लेकिन तुम छनक बिटिया को ऐसे नहीं ले जा सकते, तुम्हें उससे शादी करनी होगी, तभी तुम उसे यहां से ले जा पाओगे।
विध्वंश उनकी बात सुनकर कुछ पल रुक कर तिरछा मुस्कुराते हुए बोलता है, नोट बेड ऑडियो, बुरा नहीं है, मैं तो इसे बस एक रात के लिए ले जाना चाहता था, अपनी एक रात इसके साथ रंगीन करना चाहता था, लेकिन यह तो मुझे सारी उम्र के लिए मिल रही है, अब रोजाना इसके साथ अपनी रातें रंगीन करूंगा, वैसे भी अभी-अभी कली से निकला हुआ फूल है, कौन ही छोड़ना चाहेगा इस फूल को, और फूल जब इतना खूबसूरत हो तो, एक पल भी उस फूल से दूर रहना गवारा नहीं।
वो अपनी बेशर्मी से भरी बातें बोलने के बाद, सरपंच जी को देखते हुए बोलता है,, ठीक है मुझे मंजूर है मुझे, मैं शादी करने के लिए तैयार हूं।
विध्वंश छनक को ही देखते हुए बोल रहा था, उसके अब दोनों हाथ छनक की बॉडी पर थे, वह एक हाथ से छनक के कमर को मसल रहा था, तो दूसरे हाथ से छनक पेट को सहला रहा था, जहां एक तरफ वो उसे दर्द और तकलीफ दे रहा था तो, वहीं दूसरी तरफ उसकी तकलीफ को, अपने ऐसे सहलाने से कम कर रहा था।
उसके हाथों की मूवमेंट एक पल के लिए भी नहीं रुकी थी, वह गांव वालों के सामने भी अपना काम करने में लगा हुआ था , वहीं कोई था जिससे ये सब कुछ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसके हाथों की मुट्ठियां बन गई थी।
देशमुख जी सरपंच जी को देखते हुए अपनी नम आंखों से बोलते हैं,, सरपंच जी आप ये कैसे कर सकते हैं , आप हमारी बेटी को इस इंसान के हवाले कैसे कर सकते हैं, बेटी है वह हमारी, और आपने… आपने भी तो उसे अपनी बेटी माना था, तो आप कैसे उसे जाने दे सकते हैं इस जल्लाद के साथ।
सरपंच जी देशमुख जी को देखते हुए बोलते हैं,, मैं कुछ नहीं कर सकता इसमें देशमुख, मैं छनक बिटिया की खातिर अपने पूरे गांव को शमशान नहीं बनवा सकता, यह गांव के हित के लिए है, गांव की हर एक जिम्मेदारी मेरे ऊपर है, एक की वजह से मैं पूरे गांव को बर्बाद होते हुए नहीं देख सकता, मुझे माफ करना, लेकिन मैं छनक बिटिया को उसके साथ ऐसे ही नहीं भेज रहा हूं, शादी करवा कर भेज रहा हूं , जिम्मेदारी होगी छनक बिटिया उसकी।
ऐसी जिम्मेदारी का क्या फायदा सरपंच जी, जिसमे हमारी बेटी के साथ वही हो, जिसके लिए उसे वो ले जा रहा है, रोजाना हमारी बेटी के बदन को नोचेगा ये, रोजाना हमारी बेटी को उस तकलीफ, उस दर्द से गुजरना पड़ेगा,, छनक की मां रोते हुए बोलती हैं।
सरपंच जी उन्हें देखते हुए बोलते हैं,, देशमुखाईं बात समझो अगर हमने उसे छनक नहीं दी तो वो पुरे गांव को शमशान बना देगा, पूरा सरफिरा है वो।
बस बाबा , आप डरते होंगे इससे, पर मैं नहीं डरता हूं, में छनक को इससे बचाऊंगा,, एक लड़का आगे आते हुए बोलता है, जो दिखने में छनक की उम्र का ही लग रहा था।
छनक अपनी भीगी पलकों से उस लड़के को देख रही थी, सरपंच जी उस लड़के का हाथ पकड़ कर गुस्से में बोलते हैं,, ये तुम क्या कर रहे हो नकुल? पीछे हटो चुपचाप से।
नकुल अपना हाथ छुड़ाते हुए गुस्से में बोलता है,, बस बाबा बहुत हो गया, में छनक को इस लड़के के साथ नहीं जाने दे सकता, प्यार करता हूं मैं उससे, और अपने प्यार को ऐसे ही किसी के साथ नहीं जाने दूंगा, अपने प्यार को प्रोटेक्ट करूंगा, फिर छनक को देखते हुए बोलता है,, don't worry छनक मैं तुम्हें बचा लूंगा इससे।
विध्वंश अपनी गर्दन टेढ़ी करके नकुल को देखते हुए बोलता है,, ला…ला… kitten तुम्हारे तो आशिक हैं, वैसे इस आशिक के साथ निपटने में बड़ा मजा आएगा, बोलते हुए वो किसी को कुछ इशारा करता है।
उसका इशारा पाते ही उसका एक बॉडीगार्ड नकुल को घसीटते हुए विध्वंश के पास ले आता है, और उसके सामने घुटनों के बल पटक देता है, नकुल घूर कर नफरत से विध्वंश को देखता है, और खुद को छुड़ाने की मशक्कत करने लगता है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं था, क्योंकि उस बॉडीगार्ड की पकड़ नकुल के हाथों में बहुत तेज थी।
विध्वंश अपना हाथ पीछे करता है, तुरंत उसका बॉडीगार्ड उसके हाथ में एक तलवार दे देता है, विध्वंश उस तलवार को देखते हुए बोलता है,, ला… ला…कोई मेरी चीज को देखे मुझे बर्दाश्त नहीं, और तुम मेरी होने वाली बीवी से प्यार का दावा कर रहे हो, ये मैं कैसे बर्दाश्त कर लूं, इसकी सज़ा तो तुम्हें मिलेगी, बोलते हुए एक एक ही झटके में उसकी गर्दन उसके धड़ से अलग कर देता है, नकुल की बॉडी बेजान सी वहीं गिर जाती है, और खून की धारा उस जंगल में बहने लगती है।
खून के कुछ छींटे विध्वंश और छनक के ऊपर भी आ जाते हैं, ये सब देखकर छनक की एक जोर दार चीख निकल जाति है, और वो वहीं विध्वंश की बाहों में बेहोश हो जाती है।
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है,, उफ्फ kitten तुम इतने में ही बेहोश हो गई, ये तो मेरा रोज़ का काम है, और तुम्हें ये सब देखने की आदत डालनी होगी, आखिर तुम्हें मेरे साथ जो रहना है, इतना बोलकर वो अपने कंधे में छनक को उठा लेता है, और अपने लंबे कदमों से जाकर अपनी कार में बैठ जाता है।
थोड़ी देर बाद, वह गांव के सबसे पुराने मंदिर दुर्गा मां के मंदिर के अंदर खड़े हुए थे, वही छनक के मम्मी पापा को विध्वंश के गार्ड ने पकड़ा हुआ था, वह उन्हें नहीं छोड़ रहे थे, क्योंकि वह दोनों शादी के खिलाफ थे, वही छनक अभी भी विध्वंश की कैद में खड़ी हुई थी, उसे अब तक होश आ गया था, उसकी आंखों से आंसू जो बहना बंद हो गए थे, एक बार फिर से सब कुछ याद करके बहने लगे थे।
वह बिल्कुल शांति से किसी एक चाबी से भरी हुई गुड़िया की तरह खड़ी थी, जैसे उसे चाबी भरी गई थी, कि उसे यहां खड़े रहना है, तो वह बिल्कुल वैसे ही खड़ी थी, वह कुछ भी नहीं बोल रही थी, ना ही वह हिल रही थी, ना कुछ कर रही थी, वह बस अपने नम आंखों से, अपनी भीगी पलकों से, अपने मां, बाबा को देख रही थी,
वही दूर उसकी दोनों बहने खड़ी थी, जो अभी भी रो रही थी, लेकिन उनमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह इसका विरोध कर सके, विध्वंश के किसी भी गार्ड में उन्हें हाथ नहीं लगाया था, वही वहां खड़ा पंडित जल्दी से हवन कुंड जलाता है और मंत्र पढ़ने लगता है, विध्वंश को तो वैसे भी इसमें कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उसके पास एक खिली हुई कली आने वाली थी, जिसे वह अच्छे से मसलने वाला था।
न हीं वहां वरमाला थी , और ना ही वहां पर कोई ऐसी चीज थी, जिसे वर माला बनाया जा सके और और छनक की तो शादी आज विध्वंश से होनी ही थी, विध्वंश कैसे भी करके छनक से आज शादी कर ही लेता, वह अपनी पॉकेट से एक जंजीर निकाल कर छनक के गले में डाल देता है।
वह जंजीर कॉफी लंबी और भारी थी, छनक थोड़ी सी झुक जाती है, वह जंजीर उसके लिए काफी भरी थी, वह बिल्कुल पतली दुबली फूल सी नाजुक थी,
विध्वंश उसे देखते हुए अपनी तेज़ आवाज में बोलता है,, uff kitten तुम इतनी सी जंजीर से झुक गई, तुम इतनी कमजोर हो, पता नहीं रात भर फिर तुम मुझे कैसे झेलोगी, वह अपनी बेशर्मी से भरी बातें पूरे गांव वालों के सामने छनक से कर रहा था ।
छनक उसे कुछ भी नहीं बोल रही थी, छनक के बोलने या ना बोलने से विध्वंश को भी कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था, वही धीरे-धीरे करके पंडित मंत्र पढ़ता जाता है, और उनकी शादी आगे बढ़ती जाती है , बारी आती है अब गठबंधन की,
विध्वंश छनक की साड़ी के पल्लू को अपने हाथ में बांध लेता है और फेरे लेने लगता है, उसे किसी से मतलब नहीं था, वह अपने हिसाब से हर चीज कर रहा था, वहीं पंडित सारे मंत्र पढ़ता जा रहा था, उनके फेरे पूरे हो जाते हैं और वह दोनों फिर से अपने-अपने जगह पर बैठ जाते हैं,
पंडित जी बोलते हैं ,, अब कन्या की मांग पर सिंदूर भरा जाए, और उसे मंगलसूत्र पहनाया जाए।
ना ही वहां मंगलसूत्र था, लेकिन सिंदूर था, सरपंच जी जो सदमे में थे, अपने बेटे की मौत के, लेकिन उन्होंने खुद को संभाल लिया था, वो दुर्गा मां के चरणों से सिंदूर उठा कर लाते हैं और विध्वंश के सामने कर देते हैं,
विध्वंश छनक को एक नजर देखता है, फिर उस सिंदूर को उठाकर छनक की मांग में भर देता है, और अपनी पॉकेट से अपने चाकू को निकाल कर, अपने हाथ में हल्का सा कट लगाकर , अपने हाथ से बहते हुए खून को भी छनक की मांग में भर देता है, और छनक को देखते हुए बोलता है,, इससे हमारे रिश्ता बहुत मजबूत रहेगा, आखिर विध्वंश नोमानी जो कि खुद में सबको वध करने की ताकत रखता है, उसके खून से जो तुम्हारी मांग भरी गई है, और दुर्गा मां के चरणों का यह सिंदूर है, हमारे रिश्ता तो अमर होना ही है और जिंदगी भर चलना है,
बोलते हुए वो छनक को मंगलसूत्र पहनाने के लिए वह अपने गले में पड़ी चैन निकाल कर छनक के गले में डाल देता हैं, और ऐसे ही उनकी शादी संपन्न हो जाती हैं, वह छनक को खड़ा करते हुए वहां से ले जाते हुए बोलता है,, अब बहुत हो गया ड्रामा, अब चलो यहां से।
तभी वहां पर एक बाबा आ जाते हैं, जिन्होंने अपने हाथों पर डमरू लिया हुआ था, काले कपड़े पहने ,बड़े-बड़े बाल और अपने माथे पर विभूति लगाए, वह अपना डमरु बजा रहे थे, और विध्वंश को देखते हुए बोलते हैं,, तुम यहां से नहीं जा सकते बच्चा।
विध्वंस उन्हें कंफ्यूजन में देखते हुए बोलता है,, मैं क्यों नहीं जा सकता, और तुम होते कौन हो मुझे यहां से जाने से रोकने वाले? मैं तो अपनी बीवी को यहां से लेकर जाऊंगा, मैं भी देखता हूं तुम मुझे रोकते कैसे हो? और कौन रोकता है मुझे यहां से जाने से, वो अपना एक कदम आगे बढ़ता ही है कि वह बाबा दोबारा से बोलते हैं,, आज के दिन जिस भी जोड़ी की शादी होती है, वह जोड़ा आज की रात गांव छोड़कर नहीं जाता, नहीं तो वह उसे मार देता है।
विध्वंश कन्फ्यूजन में मुड़कर फिर से बाबा को देखने लगता है,,और उनसे पूछता है,, मार देता है. कौन,किसे मार देता है??
किसके बारे में बात कर रहे हैं बाब? क्या विध्वंश लेकर चला जाएगा छनक को?
विध्वंश उस बाबा को देखते हुए पूछता है,, क्यों ?क्यों नहीं ले जा सकता मैं अपनी बीवी को? शादी की है मैंने उससे और मैं उसे लेकर जाऊंगा, देखता हूं मैं भी कौन मुझे रोकता है,
किस में इतनी हिम्मत है, जो विध्वंश नोमानी को रोक सके।
इतना बोलकर विध्वंश अपना एक कदम आगे बढ़ाता है,की वह बाबा अपने डंडे को आगे करके विध्वंश को रोकते हुए बोलते है,, नहीं, तुम यहां से नहीं जा सकते, तुम इस लड़की को लेकर यहां से नहीं जा सकते, वह, वह तुम लोग को मार डालेगा, वह नए जोड़े को नहीं छोड़ता, और आज के दिन आज के दिन अनर्थ हो गया, तुम लोगों ने शादी कर ली, शादी कर ली, गांव वालों ने शादी करवा दी, वह भी आज के दिन, वो मार डालेगा सबको ,मार डालेगा वह, नहीं छोड़ेगा, नहीं छोड़ेगा वह किसीको,, बाबा बार-बार एक ही लाइन बोले जा रहे थे।
विध्वंश कंफ्यूजन में ही उसे देखते हुए बोलता है,, अरे ओ बोल क्या रहे हो? अच्छे से बोलो, कौन मार डालेगा? क्या मार डालेगा?किसमे इतनी हिम्मत जो विध्वंश नोमानी को हाथ लगाए?
वह बाबा उसे देखते हुए बोलता है,, वह आत्मा, वह आदमी, वो पिशाच, वो राक्षस, वह मार डालेगा, वह नए जोड़े को मार डालेगा, आज के दिन अनर्थ हो गया, शादी हो गई, गांवों वालों ने शादी करा दी, वह मार डालेगा, तुम लोग यहां से नहीं जा सकते, उस बाबा की बात सुनकर छनक बहुत ज्यादा डर जाती है,
वह अपनी पकड़ विध्वंश की बाजू पर कस्ती जाती है , विध्वंश जिसने उसका हाथ बहुत ही जोर से पकड़ा हुआ था, जिससे छनक के हाथ में दर्द हो रहा था, लेकिन उस बाबा की बात सुनकर, वह विध्वंश के बिल्कुल करीब होकर, उसके बाजू में अपने हाथों को लपेट कर, उससे बिल्कुल चिपकी हुई खड़ी थी, उसने अपने नाखूनों को विध्वंश के हाथ में धसा दिया था, जिसका उसको बिल्कुल भी होश नहीं था।
उसे बहुत ज्यादा डर लग रहा था, उसने भी सुना था इस बारे में , की आज के दिन किसी की भी शादी नहीं होती ,और जो नए जोड़ों की शादी होती है, अगर वह गांव के बाहर जाने की कोशिश करते है, वह आत्मा, वो प्रेत, वो राक्षस, वो पिशाच, कौन है वह? पता नहीं कोन है? लेकिन है बहुत डरावना, वो मार डालता है, वह किसी को भी नहीं छोड़ता।
विध्वंश को अपने हाथों में कुछ गीला गीला महसूस होता है, वो अपनी निगाहें नीचे करके अपने हाथ को देखता है, जिसमे खून लगा हुआ था, और वो हल्का हल्का बह भी रहा था,छनक ने इतनी कसके अपने नाखून धसाए थे, जिसका उसे होश ही नहीं था।
विध्वंश एक नजर छनक को देखता है , जो डरी सहमी सी बिल्कुल उससे चिपकी खड़ी थी, उसके चेहरे में डर साफ दिख रहा था।
छनक के चेहरे को अच्छे से देखने के बाद, विध्वंश पीछे मुड़कर सरपंच जी को देखते हुए बोलता है,, मैं नहीं जा रहा हूं यहां से, में अपनी शादी की पहली रात इसी गांव में मनाऊंगा, आज रात सुहागरात है मेरी, मेरी सुहागरात की तैयारी की जाए, इतना बोलकर वो थोड़ा सा झुककर छनक को अपनी बाहों में उठा लेता है, और वहां से चला जाता है।
"थोड़ी देर बाद"
विध्वंस और छनक एक कुटिया के अंदर थे, वह कुटिया ज्यादा बड़ी नहीं थी, छोटी सी कुटिया थी, वो कुटिया पूरी लकड़ी की बनी हुई थी, और उस कुटिया में छोटा सा गद्दा बिछा हुआ था, जो ज्यादा बड़ा नहीं था, उसमें सिर्फ दो लोग लेट सकते थे, लेकिन वह भी सिकुड़कर, एक दूसरे की बाहों में जकड़ कर, एक दूसरे की बाहों में खोकर, ही उस गड्ढे में सो सकते थे।
वही विध्वंश और छनक एक दूसरे के आमने-सामने बैठे हुए थे, छनक ने अपनी निगाहें नीचे करी हुई थी, उसने अपनी पलकों को एक बार भी नहीं उठाया था, वो अपनी झुकी निगाहों से पूरे गद्दे को देख रही थी,
उस पूरे गड्ढे में लाल गुलाब बिछे हुए थे, और वहीं कुछ गुलाब आसपास रखे हुए थे , कुछ गुलाब ऐसे ही टूटे हुए कलियों की तरह बिखरे हुए थे, तो कुछ गुलाब पूरे लकड़ी समेत वहां पर रखे हुए थे, जैसे वहां आसपास गुलाब का ही बगीचा हो, और सारे के सारे उस बगीचे के गुलाब लाकर उस कुटिया में डाल दिए गए हो ।
उस कुटिया में बस जगह-जगह गुलाब ही बचे हुए थे और वही एक छोटी सी मोमबत्ती उस कुटिया में जल रही थी , जो उस पूरी कुटिया को रोशन कर रही थी , हल्की पीली रोशनी में वह दोनों बैठे हुए थे, जहां विध्वंश एक तक छनक को देख रहा था , तो वही छनक l अपनी नज़रें नीचे करें बैठी हुई थी।
उसकी आंखों से अब एक भी आंसू नहीं बह रहे थे , जैसे उसके आंसू भी बह बह कर थक गए थे , अब उसकी आंखों से एक कतरा भी नहीं निकल रहा था, वही विध्वंश बार-बार छनक को ऊपर से लेकर नीचे तक देख रहा था, उसकी नजर बार-बार छनक के मुलायम रसीले गुलाब जैसे होठों से होती हुई, उसके सीने से होती हुई, उसके नीचे खुली हुई कमर पर जा रही थी, वह बार-बार ऊपर से नीचे छनक को देख रहा था, वो उसे अपनी नजरों से ही पूरा स्कैन कर रहा था।
उसकी नजर वहां रखे गुलाब पर पड़ती है, वो उस गुलाब को थोड़ा झुककर अपने होठों से उठा लेता है, और छनक को देखते हुए बोलता है,, kitten come here. इतनी दूर क्यों बैठी हो? मेरे पास आओ , आज हमारी सुहागरात है, हम अपनी सुहागरात मनाएंगे, अब सुहागरात इतनी दूर से तो नहीं मनाई जाती ना, उसके लिए तो पास आना पड़ता है, हम कुछ नए तरीके से, नए स्टाइल से अपनी सुहागरात मनाएंगे, ठीक है,, वो शरारती अंदाज में बोलता है l
बस विध्वंश का यह बोलना था कि , छनक की पूरी बॉडी में एक बार फिर तेज करंट दौड़ उठता है, उसे विध्वंश की आवाज से ही डर लग रहा था, उसके यहां उस जगह होने से ही डर लग रहा था, वह जैसे अपनी सांसे ही नहीं ले रही थी, वो उसकी मौजूदगी में सांस लेना ही भूल गई थी, उसकी सांसों तक की आवाज नहीं आ रही थी।
विध्वंश मुस्कुराते हुए उसके पेट में अपने ठंडे ठंडे हाथ रख देता है, विध्वंश के ऐसे हाथ रखने से छनक जो सांस हल्की फुल्की ले रही थी, वो भी भूल जाती है, उसका पेट अंदर को घूस गया था, और सीना थोड़ा ऊपर उठ गया था, वो वैसे हिनापनी हाथ को उसके पेट में रखे हुए स्मरिक करते हुए बोलते हैं ,, kitten सांस लो, गहरी सांस लो, अगर सांस नहीं लोगी, तो तुम्हारा दम यही घुट जाएगा , और मेरे बिना कुछ करे ही तुम मर जाओगी, फिर मैं अपनी सुहागरात कैसे मनाऊंगा, अब लाश के साथ तो मैं सुहागरात मनाऊंगा नहीं, अब लाश के साथ सुहागरात मनाना शोभा देगा क्या मुझे, सो सांस लो, गहरी सांसें लो।
छनक उसकी आवाज सुनकर गहरी गहरी सांस लेने लगती है, वह गहरी गहरी सांस ले रही थी, जिससे बार-बार उसका सीना ऊपर नीचे हो रहा था, विध्वंश का गला सूखने लगता है, वह अपने गले को तर करते हुए छनक को देखते हुए बहुत ही प्यार से धीरे से पूछता है,, नाम क्या है तुम्हारा?
छनक धीरे से बोलती है, छ… छ… छनक नाम है हमारा ।
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है,, छनक है, यह छनक छनक मेरा दिल छनका गई, जिया रे जिया मेरे दिलो जां में छनक अपनी छनकार डाल गई, छनक छनक छनकारी ऐसी छनक,, उसकी ऐसी गोल गोल गाने जैसी बातें सुनकर, छनक एक तक उसे देखने लगती है, वह अपनी क्रिस्टल ब्लू
आंखों से एक तक विध्वंश को देख रही थी।
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है,, kitten इस गुलाब को सिर्फ मेरे होठों से निकाल कर तुम्हें अपने होठों पर रखना है, अपने होठों की मदद से।
उसकी यह बात सुनकर छनक को कुछ पल पहले का सीन याद आने लगता है, जिसमें विध्वंश ने उसे बहुत ही बेदर्दी से किस किया था, उसके होठों से खून तक निकलने लगा था, यह सोचकर छनक की बॉडी में सिरहन सी दौड़ जाती है, और उसे कपकपी महसूस होने लगती है, उसकी पूरी बॉडी कांप रही थी।
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है,, डोंट वरी kitten इस बार मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं करूंगा, बस तुम्हें मेरे होठों से इस गुलाब को निकाल कर, अपने होठों पर रखना है, अपने होठों की मदद से, बस तुम्हें इतना सा करना है, मैं इस बार उतना बेदर्द नहीं होऊंगा, तुम्हें बेदर्दी से बिल्कुल भी किस नहीं करूंगा, आई नो उस वक्त मैं ज्यादा बेदर्द हो गया था,
पर क्या करूं ? तुम हो ही इतनी खूबसूरत, कि तुम्हें देखकर मैं अपना कंट्रोल ही खो बैठा, मैं ज्यादा कस के तुम्हारे होठों पर काट लिया था, ज्यादा बेदर्दी से तुम्हारे होंठ चबाए थे,चिंता मत करो इस बार मैं बहुत प्यार से तुम्हें किस करूंगा, वो उसके होठों को अपने अंगूठे से टच करते हुए बोल रहा था।
बस उसके टच करने से ही छनक को अपनी पूरी बॉडी पर सरसराहट सी महसूस होने लगी थी, उसकी बॉडी वैसे ही पहले से कांप रही थी, अब और ज्यादा कांपने लगी थी, तभी अचानक बिजली कड़कने लगती है।
बिजली के इतनी तेज कड़कने से छनक डर जाती है, उसके मुंह से आवाज भी बिल्कुल नहीं निकलती, लेकिन उसके चेहरे पर डर साफ दिखने लगता हैं, उसने अपनी पलके नीचे झुकाए हुई थी, वह ऊपर बिल्कुल भी नहीं देख रही थी, अचानक बाहर से पानी के गिरने की आवाज आने लगती है।
बाहर बारिश बहुत तेज हो रही थी, वही विध्वंश छनक के होठों को अपने अंगूठे से बहुत ही प्यार से सहला रहा था, एक बार फिर बहुत ही तेज बिजली कड़कती है, इस बार बिजली कड़कने की आवाज पहले से भी बहुत ज्यादा तेज थी।
छनक बहुत ज्यादा डर जाती है, वह अपनी आंखें कस के बंद कर लेती है, और अपनी मुट्ठियों में अपनी साड़ी को भर लेती है, उसकी आंखों से अब आंसू बहने लगे थे, वह रोने लगी थी, लेकिन उसकी एक आवाज भी नहीं निकल रही थी, वह धीरे-धीरे रो रही थी, ना ही उसकी सिसकियां की आवाज निकल रही थी, और निकल भी रही थी तो बाहर इतनी तेज बारिश होने की वजह से विध्वंश को उसकी सिसकियों की आवाज बिल्कुल भी नहीं सुनाई दे रही थी।
वो तो बहुत ही आराम से अभी भी छनक के होठों को बड़े प्यार से सहला रहा था, उसने अभी भी अपने होठों पर गुलाब को रखा हुआ था, वह अपने होठों को छनक के चेहरे के बिल्कुल करीब ले जाकर , गुलाब की पंखुड़ियां से उसके माथे से सहलाता हुआ धीरे धीरे नीचे लेकर आता है।
उसकी नजर छनक की बंद पलकों पर पड़ती है, जो हल्की भीग गई थी, अब जाकर विध्वंश छनक के चेहरे को बिल्कुल गौर से देखता है, रोने की वजह से उसकी पलके पूरी भीग गई थी, उसकी नाक हल्की लाल हो गई थी, उसके होंठ कांप रहे थे, उसके गाल हल्के लाल हो गए थे, शर्म से, डर से, पता नहीं, विध्वंश एक तक उसके चेहरे को ही निहार रहा था।
उसने अभी तक छनक के चेहरे को गौर से देखा ही नहीं था, अगर देखा था तो सिर्फ अपनी lusty नजरों से ही देखा था, पता नहीं छनक को ऐसे रोता देखकर उसके दिल में एक टीस सी उठाती है, उसे छनक को ऐसे रोता देखकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, वह छनक के पेट में एक बार फिर अपनी ठंडी ठंडी उंगलियां रख देता है, और उसे अपनी गोद में बैठा लेता है, वो धीरे धीरे उसके पेट को सहला रहा था।
छनक उसकी इतनी ठंडी उंगलियों को खुद के बदन पर महसूस करके बहुत ज्यादा डर जाती है, और वह अपनी भीगी पलकों को खोलकर विध्वंश को देखती है, जो बिना किसी इमोशंस के उसे ही देख रहा था ।
विध्वंश उसे अपने सीने से लगाकर उसके पीठ को सहलाते हुए बिल्कुल धीमी आवाज में बोलता है,, क्या हुआ kitten, डर लग रहा है?
छनक बस हम्मम में जवाब दे देती है, वह कुछ भी नहीं बोलती।
विध्वंश उसे वैसे ही अपने सीने से लगाए रहता है, और उसके पीठ को सहलाने लगता है, वह धीरे-धीरे उसके पीठ को सहला रहा था, जिससे छनक को थोड़ी राहत मिल रही थी ।
अचानक एक बार फिर बहुत ही जोर से बिजली कड़कती है, छनक जिसने अभी तक विध्वंस को बिल्कुल छुआ तक नहीं था, वह अपने हाथ नीचे करें चुपचाप विध्वंश से चिपकी बैठे थी, वह विध्वंश की पीठ में अपनी बाहों को लपेट कर, अपनी गिरफ्त मजबूत कर देती है, उसने कस के विध्वंश की शर्ट को पकड़ा हुआ था, और उससे बिल्कुल चिपक कर बैठी हुई थी, बिकुल एक छोटी सी kitten की तरह सिकुड़ कर बैठी हुई थी।
क्या ये करीबी विध्वंश के दिल में छनक के लिए एक अलग एहसास पैदा करेगी? या फिर वो बाकी लड़कियों की तरह छनक को यूज करके छोड़ देगा?
"सुबह का वक्त"
विध्वंश और छनक एक दूसरे की बाहों में लिपटे, एक दूसरे के करीब सो रहे थे, दोनों एक दूसरे की बाहों में इस तरीके से लिपटे हुए थे, जैसे चंदन के पेड़ में सांप लिपटे होते हैं, दोनों एक दूसरे की बाहों में सुकून की नींद सो रहे थे, जैसे ये सुकून उन्हें बहुत वक्त बाद एक दूसरे की बाहों में मिला हो।
बाहर से कुछ शोर शराबे की आवाज आने लगती है, जिससे विध्वंश की नींद खुलने लगती है, वह धीरे-धीरे करके अपनी आंखें खोलता है, वह जैसे ही अपनी आंखें खोलता है, उसकी नजर सीधे छनक के मासूम से चेहरे पर चली जाती है, जिसमें वह पूरी मासूमियत में खोई हुई, उससे बिल्कुल चिपकी एक छोटी सी बिल्ली की तरह सो रही थी, उसकी आंखें बंद थी, दिखने में वो बहुत ज्यादा प्यारी लग रही थी।
वो डर की वजह से रात से ही विध्वंश से चिपकी हुई थी, वह एक पल के लिए भी विध्वंश से अलग नहीं हुई थी, विध्वंश ने भी उसे खुद से दूर नहीं करा था, वो वैसे ही उसे चिपकाए , बिल्कुल अपने करीब अपनी बाहों में भरे , ऐसे ही उसे लेकर सो गया था, वो एक तक छनक के चेहरे को देख रहा था, उसके दूध जैसे गोरे चेहरे में आंसुओं की लकीरें खींची हुई थी।
और वहीं उसकी जुल्फे बार-बार उसके चेहरे में आकर, उसे परेशान कर रही थी ,छनक अपने हाथों से अपने जुल्फों को पीछे करके दोबारा सो जाती है, लेकिन बार-बार उसकी जुल्फें उसे परेशान करने में लगी हुई थी, जैसे वो उसे सोने ही नहीं देना चाहती हों।
विध्वंश बार बार छनक को ऐसे इरिटेट होता देखकर, अपने हाथों से उसके जुल्फों को उसके कान के पीछे कर देता है, और धीरे से बोलता है,, kitten उठो।
छनक नहीं उठती, बल्कि कसमसाते हुए वो फिर सो जाती है।
विध्वंश फिर धीरे से उसे उठाते हुए बोलता हैं,, kitten get up हमें जाना भी है।
छनक अपनी नींद भरी आवाज में बोलती है,, मां सोने दो ना, थोड़ी देर और बस थोड़ी देर सोएंगे।
विध्वंश उसे थोड़ा सा हिलाते हुए बोलता है,, kitten get up हमें जाना है, लेकिन छनक नहीं उठती, वह अपने हाथों से अपने कानों को बंद करके अपनी करवट बदलकर सो जाती है।
विध्वंश उसकी इन हरकतों पर पूरी तरह से इरिटेट हो जाता है, उसने किसी के इतने नखरे नहीं सहे थे, और छनक वो तो उठने का नाम ही नहीं ले रही थी, बल्कि उसे नखरे दिखाकर, उससे और मुंह फेर कर लेट गई थी, इसी irritation में वो छनक के दोनों बाजुओं को पकड़ कर एक झटके में उसे उठाकर बैठा देता है।
अचानक ऐसे बैठाए जाने से छनक की आंखें एकदम से खुल जाती है, वो सुस्ताई हुई आवाज में बोलती है मां… बोलते बोलते उसकी बोलती ही बंद हो जाति है, जब वो अपने सामने विध्वंश को देखती है।
उसकी वह क्रिस्टल ब्लू आईज सीधे विध्वंश की वुल्फ ग्रे आइज से जा मिलती हैं, थोड़ी देर के लिए दोनों ही एक दूसरे की।आंखों में देखते रहते हैं, जैसे उनमें खो से गए हों।
उसने छनक के बाजुओं को कसके पकड़ा हुआ था, छनक को अपनी बाजुओं में बहुत कसके दर्द महसूस हो रहा था, वो विध्वंश को खुद से दूर करने लगती है ,लेकिन विध्वंश तो विध्वंश ठहरा, वो तो उसे छोड़ ही नहीं रहा था, वह तो उसके मासूमियत में जैसे खो सा गया था, उसकी मासूमियत से फड़फड़ाती वो पलके, जो बार बार बंद खुल हो रही थी, उसके वो फड़फड़ाते होंठ, जो जैसे कुछ बोलने के लिए खुल रहे हो, लेकिन बोल नहीं पा रहे हो,
वो अभी भी खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन विध्वंश तो उसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, वो खुद की छुड़ाने की कोशिश करते करते थक गई थी, वो जितना खुद को छुड़ाने की कोशिश करती, विध्वंश की पकड़ उसकी बाजुओं पर उतनी ही कस्ती जाती, इसलिए अब छनक ने खुद को छुड़ाने की कोशिश करना बंद कर दिया था।
वहीं विध्वंश उसके चेहरे के करीब झुकने लगता है, वो धीरे धीरे उसके चेहरे के करीब झुक रहा था, उसकी नज़रें एक पल के लिए भी छनक के चेहरे से अलग नहीं हुई थी, ना ही उसने एक पल के लिए भी अपनी पलके झपकाई थी,छनक विध्वंश को अपने करीब झुकता देखकर पीछे की तरफ झुकने लगती है , विध्वंश के होने से उसे डर लगता था, विध्वंश के उसके करीब आने से उसे बहुत ज्यादा डर लग रहा था, उसकी बॉडी एक बार फिर कांपने लगी थी, वो इन सब को इग्नोर करके, सीधे छनक के होठों पर अपने होंठ रख देता है, वो उसे किस नहीं करता है,
सिर्फ हल्की सी पैक देकर उसके होठों से दूर होकर बोलता है,, गुड मॉर्निंग kitten, अब चलो जल्दी से उठ जाओ, i hope तुम्हारी मॉर्निंग गुड तो हुई होगी, आखिर रात भर अपने पति की बाहों में जो सोई हो, एक सुकून भरी रात, जिसमे दो बदन आपस में उलझे एक दूसरे की बाहों में जकड़े सो रहे थे, खैर अभी उठो, इसके बारे में हम बाद में बात करेंगे, अभी हमें यहां से निकलना भी है,, वह मुस्कुराते हुए बोल रहा था।
वही छनक तो एकदम बिल्कुल शॉक्ड वैसे ही बैठी हुई थी, वह कुछ भी नहीं बोल रही थी, उसके दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था,, तीन किस,उसकी और विध्वंश की कल रात से तीन किस हो गई थी, उसके दिमाग में तीन किस के अलावा कोई भी बात नहीं चल रही थी, उसे कुछ भी नहीं सुनाई दे रहा था, तभी उस कुटिया में कोई खटखटाता है,
खटखटाने के आवाज सुनकर छनक अपने होश में वापस आती है, वो जल्दी से खड़ी हो जाती है और अपनी साड़ी को ठीक करने लगती है, सोने की वजह से उसकी साड़ी थोड़ी इधर उधर हो गई थी, उसका ब्लाउज भी थोड़ा खिसक गया था, वही विध्वंश का मूड पूरी तरीके से खराब हो गया था, जहां अभी उसके चेहरे में कुछ पल पहले मुस्कुराहट दिख रही थी, वहीं अब उसके चेहरे में चिढ़न साफ दिख रही थी, कोई कैसे उसके रोमांटिक मोमेंट को ऐसे आकर स्पॉइल कर सकता था, जब वो अपनी kitten को परेशान कर रहा हो।
छनक एक गहरी सांस लेकर कुटिया का दरवाजा खोलती हैं, सामने उसकी मां खड़ी थी, जिनकी आंखें में आंसू थे, अपनी मां को ऐसे रोता देखकर, छनक की भी आंखें नम हो जाती है , छनक की मां छनक के हाथों में कुछ कपड़े देते हुए बोलती हैं,, यह लो, इसे पहन कर जल्दी से आ जाओ, उनकी आवाज बहुत ही ज्यादा उदास थी, वह रो रही थी, उनकी रूहांसी सी आवाज निकल रही थी ।
बेचारी उसको भी रोने का मन कर रहा था, चीख चीख कर रोने का, उसकी जिंदगी एक पल में बिल्कुल बदल गई थी, छनक अभी भी अपनी मां को देख रही थी।
विध्वंश वही आराम से बैठे हुए गुलाब के पत्तियों से खेलते हुए बोलता है,, come kitten,अब क्या सारा वक्त दरवाजे पर ही तुम्हें बिताना है, हमारा वक्त है ना ये, चलो जल्दी से आओ,, वो थोड़ा तेज आवाज में बोलता है।
विध्वंश की ऐसी बातें सुनकर छनक की मां छनक को एक नजर देखकर बिना कुछ बोले वहां से चली जाती है।
छनक की भी आंखें नम हो गई थी, वह कुछ भी नहीं बोलती, वह दरवाजा बंद कर देती है और अपने हाथों में साड़ी लिए अंदर आती है, उसे कपड़े बदलने थे, नहाना था, लेकिन वह विध्वंस से क्या बोलती, उसे बाहर कैसे भेजती, अपनी मां के आंसू, यही सब उसके दिमाग में चल रहा था।
छनक अपनी सोच में इतना ज्यादा बिजी थी की उसे पता ही नहीं चला कब विध्वंश बिलकुल उसके करीब आ कर खड़ा हो गया, वो उसके गार्डन में अपनी गहरी सांस छोड़ते हुए, बिल्कुल धीमी आवाज में बोलता है,, व्हाट हैपेंड kitten , क्या सोच रही हो?
उसके इतने करीब आने से छनक बिल्कुल सहम जाती है, उसे उसकी करीबी से डर लगता था, वो सांसें लेना भूल जाती थी, उसकी जो सांसें ऊपर रहती वो ऊपर ही रह जाती थी, और जो नीचे रहती वो नीचे ही रह जाती, वो विधवंश से बिना कुछ बोले आगे की तरफ जाने लगती है।
विध्वंश उसका हाथ पकड़ कर उसे घुमाते हुए एक झटके में अपने करीब घसीट लेता है, जिससे छनक सीधा उसके सीने से लग जाती हैं, उसका वह तपता सीना, अभी भी आग की भट्टी की तरह तप रहा था।
विध्वंश उसे देखते हुए अपनी थोड़ी सख्त आवाज में बोलता है,, kitten मैंने कुछ पूछा है ना तुमसे, क्या सोच रही हो तुम?
छनक इतनी तेज आवाज सुनकर रोने लग जाती है, वो रोते हुए बिल्कुल धीमी आवाज में अपने चेहरे पर मासूमियत लिए बोलती है,, हमें… हमें… नहाना है, आप… आप… बाहर जा सकते हैं क्या? वो बहुत मासूमियत से पूछ रही थी, उसकी तो आवाज ही ठीक से नहीं निकल रही थी, वह अपने टूटे-फूटे अल्फाजों में विध्वंश से अपनी बात बोल रही थी।
विध्वंश हल्का मुस्कुराते हुए, अपने हाथों को अपने सीने में बांधकर,छनक को एक नजर ऊपर से लेकर नीचे देखते हुए बोलता हैं,, क्यों kitten में क्यों जाऊं? पति हूं मैं तुम्हारा, तुम मेरे सामने नहा सकती हो, मैं बिल्कुल भी मना नहीं करूंगा, बस जी भर कर तुम्हें देखूंगा, बोलते हुए वो धीरे धीरे छनक के करीब आ रहा था।
छनक अपनी नज़रें नीचे झुकाए धीरे से बोलती है,, आप बाहर चले जाइए ना, मुझे… मुझे… नहाना है, बस… बस… 10 मिनट बाद आप आप अंदर आ जाएगा, प्लीज प्लीज चले जाइए ना, वो एक छोटे से बच्चे की तरह अपना सर नीचे झुकाकर बोल रही थी, जैसे उसे सर नीचे झुकाकर बोलने की पनिशमेंट मिली हो।
विध्वंश उसके कान के बिल्कुल करीब आकर सरगोशी करते हुए बोलता है,, No way Kitten. इतना खूबसूरत मौका मैं कैसे अपने हाथ से जाने दे सकता हूं, अब तुम्हें नहाना है तो तुम नहा सकती हो, मैं मना नहीं करूंगा, लेकिन मैं यहां से बाहर तो बिल्कुल भी नहीं जाऊंगा, बोलते हुए उसके होंठ बार बार छनक के कान की लौ से टच हो रहे थे, जिससे छनक को अपनी बॉडी में एक अलग सी सुर सुरी सी महसूस हो रही थी।
विध्वंश के हाथ छनक की कमर पर हरकत कर रहे थे, वो उसकी कमर को धीरे धीरे अपने हाथों से सहला रहा था, छनक की हल्की सी आह निकल जाति है, आह्ह्ह्ह्………
विध्वंश अपने घुटनों के बल बैठकर, छनक की साड़ी को उसकी कमर से हल्का सा खिसका कर उसकी कमर को देखता है, जहां वो सहला रहा था, वहां लाल निशान थे, जो कल रात विध्वंश के बेदर्दी से मसलने से आए थे, वो बहुत ही प्यार से उसकी उस जगह को सहलाने लगता है, उसे अपने हाथों में कुछ गीला गीला महसूस होता है, वो अपनी नज़रें उठाकर ऊपर देखता है,
जहां छनक बिना कुछ बोले, बस अपना सर नीचे झुकाए खड़ी थी, उसकी आंखों से मोटे मोटे आंसू, बहते हुए नीचे गिर रहे थे।
विध्वंस खड़े होकर उसके चेहरे को अपने हाथों में भर कर धीरे से बोलता है,What happened Kitten? Why are u crying?
छनक उसे कुछ भी नहीं बोलती, वो अपना सर नीचे झुकाए, बस रो रही थी, और अपने मोटे मोटे आंसुओं को बहा रही थी, उसकी रोने की आवाज अब सिसिकियों में भी बदलने लगी थी।
विध्वंश उसके चेहरे को अपने अंगूठे से सहलाते हुए बोलता है,, ठीक है जाओ, पर जल्दी निकलना।
छनक जल्दी से वही उस कुटिया में बने एक कमरे पर चली जाती है, जैसे उसे इसी चीज का इंतजार था, सिर्फ विध्वंश के बोलने का इंतजार था, वो उस कमरे के अंदर खड़ी थी, जो बिल्कुल एक छोटा सा कमरा था, या यूं बोले वह एक छोटा सा बाथरूम था, जहां पर एक लकड़ी का बाथटब रखा हुआ था, जिसमें पानी भरा था।
वह कमरा बहुत ज्यादा छोटा था, सिर्फ वहां पर एक बाथटब ही बना हुआ था, और वहां पर ना ही कोई कपड़े बदल सकता था, ना कुछ कर सकता था, सिर्फ वहां नहा सकता था, वो धीरे-धीरे करके अपने सारे कपड़े उतार देती है और उस बाथटब में जाकर बैठ जाती हैं, उसे उस ठंडे पानी से थोड़ी राहत मिल रही थी,
वह अपनी आंखें बंद किए हुए, उस बाथटब में बैठी थी, उसे कल रात वाली सारी बातें याद आ रही थी, कैसे उसकी शादी विध्वंश से हो गई, कैसे विध्वंश ने उस आदमी को मार डाला, कैसे उसके दोस्त को मार डाला , यही सब सोच कर एक बार फिर उसकी आंखों में आंसू आ गए थे, उसकी पूरी बॉडी एक बार फिर कांपने लगी थी।
वह धीरे-धीरे उस बाथटब के अंदर खिसकती जा रही थी, कहने के लिए तो वो बाथ तब छोटा था , लेकिन फिर भी वो अपने पैरों को सिकोड़े उस बाथ टब में खिसकती जा रही थी, तभी बाथरूम के दरवाजे पर किसी की दस्तक होती है,
छनक की आंखें एकदम से खुल जाती है, उसका चेहरा पानी के अंदर बिल्कुल घुस गया था, वह एकदम से उठकर बैठ जाती है और गहरी सांस लेने लगती है, वह अपने दोनों हाथों से अपने बालों को पीछे करते हुए गहरी सांस ले रही थी, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था, वो अपने सोच में इतना डूब गई थी की वो कब पानी के अंदर डूबती चली गई उसे होश ही नहीं रहा, वो गहरी गहरी सांसें लेने में लगीं हुई थी।
विध्वंश एक बार फिर खटखटाते हुए बोलता है,, kitten हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, जल्दी बाहर आओ, हमें निकालना है, तुम्हारे पास सिर्फ 15 मिनट है, जल्दी रेडी हो, इतना बोलकर वो कहां से चला जाता है।
थोड़ी देर बाद छनक बाथरूम से बाहर निकलती है, उसने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी, जी उसकी मां उसे देकर गई थी, उसके बाल अभी भी गीले थे, उसके बालों से पानी टपक रहा था, जो उसकी साड़ी में गिरकर, उसकी साड़ी को गीला कर रहा था, वो उसकी साड़ी में मिल नहीं रहा था, वो तो उसकी साड़ी में मोतियों की तरह चिपक कर रह गया था।
वह अपने बालों को एक कपड़े से सुखाते हुए बाहर आ रही थी, वह बिना मेकअप के उस लाल साड़ी में भी बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थी, उसकी बड़ी बड़ी पलकें, जो अभी भी पानी से भीगी हुई थी, उसके वो गुलाब जैसे होंठ, जिससे पानी बहते हुए नीचे गिर रहा था, उसके बदन में अभी भी पानी की बूंदें लगी हुई थी, जो मोतियों जैसी चमक रही थी, जैसे उसके बदन में एक एक मोटी को अच्छे से जड़ा गया हो।
वो उस कपड़े को वही एक किनारे रख देती है, उसके बाल अब पहले से थोड़े सूख गए थे, वह वही रखे जेवरों को देखती हैं, जो अभी थोड़ी देर पहले उसकी मां उसे साड़ी के साथ देकर गई थी ,
वो उन जेवरों को देखती है, और एक गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे उन जेवरों को पहनने लगती है, वो जेवर बहुत सारे थे, और छनक को ज्यादा जेवर पहेन्ने की आदत नहीं थे, वो काम ही जेवर पहनती थी, उसे सजने संवरने का बहुत शौक था, लेकिन वो हमेशा जेवर काम पहनती थी, उसने अपने हाथों में "शाखा पोला" पहना हुआ था।
(शाखा पोला बंगाली मैरिड लड़कियां पहनती है, ये चूड़ियों का सेट होता है, और इसे आप तरीके से डिजाइन किया जाता है।)
वह अपने बालों को सवार रही थी, तभी उसे अपने गले में, किसी की ठंडी ठंडी उंगलियां और कुछ महसूस होता है, वो अपनी नज़रें थोड़ा सा पीछा करके पीछे देखती है, जहां पर विध्वंश उसके बिल्कुल करीब खड़ा हुआ था और वह उसे एक मंगलसूत्र पहना रहा था।
वह मंगलसूत्र दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत था, डायमंड से बना हुआ वो V नाम का मंगलसूत्र दिखने में बहुत ही ज्यादा एलिगेंट और क्लासी लग रहा था।
विध्वंश उसे देखते हुए बिल्कुल धीमी आवाज में बोलता है,, मेरी नई नई कली से निकली हुई खूबसूरत गुलाब के फूल जैसी बीवी के लिए एक खूबसूरत मंगलसूत्र, अब खूबसूरत बीवी के लिए खूबसूरत चीज तो बनती है ना,, बोलते हुए विध्वंश के होंठ बार-बार छनक के कान के लौ से टच हो रहे थे, जिससे छनक की पूरी बॉडी में बार-बार करंट दौड़ रहा था, उसकी पूरी बॉडी एक पल के लिए कांप गई थी।
क्या चल रहा है विध्वंश के दिमाग में? वो छनक को एक रात के लिए रखना चाहता था? पर बना लिया है उसने उसे बीवी? अचानक उसका बरताओ छनक के लिए बदल क्यू गया?
विध्वंश और छनक उस कुटिया के बाहर खड़े थे, वही कुटिया के बाहर पूरे गांव वाले खड़े उन्हीं दोनों को देख रहे थे, विध्वंश छनक से थोड़ा दूर होकर तेज आवाज में बोलता है,, 5 मिनट है आप लोगों के पास, जल्दी अपने गांव की बेटी की बिदाई करिए, अब इन्हें अपने ससुराल भी जाना है, ससुराल वालों से भी मिलना है, हम इन्हें यहां छोड़ कर तो जाएंगे नहीं, 5 मिनट सिर्फ और सिर्फ 5 मिनट वो अपना एक हाथ ऊपर करके, अपनी मुट्ठी को 2 बार बंद खोल कर के उन्हें दिखाया है, बोलते हुए वो अपनी कार की तरफ जा रहा था।
वो अपनी कार के बोनट में बैठकर अपने फोन में कुछ करने लगता है, उसे वहां चल रहे ड्रामा से कोई भी मतलब नहीं था, उसे उस ड्रामा को देखने में कोई भी शौक नहीं था, वह तो सिर्फ अपने फोन में कुछ कर रहा था, वो अपने फोन में इतना ज्यादा डूबा था, जैसे वो बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट कुछ कर रहा हो।
वही छनक अपनी मां से गले लगे जोर जोर से रो रही थी, वह बहुत ज्यादा रो रही थी, उसके मोटे मोटे आसूं लगातार बह जा रहे थे, वही उसकी मां भी उसे गले लगाए रो रही थी, वो अपने आंसुओं को पोछते हुए, उसे शांत कराने की कोशिश करने लगती है, लेकिन छनक शांत हो ही नहीं रही थी , बल्कि वो और ज्यादा रोटी जा रही थी।
वो रोती भी क्यों ना, उसकी शादी अचानक रातों-रात हो गई, उसका पति एक गुंडा बन गया, जो उसे उसके गांव से बहुत दूर पता नहीं कहां ले जाने वाला था, जिसके बारे में उसे पता भी नहीं था, उसका पति कैसा है? क्या करता है? क्या नहीं करता है? अपने पति के बारे में उसे कुछ भी खबर नहीं थी, वह जानती थी तो सिर्फ इतना की उसके पति ने उसके आंखों के सामने एक आदमी को मार डाला, उसके दोस्त को मार डाला और उससे जबरदस्ती शादी कर ली।
उसे विध्वंश से बहुत ज्यादा डर लगता था, वह कैसे रहती उसके साथ, उसने कल रात उसके साथ कुछ भी नहीं किया था, फिर भी वो विध्वंश को देखकर अंदर तक कांप जाती थी, यही सब सोच कर वो बहुत ज्यादा रो रही थी और अपने मां बाबा से दूर जाने का गम उसे सबसे ज्यादा था
वो थी ही कितनी, 18 साल की थी वो, अब वह 18 साल की उम्र में अपने घर वालों से दूर जा रही थी, जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था, वह अपने बाबा के गले लगे रो रही थी, वही उसके दोनों छोटी बहनें खड़ी उसे रोते हुए देखकर, एक दूसरे के गले लगाए रो रही थी।
वह छनक के पास आकर छानक को कसके गले लगाते हुए एक साथ बोलती हैं,, दीदी हमें माफ कर दीजिए, हमारी गलती है, ना ही हम कल रात वह सब बोलते, न ही वैसा कुछ होता, हमारी गलती है हमें कल रात उस डरावनी रात में वो बोलना ही नहीं चाहिए था, हमें माफ कर दीजिए दीदी।
छनक उन्हें कुछ भी नहीं बोलती , बस कसकर उन्हें गले लगा लेती है।
विध्वंश छनक के पास आकर तेज आवाज में बोलता है,, Times up kitten 5 मिनट पूरे हुए, अब चलो,
छनक अपनी भीगी पलकें उठा कर उसे देखती है, लेकिन विध्वंश को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वो छनक का हाथ पकड़ कर वहां से ले जाने लगता है।
छनक अपना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ती, विध्वंश पीछे मुड़कर छनक को देखते हुए बोलता है,, kitten मुझे कुछ करने पर मजबूर मत करो, सरफिरा हूं मैं, एक बार खिसक गया ना तो अच्छा बुरा नहीं देखता, करता वहीं हूं फिर जो मुझे ठीक लगता है, बोलते हुए उसका चेहरा बिल्कुल डार्क हो गया था, वो छनक को घसीटते हुए वहां से ले जाने लगता है।
वही छनक पीछे मुड़ कर अपने मां-बाप अपनी बहनों को देख अपनी नम आंखों से देख रही थी, विध्वंश उसे कार में बैठा देता है, और खुद दूसरी तरफ से आकर बैठ जाता है, विध्वंश के बैठते हैं ड्राइवर कार स्टार्ट कर देता है और तेज रफ्तार में वहां से बढ़ा देता है, वहीं उसे कर के आगे पीछे 6–6 गाड़ियां बॉडीगार्ड्स की लगी हुई थी, वह बिल्कुल टाइट सिक्योरिटी में उस गांव से निकल रहा था, सिक्योरिटी इतनी थी कि वो किसी नेता से भी बड़ा हो।
वहीं छनक विध्वंश से बिल्कुल दूर एक कोने में
गेट से चिपकी अपनी साड़ी को अपने हाथों की मुट्ठी में भारी बैठी हुई थी, वो बिल्कुल बिल्ली के छोटे से बच्चे की तरह गेट से चिपकी हुई बैठी थी।
विध्वंश उसे कुछ नहीं बोल रहा था, वह अपने फोन में कुछ कर रहा था, वो एक नजर छनक को देखता है, और धीरे से अपने मन में बोलता है,, "That's Why I call you kitten"
थोड़ी देर बाद उनकी कार एक बड़े से ग्राउंड पर आकर रूकती है, उनकी कार रुकते ही विध्वंश कार से बाहर निकलता है और दूसरी तरफ जाकर कार का गेट खोलते हुए छनक की तरफ हाथ बढ़ाते हुए बिल्कुल धीमी आवाज में बोलते हैं,, kitten चलो जल्दी से बाहर आओ , मेरे दिल को अपनी छनकार से छनकाने वाली जल्दी से बाहर आओ,
वो अपना हाथ आगे छनक की तरफ बढ़ाए हुए था, उसके चेहरे में कोई भी इमोशन नहीं थे, लेकिन उसकी आवाज बहुत ज्यादा धीमी थी, छनक अपने पलके थोड़ी से ऊपर करके एक नजर विध्वंश को देखती हैं, वह जब से कार में बैठी थी, उसने अपनी नज़रें नीचे ही झुकाई हुई थी, उसने न हीं अपनी नजर इधर की थी, ना ही उधर, वो बस एक ही पोजीशन में दरवाजे से चिपकी बैठी हुई थी।
उसे अपना हाथ भी विध्वंश के हाथ में देने में डर लग रहा था, पता नहीं विध्वंश कब बदल जाए, लेकिन अब वो क्या कर सकती थी, अब वह अपने घर वालों से दूर जा रही थी, खुद को उसे सौंप रही थी, उस पर ही डिपेंड होने वाली थी, वह धीरे से अपने कांपते हाथों को विध्वंश के हाथ में रख देती है।
विध्वंश हल्का मुस्कुरा देता है, वह जब मुस्कुराता है तो उसके गालों में हल्के हल्के डिंपल पड़ते लगते हैं, जिसमे वह कातिलाना, कतई जहर लग रहा था, उसकी वह डिंपल वाली स्माइल बहुत ही ज्यादा कातिलाना थी , अगर कोई लड़की उसको देखे तो बस अपना दिल ही हार बैठे, लेकिन हमारी छनक उसने तो एक नजर भी विध्वंश को देखा भी नहीं था।
उसने तो अपने चेहरे को नीचे ही झुकाए हुए था, वही उनसे थोड़ा दूर लाइट ग्रे कलर का जेट खड़ा हुआ था, जिसमें बड़े-बड़े लाल शब्दों में dare devil लिखा हुआ था, जो बहुत ज्यादा ग्लो कर रहा था, वह डेयर डेविल इतना ज्यादा हाईलाइट होकर दिख रहा था, कोई भी दूर से देख ले, कि वह जेट किसका है।
विध्वंस छनक का हाथ पकड़ कर बहुत ही प्यार से उसे अपने साथ लेकर जेट की तरफ पढ़ रहा था, वो धीरे धीरे छनक को हथेली को अपने अंगूठे से सहला रहा था।
वही छनक उसकी इस हरकत से कांप जा रही थी, वो अपनी नज़रें नीचे झुकाए, बिना कुछ कहे बस चुपचाप विध्वंश के साथ चली जा रही थी, जैसे अब उसके दिल में कोई इच्छा ही ना रह गई हो, वह बस एक रोबोट की तरह बन गई हो।
विध्वंश जहां उसे लेकर जाएगा, चली जाएगी, जैसा बोलेगा, वह वैसा ही करेगी, वो उसे बैठने का बोलेगा तो बैठ जाएगी, उठने का बोलेगा तो उठ जाएगी,।
वह चुपचाप विध्वंश के साथ जेट के अंदर जाकर बैठ जाती है , उनके बैठने ही वह जेट आसमानों में उड़ने लगता है, ऐसा लग रहा था, जैसे वो जेट आसमान में तैर रहा हो, जैसे कोई मछली पानी में तैरती है , वैसे ही वह जेट भी उस आसमान में तैर रहा था।
वही छनक जेट के अंदर खिड़की से ही उन बादलों को देख रही थी, उन सफेद बादलों में हर एक बदल उसे अलग-अलग शेप के नजर आ रहे थे, किसी में कोई शेप बना हुआ था, तो किसी में कोई शेप, कुछ फनी थे जिसे देखकर छनक बस हल्का सा मुस्कुरा दे रही थी, तो वहीं कुछ डरावने काले बादल थे जिनसे वो हल्का डर जा रही थी, और अपनी साड़ी को अपनी मुट्ठी में भर ले रही थी।
वही विध्वंश एक टक छनक को ही देखे जा रहा था, वह छनक के बिल्कुल करीब आकर उसे देखते हुए बोलता हैं,, क्या हुआ kitten खूबसूरत नजारा है ना? क्यों ना इस नजारे को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाया जाए, इतना बोलकर वह धीरे-धीरे अपनी शर्ट के बटन खोलने लगता है।
विध्वंश की आवाज सुनकर छनक जैसे ही अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाती है, दोनों के होंठ आपस में मिल जाते हैं, दोनों की इनडायरेक्ट unexpected किस हो जाति है, उसकी आंखें बड़ी बड़ी हो जाति हैं, उसकी पलकें हैरानी से फैल जाती हैं, उसकी क्रिस्टल ब्लूज आईज एक तक विध्वंश के चेहरे को देख रही थी, इस बार दोनों को आंखें नहीं मिली थी, एक की नजरें एक की चेहरे में ठहर के रह गई थी।
वो एक तक विध्वंश के चेहरे को देख रही थी, उसका वह ग्लोइंग अट्रैक्टिव चेहरा, उसके चेहरे पर हल्की-हल्की सी beard, उसके वह लहराते काले सिल्की बाल, जो बार बार उसके माथे को चूम रहे थे, उसके वो कसे हुए जबड़े, और उसकी वुल्फ ग्रे आंखें, वह दिखने में सच में बहुत ही ज्यादा कातिलाना था, और वह जब हल्का सा मुस्कुराता, तो उसके गालों पर पड़ते वो डिंपल, जो अभी उसके मुस्कुराने पर भी पड़ रहे थे।
छनक तो एक तक उसको देखते ही रह जाती है, उसकी वो
डिंपल स्माइल पर वो फिदा हो गई थी, दोनों के होंठ आपस में अभी भी जुड़े हुए थे, छनक अपना चेहरा जल्दी से दूसरी तरफ कर लेती है, उसने अपनी आंखें कस के बंद की हुई थी, और अपनी साड़ी को कसके अपनी मुट्ठी में भरा हुआ था।
उसका ऐसे यूं दूर जाना विध्वंश को बिल्कुओ भी अच्छा नहीं लगता, वो छनक के और करीब बढ़ने लगता है, छनक को अपने कंधे पर अपने गालों पर विध्वंश की सांसें अच्छे से महसूस हो रही थी, उसका गला सूखने लगा था, वो हल्का सिहर जाती है, उसकी पकड़ अपनी साड़ी पर और भी ज्यादा कस जाती है।
वही विध्वंश उसके और करीब होकर अपनी शर्ट के एक-एक बटन खोल रहा था,छनक धीरे से बोलती है,, यह…ये… आ…प क्या क…र र…हे हैं।
विध्वंश बिलकुल उसके करीब आ जाता है, अब दोनों के बीच जरा सी भी जगह नहीं बची थी, वो उसके हाथ से अपने एक हाथ को नीचे की तरफ ले जाता है, और उसकी मुट्ठियां को खोलकर, अपनी उंगलियों को उसकी उंगलियों में फसाते हुए, उसके कान के बिल्कुल पास आ गहरी सांस छोड़ते हुए बोलता है ,, kitten में, मैं तो कुछ भी नहीं कर रहा हूं,
बस मेरे जो हाथ है ना और मेरा जो दिल है, वह बहुत कुछ करने को बोल रहा है, यह हाथ अपने आप शर्ट पर चले गए और बटन खोलने लगे, और दिल तो तुम्हारे साथ बहुत कुछ करने को कल से बोल रहा है, लेकिन तुमने मुझे कुछ करने ही नहीं दिया ।
अब सोच रहा हूं माहौल भी अच्छा है, समा भी अच्छा है ,तो कुछ तुम्हारे साथ कर लिया जाए, और वैसे भी तुम्हें देखकर लग रहा है तुम्हें ठंड लग रही है, तुम्हें हीट की जरूरत है , तो क्यों ना मैं तुम्हें हिट दे देता हूं, इससे तुम्हें ठंड भी नहीं लगेगी, और मेरा जो करने का मन कर रहा है, वो भी में कर लूंगा।
छनक उसकी ऐसी बातें सुनकर अपनी पलकें झुका लेती है, वो बिल्कुल हिल नहीं पा रही थी, विध्वंश ने उसे इतनी कसके पकड़ा हुआ था।
विध्वंश उसकी कमर में हाथ डालकर उसे बिल्कुल अपने करें अपनी गोद में बैठाते हुए बोलता है,, व्हाट हैपेंड kitten, इतना शर्मा क्यों रही हो? पति हूं मैं तुम्हारा, हक है मेरा और तुम मुझसे इतना डरती क्यों हो? इतना दूर क्यों जा रही हो? पास आओ जरा करीब आओ, इस करीबी में खो
जाओ,
और करीब आओ , ताकि हम कुछ ना कुछ कर सके,, बोलते हुए वो अपनी गहरी सांसे छनक की गर्दन और कॉलर बोन पर छोड़ रहा था।, वह अपने होंठ उसके कॉलर बोन पर रख देता है, और अपने होंठों को चलने लगता है।
छनक उसके ऐसा करने से बिल्कुल सिहर जाती है, उसने अपनी साड़ी को अपनी मुट्ठी में एक बार फिर भर लिया था, उसकी सांसे गहरी हो रही थी , लेकिन वह सांस नहीं ले रही थी, उसने अपनी सांसों को रोक रखा था।
विध्वंश उसकी गर्दन पर हिकीज देते हुए बोलता है,, kitten सांस लो, गहरी सांस लो, नहीं तो तुम्हारे ससुराल वाले कहेंगे कि तुम्हारे पति ने तो तुम्हें प्राइवेट जेट में ही मार दिया, अब क्या तुम चाहती हो कि तुम्हारे ससुराल वाले तुम्हारे पति पर तुम्हारी मौत का इल्जाम लगाए ,नहीं ना चलो जल्दी से सांस लो।
कोन है विध्वंश? क्या होगा विध्वंश के घर वालों का रिएक्शन छनक को देखकर?
"नैनीताल"
एक ग्रे कलर का जेट एक बहुत बड़ी सी सफेद रंग की हवेली से काफी दूर आकर रूकता है, वह जगह हवेली की ही थी, वह जगह बहुत ही ज्यादा बड़ी थी, वह हवेली कई एकड़ में फैली हुई थी और उस हवेली के आसपास बहुत सारी गाड़ियां खड़ी हुई थी, और उस जगह दो जेट पहले से खड़े हुए थे और एक और जेट और आकर वहां पर लैंड करता है, उस जेट में बड़े बड़े अक्षरों में "डेयर डेविल" लिखा हुआ था।
उस जेट के लैंड होते ही बहुत सारी गाड़ियां लाइन से आकर वहां खड़ी हो जाती है, जेट का दरवाजा खुलता है और उसके अंदर से विध्वंश छनक को अपनी बाहों में भरे बाहर निकलता है।
छनक विध्वंश की बाहों में ही सो गई थी, उसे अभी भी नहीं पता था कि वह लोग पहुंच गए हैं अपनी मंजिल में, विध्वंश बिना किसी पर ध्यान दिया सीधे छनक को लेकर सीधा जेट से नीचे उतरता है और इतने बड़े कार के काफिले के बिच में खड़ी सेलेनाइट ग्रे कलर की मर्सिडीज़ बेंज में जाकर बैठ जाता है, जिसका दरवाजा पहले से ही ड्राइवर ने खोल रखा था।
वो पूरे रास्ते।छनक को गले लगाए बैठा हुआ आया था, और अभी भी उसे गले लगाए बैठा हुआ था, विध्वंश के बैठते ही सारे गार्ड्स अपनी-अपने गाड़ी में आकर बैठ जाते हैं और उनकी गाड़ी का काफिला अपनी मंजिल यानी की उस हवेली की तरफ चलने लगता है, जहां जेट खड़ा था उस जगह से हवेली तक जाने का रास्ता आधे घंटे का था, और उन्हें अभी और आधे घंटे का सफर तै करना था।
उस जगह में सिर्फ एक ही हवेली बनी हुई थी, जो थी नोमानी हवेली, उसके अलावा वहां कोई भी हवेली नहीं बनी थी, वह हवेली बहुत ही बड़े इलाके में फैली हुई थी, वही वह गाड़ी गार्डन को पार करती हुई, एक बड़े से फाउंटेन, जिसमें दो कपल्स की मूर्तियां बनी हुई थी और उनके ऊपर से पानी गिर रहा था, वह फाउंटेन भी सफेद रंग का था और उस फाउंटेन में लाइट जल रही थी, वह फाउंटेन हल्का-हल्का सा जगमगा रहा था,
शाम का वक्त होने की वजह से उसकी लाइट कुछ ज्यादा तो नहीं दिख रही थी, लेकिन हल्की हल्की दिख रही थी , रात में वह फाउंटेन बहुत ही ज्यादा जगमगाता था, वही उस फाउंटेन को पार करते हुए उनकी गाड़ी उस बड़े से सफेद कलर की हवेली के बाहर आकर रूकती है।
वही वह हवेली चारों तरफ से बहुत सारे गार्ड से घिरी हुई थी, उन सारे गार्ड्स ने अपना चेहरा नीचे झुकाए हुआ था, किसी में भी इतनी हिम्मत नहीं थी के अपना सर उठाकर विध्वंश नोमानी को देख सके।
छनक अभी भी सो रही थी ,उसे कुछ होश ही नहीं था, विध्वंस छनक के गालों को थपथपाते हुए बोलता है,, हे kitten get up. तुम्हारा ससुराल आ गया है, अब मैं तुम्हें तुम्हारे ससुराल अपनी बाहों में तो लेकर जाऊंगा नहीं, फिर मेरी क्या इज्जत रह जाएगी, सब बोलेंगे मुझे जोरू का गुलाम, चलो उठो जल्दी से,, उसकी आवाज धीमी थी।
लेकिन छनक के नींद में भी उसे डराने का काम कर रही थी, छनक एकदम से अपनी आंखें खोल कर बैठ जाती है, उसकी नजर सीधा विध्वंश के खुले सीने पर बने टैटू पर जाती है, जिस पर कुछ तो लिखा था कर्सिव में, जो छनक को बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था।
विध्वंश की शर्ट के ऊपर के तीन बटन खुले होने की वजह से छनक को उसके सीने पर बना वो कर्सिव टैटू अच्छे से तो विजिबल नहीं हो रहा था, लेकिन आधा दिख रहा था, फिर भी वह समझ नहीं पा रही थी, वह क्या लिखा है, उसके खुले सीने में वो टैटू बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहा था।
विध्वंश छनक के कान के बिल्कुल करीब आकर बोलता है,, kitten उठोगी या फिर तुम्हें मेरी बाहें ज्यादा पसंद आ गई है मेरी ये सॉफ्ट गोद मेरी पकड़ तुम्हें पसंद आ गई है, सारी जिंदगी मेरी बाहों में रहने का इरादा है क्या? वह तो तुम सारी जिंदगी मेरी बाहों में रह सकती हो, पर हम कुछ करने के लिए कार में कंफर्टेबल नहीं होंगे ना, उसके लिए रूम जरूरी है, जिसमें हम लोग कंफर्टेबल सब कुछ कर सके, चलो जल्दी से उठ जाओ, तुम्हारे ससुराल वाले तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं, नहीं तो वो बाद में बोलेंगे उसके बेटे ने उनकी बहू को बहुत तंग किया।
छनक जल्दी से विध्वंश से दूर होकर बैठ जाती है , वह अपनी साड़ी को ठीक करने लगती है, जो थोड़ी सी इधर-उधर हो गई थी, लेकिन विध्वंश ने उसे अच्छे से कवर किया हुआ था, फिर भी उसकी साड़ी थोड़ी सी इधर-उधर हो गई थी।
विध्वंश कार से निकाल कर दूसरी साइड आता है और दूसरी साइड का दरवाजा खोलते हुए अपना हाथ आगे कर देता है, इस बार वह कुछ भी नहीं बोलता उसके चेहरे में उसका गुरूर साफ झलक रहा था, छनक चुपचाप उसके हाथों में अपना हाथ देकर कार से बाहर निकल आती है।
विध्वंश छनक के हाथ को अपनी बाहों में लपेटते हुए उसके हाथ को सहलाते हुए बिल्कुल धीमी आवाज में बोलता है,, kitten मुस्कुराओ , तुम्हें मुस्कुराना है मेरे घर वालों के सामने, यह बिल्कुल भी मत दिखाना कि मैने तुमसे शादी कैसे की है, तुम्हें उनके सामने अच्छे से मुस्कुराना है, और अपना यह सेड फेस तो बिल्कुल भी उनके सामने मत बनाना, इतना बोलकर वो होंठों के पास अपनी अंगूठे और इंडेक्स फिंगर से स्माइली बनाते जुड़ मुस्कुराते हुए बोलता है।
और छनक को लेकर आगे की तरफ बढ़ने लगता है,छनक कुछ भी नहीं बोलते, वह अपनी निगाहें नीचे करें चल रही थी, थोड़ी देर बाद वो लोग उस हवेली के दरवाजे पर खड़े हुए थे, वही हवेली के अंदर बहुत सारे लोग खड़े हुए थे, हवेली के गेट पर एक औरत जो देखने में 50-55 साल की थी, उन्होंने अपने हाथों पर आरती की थाल ली हुई थी, वही नीचे जमीन पर एक बहुत बड़ी सी थाल रखे थे, जिसमें लाल कलर का पानी था, जो अलता था।
वही उनके इर्द-गिर्द बहुत सारे सर्वेंट खड़े हुए थे, जिनके हाथों पर बहुत बड़ी-बड़ी सी थाली थी, जिनमें लाल कलर का कपड़ा डाला हुआ था, वही हवेली के अंदर बहुत सारे लोग खड़े हुए थे, दिखने में कुछ उम्र दराज थे तो कुछ यंग थे।
विध्वंश सामने खड़ी औरत को देखते हुए बोलता है,, मां यह सब क्या है? मैंने आपसे बोला था ना कि आप यह सब कुछ भी नहीं करेंगे।
विध्वंश की मा कल्याणी जी जिन्होंने एक बहुत कड़ी मढ़ी su हैवी सी साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें जरी का काम किया गया था , गले पर डायमंड का नेकलेस, कानों पर डायमंड की इयररिंग्स और अपने बालों को बन बनाया हुआ था और मांग में सिंदूर लगाया हुआ था, वह दिखने में इतनी भी ज्यादा ओल्ड नहीं लग रही थी।
वह विध्वंश को घूरते हुए बोलती है,, तुम तो चुप करो, तुम्हारा बस चलता तो तुम तो हमारी बहू को हमसे मिलाने ही नहीं लाते, सीधे पता नहीं कहां ले जाते , खुद तो घर पर आते नहीं हो, काम ही आते हो, अब क्या हम अपनी बहू का स्वागत भी ना करें,, इतना बोलकर वह उन दोनों की आरती उतारने लगते हैं।
वही विध्वंश चुपचाप बेकार सा मुंह बनाकर खड़ा हो जाता है, वह खुद से ही बोलता है,, यार मान भी न बिना आते ही kitten के सामने मेरी बेइज्जती कर दी, अब मेरी kitten के सामने क्या इज्जत रह जाएगी, अब वो क्या सोचेगी मेरे बारे में? क्या सोचेगी कुछ नहीं सोचेगी हुंह,, वो खुद से ही बोलता है।
कल्याणी जी छनक और विध्वंश की आरती उतारने के बाद उनके माथे पर बड़ा सा तिलक लगाती हैं, दोनों झुककर कल्याणी जी के पैर छूते हैं, कल्याणी जी उनके सिर में हाथ रख कर उन्हें हमेशा सुखी और शादीशुदा जिंदगी अच्छे से जीने का आशीर्वाद देते हैं, वह दोनों खड़े हो जाते हैं।
उनके खड़े होते ही एक सर्वेंट वहां पर चावलों से भरा कलश लाकर रख देती है, कल्याणी जी मुस्कुराते हुए छनक को देखते हुए बोलती हैं,, बेटा आप अपने दाहिने पैर से इस कलश को गिराकर अंदर आईए और फिर इस थाल में अपने पैरों को रखकर आपको मेन हाल तक जाना है।
छनक बस अपना सर हां में हिला देती है और जैसे कि कल्याणी जी ने बोला था, वह बिल्कुल वैसा करती है, वह सबसे पहले कलश को गिराती है फिर उसके बाद थोड़ा आगे बढ़कर आलते की थाल में पैर रखकर मेन हाल तक अंदर आती है।
वही जो सर्वेंट्स अभी बाहर दरवाजे में लाइन से खड़े हुए थे, वह अब जाकर छनक के सामने लाइन से खड़े हो जाते हैं, कल्याणी जी बिल्कुल प्यार से छनक के सर में हाथ फेरते हुए बोलती हैं,, बेटा आपको एक-एक करके सारे थालों में अपना हाथ रखना हैं।
छनक उनकी बात सुनती है और अपना सर हां में हिला देती है, जैसा उन्होंने बोला था, वह वैसा ही कर रहे थे, वो एक-एक करके सारी थालो में अपने हाथों को रखती है, वो थाल करीब तीस थी और उन थाल के अंदर किया था,छनक को बिल्कुल भी नहीं पता था, देखने में वो थाल भारी और बहुत ही ज्यादा बड़ी थी।
कल्याणी जी उन सर्वेंट्स को देखते हुए बोलती है,, आप लोग इन्हें गरीबों में बाट दीजिए।
वहीं छनक और विध्वंश अब बाकी घर वालों के भी पर छूकर आशीर्वाद लेते हैं, सारे घर वाले छनक को वही हाल में रखे सोफे पर बैठा देते हैं और खुद भी आसपास आकर बैठ जाते हैं ।
कल्याणी जी छनक को सबसे इंट्रोड्यूस करा ही रही थी, तभी पीछे से एक आवाज आती है,, भाभी मां को हम खुद खुद से इंट्रोड्यूस करेंगे, आप लोग को हमें इंट्रोड्यूस करने की जरूरत नहीं है, इतना बोलकर वह पीछे से आकर छनक को कस का गले लगा लेता है ।
छनक अचानक उसके ऐसे गले लगाने से बहुत ज्यादा डर जाती है, उसकी बॉडी कांपने लगती है, और उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है, वह आंखें फाड़े खुद से थोड़ा दूर खड़े विध्वंश को देखने लगती है।
विध्वंश अपनी कड़क आवाज में बोलता है,, जैन तुम क्या चाहते हो, मैं तुम्हें दोबारा हॉस्टल भेज दूं ,और तुम्हारे सारे क्रेडिट कार्ड सील कर दूं, तुम्हारे नाइट आउट्स और क्लब में जाना कैंसल कर दूं।
जैन छनक से दूर होकर बेकार स मूह बनाकर सोफे को फांदते हुए छनक के बिल्कुल बगल में आकर बैठते हुए बोलता है,, भाई आप कितने जल कुकड़े हैं ना, हम अपनी भाभी मां से बात भी नहीं कर सकते, अभी तो हम अपनी भाभी मां से मिले हैं, और आप हमे हॉस्टल भेजने की धमकी दे रहे हैं, जल कुकडे कहीं के।
वो विध्वंश को पूरी तरीके से ही इग्नोर करके छनक को देखते हुए बोलता है,, भाभी मां मैं आपका छोटा सा ,प्यारा सा, नन्हा सा देवर जैन नोमानी हूं , आप मुझे जो भी नाम देना चाहें प्यारा सा दे सकती हैं, मैं आपका बिल्कुल प्यारा सा देवर बनूंगा, नहीं देवर नहीं, मैं आपका बिल्कुल प्यार सा छोटा सा भाई हूं, वो खुद को करेक्ट करते हुए बोलता है।
और आगे बोलता है, हम खूब सारी मस्ती करेंगे, खूब सारा वीडियो गेम भी खेलेंगे, छनक उससे कुछ भी नहीं बोलती बस हल्का सा मुस्कुरा देती है।
वही उन्हें दरवाजे के पास से किसी की आवाज आती है, वो सब हवेली के दरवाजे की तरफ देखने लगते हैं, जहां से एक लड़का चलते हुए अंदर आ रहा था, दिखने में वो भी काफी हैंडसम था, गोरा चिकना चेहरा, उसमें हल्की सी बियर्ड, जबड़े कसे हुए, आईब्रो के ऊपर ऊपर हल्का सा कट और एक कान में छोटा सा स्टड, दिखने में वो भी बिल्कुल बवाल था।
वो सामने सोफे में छनक को बैठे देखकर तेज आवाज में बोलता है,, यह कसम काली, मस्त जवानी, हुस्न की मलिका, मासूमियत की देवी, प्यारा सा छोटा सा गुलाब कोन है? एक खूबसूरत लड़की यहां है और तू इतना दूर खड़ा है, वो अपने माथे में टैब करते हुए कुछ सोचते हुए बोलता है,, जहां तक मुझे उड़ी उड़ी खबर मिली थी, तू किसी को लेकर आने वाला था अपने साथ, तू ये नन्हा गुलाब अपने साथ लेकर आया है, कौन है ये?
विध्वंश अपनी एक आईब्रो उठाकर सकने खड़े लड़के को घूर रहा था, वहीं वो लड़का छनक को लगातार घूरे ही जा रहा था, वह कभी छनक को घूरता तो कभी विध्वंश को।
विध्वंश अपनी एक आईब्रो मसलते हुए अपनी तेज और कड़क आवाज में बोलता है,, आर्या निगाहें नीचे करो, मेरी बीवी , और तुम्हारी भाभी है , अब तुम्हारी निगाहें उसकी तरफ उठनी नहीं चाहिए, वरना…you know better mai kya kar sakta hun, वो अब बिल्कुल शांत आवाज में बोलता है।
विध्वंश के पापा युगांत जी उन्हें इग्नोर करके छनक को देखते हुए बिल्कुल प्यार से बोलते हैं,, बेटा मेरे नालायक बेटे ने तुम्हें परेशान तो नहीं किया ना , तुम मेरी बहू नहीं बेटी हो, क्योंकि मुझे अपने नालायक बेटे का अच्छे से पता है, वह क्या कर सकता है और क्या नहीं कर सकता है?
वो एक नजर विध्वंश को घूरते हुए बोलते हैं, फिर छनक की तरफ देखते हुए बोलते हैं,, बेटा अगर तुम्हें यह जरा सा भी परेशान करें तो तुम्हें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है, बस इसके बेड के बगल वाले टेबल पर सेकंड नंबर के ड्रॉल में एक गन रखी है,
बस तुम उसे गन को निकाल कर डायरेक्ट इसको शूट कर देना और बाकी तुम किसी चीज की चिंता मत करो, तुम्हारे पापा जज है, वकील पुलिस सब मेरे अंदर में रहती है, मैं सब कुछ संभाल लूंगा।
आर्यवंश जिसे विध्वंश शॉर्ट में आर्या बोलता था, वह आगे जाकर छनक को देखते हुए बोलता है,, हां भाभी आप बिल्कुल भी चिंता मत करिए, जैसा अंकल ने बोला आप तुरंत कर दीजिएगा, और इसकी लाश ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी मेरी है, ऐसी जगह लाश ठिकाने लगाऊंगा पुलिस तो क्या, पुलिस की सात पुश्ते भी इसकी लाश नहीं ढूंढ पाएंगी ।
वही कल्याणी जी छनक से बोलती हैं,, हां बेटा और आपको विधवा बनाने की तैयारी पूरी मेरी, इतने अच्छे से साड़ी पहनूंगी और इतने अच्छे से आपका मेकअप करूंगी, बूटीशियन हूं मैं, कोई नहीं पहचान पाएगा, आप उदास नहीं हैं, आपकी आंखों में हमें पता है कि आंसू तो निकलने वाले हैं नहीं,
क्योंकि आप खुद ही इसे अपने हाथों से मारेंगी , तो मैं आपकी आंखों में आई ड्रॉप्स दल दूंगी, जिससे आपके थोड़े-थोड़ी आंसू निकल आएंगे और इतने में हमारा काम हो जाएगा, किसी को पता भी नहीं चलेगा, आपने हमारे इस नालायक बेटे को मारा है।
वही विध्वंश का बड़ा भाई वैभव छनक से बोलता है,, हां बच्चा आप मेरी छोटी बहन हो, आप बिल्कुल भी चिंता मत करना, इसकी जितनी भी प्रॉपर्टी, इसके जितने भी अपार्टमेंट्स, इसके जितने भी क्रेडिट कार्ड है, सब मैं आपके नाम करवा दूंगा, और ज्यादा वक्त नहीं लगेगा, बस इसकी मौत के दूसरे दिन ही सब कुछ आपके नाम हो जाएगा।
वही विध्वंश की भाभी सितारा छनक के बिल्कुल पास उससे चिपकी हुई जो बैठी थी, वह उसे देखते हुए बोलती है,, हां और हम उस क्रेडिट कार्ड से बहुत सारी पार्टियां करेंगे, क्लब जाएंगे और पार्लर जाएंगे, और तुम्हें बिल्कुल अपने जैसे बना देंगे, तुम्हें कभी भी इसकी कमी बिल्कुल भी नहीं खलेगी, तुम बहुत ही ज्यादा एंजॉय करोगी।
वही जैन छनक से बोलता है,, हां भाभी मां, आप बिल्कुल भी चिंता मत करिएगा, और रही आपकी बाकी एंजॉयमेंट के बात, वह मैं आपको करवा दूंगा, हम लोग मस्त आराम से लूडो खेला करेंगे और बाइक राइडिंग पर भी जाएंगे, गेम्स खेलेंगे मस्त-मस्त से, और बहुत सारा खाना खाएंगे, और आप से घर के काम भी कोई नहीं कराएगा, आप तो हमारे प्यारे भाई की विधवा हो जाएंगे ना, जिनको आप खुद ही अपने हाथों से मारेंगी, वो उदास सा चेहरा बनाकर बोलता है, फिर अगले ही पल खुश होते हुए बोलता है,, हम लोग बहुत सारी मस्ती करेंगे।
वही दूर खड़ा विध्वंश अपना मुंह खोले अपने घरवालों को ही देख रहा था, कैसे उसके घर वाले उसकी बीवी के आती ही उसे भूल गए और उसी के मर्डर की प्लानिंग कर रहे वो भी उसके सामने।
क्या करेगा विध्वंश अपने घर वालों की बातें सुनकर?
"नोमानी हवेली"
विध्वंश वहीं खड़ा मुंह खोले सब की बातें सुन रहा था, वह खुद से बोलता है,, बाहर सब मुझसे इतना डरते हैं, मेरी मौजूदगी में कोई अपनी नजर उठाने तक की हिम्मत नहीं करता, और यहां मेरे घर वाले, मेरी बीवी के सामने मेरी बेइज्जती कर रहे हैं, और साथ में मेरे मर्डर का भी प्लान कर रहे हैं, सच मे लोग सही बोलते है,,घर की मुर्गी दाल बराबर होती है,, वो अपना सर हिलाते हुए बोलता है।
विध्वंश अपने लंबे कदमों से छनक की तरफ आता है और छनक का हाथ पकड़ कर उसे खड़े करते हुए बोलता है,, चलो यहां से।
युगांत जी विध्वंश की इस हरकत पर तेज आवाज में बोलते हैं,, यह तुम क्या कर रहे हो? और हमारी बेटी को कहां लेकर जा रहे हो?
विध्वंश बारी बारी एक-एक नजर सबको देखते हुए बोलता है ,,अपनी बीवी को यहां से लेकर जा रहा हूं, मेरी बीवी के आते ही आप लोगों ने तो पल्ला ही बदल लिया, अपने बेटे को भूल गए बहू के घर आते ही।
युगांत जी उसे बीच में टोकते हुए बोलते हैं,,गलत बहू नहीं बेटी है वह हमारी।
विध्वंश झुंझलाते हुए बोलता है ,, नहीं बहू है आपकी, और आप लोग उसके आते ही मेरे मर्डर की प्लानिंग करने लगे, वाह डैड,,वो अपने हाथ को ऊपर उठाकर हल्का घुमाकर बोलता है,, आपने तो पूरा प्लान बना कर रखा है मुझे ऊपर पहुंचाने का, इसलिए आप मेरी शादी के पीछे पड़े रहते थे ना, शादी कर लो ,शादी कर लो, ताकि अपनी बहु के हाथों मुझे मरवा सकें।
अब जब मैने शादी कर ली तो मेरी बीवी के ही हाथों मुझे मरवाने की प्लानिंग कर रहे हैं, हां माना मैं घर कम आता हूं, एक बार आप बोल दीजिए, मैं वो भी नहीं आऊंगा, लेकिन अपने बेटे को मरवाना, वो भी उसकी बीवी के हाथों, आपको शर्म नहीं आती, और मेरे ही सामने मेरे मर्डर की प्लानिंग कर रहे हैं आप सब लोग।
वो। छनक की तरफ देखकर उसके गालों को हल्का छूते हुए बोलता है,, और मेरी बीवी, ये तो इतनी मासूम ,इतनी भोली है, कोई भी आराम से उसे अपनी बातों में फंसा ले, उसका easily ब्रेन वॉश कर दे और आप लोग यही कर रहे हैं, उसको भड़का रहे हैं, अगर उसने मुझे मार दिया तो, आपका इक लौता…
कल्याणी जी उसे करेक्ट करते हुए बोलती है,, इक लौते नहीं, तुम बीच वाले हो, सेकंड नंबर पर।
विध्वंश झुंझलाते हुए बोलना,, हां दूसरे नंबर का बेटा, बेटा तो हूं, एक बेटा कम हो जाएगा, तीन बेटों में से दो बेटे बचेंगे आपके।
युगांत जी बोलते हैं,, हमें कोई दिक्कत नहीं है , दो बच्चे हमारे तो बहुत अच्छे हैं, दोनों हमारे आंखों के सामने रहते हैं, तुम्हें देखना न देखना बराबर है, घर में तो तुम्हारा अता पता रहता ही नहीं है, रात के लेट आते हो, सुबह जल्दी चले जाते हो, वैसे भी तुम हम लोग को दिखते ही नहीं हो, गायब हो जाओगे, मर जाओगे, तो थोड़ी ना किसी को फर्क पड़ेगा।
विध्वंश को उनकी बात सुनकर बहुत ज्यादा गुस्से में आ जाता है, वो उनसे कुछ भी नहीं बोलता और छनक को लेकर जाने लगता है।
युगांत जी तेज आवाज में बोलते हैं,, एक कदम भी दरवाजे से बाहर मत निकलना, हमारी बेटी अब यहां आ गई है, वह कहीं नहीं जाएगी समझे , चुपचाप से जाओ अपने रूम में, बहुत हो गई नौटंकी।
विध्वंश पीछे मुड़ कर एक नजर सबको घूरता हैं, वो कुछ भी नहीं बोलता बस छनक का हाथ पकड़ के उसे ऊपर ले जाने लगता है।
कल्याणी जी तेज आवाज में बोलती है,, लेकर तो जा रहे हो हमारी बेटी को , ध्यान रखना ज्यादा तंग नहीं करना उसे, नहीं तो ,तुम्हें पता है ना, पता है उसे तुम्हारी गन कहां रखी है, सीधे निकल कर शूट कर देगी।
विध्वंश उनसे कुछ भी नहीं बोलता ,वो खुद स ही बोलते हैं,, मैं उस गन की जगह ही बदल दूंगा, ऐसी जगह रखूंगा कि किसी को भी नहीं मिलेगी, नहीं पता चलेगा किसी को वो गन कहां है? वह बहुत ही ज्यादा चिढ़ा हुआ लग रहा था, उसकी चिढन उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी।
वही छनक को उसका ऐसा चिढ़ा हुआ चेहरा देखकर बहुत ज्यादा मजा आ रहा था, वह हल्का हल्का हंस रही थी,
विध्वंश एक नजर उसे घुटकर धीरे से बोलता है,, तुम्हें तो मैं रूम में चलकर बताता हूं, इतना बोलकर वो लंबे-लंबे कदमों से आगे बढ़ने लगता है, वह इतने ज्यादा तेज कदम रख रहा था की छनक उसकी स्पीड बिल्कुल भी मैच नहीं कर पा रही थी , वह लड़खड़ा रही थी।
विध्वंश 2 सेकंड के लिए रुकता है, और पीछे मुड़कर छनक के चेहरे को देखता है, जो नीचे झुका हुआ था, और हल्का लाल भी था।
विध्वंश हल्का हंस देता है, जिससे उसके चेहरे में दो प्यारे प्यारे डिंपल पड़ जाते हैं, वो हल्का झुक कर छनक को अपनी बाहों में लेते हुए बोलता है,, kitten तुम कितना स्लो चलती हो, थोड़ा तेज चलो ना, अब अपने पति की स्पीड मैच करना सीख जाओ।
छनक उसे कुछ भी नहीं बोलती, उसे बहुत ही ज्यादा शर्म आ रही थी, उसे ऐसा लग रहा था, नीचे खडे सब लोग उन दोनों को ही देख रहे है, वो सहज थी, नीचे खड़े सब लोग उन दोनों को ही देख रहे थे, और मुस्कुरा रहे थे, छनक को बहुत ज्यादा एंबार्रास्मेंट फील हो रही थी।
वो खुद से बोलती है,, ये खुद तो ताड़ जैसे लंबे है, जिराफ जैसी लंबी लंबी टांगे है, तो लंबी लंबी रखेंगे न, अब हम ठहरे छोटी सी बकरी, तो हमारी टांगें भी बकरी जैसी, तो हम छोटे छोटे कदम रखेंगे न, वो धीरे से विध्वंश से बोलती हैं,, आप… आप…ने ह…में उठा क्यों लि…या, स…ब स…ब नी…चे से दे…ख र…हे हैं, ह…में बिल्कुल भी अ…च्छा न…हीं ल…ग र…हा, व…ह हमा…रे बा…रे में क्या सो…चेंगे,, वो अपनी टूटी फूटी आवाज में विध्वंश से बोलती है।
विध्वंश smrik करते हुए बोलता हैं,, क्या सोचेंगे? ज्यादा कुछ भी नहीं, यही सोचेंगे उनका बेटा अपनी बीवी के साथ रोमांटिक हो रहा है ,और उससे ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा, तो अपनी बीवी को जल्द से जल्द अपने रूम में लेकर जा रहा है।
अब छनक इसके आगे क्या ही बोलती? उसके गाल शर्म से पूरी तरीके से लाल हो गए थे, कुछ ही मिनट में वह लोग एक रूम के बाहर खड़े थे, जहां पर कांच की नेम प्लेट में बड़े-बड़े अक्षरों में V.N लिखा हुआ था, जिसमें लाइट जल रही थी।
V.N मतलब विध्वंश नोमानी, जिसमें कोई अलग-अलग रंगों की लाइट नहीं चल रही थी, आग वाली रोशनी, बिल्कुल आग की तरह, आग की लपटों की तरह वह रोशनी जल रही थी, विध्वंश नोमानी एक आग है, यह वह नेम प्लेट अच्छे से बता रहा था।
विध्वंश रूम का दरवाजा खोलकर अंदर चला जाता है, और रूम के गेट को अपने पैर से बंद करते हुए, छनक को अपने एक हाथ से अच्छे से होल्ड करता है, और दूसरे हाथ से गए लॉक कर देता है, वह लंबे कदमों से बेड की तरफ बढ़ने लगता है।
वह बेड में जाकर छनक को अच्छे से बैठा देता है, और अपनी शर्ट के बटन, जो पहले से ही तीन खिले हुए थे, बाकी के भी बटन खोलने लगता है।
छनक पीछे की तरफ खीसकते हुए धीरे और हकलाती हुई आवाज में बोलती है,, य…ह य…ह आ…प आ…प क्…या-क्…या क…र र…हे हैं, अप…ने अप…ने श…र्ट के श…र्ट के बट…न क्…यों खो…ल र…हे हैं।
विध्वंश अपनी शर्ट निकाल कर वहीं दूर सोफे में फेक देता है, और बेड में अपना एक घुटना रखकर छनक की तरह हल्का झुकते हुए बोलता है,, बहुत हंसी आ रही थी ना तुम्हें नीचे kitten, अब तुम्हारी हंसी बंद करने का वक्त आ गया है, इतना बोलकर वो छनक की तरफ और झुकने लगता है।
छनक पीछे की तरफ खिसकने लगती है, वह एक बार और खिसकती, और सीधा बेड के हेड रेस्ट से जा टकराती, अब उसके पास इधर-उधर जाने की भी जगह नहीं थी, वो अपना चेहरा इधर-उधर करके वहां से जाने की जगह ढूंढने लगती है,।
विध्वंश बिल्कुल उसके करीब आ जाता है , और उसके सर के इर्द गिर्द अपने दोनों हाथों को रखकर, उसके चेहरे पर अपनी गहरी सांसें छोड़ते हुए बोलता है,, हां तो kitten, तुम क्या करोगी? मारोगे अपने पति को।
छनक जल्दी से अपना सर ना में हिला देती है, विध्वंश तेज आवाज में बोलता है,, ला…ला…kitten, एक्सप्रेशंस नहीं, words, words कहां है kitten ?
विध्वंश की इतने तेज आवाज सुनकर छनक कसके अपनी आंखें बंद कर लेती है, वो अपने गले में आए थूक को निगलते हुए बोलती है,, नहीं ह…म ह…में ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे।
गुड kitten गुड, विध्वंश उसके गालों को थपथपाते हुए बोलता है, फिर छनक से थोड़ा दूर होकर उसे बेड में अच्छे से लेटाते हुए बोलता है,, थक गई होगी ना, चलो सो जाओ, फिर खुद ही बोलता है,, पर तुम थकी तो होगी नहीं, थक तो मैं गया हूं, एक ही पोजीशन में बैठे-बैठे, हाए मेरी कमर तक अकड़ गई है, वो अपनी कमर को स्ट्रेच करते हुए बोलता है।
तुम्हें अपनी बाहों में भरे जो था, तुम आराम से मेरी बाहों में बिल्कुल एक छोटी सी बिल्ली की तरह सो रही थी, कितनी प्यारी लग रही थी ना तुम, वैसे प्यारी तो तुम अभी भी लग रही हो, तभी तो तुम मेरी बीवी हो, पर तुम्हारी ये नाक क्यों लाल हो रही है, वो उसकी नाक को छूते हुए बोलता है, खैर छोड़ो, चलो सो जाओ जल्दी से।
छनक को विध्वंश की हरकत से गुस्सा आ रही थी, लेकिन वो खुद को शांत रखते हुए धीरे से बोलती है,, पर हमें नींद नहीं आ रही है।
विध्वंश लेटते हुए छनक को अपनी बाहों में भरकर बोलता है,, पर मुझे तो नींद आ रही है ना, इसीलिए चुपचाप से ऐसे लेटी रहो, कहीं मैं सोने की जगह तुम्हारे साथ कुछ और न कर दूं, ये सुकून तुम्हारे लिए रात भर का दर्द न बन जाए, तुम्हे रात भर एक पल का सुकून भी न मिले, चलो मुझे सुकून की नींद सोने दो ,इतना बोलकर वह अपनी आंखें बंद कर लेता है।
"वहीं दूसरी तरफ"
युगांत जी अपने रूम में इधर से उधर टहल रहे थे, उनके चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी, वह अपने हाथ पीछे बांधे बस परेशान हुए पूरे रूम के चक्कर काट रहे थे, कल्याणी जी जो बहुत देर से उन्हें ऐसे देख रही थी, वो अपनी ज्वैलरी उतारते हुए युगांत जी को देखते हुए बोलती हैं,, युग क्या हुआ है? आप इतने परेशान क्यों लग रहे हैं? क्या बात है बताएं युग? अब उनके चेहरे में भी हल्की परेशानी दिख रही थी।
युगांत जी कल्याणी जी को देखते हुए बोलते हैं,, कल्याणी हमें बहुत ज्यादा चिंता हो रही है छनक की , विध्वंश पता नहीं कैसे उनसे शादी करके उन्हें लेकर आए है ,बेटी माना है हमने उन्हें दिल से, हम उन पर एक भी खरोच नहीं आने दे सकते, उनकी खुशियों की जिम्मेदारी हमारी है, लेकिन विध्वंश…बोलते बोलते वो रुक जाते हैं।
विध्वंश को तो आप जानती है ना अच्छे से, जो इंसान शादी से दूर भागता था, अचानक तीन दिन के अंदर शादी करके एक लड़की को घर ले आया, आखिर क्यों, कैसे, क्यों उसने शादी की?
कल्याणी जी युगांत जी के बिल्कुल पास आकर उनके कंधे पर हाथ रखते हुए बोलती है,, युग आप कुछ ज्यादा ही सोच रहे हैं, शायद विध्वंश बदल गया है, देखिए वो छनक से कितने अच्छे से बात कर रहा था, कितना possessive है उन्हें लेकर, और अब आप देखिएगा ,वह जो महीना महीना भर घर से दूर रहता था, अब रोजाना घर पर रहेगा, आप चिंता मत करिए और ज्यादा मत सोचिए, चलिए डिनर का टाइम हो गया है, इतना बोलकर वो रूम से बाहर चली जाती है।
युगांत जी वहीं बेड में बैठकर खुद से ही बोलते हैं,, चिंता कैसे नहीं करें कल्याणी, आप नहीं जानते विध्वंश को ,वह क्या चीज है? पूरा नैनीताल यहां तक की एशिया का हर एक बिजनेसमैन से लेकर पॉलिटिशियन उसे जानता है, बस आप ही उसकी असली आइडेंटिटी से अंजना है, चिंता तो हमें सताएगी ना।
वह जैसा है, अगर उसने शादी के बाद भी वही सब किया तो, और छनक को इसके बारे में पता चल गया, बेचारी का तो दिल टूट जाएगा, नहीं हम ऐसे नहीं होने दे सकते, हम अपनी बेटी का दिल बिल्कुल नहीं टूटने देंगे, हमारी कोई भी बेटी नहीं थी , भगवान ने हम पर किरपा करके, हमें दो दो बहू के रूप में बेटियां दी हैं, हम दोनों की जिंदगी में कोई भी परेशानी नहीं आने देंगे,
बस विध्वंश का पास्ट छनक के सामने कभी ना आए, वह खुद से ही बोलते हैं और सीधा रूम से बाहर चले जाते हैं।
वहीं डाइनिंग टेबल पर सब लोग बैठे हुए थे, शिवाय छनक और विध्वंस के, कल्याणी जी सबको देखते हुए बोलती हैं,, सब लोग तो आ गए, लेकिन विध्वंश और छनक कहां है?
जैन जल्दी से खड़े होते हुए बोलता हैं,, मॉम में बुलाकर लाता हूं ना भाई भाभी को, बोलते हुए वो उछलते कूदते ऊपर की तरफ जाने लगता है।
"विध्वंश का रूम"
विध्वंश आराम से अपनी आंखें बंद करे छनक को अपनी बाहों में लिए लेटा हुआ था, वो इस वक्त शर्टलेस था और छनक का चेहरा विध्वंश के खुले सीने के us टैटू वाले हिस्से में रखा हुआ था, छनक बहुत देर से उस टैटू को घूरे जा रही थी, लेकिन उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, वो क्या लिखा है।
वो अपना सर थोड़ा सा उठाकर विध्वंश के सीने में अपनी चिन्ह रखते हुए उसके चेहरे को एक टक देख रही थी, विध्वंश वैसे ही आंख बंद करें बोलता है,, व्हाट हैपेंड kitten? क्या देख रही हो? कुछ ज्यादा ही हैंडसम लग रहा हूं क्या मैं आज?
छनक उसकी बात का कोई जवाब नहीं देती, वो कुछ सोचते हुए बोलती है,, आपने हमसे शादी क्यों की? क्या आप हमसे प्यार करने लगे हैं?
विध्वंश अपनी आंखें खोलकर हल्का सा मुस्कुराते हुए बोलता है,, प्यार नहीं, प्यार तो नहीं करता मैं तुमसे, जब हम पहली बार मिले थे, मैंने बताया था ना मैं तुम्हें क्यों अपने साथ ले जाना चाहता हूं, पर तुम्हारे गांव वालों ने मेरी शादी तुमसे करा दी, अब तुम जबरदस्ती का मेरी जिम्मेदारी बन गई हो,, वो बहुत ही आराम से बोल रहा था, जैसे वो कोई अच्छी बात बोल रहा हो।
छनक कुछ सोच कर धीरे से बोलती है,, अगर आप उसके लिए हमें यहां लेकर आए हैं ,तो आपने हमारे साथ कुछ किया क्यों नहीं? वह अभी भी विध्वंश के चेहरे को एक तक देखे जा रही थी।
विध्वंश smrik करते हुए बोलता है,, kitten अगर एक बार मैंने कुछ कर दिया, तो तुम एक हफ्ते तक बेड से उठने के काबिल नहीं रहोगी, तुम बाथरूम तक जाने के काबिल नहीं बचोगी, तुम्हें बाथरूम जाने के लिए भी मेरे सहारे की जरूरत पड़ेगी, तुम्हारे अंदर इतनी इनर्जी नहीं है कि तुम मुझे झेल सको।
विध्वंश की ऐसी बात सुनकर छनक का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है, उसके कान तक हल्का लाल हो गए थे, वह अपना चेहरा नीचे झुका लेती हैं, फिर 2 मिनट बाद धीरे से बोलती हैं,, छोड़िए हमें, हमें नहाना है, हम इतना लंबा सफर करके आए, और आपने हमें लेटा लिया, वो बहुत ही धीमे से डरते हुए बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोलती है।
विध्वंश smrik करते हुए बोलता है,, चलो साथ में नहाते हैं।
तभी उनके रूम मैं कोई नौक करता है, विध्वंश छनक से दूर होकर वैसे ही शर्टलेस दरवाजे के पास जाकर थोड़ा सा दरवाजा खोलता है और सामने खड़े जैन को देखकर बोलता है,, व्हाट हैपेंड, क्या हुआ इतनी रात के हमारे रूम में क्या कर रहे हो?
जैन एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक शर्टलेस विध्वंश को देखता है, फिर अपनी बत्तीसी दिखाते हुए बोलता है,, सॉरी भाई मैंने आपको आपके इंपोर्टेंट टाइम पर डिस्टर्ब करा, पर मॉम आपको और भाभी को डिनर के लिए बुला रही है।
विध्वंश उससे बोलता है,, ठीक है जाओ, हम शावर लेकर आते हैं।
जैन जाते हुए पीछे मुड़कर बोलता है,, You are looking hot bhai. इतना बोलकर वो बत्तीसी दिखाते हुए वहां से भाग जाता है।
विध्वंश अपना सर ना में हिलाते हुए धीरे से बोलता है,, बेवकूफ और गेट बंद कर देता है।
वो चुपचाप नीचे आता है और शांति से अपनी कुर्सी में जाकर बैठ जाता है, वो धीमे-धीमे मुस्कुरा रहा था, सितारा जैन को ऐसे मुस्कुराता हुआ देखकर उससे पूछती है,, क्या हुआ जैन? क्या बात है, इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो? और विध्वंश और छनक कहां है?
जैन मुस्कुराते हुए बोलता है ,,वह भाई बोल रहे थे, की भाभी और भाई दोनों शावर लेकर थोड़ी देर में आते हैं, वह यह बात बहुत ही ज्यादा शर्म आते हुए बोल रहा था।
कल्याणी जी उसके सर पर हल्की सी चपात लगाते हुए बोलती हैं ,, फालतू की चीजों में ध्यान देने से बेहतर है अपने खाने और पढ़ाई पर ध्यान दो, और इसमें इतना शर्मा क्यों रहे हो, वो उसको डांट देती है।
जैन बिल्कुल छोटा सा, प्यारा सा, मासूम सा, पप्पी फेस बनाते हुए कल्याणी जी को देखते हुए बोलता है , मोम आप अपने छोटे से नन्हे से प्यार से बेटू को ऐसे डांटेंगे, मैने तो कुछ भी नहीं करा, जैसा भाई ने बोला, मैने आकर आप लोगों को बता दिया, अब मुझे क्या पता था कि मेरी अच्छाई का सिला आप लोग मुझे इस तरीके से देंगे,,
अच्छा सिला दिया आप लोगों ने मेरी अच्छाई का, अच्छा सिला दिया आप लोगों ने मेरी अच्छाई का, वो नौटंकी करते हुए बोल रहा था।
कल्याणी जी उसे देखते हुए बोलती हैं,, हो गाई तुम्हारी नौटंकी, अब चलो चुपचाप से डिनर करो, थोड़ी देर में विध्वंश और छनक भी आ जाते हैं , वह नीचे ही उतरकर जैसे ही आते हैं, एक छोटी सी बच्ची भागते हुए ,रोते हुए, अपने छोटे-छोटे हाथों के मुट्ठी बनाकर, अपने आंखों को रगड़ते हुए विध्वंश के पास भाग कर, उसके एक पैर को अपने नन्हे नन्हे हाथों से पकड़ते हुए, रोते हुए बोलती है,, चाचू, चाचू, मामू ने महक को डांटा।
विध्वंश उस छोटी सी बच्ची को अपनी गोद में उठाकर उसके आंसुओं को साफ करते हुए बड़े प्यार से बोलता है,, क्या हुआ मेरी नन्ही सी महक को? आर्या ने आपको डांटा।
महक अपना छोटा सा सर हां में हिला देती है, वह बहुत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी, उसने व्हाइट कलर की छोटी सी नी तक आती हुई नेट की फ्रॉक पहनी हुई थी, बालों की छोटी-छोटी से दो पोनिया बनाई हुई थी, जो उसके कमर के थोड़े ऊपर तक आ रही थी , और वही उसकी आंखों से इस वक्त आंसू बह रहे थे, गोल सा चेहरा, वह अपनी आंखों को बार-बार टिमटिमाते हुए विध्वंश को देख रही थी और रो रही थी।
विध्वंश आर्यवंश को घूरते हुए बोलता है,, आर्या व्हाट इस दिस, तुमने हमारी छोटी सी महक को क्यों डांटा।
आर्या अपने हाथ को झटकते हुए बोलता है,, क्या तुम मुझसे पूछ रहे हो, मैने इस नन्ही शैतान को क्यों डांटा? इससे बोलो अपने दांतों को काबू में करके रखें, जब देखो आकर मेरे हाथों में काट लेती है, अच्छे भले इंसान को जानवरों के इंजेक्शन लगवाने पड़ जाए तुम्हारी भतीजी के काटने की वजह से।
विध्वंश आर्यवंश को घूरते हुए बोलता है ,, स्टॉप इट आर्या, तुम मेरी महक से इस तरीके से बात नहीं कर सकते, ना ही तुम इसे कुछ बोल सकते हो, और मेरी भतीजी है तो तुम्हारी भांजी भी है।
आर्यवंश विध्वंस को घूरते हुए बोलता है,, तुम अपनी महक से बोलो कि मेरे पास मत भटका करें, जब भी आती है काट कर चली जाती है, आर्यवंश को ऐसे दांत पड़ता देख महक को बहुत ज्यादा हंसी आ रही थी, वह धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी।
आर्यवंश सितारा के पास आकर बोलता है,, देख रही हो दी इस नन्ही शैतान को मुझे मेरे दोस्त से डांट पड़वाकर, अपने दांत कैसे फाड़ रही है। सितारा अपना सर ना में हिला देती है, उन दोनों का रोज का था ये, दोनों ऐसे लड़ते थे, मामा भांजी कम, tom & Jerry ज्यादा लगते थे।
महक की नजर छनक पर पड़ती है, वह विध्वंश के चेहरे को अपने तरफ घुमाकर विध्वंश को देखते हुए बोलती हैं,, चाचू यह ब्यूटीफुल सी लेडी कौन है?
विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है,, यह आपकी ब्यूटीफुल लेडी, आपकी चाची है।
महक अपने दोनों छोटे-छोटे नन्हे नन्हे हाथों से तालियां बजाते हुए खुश होते हुए बोलती है,, वाउ चाची , महक को चाची चाहिए थी, थैंक यू चाचू आपने महक की विश पूरी कर दी, आप चाची ले आए, महक की चाची आ गई, अब महक अपने दोस्तों को बताएंगे महक के पास भी चाची है, और उनकी चाचियों से भी ज्यादा ब्यूटीफुल, वो बहुत ज्यादा खुश थी छनक को देखकर।
वो छनक की तरफ अपने दोनों हाथ बढ़ा देती है, वही छनक बहुत देर से महक को ही देख रही थी, उसे बच्चे बहुत ज्यादा पसंद थे, और यह तो बहुत ही क्यूट सी प्यारी सी बच्ची थी, वह अपने हाथ आगे बढ़कर महक को अपनी गोद में ले लेती है, महक उसके गाल में हल्की सी किस करते हुए बोलती है,, मेरी ब्यूटीफुल सी चाची के लिए ,एक ब्यूटीफुल सी बच्ची की तरफ से ब्यूटीफुल सी किस्सी, वह बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी, उसकी स्माइल देखकर।छनक भी मुस्कुरा देती है, और इस बार छनक की मुस्कुराहट सच में जेनुएन थी, वह दिल से मुस्कुरा रही थी।
विध्वंश बेचारे वो तो अपनी नन्हीं सी भतीजी से जल गए, उसे महक का ऐसे छनक को किस्स करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, वो खुद से ही बोलता है,, विध्वंश क्या कर रहे हो, तुम अपनी महक से नहीं जल सकते।
सब लोग डाइनिंग टेबल में बैठे हुए थे और महक छनक की गोद में बैठी थी, और उसके हाथों से डिनर कर रही थी, वह कभी विध्वंश के हाथ से खाती, तो कभी छनक के हाथ से खाती, जब विध्वंश घर आता था, तो महक अपनी मम्मी पापा को भूल ही जाती थी, वह हमेशा विध्वंश से चिपकी रहती थी, तभी तो वह विध्वंश की प्यारी सी क्यूट सी भतीजी थी।
विध्वंश सबसे ज्यादा प्यार उससे ही करता था, वो उसके ऊपर कभी भी नहीं चिल्लाता था, ना ही किसीको चिल्लाने देता था, वो उसकी हर एक जरूरत, हर एक ख्वाहिश को पूरी करता था, लेकिन महक इस वजह से बिल्कुल भी जिद्दी नहीं हुई थी, वह कभी भी किसी चीज के लिए जिद नहीं करती थी ।
लेकिन जब विध्वंश को पता चल जाता, महक को कोई चीज चाहिए , वह बिना उसके बोले ही, उसके लिए उसके लिए वह चीज लेकर आ जाता था, महक का सबसे ज्यादा स्ट्रांग बॉन्ड था विध्वंश के साथ, अभी तो वह बढ़िया मस्त आराम से अपने चाचू चाची के हाथों से खाना खाने में लगी थी।
क्या है विध्वंश का पास्ट? क्या करेगी छनक जब उसके सामने आयेगा विध्वंश का पास्ट?
"सुबह का वक्त"
"नोमानी हवेली"
छनक आराम से बेड में सो रही थी, उसने अपने चेहरे को अपने एक हाथ से ढका हुआ था, उसे बहुत ज्यादा रोशनी अपनी आंखों में महसूस हो रही थी, जिस वजह से वो बिल्कुल भी सो नहीं पा रही थी, इसलिए वो अपने चेहरे को अपने हाथों से ढके सो रही थी।
कुछ ही पल हुआ था उसे सुकून की नींद सोए, उसे अपने चेहरे पर ठंडी ठंडी हवा महसूस होने लगती है, रूम की बालकनी का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था, जिससे हवाएं अंदर आ रही थी और छनक को परेशान कर रही थी,
वो छनक के जुल्फों को चूमती हुई, उससे खेलती हुई इधर से उधर घूम रही थी, वो कभी उसके चेहरे को चूमती तो कभी उसके गालों को चूमती, और बार-बार उसे नींद में परेशान करती, वह कभी अपने बालों को ठीक करती, तो कभी करवट बदलती, लेकिन वह हवा तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी, इतनी सी जगह से भी वह अंदर चली आ रही थी, और छनक को परेशान करने में लगी हुई थी।
वो उसको सोने नहीं दे रही थी, जैसे उन्हें छनक को परेशान करने में बहुत मजा आ रहा था, वह बार-बार उसके जुल्फों को उड़ाकर कहीं उसके चेहरे पर ले आती, तो कहीं उसके होठों पर ले आती, तो कभी उसके नाक में आकर उसे परेशान करने लगती।
वो अपने बालों से बुरी तरीके से परेशान हो गई थी, वह अपने बालों को पीछे कर के जैसे ही आंखें खोलती है, उसकी नजर बाथरूम से निकल रहे विध्वंश पर चली जाती है।
विध्वंश जो अभी-अभी शावर लेकर आया था, उसने अपनी वी शेप कमर पर ब्लैक कलर का टॉवल लपेटा हुआ था, उसके बालों से पानी गिरता हुआ उसके सीने से फिसलता हुआ नीचे की तरफ जा रहा था, वह अपने एक हाथ में छोटा सा टॉवल लिए अपने बालों को पोंछ रहा था, वही उसकी बॉडी इतनी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रही थी, एक बार देखने वाला देखता ही रह जाए।
उसका वह सख्त सीना, उसकी मस्कुलर बॉडी , 8 पैक एप्स, उसके वह बाइसेप्स और उसके उसके वो सीने पर बना हुआ कलर में टैटू, को सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहा था,और उसकी वह वुल्फ ग्रे आईज, वो इतना ज्यादा हॉट और अट्रैक्टिव लग रहा था, जिसे लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता था।
छनक तो बस उसको देखते ही रहती है, वह तो अपनी पलके झपकाना तक भूल गई थी, वह एक टक उसे hu बस देखे जा रही थी।
विध्वंश जो अपने बाल अपने एक हाथ से पोंछ रहा था, उसकी नजर जैसे ही छनक पर पड़ती है, वह हल्का मुस्कुरा देता है , जब वह मुस्कुराता है तो उसके दोनों गालों पर छोटे-छोटे से डिंपल पड़ने लगते हैं, जिसमें वह कतई जहर लग रहा था, हाए वो अपनी मुस्कुराहट से ना जाने कितनी लड़कियों का दिल ले जाता था।
वो मुस्कुराता हुआ अपने लंबे कदम छनक की तरफ बढ़ाने लगता है, लेकिन छनक तो उसे देखने में इतना ज्यादा खोई हुई थी कि उसे पता ही नहीं चला, कब विध्वंश उसके बिल्कुल करीब आ गया, वो बेड पर अपने घुटने को रखकर छनक के चेहरे की तरफ झुकते हुए, उसके ऊपर अपनी गहरी सांसें छोड़ते हुए, अपने एक हाथ को अपने बालों पर फेरते हुए, अपने बालों का पानी उसके चेहरे में गिराते हुए बोलता है,, व्हाट हैपेंड kitten, आई एम लुकिंग टू अट्रैक्टिव, में बहुत ही ज्यादा हैंडसम और अट्रैक्टिव लग रहा हूं ना, तभी तो तुम मुझे इतना ताड़ रही हो ना।
छनक विध्वंश के इतना करीब आ जाने से डर जाती है , वह पीछे की तरफ खिसकने लगती है, विध्वंश उसके बाजू को पकड़ कर दोबारा उसे बेड में लेटाता है और उसकी तरफ और झुकते हुए बोलता है,, तुम मुझे ताड़ रही थी ना kitten.
छनक की सांसें गहरी होने लगती है, उसकी धड़कने बुलेट ट्रेन से भी तेज रफ्तार में चलने लगती है, वह बिल्कुल धीरे से बोलती है,, य…ह ताड़…ना ताड़…ना क्…या हो…ता है।
विध्वंश बिना कुछ बोले छनक के बिल्कुल करीब बढ़ने लगता है, वहीं छनक के चेहरे में डर नजर आने लगा था, विध्वंश अब छनक के चेहरे के बिल्कुल करीब था, दोनों के चेहरे इतने करीब थे की, अगर वो जरा स भी बोलते, तो दोनों के होंठ आपस में चिपक जाते, वो एक बार फिर मुस्कुरा देता है, जिससे एक बार फिर उसके दोनों गालों पर डिंपल पड़ने लगते हैं, वो तो आज छनक का दिल लूटने की फिराक में था।
वह अपने डिंपल गालों के साथ मुस्कुराते हुए बोलता है,, kitten मुझे पता है तुम छोटी हो, लेकिन इतनी भी छोटी नहीं हो कि तुम्हें ताड़ने का मतलब नहीं पता, वो उसके बालों को उसके कान के पीछे करते हुए बोलता है,, फिर भी मैं तुम्हें बता देता हूं , यह जो तुम घूरकर बिना अपनी पलके झुकाए मुझे देख रही थी ना, इसे ताड़ना कहते हैं, और ऐसे ताडोगी तो तुम्हारे इक लौते पति को तुम्हारी ही नजर लग जाएगी।
माना तुम्हारा हक़ है, तुम जब चाहो, जैसे चाहो मुझे ताड़ सकती हो, पर वक्त तो देखा करो kitten, तुम मुझे इस वक्त, ऐसे ताडोगी तो फिर मुझे कुछ करने का मन करेगा, फिर शायद तुम आज इस कमरे से बाहर भी न जा पाओ, बोलते हुए उसके होंठ बार-बार छनक के होठों से टच हो रहे थे।
छनक बस अपनी आंखें फाड़े विध्वंश को बातें सुन रही थी, और उसे देखे जा रही थी।
इसकी को तो कहते है ताड़ना, जैसे तुम मुझे अभी देख रही हो बिना पलके झपकाए बिल्कुल ऐसे ही, एक बार फिर दोनों के होंठ आपस में एक दूसरे को छुए थे।
छनक अपना चेहरा दूसरी तरफ करके धीमी आवाज में बोलती है,, ह…म ह…म आप…को न…हीं ता…ड़ र…हे थे।
विध्वंश थोड़ी सी तेज आवाज में बोलता है,, kitten मेरी तरफ देखो, अपना चेहरा मेरी तरफ करो, तुम्हारी नजर एक पल के लिए भी मेरे चेहरे से बिल्कुल भी नहीं हटनी चाहिए, उसकी आवाज ज्यादा तेज नहीं थी, लेकिन फिर भी छनक के लिए वह आवास काफी तेज थी।
वह बहुत ज्यादा डर जाती है और जल्दी से अपना चेहरा विध्वंश की तरफ कर लेती है, विध्वंश उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर, हल्की सी पैक देते हुए बोलता है,, गुड मॉर्निंग kitten, तुम्हारे पति की तरफ से मॉर्निंग किस, अब तुम्हें मेरी मॉर्निंग किस मिलेगी रोजाना, तुम्हारी मॉर्निंग मेरी एक छोटी सी किस के साथ होगी।
छनक धीरे से बोलती है,, ह…मे ह…मे नहा…ना है।
विध्वंश उससे थोड़ा दूर हो जाता है, वो जल्दी से खड़ी होकर बाथरूम की तरफ जाने लगती है, विध्वंश पीछे से उसका हाथ पकड़ कर धीरे-धीरे उसके करीब आने लगता है और उसके बिल्कुल करीब आकर, उसके कंधे पर अपनी गहरी सांसे छोड़ता है और उसके कमर को अपने सख्त हाथों से हल्का सा पड़कर, उसके पेट को हल्का सा दबाते हुए बोलता है,, साथ में शावर लेते हैं ना kitten, चलो साथ में नहाते हैं, तुम्हें नहीं पता होगा ना कैसे शावर चालू करना है, चलो साथ में चलकर नहाते हैं।
छनक की सांसें तो अटक गई थी, उसकी ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे रह गई थी, वो धीरे से बोलती है,, ह…में ह…में प…ता है, आपने कल जब चालू करा था ना, हमने देख लिया था, जब आपने हमारे साथ नहाया था, हमने देख लिया था, कैसे क्या चालू करना है? हम नहा लेंगे,, वह बिल्कुल रोतली आवाज में बोल रही थी, जैसे अगर विध्वंश ने उसे अभी नहीं छोड़ा तो, वह 2 मिनट बाद रो देगी।
विध्वंश मुस्कुराते हुए उसे छोड़ देता है ,छनक जल्दी से सीधा वॉशरूम में भाग जाती हैं, विध्वंश भी सीधा क्लोसेट की तरफ मुस्कुराता हुआ चला जाता है।
वह क्लोजेट में अपने कपड़े पहन ही रहा था, तभी उसके कानों पर छनक की एक जोरदार चिल्लाने की आवाज पड़ती है , विध्वंश जिसने अभी सिर्फ अपना पेंट ही पहना था, वह जल्दी से अपने पैंट का बटन लगाकर सीधा वॉशरूम की तरफ भागता है, वॉशरूम का दरवाजा खुला हुआ था, वो सीधा वॉशरूम के अंदर चला जाता है, वो जैसे ही अंदर का नजारा देखता है उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं।
"वहीं दूसरी तरफ"
नीचे हॉल में आर्यवंश आराम से सोफे पर बैठा हुआ था और अपने फोन में कुछ कर रहा था, वह अपना फोन स्क्रोल कर रहा था, या कुछ काम कर रहा था, कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
तभी वहां पर महक आ जाती है और आर्यवंश के बिल्कुल बगल में बैठकर पप्पी फेस बनाकर उससे प्यार से पूछती है,, मामू आप क्या कर रहे हैं?
आर्यवंश जो अपने फोन में लगा हुआ था, उसने महक को अपने बगल में बैठते हुए देख लिया था ,लेकिन उसने उसे बिल्कुल इग्नोर कर दिया था, वह बिना महक को देखे बोलता है,, तुम्हें दिख नहीं रहा मैं काम कर रहा हूं, आ गई शैतान की नानी, नन्ही आफत की पुड़िया मीठी मीठी-मिठास लेकर।
वो महक को देखते हुए बोलता है,, बोलो क्या चाहिए तुम्हे?
महक बिल्कुल प्यार से अपना पप्पी सा फेस बनाते हुए आर्यवंश की गोद में बैठते हुए, उसके कंधे पर अपनी नन्हीं नन्ही सी दोनों बाहें लपेटे हुए, अपने चेहरे में बिल्कुल मासूमियत लपेटते हुए बिल्कुल प्यार से बोलती है,, मामू आपको यह क्यों लगता है, जब मुझे आपसे कुछ चाहिए होता है तभी मैं आपके पास आती हूं।
आर्यवंश मुस्कुराते हुए महक को अच्छे से अपनी गोद में बैठाते हुए बोलता है,, मेरी प्यारी भांजी, वो क्या है ना, तुम सिर्फ दो चीजों के लिए मेरे पास आती हो, एक जब तुम्हें मुझसे कुछ चाहिए होता है, और दूसरा जब, जब तुम्हें मुझे विध्वंश यानी की अपने प्यारे चाचू से दांत पड़वानी होती है, फिलहाल तो इस विध्वंश यहां है नहीं, बोलो तुम्हें क्या चाहिए?
महक अपने चेहरे पर सारी मासूमियत बटोरे, अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे पर टैब करते हुए बिल्कुल प्यार से बोलती है ,, वह मुझे ना आइसक्रीम खाना है, आप मुझे दिलाएंगे ना आइसक्रीम, मेरे प्यारे मामू।
आर्यवंश मुस्कुराते हुए बोलता है,, तो हमारी नन्ही सी चुहिया को आइसक्रीम खाना है, पक्का नन्ही सी चुहिया की बड़ी सी चुहिया ने मना कर दिया होगा, जभी ये नन्हे से चुहिया हमारे पास आई है।
आइसक्रीम के लिए सॉरी मेरी नन्ही सी शैतान, हम आपको आइसक्रीम नहीं दिला सकते, अगर हमने आपको आइसक्रीम खिलाई ,तो जो आपकी बड़ी से चुहिया है ना, वह हमारा कूट-कूट कर भरता बना देंगे, और मौसम तो आप देख ही रही है कितना अच्छा चल रहा है, और अगर हम आपको आइसक्रीम खिलाएंगे तो, आपके जो प्यारी सी नाक है ना यह बहने लगेगी, वो उसकी नाक को पकड़ते हुए बोलता है ।
महक उसके हाथ से अपनी नाक छुड़ाते हुए, अपने नन्हीं सी नाक पर दुनिया जमाने का गुस्सा लिए बोलती है,, मामू डॉन'टी टच माय नोज, आपने मेरी नोज पकड़ ली, देखिए कितनी रेड हो गई है मेरी नोज, अब मैं चाचू से आपकी शिकायत करुंगी, आप मेरी नोज पकड़ कर मुझे तंग कर रहे थे, मुझे रुला रहे थे, मुझे परेशान कर रहे थे।
आर्यवंश अपना सर ना में हिलाते हुए बोलता है,, मेरी नन्ही सी शैतान, तुम्हें और आता क्या है? तुम मेरी हर एक शिकायत छोटी हो या बड़ी सारी शिकायत, और झूठी शिकौतें करती हो अपने उस चाचू से और तुम्हारे वह चाचू तुमसे इतना ज्यादा प्यार करती है की, तुम्हारी सारी झुठी शिकायत के चक्कर में मेरी रोजाना क्लास लगाते हैं।
वेल आइसक्रीम तो सुबह नहीं मिलेगी, पर हां इधर आओ, वो उसको अपनी तरफ आने का इशारा करते हुए बोलता है,, महेक जल्दी से बिल्कुल उसके पास चली जाती है, आर्यावंश उसके कान के बिल्कुल पास आकर बोलता है,, हां मैं तुम्हें दोपहर में चुपचाप से आइसक्रीम खिलाने ले चलूंगा, लेकिन यह बात किसी को भी नहीं बताना और खासकर अपनी उस बड़ी चुहिया को,
नहीं तो वह मेरी क्लास लगाएगी, और साथ में मेरा भरता भी बनाएगी समझी।
महक जल्दी से अपने होठों में अपनी उंगली रखते हुए बोलती हैं,, हां हां मैं समझ गई मामू, मैं मम्मा को कुछ भी नहीं बताऊंगी, कहीं मम्मा ने आपकी कुटाई कर दी तो, वो भी बेलन से,, इतना बोलकर वह जल्दी से वहां से भाग जाती है ।
अर्यवंश अपना सर न में hilate हुए हल्का हंसकर बोलता है,, नन्ही शैतान।
छनक क्यों चीखी थी? क्या देखा विध्वंश ने जो उसकी आंखें हैरानी से फैल गई?
"नोमानी हवेली"
विध्वंश जैसे ही वॉशरूम का दरवाजा खोलता है, उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है, सामने छनक फर्श में घुटनों में अपने छोटे से चेहरे को छुपाए बैठी हुई थी, उसकी रोने की आवाज पूरे वॉशरूम में गूंज रही थी, वो शावर के नीचे बैठी थी, शावर का पानी उसके ऊपर गिर रहा था, वह पूरी तरीके से भीगी हुई थी, उसकी साड़ी उसके बदन में चिपक चुकी थी, वो शावर के गिरते ठंडे पानी में कांप रही थी।
वह अपने नन्हें से चेहरे को अपने घुटनों में छुपाए लगातार रोए जा रही थी, विध्वंश जल्दी से भाग कर छनक के बिल्कुल पास जाकर बैठ जाता है और उसे अपने सीने से लगाकर , अपनी बाहों में भर कर उसकी पीठ को सहलाते हुए, घबराई हुई आवाज में पूछता है,, व्हाट हैपेंड kitten?क्या हुआ तुम रो क्यों रही हो? उसके चेहरे पर डर, घबराहट साफ नजर आ रही थी, छनक को देखकर वह बहुत ही ज्यादा घबरा गया था, पर क्यों? इसका जवाब तो उसके पास भी नहीं था, बस वह घबरा गया था।
वो छनक को अभी भी शांत करने की कोशिश कर रहा था, उसने छनक को कस के अपनी बाहों में भरा हुआ था और उसके पीठ को धीरे-धीरे सहला रहा था, वहीं छनक बस लगातार रोए जा रही थी।
वह एक बार फिर छनक को शांत करवाते हुए बिल्कुल धीमी आवाज में पूछता है,, व्हाट हैपेंड kitten? क्या हुआ है? तुम रो क्यों रही हो?
छनक कसके विध्वंश को पकड़कर सिसकते हुए धीरे से बोलती है ,, व…ह वो…ह व…हां दी…वार में छि…प…क…ली है।
विध्वंश उसे ऐसे देख रहा था मानो पता नहीं उसने किसको देख लिया हो, ना जाने क्या-क्या सोचने लगा था, कि क्यों उसकी लिटिल kitten इतना ज्यादा घबरा गई है, चीखी क्यूं है और यहां उसकी kitten वह तो सिर्फ और सिर्फ एक छिपकली से डर गई थी।
वो उसे शांत कराते हुए एक बार फिर से कंफर्म करते हुए पूछता हैं ,, क्या कहा तुमने छिपकली?
छनक विध्वंश पर अपनी पकड़ और कसते हुए बोलती है ,,हां, हां ,छिपकली वहां वो उस दीवार में छिपकली है, वो बिना पीछे की तरफ देखें, अपने हाथ को पीछे करके अपनी उंगली से दीवार की तरफ इशारा करते हुए बोलती हैं।
वो धीरे से बोलता है,, बट kitten वहां तो कोई भी छिपकली नहीं है, और मेरे बाथरूम में कोई छिपकली आ ही नहीं सकती।
छनक दोबारा से अपना हाथ विध्वंश की पीठ में और मजबूती से कस लेती है, अगर उसने उसे छोड़ा तो वो छिपकली उसके पास आ जाएगी, वो धीरे से बोलती है,, नहीं हम कह रहे हैं ना वहां छिपकली है, अच्छे से देखिए आप, वहां पर छिपकली है।
विध्वंश छनक की पीठ को सहलाते हुए फिर से बोलता है,, बट kitten वहां सच में कोई छिपकली नहीं है।
छनक थोड़ी तेज आवाज में बोलता हैं,, हम जब कह रहे हैं, वहां छिपकली है मतलब छिपकली है, आप हमारी बात पर विश्वास क्यों नहीं कर रहे हैं, इस वक्त छनक की आवाज थोड़ी तेज हो गई थी, वो सिसकते हुए बोल रही थी, उसकी सिसकियां अभी भी पूरी वॉशरूम में गूंज रही थी।
छनक अभी भी उसके खुले सीन पर अपना छोटा सा चेहरा छुपाए , उसके खुले सीने चिपकी बैठी हुई थी।
विध्वंश गहरी सांस लेकर छनक से थोड़ा दूर होकर, उसके चेहरे को थोड़ा घुमाकर पीछे की तरफ करके उसे दीवार की तरफ दिखाते हुए बोलता हैं,, see kitten वहां कुछ भी नहीं है, ना ही कोई छिपकली है, और ना ही कुछ और है।
छनक अपने भीगी हुई पलकों, नम आंखों से सामने देखती है, सच में वहां कोई भी छिपकली नहीं थी, छनक धीरे से बोलती है,, पर हमने तो वहां देखी थी।
विध्वंश उसे शांत कराते हुए बोलता हैं,, पर अब नहीं है ना kitten, वो उसके चेहरे को अपने चेहरे के बिल्कुल करीब करके उसके चेहरे को एक टक देखते हुए बोल रहा था, दोनों उस शावर के ठंडे पानी में भीग रहे थे, दोनों के बदन आपस में कुछ वक्त के लिए उलझे हुए थे, वो एक दूसरे के बेहद करीब थे, पर अब थोड़ा सा दूर हो गए थे।
विध्वंश मुस्कुराते हुए छनक को एक बार फिर खुद से सटाकर बोलता है,, kitten अब तो हम दोनों भीग गए है, चलो साथ में नहाते हैं, तुम्हें पता है साथ में जो पति-पत्नी नहाते हैं ना, उनके बीच में प्यार और बढ़ता है।
छनक एक तक विध्वंश को देखते हुए धीरे से बोलती है,, पर आप तो हमसे प्यार नहीं करते ना, तो फिर।।
विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है ,, वो तो हो जाएगा kitten. धीरे-धीरे,छनक कुछ भी नहीं बोलती , बस वह एक टक उसे मुस्कुराते हुए देखती रहती है, ना जाने क्यों वो जब भी उसको ऐसा मुस्कुराता हुआ देखती थी, उसकी उस डिंपल स्माइल पर खो जाति थी, उसे कुछ भी आसपास का होश नहीं रहता था।
विध्वंश उसके सामने चुटकी बजाते हुए बोलता है,, क्या हुआ kitten , कहां खो गई? चलो साथ में नहाते हैं।
छनक धीरे से बोलती है,, नहीं नहीं हम नहा लेंगे, आप आप जाइए, आपको देर हो रही होगी ना, आप कहीं जा रहे थे, अब देखिए आप पूरे भीग गए हैं, जल्दी से जाकर कपड़े बदल लीजिए, हम बस थोड़ी देर में नहा कर आते हैं, वह बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी।
विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है,, पर kitten मुझे तुम्हारे साथ नहाने का मन कर रहा है।
इस बार छनक कुछ भी नहीं बोलती, वो अपना सर नीचे झुकाकर एक बार फिर रोने लगती है, उसकी सिसकियां एक बार फिर पूरे वॉशरूम में गूंजने लगती है,
विध्वंश को जैसे ही छनक की सिसकियों को आवाज सुनाई देती है, वो जल्दी से छनक के गोल चेहरे को अपने हाथों में थाम कर बोलता है,, hey what happened kitten, तुम फिर क्यों रो रही हो, क्या हुआ?
छनक कुछ भी नहीं बोलती, वो बस अपनी पलके नीचे झुकाए रोए जा रही थी, वो कुछ भी नहीं बोल रही थी।
विध्वंश धीरे से बोलता है,, ठीक है मैं जा रहा हूं, तुम पहले रोना बंद करो, अगर तुम्हारे मुंह से एक भी आवाज निकली तो आगे जो कुछ भी होगा उसकी जिम्मेदार तुम खुद होगी।
छनक जल्दी से अपने आंसू पोंछ लेती है, अब उसकी आंखों से एक आंसू भी नहीं बह रहा था।
विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है,, गुड इतना बोलकर वो वहां से खड़ा हो जाता है और वहां से चला जाता है।
"दोपहर का वक्त"
अर्यवंश महक को अपनी गोद में लिए हवेली के अंदर आ रहा था , वह बहुत ज्यादा खुश थी, उसने रेड कलर के नी तक आती हुई छोटी सी फ्रॉक पहनी हुई थी, जिसके छोटी छोटी सी बटरफ्लाई बनी हुई थी, बालों को अभी भी दो छोटी छोटी सी छोटी बनाई हुई थी ,और उसके वह लंबे बाल जो उसके कमर से थोड़ा ऊपर आते हैं, वो लहरा रहे थे, वह आराम से आर्यवंश की गोदी में टंगी अपने हाथों में छोटे-छोटे से बैलून लिए मुस्कुराते हुए अंदर आ रही थी।
सितारा आर्यवंश और महक को अंदर आता हुआ देखकर पूछती है,, क्या बात है, दो जानी दुश्मन आज एक साथ हैं? आज हमारी गुड़िया तो बहुत ही ज्यादा खुश लग रही है ,क्या बात है? कहां गई थी वैसे यह मामू भांजी की टोली?
महक आर्यवंश को खुद को नीचे उतरने का इशारा करती है, आर्यवंश उसे नीचे उतार देता है, महक जल्दी से अपने नन्हे नन्हे कदमों से भागती हुई सितारा के पास जाती है, और उसे कसके गले लगा लेती है, और वैसे ही गले लगे प्यार से उसे देखते हुए बोलती हैं,, मम्मा हम और मामू बाहर घूमने गए थे, देखिए मामू ने मुझे कितने सारे बलूंस दिलाए हैं, वो अपने हाथ में लिए बलूंस को दिखाते हुए बोलती है।
और मम्मा आपको पता है,, मामू ने जबरदस्ती मुझे आइसक्रीम भी खिला दी, मम्मा में सच्ची में मना कर रही थी, मामू को बोल रही थी, मुझे नहीं खाना है, पर मामू ने ना जबरदस्ती मुझे आइसक्रीम खिला दी, बोलते की कुछ भी नहीं होता, अब देखिए ना मेरी नोसी बह रही है, वह बहुत ही मासूमियत से बोल रही थी ,जैसे उसने कुछ किया ही नहीं है, वो बिल्कुल सच बोल रही हो, आर्यवंश ने सच में उसे जबरदस्ती आइसक्रीम खिला दी हो ।
वही आर्यवंश अपना मुंह खोले एक टक अपनी उस शैतान चुहिया, अपनी शैतान भांजी को देख रहा था , जो उसे फंसा रही थी, जबकि सुबह उसने खुद बोला था कि उसे आइसक्रीम खाना है, और जब वो उसे लेकर चला गया खिलाने , तो वो यहां आकर अब उसे फंसा रही है।
सितारा घूर कर आर्यवंश को देखने लगती है और गुस्से में बोलती है,, आर्या यह क्या है? क्यों खिलाई तुमने इसे आइसक्रीम? अब देखो उसकी नाक कितनी रेड हो गई है।
अर्यवंश जल्दी से सितारा के पास आकर अपना सर ना में हिलाते हुए बोलता हैं,, नहीं दीदी मैंने इसे कोई भी आइसक्रीम नहीं खिलाई है ,यह झूठ बोल रही है, बल्कि सुबह यह मेरे पास आई थी और बोल रही थी, इसे खाना है आइसक्रीम, तभी मैं इसको दोपहर में लेकर गया था, सुबह मैने नहीं खिलाई थी,सुबह से मुझसे जिद कर रही थी आइसक्रीम खाने को।
सितारा घूर कर महक को देखने लगती ,है महक जल्दी से अपना सर ना में हिलाते हुए बोलती है,, नहीं मम्मा मामू झूठ बोल रहे हैं, ये खुद मुझे अपने साथ लेकर गए थे, और आपको पता है मम्मा, मामू सुबह आपको बड़ी चुहिया बोल रहे थे।
सितारा घूर का आर्यवंश को देखने लगती है, वही महक धीरे-धीरे मुस्कुराकर आर्यवंश को देख रही थी,।
वो घूरते हुए महक को देखते हुए उसकी तरफ उंगली दिखाते हुए बोलता है,, देखो, देखो यह कैसे-कैसे हंस रही है, यह जानबूझकर मेरे साथ ऐसा कर रही है, मजा आती है ना तुम्हें, नन्ही शैतान तुम्हें तो मैं छोडूंगा नहीं।
महक को आर्यवांश को डांट पड़वाने में बड़ी मजा आती थी, वो कभी उसे अपने चाचू से दांत पड़वाती ,तो कभी अपनी मम्मा से दांत पड़वाती, मेरी तो कोई इज्जत ही नहीं करता, वो धीरे से बोलता है।
सितारा घूर कर उसे देखते हुए बोलती है,, आओ मैं करती हु तुम्हारी इज्जत, तुम बच्ची पर क्यों चिल्ला रहे हो, गलती तुमने की है ना, चलो बच्ची है, मान लिया सुबह बोल रही थी आइसक्रीम खाने को, पर तुम तुम तो उसे लेकर गए ना, और तुम्हें पता है ना, यह मौसम में महक जरा सी भी आइसक्रीम खाती है, तो उसकी क्या हालत हो जाती है, सुड सुड करेगी दिन भर, और चुटकी फिरेगी दिन रात।
रुक जाओ, तुम्हें तो मैं बताती हूं ,बिल्कुल बच्चों की तरह हो तुम,, इतना बोलकर वो आर्यवंश के पीछे भागने लगती है।
वही आर्यवंश पूरे हॉल में भाग रहा था और सितारा से बचने की कोशिश कर रहा था, वही सितारा जल्दी से एक दीवार की तरफ जाती है, जहां पर हंटर टंगा हुआ था, वह वहां से हंटर निकाल कर जमीन पर पटकती है, , जिससे एक जोर डर आवाज होती है, वो उस हंटर को अपने हाथ में मोड़ते हुए बोलती है,, आज तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं, इसी से मारूंगी, क्या बोले तुम मुझे, बड़ी चुहिया, अभी रुको यह बड़ी चुहिया तुम्हें बताती है, अच्छे से ,रुक जाओ, इतना बोल कर वो हंटर लेकर आर्यवंश के पीछे भागने लगती है।
वैभव जो अभी सीढ़ियों से नीचे उतर कर आ रहा था, आर्यवांश जल्दी से वैभव के पीछे छुपकर खड़ा होते हुए बोलता है,, जीजू मुझे बचाइए अपने बीवी से, अपनी बीवी को संभालिए, जाइए, आपकी बीवी के अंदर चांडाला घुस गई है, देखिए कैसे हंटर लेकर हमारे पीछे पड़ी है।
सितारा वैभव को देखते हुए बोलती है ,,वैभव आप सामने से हट जाइए ,आज तो मैं इस आर्या को बताती हूं , मुझे बड़ी चुहिया बोला था और साथ में जाकर महक को आइसक्रीम भी खिला कर लाया है, बच्चा बना है, रुक जाओ, अभी बताती हूं।
वैभव खुद को साइड करते हुए ,अपने हाथ दोनों हाथ ऊपर करते हुए बोलता है,, सॉरी आर्या बट मैं इसमें तुम्हें नहीं बचा सकता, यह तुम दोनों भाई बहन का मामला है, तुम दोनों निपटा इससे, वैसे तुम तीनों भाई बहन और भांजी, तीनों कम नहीं हो, तीनों के तीनों टॉम एंड जेरी जैसी है, जब देखो तब, सिर्फ और सिर्फ लड़ते रहते हो, अब तुम दोनों अपना मामला निपटा कर फिर आ जाना मेरे पास, हंटर से मार रही है ना मेरी बीवी तुम्हें , कोई नहीं तुम आ जाना, मैं तुम्हारे ना मलहम लगा दूंगा, वह उसके गालों को थपथपाते हुए बोलता हैं ।
आर्यवंश दूर होते हुए बोलता है ,, हो गया आपका, किस चीज के जीजू हैं आप, हमसे आपसे सिर्फ एक हेल्प। मांगी, किस चीज के जीजू है आप, अपनी बीवी से मुझे बचाए, चुड़ैल बन कर मेरे पीछे हंटर लेकर के पड़ी हुई है, कि आज तो वो मेरा कतली करके मानेगी।
इतना बोलकर वो भागने लगता है ,वही सितारा उसके पीछे हंटर लिए भाग रही थी, वह हंटर को एक बार फिर नीचे जमीन पर पटकते हुए बोलती है,, रुक जा अर्यवंश के बच्चे, अभी मैं तुम्हें बताती हूं मुझे क्या बोला? चुड़ैल बोल ना अभी मैं तुम्हें बताती हूं।
आर्यवंश वैसे ही भागते हुए जल्दी से बोलता है,, मैं आर्या का बच्चा कैसा हूं ,मैं तो अपने मॉम डैड का बच्चा हूं ना , तुम भी तो हमारे ही मॉम डैड की बच्ची हूं, और मैं तुम्हारा भाई हूं, अब आर्य की तो शादी भी नहीं हुई, जो आर्या के बच्चे आएंगे कैसे,, बोलते हुए वह दोबारा से भागने लगता है।
तभी वहां पर किसी की बहुत ही ज्यादा रौबदार आवाज गूंजती है, क्या हो रहा है यहां पर? सब लोग दरवाजे की तरफ देखते हैं, जहां पर एक औरत खड़ी हुई थी, जिसने अपने चेहरे पर थोड़ा सा मेकअप और ज्वैलरी पहनी हुई थी, , उसने बस थोड़ा सा मेकअप करा हुआ था, फिर भी उनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा गुरूर झलक रहा था, उसे औरत को देखकर सितारा जल्दी से अपना हंटर पीछे कर के सीधे खड़ी हो जाती है अपना सर झुका कर।
कोन आया है नोमानी हवेली में? आखिर क्या है मकसद ?
"नोमानी हवेली"
इतनी रौबदार आवाज सुनकर सब लोग हवेली के दरवाजे की तरफ देखने लगते हैं, वह औरत बड़े ही रौब के साथ अंदर आ रही थी, वही सितारा ने अपने हाथ पर हंटर पकड़ा हुआ था, वह जल्दी से अपने हाथ पीछे कर लेती है और अपनी नज़रे नीचे कर लेती है।
आर्यवंश जो बिल्कुल उसके बगल में खड़ा था, वह थोड़ा सा झुककर सितारा से बोलता है,, आ गई तुम्हारी बुआ सास,
बिल्कुल पसंद नहीं है मुझे यह औरत, अब देखना आकर सबसे पहले मुझे कुछ ना कुछ बोलेंगी, बचपन से ही ये औरत मेरे पीछे पड़ी रहती है, पता नहीं इन्हें क्या प्रॉब्लम है मुझसे, जब देखो सिर्फ और सिर्फ मुझे बोलती रहती है, कोन सा मैं इनका खाना चुरा कर खाता हूं, या फिर इनका मेकअप चुरा कर अपनी गर्लफ्रेंड को दे आता हूं, वैसे मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है, वो सेड सा फेस बनाते हुए बोलता है।
सितारा एक नजर उसे घुटकर देखती है फिर धीरे से बोलती है ,, चुप रहो और अपनी नज़रे नीचे कर लो, उन्हें अपने ऊपर नजर गड़ाने वाले लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं है, और तुम उन्हें घूर कर देखना बंद करो, तुम्हारी क्लास तो बाद में लगेगी, पहले मेरी क्लास लगेगी, तुम्हारा क्या है? तुम्हारा तो हर रोज इनसे पाला पड़ता रहता है, जब देखो बुआ जी से सुनते रहते हो तुम, तुम्हें तो आदत हो गई होगी।
अच्छा चलो अभी अपना हाथ पीछे करो, और यह हंटर पकड़ो, अगर बुआ जी ने देख लिया ,तो जो क्लास तुम्हारी लगने वाली है, वह मेरी लगेगी, और तुमसे भी ज्यादा,, इतना बोलकर वह आर्यवंश के हाथ में हंटर दे देती है।
महक जो उस औरत को देखकर बहुत ज्यादा खुश थी, वो जल्दी से भागते हुए उनके पास जाती है, और उनके राइट पैर में अपने नन्हे नन्हे हाथों से लिपटते हुए बोलती है,, बुआ दादी आप आ गए ,वह मुस्कुराते हुए बोल रही थी।
ओजस्वी जी थोड़ा झुककर उसे अपनी गोद में लेकर मुस्कुराते हुए बोलती हैं,, हां हमारी प्यारी सी गुड़िया हम आ गए, अब हम अपनी प्यारी सी गुड़िया से इतना वक्त
दूर तो नहीं रह सकते ना, आपने हमें याद करा और हम आपके लिए हाजिर हो गए।
महक ओजस्वी जी के गाल में हल्की सी किस करते हुए बोलती है,, महक की प्यारी सी बुआ दादी के लिए, प्यारी सी महक की तरफ से, एक प्यारी सी किससी, वो बहुत ही ज्यादा मासूमियत से मुस्कुराते हुए बोल रही थी।
महक पूरे घर में सब की लाडली थी, चाहे कोई भी हो, सब उसे बहुत ज्यादा प्यार करते थे, कोई भी उसे जरा स भी नहीं डांटता था, ओजस्वी जी महक को नीचे उतारते हुए बिल्कुल प्यार से बोलती है,, अच्छा आप जाइए अपने रूम में, और खेलिए, देखिए आपके पास कितने प्यारे प्यारे बैलून है, जाइए जल्दी से जाकर इन्हें अपने रूम में लगा दीजिए।
महक जल्दी से बोलती है,, हां हां बुआ दादी, मैं जा रही हूं, अपने रूम में लगाऊंगी इन बैलून को, वह बहुत ही ज्यादा प्यार से अपने चेहरे पर दुनिया जहां के मासूमियत लिए बोल रही थी, लेकिन उसका असली चेहरा तो सिर्फ आर्यवंश ही जानता था, जो उसे हर वक्त फंसा देती थी, वह मुस्कुराते हुए जल्दी से अपने हाथों में बलूंस को अच्छे से पकड़े अपने रूम की तरफ चली जाती है।
महक के जाते ही ओजस्वी जी आर्यवंश को देखते हुए अपनी स्ट्रिक्ट टोन में बोलती हैं,, तुम क्या हर वक्त यहां पड़े रहते हो, तुम्हारा अपना घर और काम धंधा नहीं है क्या? जब भी मैं यहां आती हूं, तुम मुझे हमेशा यहां ही दिखाई देते हो।
आर्यवंश खुद से ही बोलता है,, खुद भी तो जब देखो यहां आकर टपक जाति है, अपना नहीं दिख रहा इन्हें, फिर जबरदस्ती का बत्तीसी निकालते हुए बोलता हैं,, वह क्या है ना बुआ जी, यह घर मेरे दोस्त का है, मेरी भांजी और बहन यहां रहते हैं, तो मैं उनसे मिलने आ जाया करता हूं, अब बात यह है कि, मैं जिस वक्त यहां आता हूं , आप उस वक्त यहां पर आ जाती हैं, अब मेरी तो इसमें कोई गलती नहीं है ना।
सितारा उसका हाथ पकड़ कर उसे शांत रहने का इशारा करती है।
आर्यवंश सितारा को आंखें दिखाने लगता है जैसे बोल रहा हो, अच्छा तुम्हारी बुआ जी मुझे कुछ भी कहेंगी, मैं शांति से सुनता रहीं, मैं कुछ बोलूं भी ना।
सितारा घूर कर एक नजर आर्यवंश को देखती हैं, फिर अपनी नज़रें नीचे कर लेती है।
ओजस्वी जी आर्यवंश से पूछती है,, तुम्हारे मॉम डैड कहां है? लगता उनसे बात करनी पड़ेगी तुम्हारे लिए।
आर्यवंश मुस्कुराते हुए बोलता है,, वह किया है ना बुआ जी, मेरे मॉम डैड ना अभी कनाडा गए हुए हैं, उनको आने में बहुत वक्त लगेगा , अब मैं अकेले तो उस बड़े से घर में रहे बोर हो जाऊंगा ना, तो मैं यहां पर अपनी भांजी से मिलने अपने दोस्त से मिलने अपनी बहन से मिलने आ जाता हूं।
ओजस्वी जी आर्यवंश को इग्नोर करके सितारा को देखते हुए बोलती है,, तुम्हारे भाई की ना जुबान कुछ ज्यादा ही चलती है, थोड़ा लगाम लगाओ इसकी जुबान में, और तुम दोनों यह क्या चूहा बिल्ली की तरह एक दूसरे के पीछे भाग रहे थे, घर है ये कोई चिड़िया घर नहीं, जो चूहा बिल्ली बने एक दूसरे को पकड़ रहे हो।
सितारा सर झुकाए शांति से उनकी सारी बातें सुन रही थी, वह क्या ही उनसे बोलती, वह घर की बड़ी थी, सबसे बड़ी, युगांत जी से भी बड़ी थी वह, सब लोग उनकी बहुत ज्यादा रिस्पेक्ट करते थे, कोई उन्हें कुछ भी नहीं बोलता था, वह जब चाहे जिसे चाहे कुछ भी बोल देती थी।
छनक जो ऊपर से नीचे आ रही थी, वह कंफ्यूजन में ओजस्वी जी को देखने लगती है, उसे यहां आए एक दिन हो गया था, लेकिन उसने उन्हें यहां नहीं देखा था, वो कल सबसे मिली थी, लेकिन वो वहां नहीं थी, उसे नहीं पता था यह कौन है , उसके दिमाग में यही चल रहा था, ये कोन है?,वह चुपचाप जाकर सितारा के पास खड़ी हो जाती हैं , वह कुछ भी नहीं बोलती, बस अपनी टुकुर-टुकुर आंखों से एक तक उन्हें देखने लगती हैं।
ओजस्वी जी जो अभी सितारे से बात कर रही थी, उसे दांत रही थी, उनकी नजर उसके बगल में खड़ी छनक पर पड़ती है, वो एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक उसे अच्छे से देखती है , छनक ने एक रेड कलर की बनारसी साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें उसने ग्रीन कलर का ब्लाउज पहना था, जो स्ट्रिप वाला ब्लाउज था, उसके गोरे हाथ उसमें अच्छे से दिख रहे थे, उसने कुछ ज्यादा ज्वैलरी नहीं पहनी थी, उसने अपने गले में एक छोटा सा मंगलसूत्र और एक थोड़ा बड़ा सा गोल्ड का नेकलेस पहना हुआ था,
उसने अपने चेहरे में बिल्कुल हल्का सा मेकअप किया था, और अपने बालों को खुला ही छोड़ा था, उसके वह कमर से नीचे तक आते बाल लहरा रहे थे, वह हवाओं में हल्का-हल्का से लहराते और थोड़ा उसके चेहरे पर भी आ जाते हैं,छनक अपने बालों को अपने हाथ से थोड़ा सा पीछे करती हैं, वह दिखने में बहुत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी, उसने अपने माथे पर एक छोटी किसी ब्लैक कलर की बिंदी लगाई हुई थी, उसके होंठ लाल रंग की लिपस्टिक से सने हुए थे, और उसने अपने कानों पर उसने छोटे-छोटे से गोल्ड ईयररिंग्स पहने हुए थे, वह दिखने में इतनी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, की कोई भी उसे देखे तो बस देखता ही रह जाए, ओजस्वी जी भी एक पल के लिए उसकी खूबसूरती में खो जाति है, और उसे देखती रहती है ।
फिर अपने चेहरे पर दुनिया जहां का गुस्सा लिए हुए बोलती है,, यह हमारे विध्वंश को बीवी है,, वो सितारा से पूछती है? सितारा अपना सर हां में हिला देती है।
ओजस्वी जी एक बार फिर उसे एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक देखने के बाद गुस्से में बोलती है,, देखने में तो किसी गांव की गवार लग रही है, देखो, ना इसे कुछ पहनने को तमीज है, ना किसी चीज का ढंग , इसे तो ये भी नहीं पाया की , जब घर में कोई बड़ा आता है, तो उनके पैर छुए जाते हैं, लेकिन यह महारानी तो आराम से खड़ी है, और सर में पल्लू तक नहीं है, अभी एक दिन भी भी हुआ इस घरमे आए, एक दिन भी दुल्हन भी नहीं हुई, और सर से पल्लू गोल है, ये नहीं की काम से कम सर में पल्लू डाल लें।
छनक जल्दी से अपने सर पर पल्लू डाल लेती है और जल्दी से आगे बढ़कर उनके पैर छूते हुए धीरे से बोलती है ,, माफ कीजिएगा, हम आपको नहीं जानते थे ,हमें नहीं पता था आप कौन है, माफ कीजिए, वह बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोलती है।
ओजस्वी जी उस पर चिल्लाते हुए बोलती हैं , कितनी मासूमियत दिखा रही हैं, मासूमियत तो चेहरे से शहद की तरह टपक रही है, मतलब जैसे दुनिया की सबसे बड़ी मासूम तुम ही हो, हम आजकल की लड़कियों को अच्छे से जानते हैं , जो होती तो गांव की गवार है, लेकिन उन्हें अमीर लड़कों को फसाना बहुत अच्छी तरीके से आता है, वह पहले अपने प्यार के झूठे जाल में अमीर लड़कों को फसाती है, फिर उसके बाद उनसे शादी करके उनके घर में आ जाती है और उनके पूरे घर में कब्जा करना चाहती हैं,
तुम यही सोच लेकर इस घर में आई हो ना, पर तुम्हारी सोच इस घर में नहीं चलने वाली, मैं तुम जैसी लड़कियों को बहुत अच्छे तरीके से जानती हो, समझी,तो तुम मेरे सामने यह अपना मासूमियत का ढोल तो बिल्कुल भी मत दिखाना।
छनक चुपचाप उनकी सारी बातें अपना सर झुकाए बिल्कुल शांति से सुन रही थी, वह कुछ भी नहीं बोल रही थी, उसकी आंखें हल्की नम हो गई थी, जैसे वो कुछ ही पल में रो देगी।
युगांत जी जिन्हें ओजस्वी जी के आने की खबर मिल गई थी, वह ओजस्वी जी के पास आते हुए बोलते हैं,, दीदी आप छनक को इस तरीके से नहीं बोल सकती, हमने उसे अपनी बेटी माना है, बेटी है वह हमारी, आप उनसे ऐसे नहीं बोल सकती हैं, में अपनी बेटी के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनूंगा।
ओजस्वी जी युगांत जी को अपनी आंखें छोटी छोटी करके घूरते हुए बोलती हैं ,, तुम तो चुप ही रहो युग, तुम तो हर किसी को अपनी बेटी मान लेते हो, गांव की गवार है यह, न हीं इसका कोई स्टैंडर्ड है, न हीं इसका कुछ हमसे मेल खाता है , बस हां गांव की लड़की है ना ये, ये लोग बहुत ही ज्यादा चालाक होती है, बिल्कुल वैसे ही यह भी चालाक है बहुत ज्यादा, हमारे विध्वंश को अपने प्यार के झूठे जाल में फंसा कर उससे शादी कर ली,
वरना विध्वंश इन जैसी लड़कियों को अपनी बीवी बनाएगा, वो अपने एक हाथ से उसे ऊपर से लेकर नीचे तक देखने का इशारा करती है, हमारे विध्वंश का स्टैंडर्ड अलग है, उसकी क्लास अलग है, उसे कैसी लड़कियां पसंद है, स्टैंडर्ड हाई क्लास वाली, लेकिन इसका तो उन दो ऑन में से कुछ भी नहीं है, पक्का इस लड़की ने कुछ तो करा है, हमारे विध्वंश को फसने के लिए,
और गांव की इन जैसी लड़कियां होती है , जो अपने बदन की नुमाइश करके अमीर लड़कों को अपने झांसे में फंसा लेती हैं , कुछ ऐसा ही किया है इस लड़की ने भी, तभी तो हमारा मासूम सा भोला सा विध्वंश इससे शादी कर लिया, देख लेना जब उसे इसका असली चेहरा पता चलेगा ना, खुद ही छोड़ देगा वो इसे,, वह लगातार उसे सुनाई ही जा रही थी, कुछ ना कुछ बोले जा रही थी, बस छनक चुपचाप अपनी नज़रें नीचे करें, अपने छोटे से गोल से चेहरे को नीचे झुकाए उनकी सारी बातें सुन रही थी, वह कुछ भी नहीं बोल रही थी, उनकी ऐसी बातें सुनकर उसकी पलके भीग गई थी, आंखों में मोटे-मोटे आंसू भर गए थे, जिसे वह बहुत ही मुश्किल से रोक रखी थी।
तभी पीछे से किसी लड़की की आवास आती है स्टॉप इट मोम , आप ऐसा कैसे बोल सकती हो, इसमें भाभी की क्या गलती है? इन्हें विध्वंश शादी करके यहां लेकर आया है, क्या जिनका स्टैंडर्ड क्लास नहीं होती, वो इंसान नहीं होते, और मॉम हर वक्त, स्टैंडर्ड, पैसा, क्लास ही सब कुछ नहीं होता, खूबसूरती भी कुछ होती है, इतनी खूनसूरत और प्यारी सी तो भाभी है हमारी, वैसे मानना पड़ेगा विध्वंश की चॉइस को, एक दम मस्त है, बिल्कुल खूबसूरत बीवी ढूंढी है उसने अपने लिए,
फिर ओजस्वी जी को तरफ देखते हुए बोलता है, मॉम ये स्टैंडर्ड, पैसा कुछ मायने नहीं रखता, मायने रखता है तो सिर्फ दिल की खूबसूरती, जो हमारी भाभी दिल से है, और जो लोग पैसों से अमीर होते हैं ना, वो दिल से बहुत गरीब होते है, जिनका हाई स्टैंडर्ड होता है, वो अपनी सोच से लो स्टैंडर्ड के होते है, और ऐसे लो स्टैंडर्ड वाले लोगों से मेरा आए दिन पाला पड़ता रहता है।
और हमारी भाभी का स्टैंडर्ड उनके पति से है, अगर विध्वंश उनके साथ खड़ा बस हो गया तो, किसी में इतनी हिम्मत नहीं की कोई कुछ बोल सके, और मॉम स्टैंडर्ड और क्लास खूबसूरत नहीं होती, खूबसूरत इंसान होता है, देखिए इतनी जादू खूबसूरत, इतनी प्यारी तो है हमारी भाभी, और जो लोग हाई क्लास होते है ना, वो सबसे ज्यादा बदतमीज और बेगैरत होते हैं, और जो मिडिल क्लास होते हैं, वो सबसे ज्यादा अच्छे होते हैं, वो भी इंसान होते हैं , उनकी भी इज्जत होती है, और वो यह हाई क्लास स्टैंडर्ड लोगों से काफी अच्छे होते हैं,
वो कुछ सोचते हुए बोल रही थी, और वह बोलते हुए छनक के पास आ रही थी, ईशा विध्वंश को cousin थी, और उससे बड़ी भी, वो भी बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है और अभी छनक को साइड ले रही थी।
ओजस जी उसे देखते हुए बोलती हैं,, ईशा तुम तो चुप रहो, तुम्हें तो हर वक्त अपनी मॉम ही गलत लगती है ना, तुम्हारे लिए दुनिया जहां के लोग सब सच्चे होते है, और वही सही होते है , फिर वो छनक को घूरते हुए बोलती हैं,, अब यहां खड़े-खड़े मेरा मुंह क्या देख रही हो , जाओ जाकर मेरे लिए चाय बना कर लाओ, तुम्हारे मां-बाप ने तुम्हें जरा सा इतना भी नहीं सिखाया, कि बड़े जब घर पर आते हैं, तो उनको चाय नाश्ता कराया जाता है, गांव की होना तुम्हें तो सब कुछ आता होगा ,जाओ जाकर चाय बना कर लोओ।
छनक चुपचाप बिना कुछ बोले वहां से जाने लगती है, लेकिन उसे तो पता भी नहीं था, किचन किस तरफ है।
कल्याणी जी, जो अभी-अभी वहां पर आई थी, को ओजस्वी जी की बात सुनकर बोलती हैं,, दीदी अभी छनक की पहली रसोई नहीं हुई है , वह अभी रसोई में नहीं जा सकती।
ओजस्वी जी घूर कर कल्याणी जी को देखते हुए बोलती है,, क्या, क्या बात कर रही हो भाभी? अभी तक तुमने इस लड़की की पहली रसोई नहीं करवाई, इस लड़की को इस घर में आए हुए एक रात हो गई है और तुमने अभी तक इसकी पहली रसोई नहीं करवाई है, सबसे पहले कल इसकी पहली रसोई होगी, वो गुस्से में बोलती है।
कल्याणी जी अपना सर हां में हिला देती हैं, छनक जो वहां से जा रही थी, कल्याणी जी ने उसका हाथ पहले ही पकड़ लिया था और उसे रोक लिया था, वह चुपचाप वहां अपना सर झुकाए खड़ी हुई थी, उसकी पलके अभी भी भीगी हुई थी, आंसू निकलने को बेकरार थे, लेकिन उसने जैसे तैसे अपने आंसुओं को रोक रखा था।
कल्याणी जी जिन्होंने छनक की उन भीगी पलकों को देख लिया था, उन्हें उसके लिए बहुत बुरा लग रहा था, वो प्यार से छनक के सर में हाथ फेरते हुए बोलती हैं,, बेटा आप अपने रूम में जाइए, और आराम करिए।
छनक धीरे से अपना सर हिला देती है, और धीरे-धीरे कदमों से सीढ़ियां चलने लगती है, उसके आंसू हल्के हल्के उसकी आंखों से बहने लगे थे , और गिर कर उसके गालों में आ रहे थे, वह अपने मुठिया कसके बंद करें अपने आंसुओं को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी, वह यहां सबके सामने नहीं रो सकती थी, नहीं बता सकती थी कि उसे उनकी बात का बुरा लगा है, बहुत ज्यादा बुरा, वह अपने कमरे की तरफ जा रही थी, धीरे-धीरे उसकी स्पीड कमरे की तरफ तेज होती जा रही थी,
वहीं नीचे खड़ा आर्यवंश ऊपर जाति हुई छनक को देख रहा था, फिर धीरे से बोलता है, अगर विध्वंश को पता चला उसकी बीवी की आंखें में आसूं आए है, तो पता नहीं वो क्या करेगा, बाहें माना है मैने उसे, लेकिन फिर भी मैं कुछ नहीं कर सकता, अब तो मुझे बुआ जी के लिए डर लग रहा है।
सितारा उसकी सारी बातें सुन रही थी, वो धीरे से बोलती है,, शांत हो जाओ, अगर बुआ जी ने सुन लिया जा तो पता नहीं किया करेंगी।
वहीं ऊपर छनक जल्दी से रूम में जाती है , और सीधे बेड में पेट के बल लेट जाती है , उसने अपने नन्हा सा, छोटा सा चेहरा तकिया में छुपाए रखा था, अब उसके आंसू लगातार बहे जा रहे थे वह रो रही थी, उसके आसूं रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे, कैसे कोई उसके बारे में उसकी फैमिली के बारे में ऐसे बोल सकता था, वह सब झूठ था, उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया था, बल्कि गलत तो उसके साथ हुआ था ना,
जबरदस्ती उसकी शादी हुई थी, विध्वंश ने जबरदस्ती उससे शादी करी थी, वह जबरदस्ती उसका पति बना था, वो उसे अपने साथ ले जाना चाहता था , पर वह कैसे उन्हें बताती कि उनके बेटे ने उनके साथ गलत किया है, वह मासूम बस अपना दर्द ऐसे ही तकिए में, अपने आंसू बहा कर निकाल सकती थी, उसकी आंसू अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे ,वह लगातार रो रही थी।
"रात का वक्त"
विध्वंश जब घर आता है , तो सब लोग उसे अपने-अपने काम में busy दिखते हैं, उसे छनक कोन भी नहीं दिखती, कोई भी हाल में नहीं था, वह सीधा अपने रूम की तरफ अपने लंबे-लंबे कदम बढ़ाकर जाने लगता है, उसे थोड़ी सी घबराहट , थोड़ी बेचैनी हो रही थी, पता नहीं क्यों ?यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था, पर क्यूं हो रहा था, ये जवाब उसके पास नहीं था?
वह खुद से ही बोलता है,, यह मुझे दोपहर से इतनी ज्यादा घबराहट इतनी बेचैनी क्यों हो रही है? कभी तो मुझे ऐसा नहीं हुआ, पर आज क्यों? ऐसा क्या हो गया? जो मुझे इतना अजीब सा हो रहा है, वह लंबे-लंबे कदमों से अपने रूम की तरफ जाता है, रूम की तरफ बढ़ते हुए उसकी बेचैनी उसकी घबराहट और बढ़ती जा रही थी, वह जैसे ही अपने रूम का दरवाजा खोलता है, उसकी आंखें छोटी हो जाती है।
क्या करेगा विध्वंश जब उसे छनक के आंसुओं के बारे में पता चलेगा? रूम में जाते ही उसकी आंखें छोटी क्यों हो गई?
विध्वंश जैसे ही रूम का दरवाजा खोलता है, उसकी आंखें छोटी हो जाती है, वह पूरे रूम को। एक नजर देखता है, जहां पर सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था, वहां एक भी रोशनी नहीं थी, पूरा कमरा काले अंधेरे में डूबा हुआ था, और उस कमरे में किसी की सिसकियों की आवाज आ रही थी।
वह जल्दी से जाकर लाइट्स ऑन करता है, उसकी आंखें डार्क हो जाति है, उसकी नजर छनक पर थी, जो बेड में पेट के बल लेटे, अपना चेहरा तकिया में छुपाए रोए जा रही थी, पता नहीं वह कब से रो रही थी, कितने घंटे से रो रही थी, वह जब से रूम में आई थी, तब से रोए जा रही थी, और अभी तक रो रही थी, वो अपना रोने में इतना बिजी थी की उसे ये भी नहीं पता चला, कब विध्वंश रूम मैं आया और उसने लाइट्स कब ऑन की?
छनक को ऐसे रोता देखकर, उसके दिल में एक दर्द सा उठता है, उसके चेहरे पर घबराहट नजर आने लगती है, वह जल्दी से जाकर छनक को उठाकर अपनी गोद में बैठाते हुए, उसकी पीठ को सहलाते हुए धीरे से पूछता है,, व्हाट हैपेंड kitten, ?क्या हुआ है? ,तुम रो क्यों रही हो? किसी ने तुम्हें कुछ कहा है? उसके चेहरे पर फिक्र, घबराहट साफ नजर आ रही थी।
छनक कुछ भी नहीं बोलती , बस उसकी शर्ट को अपने छोटी-छोटी से मुट्ठी में भरे, उसके सीने से लगे रोने लगती है।
विध्वंश का हाथ अचानक उस तकिए पर चला जाता है, उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं, वह तकिया पूरा गीला था, उसकी आंखों से गिरते आंसुओं से भीगा हुआ था, तकिए में एक जगह ऐसी न थी, जहां वो गीला ना हो, उसे देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे उसे पानी में डाल कर निकल लिया हो, पता नहीं वह कब से रो रही थी, उसे इस बात का बिल्कुल भी नहीं पता था।
वह उसे शांत कराते हुए बोलता है,, प्लीज kitten शांत हो जाओ, और मुझे बताओ हुआ क्या है? किसी ने तुम्हें कुछ कहा है?वो उसकी पीठ को लगातार सहलाई जा रहा था, लेकिन छनक तो शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी, बल्कि वह और रो रही थी, उसका रोना और बढ़ता जा रहा था,
वह रोकर ही तो अपने सारे दिल के जज्बात बयान करती थी, वह किसी से कुछ भी नहीं बोलती थी, चाहे उसके दिल में कितना भी गम क्यों न हो, जब उसे बुरा लगता था, दुखी होती थी, तो सिर्फ और सिर्फ रोती थी, बस रोती थी, और उसका इस वक्त बहुत ज्यादा रोने का मन कर रहा था , और वह रो ही रहे थे।
विध्वंश फिर से उससे पूछता है,, kitten हुआ क्या है? लेकिन छनक तो उसे कुछ बता हो नहीं रही थी, वह रो रही थी,।
विध्वंश थोड़ी तेज आवाज में बोलता है,, चुप बिलकुल चुप, एकदम चुप, कब से रो रही हो तुम यह पता नहीं है मुझे, लेकिन अब रोना बंद करो, अब तुम्हारे मुंह से एक आवाज भी बाहर नहीं निकालनी चाहिए, अगर तुम्हारी आवाज निकली तो मैं तुम्हें किस कर लूंगा।
छनक जल्दी से अपना मुंह बंद कर लेती है, उसकी अब सिसकियां उस पूरे कमरे में गूंज रही थी, उसका एक भी आंसू उसके आंखों से नहीं बह रहा था , उसके आंसू अब सिसकियों में बदल गए थे,
विध्वंश के चिल्लाने की वजह से छनक अंदर तक डर जाति है, उसने विध्वंश की शर्ट को अपनी छोटी-छोटी मुट्ठी में और कस के भर लिया था,
विध्वंश अपने चेहरे को उसके चेहरे की तरफ घुमा कर उसके चेहरे को देखने लगता है, रोने की वजह से छनक का चेहरा पूरा लाल हो गया था, उसकी पलकें पूरी भीगी हुई थी, उसकी आंखें हल्की नीचे से लाल हो गई थी, उसकी नाक भी हल्की लाल हो गई थी, वो रोते हुए बहुत प्यारी लग रही थी, लेकिन विध्वंश के उसका रोना हरगिज बर्दाश्त नहीं था। वो कसके छनक को अपनी बाहों में भर लेता है, वो कुछ भी नहीं बोलता।
2 मिनट के लिए पूरे रूम में शांति छा जाती हैं , छनक बिल्कुल धीमे से विध्वंश से पूछती है,, क्…या आ…प मु…झे छो…ड़ दें…गे? उसकी आवाज रोंदी थी, वो अटक अटक कर बोल रही थी, उसकी आवाज उसका साथ नहीं दे रही थी, वह ढंग से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी, उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी जान निकल रही हो , ये बोलते हुए, उसकी उसकी आवाज ही उसका साथ नहीं दे रही थी।
विध्वंश थोड़ा तेज आवाज में बोलता है ,,व्हाट नॉनसेंस?
छनक उसके इतना तेज बोलने से बहुत ज्यादा डर जाती है, वह कस के उसकी पीठ पर अपनी दोनों बाहें लपेटकर उससे बिल्कुल चिपक जाती है, और उसकी पीठ में अपनी पकड़ और मजबूत कर लेती है ।
विध्वंश खुद को शांत करते हुए धीरे से बोलता है ,, कीटन तुमसे किसी ने कुछ कहा है?
छनक उसे इस बात का कोई भी जवाब नहीं देती, वह एक बार फिर से पूरी हिम्मत करके विध्वंश से पूछती है,, आप बताइए ना आप मुझे छोड़ देंगे, जब आपका मन भर जाएगा, अगर मैं आपको वह चीज , नहीं दूंगी , तो आप मुझे छोड़ देंगे।
विध्वंश खुद को शांत करने की पूरी कोशिश कर रहा था, लेकिन छनक की बातें उसे आज गुस्सा दिला रही थी, उसने भी अब तक इस बारे में नहीं सोचा था, तो छनक कैसे इस बारे में सोच सकती थी,
विध्वंश खुद को शांत करते हुए एक बार फिर धीमी आवाज में बोलता है,, kitten तुमसे किसी ने कुछ कहा है।
छनक कुछ भी नहीं बोलती, वो बस अपना सर न में हिला देती है,
विध्वंश खुद को नॉर्मल करते हुए बोलता हैं,, ओके ठीक है तुम शांत हो जाओ, और यह अपना हुलिया ठीक करो, डिनर का टाइम हो गया है , हमें नीचे चलना है, जाओ जाकर फ्रेश हो जाओ।
छनक उसे बिल्कुल भी नहीं छोड़ती, बल्कि अपनी पकड़ और मजबूत कर लेती है, उसे डर था कहीं विध्वंश उसे छोड़ ना दे, वह एक बार फिर बोलती है,, बताइए ना, आपने हमारे सवाल का जवाब नहीं दिया, बताइए, वह बहुत ही धीमी आवाज में अपना सर नीचे झुकाए उससे पूछ रही थी।
छनक केवल ही सवाल सुन सुन कर विध्वंश के हाथों की मुट्ठियां कस जाती है, वो उसपर गुस्सा नहीं करना चाहता था, लेकिन वो उसे गुस्सा करने का बार बार मौका दे रही थी, वो खुद को कंट्रोल करते हुए हल्की तेज आवाज में बोलता है,, जब मैं नहीं जवाब दे रहा हूं तो समझ जाओ मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी, नहीं देना मुझे इसका कोई जवाब, अब जाओ जाकर तुरंत फ्रेश हो कर आओ।
उसकी इतनी तेज आवाज सुनकर, एक बार फिर छनक का छोटा सा दिल डर से भर जाता है, वो विध्वंश की गोद से उत्तर कर धीरे-धीरे कदमों से वॉशरूम की तरफ जाने लगती है, एक बार फिर उसकी आंखों में आंसू आ गए थे, वह अंदर जाकर वॉशरूम का गेट बंद कर लेती है।
वही विध्वंश की आंखें इस वक्त पूरी तरीके से लाल हो गई थी, उसकी आंखें अंगार उतरने को तैयार थी, वह अपने लंबे कदमों से रूम से बाहर निकलता है और नीचे की तरफ जाते हुए, अपना फोन अपनी पॉकेट से निकालकर ,उसमें किसी को कुछ मैसेज करने लगता है,
वह सीधे अपने स्टडी रूम में जाता है, वह जैसे ही स्टडी रूम में पहुंचता है, उसके तुरंत 2 मिनट बाद आर्यवंश स्टडी रूम में हाजिर हो जाता है,
विध्वंश आर्यवंश को घूर रहा था, एक पल के लिए वो बस उसकी वह अंगार उगलती आंखों को देखकर सहम जाता है, वो खुद को नार्मल करने लगता है।
विध्वंश उसे घूरते हुए पूछता हैं,, आर्या मेरे घर से जाने के बाद यहां क्या हुआ था? मेरी kitten इतना ज्यादा रो रही थी, पता नहीं वह कितने घंटे से रो रही होगी, घर में किसी ने भी उसे नहीं देखा, वो कब से रो रही है, किसी ने उसे कुछ कहा है? तुम घर में थे ना, बताओ उसे किसने क्या कहा है?
आर्यवंश धीरे से बोलता है,, वह बुआ जी……
विध्वंश अपनी गर्दन के पीछे हाथ ले जाकर अपनी गर्दन को थोड़ा रब करते हुए, अपने गर्दन को स्ट्रेच करते हुए बोलता है,, ओह बुआ जी, यह बुआ जी, मैं इनका क्या करूं, इन्होंने ही कुछ बोला है ना मेरी kitten को, वह कितना ज्यादा उदास थी , कितना ज्यादा रो रही थी।
विध्वंश अर्यवंश को घूरते हुए पूछता है,, कितने घंटे पहले की बात है ? उसकी आवाज बहुत ही ज्यादा कड़क और डेंजरस थी, आर्यवंश को विध्वंश से डर लग रहा था, पहली बार उसने विध्वंश को इतना गुस्से में देखा था , वह गुस्से में आता था, बहुत ज्यादा गुस्से में आता था, जब वो गुस्से में होता, कोई भी उसे नहीं संभाल सकता था, लेकिन वो कभी उसके सामने ऐसे नहीं आता था,
वो हमेशा अपने दुश्मनों के सामने ही गुस्से में आता था, कभी उसने इतने गुस्से में अपने घर के किसी भी मेंबर को नहीं देखा था, क्योंकि सब उससे बहुत प्यार करते थे, लेकिन अब बात उसकी kitten पर थी, जो वह हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकता था।
आर्यवंश विध्वंश को इतना गुस्से में देखकर एक पल के लिए सकते में पड़ जाता है, विध्वंश एक बार फिर तेज आवाज में बोलता है,, आर्या मेरे सब्र का इम्तिहान मत लो, इस वक्त मेरा दिमाग बहुत ही ज्यादा खराब है, बताओ कितने घंटे पहले की बात है ये?
आर्यवंश धीरे से बोलता है,, चा…र-चा…र घंटे पहले की।
विध्वंश की आंखें अब तो और आग उगलने को तैयार थी, वह गुस्से में वहां का सामान इधर-उधर फेंकते हुए बोलता है,, वह 4 घंटे, 4 घंटे से मेरी kitten उस रूम में अकेले रो रही है , उसने अपने उन कीमती आंसुओं को बहा बहा के पूरे तकिया को गीला कर डाला और किसी ने इस घर में उसे देखा तक नहीं।
बुआ जी की वजह से वह चार घंटे तक रोई है, यू आर नॉट डूइंग गुड बुआ जी, not good, you have to pay for this. बोलते हुए वह अपनी गर्दन को स्ट्रेच करने लगता है।
आर्यवंश को इस वक्त विध्वंश से बहुत ही ज्यादा डरावनी वाली वाइब्स आ रही थी , वह खुद से बोलता है ,, अब तो बुआ जी की खैर नहीं, पता नहीं ये इंसान क्या करेगा उनके साथ, पोजेसिव हो रहा है छनक को लेकर।
विध्वंश बिना उसे देखे रूम से बाहर चला जाता है, वह जैसे ही हाल की तरफ आता है , उसे हाल में ही ओजस्वी जी दिखाई देती है ।
विध्वंश ओजस्वी जी के बिल्कुल सामने खड़े होकर उन्हें घूरते हुए बोलता है,, बुआ जी आपने मेरी बीवी को क्या बोला है? जो वह चार घंटे से रो रही है।
ओजस्वी जी विध्वंश को देखते हुए बोलती है, तो तुम्हें पता चल गया कि मैने तुम्हारी बीवी को कुछ बोला है और रही बात तुम्हारी बीवी के रोने की, तो वो सिर्फ तुम्हारे सामने रो रही है , वह जितनी मासूम दिखती है ना, उतनी मासूम बिल्कुल भी नहीं है, दुनिया घूमी है मैंने, ऐसे ही धूप में अपने बाल सफेद नहीं किए हैं वह अपने बालों में हाथ लगाते हुए बोलती हैं, और फिर आगे बोलती हैं,, एक नजर में इंसान को परख लेती हूं मैं।
विध्वंश को बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, वह अपने हाथों के मुठिया कसते हुए बोलता है,, बुआ जी आपने मेरी बीवी को क्या बोला है? मैं आपकी इज्जत करता हूं ,लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप मेरी बीवी को कुछ भी बोलेंगे, वह मेरी बीवी, मेरी kitten है, आपको कोई हक नहीं कि आप उसे कुछ भी बोल सके।
ओजस्वी जी विध्वंश को घूरते हुए बोलती हैं ,, विध्वंश तुम उस लड़की की वजह से मुझसे लड़ाई करोगे, मुझसे मुंह चलाओगे , इस तरीके से मुझसे बात करोगे,
विध्वंश गुस्से में बोलता है,, मैं अपनी बीवी अपनी
Kitten के लिए, किसी से भी इस तरीके से बात कर सकता हूं , इस घर में किसी को हक नहीं है, मेरी kitten से इस तरीके से बात करने का, उसे रुलाने का, उसे हर्ट करने का।
मुझे नहीं पता आपने मेरी kitten को क्या बोला है? लेकिन जो भी बोला है ,आपकी वजह से मेरी kitten को हर्ट हुआ है, उसके लिए आपको उससे सॉरी तो बोलना पड़ेगा।
ओजस्वी जी भी अब गुस्से में आ जाती है, वह गुस्से में बोलती है,, मैं उस गांव की गवार से सॉरी बोलूंगी, कभी भी नहीं, मार जाऊंगी लेकिन उससे सारे बिल्कुल नहीं बोलूंगी।
कल्याणी जी आगे बढ़कर विध्वंश को शांत कराते हुए बोलती हैं,, विध्वंश शांत हो जाओ, तुम इस तरीके से अपनी बुआ जी से बात नहीं कर सकते।
विध्वंश कल्याणी जी को देखते हुए बोलता है,, सॉरी मां, पर आज नहीं , आज बुआ जी को जवाब देना होगा, इन्होंने कई बार आपको बोला और आपने हमेशा मुझे रोक लिया, लेकिन आज बात मेरी बीवी मेरी kitten पर आ गई , उसे आए हुए यहां एक दिन भी नहीं हुआ ,और बुआ जी ने ना जाने उसे क्या क्या बोल दिया, वह इतनी देर से हो रही है।
विध्वंश की बात सुनकर सब लोग शॉक्ड हो जाते है, उन्हें पता था छनक को बुरा लगा है, कल्याणी जी को यह भी पता था की छनक रूम में जाकर रोएगी, उन्होंने उसको भीगी पलके जो देखी थी, लेकिन वह चार घंटे से रो रही थी, इस बात का किसी को भी अंदाजा नहीं था।
छनक जो रूम से अभी बाहर निकली थी , उसे नीचे से बहुत ज्यादा शोर आ रहा था, वह जल्दी से अपने रूम से भागती हुई नीचे आती है, वह जब विध्वंश को ओजस्वी जी पर चिल्लाते हुए देखती हैं, तो उसे बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगता, वह जल्दी से आगे आकर विध्वंश का हाथ पकड़ते हुए धीरे से बोलती हैं,, आप बुआ जी पर क्यों चिल्ला रहे हैं? मैं ठीक हूं देखिए, मुझे कुछ भी नहीं हुआ है, अब वो सच में फ्रेश लग रही थी, बस उसकी नीचे की आंखें अभी भी हल्की लाल थी।
विध्वंश घूरकर एक नजर छनक को देखता है, जो अपना सर नीचे झुकाए खड़ी थी।
ओजस्वी जी छनक को घूरते हुए बोलती हैं,, तुम फिर आ गई, अपना ये मासूमियत का पिटारा लेकर, मैं अच्छे से जानती हूं तुम जैसी लड़कियों को, तुम इतनी मासूम नहीं हो, जितनी बन रही हो, तुमने झूठी शिक़ायत करी है ना मेरी, और अब इतनी ज़्यादा मासूम बन रही हो , अच्छे से जानते हूं मैं तुम जैसी लड़कियों को , जो झूठ बोलकर लोगों के घर तुड़वा देती है और पूरे महलों पर राज करती हैं।
छनक इस बार फिर ओजस्वी जी की बातें बिना कुछ बोले अपना सर नीचे झुकाए सुन रही थी, वह कुछ भी नहीं बोल रही थी, विध्वंश की आंखें गुस्से से एक बार फिर पूरी तरीके से लाल हो रही थी, वो गुस्से में बोलता है ,, मेरी kitten को कुछ भी कहने से पहले 100 बार सोच लीजिएगा बुआ जी, क्योंकि मैं वह आग हूं, जो इंसान को तबाह करने से पहले एक बार भी नहीं सोचता
आपने मेरी मां को जो कुछ भी बोला है, सब बर्दाश्त करा मैंने ,क्योंकि मेरी मां हमेशा मुझे कसम देकर रोक देती थी, लेकिन अब बात मेरी बीवी मेरी kitten पर आई है, जो मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करूंगी , उसकी आंखों में मैं एक आंसू भी नहीं देख सकता , और आपने ऐसा सोच भी कैसे लिया कि आप उसे रुलाएंगे, बिल्कुल भी नहीं ,
वह मुझसे शादी करके इस घर में आई है, मैं उसे लेकर आया हूं पूरे सात वचन लेकर, अपने खून से मांग भरी है मैंने उसकी, जन्म-जन्म का साथ है हमारा, दुर्गा मां ने खुद आशीर्वाद दिया है हमें, हमारे बंधन को हमारे रिश्ते को, तो कोई चाह कर भी नहीं तोड़ सकता इसे,
छनक एक तक अपना चेहरा उठाकर विध्वंश को देखने लगती है, उसे बिल्कुल यकीन न्यून हो रहा था, विध्वंश ने ये सब बोला था,
विध्वंश उसका हाथ पकड़ कर उसे लेकर हवेली से बाहर जाने लगता है ,वह लंबे-लंबे कदम भर रहा था, वही छनक धीरे-धीरे कदमों से उसके साथ खींची हुई पतंग की तरह चली जा रही थी, विध्वंश 1 मिनट रुक कर पीछे मुड़कर देखता है , जहां छनक धीरे-धीरे कदमों से उसके पीछे चल रही थी,
वो सामने नहीं देखती, और विध्वंश के ऐसे रुकने से उससे टकरा जाती है, उसका चेहरा सीधे विध्वंश के सख्त पीठ से टकरा जाता है, वह अपने सर में अपना हाथ रखकर अपने माथे को सहलाने लगती है,
विध्वंश थोड़ा झुक कर छनक को अपनी बाहों में उठा लेता है और लंबे लंबे कदमों से बाहर की तरफ जाने लगता है, छनक धीरे से बोलती हैं,, आप यह क्या कर रहे हैं? सब लोग देख रहे हैं, हमें अजीब लग रहा है, सब क्या सोचेंगे?
विध्वंश तेज आवाज में बोलता है,, देखने दे ,किसी और की बीवी को नहीं उठा कर लेकर जा रहा हूं, अपनी बीवी को उठाकर लेकर जा रहा हूं, और किडनैप नहीं कर रहा हूं ,बस इस घर से कुछ वक्त के लिए दूर लेकर जा रहा हूं ,उसकी आवाज बहुत तेज थी, जो सारे घर वाले सुन रहे थे।
जब युगांत जी ये सुनते हैं , कि विध्वंस छनक को लेकर वहां से जा रहा है, वह थोड़ी तेज आवाज में बोलते हैं,, विध्वंश तुम हमारी बेटी को यहां से कहीं नहीं ले जा सकते।
विध्वंश गहरी सांस लेकर तेज आवाज में बोलता है,, डैड मैं लेकर जा रहा हूं ,और इस वक्त मुझे कोई भी नहीं रोक सकता , आपने कल ही मेरी बीवी को अपनी बेटी कहा था, पर आज वह आपके अंदर के डैड कहां गए, जब बुआ जी मेरी बीवी को जो कुछ भी बोल रही थी, मुझे नहीं पता लेकिन गलत बोल रही थी, जो मेरी बीवी को हर्ट किया था, आप सब ने सुना था खैर…
अभी मैं लेकर जा रहा हूं अपनी kitten को, आ जाऊंगा सुबह तक, वह बिना पीछे मुड़े, बिना अपने कदम रोके चला जाता है ।
युगांत जी भी अपने रूम की तरफ चले जाते हैं, उनका अब डिनर करने का बिल्कुल भी मन नहीं था , सही तो कहा विध्वंश ने, कुछ गलत नहीं बोला था, सही बोला था ,उन्होंने कल छनक को खुद दिल से बेटी माना था ,तो फिर वह अपनी बेटी की रिस्पेक्ट क्यों नहीं करवा पाए?
क्यों नहीं वह उनसे बोल पाए, उनकी बेटी है वो, उन्हें बहुत ही ज्यादा बुरा लग रहा था ,उन्हें खुद पर गुस्सा आ रहा था, वह खुद की बीवी के लिए अपनी बहन के सामने नहीं बोल पाते थे ,लेकिन कम से कम अपनी बेटी के लिए तो अपनी बहन के सामने बोल ही सकते थे।
क्या करेगा विध्वंश ओजस्वी जी के साथ? कहां लेकर गया है विध्वंश छनक को?
विध्वंश छनक को अपनी बाहों में भरे नॉमिनी हवेली से बाहर निकल कर सीधा अपनी कार की तरफ लंबे कदम बढ़ा देता है और अपनी कार के पैसेंजर सीट का गेट खोलकर, उसमें lछनक को अच्छे से बैठा देता है और खुद आकर ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है ।
वह एक नजर छनक को देखता है, जो अपना सर नीचे झुकाए बैठी हुई थी, वह एक तक अपनी नजरे अपनी साड़ी पर ही गड़ाए हुई थी , वो ना इधर देख रही थी, ना उधर देख रही थी, सिर्फ एक तक नीचे अपनी साड़ी में देख रही थी।
विध्वंश एकदम से उसके करीब आ जाता है ,छनक को जब अपनी गर्दन पर विध्वंश की गरम सांसें महसूस होती है, वो अपनी गर्दन टेढ़ी करके विध्वंश को देखने लगती है, जो उसके चेहरे के बेहद करीब था, और उसके चेहरे में अपनी गरम सांसें छोड़ रहा था।
विध्वंश। छनक की कमर में हाथ डालकर, उसे उसकी कमर से पकड़ कर अपनी गोद में बैठा लेता है , उसकी पकड़ छनक की कमर में टाइट थी, उसने छनक को बहुत ही कस के पकड़ा हुआ था, वो उसे अच्छे से अपनी गोद में बैठाने के बाद, उसका चेहरा अपने सीने से लगा लेता है और उसके एक हाथ को अपने सीने में रख लेता है ।
छनक कुछ बोलने को अपना मुंह खोलती है , की विध्वंश अपने होठों पर उंगली रखकर धीरे से बोलता है ,, शशश्श… अभी कुछ नहीं kitten, अभी मेरा दिमाग बहुत खराब है, बस तुम ऐसे ही बैठी रहो, मेरे सीने से लगकर,, इतना बोलकर वह कार स्टार्ट कर देता है और नोमानी हवेली से बाहर निकल जाता है।
छनक विध्वंश के सीने से बिल्कुल वैसे ही लगी रहती है, उसे विध्वंश का सीना तपता हुआ महसूस हो रहा था, वह खुद से ही बोलती हैं ,, इनका सीना हमेशा हमें इतना गरम, इतना तपता हुआ महसूस क्यों होता है? जैसे आग निकल रही हो, उसकी धड़कने उसे बहुत ही अच्छे से सुनाई दे रही थी, उसे विध्वंश के दिल धड़कता हुआ महसूस हो रहा था, जो बहुत ही तेज धड़क रहा था, उसकी नजर एक बार फिर विध्वंश के सीने पर बने टैटू पर चली जाती है,
वह एक टक फिर उस टैटू को देखने लगती है, वह उसे बहुत पढ़ने की, समझने की कोशिश कर रही थी ,इसमें क्या लिखा है ,लेकिन उसे कुछ भी नहीं समझ में आ रहा था।
उस कार में पूरी तरीके से शांति फैली हुई थी, विध्वंश सामने देखकर कर ड्राइव कर रहा था, उसके चेहरे में एक भी एक्सप्रेशन नहीं थे, उसके चेहरे को देखकर बिल्कुल भी नहीं समझ में आ रहा था, वो गुस्से में है या किस मूड में है।
छनक पुरी हिम्मत करके विध्वंश से धीरे से पूछती है,, हम कहां जा रहे हैं?
वो बिना किसी एक्सप्रेशन के सामने देखते हुए बोलता है,, हम डिनर करने जा रहे हैं।
छनक धीरे से बोलती हैं,, पर हमारा कुछ भी खाने का मन नहीं है,
विध्वंश वैसे ही सामने देखते हुए बोलता है,, पर मेरा तो खाने का मन है ना , अगर तुमने डिनर नहीं किया तो फिर में तुम्हें खा जाऊंगा, और ट्रस्ट मि जरा सा भी नहीं छोडूंगा, पूरा खा जाऊंगा।
छनक अपना चेहरा उठाकर एक तक विध्वंश के चेहरे को अपनी टिमटिमाती आंखों से देखने लगती है, फिर धीरे से पूछती है,, आप हमें कैसे खाएंगे? हम तो कोई खाना है ही नहीं ,तो आप हमें कैसे खा सकते हैं, वो बहुत ही मासूमियत से बोल रही थी।
उसकी बात , और उसके इतना मासूमियत से बोलने के तरीके से विध्वंश के होठों पर मुस्कराहट तैर जाती है, वह जैसे ही हंसता है, उसके गालों पर एक बार फिर डिंपल पड़ जाते हैं ।
छनक उसके डिंपल चीक्स को बस एक तक देखते ही रह जाती हैं, और एक बार फिर उसमे खो जाति है, उसके ये गालों में पड़ते डिंपल हर बार उसका दिल जोरों से धड़का देते थे।
वो वैसे ही मुस्कुराते हुए बोलता है,, में तुम को कैसे खाऊंगा, वह तो मैं तुम को बाद में बताऊंगा, लेकिन मेरे तुमको खाने से पहले, तुम्हें खुद तो कुछ खाना होगा ना एनर्जी के लिए kitten.
छनक धीरे से बोलता है,, पर हमें कुछ भी नहीं खाना, हमारा बिल्कुल भी मन नहीं और हमें भूख भी नहीं लगी है, वह बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी।
विध्वंश मुस्कुराते हुए सामने देखते हुए बिल्कुल आराम से बोलता है,, लेकिन kitten तुम्हें खाना तो खाना पड़ेगा ना, क्योंकि मुझे तुम्हें खाना है और जब मैं तुम्हें खाऊंगा, तो तुम्हें एनर्जी की जरूरत पड़ेगी ना, उसके लिए तुम्हें खाना खाना पड़ेगा, और एनर्जी लेनी पड़ेगी।
छनक अपना चेहरा उठाकर एक तक उसके चेहरे को देखने लगती है ,उसे विध्वंश की बातें बिल्कुल समझ में नहीं आ रही थी, एकदम से उसके दिमाग में कुछ क्लिक होता है, और वह विध्वंश को फिर देखने लगती है।
विध्वंश हल्का हंसते हुए बोलता हैं,, ऐसे देखने से कुछ नहीं होगा, मेरे दिल को छनकाने वाली, मेरी प्यारी बीवी, मेरी kitten, बोलो तुम्हें क्या बोलना है?
छनक डरते हुए अपने गले में आए थूक को निगलते हुए धीरे से बोलती हैं,, आप हमें मार के खाएंगे , जैसे बकरे को हलाल करने से पहले उसे अच्छा-अच्छा खिलाया जाता है, फिर उसे हलाल कर दिया जाता है , मार दिया जाता है, आप भी हमें पहले खाना खिलाएंगे, फिर उसके बाद हमें मार डालेंगे, हमारी छोटी-छोटी बोटियां करके, हमें फ्राई करके खा लेंगे आप,, वह बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी, उसकी आंखें हल्की नाम हो गई थी, छनक की आंखों में आंसू आ गए थे।
विध्वंश उसकी इतनी मासूमियत से भरी बात सुनकर जोर जोर से हंसने लगता है, उसकी नजर जैसे ही छनक के चेहरे पर जाती है, उसकी हसी उसी पल गायब हो जाती है, वो एकदम से कर रोक देता है और छनक को देखते हुए थोड़ा तेज आवाज में बोलता है,, नहीं बिल्कुल नहीं, यह आंसू तुम्हारी आंखों से बिल्कुल भी बाहर नहीं निकलने चाहिए, ये आंसू बाहर नहीं निकाल सकते,
अगर यह बाहर निकले तो मुझसे बुरा कोई भी नहीं होगा, विध्वंश उसे रोने नहीं देना चाहता था, जब वह रोती थी, उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, उसके दिल में एक दर्द सा उठ जाता था, पर ऐसा क्यों होता था? इस बात का उसे बिल्कुल भी पता नहीं था।
विध्वंश उसे शांत कराते हुए धीरे से बोलता है,, पर मैं तुमको ऐसे क्यों खाऊंगा?
छनक सुबकते हुए बिल्कुल मासूमियत से धीरे से बोलती है,, तो फिर आप हमें कैसे खाएंगे, खाते तो ऐसे ही है ना, और हम कोई चीज थोड़ी ना है, कि आपने बटर लगाया हमारे ऊपर और खा गए, हम इंसान हैं, आप ऐसे तो नहीं खा सकते ना, वैसे ही खाएंगे ना।
विध्वंश मुस्कुराते हुए छनक के चेहरे को एक टक देखते हुए बोलता है,, ओ माय डियर लिटिल kitten, कितनी भोली kitten हो यार तुम, तुम्हें नहीं पता मैं तुम्हें कैसे खाऊंगा, जस्ट वेट मैं बताता हूं मैं तुम्हें कैसे खाऊंगा,
इतना बोलकर वो उसके होठों को अपने कब्जे में कर लेता है, वो बहुत धीरे-धीरे उसके होठों को किस करने लगता है, वह इस किस को बहुत ही ज्यादा मिस कर रहा था, सुबह ही वह छनक को मॉर्निंग किस दे कर गया था, लेकिन छनक के लाल लिपस्टिक से सने होठों को देखकर उसका दिल बगावत करने पर उतर रहा था, उसे दोबारा उसे किस करना था और वह इस वक्त वही कर रहा था, वह बहुत ही पैशनेटली उसे किस किए जा रहा था , वो उसके होठों को छोड़ ही नहीं रहा था,
छनक तो बस आंखें पड़े एक टक विध्वंश को देख रही थी, और वही विध्वंश अपनी आंखें बंद करें बस छनक को किस कर रहा था ,और उस किस को महसूस कर रहा था, उसका एक हाथ छनक की खुली पीठ में चल रहा था, तो दूसरा हाथ उसके बालों में उलझा हुआ था, करीब 5 मिनट की दीप, पैशनेट किसके बाद विध्वंश छनक को छोड़ देता है।
छनक के बाल थोड़े बिखर गए थे , उसके होठों में लगी लिपिस्टिक उसके होठों से फैल गई थी और विध्वंश के होठों पर भी लग गई थी, दोनों के होठों पर एक दूसरे का saliva लग गया था, दोनों के होंठ साइन कर रहे थे।
छनक की सांसें गहरी हो गई थी, वह अपनी गहरी सांसों को संभाल रही थी, उसने अपने सीने पर हाथ रख रखा था।
विध्वंश मुस्कुराते हुए। छनक के बालों को बिल्कुल ठीक करते हुए धीरे से बोलता है,, kitten इसे कहते हैं खाना, ऐसे खाते हैं अपनी बीवी को, चलो अब तुम्हें भूख लगी होगी ना, क्योंकि मैने तो तुम्हारी एनर्जी खा ली, अब तुम्हें एनर्जी के लिए खाना खाना पड़ेगा ना,
क्योंकि अभी तो मैने तुम्हें थोड़ा सा खाया है, अभी तो तुम्हें पूरा खाना बाकी है, मेरे कली से निकले हुए ताजे गुलाब के फूल को मैं रात में जी भर कर खाऊंगा, वो एक एक नजर उसे ऊपर से लेकर नीचे इंटेंशनली देखते हुए बोलता है अचानक कुछ भी नहीं बोलता है।
छनक की पलके नीचे झुकी हुई थी ,उसके गाल बहुत ज्यादा लाल हो गए थे ,वह शर्मा रही थी बहुत ज्यादा, विध्वंश अपने हाथों से उसकी लिपस्टिक को अच्छे से साफ करता है और दोबारा उसे अपने सीने से लगा लेता है।
"नॉमिनी हवेली"
रात के करीब 11:00 बज रहे थे, जैन आराम से अपनी उंगली पर अपनी चाबी गोल गोल घुमाते हुए अंदर आ रहा था, पूरी हवेली में अंधेरा पसरा हुआ था, कहीं पर एक भी रोशनी नहीं जल रही थी, वह आराम से मस्त मौला बने, अपनी चाबी को गोल गोल घुमाते हुए, अपने रूम की तरफ जा रहा था, उसने ब्लैक कलर की जींस, शर्ट और ऊपर ब्लैक कलर की सीने करती हुई जैकेट पहनी हुई थी, उसके बोल हल्के से बिगड़े हुए थे,
जैसे या तो वो इस वक्त बाइक राइडिंग करके आया था या फिर जमकर पार्टी करके आया था , जैन पार्टी ही करके आया था, वह दोपहर से अपने दोस्त के बर्थडे पार्टी में बिजी था, जिस वजह से उसे बिल्कुल भी नहीं पता था कि आज घर पर क्या हुआ है, उसकी प्यारी भाभी मां को कितना जलील किया गया है, क्या कुछ बोला गया है, उसे कुछ भी नहीं पता था, आज उसकी बुआ जी ने उसकी भाभी मां को आए एक दिन भी नहीं हुआ, और उसे जलील कर दिया।
वह अपने रूम में जा रहा था, तभी उसे सितारा के रूप से कुछ आवाज आने लगती हैं, उनके रूम का दरवाजा हल्का खुला हुआ था और लाइट्स की रोशनी बाहर तक आ रही थी, जैन उनके रूम के थोड़ा करीब जाता है तो उसे अंदर सितारों और वैभव की चल रही सारी बातें सुनाई दे जाती है, उनकी बातें सुनकर जैन की आंखों में गुस्सा उतर आता है, उसकी आंखें गुस्से में लाल हो जाती हैं, उसके हाथों की मुट्ठियां कस जाती हैं, उसकी नसें उभरने लगती है, उसे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, जैसे वो आज किसी न किसी का तो कत्ल कर ही देगा।
क्या बात कर रहे थे वैभव और सितारा? क्या करेगा जैन अब?
"रात का वक्त"
"नोमानी हवेली"
जैन अपने रूम में बेड में बैठा हुआ था, वह बेहद गुस्से में था, उसकी आंखें गुस्से से पूरी लाल थी, वह अपने बेड की बेडशीट को कस के पकड़े बार-बार आगे पीछे हिल रहा था, वो खुद से ही बोलता है,, यू आर नॉट डूइंग गुड बुआ जी, आपने बिल्कुल भी अच्छा नहीं करा मेरी भाभी मां को यह सब बोलकर , मेरे घर वालों ने उन्हें बेटी माना , मैंने उन्हें अपनी बहन माना,
यहां तक की भाभी के आते ही, हमने भाई के मर्डर तक की प्लानिंग करना स्टार्ट कर दी और आप हमारी भाभी मां को बुरा भला बोल रही है, नोट गुड बुआ जी, इसका हरजाना तो आपको भुगतना हीं पड़ेगा , यू हैव टू पे फॉर थिस, गलती की है आपने , बहुत बड़ी गलती और अब इस गलती की सजा तो आपको मिलेगी ही, हम नोमानिस है, किसी की गलती पर हम उसे छोड़ते नहीं है , सजा देते हैं और आपने तो हमारी भाभी मां के कैरेक्टर पर उंगली उठाई है, तो इतनी आसानी से मैं आपको कैसे छोड़ दूं।
लेकिन हमें हैरत इस बात की हो रही है, भाई ने कुछ किया क्यों नहीं, फिर खुद से ही बोलता है,, भाई ने अभी कुछ नहीं किया, लेकिन बहुत जल्द वो कुछ ना कुछ तो करेंगे, और बहुत बड़ा करेंगे, वह ऐसे थोड़ी ना जाने देंगे, आखिर उनकी बीवी की बात जो आई है, देखा है मैंने उनकी आंखों में, पजेसिव हैं भाभी मां को लेकर, उनकी आँखों में भाभी मां को लेकर बहुत कुछ है, उनकी आँखों का रंग हर हालात में बदल जाता हैं, जब बात भाभी मां की होती है तो उनकी आंखें बिलकुल समुद्र जैसी नीली हो जाती हैं,
यह कभी भाई की नहीं हुई , लेकिन जब से भाभी मां आई है, तब से ये हो रहा है, उनकी आंखों का रंग तब ही ऐसा बदलता है, जब बात भाभी मां की होती है, या तो वह पजेसिव होते हैं या फिर उनके दिल में अलग ही फीलिंग आ रही होती है, भाभी मां के आते ही भाई के दिल में एक अलग एहसास पैदा हो रहा है,
फिर खुद से बोलता है,, क्या भाई को इस बारे में पता है, की उनकी आंखों का रंग इस तरीके से बदलता है भाभी मां को देखकर, इस बारे में तो हम भाई से बाद में बात करेंगे, लेकिन जरा यह बुआ जी को सबक तो सिखा दे, आते ही हमारे घर में क्लेश चालू कर दिया।
मॉम तो कुछ बोलने नहीं देती, मॉम सह लेती है, मुझसे यह भी बर्दाश्त नहीं होता, अब तो बुआ जी ने हद कर दी, भाभी मां को आए एक दिन भी ढंग से नहीं हुआ था ,और इन्होंने क्लेश चालू कर दिया, उनके कैरेक्टर पर उंगली उठा दी, मेरी मासूम भाभी मां आपको ऐसी लगती है, आपकी सोच बहुत गलत है, अब तो बुआ जी आपको सजा तो मिलेगी,, बोलते हुए वह डेविल तरीके से मुस्कुरा रहा था।
"ओजस्वी जी का कमरा"
ओजस्वी जी आराम से अपने रूम में सो रही थी, उनके रूम की सारी लाइट्स ऑफ थी, सिर्फ एक नाइट लैंप जल रहा था, उसकी नाइट लैंप की रोशनी सिर्फ बेड के थोड़े से हिस्से में पड़ रही थी, उन्हें अजीब सी कुछ आवाज आने लगती है, उन्हें ऐसा फील होता है जैसे कोई उनका ब्लैंकेट नीचे घसीट रहा हो, वह नींद में थी, उन्हें ये सब एक सपना लगता है, वह दोबारा उस ब्लैंकेट को पकड़ कर अपने ऊपर डाल लेती हैं ,
और फिर सोनी लगती है, एक बार फिर उनका ब्लैंकेट खिसकने लगता है, वह दोबारा ब्लैंकेट पकड़ कर अपने ऊपर डाल लेती हैं, तभी जो आवाजे आ रही थी, वह थोड़ी और तेज हो जाती है , उनके कानों में अब वह आवाजे बहुत ही अच्छे से जा रही थी, पहले जो धीरे धीरे किसी गाने की तरह उनके कानों में जा रही थी, अब वो बहुत तेज हो गई थी, और डरावनी भी।
ओजस्वी जी का कंबल खीसकते हुए, उनके पैरों तक आ गया था, वह एकदम से उठकर बैठ जाती है, उनकी एक जोरदार चीख निकल जाति है, उनके बाल खुले हुए थे, बाल खुले होने की वजह से उनके बाल आगे आ गए थे, वह खुद को ही देखकर डर गई थी, सामने शीशे लगे होने की वजह से, उनकी परछाई उन्हें शीशे पर दिखाई दे रही थी और वह खुद ही, खुद को देखकर डर गई थी।
उस कमरे के पर्दे अचानक हिलने लगते हैं, खिड़की बंद थी, हवाएं नहीं चल नहीं रही थी, अगर बाहर चल भी रही थी तो, हवा के एक भी झोला अंदर नहीं आ रहा था, फिर भी वह पर्दे हिल रहे थे, ओजस्वी जी के चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था, डर के मारे उनकी हालत बहुत खराब हो रही थी, उन्होंने बेडशीट को बहुत कसके अपनी मुट्ठी में भरा हुआ था,
पसीने की बूंदें उनके चेहरे पर उभरने लगी थी, जो धीरे-धीरे फिसलते हुए उनके चिन्ह से होते हुए नीचे गिर रही थी, उस रूम की लाइट बंद खुल होने लगी थी, वह बार-बार बंद होती और खुलती, फिर बंद होती ,फिर खुलती,
ओजस्वी जी चिल्लाते हुए बोलती है,, कोन है, कोन है? देखो मुझे अच्छे से पता है, कोई मुझे डरा रहा है, तुम जो कोई भी हो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं, उस रूम में बहुत ही डरावनी सी आवाज आने लगती है, उनके पूरे बदन में डर की लहर दौड़ जाति है, वो एक बार फिर चिल्लाते हुए बोलती है,, कोई है, कोई है ,कोई मुझे बचाओ, बचाओ इस रूम को क्या हो गया अचानक से, भूत, भूत,, वो लगातार चिल्लाए जा रही थी।
उन्हें पीछे दीवार पर एक साया उड़ता हुआ महसूस होता है, वह जैसे ही पीछे मुड़ती है, उन्हें वहां कुछ भी नहीं दिखाई देता, अचानक सब शांत हो गया था, न हीं अब परदे हिल रहे थे , लाइट्स भी अब बंद हो गई थी, पहले की तरह वो कमरा हो गया था।
ओजस्वी जी एक गहरी सांस लेती है और खुद से बोलती है,, शायद ये सब मेरा वहम है, तभी उसे रूम का टीवी ऑन हो जाता है , ओजस्वी जी खुद से बोलती है,, य…ह टी…वी टी…वी कै…से ऑ…न हो ग…या , उनकी आवाज में घबराहट साफ नजर आ रही थी, वो फिर अपनी लड़खड़ाती जबान के साथ बोलती है,, रिमो…ट रिमो…ट तो व…हां र…खा है ना, फि…र फि…र य…ह टी…वी कै…से ऑ…न हो ग…या, वह बहुत ज्यादा घबरा रही थी।
वह जल्दी से अपने बेड से उठते हुए गेट की तरफ भागने लगती हैं, उनका पैर लड़खड़ा जाता है, वो गिरते गिरते बचती है, और जैसे तैसे गेट तक पहुंचती है, वो गेट खोलने की कोशिश करती है, लेकिन गेट खुल ही नहीं रहा था, वह बार-बार गेट खोलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वो खुलता ही नहीं, ऐसा लग रहा था, जैसे वह गेट बाहर से बंद हो
वो लगातार गेट खोलने की कोशिश करती, वो उस गेट को बार-बार बजा रही थी, लेकिन कोई भी उनकी आवाज नहीं सुन पा रहा था, क्योंकि नोमानी हवेली के हर एक रूम साउंड प्रूफ थे, उनकी उस रूम के अंदर की आवाज बाहर जा ही नहीं सकती थी, चाहे कोई कितना भी चीख ले, चिल्ला ले, रो ले, उसकी आवाज उस रूम के बाहर नहीं जाती थी।
उन्हें ऐसा महसूस होता है , जैसे पीछे कोई सफेद कपड़ो में लिपटी हुई औरत खड़ी हो, उसके बाल बड़े-बड़े जो उसके चेहरे को ढक रहे थे, उसके हाथ के नाखून लंबे-लंबे थे, और वह उन्हीं की तरफ आ रही है, चेहरे पर बालों का पहरा लगा हुआ है और जो हल्के हल्के लहरा रहे थे,
वो उड़ते हुए उनकी ही तरफ आ रही थी, ओजस्वी जी अपनी नाईटी पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती है, उनके चेहरे पर पसीने की बूंदे बहुत ज्यादा आ गई थी, उनके चेहरा पूरा पसीने से डर के मारे भीग गया था, पसीने को बूंदें टपकते हुए नीचे गिर रही थी, वो अपना सर टेढ़ा करके पीछे मुड़ती है, अचानक वो चुड़ैल उनके चेहरे के बिल्कुल करीब आ कर खड़ी हो जाति है, उस चुड़ैल को अपने बेहद करीब देखकर, उनकी एक जोरदार चीख निकल जाती है और वह वहीं बेहोश हो जाती है।
"सुबह का वक्त"
"The Pavillion Hotel"
होटल के एक कमरे में दो जोड़े एक दोनों की बाहों में लिपटे सो रहे थे, दोनों ही एक दूसरे की बाहों में बिल्कुल सांप और चंदन के पेड़ की तरह लिपटे हुए थे, सूरज की किरणे उस रूम में लगे परदों को छांटी हुई, उन दोनों जोड़ों के चेहरे पर पड़ रही थी,
सूरज की आती किरणों की वजह से विध्वंश की नींद खुल जाती है, वह धीरे-धीरे करके अपनी आंखें खोलता है, वह जैसे ही अपनी आंखें खोलता है उसकी आंखों के सामने सीधे छनक का वह मुस्कुराता हुआ मासूमियत से भरा हुआ गुलाब सा खिला हुआ चेहरा सामने आ जाता है, वो एक तक उसके मासूम चेहरे को देखने लगता है, वह जैसे उसकी खूबसूरती में उसकी मासूमियत में खो सा गया था,
उसकी वुल्फ ग्रे आंखों का रंग बदलने लगा था, वह एक बार फिर समुद्र जैसी गहरी नीली आंखों में बदल गई थी, जो सिर्फ उसकी छनक को देख कर ही बदलती थी, वह एक ऐसा बंदा था, जिसकी हर अलग सिचुएशन में आंखों का रंग बदलता रहता था, अभी उसकी आंखें समुद्र जैसी गहरी नीली हो गई थी,
वह बस एक टक को मुस्कुराते हुए देख रहा था, मुस्कुराते हुए उसके गालों पर एक बार फिर डिंपल पड़ने लगे थे , छनक नींद में कसमसा रही थी, उसके ऊपर सूरज की हल्की किरडें पड़ रही थी, जिससे उसकी नींद में दिक्कत हो रही थी, और वह कसमसाने लगी थी।
विध्वंश छनक को ऐसे कसमसाता देखकर उसके ऊपर आज आ जाता है, जिससे छनक को नींद में कोई भी दिक्कत ना हो, वो सुकून से मुस्कुराते हुए सो रही थी , वो सोते हुए बहुत क्यूट और बहुत प्यारी लग रही थी।
विध्वंश बस एक तक उसके ऊपर लेटा उसे देख रहा था, वह करीब 10 मिनट से बस एक तक एक ही पिजिशन में लेटा, बिना पलके झपकाए उसे देखता ही रहता है,
छनक इधर-उधर करवट लेने को होती है, विध्वंश जिसने अपना पूरा वजन छनक के ऊपर नहीं रखा था , वो हल्का से सिर्फ उसके ऊपर था, छनक के ऐसे हिलने से उसका बैलेंस बिगड़ जाता है और वह पूरा छनक के ऊपर गिर जाता है, दोनों के होंठ आपस में टच हो जाते हैं।
छनक जो आराम से सो रही थी ,उसे अचानक अपने बॉडी में ऐसा महसूस होता है, जैसे कोई पत्थर उसके ऊपर गिर गया हो, या लाकर उसके ऊपर रख दिया गया हो, वो एकदम से अपनी आंखें खोल लेती है, उसकी आंखों के सामने विध्वंश का वह मुस्कुराता हुआ चेहरा आ जाता है, जिसमें उसकी आंखें बंद थी, वह अपनी आंखें बंद करें छनक के होठों पर अपने होंठ रखें उसके ऊपर लेटा हुआ था ,
छनक तो बस एक टक उसके चेहरे को देखते ही रह जाती है, उसके बाल थोड़े से बिखरे हुए थे, वह शर्टलेस था और उसके ऊपर वैसे ही लेटा हुआ था,छनक का गला सूखने लगता है, विध्वंश को ऐसे देखकर उसे अपने अंदर अजीब सा महसूस हो रहा था, अजीब सी बेचैनी हो रही थी, लेकिन क्या था, क्यों हो रही थी, इस बात का उसे समझ में नहीं आ रहा था।
विध्वंश धीरे से अपनी आंखें खोलता है और छनक से थोड़ा दूर होकर , वो उसके ऊपर से पूरी तरीके से नहीं उठता, बस उसके ऊपर से थोड़ा सा उठता है और मुस्कुराते हुए बोलता है ,, गुड मॉर्निंग kitten आज की गुड मॉर्निंग एक नई स्टाइल के किस के साथ,
तुम हर रोज अपनी मुस्कुराहट से मेरे दिल को छनका जाती हो, तुम तो अभी मेरा प्यारा सा खिला हुआ, नई नई कली से निकला हुआ गुलाब हो, तो इस गुलाब को मुझे अच्छे से सींच कर रखना पड़ेगा , मेरे इस गुलाब को जरा से भी खरोच ना आए, उसके लिए मुझे मेरे इस गुलाब को बहुत ही प्यार से रखना पड़ेगा ना,
और मैं तो अपने इस नए-नए खिले हुए गुलाब को इसी तरीके से प्यार से रखूंगा, अब मैं अनोखा हूं ना तो मेरे प्यार करने का तरीका भी अनोखा है, हमारी शादी भी अनोखे तरीके से हुई है ,तो मैं अपना प्यार भी अनोखे तरीके से लुटाऊंगा तुम्हारे ऊपर।
छनक बस अपनी पलके झपकाए उसे ही देख रही थी, वह बार-बार अपनी पलके झपका रही थी, वह अपनी टिमटिमाती हुई आंखों से बस विध्वंश को ही देख रही थी, उसे विध्वंस की कोई बात भी सुनाई नहीं दे रही थी , वह तो बस उसके डिंपल पड़ते गालों पर खो गई थी,
उसके वो डिंपल पड़ते गाल उसे सब कुछ भुला देते थे, वह किसी भी चीज पर ध्यान नहीं दे पाती थी और सिर्फ और सिर्फ उसकी उस मुस्कुराहट पर ही फ़िदा हो जाती थी, न जाने वह अपनी इस मुस्कुराहट से कितनी बार उसके दिल को बेचैन कर जाता था, ना जाने उसकी उस डिंपल स्माइल में क्या जादू था, जो छनक सब कुछ भूल जाती थी, और सिर्फ उसमे खो जाति थी।
क्या करेगा जैन बुआ जी के साथ? क्या नोमानी हवेली में सच में भूत है या है ये किसी की साजिश?
"नोमानी हवेली"
सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे नाश्ता कर रहे थे, उस डाइनिंग टेबल पर सब लोग मौजूद थे, सिवाए विध्वंश और छनक के। वो लोग तो रात से अभी तक घर ही वापस नहीं आए थे। ओजस्वी जी बिल्कुल चुपचाप शांति से बैठी अपना नाश्ता कर रही थीं, वो किसी से कुछ भी नहीं बोल रही थी, उनके चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था, जिसे वो अच्छे से छुपाने की पूरी कोशिश कर रही थीं, लेकिन वो छुपा नहीं पा रही थीं।
आखिर वो छुपाती भी कैसे? कल रात वो इतना ज्यादा डर गई थीं कि बेहोश तक हो गई थीं, अभी भी उनके दिलो दिमाग में कल रात के सीन्स बसे हुए थे, कल रात की वो डरावनी आवाज उनके कानों में अभी भी गूंज रही थी, वो बिना किसी से कुछ बोले शांति से अपना नाश्ता कर रही थीं।
जैन एक नजर ओजस्वी जी को देखता है और दोबारा अपना नाश्ता करने लगता है। वहीं ओजस्वी जी खुद को थोड़ा नॉर्मल करके युगांत जी को देखते हुए बोलती हैं “युग, तुम्हारी बहू ने आते ही तुम्हारे बेटे को तुमसे अलग कर दिया। आज उसकी इस घर में पहली रसोई होने वाली थी और वो तुम्हारे बेटे को लेकर कल रात से ही गोल है, हमारे भोले-भाले विध्वंश को उसने फंसा कर रखा हुआ है। बेचारा इतना भोला है कि वो समझ ही नहीं पा रहा कि वो गांव की गवार लड़की अपने मासूम से चेहरे पर झूठ का नकाब ओढ़े हुए है और उसे फंसा रही है, उसके इस महल जैसी हवेली में राज करना चाहती है।”
जैन को उनकी बातों से बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, वो खुद से ही बोलता है “भाई और मासूम… ये क्या बोल रही हैं, बुआ जी, आप भाई के असली चेहरे से वाकिफ नहीं है ना, इसीलिए तो आप बोल रही हैं। भाई कितने मासूम हैं, जिस दिन आप भाई के असली चेहरे से वाकिफ हो गई ना, उस दिन आपकी ये जो कैंची जैसी जुबान तेज धार जैसी चलती है ना ये सब बंद हो जाएगी, और मेरी भाभी मां को कैरेक्टर लेस बोला, समझती क्या हैं ये अपने आप को?”
वो खुद से ही बोल रहा था और खुद को बहुत कंट्रोल करने की कोशिश भी कर रहा था, कि वो इस वक्त यहां कुछ भी ना बोले। उसके हाथों के मुट्ठियां कस गई थी, उसकी नसें हल्की उभरने लगी थी। उसकी गर्दन की नशे भी उभर रही थीं, उसकी पकड़ स्पून पर बहुत ज्यादा कसी हुई थी।
ओजस्वी जी बिना किसी पर गौर करें आगे बोलती हैं “उस लड़की की इतनी हिम्मत.. समझती क्या है अपने आप को? विध्वंश से मेरी झूठी शिकायत की, उसे मेरे खिलाफ भड़काया। उस लड़की को आए एक दिन भी नहीं हुआ और मेरे मासूम से विध्वंश को मेरे खिलाफ भड़का दिया मुझसे लड़ाई करवाई, उसने मेरे ऊपर चिल्लाया… गांव की गवार, कैरक्टरलेस लड़की। न ही उसका कोई स्टैंडर्ड है, न ही कुछ और… आई हमारे घर की बहू बनने हुंह.. वो बेकार सा मुंह बनाते हुए बोलती है ”
जैन से अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वो जितना बर्दाश्त कर सकता था उसने उतना बर्दाश्त करा था,लेकिन अब वो इससे ज्यादा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता था।
वो मुस्कुराते हुए ओजस्वी जी को देखते हुए बोलता है “आप ये कैसे बोल सकती हैं बुआ जी, कि मेरी भाभी मां का कोई स्टैंडर्ड नहीं है? मेरी भाभी मां का स्टैंडर्ड बहुत बड़ा है, और रही बात स्टैंडर्ड की तो दिल से वो बहुत अच्छी हैं, जिसके लिए उनका स्टैंडर्ड सर्टिफिकेट सबको दिखाने की हमें जरूरत नहीं है, और अगर स्टैंडर्ड की बात की जाए जो हाई स्टैंडर्ड के लोग होते हैं, उनका स्टैंडर्ड काफी लो होता है। जैसे आपकी वो दोस्त को देख लो.. क्या नाम है उनका…”
वो उनका नाम याद करते हुए अपने दिमाग पर जोर डालने लगता है, फिर बोलता है “What Ever.. कुछ भी नाम हो मुझे उनके नाम से क्या? कितना सारा मेकअप में डूबी रहती है, ऐसा लगता है जो घर में पेंट करने वाली पुट्टी होती है उसको लगा लिया हो, भूतनी लगती है बिल्कुल।
हैं तो दिखने में हाई स्टैंडर्ड की लेकिन उनका स्टैंडर्ड इतना ज्यादा लो है इतना लो है कि जमीन तो छोड़िए ,पाताल लोक में जाकर भी देखा जाए तो भी उनका स्टैंडर्ड काफी लो है, पताल लोक वालों को भी पता है, कि वो मेकअप में पुती हुई। Sorry Sorry.. वो आंटी कितनी ज्यादा लो स्टैंडर्ड की है ,
ये स्टैंडर्ड की बात तो यहां आती ही नहीं है ना बुआ जी? और रही बात पढ़ाई की तो मेरी भाभी मां अभी पड़ेगी, वो पढ़ेंगी और मेरे भाई है ना उनका एडमिशन करवाएंगे, वो पढ़ेंगी। जिस हिसाब से आप उन्हें बोल रही हैं, क्या आप उन्हें जानती हैं वो कैसी हैं, दिल की कैसी है, नहीं.. आप उनके बारे में कुछ भी नहीं जानती, आपको सिर्फ ये पता है कि वो कहां से आई हैं और आपने उनका कैरेक्टर सर्टिफिकेट जज करना स्टार्ट कर दिया, अगर कैरक्टर सर्टिफिकेट जज करने की बात आई ना बुआ जी तो मैं आपके दोस्त, आपके दोस्त की बेटियों के, उनके बेटों के ऐसे कैरक्टर सर्टिफिकेट दिखाऊंगा ना कि आपको खुद ही शर्मा कर, अपने दोस्तों से दोस्ती तोड़नी पड़ेगी। तो आप मेरा मुंह न खुलबाइए।”
ओजस्वी जी युगांत जी को देखते हुए बोलती हैं “युग समझा लो अपने छोटे बेटे को। छोटा लाल-दुलारा है इस घर का, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की ये मुझसे मुंह चलाएगा। बड़ी हूं मैं इस घर की और ये मुझसे मुंह चला रहा है, कल की आई लड़की के लिए ये मुझसे जुबान चलाएगा।”
वैभव आराम से अपना नाश्ता करते हुए बोलता है “जैनी ने गलत क्या बोला है बुआ जी? सच ही तो बोला है। आपकी दोस्त, उनकी बेटियों और उनके बेटों के बारे में, कैसे हैं उनके बच्चे, सब कुछ जानता हूं और सब को जानता हूं मैं, आपके दोस्त के बच्चों के कैरक्टरलेस कैरेक्टर के बारे में। तो आप मेरी बहन के कैरेक्टर पर इल्जाम नहीं लगा सकती हैं, इसका आपको कोई भी हक नहीं है।”
ओजस्वी जी गुस्से में खड़े होते हुए बोलती हैं “तुम लोग जानते क्या हो उस लड़की के बारे में? कुछ भी नहीं… सिर्फ इतना जानते हो ना कि विध्वंश एक गांव की लड़की को अपनी बीवी बना करके ले आया, लेकिन तुम लोग क्या ये जानते हो ये गांव की लड़कियां कैरक्टरलेस होती हैं.. जो अमीर लड़कों को फसाने के लिए अपने कपड़े…”
बोलते बोलते वो रुक जाती हैं क्योंकि जैन ने गुस्से में उठकर वहां रखे ग्लास को दूर जमीन में पटक दिया था, वो ग्लास वहीं जमीन में गिरते ही चकना चूर हो गया था। वो गुस्से में लाल आंखों से ओजस्वी जी को घूरते हुए बोलता है “बुआ जी आप समझती क्या हैं खुद को? आपको बहुत शौक है दूसरों के कैरेक्टर को जस्टिफाई करने का? और आप क्या बोल रही हैं बार-बार गांव की.. गांव की… उनके भाइयों के पास इतना पैसा है कि आपकी जितनी कंपनिया चल रही है ना उनको खड़े-खड़े खरीद सकती हैं वो। समझी आप?”
ओजस्वी जी गुस्से में जैन पर चिल्लाते हुए बोलती हैं “बस बहुत हो गया। उस लड़की के चक्कर में तुम लोग मुझसे मुंह चला रहे हो? कल की आई हुई उस लड़की के लिए, तुम लोगों ने मुझसे मुंह चलाना स्टार्ट कर दिया। उसने तुम सबको मेरे खिलाफ भड़का दिया है। वो लड़की दो कौड़ी की.. उसकी इतनी हिम्मत.. कल विध्वंश, आज जैन और फिर वैभव.. और फिर पता नहीं कौन-कौन मुझे यहां उस लड़की की वजह से बोलेगा, और बहस करेगा। उस लड़की को तो अब मैं इस घर में बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगी। उस लड़की को इस घर से जाना होगा।
वैभव और जैन एक साथ खड़े होते हुए बोलते हैं “कोशिश करके देख लीजिए बुआ जी.. आपको पता चल जाएगा इस घर से कौन जाएगा और कौन नहीं।”
युगांत जी अपनी जगह से खड़े होते हुए बोलते हैं “अब तो लगता है हमें अपने रूम में ही जाकर सुकून से नाश्ता करने को मिलेगा, डाइनिंग टेबल पर तो करने को मिलने से रहा।”
इतना बोलकर वो वहां से चले जाते हैं। कल्याणी जी भी एक सर्वेंट से अपने रूम में नाश्ता लाने का बोलकर वहां से चली जाती हैं। ऐसे ही धीरे-धीरे करके वो पूरा हॉल खाली हो जाता है, सिर्फ वहां पर ओजस्वी जी ही बचती हैं।
"वहीं दूसरी तरफ"
विध्वंश और छनक कार में बैठे हुए थे, विध्वंश बहुत ही आराम से कार चला रहा था, वो एक नज़र छनक को देखता फिर सामने देखता, फिर वापस छनक को देखता फिर सामने देखता है, वो ऐसे ही कार चला रहा था। उनकी कार की स्पीड ज्यादा नहीं थी। बिल्कुल स्लो भी नहीं थी और ना ही तेज थी वो मीडियम स्पीड पर कार चला रहा था। वहीं छनक बहुत ज्यादा बोर हो रही थी, उसे विध्वंश की आंखों की तपिश खुद पर महसूस हो रही थीं।
उसने अपनी साड़ी को अपनी मुट्ठी में भरा हुआ था और अपने बालों का जूड़ा बनाया हुआ था, उसके बालों की कुछ लतें उसके गालों को चूम रही थीं। जो उसे बार-बार इरिटेट कर रहे थे, वो अपने हाथ से अपने बालों को पीछे करती है, लेकिन कार की खिड़की खुली होने की वजह से बार-बार वो हवा में उड़ते हुए उसके गालों को चूमती हैं। उसे ऐसे इरीटेट होते देख विध्वंश को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वो कार रोक कर छनक की तरफ झुक जाता है, अचानक उसके ऐसे झुकने से छनक की धड़कन तेज हो जाती हैं।
उसे उसकी गहरी सांसे अपने गालों पर, अपने कंधे पर महसूस हो रही थी। उसका गला सूखने लगा था, वो अपने गले को तर करते हुए अपनी गर्दन धीरे से घूमाते हुए विध्वंश को देख रही थी। जो उसे ही एक तक देख रहा था, वो धीरे से उसकी सीट बेल्ट खोल देता है और उसे उसकी खुली कमर से पकड़ कर उसे एक झटके में अपनी गोद में बैठा लेता है। विध्वंश का एक हाथ छनक की कमर पर था, तो दूसरा हाथ कार की स्टेरिंग पर था। वो दोबारा कार स्टार्ट कर देता है, और अपने एक हाथ से उस कार को चलाने लगता है, वो बहुत ही अच्छे से अपने एक हाथ से भी कार चला रहा था।
वहीं वो अपने दूसरे हाथ से छनक की कमर पर हरकतें कर रहा था। छनक की पकड़ अपनी साड़ी पर कसती ही जा रही थी। उसने बहुत कस के अपनी मुट्ठियों में अपनी साड़ी को भरा हुआ था। उसकी सांसे गहरी हो रही थीं, जिसे वो नार्मल करने की कोशिश कर रही थी। विध्वंश कार के सीसे बंद कर देता है, क्योंकि बाहर से आती हवा छनक के बालों को उड़ा रही थी और छनक के गालों को चूम रहे थे, जिससे उसे जलन महसूस हो रही थी। वो कैसे उसके बालों को चूम सकती थीं? वो हक तो विध्वंश का था ना। वो अपना हक कैसे किसी और को दे सकता था?
वो अपने एक हाथ से जिससे वो कार ड्राइव कर रहा था छनक के बालों को खोल देता है और धीरे से उसके कान के पास आते हुए बोलता है “खुले बालों में ज्यादा सुंदर लगती हो तुम, ये खुली जुल्फे तुम्हारी कमर तक आती ये, मेरे दिल को छनका जाती हैं। ऐसे ही रहा करो, ज्यादा खूबसूरत लगती हो।”
छनक कुछ भी नहीं बोलती है, उसके गाल हल्के लाल हो गए थे, वो शर्मा रही थी। उसने अपनी पलके नीचे झुकाई हुई थीं। विध्वंश हल्का सा मुस्कुरा देता है और म्यूजिक प्लेयर ऑन कर देता है। उसका अभी भी एक हाथ छनक की कमर में हरकत कर रहा था, वो कभी उसकी कमर को टैप करता तो कभी उसकी कमर को सहलाता, तो कभी उसकी कमर पर हल्का सा Pinch कर लेता।तो कभी अपने हाथों को उसकी कमर में आगे लेकर जाता तो कभी पीछे लेकर जाता। वो यही कर रहा था, वहीं छनक बार-बार उसके ऐसे छेड़ने पर उसको देखने लगती है, लेकिन विध्वंश बस मुस्कुराते हुए सामने देखते हुए कार चला रहा था, उस कार मैं एक सॉन्ग बजने लगता है…
चाहे कुछ ना कहना…
भले चुप तू रहना…
मुझे है पता, तेरे प्यार का..
विध्वंश सॉन्ग चेंज करने लगता है, छनक उसका हाथ पकड़ लेती है। विध्वंश सवालिया नजरों से छनक को देखने लगता है। छनक धीरे से बोलती है “ये सॉन्ग हमें बहुत पसंद है। ये हमारे फेवरेट सिंगर का सॉन्ग है, जिसे हमने आज तक नहीं देखा, लेकिन ये सॉन्ग सच में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है। आपको पता है रात के 9:00 बजे हमारे रेडियो में इस सिंगर का सॉन्ग आता था और हम सारा काम छोड़कर उनका सॉन्ग सुनने बैठ जाते थे। सच में उनकी आवाज का क्या ही कहना, उनकी आवाज इतनी ज्यादा खूबसूरत है सीधे दिल में बस जाती है।”
वो बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी और उस सिंगर की तारीफ कर रही थी। वहीं विध्वंश खामोशी से मुस्कुराते हुए उसकी सारी बातें सुन रहा था। वो मुस्कुरा रहा था, उसे जलन नहीं हो रही थी, वो बस मुस्कुराते हुए अपनी प्यारी बीवी की मासूमियत से भरी बातें सुन रहा था। वो कुछ भी नहीं बोलता और अपना हाथ पीछे कर लेता है, और सामने देखते हुए कार ड्राइव करने लगता है। वहीं छनक आराम से उसकी गोद में उसके सीने से लगी हुई बैठी हुई थी।
खामोश चेहरा, आँखों पे पहरा..
खुद है गवाह, तेरे प्यार का…
तेरी झुकी नज़र, तेरी हर अदा..
मुझे कह रही है ये दास्तां..
कोई शक़्स है जो के इन दिनों…
तेरे जेहनो दिल पे है छा गया..
जब ये लाइन आती है उसकी नज़रें खुद ब खुद ही झुक जाती हैं। उसके गाल हल्के लाल हो गए थे, वो शर्मा रही थी, ब्लश कर रही थी, ये लाइनें उसे ब्लश करने पर मजबूर कर रही थीं। वो विध्वंश की गोद में बैठी हुई थी और ये लाइन कहीं ना कहीं उसकी हर एक सिचुएशन को बयां कर रही थी।
तेरी झुकी नज़र, तेरी हर अदा
मुझे कह रही है ये दास्तां…
तेरी ज़ुल्फ़ जब भी बिखर जाती है
ए हसीं तू हसीं और हो जाती है…
इन लाइंस के साथ ही विध्वंश धीरे-धीरे गुनगुना रहा था, लेकिन छनक को उसकी आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी, क्योंकि सॉन्ग की आवाज तेज थी थोड़ी, जिससे छनक को विध्वंश की आवाज बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रही थी, वो तो बस इस गानों में खोई हुई थी। वहीं विध्वंश छनक के बालों के उस गुलाब की खुशबू को अपने अंदर बसा रहा था, उसके बालों को ऐसे स्निफ कर रहा था जैसे वो उसके बालों से आती हर एक खुशबू को अपने अंदर समाना चाहता हो।
वहीं छनक अपनी पलके झुकाए बस उस सॉन्ग को सुन रही थी। थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ी नॉमिनी हवेली के पोर्च में आकर रूकती है, विध्वंश ड्राइविंग सीट का दरवाजा खोलता है छनक जल्दी से उतर जाती है, वहीं विध्वंश भी उतरता है, वो मुस्कुराते हुए छनक को देख रहा था और वहीं छनक अपनी पलके नीचे झुकाए चल रही थी।
ओजस्वी जी जो अपने रूम की खिड़की के पास खड़ी थी,वो ये सब कुछ देख रही थीं उन्हें बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, उनके हाथों में कॉफी का मग था जिस पर उनकी पकड़ कसती जा रही थी।
कोन है छनक के भाई? क्या विध्वंश को ओजस्वी जी के इरादों के बारे में पता चल जाएगा?
"शाम का वक्त"
सूरज ढल रहा था, सूरज की हल्की लाल और ऑरेंज रोशनी अभी भी आसमान में फैली हुई थी, जो नोमानी हवेली से भी साफ दिख रही थी। अगर छत से वहां का व्यू देखा जाए तो देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगता है, लेकिन छनक इस वक्त गार्डन में बैठी हुई थी और वो वहीं से वहां के व्यू को देख रही थी। वहां से भी सन सेट देखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रहा था। वो गार्डन दुनिया भर के तमाम रोजेस से भरा हुआ था, उस गार्डन में दुनिया भर के तमाम रोजेज लगे हुए थे। एक भी ऐसा गुलाब का फूल नहीं था जो उस गार्डन में ना लगा हो, हर रंग के गुलाब के फूल जिसकी खुशबू उस पूरी हवेली में महकती थी। वहीं उन गुलाबो से भरे उस गार्डन के बीच में कुछ चेयर्स और एक टेबल रखी हुई थी।
छनक शांति से उस चेयर पर बैठी एकटक उस सूरज को देख रही थी। उसकी आंखों में नमी थी जो धीरे-धीरे करके उसके गालों से लुडकती हुई नीचे बह रही थी, उसकी अब पलके पूरी तरीके से भीगी हुई थीं, उसकी आंखों में धीरे-धीरे मोटे-मोटे आंसू भर गए थे और वो बहुत ज्यादा रो रही थी। उसने अपनी आंखें बंद की हुई थी, उसकी आंखों के सामने थोड़ी देर पहले का सीन आने लगता है..
जहां वो शांति से अपने रूम में बैठी हुई थी, वो किसी से कुछ ज्यादा बात नहीं करती थी, तभी एकदम से उसके रूम का दरवाजा खुलता है। छनक अपनी नजर उठा कर सामने देखती है जहां ओजस्वी जी गुस्से में छनक को घूरते हुए खड़ी थीं। छनक को उनसे बहुत ज्यादा डर लग रहा था, क्योंकि वो बहुत ही ज्यादा गुस्से में बस उसे ही घूरे जा रही थीं, और उन्होंने जो जो उसे कल बोला था उसके बाद उसको उनसे बहुत ज्यादा डर लगता था। पता नहीं वो अब उसको क्या बोल दें, कहीं वो उसे इस घर से बाहर न निकल दे या फिर विध्वंश को उसे छोड़ने के लिए न मना ले। यही सब उसके दिमाग में आ रहा था।
वो जल्दी से उठकर अपने सर पर अपना पल्लू डाल लेती है, और ओजस्वी जी उसके बिल्कुल सामने आकर उसे घूरते हुए बोलती हैं “ये तुम दो कौड़ी के नाटक तो मेरे सामने बिल्कुल भी मत करना। तुम्हें क्या लगता है तुम अपने सर पर ये पल्लू डालोगी और मेरे सामने ये दो कौड़ी के नाटक करोगी तो मैं पिघल जाऊंगी? मैं बाकी के घर वालों की तरह नहीं हूं कि तुम्हारी ये दो कौड़ी की नौटंकी से पिघल जाऊं। समझी तुम?
और तुमने आते ही अब मेरे घर वालों के ऊपर अपना ये काला जादू करना शुरू कर दिया? तुम गांव वाले होते ही ऐसे हो, काली शक्तियां होती है ना तुम्हारे पास। गांव में इसलिए तो रहते हो तुम लोग, ताकि ये काली शक्ति अपना सको और बड़े घर में जाकर उन काली शक्तियों के सहारे सारे घर वालों को अपनी मुट्ठी में कर सको, लेकिन मुझे अपनी मुट्ठी में करना इतना आसान नहीं है।
तुम्हारा ये असली चेहरा मैं सबके सामने लेकर आऊंगी और तुम्हें इस घर से बाहर निकलवाऊंगी, देख लेना.. विध्वंश अपने हाथों से तुम्हें इस घर से धक्के मारता हुआ बाहर निकाल फेंकेगा, तब मेरे दिल को सुकून मिलेगा। बेज्जती हुई है मेरी इस घर में, सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से। जिस घर में लोग मुझसे नजर उठा कर बात करने तक की हिम्मत नहीं करते थे उस घर में तुम्हारी वजह से लोग मुझसे बहस करने लगे हैं। अपनी हर एक इंसल्ट का मैं तुमसे बदला लूंगी। You Just Wait And Watch…”
उन्होंने छनक के बाजू को बहुत कस के पकड़ा हुआ था। छनक इतनी ज्यादा गोरी थी की उनके इतने कस के पकड़ने से उनकी सारी हाथों की उंगलियां उसके बाजू पर बन गई थी। छनक को अपनी बाजुओं पर बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा था, वो अपनी नज़रें नीचे झुकए ओजस्वी जी की सारी बातें सुन रही थी। वो उनसे कुछ भी नहीं बोल रही थी, उसकी पलके पूरी भीगी हुई थीं, उसे रोना आ रहा था, बहुत तेज रोना…
लेकिन वो कभी किसी के सामने रोती नहीं थी और इस वक्त भी वो नहीं रो रही थी। वो शांति से उनकी सारी बातें सुन रही थी। वो ऐसे ही उसे बेदर्दी से बैड पर पटक कर वहां से चली जाती हैं। उनके जाने के बाद छनक जैसे तैसे उठकर बैठती है और शीशे के सामने अपने बाजुओं को देखती है।
उसने स्लीवलेस ब्लाउज पहना हुआ था जिसकी वजह से उसके बाजू में पड़े वो लाल उंगलियों के निशान साफ नजर आ रहे थे। इस वक्त नोमानी हवेली में कोई भी नहीं था। विध्वंश अपने काम से कहीं बाहर गया था, जैन और बाकी सब लोग भी किसी न किसी काम से बाहर गए थे। सिर्फ घर में छनक और ओजस्वी जी ही थीं और ओजस्वी जी तो इसी वक्त का इंतजार कर रही थीं, उन्होंने इस वक्त छनक को बहुत कुछ सुना दिया था।
छनक को अपने दिल में बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा था। विध्वंस उसे गांव से जबरदस्ती शादी करके यहां लेकर आया था, कैसे कोई उसे घर से निकाल सकता था? उसने तो नहीं बोला था उसे कि मुझसे शादी करें। वो जबरदस्ती शादी करके लाया था। उसने देखा था, वो कितना खतरनाक है, उसकी आवाज तक नहीं निकलती थी विध्वंश के सामने और यहां उसके कैरेक्टर पर उंगली उठाई जा रही थी, और साथ में अब उसे काला जादू करने वाली भी बोला जा रहा था, जो की सारे इल्जाम उसके ऊपर झूठे थे।
"फ्लैश बैक एंड"
छनक को अपने पीछे किसी के गुर्राने की आवाज सुनाई देने लगती है। वो एकदम से डर जाती है। उसकी आंखें बड़ी-बड़ी हो जाती हैं, उसकी क्रिस्टल ब्लू आईज में डर साफ दिखाई दे रहा था, क्योंकि ये गुर्राने की आवाज किसी जानवर की थी। छनक बिल्कुल वैसे ही बैठी रहती है, वो बिल्कुल भी पीछे नहीं मुड़ती है। उसने अपनी साड़ी को कस के अपनी मुट्ठी में भर लिया था। वो बिल्कुल ही स्ट्रेट बैठ जाती है। ना इधर हिलती है ना उधर हिलती है।
उसने अपनी सांसों को रोका हुआ था। तभी पीछे से ब्लैक पैंथर निकल कर सामने आता है। वो छनक के बिल्कुल, सामने आकर खड़ा हो जाता है। वो छनक को देखकर गुर्राने लगता है। वो एक बार उस पूरी कुर्सी का गोल-गोल चक्कर लगाता है जहां छनक बैठी हुई थी। उसकी आंखे बंद होना चाहती थीं लेकिन उसने जबर्दस्ती अपनी आंखों को खोला हुआ था। वो अपनी आंखें बंद नहीं कर रही थी, उसने अपनी सांस रोकी हुई थी। वो बिल्कुल ऐसे दिख रही थी जैसे वो मर गई हो। वो ब्लैक पैंथर जो उस कांच की टेबल में चढ़ गया था, वो उस टेबल से उतरकर छनक के बिल्कुल पास आकर बैठ जाता है और रोने लगता है।
उसके रोने की आवाज छनक को साफ सुनाई दे रही थी, उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। छनक को नहीं समझ में आ रहा था वो ब्लैक पैंथर उसके बगल में बैठा क्यों रो रहा है, उसे बिल्कुल भी इस बात का नहीं पता था। कैसे जानती वो? उसे आए हुए इस घर में दो ही दिन तो हुए थे। वो ब्लैक पैंथर बिल्कुल उसके पैरों के बगल से बैठा रो रहा था, उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे।
छनक से अपनी सांसे और रोकी नहीं जाती है, वो एक गहरी सांस लेकर छोड़ती है, लेकिन बहुत ही आराम से छोड़ती है ताकि उस ब्लैक पैंथर को बिल्कुल भी पता ना चले, की वो जिंदा है। वो थोड़ा सा झुककर उस ब्लैक पैंथर को देखती हैं जो अपनी आंखें खोले रो रहा था। उसकी आंखों से बहते आंसू उस घास में गिर रहे थे। छनक को पता नहीं क्यों बहुत ही ज्यादा बुरा लगता है। वो ऐसे उसे रोते हुए नहीं देख सकती थी, वो उसके बगल में आकर रो रहा था, मतलब वो खतरनाक तो नहीं था।
"दूसरी तरफ"
विध्वंश जो अपनी कार बहुत ही तेज ड्राइव कर रहा था, वो अपनी कार फुल स्पीड में चला रहा था। उसकी आंखें गुस्से में तमतमा रही थीं, गुस्से में उसकी आंखें अंगार उगल रही थीं। आंखों का रंग पूरा लाल हो गया था। उसका अचानक से फोन बजने लगता है, वो अपने फोन को इग्नोर कर सिर्फ अपनी कार को हवा से भी तेज रफ्तार पर भगाने में लगा हुआ था, लेकिन फोन बार-बार बज रहा था।
वो उस फोन को अपने ब्लूटूथ से कनेक्ट कर लेता है और उसके बोलने से पहले ही दूसरी तरफ से आवाज आती है “बॉस बॉस…”
वो तेज आवाज बोलता हैं “अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी लाश कहीं गायब न हो जाए तो जल्दी बको।”
दूसरी तरफ के आदमी को विध्वंश की आवाज में गुस्सा साफ नजर आ रहा था। वो आदमी जल्दी से कुछ बोलता है, जिसे सुनकर विध्वंश की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं, उसके चेहरे पर हल्का डर नजर आने लगता है, उसके चेहरे पर घबराहट दिख रही थी। उसे अपने दिल में एक तेज दर्द महसूस होता है।
वो तेज आवाज बोलता है “ध्यान रखना मैं आ रहा हूं….”
इतना बोलकर वो कॉल कट कर देता है और कार की स्पीड जो अभी उसने कुछ वक्त पहले धीमी कर ली थी वो फुल स्पीड में चलाने लगता है, उसके चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था।
"रात का वक्त"
एक कमरे में एक लड़का अपनी बालकनी में खडा एकटक उस आसमान में निकलते चांद को देख रहा था, उसकी आंखें नम थीं। वो एकटक उस चांद को देखते हुए खुद में गाना गुनगुनाने लगता है….
Tu mohabbat hai, ishq hai mera
Ik ibadat hai, saath ye tera…
Tu mohabbat hai, ishq hai mera
Ik ibadat hai, saath ye tera
Jab dil se dil mile hai,
Phir kyu ye faasle hai, is tarah
Aa bol de tu, ya bol du main
Kab tak chupaaye, ye bekhudi
Tum mein hum hain,
Hum mein tum ho
Tumse hum hain, humse tum ho
Kismaton se milte hai, do dil yahan..
Har kisi ko, nahi milta,
Yahan pyaa..r, zindagi mein
Har kisi ko, nahi milta,
Yahan pyaa..r, zindagi mein
वो आदमी ये गाना गुनगुना रहा था और गुनगुनाते हुए उसकी आंखों के सामने एक सीन चलने लगता है, जिसमें एक लड़की एक कमरे की खिड़की से नीचे कूदती है, वो लड़की नीचे जमीन पर गिर जाती है और उसके आसपास बहुत सारा खून-खून फैल जाता है। उसके सर से खून बह रहा था, बहुत ज्यादा खून.. इतना ज्यादा खून कि उस आदमी की आंखों में आंसू बहने लगे थे।
उस सीन को याद करते हुए उसकी आवाज तक कांप रही थी, वो गाना उसके दिल के हाल को बयां कर रहा था। वो बहुत ही ज्यादा घबरा रहा था, फिर भी उस गाने को गा रहा था। ये कोई और नहीं आर्यवंश था, जो सबके सामने इतना हंसमुख बना रहता था, मजाक करता था, मस्ती में जीता था जैसे कि उसकी दुनिया में कोई गम है ही नहीं। उसकी जिंदगी हमेशा खुशियों से भरी हुई है, उसकी जिंदगी में गम का नामो-निशान तक नहीं है, लेकिन असल में वो अपने दिल मे बहुत सारे दर्द लिए जी रहा था।
उसके दिल में इतना ज्यादा दर्द है कि अगर वो अपने दिल के दर्द को बयां करने पर आ जाए तो न जाने कितने दिन अपने दिल के दर्द को बयां करने में निकाल दे। सब अनजान थे उसके गम से, किसी को उसके गम का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था, लेकिन विध्वंश तो उसके हर एक दर्द, हर एक गम से वाकिफ था। उसे उसके हर एक दर्द का पता था कि वो कितने दर्द में रहता था। जहां वो दिन भर लोगों के साथ हंसी मजाक, मस्ती मजाक में रहता था तो वहीं रात होते ही उसके दिल में उसका गम, उसका दर्द हावी हो जाता था। जिसे वो मिटाने इस छोटे से घर में आ जाता था।
वो छोटा सा घर लकड़ी का बना हुआ था, उस घर में सिर्फ दो कमरे और एक किचन बना हुआ था। उसमें छोटी सी छत और बालकनी थी। आर्यवंश वहीं उस दीवार से टिककर बैठ जाता है, उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। वो इसी जगह तो आकर अपने सारे दर्द, अपने गम निकालता था, रोता था। अपनी दिन भर की वो झूठी मुस्कुराहट को यहां आकर छोड़ देता था और अपने उन आंखों में भरे हुए आंसुओं को निकालता था।
"वहीं दूसरी तरफ"
एक खाली सड़क पर दो बाइक्स चल रही थीं जो बहुत ही तेज स्पीड में जा रही थीं, उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि वो लोग बाइक रेसिंग कर रहे थे। उन बाइक पर बैठे हुए दोनों लोगों ने ब्लैक जींस, ब्लैक शर्ट और ऊपर से ब्लैक कलर की लेदर जैकेट डाली हुई थी और ब्लैक कलर का हेलमेट लगाया हुआ था, हाथों पर ब्लैक कलर के ग्लव्स और पैरों पर ब्लैक कलर के लेदर शाइनिंग करते हुए शूज पहने हुए थे। दोनों ब्लैक कलर के ही कपड़ों में लिपटे हुए थे। वो दोनों बहुत ही तेज स्पीड पर बाइक चला रहे थे।
वहीं एक लड़का अपने हाथों को ऊपर करके हिलाते हुए बोलता है “डूड इस बार तो मैं ही जीतूंगा। ये रेस मैं जीतूंगा, देख लेना.. इस बार तुम्हारे जीतने के चांसेस नहीं हैं।”
दूसरी बाइक पर बैठा हुआ लड़का हल्का मुस्कुराते हुए बोलता है “देखते हैं डूड, कौन जीतता है और कौन हारता है। इस रेसिंग का चैंपियन हूं मैं, इतनी आसानी से तो मैं हारने वाला नहीं, बाकी तुम कोशिश करके देख सकते हो।”
इतना बोलकर वो अपनी बाइक की स्पीड बहुत ही तेज कर लेता है और उसके आगे निकल जाता है। वहीं उनसे काफी दूर एक जगह रेड कलर का फ्लैग लगा हुआ था, जो लहरा रहा था। हवाएं तेज चल रही थी, बहुत तेज.. और वो लाल फ्लैग वैसे ही लहरा रहा था। उन दोनों बाइक्स में से जो बाइक पहले उस रेड फ्लैग तक पहुंचेगी वही रेस जीतने वाला था और एक बाइक आगे थी जो उस रेड फ्लैग तक पहुंचने वाली थी, वो बाइक वाला अपनी स्पीड फुल में कर लेता है और 2 मिनट के अंदर ही उस रेड फ्लैग तक पहुंच जाता है।
वो अपनी बाइक को रोक कर एक स्टैंड पर खड़ा करता है और हेलमेट उतार देता है। वो अपने बालों में हाथ लगाकर अपने बालों को इधर-उधर कर रहा था। उसने अपने बालों को बिल्कुल मैसी कर लिया था, दिखने में वो बहुत ही ज्यादा हैंडसम लग रहा था। उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट बरकरार थी।
तो एक दूसरा लड़का वहां पर आकर अपनी बाइक रोकते हुए बोलता है “जैन This Is Not Fair.. तुम इस बार मुझे जीतने दे सकते थे ना। कम से कम मेरी गर्लफ्रेंड के सामने मेरा इंप्रेशन बन जाता, लेकिन नहीं.. तुमने मुझे नहीं जीतने दिया। बे मन से ही मुझे जीतने दे देते, मुझे पता है तुम बाइक रेसिंग के चैंपियन हो। बाइक रेसिंग में तुम्हें कोई भी हरा नहीं सकता, लेकिन इस बार तो तुम मेरे लिए इतना कर ही सकते थे ना?”
जैन मुस्कुराते हुए बोलता है “डूड हम नोमानिस ने कभी हार मारना नहीं सीखा। चाहे वो किसी की खुशी के लिए ही क्यों ना हो। हम किसी को जीतने नहीं दे सकते। Sorry…”
तभी उसे एक लड़की वहां से जाती हुई दिखाई देती है जिसने ब्लैक रंग की साड़ी पहनी हुई थी। वो लड़की काफी दूर थी, जैन को उसका चेहरा अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन वो लड़की दिखाई दे रही थी दूर से, ऐसा लग रहा था जैन को देखकर जैसे जैन ने उसे पहले भी कहीं देखा हो, लेकिन कहां ये उसे नहीं समझ में आ रहा था, और चेहरा भी तो क्लियर नहीं दिख रहा था, तो कैसे उसे पहचाना सकता था?
क्या करेगा ब्लैक पैंथर छनक के साथ? क्या कहा गया विध्वंश से, जो उसके चेहरे में डर नजर आने लगा? कोन है वो लड़की जो जैन को जानी पहचानी लगी?
"रात का वक्त"
" नोमानी हवेली"
एक कार बहुत ही तेज स्पीड में नोमानी हवेली में आकर रूकती है, उस कार के रुकते ही उस कार का दरवाजा बहुत ही तेज़ी से खुलता है और विध्वंश उस कार से निकलता हुआ सीधा गार्डन एरिया की तरफ भागता है। जब वो गार्डन एरिया में पहुंचता है तो उसकी आंखें हैरानी से फैल जाती है, क्योंकि सामने छ्नक ब्लैक पैंथर के साथ आराम से बैठी हुई थी और उसके सर को सहला रही थी।
वहीं वो ब्लैक पैंथर छनक के पैरों के पास बैठा हुआ उसके पैरों को अपने गालों से सहला रहा था, जहां उस वक्त उसकी आंखों में आंसू थे तो इस वक्त वो मुस्कुराते हुए छनक के पैरों में अपने गाल को सहला रहा था। वहीं छनक उसके बालों को आराम से सहलाते हुए धीरे से बोलती है “Trimsy तुम तो बहुत क्यूट हो, हम तो तुमसे बिना फालतू के हो डर रहे थे, इतने प्यारे क्यूट से हो। वैसे तुम यहां आए कैसे? क्या इतने से प्यार से मेरे Trimsy को किसी ने यहां पर कैद करके रखा था लेकिन घर वाले तो बहुत ही अच्छे हैं वो तुम्हें क्यों कैद करके रखेंगे?”
वो बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी, फिर कुछ सोचते हुए बोलती है “हां जरूर तुम्हें उन्हीं ने कैद करके रखा होगा, है ना Trimsy.. तुम्हें उन्होंने ही कैद करके रखा है ना?”
Trimsy अपना सर उठाकर कंफ्यूजन में छ्नक को देखने लगता है। छनक जैसे समझ जाती है कि वो कंफ्यूज है, नहीं समझ पा रहा कि वो किसकी बात कर रही है।
वो बोलती है “अरे वहीं जो हमें यहां पर शादी करके लेकर आए हैं। वहीं… हम उन्हीं की बात कर रहे हैं.. हमें पता है वो जल्लाद है, पक्का तुम्हें यहां पर उन्होंने ही कैद करके रखा है ना.. बाकी घर में देखो सब कितने ज्यादा प्यार से बात करते हैं। हां लेकिन जो उनकी बुआ जी है ना वो थोड़ी सी खड़ूस है, पता नहीं क्यों हमसे ऐसे इस तरीके से बात करती हैं?
हमने न तो उनकी भैंस चुराई है, न ही उनका मेकअप चोरी किया है। क्योंकि हमें उन्होंने तो सारा मेकअप ला कर दिया है ना, हमें जो चाहिए तो हम बुआ जी का मेकअप क्यों चोरी करेंगे? फिर भी वो आते ही हमारे पीछे पड़ गई। बताओ Trimsy इसमें हमारी तो कोई गलती नहीं है ना..
आप बताओ हम तो जबरदस्ती यहां नहीं आए थे, अब उन्हीं के तो भतीजे हमें जबरदस्ती शादी करके यहां लेकर आए हैं, लेकिन हम उनके घर वालों को नहीं बताएंगे उन्होंने हमसे जबरदस्ती शादी की है, अगर हमने बता दिया तो फिर उनकी क्या इज्जत रह जाएगी उनके घर वालों के सामने? अब वो हमारे पति हैं, अब हमें उनकी इज्जत का ख्याल रखना होगा। उनकी इज्जत ऐसे डूबने नहीं दे सकते, सिर्फ और सिर्फ अपनी वजह से।”
वो बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बोल रही थी। वहीं Trimsy उसके पैरों पर अभी भी अपने गालों को सहला रहा था। विध्वंश को ब्लैक पैंथर से भी जलन हो रही थी, उसके हाथों की मुट्ठियां कस गई थीं।
वो खुद से बोलता है “मेरी बीवी सबसे इतने प्यार से बात करती है सिर्फ मुझसे ही बात करने में उसकी जुबान फेवीक्विक से चिपक जाती है, मुझसे ही कुछ नहीं बोलती है। सिर्फ हर वक्त डरती रहती है और यहां इससे भी इतने अच्छे से बात कर रही है।”
उसे Trimsy से बहुत ही ज्यादा जलन हो रही थी, वो आगे जाकर तेज आवाज बोलता है “Phoenix तुम अपने पिंजरे से बाहर कैसे आए?”
Trimsy उसे देखकर डर जाता है और छनक के पीछे छुपने लगता है, जैसे उसे बोल रहा हो “मम्मा Please मुझे बचा लो, नहीं तो डैडी तो आज मुझे बहुत मारेंगे, मेरी अच्छे से क्लास लगाएंगे। विध्वंश को यहां देख कर छनक भी डर जाती है।”
वो खुद से ही बोलती है “कहीं इन्होंने हमारी सारी बातें तो नहीं सुन ली? हे दुर्गा मां हमें बचा लो, अगर इन्होंने सारी बातें सुन लीं और रूम में जाकर मुझ पर चिल्लाए या मुझे मारा तो?”
वहीं Trimsy छनक के पीछे ऐसे दुबक कर बैठा हुआ था जैसे छनक उसे बचा लेगी और वो छनक की साड़ी को धीरे-धीरे से अपने मुंह में दबाकर हिला रहा था, जैसे बोल रहा हो “मम्मा Please Save Your Child… Save Your child… मम्मा प्लीज बचा लो…”
छ्नक खुद से धीरे से बोलती है “मैं Trimsy को कैसे बचाऊंगी? यहां मेरी जान खुद ही हलक में अटकी हुई है, हमें खुद ही इनसे इतना ज्यादा डर लगता है, तो हम इस प्यारे से Trimsy को कैसे बचाएंगे?”
विध्वंश तेज आवाज में बोलता है “Phoenix लीव माय वाइफ साड़ी… एंड गो टू योर केज..”
Trimsy दुम दबाते हुए अपने पिंजरे में चला जाता है, वहीं छनक अपनी आंखें टिमटिमाते हुए विध्वंश को ही देख रही थी, उसे विध्वंश से डर लग रहा था।
विध्वंश उसकी तरफ अपने कदम बढ़ाने लगता है, छ्नक तो बिल्कुल स्टैचू बन गई थी। वो इधर से उधर बिल्कुल भी नहीं हिल रही थी, उसकी बॉडी विध्वंश को देखकर एकदम कांपने लगती है, क्योंकि वो गुस्से में उसे घूर रहा था, उसे जलन हो रही थी, Phoenix उसके इतने करीब था।
तभी विध्वंश उसके बिल्कुल करीब आकर उसे अपनी बाहों में उठाते हुए बोलता है “मेरे तो करीब कभी इतना नहीं आती हो, क्या खुद से मेरे कभी इतना करीब आई हो? हमेशा दूर जाती हो और phoenix के इतना करीब बैठी हुई थी, This Is Not Good Kitten… पति हूं मैं तुम्हारा। तुम्हारा पूरा हक है मेरे करीब आने का, लेकिन तुम तो मेरे करीब आती ही नहीं हो ना।”
छनक बस एकटक उसे देख रही थी, वो क्या ही बोलती? वो अपनी पलके नीचे झुका लेती है। एक बार फिर उसे ओजस्वी जी की सारी बातें याद आने लगती हैं, उसकी आंख खुल के एक बार फिर भीग जाती हैं। उसको रोने का मन कर रहा था, बहुत ज्यादा रोने का मन कर रहा था… एक विध्वंश ही था जिसके सामने वो जी भर कर रो सकती थी, वो विध्वंश की शर्ट अपने नन्हे नन्हे हाथों की मुट्ठियों में भरकर उसके सीने से लग एक बार फिर रोने लगती है। जहां विध्वंश अभी उसे हल्का गुस्से में घूर रहा था उसके ऐसे रोने से उसका दिल एक बार फिर पिघल जाता है, और दिल में फिर दर्द उठने लगता है।
वो लंबे-लंबे कदमों से अपने रूम की तरफ जा रहा था और छनक को शांत करते हुए बोलता है “Kitten शांत हो जाओ Please.. रोना बंद करो… तुम एक बात बताओ.. हर बार में रोने क्यों लगती हो? मैंने तुम्हें नहीं चिल्लाया, मैंने सिर्फ तुमसे पूछा था और तुम हो रही हो। इतना भी ज्यादा नहीं हुआ जो तुम रो रही हो। Please शांत हो जाओ।”
लेकिन छनक शांत नहीं होती बल्कि वो और रोती जाती है। विध्वंस उसे बार-बार चुप होने को बोल रहा था लेकिन वो शांत ही नहीं हो रही थी।
वो एक गहरी सांस लेकर थोड़ी तेज आवाज बोलता है “अगर तुमने अपना रोना नहीं बंद किया, शांत नहीं हुई तो मैं अभी तुम्हें यहां छोड़ दूंगा।”
छनक अपनी दोनों बाहें विध्वंश की गर्दन में लपेट कर और कस के लपेट लेती है, वो गिरना नहीं चाहती थी वो गिरती तो उसके कमर पर चोट लग जाती ना, वो नहीं करना चाहती तो टाइट से विध्वंश की शर्ट को पकड़ लेती है और एक हाथ उसकी गर्दन में डाल लेती है और उसके बिल्कुल करीब से चिपक जाती है। विध्वंश उसकी हरकत पर हल्का मुस्कुरा देता है। इस बार उसके मुस्कुराने पर उसके गालों पर डिंपल पड़ रहे थे, लेकिन छनक अपनी पलक उठाकर एक नजर भी विध्वंश और उसके डिंपल पड़ते गालों को नहीं देखा।
उसे ऐसे लग रहा था जैसे विध्वंश अभी भी गुस्से में उसे घूर रहा है, उसकी पलके भीगी हुई थी उसके आंसू नहीं बह रहे थे लेकिन उसकी पलके तो भीगी हुई थी ना। विध्वंश छनक को हाथों में लेकर जाता है और उसे बैड में अच्छे से बैठा देता है, उसको बैड पर बैठने के बाद खुद उसके बगल में बैठ जाता है और उसे कमर से पड़कर अपनी गोद में बैठा लेता है और उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर उसके चेहरे को एकटक देखते हुए बोलता है “What Happend Kitten… तुम रो क्यों रही थी?
कितनी बार मैंने बोला है रोया मत करो, थोड़ा तो अपने पति पर तरस खा लिया करो। तुम्हारे पति को बिल्कुल तुम्हारी आंखों में ये आंसू बर्दाश्त नहीं है और तुम हर वक्त ऐसे रोके मेरे दिल में दर्द पैदा कर देती हो। रोना बंद करो और ये बताओ तुम रो क्यों रही थी? मेरे इतना से चिल्लाने से तो तुम रो नहीं रही थी, बताओ हुआ क्या है? अगर किसी की वजह से तुम्हारी आंखों में आंसू आए हैं तो मैं उस इंसान को छोडूंगा नहीं। नाम बताओ तुम उसका।”
छ्नक जिसने अपने आंसू को कंट्रोल किया हुआ था वो एक बार फिर बहने लगते हैं, वो रोते हुए धीमी आवाज में बोलती है “अगर ये आंसू कभी आपकी वजह से मेरी आंखों में आए तो?”
विध्वंश उसके चेहरे को अपने हाथों में थाम कर उसके चेहरे को एकदम देखते हुए बोलता है “तब तुम सीधे मेरी गन लेकर मुझे शूट कर देना, मैने बताया था ना मेरी गन सेकंड रोल पर रखी हुई है, सीधे वहां से निकालना और सीधे मेरे यहां दिल पर शूट कर देना।”
वो अपने दिल वाली जगह पर उसकी उंगली पॉइंट रखते हुए बोलता है “कभी ऐसा नहीं होगा कि मेरी वजह से मेरी लिटिल कीटन की आंखों में आंसू आए, अगर ऐसा हुआ तो तुम सीधे उस गन से मुझे शूट कर देना। And Trust Me Kitten मैं एक शब्द भी नहीं बोलूंगा।”
छनक एकटक विध्वंश को देखने लगती है, वो कैसे ये बोल सकता था कि अगर उसकी वजह से उसकी आंखों में एक आंसू आए तो वो उसकी जान ले ले, छनक कस के विध्वंश को गले लगा लेती है, उसकी जान नहीं ले सकती थी, नहीं मार सकती थी वो उसे। वो वैसे ही विध्वंश के गले लगी रहती है।
"रात के 1:00 बजे"
जैन अपने रूम में बालकनी से आता है। वो मेन गेट से नोमानी हवेली में इंटर नहीं होता। रात के 1:00 रहे थे अगर मेन गेट से अपने नोमानी हवेली में इंटर होता और कोई देख लेता तो उसकी खैर नहीं थी, इसलिए आपको चुपके से पिलर के सहारे ऊपर आता है।
वो अपने रूम में पहुंचकर एक गहरी सांस लेते हुए बोलता है “बच गया, किसी ने देखा नहीं।”
ऐसे कहकर अपने रूम के लाइट्स ऑन करता है, उसकी एक तेज़ चीख निकल जाती है सामने विध्वंश बैड में हॉकी स्टिक लिए हुए बैठा था. वो बहुत ही ज्यादा गुस्से में लग रहा था, वो एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक जैन को देखा है जो वही अपनी बाइक रेसिंग वाले कपड़ों में लिपटा हुआ था।
विध्वंस उसे देखते हुए बोलता है “ऐसे कितनी लड़कियों के घरों में चढ़ते हो जैसे बालकनी चढ़ते हुए घुसे हो।”
जैन जल्दी से उसके पास आकर बोलता है “भाई ये आप कैसी बात कर रहे हैं? कसम से मैं किसी के भी घर ऐसे नहीं गया हूं, सिर्फ अपने घर आता हूं। अगर मॉम या डैड ने देख लिया या फिर आप लोगों ने देख लिया तो मेरी क्लास अच्छे से लगाएंगे। Sorry आज लेट हो गया, आइंदा कभी लेट नहीं होगा पक्का.. माफ कर दीजिए इस बार। मैं तो आपको नन्हा सा, छोटा सा, प्यारा सा, राज दुलारा सा भाई हुं ना? अपने छोटे से भाई को एक बार माफ कर दीजिए।”
विध्वंश बिना किसी एक्सप्रेशन के सामने देखते हुए बोलता है “कितनी बार बालकनी फांद के अपने रूम में आए हो?”
जैन कुछ सोचने लगता है, विध्वंश एक बार फिर तेज आवाज में बोलता है “मुझे करेक्ट आंसर चाहिए, गलती की कोई भी गुंजाइश नहीं।”
वो अपने हाथों से गिनती करते हुए धीरे से बोलता है “भाई 20 बार..”
विध्वंश तेज आवाज में बोलता है “ओह…”
वो आगे कुछ भी नहीं बोलता, जैन एक गहरी सांस लेते हुए खुद सही बोलता है “बच गया, वरना पता नहीं उनके अंदर कौन सा भूत है जो और कब क्या कर दें…”
वो राहत की सांस ले ही रहा था कि तभी फिर विध्वंश एक बार फिर अपनी तेज आवाज में बोलता है “तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?”
जैन धीरे से बोलता है “भाई वो चल नहीं रही है, उसके पैरों में दर्द है ना सिर्फ सुस्ती से स्टडी टेबल पर रखी हुई है।”
विध्वंश अपने हाथ में लिए हॉकी स्टिक अपने हाथों को अच्छे से फिरा रहा था, जैन ने जब ये देखा है वो जल्दी से बोलता है “भाई आपको पता है मैं कल रात 2:00 तक पढ़ाई की है..”
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है “अच्छा? और पढ़ने कब बैठे थे?”
जैन धीरे से बोलता है “1:45 पर…”
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है “अच्छा और कल घर कितने बजे आए थे?”
जैन जल्दी से बोलता है “भाई मैं कल 11:00 बजे आ गया था और मैं मेन गेट से आया था, मैं बालकनी से कूद कर नहीं आया था। मैं कल टाइम पर आ गया था ना, इसलिए..”
विध्वंश उसे देखते हुए बोलता है “हम्म्म और तुम वो कांड करके कब फ्री हुए थे?”
जैन आंखें फाड़े सामने बैठे विध्वंश को देखने लगता है, वो जल्दी से बोलता है “भाई कांड… कौन सा कांड? मैं तो कोई कांड भी नहीं किया, मैं सच बता रहा हूं मैंने कुछ भी नहीं किया है।”
विध्वंश बैड से खड़े होकर अपने कदम जैन की तरफ बढ़ने लगता है, विध्वंश को अपने पास आता देखकर जैन के चेहरे पर डर साफ नजर आने लगता है। विध्वंश उसके कंधे को थपथपाते हुए बोलता है “जैन तुम्हें क्या लगता है कि तुम मुझे नहीं बताओगे तो मुझे पता नहीं चलेगा? तुम आज इसलिए बच रहे हो क्योंकि तुमने कल जो किया अच्छा किया और आइंदा से आधी रात को ऐसे बालकनी चढ़ते हुए ना आना, पता चला तो डैड तुम्हें शूट कर देगे, ये सोच पता नहीं कौन चोर हमारी हवेली में घुस आया है।
इतनी बड़ी हवेली है हमारी और उसमें इतना बड़ा सा गेट लगा हुआ है, जिसको खोल के हम जब चाहे अंदर आ सकते हैं जब चाहे बाहर जा सकते हैं, तो ऐसे बालकनी फांद के आने की जरूरत नहीं है। देखकर बिल्कुल लफंडर वाली हरकतें लग रही है, कि पता नहीं ना जाने कितनी लड़कियों के घरों की तुमने ऐसे बालकनी में फांदी होंगी।”
जैन जल्दी से बोलता है,, भाई ट्रस्ट में कसम से मैं बता रहा हूं,मैने किसी भी लड़की के घर बालकनी नहिं फांदी, मुझे नहीं आता बालकनी फांदना, सिवाए अपने घर के, अपने घर के पाइप में चढ़ कर अपनी बालकनी में। आ सकता हूं, लेकिन किसी और के घर में नहीं जा सकता हूं । ट्रस्टम भाई.
विध्वंश बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है, , जैन उस हॉकी स्टिक को देखता है, जो विध्वंश ने जाते वक्त, उसके हाथों पर था di थी, जैन उस हॉकी स्टिक को देखते हुए बोलता है,, हां मेरे छोटे भाई मुझे तुम पर ट्रस्ट है, तो इनका ज्यादा क्या चला जाता हैचला जाता, हुंह इनसे अच्छी तो मेरी भाभी मां है।
किस कांड की बात कर रहा विध्वंश जैन से?
"नैनीताल"
"सुबह का वक्त"
नॉमिनी हवेली की किचन में सुबह के 6:00 लाइट्स ऑन थी और छनक वहां नाश्ता बना रही थी । उसने गैस पर कढ़ाई चढ़ाई हुई थी और उसमें दूध डाल रही थी । वो बहुत ही जल्दी-जल्दी अपने हाथ चला रही थी । जैसे वो बहुत ही ज्यादा प्रोफेशनल हो इस काम में ।
वो बहुत ही स्पीड के साथ काम कर रही थी । वही नॉमिनी हवेली में सब लोग सो रहे थे और छनक किचन में बिना किसी की हेल्प लिए सारा काम कर रही थी । क्योंकि इस वक्त सर्वेंट्स भी नहीं आए थे ।
छनक को थोड़ी प्रॉब्लम हो रही थी सामान ढूंढने में, लेकिन उसने धीरे-धीरे करके सारा सामान ढूंढ़ लिया था । उसने रॉयल ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी । जिसका स्लीवलेस ब्लाउज था ।
उसने अपने बालों का जुड़ा बनाया हुआ था और मांग में सिंदूर भरा हुआ था । गले में वही विध्वंश का दिया हुआ वी कलर का मंगलसूत्र पहना हुआ था । हाथों में रेड कलर की चूड़ियां पहनी हुई थी ।
वो बिल्कुल एक नई नवेली दुल्हन की तरह तैयार थी और काम करने में बिजी थी, उसकी चूड़ियों की छनकार वहां गूंज रही थी। उसने अपने साड़ी के पल्लू को अपने कमर में बंधा हुआ था । वो अपनी कमर पर हाथ रखकर कुछ सोचते हुए बोलती है, "हां, सब ले लिया । दूध भी चढ़ा दिया, चावल भी डाल दिए, कुछ तो छूट रहा है, कुछ तो छूट रहा है, पर क्या, याद क्यों नहीं आ रहा ।"
फिर खुद से बोलती है, "हां, ड्राई फ्रूट्स ! ड्राई फ्रूट्स कहां है ? वो क्यों नहीं मिल रहे ।"
वो अपने दांतों से अपने होठों को दबा लेती है । तभी उसके सामने ड्राई फ्रूट्स की कांच की बरनी आ जाती है । वो उस ड्राई फ्रूट्स को लेते हुए बोलती है, "हां, मिल गए ड्राई फ्रूट्स ।"
तभी उसके दिमाग में कुछ आता है और वो तुरंत पीछे मुड़कर देखती है । जहां पर जैन खड़ा था और छनक को मुस्कुराते हुए देख रहा था । छनक जैन को देखते हुए धीरे से बोलती हैं, "आप इतनी सुबह-सुबह उठ गए ।"
वो घर में अभी तक किसी से भी बात नहीं करी थी, तो उसे थोड़ा सा अजीब लग रहा था । जैन उसे देखते हुए बोलता हैं, "भाभी मां, पूरी हवेली में आपके हाथों के बने हुए खाने की खुशबू फैली हुई है और मैं तो ठहरा भुक्कड़ । अब जब खाने की खुशबू मेरी नाक में गई, तो मैं सीधा भागता हुआ यहां आ गया ।"
छनक उसकी बात पर हल्का मुस्कुरा देती है । जैन कढ़ाई में देखते हुए बोलता है, "भाभी मां, आप क्या बना रहे हैं ?" छनक मुस्कुराते हुए बोलती है, "खीर बना रहे हैं हम और आप बता दीजिए कि आपको क्या खाना है ? हम फटाफट आपके लिए भी बना देते हैं, कुछ ।"
जैन उसे देखते हुए बोलता है, "लेकिन आप क्यों बना रही है, कुछ भी, अभी मोम ने तो नहीं बोला ना आपसे कुछ बनाने को, तो फिर आप क्यों बना रही हैं ?"
छनक कुछ सोचते हुए धीरे से बोलती है, "हमारी पहली रसोई है ना, जो रह गई थी । हम कल बाहर चले गए थे ना , कल हमारी पहली रसोई थी, जो हम नहीं कर पाए थे । वो हम आज कर रहे हैं ।"
जैन कुछ सोचते हुए बोलता हैं, "ये आप सब बुआ जी की वजह से कर रहे हैं ना । आपको ये सब करने की कोई जरूरत नहीं है । छोड़िए, आप ये सब, आप क्यों कर रही हैं । आपको कुछ भी बनाने की जरूरत नहीं है । हवेली में इतने सारे सर्वेंट हैं और हमारे शेफ है, तो आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है ।"
छनक मुस्कुराते हुए बोलती है, "ये हर एक लड़की को करना पड़ता है, जब उसकी शादी होती है । तो उसकी पहली रसोई होती है, जो हर एक लड़की को करनी पड़ती है । भाभी ने भी तो की होगी ना ।"
जैन कुछ सोचते हुए बोलता है, "शायद की थी, मुझे याद नहीं । मैं उस टाइम हॉस्टल में था ना, सिर्फ बिग ब्रो की शादी अटेंड करने आया था । मेरे एग्जाम्स चल रहे थे, जिस वजह से मैं घर पर नहीं रुक पाया और बिग ब्रो की शादी भी अच्छे से अटेंड नहीं कर पाया ।
अब भाई भी आपको ऐसे शादी करके ले आए, मैं आपकी भी शादी अटेंड नहीं कर पाया । खैर, आप इतनी प्यारी है कि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैने शादी अटेंड नहीं की । भाई ने मुझे इतनी प्यारी सी भाभी ला कर जो दी है, तो मुझे कोई भी दिक्कत नहीं है ।"
छनक बस उसकी बात पर मुस्कुरा देती है । छनक कुछ सोचते हुए जैन से पूछती है, "सबको अच्छी लगेगी ना खीर, हम बना रहे हैं । आप ही बता दीजिए ना, सबको क्या-क्या पसंद है । हम सबके लिए वो भी बना देते हैं ।"
जैन छनक को देखते हुए बोलता है, "भाभी मां, आपने खीर बना दी ना, हो गई आपकी पहली रसोई । आपको सबके लिए कुछ बनाने की जरूरत नहीं है । अभी शेफ आएंगे ना, तो बना देंगे ।"
फिर वो टाइम देखते हुए बोलता है, "बस 5 मिनट में शेफ आने वाले है । वो बना देंगे । आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है ।"
छनक जैन से कुछ बोलती, तभी वहां पर कल्याणी जी की आवाज आती है । वो मुस्कुराते हुए अंदर आते हुए बोल रही थी, "हमारी बेटी, इतनी सुबह-सुबह यहां किचन में क्या कर रही है ।"
छनक जल्दी से अपने पल्लू को अपनी कमर से निकाल कर अपने सर पर डाल लेती है और झुक कर कल्याणी जी के पैर छू लेती हैं । कल्याणी जी उसे हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देती है ।
वो छनक के पल्लू को उसके सर से अलग करते हुए बोलती हैं, "आपको ये सब करने की जरूरत नहीं है । हमने आपसे पहले दिन ही बोला था कि आप बहू नहीं, बेटी हैं हमारी । आपको ये सब करने की जरूरत नहीं है और आप इतनी सुबह-सुबह किचन में क्या कर रही हैं ।"
छनक अपना सर झुकाते हुए धीरे से बोलती है, "वो हम सबके लिए खीर बना रहे थे । हमारी कल पहली रसोई नहीं हो पाई थी ना ।"
कल्याणी जी एक गहरी सांस लेकर बोलती है, "आपको ये सब करने की जरूरत नहीं थी, बेटा और आपको अभी किचन में आने की जरूरत नहीं थी । हमने आपसे नहीं कहा था ना पहली रसोई करने को, तो फिर आपने क्यों कि, क्यों आई आप किचन में? वो छनक को प्यार से डांटते हुए बोलती है।
फिर प्यार से बोलती है,, हमें पता है आप ये सब दीदी की वजह से कर रही हैं । लेकिन आपको ये सब करने की जरूरत नहीं है । आप और विध्वंश एक साथ टाइम स्पेंड करिए, एक दूसरे को टाइम दीजिए । ये सब तो बाद में होता रहेगा ।"
छनक धीरे से बोलती है, "पर मां, ये तो हमें करना पड़ेगा ना ।"
कल्याणी जी छनक को देखते हुए बोलती है, "नहीं करना पड़ेगा बेटा, आप हमारे घर की बहू नहीं, बेटी जैसी है । जैसे सितारा हमारी बेटी है और हमारी बेटियां घर के काम नहीं करती ।
वो सिर्फ अपना काम करती है, खुद पर ध्यान देती है और घर के काम करने के लिए इतने सारे सर्वेंट है ना । अब चलिए, आपने खीर बना दी ना, हो गई आपकी पहली रसोई ।
अब चलिए, चलकर थोड़ा आराम करिए । हमारी नन्ही सी फूल सी बेटी थक गई होगी, पता नहीं कब से बना रही है ।"
जैन जल्दी से बोलता हैं, "मॉम 6:00 से, 6:00 बजे से बना रही है भाभी मां यहां पर खीर और हमसे पूछ रही थी कि बाकी सब घर वाले क्या नाश्ता करते हैं । वो भी बनाने को बोल रही थी ।"
जैन कल्याणी जी से छनक की शिकायतें करने लगा था, कल्याणी जी छनक को देखते हुए बोलती हैं, "अब आप कुछ भी नहीं करेंगी और आइंदा से अब आप किचन में कदम भी नहीं रखेंगी, समझी आप ।"
वो थोड़ा सा स्ट्रिक्ट टोन में बोलती है । छनक अपना सर नीचे झुककर जल्दी से अपना सर हां में हिला देती है । कल्याणी जी छनक को लेकर बाहर आ जाती है । थोड़ी देर बाद, सब लोग डाइनिंग टेबल पर मौजूद थे ।
सर्वेंट ने पहले ही सारा नाश्ता लाकर डाइनिंग टेबल पर लगा दिया था । छनक को तो वहां के बारे में कुछ भी नहीं पता था । वो दूसरी बार डाइनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता कर रही थी । वो खड़े होने लगती है कि विध्वंश उसका हाथ पकड़ कर उसे कुछ न करने का इशारा करता है ।
ओजस्वी जी ने ये सब देख लिया था, वो छनक को देखते हुए बोलती हैं l, "कितनी डीठ है ये, यहां सब लोग बैठे हैं और ये सब को नाश्ता सर्व करने की जगह आराम से बैठी हुई है, गांव की गवार कहीं की । इन्हे क्या पता कि हाई स्टैंडर्ड क्या होते हैं ।" गुस्से में ओजस्वी जी छनक को देखते हुए बोलती हैं ।
"बुआ जी कहीं ऐसा ना हो, आपका जो हाई स्टैंडर्ड है, वो लो स्टैंडर्ड में ना बदल जाए एंड डोंट यू डेयर, मैं अपनी बीवी, अपनी कीटन के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुनूंगा ।
अगर आपको इतनी ही प्रॉब्लम हो रही है, तो आप यहां से जा सकती हैं । जब मेरे घर वालों को कोई प्रॉब्लम नहीं है, तो आपको भी नहीं होनी चाहिए, समझी आप ।"
विध्वंश गुस्से में अपनी लाल आंखों से ओजस्वी जी को घूरते हुए बोल रहा था। ओजस्वी जी एक नजर विध्वंश को घूरकर चुपचाप अपना नाश्ता करने लगती हैं । वो कुछ भी नहीं बोलती ।
छनक ने धीरे से विध्वंश का हाथ पकड़ा हुआ था । वो अपनी वजह से उसे उसके घरवालों से लड़ता हुआ नहीं देख सकती थी । उसे डर लग रहा था, पता नहीं किस बात का डर, लेकिन उसे डर लग रहा था ।
वो धीरे से विध्वंश के हाथ को पकड़े हुई थी और अपनी डरी हुई नजरों से सबको देख रही थी । विध्वंश अपने दूसरे हाथ से उसके हाथ को पकड़ कर, उसके हाथ को धीरे-धीरे अपने अंगूठे से सहलाते हुए उसे देख रहा था, इस वक्त उसकी।आंखें बोल रही थी, "रिलैक्स, कुछ भी नहीं होगा, शांत हो जाओ ।"
छनक अपनी गर्दन हां में हिला देती है । और अपना नाश्ता करने लगती है । उस डाइनिंग टेबल पर घर के सब लोग मौजूद थे, सिवाय वैभव के । सब लोग अपना नाश्ता कर लेते हैं । तभी वहां दो सर्वेंट ट्रे में खीर की कटोरिया लेकर आते हैं ।
वो सबके पास एक-एक खीर की कटोरी रख देते हैं । विध्वंश उस खीर को देखता है, फिर कल्याणी जी को देखते हुए बोलता है, "मां, आपने आज किस खुशी में खीर बनाई है ।"
कल्याणी जी मुस्कुराते हुए बोलती है, "हमने नहीं, हमारी बेटी ने बनाई है ।"
विध्वंस एक नजर छनक को देखता है, जो अपना सर नीचे झुकाए चुपचाप खीर खा रही थी । जैन तो खीर पर टूट पड़ा था । वो जल्दी-जल्दी सारी खीर खत्म करने के बाद बोलता है, "वाह ! भाभी मां, आपने कितनी टेस्टी खीर बनाई है । सच में बहुत ज्यादा टेस्टी है, आपके हाथों में तो जादू है जादू ।"
छनक हल्का मुस्कुरा देती है । वो कुछ भी नहीं बोलती । वही सब लोग खीर खा रहे थे । छनक अपना सर नीचे किए धीरे-धीरे सबके चेहरे को देख रही थी । उसे थोड़ी घबराहट हो रही थी ।
उसने पहली बार सबके लिए कुछ बनाया था । वो खुद से बोलती है, "क्या किसी को खीर पसंद नहीं आई ।"
युगांत जी मुस्कुराते हुए बोलते हैं, "बेटा, आपने सच में बहुत ही टेस्टी खीर बनाई है । सच में, सच बोल रहा हूं, आपके हाथों में तो जादू है ।"
बारी बारी सब लोग छनक की तारीफ करने लगते हैं । छनक सब की बात सुनकर मुस्कुरा देती है । थोड़ी देर बाद सब लोग हाल में बैठे हुए थे । युगांत जी छनक को अपने पास बुलाते हैं । छनक उनके पास चली जाती है ।
युगांत जी अपने वॉलेट से छनक को दो क्रेडिट कार्ड निकाल कर देते हुए बोलते हैं, "ये बेटा आपके लिए ।"
छनक उन दोनों क्रेडिट कार्ड को देखते हुए धीरे से बोलती है, "ये हम कैसे ले सकते हैं । ये तो दिखने में बहुत महंगी लग रहे हैं और हमें तो पता भी नहीं, इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं । हम यह नहीं ले सकते, पापा ।"
वो दोनों क्रेडिट कार्ड गोल्डन और डायमंड थे । वो दिखने में ही बहुत ज्यादा महंगे लग रहे थे । छनक को तो उनको यूज कैसे करते हैं, ये भी नहीं पता था । इसलिए वो बहुत ज्यादा हिचकिचा रही थी, उन्हें लेने में ।
छनक के मुंह से पापा सुनकर युगांत जी को बहुत अच्छा लगता है । वो मुस्कुराते हुए बोलते हैं, "बेटा, ले लीजिए, शगुन है । आपने इतनी टेस्टी खीर हमें बनाकर खिलाई है, तो उसके लिए शगुन तो देना पड़ेगा ना ।
ये बात तो आपको भी पता है, पहली रसोई में शगुन दिया जाता है । ये हमारी तरफ से शगुन का तोहफा है ।"
छनक इस बार कुछ भी नहीं बोलती है और चुपचाप उस क्रेडिट कार्ड को ले लेती हैं । कल्याणी जी अपने हाथ में पहने एक कंगन को उतारते हुए छनक के हाथों में पहनाते हुए बोलती हैं, "ये हमारी तरफ से आपकी पहली रसोई का तोहफा ।"
वो एक सोने का कंगन था, जो बहुत ही पुरानी डिजाइन का था । वो देखने में बहुत ही ज्यादा एंटीक और खूबसूरत था । कल्याणी जी मुस्कुराते हुए बोलती हैं, "एक कंगन हमने अपनी बड़ी बेटी को दिया था, जब वह यहां शादी करके आई थी । एक कंगन हमारी छोटी बेटी के लिए, हमारी तरफ से, ये तोहफा हमारी दोनों बेटियों के लिए हैं ।"
छनक उनकी बात पर बस हल्का सा मुस्कुरा देती है । सितारा छनक को एक नेकलेस देते हुए बोलती है, "ये हमारी छोटी बहन के लिए ।"
वो नौलखा हार था, जो दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत था । छनक किसी से भी गिफ्ट नहीं लेना चाहती थी, क्योंकि सारे तोहफे बहुत ही ज्यादा महंगे थे । लेकिन मजबूरी में उसे वो तोहफा लेना पड़ रहा था ।
जैन अपना उदास चेहरा लिए छनक को देखते हुए बोलती है, "सॉरी भाभी, हम अभी आपको कुछ नहीं दे पाएंगे । हमें नहीं पता था कि आपकी पहली रसोई है । हमें माफ कर दीजिए, हम पक्का शाम को आपके लिए कुछ बहुत ही अच्छा सा गिफ्ट लेकर आएंगे ।"
छनक उसकी बात पर कुछ भी नहीं बोलती । वो क्या बोलती, उसे समझ में नहीं आ रहा था । ओजस्वी जी भी अपने हाथों पहनी हुई एक डायमंड की अंगूठी छनक की उंगली में पहनाते हुए बोलती हैं, "ये लो तुम्हारा शगुन ।"
छनक बस हल्का सा मुस्कुरा देती है । वो कुछ भी नहीं बोलती। विध्वंश आगे आकर छनक को कुछ पेपर देते हुए बोलता हैं, "ये लो मेरी तरफ से तुम्हारा तोहफा ।"
छनक कंफ्यूजन में उन पेपर्स को देखने लगती है । उसके दिल में एक डर सा पैदा हो जाता है । वो खुद से बोलती है, "कहीं ये हमें छोड़ने तो नहीं वाले, कहीं ये डायवोर्स पेपर्स तो नहीं है ।"
उसके दिमाग में यही चल रहा था । उसके दिल की घबराहट उसके चेहरे पर भी साफ नजर आ रहा थी । विध्वंश उसे देखते हुए धीरे से उसके बिल्कुल करीब आकर, उसकी गर्दन पर गहरी सांसें छोड़ते हुए, उसके कान में धीरे से बोलता है, "क्या सोच रही हो कि डायवोर्स पेपर्स तो नहीं है, ये ।"
फिर उसे दूर होकर बोलता है, "तुम्हारे कॉलेज के एडमिशन पेपर है। आज से तुम जैन के साथ कॉलेज जाओगी ।"
छनक आंखें फाड़े विध्वंश को देखने लगती है । वो ओर कॉलेज, क्या वो पढ़, अपना सपना पूरा कर पाएगी । वो यही सोच रही थी और अंदर ही अंदर बहुत ज्यादा खुश भी हो रही थी ।
विध्वंश एक नजर ओजस्वी जी को घूरते हुए बोलता है, "कुछ लोगों को प्रॉब्लम हो रही थी ना कि मेरी बीवी पढ़ नहीं रही है, तो अब मेरी बीवी आज से कॉलेज जाएगी और कोई उसे कुछ भी नहीं बोलेगा ।"
वो ओजस्वी जी को घूरते हुए ही बोलता है । फिर छनक के बिल्कुल करीब आकर उसके कानों पर अपनी गहरी सांस छोड़ते हुए बोलता है, "तुम्हारा असली तोहफा तो मैं तुम्हें रात में दूंगा ।" बोलते हुए वो smrik कर रहा था ।
क्या देने वाला है विध्वंश छनक को? कैसे होगा छनक के कॉलेज का पहला दिन?
"सुबह का वक्त"
"नोमानी हवेली"
सब लोग हॉल में बैठे हुए थे। छनक विध्वंश के साथ उसके रूम में चली गई थी। जैन भी अपने रूम में चला गया था। अभी कल्याणी जी, ओजस्वी जी, सितारा और युगांत जी ही हॉल में बैठे थे।
कल्याणी जी, सितारा से पूछती है, "बेटा, वैभव नहीं दिखा डाइनिंग टेबल पर, वो कहीं गया है क्या?"
सितारा कुछ सोचते हुए बोलती है, "मॉम, इसके बारे में तो मुझे भी नहीं पता कि सुबह-सुबह महाशय गए कहां है, बिना बताए? मेरे उठने से पहले गायब हो गए। पूरे मेंशन में मुझे कहीं नहीं मिले। पक्का ऑफिस गए होंगे, मैं ऑफिस होकर आती हूं।
जरा आपके लाडले बेटे के होश ठिकाने लगाती हूं, बहुत ज्यादा उड़ रहे हैं आजकल।"
कल्याणी जी सितारा को देखते हुए बोलती है, "हां बेटा, आराम से जाओ और अच्छे से उसकी अक्ल ठिकाने लगाना। अगर ज्यादा नौटंकी करें, तो मुझे बताना । मैं हूं ना, उसकी अक्ल अच्छे से ठिकाने लगा दूंगी।"
सितारा मुस्कुराते हुए बोलती है, "ऑफकोर्स मॉम, मुझसे नहीं हुआ तो आप है, ना उसके होश ठिकाने लगाने के लिए, चलिए अब मैं चलती हूं।"
वो वहां से जा ही रही होती है कि ओजस्वी जी बोलती हैं, "ये क्या बेहूदा तरीके से तुम बात कर रही हो, पति है वो तुम्हारा।"
सितारा उनकी।आवाज सुनकर रुक जाती है। वो कुछ भी नहीं बोलती। वो उनकी रिस्पेक्ट करती थी, इसलिए चुपचाप उनकी बात सुन रही होती है। ओजस्वी जी कल्याणी जी और युगांत जी को देखते हुए बोलती है, "तुम दोनों आराम से सुन रहे हो कि तुम्हारी बहु तुम्हारे बेटे को ये सब बोल रही है और तुम दोनों मज़े से सुन रहे हो।"
युगांत जी ओजस्वी जी को देखते हुए बोलते हैं, "दीदी, बच्ची है, पति है वो उसका और हमें कोई दिक्कत नहीं है इससे, उसके ऐसे बोलने से इज्जत करती है वो उसकी, लेकिन जब हमारे लाड साहब के ही नखरे इतने ज्यादा है, तो फिर पत्नी को स्ट्रीकट तो होना पड़ेगा ना और आप भी तो ऐसी ही थी जीजा जी के साथ, इनफैक्ट अभी भी है।"
ओजस्वी जी की तो बोलती ही बंद हो जाती है । वो चुपचाप बैठ जाती है और युगांत जी को घूरने लगती हैं । सितारा मुस्कुरा रही थी । उसे हंसी आ रही थी अपनी बुआ सासू की हालत पर, वो जोर जोर से हंसा चाहती थी, लेकिन अभी वो अपनी हंसी को कंट्रोल की हुई थी, उसे शेरनी के पिंजरे में हाथ थोड़ी ना डालना था ।
वो कुछ नहीं बोलती है। वो भी तो वही करती थी और है, जो इस वक्त सितारा कर रही थी और वो कुछ गलत नहीं कर रही थी। उसका हस्बैंड उसे बिना बताए कहीं गायब हो गया। उसे बताया तक नहीं कि कहां जा रहा है? वो परेशान तो होगी ना, गुस्सा भी आएगा।
वो वहां से जा ही रही होती है, तभी वहां पर महक आ जाती है और सितारा का दुपट्टा पकड़ते हुए बोलती है, "मम्मा, आप कहां जा रहे हो, मुझे भी जाना है आपके साथ। प्लीज, मुझे भी ले चलो ना, मुझे यहां अकेला छोड़कर मत जाओ, प्लीज मम्मा।"
सितारा घुटनों के बल बैठकर महक के चेहरे को अपने हाथों में थाम कर बोलती है, "बेबी, मम्मा जल्दी वापस आ जाएंगे, तब तक आप जाकर दादी, दादू के पास बैठो ना।
देखो, दादी दादू क्या कर रहे हैं और नजर रखना दादू पर, पूरी नजर रखना, कहीं दादू स्वीट्स ना खा लें और आइसक्रीम बिल्कुल भी दादू को मत देना। आपको पता है ना दादू आइसक्रीम खाएंगे, तो उनकी तबीयत बिगड़ जाएगी। आप ध्यान रखोगे ना, मम्मा का बड़ा बच्चा है ना।"
महक मुस्कुराते हुए बोलती है, "यस मम्मा, मैं ध्यान रखूंगी। मैं मम्मा का बड़ा बच्चा हूं, मैं बड़ा हो गया हूं।" सितारा मुस्कुरा देती है और वहां से चली जाती है।
"विध्वंश का कमरा"
छनक बेड पर बैठी हुई थी। वही उसके सामने वो सारे गिफ्ट रखे हुए थे, जो अभी थोड़ी देर पहले सारे घर वालों ने उसे दिए थे। वो अपने गालों में अपने दोनों हाथ रखकर लगातार उन दोनों क्रेडिट कार्ड को टुकुर टुकुर देखे जा रही थी । उसे ज्वेलरी का, रिंग का और कंगन का तो समझ में आता था कि चलो उसे मिल गया।
उसने उन चीजों को पहन लिया, पर इन क्रेडिट कार्ड का वो क्या करें। उसे इसका तो बिल्कुल भी समझ ही नहीं आ रहा था। बहुत देर से, विध्वंश छनक को ऐसे देख रहा था। छनक क्रेडिट कार्ड को लगातार घूरे जा रही थी।
वो उसके पास आकर धीरे से उसके बिल्कुल करीब आकर बोलता है, "kitten, अब क्या दिन भर इन सारे गिफ्ट को घूरने का इरादा है। चलो, जल्दी से उठो और रेडी हो जाओ। कॉलेज जाना है ना तुम्हें, जैन के साथ जाओगी तुम कॉलेज और तुम क्या ये सारी गिफ्ट्स को घूरे जा रही हो।"
विध्वंश के इतने करीब आने से वो थोड़ा घबरा जाती है। फिर खुद को नॉर्मल करते हुए धीरे से बोलती हैं, "हम इतने सारे गिफ्ट्स का करेंगे क्या, ये तो बहुत ज्यादा महंगे है ना।
हम गुमा देंगे, ये सब चीज हम संभाल के नहीं रख पाए तो , मां हमें कुछ भी नहीं देती थी। वो बोलती थी, हम गुमा देंगे और ये बात सच है, हम चीजों को गुम कर देते हैं।"
विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है, "गुम जाए तो गुम जाए, कोई दिक्कत नहीं है। मैं तुम्हारे लिए नया ले आऊंगा। पहली बार डैड ने अपनी कार्ड किसी को दिए हैं, वो भी अपनी बेटी को। दो कार्ड उन्होंने भाभी को भी दिए थे। अब तुम्हें ये कार्ड दिए ना डैड ने, जब तुम्हारी मर्जी हो, तब तुम शॉपिंग कर लेना।"
छनक धीरे से बोलती है, "पर हमें शॉपिंग करने की क्या जरूरत है। आप है ना, हमें जो चाहिए होगा, आप हमें ला कर दे देंगे, तो फिर हम इसको रख के क्या करेंगे।"
विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है, "चलो, हम तुम्हारे गिफ्ट पर बाद में डिस्कशन करेंगे। अभी तुम्हें कॉलेज जाना है। लेट हो रहा है, जल्दी से रेडी हो जाओ।"
छनक अपनी टिमटिमाती आंखों से एक तक विध्वंश को देखते हुए बोलती है, "रेडी, हम तो रेडी हैं। हमें कितना रेडी होना है " विध्वंस छनक के बालों में लगे जुड़े स्टिक को निकाल देता है। जिससे छनक के लंबे घुंघराले बाल नीचे कमर तक लहराने लगते हैं।
वो अपने खुले बालों में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगती थी। इतनी खूबसूरत की, कोई भी उसे देखें, तो बस देखता ही रह जाए। उसकी खूबसूरती पर नजर ही लग जाए। विध्वंश उसके कान के पीछे उसकी आंखों के काजल को अपनी फिंगर में लेकर उसके कान के पीछे काला टीका लगा देता है।
वो मुस्कुराते हुए छनक को देखते हुए बोलता है, "अब मेरी kitten को किसी की नजर नहीं लगेगी।"
छनक बस एक तक विध्वंश को देख रही थी। वो देख रही थी कि वो कर क्या रहा है। विध्वंस ड्रेसिंग टेबल से सिंदूर लाकर छनक की मांग में थोड़ा सा लगा देता है।
छनक ने, जो इतना बड़ा सिंदूर लगाया हुआ था, वो उसे साफ कर देता हैं। उसे एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक देखते हुए बोलता है, "हां, अब बिल्कुल परफेक्ट लग रही हो। कॉलेज जाने के लिए, नहीं तो इतना बड़ा सिंदूर कॉलेज लगाकर जाओगी, तो लोग तो मेरे ऊपर केस कर देंगे कि मैंने बाल विवाह कर लिया।
एक छोटी सी बच्ची से शादी कर ली। मेरे ऊपर बाल विवाह का केस लग जाएगा और फिर उसके बाद मुझे पुलिस वाले जेल में डाल देंगे। ना बाबा ना, मैं ऐसा नहीं चाहता। मैं तो अभी अपनी kitten के साथ अच्छे से रहना चाहता हूं, उसके साथ प्यार करना चाहता हूं, रोमांस करना चाहता हूं। इतनी जल्दी नहीं जाऊंगा तुम्हें छोड़कर।"
छनक बस एक तक विध्वंश को ही देख रही थी। वो मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था। उसके गालों पर डिंपल्स पढ़ रहे थे।
वो मुस्कुराते हुए छनक को देखते हुए बोलता है, "ला…ला… kitten, मुझे इतना ज्यादा देखोगी, तो कहीं मेरा मन कुछ और करने का ना हो जाए है। मेरा मन बहक जाएगा, तो फिर तुम कॉलेज जाने लायक नहीं बचोगी।"
वो छनक से थोड़ा दूर हो कर क्लोजेट की तरफ अपने कदम बढ़ा देता है। क्लोजेट में जाकर 5 मिनट बाद क्लोजेस्ट से बाहर निकलता है। उसके हाथ में कुछ था। एक डिब्बा , वो छनक के सामने लाकर छनक के बिल्कुल करीब आकर, उसे कमर से पकड़ कर खुद से सटाते हुए बोलता है, "यह लो ।"
छनक कंफ्यूजन में उसको देखने लगती है। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि ये डिब्बे में क्या है। "इसमें क्या है?" वो धीरे से पूछती है।
विध्वंश उसे इस डिब्बे को खोलने का इशारा करता है। छनक उस डिब्बे को खोल लेती है, उस डिब्बे के अंदर आईफोन था।
छनक us आईफोन को देखकर बोलती हैं, "फोन, इतना महंगा, ये तो बहुत महंगा फोन लग रहा है देखने में। आप ये हमें क्यों दे रहे हैं।"
वो बहुत ही मासूमियत से उससे पूछती है। विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है, "ताकि मेरी kitten को कॉलेज में कोई भी परेशानी ना हो। कोई भी परेशान करे, तो तुरंत मुझे कॉल करके बता सके। मैंने इसमें अपना नंबर पहले ही सेव कर दिया है, तो तुम्हें बस कॉल लगाना है।"
छनक अपना सर नीचे झुकाकर कुछ सोच रही थी। वो विध्वंश से कैसे बोलती कि उसे फोन चलाना नहीं आता है। उसे बहुत ही ज्यादा एंबार्रास्मेंट फील हो रही थी।
विध्वंश उसके ऐसे लटके हुए चेहरे को देखते हुए बोलता है, "व्हाट हैपेंड kitten, ऐसे चेहरा क्यों लटकाए हुए हो।"
छनक धीरे से बोलती है, "हमें फोन चलाना नहीं आता।" विध्वंश मुस्कुराते हुए बोलता है, "बस इतनी सी बात, ये तो बहुत ही ज्यादा सिंपल है। चलो, मैं तुम्हें सिखाता हूं।"
इतना बोलकर वो थोड़ा झुककर छनक को अपनी बाहों में उठा लेता है और बेड पर बैठकर उसे अच्छे से अपनी गोद में बैठा लेता है। उसने छनक को कमर से होल्ड कर रखा था और गोद में अच्छे से बैठाया हुआ था।
उसने अपने ठंडी ठंडी उंगलियां छनक की कमर पर रखी हुई थी। वो अपने दूसरे हाथ से फोन को पकड़े हुए था और अपनी चीन छनक के कंधे पर रखकर, उसके कंधे पर गहरी सांस छोड़ रहा था।
छनक को उसकी गहरी सांस अपनी बॉडी में अंदर तक महसूस हो रही थी। वो फोन को ऑन करते हुए उसे समझाने लगता है कि देखो, यहां से पहले तुम्हें फोन ऑन करना है। यहां पर ये कॉलिंग का ऑप्शन है। यहां पर जाना है और फिर यहां से तुम्हें कॉल लगानी है।
देखो मेरा नंबर दिख रहा है ना, वो उस नंबर पर कॉल लगा देता है। विध्वंश का फोन बजने लगता है। विध्वंश छनक को देखते हुए बोलता है, "अब समझ गई ना।"
छनक अपना सर हां में हिला देती है। तभी वहां पर जैन बुलेट ट्रेन की स्पीड की तरह उसके कमरे में घुस आता है। वो जल्दी से मुड़कर बोलता है, "मैंने कुछ भी नहीं देखा, मैंने कुछ भी नहीं देखा, मैंने नहीं देखा। भाभी मां भाई की गोद में बैठी हुई है, मैंने कुछ भी नहीं देखा।"
छनक उसके ऐसे आ जाने से बहुत ही ज्यादा घबरा जाती है। उसे बहुत ही ज्यादा एंबार्रास्मेंट फील होता है। वो जल्दी से विध्वंश की गोद से उतरने लगती हैं। लेकिन विध्वंश उसे छोड़ता ही नहीं है।
वो तेज आवाज में बोलता है, "जैनी तुम्हें मैनर्स नहीं है कि किसी कपल के कमरे में नॉक करके जाते हैं।"
जैन पीछे मुड़ कर मुस्कुराते हुए तेज आवाज में बोलता हैं, "भाई, तो कपल्स को भी ध्यान रखना चाहिए ना कि जब रूम में रोमांस कर रहे हो, तो रूम का दरवाजा बंद करके रखें। ऐसे रूम का दरवाजा खोलकर नहीं रखते। लोगों को सपने नहीं आ रहे हैं कि इस रूम के कपल्स आपस में एक साथ रोमांस कर रहे हैं।"
जैन की बात सुनकर , छनक का चेहरा शर्म से लाल हो जाता हैं। विध्वंश तेज आवाज में बोलता है, "आइंदा से मेरे रूम में आने से पहले नॉक करना और हां, जाओ जाके कार में इंतजार करो। Kitten आ रही है।" जैन एक ही मिनट में वहां से भाग जाता है, जैसे वो वहां था ही नहीं।
"नॉमिनी एंटरप्राइजेज"
सितारा नोमिनी इंटरप्राइजेज के अंदर खड़ी हुई थी। वो रिसेप्शन एरिया में खड़ी थी। वहीं आसपास बहुत सारे इंप्लाइज अपना काम करने में बिजी थे। उन्होंने एक नजर भी उठाकर कहीं भी नहीं देखा था।
वो बिल्कुल एक रोबोट की तरह अपने-अपने काम में लगे हुए थे। उनको इतनी भी फुर्सत नहीं थी कि 2 मिनट किसी से बात कर सके। वही सितारा रिसेप्शनिस्ट से बोलती है, "हेलो, क्या आप मुझे मिस्टर वैभव नोमानी का केबिन बता सकती हैं। वो किस तरफ है।"
वो रिसेप्शनिस्ट एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक सितारा को देखती हैं। सितारा ने व्हाइट कलर का अनारकली फ्रॉक पहना हुआ था। उसने अपने बालों को खुला ही छोड़ रखा था।
गहरी घणी पलकें, पतले गुलाबी होंठ, हाथों में थोड़ी सी चूड़ियां, दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। वो इतनी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी कि उस रिसेप्शनिस्ट को भी सितारा से जलन हो रही थी।
सितारा अपनी पीकॉक ग्रीन आइज से रिसेप्शनिस्ट को देखते हुए बोलती है, "हेलो, कहां खो गई आप? क्या आप मुझे वैभव नोमिनी का केबिन बता सकती हैं।"
सितारा आज पहली बार नोमिनी एंटरप्राइजेज में आई थी। उसकी शादी को 8 साल हो गए थे, लेकिन वो कभी भी किसी बिजनेस पार्टी में कभी ऑफिस नहीं आई थी। वो सिर्फ वैभव की हरकतों की वजह से आज पहली बार ऑफिस आई थी।
रिसेप्शनिस्ट सितारा को देखते हुए बोलती है, "मैम, क्या आपका अपॉइंटमेंट है सर के साथ।"
सितारा अपना सर ना में हिला देती हैं। वो सितारा से बोलती हैं, "मैम, सॉरी, बट हम आपको सर के केबिन का नहीं बता सकते। क्योंकि आपका सर के साथ कोई भी अपॉइंटमेंट नहीं है।"
सितारा उस रिसेप्शनिस्ट से फिर पूछती है, "क्या वैभव नोमिनी ऑफिस आए हैं।"
वो रिसेप्शनिस्ट बोलती है, "यस मैम, आए हैं। तभी तो मैं बोल रही हूं कि मैं आपको उनके केबिन के बारे में नहीं बता सकती हूं।"
सितारा कुछ सोचते हुए बोलती हैं, "आपके रिसेप्शनिस्ट एरिया में माइक है, जो पूरे ऑफिस पर कनेक्ट हो।"
वो रिसेप्शनिस्ट कंफ्यूजन में सितारा को देखते हुए बोलती है, "यस मैम, माइक तो है, पर आप करना क्या चाहते हैं।"
सितारा मुस्कुराते हुए बोलती हैं, "डोंट वरी, आपकी जॉब को कुछ भी नहीं होगा और टेंशन मत लीजिए, बस कोई आदमी और अपने घर वालों की ना सुनने वाला इंसान, इस ऑफिस में काम करता है, तो उसे जरा बताना था कि यहां उससे मिलने कौन आया है और फिर उसकी शिकायत करनी है, उसके बॉस से, पर आप तो उसके बॉस से मिलने जाने नहीं दे रही है।
तो हम उस अड़ियल इंसान को जरा इस माइक से ही बुला लेते हैं अपने पास, and trust me जब वो मुझे देखेगा ना यहां पर, उसके तोते उड़ जाएंगे। होश तो ऐसे उड़ेंगे कि पता नहीं, मैं क्या करने वाली हूं। वेल, आप खुद ही देख लीजिएगा कि मैं क्या करने वाली हूं।"
वो रिसेप्शनिस्ट सितारा को देखते हुए बोलती है, "मैम, आप क्या कर रही हैं। अगर बॉस को पता चल गया, तो मेरी जॉब चली जाएगी।"
सितारा मुस्कुराते हुए उसको देखते हुए बोलती हैं, "डोंट वरी, कुछ भी नहीं होगा और मैं गारंटी लेती हूं, तुम्हारी जॉब नहीं जाएगी।" वो रिसेप्शनिस्ट कंफ्यूजन में सितारा को देख रही थी कि आखिर ये औरत है कौन? जो उसकी गारंटी ले रही है।
आखिर क्या करने वाली है सितारा नोमानी एंटरप्राइजेज में?
"Sherwood College"
इस कॉलेज के पार्किंग एरिया में एक बीएमडब्ल्यू आकर रूकती है। उस बीएमडब्ल्यू के रुकते ही वहां खड़े जितने स्टूडेंट्स थे, सारे उस बीएमडब्ल्यू को देखने लगते हैं। वो सच में बहुत ही ज्यादा एक्सपेंसिव थी और बीएमडब्ल्यू का न्यू मॉडल था।
वहीं कुछ लड़कियां खड़ी थी, जो उस कार को देखते हुए बोलती हैं, "हमारे कॉलेज का सबसे हैंडसम बंदा फाइनली कॉलेज आ गया। ये ना आए कॉलेज, तो ऐसा लगता है, जैसे कॉलेज वीरान है।
इसके कॉलेज में आते ही कॉलेज में चार चांद लग जाते हैं। काश! मैं इसकी गर्लफ्रेंड होती। लेकिन ये है कि किसी को भाव ही नहीं देता है।"
वहां खड़ी सारी लड़कियां उस कार के अंदर बैठे शख्स की तारीफ कर रही थी और उसकी बातें कर रही थी। वही उस कार के अंदर जैन और छनक बैठे हुए थे।
जैन छनक को देखते हुए बोलता है, "सॉरी भाभी मां, मुझे जाना होगा। बहुत ही इंपॉर्टेंट कॉल आ गया है, मेरे दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है, तो उसे मुझे देखने जाना पड़ेगा। आप चले जाएंगे ना।
आप अकेली अंदर चली जाइए। आप सीधे जायेगा मैं अपनी दोस्त को कॉल कर दूंगा। वो आपको आकर ले लेगी और आपको आपकी क्लास तक छोड़ देंगी।"
छनक धीरे से बोलती है, "देवर जी, हम तो यहां पर किसी को जानते ही नहीं है और हम अकेले, अकेले कैसे जाएंगे। हम कहीं खो गए तो, आप हमें घर छोड़ दीजिए। कल हम आपके साथ कॉलेज आ जाएंगे ना।"
जैन छनक को देखते हुए बोलता है, "सॉरी भाभी मां, पर मैं आपको घर नहीं छोड़ सकता। भाई को पता चल जाएगा। भाई बहुत ज्यादा चिल्लाएंगे। आप प्लीज चली जाइए ना और मैं जल्दी आ जाऊंगा।
कॉलेज खत्म होने के पहले ही में वापस आ जाऊंगा। अभी लेकिन मुझे जाना पड़ेगा। मैं अभी अपनी दोस्त को कॉल करके बता देता हूं और आपकी फोटो भी भेज दूंगा, ताकि उसे आपको ढूंढने में कोई भी प्रॉब्लम ना हो और अगर आपको कोई भी दिक्कत होती है, कोई आपको परेशान करता है, तो आप मुझे कॉल कर दीजिएगा। भाई ने आपको फोन दिया है ना।" जैन छनक से पूछता है।
छनक अपना सर हां में हिला देती है और अपना फोन निकाल कर जैन को दे देती है। जैन उसमें अपना नंबर डायल कर देता है और उस नंबर को सेव करता है।
उसने उस नंबर को भाभी मां का प्यारा देवर लिखकर सेव किया हुआ था। वो छनक को फोन वापस दे देता है। और अपना नंबर दिखाते हुए बोलता हैं, "भाभी मां, ये मैंने अपना नंबर यहां पर सेव कर दिया है।"
छनक एक बार स्क्रीन में देखती है, जिसमें सिर्फ दो ही नंबर सेव थी। एक था भाभी मां का प्यार देवर, जो जैन का नंबर था और दूसरा था माय लव, माय हैंडसम, जो विध्वंश का नंबर था।
जैन उन दोनों नंबर्स को देखकर मुस्कुरा देता हैं। जैन एक बार फिर छनक को देखते हुए पूछता है, "भाभी मां, आप चले जाएंगे ना।"
छनक मुस्कुराते हुए बोलती है, "हां, देवर जी, अब हम चले जाएंगे। आप अच्छे से जाइएगा अपने दोस्त को देखने और आराम से गाड़ी चलाना।"
जैन मुस्कुराते हुए बोलता है, "ओके भाभी मां, मैं अच्छे से गाड़ी चलाऊंगा, तेज नहीं चलाऊंगा और अच्छे से जाऊंगा।"
छनक हल्का मुस्कुरा देती है और कार का गेट खोलकर उतर जाती है। वही उस कार से किसी लड़की को उतरता देखकर, वहां जितनी भी लड़कियां थी, वो सब छनक को घूरने लगती हैं। किसी को नहीं पता था कि छनक कौन है।
लेकिन वो दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी। हल्की हवाएं चल रही थी, जिससे उसके कमर तक आते लंबे काले घुंघराले बाल हवा में लहरा रहे थे। और उसके गालों को चूम रहे थे।
उसने अपनी वही रॉयल ब्लू कलर की बनारसी साड़ी पहनी हुई थी और स्लीवलेस ब्लाउज में उसके वो लंबे-लंबे गोरे हाथ साफ दिख रहे थे। उसने ज्यादा नहीं थोड़ी सी चूड़ियां पहनी हुई थी क्योंकि विध्वंश ने उसकी सारी चूड़ियां उतरवा दी थी, बस उसने नाम की चूड़ियां पहनी थी।
।सब लोग एक टक उसे ही देख रहे थे। छनक का खूबसूरत चेहरा और होठों पर आज उसने लाइट पिंक लिपस्टिक लगाई हुई थी और माथे के बीच में ब्लैक कलर की बिंदी लगाई हुई थी।
वहां जितने भी लड़के खड़े थे, सब छनक के खूबसूरत चेहरे को एक तक देखे जा रहे थे। वो दिखने में थी ही इतनी ज्यादा सुंदर। वो अपना सर नीचे झुका कर अपने बैग को अपनी पीठ पर टांगे आगे की तरफ बढ़ रही थी।
वो किसी पर भी ध्यान नहीं दे रही थी। वो अपना सर उठाकर एक नजर उस पूरे कॉलेज की बिल्डिंग को देखती हैं। वो मुस्कुराते हुए खुद से बोलती है, "पतिदेव ने हमारा एडमिशन कराया है, हम दिल लगाकर पढ़ेंगे। हमें भी पढ़ना था। पति देव ने हमारी एक ख्वाहिश पूरी कर दी। हम पतिदेव को नाराज नहीं करेंगे। हम खूब मन लगाकर पढ़ेंगे।"
वो खुद से बोलती है और मुस्कुराते हुए उस पूरे कॉलेज को देखने लगती है। छनक ने सिर्फ 12 तक ही पढ़ा था, फिर उसके बाद उसके घर के वैसे हालत नहीं थे कि उसके मां-बाप तीन-तीन बच्चों को पढ़ा सके।
इसलिए उसने अपनी पढ़ाई खुद छोड़ दी और अपनी बहनों को पढ़ाना ज्यादा जरूरी समझा। वो मुस्कुराते हुए उस कॉलेज को देखते हुए और इधर-उधर देखते हुए ही आगे बढ रही थी। उसके लिए ये सब कुछ नया था।
वो अचानक किसी से टकरा जाती है। वो जल्दी से सामने देखते हुए उस लड़की से बोलती है, "सॉरी, सॉरी, हमने ध्यान नहीं दिया था। माफ कर दीजिए हमें।"
वो लड़की, जिसने ब्लैक कलर की शॉर्ट जींस और ब्लैक क्रॉप टॉप पहना हुआ था। ऊपर मलबेरी कलर की डेनिम डाली हुई थी। उसने अपने बालों की बीच से फ्रेंच बनाई हुई थी और बाकी के बालों को खुला ही छोड़ रखा था।
वो छनक को एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक देखते हुए बोलती है, "अबे ओ दिखाई नहीं देता है क्या।" छनक धीरे से बोलती हैं, "हम सॉरी बोल रहे हैं ना, हमारी गलती थी। हमने नहीं ध्यान दिया था। आई एम सॉरी, हम कॉलेज देख रहे थे, माफ कर दीजिए हमें।"
वो लड़की छनक को देखते हुए बोलती है, "ओ तो प्रेशर हो, तुम न्यू हो यहां पर।"
छनक अपना सर धीरे से हिला देती है। उस लड़की के चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट आ जाती है। वो छनक को देखते हुए बोलती हैं, "जब न्यू फ्रेशर है तो फिर रैगिंग तो बनती है ना।"
फिर कुछ सोचते हुए छनक से पूछती है, "तुम्हारा बॉयफ्रेंड है।"
उसकी बात सुनकर छनक कुछ सोचने लगती है। छनक के गाड़ी से उतरने से पहले जैन छनक से बोलता है, "भाभी मां, अगर कॉलेज में आपसे कोई पूछे कि आपका बॉयफ्रेंड है, तो आपको बोलना है, हां, मेरा बॉयफ्रेंड है।"
छनक उसकी बात सुनकर मासूमियत से देखते हुए बोलती है, "पर देवर जी, हम झूठ क्यों बोलेंगे। हमारा तो बॉयफ्रेंड नहीं है ना, हमारे तो पति देव है।"
जैन उसकी बात सुनकर बोलती हैं, "हां भाभी, आपके पति देव है। हमारे भाई आपके पति हैं, लेकिन आपको उन्हें सबसे अपने बॉयफ्रेंड की तरह इंट्रोड्यूस करना है कि आपका बॉयफ्रेंड है। आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है, आपके पति ही आपके बॉयफ्रेंड है।"
छनक जैन को देखते हुए पूछती हैं, "पर देवर जी, हम ऐसा क्यों करें। हम झूठ नहीं बोलेंगे। झूठ बोलना गंदी बात होती है ना। हम उन्हें बता देंगे कि हमारे पति देव हैं।"
जैन छनक की मासूम सी बात सुनकर मुस्कुरा देता है। फिर बोलता है, "नहीं, आपको नहीं बताना है कि आपके पतिदेव है। आपको बताना है कि आपके बॉयफ्रेंड है।
आप एक तो इतनी छोटी सी हैं, अगर किसी को पता चल गया कि आपके पतिदेव है, तो कहीं हमारे भाई के ऊपर केस हो गया, तो वो जेल चले जायेंगे। खैर, वैसे अच्छा है।"
बोलते हुए उसकी नजर छनक पर जाती है, जिसका चेहरा उदास हो गया था। वो जल्दी से अपनी बात बदलते हुए बोलता हैं, "अरे नहीं नहीं, हम तो मजाक कर रहे हैं। सब अच्छा होगा।
इसीलिए तो हम बोल रहे हैं कि आपको बोलना है कि आपके पतिदेव नहीं, बॉयफ्रेंड है, समझ गई आप।" छनक अपना सर हां में हिला देती है और कार से उतर जाती है।
वह लड़की छनक के चेहरे के सामने चुटकी बजाते हुए बोलती है, "हेलो मिस ब्लू साड़ी, कहां खो गई? मैंने तुमसे कुछ पूछा, तुम्हारा बॉयफ्रेंड है।"
छनक अपना सर धीरे से हां में हिलाते हुए बोलती हैं, "जी, हमारा बॉयफ्रेंड है।"
वो लड़की शैतानी मुस्कुराहट अपने चेहरे पर लाते हुए बोलती हैं, "तो कॉल करो अपने बॉयफ्रेंड को और बोलो कि बेबी, तुम उसे बहुत ज्यादा मिस कर रही हो। उसने तुम्हें एक भी बार कॉल नहीं की। तुम उससे नफरत करती हो। हम भी तो देखें, तुम जैसे बहन जी टाइप का बॉयफ्रेंड है कैसा।"
छनक अपनी टिमटिमाती आंखों से एक तक उस लड़की को देखने लगती है। वो लड़की छनक को घूरते हुए बोलती है, "अबे टुकुर-टुकुर मुझे क्या घूर रही हो। तेरे से जितना बोला है, उतना करो। निकालो अपना फोन और लगाओ अपने बॉयफ्रेंड को।"
वो थोड़ा तेज बोलती है, जिससे छनक अंदर तक डर जाती है। वो जल्दी से अपने बैग से अपना फोन निकालती है, जो विध्वंश ने दिया था। उसके पास तो फोन भी नहीं था।
वो पहले फोन था जो, वो यूज करने वाली थी। वो विध्वंस के नंबर पर कॉल लगा देती है। दो ही रिंग जाने पर दूसरी तरफ से कॉल उठा लिया जाता है।
छनक धीरे से बोलती है, "बे… बे… बे…बी, आपने आज हमें एक भी बार कॉल नहीं किया। हम आपको बहुत ज्यादा मिस कर रहे हैं। आई हेट यू, अब हम कभी भी आप से बात नहीं करेंगे।"
विध्वंश छनक के मुंह से बेबी सुनकर शॉक हो जाता है। लेकिन उसे पता था कि ये वर्ड उसके खुद के नहीं है, वो उसे ऐसे नहीं बोलती थी, पक्का कॉलेज में किसी ने उसकी रैगिंग करी है।
वो जल्दी से बोलता है, "सॉरी, मेरी kitten मेरे प्यारी बीवी, तुम्हें पता है ना कि मैं कितना ज्यादा बिजी हूं। मैं कितना काम कर रहा हूं। मैं अभी जल्दी से तुम्हारे पास आता हूं। मैं बाकी काम शाम में कर लूंगा। अभी मैं तुम्हारे पास आता हूं, इंतजार करना तुम मेरा। आई एम आल्सो मिसिंग यू kitten."
इतना बोलकर वो कॉल कट कर देता है। छनक धीरे से हकलाते हुए उस लड़की को देखते हुए बोलती है, "वो आ रहे है।"
वो लड़की मुस्कुराते हुए बोलती है, "हम भी तो देखें इस बहन जी टाइप लड़की का बॉयफ्रेंड है कौन ?"
वो लड़की कुछ सोचते हुए बोलती है, "जब तक तुम्हारा बॉयफ्रेंड नहीं आता, तब तक मैं तुम्हें कुछ और टास्क देती हूं।"
फिर वो कुछ सोचते हुए शैतानी मुस्कुराहट अपने चेहरे पर बरकरार रखे हुए बोलती है, "तुम्हें आदित्य को किस करना है, इन लिप्स।"
छनक अपनी क्रिस्टल ब्लू आईज को बड़ा किए उस लड़की को देख रही थी। उसकी बात सुनकर वो अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से उसको देखती रहती है। वो किसी को किस कैसे कर सकती थी।
वही आदित्य आगे आते हुए छनक के बिल्कुल सामने खड़े हो जाता है। वो लड़की छनक को देखते हुए बोलती है, "now kiss him."
"नोमानी एंटरप्राइजेज"
"Mr Vaibhav nomani come in the reception area और हां, भागने की कोशिश तो बिल्कुल भी मत मत करना। सीधे यहां रिसेप्शन में आओ 5 मिनट है तुम्हारे पास, सिर्फ 5 मिनट, अगर तुम 5 मिनट के अंदर यहां नहीं आए, तो तुम अच्छे से जानते हो, मैं क्या कर सकती हूं।"
वही सितारा की यह आवाज पूरे ऑफिस में पहुंच रही थी। जो इंप्लाइज अपना काम करने में इतना ज्यादा बिजी थे कि उन्हें आसपास का होश नहीं था। वो सब अब अपना काम छोड़कर रिसेप्शन एरिया की तरफ देखने लगते हैं।
जहां पर सितारा खड़ी थी। उसकी पीठ ही उन सब को दिखाई दे रही थी। वही वैभव, जो अपने केबिन में चेयर पर लीन होकर बैठा था। उसने अपने सर को अपने हाथों से पकड़ा हुआ था।
उसकी बॉडी हल्की रेड थी। वो सितारा की आवाज अपने ऑफिस में सुनकर एकदम से हड़बड़ा जाता है और सीधा बैठ जाता है। और खड़े होकर पूरे केबिन का चक्कर लगाने लगता है, वो अपने अंगूठे का नाखून चबाते हुए बोलता है,, अब मैं क्या करूं , ये बीवी जी, यहां कहां से आ गई। बाहर गया, तो बीवी जी मुझे नहीं छोड़ेंगी, नहीं गया तो भी नहीं छोड़ेंगी। मैं क्या करूं और 15 मिनट बाद अभी मीटिंग भी है। क्या करूं मैं।"
वो अपनी घड़ी में टाइम देखता है जिसमें सिर्फ 3 मिनट बचे थे। वो जल्दी से अपने केबिन से बाहर निकल जाता है और लंबे-लंबे कदमों से रिसेप्शन एरिया की तरफ जाने लगता है।
वो खुद से बोलता है, "भगवान, अब मैं बीवी जी से कैसे बचूं। अगर 3 मिनट के अंदर में उनके सामने हाजिर नहीं हुआ, तो पता नहीं पूरे ऑफिस का क्या हाल करेंगी या फिर मेरा क्या हाल करेंगी। चल बेटा, जल्दी-जल्दी उसके सामने हाजिरी जो लगानी है।"
बोलकर वो लंबे-लंबे कदमों से रिसेप्शन की तरफ चला जाता है। वो सितारा के सामने बिल्कुल करेक्ट 5 मिनट के अंदर हाजिर हो जाता है। सितारा एक नजर ऊपर से लेकर नीचे तक वैभव को देखती हैं।
उसकी हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं थी। बाल बिखरे हुए थे, बॉडी हल्के हल्के रेडी थी, आंखें भी हल्की लाल हो रखी थी। वही वहां जितने भी एम्पलाइज थे, सारे शॉक्ड हो जाते हैं। सबके दिमाग में यही चल रहा था कि सितारा है कौन?
पूरे 5 मिनट के अंदर उनके बॉस सितारे के सामने हाजिर हो गया था। ये लड़की है कौन? वही रिसेप्शनिस्ट भी यही सोच रही थी कि ये लड़की है कौन?
वैभव सितारा को देखते हुए बोलता है, "तुम यहां क्या कर रही हो। चलो, हम चलकर केबिन में बात करते हैं।"
इतना बोलकर वो उसे अपने साथ ले जाने लगता है। सितारा उससे अपना हाथ छुड़ाकर उसके गाल पर एक जोरदार तमाचा लगा देती है। जिससे वैभव का चेहरा थोड़ा नीचे झुक जाता है। वही सारे एम्पलाइज तो शॉक्ड रह गए थे। यहां पर उनके ऑफिस में एक लड़की ने उनके बॉस को पूरे स्टाफ के सामने थप्पड़ मार दिया था।
पक्का ये लड़की बहुत बड़ी है। उन सबके दिमाग में यही चल रहा था। पता नहीं, ये लड़की कौन है? सितारा गुस्से में दिख रही थी।
वैभव अपने गाल में हाथ रखकर मुस्कुराते हुए बोलता है, "बीवी जी ने मारा थप्पड़, कान में बच्ची घंटियां।" सितारा अपनी आंखें छोटी कर लेती है।
वैभव के मुंह से बीवी जी सुनकर एक बार फिर सारे एम्पलाई शॉक हो जाते हैं। उन्हें ये बात पता थी कि वैभव सिंगल नहीं है। उसकी शादी हो चुकी है। लेकिन आज तक उनमें से किसी ने वैभव की बीवी को नहीं देखा था। आज उन्होंने वैभव की बीवी को देख लिया था।
वो भी अपने बॉस को थप्पड़ मारते हुए, बड़ी डेंजरस बीवी है बॉस की एक लड़की दूसरी लड़की की कान में बोलती है।
सितारा गुस्से में अपनी आंखें छोटी करके वैभव को घूरते हुए बोलती है, "मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा और तुम यहां गाना गा रहे हो। तुम समझते क्या हो खुद को। देख रहे हो अपनी कंडीशन, बुखार चढ़ा है तुम्हें, जब मैंने मना करा था कि तुम ऑफिस नहीं जाओगे आज। फिर भी तुम्हारी हिम्मत कैसे ही ऑफिस आने की।
एक बार में समझ में नहीं आता है। अपनी कंडीशन देखी नहीं, मेडिसिन ली नहीं, बस चले आए सीधे ऑफिस और मेरे उठने से पहले तुम आ गए। ताकि मैं तुम्हें रोक ना सकूं। अब चलो चुपचाप से सीधा घर, नहीं तो मोम को कॉल करके बताऊं।" वो उसे साफ-साफ धमकी दे रही थी।
क्या छनक आदित्य को किस करेगी? क्या विध्वंश टाइम से पहुंच पाएगा कॉलेज?